बरसात में बाहरी वायरस के आक्रमण से पेट के लिए होती है कई समस्याएं,इस से बचने के लिए आइये क्या करें क्या ना करें...?
मानसून का मौसम गर्मी की चिलचिलाती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन यह अपने साथ गैस्ट्रिक समस्याओं सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है। हवा में बढ़ी हुई ह्यूमिडिटी और नमी से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस की वृद्धि हो सकती है, जिससे अपच, सूजन और दस्त जैसी गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं।
यहां मानसून के मौसम में गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए क्या करें और क्या न करें आइये जानते हसीन इसे....
मानसून के मौसम में गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए क्या करें
खूब पानी पिएं:
हाइड्रेटेड रहने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पीना जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाएं
मानसून के मौसम में सूप, शोरबा, खिचड़ी और उबली हुई सब्जियां जैसे हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाने की सलाह दी जाती है। भारी, तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें जो अपच और सूजन का कारण बन सकते हैं।
प्रोबायोटिक्स का सेवन करें
प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया हैं जो स्वस्थ आंत को बनाए रखने और हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं। आप प्रोबायोटिक्स का सेवन दही, केफिर या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट के रूप में कर सकते हैं।
स्वच्छता बनाए रखें:
बैक्टीरिया और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है। अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं, और अपने हाथों से अपने चेहरे या मुंह को छूने से बचें।
सक्रिय रहें:
नियमित व्यायाम पाचन में सुधार और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है। अपनी दिनचर्या में कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि को शामिल करने का प्रयास करें।
मानसून के मौसम में गैस्ट्रिकसमस्याओं के लिए क्या न करेंस्ट्रीट फूड से बचें:
स्ट्रीट फूड हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से दूषित हो सकता है, जो गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यह सलाह दी जाती है कि स्ट्रीट फूड से बचें और इसके बजाय घर का बना खाना चुनें।
कैफीन और अल्कोहल का सेवन सीमित करें:
कैफीन और अल्कोहल पेट की परत को परेशान कर सकते हैं और अपच और सूजन का कारण बन सकते हैं। मानसून के मौसम में कैफीन और अल्कोहल का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है।
बासी या बचा हुआ खाना न खाएं:
बासी या बचा हुआ खाना हानिकारक बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल हो सकता है और खाद्य विषाक्तता का कारण बन सकता है। बासी या बचा हुआ खाना खाने से बचने की सलाह दी जाती है।
अधिक भोजन न करें:
अधिक भोजन करने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है और अपच और सूजन हो सकती है। भारी भोजन के बजाय दिन भर में थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार भोजन करने की सलाह दी जाती है।
धूम्रपान से बचें:
धूम्रपान पेट की परत को परेशान कर सकता है और अपच और सूजन का कारण बन सकता है। मानसून के मौसम में धूम्रपान से बचने की सलाह दी जाती है
निष्कर्ष:
इन उपायों का पालन करके मानसून में गैस्ट्रिक समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है। यदि आप लगातार गैस्ट्रिक समस्याओं का अनुभव करते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श करना उचित है।
Jul 30 2023, 11:55