ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक तकनीकी से सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधबार को हुई सुनवाई,

अभी सुप्रीम के निर्देशानुसार सर्वे पर रहेगी रोक, इलाहाबाद हाईकोर्ट आज फिर करेगी सुनवाई


 ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराए जाने का वाराणसी जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. 

इस पर बुधवार को हाईकोर्ट ने ASI द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वैज्ञानिक तकनीक के बारे में गहनता से पड़ताल की. हालांकि, बुधवार को सुनवाई पूरी ना हो पाने के कारण कोर्ट ने गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया है. वहीं, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सर्वे पर भी रोक लागू रहेगी.

इंतजामिया कमेटी कमेटी का पक्ष: 

बुधवार को मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिकर दिवाकर की एकल पीठ के समक्ष सुबह 9:30 बजे सुनवाई शुरू हुई. सबसे पहले इंतजामिया कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान नकवी ने अपना पक्ष रखा. अधिवक्ता का कहना था कि मंदिर पक्ष ढांचे की खुदाई कराना चाहता है, जिससे कि पुराना ढांचा गिर सकता है. अधिवक्ता का यह भी कहना था कि जब कोर्ट कमिशन जारी कर चुका है और कमीशन की रिपोर्ट पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. नए सिरे से उसी स्थल की खुदाई का आदेश जारी करने का कोई औचित्य नहीं था.

वैज्ञानिक सर्वे से ढांचे को होगी क्षति:

मस्जिद पक्ष के वकील ने आशंका जताई कि वैज्ञानिक सर्वे से ढांचे को गंभीर क्षति पहुंच सकती है. उनकी यह भी दलील थी कि इसी मामले को लेकर दाखिल एक अन्य याचिका पर हाईकोर्ट ने वैज्ञानिक सर्वे के मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है. इस स्थिति में भी जिला अदालत द्वारा वैज्ञानिक सर्वे का आदेश देने का उचित नहीं है. मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता का कहना था कि हिंदू पक्ष के पास कोई साक्ष्य नहीं है, वह अदालत के जरिए साक्ष्य एकत्र करना चाह रहे हैं. जिला अदालत ने वैज्ञानिक सर्वे का आदेश देते समय न्यायिक विवेक का उपयोग नहीं किया है.

सर्वे पर हिंदू अधिवक्ता का पक्ष: 

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन का कहना था कि कोर्ट किसी भी स्तर पर कमीशन जारी कर सकता है. वैज्ञानिक सर्वे से ढांचे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा. जिला अदालत ने भी अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि सर्वे से ढांचे को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए, हम इस आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं. इस पर कोर्ट ने जानना चाहा कि सर्वे से क्या होगा. यह किस प्रकार से किया जाएगा. इस पर विष्णु जैन ने बताया किस सर्वे जीपीएस तकनीक से होगा, यह एक वैज्ञानिक है, जिससे ढांचे को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा.

हिंदू पक्ष से कोर्ट नहीं सतुष्ट: 

अपर सॉलीसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने भी अदालत को बताया कि सर्वे की तकनीक बेहद सुरक्षित और वैज्ञानिक है और ढांचे को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. मगर अदालत उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. अदालत का कहना था कि सर्वे में तकनीक का किस प्रकार से प्रयोग किया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है. जीपीएस तकनीक किस प्रकार से उपयोग की जाती है यह समझाने में अधिवक्ता नाकाम है. इस पर शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि हमने एक्सपर्ट को बुलाया है वह आकर के अदालत के समक्ष जानकारी रखेंगे. इस पर कोर्ट ने 4:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

5 प्रतिशत सर्वे हुआ पूरा:

बुधवार शाम 4:30 बजे मामले की सुनवाई दोबारा शुरू हुई. जिसमें एएसआई की ओर से एडिशनल डायरेक्टर जनरल आलोक त्रिपाठी उपस्थित हुए. कोर्ट ने उनसे पूछा कि अब तक सर्वे का कितना काम पूरा हुआ है, इस पर उन्होंने बताया कि पांच प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. अदालत ने जानना चाहा कि आप सर्वे का काम कब तक पूरा कर लेंगे. इस पर आलोक त्रिपाठी ने बताया कि 31 जुलाई तक सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा.

क्या है जीपीएस तकनीक:

 एडिशनल डायरेक्टर जनरल आलोक त्रिपाठी ने अदालत को बारीकी से जीपीएस सर्वे की तकनीक के बारे में बताया. जीपीएस तकनीक में रडार के माध्यम से जमीन के नीचे से सैंपल एकत्र किए जाते हैं. एक छोटी मशीन के द्वारा सैंपल रिकॉर्ड किए जाते हैं. जीपीएस से स्थान की लंबाई चौड़ाई का पता चलता है. यह तकनीक बहुत सुरक्षित है तथा स्ट्रक्चर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार को भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए कहा कि तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया स्थगन आदेश जारी रहेगा और सर्वे की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

एक बार फिर दिल्ली एनसीआर में बारिश का कहर,गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद में स्कूलों में छुट्टी,आज मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट जारी

नई दिल्ली: मॉनसूनी सीजन में एक बार फिर से दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद समेत पूरे एनसीआर के कई हिस्सों में मानसून का कहर शुरू हो गया। 

 रात से लेकर सुबह तक तमाम इलाकों में जोरदार बारिश हुई। मयूर विहार में तो सुबह 5:30 बजे से 8:30 बजे के बीच 110.5 मिमी बारिश हुई। रात 2:30 बजे से 5:30 बजे के बीच मुंगेशपुर में 48.0 मिमी बारिश हुई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 

कई जगह मध्यम श्रेणी, तो कुछ जगह भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है। गुरुवार को भी येलो अलर्ट जारी किया है। मध्यम श्रेणी की बारिश होगी। उसके बाद 1 अगस्त तक हल्की-फुल्की बारिश का दौर रहने का अनुमान है। बरसात की वजह से तापमान भी गिरा है। सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया, जो सामान्य से 3 डिग्री कम रहा। दिल्ली में ओवरऑल 37.1 मिमी बारिश हुई है।

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के स्कूलों में कर दी गयी छुट्टी

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में स्कूलों की हुई छुट्टी दिल्ली से लेकर नोएडा और गाजियाबाद में झमाझम बारिश हुई है। बहुत सी जगह पानी भर गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स फोटो और विडियो डाल रहे हैं। तेज बारिश की वजह से गाजियाबाद में कई जगह बिजली और जलापूर्ति प्रभावित रही। बारिश को देखते हुए गाजियाबाद जिला प्रशासन ने 12वीं तक के शिक्षण संस्थानों को दोपहर 12:00 बजे तक बंद करने का निर्देश दिया। 

ट्रांस हिंडन एरिया में भी कई कॉलोनियों में पानी भर गया। नोएडा में बारिश के बाद कई सड़कें नहर में तब्दील दिखाई दीं। सेक्टर 71 के अंडरपास में पानी भर गया। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर चौक और परी चौक पर सड़क जाम हो गई। गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ गई। 

गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बारिश की वजह से बोर्ड के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। बहुत से बच्चों को बारिश में स्कूल जाना पड़ा और फिर घर लौटना पड़ा।

दो महिने से कम समय में 73% से ज्यादा हुई बारिश

मॉनसून सीजन की 73 प्रतिशत से अधिक बारिश दो महीने से भी कम समय में बरस गई। गुरुवार को भी मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। जुलाई में अब तक 368.6 एमएम बारिश हुई है। इसमें से 70 प्रतिशत बारिश महज दो दिन के दौरान हुई। अहम यह भी है कि जुलाई के 26 दिनों में अब तक 16 दिन बारिश हुई है। लेकिन इनमें से ग्यारह दिन 10 एमएम से भी कम बारिश हुई। इस बारिश ने नमी बढ़ाने का काम किया। इसकी वजह से लोग गर्मी से अधिक परेशान रहे। जुलाई में अब तक हुई 368.6 एमएम बारिश में से अकेले 9 और 10 जुलाई को ही 260.3 एमएम बारिश हुई। वहीं मॉनसून सीजन के दो महीने जून और जुलाई में 470.3 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि मॉनसून सीजन के चार महीनों में 640.2 एमएम कुल बारिश सामान्य तौर पर होती है।

बुधवार को कैसा था दिल्ली का मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को अधिकतम तापमान 31.3 डिग्री रहा। यह सामान्य से चार डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान भी सिमटकर 23.8 डिग्री आ गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। बुधवार को राजधानी के कई हिस्सों में बारिश हुई। मयूर विहार में तो 36 घंटों के दौरान 111 एमएम बारिश हो गई। वहीं दिल्ली (सफदरजंग) में 37.7 एमएम, पालम में 1.8 एमएम, लोदी रोड में 35.5, रिज में 5.3, आया नगर में 26, डीयू में 5, गाजियाबाद में 16.5, जाफरपुर में 1, मंगेशपुर में 53.5, नोएडा में 2.5, पीतमपुरा में 5 और सीडब्ल्यूजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 111 एमएम बारिश हुई।

आज गुरुवार को भी बारिश का येलो अलर्ट जारी

अब गुरुवार को बादल छाए रहेंगे। मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री के आसपास रह सकता है। इसके बाद शुक्रवार को भी हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 25 डिग्री रह सकता है। 29 जुलाई को बारिश हल्की पड़ जाएगी, लेकिन तापमान सामान्य से कम बना रहेगा। अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम 26 डिग्री रह सकता है। इसके बाद 30 जुलाई से 1 अगस्त तक उमस वाली गर्मी फिर से परेशान करेगी। बारिश कम होने की वजह से तापमान भी बढ़ेगा। अधिकतम तापमान इस दौरान 36 से 37 डिग्री और न्यूनतम 26 से 27 डिग्री तक रह सकता है।

जुलाई के अंत तक रहेगा बारिश का सिलसिला

स्काईमेट के अनुसार, बुधवार को हुई बारिश ने दिल्ली-एनसीआर के शुष्क मौसम को पीछे छोड़ दिया। उम्मीद है कि यह बारिश जुलाई के अंत तक बनी रहेगी। हालांकि इसकी तीव्रता कम हो जाएगी। बारिश अगस्त के पहले कुछ दिनों में भी हो सकती है। मॉनसून ट्रफ का पश्चिमी छोर इस समय दिल्ली के करीब से गुजर रहा है, इसलिए बारिश बढ़ी है। गुरुवार को भी मध्यम बारिश होगी। एक-दो जगहों पर तेज बारिश भी हो सकती है। साथ ही, बिजली गिरने व आंधी की संभावना भी है।

दिल्ली-नोएडा समेत पूरे एनसीआर में आई फ्लू और डेंगू का कहर जारी

दिल्ली-नोएडा समेत पूरे एनसीआर में आई फ्लू और डेंगू के मामले लगातार तेजी से बृद्धि हो रहे हैं. डॉक्टरों ने बुधवार को कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कंजंक्टिवाइटिस, जिसे आमतौर पर गुलाबी आंख (आई फ्लू) के रूप में जाना जाता है, के साथ-साथ डेंगू के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखा जा रहै है.

 डॉ. कमल बी कपूर ने बताया कि आई फ्लू के मामलों में आई अचानक वृद्धि का कारण भारी वर्षा और बाढ़ को माना जा सकता है, जिसने देश के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है.

डॉक्टर्स का कहना है कि बाढ़ के कारण बढ़ी हुई नमी, मध्यम पर्याप्त तापमान, अस्वास्थ्यकर स्थितियां, दूषित जल आपूर्ति और तेज गति से चलने वाले वाहनों द्वारा सड़कों से गंदे पानी की एयरोसोलिंग संक्रमण को बढ़ाती है. उन्‍होंने कहा,"हम देश भर में आई फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, अकेले दिल्ली-एनसीआर में जुलाई में 1,032 मामले दर्ज किए गए हैं.

 पिछले साल की समान अवधि (जुलाई 2022) की तुलना में संख्या में वृद्धि हुई है, जब दिल्ली-एनसीआर में 646 मामले थे. देश भर में 1,202 मामले सामने आए हैं, जो चिंता का कारण है.

आई फ्लू जिसे आमतौर पर 'गुलाबी आंख' के रूप में जाना जाता है, अत्यधिक संक्रामक हो सकता है, जो दूषित सतहों और आंखों के स्राव के संपर्क से फैल सकता है. इसके लक्षणों में खुजली, पानी जैसा स्राव, प्यूरुलेंट डिस्चार्ज, पलकों की सूजन, हल्की लालिमा शामिल है, और कभी-कभी, व्यक्तियों को रोशनी देखने पर धुंधली दृष्टि या चमक का अनुभव हो सकता है.

डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल में बाल नेत्र विज्ञान, स्ट्रैबिस्मस और न्यूरो नेत्र विज्ञान, डॉ सोवेता रथ के अनुसार, बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है. डॉ. रथ ने बताया कि "हमने देखा है कि आई फ्लू के मरीजों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें ज्यादातर बच्चे हैं. हर तीसरे बच्चे की आंखें लाल हो जाती है या आई फ्लू हो जाता है. वास्तव में, पिछले सप्ताह, हमने ओपीडी में 30 से अधिक बच्चों को आई फ्लू के साथ देखा था.

उन्होंने कहा कि ''यह बढ़ोतरी मौसमी बदलाव के कारण हुई है. ऐसा इसलिए भी है इस साल अधिक बारिश हुई है, आश्चर्यजनक रूप से पानी की भारी कमी है और स्वच्छता संबंधी आदतों का अभाव है. बच्चे अक्सर वायरस/बैक्टीरिया से दूषित सतह को छूते हैं और उन्हीं हाथों से अपनी आंखें रगड़ते हैं जिससे संक्रमण फैलता है.

डॉक्टरों ने प्रसार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए उचित सावधानी बरतने और जागरूकता बढ़ाने की सिफारिश की, साथ ही ओवर-द-काउंटर दवाओं के उपयोग पर भी चेतावनी दी. डॉ. कपूर ने कहा कि उचित स्वच्छता बनाए रखना, प्रभावित व्यक्ति और आसपास के लोगों द्वारा बार-बार हाथ धोना, चेहरे को छूने से बचना, जरूरत पड़ने पर सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करना और आंख से संबंधित कोई भी लक्षण महसूस होने पर पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है.

आई फ्लू के अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है. डेंगू एक वायरल बुखार है जो वेक्टर जनित होता है और आमतौर पर हर साल मानसून के मौसम के बाद इसके मामले बढ़ जाते हैं. सामान्य लक्षणों में बुखार, रेट्रो ऑर्बिटल दर्द, गंभीर सिरदर्द, पेट में दर्द, उल्टी और कभी-कभी दस्त शामिल हैं.

मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि हमारे ओपीडी में बुखार वाले लगभग 20 प्रतिशत मरीज डेंगू से पीड़ित हैं. जबकि वर्तमान में कई ऐसे हैं जिन्‍हें अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत नहीं है. ऐसे लोगों की ओपीडी में देखभाल की जा रही है, लेकिन कुछ मरीजों को प्लेटलेट की भी आवश्यकता है.

डॉ संतोष कुमार अग्रवाल, सीनियर कंसल्टेंट - इंटरनल मेडिसिन, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल, सेक्टर 16, फरीदाबाद ने कहा कि हमारे पास आने वाले डेंगू रोगियों की संख्या में लगभग 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन के डॉ. शुचिन बजाज ने भी कहा कि अस्पताल में पिछले साल की तुलना में इस बार प्रति सप्ताह औसत डेंगू के मामले अधिक आ रहे हैं.

डेंगू के खतरे को रोकने के लिए डॉक्टरों ने सुरक्षात्मक कपड़े पहनने, मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करने, पर्यावरण और आस-पास को साफ रखने साथ ही पानी जमा न होने देने और बच्चों को सुरक्षित रखने का सुझाव दिया है.

यूपी पुलिस में तैनात दारोगा ने खुद को गोली मारकर कर ली आत्महत्या


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां यूपी पुलिस में तैनात दारोगा ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। घटना थाना महानगर के न्यू हैदराबाद के आवास की बताई जा रही है। 

सुसाइड से पहले दारोगा ने ज्ञान सिंह (54) ने अपने साले को फोन किया था। उन्होंने अपने साले को अंतिम संस्कार करने की तैयारी करने के लिए कहा था। फिलहाल घटना का पता लगने के बाद दारोगा के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल दहला देने वाली यह घटना बीती देर रात 12 बजे के बाद की बताई जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात दारोगा ज्ञान सिंह(54) ने अपने कमरे में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। 

यूपी के कन्नौज जिले के रहने वाले दारोगा लखनऊ में महानगर में न्यू हैदराबाद स्थित किराए के कमरे में रहते थे। वहीं इनका पूरा परिवार कानपुर में रहता था।

लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी


नई दिल्ली। संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी दलों का गठबंधन I.N.D.I.A. बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव ले आया। 

मणिपुर मुद्दे पर कांग्रेस एवम अन्य विपक्षी दलों द्वारा लाये गए केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा की मंजूरी भी मिल गयी है. लोकसभा ओ म बिरला ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की अनुमति दी. उन्होंने बहस की मंजूरी दी. साथ ही कहा कि चर्चा के बाद तारीख का ऐलान करेंगे.

यूं तो सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और ऐसे में किसी भी अविश्वास प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं होगा। 

दरअसल, विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा चाहता है और मांग कर रहा है कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे। सरकार चर्चा के लिए तैयार है, फिर भी विपक्ष हंगामा कर रहा है और इस कारण, संसद के मानसून सत्र में कोई काम नहीं हो पाया है।

 मौजूदा लोकसभा (17वीं) में यह पहली बार होगा, जब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। इससे पहले 16वीं लोकसभा में 20 जुलाई 2018 को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें एनडीए सरकार ने 126 के मुकाबले 325 मतों से बहुमत साबित किया था.

सोनिया गांधी ने आज सांसद संजय सिंह से मुलाकात की


दिल्ली : कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज संसद पहुंचते ही आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात की. 

संजय सिंह और कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल को संसद के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है.

पाकिस्तान की मस्जिद में आत्मघाती हमले में पुलिस अधिकारी की मौत

उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान की एक ऐतिहासिक मस्जिद में मंगलवार को हुए आत्मघाती हमले में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. 

पेशावर से सटे कबायली जमरूद तहसील की अली मस्जिद मे हुए धमाके में अतिरिक्त थाना प्रभारी (एसएचओ) अदनान अफरीदी की मौत हो गई.

खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक अख्तर हयात खान गंडापुर ने बताया कि यह एक आत्मघाती हमला था। मस्जिद में प्रवेश से पहले सुरक्षा जांच के दौरान हमलावर ने खुद को विस्फोट करके उड़ा लिया। पुलिस ने बताया कि हमलावर का एक साथी मौके से फरार हो गया जबकि घटनास्थल से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आज राज्यसभा में पेश किया सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023,आइये जानते हैं क्या है इस विधयेक में..?


दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में फिल्मकारों का समर्थन करने के इरादे से सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया. इस विधेयक के पास होने के साथ ही सिनेमा बनाने वालों को फायदा होगा. अब पायरेटेड कंटेन्ट उपलब्ध कराने वालों को सजा मिल सकती है.

अभी फिल्म रीलीज के कुछ घंटों के अंदर ही फिल्में कोई भी आदमी आसानी से इंटरनेट पर देख लेता है. इससे सिनेमा हाल जाने वालों की संख्या में कमी होती है. सिनेमा बनाने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसी चोरी को रोकने में यह विधेयक मदद करेगा.

क्या कहता है यह कानून?

विधेयक कहता है कि ऐसा करने वालों को तीन साल तक की जेल हो सकती है और फिल्म के बजट का पांच फीसदी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक-2019 वापस ले लिया, इसमें भी तीन साल की सजा और 10 लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

नया विधेयक यूए श्रेणी में कुछ बदलाव की भी सिफारिश करता है. ये आयु आधारित सर्टिफिकेशन की तीन कटेगरी है. जिसमें यूए 7+, यूए 13+ एवं यूए 16+ जोड़ा गया है. नया विधेयक मंजूर होने के साथ ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को यह अधिकार देगा कि वह किसी भी फिल्म को टेलीविजन या किसी भी अन्य माध्यम पर रिलीज करने को अलग से प्रमाण जारी करे।

विधेयक में कुछ और धाराएं भी जोड़ी गई हैं, जो फिल्मों की चोरी रोकने में मददगार हो सकती है. अब अनधिकृत रिकार्डिंग करना धारा 6 एए तथा उसे दिखाना धारा 6 एबी के तहत जुर्म होगा. इसकी सजा कम से कम तीन महीने तय की गयी है. विधेयक इसे तीन साल तक बढ़ाने की वकालत भी करता है।

इसी तरह जुर्माना की रकम कम से कम तीन लाख रुपये और अधिकतम फिल्म उत्पादन का पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी कारगिल दिवस पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी

दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचे. उन्होंने कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी.

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहा है कंजंक्टिवाइटिस के मामले

दिल्ली: हर साल बरसात का मौसम दिल्ली में कई बीमारियों को लेकर आती है,इस बीमारियों के कारण जहां लोग परेशान हो जाते हैं वहीं कुछ कंप्लीकेटेट मामले में जान से भी लोगों को हाथ धोना पड़ता है.

ऐसा ही इस बार दिल्ली में बाढ़ और जल जमाव के बाद डेंगू, मलेरिया और दिमागी बुखार के साथ साथ दिल्ली-एनसीआर में कंजंक्टिवाइटिस के मरीजॉन की संख्यां लगातार बढ़ते जा रही हैं. 

एम्स में रोजाना 100 से अधिक केस सामने आ रहे हैं. जिसके कारण दिल्ली एनसीआर के लोग परेशान है।

कंजंक्टिवाइटिस भी संक्रमक रोग है और इसका वायरस का संचरण होने से लोग बीमार होते हैं।इस लिए चिंता इस बात की है कि यह बीमारी भी महामारी के तरह ना फैल जाए.