सीमा हमारी बहू नहीं बेटी है, सचिन के पिता ने कही ये बात,उन्होंने कहा अगर उसे हम से अलग करोगे तो मर जायेंगे हम लोग


इन दिनों पाकिस्तान के कराची से चार बच्चों के साथ आई सीमा सिर्फ दो मुल्क हीं नही बल्कि सोशल मीडिया के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गयी है।

इन दिनों वे अपने प्रेमी सचिन के परिवार के साथ यूपी के ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में रह रही है।

इस बीच सीमा और सचिन की प्रेम कहानी को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है। दूसरी तरफ अब सीमा को लेकर पाकिस्तान से भी कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। इस सब के बीच पत्रकारों ने सचिन के पिता यानी सीमा के ससुर से बातचीत की। सचिन के पिता नेत्रपाल सिंह ने भावुक मन से कहा कि कहीं से भी बहू सीमा हैदर में दोष नहीं है। इस सबके पीछे केवल और केवल प्यार है। सभी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि मेरी बेटी (सीमा) मुझसे अलग न करो। सीमा गई तो हम सब मर जाएंगे।

इस वक्त जो ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है उस पर उनका क्या कहना है? इस सवाल का जवाब देते हुए नेत्रपाल सिंह ने कहा कि हमारा परिवार बहुत सीधा है। हम अनपढ़ इंसान हैं और रोज का कमाना खाना है। परिवार का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं रहा है। हमारा किसी से कोई लड़ाई झगड़ा नहीं है। सचिन कब यहां से गया इसकी भी नहीं जानकारी है। कब और कैसे सचिन सीमा को लेकर आया इसकी भी भनक तक नहीं लगी। सचिन जब सीमा को घर लेकर आया तब उन्हें इसकी जानकारी हुई।

बातचीत के दौरान सचिन के पिता नेत्रपाल बोले कि अब जब सीमा हमारे घर आ ही गई है तो वह अब हमारी बेटी के समान है। न सिर्फ सीमा बल्कि उसके बच्चों को भी खूब प्यार से रखा जाएगा। गांव और आसपास के इलाकों में भी यही चर्चा है कि अब सीमा सचिन को छोड़कर वापस नहीं जा सकती और न ही जाने देंगे। 

जांच कराकर सरकार सीमा को दे भारत की नागरिकता: नेत्रपाल 

सचिन के पिता नेत्रपाल ने सरकार से अपील की है कि अगर सीमा में कमी है या फिर सीमा के पाकिस्तानी जासूस होने के जो दावे किए जा रहे हैं इसकी जांच की जाए। अगर सीमा में कोई कमी नहीं और इसके इरादे नेक है तो सरकार सीमा को भारत की नागरिकता दे।

सीमा के बच्चों को पत्नी से भी मिल रहा दुलार: नेत्रपाल

हमें और हमारी पत्नी को भी सीमा और सचिन के एक होने की खुशी है। सचिन की मां सीमा के बच्चों को अपने साथ लिटा-बिठाकर दुलार करती हैं। हमने सीमा को घर की बहू स्वीकार कर लिया है।

घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं: नेत्रपाल

परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर किए सवाल पर नेत्रपाल ने कहा कि सचिन बनिया के यहां पर 14-15 हजार रुपये की नौकरी करता है। नेत्रपाल ने बताया वह पौधे बेचकर अपना घर चलाते हैं। लेकिन वह पूरे परिवार के साथ खुश हैं।

दिल्ली के इस बाजार में मिलती है सबसे सस्ती और ताजी सब्जियां, खेत से सीधे आती है मंडी

नयी दिल्ली : अच्छे भोजन के क्रम में सब्जी प्रीतिदिन खाने वाला व्यंजन है. उत्पादों के रासायनिक प्रकिया में वर्तमान समय ताजे सब्जियों के लिए बेहद कठिन हो चला है. डॉक्टर भी मानते हैं कि हरी और ताजी सब्जियां हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं. ऐसे में आज हम आपको दिल्ली की सबसे सस्ती और अच्छी कापसहेड़ा सब्जी मार्केट के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां पर हरी और ताजी सब्जियां मिलती हैं.

किसानों के खेत से डायरेक्ट आती है सब्जी : 

लोकल 18 से बात करते हुए मंडी में सब्जी बेच रहे मुकलेश कुमार ने बताया किइस मंडी में हरी और ताजी सब्जी ही मिलती है क्योंकि यहां के व्यापारी सीधा किसान के खेतों से सब्जी लाते हैं यही कारण है कि ग्राहकों की भारी भीड़ लगी रहती है. अन्य बाजारों की तुलना में यहां की कीमत बेहद कम होती है. इसे दिल्ली की सबसे सस्ती सब्जी मंडी कही जाती है.मुकलेश ने आगे बताया कि दूसरे राज्य के व्यापारी भी यहां व्यापार करने आते हैं. वही ग्राहकों की खरीदारी की बात करें तो एक बार में 4 से 7 दिन की सब्जी ग्राहक खरीद कर घर ले जाते हैं.

फरीदाबाद:सावन की बधाई मांगने गयी किन्नर को चोर समझ कर कर दी पिटाई,पुलिस ने उसे आरोपी के चंगुल से छुड़ा कर कर रही मामले की जांच


फरीदाबाद में सावन के महीने में बधाई मांगने गई एक किन्नर को लोगों ने नकली किन्नर कहकर बंधक बनाकर पीट दिया। किसी तरह सूचना पाकर डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और पीड़िता को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

दिल्ली खजूरी खास निवासी किन्नर सुनीता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा वह अपने साथियों के साथ सेक्टर-9 में सावन की बधाई मांग रही थी। इसी दौरान एक घर के लोगों ने उसे नकली किन्नर और चोर कहकर पीटना शुरू कर दिया। विरोध करने पर आरोपियों ने उसे घर में ही बंधक बना लिया और मारपीट करने लगे। किसी तरह पीड़िता के साथियों की सूचना पर डायल 112 की टीम मौके पर गई और पीड़िता को आजाद कराया। 

मौके पर स्थानीय किन्नरों को भी बुलाया गया। जिसपर उन्होंने उसे अपने ग्रुप का होने से इनकार कर दिया। पुलिस में पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। सेक्टर सात थाना पुलिस का कहना है शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।

सुविधा : रेलवे में अब टिकट के साथ सफर करने वालों को मिल सकती है कई सुविधाएं जानने के लिए पढिये पूरी खबर..?


नई दिल्ली : अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं तो ये आपके लिए काफी बड़ी खुशखबरी है। आपको बता दें इस समय इंडियन रेलवे यात्रियों को काफी सारी सुविधाएं दे रहा है। लेकिन काफी ऐसे यात्री हैं जिनकों इसकी जानकारी नही है। आप ट्रेन टिकट खरीदने के बाद इन सभी मुफ्त सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। चलिए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं। कि इंडियन रेलवे यात्रियों को कौन-कौन सी मुफ्त

 में सुविधाएं दे रहा है।

आपको करना होगा टीटीई से कॉन्टैक्ट

आपको बता दें ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को रेलवे की ओर से मुफ्त में मेडिकल की सुविधाएं मिलती हैं। यदि आपकी यात्रा के समय तबियत खराब हो जाती है तो आपको रेलवे की ओऱ से फर्स्ट एड की सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं। इसके लिए आपको केवल टीटीई से कॉन्टैक्ट करना होगा।

वेटिंग रूम का उठा सकते हैं लाभ

इसके अलावा काफी बार ट्रेन लेट हो जाती है तो ऐसे में आप मुफ्त में वेटिंग रूम की सुविधा का भी लाभ ले सकते हैं। ट्रेन का इंतजार करने के लिए यात्रियों को मुफ्त में वेटिंग रूम की सुविधा मिलती है। वैलिड टिकट लेने के बाद दिन के समय ट्रेन से आने से 2 घंटे पहले और यात्रा खत्म होने के 2 घंटे बाद मुफ्त में वेटिंग रूम का उपयोग कर सकते हैं। वहीं रात के समय में इसका समय 6 घंटे का होता है।

मुफ्त में वाई-फाई का मिलेगा लाभ

इंडियन रेलवे अपने यात्रियों को मुफ्त में वाई-फाई की सुविधा मिलती है और कोई भी यात्री प्लेटफॉर्म पर आधे घंटे के लिए बिना कोई पैसा खर्च किए फ्री में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद आंधे घंटे मुफ्त में इंटरनेट का उपयोग करने के बाद यात्री रेलटेल से अपनी पसंद का प्लान ले सकते हैं। प्लेटफॉर्म पर 10 रुपये में 5GB डेटा और 15 रुपये में 10 जीबी डेटा मिलता है,स जिसकी वैलिडिटी 1 दिन की होती है। इसके अलावा 20 रुपये में 5 दिन के लिए 10जीबी इंटरनेट मिलता है। देश के अधिकतर स्टेश पर ये सुविधा मिलती है।

आसानी से रख सकते हैं अपना सामान

इसके अलावा लॉकर की भी सुविधा थोड़ें से रुपयों में मिलती है। आप क्लॉक रूप में बैंग, ट्रैवल बैग आदि रख सकते हैं। क्लॉक रूम के लिए पहले 24 घंटे के लिए 15 रुपये का चार्ज देना होता है और इसमें यात्री 10 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से सामना कर सकते हैं। इसके बाद अगले 24 घंटे के लिए 20 रुपये और 12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से पैसे देने होंगे।

स्वास्थ्य टिप्स: अगर आप बॉडी बनाने लिये स्टेराॅयड की इंजेक्शन लेकर जिम जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान,दिल और गुर्दे पर पर सकता है भारी


बॉडी बनाइए, फिट रहिए, मगर सेहत को लेकर सावधानी भी जरूरी है, वरना अच्छे शरीर की ख्वाहिश सेहत खराब कर सकती है। जिम में बॉडी बनाने के लिए अधिकांश युवा इंजेक्शन लेते हैं, जिसे स्टेरॉयड कहते हैं। मेरठ में स्टेरॉयड का करोड़ों का कारोबार है। मंगलवार को खैरनगर में स्टेरॉयड वाली दवाइयां और फूड सप्लीमेंट्स आदि पकड़े गए, जो सेहत के लिए खतरनाक माने जा रहे हैं।

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि स्टेरॉयड में से एक एनाबोलिक स्टेरॉयड एक तरह की ड्रग होती है जो इंजेक्शन और कैप्सूल के तौर पर ली जाती है। फूड सप्लीमेंट्स के नाम पर स्टेरॉयड ही बेचा जा रहा है।

डॉ. संदीप जैन ने बताया कि एनाबोलिक स्टेरॉयड का असर जितनी जल्दी दिखाई देता है, उतनी ही जल्दी इसका साइड इफेक्ट भी होता है। इसके लगातार प्रयोग से मेल हार्मोंस पर भी विपरीत असर पड़ता है। शरीर में ज्यादा मात्रा में पहुंचने पर फैट में बदल जाता है और कोलेस्ट्रोल के रूप में हमारे शरीर में जमा हो जाता है, इससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है और दिल की बीमारियां हो सकती हैं।

फूड सप्लीमेंट्स लेने में बरतें सावधानी.

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिव कुमार ने बताया कि फूड सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए। डॉ. विश्वजीत बैंबी का कहना है कि स्टेरॉयड से बनाई गई बॉडी सिर्फ बाहर से देखने में ही सुदृढ़ लगती है जबकि अंदर से खोखली हो जाती है।

शरीर को अगर विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर सही मात्रा में मिल जाए तो शरीर तंदुरुस्त रह सकता है। मेरठ में 800 से ज्यादा छोटे-बड़े जिम हैं, जिनमें से कुछ जिम में ही एक्सपर्ट हैं जिन्हें फूड सप्लीमेंट्स और स्टेरॉयड की सही जानकारी है.

दिल्ली में बाढ़ के हालात के बीच आज शुक्रवार को हल्की - मध्यम श्रेणी की वर्षा हो सकती है,मौसम विभाग द्वारा येल्लो अलर्ट जारी


नई दिल्ली: दिल्ली में 1978 के बाद पहली बार बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिल रहा है।जिसके कारण दिल्ली के निचले हिस्से में जल का जमाव हो गया है। बाढ़ के इस हालात के बीच आज शुक्रवार को दिल्ली में हल्की मध्यम श्रेणी की वर्षा हो सकती है। शनिवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तापमान में भी आंशिक बदलाव संभावित है।

 इस बीच यमुना नदी का जलस्तर  बढ़ने से दिल्ली के कई इलाकों में  यमुना का पानी सड़कों पर आ गया है। ऐसे में पुलिस को कई सड़कों पर यातायात बंद करना पड़ा। गुरुवार को लगभग आधी दिल्ली जाम में फंसी रही। 10 मिनट में तय किए जाने वाले रास्ते को पार करने में वाहन चालकों को दो घंटे तक लग गए।

बृहस्पतिवार को भी दिल्ली में सूरज और बादलों के बीच लुकाछिपी चलती रही। विभिन्न क्षेत्रों- साकेत, लाजपत नगर, मालवीय नगर, हौजखास, जंगपुरा, लोधी रोड व आयानगर में हल्की वर्षा दर्ज की गई। 

अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 34.2 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हवा में नमी का स्तर 92 से 72 रहा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को भी दिन भर बादल छाए रहेंगे। 

गर्जन वाले बादलों के साथ हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होने के आसार हैं। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 35 व 26 डिग्री रह सकता है। शनिवार को झमाझम वर्षा होने का पूर्वानुमान है। इससे तापमान भी गिरकर क्रमश: 32 और 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। उधर स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में अगले तीन चार दिन के दौरान एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके असर से 17 जुलाई के बाद एनसीआर सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड इत्यादि उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में एक बार फिर अच्छी वर्षा होने की संभावना बन रही है।

 बृहस्पतिवार को भी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सिर्फ 77 रहा।

मौसम की मेहरबानी और हल्की वर्षा का दौर जारी रहने से राजधानी की हवा लगातार सातवें दिन भी साफ ही रही। बृहस्पतिवार को भी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सिर्फ 77 रहा। इस स्तर की हवा को ''संतोषजनक'' श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले बुधवार को भी यह 77 ही था। मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी अगले कई दिन तक वायु गुणवत्ता का स्तर इसके आसपास ही बना रहेगा।

नई दिल्ली: यमुना के पानी से दिल्ली का हाल बदहाल,रिहाइशी इलाकों में घुसी पानी, 1978 के बाद यह स्थिति हुई उत्पन्न

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में यमुना के बढ़ते पानी के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। 

यमुना का जलस्तर 208.53 मीटर के रेकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है। आईटीओ, निगमबोध घाट, कश्मीरी गेट, यमुना बाजार, सिविल लाइंस जैसे इलाकों में तीन-तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। 

बाढ़ के कारण दिल्ली सरकार अलर्ट मोड में है। निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोगों से एक-दूसरे से मदद की अपील की है।

1978 के बाद पहली बार उत्पन्न हुए ये हालात


राजधानी दिल्ली में 1978 के बाद पहली बार यमुना का जलस्तर इतना बढ़ा है। 1978 में दिल्ली में आए बाढ़ से भारी तबाही मची थी। इस दौरान जानमाल का काफी नुकसान हुआ था। इसबार भी यमुना अब रौद्र रूप में है। दिल्ली के कई पॉश इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सिविल लाइंस में सीएम के आवास से एक किलोमीटर दूर तक दो फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है।

सबसे व्यस्त इलाके आईटीओ के पास घुटनों तक पानी


यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाके आईटीओ के कई इलाकों में पानी भर गया है। IIPA की ये तस्वीरें में घुटनों तक पानी दिख रहा है। पानी के कारण कई इलाके में यातायात रोक दिया गया है।

दिल्ली के पॉश इलाके सिविल लाइंस में भी यमुना का पानी भरा


दिल्ली के पॉश इलाके सिविल लाइंस में यमुना का पानी भर गया है। ये इलाका दिल्ली के सीएम आवास से एक किलोमीटर दूर है। यहां कमर तक पाना भर चुका है। यहां के घरों में पानी कमर तक पहुंच चुका है। लोग ऊपरी मंजिल पर चले गए हैं। गौरतलब है कि हथिनीकुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक ज्यादा पानी आज भी छोड़ा गया है। ऐसे में आने वाले वक्त में हालात और खराब हो सकते हैं। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें। ​

दिल्ली के कश्मीरी गेट-ISBT बस अड्डे पर भी पानी भर गया

 

दिल्ली के कश्मीरी गेट-ISBT बस अड्डे पर भी पानी भर गया है। एक तरफ की सड़क पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब गई है। यहां ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा है। कश्मीरी गेट से आगे सिविल लाइंस की ओर जाने का रास्ता अब बंद कर दिया गया है। सारे ट्रैफिक को तीस हजारी की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है। पूरी खबर यहां पढें ​

लाल किले में कमर तक पानी घुसा


लाल किले में भी यमुना का पानी घुस गया है। यहां कमर तक पानी है। आसपास के इलाके में ट्रैफिक को रोक दिया गया है। यमुना का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है उससे शाम तक कुछ और इलाके में पानी घुसने का अंदेशा है।

बाढ़ के कारण यमुना बैंक में मेट्रो बंद!


यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्ते पर कमर से ज्यादा पानी भर चुका है। यमुना बैंक मेट्रो पर एंट्री और एग्जिट बंद कर दिया गया है। मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों के लिए घोषणा की जा रही है कि वो अक्षरधाम या लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन पर उतरें।

दिल्ली के सबसे बड़े शमशान निगमबोध घाट पूरी तरह डूब गया


दिल्ली के सबसे बड़े शमशान निगमबोध घाट पूरी तरह डूब गया है। यहां के आसपास के इलाके पूरी तरह पानी में डूब चुका है। इन इलाकों में ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा है। कई इलाकों में रोजमर्रा की जरूरी चीजों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आसपास की दुकानें बंद हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें ​

जीटी रोड पर लगा लंबा जाम


दिल्ली के कई इलाकों में पानी भरने के कारण जीटी रोड पर लंबा जाम लगा हुआ है। दिल्ली से गाजियाबाद तक जाम लगा हुआ है। पानी बढ़ने के कारण निचले इलाके पूरी तरह से डूब गए हैं।

दिल्ली में बाढ़ के कारण कई मेट्रो स्टेशनों के आसपास पानी लग गया,गाड़ी की स्पीड की गई धीमी


दिल्ली में बाढ़ के कारण कई मेट्रो स्टेशनों के आसपास पानी लग गया है। जिसके बाद डीएमआरसी ने मेट्रो की रफ्तार घटा की गई है। DMRC ने ट्वीट कर कहा कि यमुना में बढ़ते पानी के कारण यमुना से गुजरने वाले चार पुलों शास्त्री पार्क-कश्मीरी गेट, यमुना बैंक-इंद्रप्रस्थ, मयूर विहार-सराय काले खां, बोटेनिकल गार्डन से जामिया मिलिया पर मेट्रो ट्रेन की स्पीड को घटा दी गई है। इन पुलों पर 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से मेट्रो चलेगी। बाकी अन्य लाइनों पर मेट्रो सर्विस सामान्य है।

रिंग रोड पर भरने लगा पानी


रिंग रोड इलाके में भी यमुना का पानी सड़क पर आ गया है। इस इलाके में भी ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा है। यमुना का जलस्तर 208.53 मीटर के निशान को पार कर चुका है। सीएम अरविंद केजरीवाल भी सड़क पर उतर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

दिल्ली: यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर, किनारे रहने वालों की बढ़ी मुसीबत


 सरकार राहत और बचाव के लिए किया कर्मचारियों को तैनात

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में युमना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में यमुना के किनारे पर रहनेवाले हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। इस बीच रात 8 बजे यमुना के पुराने लोहे वाले पुल के पास जलस्तर 2026.76 मीटर मापा गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 12 जुलाई को सुबह 3 बजे यहां पर जल स्तर 207.00 मीटर होने की उम्मीद है और उसके बाद इसके और बढ़ने की संभावना है। 45 नावों को राहत और बचाव के कामों में लगाया गया है।

 2,700 से अधिक तंबुओं की व्यवस्था 

दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया कि शहर में उफनती यमुना नदी के डूब क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है तथा उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि निकासी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रभावित लोगों को दिल्ली के पूर्वी, उत्तरी, उत्तर-पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी, मध्य और शाहदरा जिलों में स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां उनके लिए 2,700 से अधिक तंबुओं की व्यवस्था की गई है।

 हरियाणा से पानी छोड़े जाने के चलते जलस्तर बढ़ा 

मंत्री ने कहा कि हरियाणा से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है लेकिन दिल्ली में बाढ़ की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा, ८ दिल्ली में बाढ़ नहीं आएगी। जैसे ही यमुना का स्तर बढ़ता है, नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जगह खाली करनी पड़ती है। नदी के नजदीक रिहायशी इलाकों में पानी घुसने का कोई खतरा नहीं है। , ,

 भोजन, पानी और अन्य सुविधाएं 

भारद्वाज ने कहा कि इन लोगों को आश्रय देने के लिए अधिकांश तंबू पूर्वी जिले (1,700) में लगाए गए हैं, इसके अलावा उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में 280, शाहदरा में 170, मध्य दिल्ली में 150 और दक्षिण-पूर्वी जिले में 384 तंबू लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी जिले में आश्रय स्थल भी तैयार किए गए हैं जहां भोजन, पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को एक आपात बैठक के बाद कहा था कि जब नदी 206 मीटर के निशान को पार कर जाएगी तो यमुना के डूब क्षेत्र से लोगों को हटा दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया।

 'ओल्ड रेलवे ब्रिज' को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद* 

अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन 'ओल्ड रेलवे ब्रिज' को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली की यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण 'ओल्ड रेलवे ब्रिज' पुश्ता रोड, गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे इसे ध्यान में रखते हुए ही बाहर निकलें। यातायात पुलिस ने यात्रियों से बंगला साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज गुरुद्वारे में गुरुपर्व समारोह के मद्देनजर बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंडित पंत मार्ग आदि से बचने को भी कहा। (इनपुट - एजेंसी)

ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी, कैंसर दवाओं को मिली छूट, सिनेमा हाल में खाने-पीने के सामान होंगे सस्ते

नयी दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इनमें सबसे बड़े निर्णय के तौर पर GST काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, घुड़सवारी और कसीनो पर 28% टैक्स लगाने को मंजूरी दी. पहले इन पर टैक्स की दर 18 प्रतिशत थी. वहीं, सिनेमा हॉल में खाने-पीने की चीजों (फूड एंड बेवरेज) पर लगने वाले बिल पर GST कम करने की सिफारिश को भी मंजूरी मिली. अब इन पर 18% के बजाय 5% GST लगाया जाएगा. इन सभी फैसलों की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

पारंपरिक हुनर संग नवाचार बन रहा रोजगार सृजन का आधार, पुरानी प्रतिभाओं को मिले नए तेवर-कलेवर


नयी दिल्ली : भारत हाल ही में विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। अभी तक जनसंख्या के मामले में चीन पहले स्थान पर था। बढ़ती जनसंख्या को लेकर प्राय: चिंता के स्वर उठते हैं, लेकिन नवाचारों व योजनाओं से देश में सशक्त श्रम बल को कुशल बनाकर रोजगार सृजन के साथ आर्थिकी भी समृद्ध की जा सकती है।

विश्व जनसंख्या दिवस पर पढ़िए ऐसी ही जो प्रेरक कहानियां:

पुराने हुनर को मिले नए तेवर-कलेवर

जमुई: दशकों पुराने हुनर को नया तेवर और कलेवर देकर बिहार-झारखंड के कालीन कारीगरों ने पिछले डेढ़ वर्ष में अपनी स्थिति सशक्त करने के साथ व्यापार को भी गति दी है। बिहार में जमुई व इसके पड़ोस में झारखंड के गिरीडीह जिले में कारीगर बेहतरीन कालीन निर्माण में जुटे हैं।

 इसके कद्रदान 40 देशों में हैं। कारीगरों ने यह मुकाम यूं ही नहीं पाया है। हाल ही में इन्हें राजस्थान की एक कंपनी का सहयोग मिला। जिसके बाद नई डिजाइनों पर काम किया गया। काम छोड़कर दूसरे प्रदेशों में मजदूरी कर रहे हथकरघा के हुनरमंद को खोजकर घर में ही काम का भसोसा दिया गया। पारंपरिक ऊनी मैटेरियल में सिल्क और काटन का मिश्रण किया गया। 

इतनी मेहनत की तो फल मिलना लाजिमी था। विदेशी बाजार में विदेशी कंपनियों के मुकाबले अब बिहार-झारखंड की ये कालीनें भारी पड़ रही हैं।

सुरेश पंडित बताते हैं कि पहले इस क्षेत्र में बुनकर खुशहाल थे। बड़ी मशीनों पर काम होने लगा तो छोटे बुनकर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने लगे। कई कोरोना में लाकडाउन में काम छोड़ने को मजबूर हो गए। ऐसे में राजस्थान की एक कंपनी ने सहयोग किया। ऊन, रेशम, काटन आदि के धागे उपलब्ध कराने के साथ ही कारीगरों को प्रशिक्षण दिया। कालीनों की बिक्री का भरोसा भी दिया। काम शुरू हुआ। 

कंप्यूटर पर बनी डिजाइनों को कारीगर हू-ब-हू ताने-बाने पर कसने लगे। गुणवत्ता व डिजाइनिंग का साथ मिला। कंपनी कालीनों को फिनिशंग के लिए भदोही भेजने लगी। वहां से जयपुर व मुंबई के रास्ते कालीन विदेश जाने लगीं। रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी जैसे ठंडे देशों में लोग फर्श-दीवारों पर इन कालीनों को लगाकर घर गर्म रखते हैं।

घर में ही हो रही कमाई

अभी लगभग 300 कारीगर यह काम कर रहे हैं। दूसरे राज्य में चार-पांच हजार रुपये प्रतिमाह में काम करने वाले लोगों को घर में ही 12 से 20 हजार रुपये महीने की कमाई होने लगी। 

सुक्खू मरांडी कारीगरी छोड़कर दिल्ली में लेमन टी बेच रहे थे। अब घर लौट आए हैं। सुरेश पंडित बताते हैं कि कालीन बुनाई से अमूमन 500 से 700 रुपये प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। जयपुर स्थित कंपनी के प्रबंधक राम सिंह सैनी कहते हैं कि कारीगरों की मेहनत और कालीनों की गुणवत्ता विदेशी बाजार में छा रही है।

बारूद की दुर्गंध नहीं, अब यहां बांस की सुगंध

धनबाद : झारखंड में धनबाद का टुंडी क्षेत्र। एक समय यहां नक्सलियों के खौफ से लोग थर्राते थे। बम और गोलियों की आवाज गूंजती थी। वक्त बदला, लोग जागरूक हुए तो विकास की बयार बहने लगी है। यहीं है पूरनडीह गांव। 

तकनीकी नवोन्मेष करने वाले आइआइटी आइएसएम धनबाद ने यहां गुरु की भूमिका निभानी आरंभ की है। इससे ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। यहां के परिवार बांस की कृतियां बनाते हैं। उत्पाद आनलाइन बेचते हैं। इससे इनकी आमदनी बढ़ी है। पहले ये डलिया आदि बनाते थे। बदलाव की बयार के साथ इन्होंने बांस से लैंपशेड, पेन स्टैंड आदि वस्तुएं बनानी शुरू कीं। 

पहले हर माह बमुश्किल दो-तीन हजार आय होती थी, अब दस हजार रुपये से अधिक हो जाती है।

आइआइटी आइएसएम के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर से गांववालों ने तकनीकी प्रशिक्षण लिया। सेंटर का मकसद यही था कि गांव के लोग बांस शिल्प में आगे बढ़ें, नवाचार करें। अपनी आमदनी बढ़ाएं। सजावटी सामान बनाने से आय बढ़ेगी, सो इन ग्रामीणों को बांस शिल्प के पेशेवरों से प्रशिक्षण दिलाया। बांस से बने उत्पादन राज्य के बाहर भी भेजे जा रहे हैं। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे आनलाइन प्लेटफार्म पर प्रशिक्षण के बाद इनके उत्पादों को लिस्टिंग करा दी गई है।

दुनिया बदल गई

बांस से टोकरी बनाने वाली ग्रामीण सुगिया देवी, झानो देवी, अनीता, मंजू, गोविंद और अर्जुन कहते हैं कि पहले बांस से टोकरी बनाकर रोज 50 से 100 रुपये तक कमाई हो पाती थी। इसी बीच अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर की सीईओ आकांक्षा दीदी ने हमें निश्शुल्क प्रशिक्षण दिलाया। अब अच्छी आमदनी हो रही।