*सीएम योगी ने तीन विभागों के 510 अभ्यर्थियों को दिया नियुक्ति पत्र, बोले-प्रदेश सरकार ने चयन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया में भेदभाव रहित व


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत छह वर्षां में राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में नियुक्ति की प्रक्रिया को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है। इस दौरान सरकारी सेवाओं में लगभग छह लाख युवाओं को नौकरी दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से मिशन रोजगार के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए सफल, पारदर्शी तथा शुचितापूर्ण चयन प्रक्रिया के उपरान्त तीन विभागों के लिए कुल 510 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।

जब चुनौती आये तो उससे घबराना नहीं चाहिए

सीएम योगी आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अन्तर्गत चयनित 199 समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (सचिवालय प्रशासन विभाग), 183 कनिष्ठ सहायक (परिवहन विभाग) एवं 128 कनिष्ठ सहायक (निर्वाचन विभाग) को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने निर्वाचन विभाग के 03, परिवहन विभाग के 03 तथा सचिवालय प्रशासन विभाग के 06 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा तैयार की गयी मिशन रोजगार पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।सीएम ने कहा कि पीएम कहते हैं कि जब चुनौती आये, तो उससे घबराना नहीं चाहिए।

चयन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया में भेदभाव रहित बनाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अभ्यर्थी विभिन्न पृष्ठभूमियों के तथा प्रदेश के अलग-अलग भागों से हैं। आज प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों तथा कस्बों से युवाओं की नियुक्ति शासन की सेवाओं में हो रही है। एक संवेदनशील सरकार किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती है। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। सभी 510 अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश शासन से जुड़कर, प्रदेश की 25 करोड़ जनता को अपनी सेवाएं देने के लिए तत्परता से कार्य करेंगे। प्रदेश सरकार ने विगत 6 वर्षां में चयन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया में भेदभाव रहित व्यवस्था बनायी है। प्रदेश में वर्ष 2021 से वर्ष 2023 के बीच लगभग डेढ़ वर्षां में अब तक 16 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 55 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किये जा चुके हैं।

नगर निकाय के चुनाव में किसी प्रकार की धांधली नहीं हुई

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के लिए कनिष्ठ सहायक के 128 पद के लिए अभ्यर्थियों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सहभागिता का अवसर मिल रहा है। तीन माह पूर्व, प्रदेश के लगभग 760 नगर निकायों, जिनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषदों तथा 545 नगर पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हुई। इनमें लगभग 4.5 करोड़ मतदाता थे। नगर निकाय के चुनाव में किसी प्रकार की धांधली, हिंसा अथवा बूथ कैपचरिंग की घटनाएं नहीं हुईं। यह एक मानक है। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भी किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई थी। हाल ही में सम्पन्न पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हिंसा को सभी ने देखा है। सभी नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकार मिलने चाहिए। उत्तर प्रदेश में यह स्थिति हकीकत में देखने को मिल रही है।

सचिवालय की कार्यपद्धति को ई-ऑफिस से जोड़ा गया

सीएम योगी ने कहा कि जो अभ्यर्थी राज्य निर्वाचन आयोग में जा रहे हैं, वे चुनावों की शुचिता को बनाये रखते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करेंगे। सचिवालय प्रशासन में चयनित हुए अभ्यर्थियों को अलग-अलग संवर्गां में कार्य करने का अवसर मिलेगा। इनके पास प्रदेश से जुड़ी हुई समस्याएं तथा सम्बन्धित विभागों के मामले आएंगे। इस रूप में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। योगी ने कहा कि आप सभी अभ्यर्थियों का प्रयास होना चाहिए कि जो व्यवहार आपको खराब लगता है, उसे आप दूसरों के साथ भी न करें। यदि हमें अपना कार्य अटकना खराब लगता है, तो हमारा प्रयास होना चाहिए कि किसी दूसरे का कार्य भी न अटके। सचिवालय की कार्यपद्धति को ई-ऑफिस से जोड़ा गया है। शासन ने यह मानक तय किया है कि कोई भी फाइल किसी टेबल पर तीन दिनों से अधिक तक नहीं रोकी जाएगी।

संविधान के अनुरूप आरक्षण की सुविधा का मिल रहा लाभ

सीएम ने कहा कि वे स्वयं फाइलों को समय से निस्तारित करते हैं। प्रदेश के 25 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने, प्रदेश की अर्थव्यवस्था तथा प्रति व्यक्ति आय को विगत छह वर्षां में दोगुना करने तथा राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर करने के कार्य तभी सम्भव हो पाए हैं, जब हमने किसी भी कार्य को टाला नहीं तथा समय पर निर्णय लिये हैं। विगत छह वर्षां में सभी क्षेत्रों में ईमानदारी से उठाये गये कदमों का परिणाम हमारे सामने है। शासन में चयन की प्रक्रिया भी इसी का हिस्सा है। आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सहित अन्य आयोगों में हम पारदर्शी तरीके से सभी कार्यां को आगे बढ़ा रहे हैं। संविधान के अनुरूप आरक्षण की सुविधा का लाभ हर तबके को उपलब्ध कराया जा रहा है।

पहले यूपी में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी, अब घटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में बेरोजगारी को कम करने में सफलता प्राप्त की है। पहले उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी। राज्य सरकार ने रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न सेक्टर्स का चयन करते हुए दो करोड़ से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा। बैंकों के माध्यम से लाखों युवाओं को ऋण उपलब्ध कराते हुए उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर घटी है और लोगों को रोजगार की सुविधाएं मिली हैं। कोरोना काल खण्ड में उत्तर प्रदेश में लाखों कामगार व श्रमिक प्रदेश में आये। उन्हें राज्य में ही एमएसएमई इकाइयों, ओडीओपी योजना तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्यां में रोजगार उपलब्ध कराया गया। आज वे उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।

हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में ईमानदारी से करें काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए नवचयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा है कि वे सभी शुचितापूर्ण और पारदर्शी कार्य पद्धति के माध्यम से प्रदेश की 25 करोड़ जनता को राहत देने तथा शासन की सुविधाओं से लाभान्वित करने में अपना योगदान देंगे। यह आपकी नैतिक जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने तथा देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का संकल्प लिया है। इसमें उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यदि हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे, तो उत्तर प्रदेश इसमें अवश्य सफल होगा। इसी मार्ग पर बढ़ने के लिए राज्य सेवा से जुड़ने का अवसर नवचयनित अभ्यर्थियों को प्राप्त हुआ है।

सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश में योग्यता का मिल रहा सम्मान

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी नवचयनित अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश की विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनकर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने में अपना योगदान दें। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में योग्यता को सम्मान मिल रहा है। आज सभी भर्ती परीक्षाओं में योग्यता ही आधार है। सरकार पूरी पारदर्शिता के आधार पर चल रही है। शासन की नवचयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा है कि वे सभी सहयोगी व्यवहार के साथ अपने यहां आने वाले लोगों की मदद करें। आपका व्यवहार जनता के मन में शासन की धारणा को परिलक्षित करेगा।

पीएम मोदी के नेतृत्व में बदल रहा है देश तथा उत्तर प्रदेश: दयाशंकर

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश तथा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बदल रहा है। आज प्रदेश में योग्यता के आधार पर अभ्यर्थियों को नौकरी प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री राज्य के 25 करोड़ निवासियों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं।मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार में सभी नियुक्तियां पारदर्शिता, जवाबदेही तथा निष्पक्षता के साथ हो रही हैं। यह सुशासन के लिए अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सरकार संवेदनशीलता तथा प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

सभी अभ्यर्थी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी व निष्ठा से करेंगे

कार्यक्रम में नवचयनित अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव व्यक्त करते हुए कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से सभी अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। प्रदेश में महिलाओं और वंचितों को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर मिल रहे हैं। सभी अभ्यर्थी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी व निष्ठा से करेंगे। इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव परिवहन एन. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन के रविन्द्र नायक, सूचना निदेशक शिशिर, अपर सूचना निदेशक अंशुमान राम त्रिपाठी सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं नव चयनित अभ्यर्थी उपस्थित थे।

*नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने जन-शिकायतों को गम्भीरता से लेने और त्वरित समाधान के दिये सख्त निर्देश*


लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सभी निकाय अधिकारियों को नागरिकों की समस्याआओं को गम्भीरता से सुनने और इसका त्वरित समाधान निकालने के निर्देश दिये हैं जिससे कि शहरवासियों को बेवजह परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे कि समस्याओं का स्थायी समाधान निकल सके। सभी नगर आयुक्त जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए ऐसे नाले-नालियों का सर्वे कराएं जो निर्माण में गड़बड़ी एवं अतिक्रमण के कारण जल निकासी में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं।

नगर विकास मंत्री एके शर्मा आज नगरीय निकाय निदेशालय में सम्भव पोर्टल की व्यवस्था के तहत राज्यव्यापी वर्चुअल जनसुनवाई की और शिकायतकर्ता से संवाद कर परेशानियों के सम्बंध में जानकारी ली तथा सम्बंधित अधिकारी को समस्या के शीघ्र निदान के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य जनमानस को सुख-सुविधाएं मुहैया कराना है। इसमें किसी प्रकार का व्यवधान एवं गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जनसुनवाई के दौरान उन्होंने जलभराव, साफ-सफाई, सीवर, गंदा जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट, गृहकर, अतिक्रमण, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सम्बंधी समस्याओं का समाधान कराया।

इस दौरान उन्होंने गोरखपुर, सहारनपुर, प्रयागराज, मेरठ, बरेली, लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फर्रूखाबाद, बलरामपुर के शिकायतकर्ताओं को सुना। जिन्होंने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म में अपनी शिकायतें दर्ज करायी थी।नगर विकास मंत्री ने जनसुनवाई के दौरान निर्देश दिये कि शहरों में जलभराव की स्थिति में तत्कालिक समाधान के लिए पम्प लगाकर पानी को हटाने का प्रयास करें। इसके स्थायी समाधान पर भी योजना बनाकर कार्य करें। इसके लिए नाले-नालियों के बेहतर निर्माण, अतिक्रमण अवरोधों को हटाने पर कार्य करें। साथ ही इसके लिए सम्बंधित विभागों से भी समन्वय बनाएं और नालियों के निर्माण को व्यवस्थित करें और इसका तकनीकी हल निकालें।

उन्होंने कहा कि समस्याओं के सम्बंध में क्षेत्र के जन- प्रतिनिधियों सांसद, विधायकों से भी बात करें और उनके सुझावों पर भी अमल करें। उन्होंने कहा कि सीवर के पानी में मिल जाने से जलजनित बीमारियां कालरा, हैजा, डायरिया फैलता है। इसके लिए पानी के पाइप को ठीक रखने के निर्देश दिये।नगर विकास मंत्री ने कहा कि सभी नगरों में साफ-सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करें, जिससे लोग नाले-नालियों में कूड़ा व गन्दगी न डालें। बैठक में सचिव नगर विकास रवीन्द्र कुमार, निदेशक नगरीय निकाय नितिन बंसल, अपर निदेशक डॉ असलम अंसारी, उप निदेशक डॉ सुनील यादव उपस्थित थे तथा सभी नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारी वर्चुअल जुड़े थे।

*केवल भौतिक सम्पदा अर्जित करना व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं करता, व्यक्ति का आध्यात्मिक उन्नयन बहुत आवश्यक: सीएम योगी*


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केवल भौतिक सम्पदा अर्जित करना व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं करता। व्यक्ति का आध्यात्मिक उन्नयन बहुत आवश्यक है। आध्यात्मिकता का मतलब समाज का परित्याग करना नहीं होता, बल्कि समाज की परिस्थितियों के साथ जूझने की प्रेरणा प्रदान करती है। समाज के साथ सामंजस्य व समन्वय बनाकर चलना ही वास्तविक अध्यात्म है।मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर श्रीमद् देवी भागवत महापुराण की भाव पूर्ण व्याख्या सहित संगीतमय प्रस्तुति के विमोचन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह सस्वर प्रस्तुति मेधज एस्ट्रो के सीएमडी डाॅ. समीर त्रिपाठी द्वारा दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि शब्द व नीयत शुद्ध हो, तो शब्द ब्रह्म का पर्याय होता है। शब्द अपने आपमें एक मंत्र है। भारतीय मनीषा ने शब्द को हमेशा महत्व दिया है और सदैव इस बात को माना है कि हर अक्षर व शब्द में मंत्र बनने की सामथ्र्य है। शब्द को किस प्रकार बोला जा रहा है और किस प्रकार व्यक्त किया जा रहा, यह वक्ता पर निर्भर करता है। इसलिए शब्द को ब्रह्म का रूप मानकर जब हम उसका अनुष्ठान करते हैं और अभिव्यक्त करते हैं, तो वह अपने आपमें मंत्र होता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे धर्म ग्रन्थ चेतना के विस्तृत आयाम को प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम बने हैं। भारतीय ऋषि परम्परा ने जब वेदों, उपनिषदों, पुराणों के मंत्रों की रचना की होगी, वह स्थिति को योग की भाषा में समाधि की स्थिति तथा ईश्वर की भक्ति में लीन उत्कृष्ट कोटि के साधक के लिए मधुमति की स्थिति कही जाती है। हम अपने जीवन में अपनी चेतना के बहुत ही अल्प रूप का उपयोग कर पाते हैं। भारतीय ज्ञान परम्परा ने चेतना के विस्तृत रूप को समझा है। 

भारत की ऋषि परम्परा ने ब्रह्मण्ड के विभिन्न रहस्यों का उद्घाटन किया है। दुनिया आज जिन चीजों को समझ रही है, उसका ज्ञान हमारे ऋषि-मुनियों ने पहले ही दे दिया था। उन्होंने धर्म के माध्यम से इस ज्ञान को संरक्षित किया। इस ज्ञान को आगे बढ़ाने का दायित्व प्रत्येक व्यक्ति का है। हमारे धार्मिक ग्रन्थ सम एवं विषम परिस्थितियों में हम सभी की प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। धार्मिक ग्रन्थ सम परिस्थितियों में आध्यात्मिक उन्नयन तथा विषम स्थिति में चुनौतियों का सामना करने का सामथ्र्य प्रदान करते हैं। किसी भी प्रकार की चुनौती हो, चाहे वह आधि दैविक, आधि भौतिक या आध्यात्मिक चुनौती हो, उन सभी का सामना करने के लिए हमारे धर्म ग्रन्थ हम सभी को नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।

जब लोग अपनी भाषा में अपने इष्ट को आराधना के दो शब्द कहते हैं, तो यह मान्यता है कि इष्ट से उनका सीधे संवाद होता है। मध्यकाल में महान संत तुलसीदास जी द्वारा लोकभाषा अवधी में श्रीरामचरितमानस की रचना की गयी। तुलसीदास जी ने उस समय जो कुछ भी श्रीरामचरितमानस के माध्यम से हम सभी को दिया, यह लोकभाषा का ही प्रभाव है। तुलसीदास जी ने धर्म को माध्यम बनाकर जन चेतना का कार्य किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीरामचरितमानस की प्रेरणा से मध्यकाल में गांव-गांव में रामलीला का आयोजन प्रारम्भ हुआ। रामलीला आज भी जन-जन को जागरूक करने और सनातन धर्मावालम्बियाें को एकजुट होने की प्रेरणा देती हैं। रामलीला के कार्यक्रम में हर जाति और वर्ण के लोगों की पात्रता रहती है। पूरा समाज एकजुट होकर इस कार्यक्रम से जुड़ता है। महर्षि भारद्वाज के शिष्य महर्षि वाल्मीकि ने भी लोकभाषा लौकिक संस्कृत में रामायण की रचना की। रामायण प्रथम ग्रन्थ है, जिसे लौकिक संस्कृत मंे रचा गया है। वर्तमान में हमारी भाषा हिन्दी है। धार्मिक ग्रन्थों के संस्कृत सस्वर गायन को हिन्दी भाषा में अनुवाद कर श्रोताओं तक पहुंचाया जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवी शक्ति की प्रतीक हैं। शक्ति की उपासना सनातन धर्मावालम्बी पौराणिक काल से करते आये हैं। हमारे देश में ही शक्ति की आराधना वर्ष में दो बार जरूर की जाती है। पहली बार चैत्र मास की बासंतिक नवरात्रि और दूसरी बार शारदीय नवरात्रि के अवसर पर। यू-ट्यूब में रुचि रखने वाले श्रोताओं के लिए मेधज एस्ट्रो द्वारा सरल तरीके से बोल-चाल की भाषा में धार्मिक रचनाओं का सस्वर गायन लगातार विकसित किया जा रहा है। मेधज एस्ट्रो द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस बल के शहीद कार्मिकों के परिजनों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने का कार्य सराहनीय है।इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद सदस्य डाॅ. महेन्द्र कुमार सिंह, एडीजी यूपीएसटीएफ अमिताभ यश, निदेशक सूचना शिशिर, मेधज एस्ट्रो के सीएमडी डाॅ. समीर त्रिपाठी व अन्य लोग उपस्थित थे।

*राहत आयुक्त ने बाढ़ प्रबंधन एवं राहत व बचाव कार्यों के संबंध में जनपदों में राहत चौपाल का आयोजन करने के दिए निर्देश*


लखनऊ। राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि गत दिनों से प्रदेश के कतिपय जनपदों में अत्यधिक वर्षा हो रही है। प्रदेश में हो रही वर्षा के दृष्टिगत जनपदों द्वारा बाढ़ प्रबंधन एवं राहत व बचाव कार्यों के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किया जाना है। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त बाढ़ संवेदनशील ग्रामों में राहत चौपाल आयोजित किया जाना है।

इन चौपालों में जन समुदाय के लोगों व ग्राम प्रधान के साथ-साथ राजस्व, सिंचाई, पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन, पंचायती राज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, कृषि, ग्राम विकास, खाद्य एवं रसद विभाग एवं उर्जा विभाग आदि अन्य विभागों के क्षेत्रीय ग्राम स्तरीय कर्मचारी एवं प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे। राहत आयुक्त ने बताया कि चौपाल का मुख्य उद्देश्य मुख्यतः आपदाओं से होने वाली हानियों को रोकना/न्यूनीकृत करना तथा ग्रामीण स्तर तक आम जनमानस को संभावित बाढ़ के दुष्प्रभाव से बचाना, भविष्य में घटित होने वाली आपदाओं के प्रति जागरूक कर समुदाय का समर्थन किया जाना है।

राहत आयुक्त ने निर्देश दिए कि जनपद में आयोजित ग्राम स्तरीय राहत चौपालों में जिलाधिकारी द्वारा कम से कम पांच राहत चौपाल, अपर जिलाधिकारी द्वारा कम से कम 10 राहत चौपाल, उप जिलाधिकारी द्वारा कम से कम 15 राहत चौपाल, तहसीलदार द्वारा कम से कम 20 राहत चौपाल में व्यक्तिगत रूप से प्रतिभाग करें। उन्होंने नायब तहसीलदार एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनके क्षेत्र के सभी राहत चौपालों में प्रतिभाग करने के भी निर्देश दिए। राहत आयुक्त ने कहा कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत संवेदनशील गांव के प्रत्येक मजरे में राहत चौपाल प्राथमिकता के आधार पर आयोजित करें ।

चौपाल में सर्वप्रथम ग्रामवासियों से उपस्थित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को विशेष रूप से राजस्व कर्मी जो आपदा राहत के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी होते हैं, जैसे - स्थानीय लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार आदि का परिचय ग्राम वासियों से कराएं, जिससे ग्रामवासियों को यह जानकारी रहेगी कि किसी भी आपदा के समय उन्हें किससे संपर्क करना है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के प्रतिनिधि विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ रोधी कार्यों के संबंध में उपस्थित जनसमुदाय को बताएं, साथ ही प्रबंधों की सुरक्षा हेतु क्या व्यवस्थाएं की गई हैं, यह भी प्रतिभागियों को सूचित करें।

*प्रेरणा फिल्मोत्सव मीडिया के छात्रों के लिए सुनहरा अवसर ,बीबीडी में प्रेरणा फिल्मोत्सव के पोस्टर का लोकार्पण*


लखनऊ। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा और प्रेरणा मीडिया संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 1,2,3 दिसम्बर 2023 को प्रेरणा फिल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के मीडिया के छात्र भाग ले सकते हैं। प्रेरणा फिल्मोत्सव में चयनित सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दो लाख रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर ने दी ।

उन्होंने गुरूवार को बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय में प्रेरणा फिल्मोत्सव के पोस्टर के लोकार्पण के बाद छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर कृपाशंकर ने कहा कि जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है जिस ओर जमाना चलता है उस ओर देश चलता है। उन्होंने कहा कि फिल्में समाज को दिशा देती हैं। छोटी फिल्मों के माध्यम से दिशा देने वाले छात्र ही भविष्य में फिल्म मेकर बनने वाले हैं। छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। क्योंकि देश को दिशा देने वाले ये छात्र हैं।

कृपाशंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के मीडिया के छात्रों के लिए पहली बार प्रेरणा फिल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मीडिया के छात्रों के लिए सुनहरा अवसर है। छोटी फिल्म बनायें और पुरस्कार प्राप्त करें। अरूण कुमार ने बताया कि इसमें केवल मीडिया के छात्र ही भाग ले सकते हैं। छात्र 05 अक्टूबर 2023 तक प्रवृष्टियां भेज सकते हैं। प्रेरणा संवाद डाट इन/रजिस्टेशन फार फिल्म पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।

इन विषयों पर लघु फिल्मों को वरीयता प्रेरणा फिल्मोत्सव में आजादी का अमृत महोत्सव,भारतीय लोकतंत्र, जनजातीय समाज, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड की संस्कृति, पर्यावरण,ग्राम विकास, स्वाधीनता आन्दोलन, भविष्य का भारत, सामाजिक सदभाव,धर्म एवं अध्यात्म और महिला सशक्तिकरण के विषय पर आधारित फिल्म होनी चाहिए।

प्रेरणा फिल्मोत्सव के पोस्टर लोकार्पण के अवसर पर बीबीडी पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जय सिंह विक्रम, प्रोफेसर अनुभूति, प्रेरणा संस्थान के संरक्षक शिव प्रताप सिंह,अरूण कुमार और डा.इन्द्रेश प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

*प्रत्येक युवा पर्यटन क्लब को पर्यटन सम्बंधी गतिविधियों के संचालन के लिए 10 हजार की आर्थिक सहायता मिलेगीः जयवीर सिंह*


लखनऊ। प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासत के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रदेश के शासकीय एवं गैर शासकीय शैक्षणिक संस्थानों में युवा पर्यटन क्लब गठित किया जा रहा है। इस पर्यटन क्लब में कम से कम 25 छात्र एवं 02 शिक्षक शामिल किये जाएंगे। इस युवा पर्यटन क्लब के सभी सदस्यों को पर्यटन मित्र कहा जायेगा। इन क्लबों की पर्यटन सम्बंधी गतिविधियों के संचालन के लिए 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जायेगी।

यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि युवा पर्यटन क्लबों के सदस्यों द्वारा फोटोग्राफी, सेल्फी, प्रतियोगिता, साइकिलिंग टूर, हेरिटेज वॉक, स्थानीय भ्रमण आदि कार्यक्रम कराये जाने के साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर जाकर पर्यटन विषयों पर निबंध लेखन, चित्रकला, पोस्टर बनाना, नाट्य रूपांतरण, वाद-विवाद जागरूकता अभियान आदि गतिविधियां सम्पादित की जाएंगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उप्र पर्यटन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित राजकीय इण्टर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, अटल श्रमिक स्कूल, कस्तूरबा गांधी विद्यालय आदि शैक्षणिक संस्थानों को पर्यटन सम्बंधी गतिविधियों के लिए 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि एक मण्डल में एक वर्ष में अधिकतम 10 ऐसे क्लबों को सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी की संस्तुति पर सहायता प्रदान की जायेगी। किसी शैक्षणिक संस्थान को वर्ष में एक बार ही आर्थिक सहायता दी जायेगी।

*यूपी पुलिस भर्ती: आयु सीमा में छूट दी जाने की मांग को लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन*


लखनऊ । सवर्ण आर्मी की बैठक में सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पाण्डेय ने कहा की पुलिस भर्ती २०२३ में सामान्य वर्ग के बच्चे बच्चियों की आयु सीमा में छूट नहीं दी जा रहीं है जो की बहुत बड़ा भेद भाव सामान्य वर्ग के बच्चों के साथ किया जा रहा है । सवर्ण आर्मी पूरे प्रदेश में हर जनपद में मुख्यमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा दिया जा रहा है । जिसमे मांग की गईं है की सामान्य वर्ग के बच्चों की आयु सीमा 18 से 25 वर्ष बच्चियों की 18से 28 वर्ष ईडब्ल्यूएस वर्ग के बच्चों की 18से 28साल किया जाय।

सरकार के पास ऐसा कौन सा चश्मा है जिसमें दलित ओबीएस 28 साल तक जवान रहते हैं । सामान्य वर्ग का 22साल मे बूढ़ा हो जाता हैं। मानसिक शारीरिक रूप से कमजोर हो जता है। दुर्भाग्य की बात है कि सामान्य वर्ग के लोग किसी न किसी विधायक सांसद मंत्री दल के नेता के आगे पीछे घूम रहे हैं । बच्चों पर लाखों रुपए खर्च किए हैं 1018 के बाद पुलिस भर्ती नहीं निकली जिस कारण आयु सीमा के कारण भर्ती से बाहर हो जा रहे हैं। लाखों बच्चे भर्ती से बाहर हो गए थे उनमें से दस हजार भी बच्चे सड़क पर उतर आए तो स्थित बदल जाती ।

अगर आप खुद नहीं लड़ोगे तो तुम्हारी लड़ाई कौन लड़ेगा । क्या सामान्य वर्ग के लोग पार्टी का झंडा डंडा लेकर की चलेंगे मैं एससी एसटी ओबीसी भाई का न ही सरकार का विरोध कर रहा हूं । सवर्ण आर्मी प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने कहा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिशा निर्देश में उत्तर प्रदेश के हर जिले में पुलिस भर्ती मे आयु सीमा बड़ाने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जा रहा है ।प्रदेश सचिव चन्द्र प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में मथुरा फिरोजाबाद अमेठी एम ज्ञापन दिया जा रहा है। अन्य जिले में ज्ञापन सौंपा जानें की तैयारी की जा रही है 18जुलाई तक सभी जिले में जिलाधिकारी को ज्ञापन दे दिया जायेगा ।

*मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिए*


लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 08 आकांक्षात्मक जनपदों और 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के समग्र विकास का प्रयास अपेक्षित परिणाम देने वाला सिद्ध हो रहा है।

इन सभी क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा सहजता से उपलब्ध हो, इसके लिए राज्य सरकार सभी आवश्यक प्रबन्ध करने को संकल्पित है। आकांक्षात्मक जनपदों और विकास खण्डों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए अनेक बड़े संस्थानों ने निवेश की इच्छा प्रकट की है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग इन क्षेत्रों में अस्पतालों के विकास के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यथाशीघ्र अच्छी नीति तैयार करे।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि नवीन नीति तैयार करते समय निजी क्षेत्र की आवश्यकताओं के ध्यान में रखा जाए। प्रारम्भिक चरण में हमें इन क्षेत्रों में न्यूनतम 50 बेड की क्षमता वाले अस्पताल की स्थापना पर फोकस करना चाहिए। यह प्रयास आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक विकास खण्डों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सहज बनाने में सहायक होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के सभी पदों पर योग्य एवं कुशल चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए। कहीं भी कोई पद रिक्त न रहे। अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। वर्तमान में सीधी भर्ती और सामान्य चिकित्सकों के विशेष प्रशिक्षण द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता करायी जा रही है, किन्तु भविष्य के दृष्टिगत अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु में वृद्धि किए जाने पर विचार किया जाए। इसके साथ ही, चिकित्सकों को पुनर्नियोजित करने के नियमों को भी बेहतर किए जाने की आवश्यकता है। राजकीय चिकित्सकों को परिवीक्षा अवधि में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति दी जाए। इस अवधि हेतु असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।

*अयोध्या में निर्मित किए जा रहे गेटवे कॉम्प्लेक्स में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए : सीएम योगी*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उनके सरकारी आवास पर पर्यटन विभाग द्वारा प्राचीन धरोहर भवनों के एडॉप्टिव रियूज, जनपद अयोध्या में प्रस्तावित संग्रहालय मंदिर एवं गेटवे कॉम्प्लेक्स टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेण्टर के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है।

प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए गम्भीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विरासत सम्पत्तियों के मूल गौरव को स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। इसमें निजी निवेश का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में जनपद लखनऊ की छत्तर मंजिल, कोठी गुलिस्तां-ए-इरम, कोठी दर्शन विलास, कोठी रोशन-उद्-दौला के साथ ही जनपद मिर्जापुर के चुनार किला, बरसाना के जलमहल, कानपुर के शुक्ला तालाब, बिठूर की टिकैतराय बारादरी की असंरक्षित विरासत सम्पत्तियों को विकसित किया जाए।

प्रदेश में विरासत सम्पत्तियों के मूल गौरव को स्थापित करने का कार्य किया जा रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद अयोध्या में संग्रहालय मंदिर के निर्माण के दौरान भगवान श्री राम से सम्बन्धित परम्पराओं का समावेश किया जाए। अयोध्या में आने वाले श्रद्धालु भगवान श्रीराम एवं उनकी परम्पराओं के जानना चाहते हैं, इसलिए संग्रहालय में रामलीला एवं रामायण के विभिन्न दृश्यों का अंकन हो। उन्होंने कहा कि जनपद अयोध्या में निर्मित किए जा रहे गेटवे कॉम्प्लेक्स में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। पंचकोसी एवं चौदह कोसी मार्गों को इस प्रकार विकसित किए जाए कि वहां पर प्राकृतिक सौंदर्य बना रहे।

*आॅनलाइन ठगी से निपटने को यूपी पुलिस से जुड़ेंगे फिल्मी सितारे व खिलाड़ी*


लखनऊ । यूपी पुलिस के तमाम प्रयास करने के बाद आॅनलाइन ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि मोबाइल पर अनजान काल आने के बाद ओटीपी व अपनी निजी कोई जानकारी न दें। मोबाइल फोन पर फालतू ऐप लोड न करें। सस्ता गिफ्ट पाने के चक्कर में आनलाइन खरीदारी सोच समझकर करें। यह सब बताने के बाद भी लोग साइबर ठग के चुंगल में फंसकर आॅनलाइन ठगी के शिकार हो जा रहे है। जबकि साइबर ठगी के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके लिए प्रदेश के हर जिले में अलग से थाना स्थापित किया जा रहा है। ताकि आॅनलाइन ठगी की आने वाले शिकायतों जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सके।

उत्तर प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध को लेकर पुलिस महकमा गंभीर

पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक के सम्मेलन में क्षेत्रीय भाषाओं में साइबर क्राइम एवं हेल्प लाइन के बारे में आमजन को जागरूक किये जाने की अपेक्षा की गयी थी। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फिल्म अभिनेता राजकुमार राव के माध्यम से आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किये जाने का प्रयास किया गया है। भविष्य में अन्य फिल्मी सितारों, खिलाड़ियां को भी साइबर क्राइम के जागरूकता अभियान से जोड़े जाने का कार्य यूपी पुलिस द्वारा किया जायेगा। वर्तमान में 18 परिक्षेत्रीय मुख्यालय पर साइबर थाने क्रियाशील हैं। जिनमें 91 निरीक्षक, 93 उनि, 51 मुख्य आरक्षी एवं 176 आरक्षी के पद तथा इनके प्रभावी पर्यवेक्षण के लिए मुख्यालय स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक के अधीन 17 पुलिस उपाधीक्षक, चार अपर पुलिस अधीक्षक, दो पुलिस अधीक्षक एवं एक पुलिस महानिरीक्षक के पद स्वीकृत किये गये हैं।

अब तक 75 में से 57 जनपदों में खोले जा चुके हैं साइबर थाना

सीएम द्वारा प्रत्येक जनपद में साइबर थाना खोले जाने की घोषणा की गयी थी, जिसके अनुपालन में प्रदेश के 57 जनपदों में साइबर थाना स्थापित करने की कार्रवाई प्रचलित है। साइबर धोखाधड़ी पर त्वरित कार्रवाई के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 13-05-2021 से 247 क्रियाशील है। इस हेल्पलाइन की मदद से अभी तक प्रदेश में रुपए लगभग 52.50 करोड़ की राशि सम्बन्धित बैंकों में फ्रीज/होल्ड करायी गयी है। साइबर अपराधों में प्रदेश के थानों द्वारा कुल 5,432 साइबर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया एवं 89.46 करोड़ रुपए की धनराशि बरामद की गयी है। साइबर अपराध से सम्बन्धित अभियोगों में त्वरित रूप से गुणवत्तापूर्ण विवेचनात्मक कार्रवाई की जा रही है एवं साइबर क्राइम अपराध सम्बन्धित अभियोगों में अभी तक 5,477 आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किये जा चुके है।

कार्रवाई के लिए 13 मई 2021 को जारी किया गया 1930 हेल्पलाइन नंबर

यूपी पुलिस द्वारा आॅनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के विरुद्ध चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का बॉलीवुड के फिल्मस्टार राजकुमार राव ने भी किया समर्थन। आमजन को आॅनलाइन शॉपिंग फ्रॉड से सतर्क रहने एवं जागरूक किए जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने ट्विटर पर नौ जुलाई को ट्वीट किया गया। उक्त ट्वीट में बॉलीवुड फिल्म स्टार राजकुमार राव ने आॅनलाइन शॉपिंग फ्रॉड से लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए यूपी पुलिस के साइबर क्राइम जागरूकता अभियान की सराहना की गई है। यूपी पुलिस के इस ट्वीट को अभी तक लगभग 22 हजार लोगों द्वारा देखा जा चुका है तथा लगभग 425 से अधिक लोगों द्वारा ट्वीट और 560 से अधिक लोगों द्वारा लाइक किया जा चुका है।