महाराष्ट्र की राजनीतिक घटना को राजद प्रदेश अध्यक्ष ने बताया देश के लोकतंत्र का मजाक बनने वाला घटनाक्रम

डेस्क : महाराष्ट्र के घटनाक्रम के बाद से लगातार भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि बिहार में भी जदयू और राजद में टूट होना तय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू के विधायकों और सांसदों से मिलने की घटना को भी जदयू में सम्भावित टूट बताते हुए भाजपा ने कटाक्ष किया था।

अब इन्हीं कयासबाजियों और अटकलों के बीच राजद के वरिष्ठ नेता व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।

जगदानंद सिंह ने आज मंगलवार को कहा कि ने कहा कि बिहार कभी धन-दौलत के आगे नहीं बिका है। उन्होंने महाराष्ट्र में हुए राजनैतिक घटनाक्रम को देश के लोकतंत्र के लिए अनुचित करार देते हुए इसे भारत के लोकतंत्र का मजाक बनने वाला घटनाक्रम करार दिया।

उन्होंने कहा कि बिहार में भी कोई बड़ा सियासी बदलवा नहीं होगा। इस प्रकार की अटकलबाजी करने वालों के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। बिहार कभी भी धन और दौलत के आगे नहीं बिका है।

वहीं जगदानंद सिंह ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या खरीद-बिक्री से लोकतंत्र चलेगा? पूरे दुनिया में भारत मज़ाक का पात्र बनता जा रहा है। ये विश्व गुरू बनेंगे? उन्होंने कहा कि देश में निर्वाचित सरकारों को अडानी-अंबानी के पैसे से खरीदकर तोड़ा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बिहार कभी धन-दौलत के आगे नहीं बिका। यहां टूट की कोई संभावना नहीं है।

बताते चले महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बाद से बिहार को लेकर भी कयासों का दौर शुरू हो गया है। दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी कोई बड़ा सियासी उठापटक हो सकता है। विपक्षी दल जबरदस्त तरीके से भाजपा पर हमलावर हैं। वहीं, भाजपा का दावा है कि बिहार में राजनीतिक दलों के भीतर विद्रोह की स्थिति है। भाजपा इस तरह के दावे जदयू के लिए कर रही है।

पूर्व सीएम मांझी के बेटे को केन्द्र सरकार का तोहफा, अब वाई + श्रेणी की सुरक्षा में रहेंगे संतोष सुमन

डेस्क : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को केंद्र सरकार ने तोहफा देते हुए वाई + श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष सुमन की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया। उन्हें अब वाई + श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

पिछले महीने ही जीतनराम मांझी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने हम को जदयू में विलय करने की शर्त रखी थी। इसके बाद मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। बाद में मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद एनडीए में शामिल होने की घोषण की थी। बिहार में भाजपा को हम के रूप में एक बड़ा साथी मिला है। अब इन सबके बीच संतोष सुमन को वाई + श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

मांझी की भाजपा से बढ़ी नजदीकियों और बिहार में हर दिन बदलते सियासी समीकरण के बीच अब संतोष सुमन कोई वाई + श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय बेहद खास माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले अपने सहयोगियों को मोदी सरकार द्वारा बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में यह एक बड़ा संदेश देने वाला कदम माना जा रहा है।

गौरतलब है कि इसके पहले चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी को केंद्र सरकार ने सुरक्षा प्रदान कराई है. अब उसी कड़ी में संतोष सुमन का नाम शामिल हो गया है।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 7 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर


डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। जिसमें 7 एजेंडो को मंजूरी दी गई है।

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उद्योग विभाग के तहत बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को स्वीकृति दे दी गई है। जबकि बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन( वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 का अवधि विस्तार 30 जून 2024 तक करने का निर्णय लिया गया है।

भवन निर्माण विभाग के अतर्गत विभिन्न श्रेणी के कुल पांच पदों के सृजन तथा आशुलिपिक के अनावश्यक कुल 53 पदों को विलोपित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही साथ सरकार ने बिहार वास्तिविद सेवा नियमावली 2014 में संशोधन करते हुए संविदा पर बहाल हुए नियोजित कर्मियों को नियमित करने का फैसला लिया है।

सरकार ने राष्ट्रीय बचत कार्यालयों में आशुलिपिक संवर्ग के स्वीकृति 8 पदों में से आशुलिपिक ग्रेड 2 के 2 पदों को समायोजित करते हुए अंकेक्षण निदेशालय में आशुटंकक संवर्ग के पदों को मूल कोटि एवं प्रोन्नोत्ति के पदों में वर्गीकृत करने तथा राष्ट्रीय बचत आशुलिपिक संवर्ग के शेष 6 पदों को प्रत्यर्पित किया है।

वहीं भारत सरकार द्वारा तैयार एवं अधिसूचित अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम 2019 की धारा 38 के अधीन बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को बिहार राज्य में अंगीकृत किए जाने की स्वीकृति दी गई है।

इसके साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग के तहत सरकार ने विदेशी आयुर्विज्ञान स्नातकों को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली के दिशा निर्देशों के आलोक में राज चिकित्सा परिषद में निबंध के क्रम में इंटर्नशिप के लिए राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों में इंटरशिप की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है।

तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई द्वारा चार्जशीट दायर करने पर गरमाई बिहार की सियासत, बीजेपी और महागठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई है। नौकरी के बदले जमीन मामले में सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अभियुक्त बनाते हुए नई दिल्ली के रॉउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायालय में दूसरी चार्जशीट दायर की। तेजस्वी के अलावा तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 16 अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें रेलवे के कुछ पूर्व अधिकारियों के भी नाम अभियुक्तों की लिस्ट में शामिल हैं।

इधर इस मामले को लेकर बिहार की सियासत गरम हो गई है। प्रदेश की सत्तासीन और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है।  

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने इस मामले को लेकर सीधे-सीधे बीजेपी और केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आज मंगलवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करती रही है. अब जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र में राजद प्रमुख लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम को शामिल करने से यह फिर से सिद्ध हुआ है।

कहा कि अगस्त 2022 में जब बिहार में तेजस्वी यादव महागठबंधन में शामिल हो गए तो जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरोप पत्र दायर किया जा रहा है। वहीं इसी मामले में पहले ही दो बार सीबीआई ने जांच की और आरोपों को खारिज कर दिया। ऐसे में यह हर कोई जानता है कि केंद्र क्या कर रहा है। जनता सब कुछ देख रही है कि कैसे सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का दुरूपयोग हो रहा है। 

वहीं आरजेडी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि यह बीजेपी की बौखलाहट है, जिसके कारण वह विपक्ष को परेशान करने के लिए सीबीआई, ईडी, आईटी जैसी केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। जिस दिन बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी, उसी दिन से तेजस्वी भाजपा के आंख की किरकिरी बने हुए हैं। देश की जनता सब कुछ देख रही है और समय आने पर इसका माकूल जवाब देगी।

वहीं दूसरी ओर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सीबीआई द्वारा ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया है। जिसके सारे दस्तावेज ललन सिंह ने ही तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उपलब्ध कराया था।

इस जमीन घोटाले का संबंध तेजस्वी यादव के नई दिल्ली स्थित 150 करोड़ के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी डी-1088 के बंगले से है जिसे तेजस्वी यादव ने एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से मात्र 4 लाख में खरीद लिया था। इस पूरे मामले में तेजस्वी यादव से कई बार पूछताछ हो चुकी है तथा लालू प्रसाद, राबड़ी देवी व मीसा भारती पहले से चार्जशीटेड हैं।

शिक्षक नियुक्ति नियमावली में हुए बदलाव को मुख्य सचिव ने किया स्पष्ट, कहा- दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

डेस्क : बिहार में शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल की अनिवार्यता को समाप्त किये जाने को लेकर बवाल मचा है। बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों राजधानी पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था। 

इस इस मामले को लेकर बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने नियमावली को लेकर साफ किया है कि शिक्षक नियुक्ति में देश के सभी राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। सिर्फ बिहार के स्थायी निवासी को ही मौका देना असंवैधानिक होगा। इसलिए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बिहार के निवासी होने की शर्त हटा दी गई है। 

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। आरक्षण सिर्फ बिहार के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा।

मुख्य सचिव ने सोमवार को पुराना सचिवालय के सभागार में बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा की जा रही शिक्षक नियुक्ति में बिहार राज्य के स्थायी निवासी की शर्त हटा दी गई है। इस शर्त को रखना व्यावहारिक और कानूनन संभव भी नहीं है। आर्टिकल 16 में बिल्कुल स्पष्ट है कि राज्य के अधीन किसी नियोजन एवं पद पर जन्म स्थान या निवास स्थान आदि के आधार पर कोई नागरिक अपात्र नहीं होगा।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने इस मामले में अभियुक्त बनाते हुए कोर्ट में दायर की चार्जशीट

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई है। नौकरी के बदले जमीन मामले में सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अभियुक्त बनाते हुए नई दिल्ली के रॉउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायालय में दूसरी चार्जशीट दायर की। 

तेजस्वी के अलावा तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 16 अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें रेलवे के कुछ पूर्व अधिकारियों के भी नाम अभियुक्तों की लिस्ट में शामिल हैं।

100 पन्नों से अधिक की इस चार्जशीट में सीबीआई ने पूरे मामले में तीन दर्जन से अधिक लोगों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी में नौकरी देने के नाम पर जमीन-जायदाद लिखवाने की बात कही गई है। 

सीबीआई ने इस मामले में 18 मई 2022 को दायर पहली चार्जशीट में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती समेत अन्य समेत 16 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। वहीं, दूसरी चार्जशीट में तेजस्वी यादव को भी अभियुक्त बनाया गया है। नए सिरे से दाखिल इस आरोपपत्र पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन पूर्व में दायर आरोपपत्र पर 12 जुलाई को सुनवाई होनी है।

सीएम नीतीश कुमार पर लिखी गई पुस्तक का राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने किया विमोचन, महाराष्ट्र की राजनीति में हुए बदलाव पर कही यह बात

डेस्क : राजद सुप्रीमो लालू यादव आज सोमवार को पटना के ज्ञानभवन पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर लिखी गई पुस्तक ‘अतरंग दोस्तों की नज़र से- नीतीश कुमार’ का लोकापर्ण किया। वहीं इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। 

लालू प्रसाद ने महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में हुए टूट के सवाल पर शरद पवार का साथ देते हुए कहा कि, शरद पवार एक मजबूत नेता हैं, उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। 

वहीं उन्होंने भाजपा नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि, शरद पवार के साथ जो भी हुआ है हम उसका बदला ले कर रहेंगे। लालू यादव ने कहा कि, हम लोग भाजपा का सफाया कर के रहेंगे।

वहीं, महाराष्ट्र में हुई घटना बिहार में भी होगी। इसलिए नीतीश कुमार इन दिनों अपने विधायकों से मिल रहे हैं। सुशील कुमार मोदी के इस बयान पर लालू यादव ने कहा कि, कौन हैं सुशील मोदी, क्या है सुशील मोदी। साफ तौर पर लालू यादव ने यही कहा कि उनके नजरों में सुशील मोदी कुछ भी नहीं हैं और वह उनकी बातों पर तवज्जो नहीं देते हैं। 

बता दें बीते रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलट फेर हुआ। शरद पवार की पार्टी एनसीपी में बड़ा टूट हुआ। पार्टी के वरिष्ठ नेता व शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी की बड़ी संख्या में विधायको को लेकर प्रदेश की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिला है। जिसके बाद बिहार की राजनीति भी गरम है। यहा बीजेपी और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है।

जनता के दरबार में महिला की शिकायत सुनकर गरम हुए सीएम नीतीश कुमार, फौरन एडीजी को किया तलब

डेस्क : आज महीने के पहले सोमवार को एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में हाजिर होकर फरियादियों की शिकायत सुन रहे है। 

वहीं फरियादियों की शिकायत पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दे रहे है।  

वहीं जनता के दरबार में एक पीड़ित महिला ने शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने एड़ीजी को फौरन तलब किया। जिसके बाद एडीजी मुख्यालय भागे-भागे मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महिला की शिकायत को सुनिए और आवश्यक कार्रवाई करिए। 

सिवान से आई एक महिला ने सीएम नीतीश से कहा कि केस दर्ज करने पर धमकी दे रहा है। इसके बाद सीएम नीतीश ने फोन लगाकर कहा कि मामले को तत्काल देखिए। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अफसर को फोन लगाकर कहा कि सिवान से महिला आई हैं। प्रियंका कुमारी। ये कह रही हैं कि इन्होंने केस किया तो इनको धमकी मिल रही है। इसको देखिए जरा। 

वही सिवान से आई दूसरी महिला ने भी केस करने पर धमकी देने का आरोप लगाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फोन लगाकर कहा कि जरा देखिए इसको। केस करने पर केस वापस लेने की धमकी दे रहा है। वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है। तत्काल इस मामले को देखिए। यह 2021 का मामला है।

जनता के दरबार में हाजिर है सीएम नीतीश कुमार, फरियादियों की शिकायत सुन उसपर कार्रवाई का दे रहे निर्देश

डेस्क : आज महीने के पहले सोमवार को एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में हाजिर होकर फरियादियों की शिकायत सुन रहे है। 

वहीं फरियादियों की शिकायत पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दे रहे है।  

आज महीने का पहला सोमवार होने के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष गृह, पुलिस, राजस्व एवं भूमि सुधार, सामान्य प्रशासन आदि विभागों से जुड़ी समस्याएं लोग रखें रहो है। जिसपर सीएम तत्काल समस्याओं का निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश पदाधिकारियों को दे रहे है।

महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट पर बिहार में सियासी घमासान, बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी का दौर शुरु

डेस्क : बीते रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलट फेर हुआ। शरद पवार की पार्टी एनसीपी में बड़ा टूट हुआ। पार्टी के वरिष्ठ नेता व शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी की बड़ी संख्या में विधायको को लेकर प्रदेश की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिला है। 

इधर एनसीपी में टूट पर बिहार में सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने कहा है कि प्रधानमंत्री का जो विरोध करेंगे, उनका यही हश्र होगा। दूसरी ओर महागठबंधन के नेताओं ने पलटवार किया कि भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास नहीं रहा। वह जनता के भरोसे नहीं, बल्कि जोड़-तोड़ के सहारे सत्ता हासिल करना चाहती है।

महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी। उन्होंने दावा किया कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांपकर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया। जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। पार्टी में भगदड़ की आशंका है। जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीटें नहीं आएंगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी।

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुंगेर सांसद ललन सिंह ने भाजपा को निशाने पर लिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा का यही खेल होता है। वह जनता की ताकत पर भरोसा नहीं करती है। जोड़-तोड़ पर विश्वास करती है। पर जनता की ताकत पर सब दिन उनको झटका लगेगा। इस सवाल पर कि क्या बिहार में भी भाजपा इस तरह की कोशिश करेगी, ललन सिंह ने कहा कि बहुत कोशिश कर चुके हैं। भाजपा को सबदिन झटका ही लगेगा।

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि प्रधानमंत्री को विपक्षविहीन लोकतंत्र चाहिए। रविवार को वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि अजीत पवार का उपमुख्यमंत्री बनना और नौ मंत्री बनाया जाना किसी व्यक्ति का निर्णय नहीं है। ये तो स्पष्ट हो गया कि एक बड़ी स्क्रिप्ट लिख रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और उनकी कोर टीम खुद जिम्मेवार है। उन्होंने भोपाल से इशारा किया था कि एक भी भ्रष्टाचारी छोड़ा नहीं जाएगा। तो, ये इनका तरीका है भ्रष्टाचार के आरोप में घेरकर, एजेंसी से दबाव बनवाकर, यही काम उन्होंने भोपाल से किया और इसकी परिणति आज हम महाराष्ट्र में देख रहे हैं। इडी-आईटी का दबाव बनाकर राजनीतिक फैसले बदलवाते हैं, ये स्वयं प्रधानमंत्री के लिए चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि रथ का पहिया पलट रहा है। इन एजेंसियों की किस तरह की कार्यशैली हो गयी है। यह सब कुछ तबाह कर देंगी।