पटमदा : एक कुआं पर आश्रित 62 परिवार, पानी के लिए तरसते हैं ग्रामीण, सरकारी अपेक्षा का शिकार 3 जलमीनार व 2 चापाकल खराब
सरायकेला : कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिला के पटमदा प्रखण्ड की काशमार पंचायत के गोलकाटा गांव के माझीडीह टोला में निवास करने वाले 62 आदिवासी परिवारों को पीने व नहाने का पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकारी की अपेक्षा का शिकार यहां 3 जलमीनार एवं 2 सरकारी चापाकल हैं जो पिछले दो से चार माह से खराब पड़े है।
इसकी जानकारी बीडीओ (पियूषा शालीना डोना मिंज) एवं मुखिया लक्ष्मी सिंह को दिए जाने के बावजूद अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
प्राचीन कालीन में बने एक पुराने कुआं से महिलाओं को दो बूंद, बूंद पानी के लिए घंटो भर कतार बंद खड़े होकर पानी भरना पड़ता है ।
उसमें भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता है। क्योंकि इस समय कुआं भी सूख चुका है, और उसमें एक से दो फीट तक ही पानी है जिसके कारण इंतजार के बावजूद कभी-कभी पानी नसीब नहीं होता।
मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ा जलमीनार
गांव के मकर सोरेन, मुक्तिपद हांसदा, अनादि मांडी, सागर बेसरा, शंकर मांडी, परान हांसदा, पुष्परानी मांडी व स्वर्णलता हांसदा आदि ने बताया कि गांव में एक भी तालाब नहीं है इसलिए गांव के लोग बाघ जभड़ा नाला में ही स्नान करते हैं। लेकिन पिछले करीब एक माह से वह भी सूख चुका है।
ग्रामीणों द्वारा शंकर मांडी की पहल पर जेसीबी से गड्ढा खोदने के बाद अभी उसमें नहाने का काम चल रहा है।
इसमें स्थानीय विधायक मंगल कालिंदी ने 7 हजार रुपये की आर्थिक मदद की है जबकि ग्रामीणों की ओर से 11 हजार रुपये चंदा किया गया है। ग्रामीणों में प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी आक्रोश है और लोग अगले चुनाव में जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने की बात कह रहे हैं।
इस संबंध में पटमदा के वर्तमान बीडीओ अरविंद बेदिया ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है वे जलमीनार व चापाकलों की मरम्मत का कार्य हेतु पेय जल स्वच्छता विभागीय के जेई से बात करेंगे।
Jun 22 2023, 09:42