पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स की तैनाती का हाईकोर्ट का आदेश बरकरार
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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने राज्य चुनाव आयोग की याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। इसे ममता बनर्जी सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।दरअसल पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट ने 48 घंटे के भीतर हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में केंद्रीय बल की तैनाती के खिलाफ राज्य सरकार और बंगाल चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि चुनाव प्रबंधन हिंसा का लाइसेंस नहीं देता है। न्यायमूर्ति नागरत्न ने कहा कि चुनाव कराने से हिंसा में लिप्त होने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव और लोकतंत्र की विशेषताएं है। हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं हो सकते हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी और इसके साथ ही केंद्रीय वाहिनी तैनाती की हाईकोर्ट के फैसले को बहाल रखा है।
नागरत्ना ने कहा कि हाईकोर्ट ने ये आदेश इसलिए दिया क्योंकि 2013, 2018 मे हुई हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हिंसा के माहौल मे चुनाव नहीं कराया जा सकता। चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होना चाहिए। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि अगर लोगों को इस बात की भी आजादी नहीं है कि वो नामंकन पत्र दाखिल कर पाए, उनकी हत्या हो रही है तो फिर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात का सवाल ही नहीं उठता। हाईकोर्ट ने हिंसा की ऐसी तमाम घटनाओं के मद्देनजर ही ऐसा आदेश दिया होगा।
जस्टिस नागरत्न ने कहा, आपने पांच राज्यों से पुलिस मांगी है और हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों को तैनात करने को कहा है। खर्चा केंद्र वहन करेगा। आपकी कठिनाइयां कहां हैं? इसके अलावा अगर केंद्रीय बल चुनाव में कानून-व्यवस्था के सवाल पर उलझे हैं तो इसमें दिक्कत कहां है?
इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि ऐसा नहीं है, हमने पुलिस फोर्स का इंतजाम कर लिया है।राज्य सरकार के वकील ने कहा कि 8 जुलाई को चुनाव होना है। आज (20 जून) नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है, 189 सेंसिटिव बूथ हैं। हम सुरक्षा को लेकर पूरी तैयार हैं।इसके साथ जस्टिस ने राज्य चुनाव आयोग की याचिका को खारिज कर दिया। इससे हाईकोर्ट का सभी केंद्रों पर केंद्रीय वाहिनी की तैनाती का फैसला बहाल रहा।
Jun 20 2023, 14:28