नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति नहीं कराए जाने के विरोध में वाम मोर्चा ने जलाया प्रधानमंत्री का पुतला
धनबाद। नए संसद भवन काउद्घाटन राष्ट्रपति नहीं कराए जाने के विरोध में रविवार को रणधीर वर्मा चौक पर वाम दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया।
पुतला दहन के बाद नेताओं ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराना संविधान का अपमान है। संविधान के अनुसार भारत के राष्ट्रपति और दोनों सदनों से मिलकर संसद का निर्माण होता है। राष्ट्रपति ही सदन के सत्र को आहूत करते हैं, स्थगित और समापन करते हैं।
संवैधानिक भावना के आधार पर राष्ट्रपति ही भारतीय संसद का जीवन्त प्रतीक है। राष्ट्र-का प्रथम नागरिक, संवैधानिक प्रधान और संसद के भौतिक प्रतीक को ही नए संसद भवन के उद्धाटन के मौके पर आमंत्रित नहीं करना संविधान की मूल भावना का केवल कुठाराघात ही नहीं बल्कि संविधान का भी अपमान है। ये तब हो रहा है, जब देश के पीएम मोदी देश पर हिंदू राष्ट्रवाद थोपना चाहते हैं। यही संक्रिन कारण है कि देश की एक महिला आदिवासी श्रीमती द्रोपति मुर्मू राष्ट्रपति हैं।
देश को संविधान से नहीं सनातन धर्म से चलाना चाहते हैं। यह असंवैधानिक काम और यह कोई और नही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। इसलिए देश के 21 विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने संसद भवन के उद्धाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है। मौके पर सीपीआईएम जिला सचिव मंडल सह राज्य कमिटी सदस्य शिव बालक पासवान, सीपीआई जिला परिषद सचिव मो.फिरोज रजा कुरैशी,सीपीआई एमएल के नकुल सिंह, मासस नेता राणा चट्टराज, फॉरवर्ड ब्लॉक के राज्य सचिव मोहफिज साहील, आरएसपी राज्य सचिव गणेश दीवान शामिल थे।












May 28 2023, 20:30
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