तो क्या फिर होगा धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन बंद...?,इस बार बंद का कारण भूमिगत आग नही, बल्कि जमीन के नीचे दबा हुआ 295 मिलियन टन कोयला होगा...!
इसको लेकर इसी महीने होगी दिल्ली में कैबिनेट की बैठक ,होगा इस पर चर्चा,
धनबाद : धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन की जमीन के नीचे 295 मिलियन टन कोयला है। रेल लाइन को शिफ्ट करने में करीब दो हजार करोड़ राशि खर्च आएगा। रेल लाइन के शिफ्ट होने से सबसे अधिक फायदा कोल इंडिया को होगा। कमेटी ने शिफ्ट करने पर खर्च को लेकर रेल मंत्रालय को ही करने के लिए कहा है।
राशि काफी बड़ी है इसलिए रेल और कोयला मंत्रालय मिलकर नीति तय करेगी। इसे लेकर इसी महीने कैबिनेट सचिव की बैठक में चर्चा होगी। झरिया मास्टर प्लान को लेकर पीएमओ द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने भी ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जिस पर अंतिम निर्णय लिया जाना है।
कोकिंग कोल पर है नजर
धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन के नीचे भूमिगत आग में कोकिंग जल रहा है। जल रहे कोकिंग कोल को बचाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। नीति आयोग के पास भेजी गई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि
रेल लाइन के नीचे 295 मिलियन टन कोयले का भंडार है।
34 किमी के इस रेल लाइन के किनारे 195 मिलियन टन कोकिंग कोल है, जिसकी कीमत करीब 65 हजार करोड़ बताई जा रही है। यह लागत समय और बाजार के साथ कोयला के दामों में बढ़ोतरी होने के बाद एक लाख करोड़ तक पहुंच सकती है। कोकिंग कोल देश की जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने की दिशा में कोयले का आयात किया जा रहा है।
कोकिंग कोल की मांग को करेगा पूरी
2030 तक लोहा और इस्पात के उत्पादन के लिए कोकिंग कोल एक आवश्यक कच्चा माल है। घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन 140 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है। इस्पात क्षेत्र को लगभग 15 मिलियन टन वॉश हुए कोकिंग कोयले की आपूर्ति करने में सक्षम होगी, जिससे कोकिंग कोयले का आयात कम होगा। देश में कोकिंग कोल की तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक वाशरी स्थापित करने की आवश्यकता है।
17 किमी लंबाई पर सात मेगा प्रोजेक्ट का प्लान
बीसीसीएल अधिकारी सूत्रों ने बताया कि डीसी लाइन के हटने से कुसुंडा से लेकर महेशपुर के आगे तक करीब 17 से 20 किमी लंबाई तक सात मेगा प्रोजेक्ट खोलने की योजना है। यह सारी परियोजना 25 साल के लांग ट्रम प्लान के तहत खोली जाएगी। ताकि कोयला उत्पादन व डिस्पैच का प्लान को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो। बीसीसीएल को अगले दस साल में सौ मिलियन टन कोकिंग कोल उत्पादन करने की योजना पर काम करने के लिए पहले ही कोयला मंत्रालय से दिशा निर्देश दिया गया है।
May 22 2023, 19:18