*क्या बर्थडे बॉय शिवकुमार को गिफ्ट में मिलेगी सीएम की कुर्सी या सिद्धारमैया की होगी ताजपोशी ? कर्नाटक को लेकर कांग्रेस के लिए अहम दिन*

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कर्नाटक में चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक गहमागहमी जारी है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की है। लेकिन अब सबसे बड़ी उलझन मुख्यमंत्री को लेकर है। मुख्यमंत्री के लिए दो मुख्य दावेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार। ऐसे में कर्नाटक कांग्रेस में बैठकों का दौर चल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे। ऐसे में दोनों ही नेता आज दिल्ली जा सकते हैं।

खास बात ये है कि आज यानी सोमवार को डीके शिवकुमार का बर्थडे है। रविवार की रात को उन्होंने एक तस्वीर भी ट्वीट की थी। इसमें वह सिद्धारमैया और दूसरे नेताओं के साथ बर्थडे सेलिब्रेट करते नजर आए। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि कांग्रेस आलाकमान डीके शिवकुमार को बर्थडे गिफ्ट देगी या एक बार फिर सिद्धारमैया को ही मौका दिया जाएगा।

डीके शिवकुमार कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के शिल्पकार रहे हैं। ऐसे हैं उनके समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी इस बंपर जीत के बाद उनके नेता को उनके जन्मदिन के मौके पर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी गिफ्ट करेगी। आज बेंगलुरू में उनके घर के बाहर बड़ा सा पोस्टर लगा है, जिसमें उनके समर्थकों ने उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी है। इसी तरह के पोस्टर बेंगलुरू और राज्य में अन्य जगहों पर भी लगे हैं।डीके शिवकुमार ने जिस तरह से पार्टी को बहुमत दिलाया है, उसे देखते हुए पहले से ही उन्हें मुख्यमंत्री पद की रेस में काफी आगे माना जा रहा है।

इससे पहले कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने रविवार शाम को बेंगलुरु के निजी होटल में अहम बैठक की। इसमें खरगे को सीएम चुनने के लिए अधिकृत करते हुए एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया। इस बैठक में एआईसीसी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक भी शामलि हुए। रविवार को विधायक दल की बैठक से पहले सुरजेवाला ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ अलग बैठक की। वहीं मल्लिकार्जुन खरगे आज राहुल गांधी औऱ सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं।

*इमरान खान का बड़ा दावा, कहा- मुझे 10 साल के लिए जेल में रखना चाहती है पाक सेना*

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की सेना पर बड़ा आरोप लगाया है। इमरान खान ने आरोप लगाया है कि सेना ने उन्हें देशद्रोह के आरोप में फंसा कर अगले दस साल तक जेल में रखने की योजना बनाई है। सोमवार तड़के सिलसिलेवार ट्वीट में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख ने कहा, ‘तो अब लंदन की पूरी योजना सामने आ गई है।

इमरान ने ट्वीट कर कहा, जब मैं जेल में था तब उन्होंने हिंसा के बहाने जज, ज्यूरी और जल्लाद की भूमिकाएं निभाईं। खान ने आगे कहा कि मेरी बेगम बुशरा को जेल भेजने की योजना है, जिससे मुझे अपमानित किया जा सके। साथ ही अगले 10 वर्षों के लिए मुझे जेल में रखने के लिए कुछ राजद्रोह कानून का सहारा लिया जा रहा है। 

बता दें, इमरान फिलहाल 100 से अधिक मामलों में जमानत पर हैं। 

लोगों में जानबूझकर डर पैदा करने की कोशिश-इमरान

पीटीआ प्रमुख ने कहा, ‘लोग कोई प्रतिक्रिया ना करें, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने दो काम किए हैं – पहला जानबूझकर न सिर्फ पीटीआई कार्यकर्ताओं बल्कि आम नागरिकों को भी आतंकित किया गया। दूसरा, मीडिया पूरी तरह से नियंत्रित और दबा हुआ है। यह लोगों में डर पैदा करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है ताकि जब वे फिर मुझे गिरफ्तार करें, तो लोग बाहर नहीं आएंगे। इमरान खान ने कहा कि ये फिर से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर देंगे और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देंगे (जो केवल आंशिक रूप से खुला है)। इस बीच घरों को तोड़ा जा रहा है और बेशर्मी से पुलिस घरों की महिलाओं के साथ मारपीट कर रही है।

इन बदमाशों के गुलाम होने से मौत बेहतर-इमरान

पाकिस्तान के लोगों को अपना संदेश देते हुए, खान ने कहा कि पाकिस्तान के लोगों के लिए मेरा संदेश, मैं अपने खून की आखिरी बूंद तक हकीकी आजादी के लिए लड़ूंगा क्योंकि मेरे लिए इन बदमाशों के गुलाम होने से मौत बेहतर है। मैं अपने सभी लोगों से यह याद रखने का आग्रह करता हूं कि हमने ला इल्लाह हा इल्लल्लाह की प्रतिज्ञा की है, कि हम एक (अल्लाह) को छोड़कर किसी के आगे नहीं झुकते हैं।

बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बड़ा फैसला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तय करेंगे कर्नाटक के सीएम का नाम

डेस्क: कर्नाटक में कांग्रेस की ऐसी हवा चली कि बीजेपी का दक्षिण का किला ध्वस्त हो गया। राज्य के विधानसभा में मिली बड़ी जीत के बाद अब कांग्रेस में सीएम पद के लिए गहमागहमी तेज है कि कौन सीएम पद को संभालेगा। इसके लिए सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार की चर्चा तेज है। दोनों के बीच हालांकि 36 का आंकड़ा रहा है लेकिन दोनों ने कभी खुलकर एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगाए। फिलहाल कांग्रेस इस गुत्थी को सुलझाने में लगी है कि सीएम पद किसको सौंपें।

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर बड़ी बात कही है। खरगे ने कहा है कि "हमारे पर्यवेक्षक बेंगलुरु गए हैं, उनके पहुंचने के बाद एक सीएलपी की बैठक होगी। सीएलपी बैठक के बाद, वे आलाकमान के साथ अपनी राय साझा करेंगे और फिर वे (आलाकमान) यहां से अपना निर्णय भेजेंगे।"

कर्नाटक के सीएम पद और डिप्टी सीएम पद के दावेदार DK शिवकुमार और सिद्धारमैया कल सुबह दिल्ली जाएंगे। खरगे तय करेंगे मुख्यमंत्री का नाम बेंगलुरु में हो रही कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव हुआ पास-कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तय करेंगे सीएम का नाम।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू

बेंगलुरु के शांगरी-ला होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। ऑब्जर्वर सुशील कुमार शिंदे, भंवर जितेंद्र सिंह, दीपक बावरिया विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं।

15 साल की एसिड अटैक सर्वाइवर ने 10वीं में किया टॉप, पिता करते हैं चपरासी का काम

डेस्क: 'हौसला हो तो कुछ भी मुमकिन है' इस लाइन को चंडीगढ़ की एक एसिड अटैक सर्वाइवर ने सच कर दिखाया है। बता दें कि 12 मई को सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं को रिजल्ट जारी किया है। देश भर में लाखों बच्चों ने ये परीक्षा पास की है। बता दें कि इस साल सीबीएसई 10वीं का पास पर्सेंटाइल 95.2% प्रतिशत रहा है। वहीं इसी एग्जाम में चंडीगढ़ की 15 साल की काफ़ी भी शामिल हुई थीं। बता दें कि काफ़ी महज 3 साल की थीं जब उन पर 3 दरिंदों ने एसिड फेंक दिया। इस घटना में काफ़ी ने अपनी आखों की रोशनी खो दी। इसके बाद उनके पिता पवन ने बेहतर इलाज के उम्मीद में कई अस्पतालों में खूब भाग-दौड़ की। इसके बाद काफ़ी का परिवार उनके लिए बेहतर पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ चला गया।

आईएएस अधिकारी बनने की तमन्ना

बता दें कि काफ़ी ने अपने सीबीएसई कक्षा 10 के रिजल्ट में 95.2% स्कोर किया और अपने स्कूल की टॉपर बनी। काफ़ी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "मैंने हर दिन 5-6 घंटे पढ़ाई की। मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने मुझे बहुत सपोर्ट दिया है। मैं एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं और अपने देश की सेवा करना चाहती हूं।"

पिता हैं चपरासी

काफ़ी के पिता हरियाणा सचिवालय में चपरासी की नौकरी करते हैं और अब वे परिवार के साथ शास्त्री नगर में रहते हैं। काफी के पिता पवन कहते हैं, "जब काफ़ी 3 साल की थी, तो हमारे पड़ोसियों ने उन पर तेजाब से हमला किया, जिसके बाद उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खो दी। मैंने कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन मैंने सभी चुनौतियों का सामना किया और अपनी बेटी को पढ़ाया। वह आईएएस की तैयारी करना चाहती है और मैं उसको पूरी तरह से सपोर्ट करूंगा।"

भारत में 'लू' की वजह बना चक्रवात मोचा, बांग्लादेश के लिए बना खतरा

डेस्क: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान 'मोचा' भारत के तटीय इलाकों से गुजरने के बाद अब बांग्लादेश के लिए खतरा बन गया है। चक्रवात का प्रकोप जैसे जैसे तेज हो रहा है, हवाएं भी तेजी से चलना शुरू हो गई हैं। बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार 'मोचा' ​जैसे जैसे खतरनाक होगा, वैसे ही बांग्लादेश का एक द्वीप पानी में डूब जाएगा। हालांकि टापू का डूबना स्थाई नहीं होगा, कुछ समय बाद द्वीप का पानी वापस उतर जाएगा। 

'मोचा' के खतरनाक होते ही डूब जाएगा बांग्लादेश का द्वीप

बांग्लादेशी अधिकारियों ने बताया कि 'बांग्लादेश के द्वीप सेंट मार्टिन पर किसी बुनियादी ढांचे का विकास नहीं हुआ है। जब तूफान का प्रकोप बढ़ेगा तो इसके असर से पानी सेंट मार्टिन द्वीप के एक तरह से चढ़कर दूसरी तरफ निकलेगा। इसके चलते कुछ देर के लिए सेंट मार्टिन द्वीप पानी में डूब जाएगा।' बांग्लादेशी मौसम विभाग का कहना है कि तूफान का केंद्र म्यांमार है, जिसका असर बांग्लादेश के कोक्स बाजार में भी रहेगा। बांग्लादेश के तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो चुकी है। 

210 किमी प्रतिघंटे की गति से चलेंगी हवाएं

मोका तूफान के चलते बांग्लादेश के मध्य-पूर्वी खाड़ी और उसके नजदीकी इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी। हवाओं की स्पीड 210 किलोमीटर प्रतिघंटे तक रह सकती है। तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इनमें चट्टोग्राम, फेनी, नोआखली, लक्शमीपुर, चांदपुर, बारिशल, पुतुआखली, झालाकाथी, पिरोजपुर,बारगुना और भोला जैसे इलाके शामिल हैं। 

चक्रवात भारत से चुरा ले गया वातावरण की 'नमी'

चक्रवाती तूफान मोचा का भारत पर विपरीत प्रभाव यह रहा है कि यह भारत से नमी अपने साथ ले गया, इस वजह से तापमान अचानक बढ़ गया और कई राज्यों में लू का यानी हीटवेव का खतरा बढ़ गया है। मोचा के कारण नमी खत्म होते ही पश्चिमी हवाओं का असर भारत पर तेजी से पड़ गया है। इस कारण पश्चिम, मध्य और उत्तर व पूर्वी भारत के कई इलाकों में एकाएक तापमान बढ़ गया और हीटवेव की नौबत आ गई।

ISC 12वीं के परिणाम जारी, रिया अग्रवाल बनी टॉपर

डेस्क: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ISC) कक्षा 12वीं का रिजल्ट 2023 आज, 14 मई को घोषित कर दिया है। जो उम्मीदवार इस वर्ष इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अपना रिजल्ट काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट cisce.org और results.cisce.org पर देख सकते हैं। ध्य़ान दें कि छात्र अपने स्कूलों द्वारा प्रदान की गई यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईडी) और इंडेक्स नंबर का उपयोग करके अपने सीआईएससीई 12वीं रिजल्ट 2023 देख सकते हैं।

बता दें कि इस साल CISCE की 10वीं-12वीं की परीक्षा में करीब 2.5 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। वहीं 12वीं में 5 स्टूडेंट्स को पहली रैंक मिली है, इनमें 3 लड़कियां हैं।

12वीं के टॉपर्स

1. रिया अग्रवाल - 99.75%

2. इप्शिता भट्टाचार्य - 99.75%

3. मोहम्मद आर्यन तारिक - 99.75%

4. शुभम कुमार अग्रवाल - 99.75%

5. मान्या गुप्ता - 99.75%

ISC Result 2023: ऐसे करें चेक

छात्र आईएससी रिजल्ट ऑनलाइन चेक करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे बिहार तो लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी लगा दी अर्जी, पढ़िए, उन्होंने बाबा से क्या मांगा

बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार पहुंच चुके हैं। इनका भव्य स्वागत किया गया है। इनके पास पिछले दिनों से कई बड़ी - बड़ी हस्ती अर्जी लगा रहे हैं। कल बाबा का दिव्य दरबार भी लगेगा।इससे पहले अब राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहणी आचार्य ने अपनी अर्जी लगायी है। 

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का प्रवचन चल रहा है। वे कल 15 मई को लोगों के नाम वाली पर्ची निकालेंगे। इस बीच लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या ने भी धीरेंद्र शास्त्री से अर्जी लगाई है। हालांकि यह अर्जी उन्होंने ट्वीट कर लगाई है। रोहणी ने बाबा से अपनी अर्जी में कहा है कि, पर्ची वाले बाबा से हमारी विनती है कि बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमारी पूर्ति करनी है।

लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव, धीरेंद्र शास्त्री के पटना आने से पहले उनका बहुत विरोध कर रहे थे। हालांकि, बाबा के आने के बाद से वो अब तक चुप हैं। इसके बाद अब रोहिणी ने बाबा बागेश्वर धाम को लेकर अपनी यह बात कही है। एक अन्य ट्वीट के जरिए उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा है। रोहिणी ने ट्वीट करते हुए लिखा है हां आरती से याद आया वोटों की लालच में आसाराम को भी इन लोगों ने पूजनीय घोषित करके करोड़ों हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ किया था।

कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का रविवार को बिहार में दूसरा दिन है। अपने आगमन के साथ ही धीरेंद्र शास्त्री फिर से विवादों में घिर गए हैं। कथा के पहले दिन हिंदू राष्ट्र पर बयान दिया। कल उनका दिव्य दरबार भी लगेगा।

NCB के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखड़े पर सीबीआई ने दर्ज किया केस, आर्यन खान से 25 करोड़ वसूलने की साजिश का आरोप, समीर बोले, देशभक्ति की मिल रही है सजा



नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखड़े एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सीबीआई ने वानखेड़े के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस केस में कई अन्य अधिकारियों और प्राइवेट लोगों के नाम भी हैं। एक दिन पहले ही उनके घर में सीबीआई की रेड पड़ी थी। अब NCB के ऑफिसर समीर वानखेड़े का बयान आया है. उन्होंने कहा कि उन्हें देशभक्त होने की सजा मिल रही है।

बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने समीर के मुंबई स्थित घर पर छापा मारा था और 13 घंटे तक जांच की थी। वानखेड़े 2021 से चर्चा में हैं, जब उन्होंने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत कई लोगों को मुंबई में एक क्रूज जहाज से गिरफ्तार किया था।

पिता के घर और ससुराल में भी सीबीआई की रेड

वानखेड़े ने मीडिया से बातचीत में कहा- सीबीआई ने कल मेरे आवास पर छापा मारा और 12 घंटे से ज्यादा समय तक तलाशी ली। उन्हें 18,000 रुपये और संपत्ति के चार कागजात मिले। ये संपत्ति मेरे सेवा में आने से पहले खरीदी गई थी। यह एक देशभक्त होने की सजा मिल रही है। उन्होंने आगे कहा- छह अधिकारियों की एक टीम ने अंधेरी में मेरे पिता के घर पर छापा मारा और कुछ नहीं मिला। सीबीआई के सात अधिकारियों की एक और टीम ने भी मेरे ससुराल में घर पर छापा मारा। मेरे दोनों ससुराल वाले बुजुर्ग हैं।

25 करोड़ रिश्वत मांगने के आरोप में एफआइआर

बता दें कि सीबीआई ने समीर वानखेड़े के खिलाफ ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले में आर्यन खान को नहीं फंसाने के लिए कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में केस दर्ज किया है। इस मामले में लोक सेवक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7ए और 12, और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 388 (धमकी से जबरन वसूली) के तहत एफआइआर दर्ज है।

शाहरुख के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार कर चर्चा में आए थे समीर

वानखेड़े ने 2 अक्टूबर, 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज पर एक रेव पार्टी के दौरान छापा मारा था और वहां आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। आर्यन खान 26 दिनों तक मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद रहे। बाद में आर्यन को जमानत मिली थी।

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज, सिद्धारमैया के साथ मतभेद को लेकर सामने आया डीके शिवकुमार का बयान

डेस्क: कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस ने रण जीत लिया है और जल्द ही ये बात भी साफ हो जाएगी कि कर्नाटक में कांग्रेस आलाकमान किसे सीएम बनाएगा। सीएम पद की रेस में दो नेताओं का नाम सामने आया है, जिसमें पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं। ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि सीएम पद के लिए चर्चाएं तेज होने की वजह से दोनों नेताओं के बीच मतभेद हो गया है लेकिन डीके शिवकुमार ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है और साफ कहा है कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है।

डीके शिवकुमार ने क्या कहा?

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि सिद्धारमैया के साथ मेरे मतभेद हैं लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। मैंने कई बार पार्टी के लिए कुर्बानी दी है और सिद्धारमैया के साथ खड़ा हुआ हूं। मैंने सिद्धारमैया को सहयोग दिया है।'

कर्नाटक में सीएम पद को लेकर हलचल तेज 

सूत्रों का कहना है कि सीएम पद की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का नाम है। सिद्धारमैया से कांग्रेस के कई विधायक मिले हैं और सिद्धारमैया बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने पहुंचे हैं। खरगे आज शाम को दिल्ली पहुंचेंगे। आज शाम 5.30 बजे ही कांग्रेस के विधायक दल की बैठक भी है। 

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों के समर्थकों ने उनके पोस्टर लगाए हैं, जिसमें उन्हें सीएम पद के लिए प्रमुख चेहरा बताया जा रहा है। देखना ये होगा कि कांग्रेस आलाकमान क्या फैसला करता है।

सिद्धारमैया या शिवकुमार! कर्नाटक CM पर फैसला कांग्रेस के लिए चुनौती, किसके दावे में कितना दम, पढ़िए, पूरी खबर


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद मंथन का दौर शुरू हो गया है। निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कहा है कि हमसे कहां चूक हुई, इस पर मंथन करेंगे। बीजेपी की हार, कांग्रेस की जीत के कारण और सियासी निहितार्थ भी तलाशे जाने लगे हैं लेकिन इन सबके बीच कर्नाटक के मतदाताओं ने किसी भी राजनीतिक पार्टी को सत्ता में रिपीट नहीं करने का करीब चार दशक पुराना ट्रेंड बरकरार रखा है।

चुनाव नतीजें देखें तो चुनाव प्रचार के दौरान जो मुद्दे उठाए गए और सर्वे में जो बताया गया, उसकी तस्वीर भी झलकती है। कांग्रेस की ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया और सामाजिक सौहार्द के साथ ही प्रो-पुअर एजेंडे का इंद्रधनुषी जाल बुना। बीजेपी के लिए कर्नाटक की हार विंध्य के दक्षिण में पार्टी की सत्ता समाप्त होने का प्रतीक मानी जा रही है। जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को भी सीटों के साथ ही वोट शेयर का भी नुकसान उठाना पड़ा है। कर्नाटक के कई इलाकों में, कई सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला।

कांग्रेस के सामने स्पष्ट जनादेश के बाद अब मुख्यमंत्री पद के लिए विधायक दल का नेता चुनने की चुनौती है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेताओं की एकजुटता नजर आई लेकिन अब जबकि पार्टी को चुनाव में जीत मिल चुकी है, कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री चुनना बड़ी चुनौती है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, दोनों ही मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं और दोनों ही समय-समय पर मुख्यमंत्री बनने की अपनी आकांक्षा जाहिर भी कर चुके हैं। दोनों नेताओं ने पहले ये भी स्वीकार किया है कि अगर वे एक साथ काम नहीं करते हैं तो पार्टी के सत्ता में आने की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी।

डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया, दोनों ही नेता सामाजिक समीकरण साधने में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रहे। सिद्धारमैया लंबे समय से AHINDA आंदोलन की आवाज रहे हैं जो गैर-प्रमुख पिछड़ी जातियों, दलित, आदिवासी और मुसलमानों का गठबंधन था। वहीं, डीके शिवकुमार प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय के मजबूत नेताओं में गिने जाते हैं। कांग्रेस को कर्नाटक में जीत के लिए जिस तरह के सामाजिक समीकरणों की जरूरत थी, उसके लिहाज से दोनों ही नेता महत्वपूर्ण थे।

सीएम के लिए सर्वे में सिद्धारमैया पहली पसंद

अब, जब कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश मिल गया है। सवाल ये उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? अधिकतर सर्वे में सीएम पद के लिए सिद्धारमैया को पहली पसंद बताया गया। सिद्धारमैया के मुकाबले डीके शिवकुमार की सीएम पद के लिए लोकप्रियता सर्वे रिपोर्ट्स में कम नजर आई। सर्वे में अधिकतर लोगों ने पांच साल सीएम रहे सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बताया था. जेडीएस सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी सीएम भी रहे। बतौर वित्त मंत्री सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी सिद्धारमैया के ही नाम है।

सिद्धारमैया की गहरी राजनीतिक समझ, प्रशासनिक क्षमता का लाभ कांग्रेस को चुनाव अभियान के दौरान मिला भी। सिद्धारमैया साल 2013 में जब मुख्यमंत्री बने, कांग्रेस के अधिकतर विधायकों के साथ ही उनको पार्टी हाईकमान का भी पूरा समर्थन था। सिद्धारमैया की मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी को पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते भी मजबूती मिल रही है तो वहीं इसका नुकसान भी है। नुकसान ये कि उनके मुख्यमंत्री रहते पार्टी को मिली हार की वजह से दावेदारी कमजोर भी हो रही है।

संकट में भी कांग्रेस के साथ रहे शिवकुमार

डीके शिवकुमार की गिनती कांग्रेस के वफादार नेताओं में होती है। शिवकुमार तब भी कांग्रेस के साथ खड़े रहे जब पार्टी संकट में थी। शिवकुमार की छवि क्राइसिस मैनेजर की है। संगठन के मामलों में दक्ष शिवकुमार 1999 से 2004 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के करीबियों में थे और प्रशासन में अहम भूमिका निभाई। साल 2018 में चुनाव के बाद जेडीएस के साथ गठबंधन में भी शिवकुमार की अहम भूमिका थी। शिवकुमार ने बतौर प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस को कर्नाटक में मजबूती से खड़ा किया।

डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के लिए फंड जुटाने में भी मोर्चे पर रहकर काम किया। मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद शिवकुमार भी ये मानकर चल रहे हैं कि उनके लिए सबसे अच्छा मौका है। डीके शिवकुमार 60 साल से अधिक उम्र के हो चुके हैं और उनका मानना है कि अगर इस बार उनकी बस छूट गई तो फिर दूसरा मौका शायद न मिले. हालांकि, उनके खिलाफ चल रही कुछ मामलों की जांच मुख्यमंत्री बनने की राह में रोड़े अटका सकती है।

कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा फैसला

कर्नाटक में नई सरकार का नेतृत्व सिद्धारमैया करेंगे या डीके शिवकुमार, इसे लेकर फैसले तक पहुंचना कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं होगा। कर्नाटक सरकार के नेतृत्व को लेकर कांग्रेस कैसे किसी नतीजे पर पहुंचती है, ये देखने वाली बात होगी। चर्चा ये भी है कि सिद्धारमैया को सरकार की कमान सौंपकर डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के फॉर्मूले की भी चर्चा है लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि इसे लेकर सिद्धारमैया शायद ही मानें।