भूमिगत आग और भू-धंसान के खतरे पर बसा कोयलांचल के लोगों के लिए पुनर्वास योजना हो रही है फेल, 2004 में बने जेरेडा के कार्य योजना पर भी उठ रहे सवाल
धनबाद: कोयलांचल की त्रासदी यह है कि यहां भूमिगत आग और भू-धंसान...धनबाद का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित है.धरती यहां आग और गैस उगल रहा है।
जिसके कारण इन क्षेत्रों में रहने वालों की जिंदगी हर दिन मौत से लड़ रही है। सरकार ने अग्निप्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों के पुनर्वास के लिए देश की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना बनाई है। इसके लिए 31 दिसंबर 2004 को झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (जरेडा) का भी गठन किया गया।
इस पर अब तक कुल 1051.56 करोड़ रुपए खर्च हुए। लेकिन, अब तक मात्र 6352 परिवारों का ही पुनर्वासित किया जा सका है।
एक लाख से अधिक परिवार आज भी यहां अग्निप्रभावित क्षेत्रों में हैं फंसे हैं। सच यही है कि झरिया पुनर्वास अभियान फेल हो गया। पुनर्वास की योजना कैसे पूरी हो, इसके लिए हाईपावर कमेटी बनी थी। उसने माना कि झरिया मास्टर प्लान लागू करने के लिए कमेटी की ओर से की गई सिफारिशों के आधार पर योजना को व्यापक रूप से संशोधित करने की आवश्यकता है। कमेटी का मानना है कि अग्निप्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों की कई तरह की शिकायतें हैं।
पुनर्वास संबंधित शिकायतों का निबटारा नहीं हो पा रहा, जिससे योजना बाधित है। कमेटी ने प्रस्ताव दिया है कि शिकायतों को निबटाने के लिए पुनर्वास शिकायत निवारण प्राधिकरण का गठन किया जाए। किसी रिटायर जज को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जाए। शिकायतकर्ता वकीलों के माध्यम से अपनी बात जज के समक्ष रख सकेंगे। प्राधिकरण दोनों पक्षों को सुनेगा। कमेटी के इन प्रस्तावों पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है।
अप्रैल 2019 में हुए सर्वे के बाद 1.04 लाख परिवार पुनर्वास के लिए चिह्नित
2008 के रिवाइज्ड मास्टर प्लान में धनबाद, बोकारो व आसनसोल में तीन प्वाइंट मिलाकर कुल 595 प्वाइंट पर सर्वे किया गया। अप्रैल 2019 में सर्वे पूरा हुआ। सर्वे के तहत 1.04 लाख परिवारों को पुनर्वासित करना था।
शिकायतों का निबटारा हो : राही
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कु. राही ने मांग की कि पुनर्वास शिकायत निवारण प्राधिकरण का गठन हो। जितनी जल्दी विवादों का निपटारा होगा, उतनी जल्दी पुनर्वास हो सकेगा।
प्राधिकार के गठन की सिफारिश
शिकायत निवारण प्राधिकरण के गठन की सिफारिश है। उसका फैसला सभी पक्षाें के लिए बाध्यकारी हाेगा। जरेडा अॉनलाइन शिकायत निवारण तंत्र भी विकसित करेगा।
कृष्णा एस वत्स, सदस्य, हाईपावर कमेटी, जरेडा
पुनर्वास पर अब तक खर्च
स्थापना में 845.25 लाख रुपए भू-अर्जन में 22784.90 लाख सुविधाओं में 74905.60 लाख
2019 के सर्वे में कुल रैयत 32064 और गैर रैयत 72882 परिवार चिह्नित किए गए थे पुनर्वास के लिए
May 13 2023, 09:09