गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का दावा, राज्य में लगभग 90 प्रतिशत अपराध के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के प्रवासी मजदूर जिम्मेवा
बिहार व उत्तर प्रदेश के मजदूरों पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की टिप्पणी पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी शुरू से उत्तर भारतीयों की विरोधी रही है। जगजाहिर है कि भाजपाशाषित राज्यों में बिहारी मजदूरों को हीनभावना से देखा जाता है और उनका हर तरीके से शोषण किया जाता है। वहीं जेडीयू के बयान पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है। बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि गोवा के मुख्यमंत्री के बयान को आधार बनाकर कुछ राजनीतिक दल कुंठा अभिव्यक्ति करने में लगे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। गौरतलब है कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बढ़ रहे अपराधों को लेकर विवादित बयान दिया है। प्रमोद सावंत ने दावा करते हुए कहा है कि राज्य में लगभग 90 प्रतिशत अपराध बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं।
वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि एक तरफ भाजपा 'एक देश, एक कानून' की बात करती है, और उसी पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को अपराधी कहते हैं। उन्हें गृह मंत्री अमित शाह के विभाग से संबंधित 'नेशनल क्राइम ब्यूरो' के आंकड़े का अवलोकन करना चाहिए। गुजरात में सबसे ज्यादा फर्जी मुकदमे में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग प्रताड़ित होते हैं। कहा कि आप लोग कैसा फर्जी हिंदू हैं ? वहां बहुसंख्यक हिंदू ही होंगे जो लोग गोवा गए हैं। गोवा के मुख्यमंत्री हिंदू हैं और हिंदू को ही अपराधी कह रहे हैं। उत्तर भारतीय लोगों को देश के विभिन्न राज्यों में भाषाई रूप से अपमानित करना और राजनीतिक अपमान करना यह नए भाजपा का नया संस्कार है
वहीं बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बिहार में सभी स्तरों की शिक्षा चौपट है और रसातल के गर्त में चली गई है। बिहार में औद्योगीकरण की गुंजाइश जो एनडीए सरकार के दौरान बन रही थी वह पूरी तरह से खत्म हो गई है।
राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। बिहार पलायन की भयंकर मार झेल रहा है। आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे बिहार और बिहारियों को देशभर में कामगार- मजदूर के तौर पर जीवनयापन करना पड़ रहा है और उनके भेजे पैसे से ही उनका घर- परिवार चलता है। इक्का-दुक्का अगर आपराधिक घटनाओं में कोई संलिप्त हो संभव है लेकिन सामूहिक छवि नहीं बनाया जा सकता है। बिहार एक बार फिर देश- दुनिया में परसेप्शन के स्तर पर छवि निर्माण को लेकर चुनौती से जूझ रहा है। बिहार सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण और जातिवादी छवि बन रही है। यही नहीं बिहार सरकार जिस तरह से खनन माफिया, शराब माफिया और संगठित आपराधिक गिरोहों को संरक्षण दे रही है उससे भी सरकार कि भद् पीट रही है और बिहार बदनाम हो रहा है।
May 03 2023, 16:35