पहलवानों से मिलने जंतर-मंतर पहुंचीं पीटी उषा, पहले बताया था अनुशासनहीन

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पिछले 11 दिनों से पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की आलोचना करने के कुछ दिनों बाद, भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पीटी उषा ने आज धरना स्थल पहुंचीं।पीटी उषा ने बुधवार को आंदोलनरत पहलवानों से मुलाकात कर उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

पीटी उषा ने दिया न्याय दिलाने का आश्वासन

बजरंग पूनिया ने बताया कि पीटी उषा ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से कहा कि वह हमारे साथ खड़ी हैं और हमें न्याय दिलाएंगी। वह पहले एक एथलीट हैं और फिर कुछ और। बजरंग पूनिया के मुताबिक उन्होंने कहा कि वह पहलवानों की समस्या पर गौर करेंगी और जल्द से जल्द इसका समाधान करेंगी। बजरंग ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के जेल जाने तक हम यहीं जंतर-मंतर पर रहेंगे। 

पहलवानों ने जताया था रोष

उषा के दौरे से एक दिन पहले मंगलवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मामले की जांच में देरी को लेकर रोष जताया था। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि पूर्व महान खिलाड़ी पीटी उषा और उसके एथलीट आयोग (एसी) की चेयरपर्सन एमसी मैरी कॉम जो एक बॉक्सिंग आइकन हैं ने उन्हें एक तरह से अकेला छोड़ दिया है।

पीटी उषा ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को बताया था अनुशासनहीन

पीटी उषा ने पिछले हफ्ते कहा था कि पहलवानों को अधिक अनुशासन दिखाना चाहिए था। पीटी उषा ने कहा था, ‘खिलाड़ियों को सड़कों पर विरोध नहीं करना चाहिए था। उन्हें कम से कम समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने जो किया है वह खेल और देश के लिए अच्छा नहीं है। यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है।

आप सांसद संजय सिंह का दावा-शराब घोटाला मामले में ईडी ने गलती से जोड़ा नाम, खत लिखकर मांगी माफी, केजरीवाल ने उठाए सवाल

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ईडी की नोटिस को लेकर बड़ा दावा किया है।सांसद संजय सिंह ने दावा किया है कि दिल्ली आबकारी मामले में ईडी ने चार्जशीट में गलती से उनका नाम शामिल कर लिया था।आप नेता की माने तो ईडी ने स्वीकार किया है कि शराब घोटाले की चार्जशीट में उनका नाम गलती से शामिल हो गया और इसके लिए एजेंसी ने खेद जताया है।

संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उन्हें खत लिखकर खेद जताया और कहा है कि शराब घोटाले की चार्जशीट में उनका नाम गलती से जुड़ गया था।आप नेता संजय सिंह ने इससे पहले वित्त सचिव को एक खत लिखकर ईडी के निदेशक और एक अन्य अधिकारी के खिलाफ केस करने की अनुमति मांगी थी

केजरीवाल ने पीएम को घेरा

इस मामले को लेकर आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम पर निशाना साधा है। दिल्ली आबकारी मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा, क्या किसी का नाम चार्जशीट में गलती से भी डाला जाता है? इस से साफ है कि यह पूरा केस ही फर्जी है।सिर्फ गंदी राजनीति के लिए देश की सबसे ईमानदार पार्टी को बदनाम करने की कोशिश है। सबसे तेजी से बढ़ने वाली पार्टी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री जी ऐसा कर रहे हैं और यह उन्हें शोभा नहीं देता।

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में संजय सिंह और राघव चड्ढा का नाम

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले पर अपनी तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आप नेताओं संजय सिंह और राघव चड्ढा के नामों का जिक्र किया था। दोनों नेता राज्यसभा सदस्य हैं।चार्जशीट में सिर्फ उनके नाम का जिक्र है, उन्हें मामले में आरोपी के तौर पर नहीं दिखाया गया। सप्लीमेंट्री चार्जशीट हाल ही में राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर की गई थी।

शरद पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी में भूचाल, जितेंद्र आव्हाड सहित कई ने दिया इस्तीफा

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शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से महाराष्ट्र की सियासतमें भूचाल आ गया है।शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद एनसीपी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। खबर आई है कि एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाड ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव का पद छोड़ दिया है। बता दें कि शरद पवार के इस्तीफे से कई नेता खुश नहीं हैं और कोशिश की जा रही है कि शरद पवार को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाया जाए। बताया जा रहा है जल्द ही पार्टी के कई अन्य नेता भी अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र आव्हाण ने अपने इस्तीफे के बाद मीडिया से बात की।जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मेरे साथ ठाणे शहर के जितने भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी है उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।सभी ने अपना इस्तीफा जयंत पाटिल को भेजा है।आव्हाड ने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि शरद पवार का इस तरीके से इस्तीफा देना हममें कतई मंजूर नहीं है। जब तक पवार साहब अपने इस्तीफे को वापस नहीं लेते तब तक हम भी अपने इस्तीफे को वापस नहीं लेंगे।

इस दौरान उन्होंने साफ साफ तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों में उन्होंने बड़ा संदेश देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है कि सुप्रिया सुले को अध्यक्ष बनाया जा रहा है। इस तरह की चर्चा का अब कोई अर्थ भी नहीं है। वहीं अजित पवार के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी भी कोई खबर नहीं है कि कौन क्या कर रहा है। इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है।

बता दें कि शरद पवार के एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है। एनसीपी के नए अध्यक्ष पद के लिए पवार के भतीजे अजित पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले का नाम सामने आ रहा है। हालांकि अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है।उधर मुंबई के यशवंत राव ऑडिटोरियम में एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक चल रही है, जिसमें अजित पवार, सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनावःपीएम मोदी ने रैली में लगाया बजरंगबली का जयकारा, कांग्रेस को जमकर लताड़ा

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कर्नाटक विधानसभा का चुनाव प्रचार अपने आखिरी पड़ाव पर है. चुनाव के लिए अगले हफ्ते वोटिंग होनी है, ऐसे में वहां पर फुल स्पीड में चुनावी प्रचार किया जा रहा है।पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा समेत तमाम बड़े नेता लगातार कर्नाटक में रैलियां कर माहौल बना रहे हैं। इसी बीच, मोदी ने बुधवार को कर्नाटक में रैलियां की।पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को अपनी चुनावी रैली में ‘जय बजरंग बली’ कहकर भाषण की शुरुआत की।बता दें कि कांग्रेस के घोषणापत्र दारी हो के बाद राज्य के चुनाव प्रचार में ‘बजरंग बली’ चुनावी मुद्दा बनते जा रहे हैं।

‘बजरंग बली’ बने चुनावी मुद्दा

कर्नाटक के मुदबिदरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय और बजरंग बली की जय के साथ की। मोदी ने कहा कि मैं शान्ति और सद्भावना का सन्देश देने वाले सभी मठों, तीर्थंकरों और संतों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। आज जिस 'सबका साथ और सबका विकास' का मंत्र लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं उसमें सभी संतों की ही प्रेरणा है।

दरअसल ये पूरा मुद्दा कांग्रेस के घोषणा पत्र से शुरू हुआ था। कर्नाटक के लिए अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों और नफरत फैलाने वाले लोगों को खिलाफ रोक लगाने का वादा किया है। इस पर बीजेपी इस पूरे मामले को हनुमानजी से जोड़ दिया और कांग्रेस पर हमलावर है।

बांटो और राज करो की राजनीति करती है कांग्रेस

कांग्रेस पर जमकर सियासी तीर छोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में जहां भी लोग शान्ति और प्रगति चाहते हैं वो सबसे पहले अपने राज्य से कांग्रेस को बाहर कर देते हैं। अगर समाज में शान्ति है तो कांग्रेस शांत नहीं बैठ पाती, अगर देश प्रगति करता है तो कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं कर पाती। कांग्रेस की पूरी राजनीति बांटो और राज करो पर आधारित है। कर्नाटक के लोगों ने खुद कांग्रेस का ये खौफनाक चेहरा देखा है। पूरा देश हमारे सैनिकों का आदर करता है, उनका सम्मान करता है जबकि कांग्रेस हमारी सेना का अपमान करती है, हमारे सैनिकों का अपमान करती है। आज पूरी दुनिया भारत में डेमोक्रेसी और डेवलपमेंट को देख कर उसे सम्मान दे रही है लेकिन रिवर्स गियर कांग्रेस दुनिया भर में घूम-घूम कर देश को बदनाम कर रही है।

पहली बार वोट देने वाले युवाओं से खास अपील

पीएम मोदी ने इसके साथ ही पहली बार वोट देने वाले युवाओं से खास अपील करते हुए कहा, ‘जो जीवन में पहली बार वोट देने जा रहे हैं वो कर्नाटक का भविष्य तय करने जा रहे हैं। पहली बार वोट देने जाने वाले मेरे बेटे-बेटियों आपको अगर अपना करियर बनाना है, अपने मन का काम करना है तो यह कांग्रेस के रहते संभव नहीं होगा। कर्नाटक में अगर अस्थिरता रही तो आपका भाग्य भी अस्थिर रहेगा।

नए एनसीपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए बैठक शुरू, शरद पवार ने कहा-

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शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। अब सभी की नजरें एनसीपी के नए अध्यक्ष के नाम के एलान पर टिकी हैं। एनसीपी का नया अध्यक्ष कौन होगा? शरद पवार के इस्तीफे के बाद यह लाख टके का सवाल है। इस बीच नए अध्यक्ष पर मंथन के लिए मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में एनसीपी की बैठक हो रही है। इस बैठक में शरद पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुले समेत सभी बड़े नेता मौजूद हैं। इस बैठक में आज एनसीपी को एक नया अध्यक्ष मिल सकता है।

नए अध्यक्ष चुनने वाली कमेटी में ये लोग

शरद पवार ने अपने इस्तीफे के बाद एलान किया था कि एक कमेटी नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी। अब एनसीपी की इस बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हैं। इस कमेटी में जिन नेताओं को शामिल किया गया है, उनमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, केके शर्मा, पीसी चाको, अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड़, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़, फौजिया खान, धीरज शर्मा, सोनिया दुहान जैसे नेताओं का नाम शामिल है।

सुप्रिया सुले एनसीपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं

फ़िलहाल यह चर्चा महाराष्ट्र में शुरू है कि सुप्रिया सुले एनसीपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं। एनसीपी की राष्ट्रीय राजनीति में सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल काम कर रहे हैं। प्रफुल्ल पटेल वर्तमान में पार्टी उपाध्यक्ष के पद पर हैं। महाराष्ट्र के साथ-साथ केरल, नागालैंड, लक्षद्वीप, झारखंड, मध्य प्रदेश में एनसीपी कुछ हद तक काम कर रही है। उसके चलते चर्चा है कि पार्टी किसी ऐसे नेता को सौंपी जाएगी जो राष्ट्रीय राजनीति में काम कर रहा हो। सांसद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल का नाम सबसे आगे है। हालांकि अजीत पवार की भूमिका को लेकर भी चर्चा है।

अजीत पवार बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष

वहीं ये चर्चा है कि अजीत पवार को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है।अजीत पवार ने दो दिन पहले पुणे में कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत की थी। पुणे में पत्रकारों ने अजीत पवार से पूछा कि उन्होंने कर्नाटक में प्रचार क्यों किया? इस बारे में बात करते हुए, मैं वहां स्टार प्रचारक नहीं हूं, मैं अपना महाराष्ट्र नहीं छोड़ूंगा, मैंने छह महीने के लिए दिल्ली का दौरा किया, मुझे दिल्ली पसंद नहीं आई। अजित पवार ने बयान दिया था कि मुझे हमारा महाराष्ट्र और महाराष्ट्र की जनता पसंद है। इसलिए ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र में एनसीपी की जिम्मेदारी अजित पवार के पास होगी।

इस दिन आएगा साल का पहला साइक्लोन 'मोचा', आईएमडी ने जारी की चेतावनी, इन राज्यों में होगा असर

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मई का महीना शुरू हो गया है, इसके साथ ही चक्रवात के आमद की आशंका जताई जाने लगी है। देश में साल 2023 का पहला साइक्लोन आने वाला है। इस चक्रवाती तूफान को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग ने कहा है कि 6 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने की संभावना है। अगले 48 घंटों के दौरान इस चक्रवात के बनने पर तूफान के साथ भारी बारिश की संभावनाएं हैं।

पूर्वानुमान लगाया गया है कि मई के दूसरे सप्ताह में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने के आसार हैं। यदि यह चक्रवात सक्रिय होता है तो यह 'मोचा' नाम से जाना जाएगा।वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि कम दबाव के चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल आशंका है।इस चक्रवात का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक रहने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिक कम दबाव में हो रहे बदलाव पर नजर बनाए हुए हैं।

भारतीय मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि मई के पहले सप्ताह में कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। पांच मई तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह और तीव्र होकर डिप्रेशन में बदल सकता है।हालांकि, यह चक्रवात में बदलेगा या नहीं, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद यह साफ हो जाएगा कि चक्रवात बनेगा या नहीं। आईएमडी के महानिदेशक मुथनंजय महापात्रा ने कहा कि इस कम दबाव के क्षेत्र का ओडिशा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

चक्रवात को लेकर आईएमडी की भविष्यवाणी के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा।

विनेश फोगाट का बड़ा आरोप, बोलीं-अनुराग ठाकुर ने मामले को दबाने की कोशिश की

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भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के पहलवान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के साथ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रही भारत की शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट ने बड़ा दावा किया है। विनेश फोगट ने कहा है कि एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना मुश्किल है, जो बहुत लंबे से अपने पद और अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है। पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

मीडिया से रूबरू होते विनेश फोगट ने कल कहा, पहली बार जंतर मंतर पर अपना विरोध शुरू करने से पहले पहलवानों ने एक अधिकारी से मुलाकात की थी. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमने उन्हें सब कुछ बताया था कि कैसे महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरने पर बैठ गए। 

विनेश ने अनुराग ठाकुर को घेरा

विनेश फोगट ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पर कोई कार्रवाई नहीं करने और कमेटी बनाकर मामले को दबाने को लेकर भी निशाना साधा।उन्होंने कहा कि हमने अनुराग ठाकुर से बात की और यौन उत्पीड़न के बारे में बताया था। जिसके बाद हमने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक समिति बनाकर उन्होंने वहां मामले को दबाने की कोशिश की और कोई कार्रवाई नहीं की गई।

ओलंपिक के बारे में नहीं, यौन उत्पीड़न के खिलाफ है- बजरंग पूनिया

वहीं, पहलवान बजरंग पूनिया ने इन आरोपों का खंडन किया कि कुश्ती महासंघ प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे रेसलर्स ओलंपिक चयन के लिए पेश किए गए नए नियमों का विरोध कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, वह (बृजभूषण सिंह) कह रहे हैं कि हमने ओलंपिक के लिए कुछ नियम बनाए हैं और इसलिए ये एथलीट विरोध कर रहे हैं। सबसे पहले, यह ओलंपिक के बारे में नहीं है, यह यौन उत्पीड़न के खिलाफ है और अगर मैं ओलंपिक नियम के बारे में बात करता हूं, तो महासंघ ओलंपिक से आने वाले एथलीटों का ट्रायल लेंगे, जो भी वे चाहते हैं।

गो फर्स्ट ने अब 5 मई की भी उड़ान रद्द की, पहले से ही दो दिन के लिए थी कैंसिल, यात्री परेशान

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गो फर्स्ट एयरलाइन ने फंड की भारी कमी के कारण 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी बुकिंग बंद कर दी है। गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 3-4 मई के बाद अब 5 मई के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। एयरलाइन गो फर्स्ट ने दिवालिया होने के लिए अर्जी दी है। कंपनी के सामने कैश फ्लो का भारी संकट है। ऐसे में कंपनी ने वेबसाइट पर, जानकारी दी है कि गो फर्स्ट की उड़ानें 3, 4 और 5 मई को रद्द रहेंगी। 

सीईओ कौशिक खोना के अनुसार फंड की भारी कमी के कारण 3, 4 और 5 मई को उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित रखा जाएगा। पीएंडडब्ल्यू की ओर से इंजनों की आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण गो फर्स्ट को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है। दूसरी ओर, गो फर्स्ट ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) दिवालिया ऋणशोधन अक्षमता संहिता की धारा 10 के तहत समाधान के लिए एक आवेदन दायर किया है। वहीं सूत्रों ने बताया है कि गो फर्स्ट एयरलाइन की 60 फीसदी से ज्यादा फ्लाइट ग्राउंडेड हो चुकी हैं। इन फ्लाइट्स के ग्राउंडेड हो जाने से कई सारी रूट्स पर एयरलाइन की बुकिंग कैंसिल हो रही है। कहा जा रहा है कि वाडिया के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट ने तेल विपणन कंपनियों के बकाये के कारण तीन और चार मई के लिए उड़ानें निलंबित कर दी हैं।

यात्रियों ने नाराजगी

गो फर्स्ट की उड़ान अचानक रद्द होने से यात्रियों की मुश्किल बढ़ गई है।टिकट बुक कराने वाले यात्रियों ने नाराजगी भी जताई है। लोग इधर-उधर अपने पैसों और अपनी उड़ान के बारे में पता करने के लिए चक्कर काट रहे हैं। 

ऐसे मिलेगा रिफंड

यदि आपने इस प्लाइट्स की टिकट बुक की है तो हम यहां पर टिकट में खर्च हुए पैसे रिफंड कैसे मिलेगा या टिकट की डेट को क्या रिशेड्यूल या ट्रांसफर किया जा सकता है, उसके बारे में बता रहे हैं। एयरलाइन के मुताबिक जिन पैसेंजर्स ने इन डेट पर फ्लाइट्स बुक की हैं, उनके पूरे पैसे वापस मिल जाएंगे। और जल्द ही पेमेंट किए गए ओरिजनल मोड में रिफंड किया जाएगा। एयरलाइन ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की, हम स्वीकार करते हैं कि उड़ान रद्द होने से आपकी यात्रा की योजना बाधित हो सकती है और हम हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें कि गो फर्स्ट अभी 61 विमानों के साथ रोजाना की 200 से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करती है। इसमें करीब 28 डेस्टिनेशन इंडिया के भीतर हैं, जबकि 10 डेस्टिनेशन इंटरनेशनल भी हैं। इसी के साथ कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 5000 से अधिक है।

दिवालिया होने के कगार पर गो फर्स्ट, दो दिनों के लिए रोकी फ्लाइट बुकिंग, डीजीसीए ने मांगा जवाब

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क्या आपने 3 या 4 मई को हवाई यात्रा के लिए गो फर्स्ट एयरलाइंस में टिकट बुक कराया? अगर हां तो ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल गो फर्स्ट ने 3 और 4 मई को उड़ान भरने वाले फ्लाइट्स को रद्द कर दिया है। तेल कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पाने के चलते एयरलाइंस ने ये फैसला किया है।

वाडिया ग्रुप की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। कंपनी ने एनसीएलटी में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लिकेशन दी है। पीटीआई ने कंपनी के सीईओ कौशिक खोना के हवाले से यह जानकारी दी है। खोना ने कहा कि एयरलाइन के 28 विमान ग्राउंड कर दिए गए हैं। यानी उसके आधे से ज्यादा विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी ने उसकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे कंपनी के पास फंड की भारी कमी हो गई है। जिसके बाद दिवाला कार्यवाही के लिए जाना पड़ा।

एयरलाइन ने इस घटनाक्रम के बारे में सरकार को सूचित कर दिया है और वह डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को एक डिटेल्ड रिपोर्ट भी सौंपेगी।इस बीच डीजीसीए ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उसके बिना जानकारी दिए फ्लाइट्स कैसे कैंसल कर दी। कंपनी से 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है।

गो फर्स्ट एयरलाइन का कैश फ्लो गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। एयरलाइंस के आधे से ज्यादा हवाई जहाज उड़ान नहीं भर पा रही क्योंकि एयरबस ए320 नियो विमानों के लिए प्रैट एंड व्हिटनी इंजनों की सप्लाई नहीं कर पा रही है जो एयरबस ए320 नियो विमानों को शक्ति प्रदान करती है। गो फर्स्ट एयरलाइन स्ट्रैटजिक निवेशकों की तलाश कर रही है साथ ही एयरलाइंस में निवेश के लिए कई निवेशकों से बात भी कर रही है।

जानकारी के अनुसार गो फर्स्ट के पास 31 मार्च तक 30 प्लेन ग्राउंडिड थे, जिनमें 9 प्लेन पर लीज पेमेंट बकाया है। एयरलाइन की वेबसाइट के अनुसार, गो फर्स्ट के बेड़े में कुल 61 विमान हैं जिनमें से 56 ए320 नियो और 5 प्लेन ए320सीईओ शामिल हैं। पैसेंजर रेवेन्यू का नुकसान तब होता है जब एयर फेयर में इजाफा होता है। महामारी के बाद एयर ट्रैफिक में लगातार इजाफा हो रहा है। एयरलाइन के मौजूदा समर शेड्यूल में एक सप्ताह में 1,538 उड़ानें ऑपरेट करने की योजना है, जो पिछले साल की तुलना में 40 कम है। सीजन 26 मार्च से शुरू हुआ और 28 अक्टूबर तक चलेगा।

मानहानि केस में राहुल गांधी को नहीं मिली राहत, गुजरात हाईकोर्ट में सजा पर रोक की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। 2019 के मोदी सरनेम मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और दोष सिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी।

राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके लिए अंतरिम संरक्षण की मांग की थी, इस पर जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने किसी तरह की अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार किया है। राहुल गांधी की याचिका पर फैसला हाई कोर्ट के वेकेशन के बाद सुनाया जाएगा।जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक ने उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि फैसला गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनाया जाएगा। यानी अब राहुल गांधी को करीब 5 हफ्ते इंतजार करना पड़ेगा। चार जून के बाद अदालत उनकी याचिका पर अपना आदेश सुना सकती है।

बता दें कि सूरत जिले की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी पाते हुए राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी।जिसके बाद उनको संसद की सदस्यता से अयोग्य किया गया था। जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक की पीठ के समक्ष शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निरुपम नानावटी पेश हुए। उन्होंने कहा कि अपराधों की गंभीरता, सजा इस स्तर पर नहीं देखी जानी चाहिए। उनकी (राहुल गांधी) अयोग्यता कानून के तहत हुई है।

सावरकर मामले का किया जिक्र

नानावटी ने दलील रखी कि राहुल गांधी कोर्ट ने अयोग्य नहीं ठहराया है। बल्कि वे कानून के तहत अयोग्य हुए हैं। उन्होंने पीठ के सामने उस रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि था कि वे गांधी हैं, सावरकर नहीं जो माफी मांगें। वह सजा, जेल जाने से भी डरने वाले नहीं हैं। यह उनका सार्वजनिक स्टैंड है, लेकिन कोर्ट में अलग स्टैंड है।

राहुल गांधी के वकील ने क्या कहा?

राहुल गांधी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने मामले में अंतरिम सुरक्षा मांगी। सिंघवी ने राहुल गांधी की ओर से कहा कि सीआरपीसी की धारा 389 (1) के तहत सजा पर रोक लगाने की परीक्षा असाधारण परिस्थितियां हैं। धारा 389 सीआरपीसी किसी व्यक्ति के दोषी होने या न होने से संबंधित नहीं है, लेकिन यह सुविधा के संतुलन के बारे में है। यहां मानहानि को अक्षम्य अपराध माना जा रहा है। स्थिति की अपरिवर्तनीयता को देखना होगा। एक निर्वाचित व्यक्ति लोगों का प्रतिनिधि होने का अधिकार खो देता है, जो अपरिवर्तनीय है. वह अगला सत्र, बैठकें आदि किसी में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे। लेकिन जस्टिस प्राच्छक ने राहुल गांधी को अंतरिम सुरक्षा देने से इंकार कर दिया और दोषिसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। कहा कि छुट्टी के बाद फैसला सुनाया जाएगा।

सजा के बाद छिनी थी सांसदी

सूरत की अदालत ने 23 मार्च राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस मामले में शिकायकर्ता सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी हैं।