बिलकिस बानो केसःसुप्रीम कोर्ट ने कहा-भयानक था बिलकिस के खिलाफ अपराध, दोषियों को पैरोल पर उठाए सवाल
#bilkis_bano_case_hearing_in_supreme_court
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को गुजरात के बिलकिस बानो केस की सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने राज्य सरकार से दोषियों को समय से पहले रिहाई देने का कारण पूछा। साथ ही रिहाई से जुड़ी फाइल दिखाने के लिए कहा।दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को निर्देश दिया था कि वो 11 दोषियों को रिहा करने संबंधी दस्तावेज पेश करें। अब दोनों ही सरकारों ने इससे इनकार कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को चुनौती भी दी जा सकती है।
केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि मामले में दोषियों को छूट पर मूल फाइलें मांगने के 27 मार्च के आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की जा सकती है।केंद्र और गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये बात कही। दोषियों को दी गई छूट के संबंध में जो भी फाइलें हैं, सरकारें उन्हें विशेषाधिकार का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं करना चाहती हैं।
बिलकिस बानो केस में दोषियों को पैरोल देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता पर राज्य को विचार करना चाहिए था। जिस तरह से ‘सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती’। ठीक वैसे ही नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट गुजरात सरकार से जानना चाहती है कि आखिर वो क्या कारण थे, जिनके आधार पर दोषियों को जल्द रिहा करने का फैसला किया गया। सुनवाई कर रहे जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने कहा कि जब इस तरह के जघन्य अपराधों में छूट दी जाती है तो उससे समाज पर असर पड़ता है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये जिस तरह का अपराध था, वो भयानक था। इस मामले के हर दोषी को 1000 दिन से अधिक की पैरोल मिली। यहां तक की एक दोषी को तो 1500 दिन की पैरोल मिली। कोर्ट ने कहा कि आपकी शक्ति का उपयोग जनता की भलाई के लिए होना चाहिए।उच्चतम न्यायालय ने ये भी कहा कि ये एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है। आप क्या संदेश दे रहे हैं? आज बिलकिस है, कल कोई और हो सकता है।







Apr 18 2023, 19:40
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
3.4k