दुमका : आदिवासी इतिहास एक चैलेंज, कई दस्तावेजों से भरा हुआ आदिवासियों का इतिहास : डॉ0 जोसेफ बारा


दुमका :- उपराजधानी के कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को आयोजित दो दिवसीय राजकीय पुस्तकालय साहित्य उत्सव में सीगल बुक्स प्रकाशन के प्रकाशक नवीन किशोर ने कहा कि मेरी दिक्कत यह है कि मैं जीवन में सब कुछ करना चाहता हूँ। 

मेरी शुरुआत एक मंच पर थिएटर लाइटिंग डिजाइनर के रूप में हुई थी। मैं फिर से एक प्रकाशक के रूप में जन्म लिया और 40 साल से किताबों को प्रकाशित करते आ रहा हूं। इसी बीच हर दिन 14-15 सालों से, दोस्तों, कवियों एवं खुद के लिए कुछ लिखने का प्रयास भी कर रहा हूं।

उन्होंने कहा कि प्रकाशक होने के कारण कुछ लोग सोचते हैं कि मुझे अपनी प्रकाशन के लिए आसानी हुई होगी लेकिन मुझे भी उतना ही परेशानी हुई जितनी पहली बार किसी लेखक को होती है। 

नवीन किशोर ने 1982 में नाटक, फिल्म, कला और संस्कृति अध्ययन से संबंधित पुस्तक मुद्रण के उद्देश्य से सीगल बुक्स की स्थापना की। आज यहां कविता और कथाओं सहित साहित्य के ख्यातिप्राप्त लेखकों के पुस्तक प्रकाशित होते हैं। 

पॉल सेलन, इंगबोर्ग बैचमैन, जीन-पॉल सार्त्र, थॉमस बर्नहार्ड, इमरे कर्टेज़, यवेस बोनेफॉय, मो यान, महाश्वेता देवी समेत साहित्य क्षेत्र के कई दिग्गजों की पुस्तकें इनके प्रकाशन में मिल जाएंगी।रवि सिंह नई दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र प्रकाशन कंपनी स्पीकिंग टाइगर के प्रकाशक और सह-संस्थापक हैं। इससे पहले, वह पेंगुइन बुक्स इंडिया के प्रकाशक और प्रधान संपादक, एलेफ बुक कंपनी के सह-प्रकाशक और दिल्ली डायरी पत्रिका के संपादक थे। 

डॉ. जोसेप बारा ने कहा कि मैं साहित्यकार नहीं हूं। मैं थोड़ा बहुत आदिवासी इतिहास पर कार्य करता हूं। आदिवासी इतिहास को मैं एक चैलेंज के रूप में देखता हूं आदिवासी इतिहास में दस्तावेज भरे हुए हैं। आदिवासी के इतिहास के संबंध में दुमका कोर्ट रूम से मुझे बहुत सारी जानकारियां मिली जिसे मैं सोच भी नहीं सकता था। कहा कि यह सारी दस्तावेजों के आधार पर आदिवासी इतिहास को कोशिश करता हूँ बताने की। 

डॉ. जोसेफ बारा, भारतीय दलित अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली के एक संकाय हैं।फुलब्राइट-नेहरू शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता फेलो थे और अनुसूचित जनजातियों पर भारत की उच्च स्तरीय समिति (2013-14) के प्रधानमंत्री के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : गौरवशाली धरती पर बहने लगी साहित्य की रसधार, साहित्य उत्सव का दूसरा सीजन शुरू, देश भर से जुटे प्रख्यात लेखक व कवि


दुमका : पहाड़-जंगलों से घिरे, मंदिरों की भूमि और अपने दामन मे कई इतिहास को समेटे झारखण्ड की उपराजधानी दुमका में शनिवार से साहित्य की रसधार बहनी शुरू हो गयी। जिला प्रशासन द्वारा कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राजकीय पुस्तकालय साहित्य उत्सव के दूसरे सीजन का शुभारंभ उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, एसपी अम्बर लकड़ा और देश भर से जुटे प्रख्यात लेखक व कवि ने संयुक्त रूप से किया। 

दो दिनों तक चलनेवाले इस साहित्य उत्सव में देश भर के कई प्रख्यात संपादक, लेखक, साहित्यकार, कवि एवं प्रकाशकों द्वारा कला-संस्कृति, समाज, प्रकाशन, यात्रा, वन्य जीवन, भाषा आदि विषयों पर साहित्य के प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और संवाद करेंगे।

साहित्य उत्सव के उदघाटन के अवसर पर बीते वर्ष आयोजित प्रथम साहित्य महोत्सव पर आधारित स्मारिका का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।

 सत्र के शुभारंभ से पहले उपायुक्त श्री शुक्ला ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उप विकास आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने स्थानीय विधायक बसंत सोरेन का संदेश पढ़कर सुनाया।साहित्य उत्सव के प्रथम सत्र में लिखने की प्रेरणा विषय पर परिचर्चा हुई। सत्र का संचालन फाउंडिंग मदर्स ऑफ द इंडियन रिपब्लिक के लेखक अच्युत चेतन ने किया। 

उन्होंने दुमका का इतिहास को बताते हुए कहा कि

शेरशाह सूरी जब यहां से गुजर रहें थे तो वह एक जगह पर रुके। वहां पर अपने सिपाहियों से कहा कि इस टीले पर चढ़कर देखो कि क्या नजर आ रहा है तो टीले पर चढ़कर सिपाहियों ने कहा कि नीचे एक नदी बह रही है जिसकी आकृति मोर की तरह दिखाई दे रही है जिससे उस नदी का नाम मयूराक्षी पड़ा और हमारे चारों ओर जो जगह है वह पहाड़ों के दामन में है जिससे इसका नाम दुमका पड़ गया। उन्होंने कहा कि दुमका विस्थापितों का शहर है। यहां की युवक-युक्तियां नौकरी की तलाश में बड़े शहर चले जाते है लेकिन यहां से काफी साहित्यकार उभरकर आगे भी आए हैं। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : डिजिटल पुलिसिंग की पहल शुरू, पेट्रोलिंग टीम पर रहेगी नजर, दुर्घटना में घायल को जल्द अस्पताल पहुँचाने में मिलेगी मदद


दुमका :- दुमका में डिजिटल पुलिसिंग की पहल शुरू कर दी गयी है। शुक्रवार को इसकी शुरुआत जरमुंडी और हँसडीहा थाना से की गई है। इसके तहत जरमुंडी थाना क्षेत्र के दुधानी, कारूडीह मोड़ एवं हंसडीहा थाना क्षेत्र अंतर्गत महादेवगढ़-बनियारा में ब्लैक स्पॉट स्थल चिन्हित कर क्यूआर कोड लगाया गया। 

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर क्यूआर कोड लगाकर जरमुंडी थाना एवं हंसडीहा थाना पुलिस को डिजिटल पुलिसिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। क्यूआर कोड लगने से अब इ-बीट पेट्रोलिंग सिस्टम चालू हो गयी। 

इ-बीट पेट्रोलिंग के लागू होने से वरीय पदाधिकारियों द्वारा थाना पदाधिकारी एवं पेट्रोलिंग गश्ती पर नजर रखी जाएगी एसपी अम्बर लकड़ा के मुताबिक आम लोगों के सहयोग के लिए इ-बीट पेट्रोलिंग सिस्टम चालू किया गया है। सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए ब्लैक स्पॉट ई-बीट एवं ई-बीट पेट्रोलिंग सिस्टम शुरू की गई है।

साथ ही दुर्घटना होने पर पुलिस नियंत्रण कक्ष के कर्मी आसानी से गश्ती टीम को ट्रैक कर सकेंगे एवं जख्मी होने वाले व्यक्ति को जल्द अस्पताल पहुंचाने में मदद करेंगे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : चंदन विश्वास हत्याकांड का खुलासा, अवैध संबंध में पति-पत्नी ने मिलकर की हत्या

दुमका : दुमका पुलिस ने मुफ्फसिल थाना अंतर्गत कारीकादर गांव के चंदन विश्वास के हत्या मामले में आरोपी दंपत्ति को गिरफ्तार कर शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। शादीशुदा महिला के साथ प्रेम प्रसंग की वजह से चंदन की हत्या की हुई थी। 

शुक्रवार को मुफ्फसिल थाना परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए सदर एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने कहा कि आरोपी दंपत्ति नरेश राणा और फुलकुमारी देवी ने मिलकर चंदन की हत्या कर दी थी।

 चंदन विश्वास का आरोपी फुलकुमारी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। आरोपी दंपत्ति मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के कैराबनी गांव के रहनेवाले है। एसडीपीओ ने कहा कि चंदन की हत्या के बाद उसकी मां इमा विश्वास ने मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इमा विश्वास ने आरोपी नरेश राणा एवं अन्य अज्ञात पर हत्या का संदेह जताया था। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार को ढाकोडीह से संदेही आरोपी नरेश राणा और उसकी पत्नी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। दोनों ने चंदन की हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। चंदन की हत्या धारदार हथियार से की गई थी। दोनों के निशानदेही पर पुलिस ने खून लगा लोहे का दबिया समेत सामान बरामद किया।

 मौके पर पुनि सह थाना प्रभारी नितिश कुमार, पुअनि संजय कुमार, गंगाधर सिंह, अनिल कुमार मोहली, सअनि वीरेंद्र कुमार, अशोक कुमार मिश्रा सहित अन्य मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : निजी स्कूल के चौथी तल्ला से गिरकर 8 वर्षीय छात्र की मौत, 3 दिन पहले हॉस्टल आया था आर्यमन, जांच में जुटी पुलिस


दुमका : दुमका के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत महुआ डंगाल में स्थित एक निजी स्कूल के TTचौथी तल्ला से गिरकर करीब आठ वर्षीय छात्र की दर्दनाक मौत हो गयी। मृतक आर्यमन कुमार पहली कक्षा का छात्र था और स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। 

इधर, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है हालांकि मृतक के परिजनों की ओर से संबंधित थाना में समाचार लिखे जाने तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नही करायी गयी थी लेकिन परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

जानकारी के मुताबिक प्लस टू पीजी स्कूल में पहली कक्षा के छात्र आर्यमन कुमार के स्कूल के चौथी तल्ला से अचानक गिरने के बाद अफरा-तफरी मच गई। आर्यमन ने खुद छत से छलांग लगायी या फिर खेलने के दौरान गिरा, इन सभी बिंदुओं पर पुलिस जांच में जुटी है। 

आनन - फानन में आर्यमन के परिजनों को इस घटना की सूचना स्कूल प्रबंधन द्वारा दी गयी और आर्यमन को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आर्यमन के शव का पोस्टमार्टम कराकर मामले की जांच में जुट गई है। मृतक के मामा हेमंत कुमार ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। हेमंत ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने फोन कर जानकारी दी कि आर्यमन छत से कूद गया है।

 अस्पताल आने के बाद देखा तो आर्यमन स्ट्रेचर पर था।उसकी मौत हो चुकी थी। कहा कि अगर छात्र को हॉस्टल में रखा गया है तो स्कूल प्रबंधन का दायित्व है कि उसकी सही ढंग से देखभाल हो लेकिन कही ना कहीं स्कूल प्रबंधन से चूक हुई है जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना हुई।

 इधर स्कूल के प्रिंसिपल सौरभ कुमार दत्ता के मुताबिक तीन दिन पहले ही आर्यमन हॉस्टल आया था और स्कूल में नही रहने की जिद्द कर रहा था। उन्होंने कहा कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय वो नाश्ता कर रहे थे। अचानक हल्ला हुआ तो वो नाश्ता छोड़कर घटनास्थल पहुँचे। 

बता दे कि पीजी स्कूल के एक ही बिल्डिंग में पठन-पाठन के साथ हॉस्टल भी संचालित है। चौथी तल्ला में हॉस्टल का किचन बना हुआ है। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय बच्चे टिफिन कर रहे थे। 

जबकि तीसरे तल्ला में आर्यमन अन्य छात्रों के साथ रहता था। अब सवाल है कि आर्यमन छत तक कैसे पहुँचा। क्या आर्यमन की गतिविधियों पर किसी की नजर नहीं पड़ी। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। 

थाना प्रभारी नितिश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौप दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : अवैध लॉटरी के गोरखधंधे का भंडाफोड़, 9 कार्टून लॉटरी समेत अन्य सामान बरामद, 6 गिरफ्तार


दुमका : दुमका पुलिस ने अवैध लॉटरी के कारोबार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से नौ कार्टून अवैध लॉटरी सहित अन्य सामान बरामद किया।

जानकारी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक को नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रसिकपुर दास पारा में एक घर में अवैध रूप से लॉटरी के टिकट का भारी पैमाने पर कारोबार किये जाने की गुप्त सूचना मिली थी।

उक्त सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशा पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर नूर मुस्तफा अंसारी के नेतृत्व में टीम गठित कर रसिकपुर दास पारा के खपरैल के मकान में टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एक कमरे में छह लड़के लॉटरी का टिकट का बंडल बनाते हुए तथा कई कार्टून में भारी मात्रा में रखे गए लॉटरी टिकट का बंडल और कंप्यूटर पर काम करते हुए पाया गया। पुलिस के पूछताछ करने पर नागेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ मुन्ना गुप्ता, रामू कुमार दास, मो0 हैदर, नयन कुमार दास, नितीश कुमार साह उर्फ आर्यन गुप्ता एवं शिव कुमार उर्फ संजीत दास ने लॉटरी के अवैध धंधे में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इधर पुलिस ने मौके से एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, कुल नौ कार्टून नागालैंड व स्टेट लॉटरी, लॉटरी से संबंधित कारोबार का हिसाब किताब लिखी हुई एक कॉपी, 10 मोबाइल, एक स्कूटी और एक हीरो ग्लैमर मोटरसाइकिल बरामद किया गया।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : 70 पीडीएस दुकानों को शो-कॉज, 7 पर अनियमितता के गंभीर आरोप, डीसी ने कहा- संतोषजनक जवाब नही मिलने पर होगी कार्रवाई


दुमका :- जिले के करीब 70 जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इन पीडीएस दुकानदारों पर खाद्यान्न वितरण में विभिन्न तरह से अनियमितता बरतने का आरोप है। इनमें से सात पीडीएस दुकानदारों पर अनियमितता के गंभीर आरोप लगे है।

 

दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर राज्यभर में बीते दिनों जनवितरण प्रणाली के दुकानों का अधिकारियों ने निरीक्षण किया था। दुमका में जांच के लिए 30 टीम बनायी गयी थी। टीम ने जिले भर के विभिन्न पीडीएस दुकानों की जांच की थी। 

इस दौरान पीडीएस दुकान में ऑनलाइन स्टॉक और वास्तविक स्टॉक, कांटा की स्थिति, ई-पॉश मशीन, राशनकार्ड धारियों को मिलने वाले राशन की मात्रा, उसकी गुणवत्ता आदि की जांच की गई थी। 

टीम ने जांच के बाद उपायुक्त को रिपोर्ट सौंप दी है। उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि करीब 170 पीडीएस दुकानों की जांच रिपोर्ट मिली है जिसमे 70 दुकानों को शो-कॉज किया गया है। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : जल संरचनाओं के लिए चिन्हित जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना राजस्व विभाग की बड़ी जिम्मेदारी : जल पुरुष


दुमका : जल संरक्षण के लिए लोगों को इन दिनों जागरूक करने में जुटे द वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ0 राजेंन्द्र सिंह ने कहा कि जल संरचनाओं के लिए चिन्हित जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना राजस्व विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है।

 उन्होंने कहा कि आजकल जल संरचनाओं की जो जमीन है वो बहुत विवादित है। रिकॉर्ड ठीक नही है और जमीन से जुड़ी उन रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दुमका को पानीदार बनाना सिर्फ राज्य का अकेला काम नहीं है बल्कि इसमें समाज और जनता सभी को मिलकर एक प्लेटफॉर्म पर आना होगा।

दुमका के कन्वेंशन सेंटर में जिला प्रशासन, एसकेएम यूनिवर्सिटी और सीएसओ के संयुक्त तत्वावधान में जल संरक्षण, संवर्धन और डीएमएफटी एवं राज्य सरकार के योजनाओं के प्रचार प्रसार से संबंधित जागरुकता कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद जल पुरुष डॉ0 राजेंद्र सिंह ने उक्त बातें कही। 

इस कार्यक्रम में मैग्से अवार्ड से सम्मानित डॉ0 राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण के लिए अपने सुझाव एवं विचार लोगों के बीच रखा और स्थानीय मुखिया, जनप्रतिनिधियों एवं सिविल सोसायटी से जुड़े लोगों के साथ संवाद किया।

उन्होंने कहा कि शासन अगर दुमका को पानीदार बनाना चाहता है तो जिले की जितनी भी जल संरचनाओं की जमीन है, उन सभी जमीनों का ठीक से पहचान कर उसका सीमांकन और चिन्ह्तिकरण कर एक रोडमैप तैयार करना होगा। डॉ राजेंद्र सिंह ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोग अपने गांव को समृद्ध गांव बना सकते हैं केवल आवश्यकता है तो एक प्रयास एवं सही दिशा की। उन्होंने जल की माहता को बताते हुए कहा कि "जल में ही जीवन है" जल के बिना जीवन की परिकल्पना असंभव है।

 उन्होंने जल संरक्षण हेतु वर्षा जल के संचयन एवं सभी गांव में कम से कम 70% पानी रोक कर जल का समुचित उपयोग करने हेतु आवश्यक कदम उठाने का सुझाव दिया ।जन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता को आपसे अपेक्षाएं हैं उनके अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए आपको आगे आना होगा एवं संरक्षण की दिशा में प्रयास करना होगा सभी जनप्रतिनिधि सर्वप्रथम इससे लिए ग्राम पर नियम बनाए उसके पश्चात जिला स्तर इसकी रूपरेखा प्रस्तुत करें इस प्रकार एक छोटे जगह से एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है ।दुमका में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है इनका सदुपयोग करके आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक समृद्धि भी प्राप्त की जा सकती है उन्होंने प्रकृति की महत्ता को बताते हुए कहा कि प्रकृति हमारी जननी है एवं इनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है। दुमका में जल संरक्षण की दिशा में अगर प्रयास किया जाए तो ना केवल उस गांव में मुलभुत सुविधाओं की प्राप्ति हो सकती है बल्कि गांव के लोगों के रोजगार का साधन भी बनेगा इस में इस क्रम में जनप्रतिनिधियों द्वारा कही सवाल किए गये। 

साथ ही इसके दूसरे चरण में सिविल सोसाइटी सदस्यों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया एवं लोगों को जल संरक्षण की दिशा में उचित कदम उठाने हेतु अपील की।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : सीनियर महिला नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में दुमका की 3 खिलाड़ी लेंगी हिस्सा, संघ को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद


दुमका : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में होनेवाले 51वें सीनियर महिला नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में दुमका की तीन महिला खिलाड़ी हिस्सा लेंगी। पांच दिनों तक चलनेवाले उक्त चैंपियनशिप का आगाज 15 मार्च को होगा। दुमका की जिन तीन महिला खिलाडियों का चयन हुआ है उनमें बीना किस्कू, नेहा कुमारी झा और रिया रिचा सोरेन शामिल है।

यह सभी खिलाड़ी दुमका के हैंडबॉल कोच फरीद खान के पास प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी। कोच फरीद खान ने चयनित खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए रविवार को कहा कि इन खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस दिन ब दिन बेहतर होता जा रहा है और उम्मीद है कि नेशनल चैंपियनशिप में दुमका सहित पूरे झारखंड का नाम रोशन करेंगी।

हैंडबॉल कोच अमित आनंद एवं जिला हैंडबॉल संघ के अध्यक्ष प्रदीप्त मुखर्जी

ने सभी की सराहना की और प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन की कामना की। हैंडबॉल के संरक्षक डॉक्टर तुषार ज्योति में चयनित खिलाड़ियों से कहा कि प्रतियोगिता में जीत-हार लगी रहती है। हार जीत बहुत कुछ सिखाती है तो हमें हार से निराश नहीं होना है कुछ सीखना है ताकि आगे आने वाले वक्त पर अपने परफॉर्मेंस को बेहतर कर दुमका का नाम रोशन कर सकें।

मौके पर हैंडबॉल खिलाड़ी शाहिद अफरीदी, अरबाज खान, सोहेल खान, रोहित चालक, इलीशा मुर्मू, शांतिप्रिया एवं अन्य खिलाड़ी मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : सरकार के 60:40 नियोजन नीति का विरोध, छात्रों ने सीएम का पुतला फूंका

दुमका :- सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय छात्र समन्वय समिति ने सरकार के 60:40 नियोजन नीति का विरोध किया है। सरकार के 60:40 नियोजन नीति के खिलाफ छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में छात्रों ने रविवार को एसपी कॉलेज के पास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका और इस नियोजन नीति को जल्द निरस्त करके इसी सत्र में मूल झारखंडियों के हित में खतियान आधारित नियोजन नीति बनाने की मांग की।  

छात्र नेता श्याम देव हेम्ब्रम ने कहा कि मुख्यमंत्री के ऑडियो रिकॉर्डिंग सर्वे के माध्यम से सरकार का कहना है कि 70 प्रतिशत युवा व युवतियों ने पूर्व नियोजन नीति 2016 के आधारित राय आया लेकिन यह बिल्कुल फर्जी साबित हुआ और छात्रों को दिग्भ्रमित किया गया। 

उन्होंने कहा कि वास्तविकता यही है हम छात्रों ने मिलकर टि्वटर हेशटेग क्रांति से तीन लाख साठ हजार छात्र ने साबित कर दिया कि सरकार द्वारा बनाए गए 60:40 नियोजन नीति का विरोध करते हैं यह नीति झारखंड में नहीं चलेगा। 

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस नीति से झारखंड सरकार ने बाहरियों को नौकरी देने का चारागाह बना दिया और बनाने का काम किया है। जिस प्रकार बिहार में बिहारियों के लिए, बंगाल में बंगालियों के लिए, पंजाब में पंजाबी के लिए सुरक्षित नियोजन नीति बना है तो झारखंड में झारखंडियों के लिए क्यों नहीं बन सकता है।

उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर हो रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद आदिवासी बताकर यहां के मूलवासी आदिवासियों को गुमराह करके वोट बैंकों में तब्दील करने का कोशिश कर रहे है। 

उन्होंने कहा कि यदि झारखंड सरकार 60-40 नियोजन नीति जल्द निरस्त नहीं करती है और इसी सत्र में खतियान आधारित नियोजन नीति तय नहीं करती है तो छात्र समन्वय समिति पूरे झारखंड प्रदेश में सड़क से लेकर सदन तक महा आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। 

मौके पर राजीव बास्की, राजेंद्र मुर्मू, मुनीलाल हांसदा, विवेक हांसदा, मंगल सोरेन, कैतरीना सोरेन, पुष्पलता हेंब्रम, बाबूराम सोरेन, कोर्नेलियस किस्कू, विजयसिंह हांसदा, रविंद्र मरांडी, मीनू मरांडी, शांति लता हेंब्रम, सुमन मुर्मू, सुलिश सोरेन, सुनील हेंब्रम, असिश हेंब्रम, राली किस्कू, एलिसा हांसदा, परमिला हेंब्रम, सुभाष टुडू, अमर हांसदा, विमल टुडू, संदीप हेंब्रम, कालेस्वेर्ट हेंब्रम, होपोंटी हेंब्रम, नरेश सोरेन, बीरेंद्र किस्कू, सुरेश मुर्मू, राम मुर्मू, राजेश मुर्मू, आदित्य हांसदा, सोनी सोरेन, प्रेमलता टुडू, जागेश्वर सोरेन, जॉन सोरेन,मुकेश हेंब्रम, सेलस्टीना हेंब्रम, सुनीता टुटू, मरियम टुडू, सकल हेंब्रम, अगस्टिन मरांडी, मीनू मरांडी, दिनेश टुडू, तेरेशा सोरेन, ललिता सोरेन सहित कई छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)