बेरोजगारी ने किए मंहगाई के रंग बिरंगे ,होली ने पकवान के हवा बिगाड़ी
अमेठी। हिन्दू धर्म के लोग बहुसंख्यक है। जिले मे ऊसर और ताल की भरमार है। नदी,नाले के चलते भूमि समतल ना होना स्वाभाविक है। कल कारखाने लगे। लोगों की जमीन गयी। नौकरी मिली। अब बेरोजगारी ने मंहगाई के रंग बिरंग कर दिए। पैदल की चलन गयी। साइकिल कोई चलना चाहता है। सवारी का भाडा पांच रुपए प्रति किलोमीटर है। सामान से ज्यदा भाड़ा लोगों को परेशान कर रहा है। जीएसटी टैक्स लगाने मे सरकार जनता की राय नहीं ली। और टैक्स का बोझ सरकार ने जबर्दस्ती लाद दिए। अनुदान,निःशुल्क जनता को परोसा जा रहा है। उसमे भी सरकार टैक्स वसूल रही है। पढ़ाई पर सख्ती नहीं है।
शिक्षक दलीय राजनीति कर रहे है। सरकारी विभाग और समाज मे नेतागिरी चटक चल रही है। अधिकारी और कर्मचारी भी आन लाईन सुविधा से परेशान है। तैनात कम है। पद की संख्या ज्यदा है। आखिर इस परम्परा मे कब बदलाव आयेगा। साइबर कैफे,सीएससी पर आन लाईन के नाम पर मनमानी वसूली की जा रही है। इन्ही सेन्टर पर लेखपाल,शिक्षक,प्राविधिक सहायक,तकनीक सहायक, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भी आन लाईन के नाम पर ठगी के शिकार हो रहे है। जो भ्रष्टाचार जनता के सिर पर उतर रहा है। यह खर्च कही ना कही लोगो के सिर से नीचे उतरना तय है। मकान दर्ज करवाना है। नकल लेनी हो। सरकारी आफिस मे आदेश निर्गत कराना हो। स्कूल मे प्रबेश लेना है। छात्रवृत्ति लेनी है। सबमे बिना जुआड़ के काम आसान नहीं है।
बेरोजगारी चरम पर चल रही है। जिसके चलते मंहगाई ने अपना आईने को रंग बिरंगे कर दिए। पकवान के भाव ने लोगो को हाथ लगाने से ही हाथ खडे कर दिए। रिफाइण्ड 150 रूपए लीटर,सब्जी मसाला 250 रूपए,धनिया 160 रूपए किलोग्राम,जीरा 500 रूपए किलोग्राम,रवा 40 रूपए किलोग्राम,मैदा 30 रूपए किलोग्राम,हल्दी 140 रूपए किलोग्राम, सोठ 400 रूपए किलोग्राम,तेजपत्ता 200 रूपए किलोग्राम,सरसो का तेल और रिफाइण्ड 150 रूपए किलोग्राम,गरी का बुरादा 250 रूपए किलोग्राम, चीनी 40 रूपए किलोग्राम,गुड 45 रूपए किलोग्राम,दूध 60 रूपए लीटर,खोवा 300 रूपये किलोग्राम,काला कन्द 390 रूपए किलोग्राम,बर्फी 450 रूपए किलोग्राम,लड्डू 250 रूपए किलोग्राम आदि भाव मे सामान दुकानों पर भाव खाते दिखे।
ग्राहक को मुह चिढाते हुए मंहगाई अपने रंग की बिरंग करने से बाज नहीं आए।जीएसटी टैक्स ने जनता को इस कदर परेशान कर दिए। जबकि दुकानदार खरीद पर टिन नम्बर का बिल नहीं दे रहे है। जब लोगो से रूपए दुकानदार ले रहे है। तो देने मे क्या दिक्कत है। अनुदान और निःशुल्क मिलने वाली योजनाओ पर जीएसटी टैक्स की छूट नही है। जब तक आन लाईन नहीं होगा। छूट नही मिल पाएगी। आवारा पशुओं को अस्थाई गौ आश्रय केंद्र पर सहारा नहीं मिल पा रहा है ।जबकि 30 रूपए प्रति पशु सरकार अनुदान दे रही है। लेकिन हैरत इस बात की कोई आवारा पशु इन केंद्र से लेना चाहे तो राह आसान नही है। ऐसी हालत मे अनुदान पर जीएसटी है। तो खेतो मे आवारा पशुओं ने परेशान कर दिए है।
होली के ठीक पहले गैस सिलेंडर मूल्य 1110 से बढाकर 1170 रूपए प्रति सिलेंडर कर होली के रंग मे उछाल आ गया। आजादी के बाद अमृत काल की सबसे मंहगी होली सत्ता पक्ष और विपक्ष को खूब सूट कर रही है।सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमेठी आकर सिलेंडर वाली को हराने की बात कह दी। अमेठी आए जुबिन ईरानी को रंग बिरंग कर कीचड़ उड़ेल गये। दीदी के साथ साथ आना था। लेकिन दीदी दगा दे गयी। और भाई साहब गचा खा गए ।कुछ भी हो है ना रंगों का त्यौहार है। कुछ दिल से मिलेगे। तो कुछ अवीर,गुलाल से गले मिलेगे। लेकिन हम और आप रंग और बिरंग होकर होली खेलेंगे। बुरा ना मानो होली है।
Mar 10 2023, 09:11