दुमका : पंडित रघुनाथ मुर्मू पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र का शुभारंभ, हर गांव में सामुदायिक पुस्तकालय की जरूरत : डॉ0 धूनी सोरेन

दुमका : जामा प्रखंड के 

नवाडीह में रविवार को पंडित रघुनाथ मुर्मू पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र का उदघाटन मुख्य अतिथि डॉ0 धूनी सोरेन ने किया।

 इस अवसर पर कृषि बाजार समिति के पणन सचिव संजय कच्छप, भूमि उपसमाहर्ता विजय मनीष आर लकड़ा, एसपी महिला कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर हनीफ अंसारी, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता अमिताभ बच्चन सोरेन, जिला सांख्यिकी अधिकारी कुमार अविनाश, मुखिया प्रीति हेंब्रम, संताल आवासीय विद्यालय मसलिया के प्रधानाध्यापक डॉ0 कौशल मुख्य रूप से उपस्थित थे ।

उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए डॉक्टर धूनी सोरेन (इंग्लैंड) ने पुस्तकालय के महत्व को बताया और कहा कि झारखण्ड के हर गांव में एक सामुदायिक पुस्तकालय का होना जरूरी है जिससे की हमारे आने वाले पीढ़ी शिक्षा से जुड़ सके और पुस्तकालय के महत्व को जान सके। लाइब्रेरी मैन एवं पणन सचिव संजय कच्छप ने कहा कि अब इस मुहिम को मजबूती के साथ गांव के युवा के साथ मिलकर मिशन के रूप में ले जाना है। मनीष लकड़ा ने भी पुस्तकालय के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि हम सबों को पुस्तकालय के महत्व समझना चाहिए और अपने बच्चो को शिक्षा से जुड़ाव के दिशा में काम करना चाहिए। 

जिससे हमारे आने वाले पीढ़ी इससे वंचित न हो और हमारा समाज विकास की और अग्रसर हो। अमिताभ बच्चन सोरेन और डॉक्टर हनीफ अंसारी ने भी पुस्तकालय के महत्व पर प्रकाश डाला और किस तरह से पुस्तकालय के संचालन किया जाय और इससे लाभ लिया जा सके, इस पर विस्तार पूर्वक बताया गया। मौके पर महेश चंद्र मुर्मू, प्रेमलाल मुर्मू, चरण मुर्मू, सेवेन मुर्मू, राकेश सोरेन, रोहित मुर्मू, सूर्यदेव हेंब्रम, राजू हेंब्रम सुभाष मुर्मू, अंकित मुर्मू, परमेशल हांसदा, मनोहर मुर्मू, राहुल हेंब्रम, विकास मुर्मू, संजय हांसदा , अविनाश हेंब्रम, माने मरांडी, दुनूच मुर्मू,अभिषेक हेंब्रम, जियाधान मुर्मू, राजेश मुर्मू,  उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : भाजपा कार्यकर्ता की सड़क दुर्घटना में मौत, परिजनों से मिले सांसद, प्रशासन को मुआवजा देने का दिया निर्देश

दुमका :- भाजपा सांसद सुनील सोरेन ने पार्टी कार्यकर्ता कामदेव सिंह की मौत पर संवेदना जताते हुए जिला प्रशासन को मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। 

बीते शनिवार को मसलिया पश्चिम मंडल के भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता एवं गुमरो बूथ के अध्यक्ष कामदेव सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।

रविवार को सांसद श्री सोरेन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और वहां मृतक कामदेव सिंह के शव का पोस्टमार्टम करा कर शव को घर भेजने का इंतजाम किया एवं मौके पर मौजूद मृतक के भाई एवं परिजनों को सांत्वना दिया। 

उन्होंने कामदेव सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाए। 

इधर, रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में दुमका सांसद शामिल हुए। बूथ संख्या 20 पर सांसद दुमका विधानसभा की जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुना। 

सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह संबोधन काफी उत्साह का संचार करता है और उनके द्वारा कही गई एक - एक बात हमारे लिए प्रेरणादायी होता हैं और हमलोग उस पथ पर आगे बढ़ते हैं।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : रौनियार वैश्य परिषद का होली मिलन समारोह, खूब उड़े अबीर- गुलाल, जमकर थिरके लोग

दुमका :- रौनियार वैश्य परिषद द्वारा रविवार को यज्ञ मैदान में आयोजित होली मिलन समारोह में होली के गीतों के बीच समाज से जुड़े लोग खूब थिरके। देर शाम तक गीत संगीत का दौर चलता रहा। संगठन से जुड़े लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की बधाई और शुभकामनाएं दी। 

इससे पूर्व रौनियार वैश्य परिषद के अध्यक्ष महेश प्रसाद साह ने दीप प्रज्वलित कर होली मिलन समारोह का उदघाटन किया। इस अवसर पर सरैयाहाट और लकड़ापहाडी के स्थानीय कलाकारों ने होली गीतों का समां बांधा। 

वही डीजे फ्लोर पर भी लोग जमकर थिरके। मौके पर परिषद के कोषाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद साह, चुनाव प्रभारी राजकिशोर गुप्ता, कार्यक्रम संयोजक अंकित साह, प्रीतम साह, चंदन साह, अशोक साह, किशोर साह, विकास भगत, गोपाल प्रसाद साह, प्रदीप साह, लक्ष्मी नारायण, गणेश प्रसाद साह, प्रेम प्रसाद साह, विजय कुमार उर्फ मोनू, संजय साह, पूनम भगत, ममता साह, रेणु देवी, मनोरमा कुमारी, गुड़िया कुमारी आदि उपस्थित थी।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : नोट व वोट की राजनीति कर रहा सोरेन परिवार, आदिवासी समाज को बचाना सेंगेल अभियान का लक्ष्य - सालखन मुर्मू


दुमका :- आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि सोरेन परिवार का लक्ष्य आदिवासी समाज का सशक्तिकरण नहीं बल्कि केवल नोट और वोट की राजनीति करना रहा है। 

उन्होंने कहा कि वंशानुगत नियुक्त माझी हड़ाम आदि को जनतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों से सुधारने का काम शुरू हो गया है जिसकी झलक दुमका में 27 फरवरी को देखने को मिलेगा।

रविवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज और संताल परगना को बचाना और समृद्ध करना आदिवासी सेंगेल अभियान का मुख्य लक्ष्य है जिसके लिए 2023 में सरना धर्म कोड लागू करना, मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़) जैनों के कब्जे से मुक्त करना, संताली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाना, वोट बैंक की राजनीतिक लाभ के लिए कुर्मी को एसटी बनाने वालों का विरोध करना, वंशानुगत आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक और संवैधानिक सुधार लाना, प्रखंड वार नियोजन नीति लागू करना आदि प्रमुख मुद्दे शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों को असफल बनाने में अब तक  सोरेन परिवार और हर गांव समाज में वंशानुगत नियुक्त अधिकांश अनपढ़, शराब पीने वाले, संविधान- कानून से अनभिज्ञ माझी परगना व्यवस्था के प्रमुख है। 

उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार को पांच बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला लेकिन आदिवासी समाज और उसके एजेंडा को आगे बढ़ाने की जगह हमेशा कमजोर किया है। 

नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा आदि मामलों पर समाज सुधार के कामों को अब तक नहीं किया है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ हर आदिवासी गांव समाज को चलाने वाले सोशल इंजन की तरह जिम्मेवार ग्राम प्रधान या माझी हड़ाम भी गांव समाज को एकजुट कर समृद्ध करने की बजाय नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा आदि को बढ़ाने का ही काम कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार को बेनकाब कर बेदखल करने के लिए सेंगेल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : सांसद खेल महोत्सव की तैयारियां शुरू, 4 को केंद्रीय मंत्री करेंगी शुभारंभ

दुमका :- सांसद खेल महोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गयी है। चार से छह मार्च तक तीन दिनों तक चलनेवाली सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी करेंगी। 

खेल महोत्सव का आयोजन दुमका के इंडोर स्टेडियम और गांधी मैदान में होगा। तीरंदाजी और एथेलेटिक्स का आयोजन गांधी मैदान में जबकि कैरम, शतरंज, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, कराटे, ताइक्वांडो और पावर लिफ्टिंग का आयोजन इंडोर स्टेडियम परिसर में होगा।  

प्रतियोगिता में दुमका संसदीय क्षेत्र के करीब 1200 खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। खेल महोत्सव के सह संयोजक उमाशंकर चौबे ने रविवार को आयोजन कमेटी के सदस्यों के साथ इंडोर स्टेडियम में बैठक की और तैयारियों के बाबत कई बिंदुओं पर चर्चा की। 

उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 27 फरवरी से तीन मार्च तक दुमका के इंडोर स्टेडियम में नि:शुल्क निबंधन होगा। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : उल्लास जुलूस के साथ होगा मेला का शुभारंभ, राज्य स्तर के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर तक मेला की पहुंच होगी - डीसी

दुमका : राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का शुक्रवार को उल्लास जुलूस के साथ शुभारंभ किया जाएगा। उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि परम्परा के अनुसार, हिजला मेला महोत्सव पारम्परिक औदात्य, गरिमा और उल्लास से मनाया जायेगा।

राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव में इस वर्ष भी संताल परगना के सभी जिलों के लोगों की भागीदारी होगी।

समाहरणालय सभागार में उपायुक्त की अध्यक्षता में राजकीय जनजातीय हिजला मेला के आयोजन से संबंधित प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। उपायुक्त श्री शुक्ला ने कहा कि झारखंड में संताल परगना के प्रमंडलीय मुख्यालय दुमका में मयूराक्षी नदी के मनोरम तट पर और हिजला पहाड़ी के सुरम्य तलहटी पर 133 साल से लगने वाला ऐतिहासिक जनजातीय हिजला मेला महोत्सव 24 फरवरी से तीन मार्च तक आयोजित किया जाएगा।

कल शुक्रवार को उल्लास जुलूस के साथ मेला का शुभारंभ किया जाएगा। जिसके बाद विधिवत रूप से मेला का उदघाटन किया जाएगा। कहा कि मेला क्षेत्र में कुल चार कला मंच बनाए गए हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों का मनोरंजन कराया जाएगा। कहा कि ऐतिहासिक हिजला मेला के शुभारंभ से पूरे संताल परगना प्रमंडल में उमंग भर आता है।

प्रमंडल के सभी छह जिलों में व्यापक रूप से इस मेला का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। राज्य स्तर के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर तक मेला की पहुंच होगी। मेला में लगाये जाने वाले स्टॉल में कृषि के अत्याधुनिक तकनीक के साथ अन्य चीजों को भी दर्शाया जायेगा। कहा कि एक सप्ताह चलने वाले इस मेले में प्रत्येक दिन पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव की गतिविधियों को प्रचार के विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर प्रचार प्रसार किया जायेगा। मेला में शौचालय, पर्याप्त रौशनी, पेयजल, बेहतर साज सज्जा, साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था की गई है।

मौके पर उप निदेशक जनसंपर्क जुगनू मिंज, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : मनोहारी दृश्यों का अद्भुत संगम हैं जनजातीय हिजला मेला, जानिए कैसे शुरू हुआ था हिजला मेला, स्पेशल रिपोर्ट..

दुमका : दुमका में प्रकृति के मनोरम दृश्य के बीच संताल परगना का गौरवपूर्ण सांस्कृतिक इतिहास वाला सुप्रसिद्ध राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव शुक्रवार से शुरू हो जाएगा।

आठ दिनों तक चलनेवाला और संताल परगना के प्रमंडलीय मुख्यालय दुमका से करीब चार किलोमीटर दूर हिजला पहाड़ी के नीचे और मयूराक्षी नदी के तट पर विगत एक शताब्दी से अधिक समय से लगनेवाला यह जनजातीय मेला इस क्षेत्र के मनोहारी दृश्यों का अद्भुत संगम हैं।

मनोरंजन और हाटबाज़ार के साथ साथ यह मेला एकता, सदभाव और भाईचारे का भी प्रतीक हैं। हिजला मेला महोत्सव की तैयारियां अब अंतिम चरणों मे है।

प्रकृति के मनोरम दृश्य के बीच संताल परगना का गौरवपूर्ण सांस्कृतिक इतिहासवाला हिजला मेला अब 133 वें साल में प्रवेश कर गया हैं। यह मेला इस क्षेत्र की कला, रास, हर्ष, नृत्य और संगीत के माध्यम से इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखने में करीब एक शताब्दी से अधिक समय से प्रयत्नशील रहा हैं। बसंत ऋतु के आगमन के साथ नदियों और झीलों की निश्चल धारा, जंगली पक्षियों की मधुर आवाज और आदिवासी युवको के बांसुरी की मधुर तान ढोल और मांदर की थाप पर थिरकती आदिवासी महिलाओ के नृत्य और संगीत से संताल परगना का पूरा पहाड़ी इलाके के रोम रोम झूम उठता हैं।

धनकटनी के बाद दूर दराज के इलाको में रहनेवाले लोगो से मिलने के लिए इस इलाके के लोग व्याकुल रहते हैं और इनका समागम होता हैं मयूराक्षी नदी के तट पर हर साल लगनेवाला हिजला मेला में। जानकारों के मुताबिक 3 फरवरी 1890 को तत्कालीन उपायुक्त जान. आर. कास्टेयरस ने इस मेले की नींव रखी थी। तब से यह मेला इस क्षेत्र की संस्कृति को कला, रास-रंग और संगीत के माध्यम से प्रदर्शित करने की परंपरा बन गयी। इतिहासकार बताते हैं कि तत्कालीन उपायुक्त जान. आर. कास्टेयरस द्वारा मेला का शुभारम्भ किये जाने के बाद इस क्षेत्र के ग्राम प्रधान, मांझी, परगनैतो के साथ पहाड़ में बैठकर विचार विमर्श करते थे और इस क्षेत्र से संबंधित नियम बनाया करते थे। इस कारण यहाँ बननेवाली नियमावली को अंग्रेजी में 'हिज़ ला' कहा गया और इस पहाड़ का नाम हिजला हो गया और तब से यहाँ का मेला भी हिजला मेला के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

काफी लंबे समय के प्रयासों के बाद इस सुप्रसिद्ध जनजातीय मेला को राजकीय मेला का दर्जा मिला। आठ दिनों तक चलनेवाले इस मेले का अपना सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी हैं। आठ दिनों तक यहाँ तमाम तरह की व्यावसायिक प्रतिष्ठान, प्रदर्शनियों, विभागीय स्टॉल, कृषि, हस्तशिल्प, उत्पाद और मनोरंजन के साधन लगाये जाते हैं। अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद का आयोजन भी किया जाता हैं।

दरअसल यह मेला मनोरंजन और हाट बाज़ार के साथ ही यहाँ के एकता, सदभाव और भाईचारे का भी प्रतीक हैं, जंहा सभी वर्ग और समुदाय के लोग नृत्य-संगीत के माध्यम से अपनी एकता और सदभाव को प्रदर्शित करते हैं। मेले को कई बार आधुनिक रूप देने का प्रयास किया जाता रहा हालाँकि परिवर्तन के साथ ही यह मेला पुराने ढर्रे ही चल रहा हैं। हालाँकि इतिहासकारों के मुताबिक पिछले सौ सालो में मेले में बदलाव के कई रंग देखने को मिले लेकिन इस बदलाव को इतिहासकार सही नहीं मानते क्योकि इस बदलाव से मेले की मौलिकता पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे।

बताया जाता हैं कि वर्ष 1855 में इस क्षेत्र के लोगो की उपेक्षा और शोषण के खिलाफ उपजे असंतोष के कारण संताल विद्रोह के महानायक सिदो, कान्हू, चाँद और भैरव ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उग्र जेहाद छेड़ दिया था जिसे इतिहास के पन्नो में 'संताल हूल' के नाम से जाना जाता हैं। इस क्रम में अंग्रेज शासको ने सरकार के खिलाफ होनेवाले विद्रोह और आंदोलनकारियो के अध्ययन करने के लिए बिहार के भागलपुर और बंगाल के वीरभूम जिले के कुछ भागो को मिलकर संताल परगना जिले का गठन किया. तब अंग्रेज शासको द्वारा स्थानीय स्तर पर हाट, बाज़ार और मेले को इनके जीवन के एक महत्वपूर्ण कड़ी मानकर इस दिशा में सुधारवादी कदम उठाये जाने लगे। बहरहाल जरुरत इस बात की हैं कि आदिवासी संस्कृति को जीवंत रखने के लिए इस गौरवशाली मेले की मौलिकता को बचाए रखना होगा ताकि यहाँ आनेवाले हर लोग इस गौरवशाली मेले के अतीत से रूबरू हो सके।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : ई-पॉश मशीन के लिए सरकार जल्द उपलब्ध कराएगी 4-जी नेटवर्क, आयोग ने 7 दिन के अंदर निगरानी समिति का गठन करने का दिया निर्देश

दुमका :- सरकारी राशन दुकानों में ई-पॉश मशीन के जरिये अनाज वितरण के दौरान आनेवाली नेटवर्क की समस्या को जल्द दुरुस्त किया जाएगा। जन वितरण प्रणाली को कारगर बनाने के लिए सरकार जल्द ही सभी डीलर को 4-जी का नेटवर्क उपलब्ध करवाएगी ताकि अनाज के वितरण में डीलरों को नेटवर्क की समस्या का सामना नहीं करना पड़े और लाभुकों को उचित समय मे अनाज मिल सके। 

झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पीडीएस के माध्यम से किसी भी लाभुकों को अगर किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा हो तो बेझिझक वो आयोग को शिकायत कर सकते है।

दुमका के इंडोर स्टेडियम में जिले के सभी मुखिया से संवाद स्थापित करते हुए आयोग के अध्यक्ष श्री चौधरी 

उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों से अवगत करवाया। 

उन्होंने सभी मुखिया से कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर सतर्कता सह निगरानी समिति के पदेन अध्यक्ष के रूप आप लोगों की बहुत ही सक्रिय भूमिका है, लोगों को सही समय एवं उचित मात्रा में राशन मिले इसका दायित्व आपका भी है। साथ ही लोगों की शिकायतों का निपटारा के लिए भी आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपर समाहर्ता और जिला आपूर्ति पदाधिकारी को सात दिन के अंदर निगरानी समिति का गठन कर आयोग को अवगत कराने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में आप अपने पंचायत के लगभग लोगों से भलीभांति परिचित होंगे, ऐसे में उन लोगों को अपने स्तर से भी समझाएं कि राशन योजना का लाभ गरीबों एवं लचारों लिए हैं ना कि समृद्ध लोगों के लिए। साथ ही कहा कि अयोग्य लोगों को अपना राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए समझाएं ताकि उनके स्थान पर योग्य लाभुकों को लाभ दिया जा सके। 

वहीं इस संवाद के दौरान कई मुखिया के द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए, जिससे अध्यक्ष से सहमति जताते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए विचार करने के बारे में बताया। इसके अलावा अध्यक्ष ने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले मुखिया को आयोग के द्वारा राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

इस मौके पर आयोग की सदस्य शबनम प्रवीण ने कहा कि गांवों में पीडीएस दुकानों में अक्सर यह शिकायत देखी गई है कि लाभुकों को कम वजन में खाद्यान्न मिलना, ई पोस मशीन के द्वारा खाद्यान्न आपूर्ति के समय पर्ची नहीं दिया जाना, ये सभी गंभीर समस्याएं हैं। इन्हें तत्काल सुधार लाने में अवेयरनेस एवं मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि सभी खाद्यान्न डीलर लाभुकों को पर्ची अवश्य दें। आप लोग एक जिम्मेवार जनप्रतिनिधि के नाते जरूरतमंदों को उनका अधिकार अवश्य दिलवाएं।इसी क्रम में अपर समाहर्ता राजीव कुमार ने इससे जुड़ी विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए मुखिया गणों से कई महत्वपूर्ण बातें साझा किया। 

उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अंतर्गत विचाराधीन योजनाओं का सही क्रियान्वयन एवं उससे जुड़ी शिकायतों का निष्पादन आयोग के द्वारा किया जाता है। उन्होंने खाद्य आयोग से संबंधित सभी शिकायतों के निष्पादन के लिए सभी को आयोग के व्हाट्सएप नंबर को भी साझा किया। 

मौके पर उपरोक्त के अलावा अपर समाहर्ता, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सभी पंचायत के मुखिया सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

इससे पूर्व आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी एवं सदस्य शबनम परवीन का दुमका जिला भ्रमण कार्यक्रम के अवसर पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत परिसदन दुमका में जनसुनवाई तथा अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया।परिसदन में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य समाज के सबसे पिछले तबके के लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। इसको सही लागू करना आप सबों की न सिर्फ ड्यूटी है बल्कि एक सामाजिक दायित्व भी है। जिले में अथवा आपके क्षेत्राधिकार में किसी भी व्यक्ति को खाद्यान्न के अभाव में ना रहना पड़े। आप लोग संवेदनशील बनें। 

उन्होंने कहा कि आयोग का ध्येय है अधिकार जानें, अधिकार मानें। आप लोग ऐसा प्रयास करें की किसी भी लाभुक को दिक्कत न हो। वहीं इस दौरान अध्यक्ष द्वारा जनवितरण, पीएम पोषण मध्याह्न भोजन योजना, आंगनवाड़ी, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से संबंधित आयोग को प्राप्त शिकायतों का बारी बारी से समीक्षा कर सुनवाई भी की गई एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : मोटर कामगार यूनियन के कार्यालय का उदघाटन, यूनियन ने जिप अध्यक्ष के सामने रखी मजदूरों की समस्या


दुमका : झारखण्ड मोटर कामगार यूनियन के नेतुर पहाड़ी स्थित कार्यालय का उदघाटन सोमवार को जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने किया।

मौके पर अधिवक्ता त्रिलोचन शर्मा, यूनियन के अध्यक्ष राजेश तूरी, उपाध्यक्ष आलोक मंडल, सचिव नसीम अंसारी, महासचिव नरेंद्र प्रसाद साह, कोषाध्यक्ष कुशेश्वर यादव, कार्यकारिणी सदस्य कुतुबुद्दीन अंसारी, मजहर अंसारी, मुबारक अंसारी, नजरुल इस्लाम, मोसिन अंसारी, सामु दे सहित संदीप सोरेन एवं अन्य उपस्थित थे।

 इस अवसर पर यूनियन के अध्यक्ष राजेश तुरी एवं महामंत्री नरेंद्र प्रसाद साह ने जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा को मजदूरों की स्थिति से अवगत कराया और कहा कि झारखण्ड में मोटर कामगारों की स्थिति काफी दयनीय है। मोटर्स वर्कर्स एक्ट 1961 मोटर कामगारों के हित मे बनाया गया है लेकिन इसका अनुपालन सही ढंग से नहीं होने की वजह से मजदूरों को इसका फायदा नही मिल रहा है। 

उन्होंने मोटर कामगारों के लिए काम की समय सीमा प्रतिदिन आठ घंटे व प्रति सप्ताह 48 घंटे निर्धारित करने, साप्ताहिक छुट्टी को लागू करने, सरकार द्वारा मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी को दिलाने, मजदूरों का स्वास्थ्य बीमा करवाने, मोटर कामगारों की मजदूरी बैंक खाता के माध्यम से करने आदि मांगों को जिला परिषद अध्यक्ष के सामने रखा और मुख्यमंत्री से बात कर उपरोक्त कानून को लागू कराने की दिशा में ठोस पहल करने का उनसे आग्रह किया।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : प्रतिज्ञा दिवस के रूप में मना अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, समिति ने निकाली रैली

दुमका : अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को बांग्ला भाषा व संस्कृति रक्षा समिति ने सोमवार को प्रतिज्ञा दिवस के रूप में मनाया। समिति ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को 24 वी प्रतिज्ञा दिवस के रूप में मनाते हुए रैली निकाली। रैली का नेतृत्व समिति के स्टेट सेक्रेटरी गौतम चटर्जी ने किया। इस अवसर पर समिति की ओर से राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में मातृभाषा में पठन पाठन चालू करने की मांग की।

 

समिति के स्टेट सेक्रेटरी गौतम चटर्जी ने कहा कि सूबे के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माध्यम बांग्ला चालू हैं पर एक साजिश के तहत बांग्ला पाठ्यपुस्तक का संकट उत्पन्न किया जा रहा है। समिति राज्य सरकार से बांग्ला पाठ्यपुस्तक आपूर्ति सुनिश्चित कराने की मांग करती हैं। 

उन्होंने जिले के एनआईसी की प्रोफाइल में बांग्ला भाषा को जोड़ने, सभी स्कूलों में बांग्ला भाषा साहित्य की शिक्षक नियुक्त करने, समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के कर्मभूमि जामताड़ा जिला के करमाटाड़ स्थित नंदन कानन को हेरीटेज घोषित कराने के साथ उनके सेवा मूलक कार्य को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कराने की मांग की। रैली में अनिमेष मंडल, जयदेव गोराई, कुंदन अधिकारी, स्वामी नित्यब्रता नंद महाराज, बोद बोदरा, जयदेव दे, अभिनंदन मुर्मू, श्यामल मुर्मू, अभिषेक राजवाड़ एवं स्कूली छात्र मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)