सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी व भ्रामक पोस्ट करने वालों पर यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 40 अकाउंट चिन्हित, 25 गिरफ्तार

लखनऊ । भारतीय सेना की हालिया कार्रवाई और वर्तमान संवेदनशील माहौल के मद्देनज़र सोशल मीडिया पर फैल रही राष्ट्रविरोधी व भ्रामक जानकारियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने ऐसे मामलों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैंडल्स किया जा रहा चिन्हित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, भारतीय सेना की छवि धूमिल करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैंडल्स को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। आदेशों के अनुपालन में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश के पर्यवेक्षण में पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर की एक विशेष टीम को सक्रिय किया गया है।

40 अकाउंट चिन्हित, 25 गिरफ्तार, सभी हैंडल ब्लॉक की प्रक्रिया जारी

यह टीम सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर भ्रामक, झूठी और राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने वालों की 24 घंटे निगरानी कर रही है। अब तक इस अभियान में 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, इन सभी अकाउंट्स को ब्लॉक कराने की प्रक्रिया साइबर क्राइम मुख्यालय के माध्यम से की जा रही है।

इस प्रकार के कंटेंट पर हो रही कार्रवाई

इन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भ्रामक वीडियो, राष्ट्रविरोधी पोस्ट, फर्जी आईडी के जरिए अफवाह, सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले संदेश, धार्मिक विद्वेष फैलाने वाले कमेंट और उकसाने वाले कंटेंट पोस्ट किए गए थे। इनमें कुछ अकाउंट्स ने नेताओं या सरकारी संस्थानों के नाम से फेक प्रोफाइल बनाकर भ्रम फैलाया।

चिन्हित सोशल मीडिया अकाउंट्स में शामिल

love_youzindagi_002 (Instagram), ROZAN ALI (Instagram), Sajid Ali (Facebook), Ankit Kumar (Instagram), Parvinda (Facebook), आदित्य भैया सांसद बदायूं (Facebook – फेक आईडी), sadiq999d (Instagram), Krish Yadav (Instagram), Shran Choudhary (Instagram), PRAGYA SHIVA VERMA (Instagram), sonamsingh94068 (Instagram), writerabhi_47 (Instagram), up_83_aps (Instagram), Rinki Singh (Instagram), Aamir Khan 2693 (YouTube), Guddu Baig (Facebook), Jamat Ali (Facebook), Sartaj Malik (Facebook), Mohd Riyaz (Facebook), Vicky Khan (Facebook), Q͢u͢r͢e͢s͢h͢i͢ s͢a͢a͢b͢ (Instagram),

Saddam Hassan (Facebook), Ali Ahmadidreshi (Facebook), Shanu Khan (Facebook), Jishan Quresi (Facebook), Chhota Imran Khan (Facebook), Sajjad Mo (Facebook), Pushpendra Choudhary (Facebook), Afsar Ali Ghosi (Facebook), rihanalvishab (Instagram), Shadab Khan FB (Facebook), Kamil Khan (Facebook), Moed Khan (Facebook), Akeel Khan (Facebook), ali.baba_295 (Instagram), Anish Khan (Facebook), Mohd Zaid (Instagram), Rahis Ahmad (Instagram), Sajid Khan (Facebook), हबीबुल्ला अंसारी (Facebook)

डीजीपी ने जारी की चेतावनी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वर्तमान संवेदनशील स्थिति को देखते हुए बिना तथ्य सत्यापित किए कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा न करें। भ्रामक या उकसाने वाली पोस्ट शेयर करना एक दंडनीय अपराध है। यदि किसी भी वीडियो, फोटो या समाचार को लेकर संदेह हो तो वह उत्तर प्रदेश पुलिस के फैक्ट चेक X (ट्विटर) अकाउंट के माध्यम से सत्यापित कराया जा सकता है।

सोशल मीडिया की लगातार हो रही मॉनिटरिंग

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोशल मीडिया के सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म्स की 24x7 निगरानी की जा रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति अफवाह फैलाने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने या सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसके विरुद्ध आईटी एक्ट व भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला, आतंकियों ने पर्यटकों को बनाया निशाना, कई जख्मी


#terrorists_attacked_a_group_of_tourists_in_pahalgam

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। यहां आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया है।आतंकी हमले में कई पर्यटक घायल हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि यह हमला बायसरन घास के मैदानों के पास हुआ। इस हमले में 4 से 5 पर्यटक घायल हुए हैं। सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं। खास बात ये है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ इलाके हैं जहां आतंकवाद नजर नहीं आता है, उनमें पहलगाम भी है। पहलगाम पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। अब वहां घूमने आए सैलानियों पर गोलियां बरसायी गई है। 

घटना की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों की टीम मौके पर पहुंच गई है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में आतंकवादियों ने करीब 3 से 5 मिनट तक गोलीबारी की। इसके बाद वह वहां से भाग गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फायरिंग की आवाजें सुनते ही सुरक्षाबलों को बायसरन क्षेत्र में भेजा गया, जो एक नॉन-मोटरेबल इलाका है। 

पहलगाम में आतंकियों की ओर से फायरिंग के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन को शुरू कर दिया गया है। शीर्ष अधिकारियों की ओर से इस घटना की पुष्टि की गई है। सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं। सेना के अधिकारी भी अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

फारूक अब्दुल्ला का आरोप: यूपी सरकार मुगलों का इतिहास मिटाने के लिए नाम बदल रही है

#up_government_accused_of_vanishing_mughal_history

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर मुगलों के इतिहास को मिटाने का आरोप लगाया। पीटीआई के अनुसार अब्दुल्ला ने कहा, "वे मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते हैं, ऐसा नहीं होगा। वे (मुगल) सैकड़ों वर्षों तक यहां रहे और यहीं दफन भी हुए।" नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मुगल बादशाह औरंगजेब पर समाजवादी पार्टी के विधायक की टिप्पणी और शहरों और ऐतिहासिक इमारतों के नाम बदलने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर उठे विवाद पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। 

महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी द्वारा मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, जिस पर सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आजमी ने औरंगजेब को "अच्छा प्रशासक" कहा था और दावा किया था कि उनके शासन में भारत ने खूब तरक्की की। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। 

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवाद पर चुप्पी साधने के लिए समाजवादी पार्टी की आलोचना की थी और आजमी का नाम लिए बिना मांग की थी कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा था, "उन्हें यूपी भेजो, हम जानते हैं कि ऐसे लोगों से कैसे निपटना है। इसमें हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।" आदित्यनाथ ने सपा पर भारत की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान न करने और इसके वैचारिक संस्थापक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाया। "लोहिया भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शिव को भारत की एकता के स्तंभ मानते थे। लेकिन आज सपा औरंगजेब जैसे शासक का महिमामंडन कर रही है।" 

ऐतिहासिक विवरणों का हवाला देते हुए सीएम ने बताया कि औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर दिया था और उन्हें पानी तक नहीं दिया था। उन्होंने सपा सदस्यों को पटना की लाइब्रेरी में जाकर शाहजहां की जीवनी पढ़ने की सलाह दी थी, जिसमें उनके अनुसार मुगल ने एक बार औरंगजेब से कहा था: “एक हिंदू तुमसे बेहतर है, क्योंकि वह जीवित रहते हुए अपने माता-पिता की सेवा करता है और मरने के बाद उनके सम्मान में अनुष्ठान करता है।”

फिर स्वच्छ होगी यमुना, 10 दिन में निकाला गया 1300 मिट्रिक टन कचरा

#yamuna_cleanup_drive_1300_metric_tons_of_waste

दिल्ली में नई सरकार ने तेजी से कामकाज में लग गई है। खासकर रेका गुप्ता की अगुवाई मे बनी बीजेपी सरकार ने यमुना नदी की सफाई का काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को यमुना घाट का निरीक्षण किया। परवेश वर्मा ने सफाई अभियान का निरीक्षण किया और दावा किया कि जल्द ही यह नदी चमचम चमकने लगेगी।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि बीते 10 दिनों से यमुना की सफाई का काम चल रहा है। इस दौरान 1300 मिट्रिक टन कचरा निकाला जा चुका है। नदी में फेरी चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एमओयू साइन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के काम पर सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी और पीएमओ की नजर है। उन्होंने बुधवार को यमुना सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ छठ घाट और ओखला बैराज तक यमुना की सफाई का निरीक्षण किया।

इस दौरान प्रवेश वर्मा ने पिछली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कभी यमुना की सफाई को लेकर चिंता नहीं की। पिछली सरकार में कोई काम नहीं हुआ है। उनकी कभी सोच नहीं कि यमुना जी को साफ करना है। उस सरकार के कागजों में भी काम नहीं दिख रहा था। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार का यमुना की सफाई को लेकर संकल्प है।

प्रवेश वर्मा ने आगे कहा कि उनकी सरकार के पास यमुना की सफाई के लिए पैसा और पैशन दोनों है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिन रात काम कर रही है। देर रात तक मीटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि यमुना में जल्द ही केमिकल और इंडस्ट्रियल कचरा बहाने पर रोक लगाया जाएगा। इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। ये सब काम दो साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

बांग्लादेश में आंदोलनाकारी छात्र बनाएंगे नई पार्टी, अंतरिम सरकार में शामिल नाहिद का इस्तीफा दिया

#bangladesh_student_group_leader_nahid_islam_to_launch_new_political_party

बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। पिछले साल अगस्त में शेख हसीने के सत्ता गंवाने के बाद भी हालात बदले नहीं है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सलाहकार नाहिद इस्लाम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नाहिद इस्लाम यूनुस कैबिनेट में सूचना सलाहकार के पद पर तैनात थे। उन्होंने मंगलवार को मोहम्मद यूनुस को अपना इस्तीफा दिया। दरअसल हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले आंदोलनकारी छात्र नई पार्टी बनाने का ऐलान का है। छात्र संगठन शुक्रवार को ढाका में नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे।

संसद भवन के पास मानिक मिया एवेन्यू पर रैली करते हुए पार्टी की शुरुआत की जाएगी। इस नई राजनीतिक पार्टी का नेतृत्व नाहिद इस्लाम करेंगे। नाहिद नई पार्टी बनाने के लिए मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। नई पार्टी के ऐलान के साथ ही छात्रों ने मोहम्मद यूनुस से दूरी बनाते हुए कहा कि वह राजनीतिक प्रतिनिध नहीं हैं। वह भी दूसरे लोगों की तरह बीते साल के विरोध आंदोलन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जातियो नागरिक कमिटी की प्रवक्ता सामंता शरमीन ने कहा कि पिछले साल के जुलाई 2024 विद्रोह के बाद बांग्लादेश में नई आशाओं का जन्म हुआ है। छात्रों ने इस नई पार्टी का गठन इसलिए किया है क्योंकि उनका मानना है कि मौजूदा राजनीतिक दल (मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार) देश के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। शरमीन के अनुसार, नई पार्टी बांग्लादेश को एक आधुनिक देश बनाने के लिए काम करेगी और देश को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख स्थान पर लाना चाहेगी। उनका उद्देश्य बांग्लादेश को दुनियाभर से जोड़ना और नए विचारों को शामिल करना है।

सामंता शरमीन ने कहा कि बांग्लादेश पिछले 53 वर्षों से सरकारी दमन का शिकार रहा है और सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग किया गया है। इस नई पार्टी का लक्ष्य अधिकारों पर आधारित राजनीति की नींव रखना है। शरमीन ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के लोगों के मूल अधिकारों के आधार पर पार्टी की राजनीति चलेगी। साथ ही, देश के सभी देशों के साथ निष्पक्ष और समानता पर आधारित संबंध बनाए जाएंगे।

महायुति में महाभारतः महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस में नया तकरार

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महाराष्ट्र की सियासत में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे के नाराजगी की लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच संघर्ष नजर आ रहा है। इस बार दोनों के ऑफिस को लेकर तकरार सामने आया है। दरअसल, सीएम फडणवीस ने मंत्रालय के 7वें फ्लोर में सीएम हेल्प डेस्क और मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बनाया है। ठीक उसके बगल में डिप्टी सीएम शिंदे ने उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बना दिया।डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के एक फैसले ने महायुति सरकार में ताजा टकराव के संकेत दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष (सीएमआरएफ) सेल का कार्यभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में स्थित अपने स्वयं के उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है। यह पहली बार है जब किसी उप मुख्यमंत्री ने एक चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष सेल पहले से ही मौजूद है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. रामेश्वर नाईक को अपने सीएमआरएफ सेल का प्रमुख नियुक्त किया और मुख्यमंत्री बनने के बाद मौजूदा प्रमुख मंगेश चिवटे को हटा दिया। चिवटे शिंदे के करीबी विश्वासपात्र हैं, जो शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए सेल का नेतृत्व कर रहे थे। अब चिवटे को उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

सीएम मेडिकल हेल्प सेल होने के बावजूद उप मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष खोलना और फडणवीस ने जिसे सेल से हटाया उन्हें अपने सेल का हेड बनाना साफ बता रहा है कि फडणवीस और शिंदे के बीच सब ठीक नहीं है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम न बनाए जाने से लगातार नाराज चल रहे हैं। उसके बाद से एक के बाद एक ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जिससे वह अपनी नाखुशी जता रहे हैं। इस बीच उनका अलग अपना मेडिकल सेल बनाना सवाल उठाने लगा है।

अखिलेश ने क्यों कही अपने इस्तीफे की बात? लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष का बड़ा दावा

#akhilesh_yadav_allegations_on_up_cm_yogi_adityanath_on_mahakumbh_stampede

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हादसे को लेकर कुछ दावे भी किए और कहा कि अगर उनके दावे गलत निकले तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

संसद भवन में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के कन्‍नौज सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर सवाल उठाए। पहले तो अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में स्‍पीकर ओम बिड़ला से आग्रह किया कि जब चर्चा खत्‍म हो रही होगी तब महाकुंभ हादसे के पीड़‍ितों के प्रति 2 मिनट मौन रखने की इजाजत दी जाए। उन्‍होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, उससे पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दिए जाएं। इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। उन्‍होंने मांग की कि ‘महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया पाया केंद्र की ज‍िम्‍मेदारी सेना को दी जाए। घायलों का इलाज, दवाइयां, डॉक्‍टर, भोजन-पानी का आंकड़ा सदन में रखा जाए। इस हादसे के लिए जिम्‍मेदार लोगों पर घोर दंडात्‍मक एक्‍शन लिया जाए।

अखिलेश ने कहा, लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए। उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है। अखिलेश ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।

सपा प्रमुख ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्‍यों गए? सच छिपाना, मिटाना भी तो अपराध है? डबल इंजन सरकार का प्रचार करते अब तो वो होर्डिंग हटा देने चाहिए। महाकुंभ के डिजिटल होने का दावा किया गया, वो लोग अब मृतकों की डिजिट तक नहीं दे पा रहे हैं। खोया पाया केंद्र को भी लोग नहीं ढूंढ पा रहे।

सपा सांसद ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया है। जहां तक मेरी समझ और जानकारी कहती है कि जो ज्‍योतिष संबंधी चीजों को की समझते होंगे कि वो ये स्‍वीकार करते होंगे कि जो भी कुंभ होता होगा 144 साल बाद ही होता होगा। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं सरकार से ये कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलियुग तक ये सनातन परंपरा रही है कि संत, महात्‍मा मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। लेकिन भाजपा के राज में ये परंपरा टूट गई और हादसे को छिपाकर ये आदेश दिया गया कि अखाड़े शाही स्‍नान करने जाएं। ये सनातन परंपरा तोड़कर अच्‍छा नहीं किया गया।

यूपी-पंजाब पुलिस से मुठभेड़ में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकी ढेर,पुलिस चौकी पर किया था ग्रेनेड हमला*
#encounter_in_pilibhit_up_and_punjab_police_killed_three_khalistani_terrorists पंजाब के गुरुदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यूपी और पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। तीनों आतंकी खालिस्तानी कमांडो फोर्स के थे। मौके से दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद की गई हैं। तीनों ने गुरदासपुर चौकी पर ग्रेनेड फेंका था। तीनोम आतंकियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीलीभीत जिले में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में घायल होने के बाद तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई इनके पास से 2 एके 47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। मुठभेड़ की घटना पूरनपुर थानाक्षेत्र में नहर के पास हुई। पूरनपुर क्षेत्र में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। पूरनपुर क्षेत्र में हरदोई ब्रांच नहर के करीब सोमवार सुबह करीब पांच बजे मुठभेड़ हुई। मारे गए आतंकवादियों के नाम प्रताप सिंह (23) पुत्र स्वरूप सिंह, शाहनूर खुर्द कलानूर जिला गुरदास पुर, वीरेंद्र सिंह (23) पुत्र रंजीत सिंह, ऐशबान थाना कलानूर, गुरविंदर सिंह (20) पुत्र गुरदेव सिंह बुढिया कलानूर गुरदासपुर पंजाब हैं। दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमले के मामले में वांछित थे। पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकियों में धमाके हुए थे। पहले बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाल पर गुरुवार को हमला हुआ। उसके एक दिन बाद शुक्रवार रात्रि एक और बंद पुलिस चौकी पर धमाका हुआ। ये दोनों पुलिस चौकियां कर्मचारियों की कमी के कारण पिछले दिनों बंद कर दी गई थीं। धमाके से आसपास के घरों के लोग सहम गए थे। पुलिस ने बताया था कि वडाला बांगर की चौकी में रात को धमाके से लोग दहल गए थे। लोग डर के घरों से बाहर निकले तो पता चला कि पुलिस थाने से आवाज आई है। इसके बाद यहां रात भर पुलिस की गाड़ियों के सायरन बजते रहे।
सर्दी का सितमःदिल्ली-एनसीआर में बढ़ी ठिठुरन, पारा गिरकर 3.2 डिग्री तक पहुंचा, शीतलहर को लेकर अलर्ट
#today_weather_imd_cold_wave_alert_warning_issued_for_delhi_ncr_up_bihar
* दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदलने लगा हैं। भीषण ठंड के प्रकोप में लोग ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है जिसका असर देश की राजधानी दिल्ली में दिखने लगा है। दिल्ली में 2 दिनों से ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में गुरुवार को पिछले तीन सालों में सबसे ठंडा दिसंबर का दिन रहा। नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार (12 दिसंबर) को दिल्ली के पूसा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस और अयंगर में 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। साथ ही इलाकों में शीत लहर की भी स्थिति देखी गई। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 और 2022 में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गया। पिछले साल दिसंबर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 15 तारीख को 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि 2022 में सबसे कम तापमान 26 तारीख को पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले हफ्तों में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक आने वाले आज राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलेगी, जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आएगी और ठंड बढ़ेगी। मौसम विभाग ने कोल्ड वेव के दौरान लोगों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने 15 दिसंबर तक अलग-अलग स्थानों पर शीतलहर की स्थिति रहने का अनुमान जताया है. शुक्रवार सुबह धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है तथा दिन में आसमान साफ रहेगा. शाम और रात में फिर से धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है. तापमान न्यूनतम 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है.
दिल्ली में फिर स्कूलों में बम की धमकी, जानें कौन से स्कूल हैं शामिल?

#mails_threatening_to_blow_up_bombs_sent_to_four_schools_in_delhi

दिल्ली के कई स्कूलों को एक बार फिर बम की धमकी मिली है। राजधानी के की प्राइवेट स्कूलों में शुक्रवार की सुबह एक बार फिर धमकी भरा ईमेल आया है। ईमेल की जानकारी दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी गई, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू हुई। जांच में अब तक कुछ संदिग्ध नहीं पाया गया है।दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों को पहले भी इस तरह से धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे। जांच-पड़ताल में मेल में दी गईं सूचनाएं झूठी निकली थीं।

अभी तक छह निजी स्कूलों में बम की धमकी मिली है। बमों की धमकी साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल सफदरजंग, वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल रोहिणी, भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल और डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल को मिली है। डीपीएस स्कूल में सभी अभिभावकों को छुट्टी का मैसेज किया गया है।

इस बार भी बम की धमकी ईमेल से मिली है। देर रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये ईमेल भेजी गई है।ईमेल में लिखा गया है कि यह ईमेल आपको यह सूचित करने के लिए है कि आपके स्कूल परिसर में कई विस्फोटक हैं और मुझे यकीन है कि आप सभी अपने छात्रों के स्कूल परिसर में प्रवेश करने पर बार-बार उनके बैग की जांच नहीं करते हैं। इस गतिविधि में एक गुप्त डार्क वेब समूह शामिल है और कई लाल कमरे भी हैं।

ईमेल में आगे कहा गया है कि बम इमारतों को नष्ट करने और लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं। आज से 14 दिसंबर तक, मतलब कल, दोनों दिनों में, एक अपेक्षित पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होने वाली है। हमारे स्रोतों के माध्यम से, यह भी पुष्टि हुई है कि सभी ईमेल में शामिल स्कूलों में से एक वर्तमान में अपने खेल दिवस के लिए मार्चिंग कर रहा है, जिसमें छात्र एक सामूहिक मैदान में इकट्ठा होते हैं, जिससे भारी भीड़ होती है।

दमकल विभाग ने ईमेल से धमकी मिलने की पुष्टि की है। दमकल विभाग के मुताबिक सुबह 4.21 बजे भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, 6.21 बजे कैम्ब्रिज स्कूल, 6.35 बजे डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल से सूचना मिली है। सूचना मिलते ही सभी स्कूलों में दमकल की गाड़ियां भेजी गई है। अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों से अभी भी कई कॉल मिल रहे हैं। सभी स्कूल में पुलिस और दमकल की गाड़ियां के साथ साथ बम निरोधक दस्ता पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई है।

29 नवंबर को भी मिली थी धमकी

इससे पहले बीते 29 नवंबर को दिल्ली के रोहिणी में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सुबह 10.57 बजे स्कूल में बम रखने की खबर फैलाई गई थी। जिसके बाद स्कूल की तलाशी ली गई थी। पुलिस को जांच के दौरान कुछ भी नहीं मिला था। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद खबर को झूठा करार दिया था।

सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी व भ्रामक पोस्ट करने वालों पर यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 40 अकाउंट चिन्हित, 25 गिरफ्तार

लखनऊ । भारतीय सेना की हालिया कार्रवाई और वर्तमान संवेदनशील माहौल के मद्देनज़र सोशल मीडिया पर फैल रही राष्ट्रविरोधी व भ्रामक जानकारियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने ऐसे मामलों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैंडल्स किया जा रहा चिन्हित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, भारतीय सेना की छवि धूमिल करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैंडल्स को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। आदेशों के अनुपालन में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश के पर्यवेक्षण में पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर की एक विशेष टीम को सक्रिय किया गया है।

40 अकाउंट चिन्हित, 25 गिरफ्तार, सभी हैंडल ब्लॉक की प्रक्रिया जारी

यह टीम सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर भ्रामक, झूठी और राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने वालों की 24 घंटे निगरानी कर रही है। अब तक इस अभियान में 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, इन सभी अकाउंट्स को ब्लॉक कराने की प्रक्रिया साइबर क्राइम मुख्यालय के माध्यम से की जा रही है।

इस प्रकार के कंटेंट पर हो रही कार्रवाई

इन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भ्रामक वीडियो, राष्ट्रविरोधी पोस्ट, फर्जी आईडी के जरिए अफवाह, सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले संदेश, धार्मिक विद्वेष फैलाने वाले कमेंट और उकसाने वाले कंटेंट पोस्ट किए गए थे। इनमें कुछ अकाउंट्स ने नेताओं या सरकारी संस्थानों के नाम से फेक प्रोफाइल बनाकर भ्रम फैलाया।

चिन्हित सोशल मीडिया अकाउंट्स में शामिल

love_youzindagi_002 (Instagram), ROZAN ALI (Instagram), Sajid Ali (Facebook), Ankit Kumar (Instagram), Parvinda (Facebook), आदित्य भैया सांसद बदायूं (Facebook – फेक आईडी), sadiq999d (Instagram), Krish Yadav (Instagram), Shran Choudhary (Instagram), PRAGYA SHIVA VERMA (Instagram), sonamsingh94068 (Instagram), writerabhi_47 (Instagram), up_83_aps (Instagram), Rinki Singh (Instagram), Aamir Khan 2693 (YouTube), Guddu Baig (Facebook), Jamat Ali (Facebook), Sartaj Malik (Facebook), Mohd Riyaz (Facebook), Vicky Khan (Facebook), Q͢u͢r͢e͢s͢h͢i͢ s͢a͢a͢b͢ (Instagram),

Saddam Hassan (Facebook), Ali Ahmadidreshi (Facebook), Shanu Khan (Facebook), Jishan Quresi (Facebook), Chhota Imran Khan (Facebook), Sajjad Mo (Facebook), Pushpendra Choudhary (Facebook), Afsar Ali Ghosi (Facebook), rihanalvishab (Instagram), Shadab Khan FB (Facebook), Kamil Khan (Facebook), Moed Khan (Facebook), Akeel Khan (Facebook), ali.baba_295 (Instagram), Anish Khan (Facebook), Mohd Zaid (Instagram), Rahis Ahmad (Instagram), Sajid Khan (Facebook), हबीबुल्ला अंसारी (Facebook)

डीजीपी ने जारी की चेतावनी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वर्तमान संवेदनशील स्थिति को देखते हुए बिना तथ्य सत्यापित किए कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा न करें। भ्रामक या उकसाने वाली पोस्ट शेयर करना एक दंडनीय अपराध है। यदि किसी भी वीडियो, फोटो या समाचार को लेकर संदेह हो तो वह उत्तर प्रदेश पुलिस के फैक्ट चेक X (ट्विटर) अकाउंट के माध्यम से सत्यापित कराया जा सकता है।

सोशल मीडिया की लगातार हो रही मॉनिटरिंग

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोशल मीडिया के सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म्स की 24x7 निगरानी की जा रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति अफवाह फैलाने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने या सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसके विरुद्ध आईटी एक्ट व भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला, आतंकियों ने पर्यटकों को बनाया निशाना, कई जख्मी


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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। यहां आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया है।आतंकी हमले में कई पर्यटक घायल हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि यह हमला बायसरन घास के मैदानों के पास हुआ। इस हमले में 4 से 5 पर्यटक घायल हुए हैं। सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं। खास बात ये है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ इलाके हैं जहां आतंकवाद नजर नहीं आता है, उनमें पहलगाम भी है। पहलगाम पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। अब वहां घूमने आए सैलानियों पर गोलियां बरसायी गई है। 

घटना की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों की टीम मौके पर पहुंच गई है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में आतंकवादियों ने करीब 3 से 5 मिनट तक गोलीबारी की। इसके बाद वह वहां से भाग गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फायरिंग की आवाजें सुनते ही सुरक्षाबलों को बायसरन क्षेत्र में भेजा गया, जो एक नॉन-मोटरेबल इलाका है। 

पहलगाम में आतंकियों की ओर से फायरिंग के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन को शुरू कर दिया गया है। शीर्ष अधिकारियों की ओर से इस घटना की पुष्टि की गई है। सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं। सेना के अधिकारी भी अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

फारूक अब्दुल्ला का आरोप: यूपी सरकार मुगलों का इतिहास मिटाने के लिए नाम बदल रही है

#up_government_accused_of_vanishing_mughal_history

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर मुगलों के इतिहास को मिटाने का आरोप लगाया। पीटीआई के अनुसार अब्दुल्ला ने कहा, "वे मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते हैं, ऐसा नहीं होगा। वे (मुगल) सैकड़ों वर्षों तक यहां रहे और यहीं दफन भी हुए।" नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मुगल बादशाह औरंगजेब पर समाजवादी पार्टी के विधायक की टिप्पणी और शहरों और ऐतिहासिक इमारतों के नाम बदलने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर उठे विवाद पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। 

महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी द्वारा मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, जिस पर सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आजमी ने औरंगजेब को "अच्छा प्रशासक" कहा था और दावा किया था कि उनके शासन में भारत ने खूब तरक्की की। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। 

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवाद पर चुप्पी साधने के लिए समाजवादी पार्टी की आलोचना की थी और आजमी का नाम लिए बिना मांग की थी कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा था, "उन्हें यूपी भेजो, हम जानते हैं कि ऐसे लोगों से कैसे निपटना है। इसमें हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।" आदित्यनाथ ने सपा पर भारत की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान न करने और इसके वैचारिक संस्थापक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाया। "लोहिया भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शिव को भारत की एकता के स्तंभ मानते थे। लेकिन आज सपा औरंगजेब जैसे शासक का महिमामंडन कर रही है।" 

ऐतिहासिक विवरणों का हवाला देते हुए सीएम ने बताया कि औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर दिया था और उन्हें पानी तक नहीं दिया था। उन्होंने सपा सदस्यों को पटना की लाइब्रेरी में जाकर शाहजहां की जीवनी पढ़ने की सलाह दी थी, जिसमें उनके अनुसार मुगल ने एक बार औरंगजेब से कहा था: “एक हिंदू तुमसे बेहतर है, क्योंकि वह जीवित रहते हुए अपने माता-पिता की सेवा करता है और मरने के बाद उनके सम्मान में अनुष्ठान करता है।”

फिर स्वच्छ होगी यमुना, 10 दिन में निकाला गया 1300 मिट्रिक टन कचरा

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दिल्ली में नई सरकार ने तेजी से कामकाज में लग गई है। खासकर रेका गुप्ता की अगुवाई मे बनी बीजेपी सरकार ने यमुना नदी की सफाई का काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को यमुना घाट का निरीक्षण किया। परवेश वर्मा ने सफाई अभियान का निरीक्षण किया और दावा किया कि जल्द ही यह नदी चमचम चमकने लगेगी।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि बीते 10 दिनों से यमुना की सफाई का काम चल रहा है। इस दौरान 1300 मिट्रिक टन कचरा निकाला जा चुका है। नदी में फेरी चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एमओयू साइन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के काम पर सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी और पीएमओ की नजर है। उन्होंने बुधवार को यमुना सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ छठ घाट और ओखला बैराज तक यमुना की सफाई का निरीक्षण किया।

इस दौरान प्रवेश वर्मा ने पिछली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कभी यमुना की सफाई को लेकर चिंता नहीं की। पिछली सरकार में कोई काम नहीं हुआ है। उनकी कभी सोच नहीं कि यमुना जी को साफ करना है। उस सरकार के कागजों में भी काम नहीं दिख रहा था। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार का यमुना की सफाई को लेकर संकल्प है।

प्रवेश वर्मा ने आगे कहा कि उनकी सरकार के पास यमुना की सफाई के लिए पैसा और पैशन दोनों है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिन रात काम कर रही है। देर रात तक मीटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि यमुना में जल्द ही केमिकल और इंडस्ट्रियल कचरा बहाने पर रोक लगाया जाएगा। इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। ये सब काम दो साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

बांग्लादेश में आंदोलनाकारी छात्र बनाएंगे नई पार्टी, अंतरिम सरकार में शामिल नाहिद का इस्तीफा दिया

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बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। पिछले साल अगस्त में शेख हसीने के सत्ता गंवाने के बाद भी हालात बदले नहीं है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सलाहकार नाहिद इस्लाम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नाहिद इस्लाम यूनुस कैबिनेट में सूचना सलाहकार के पद पर तैनात थे। उन्होंने मंगलवार को मोहम्मद यूनुस को अपना इस्तीफा दिया। दरअसल हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले आंदोलनकारी छात्र नई पार्टी बनाने का ऐलान का है। छात्र संगठन शुक्रवार को ढाका में नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे।

संसद भवन के पास मानिक मिया एवेन्यू पर रैली करते हुए पार्टी की शुरुआत की जाएगी। इस नई राजनीतिक पार्टी का नेतृत्व नाहिद इस्लाम करेंगे। नाहिद नई पार्टी बनाने के लिए मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। नई पार्टी के ऐलान के साथ ही छात्रों ने मोहम्मद यूनुस से दूरी बनाते हुए कहा कि वह राजनीतिक प्रतिनिध नहीं हैं। वह भी दूसरे लोगों की तरह बीते साल के विरोध आंदोलन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जातियो नागरिक कमिटी की प्रवक्ता सामंता शरमीन ने कहा कि पिछले साल के जुलाई 2024 विद्रोह के बाद बांग्लादेश में नई आशाओं का जन्म हुआ है। छात्रों ने इस नई पार्टी का गठन इसलिए किया है क्योंकि उनका मानना है कि मौजूदा राजनीतिक दल (मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार) देश के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। शरमीन के अनुसार, नई पार्टी बांग्लादेश को एक आधुनिक देश बनाने के लिए काम करेगी और देश को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख स्थान पर लाना चाहेगी। उनका उद्देश्य बांग्लादेश को दुनियाभर से जोड़ना और नए विचारों को शामिल करना है।

सामंता शरमीन ने कहा कि बांग्लादेश पिछले 53 वर्षों से सरकारी दमन का शिकार रहा है और सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग किया गया है। इस नई पार्टी का लक्ष्य अधिकारों पर आधारित राजनीति की नींव रखना है। शरमीन ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के लोगों के मूल अधिकारों के आधार पर पार्टी की राजनीति चलेगी। साथ ही, देश के सभी देशों के साथ निष्पक्ष और समानता पर आधारित संबंध बनाए जाएंगे।

महायुति में महाभारतः महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस में नया तकरार

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महाराष्ट्र की सियासत में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे के नाराजगी की लगातार चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच संघर्ष नजर आ रहा है। इस बार दोनों के ऑफिस को लेकर तकरार सामने आया है। दरअसल, सीएम फडणवीस ने मंत्रालय के 7वें फ्लोर में सीएम हेल्प डेस्क और मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बनाया है। ठीक उसके बगल में डिप्टी सीएम शिंदे ने उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता डेस्क बना दिया।डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के एक फैसले ने महायुति सरकार में ताजा टकराव के संकेत दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष (सीएमआरएफ) सेल का कार्यभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में स्थित अपने स्वयं के उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है। यह पहली बार है जब किसी उप मुख्यमंत्री ने एक चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष सेल पहले से ही मौजूद है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. रामेश्वर नाईक को अपने सीएमआरएफ सेल का प्रमुख नियुक्त किया और मुख्यमंत्री बनने के बाद मौजूदा प्रमुख मंगेश चिवटे को हटा दिया। चिवटे शिंदे के करीबी विश्वासपात्र हैं, जो शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए सेल का नेतृत्व कर रहे थे। अब चिवटे को उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

सीएम मेडिकल हेल्प सेल होने के बावजूद उप मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष खोलना और फडणवीस ने जिसे सेल से हटाया उन्हें अपने सेल का हेड बनाना साफ बता रहा है कि फडणवीस और शिंदे के बीच सब ठीक नहीं है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम न बनाए जाने से लगातार नाराज चल रहे हैं। उसके बाद से एक के बाद एक ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जिससे वह अपनी नाखुशी जता रहे हैं। इस बीच उनका अलग अपना मेडिकल सेल बनाना सवाल उठाने लगा है।

अखिलेश ने क्यों कही अपने इस्तीफे की बात? लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष का बड़ा दावा

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हादसे को लेकर कुछ दावे भी किए और कहा कि अगर उनके दावे गलत निकले तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

संसद भवन में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के कन्‍नौज सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर सवाल उठाए। पहले तो अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में स्‍पीकर ओम बिड़ला से आग्रह किया कि जब चर्चा खत्‍म हो रही होगी तब महाकुंभ हादसे के पीड़‍ितों के प्रति 2 मिनट मौन रखने की इजाजत दी जाए। उन्‍होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, उससे पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दिए जाएं। इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। उन्‍होंने मांग की कि ‘महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया पाया केंद्र की ज‍िम्‍मेदारी सेना को दी जाए। घायलों का इलाज, दवाइयां, डॉक्‍टर, भोजन-पानी का आंकड़ा सदन में रखा जाए। इस हादसे के लिए जिम्‍मेदार लोगों पर घोर दंडात्‍मक एक्‍शन लिया जाए।

अखिलेश ने कहा, लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए। उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है। अखिलेश ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।

सपा प्रमुख ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्‍यों गए? सच छिपाना, मिटाना भी तो अपराध है? डबल इंजन सरकार का प्रचार करते अब तो वो होर्डिंग हटा देने चाहिए। महाकुंभ के डिजिटल होने का दावा किया गया, वो लोग अब मृतकों की डिजिट तक नहीं दे पा रहे हैं। खोया पाया केंद्र को भी लोग नहीं ढूंढ पा रहे।

सपा सांसद ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया है। जहां तक मेरी समझ और जानकारी कहती है कि जो ज्‍योतिष संबंधी चीजों को की समझते होंगे कि वो ये स्‍वीकार करते होंगे कि जो भी कुंभ होता होगा 144 साल बाद ही होता होगा। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं सरकार से ये कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलियुग तक ये सनातन परंपरा रही है कि संत, महात्‍मा मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। लेकिन भाजपा के राज में ये परंपरा टूट गई और हादसे को छिपाकर ये आदेश दिया गया कि अखाड़े शाही स्‍नान करने जाएं। ये सनातन परंपरा तोड़कर अच्‍छा नहीं किया गया।

यूपी-पंजाब पुलिस से मुठभेड़ में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकी ढेर,पुलिस चौकी पर किया था ग्रेनेड हमला*
#encounter_in_pilibhit_up_and_punjab_police_killed_three_khalistani_terrorists पंजाब के गुरुदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यूपी और पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। तीनों आतंकी खालिस्तानी कमांडो फोर्स के थे। मौके से दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद की गई हैं। तीनों ने गुरदासपुर चौकी पर ग्रेनेड फेंका था। तीनोम आतंकियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीलीभीत जिले में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में घायल होने के बाद तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई इनके पास से 2 एके 47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। मुठभेड़ की घटना पूरनपुर थानाक्षेत्र में नहर के पास हुई। पूरनपुर क्षेत्र में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। पूरनपुर क्षेत्र में हरदोई ब्रांच नहर के करीब सोमवार सुबह करीब पांच बजे मुठभेड़ हुई। मारे गए आतंकवादियों के नाम प्रताप सिंह (23) पुत्र स्वरूप सिंह, शाहनूर खुर्द कलानूर जिला गुरदास पुर, वीरेंद्र सिंह (23) पुत्र रंजीत सिंह, ऐशबान थाना कलानूर, गुरविंदर सिंह (20) पुत्र गुरदेव सिंह बुढिया कलानूर गुरदासपुर पंजाब हैं। दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमले के मामले में वांछित थे। पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकियों में धमाके हुए थे। पहले बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाल पर गुरुवार को हमला हुआ। उसके एक दिन बाद शुक्रवार रात्रि एक और बंद पुलिस चौकी पर धमाका हुआ। ये दोनों पुलिस चौकियां कर्मचारियों की कमी के कारण पिछले दिनों बंद कर दी गई थीं। धमाके से आसपास के घरों के लोग सहम गए थे। पुलिस ने बताया था कि वडाला बांगर की चौकी में रात को धमाके से लोग दहल गए थे। लोग डर के घरों से बाहर निकले तो पता चला कि पुलिस थाने से आवाज आई है। इसके बाद यहां रात भर पुलिस की गाड़ियों के सायरन बजते रहे।
सर्दी का सितमःदिल्ली-एनसीआर में बढ़ी ठिठुरन, पारा गिरकर 3.2 डिग्री तक पहुंचा, शीतलहर को लेकर अलर्ट
#today_weather_imd_cold_wave_alert_warning_issued_for_delhi_ncr_up_bihar
* दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदलने लगा हैं। भीषण ठंड के प्रकोप में लोग ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है जिसका असर देश की राजधानी दिल्ली में दिखने लगा है। दिल्ली में 2 दिनों से ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में गुरुवार को पिछले तीन सालों में सबसे ठंडा दिसंबर का दिन रहा। नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार (12 दिसंबर) को दिल्ली के पूसा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस और अयंगर में 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। साथ ही इलाकों में शीत लहर की भी स्थिति देखी गई। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 और 2022 में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गया। पिछले साल दिसंबर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 15 तारीख को 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि 2022 में सबसे कम तापमान 26 तारीख को पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले हफ्तों में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक आने वाले आज राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलेगी, जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आएगी और ठंड बढ़ेगी। मौसम विभाग ने कोल्ड वेव के दौरान लोगों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने 15 दिसंबर तक अलग-अलग स्थानों पर शीतलहर की स्थिति रहने का अनुमान जताया है. शुक्रवार सुबह धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है तथा दिन में आसमान साफ रहेगा. शाम और रात में फिर से धुंध और कोहरा छाए रहने की संभावना है. तापमान न्यूनतम 4.9 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है.
दिल्ली में फिर स्कूलों में बम की धमकी, जानें कौन से स्कूल हैं शामिल?

#mails_threatening_to_blow_up_bombs_sent_to_four_schools_in_delhi

दिल्ली के कई स्कूलों को एक बार फिर बम की धमकी मिली है। राजधानी के की प्राइवेट स्कूलों में शुक्रवार की सुबह एक बार फिर धमकी भरा ईमेल आया है। ईमेल की जानकारी दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी गई, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू हुई। जांच में अब तक कुछ संदिग्ध नहीं पाया गया है।दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों को पहले भी इस तरह से धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे। जांच-पड़ताल में मेल में दी गईं सूचनाएं झूठी निकली थीं।

अभी तक छह निजी स्कूलों में बम की धमकी मिली है। बमों की धमकी साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल सफदरजंग, वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल रोहिणी, भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल और डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल को मिली है। डीपीएस स्कूल में सभी अभिभावकों को छुट्टी का मैसेज किया गया है।

इस बार भी बम की धमकी ईमेल से मिली है। देर रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये ईमेल भेजी गई है।ईमेल में लिखा गया है कि यह ईमेल आपको यह सूचित करने के लिए है कि आपके स्कूल परिसर में कई विस्फोटक हैं और मुझे यकीन है कि आप सभी अपने छात्रों के स्कूल परिसर में प्रवेश करने पर बार-बार उनके बैग की जांच नहीं करते हैं। इस गतिविधि में एक गुप्त डार्क वेब समूह शामिल है और कई लाल कमरे भी हैं।

ईमेल में आगे कहा गया है कि बम इमारतों को नष्ट करने और लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं। आज से 14 दिसंबर तक, मतलब कल, दोनों दिनों में, एक अपेक्षित पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होने वाली है। हमारे स्रोतों के माध्यम से, यह भी पुष्टि हुई है कि सभी ईमेल में शामिल स्कूलों में से एक वर्तमान में अपने खेल दिवस के लिए मार्चिंग कर रहा है, जिसमें छात्र एक सामूहिक मैदान में इकट्ठा होते हैं, जिससे भारी भीड़ होती है।

दमकल विभाग ने ईमेल से धमकी मिलने की पुष्टि की है। दमकल विभाग के मुताबिक सुबह 4.21 बजे भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, 6.21 बजे कैम्ब्रिज स्कूल, 6.35 बजे डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल से सूचना मिली है। सूचना मिलते ही सभी स्कूलों में दमकल की गाड़ियां भेजी गई है। अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों से अभी भी कई कॉल मिल रहे हैं। सभी स्कूल में पुलिस और दमकल की गाड़ियां के साथ साथ बम निरोधक दस्ता पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई है।

29 नवंबर को भी मिली थी धमकी

इससे पहले बीते 29 नवंबर को दिल्ली के रोहिणी में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सुबह 10.57 बजे स्कूल में बम रखने की खबर फैलाई गई थी। जिसके बाद स्कूल की तलाशी ली गई थी। पुलिस को जांच के दौरान कुछ भी नहीं मिला था। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद खबर को झूठा करार दिया था।