होली के दौरान किया यह काम तो पड़ जाएंगे लेने के देने, पटना डीएम ने जारी किया है यह सख्त आदेश

डेस्क : होली को शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है। पटना जिलाधिकारी द्वारा होलिका दहन एवं होली के अवसर पर आम लोगों की सुविधा, सुरक्षा तथा आपदा की स्थिति में किसी भी आकस्मिकता से निपटने हेतु अधिकारियों को मानकों के अनुरूप सभी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत अग्नि-सुरक्षा के दृष्टिकोण से थानों एवं चिन्हित स्थलों पर अग्निशमन दश्ता की प्रतिनियुक्ति करने एवं अस्पतालों में मेडिकल टीम को तैनात करने का निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा है कि 14 से 15 मार्च तक नदियों में निजी नाव के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगायी गई है। अधिकारियों को इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। विभिन्न अनुमंडलों में स्थित नदी घाटों को कई सेक्टर में विभाजित कर 2-2 मोटर बोट एवं अन्य आवश्यक संसाधनों सहित गोताखोरों एवं जवानों के साथ 7 टीम को तैनात किया गया है।

जिले के सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत नदियों एवं तालाबों के घाटों पर लाइफ जैकेट एवं अन्य सभी संसाधनों के साथ नावों, नाविकों एवं गोताखोरों को तैनात रखने का निर्देश दिया गया है। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था के निर्धारित मानकों के अनुसार पर्याप्त संख्या में दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद रहेंगे। सीसीटीवी कैमरा एवं ड्रोन से निगरानी की जाएगी।

वहीं किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर 24*7 जिला नियंत्रण कक्ष (0612-2219810/ 2219234), डायल-112 तथा जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र (0612-2210118) पर सूचना दी जा सकती है।

रक्तदान शिविर में 100 से अधिक रक्तदाताओं ने किया प्रतिभाग

लखनऊ । लखनऊ पुलिस मित्र परिवार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को लोकबन्धु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय कानपुर रोड लखनऊ में संरक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह रिटायर्ड आईपीएस एवं संथापक व मोटिवेटर जितेन्द्र सिंह के मार्ग दर्शन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। उक्त रक्तदान शिविर में करीब 100 से अधिक रक्तदाताओं व नारी शक्तियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें 31 यूनिट रक्तदान हुआ नारी शक्ति का योगदान बहुत बढ़ चढ़ कर रहा।

64 वर्ष की आयु होने के बाद भी आरएन बोस ने किया रक्तदान

रक्तदान के विशिष्ट अतिथि श्री कल्याण सिंह कैंसर इस्टिट्यूट के कंसल्टेंट डॉ.पी. पी रावत, लोकबन्धु चिकित्सालय के डायरेक्टर मुख्य चिकित्सा अधिकारी , ब्लड बैंक इंचार्ज पूरे स्टाफ् के उपस्थित रहें।मुख्य आकर्षण का केन्द्र लखनऊ पुलिस मित्र परिवार के वरिष्ठ रक्तदाता आरएन बोस रहे,जो कि 64 वर्ष की आयु में रक्तदान किये, और आज उनका 112 वां रक्तदान हुआ और ये 127 बार एसडीपी डोनेट कर चुके है। जो समाज के लिए प्रेरणास्तोत्र है।

इनका रहा अत्यधिक सहयोग

इस अवसर पर लखनऊ पुलिस मित्र परिवार के को फाउंडर कुलदीप किशोर तिवारी जी,वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर ज्योति खरे (सिविल डिफेन्स लखनऊ ), वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर आशीष सिंह, कोऑर्डिनेटर प्रशान्त शुक्ला, सिविल डिफेन्स के सहायक उपनियंत्रक मनोज कुमार वर्मा, प्रशांत तिवारी UPSDRF, प्रशांत बाजपेयी जी,अज़हर ज़माल सिद्धिकी, अडवोकेट मनीष शुक्ला,अनीता शुक्ला, पवन सिंह अवनीश पाण्डे, प्रमोद शुक्ला, संध्या यादव का अत्यधिक सहयोग रहा ।

कैंप की शुरुअात महिला रक्ता वीरांगाओं से हुई

कैंप की शुरुआत महिला रक्त वीरांगनाओं ने की सुधा टंडन सिविल डिफेन्स लखनऊ, शैल वर्मा पत्नी मनोज कुमार वर्मा और नूतन वर्मा UP police के द्वारा किया गया तथा कैंप का समापन पुलिस मित्र परिवार की सरिता सिंह पत्नी जितेंद्र सिंह एवं पुलिस मित्र परिवार के संस्थापक जितेंद्र सिंह द्वारा एक साथ रक्तदान कर किया गया।कैंप में मुख्य रूप से ऋषि सिंह एवं उनकी पत्नी तिरुशि सिंह, नेहा सिंह पति पत्नी सहित, ATS के देवेंद्र सिंह,बी के सिन्हा, पारुल सिंह, अनुराग पाण्डे, सर्वेश सिंह, नेहा सिंह,निवेदिता बोस, भोला पाण्डे, विश्व कुमार पाल प्रशांत सिंह विनोद सिंह सहित बहुत सारे रक्तदाताओं ने रक्तदान किया।

हरियाणा के फतेहाबाद में भाखड़ा नहर में क्रूजर गिरने से 9 की मौत, 3 लापता

फतेहाबाद : हरियाणा के फतेहाबाद ; के रतिया के गांव सरदरेवाला में बड़ा हादसा हो गया है. यहां पर एक क्रूजर गाड़ी धुंध के चलते भाखड़ा नहर में जा गिरी है. बताया जा रहा है कि क्रूजर में 14 लोग सवार थे जिनमें से 9 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है.

धुंध के चलते नहर में गिरी क्रूजर : फतेहाबाद में एक परिवार पंजाब से शादी समारोह में शामिल होकर अपने गांव सरदारे वाला की ओर आ रहा था. धुंध ज्यादा होने के कारण और नहर पर सेफ्टी वॉल ना होने के चलते गाड़ी सीधे भाखड़ा नहर में जा गिरी. गाड़ी में 14 लोग सवार थे. वहां से गुजर रहे ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान एक बच्चा अरमान गाड़ी का शीशा टूटने पर बाहर निकल आया, वहीं एक बुजुर्ग को भी बचा लिया गया.

9 लोगों की डेड बॉडी निकाली : गांव के लोगों ने प्रशासन को हादसे की ख़बर दी जिसके बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मौके से एक 55 वर्षीय बुजुर्ग बलबीर सिंह की डेड बॉडी को बाहर निकाला गया. वहीं सिरसा के गांव कालांवाली में 8 लोगों की भी डेड बॉडी मिली है जिसकी पुष्टि फतेहाबाद प्रशासन ने की है. बताया जा रहा है कि मृतकों में दो महिलाएं, 2 बच्चे और एक शख्स शामिल है. अब तक कुल मिलाकर 9 लोगों की डेड बॉडी भाखड़ा नहर से बाहर आ चुकी है. 2 लोग जिंदा बच गए हैं और 3 लोग अभी भी लापता हैं. फिलहाल NDRF और SDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.

3 लोगों की तलाश जारी : हादसे के बाद लोग खासे नाराज़ नज़र आए. उन्होंने कहा कि भाखड़ा नहर के किनारे किसी तरह की सेफ्टी वॉल नहीं थी जिसके चलते ये हादसा हुआ है. वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए रतिया के एसडीएम जगदीश चंद्र और रतिया के डीएसपी संजय बिश्नोई ने बताया कि प्रशासन लगातार रेस्क्यू अभियान चला रहा है. पानी का लेवल कम करवा दिया गया है. 3 लोगों की तलाश जारी है।

राजस्थान: बोरवेल में फंसी चेतना को बचाने की जंग, 8 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन

राजस्थान के कोटपूतली में आठ दिन से बोरवेल में एक साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना फंसी हुई है. उसे बाहर निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम भी लगातार कोशिश कर रही हैं, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. अब चेतना तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. NDRF के अधिकारी ने कहा कि वह जल्द ही बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लेंगे.

बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन ठोस चट्टान को काटने में कठिनाइयों के बावजूद भी लगातार चल रहा है. एनडीआरएफ अधिकारियों के मुताबिक सोमवार तक काम पूरा होने की उम्मीद है. एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीना ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन का आठवां दिन है. बोरवेल में फंसी चेतना तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठोस चट्टान की वजह हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. चट्टान को काटना बहुत मुश्किल है, लेकिन बचाव कार्य चल रहा है.

सुरंग के तापमान में अंतर

उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही चेतना को बचा लेंगे. लगभग आधा काम हो चुका है और हम इसे जल्द ही पूरा करने की कोशिश करेंगे. वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि चेतना तक पहुंचने के लिए सुरंग के निर्माण में सुरंग मार्ग के चट्टानी इलाकों की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, सुरंग के ऊपरी और निचले तापमान में काफी अंतर भी मुश्किलें पैदा कर रहा है.

रेस्क्यू ऑपरेशन में प्लान-बी लागू

कल्पना ने कहा कि हम सुरंग का निर्माण कर रहे हैं. चुनौती बढ़ गई है क्योंकि सुरंग का रास्ता काफी पथरीला है. सुरंग के ऊपर और नीचे के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर है. हमारे पास जितने भी ऑप्शन हैं. उन पर विचार किया जा रहा है और चर्चा की जा रही है. सबसे अच्छे औजार मुहैया कराए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात यानी 26 दिसंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन एक अहम पॉइंट पहुंचा, जिसमें बी-प्लान को लागू किया गया और बोरवेल के पास में छेद में एक पाइप उतारा गया.

बोरवेल में कब गिरी थी बच्ची?

NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमों समेत अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. एनडीआरएफ के एक कर्मी ने कहा था कि वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद लड़की को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. दरअसल 23 दिसंबर को चेतना अपने पिता के खेत पर खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. तब से ही वह इस बोरवेल में फंसी हुई है. इसी बीच मध्य प्रदेश के गुना में भी एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. उसे 18 घंटे बाद बोरवेल से तो बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उसने दम तोड़ दिया था

राजस्थान के दौसा में बड़ा हादसा: 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

राजस्थान के दौसा जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के कालीखाड़ गांव में 150 फीट गहरे बोरवेल में एक पांच साल का बच्चा गिर गया है. बच्चे के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया गया है. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई को शुरू की गई है.

ये घटना दौसा जिले के नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के कालीखांड गांव की है. जानकारी के मुताबिक, गांव का ही रहने वाला पांच साल का बच्चा आर्यन बोरवेल में गिर गया. बच्चे के बोरेवेल में गिरने की जानकारी जैसे ही गांव में फैली तो हड़कंप मच गया. परिवार वाले चीख-पुकार मचाने लगे.

NDRF-SDRF रेस्क्यू में जुटी

इसी बीच गांव के लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी. जानकारी होने पर जिले से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी NDRF और SDRF टीम के साथ मौके पर पहुंच गए.

150 फीट की गहराई में गिरा मासूम आर्यन

जानकारी के मुताबिक, पांच साल का मासूम 150 फीट की गहराई पर है, जिसे बचाने का काम जारी है. बोरवेल के पास सुरंग बनाने के लिए खुदाई की जा रही है. बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम मौके मौजूद है. इसके अलावा घटनास्थल पर नांगल राजावतान पुलिस, पापड़दा थाना पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं. मौके पर दौसा विधायक दिन दयाल बैरवा भी मौजूद हैं.

3 साल पहले बोरवेल को खोदा गया था

बोरवेल के पास सुरंग बनाई जा रही है, जिसमें आधा दर्जन JCB और आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर की मदद ली जा रही है. करीब 15 फीट तक खुदाई की जा चुकी है और लगातार काम जारी है. बताया जा रहा है कि जिस बोरवेल में आर्यन गिरा है, वह तीन साल पहले खोदा गया था. इसके बाद इस पर ध्यान नहीं दिया गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया.

खारुन में डूबा 9वीं का छात्र

रायपुर-  रायपुर के खारुन नदी में 9वीं का छात्र बह गया है, जिसका दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। बताया जा रहा है कि स्कूल के नाम से घर से निकला था, लेकिन वह स्कूल नहीं पहुंचा। खारुन नदी चला गया। SDRF की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। मामला मुजगहन थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, छात्र ईश्वर वर्मा (14) घर से करीब साढ़े 9 बजे बैग लेकर स्कूल जाने के लिए निकला था। कुछ देर बाद वह कॉपी भूल गया हूं, कहकर वापस घर आ गया। इसके बाद वह अपने दोस्तों के साथ निकल गया।

बताया जा रहा है कि ईश्वर वर्मा स्कूल न जाकर दोस्तों के कहने पर नदी में नहाने चला गया। सभी लड़के नदी में नहाने के बाद वापस निकलने की तैयारी में थे। इसी दौरान ईश्वर गहरे पानी में चला गया। ये घटना दोपहर 12 बजे के आसपास की है।

बताया जा रहा है कि नदी में ईश्वर कुछ देर तक तैरने की कोशिश की, लेकिन कुछ देर बाद हलचल बंद हो गई। दोस्तों ने फौरन डॉयल-112 को सूचना दी। मुजगहन पुलिस और SDRF के गोताखोर दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब मौके पर पहुंचे।

SDRF के जवानों ने बताया कि दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक हमने लाश को खोजने सर्चिंग ऑपरेशन चलाया, लेकिन तेज बहाव और अंधेरा होने की वजह से बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल सका है, जिसके बाद सर्चिंग ऑपरेशन रोकना पड़ा।

शुक्रवार सुबह साढ़े 7 बजे से SDRF की टीम फिर एक बार खारून नदी में सर्च ऑपरेशन कर रही है। मौके पर करीब 10 लोगों की टीम ईश्वर को खोज रही है। इस सर्चिंग ऑपरेशन में हाई स्पीड बोट के अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर से लेस गोताखोर पानी की गहराई में लाश को खोज रहे हैं।

ईश्वर साहू के पिता राजकुमार साहू ने बताया कि ईश्वर उनका इकलौता बेटा है। ईश्वर की एक छोटी बहन भी है। राजकुमार बोरियाकला के एक टाउनशिप में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। ईश्वर को पानी से डर लगता था। उसे तैरना भी नहीं आता था। वह दोस्तों के साथ नहाने के लिए गया, फिर डूब गया। यह बात अजीब है।

मामले को लेकर मुजगहन थाना प्रभारी आशीष राजपूत ने बताया कि ईश्वर साहू बोरियाखुर्द का रहने वाला है। साढ़े 11 बजे तक लाश नहीं मिल पाई है। टीम तलाशी अभियान में करीब 3 किलोमीटर में स्थित खुड़मूड़ा घाट तक पहुंच गई है। सर्चिंग अब तक जारी है।

राजधानी में नहीं थम रही चाकूबाजी : तेलीबांधा तालाब पर दिनदहाड़े युवती को घोपा चाकू

रायपुर-   राजधानी रायपुर में चाकूबाजी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा घटना तेलीबांधा थाना क्षेत्र की है, जहां तेलीबांधा तालाब पर दिनदहाड़े एक युवक ने युवती पर चाकू से हमला कर दिया. युवती पर जानलेवा हमला करने के बाद आरोपी युवक तेलीबांधा तालाब में कूद गया. इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पर पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है. SDRF की टीम ने आरोपी का रेस्क्यू किया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दिया है.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने बताया कि लोकेश नाम के युवक युवती पर प्राणघातक हमला कर दिया. हमले के बाद आरोपी युवक तेलीबांधा तलाब में कूद गया. तालाब में कूदकर वह भागने की फिराक में थे. पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने आरोपी युवक का रेस्क्यू कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. गंभीर रूप से घायल युवती को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पटले ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला प्रेम प्रसंग का लग रहा है. फिलहाल पूछताछ की जा रही है.

शहर के इन स्थानों पर भी हो चुकी है चाकूबाजी

बता दें कि रविवार को BSUP कालोनी के गणेश पंडाल में नाचने को लेकर मामूली विवाद के चलते किन्नरों के साथ चाकूबाजी की घटना हुई थी. इससे पहले शनिवार को ऑन द रॉक्स बार में डांस के दौरान युवकों में चाकूबाजी हुई, जिसमें 1 युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था. विवाद का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. इसके अलावा टिकरापारा थाने में गणेश पंडाल देखने गए युवक पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया गया था.

स्नान का बहाना बनाकर प्रेमी के साथ भागी लड़की:3 दिन बाद लौटी गांव

बेगूसराय के बछवाड़ा थाना क्षेत्र के चमथा दियारा निवासी जिस लड़की को गांव वाले 3 दिन से गंगा नदी में खोज रहे थे। वह गंगा में डूबी ही नहीं थी, बल्कि अपने प्रेमी के साथ चली गई थी।

अब वो वापस घर आ गई है। विवाहिता के वापस आने की जानकारी जैसे ही गांव वालों को मिली, सभी एकजुट हो गए। स्थानीय स्तर पर पंचायती कर लड़की और लड़का से भविष्य में ऐसा नहीं करने का बॉन्ड करवाया गया है। इसके बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए हैं।

बताया जा रहा है कि चमथा पंचायत 3 के चमथा नंबर गांव निवासी उक्त लड़की रविवार को अपने घर से चमथा घाट स्नान करने के लिए जाने की बात कह कर निकली थी। लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटी। इसके बाद परिजन जब खोजते हुए गंगा किनारे पहुंचे तो वहां एक दुपट्टा और चप्पल रखा हुआ था। यह देखकर डूबने की आशंका जताई गई।

इसके बाद सोमवार और मंगलवार को SDRF टीम के अलावा स्थानीय लोगों ने गंगा नदी में काफी खोजबीन किया। लेकिन शाम तक उसका कुछ भी पता नहीं चला। इसके बाद गांव में विभिन्न तरह की चर्चा चल रही थी, लेकिन रात में वह अचानक घर आ गई। घर आते ही मां-बाप तुरंत उसे लेकर बछवाड़ा थाना चले गए और पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन परिजनों द्वारा कोई आवेदन नहीं दिया गया था।

जिसके कारण बुधवार को थानाध्यक्ष ने परिजनों और लड़की को समझा-बुझाकर घर भेज दिया। इसके बाद गांव के चौपाल पर 200 से भी अधिक लोग जुट गए। समाज का माहौल खराब नहीं हो इस पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद पंचों की उपस्थिति में भविष्य में ऐसा नहीं करने की शर्त पर दोनों को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

इस संबंध में ना लड़की के परिजन और ना ही लड़का के परिजन स्पष्ट रूप से कुछ बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त लड़की ने इसी साल चमथा से इंटर पास किया। इसी दौरान उसका संपर्क विशनपुर गांव के एक नाबालिग से हो गया। इसका ननिहाल लड़की के घर के बगल में ही था। दोनों में बातचीत होने लगी और दोनों स्कूल की किताब के बदले प्यार की किताब पढ़ने लगे।रविवार को दोनों ने घर से भागने का प्लान बना लिया।

लड़की गंगा स्नान स्नान करने की बात कह कर घर से निकली। अपने प्रेमी के साथ उसके मौसी के यहां समस्तीपुर के चपरा गांव पहुंच गई। जहां रविवार से ही दोनों रह रहे थे। इसी दौरान लड़की को गंगा में ढुंढने की जानकारी मिली। इधर, लड़की के परिजन लगातार गंगा में डूबने की बात कह रहे थे। उन लोगों का यह भी कहना था कि गांव के ही चारों लड़कों के कारण मेरी लड़की के साथ हादसा हुआ है।

वह चारों लड़के भी लड़की को तलाश कर रहे थे। जानकारी मिलने के बाद वे लोग प्रेमी के मौसी के घर पहुंचे। दोनों को वहां से लाया। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पिछले सप्ताह गांव के कुछ लड़कों ने दोनों को वाजितपुर बाजार में देख लिया था। उसके बाद दोनों ने भागने का प्लान बनाया। यह लोग गांव का वातावरण खराब कर रहे हैं, इन लोगों के कारण गांव के अन्य बच्चों पर भी असर पड़ेगा।

जब लड़की अपने मन से भाग गई थी तो उसके बाप ने आखिर गंगा नदी में खोजने का नाटक क्यों किया। अगर उसका दुपट्टा और चप्पल मिला था तो उसे गंगा किनारे से हटा क्यों दिया। पुलिस को आवेदन क्यों नहीं दिया, इन सभी मामलों को लेकर लड़की के पिता भी दोषी हैं। लड़की के पिता को जब ग्रामीणों ने पंचायत में बुलाया तो उसने दबाव दिए जाने पर आत्महत्या की बात करने लगा। करीब 5 घंटे तक ग्रामीणों की हुई बैठक के बाद दोनों पक्ष से बॉन्ड भराव कर छोड़ दिया गया है।

इस समय लड़की के पिता का कहना है कि मेरी बेटी गंगा स्नान करने की बात कह कर रविवार को घर से निकली थी। काफी देर बाद नहीं लौटने पर हम खोजबीन करने गए, तो गंगा किनारे दुपट्टा और चप्पल मिल गया। इसकी सूचना हमने मौखिक रूप से थाना की पुलिस को दिया था। उसके बाद गोताखोर और गांव के लोगों ने नदी में खोजबीन किया। बीते रात मेरी बेटी वापस आ गई है, हमें उसके प्रेम संबंध की कोई जानकारी नहीं है। 2 महीन पहले लड़की की शादी साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में की थी। अब हम इसे अपने घर में नहीं रखेंगे। लड़के वालों को बुलाकर ससुराल भेज देंगे।

वहीं, बछवाड़ा थानाध्यक्ष विवेक भारती का कहना है कि गंगा में डूबने की सूचना पर हमलोगों ने 2 दिन SDRF से खोजबीन करवाई। लेकिन कुछ पता नहीं चला। रात में परिजनों द्वारा लड़की को थाना पर लाया गया था, लेकिन कोई आवेदन नहीं दिया गया। थाना पर बैठाकर लड़की और उसके माता-पिता को समझाया बुझाया गया। इसके बाद लड़की को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

ग्रामीणों के अनुसार पता चला है कि लड़की भागने से पहले घर में एक चिट्ठी लिख कर गई थी। जिसमें गांव के ही कुछ लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया गया था। चिट्ठी के अनुसार आरोप उन्हीं लोगों पर लगाया गया था, जिन्होंने कुछ दिन पहले लड़की को अपने प्रेमी के साथ बाजार में देखा था।

बाजार में देखने पर ग्रामीणों द्वारा उक्त लड़का और लड़की को फटकार लगाई थी। जब इन लोगों को लगा की अगर लड़की नहीं मिली तो लड़की के पिता चिट्ठी के आधार पर हम लोगों को फंसा देगा। उसके बाद इन सभी ने मिलकर लड़की के प्रेमी पर दबाव बनाया तो प्रेमी ने सब कुछ बता दिया। लड़की को प्रेमी के मौसी के घर से ग्रामीणों द्वारा बरामद किया गया।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत,परिजनों में कोहराम

पूर्णिया में सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। मृतक दोस्तों के साथ कूड़ा बिनकर नदी में नहाने गया था। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और वो गहरे पानी में जा समाया। उसे डूबता देख वहां मौजूद बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। जिसके बाद स्थानीय गोताखोर बच्चे को बचाने नदी में कूदे, मगर काफी खोजबीन के बाद भी बच्चे को ढूंढा नहीं जा सका। कुछ ही देर बाद सूचना पाकर स्थानीय पुलिस और फिर SDRF की टीम पहुंची, जिसके बाद घंटों की मशक्कत के बाद शव को आज सुबह पानी से बाहर निकाला जा सका।

      घटना शहर के सदर थाना क्षेत्र के सौरा नदी घाट की है। बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए GMCH पूर्णिया लेकर आई है। मृतक की पहचान के.हाट थाना क्षेत्र के पूर्णिया कोर्ट के बालकिशुन नगर वार्ड 17 निवासी कन्हैया ऋषिदेव के बेटे साजन कुमार 12 के रूप में हुई है। घटना की जानकारी देते हुए मृतक बच्चे की दीदी संजो देवी ने बताया कि बच्चा रोजाना की तरह इलाके के बच्चों के साथ देर दोपहर घर से कूड़ा बिनने निकला था। इसी क्रम में वो सौरा नदी में नहाने चला गया। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और फिर वो नदी में डूबने लगा। इधर बच्चे को डूबता देख साथ में खेल रहे बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। शोर की आवाज सुनकर स्थानीय मौके पर जुटे।
      स्थानीय गोताखोरों ने उसे बचाने नदी में छलांग लगाई, मगर उसे ढूंढा नहीं जा सका। जिसके बाद सदर थाना की पुलिस ने SDRF को घटना की जानकारी दी।

       सूचना पाकर पहुंची SDRF की टीम शाम ढलने तक बच्चे की खोजबीन में जुटी रही। आज सुबह अंजोरा होने पर SDRF ने दोबारा से बच्चे की खोजबीन शुरू की। घंटों की मशक्कत के बाद बच्चे के शव को सौरा नदी से बाहर निकाला गया। इधर बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही सदर थाना की पुलिस ने मृतक बच्चे के शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमॉर्टम में जुट गई है।
पितृपक्ष मेला की सुरक्षा को लेकर तैयार है जिला आपदा विभाग, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए SDRF टीम समेत स्थानीय तैराक भी रहेंगे तैनात

गया। 17 सितंबर से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले को लेकर जिला आपदा विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा नीति तैयार कर ली है। पितृपक्ष मेला के अवसर पर लाखों लाख की संख्या में पिंडदानी गया जी आते हैं। चुकी यहां कर्मकांड पिंडदानी द्वारा फल्गु नदी/ विभिन्न तालाबो/ सरोवरों में किया जाता है। उनसभी सरोवरों एव नदी में उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है ताकि कोई अनहोनी या छोटी समस्या भी नही हो सके। आपदा विभाग के अनुसार मेला के सुरक्षा के लिए मोटर बोट्स, स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स, लाइफ गार्ड्स और लाइफ बॉय की व्यवस्था की गई है। पिछले वर्ष पितृपक्ष मेला के दौरान अनेको तीर्थयात्रियों की मदद की गई थी। 

 SDRF की टीम रहेगी तैनात

जिला आपदा विभाग के अंतर्गत कार्यरत SDRF टीम अपने 22 जवानों के साथ घाटों पर उपस्थित रहेगी। SDRF टीम की मौजूदगी से श्रद्धालुओं के द्वारा पिण्ड दान की क्रिया सुरक्षापूर्वक की जा सकेगी। 

 Motor Boats की भी व्यवस्था

साथ ही श्रद्धालुओं के सुरक्षा हेतु 7 motor boats का प्रावधान किया गया है जिन्हें श्रद्धालुओं के पिण्ड दान करने के दौरान डूबने जैसे मामलों में ससमय सुरक्षा और जान बचाने में प्रयोग किया जाएगा। मोटर बोट्स का संचालन भी SDRF टीम द्वारा ही किया जाएगा।

आपदा प्रबंधन हेतु पर्याप्त संख्या में स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी रहेंगे सक्रिय

आपदा विभाग के अनुसार SDRF टीम और मोटर बोट्स के अलावा डूबने जैसे छोटे बड़े मामलों में उनके साथ स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी किए जायेंगे तैनात। 

तैराकों को विभिन्न घाटों पर दो पाली में प्रतिदिन रहना होगा उपस्थित जिसकी पुष्टि पितृपक्ष मेला के नोडल पदाधिकारी द्वारा की जाएगी। तैराकों की नियुक्ति देव घाट, सूर्य कुण्ड, सीता कुण्ड, बैतरणी सरोवर, ब्रह्मसत्त सरोवर, रुक्मिणी सरोवर, पिता महेश्वर सरोवर, रामशिला एवं प्रेतशिला पर की जाएगी। SDRF टीम के निदेशन में स्थानीय तैराकों एवं अन्य सुरक्षा सामग्री के द्वारा पितृपक्ष मेला के आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

कोशिश है की जिलाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा की गई बैठक के निर्देशानुसार इस विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला, जिसमें लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी आते हैं, उनके लिए आपदा प्रबंधन की कड़ी एवं क्विक रिस्पॉन्स टीम सक्रिय रहेगी एवं सेवा भाव से उनकी सुरक्षा का प्रावधान किया जाएगा। डीएम गया डा० त्यागराजन एसएम ने कहा कि पितृपक्ष मेला के दौरान आपदा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि सभी प्रमुख सरोवरों यथा सूर्यकुंड, अक्षयवट, राम कुंड, गया जी डैम जैसे गहरे पानी वाले स्थलों पर पर्याप्त नाव सहित टीम रख कर पूरी निगरानी रखे। कही कोई घटना होने पर तुरंत रेस्पांस दे। डीएम ने अपर समाहर्ता आपदा एव वरीय उप समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया है कि मेला के दौरान लगातार निगरानी रखे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

होली के दौरान किया यह काम तो पड़ जाएंगे लेने के देने, पटना डीएम ने जारी किया है यह सख्त आदेश

डेस्क : होली को शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है। पटना जिलाधिकारी द्वारा होलिका दहन एवं होली के अवसर पर आम लोगों की सुविधा, सुरक्षा तथा आपदा की स्थिति में किसी भी आकस्मिकता से निपटने हेतु अधिकारियों को मानकों के अनुरूप सभी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत अग्नि-सुरक्षा के दृष्टिकोण से थानों एवं चिन्हित स्थलों पर अग्निशमन दश्ता की प्रतिनियुक्ति करने एवं अस्पतालों में मेडिकल टीम को तैनात करने का निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा है कि 14 से 15 मार्च तक नदियों में निजी नाव के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगायी गई है। अधिकारियों को इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। विभिन्न अनुमंडलों में स्थित नदी घाटों को कई सेक्टर में विभाजित कर 2-2 मोटर बोट एवं अन्य आवश्यक संसाधनों सहित गोताखोरों एवं जवानों के साथ 7 टीम को तैनात किया गया है।

जिले के सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत नदियों एवं तालाबों के घाटों पर लाइफ जैकेट एवं अन्य सभी संसाधनों के साथ नावों, नाविकों एवं गोताखोरों को तैनात रखने का निर्देश दिया गया है। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था के निर्धारित मानकों के अनुसार पर्याप्त संख्या में दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद रहेंगे। सीसीटीवी कैमरा एवं ड्रोन से निगरानी की जाएगी।

वहीं किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर 24*7 जिला नियंत्रण कक्ष (0612-2219810/ 2219234), डायल-112 तथा जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र (0612-2210118) पर सूचना दी जा सकती है।

रक्तदान शिविर में 100 से अधिक रक्तदाताओं ने किया प्रतिभाग

लखनऊ । लखनऊ पुलिस मित्र परिवार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को लोकबन्धु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय कानपुर रोड लखनऊ में संरक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह रिटायर्ड आईपीएस एवं संथापक व मोटिवेटर जितेन्द्र सिंह के मार्ग दर्शन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। उक्त रक्तदान शिविर में करीब 100 से अधिक रक्तदाताओं व नारी शक्तियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें 31 यूनिट रक्तदान हुआ नारी शक्ति का योगदान बहुत बढ़ चढ़ कर रहा।

64 वर्ष की आयु होने के बाद भी आरएन बोस ने किया रक्तदान

रक्तदान के विशिष्ट अतिथि श्री कल्याण सिंह कैंसर इस्टिट्यूट के कंसल्टेंट डॉ.पी. पी रावत, लोकबन्धु चिकित्सालय के डायरेक्टर मुख्य चिकित्सा अधिकारी , ब्लड बैंक इंचार्ज पूरे स्टाफ् के उपस्थित रहें।मुख्य आकर्षण का केन्द्र लखनऊ पुलिस मित्र परिवार के वरिष्ठ रक्तदाता आरएन बोस रहे,जो कि 64 वर्ष की आयु में रक्तदान किये, और आज उनका 112 वां रक्तदान हुआ और ये 127 बार एसडीपी डोनेट कर चुके है। जो समाज के लिए प्रेरणास्तोत्र है।

इनका रहा अत्यधिक सहयोग

इस अवसर पर लखनऊ पुलिस मित्र परिवार के को फाउंडर कुलदीप किशोर तिवारी जी,वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर ज्योति खरे (सिविल डिफेन्स लखनऊ ), वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर आशीष सिंह, कोऑर्डिनेटर प्रशान्त शुक्ला, सिविल डिफेन्स के सहायक उपनियंत्रक मनोज कुमार वर्मा, प्रशांत तिवारी UPSDRF, प्रशांत बाजपेयी जी,अज़हर ज़माल सिद्धिकी, अडवोकेट मनीष शुक्ला,अनीता शुक्ला, पवन सिंह अवनीश पाण्डे, प्रमोद शुक्ला, संध्या यादव का अत्यधिक सहयोग रहा ।

कैंप की शुरुअात महिला रक्ता वीरांगाओं से हुई

कैंप की शुरुआत महिला रक्त वीरांगनाओं ने की सुधा टंडन सिविल डिफेन्स लखनऊ, शैल वर्मा पत्नी मनोज कुमार वर्मा और नूतन वर्मा UP police के द्वारा किया गया तथा कैंप का समापन पुलिस मित्र परिवार की सरिता सिंह पत्नी जितेंद्र सिंह एवं पुलिस मित्र परिवार के संस्थापक जितेंद्र सिंह द्वारा एक साथ रक्तदान कर किया गया।कैंप में मुख्य रूप से ऋषि सिंह एवं उनकी पत्नी तिरुशि सिंह, नेहा सिंह पति पत्नी सहित, ATS के देवेंद्र सिंह,बी के सिन्हा, पारुल सिंह, अनुराग पाण्डे, सर्वेश सिंह, नेहा सिंह,निवेदिता बोस, भोला पाण्डे, विश्व कुमार पाल प्रशांत सिंह विनोद सिंह सहित बहुत सारे रक्तदाताओं ने रक्तदान किया।

हरियाणा के फतेहाबाद में भाखड़ा नहर में क्रूजर गिरने से 9 की मौत, 3 लापता

फतेहाबाद : हरियाणा के फतेहाबाद ; के रतिया के गांव सरदरेवाला में बड़ा हादसा हो गया है. यहां पर एक क्रूजर गाड़ी धुंध के चलते भाखड़ा नहर में जा गिरी है. बताया जा रहा है कि क्रूजर में 14 लोग सवार थे जिनमें से 9 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है.

धुंध के चलते नहर में गिरी क्रूजर : फतेहाबाद में एक परिवार पंजाब से शादी समारोह में शामिल होकर अपने गांव सरदारे वाला की ओर आ रहा था. धुंध ज्यादा होने के कारण और नहर पर सेफ्टी वॉल ना होने के चलते गाड़ी सीधे भाखड़ा नहर में जा गिरी. गाड़ी में 14 लोग सवार थे. वहां से गुजर रहे ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान एक बच्चा अरमान गाड़ी का शीशा टूटने पर बाहर निकल आया, वहीं एक बुजुर्ग को भी बचा लिया गया.

9 लोगों की डेड बॉडी निकाली : गांव के लोगों ने प्रशासन को हादसे की ख़बर दी जिसके बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मौके से एक 55 वर्षीय बुजुर्ग बलबीर सिंह की डेड बॉडी को बाहर निकाला गया. वहीं सिरसा के गांव कालांवाली में 8 लोगों की भी डेड बॉडी मिली है जिसकी पुष्टि फतेहाबाद प्रशासन ने की है. बताया जा रहा है कि मृतकों में दो महिलाएं, 2 बच्चे और एक शख्स शामिल है. अब तक कुल मिलाकर 9 लोगों की डेड बॉडी भाखड़ा नहर से बाहर आ चुकी है. 2 लोग जिंदा बच गए हैं और 3 लोग अभी भी लापता हैं. फिलहाल NDRF और SDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.

3 लोगों की तलाश जारी : हादसे के बाद लोग खासे नाराज़ नज़र आए. उन्होंने कहा कि भाखड़ा नहर के किनारे किसी तरह की सेफ्टी वॉल नहीं थी जिसके चलते ये हादसा हुआ है. वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए रतिया के एसडीएम जगदीश चंद्र और रतिया के डीएसपी संजय बिश्नोई ने बताया कि प्रशासन लगातार रेस्क्यू अभियान चला रहा है. पानी का लेवल कम करवा दिया गया है. 3 लोगों की तलाश जारी है।

राजस्थान: बोरवेल में फंसी चेतना को बचाने की जंग, 8 दिन से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन

राजस्थान के कोटपूतली में आठ दिन से बोरवेल में एक साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना फंसी हुई है. उसे बाहर निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम भी लगातार कोशिश कर रही हैं, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. अब चेतना तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. NDRF के अधिकारी ने कहा कि वह जल्द ही बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लेंगे.

बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन ठोस चट्टान को काटने में कठिनाइयों के बावजूद भी लगातार चल रहा है. एनडीआरएफ अधिकारियों के मुताबिक सोमवार तक काम पूरा होने की उम्मीद है. एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीना ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन का आठवां दिन है. बोरवेल में फंसी चेतना तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठोस चट्टान की वजह हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. चट्टान को काटना बहुत मुश्किल है, लेकिन बचाव कार्य चल रहा है.

सुरंग के तापमान में अंतर

उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही चेतना को बचा लेंगे. लगभग आधा काम हो चुका है और हम इसे जल्द ही पूरा करने की कोशिश करेंगे. वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि चेतना तक पहुंचने के लिए सुरंग के निर्माण में सुरंग मार्ग के चट्टानी इलाकों की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, सुरंग के ऊपरी और निचले तापमान में काफी अंतर भी मुश्किलें पैदा कर रहा है.

रेस्क्यू ऑपरेशन में प्लान-बी लागू

कल्पना ने कहा कि हम सुरंग का निर्माण कर रहे हैं. चुनौती बढ़ गई है क्योंकि सुरंग का रास्ता काफी पथरीला है. सुरंग के ऊपर और नीचे के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर है. हमारे पास जितने भी ऑप्शन हैं. उन पर विचार किया जा रहा है और चर्चा की जा रही है. सबसे अच्छे औजार मुहैया कराए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात यानी 26 दिसंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन एक अहम पॉइंट पहुंचा, जिसमें बी-प्लान को लागू किया गया और बोरवेल के पास में छेद में एक पाइप उतारा गया.

बोरवेल में कब गिरी थी बच्ची?

NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमों समेत अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. एनडीआरएफ के एक कर्मी ने कहा था कि वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद लड़की को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. दरअसल 23 दिसंबर को चेतना अपने पिता के खेत पर खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. तब से ही वह इस बोरवेल में फंसी हुई है. इसी बीच मध्य प्रदेश के गुना में भी एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. उसे 18 घंटे बाद बोरवेल से तो बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उसने दम तोड़ दिया था

राजस्थान के दौसा में बड़ा हादसा: 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

राजस्थान के दौसा जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के कालीखाड़ गांव में 150 फीट गहरे बोरवेल में एक पांच साल का बच्चा गिर गया है. बच्चे के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया गया है. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई को शुरू की गई है.

ये घटना दौसा जिले के नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के कालीखांड गांव की है. जानकारी के मुताबिक, गांव का ही रहने वाला पांच साल का बच्चा आर्यन बोरवेल में गिर गया. बच्चे के बोरेवेल में गिरने की जानकारी जैसे ही गांव में फैली तो हड़कंप मच गया. परिवार वाले चीख-पुकार मचाने लगे.

NDRF-SDRF रेस्क्यू में जुटी

इसी बीच गांव के लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी. जानकारी होने पर जिले से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी NDRF और SDRF टीम के साथ मौके पर पहुंच गए.

150 फीट की गहराई में गिरा मासूम आर्यन

जानकारी के मुताबिक, पांच साल का मासूम 150 फीट की गहराई पर है, जिसे बचाने का काम जारी है. बोरवेल के पास सुरंग बनाने के लिए खुदाई की जा रही है. बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम मौके मौजूद है. इसके अलावा घटनास्थल पर नांगल राजावतान पुलिस, पापड़दा थाना पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं. मौके पर दौसा विधायक दिन दयाल बैरवा भी मौजूद हैं.

3 साल पहले बोरवेल को खोदा गया था

बोरवेल के पास सुरंग बनाई जा रही है, जिसमें आधा दर्जन JCB और आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर की मदद ली जा रही है. करीब 15 फीट तक खुदाई की जा चुकी है और लगातार काम जारी है. बताया जा रहा है कि जिस बोरवेल में आर्यन गिरा है, वह तीन साल पहले खोदा गया था. इसके बाद इस पर ध्यान नहीं दिया गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया.

खारुन में डूबा 9वीं का छात्र

रायपुर-  रायपुर के खारुन नदी में 9वीं का छात्र बह गया है, जिसका दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। बताया जा रहा है कि स्कूल के नाम से घर से निकला था, लेकिन वह स्कूल नहीं पहुंचा। खारुन नदी चला गया। SDRF की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। मामला मुजगहन थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, छात्र ईश्वर वर्मा (14) घर से करीब साढ़े 9 बजे बैग लेकर स्कूल जाने के लिए निकला था। कुछ देर बाद वह कॉपी भूल गया हूं, कहकर वापस घर आ गया। इसके बाद वह अपने दोस्तों के साथ निकल गया।

बताया जा रहा है कि ईश्वर वर्मा स्कूल न जाकर दोस्तों के कहने पर नदी में नहाने चला गया। सभी लड़के नदी में नहाने के बाद वापस निकलने की तैयारी में थे। इसी दौरान ईश्वर गहरे पानी में चला गया। ये घटना दोपहर 12 बजे के आसपास की है।

बताया जा रहा है कि नदी में ईश्वर कुछ देर तक तैरने की कोशिश की, लेकिन कुछ देर बाद हलचल बंद हो गई। दोस्तों ने फौरन डॉयल-112 को सूचना दी। मुजगहन पुलिस और SDRF के गोताखोर दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब मौके पर पहुंचे।

SDRF के जवानों ने बताया कि दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक हमने लाश को खोजने सर्चिंग ऑपरेशन चलाया, लेकिन तेज बहाव और अंधेरा होने की वजह से बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल सका है, जिसके बाद सर्चिंग ऑपरेशन रोकना पड़ा।

शुक्रवार सुबह साढ़े 7 बजे से SDRF की टीम फिर एक बार खारून नदी में सर्च ऑपरेशन कर रही है। मौके पर करीब 10 लोगों की टीम ईश्वर को खोज रही है। इस सर्चिंग ऑपरेशन में हाई स्पीड बोट के अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर से लेस गोताखोर पानी की गहराई में लाश को खोज रहे हैं।

ईश्वर साहू के पिता राजकुमार साहू ने बताया कि ईश्वर उनका इकलौता बेटा है। ईश्वर की एक छोटी बहन भी है। राजकुमार बोरियाकला के एक टाउनशिप में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। ईश्वर को पानी से डर लगता था। उसे तैरना भी नहीं आता था। वह दोस्तों के साथ नहाने के लिए गया, फिर डूब गया। यह बात अजीब है।

मामले को लेकर मुजगहन थाना प्रभारी आशीष राजपूत ने बताया कि ईश्वर साहू बोरियाखुर्द का रहने वाला है। साढ़े 11 बजे तक लाश नहीं मिल पाई है। टीम तलाशी अभियान में करीब 3 किलोमीटर में स्थित खुड़मूड़ा घाट तक पहुंच गई है। सर्चिंग अब तक जारी है।

राजधानी में नहीं थम रही चाकूबाजी : तेलीबांधा तालाब पर दिनदहाड़े युवती को घोपा चाकू

रायपुर-   राजधानी रायपुर में चाकूबाजी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा घटना तेलीबांधा थाना क्षेत्र की है, जहां तेलीबांधा तालाब पर दिनदहाड़े एक युवक ने युवती पर चाकू से हमला कर दिया. युवती पर जानलेवा हमला करने के बाद आरोपी युवक तेलीबांधा तालाब में कूद गया. इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पर पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है. SDRF की टीम ने आरोपी का रेस्क्यू किया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दिया है.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने बताया कि लोकेश नाम के युवक युवती पर प्राणघातक हमला कर दिया. हमले के बाद आरोपी युवक तेलीबांधा तलाब में कूद गया. तालाब में कूदकर वह भागने की फिराक में थे. पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने आरोपी युवक का रेस्क्यू कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. गंभीर रूप से घायल युवती को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पटले ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला प्रेम प्रसंग का लग रहा है. फिलहाल पूछताछ की जा रही है.

शहर के इन स्थानों पर भी हो चुकी है चाकूबाजी

बता दें कि रविवार को BSUP कालोनी के गणेश पंडाल में नाचने को लेकर मामूली विवाद के चलते किन्नरों के साथ चाकूबाजी की घटना हुई थी. इससे पहले शनिवार को ऑन द रॉक्स बार में डांस के दौरान युवकों में चाकूबाजी हुई, जिसमें 1 युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था. विवाद का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. इसके अलावा टिकरापारा थाने में गणेश पंडाल देखने गए युवक पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया गया था.

स्नान का बहाना बनाकर प्रेमी के साथ भागी लड़की:3 दिन बाद लौटी गांव

बेगूसराय के बछवाड़ा थाना क्षेत्र के चमथा दियारा निवासी जिस लड़की को गांव वाले 3 दिन से गंगा नदी में खोज रहे थे। वह गंगा में डूबी ही नहीं थी, बल्कि अपने प्रेमी के साथ चली गई थी।

अब वो वापस घर आ गई है। विवाहिता के वापस आने की जानकारी जैसे ही गांव वालों को मिली, सभी एकजुट हो गए। स्थानीय स्तर पर पंचायती कर लड़की और लड़का से भविष्य में ऐसा नहीं करने का बॉन्ड करवाया गया है। इसके बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए हैं।

बताया जा रहा है कि चमथा पंचायत 3 के चमथा नंबर गांव निवासी उक्त लड़की रविवार को अपने घर से चमथा घाट स्नान करने के लिए जाने की बात कह कर निकली थी। लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटी। इसके बाद परिजन जब खोजते हुए गंगा किनारे पहुंचे तो वहां एक दुपट्टा और चप्पल रखा हुआ था। यह देखकर डूबने की आशंका जताई गई।

इसके बाद सोमवार और मंगलवार को SDRF टीम के अलावा स्थानीय लोगों ने गंगा नदी में काफी खोजबीन किया। लेकिन शाम तक उसका कुछ भी पता नहीं चला। इसके बाद गांव में विभिन्न तरह की चर्चा चल रही थी, लेकिन रात में वह अचानक घर आ गई। घर आते ही मां-बाप तुरंत उसे लेकर बछवाड़ा थाना चले गए और पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन परिजनों द्वारा कोई आवेदन नहीं दिया गया था।

जिसके कारण बुधवार को थानाध्यक्ष ने परिजनों और लड़की को समझा-बुझाकर घर भेज दिया। इसके बाद गांव के चौपाल पर 200 से भी अधिक लोग जुट गए। समाज का माहौल खराब नहीं हो इस पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद पंचों की उपस्थिति में भविष्य में ऐसा नहीं करने की शर्त पर दोनों को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

इस संबंध में ना लड़की के परिजन और ना ही लड़का के परिजन स्पष्ट रूप से कुछ बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त लड़की ने इसी साल चमथा से इंटर पास किया। इसी दौरान उसका संपर्क विशनपुर गांव के एक नाबालिग से हो गया। इसका ननिहाल लड़की के घर के बगल में ही था। दोनों में बातचीत होने लगी और दोनों स्कूल की किताब के बदले प्यार की किताब पढ़ने लगे।रविवार को दोनों ने घर से भागने का प्लान बना लिया।

लड़की गंगा स्नान स्नान करने की बात कह कर घर से निकली। अपने प्रेमी के साथ उसके मौसी के यहां समस्तीपुर के चपरा गांव पहुंच गई। जहां रविवार से ही दोनों रह रहे थे। इसी दौरान लड़की को गंगा में ढुंढने की जानकारी मिली। इधर, लड़की के परिजन लगातार गंगा में डूबने की बात कह रहे थे। उन लोगों का यह भी कहना था कि गांव के ही चारों लड़कों के कारण मेरी लड़की के साथ हादसा हुआ है।

वह चारों लड़के भी लड़की को तलाश कर रहे थे। जानकारी मिलने के बाद वे लोग प्रेमी के मौसी के घर पहुंचे। दोनों को वहां से लाया। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पिछले सप्ताह गांव के कुछ लड़कों ने दोनों को वाजितपुर बाजार में देख लिया था। उसके बाद दोनों ने भागने का प्लान बनाया। यह लोग गांव का वातावरण खराब कर रहे हैं, इन लोगों के कारण गांव के अन्य बच्चों पर भी असर पड़ेगा।

जब लड़की अपने मन से भाग गई थी तो उसके बाप ने आखिर गंगा नदी में खोजने का नाटक क्यों किया। अगर उसका दुपट्टा और चप्पल मिला था तो उसे गंगा किनारे से हटा क्यों दिया। पुलिस को आवेदन क्यों नहीं दिया, इन सभी मामलों को लेकर लड़की के पिता भी दोषी हैं। लड़की के पिता को जब ग्रामीणों ने पंचायत में बुलाया तो उसने दबाव दिए जाने पर आत्महत्या की बात करने लगा। करीब 5 घंटे तक ग्रामीणों की हुई बैठक के बाद दोनों पक्ष से बॉन्ड भराव कर छोड़ दिया गया है।

इस समय लड़की के पिता का कहना है कि मेरी बेटी गंगा स्नान करने की बात कह कर रविवार को घर से निकली थी। काफी देर बाद नहीं लौटने पर हम खोजबीन करने गए, तो गंगा किनारे दुपट्टा और चप्पल मिल गया। इसकी सूचना हमने मौखिक रूप से थाना की पुलिस को दिया था। उसके बाद गोताखोर और गांव के लोगों ने नदी में खोजबीन किया। बीते रात मेरी बेटी वापस आ गई है, हमें उसके प्रेम संबंध की कोई जानकारी नहीं है। 2 महीन पहले लड़की की शादी साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में की थी। अब हम इसे अपने घर में नहीं रखेंगे। लड़के वालों को बुलाकर ससुराल भेज देंगे।

वहीं, बछवाड़ा थानाध्यक्ष विवेक भारती का कहना है कि गंगा में डूबने की सूचना पर हमलोगों ने 2 दिन SDRF से खोजबीन करवाई। लेकिन कुछ पता नहीं चला। रात में परिजनों द्वारा लड़की को थाना पर लाया गया था, लेकिन कोई आवेदन नहीं दिया गया। थाना पर बैठाकर लड़की और उसके माता-पिता को समझाया बुझाया गया। इसके बाद लड़की को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

ग्रामीणों के अनुसार पता चला है कि लड़की भागने से पहले घर में एक चिट्ठी लिख कर गई थी। जिसमें गांव के ही कुछ लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया गया था। चिट्ठी के अनुसार आरोप उन्हीं लोगों पर लगाया गया था, जिन्होंने कुछ दिन पहले लड़की को अपने प्रेमी के साथ बाजार में देखा था।

बाजार में देखने पर ग्रामीणों द्वारा उक्त लड़का और लड़की को फटकार लगाई थी। जब इन लोगों को लगा की अगर लड़की नहीं मिली तो लड़की के पिता चिट्ठी के आधार पर हम लोगों को फंसा देगा। उसके बाद इन सभी ने मिलकर लड़की के प्रेमी पर दबाव बनाया तो प्रेमी ने सब कुछ बता दिया। लड़की को प्रेमी के मौसी के घर से ग्रामीणों द्वारा बरामद किया गया।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत,परिजनों में कोहराम

पूर्णिया में सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। मृतक दोस्तों के साथ कूड़ा बिनकर नदी में नहाने गया था। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और वो गहरे पानी में जा समाया। उसे डूबता देख वहां मौजूद बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। जिसके बाद स्थानीय गोताखोर बच्चे को बचाने नदी में कूदे, मगर काफी खोजबीन के बाद भी बच्चे को ढूंढा नहीं जा सका। कुछ ही देर बाद सूचना पाकर स्थानीय पुलिस और फिर SDRF की टीम पहुंची, जिसके बाद घंटों की मशक्कत के बाद शव को आज सुबह पानी से बाहर निकाला जा सका।

      घटना शहर के सदर थाना क्षेत्र के सौरा नदी घाट की है। बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए GMCH पूर्णिया लेकर आई है। मृतक की पहचान के.हाट थाना क्षेत्र के पूर्णिया कोर्ट के बालकिशुन नगर वार्ड 17 निवासी कन्हैया ऋषिदेव के बेटे साजन कुमार 12 के रूप में हुई है। घटना की जानकारी देते हुए मृतक बच्चे की दीदी संजो देवी ने बताया कि बच्चा रोजाना की तरह इलाके के बच्चों के साथ देर दोपहर घर से कूड़ा बिनने निकला था। इसी क्रम में वो सौरा नदी में नहाने चला गया। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और फिर वो नदी में डूबने लगा। इधर बच्चे को डूबता देख साथ में खेल रहे बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। शोर की आवाज सुनकर स्थानीय मौके पर जुटे।
      स्थानीय गोताखोरों ने उसे बचाने नदी में छलांग लगाई, मगर उसे ढूंढा नहीं जा सका। जिसके बाद सदर थाना की पुलिस ने SDRF को घटना की जानकारी दी।

       सूचना पाकर पहुंची SDRF की टीम शाम ढलने तक बच्चे की खोजबीन में जुटी रही। आज सुबह अंजोरा होने पर SDRF ने दोबारा से बच्चे की खोजबीन शुरू की। घंटों की मशक्कत के बाद बच्चे के शव को सौरा नदी से बाहर निकाला गया। इधर बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही सदर थाना की पुलिस ने मृतक बच्चे के शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमॉर्टम में जुट गई है।
पितृपक्ष मेला की सुरक्षा को लेकर तैयार है जिला आपदा विभाग, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए SDRF टीम समेत स्थानीय तैराक भी रहेंगे तैनात

गया। 17 सितंबर से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले को लेकर जिला आपदा विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा नीति तैयार कर ली है। पितृपक्ष मेला के अवसर पर लाखों लाख की संख्या में पिंडदानी गया जी आते हैं। चुकी यहां कर्मकांड पिंडदानी द्वारा फल्गु नदी/ विभिन्न तालाबो/ सरोवरों में किया जाता है। उनसभी सरोवरों एव नदी में उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है ताकि कोई अनहोनी या छोटी समस्या भी नही हो सके। आपदा विभाग के अनुसार मेला के सुरक्षा के लिए मोटर बोट्स, स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स, लाइफ गार्ड्स और लाइफ बॉय की व्यवस्था की गई है। पिछले वर्ष पितृपक्ष मेला के दौरान अनेको तीर्थयात्रियों की मदद की गई थी। 

 SDRF की टीम रहेगी तैनात

जिला आपदा विभाग के अंतर्गत कार्यरत SDRF टीम अपने 22 जवानों के साथ घाटों पर उपस्थित रहेगी। SDRF टीम की मौजूदगी से श्रद्धालुओं के द्वारा पिण्ड दान की क्रिया सुरक्षापूर्वक की जा सकेगी। 

 Motor Boats की भी व्यवस्था

साथ ही श्रद्धालुओं के सुरक्षा हेतु 7 motor boats का प्रावधान किया गया है जिन्हें श्रद्धालुओं के पिण्ड दान करने के दौरान डूबने जैसे मामलों में ससमय सुरक्षा और जान बचाने में प्रयोग किया जाएगा। मोटर बोट्स का संचालन भी SDRF टीम द्वारा ही किया जाएगा।

आपदा प्रबंधन हेतु पर्याप्त संख्या में स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी रहेंगे सक्रिय

आपदा विभाग के अनुसार SDRF टीम और मोटर बोट्स के अलावा डूबने जैसे छोटे बड़े मामलों में उनके साथ स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी किए जायेंगे तैनात। 

तैराकों को विभिन्न घाटों पर दो पाली में प्रतिदिन रहना होगा उपस्थित जिसकी पुष्टि पितृपक्ष मेला के नोडल पदाधिकारी द्वारा की जाएगी। तैराकों की नियुक्ति देव घाट, सूर्य कुण्ड, सीता कुण्ड, बैतरणी सरोवर, ब्रह्मसत्त सरोवर, रुक्मिणी सरोवर, पिता महेश्वर सरोवर, रामशिला एवं प्रेतशिला पर की जाएगी। SDRF टीम के निदेशन में स्थानीय तैराकों एवं अन्य सुरक्षा सामग्री के द्वारा पितृपक्ष मेला के आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

कोशिश है की जिलाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा की गई बैठक के निर्देशानुसार इस विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला, जिसमें लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी आते हैं, उनके लिए आपदा प्रबंधन की कड़ी एवं क्विक रिस्पॉन्स टीम सक्रिय रहेगी एवं सेवा भाव से उनकी सुरक्षा का प्रावधान किया जाएगा। डीएम गया डा० त्यागराजन एसएम ने कहा कि पितृपक्ष मेला के दौरान आपदा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि सभी प्रमुख सरोवरों यथा सूर्यकुंड, अक्षयवट, राम कुंड, गया जी डैम जैसे गहरे पानी वाले स्थलों पर पर्याप्त नाव सहित टीम रख कर पूरी निगरानी रखे। कही कोई घटना होने पर तुरंत रेस्पांस दे। डीएम ने अपर समाहर्ता आपदा एव वरीय उप समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया है कि मेला के दौरान लगातार निगरानी रखे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।