राजद विधायक सुरेश पासवान की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के देवघर से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक सुरेश पासवान की तबीयत शुक्रवार को अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें फिलहाल आईसीयू में भर्ती कर डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया है।

विधायक सुरेश पासवान को गुर्दे और यकृत में संक्रमण का पता चलने के बाद शुक्रवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका ब्लडप्रेशर और शुगर का स्तर भी थोड़ा बढ़ा हुआ है। विधायक के करीबी सहयोगी और उनके साथ मौजूद आरजेडी नेता सुमन कुमार देव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ पासवान पूरी मेडिकल जांच के लिए दिल्ली गए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और अगले कुछ दिनों में उनकी सेहत और बेहतर होने की उम्मीद है। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।

सुरेश पासवान बोले- जल्द लौटूंगा देवघर

सुरेश पासवान ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के जरिए भी अपनी सेहत की जानकारी दी। विधायक ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर बताया कि मेरी तबीयत अस्वस्थ होने के कारण मेरा इलाज दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चल रहा है, जहां कुछ समय के लिए भर्ती हूं। आप सभी से दुआओं की दरख़्वास्त है, ताकि जल्द ही स्वस्थ होकर फिर से आप सबके बीच लौट सकूं। बाबा धाम का आशीर्वाद मिलेगा और बहुत जल्द स्वस्थ होकर देवघर वापस लौटूंगा।

हाल में कई नेताओं की बिगड़ी सेहत

बता दें कि बीते कुछ दिनों में झारखंड के कई नेताओं की सेहत बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं। लगभग एक सप्ताह पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजउल हसन अंसारी की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें पहले रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल शिफ्ट किया गया। वहां अभी भी उनका इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

अगस्त में झारखंड के दो बड़े नेताओं का निधन

वहीं, पिछले महीने अगस्त में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री का निधन हो गया था। उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था। वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री सोरेन की तबीयत खराब होने के चलते दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान अगस्त में उनकी भी मौत हो गई थी।

मेरी मां का अपमान, देश की हर मां का अपमान', बिहार में अपशब्द कहे जाने पर दुखी हुए पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दरभंगा में राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के मंच से अपनी मां के लिए कहे गए अपशब्द के लिए कांग्रेस-आरजेडी पर निशाना साधा।

मां ही हमारा संसार है...-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी। लेकिन, बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। 'मां ही हमारा संसार है। मां ही हमारा स्वाभिमान है। इस परंपरा संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर-पीएम मोदी

बिहार में राजद-कांग्रेस के मंच से मोरी को गाली दी गईं। ये गालियां सिर्फ़ मेरी मां का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान हैं। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।

मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज मंगलवार को एक बहुत ही शुभ कार्य का शुभारंभ हो रहा है। बिहार की माताओं और बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है। जीविका निधि साख सहकारी संघ है, इसके माध्यम से, गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिल सकेगा। उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे उनके काम और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-आरजेडी को घेरा, बोले-पाप करने वाले दूसरे से छुपाते हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार दौरे पर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं के शिलान्यास उद्धघाटन के बाद कई बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पीएम-सीएम बिल पर राहुल-केजरीवाल-लालू- तेजस्वी को खूब सुनाया।

बिहार के गयाजी से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि क्लर्क से लेकर अफसर तक घूसखोरी करे तो उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन पीएम-सीएम-मंत्री के साथ ऐसा नहीं होता। हमने कुछ दिन पहले देखा कि जेल से फाइलें निपटाई जा रही हैं। पीएम ने बगैर नाम लिए अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। कहा, ऐसा होगा तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री भी है, इसके दायरे में सीएम और मंत्री भी हैं। अगर इनमें से कोई भी जेल जाता है तो उसे 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी, अगर जमानत नहीं ले पाया तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे-पीएम मोदी

प्रधामंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि ये राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, कौन नहीं जानता कि इनको किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किया है, उनको पता है कि भीतर से उन्होंने क्या-क्या खेल खेला है। ये राजद-कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर है, कोई रेल का खेल कर चुका है, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इनको पता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसीलिए ये मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इसीलिए बौखलाहट में ये जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग इतना भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी के लिए भूखे रहेंगे। अब ये जेल भी जाएंगे और कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।

आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने गयाजी में कहा कि कांग्रेस और राजद के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा, 2014 से अब तक हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है। इसके खात्मे के लिए कोई भी कार्यवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

राहुल-तेजस्वी की यात्रा में RJD नेताओं के बॉडीगार्ड्स आपस में भिड़े

औरंगाबाद (बिहार): लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की 'वोट अधिकार यात्रा' के दूसरे दिन औरंगाबाद में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई। यहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दो नेताओं, एक राज्यसभा सांसद और एक विधायक के अंगरक्षक (बॉडीगार्ड्स) आपस में ही भिड़ गए।

यह घटना सोमवार को औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर में राहुल गांधी के पूजा-अर्चना के बाद उनके काफिले के निकलने के दौरान हुई। काफिले में राज्यसभा सांसद संजय यादव और नबीनगर के राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबल्यू सिंह के अंगरक्षकों के बीच एक-दूसरे के वाहन को ओवरटेक करने को लेकर बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई।

रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा सांसद के बॉडीगार्ड्स ने विधायक के अंगरक्षकों को बुरी तरह पीट दिया। उनकी फुर्ती से हुए इस हमले में विधायक के अंगरक्षकों को संभलने का मौका नहीं मिला। अगर दोनों नेताओं, सांसद संजय यादव और विधायक विजय कुमार सिंह, ने तुरंत हस्तक्षेप कर मामले को शांत नहीं किया होता, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती थी, क्योंकि विधायक के अंगरक्षक भी पलटवार करने के लिए तैयार थे। इस घटना के कारण यात्रा के काफिले में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल बन गया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

NDA सरकार में सशक्त बनी महिलाएं, 150 प्रतिशत तक बढ़ी भागीदारी: नितिन नवीन
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* बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री एवं बांकीपुर से भाजपा विधायक श्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार में महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में NDA सरकार ने जो ठोस कदम उठाए हैं, उसका परिणाम आज स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाएँ हों, पुलिस बल की अधिकारी हो या प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत महिलाएँ, हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी अभूतपूर्व स्तर पर पहुँची है। 2005 में बिहार में जहाँ मात्र 56,498 महिला शिक्षिकाएँ थीं, आज उनकी संख्या बढ़कर 2.61 लॉख हो गई है। यानी सरकारी शिक्षकों में महिलाओं की भागीदारी 44 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है, जो 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाती है। माननीय मंत्री नितिन नवीन ने आगे कहा कि इसी तरह, पुलिस बल में 2005 में सिर्फ 893 महिला पुलिसकर्मी थीं, जबकि आज यह संख्या बढ़कर लगभग 29,000 तक पहुँच चुकी है। हाल ही में आयोजित 21,391 पुलिस नियुक्तियों में से 11,178 पद महिलाओं को दिए गए हैं। इसके साथ ही महिला श्रम भागीदारी दर, जो 2017-18 में मात्र 4.1 प्रतिशत थी, 2023-24 में बढ़कर 30.5 प्रतिशत हो गई है. जो लगभग सात गुना वृ‌द्धि को दर्शाती है। मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह परिवर्तन सिर्फ और सिर्फ NDA सरकार की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है। इसके विपरीत, RJD के शासनकाल में महिलाओं पर केवल और केवल अत्याचार हुए। 2005 तक उनके शासनकाल में न तो महिलाओं की सुरक्षा थी और न ही उन्हें सम्मान देने वाली कोई नीति। जहाँ RJD के शासन में सिर्फ 19,000 सरकारी नौकरियों दी गई, वहीं NDA सरकार अब तक 9.35 लाख नौकरियों दे चुकी है और लक्ष्य 12 लाख का है। उन्होंने कहा कि आज NDA सरकार ने बिहार की हर महिला को इज्जत और सम्मान देने का काम किया है। चाहे शिक्षा हो, पुलिसिंग हो या अन्य सरकारी सेवाएँ, महिलाएँ अब हर क्षेत्र में बराबरी से योगदान दे रही हैं। यह बदलाव केवल NDA सरकार की नीतियों और ईमानदार प्रयासों से संभव हुआ है। जहाँ RJD का शासन डर, असुरक्षा और अपराध का प्रतीक था, वहीं आज बिहार महिला सशक्तिकरण में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
बिहार में पत्रकारों के सम्मान पर सियासी वार-पलटवार: नितिन नवीन ने RJD पर साधा निशाना,
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NDA पत्रकारों को सम्मान दे रही* पटना: बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री और बांकीपुर से भाजपा विधायक श्री नितिन नवीन ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारों के सम्मान और कल्याण को NDA सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां NDA सरकार पत्रकारों के हित में लगातार ऐतिहासिक और कल्याणकारी फैसले ले रही है, वहीं नेता प्रतिपक्ष और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का रवैया पत्रकारों के प्रति हमेशा अपमानजनक, दमनकारी और अलोकतांत्रिक रहा है। NDA सरकार का पत्रकारों के लिए 'ऐतिहासिक' फैसला श्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने "बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना" के अंतर्गत पेंशन राशि ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि दिवंगत पत्रकारों के पति या पत्नी को पूर्व में ₹3,000 प्रतिमाह मिलने वाली पेंशन अब ₹10,000 प्रतिमाह जीवनभर प्रदान की जाएगी। नितिन नवीन के अनुसार, यह निर्णय महज़ एक सरकारी घोषणा नहीं, बल्कि पत्रकारों की गरिमा, सामाजिक सुरक्षा और जीवन स्तर को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस और संवेदनशील कदम है। नेता प्रतिपक्ष पर 'अपमानजनक व्यवहार' का आरोप नितिन नवीन ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष और RJD ने कई बार पत्रकारों को "भाड़े का टट्टू" और "सुपारी पत्रकार" जैसे शब्दों से अपमानित किया है। उन्होंने वर्ष 2022 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल पूछे जाने पर नेता प्रतिपक्ष का गुस्सैल और धमकी भरा व्यवहार कैमरे के सामने साफ देखा गया, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन था। मंत्री ने आगे कहा कि जुलाई 2017 में नेता प्रतिपक्ष ने अपने सुरक्षाकर्मियों से एक पत्रकार के साथ मारपीट करवाई थी, और इससे पहले उनके पिता जी ने भी एक बार सार्वजनिक मंच से पत्रकारों को अपशब्द कहे थे। नितिन नवीन ने दावा किया कि ये घटनाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि जब-जब बिहार में RJD की सत्ता रही है, तब-तब पत्रकारों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और सम्मान सबसे अधिक खतरे में पड़ा है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश का 'स्पष्ट विजन' श्री नितिन नवीन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जहां मीडिया के सूत्रों को खुलेआम अपशब्द कहने से नहीं चूकते, वहीं NDA सरकार पत्रकारों को सम्मान देने और उनके हितों की रक्षा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का स्पष्ट विजन है कि पत्रकारों को न केवल काम करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने सभी पत्रकार साथियों से इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाने और इस दूरदर्शी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करने की अपील की।
बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

चिराग पासवान ने बिहार में भरी हुंकार, बोले- सभी 243 सीटों पर लड़ूंगा चुनाव

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. आरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा कि वो बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लोग हमसे हमेशा पूछते हैं कि क्या आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो इस सवाल का जवाब है- हां मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा और बिहार की सभी सीटों पर लड़ूंगा.

चिराग पासवान ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी एनडीए गठबंधन को मजबूत करने के लिए बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मेरा लक्ष्य है कि एनडीए जीत की ओर बढ़े. उन्होंने आगे कहा कि मैं बिहार से नहीं बल्कि बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा. यह फैसला मैं आप लोगों पर छोड़ता हूं. आप तय करें कि मुझे बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं और किस सीट से. मैं आपके फैसले का पालन करूंगा.

जंगल राज’ के लिए RJD के साथ कांग्रेस भी जिम्मेदार

अपने संबोधिन ने चिराग पासवान ने आरजेडी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस ‘जंगल राज’ की हम बात करते हैं, उसके लिए सिर्फ RJD ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी बराबर की जिम्मेदार है. यह हमारी सरकार है जिसने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया. पिछले साल उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले 23 जनवरी 2024 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी.

राहुल गांधी ने पहले ही हार स्वीकार ली- चिराग

वहीं, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप को लेकर चिराग ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं के साथ समस्या यह है कि जब आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होती है, तो वे चुनाव हारने के बहाने ढूंढते हैं. अगर राहुल गांधी को किसी संस्था में दोष खोजने की आवश्यकता है, तो वह संवैधानिक संस्था नहीं, बल्कि उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को दोष देना, किसी पर चुनाव फिक्सिंग का आरोप लगाना, यह कहना कि ईवीएम दोषपूर्ण है… यह सब दिखाता है कि राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में पहले ही हार स्वीकार कर ली है. बिहार के बाद, ये लोग असम और बंगाल जैसे राज्य भी हारेंगे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. उन्होंने कहा कि यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी.

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर नहीं- चिराग पासवान

चिराग ने शनिवार को भी कहा था कि बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकता हूं लेकिन सीएम की कुर्सी पर नजर नहीं है. चिराग ने कहा था कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, यह फैसला मेरी पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.

उन्होंने कहाकि अगर मैं लड़ता भी हूं, तो यह कोई असाधारण बात नहीं होगी. मेरी पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर होने से एनडीए को मदद मिलेगी. मगर यह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि मेरी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. ऐसा नहीं है.

5 मिनट तक गरजीं AK-47, अंग-अंग में धंसी गोलियां… कौन थे मंत्री बृजबिहारी, जिन्हें श्रीप्रकाश-मुन्ना ने अस्पताल में घुसकर मारा

उस दिन तारीख 13 जून 1998 की थी. शाम के पांच बज रहे थे, उस समय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के बेहद खास और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी सुरक्षा के लिए दो लेयर की सुरक्षा थी. पहले लेयर में 22 कमांडो थे. वहीं दूसरे लेयर में बिहार पुलिस का सुरक्षा घेरा था. ठीक उसी समय एक एंबेसडर कार और बुलेट पर सवार होकर पांच हथियारबंद लोग अस्पताल पहुंचे. इन्हें देखकर हड़कंप मच गया.

यह पांचों लोग धड़धड़ाते हुए अस्पताल में सीधे उस वार्ड में पहुंचे, जहां मंत्री बृजबिहारी प्रसाद भर्ती थे. फिर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और यह सभी लोग वापस निकलकर अपनी गाड़ियों में बैठे और फरार हो गए. बावजूद इसके, सुरक्षा घेरे में तैनात किसी पुलिसर्मी या कमांडो ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. रोकते भी कैसे? हमलावर कोई सामान्य बदमाश नहीं थे, बल्कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और उसके साथी थे. जिन्हें देखकर ही पुलिस वालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी. श्रीप्रकाश शुक्ला खुद सबसे आगे चल रहा था. उसके पीछे सुधीर त्रिपाठी और अनुज प्रताप सिंह था. वहीं सबसे पीछे आज के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी चल रहे थे.

सूरजभान पर लगा साजिश रचने का आरोप

वारदात के बाद कहा गया कि बृजबिहारी प्रसाद की हत्या बेऊर जेल में बंद मोकामा गैंग के सरगना सूरजभान सिंह ने कराई. हालांकि बाद में वारदात की पूरी कहानी सामने आ गई. दरअसल बृजबिहारी प्रसाद पर गैंगस्टर छोटन शुक्ला, उनके भाई भुटकुन शुक्ला और देवेन्द्र दूबे की हत्या कराने का आरोप था. कहा जाता है कि छोटन और भुटकन की हत्या के बाद इनके भाई मुन्ना शुक्ला ने जनेऊ हाथ में लेकर कसम ली थी कि वह बृजबिहारी प्रसाद का सर्वनाश करेगा.

श्रीप्रकाश ने किया था ऐलानिया कत्ल

चूंकि उस समय तक बृजबिहारी कड़े सुरक्षा घेरे में चलते थे, ऐसे में मुन्ना शुक्ला ने मोकामा गैंग के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला से संपर्क किया. इससे बिहार में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई थी. यह खबर जैसे ही बिहार सरकार को मिली, बृजबिहारी प्रसाद की सुरक्षा में 22 कमांडो तैनात कर दिए गए. लेकिन श्रीप्रकाश को इसकी परवाह कहां थी. वह 11 जून को गोरखपुर से पटना पहुंचा और उसी दिन आज अखबार के दफ्तर पहुंच कर ऐान कर दिया कि पटना में दो दिन के अंदर कुछ बड़ा होने वाला है. इसके बाद उसने 13 जून की शाम पांच बजे वारदात को अंजाम दिया और फिर आज अखबार के दफ्तर में फोन कर कहा कि ‘बृजबिहारी को इतनी गोलियां मारी है कि पूरा शरीर छेद ही छेद हो गया है.

हत्यारोपियों में केवल दो ही जिंदा बचे

इस वारदात से बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था. दबाव बढ़ने पर पुलिस ने दो दिन बाद यानी 15 जून को मुकदमा दर्ज किया. इसमें जेल में बंद सूरजभान के अलावा श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह, सुधीर त्रिपाठी, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी के साथ ललन सिंह, राजन तिवारी, भूपेंद्र दुबे और सतीश पांडेय समेत करीब दर्जन भर आरोपी बनाए गए थे. हालांकि बाद में जितने भी नाम जोड़े गए, उन सभी नामों को हाईकोर्ट ने हटा दिया. इसी प्रकार वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोगों में से श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह और सुधीर त्रिपाठी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मार दिए गए. ऐसे में जिंदा बचे मंटू तिवारी और मुन्ना शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चला और इन्हें पहले जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

विधायक के घर पर रूका था श्रीप्रकाश

बृजबिहारी की हत्या के बाद पांचों बदमाशों मुजफ्फरपुर से विधायक रघुनाथ पांडेय के आवास पर पहुंचे और करीब तीन घंटे तक ठहरे. यही पर उसने किसी हथियार डीलर से अपनी AK 47 के लिए मैगजीन लिया और फिर पटना से निकल गए. इस घटना से खुद सरकार भी दहशत में थी. खुद मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी सुरक्षा दो गुनी कर ली थी. इस घटना का जिक्र यूपी एसटीएफ के अधिकारी रहे राजेश पांडेय ने भी अपनी किताब वर्चस्व में किया है.

ऐसे हुई हुई थी मर्डर की प्लानिंग

कहा जाता है कि देवेंद्र दुबे के मर्डर के बाद बृजबिहारी प्रसाद बिहार अंडरवर्ल्ड पर कब्जा करना चाहते थे. हालांकि उस समय मोकामा गैंग के मुखिया सरगना सूरजभान सिंह काफी ताकतवर बन चुके थे. चूंकि बृजबिहारी मंत्री थे ही, ऐसे में उन्होंने जेल में सूरजभान की हत्या की साजिश रच डाली. उस समय तक गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की गैंग में शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला सूरजभान सिंह के संपर्क में आ चुका था. उस समय मुन्ना शुक्ला ने मौका देखा और सूरजभान से हाथ मिला लिया. फिर सूरजभान ने मुन्ना शुक्ला के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना संदेश भेज दिया. कहलवाया कि ‘गुरू दक्षिणा का यह सही समय है’. इस संदेश के बाद श्रीप्रकाश शुक्ला के पटना आने, यहां पर हथियार उपलब्ध कराने और वारदात के बाद हवाई जहाज से दिल्ली जाने की व्यवस्था मुन्ना शुक्ला ने कराई.

कौन थे बृजबिहारी प्रसाद?

बृजबिहारी प्रसाद आदा में रहने वाले एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता आदा में राजपरिवार की संपत्तियों के केयर टेकर थे. बृजबिहारी पढ़ाई लिखाई में तेज थे, इसलिए ना केवल मैट्रिक में टॉप किया, बल्कि सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर भी बन गए. उस समय बिहार में जातीय संघर्ष चरम पर था. कई बार दबंगों ने ठेका लेने के लिए उनकी कनपटी पर तमंचा भी सटा दिया था. इन घटनाओं से परेशान होकर बृजबिहारी ने नौकरी छोड़ दी और राजपूत समाज के कुछ युवाओं को अपने साथ मिलाकर राजनीति शुरू की. फिर चंद्रशेखर की पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ झा के संपर्क में आए और 1990 में पहली बार विधायक बने. इसके बाद वह धीरे धीरे लालू यादव के खास बनते चले गए.

ऐसे बने टकराव के हालात

छोटन शुक्ला की हत्या के बाद केशरिया सीट से भुटकन शुक्ला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. उनके सिर पर आनंद मोहन का हाथ था. ऐसे में बृजबिहारी प्रसाद को लगा कि उनका प्रभाव कम हो जाएगा. उसने भुटकन शुक्ला को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो 3 दिसंबर 1994 को पुलिस की वर्दी पहने गुंडों ने भुटकुन शुक्ला की हत्या कर दी. इसके बाद पटना से वैशाली तक आनंद मोहन की अगुवाई में भुटकुन शुक्ला की शव यात्रा निकाली गई. जैसे ही यह यात्रा गोपालगंज पहुंची, वहां के डीएम जी कृष्णैया ने शवयात्रा को रोक दिया. इससे नाराज भीड़ ने डीएम की हत्या कर दी. इस मामले में आनंद मोहन को आजीवन कारावास हुआ, हालांकि वह 14 साल सजा काटने के बाद बाहर आ चुके हैं. जैसे तैसे शवयात्रा वैशाली पहुंची, उस समय छोटन शुक्ला के छोटे भाई मुन्ना शुक्ला ने हाथ में चिता की राख और जनेऊ लेकर कसम खाई थी कि वह अपने दोनों भाइयों की हत्या का बदला जरूर लेंगे.

राजद विधायक सुरेश पासवान की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के देवघर से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक सुरेश पासवान की तबीयत शुक्रवार को अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें फिलहाल आईसीयू में भर्ती कर डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया है।

विधायक सुरेश पासवान को गुर्दे और यकृत में संक्रमण का पता चलने के बाद शुक्रवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका ब्लडप्रेशर और शुगर का स्तर भी थोड़ा बढ़ा हुआ है। विधायक के करीबी सहयोगी और उनके साथ मौजूद आरजेडी नेता सुमन कुमार देव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ पासवान पूरी मेडिकल जांच के लिए दिल्ली गए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और अगले कुछ दिनों में उनकी सेहत और बेहतर होने की उम्मीद है। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।

सुरेश पासवान बोले- जल्द लौटूंगा देवघर

सुरेश पासवान ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के जरिए भी अपनी सेहत की जानकारी दी। विधायक ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर बताया कि मेरी तबीयत अस्वस्थ होने के कारण मेरा इलाज दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चल रहा है, जहां कुछ समय के लिए भर्ती हूं। आप सभी से दुआओं की दरख़्वास्त है, ताकि जल्द ही स्वस्थ होकर फिर से आप सबके बीच लौट सकूं। बाबा धाम का आशीर्वाद मिलेगा और बहुत जल्द स्वस्थ होकर देवघर वापस लौटूंगा।

हाल में कई नेताओं की बिगड़ी सेहत

बता दें कि बीते कुछ दिनों में झारखंड के कई नेताओं की सेहत बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं। लगभग एक सप्ताह पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजउल हसन अंसारी की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें पहले रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल शिफ्ट किया गया। वहां अभी भी उनका इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

अगस्त में झारखंड के दो बड़े नेताओं का निधन

वहीं, पिछले महीने अगस्त में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री का निधन हो गया था। उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था। वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री सोरेन की तबीयत खराब होने के चलते दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान अगस्त में उनकी भी मौत हो गई थी।

मेरी मां का अपमान, देश की हर मां का अपमान', बिहार में अपशब्द कहे जाने पर दुखी हुए पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दरभंगा में राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के मंच से अपनी मां के लिए कहे गए अपशब्द के लिए कांग्रेस-आरजेडी पर निशाना साधा।

मां ही हमारा संसार है...-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी। लेकिन, बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। 'मां ही हमारा संसार है। मां ही हमारा स्वाभिमान है। इस परंपरा संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर-पीएम मोदी

बिहार में राजद-कांग्रेस के मंच से मोरी को गाली दी गईं। ये गालियां सिर्फ़ मेरी मां का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान हैं। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।

मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज मंगलवार को एक बहुत ही शुभ कार्य का शुभारंभ हो रहा है। बिहार की माताओं और बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है। जीविका निधि साख सहकारी संघ है, इसके माध्यम से, गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिल सकेगा। उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे उनके काम और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-आरजेडी को घेरा, बोले-पाप करने वाले दूसरे से छुपाते हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार दौरे पर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं के शिलान्यास उद्धघाटन के बाद कई बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पीएम-सीएम बिल पर राहुल-केजरीवाल-लालू- तेजस्वी को खूब सुनाया।

बिहार के गयाजी से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि क्लर्क से लेकर अफसर तक घूसखोरी करे तो उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन पीएम-सीएम-मंत्री के साथ ऐसा नहीं होता। हमने कुछ दिन पहले देखा कि जेल से फाइलें निपटाई जा रही हैं। पीएम ने बगैर नाम लिए अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। कहा, ऐसा होगा तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री भी है, इसके दायरे में सीएम और मंत्री भी हैं। अगर इनमें से कोई भी जेल जाता है तो उसे 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी, अगर जमानत नहीं ले पाया तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे-पीएम मोदी

प्रधामंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि ये राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, कौन नहीं जानता कि इनको किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किया है, उनको पता है कि भीतर से उन्होंने क्या-क्या खेल खेला है। ये राजद-कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर है, कोई रेल का खेल कर चुका है, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इनको पता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसीलिए ये मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इसीलिए बौखलाहट में ये जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग इतना भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी के लिए भूखे रहेंगे। अब ये जेल भी जाएंगे और कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।

आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने गयाजी में कहा कि कांग्रेस और राजद के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा, 2014 से अब तक हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है। इसके खात्मे के लिए कोई भी कार्यवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

राहुल-तेजस्वी की यात्रा में RJD नेताओं के बॉडीगार्ड्स आपस में भिड़े

औरंगाबाद (बिहार): लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की 'वोट अधिकार यात्रा' के दूसरे दिन औरंगाबाद में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई। यहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दो नेताओं, एक राज्यसभा सांसद और एक विधायक के अंगरक्षक (बॉडीगार्ड्स) आपस में ही भिड़ गए।

यह घटना सोमवार को औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर में राहुल गांधी के पूजा-अर्चना के बाद उनके काफिले के निकलने के दौरान हुई। काफिले में राज्यसभा सांसद संजय यादव और नबीनगर के राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबल्यू सिंह के अंगरक्षकों के बीच एक-दूसरे के वाहन को ओवरटेक करने को लेकर बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई।

रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा सांसद के बॉडीगार्ड्स ने विधायक के अंगरक्षकों को बुरी तरह पीट दिया। उनकी फुर्ती से हुए इस हमले में विधायक के अंगरक्षकों को संभलने का मौका नहीं मिला। अगर दोनों नेताओं, सांसद संजय यादव और विधायक विजय कुमार सिंह, ने तुरंत हस्तक्षेप कर मामले को शांत नहीं किया होता, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती थी, क्योंकि विधायक के अंगरक्षक भी पलटवार करने के लिए तैयार थे। इस घटना के कारण यात्रा के काफिले में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल बन गया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

NDA सरकार में सशक्त बनी महिलाएं, 150 प्रतिशत तक बढ़ी भागीदारी: नितिन नवीन
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* बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री एवं बांकीपुर से भाजपा विधायक श्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार में महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में NDA सरकार ने जो ठोस कदम उठाए हैं, उसका परिणाम आज स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाएँ हों, पुलिस बल की अधिकारी हो या प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत महिलाएँ, हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी अभूतपूर्व स्तर पर पहुँची है। 2005 में बिहार में जहाँ मात्र 56,498 महिला शिक्षिकाएँ थीं, आज उनकी संख्या बढ़कर 2.61 लॉख हो गई है। यानी सरकारी शिक्षकों में महिलाओं की भागीदारी 44 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है, जो 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाती है। माननीय मंत्री नितिन नवीन ने आगे कहा कि इसी तरह, पुलिस बल में 2005 में सिर्फ 893 महिला पुलिसकर्मी थीं, जबकि आज यह संख्या बढ़कर लगभग 29,000 तक पहुँच चुकी है। हाल ही में आयोजित 21,391 पुलिस नियुक्तियों में से 11,178 पद महिलाओं को दिए गए हैं। इसके साथ ही महिला श्रम भागीदारी दर, जो 2017-18 में मात्र 4.1 प्रतिशत थी, 2023-24 में बढ़कर 30.5 प्रतिशत हो गई है. जो लगभग सात गुना वृ‌द्धि को दर्शाती है। मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह परिवर्तन सिर्फ और सिर्फ NDA सरकार की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है। इसके विपरीत, RJD के शासनकाल में महिलाओं पर केवल और केवल अत्याचार हुए। 2005 तक उनके शासनकाल में न तो महिलाओं की सुरक्षा थी और न ही उन्हें सम्मान देने वाली कोई नीति। जहाँ RJD के शासन में सिर्फ 19,000 सरकारी नौकरियों दी गई, वहीं NDA सरकार अब तक 9.35 लाख नौकरियों दे चुकी है और लक्ष्य 12 लाख का है। उन्होंने कहा कि आज NDA सरकार ने बिहार की हर महिला को इज्जत और सम्मान देने का काम किया है। चाहे शिक्षा हो, पुलिसिंग हो या अन्य सरकारी सेवाएँ, महिलाएँ अब हर क्षेत्र में बराबरी से योगदान दे रही हैं। यह बदलाव केवल NDA सरकार की नीतियों और ईमानदार प्रयासों से संभव हुआ है। जहाँ RJD का शासन डर, असुरक्षा और अपराध का प्रतीक था, वहीं आज बिहार महिला सशक्तिकरण में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
बिहार में पत्रकारों के सम्मान पर सियासी वार-पलटवार: नितिन नवीन ने RJD पर साधा निशाना,
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NDA पत्रकारों को सम्मान दे रही* पटना: बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री और बांकीपुर से भाजपा विधायक श्री नितिन नवीन ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारों के सम्मान और कल्याण को NDA सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां NDA सरकार पत्रकारों के हित में लगातार ऐतिहासिक और कल्याणकारी फैसले ले रही है, वहीं नेता प्रतिपक्ष और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का रवैया पत्रकारों के प्रति हमेशा अपमानजनक, दमनकारी और अलोकतांत्रिक रहा है। NDA सरकार का पत्रकारों के लिए 'ऐतिहासिक' फैसला श्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने "बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना" के अंतर्गत पेंशन राशि ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि दिवंगत पत्रकारों के पति या पत्नी को पूर्व में ₹3,000 प्रतिमाह मिलने वाली पेंशन अब ₹10,000 प्रतिमाह जीवनभर प्रदान की जाएगी। नितिन नवीन के अनुसार, यह निर्णय महज़ एक सरकारी घोषणा नहीं, बल्कि पत्रकारों की गरिमा, सामाजिक सुरक्षा और जीवन स्तर को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस और संवेदनशील कदम है। नेता प्रतिपक्ष पर 'अपमानजनक व्यवहार' का आरोप नितिन नवीन ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष और RJD ने कई बार पत्रकारों को "भाड़े का टट्टू" और "सुपारी पत्रकार" जैसे शब्दों से अपमानित किया है। उन्होंने वर्ष 2022 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल पूछे जाने पर नेता प्रतिपक्ष का गुस्सैल और धमकी भरा व्यवहार कैमरे के सामने साफ देखा गया, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन था। मंत्री ने आगे कहा कि जुलाई 2017 में नेता प्रतिपक्ष ने अपने सुरक्षाकर्मियों से एक पत्रकार के साथ मारपीट करवाई थी, और इससे पहले उनके पिता जी ने भी एक बार सार्वजनिक मंच से पत्रकारों को अपशब्द कहे थे। नितिन नवीन ने दावा किया कि ये घटनाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि जब-जब बिहार में RJD की सत्ता रही है, तब-तब पत्रकारों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और सम्मान सबसे अधिक खतरे में पड़ा है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश का 'स्पष्ट विजन' श्री नितिन नवीन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जहां मीडिया के सूत्रों को खुलेआम अपशब्द कहने से नहीं चूकते, वहीं NDA सरकार पत्रकारों को सम्मान देने और उनके हितों की रक्षा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का स्पष्ट विजन है कि पत्रकारों को न केवल काम करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने सभी पत्रकार साथियों से इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाने और इस दूरदर्शी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करने की अपील की।
बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

चिराग पासवान ने बिहार में भरी हुंकार, बोले- सभी 243 सीटों पर लड़ूंगा चुनाव

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. आरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा कि वो बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लोग हमसे हमेशा पूछते हैं कि क्या आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो इस सवाल का जवाब है- हां मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा और बिहार की सभी सीटों पर लड़ूंगा.

चिराग पासवान ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी एनडीए गठबंधन को मजबूत करने के लिए बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मेरा लक्ष्य है कि एनडीए जीत की ओर बढ़े. उन्होंने आगे कहा कि मैं बिहार से नहीं बल्कि बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा. यह फैसला मैं आप लोगों पर छोड़ता हूं. आप तय करें कि मुझे बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं और किस सीट से. मैं आपके फैसले का पालन करूंगा.

जंगल राज’ के लिए RJD के साथ कांग्रेस भी जिम्मेदार

अपने संबोधिन ने चिराग पासवान ने आरजेडी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस ‘जंगल राज’ की हम बात करते हैं, उसके लिए सिर्फ RJD ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी बराबर की जिम्मेदार है. यह हमारी सरकार है जिसने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया. पिछले साल उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले 23 जनवरी 2024 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी.

राहुल गांधी ने पहले ही हार स्वीकार ली- चिराग

वहीं, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप को लेकर चिराग ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं के साथ समस्या यह है कि जब आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होती है, तो वे चुनाव हारने के बहाने ढूंढते हैं. अगर राहुल गांधी को किसी संस्था में दोष खोजने की आवश्यकता है, तो वह संवैधानिक संस्था नहीं, बल्कि उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को दोष देना, किसी पर चुनाव फिक्सिंग का आरोप लगाना, यह कहना कि ईवीएम दोषपूर्ण है… यह सब दिखाता है कि राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में पहले ही हार स्वीकार कर ली है. बिहार के बाद, ये लोग असम और बंगाल जैसे राज्य भी हारेंगे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. उन्होंने कहा कि यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी.

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर नहीं- चिराग पासवान

चिराग ने शनिवार को भी कहा था कि बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकता हूं लेकिन सीएम की कुर्सी पर नजर नहीं है. चिराग ने कहा था कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, यह फैसला मेरी पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.

उन्होंने कहाकि अगर मैं लड़ता भी हूं, तो यह कोई असाधारण बात नहीं होगी. मेरी पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर होने से एनडीए को मदद मिलेगी. मगर यह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि मेरी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. ऐसा नहीं है.

5 मिनट तक गरजीं AK-47, अंग-अंग में धंसी गोलियां… कौन थे मंत्री बृजबिहारी, जिन्हें श्रीप्रकाश-मुन्ना ने अस्पताल में घुसकर मारा

उस दिन तारीख 13 जून 1998 की थी. शाम के पांच बज रहे थे, उस समय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के बेहद खास और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी सुरक्षा के लिए दो लेयर की सुरक्षा थी. पहले लेयर में 22 कमांडो थे. वहीं दूसरे लेयर में बिहार पुलिस का सुरक्षा घेरा था. ठीक उसी समय एक एंबेसडर कार और बुलेट पर सवार होकर पांच हथियारबंद लोग अस्पताल पहुंचे. इन्हें देखकर हड़कंप मच गया.

यह पांचों लोग धड़धड़ाते हुए अस्पताल में सीधे उस वार्ड में पहुंचे, जहां मंत्री बृजबिहारी प्रसाद भर्ती थे. फिर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और यह सभी लोग वापस निकलकर अपनी गाड़ियों में बैठे और फरार हो गए. बावजूद इसके, सुरक्षा घेरे में तैनात किसी पुलिसर्मी या कमांडो ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. रोकते भी कैसे? हमलावर कोई सामान्य बदमाश नहीं थे, बल्कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और उसके साथी थे. जिन्हें देखकर ही पुलिस वालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी. श्रीप्रकाश शुक्ला खुद सबसे आगे चल रहा था. उसके पीछे सुधीर त्रिपाठी और अनुज प्रताप सिंह था. वहीं सबसे पीछे आज के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी चल रहे थे.

सूरजभान पर लगा साजिश रचने का आरोप

वारदात के बाद कहा गया कि बृजबिहारी प्रसाद की हत्या बेऊर जेल में बंद मोकामा गैंग के सरगना सूरजभान सिंह ने कराई. हालांकि बाद में वारदात की पूरी कहानी सामने आ गई. दरअसल बृजबिहारी प्रसाद पर गैंगस्टर छोटन शुक्ला, उनके भाई भुटकुन शुक्ला और देवेन्द्र दूबे की हत्या कराने का आरोप था. कहा जाता है कि छोटन और भुटकन की हत्या के बाद इनके भाई मुन्ना शुक्ला ने जनेऊ हाथ में लेकर कसम ली थी कि वह बृजबिहारी प्रसाद का सर्वनाश करेगा.

श्रीप्रकाश ने किया था ऐलानिया कत्ल

चूंकि उस समय तक बृजबिहारी कड़े सुरक्षा घेरे में चलते थे, ऐसे में मुन्ना शुक्ला ने मोकामा गैंग के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला से संपर्क किया. इससे बिहार में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई थी. यह खबर जैसे ही बिहार सरकार को मिली, बृजबिहारी प्रसाद की सुरक्षा में 22 कमांडो तैनात कर दिए गए. लेकिन श्रीप्रकाश को इसकी परवाह कहां थी. वह 11 जून को गोरखपुर से पटना पहुंचा और उसी दिन आज अखबार के दफ्तर पहुंच कर ऐान कर दिया कि पटना में दो दिन के अंदर कुछ बड़ा होने वाला है. इसके बाद उसने 13 जून की शाम पांच बजे वारदात को अंजाम दिया और फिर आज अखबार के दफ्तर में फोन कर कहा कि ‘बृजबिहारी को इतनी गोलियां मारी है कि पूरा शरीर छेद ही छेद हो गया है.

हत्यारोपियों में केवल दो ही जिंदा बचे

इस वारदात से बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था. दबाव बढ़ने पर पुलिस ने दो दिन बाद यानी 15 जून को मुकदमा दर्ज किया. इसमें जेल में बंद सूरजभान के अलावा श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह, सुधीर त्रिपाठी, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी के साथ ललन सिंह, राजन तिवारी, भूपेंद्र दुबे और सतीश पांडेय समेत करीब दर्जन भर आरोपी बनाए गए थे. हालांकि बाद में जितने भी नाम जोड़े गए, उन सभी नामों को हाईकोर्ट ने हटा दिया. इसी प्रकार वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोगों में से श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह और सुधीर त्रिपाठी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मार दिए गए. ऐसे में जिंदा बचे मंटू तिवारी और मुन्ना शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चला और इन्हें पहले जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

विधायक के घर पर रूका था श्रीप्रकाश

बृजबिहारी की हत्या के बाद पांचों बदमाशों मुजफ्फरपुर से विधायक रघुनाथ पांडेय के आवास पर पहुंचे और करीब तीन घंटे तक ठहरे. यही पर उसने किसी हथियार डीलर से अपनी AK 47 के लिए मैगजीन लिया और फिर पटना से निकल गए. इस घटना से खुद सरकार भी दहशत में थी. खुद मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी सुरक्षा दो गुनी कर ली थी. इस घटना का जिक्र यूपी एसटीएफ के अधिकारी रहे राजेश पांडेय ने भी अपनी किताब वर्चस्व में किया है.

ऐसे हुई हुई थी मर्डर की प्लानिंग

कहा जाता है कि देवेंद्र दुबे के मर्डर के बाद बृजबिहारी प्रसाद बिहार अंडरवर्ल्ड पर कब्जा करना चाहते थे. हालांकि उस समय मोकामा गैंग के मुखिया सरगना सूरजभान सिंह काफी ताकतवर बन चुके थे. चूंकि बृजबिहारी मंत्री थे ही, ऐसे में उन्होंने जेल में सूरजभान की हत्या की साजिश रच डाली. उस समय तक गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की गैंग में शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला सूरजभान सिंह के संपर्क में आ चुका था. उस समय मुन्ना शुक्ला ने मौका देखा और सूरजभान से हाथ मिला लिया. फिर सूरजभान ने मुन्ना शुक्ला के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना संदेश भेज दिया. कहलवाया कि ‘गुरू दक्षिणा का यह सही समय है’. इस संदेश के बाद श्रीप्रकाश शुक्ला के पटना आने, यहां पर हथियार उपलब्ध कराने और वारदात के बाद हवाई जहाज से दिल्ली जाने की व्यवस्था मुन्ना शुक्ला ने कराई.

कौन थे बृजबिहारी प्रसाद?

बृजबिहारी प्रसाद आदा में रहने वाले एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता आदा में राजपरिवार की संपत्तियों के केयर टेकर थे. बृजबिहारी पढ़ाई लिखाई में तेज थे, इसलिए ना केवल मैट्रिक में टॉप किया, बल्कि सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर भी बन गए. उस समय बिहार में जातीय संघर्ष चरम पर था. कई बार दबंगों ने ठेका लेने के लिए उनकी कनपटी पर तमंचा भी सटा दिया था. इन घटनाओं से परेशान होकर बृजबिहारी ने नौकरी छोड़ दी और राजपूत समाज के कुछ युवाओं को अपने साथ मिलाकर राजनीति शुरू की. फिर चंद्रशेखर की पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ झा के संपर्क में आए और 1990 में पहली बार विधायक बने. इसके बाद वह धीरे धीरे लालू यादव के खास बनते चले गए.

ऐसे बने टकराव के हालात

छोटन शुक्ला की हत्या के बाद केशरिया सीट से भुटकन शुक्ला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. उनके सिर पर आनंद मोहन का हाथ था. ऐसे में बृजबिहारी प्रसाद को लगा कि उनका प्रभाव कम हो जाएगा. उसने भुटकन शुक्ला को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो 3 दिसंबर 1994 को पुलिस की वर्दी पहने गुंडों ने भुटकुन शुक्ला की हत्या कर दी. इसके बाद पटना से वैशाली तक आनंद मोहन की अगुवाई में भुटकुन शुक्ला की शव यात्रा निकाली गई. जैसे ही यह यात्रा गोपालगंज पहुंची, वहां के डीएम जी कृष्णैया ने शवयात्रा को रोक दिया. इससे नाराज भीड़ ने डीएम की हत्या कर दी. इस मामले में आनंद मोहन को आजीवन कारावास हुआ, हालांकि वह 14 साल सजा काटने के बाद बाहर आ चुके हैं. जैसे तैसे शवयात्रा वैशाली पहुंची, उस समय छोटन शुक्ला के छोटे भाई मुन्ना शुक्ला ने हाथ में चिता की राख और जनेऊ लेकर कसम खाई थी कि वह अपने दोनों भाइयों की हत्या का बदला जरूर लेंगे.