झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

Image 2Image 3Image 4Image 5

शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

#electionresult2025biharvidhan_sabha

बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में वोटिंग प्रतिशत जब-जब गया 60 के पार, बनी RJD-कांग्रेस की सरकार, क्या तेजस्वी के लिए पहला चरण बना शुभ संकेत?

बिहार में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. इस बार की वोटिंग पिछले कई चुनावों से काफी अलग रही. राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड भी बना. हालांकि अभी एक ही चरण की वोटिंग पूरी हुई है, लेकिन वोटर्स ने उम्मीद से कहीं ज्यादा उत्साह दिखाया. वोटर्स के उत्साह से चुनाव आयोग भी गदगद है. उसे दूसरे चरण में भी यही फ्लो बने रहने की उम्मीद है. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी वोट ने सियासी हलचल तेज कर दी है. सभी दल इसे अपने-अपने लिए वरदान बता रहे हैं. लेकिन इतिहास बताता है कि 60 फीसदी से अधिक की वोटिंग राष्ट्रीय जनता दल के लिए मुफीद रही है.

राज्य में बंपर वोटिंग ऐसे समय हुई जब पिछले महीने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराया गया जिसको लेकर विपक्षी दलों ने लगातार विरोध जताया. विपक्ष एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर धांधली और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप भी लगाता रहा है.

अभी 122 सीटों पर वोटिंग बाकी

पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग के बाद अब दूसरे चरण में शेष 122 सीटों पर वोट डाले जाने हैं. इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी अभियान को और तेज कर दिए हैं. पहले चरण में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में उतरे.

बिहार में पिछले 40 सालों में यह चौथी बार है जब राज्य में वोटिंग प्रतिशत 60 फीसदी से अधिक जाने की उम्मीद लग रही है. इन 4 दशकों में राज्य के लोग वोटिंग को लेकर अलग-अलग वजहों से ज्यादा उत्साहित नहीं रहे हैं. यही वजह है कि इस दौरान सिर्फ 3 बार ही 60 से अधिक की वोटिंग दर्ज थी, और अब 2025 के चुनाव में यह रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. साल 2000 में आखिरी बार 60 फीसदी से अधिक वोट डाले गए थे.

60% वोटिंग मतलब RJD की वापसी

लेकिन बिहार में वोटिंग के पिछले 4 दशकों के पैटर्न को देखें तो 60 फीसदी से अधिक की वोटिंग का मतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सत्ता में वापसी. लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर साल 1997 में आरजेडी का गठन किया था. पहले लालू ने जनता दल की ओर से राज्य में सरकार चलाई फिर वह आरजेडी के दम पर सत्ता में लौटे. भ्रष्टाचार के मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सत्ता की बागडोर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी.

गुजरे 40 सालों में 1985 के चुनाव में राज्य में 324 सीटों वाली विधानसभा के लिए 56.27 फीसदी वोट डाले गए. तब कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल की और अपने दम पर आखिरी बार राज्य में सरकार बनाई. 1985 में कांग्रेस ने 196 सीटों पर जीत हासिल की जबकि दूसरे नंबर पर रहे लोकदल के खाते में 46 सीटें आईं. इस चुनाव में 234 सीटों पर लड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 16 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर रही.

1990 में पहली बार 60 फीसदी वोटिंग

साल 1990 में राज्य ने 60 फीसदी वोटिंग का आंकड़े को पार किया. इस चुनाव में 62.04 फीसदी वोट पड़े. यह वह दौर था जब देश में मंडल कमीशन की लहर चल रही थी. 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली और पिछड़े वर्ग की अगुवाई करने वाली जनता दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने तो बिहार में लालू प्रसाद यादव के हाथ में कमान आई. कांग्रेस 196 से गिरते हुए महज 71 सीट पर सिमट गई थी. बीजेपी 16 से 39 सीट तक पहुंच गई. 122 सीटे जीतने वाली जनता दल ने वामदलों के समर्थन से बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई.

राज्य में लालू यादव का जलवा बना हुआ था, वह केंद्र में भी छाए हुए थे. इसका फायदा उनकी पार्टी को 1995 के चुनाव में भी मिला. तब यहां पर 61.79 फीसदी मतदान हुआ था और लालू ने सत्ता में वापसी भी की. इस चुनाव में भी जनता दल लोगों के दिलों पर राज करती दिखी. 324 सीटों वाले विधानसभा में जनता दल ने 264 सीटों पर प्रत्याशी उतारे और उसे 167 सीटों पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस अब 29 पर आ गई थी. लालू फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने.

भ्रष्टाचार में फंसे लालू, राबड़ी का उदय

बिहार में अगले चुनाव तक जनता दल में भ्रष्टाचार को लेकर विवाद बढ़ता चला गया. लालू पर चारा घोटाला करने का आरोप लगा और पार्टी में इस वजह से दरार पड़ गई. लिहाजा पार्टी में दो फाड़ हो गया. उन्होंने जनता दल से अलग होकर 1997 में राष्ट्रीय जनता दल पार्टी बनाई. साथ ही अदालती आदेश की वजह से लालू को पद छोड़ना पड़ा और उन्होंने सत्ता पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी. 1997 में राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं.

फरवरी 2000 के चुनाव में राज्य में 62.57 फीसदी वोट पड़े. इस चुनाव में लालू की जगह राबड़ी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनता दल चुनाव मैदान में उतरी. हालांकि इस बार चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला, लेकिन महज 7 दिन रहने के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ गया. फिर राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्य सरकार ने बिहार के बंटवारे और झारखंड के नए राज्य के रूप में अपनी रजामंदी जता दी.

2005 में गिर गया वोटिंग का प्रतिशत

इस तरह से बिहार का बंटवारा होने पर राज्य में विधानसभा की सीटें कम हो गईं और इस वजह से राबड़ी सरकार के लिए जरूरी बहुमत जुटाने में कामयाब हो गईं. खराब कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जोड़-तोड़ और भ्रष्टाचार का मामला ऐसा बढ़ा कि बड़ी संख्या में लोग बिहार से पलायन करने लगे.

इसका असर फरवरी 2005 के चुनाव में दिखा. जब यहां पर 3 चरणों में चुनाव कराए गए तो वोटिंग प्रतिशत 60 से एकदम नीचे आते हुए 46.50% तक आ गया. साल 2000 में बिहार के बंटवारे की वजह से यहां पर विधानसभा सीट घटकर 243 तक आ गई. हालांकि कम मतदान होने से लालू की पार्टी को झटका लगा और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा. किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत हासिल नहीं हुआ. लोक जनशक्ति और कांग्रेस की आरजेडी से बात नहीं बनी. सरकार नहीं बनने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ गया. यहीं से लालू-राबड़ी का दौर के खत्म होने की शुरुआत हो गई.

हुआ यह कि विधानसभा भंग करनी पड़ गई और करीब 6 महीने के बाद राज्य में फिर से चुनाव कराया गया. इस चुनाव में भी राज्य में बहुत कम वोटिंग हुई. फरवरी की तरह अक्टूबर-नवंबर में भी 45 फीसदी से थोड़ा अधिक मतदान हुआ. हालांकि एनडीए इस बार बहुमत हासिल करने में कामयाब रहा. नीतीश की जेडीयू को 88 सीटें मिलीं तो बीजेपी को 55 सीटें. ऐसे में नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बने.

बिहार चुनाव में राहुल गांधी की एंट्री, 29 अक्टूबर को तेजस्वी यादव के साथ करेंगे जनसभा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक चल तैयारियों में जुटे हुए है. सूबे में रैलियों का दौर जारी है. राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए जनता से लोकलुभावन वादे किए जा रहे हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर लगातार हमले कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, तेजस्वी यादव समेत अन्य दिग्गजों की चुनावी सभाएं हो रही हैं. वहीं अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार में उतरने वाले हैं.

जानकारी के मुताबिक देश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर के सकरा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र और दरभंगा में महागठबंधन समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ संयुक्त रूप से जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान दोनों ही नेता जनता से गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे.

राहुल गांधी करेंगे चुनावी सभाएं

बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का विधानसभा चुनाव में यह पहला बिहार दौरा है. उन्होंने बताया कि राहुल सकरा सुरक्षित विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी उमेश राम के समर्थन में पहली जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वो दरभंगा में RJD और महागठबंधन के उम्मीदवार की सभा को संबोधित करेंगे.

मैदान में उतरेगी राहुल और तेजस्वी की जोड़ी

राहुल गांधी की दोनों ही सभाएं काफी अहमियत रखती हैं, क्योंकि चुनावी मौसम में राहुल और तेजस्वी की ये पहली सभाएं होंगी. जब से तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किया गया है. तेजस्वी एक के बाद एक लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं और एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वहीं अब राहुल और तेजस्वी एक साथ नजर आएंगे. चुनावी सभाओं से ठीक एक दिन पहले 28 अक्टूबर (मंगलवार) को महागठबंधन की तरफ से साझा घोषणापत्र जारी किया जाएगा.

वोटर अधिकार यात्रा के बाद राहुल का पहला दौरा

इससे पहले देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 16 दिनों तक लगातार बिहार में रहकर 1300 किमी की यात्रा की. वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उन्होंने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा था. वहीं एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े किए थे. बिहार वोटर अधिकार यात्रा के बाद राहुल पहली बार बिहार दौरे पर आ रहे हैं. जहां वो महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए संयुक्त रूप से जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव की बात करें तो राज्य की सभी 243 सीटों पर दो चरण में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए 6 नवंबर को और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों और दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा. इन दोनों चरणों में कुल 2616 उम्मीदवार मैदान में हैं.

मरना मंजूर लेकिन आरजेडी में वापस नहीं जायेंगे तेज प्रताप, बिहार चुनाव के बीच बड़ा बयान

#iwilldiebutwillnotreturntorjdtejpratapsaidamidbiharelections

Image 2Image 3Image 4Image 5

बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर ताल ठोंक रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने दो टूक कहा, आरजेडी में वापस जाने से बेहतर हम मरना मंजूर करेंगे। लालू के बड़े बेटे के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। बता दें कि तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं।

तेज प्रताप ने की स्वाभिमान की बात

शुक्रवार को महुआ में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि हम मरना कबूल करेंगे, लेकिन वापस उस पार्टी में नहीं जाएंगे। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मेरे लिए मेरा स्वाभिमान बड़ी चीज है। मुझे बड़ा से बड़ा पद भी मिले तो भी मैं वापस उस पार्टी में नहीं जाऊंगा।

मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं-तेज प्रताप

तेज प्रताप ने कहा, मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिये सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, जनता की सेवा करना मेरे लिये सबसे बड़ी बात है। लोग मुझ पर भरोसा करते हैं।

तेजस्वी के सीएम फेस पर कहा

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नेता नहीं जनता मुख्यमंत्री चुनती है। जनता के पास ही अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वहां पर थे तब तक हमने उनको आशीर्वाद दिया।

14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा-तेज प्रताप

बिहार में एक रैली में पीएम मोदी के बयानों पर तेज प्रताप यादव ने कहा, बिहार की जनता जनार्दन का क्या मूड है ये तो समय बताएगा..14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा।

आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं तेज प्रताप

मालूम हो कि तेज प्रताप यादव को राजद सुप्रीमो ने कुछ महीनों पहले अपनी पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया था। तेज प्रताप पर यह कार्रवाई तब हुई थी जब उनकी कुछ तस्वीरें एक लड़की के साथ साथ सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

सर्प संरक्षणकर्मी शिव खनाल सम्मानित

बिहार में नामांकन का कल आखिरी दिन, INDIA गठबंधन में सस्पेंस बरकरार, जानें कितने साथ-कितने अलग

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, लेकिन INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं NDA ने लगभग अपने सभी मनमुटाव दूर कर लिए हैं और बिहार चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.

वहीं INDIA गठबंधन के दलों में कई सीटों पर खींचतान जारी है. जिसकी वजह झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़ दिया है. वहीं कुछ सीटों पर RJD और कांग्रेस में गंभीर तकरार है और दोनों ही अपने कैंडिडेट उतार सकते हैं.

JMM ने अलग रास्ता अपनाया

महागठबंधन INDIA में सहयोगी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़कर बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के नेता पहले नए साथियों को शामिल करने की जरूरत का हवाला दे रहे थे, लेकिन JMM के अलग होने से स्थिति और जटिल हो गई है

RJD और कांग्रेस में मनमुटाव

गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने अपने उम्मीदवारों के टिकट बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी तक उसकी पूरी सूची सामने नहीं आई है. कई सीटों पर RJD ने अपने ही गठबंधन साथियों के उम्मीदवारों के खिलाफ टिकट दे दिए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, और अब उसने पांच और सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. इनमें किशनगंज सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए एक नेता को टिकट दिया है. आरोप हैं कि कांग्रेस ने टिकट बेचे हैं, जबकि पार्टी नेता कह रहे हैं कि समझौता होने वाला है.

आठ सीटों पर आमने-सामने की आशंका

गठबंधन में समन्वय की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. वहीं, सत्तारूढ़ NDA में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। जद(यू) ने अंतिम समय में अमौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और पूर्व भाजपा नेता सबीर अली को टिकट दे दिया, जिन्हें 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाला गया था.

कितनी सीटों पर लड़ रहे नितीश?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU, जो भाजपा के बराबर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को मैदान में उतारने का फैसला किया, जहाँ से उसने पहले सबा ज़फ़र को उम्मीदवार बनाया था, जो 2020 की उपविजेता थीं और जिन्होंने पांच साल पहले भी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर यह सीट जीती थी.

दिलचस्प बात यह है कि अली को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जद (यू) से निकाल दिया गया था, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो अपना कट्टर विरोधी मानते थे. बाद में अली भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया है.

NDA की मढ़ौरा सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं

सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, यहां केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया.

यह सीट अब पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जितेंद्र कुमार राय के पक्ष में एकतरफा मुकाबले की ओर बढ़ती दिख रही है, जिन्हें सिर्फ जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ही चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने एक छोटी सी चूक पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है.

स्वच्छता ही सेवा 2025 : 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।स्वच्छता ही सेवा 2025 के तहत आज“एक दिन एक घन्टा एक साथ”विशेष कार्यक्रम के साथ 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ हुआ।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने हरी झण्डी दिखाकर नगर निगम प्रयागराज की सुसज्जित सफाई वाहनो को रवाना किया और लगातार 156 घन्टे तक चलने वाले इस ऐतिहासिक स्वच्छता अभियान की शुरुआत की।

अभियान की प्रमुख विशेषताएं।

नगर निगम की सभी गाड़ियो को विशेष सजावट के साथ रोस्टर के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया।156 घन्टे तक निरंतर सफाई कार्य चलाने हेतु नाला-नाली पार्क, सार्वजनिक स्थल GVP, CTU घाट शौचालय स्कूल- कॉलेज सड़क जलाशय सहित डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण एवं पृथक्करण की व्यापक व्यवस्था की गई।इस अवसर पर 3000 से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता की शपथ लेकर अभियान में भागीदारी सुनिश्चित की।

नागवासुकी मंदिर परिसर में सामूहिक श्रमदान “एक दिन एक घंटा एक साथ” कार्यक्रम के तहत महापौर, पार्षदगण और नगर निगम की पूरी टीम ने नागवासुकी मंदिर पर भव्य श्रमदान किया।मंदिर परिसर को पूर्णतः कचरा-मुक्त किया गया।नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सफाई मित्रों की महत्ता और शहर को स्वच्छ रखने में जनभागीदारी का संदेश दिया गया।

महापौर का उद्बोधन

श्रमदान के पश्चात अपने सम्बोधन में उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा-

> प्रयागराज की धरती हमेशा से जनसहभागिता और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण रही है।आज हमने 156 घंटे के इस निरंतर सफाई अभियान की शुरुआत की है।यह केवल सफाई का नही बल्कि मानसिकता बदलने का संकल्प है। बापू के स्वच्छ भारत के सपने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्शों को साकार करने में हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। मैं हर नागरिक से आह्वान करता हूँ कि न केवल इन 156 घंटों के दौरान बल्कि हर दिन अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखने की आदत को जीवन का हिस्सा बनाएं।

महापौर ने अपने हाथों से रंगोली बनाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया।विशेष उपस्थिति इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र कुमार यादव कर निर्धारण अधिकारी संजय ममगाई सभी जोनल अधिकारी स्वच्छता एवं खाद्य निरीक्षक नगर निगम प्रयागराज के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में सम्मानित नागरिक मौजूद रहे।नगर निगम प्रयागराज सभी नागरिकों से अपील करता है कि 2 अक्टूबर तक चलने वाले 156 घन्टे महासफाई अभियान में सक्रिय सहयोग दे और “स्वच्छ प्रयागराज स्वस्थ प्रयागराज”के संकल्प को साकार करे।

कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा गोरखपुर के इण्टरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट वर्कशॉप और सेमिनार में आमंत्रित कलाकार।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।अंतर्राष्ट्रीय कला जगत में प्रयागराज एवं भारत का नाम रोशन करने वाले प्रयागराज के मशहूर चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा को गोरखपुर में आयोजित वसुधैव कुटुंबकम् चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मित्रता कला शिविर एवं सगोष्ठी में सादर आमंत्रित किया गया है।अभी-अभी रवीन्द्र कुशवाहा की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी अमेरिका के जर्मनटाउन में धूम मचाकर आई है तथा अगली अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी इनकी नार्वे स्वीडन में आयोजित है।

ललितकला संस्थान ललिता ए ट्रस्ट ऑफ फाइन आर्ट, फोक आर्ट, परफॉर्मिंग आर्ट एंड कल्चर तथा राज्य ललित कला अकादमी संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 6 देशों के 64 प्रख्यात कलाकार जो चार दिवसीय इंटरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट कैम्प एण्ड सेमिनार में अपनी रचनात्मक कला व भावपूर्ण चित्रण का जलवा बिखेरेंगे ।

झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

Image 2Image 3Image 4Image 5

शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

#electionresult2025biharvidhan_sabha

बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में वोटिंग प्रतिशत जब-जब गया 60 के पार, बनी RJD-कांग्रेस की सरकार, क्या तेजस्वी के लिए पहला चरण बना शुभ संकेत?

बिहार में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. इस बार की वोटिंग पिछले कई चुनावों से काफी अलग रही. राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड भी बना. हालांकि अभी एक ही चरण की वोटिंग पूरी हुई है, लेकिन वोटर्स ने उम्मीद से कहीं ज्यादा उत्साह दिखाया. वोटर्स के उत्साह से चुनाव आयोग भी गदगद है. उसे दूसरे चरण में भी यही फ्लो बने रहने की उम्मीद है. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी वोट ने सियासी हलचल तेज कर दी है. सभी दल इसे अपने-अपने लिए वरदान बता रहे हैं. लेकिन इतिहास बताता है कि 60 फीसदी से अधिक की वोटिंग राष्ट्रीय जनता दल के लिए मुफीद रही है.

राज्य में बंपर वोटिंग ऐसे समय हुई जब पिछले महीने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराया गया जिसको लेकर विपक्षी दलों ने लगातार विरोध जताया. विपक्ष एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर धांधली और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप भी लगाता रहा है.

अभी 122 सीटों पर वोटिंग बाकी

पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग के बाद अब दूसरे चरण में शेष 122 सीटों पर वोट डाले जाने हैं. इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी अभियान को और तेज कर दिए हैं. पहले चरण में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में उतरे.

बिहार में पिछले 40 सालों में यह चौथी बार है जब राज्य में वोटिंग प्रतिशत 60 फीसदी से अधिक जाने की उम्मीद लग रही है. इन 4 दशकों में राज्य के लोग वोटिंग को लेकर अलग-अलग वजहों से ज्यादा उत्साहित नहीं रहे हैं. यही वजह है कि इस दौरान सिर्फ 3 बार ही 60 से अधिक की वोटिंग दर्ज थी, और अब 2025 के चुनाव में यह रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. साल 2000 में आखिरी बार 60 फीसदी से अधिक वोट डाले गए थे.

60% वोटिंग मतलब RJD की वापसी

लेकिन बिहार में वोटिंग के पिछले 4 दशकों के पैटर्न को देखें तो 60 फीसदी से अधिक की वोटिंग का मतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सत्ता में वापसी. लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर साल 1997 में आरजेडी का गठन किया था. पहले लालू ने जनता दल की ओर से राज्य में सरकार चलाई फिर वह आरजेडी के दम पर सत्ता में लौटे. भ्रष्टाचार के मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सत्ता की बागडोर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी.

गुजरे 40 सालों में 1985 के चुनाव में राज्य में 324 सीटों वाली विधानसभा के लिए 56.27 फीसदी वोट डाले गए. तब कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल की और अपने दम पर आखिरी बार राज्य में सरकार बनाई. 1985 में कांग्रेस ने 196 सीटों पर जीत हासिल की जबकि दूसरे नंबर पर रहे लोकदल के खाते में 46 सीटें आईं. इस चुनाव में 234 सीटों पर लड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 16 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर रही.

1990 में पहली बार 60 फीसदी वोटिंग

साल 1990 में राज्य ने 60 फीसदी वोटिंग का आंकड़े को पार किया. इस चुनाव में 62.04 फीसदी वोट पड़े. यह वह दौर था जब देश में मंडल कमीशन की लहर चल रही थी. 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली और पिछड़े वर्ग की अगुवाई करने वाली जनता दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने तो बिहार में लालू प्रसाद यादव के हाथ में कमान आई. कांग्रेस 196 से गिरते हुए महज 71 सीट पर सिमट गई थी. बीजेपी 16 से 39 सीट तक पहुंच गई. 122 सीटे जीतने वाली जनता दल ने वामदलों के समर्थन से बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई.

राज्य में लालू यादव का जलवा बना हुआ था, वह केंद्र में भी छाए हुए थे. इसका फायदा उनकी पार्टी को 1995 के चुनाव में भी मिला. तब यहां पर 61.79 फीसदी मतदान हुआ था और लालू ने सत्ता में वापसी भी की. इस चुनाव में भी जनता दल लोगों के दिलों पर राज करती दिखी. 324 सीटों वाले विधानसभा में जनता दल ने 264 सीटों पर प्रत्याशी उतारे और उसे 167 सीटों पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस अब 29 पर आ गई थी. लालू फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने.

भ्रष्टाचार में फंसे लालू, राबड़ी का उदय

बिहार में अगले चुनाव तक जनता दल में भ्रष्टाचार को लेकर विवाद बढ़ता चला गया. लालू पर चारा घोटाला करने का आरोप लगा और पार्टी में इस वजह से दरार पड़ गई. लिहाजा पार्टी में दो फाड़ हो गया. उन्होंने जनता दल से अलग होकर 1997 में राष्ट्रीय जनता दल पार्टी बनाई. साथ ही अदालती आदेश की वजह से लालू को पद छोड़ना पड़ा और उन्होंने सत्ता पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी. 1997 में राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं.

फरवरी 2000 के चुनाव में राज्य में 62.57 फीसदी वोट पड़े. इस चुनाव में लालू की जगह राबड़ी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनता दल चुनाव मैदान में उतरी. हालांकि इस बार चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला, लेकिन महज 7 दिन रहने के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ गया. फिर राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्य सरकार ने बिहार के बंटवारे और झारखंड के नए राज्य के रूप में अपनी रजामंदी जता दी.

2005 में गिर गया वोटिंग का प्रतिशत

इस तरह से बिहार का बंटवारा होने पर राज्य में विधानसभा की सीटें कम हो गईं और इस वजह से राबड़ी सरकार के लिए जरूरी बहुमत जुटाने में कामयाब हो गईं. खराब कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जोड़-तोड़ और भ्रष्टाचार का मामला ऐसा बढ़ा कि बड़ी संख्या में लोग बिहार से पलायन करने लगे.

इसका असर फरवरी 2005 के चुनाव में दिखा. जब यहां पर 3 चरणों में चुनाव कराए गए तो वोटिंग प्रतिशत 60 से एकदम नीचे आते हुए 46.50% तक आ गया. साल 2000 में बिहार के बंटवारे की वजह से यहां पर विधानसभा सीट घटकर 243 तक आ गई. हालांकि कम मतदान होने से लालू की पार्टी को झटका लगा और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा. किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत हासिल नहीं हुआ. लोक जनशक्ति और कांग्रेस की आरजेडी से बात नहीं बनी. सरकार नहीं बनने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ गया. यहीं से लालू-राबड़ी का दौर के खत्म होने की शुरुआत हो गई.

हुआ यह कि विधानसभा भंग करनी पड़ गई और करीब 6 महीने के बाद राज्य में फिर से चुनाव कराया गया. इस चुनाव में भी राज्य में बहुत कम वोटिंग हुई. फरवरी की तरह अक्टूबर-नवंबर में भी 45 फीसदी से थोड़ा अधिक मतदान हुआ. हालांकि एनडीए इस बार बहुमत हासिल करने में कामयाब रहा. नीतीश की जेडीयू को 88 सीटें मिलीं तो बीजेपी को 55 सीटें. ऐसे में नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बने.

बिहार चुनाव में राहुल गांधी की एंट्री, 29 अक्टूबर को तेजस्वी यादव के साथ करेंगे जनसभा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक चल तैयारियों में जुटे हुए है. सूबे में रैलियों का दौर जारी है. राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए जनता से लोकलुभावन वादे किए जा रहे हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर लगातार हमले कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, तेजस्वी यादव समेत अन्य दिग्गजों की चुनावी सभाएं हो रही हैं. वहीं अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार में उतरने वाले हैं.

जानकारी के मुताबिक देश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर के सकरा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र और दरभंगा में महागठबंधन समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ संयुक्त रूप से जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान दोनों ही नेता जनता से गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे.

राहुल गांधी करेंगे चुनावी सभाएं

बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का विधानसभा चुनाव में यह पहला बिहार दौरा है. उन्होंने बताया कि राहुल सकरा सुरक्षित विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी उमेश राम के समर्थन में पहली जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वो दरभंगा में RJD और महागठबंधन के उम्मीदवार की सभा को संबोधित करेंगे.

मैदान में उतरेगी राहुल और तेजस्वी की जोड़ी

राहुल गांधी की दोनों ही सभाएं काफी अहमियत रखती हैं, क्योंकि चुनावी मौसम में राहुल और तेजस्वी की ये पहली सभाएं होंगी. जब से तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किया गया है. तेजस्वी एक के बाद एक लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं और एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वहीं अब राहुल और तेजस्वी एक साथ नजर आएंगे. चुनावी सभाओं से ठीक एक दिन पहले 28 अक्टूबर (मंगलवार) को महागठबंधन की तरफ से साझा घोषणापत्र जारी किया जाएगा.

वोटर अधिकार यात्रा के बाद राहुल का पहला दौरा

इससे पहले देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 16 दिनों तक लगातार बिहार में रहकर 1300 किमी की यात्रा की. वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उन्होंने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा था. वहीं एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े किए थे. बिहार वोटर अधिकार यात्रा के बाद राहुल पहली बार बिहार दौरे पर आ रहे हैं. जहां वो महागठबंधन के प्रत्याशियों के लिए संयुक्त रूप से जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव की बात करें तो राज्य की सभी 243 सीटों पर दो चरण में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए 6 नवंबर को और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों और दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा. इन दोनों चरणों में कुल 2616 उम्मीदवार मैदान में हैं.

मरना मंजूर लेकिन आरजेडी में वापस नहीं जायेंगे तेज प्रताप, बिहार चुनाव के बीच बड़ा बयान

#iwilldiebutwillnotreturntorjdtejpratapsaidamidbiharelections

Image 2Image 3Image 4Image 5

बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर ताल ठोंक रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने दो टूक कहा, आरजेडी में वापस जाने से बेहतर हम मरना मंजूर करेंगे। लालू के बड़े बेटे के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। बता दें कि तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में घूम रहे हैं।

तेज प्रताप ने की स्वाभिमान की बात

शुक्रवार को महुआ में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि हम मरना कबूल करेंगे, लेकिन वापस उस पार्टी में नहीं जाएंगे। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मेरे लिए मेरा स्वाभिमान बड़ी चीज है। मुझे बड़ा से बड़ा पद भी मिले तो भी मैं वापस उस पार्टी में नहीं जाऊंगा।

मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं-तेज प्रताप

तेज प्रताप ने कहा, मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मेरे लिये सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, जनता की सेवा करना मेरे लिये सबसे बड़ी बात है। लोग मुझ पर भरोसा करते हैं।

तेजस्वी के सीएम फेस पर कहा

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं क्या करूं। मैं किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नेता नहीं जनता मुख्यमंत्री चुनती है। जनता के पास ही अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वहां पर थे तब तक हमने उनको आशीर्वाद दिया।

14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा-तेज प्रताप

बिहार में एक रैली में पीएम मोदी के बयानों पर तेज प्रताप यादव ने कहा, बिहार की जनता जनार्दन का क्या मूड है ये तो समय बताएगा..14 तारीख को तय होगा कौन कहां जाएगा।

आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं तेज प्रताप

मालूम हो कि तेज प्रताप यादव को राजद सुप्रीमो ने कुछ महीनों पहले अपनी पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया था। तेज प्रताप पर यह कार्रवाई तब हुई थी जब उनकी कुछ तस्वीरें एक लड़की के साथ साथ सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

सर्प संरक्षणकर्मी शिव खनाल सम्मानित

बिहार में नामांकन का कल आखिरी दिन, INDIA गठबंधन में सस्पेंस बरकरार, जानें कितने साथ-कितने अलग

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, लेकिन INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं NDA ने लगभग अपने सभी मनमुटाव दूर कर लिए हैं और बिहार चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.

वहीं INDIA गठबंधन के दलों में कई सीटों पर खींचतान जारी है. जिसकी वजह झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़ दिया है. वहीं कुछ सीटों पर RJD और कांग्रेस में गंभीर तकरार है और दोनों ही अपने कैंडिडेट उतार सकते हैं.

JMM ने अलग रास्ता अपनाया

महागठबंधन INDIA में सहयोगी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़कर बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के नेता पहले नए साथियों को शामिल करने की जरूरत का हवाला दे रहे थे, लेकिन JMM के अलग होने से स्थिति और जटिल हो गई है

RJD और कांग्रेस में मनमुटाव

गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने अपने उम्मीदवारों के टिकट बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी तक उसकी पूरी सूची सामने नहीं आई है. कई सीटों पर RJD ने अपने ही गठबंधन साथियों के उम्मीदवारों के खिलाफ टिकट दे दिए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, और अब उसने पांच और सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. इनमें किशनगंज सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए एक नेता को टिकट दिया है. आरोप हैं कि कांग्रेस ने टिकट बेचे हैं, जबकि पार्टी नेता कह रहे हैं कि समझौता होने वाला है.

आठ सीटों पर आमने-सामने की आशंका

गठबंधन में समन्वय की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. वहीं, सत्तारूढ़ NDA में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। जद(यू) ने अंतिम समय में अमौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और पूर्व भाजपा नेता सबीर अली को टिकट दे दिया, जिन्हें 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाला गया था.

कितनी सीटों पर लड़ रहे नितीश?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU, जो भाजपा के बराबर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को मैदान में उतारने का फैसला किया, जहाँ से उसने पहले सबा ज़फ़र को उम्मीदवार बनाया था, जो 2020 की उपविजेता थीं और जिन्होंने पांच साल पहले भी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर यह सीट जीती थी.

दिलचस्प बात यह है कि अली को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जद (यू) से निकाल दिया गया था, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो अपना कट्टर विरोधी मानते थे. बाद में अली भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया है.

NDA की मढ़ौरा सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं

सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, यहां केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया.

यह सीट अब पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जितेंद्र कुमार राय के पक्ष में एकतरफा मुकाबले की ओर बढ़ती दिख रही है, जिन्हें सिर्फ जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ही चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने एक छोटी सी चूक पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है.

स्वच्छता ही सेवा 2025 : 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।स्वच्छता ही सेवा 2025 के तहत आज“एक दिन एक घन्टा एक साथ”विशेष कार्यक्रम के साथ 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ हुआ।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने हरी झण्डी दिखाकर नगर निगम प्रयागराज की सुसज्जित सफाई वाहनो को रवाना किया और लगातार 156 घन्टे तक चलने वाले इस ऐतिहासिक स्वच्छता अभियान की शुरुआत की।

अभियान की प्रमुख विशेषताएं।

नगर निगम की सभी गाड़ियो को विशेष सजावट के साथ रोस्टर के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया।156 घन्टे तक निरंतर सफाई कार्य चलाने हेतु नाला-नाली पार्क, सार्वजनिक स्थल GVP, CTU घाट शौचालय स्कूल- कॉलेज सड़क जलाशय सहित डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण एवं पृथक्करण की व्यापक व्यवस्था की गई।इस अवसर पर 3000 से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता की शपथ लेकर अभियान में भागीदारी सुनिश्चित की।

नागवासुकी मंदिर परिसर में सामूहिक श्रमदान “एक दिन एक घंटा एक साथ” कार्यक्रम के तहत महापौर, पार्षदगण और नगर निगम की पूरी टीम ने नागवासुकी मंदिर पर भव्य श्रमदान किया।मंदिर परिसर को पूर्णतः कचरा-मुक्त किया गया।नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सफाई मित्रों की महत्ता और शहर को स्वच्छ रखने में जनभागीदारी का संदेश दिया गया।

महापौर का उद्बोधन

श्रमदान के पश्चात अपने सम्बोधन में उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा-

> प्रयागराज की धरती हमेशा से जनसहभागिता और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण रही है।आज हमने 156 घंटे के इस निरंतर सफाई अभियान की शुरुआत की है।यह केवल सफाई का नही बल्कि मानसिकता बदलने का संकल्प है। बापू के स्वच्छ भारत के सपने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्शों को साकार करने में हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। मैं हर नागरिक से आह्वान करता हूँ कि न केवल इन 156 घंटों के दौरान बल्कि हर दिन अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखने की आदत को जीवन का हिस्सा बनाएं।

महापौर ने अपने हाथों से रंगोली बनाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया।विशेष उपस्थिति इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र कुमार यादव कर निर्धारण अधिकारी संजय ममगाई सभी जोनल अधिकारी स्वच्छता एवं खाद्य निरीक्षक नगर निगम प्रयागराज के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में सम्मानित नागरिक मौजूद रहे।नगर निगम प्रयागराज सभी नागरिकों से अपील करता है कि 2 अक्टूबर तक चलने वाले 156 घन्टे महासफाई अभियान में सक्रिय सहयोग दे और “स्वच्छ प्रयागराज स्वस्थ प्रयागराज”के संकल्प को साकार करे।

कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा गोरखपुर के इण्टरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट वर्कशॉप और सेमिनार में आमंत्रित कलाकार।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।अंतर्राष्ट्रीय कला जगत में प्रयागराज एवं भारत का नाम रोशन करने वाले प्रयागराज के मशहूर चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा को गोरखपुर में आयोजित वसुधैव कुटुंबकम् चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मित्रता कला शिविर एवं सगोष्ठी में सादर आमंत्रित किया गया है।अभी-अभी रवीन्द्र कुशवाहा की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी अमेरिका के जर्मनटाउन में धूम मचाकर आई है तथा अगली अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी इनकी नार्वे स्वीडन में आयोजित है।

ललितकला संस्थान ललिता ए ट्रस्ट ऑफ फाइन आर्ट, फोक आर्ट, परफॉर्मिंग आर्ट एंड कल्चर तथा राज्य ललित कला अकादमी संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 6 देशों के 64 प्रख्यात कलाकार जो चार दिवसीय इंटरनेशनल फ्रेंडशिप आर्ट कैम्प एण्ड सेमिनार में अपनी रचनात्मक कला व भावपूर्ण चित्रण का जलवा बिखेरेंगे ।