Bihar

Sep 22 2023, 15:28

लालू प्रसाद यादव हाजिर हों..', कोर्ट का आदेश, यहां डिटेल में पढ़िए, सात मामले

जिनमे लोगों से 'जमीन' लेकर रेलवे में नौकरी देने का राजद अध्यक्ष पर लगा है आरोप


गृह मंत्रालय द्वारा जमीन के बदले नौकरी घोटाले में RJD सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक नए आरोपपत्र को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद, दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उन्हें को समन जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, लालू यादव के अलावा रेलवे के पूर्व अधिकारियों को भी 4 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।

बता दें कि, 12 सितंबर को, CBI ने अदालत को सूचित किया था कि मामले में एक ताजा आरोप पत्र में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी गृह मंत्रालय से प्राप्त की गई थी। यह घटनाक्रम जुलाई में कोर्ट द्वारा लालू यादव और अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त करने के लिए सीबीआई को समय दिए जाने के बाद हुआ। बता दें कि, यह मामला उस भ्रष्टाचार से संबंधित है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री। आरोप है कि, उस समय लालू ने लोगों की बेशकीमती जमीनें अपने और अपने परिवार के नाम पर लिखवाकर उन्हें रेलवे में नौकरी दी। 

CBI ने अपनी जांच में कहा था कि लालू यादव और उनके परिवार ने महज 26 लाख रुपये में 1 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया है, जबकि इस जमीन की वास्तविक कीमत करोड़ों में थी। ये लोगों को रेलवे में नौकरी देने के एवज में आने-पौने दामों पर खरीदी गई और कुछ जमीनें तो गिफ्ट के रूप में यूँ ही ले ली गई। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, CBI ने अपनी जांच में पाया है कि लालू यादव को पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन दी गई। इन जमीनों की खरीद में नकद भुगतान हुआ और उन्हें बेहद कम दाम पर खरीदा गया। लालू यादव और उनके परिजनों को 7 उम्मीदवारों की नौकरी के बदले में जमीनें मिलीं। इनमें से 5 जमीनों को बेच दिया गया, जबकि दो जमीनें उन्हें उपहार के रूप में दी गईं। इस घटना में, केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने अपनी जांच में खुलासा किया कि यह डील में लालू यादव ही नहीं, उनके व्यक्तिगत सहायक भोला यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, और हेमा यादव जैसे कुछ उम्मीदवार भी शामिल हैं। इस मामले में CBI 2022 में भ्रष्टाचार के एक नए केस की दर्ज़ी किया था। 

मामला-1

 जांच में CBI ने पाया कि फरवरी 2007 में पटना के निवासी हजारी राय ने अपनी 9527 वर्ग फुट जमीन को एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 10.83 लाख रुपये थी। बाद में हजारी राय के दो भतीजे दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिली। CBI की जांच में यह बात सामने आई कि साल 2014 में एके इन्फोसिस्टम के सभी हक़ और संपत्तियाँ राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर चली गईं। साल 2014 में राबड़ी देवी ने इस कंपनी के अधिकांश शेयर ख़रीदे और इस कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।

मामला-2:

नवंबर 2007 में पटना की निवासी किरण देवी ने अपनी 80,905 वर्ग फुट जमीन को लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम पर कर दिया। इस डील की कीमत सिर्फ 3.70 लाख रुपये थी। बाद में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को मुंबई में नियुक्ति मिली।

मामला-3

इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के निवासी किशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में किशुन राय के परिवार के तीन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली।

मामला-4

इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग में निवासी संजय राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में संजय राय और उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी।

मामला-5

इसी तरह, मार्च 2008 में ब्रिज नंदन राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को ह्रदयानंद चौधरी को बेच दिया। इस डील की कीमत 4.21 लाख रुपये थी। इसके बाद ह्रदयानंद चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को तोहफ़े में दे दी। ह्रदयानंद चौधरी को साल 2005 में हाजीपुर में रेलवे में नियुक्ति मिली थी।

मामला-6

मार्च 2008 में विशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को सिवान के निवासी ललन चौधरी को बेच दिया। उसी साल ललन के पोते पिंटू कुमार को पश्चिमी रेलवे में नियुक्ति मिली। इसके बाद फरवरी 2014 में ललन चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव को गिफ्ट कर दी।

मामला-7

इसी तरह, मई 2015 में पटना के निवासी लाल बाबू राय ने अपनी 1360 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दी। इस डील की कीमत 13 लाख रुपये थी। CBI की जांच में पता चला कि साल 2006 में लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को रेलवे में नियुक्ति मिली थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CBI की जांच में पता चला कि लालू यादव और उनके परिवार ने बिहार में 1.05 लाख वर्ग फीट की जमीन को सिर्फ 26 लाख रुपए में ख़रीदी थी। जबकि उस समय के सर्किल रेट के अनुसार उन जमीनों की कुल कीमत लगभग 4.40 करोड़ रुपए थी। CBI ने यह खुलासा किया कि जमीनों की ख़रीद के मामले में अधिकांश जमीनों के लिए नकद पैसे दिए गए थे। इसी नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में ED ने लालू परिवार के खिलाफ शिकंजा कसा है।

Bihar

Sep 17 2023, 13:23

हमने भाजपा समर्थक पत्रकारों का बहिष्कार किया..', I.N.D.I.A. गठबंधन के फैसले पर बोले तेजस्वी यादव

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 बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कथित भाजपा समर्थक समाचार एंकरों के बहिष्कार के विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के फैसले का बचाव किया है। लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी ने दिल्ली से लौटने पर पटना में पत्रकारों को बताया। कहां कि इस आशय का निर्णय I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक के दौरान लिया गया था। उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ रामचरितमानस पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए अपनी पार्टी के सहयोगी और कैबिनेट मंत्री चंद्र शेखर को भी फटकार लगाई। विपक्षी गठबंधन के कदम के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, "संबंधित उप-समिति ने उन लोगों द्वारा आयोजित शो में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, जो कट्टर भाजपा समर्थक हैं और चीजों को भड़काने की कोशिश करते हैं।" हालाँकि, विपक्षी गठबंधन और तेजस्वी के बयान से एक सवाल यह भी उठता है कि, यदि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आने में कामयाब रहती है, तो क्या विपक्षी गठबंधन उन मतदाताओं का भी बहिष्कार करेगा, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया ? क्योंकि लोकतंत्र की लड़ाई में किसी को जिताने या हराने वाली तो केवल जनता ही होती है।

वहीं, यदि गठबंधन की जीत होती है, तो क्या बहिष्कार किए गए पत्रकारों पर कोई कार्रवाई की जाएगी ? वैसे गौर करने वाली बात ये भी है कि, क्या अब विपक्षी दलों के नेता केवल उन्ही पत्रकारों से बात करना चाहेंगे, जो चुनावी समय में जनता के बीच माहौल बनाने में उनकी मदद करें ? दरअसल, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद डिप्टी सीएम बने डीके शिवकुमार खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि, चुनाव जीतने में कुछ पत्रकारों ने उनके लिए काम किया था। 

बहरहाल, बिहार में शिक्षा विभाग संभालने वाले चंद्र शेखर के बयानों के बारे में, तेजस्वी यादव ने कहा कि, "मेरे विचार में, उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने से बचना चाहिए और अपने विभाग के कामकाज पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।" हालांकि, तेजस्वी ने ये भी कहा कि, "मुझे इस तरह की नकारात्मक चीजों को लेकर मीडिया की बहुत अधिक चमक के खिलाफ भी शिकायत है। राज्य में शिक्षा विभाग ने हाल ही में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक अभियान चलाया था, जो अभूतपूर्व पैमाने पर था। मैंने शायद ही मुख्यधारा का मीडिया में इसका कोई कवरेज देखा हो।"

इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार यात्रा पर प्रकाश डालने की भी मांग की, जो शनिवार को मधुबनी जिले में एक रैली करने और अररिया में सशस्त्र सीमा बल के एक समारोह में भाग लेने वाले हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि, "इस दौरे से गृह मंत्री की पार्टी को फायदा हो सकता है। इससे बिहार को क्या मिलने वाला है? उनकी सरकार राज्य को विशेष पैकेज देने में विफल रही है, विशेष श्रेणी के दर्जे की लंबे समय से चली आ रही मांग के बारे में क्या कहा जाए।" 

RJD नेता ने कहा, "गृह मंत्री लगभग हर महीने बिहार का दौरा करते रहे हैं। मेरी इच्छा है कि वह मणिपुर जाने के लिए कुछ समय निकालें, जहां उनकी पार्टी का शासन है और जहां स्थिति गृहयुद्ध जैसी है।" उन्होंने मीडिया के एक वर्ग में चल रही अटकलों का भी मजाक उड़ाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनका पिछले सप्ताहांत जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया था, एक और उलटफेर की योजना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि, "चीजें इस तरह से नहीं होती हैं। लेकिन, अगर भाजपा के लोग ऐसे परिदृश्य की कल्पना करके खुश महसूस करते हैं, तो उन्हें कुछ मिठाइयों का आनंद लेने दें। इससे वे कुछ समय के लिए देश भर में अपने नफरत भरे प्रचार को रोक देंगे।"

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Sep 13 2023, 12:45

भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों में कैसे बटेंगी सीटें, शरद पवार के आवास पर आज I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में होगा फैसला, यहां पढ़िए पूरी रिपोर्ट

विपक्षी I.N.D.I.A. ब्लॉक की समन्वय समिति आज बुधवार (13 सितंबर) को अपनी पहली बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है और विवरण के अनुसार, कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जल्द सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर काम करने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ विपक्ष की ओर से एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जाए। 

कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि पार्टियों को इस तरह के फॉर्मूले पर पहुंचने के लिए "अपने अहंकार" और "निहित स्वार्थों" को छोड़ना होगा। विपक्ष के 14 सदस्यीय महत्वपूर्ण पैनल की बैठक 13 सितंबर की शाम को नई दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर होगी। हालांकि मानदंडों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, यह हाल के चुनावों में किसी विशेष सीट पर पार्टियों के प्रदर्शन पर आधारित होने की संभावना है। सीट बंटवारे के मुद्दे पर विचार किया जाएगा, भले ही बुधवार की बैठक में इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सके। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विपक्षी नेता, भाजपा से मुकाबला करने के लिए चुनाव अभियान का व्यापक खर्च भी उठाएंगे।

शरद पवार से ठाकरे ने की मुलाकात 

इससे पहले मंगलवार को, विपक्षी गठबंधन भारत की समन्वय समिति की पहली बैठक की पूर्व संध्या पर, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की, जहां उनकी बैठक लगभग 90 मिनट तक चली। पत्रकारों से बात करते हुए, NCP (शरद पवार गुट) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल, जो शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत के साथ बैठक का हिस्सा थे, ने कहा कि I.N.D.I.A. ब्लॉक के समन्वय पैनल की बैठक और महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई।

पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र, जो लोकसभा में 48 सांसदों को भेजता है, राज्य में विपक्षी सहयोगियों के बीच उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा सीट-बंटवारे की व्यवस्था जल्द ही संपन्न हो जाएगी। राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, ठाकरे, पवार और कांग्रेस नेता नाना पटोले, बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा या उसके सहयोगियों द्वारा जीती गई 25 सीटें महा विकास अघाड़ी (MVA) के तीन सहयोगियों के बीच उचित रूप से वितरित की जाएंगी।

विपक्ष की चुनावी रणनीति

विपक्ष के I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय सह चुनाव रणनीति समिति में 14 सदस्य हैं - केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), टीआर बालू (DMK), हेमंत सोरेन (JMM), संजय राउत (शिवसेना-UBT), तेजस्वी यादव (RJD), राघव चड्ढा (AAP), जावेद अली खान (सपा), ललन सिंह (JDU), डी राजा (CPI), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), महबूबा मुफ्ती (PDP), अभिषेक बनर्जी (TMC), और CPIM से एक सदस्य है।  

सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने उसी दिन पेश होने के लिए बुलाया था, बैठक में शामिल नहीं होंगे। CPIM ने अभी तक समिति के लिए किसी सदस्य को नामित नहीं किया है और वह बैठक में भी अनुपस्थित रहेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि CPIM का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, इसका फैसला 16-17 सितंबर को होने वाली पोलित ब्यूरो की बैठक में लिया जाएगा। बता दें कि, जून में पटना में विपक्षी गुट की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्येक सीट से सबसे मजबूत उम्मीदवार को चुना जाएगा। 

गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद 1 सितंबर को जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टियां "जहां तक संभव हो" एक साथ चुनाव लड़ेंगी, और विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे की व्यवस्था "तुरंत शुरू" की जाएगी और "जल्द से जल्द" संपन्न की जाएगी।" विपक्षी नेताओं के अनुसार, जहां महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों को सुलझा लिया गया है, वहीं दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्य चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है। बैठक में आने वाले दिनों में होने वाले अभियानों और रैलियों को अंतिम रूप देने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

Muzaffarpur

Aug 30 2023, 12:25

पीके का राजद सुप्रीमो पर बड़ा हमला, कहा लालू यादव की पार्टी RJD के पास 1 भी MP नहीं और प्रधानमंत्री तय करने गए हैं

मुज़फ़्फ़रपुर : जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की विपक्षी एकता को लेकर चल रही कवायद पर हमला करते हुए कहा कि आज बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है और नीतीश कुमार का अहंकार है सबसे बड़ा। देश में है बिहार सबसे फिसड्डी और बात ऐसे करते हैं जैसे सबकुछ उन्होंने ही कर दिया है। 

आज RJD का एमपी है जीरो है, लेकिन प्रधानमंत्री से नीचे बात ही नहीं करते हैं। आज भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा वो ये तय कर रहे हैं। देश में बिहार सबसे गरीब और फिसड्डी है और नीतीश कुमार बात ऐसे करेंगे जैसे उन्होंने बिहार को अमेरिका बना दिया है।

नीतीश कुमार पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं मगर आज उनकी हालत अंधों में काना राजा की है। नीतीश कुमार बिहार में एकमात्र पढ़े लिखे व्यक्ति हैं, इस बात का भ्रम उनको हो गया है कि मैं ही सब जानता हूं, मुझे ही सब मालूम है। नीतीश कुमार आज अपने इर्दगिर्द सब बेवकूफ लोगों को बैठाए हुए हैं। आज बिहार में ऐसा नेता है जिसको नाम लिखना नहीं आता है और वहीं नीतीश कुमार को नाम लिखना आता है तो लोगों को लगता है वो बहुत बड़े विद्वान आदमी हैं। 

कहा कि बिहार में नेता ऐसा ही बनता आया है जो शर्ट के ऊपर गंजी पहनता हो और अपने को जमीनी नेता कहलवाने का दावा करता हो। आज नीतीश कुमार गंजी के ऊपर शर्ट पहन रहे हैं तो सबको लग रहा है कि वो विद्वान आदमी हैं। नीतीश कुमार पढ़े-लिखे व्यक्ति हो सकते हैं मगर वो बिहार के एकमात्र पढ़े लिखे व्यक्ति नहीं हैं। आज नीतीश कुमार से ज्यादा पढ़ा लिखा और समझदार लोग हजारों की संख्या में बिहार में है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

Muzaffarpur

Aug 23 2023, 15:38

देश की वर्तमान राजनीति पर पीके का बड़ा बयान : परिवारवाद देश और बिहार में कोढ़ के तौर पर लोकतंत्र को कर रहा खोखला, कोई भी दल इससे नहीं है अछूता

मुजफ्फरपुर : जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि परिवारवाद देश और बिहार में कोढ़ के तौर पर लोकतंत्र को खोखला कर रहा है। परिवारवाद आज की परेशानी नहीं है अगर समाज को याद होगा तो 1975 में जय प्रकाश नारायण का जो आंदोलन था उसमें परिवारवाद सबसे बड़ा मुद्दा था। आज इससे कोई पार्टी अछूती नहीं है। 

कहा कि ऐसा नहीं है कि ये RJD में हो रहा है या कांग्रेस में हो रहा है। आप भाजपा को देख लीजिए भाजपा के जो प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी इनके पिताजी कांग्रेस में विधायक मंत्री थे, उसके बाद लालू जी का दौर आया तो उसमें विधायक मंत्री बने, नीतीश कुमार का दौर आया तो उसमें विधायक मंत्री बने, मांझी जी का का दौर आया तो उसमें विधायक मंत्री बने। 

आज भाजपा को अपना नेतृत्व बनाना है तो उसी परिवार के कड़ी से बैठा कर किसी को उन्होंने बनाया है। बिहार में पिछले 30 साल में जितने लोग यहां MP, MLA बने हैं चाहें जिस दल से बने हों सब की सूची अगर आप बनायेगा तो आपको पता चलेगा कि साढ़े बारहा सौ परिवार के लोग ही MP, MLA बने हैं। 

परिवारवाद का ये असर है आप पार्टियों से इसे मत देखिये जो जिस पार्टी का दौर होता है उसी परिवार के लोग उसमें घुस जाते हैं। बता दें कि प्रशांत किशोर 11 महीने से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं, बुधवार को उन्होंने बांद्रा में ग्रामीणों को वोट की ताक़त के बारे में बताया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 19:42

मुखिया द्वारा कराये जा रहे विकास योजनाओं के कार्यों की समीक्षा करने का अधिकार सरपंच को दिए जाने का सरपंच मधु कुमारी ने किया स्वागत

मुजफ्फरपुर : बिहार सरकार द्वारा बिगत दिनों पंचायतों में मुखिया द्वारा कराये जा रहे बिकास योजनाओं के कार्यों की समीक्षा करने का अधिकार सरपंच को दीये जाने के निर्णय का सरपंच मधु कुमारी ने स्वागत किया है। 

मधु कुमारी ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेज कर आभार और ह्रदय से स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से सूबे के सरपंच प्रसन्न है। 

आगे सरपंच मधु कुमारी ने अपने पत्र में नीतीश कुमार को शुभकामना देते हुये लिखी है कि आज पूरा देश आपकी तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है। निश्चित तौर पर देश में बदलाव होगा।  

उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र एवं रजिस्टर्ड डाक के रशीद की छाया प्रति संलग्न की है। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

Raibareli

Aug 17 2023, 19:22

*पुलिस को टोकना और वीडियो बनाना पड़ा महंगा,किया गिरफ्तार*

Gaya

Aug 07 2023, 15:37

गुरूआ-करमाइन रोड बढ़ी बिगहा के पास तेज रफ्तार टेम्पो व बाइक में जोरदार टक्कर, बाइक चालक गम्भीर रुप से घायल, टेंपो चालक फरार

गया/गुरुआ। जिले के गुरुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरूआ-करमाइन रोड में बढ़ी बिगहा के पास तेज रफ्तार से टेम्पो व बाइक में जोरदार टक्कर हो गई। जिसमे बाइक का परखाचे उड़ गए. जबकि बाइक चालक गम्भीर होकर सड़क पर गिर पड़ा।

Muzaffarpur

Aug 01 2023, 21:02

लालू-नीतीश को जातीय जनगणना नहीं, जातियों की राजनीति करनी है: प्रशांत किशोर

समस्तीपुर: जातीय जनगणना पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं शुरुआती दौर से कहता आ रहा हूं कि सबसे पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से पूछा जाना चाहिए कि इसका कानूनी आधार क्या है? आज ये आम लोगों को आंख में धूल झोंकने के लिए सर्वे करवा रहे हैं। जातीय जनगणना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है। इन नेताओं को कोई जातीय जनगणना नहीं करवाना है। बिहार की जनता खुद सोच कर देखे कि नीतीश कुमार इतने लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं इसके बाद भी उन्होंने आज तक जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाया? RJD की सरकार थी, लालू यादव खुद 15 साल सरकार में थे, क्यों नहीं करवाया जातीय जनगणना? आज इन्हें ज्ञात हो रहा है? सच्चाई तो यह है कि इलेक्शन आने वाला है और कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है तो बाप-बाप कर रहे हैं। आज ये समाज को बांटने का काम कर रहे हैं इसके अलावा इनकी कोई मंशा नहीं है। पिछले 32 सालों से लालू-नीतीश मुख्यमंत्री हैं उस समय उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई ? अगर ये राज्य का मामला था तो पहले क्यों नहीं करवाया गया? सच्चाई तो यह है कि वो जातीय जनगणना है ही नहीं वो तो सर्वे है। जातियों की राजनीति करनी है ताकि सारा समाज बंटा रहे, सारा समाज अशिक्षित और अनपढ़ बना रहे, तभी तो 9वीं फेल को आज लोग उपमुख्यमंत्री मानेगा। बिहार के लोगों को समझने की जरूरत है कि अगर गरीब के बच्चे पढ़ लिख जाएंगे तो कौन इन अनपढ़ों को नेता मानेगा?

Gaya

Jul 31 2023, 18:48

संगीत प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ, मैगरा में हुवा संगीत संस्थान का स्थापना