बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

चिराग पासवान ने बिहार में भरी हुंकार, बोले- सभी 243 सीटों पर लड़ूंगा चुनाव

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. आरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा कि वो बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लोग हमसे हमेशा पूछते हैं कि क्या आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो इस सवाल का जवाब है- हां मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा और बिहार की सभी सीटों पर लड़ूंगा.

चिराग पासवान ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी एनडीए गठबंधन को मजबूत करने के लिए बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मेरा लक्ष्य है कि एनडीए जीत की ओर बढ़े. उन्होंने आगे कहा कि मैं बिहार से नहीं बल्कि बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा. यह फैसला मैं आप लोगों पर छोड़ता हूं. आप तय करें कि मुझे बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं और किस सीट से. मैं आपके फैसले का पालन करूंगा.

जंगल राज’ के लिए RJD के साथ कांग्रेस भी जिम्मेदार

अपने संबोधिन ने चिराग पासवान ने आरजेडी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस ‘जंगल राज’ की हम बात करते हैं, उसके लिए सिर्फ RJD ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी बराबर की जिम्मेदार है. यह हमारी सरकार है जिसने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया. पिछले साल उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले 23 जनवरी 2024 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी.

राहुल गांधी ने पहले ही हार स्वीकार ली- चिराग

वहीं, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप को लेकर चिराग ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं के साथ समस्या यह है कि जब आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होती है, तो वे चुनाव हारने के बहाने ढूंढते हैं. अगर राहुल गांधी को किसी संस्था में दोष खोजने की आवश्यकता है, तो वह संवैधानिक संस्था नहीं, बल्कि उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को दोष देना, किसी पर चुनाव फिक्सिंग का आरोप लगाना, यह कहना कि ईवीएम दोषपूर्ण है… यह सब दिखाता है कि राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में पहले ही हार स्वीकार कर ली है. बिहार के बाद, ये लोग असम और बंगाल जैसे राज्य भी हारेंगे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. उन्होंने कहा कि यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी.

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर नहीं- चिराग पासवान

चिराग ने शनिवार को भी कहा था कि बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकता हूं लेकिन सीएम की कुर्सी पर नजर नहीं है. चिराग ने कहा था कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, यह फैसला मेरी पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.

उन्होंने कहाकि अगर मैं लड़ता भी हूं, तो यह कोई असाधारण बात नहीं होगी. मेरी पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर होने से एनडीए को मदद मिलेगी. मगर यह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि मेरी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. ऐसा नहीं है.

5 मिनट तक गरजीं AK-47, अंग-अंग में धंसी गोलियां… कौन थे मंत्री बृजबिहारी, जिन्हें श्रीप्रकाश-मुन्ना ने अस्पताल में घुसकर मारा

उस दिन तारीख 13 जून 1998 की थी. शाम के पांच बज रहे थे, उस समय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के बेहद खास और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी सुरक्षा के लिए दो लेयर की सुरक्षा थी. पहले लेयर में 22 कमांडो थे. वहीं दूसरे लेयर में बिहार पुलिस का सुरक्षा घेरा था. ठीक उसी समय एक एंबेसडर कार और बुलेट पर सवार होकर पांच हथियारबंद लोग अस्पताल पहुंचे. इन्हें देखकर हड़कंप मच गया.

यह पांचों लोग धड़धड़ाते हुए अस्पताल में सीधे उस वार्ड में पहुंचे, जहां मंत्री बृजबिहारी प्रसाद भर्ती थे. फिर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और यह सभी लोग वापस निकलकर अपनी गाड़ियों में बैठे और फरार हो गए. बावजूद इसके, सुरक्षा घेरे में तैनात किसी पुलिसर्मी या कमांडो ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. रोकते भी कैसे? हमलावर कोई सामान्य बदमाश नहीं थे, बल्कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और उसके साथी थे. जिन्हें देखकर ही पुलिस वालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी. श्रीप्रकाश शुक्ला खुद सबसे आगे चल रहा था. उसके पीछे सुधीर त्रिपाठी और अनुज प्रताप सिंह था. वहीं सबसे पीछे आज के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी चल रहे थे.

सूरजभान पर लगा साजिश रचने का आरोप

वारदात के बाद कहा गया कि बृजबिहारी प्रसाद की हत्या बेऊर जेल में बंद मोकामा गैंग के सरगना सूरजभान सिंह ने कराई. हालांकि बाद में वारदात की पूरी कहानी सामने आ गई. दरअसल बृजबिहारी प्रसाद पर गैंगस्टर छोटन शुक्ला, उनके भाई भुटकुन शुक्ला और देवेन्द्र दूबे की हत्या कराने का आरोप था. कहा जाता है कि छोटन और भुटकन की हत्या के बाद इनके भाई मुन्ना शुक्ला ने जनेऊ हाथ में लेकर कसम ली थी कि वह बृजबिहारी प्रसाद का सर्वनाश करेगा.

श्रीप्रकाश ने किया था ऐलानिया कत्ल

चूंकि उस समय तक बृजबिहारी कड़े सुरक्षा घेरे में चलते थे, ऐसे में मुन्ना शुक्ला ने मोकामा गैंग के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला से संपर्क किया. इससे बिहार में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई थी. यह खबर जैसे ही बिहार सरकार को मिली, बृजबिहारी प्रसाद की सुरक्षा में 22 कमांडो तैनात कर दिए गए. लेकिन श्रीप्रकाश को इसकी परवाह कहां थी. वह 11 जून को गोरखपुर से पटना पहुंचा और उसी दिन आज अखबार के दफ्तर पहुंच कर ऐान कर दिया कि पटना में दो दिन के अंदर कुछ बड़ा होने वाला है. इसके बाद उसने 13 जून की शाम पांच बजे वारदात को अंजाम दिया और फिर आज अखबार के दफ्तर में फोन कर कहा कि ‘बृजबिहारी को इतनी गोलियां मारी है कि पूरा शरीर छेद ही छेद हो गया है.

हत्यारोपियों में केवल दो ही जिंदा बचे

इस वारदात से बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था. दबाव बढ़ने पर पुलिस ने दो दिन बाद यानी 15 जून को मुकदमा दर्ज किया. इसमें जेल में बंद सूरजभान के अलावा श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह, सुधीर त्रिपाठी, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी के साथ ललन सिंह, राजन तिवारी, भूपेंद्र दुबे और सतीश पांडेय समेत करीब दर्जन भर आरोपी बनाए गए थे. हालांकि बाद में जितने भी नाम जोड़े गए, उन सभी नामों को हाईकोर्ट ने हटा दिया. इसी प्रकार वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोगों में से श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह और सुधीर त्रिपाठी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मार दिए गए. ऐसे में जिंदा बचे मंटू तिवारी और मुन्ना शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चला और इन्हें पहले जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

विधायक के घर पर रूका था श्रीप्रकाश

बृजबिहारी की हत्या के बाद पांचों बदमाशों मुजफ्फरपुर से विधायक रघुनाथ पांडेय के आवास पर पहुंचे और करीब तीन घंटे तक ठहरे. यही पर उसने किसी हथियार डीलर से अपनी AK 47 के लिए मैगजीन लिया और फिर पटना से निकल गए. इस घटना से खुद सरकार भी दहशत में थी. खुद मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी सुरक्षा दो गुनी कर ली थी. इस घटना का जिक्र यूपी एसटीएफ के अधिकारी रहे राजेश पांडेय ने भी अपनी किताब वर्चस्व में किया है.

ऐसे हुई हुई थी मर्डर की प्लानिंग

कहा जाता है कि देवेंद्र दुबे के मर्डर के बाद बृजबिहारी प्रसाद बिहार अंडरवर्ल्ड पर कब्जा करना चाहते थे. हालांकि उस समय मोकामा गैंग के मुखिया सरगना सूरजभान सिंह काफी ताकतवर बन चुके थे. चूंकि बृजबिहारी मंत्री थे ही, ऐसे में उन्होंने जेल में सूरजभान की हत्या की साजिश रच डाली. उस समय तक गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की गैंग में शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला सूरजभान सिंह के संपर्क में आ चुका था. उस समय मुन्ना शुक्ला ने मौका देखा और सूरजभान से हाथ मिला लिया. फिर सूरजभान ने मुन्ना शुक्ला के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना संदेश भेज दिया. कहलवाया कि ‘गुरू दक्षिणा का यह सही समय है’. इस संदेश के बाद श्रीप्रकाश शुक्ला के पटना आने, यहां पर हथियार उपलब्ध कराने और वारदात के बाद हवाई जहाज से दिल्ली जाने की व्यवस्था मुन्ना शुक्ला ने कराई.

कौन थे बृजबिहारी प्रसाद?

बृजबिहारी प्रसाद आदा में रहने वाले एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता आदा में राजपरिवार की संपत्तियों के केयर टेकर थे. बृजबिहारी पढ़ाई लिखाई में तेज थे, इसलिए ना केवल मैट्रिक में टॉप किया, बल्कि सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर भी बन गए. उस समय बिहार में जातीय संघर्ष चरम पर था. कई बार दबंगों ने ठेका लेने के लिए उनकी कनपटी पर तमंचा भी सटा दिया था. इन घटनाओं से परेशान होकर बृजबिहारी ने नौकरी छोड़ दी और राजपूत समाज के कुछ युवाओं को अपने साथ मिलाकर राजनीति शुरू की. फिर चंद्रशेखर की पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ झा के संपर्क में आए और 1990 में पहली बार विधायक बने. इसके बाद वह धीरे धीरे लालू यादव के खास बनते चले गए.

ऐसे बने टकराव के हालात

छोटन शुक्ला की हत्या के बाद केशरिया सीट से भुटकन शुक्ला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. उनके सिर पर आनंद मोहन का हाथ था. ऐसे में बृजबिहारी प्रसाद को लगा कि उनका प्रभाव कम हो जाएगा. उसने भुटकन शुक्ला को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो 3 दिसंबर 1994 को पुलिस की वर्दी पहने गुंडों ने भुटकुन शुक्ला की हत्या कर दी. इसके बाद पटना से वैशाली तक आनंद मोहन की अगुवाई में भुटकुन शुक्ला की शव यात्रा निकाली गई. जैसे ही यह यात्रा गोपालगंज पहुंची, वहां के डीएम जी कृष्णैया ने शवयात्रा को रोक दिया. इससे नाराज भीड़ ने डीएम की हत्या कर दी. इस मामले में आनंद मोहन को आजीवन कारावास हुआ, हालांकि वह 14 साल सजा काटने के बाद बाहर आ चुके हैं. जैसे तैसे शवयात्रा वैशाली पहुंची, उस समय छोटन शुक्ला के छोटे भाई मुन्ना शुक्ला ने हाथ में चिता की राख और जनेऊ लेकर कसम खाई थी कि वह अपने दोनों भाइयों की हत्या का बदला जरूर लेंगे.

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

नीतीश सरकार के खिलाफ तेजस्वी यादव का धरना, बोले- अब कोई ऑफर स्वीकार नहीं, सीधे चुनाव होगा

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की राजधानी पटना में आज आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. तेजस्वी ने हांथों में पोस्टर पकड़े हुए दिखाई दिए. पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण की चोरी करना बंद करो. वहीं एक सवाल पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अब कोई ऑफर स्वीकार नहीं है.

दरअसल, ये सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल किए जाने को लेकर था. इस ऑफर वाले सवाल को सुनते ही तेजस्वी भड़क गए. मीडिया के सवाल पर भड़कते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अब सीधे चुनाव होगा. कोई ऑफर नहीं मिला है अब केवल चुनाव होगा. लालू जी और मैं ऑथराइज्ड हूं. आरक्षण के मुद्दे पर सदन से सड़क तक और कोर्ट से मीडिया के डिबेट तक RJD लड़ाई लड़ेगी.

16 प्रतिशत आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा

8 मार्च को तेजस्वी यादव ने कहा था कि हमारी सरकार की ओर से बिहार में बढ़ायी गई

बिहार बजट सत्र : विपक्ष के सवाल पर विस अध्यक्ष ने रख दिया ऐसा प्रस्ताव, सभी की बोलती हो गई बंद


डेस्क : बिहार विधान मंडल के बजट सत्र के दौरान आज मंगलवार को सदन के अंदर भारी हंगामा हुआ। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। दोनों एक दूसरे का पुराना इतिहास दोहराने लगे।

वहीं विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक बड़ा मजेदार मामला सामने आया है। विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने विपक्ष से ऐसा सवाल कर दिया कि विपक्षी दलों के सदस्यों की बोलती बंद हो गई। 

दरअसल विधानसभा स्पीकर नंदकिशोर यादव ने सदन में एक प्रस्ताव रखा, जिसको सुनकर विपक्ष निरुत्तर हो गया। स्पीकर ने प्रस्ताव रखा कि विपक्ष के विधायक को अपनी मांग पूरी कराने के लिए बजट के पक्ष में प्रस्ताव देना होगा। इसके बाद विपक्ष के सभी सदस्य हैरान रह गए और चुप्पी साध ली।

दरअसल, गुरुआ के RJD विधायक विनय कुमार सदन में सरकार से सवाल पूछ रहे थे। उच्च शिक्षा के लिए गुरुआ विधानसभा क्षेत्र में सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण आने वाली परेशानियों का जिक्र किया। 30 फीसदी स्टूडेंट्स के उच्च शिक्षा से वंचित होने का हवाला दिया।

इस बजट में भी डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है, इसलिए उन्होंने जल्द डिग्री कॉलेज खोलने का अनुरोध किया। मंत्री ने कहा कि विधायकों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए ही इस बजट में नए डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। स्पीकर ने कहा कि ये मांग तभी पूरी होगी जब विपक्ष के विधायक भी बजट के पक्ष में अपना समर्थन दें।

बेगूसराय में CM नीतीश बोले-पहले लड़कियां कपड़ा पहनती थी ठीक
बिहार के CM नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर हैं। यात्रा के दौरान शनिवार को CM बेगूसराय पहुंचे। यहां जीविका दीदियों से बात करते हुए नीतीश ने कहा, 'पहले कोई लड़की कपड़ा पहनती थी ठीक। अब कितना बढ़िया हो गया। सब अच्छा कपड़ा पहन रहीं हैं। पहले नहीं बोल पाती थी। अब बहुत अच्छा है। जहां भी जाते हैं जीविका दीदी से बात करते हैं।'

मुख्यमंत्री जब ये बातें कर रहे थे, उस दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और मंत्री विजय कुमार चौधरी भी वहीं थे।

इससे पहले समस्तीपुर में 13 जनवरी को जीविका दीदियों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि 'हम सभी को माता ने ही पैदा किया है।' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इतना बोलते ही डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कह दिया कि चलिए न सर... हो गया।

RJD लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर सवाल उठा रही है। RJD डी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने यात्रा से पहले कहा था कि नीतीश कुमार यात्रा पर नहीं जा रहे हैं बल्कि आंख सेंकने जा रहे हैं। वहीं तेजस्वी यादव लगातार दावा कर रहे हैं कि नीतीश की तबीयत ठीक नही हैं और वह थक चुके हैं। सरकार कुछ अधिकारी चला रहे हैं।

600 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और शुरुआत

बेगूसराय में CM 600 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने वाले हैं। उनका मुख्य कार्यक्रम मटिहानी प्रखंड के मनियप्पा में है, जहां वह कई योजनाओं की शुरुआत की। साथ ही जीविका के लगाए स्टॉल का निरीक्षण भी किया। इसके अलावा मनियप्पा में नवनिर्मित तालाब का उद्घाटन किया और इसमें बीज छोड़े।

समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) के स्टॉल का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। बेगूसराय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 8वीं यात्रा है, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है, जब तीन जगह पर दो-दो हेलीपैड बनाए गए हैं।तेजस्वी बोले- CM हैं, स्त्री परिधान वैज्ञानिक' मत बनिए

बेगूसराय में लड़कियों के कपड़े को लेकर सीएम के बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा- 'पहले बिहार की बेटियां कपड़े ही नहीं, स्वाभिमान, स्वावलंबन और सम्मान भी पहनती थीं नीतीश कुमार जी।' तेजस्वी ने सोशल मीडिया X पर सीएम के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा-
‘स्त्री परिधान वैज्ञानिक' मत बनिए’! आप CM हैं वूमन फैशन डिजाइनर नहीं। 'स्त्री परिधान विशेषज्ञ' बनकर अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन बंद कीजिए। ये बयान नहीं, बिहार की आधी आबादी का सीधा अपमान है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
महिलाओं को लेकर फिसली नीतीश कुमार की जुबान, जानें क्या कहा गए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीसरे चरण की प्रगति यात्रा पर आज बेगूसराय पहुंचे हैं. यहां उन्होंने जनता से बातचीत की. इसी दौरान उन्होंने महिलाओं को लेकर कुछ ऐसा बोल दिया, जिसके बाद एक बार फिर विवाद छिड़ गया है.

जीविका दीदियों से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा कि पहले लड़कियां कपड़ा पहनती थी जी? अब कितना बढ़िया हो गया है. सब कितना अच्छा पहन रही हैं और बोलती है कितना बढ़िया हैं. पहले यह बात नहीं बोल पाती थी. अब बहुत अच्छा हो गया है. अब कितना अच्छा लग रहा है. जब महिलाएं बढ़िया कपड़ा पहनकर कार्यक्रम में उपस्थित हो रही हैं.

इस बयान को कैसे काउंटर करेंगे नीतीश

नीतीश के इस बयान को लेकर अब कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. लोग नीतीश के इस बयान पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं. लोगों की माने तो एक मुख्यमंत्री को इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए. पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखनी चाहिए. जिससे किसी भी भावनाएं आहत न हों. अब देखना हो कि नीतीश अपने इस बयान का काउंटर कैसे करते हैं.

नीतीश की इस यात्रा को लेकर RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार यात्रा पर नहीं, बल्कि ‘आंख सेंकने’ जा रहे हैं.

कैसा है नीतीश की प्रगति यात्रा का रूट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तीसरे चरण की प्रगति यात्रा का शुभारंभ खगड़िया जिले से हुआ. तीसरे चरण में 20 जनवरी, 21 जनवरी, 22 जनवरी, 27 जनवरी और 28 जनवरी को मधेपुरा में रात्रि विश्राम करेंगे. इस फेज में सीएम की 29 जनवरी तक कुल 9 जिलों में प्रगति यात्रा होगी.

बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

चिराग पासवान ने बिहार में भरी हुंकार, बोले- सभी 243 सीटों पर लड़ूंगा चुनाव

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. आरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा कि वो बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लोग हमसे हमेशा पूछते हैं कि क्या आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो इस सवाल का जवाब है- हां मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा और बिहार की सभी सीटों पर लड़ूंगा.

चिराग पासवान ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी एनडीए गठबंधन को मजबूत करने के लिए बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मेरा लक्ष्य है कि एनडीए जीत की ओर बढ़े. उन्होंने आगे कहा कि मैं बिहार से नहीं बल्कि बिहार के लिए चुनाव लड़ूंगा. यह फैसला मैं आप लोगों पर छोड़ता हूं. आप तय करें कि मुझे बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं और किस सीट से. मैं आपके फैसले का पालन करूंगा.

जंगल राज’ के लिए RJD के साथ कांग्रेस भी जिम्मेदार

अपने संबोधिन ने चिराग पासवान ने आरजेडी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस ‘जंगल राज’ की हम बात करते हैं, उसके लिए सिर्फ RJD ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी बराबर की जिम्मेदार है. यह हमारी सरकार है जिसने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया. पिछले साल उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले 23 जनवरी 2024 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी.

राहुल गांधी ने पहले ही हार स्वीकार ली- चिराग

वहीं, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप को लेकर चिराग ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं के साथ समस्या यह है कि जब आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होती है, तो वे चुनाव हारने के बहाने ढूंढते हैं. अगर राहुल गांधी को किसी संस्था में दोष खोजने की आवश्यकता है, तो वह संवैधानिक संस्था नहीं, बल्कि उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को दोष देना, किसी पर चुनाव फिक्सिंग का आरोप लगाना, यह कहना कि ईवीएम दोषपूर्ण है… यह सब दिखाता है कि राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव में पहले ही हार स्वीकार कर ली है. बिहार के बाद, ये लोग असम और बंगाल जैसे राज्य भी हारेंगे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था. उन्होंने कहा कि यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी.

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर नहीं- चिराग पासवान

चिराग ने शनिवार को भी कहा था कि बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकता हूं लेकिन सीएम की कुर्सी पर नजर नहीं है. चिराग ने कहा था कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, यह फैसला मेरी पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.

उन्होंने कहाकि अगर मैं लड़ता भी हूं, तो यह कोई असाधारण बात नहीं होगी. मेरी पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर होने से एनडीए को मदद मिलेगी. मगर यह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि मेरी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. ऐसा नहीं है.

5 मिनट तक गरजीं AK-47, अंग-अंग में धंसी गोलियां… कौन थे मंत्री बृजबिहारी, जिन्हें श्रीप्रकाश-मुन्ना ने अस्पताल में घुसकर मारा

उस दिन तारीख 13 जून 1998 की थी. शाम के पांच बज रहे थे, उस समय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के बेहद खास और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था. उनकी सुरक्षा के लिए दो लेयर की सुरक्षा थी. पहले लेयर में 22 कमांडो थे. वहीं दूसरे लेयर में बिहार पुलिस का सुरक्षा घेरा था. ठीक उसी समय एक एंबेसडर कार और बुलेट पर सवार होकर पांच हथियारबंद लोग अस्पताल पहुंचे. इन्हें देखकर हड़कंप मच गया.

यह पांचों लोग धड़धड़ाते हुए अस्पताल में सीधे उस वार्ड में पहुंचे, जहां मंत्री बृजबिहारी प्रसाद भर्ती थे. फिर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और यह सभी लोग वापस निकलकर अपनी गाड़ियों में बैठे और फरार हो गए. बावजूद इसके, सुरक्षा घेरे में तैनात किसी पुलिसर्मी या कमांडो ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. रोकते भी कैसे? हमलावर कोई सामान्य बदमाश नहीं थे, बल्कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और उसके साथी थे. जिन्हें देखकर ही पुलिस वालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी. श्रीप्रकाश शुक्ला खुद सबसे आगे चल रहा था. उसके पीछे सुधीर त्रिपाठी और अनुज प्रताप सिंह था. वहीं सबसे पीछे आज के बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी चल रहे थे.

सूरजभान पर लगा साजिश रचने का आरोप

वारदात के बाद कहा गया कि बृजबिहारी प्रसाद की हत्या बेऊर जेल में बंद मोकामा गैंग के सरगना सूरजभान सिंह ने कराई. हालांकि बाद में वारदात की पूरी कहानी सामने आ गई. दरअसल बृजबिहारी प्रसाद पर गैंगस्टर छोटन शुक्ला, उनके भाई भुटकुन शुक्ला और देवेन्द्र दूबे की हत्या कराने का आरोप था. कहा जाता है कि छोटन और भुटकन की हत्या के बाद इनके भाई मुन्ना शुक्ला ने जनेऊ हाथ में लेकर कसम ली थी कि वह बृजबिहारी प्रसाद का सर्वनाश करेगा.

श्रीप्रकाश ने किया था ऐलानिया कत्ल

चूंकि उस समय तक बृजबिहारी कड़े सुरक्षा घेरे में चलते थे, ऐसे में मुन्ना शुक्ला ने मोकामा गैंग के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला से संपर्क किया. इससे बिहार में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई थी. यह खबर जैसे ही बिहार सरकार को मिली, बृजबिहारी प्रसाद की सुरक्षा में 22 कमांडो तैनात कर दिए गए. लेकिन श्रीप्रकाश को इसकी परवाह कहां थी. वह 11 जून को गोरखपुर से पटना पहुंचा और उसी दिन आज अखबार के दफ्तर पहुंच कर ऐान कर दिया कि पटना में दो दिन के अंदर कुछ बड़ा होने वाला है. इसके बाद उसने 13 जून की शाम पांच बजे वारदात को अंजाम दिया और फिर आज अखबार के दफ्तर में फोन कर कहा कि ‘बृजबिहारी को इतनी गोलियां मारी है कि पूरा शरीर छेद ही छेद हो गया है.

हत्यारोपियों में केवल दो ही जिंदा बचे

इस वारदात से बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था. दबाव बढ़ने पर पुलिस ने दो दिन बाद यानी 15 जून को मुकदमा दर्ज किया. इसमें जेल में बंद सूरजभान के अलावा श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह, सुधीर त्रिपाठी, मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी के साथ ललन सिंह, राजन तिवारी, भूपेंद्र दुबे और सतीश पांडेय समेत करीब दर्जन भर आरोपी बनाए गए थे. हालांकि बाद में जितने भी नाम जोड़े गए, उन सभी नामों को हाईकोर्ट ने हटा दिया. इसी प्रकार वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोगों में से श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह और सुधीर त्रिपाठी यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मार दिए गए. ऐसे में जिंदा बचे मंटू तिवारी और मुन्ना शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चला और इन्हें पहले जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

विधायक के घर पर रूका था श्रीप्रकाश

बृजबिहारी की हत्या के बाद पांचों बदमाशों मुजफ्फरपुर से विधायक रघुनाथ पांडेय के आवास पर पहुंचे और करीब तीन घंटे तक ठहरे. यही पर उसने किसी हथियार डीलर से अपनी AK 47 के लिए मैगजीन लिया और फिर पटना से निकल गए. इस घटना से खुद सरकार भी दहशत में थी. खुद मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी सुरक्षा दो गुनी कर ली थी. इस घटना का जिक्र यूपी एसटीएफ के अधिकारी रहे राजेश पांडेय ने भी अपनी किताब वर्चस्व में किया है.

ऐसे हुई हुई थी मर्डर की प्लानिंग

कहा जाता है कि देवेंद्र दुबे के मर्डर के बाद बृजबिहारी प्रसाद बिहार अंडरवर्ल्ड पर कब्जा करना चाहते थे. हालांकि उस समय मोकामा गैंग के मुखिया सरगना सूरजभान सिंह काफी ताकतवर बन चुके थे. चूंकि बृजबिहारी मंत्री थे ही, ऐसे में उन्होंने जेल में सूरजभान की हत्या की साजिश रच डाली. उस समय तक गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की गैंग में शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला सूरजभान सिंह के संपर्क में आ चुका था. उस समय मुन्ना शुक्ला ने मौका देखा और सूरजभान से हाथ मिला लिया. फिर सूरजभान ने मुन्ना शुक्ला के जरिए श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना संदेश भेज दिया. कहलवाया कि ‘गुरू दक्षिणा का यह सही समय है’. इस संदेश के बाद श्रीप्रकाश शुक्ला के पटना आने, यहां पर हथियार उपलब्ध कराने और वारदात के बाद हवाई जहाज से दिल्ली जाने की व्यवस्था मुन्ना शुक्ला ने कराई.

कौन थे बृजबिहारी प्रसाद?

बृजबिहारी प्रसाद आदा में रहने वाले एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता आदा में राजपरिवार की संपत्तियों के केयर टेकर थे. बृजबिहारी पढ़ाई लिखाई में तेज थे, इसलिए ना केवल मैट्रिक में टॉप किया, बल्कि सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर भी बन गए. उस समय बिहार में जातीय संघर्ष चरम पर था. कई बार दबंगों ने ठेका लेने के लिए उनकी कनपटी पर तमंचा भी सटा दिया था. इन घटनाओं से परेशान होकर बृजबिहारी ने नौकरी छोड़ दी और राजपूत समाज के कुछ युवाओं को अपने साथ मिलाकर राजनीति शुरू की. फिर चंद्रशेखर की पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ झा के संपर्क में आए और 1990 में पहली बार विधायक बने. इसके बाद वह धीरे धीरे लालू यादव के खास बनते चले गए.

ऐसे बने टकराव के हालात

छोटन शुक्ला की हत्या के बाद केशरिया सीट से भुटकन शुक्ला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. उनके सिर पर आनंद मोहन का हाथ था. ऐसे में बृजबिहारी प्रसाद को लगा कि उनका प्रभाव कम हो जाएगा. उसने भुटकन शुक्ला को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो 3 दिसंबर 1994 को पुलिस की वर्दी पहने गुंडों ने भुटकुन शुक्ला की हत्या कर दी. इसके बाद पटना से वैशाली तक आनंद मोहन की अगुवाई में भुटकुन शुक्ला की शव यात्रा निकाली गई. जैसे ही यह यात्रा गोपालगंज पहुंची, वहां के डीएम जी कृष्णैया ने शवयात्रा को रोक दिया. इससे नाराज भीड़ ने डीएम की हत्या कर दी. इस मामले में आनंद मोहन को आजीवन कारावास हुआ, हालांकि वह 14 साल सजा काटने के बाद बाहर आ चुके हैं. जैसे तैसे शवयात्रा वैशाली पहुंची, उस समय छोटन शुक्ला के छोटे भाई मुन्ना शुक्ला ने हाथ में चिता की राख और जनेऊ लेकर कसम खाई थी कि वह अपने दोनों भाइयों की हत्या का बदला जरूर लेंगे.

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

नीतीश सरकार के खिलाफ तेजस्वी यादव का धरना, बोले- अब कोई ऑफर स्वीकार नहीं, सीधे चुनाव होगा

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की राजधानी पटना में आज आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. तेजस्वी ने हांथों में पोस्टर पकड़े हुए दिखाई दिए. पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण की चोरी करना बंद करो. वहीं एक सवाल पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अब कोई ऑफर स्वीकार नहीं है.

दरअसल, ये सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल किए जाने को लेकर था. इस ऑफर वाले सवाल को सुनते ही तेजस्वी भड़क गए. मीडिया के सवाल पर भड़कते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अब सीधे चुनाव होगा. कोई ऑफर नहीं मिला है अब केवल चुनाव होगा. लालू जी और मैं ऑथराइज्ड हूं. आरक्षण के मुद्दे पर सदन से सड़क तक और कोर्ट से मीडिया के डिबेट तक RJD लड़ाई लड़ेगी.

16 प्रतिशत आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा

8 मार्च को तेजस्वी यादव ने कहा था कि हमारी सरकार की ओर से बिहार में बढ़ायी गई

बिहार बजट सत्र : विपक्ष के सवाल पर विस अध्यक्ष ने रख दिया ऐसा प्रस्ताव, सभी की बोलती हो गई बंद


डेस्क : बिहार विधान मंडल के बजट सत्र के दौरान आज मंगलवार को सदन के अंदर भारी हंगामा हुआ। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। दोनों एक दूसरे का पुराना इतिहास दोहराने लगे।

वहीं विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक बड़ा मजेदार मामला सामने आया है। विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने विपक्ष से ऐसा सवाल कर दिया कि विपक्षी दलों के सदस्यों की बोलती बंद हो गई। 

दरअसल विधानसभा स्पीकर नंदकिशोर यादव ने सदन में एक प्रस्ताव रखा, जिसको सुनकर विपक्ष निरुत्तर हो गया। स्पीकर ने प्रस्ताव रखा कि विपक्ष के विधायक को अपनी मांग पूरी कराने के लिए बजट के पक्ष में प्रस्ताव देना होगा। इसके बाद विपक्ष के सभी सदस्य हैरान रह गए और चुप्पी साध ली।

दरअसल, गुरुआ के RJD विधायक विनय कुमार सदन में सरकार से सवाल पूछ रहे थे। उच्च शिक्षा के लिए गुरुआ विधानसभा क्षेत्र में सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण आने वाली परेशानियों का जिक्र किया। 30 फीसदी स्टूडेंट्स के उच्च शिक्षा से वंचित होने का हवाला दिया।

इस बजट में भी डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है, इसलिए उन्होंने जल्द डिग्री कॉलेज खोलने का अनुरोध किया। मंत्री ने कहा कि विधायकों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए ही इस बजट में नए डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। स्पीकर ने कहा कि ये मांग तभी पूरी होगी जब विपक्ष के विधायक भी बजट के पक्ष में अपना समर्थन दें।

बेगूसराय में CM नीतीश बोले-पहले लड़कियां कपड़ा पहनती थी ठीक
बिहार के CM नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर हैं। यात्रा के दौरान शनिवार को CM बेगूसराय पहुंचे। यहां जीविका दीदियों से बात करते हुए नीतीश ने कहा, 'पहले कोई लड़की कपड़ा पहनती थी ठीक। अब कितना बढ़िया हो गया। सब अच्छा कपड़ा पहन रहीं हैं। पहले नहीं बोल पाती थी। अब बहुत अच्छा है। जहां भी जाते हैं जीविका दीदी से बात करते हैं।'

मुख्यमंत्री जब ये बातें कर रहे थे, उस दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और मंत्री विजय कुमार चौधरी भी वहीं थे।

इससे पहले समस्तीपुर में 13 जनवरी को जीविका दीदियों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि 'हम सभी को माता ने ही पैदा किया है।' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इतना बोलते ही डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कह दिया कि चलिए न सर... हो गया।

RJD लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर सवाल उठा रही है। RJD डी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने यात्रा से पहले कहा था कि नीतीश कुमार यात्रा पर नहीं जा रहे हैं बल्कि आंख सेंकने जा रहे हैं। वहीं तेजस्वी यादव लगातार दावा कर रहे हैं कि नीतीश की तबीयत ठीक नही हैं और वह थक चुके हैं। सरकार कुछ अधिकारी चला रहे हैं।

600 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और शुरुआत

बेगूसराय में CM 600 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने वाले हैं। उनका मुख्य कार्यक्रम मटिहानी प्रखंड के मनियप्पा में है, जहां वह कई योजनाओं की शुरुआत की। साथ ही जीविका के लगाए स्टॉल का निरीक्षण भी किया। इसके अलावा मनियप्पा में नवनिर्मित तालाब का उद्घाटन किया और इसमें बीज छोड़े।

समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) के स्टॉल का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। बेगूसराय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 8वीं यात्रा है, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है, जब तीन जगह पर दो-दो हेलीपैड बनाए गए हैं।तेजस्वी बोले- CM हैं, स्त्री परिधान वैज्ञानिक' मत बनिए

बेगूसराय में लड़कियों के कपड़े को लेकर सीएम के बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा- 'पहले बिहार की बेटियां कपड़े ही नहीं, स्वाभिमान, स्वावलंबन और सम्मान भी पहनती थीं नीतीश कुमार जी।' तेजस्वी ने सोशल मीडिया X पर सीएम के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा-
‘स्त्री परिधान वैज्ञानिक' मत बनिए’! आप CM हैं वूमन फैशन डिजाइनर नहीं। 'स्त्री परिधान विशेषज्ञ' बनकर अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन बंद कीजिए। ये बयान नहीं, बिहार की आधी आबादी का सीधा अपमान है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
महिलाओं को लेकर फिसली नीतीश कुमार की जुबान, जानें क्या कहा गए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीसरे चरण की प्रगति यात्रा पर आज बेगूसराय पहुंचे हैं. यहां उन्होंने जनता से बातचीत की. इसी दौरान उन्होंने महिलाओं को लेकर कुछ ऐसा बोल दिया, जिसके बाद एक बार फिर विवाद छिड़ गया है.

जीविका दीदियों से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा कि पहले लड़कियां कपड़ा पहनती थी जी? अब कितना बढ़िया हो गया है. सब कितना अच्छा पहन रही हैं और बोलती है कितना बढ़िया हैं. पहले यह बात नहीं बोल पाती थी. अब बहुत अच्छा हो गया है. अब कितना अच्छा लग रहा है. जब महिलाएं बढ़िया कपड़ा पहनकर कार्यक्रम में उपस्थित हो रही हैं.

इस बयान को कैसे काउंटर करेंगे नीतीश

नीतीश के इस बयान को लेकर अब कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. लोग नीतीश के इस बयान पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं. लोगों की माने तो एक मुख्यमंत्री को इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए. पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखनी चाहिए. जिससे किसी भी भावनाएं आहत न हों. अब देखना हो कि नीतीश अपने इस बयान का काउंटर कैसे करते हैं.

नीतीश की इस यात्रा को लेकर RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार यात्रा पर नहीं, बल्कि ‘आंख सेंकने’ जा रहे हैं.

कैसा है नीतीश की प्रगति यात्रा का रूट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तीसरे चरण की प्रगति यात्रा का शुभारंभ खगड़िया जिले से हुआ. तीसरे चरण में 20 जनवरी, 21 जनवरी, 22 जनवरी, 27 जनवरी और 28 जनवरी को मधेपुरा में रात्रि विश्राम करेंगे. इस फेज में सीएम की 29 जनवरी तक कुल 9 जिलों में प्रगति यात्रा होगी.