తెలంగాణ రైతులకు గుడ్ న్యూస్.. త్వరలోనే మీ పొలాలకు..

తెలంగాణ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై కసరత్తు చేస్తోందని డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్క తెలిపారు. త్వరలోనే రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన చెప్పారు.

తెలంగాణ రైతులకు(Farmers) ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క (Bhatti Vikramarka) శుభవార్త చెప్పారు. రైతుల బోరు బావులకు కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం ఉచితంగా సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన తెలిపారు. దీని ద్వారా అన్నదాతలకు అదనపు ఆదాయం వస్తుందని భట్టి ఆశాభావం వ్యక్తం చేశారు. అశ్వరావుపేట ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో నిర్మించిన పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవంలో డిప్యూటీ సీఎం పాల్గొన్నారు. రూ.36కోట్లతో నిర్మించిన 2.5 మెగావాట్ల పవర్ ప్లాంట్‌ను డిప్యూటీ సీఎం భట్టితోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరెడ్డి ప్రారంభించారు.

ఈ సందర్భంగా ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క మాట్లాడుతూ.." న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై తెలంగాణ ప్రభుత్వం కసరత్తు చేస్తోంది. త్వరలో రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేస్తాం. దీని ద్వారా రైతులకు కరెంట్ ఖర్చు ఉండదు. పైగా సోలార్ ప్యానల్స్ ద్వారా మిగిలిన విద్యుత్‌ను గ్రిడ్‌కు సరఫరా చేయడం వల్ల రైతులకు అదనపు ఆదాయం వస్తుంది. పంటతోపాటు పవర్‌పైనా అన్నదాతలు అదనపు లాభం పొందేలా పైలట్ ప్రాజెక్టు చేపట్టనున్నాం. ముందుగా పైలట్ ప్రాజెక్టు కింద కొన్ని గ్రామాల్లో ప్రభుత్వ ఖర్చుతో రూఫ్ టాప్ సోలార్ ప్రాజెక్టు చేపడతాం. విజయ దశమి రోజు ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో బయో మాస్ పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవం చేయడం ఎంతో సంతోషంగా ఉంది. ప్రపంచమంతా థర్మల్ పవర్ నుంచి గ్రీన్ పవర్ వైపు అడుగులు వేస్తోంది. తెలంగాణలో 20 వేల మెగావాట్ల గ్రీన్ ఎనర్జీ స్థాపనకు ప్రణాళికలు సిద్ధం చేస్తున్నాం. దేశ చరిత్రలో ఎక్కడా లేని విధంగా రుణమాఫీ చేశాం. బీఆర్ఎస్ పార్టీ నేతలు రుణమాఫీపై విమర్శలు చేస్తున్నారు. మేము చేసిన మంచిని చూసి వాళ్లు ఓర్వలేకపోతున్నారు. పంటల బీమా ప్రీమియం ప్రభుత్వమే చెల్లిస్తుంది. రూ.73వేల కోట్లు తెలంగాణ బడ్జెట్‌లో వ్యవసాయ రంగానికి కేటాయించాం" అని చెప్పారు.

అనంతరం అశ్వరావుపేటలో ఆయిల్ పామ్ రైతులకు సాగు, పంట విస్తరణపై అవగాహన సదస్సు నిర్వహించారు. ఆయిల్ ఫెడ్ ఆధ్వర్యంలో ప్రముఖ వ్యవసాయ శాస్త్రవేత్తలతో రైతులకు అవగాహన కల్పించారు. ఈ కార్యక్రమానికి ముఖ్య అతిథులుగా డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్కతోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరావు, ఎమ్మెల్యేలు జారే ఆదినారాయణ, కూనంనేని, రాగమయి, ఆయిల్ ఫెడ్ ఛైర్మన్ జంగా రాఘవరెడ్డి హాజరయ్యారు.

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, ईडी ने दर्ज की नई शिकायत, मुडा मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप

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मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री मूडा में कथित घोटाले को लेकर लगातार घिरते जा रहे हैं। अब उनके और अन्य लोगों के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई गई है। मुडा मामले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। मूडा मामले में सुबूतों को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतीन्द्रा के खिलाफ ईडी ने एक और शिकायत को दर्ज किया है।

प्रदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सिद्धारमैया एवं अन्य के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के लिए जांच और मामला दर्ज करने की मांग की।इस शिकायत में दावा किया गया है कि मुडा अधिकारियों की संलिप्तता से साइटों को पुनः प्राप्त करके साक्ष्य नष्ट कर दिए गए हैं। प्रदीप कुमार ने जांच का अनुरोध किया है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है।

25 सितंबर को विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम सिद्धरमैया, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी एवं देवराजू सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। ईडी ने भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में मामला दर्ज किया है। वहीं पार्वती ने भूखंड लौटाने की पेशकश की तो एमयूडीए ने उनको आवंटित 14 भूखंडों को वापस ले लिया है।

कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है?

मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री की पत्नी का 50:50 योजना से क्या संबंध?

आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।

मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया था, जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित की गई थीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।

टीवी स्क्रीन की सुरक्षा,फोन की तरह टीवी में भी लगा सकते है स्क्रीन गार्ड, जाने

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सिद्धारमैया की बढ़ी मुश्किलें तो पत्नी ने उठाया बड़ा कदम, क्या प्लॉट सरेंडर करने से कम होगी मुश्किल?

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कर्नाटक के चर्चित मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सिद्धारमैया के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुडा स्कैम में सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी की जांच शुरू कर दी है। इस बीच सिद्धारमैया की पत्नी ने बड़ा कदम उठाया है। पार्वती ने मुडा को पत्र लिखकर उन्हें आवंटित 14 प्लॉट वापस करने की बात कही है। अब सवाल उठता है कि जमीन लौटाने का दांव कारगर साबित होगा? 

सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण मुडा को पत्र लिखा है। पार्वती ने कहा है कि मुडा से मुझे जो प्लॉट मिले हैं, वो मैं वापस करना चाहती हूं। पार्वती ने मुडा से कहा है कि उनके लिए पति ज्यादा जरूरी है, इसलिए मैं उन 14 साइटों को वापस करना चाहती हूं, जो मुझे आवंटित की गई है। पार्वती के इस फैसले पर मुडा की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं सिद्धारमैया ने पार्वती के इस पत्र पर कहा है कि ये उनका फैसला है, लेकिन मैं लंबी लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार हूं।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुडा भूमि मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पार्वती और अन्य पर मामला दर्ज किया है। एफआईआर में पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी भी शामिल हैं। आरोप है कि उन्होंने जमीन खरीदी थी और बाद में उसे पार्वती को तोहफे में दे दिया था। यह मामला लोकायुक्त की एफआईआर के बाद दर्ज किया गया है। ईडी का मामला इस आरोप पर आधारित है कि पार्वती को मैसूरु के एक प्रमुख स्थान पर मुआवजे के 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे। इस प्लॉट आवंटन में लेनदेन की वैधता पर सवाल उठे हैं। 

पिछले हफ्ते बेंगलुरु की एक विशेष अदालत द्वारा मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच का आदेश देने के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार, सिद्धारमैया को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए ईडी अधिकृत है और जांच के दौरान उनकी संपत्ति भी कुर्क कर सकता है। पिछले हफ्ते एक बयान में, सिद्धारमैया ने आरोपों का जवाब देते हुए दावा किया कि राजनीतिक प्रतिशोध के परिणामस्वरूप मामले में उन्हें अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

साल 2020 में मुडा ने एक स्कीम की शुरुआत की। स्कीम में कहा गया कि जिन लोगों की जमीन विकास के काम के लिए लिया जाएगा, उन्हें 50-50 पॉलिसी के तहत मैसूर शहर में प्लॉट और मुआवजा दिया जाएगा। बीजेपी सरकार की तरफ से शुरू की गई इस स्कीम की खूब आलोचना हुई, जिसके बाद 2023 में इसे रद्द कर दिया गया। सिद्धारमैया परिवार पर फर्जी दस्तावेज और पावर का दुरुपयोग कर इस स्कीम का लाभ लेने का आरोप है। सिद्धारमैया की पत्नी पर करीब 55 करोड़ रुपए का लाभ लेने का आरोप है। हालांकि, सिद्धारमैया इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।

लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।

सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।

केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।

खरगे ने क्या कहा?

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।

खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम सिद्धारमैया की कुर्सी संकट में! बीजेपी मांग रही इस्तीफा*
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में उन्हें हाई कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट की ओर से फैसला आने के बाद अब उन पर बीजेपी हमलावर दिख रही है। विपक्ष लगातार उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है। *सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग* केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। सरकार और सिद्धारमैया ने गड़बड़ी की है। उनको सीएम पद से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था पर वो सच जानते हैं और जांच से बचना चाहते हैं। इसलिए राज्यपाल के फैसले को चैलेंज किया। गवर्नर के फोटो को चप्पल से मारा गया। यह टेरर पैदा करने के लिए किया गया। बिना देरी किए सिद्धारमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए। इसकी विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिसके लिए उनको इस्तीफा देना चाहिए। *बीजेपी का कर्नाटक सरकार गिराने का इराना नहीं-प्रह्लाद जोशी* प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि बिना पॉलिटिकल पावर के यह नहीं हो सकता। सीबीआई से इसकी जांच कराई जाए। बीजेपी का कर्नाटक सरकार गिराने या अस्थिर करने का न इरादा है और न कोई ऐसी कोशिश कर रहे हैं। यह कांग्रेस को तय करना है कि कौन सीएम बनेगा। किसी और को सीएम बनाए कांग्रेस। बीजेपी विपक्ष में ही बैठेगी। *सिद्धारमैया बोले- सच्चाई जल्द सामने आएगी* वहीं, कोर्ट के इस आदेश के बाद सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने बीजेपी और जेडीएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सियासी लड़ाई है। प्रदेश की जनता मेरे साथ है। मुझे विश्वास है अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आएगी और जांच रद्द हो जाएगी। सिद्धारमैया ने कहा, न्यायालय ने धारा 218 के तहत राज्यपाल द्वारा जारी आदेश को सिरे से खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने खुद को राज्यपाल के आदेश की धारा 17ए तक ही सीमित रखा। मैं विशेषज्ञों से परामर्श करूंगा कि क्या कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं। मैं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा कर लड़ाई की रूपरेखा तय करूंगा। *सिद्दारमैया के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का है विकल्प* हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच को मंजूरी दिए जाने के गवर्नर के फैसले पर मुहर लगाकर सिद्दारमैया को भारी संकट में ला दिया है। अभी तक हाई कोर्ट से स्थगन आदेश की वजह से निचली अदालत से इस मामले में कार्रवाई शुरू नहीं हो रही थी। अब इस स्थगन आदेश से रोक हट गया है और सिद्दारमैया पर कानूनी शिकंजा कसने की आशंका है। विपक्ष पहले से ही उनपर पद छोड़ने का दबाव बना रहा है और कांग्रेस पार्टी के अंदर भी इसको लेकर काफी विवाद रहा है। फिलहाल सिद्दारमैया के सामने सबसे पहला विकल्प यही है कि वह सुप्रीम कोर्ट में जाकर इस केस में फिर से स्थगन आदेश लेने की कोशिश करें। कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है? मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। मुडा क्या है? मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण या मुडा कर्नाटक की एक राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है, जिसका गठन मई 1988 में किया गया था। मुडा का काम शहरी विकास को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शहरी बुनियादी ढांचे को उपलब्ध कराना, किफायती आवास उपलब्ध कराना, आवास आदि का निर्माण करना है। क्या है आरोप? आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके केसारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी। मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।
రఘురామపై థర్డ్ డిగ్రీ ప్రయోగించిన కేసులో కీలక పరిణామం..

తనపై థర్డ్ డిగ్రీ ప్రయోగించిన అధికారులపై కేసు నమోదు చేయాలని గుంటూరులో రఘురామ కృష్ణంరాజు ఫిర్యాదు చేశారు. కేసు నమోదు చేసిన గుంటూరు నగరపాలెం పోలీసులు.. విజయపాల్‌తో పాటు అప్పటి సీఎం జగన్, సీఐడీ డీజీ సునీల్, ప్రభుత్వాసుపత్రి.. సూపరింటెండెంట్‌ డాక్టర్ ప్రభావతిని నిందితులుగా పోలీసులు చేర్చారు. కేసులో ముందస్తు బెయిల్ కోసం విజయపాల్‌ కోర్టులో పిటిషన్ వేశారు.

అప్పటి నరసాపురం ఎంపీ రఘురామ కృష్ణంరాజు (RaghuramaKrishnam Raju)పై థర్డ్ డిగ్రీ (Third Degree) ప్రయోగించిన కేసు (Case)లో కీలక పరిణామం చోటు చేసుకుంది. ఈ కేసులో అప్పటి దర్యాప్తు అధికారి విజయ పాల్‌ (Vijay Paul)కు హైకోర్టు (High Court)లో చుక్కెదురైంది. ఆయనకు ముందస్తు బెయిల్ (Anticipatory Bail) ఇచ్చేందుకు న్యాయస్థానం నిరాకరించింది. దీనిపై మంగళవారం విచారణ జరిపిన హైకోర్టు ఈ మేరకు తీర్పు ఇచ్చింది. ప్రస్తుత టీడీపీ ఎమ్మెల్యే, మాజీ ఎంపీ రఘురామకృష్ణరాజును.. సీఐడీ కస్టడీలో విజయ్‌పాల్‌ చిత్రహింసలు పెట్టారు.

తనపై థర్డ్ డిగ్రీ ప్రయోగించిన అధికారులపై కేసు నమోదు చేయాలని గుంటూరులో రఘురామ కృష్ణంరాజు ఫిర్యాదు చేశారు. కేసు నమోదు చేసిన గుంటూరు నగరపాలెం పోలీసులు.. విజయపాల్‌తో పాటు అప్పటి సీఎం జగన్, సీఐడీ డీజీ సునీల్, ప్రభుత్వాసుపత్రి.. సూపరింటెండెంట్‌ డాక్టర్ ప్రభావతిని నిందితులుగా పోలీసులు చేర్చారు. కేసులో ముందస్తు బెయిల్ కోసం విజయపాల్‌ కోర్టులో పిటిషన్ వేశారు. విజయ్‌పాల్ తరఫున సుప్రీంకోర్టు కౌన్సిల్‌ సిద్ధార్థ లూథ్రా, పీపీ లక్ష్మీనారాయణ,.. రఘురామ కృష్ణంరాజు తరపున న్యాయవాది ఉమేష్ చంద్ర వాదనలు వినిపించారు. న్యాయస్థానం విజయపాల్‌కు బెయిల్ నిరాకరించడంతో మిగతా అధికారుల్లో వణుకు మొదలైంది.

ఈ సందర్భంగా ఎమ్మెల్యే రఘురామ కృష్ణంరాజు ఏబీఎన్ ఆంధ్రజ్యోతితో మాట్లాడుతూ.. విజయ్‌పాల్‌ తన ఆరోగ్యం బాగోలేదని ముందస్తు బెయిల్‌ కోసం హైకోర్టులో పిటిషన్‌ వేశారని.. ఈరోజు విచారణ జరిపిన న్యాయస్థానం బెయిల్‌ నిరాకరించడం శుభపరిణామమని అన్నారు. తనను అరెస్టు చేసి చిత్రహింసలు పెట్టడానికి అనువైన వాతావరణాన్ని విజయ్‌పాల్‌ సృష్టించారని అన్నారు. ఇలాంటి పనికిమాలిన పనులన్నీ విజయ్‌పాల్‌ చేశారని మండిపడ్డారు. త్వరలో రిటైర్డ్‌ ఎస్పీ మహిపాల్‌ అరెస్ట్‌ అవుతారని, అలాగే సునీల్‌కుమార్‌ కూడా అరెస్ట్‌ అవుతారని.. విచారణ వేగవంతమవుతుందనే ఆశాభావంలో ఉన్నానని రఘురామకృష్ణంరాజు ఏబీఎన్‌తో పేర్కొన్నారు.

కాగా నరసాపురం మాజీ ఎంపీ, ప్రస్తుత ఉండి ఎమ్మెల్యే కనుమూరి రఘురామకృష్ణంరాజు కేసులో ఎట్టకేలకు పోలీసులు విచారణ వేగవంతం చేశారు. ఆయనపై హత్యాయత్నం, థర్డ్‌ డిగ్రీ ప్రయోగించిన పోలీసు అధికారులు, సిబ్బందిని త్వరలోనే అరెస్టు చేయనున్నారు. అప్పటి సీఎం జగన్మోహన్‌రెడ్డిపై రఘురామరాజు అనుచిత వ్యాఖ్యలు చేశారంటూ 2021లో ఆయనపై దేశద్రోహం కింద కేసు నమోదుచేసిన సీఐడీ అధికారులు.. ఆ ఏడాది మే 14న జన్మదినం రోజున ఆయన్ను హైదరాబాద్‌ నుంచి బలవంతంగా గుంటూరు సీఐడీ ప్రాంతీయ కార్యాలయానికి తీసుకొచ్చారు. ఆరోజు రాత్రి కస్టడీలో తనపై థర్డ్‌ డిగ్రీ ప్రయోగించి హత్యాయత్నానికి పాల్పడినట్లు రఘురామరాజు ఇచ్చిన ఫిర్యాదు మేరకు ఈ ఏడాది జూలై 11న గుంటూరు నగరంపాలెం పోలీసు సేషన్లో కేసు నమోదైంది.

నాటి సీఐడీ చీఫ్‌ పీవీ సునీల్‌ కుమార్‌(ఏ-1), అప్పటి నిఘా విభాగం అధిపతి పీఎస్ఆర్‌ ఆంజనేయులు (ఏ-2), మాజీ సీఎం జగన్మోహన్‌రెడ్డి (ఏ-3), సీఐడీ అదనపు ఎస్పీ విజయపాల్‌(ఏ-4), అప్పటి జీజీహెచ్‌ సూపరింటెండెంట్‌ ప్రభావతి (ఏ-5)తదితరులపై ఐపీసీ 120బీ, 166, 167, 197, 307, 326, 465, 506(34) తదితర సెక్షన్ల కింద కేసు నమోదు చేశారు. అయితే రోజులు గడుస్తున్నా కేసులో ఎటువంటి పురోగతీ లేదంటూ రఘురామరాజు పలు సందర్భాల్లో అసంతృప్తి వ్యక్తం చేశారు. నేరుగా గుంటూరు జిల్లా ఎస్పీ సతీశ్‌కుమార్‌ను కలిసి దర్యాప్తు వేగవంతం చేసి నిందితులపై చర్యలు తీసుకోవాలని విజ్ఞప్తి చేశారు. ఈ నేపథ్యంలో పోలీసులు దర్యాప్తును వేగవంతం చేశారు.

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से झटका, मैसूर जमीन घोटाला केस में चलेगा मुकदमा

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से झटका लगा है। MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी है।हाई कोर्ट की ओर से ये कहा गया है कि जमीन घोटाले में सिद्धारमैया पर केस चलेगा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है। बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका पर आज फैसला सुनाया है।

दरअसल मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण साइट आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मंजूरी दी थी। राज्यपाल की इसी मंजूरी मिलने के बाद हाई कोर्ट में सिद्धारमैया की तरफ से अर्जी दाखिल की गई थी। इस मामले में मंगलवार हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल कानून के हिसाब से केस चला सकते हैं। 

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल "स्वतंत्र निर्णय" ले सकते हैं और राज्यपाल गहलोत ने "अपने दिमाग का पूरी तरह से इस्तेमाल किया है। इसलिए, जहां तक आदेश (मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का) का सवाल है, राज्यपाल के एक्शन में कोई खामी नहीं है।

क्या है मामला?

आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में जमीन आवंटित की गई थी। संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे MUDA द्वारा अधिगृहीत किया गया था। MUDA ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां MUDA ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था।

अगस्त में कर्नाटक के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के खिलाफ ‘राजभवन चलो’ विरोध प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने राज्यपाल पर भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि राज्यपाल के समक्ष कई अन्य मामले भी लंबित हैं, लेकिन उन्होंने उन पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बीच राज्यपाल गहलोत ने पिछले हफ्ते राज्य की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को पत्र लिखा और जल्द से जल्द दस्तावेजों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की।

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం.. బీమాతోపాటు కీలక అంశాలపై నిర్ణయం

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం(54th GST Council meeting) ఢిల్లీలో(delhi) జరగనుంది. ఈ సమయంలో బీమా ప్రీమియం, ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సహా పలు పన్నుల విషయంలో నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. ఆరోగ్య బీమా ప్రీమియంలపై విధించే జీఎస్టీ, రాబడి ప్రభావంపై ఫిట్‌మెంట్ కమిటీ నివేదిక సమర్పించనుందని ఆయా వర్గాలు చెబుతున్నాయి. ఈ కమిటీలో కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్నుల అధికారులు ఉంటారు. మండలిలో రాష్ట్రాల ఆర్థిక మంత్రులు కూడా పాల్గొంటారు. కేంద్ర ఆర్థిక మంత్రి నిర్మల సీతారామన్(nirmala sitharaman) అధ్యక్షతన జరగనున్న ఈ సమావేశానికి తెలంగాణ నుంచి ఉపముఖ్యమంత్రి, ఆర్థిక శాఖ మంత్రి భట్టి విక్రమార్క హాజరుకానున్నారు. మరోవైపు ఏపీ నుంచి ఆర్థిక మంత్రి పయ్యావుల కేశవ్, ఇతర అధికారులు పాల్గొననున్నారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్(nirmala sitharaman) నేతృత్వంలోని జీఎస్‌టి కౌన్సిల్ ఆరోగ్య బీమాపై పన్నును ప్రస్తుత 18 శాతం నుంచి తగ్గించాలా లేదా సీనియర్ సిటిజన్‌ల వంటి కొన్ని వర్గాలకు మినహాయింపు ఇవ్వాలా అనే దానిపై నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. దీంతోపాటు జీవిత బీమా ప్రీమియంపై వస్తు సేవల పన్ను తగ్గింపుపై కూడా చర్చ జరిగే అవకాశం ఉంది. బీమా ప్రీమియంపై పన్ను అంశంపై ఇప్పటికే ప్రతిపక్షాలు పార్లమెంటులో లేవనెత్తారు. ఆరోగ్య, జీవిత బీమా ప్రీమియంలను జీఎస్టీ నుంచి తప్పించాలని విపక్ష సభ్యులు డిమాండ్ చేశాయి. దీంతోపాటు ఈ విషయంపై సీతారామన్‌కు రోడ్డు రవాణా, రహదారుల శాఖ మంత్రి నితిన్ గడ్కరీ కూడా లేఖ రాశారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్ ఆర్థిక బిల్లుపై చర్చకు సమాధానమిస్తూ 75 శాతం జీఎస్‌టీ వసూళ్లు రాష్ట్రాలకు వెళ్తాయని, జీఎస్‌టీ కౌన్సిల్‌లో ప్రతిపాదన తీసుకురావాలని ప్రతిపక్ష సభ్యులు తమ రాష్ట్ర ఆర్థిక మంత్రులను కోరాలని అన్నారు. పశ్చిమ బెంగాల్ ఆర్థిక మంత్రి చంద్రిమా భట్టాచార్య గత నెలలో రేట్ల హేతుబద్ధీకరణపై మంత్రుల బృందం (GoM) సమావేశంలో ఈ అంశాన్ని లేవనెత్తారు. తదుపరి విశ్లేషణ కోసం ఈ అంశాన్ని ఫిట్‌మెంట్ కమిటీకి సిఫార్సు చేశారు.

మంత్రుల బృందం (GoM) ప్రస్తుత నాలుగు స్థాయి GST స్లాబ్‌లు 5, 12, 18, 28 శాతంలో ఏదైనా మార్పుపై భిన్నాభిప్రాయాలను వ్యక్తం చేసింది. వస్తువులు, సేవల రేట్లను హేతుబద్ధీకరించే అవకాశాన్ని పరిగణనలోకి తీసుకోవాలని గ్రూప్ ఫిట్‌మెంట్ కమిటీని కోరింది. మరోవైపు ఆన్‌లైన్ గేమింగ్‌కు సంబంధించి కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్ను అధికారులు జీఎస్టీ కౌన్సిల్ ముందు స్టేటస్ రిపోర్టును అందజేస్తారు. నివేదికలో అక్టోబర్ 1, 2023కి ముందు, తర్వాత ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సెక్టార్ నుంచి GST రాబడి సేకరణ ఉంటుంది. ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ ప్లాట్‌ఫారమ్‌లు, క్యాసినోలు అక్టోబర్ 1, 2023 నుంచి ఎంట్రీ లెవల్ మొత్తాలపై 28 శాతం GSTకి లోబడి ఉంది. అంతకుముందు అనేక ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ కంపెనీలు 28 శాతం GST చెల్లించడం లేదు.

बिहार कला केंद्र जगनपुर पटना द्वारा कंकड़बाग में किया गया कजरी महोत्सव का आयोजन
पटना



   उद्घाटन समारोह में बिहार के फर्स्ट Folk स्टार क्लासिकल गुरु सत्येंद्र कुमार संगीत एवं जानी-मानी लोग गायिका रेखा झा एवं संस्था के सचिव अमर कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत लोक गायिका कृपा द्वारा कजरी गीत बदरा करेला बौछार उसके बाद कृष्ण भजन से हुआ उसके बाद अपर्णा शरण ने कजरी अरे राम भादो अंधियारी और कैसे खेले सावन में कजरिया शैली ने गई वही वंदना सिन्हा ने बाबा ले ले चली अपनी नागरिया गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया उसके बाद अल्पना जी ने सखिया सावन बहुत सुहावन गया तो वहां दर्शन घूमने लगे अंत में तनु एवं सोनम कृति की जोड़ी ने कमल ही कर दिया जैसे उन्होंने गाना शुरू किया अरे rama दूल्हा बने हैं त्रिपुरारी वहां सभी लोगों ने जोरदार तालिया से उनका स्वागत किया उसके बाद तो उन्होंने भीग जाएगी गुड़िया भीगी जाएगी गुड़िया बनारस घराने की कजरी गया तो लोग घूमने पर मजबूर हो गए तबले पर मशहूर तबला वादक भानु प्रकाश ढोलक पर धीरज पांडे एवं इफेक्ट पर अंकित राज थे संस्था के सचिव अमर कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार कला केंद्र नए-नए कलाकारों को नया मंच देने के कार्य करती है इसी क्रम में यह कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया है
मनीष पटना
తెలంగాణ రైతులకు గుడ్ న్యూస్.. త్వరలోనే మీ పొలాలకు..

తెలంగాణ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై కసరత్తు చేస్తోందని డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్క తెలిపారు. త్వరలోనే రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన చెప్పారు.

తెలంగాణ రైతులకు(Farmers) ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క (Bhatti Vikramarka) శుభవార్త చెప్పారు. రైతుల బోరు బావులకు కాంగ్రెస్ ప్రభుత్వం ఉచితంగా సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేయనున్నట్లు ఆయన తెలిపారు. దీని ద్వారా అన్నదాతలకు అదనపు ఆదాయం వస్తుందని భట్టి ఆశాభావం వ్యక్తం చేశారు. అశ్వరావుపేట ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో నిర్మించిన పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవంలో డిప్యూటీ సీఎం పాల్గొన్నారు. రూ.36కోట్లతో నిర్మించిన 2.5 మెగావాట్ల పవర్ ప్లాంట్‌ను డిప్యూటీ సీఎం భట్టితోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరెడ్డి ప్రారంభించారు.

ఈ సందర్భంగా ఉప ముఖ్యమంత్రి భట్టి విక్రమార్క మాట్లాడుతూ.." న్యూ ఎనర్జీ పాలసీపై తెలంగాణ ప్రభుత్వం కసరత్తు చేస్తోంది. త్వరలో రైతుల బోరు బావులకు ప్రభుత్వ ఖర్చుతో సోలార్ పంపు సెట్లు ఏర్పాటు చేస్తాం. దీని ద్వారా రైతులకు కరెంట్ ఖర్చు ఉండదు. పైగా సోలార్ ప్యానల్స్ ద్వారా మిగిలిన విద్యుత్‌ను గ్రిడ్‌కు సరఫరా చేయడం వల్ల రైతులకు అదనపు ఆదాయం వస్తుంది. పంటతోపాటు పవర్‌పైనా అన్నదాతలు అదనపు లాభం పొందేలా పైలట్ ప్రాజెక్టు చేపట్టనున్నాం. ముందుగా పైలట్ ప్రాజెక్టు కింద కొన్ని గ్రామాల్లో ప్రభుత్వ ఖర్చుతో రూఫ్ టాప్ సోలార్ ప్రాజెక్టు చేపడతాం. విజయ దశమి రోజు ఆయిల్ పామ్ ఫ్యాక్టరీలో బయో మాస్ పవర్ ప్లాంట్ ప్రారంభోత్సవం చేయడం ఎంతో సంతోషంగా ఉంది. ప్రపంచమంతా థర్మల్ పవర్ నుంచి గ్రీన్ పవర్ వైపు అడుగులు వేస్తోంది. తెలంగాణలో 20 వేల మెగావాట్ల గ్రీన్ ఎనర్జీ స్థాపనకు ప్రణాళికలు సిద్ధం చేస్తున్నాం. దేశ చరిత్రలో ఎక్కడా లేని విధంగా రుణమాఫీ చేశాం. బీఆర్ఎస్ పార్టీ నేతలు రుణమాఫీపై విమర్శలు చేస్తున్నారు. మేము చేసిన మంచిని చూసి వాళ్లు ఓర్వలేకపోతున్నారు. పంటల బీమా ప్రీమియం ప్రభుత్వమే చెల్లిస్తుంది. రూ.73వేల కోట్లు తెలంగాణ బడ్జెట్‌లో వ్యవసాయ రంగానికి కేటాయించాం" అని చెప్పారు.

అనంతరం అశ్వరావుపేటలో ఆయిల్ పామ్ రైతులకు సాగు, పంట విస్తరణపై అవగాహన సదస్సు నిర్వహించారు. ఆయిల్ ఫెడ్ ఆధ్వర్యంలో ప్రముఖ వ్యవసాయ శాస్త్రవేత్తలతో రైతులకు అవగాహన కల్పించారు. ఈ కార్యక్రమానికి ముఖ్య అతిథులుగా డిప్యూటీ సీఎం భట్టి విక్రమార్కతోపాటు మంత్రులు తుమ్మల నాగేశ్వరరావు, పొంగులేటి శ్రీనివాసరావు, ఎమ్మెల్యేలు జారే ఆదినారాయణ, కూనంనేని, రాగమయి, ఆయిల్ ఫెడ్ ఛైర్మన్ జంగా రాఘవరెడ్డి హాజరయ్యారు.

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, ईडी ने दर्ज की नई शिकायत, मुडा मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप

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मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री मूडा में कथित घोटाले को लेकर लगातार घिरते जा रहे हैं। अब उनके और अन्य लोगों के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई गई है। मुडा मामले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। मूडा मामले में सुबूतों को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतीन्द्रा के खिलाफ ईडी ने एक और शिकायत को दर्ज किया है।

प्रदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सिद्धारमैया एवं अन्य के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के लिए जांच और मामला दर्ज करने की मांग की।इस शिकायत में दावा किया गया है कि मुडा अधिकारियों की संलिप्तता से साइटों को पुनः प्राप्त करके साक्ष्य नष्ट कर दिए गए हैं। प्रदीप कुमार ने जांच का अनुरोध किया है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है।

25 सितंबर को विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम सिद्धरमैया, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी एवं देवराजू सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। ईडी ने भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में मामला दर्ज किया है। वहीं पार्वती ने भूखंड लौटाने की पेशकश की तो एमयूडीए ने उनको आवंटित 14 भूखंडों को वापस ले लिया है।

कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है?

मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री की पत्नी का 50:50 योजना से क्या संबंध?

आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।

मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया था, जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित की गई थीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।

टीवी स्क्रीन की सुरक्षा,फोन की तरह टीवी में भी लगा सकते है स्क्रीन गार्ड, जाने

घर में छोटे बच्चे हैं तो ये टीवी स्क्रीन प्रोटेक्टर आपके काम की चीज है. अगर आप भारी नुकसान से बचना चाहते हैं तो टीवी की सेफ्टी का इंतजाम पहले से ही कर के रखें. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ेगा. जैसे आप अपने स्मार्टफोन पर स्क्रीन गार्ड लगवाते हैं उसी तरह टीवी की स्क्रीन पर स्क्रीन ग्लास/गार्ड/प्रोटेक्टर लग जाता है.

इससे आपके टीवी पर स्क्रैच नहीं पड़ते हैं और इसके ऊपर से डस्ट साफ करने में भी आसानी होती है. आप घर बैठे स्क्रीन प्रोटेक्टर ऑर्डर कर सकते हैं अमेजन-फ्लिपकार्ट या दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ये आपको डिस्काउंट पर सस्ते में मिल जाएंगे. सबसे अच्छी बात ये है कि ये आपको घर बैठे डिलीवर हो जाएंगे.

JBM MART स्क्रीन प्रोटेक्टर

ये स्क्रीन प्रोटेक्टर आपको लगभग हर साइज के टीवी के लिए मिल जाएगा. इसेमं आपको 32 इंच के टीवी से लेकर 75 इंच के टीवी स्क्रीन की प्रोटेक्शन के लिए स्क्रीन प्रोटेक्टर मिल जाएगा. इस आप ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन से 58 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ केवल 5,397 रुपये में खरीद सकते हैं. ये क्रिस्टल क्लीयर ट्रांसपेरेंट ग्लास है इसे लगाने से विजिबिलिटी और कलर में कोई फर्क नहीं आता है, आपको जैसे स्क्रीन दिखती थी वैसे ही दिखेगी. इसे बस आपको नॉर्मली इसके साथ आई क्लिप्स के साथ कनेक्ट करना होता है.

ULTRAMAC टीवी स्क्रीन गार्ड

स्क्रीन गार्ड LED/LCD/3D/PLASMA TV सब को सपोर्ट करता है. ये फाइबर ग्लास गार्ड है और कंपनी के दावे के मुताबिक, ये नोन ब्रेकेबल होता है. कंपनी इस पर आपको एक साल की वारंटी भी ऑफर कर रही है. इसमें भी आपको लगभग सभी साइज मिल रहे हैं- e-13 से लेकर 75 इंच की टीवी स्क्रीन को प्रोटेक्ट करने का ऑप्शन मिलता है. आप अपने टीवी के साइज के हिसाब से स्क्रीन गार्ड ऑर्डर करें.

PROMART 55 Inch LED TV Screen Protector

प्रोमार्ट टीवी स्क्रीन प्रोटेक्टर आपको 55 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 5,938 रुपये में मिल रहा है. अगर आप एक साथ पूरे पैसे नहीं दे सकते हैं तो प्लेटफॉर्म आपको नो कॉस्ट ईएमआई का ऑप्शन भी ऑफर कर रहा है. इसके अलावा अगर आप स्क्रीन प्रोटेक्टर को और भी सस्ते में खरीदना चाहते हैं तो सलेक्टेड बैंक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर 4 हजार रुपये तक का डिस्काउंट हासिल कर सकते हैं.

सिद्धारमैया की बढ़ी मुश्किलें तो पत्नी ने उठाया बड़ा कदम, क्या प्लॉट सरेंडर करने से कम होगी मुश्किल?

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कर्नाटक के चर्चित मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सिद्धारमैया के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुडा स्कैम में सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी की जांच शुरू कर दी है। इस बीच सिद्धारमैया की पत्नी ने बड़ा कदम उठाया है। पार्वती ने मुडा को पत्र लिखकर उन्हें आवंटित 14 प्लॉट वापस करने की बात कही है। अब सवाल उठता है कि जमीन लौटाने का दांव कारगर साबित होगा? 

सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण मुडा को पत्र लिखा है। पार्वती ने कहा है कि मुडा से मुझे जो प्लॉट मिले हैं, वो मैं वापस करना चाहती हूं। पार्वती ने मुडा से कहा है कि उनके लिए पति ज्यादा जरूरी है, इसलिए मैं उन 14 साइटों को वापस करना चाहती हूं, जो मुझे आवंटित की गई है। पार्वती के इस फैसले पर मुडा की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं सिद्धारमैया ने पार्वती के इस पत्र पर कहा है कि ये उनका फैसला है, लेकिन मैं लंबी लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार हूं।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुडा भूमि मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पार्वती और अन्य पर मामला दर्ज किया है। एफआईआर में पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी भी शामिल हैं। आरोप है कि उन्होंने जमीन खरीदी थी और बाद में उसे पार्वती को तोहफे में दे दिया था। यह मामला लोकायुक्त की एफआईआर के बाद दर्ज किया गया है। ईडी का मामला इस आरोप पर आधारित है कि पार्वती को मैसूरु के एक प्रमुख स्थान पर मुआवजे के 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे। इस प्लॉट आवंटन में लेनदेन की वैधता पर सवाल उठे हैं। 

पिछले हफ्ते बेंगलुरु की एक विशेष अदालत द्वारा मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच का आदेश देने के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार, सिद्धारमैया को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए ईडी अधिकृत है और जांच के दौरान उनकी संपत्ति भी कुर्क कर सकता है। पिछले हफ्ते एक बयान में, सिद्धारमैया ने आरोपों का जवाब देते हुए दावा किया कि राजनीतिक प्रतिशोध के परिणामस्वरूप मामले में उन्हें अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

साल 2020 में मुडा ने एक स्कीम की शुरुआत की। स्कीम में कहा गया कि जिन लोगों की जमीन विकास के काम के लिए लिया जाएगा, उन्हें 50-50 पॉलिसी के तहत मैसूर शहर में प्लॉट और मुआवजा दिया जाएगा। बीजेपी सरकार की तरफ से शुरू की गई इस स्कीम की खूब आलोचना हुई, जिसके बाद 2023 में इसे रद्द कर दिया गया। सिद्धारमैया परिवार पर फर्जी दस्तावेज और पावर का दुरुपयोग कर इस स्कीम का लाभ लेने का आरोप है। सिद्धारमैया की पत्नी पर करीब 55 करोड़ रुपए का लाभ लेने का आरोप है। हालांकि, सिद्धारमैया इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।

लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।

सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।

केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।

खरगे ने क्या कहा?

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।

खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम सिद्धारमैया की कुर्सी संकट में! बीजेपी मांग रही इस्तीफा*
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में उन्हें हाई कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट की ओर से फैसला आने के बाद अब उन पर बीजेपी हमलावर दिख रही है। विपक्ष लगातार उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है। *सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग* केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। सरकार और सिद्धारमैया ने गड़बड़ी की है। उनको सीएम पद से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था पर वो सच जानते हैं और जांच से बचना चाहते हैं। इसलिए राज्यपाल के फैसले को चैलेंज किया। गवर्नर के फोटो को चप्पल से मारा गया। यह टेरर पैदा करने के लिए किया गया। बिना देरी किए सिद्धारमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए। इसकी विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिसके लिए उनको इस्तीफा देना चाहिए। *बीजेपी का कर्नाटक सरकार गिराने का इराना नहीं-प्रह्लाद जोशी* प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि बिना पॉलिटिकल पावर के यह नहीं हो सकता। सीबीआई से इसकी जांच कराई जाए। बीजेपी का कर्नाटक सरकार गिराने या अस्थिर करने का न इरादा है और न कोई ऐसी कोशिश कर रहे हैं। यह कांग्रेस को तय करना है कि कौन सीएम बनेगा। किसी और को सीएम बनाए कांग्रेस। बीजेपी विपक्ष में ही बैठेगी। *सिद्धारमैया बोले- सच्चाई जल्द सामने आएगी* वहीं, कोर्ट के इस आदेश के बाद सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने बीजेपी और जेडीएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सियासी लड़ाई है। प्रदेश की जनता मेरे साथ है। मुझे विश्वास है अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आएगी और जांच रद्द हो जाएगी। सिद्धारमैया ने कहा, न्यायालय ने धारा 218 के तहत राज्यपाल द्वारा जारी आदेश को सिरे से खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने खुद को राज्यपाल के आदेश की धारा 17ए तक ही सीमित रखा। मैं विशेषज्ञों से परामर्श करूंगा कि क्या कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं। मैं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा कर लड़ाई की रूपरेखा तय करूंगा। *सिद्दारमैया के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का है विकल्प* हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच को मंजूरी दिए जाने के गवर्नर के फैसले पर मुहर लगाकर सिद्दारमैया को भारी संकट में ला दिया है। अभी तक हाई कोर्ट से स्थगन आदेश की वजह से निचली अदालत से इस मामले में कार्रवाई शुरू नहीं हो रही थी। अब इस स्थगन आदेश से रोक हट गया है और सिद्दारमैया पर कानूनी शिकंजा कसने की आशंका है। विपक्ष पहले से ही उनपर पद छोड़ने का दबाव बना रहा है और कांग्रेस पार्टी के अंदर भी इसको लेकर काफी विवाद रहा है। फिलहाल सिद्दारमैया के सामने सबसे पहला विकल्प यही है कि वह सुप्रीम कोर्ट में जाकर इस केस में फिर से स्थगन आदेश लेने की कोशिश करें। कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है? मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। मुडा क्या है? मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण या मुडा कर्नाटक की एक राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है, जिसका गठन मई 1988 में किया गया था। मुडा का काम शहरी विकास को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शहरी बुनियादी ढांचे को उपलब्ध कराना, किफायती आवास उपलब्ध कराना, आवास आदि का निर्माण करना है। क्या है आरोप? आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके केसारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी। मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।
రఘురామపై థర్డ్ డిగ్రీ ప్రయోగించిన కేసులో కీలక పరిణామం..

తనపై థర్డ్ డిగ్రీ ప్రయోగించిన అధికారులపై కేసు నమోదు చేయాలని గుంటూరులో రఘురామ కృష్ణంరాజు ఫిర్యాదు చేశారు. కేసు నమోదు చేసిన గుంటూరు నగరపాలెం పోలీసులు.. విజయపాల్‌తో పాటు అప్పటి సీఎం జగన్, సీఐడీ డీజీ సునీల్, ప్రభుత్వాసుపత్రి.. సూపరింటెండెంట్‌ డాక్టర్ ప్రభావతిని నిందితులుగా పోలీసులు చేర్చారు. కేసులో ముందస్తు బెయిల్ కోసం విజయపాల్‌ కోర్టులో పిటిషన్ వేశారు.

అప్పటి నరసాపురం ఎంపీ రఘురామ కృష్ణంరాజు (RaghuramaKrishnam Raju)పై థర్డ్ డిగ్రీ (Third Degree) ప్రయోగించిన కేసు (Case)లో కీలక పరిణామం చోటు చేసుకుంది. ఈ కేసులో అప్పటి దర్యాప్తు అధికారి విజయ పాల్‌ (Vijay Paul)కు హైకోర్టు (High Court)లో చుక్కెదురైంది. ఆయనకు ముందస్తు బెయిల్ (Anticipatory Bail) ఇచ్చేందుకు న్యాయస్థానం నిరాకరించింది. దీనిపై మంగళవారం విచారణ జరిపిన హైకోర్టు ఈ మేరకు తీర్పు ఇచ్చింది. ప్రస్తుత టీడీపీ ఎమ్మెల్యే, మాజీ ఎంపీ రఘురామకృష్ణరాజును.. సీఐడీ కస్టడీలో విజయ్‌పాల్‌ చిత్రహింసలు పెట్టారు.

తనపై థర్డ్ డిగ్రీ ప్రయోగించిన అధికారులపై కేసు నమోదు చేయాలని గుంటూరులో రఘురామ కృష్ణంరాజు ఫిర్యాదు చేశారు. కేసు నమోదు చేసిన గుంటూరు నగరపాలెం పోలీసులు.. విజయపాల్‌తో పాటు అప్పటి సీఎం జగన్, సీఐడీ డీజీ సునీల్, ప్రభుత్వాసుపత్రి.. సూపరింటెండెంట్‌ డాక్టర్ ప్రభావతిని నిందితులుగా పోలీసులు చేర్చారు. కేసులో ముందస్తు బెయిల్ కోసం విజయపాల్‌ కోర్టులో పిటిషన్ వేశారు. విజయ్‌పాల్ తరఫున సుప్రీంకోర్టు కౌన్సిల్‌ సిద్ధార్థ లూథ్రా, పీపీ లక్ష్మీనారాయణ,.. రఘురామ కృష్ణంరాజు తరపున న్యాయవాది ఉమేష్ చంద్ర వాదనలు వినిపించారు. న్యాయస్థానం విజయపాల్‌కు బెయిల్ నిరాకరించడంతో మిగతా అధికారుల్లో వణుకు మొదలైంది.

ఈ సందర్భంగా ఎమ్మెల్యే రఘురామ కృష్ణంరాజు ఏబీఎన్ ఆంధ్రజ్యోతితో మాట్లాడుతూ.. విజయ్‌పాల్‌ తన ఆరోగ్యం బాగోలేదని ముందస్తు బెయిల్‌ కోసం హైకోర్టులో పిటిషన్‌ వేశారని.. ఈరోజు విచారణ జరిపిన న్యాయస్థానం బెయిల్‌ నిరాకరించడం శుభపరిణామమని అన్నారు. తనను అరెస్టు చేసి చిత్రహింసలు పెట్టడానికి అనువైన వాతావరణాన్ని విజయ్‌పాల్‌ సృష్టించారని అన్నారు. ఇలాంటి పనికిమాలిన పనులన్నీ విజయ్‌పాల్‌ చేశారని మండిపడ్డారు. త్వరలో రిటైర్డ్‌ ఎస్పీ మహిపాల్‌ అరెస్ట్‌ అవుతారని, అలాగే సునీల్‌కుమార్‌ కూడా అరెస్ట్‌ అవుతారని.. విచారణ వేగవంతమవుతుందనే ఆశాభావంలో ఉన్నానని రఘురామకృష్ణంరాజు ఏబీఎన్‌తో పేర్కొన్నారు.

కాగా నరసాపురం మాజీ ఎంపీ, ప్రస్తుత ఉండి ఎమ్మెల్యే కనుమూరి రఘురామకృష్ణంరాజు కేసులో ఎట్టకేలకు పోలీసులు విచారణ వేగవంతం చేశారు. ఆయనపై హత్యాయత్నం, థర్డ్‌ డిగ్రీ ప్రయోగించిన పోలీసు అధికారులు, సిబ్బందిని త్వరలోనే అరెస్టు చేయనున్నారు. అప్పటి సీఎం జగన్మోహన్‌రెడ్డిపై రఘురామరాజు అనుచిత వ్యాఖ్యలు చేశారంటూ 2021లో ఆయనపై దేశద్రోహం కింద కేసు నమోదుచేసిన సీఐడీ అధికారులు.. ఆ ఏడాది మే 14న జన్మదినం రోజున ఆయన్ను హైదరాబాద్‌ నుంచి బలవంతంగా గుంటూరు సీఐడీ ప్రాంతీయ కార్యాలయానికి తీసుకొచ్చారు. ఆరోజు రాత్రి కస్టడీలో తనపై థర్డ్‌ డిగ్రీ ప్రయోగించి హత్యాయత్నానికి పాల్పడినట్లు రఘురామరాజు ఇచ్చిన ఫిర్యాదు మేరకు ఈ ఏడాది జూలై 11న గుంటూరు నగరంపాలెం పోలీసు సేషన్లో కేసు నమోదైంది.

నాటి సీఐడీ చీఫ్‌ పీవీ సునీల్‌ కుమార్‌(ఏ-1), అప్పటి నిఘా విభాగం అధిపతి పీఎస్ఆర్‌ ఆంజనేయులు (ఏ-2), మాజీ సీఎం జగన్మోహన్‌రెడ్డి (ఏ-3), సీఐడీ అదనపు ఎస్పీ విజయపాల్‌(ఏ-4), అప్పటి జీజీహెచ్‌ సూపరింటెండెంట్‌ ప్రభావతి (ఏ-5)తదితరులపై ఐపీసీ 120బీ, 166, 167, 197, 307, 326, 465, 506(34) తదితర సెక్షన్ల కింద కేసు నమోదు చేశారు. అయితే రోజులు గడుస్తున్నా కేసులో ఎటువంటి పురోగతీ లేదంటూ రఘురామరాజు పలు సందర్భాల్లో అసంతృప్తి వ్యక్తం చేశారు. నేరుగా గుంటూరు జిల్లా ఎస్పీ సతీశ్‌కుమార్‌ను కలిసి దర్యాప్తు వేగవంతం చేసి నిందితులపై చర్యలు తీసుకోవాలని విజ్ఞప్తి చేశారు. ఈ నేపథ్యంలో పోలీసులు దర్యాప్తును వేగవంతం చేశారు.

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से झटका, मैसूर जमीन घोटाला केस में चलेगा मुकदमा

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से झटका लगा है। MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी है।हाई कोर्ट की ओर से ये कहा गया है कि जमीन घोटाले में सिद्धारमैया पर केस चलेगा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है। बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका पर आज फैसला सुनाया है।

दरअसल मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण साइट आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मंजूरी दी थी। राज्यपाल की इसी मंजूरी मिलने के बाद हाई कोर्ट में सिद्धारमैया की तरफ से अर्जी दाखिल की गई थी। इस मामले में मंगलवार हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल कानून के हिसाब से केस चला सकते हैं। 

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल "स्वतंत्र निर्णय" ले सकते हैं और राज्यपाल गहलोत ने "अपने दिमाग का पूरी तरह से इस्तेमाल किया है। इसलिए, जहां तक आदेश (मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का) का सवाल है, राज्यपाल के एक्शन में कोई खामी नहीं है।

क्या है मामला?

आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में जमीन आवंटित की गई थी। संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे MUDA द्वारा अधिगृहीत किया गया था। MUDA ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां MUDA ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था।

अगस्त में कर्नाटक के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के खिलाफ ‘राजभवन चलो’ विरोध प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने राज्यपाल पर भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि राज्यपाल के समक्ष कई अन्य मामले भी लंबित हैं, लेकिन उन्होंने उन पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बीच राज्यपाल गहलोत ने पिछले हफ्ते राज्य की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को पत्र लिखा और जल्द से जल्द दस्तावेजों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की।

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం.. బీమాతోపాటు కీలక అంశాలపై నిర్ణయం

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం(54th GST Council meeting) ఢిల్లీలో(delhi) జరగనుంది. ఈ సమయంలో బీమా ప్రీమియం, ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సహా పలు పన్నుల విషయంలో నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. ఆరోగ్య బీమా ప్రీమియంలపై విధించే జీఎస్టీ, రాబడి ప్రభావంపై ఫిట్‌మెంట్ కమిటీ నివేదిక సమర్పించనుందని ఆయా వర్గాలు చెబుతున్నాయి. ఈ కమిటీలో కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్నుల అధికారులు ఉంటారు. మండలిలో రాష్ట్రాల ఆర్థిక మంత్రులు కూడా పాల్గొంటారు. కేంద్ర ఆర్థిక మంత్రి నిర్మల సీతారామన్(nirmala sitharaman) అధ్యక్షతన జరగనున్న ఈ సమావేశానికి తెలంగాణ నుంచి ఉపముఖ్యమంత్రి, ఆర్థిక శాఖ మంత్రి భట్టి విక్రమార్క హాజరుకానున్నారు. మరోవైపు ఏపీ నుంచి ఆర్థిక మంత్రి పయ్యావుల కేశవ్, ఇతర అధికారులు పాల్గొననున్నారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్(nirmala sitharaman) నేతృత్వంలోని జీఎస్‌టి కౌన్సిల్ ఆరోగ్య బీమాపై పన్నును ప్రస్తుత 18 శాతం నుంచి తగ్గించాలా లేదా సీనియర్ సిటిజన్‌ల వంటి కొన్ని వర్గాలకు మినహాయింపు ఇవ్వాలా అనే దానిపై నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. దీంతోపాటు జీవిత బీమా ప్రీమియంపై వస్తు సేవల పన్ను తగ్గింపుపై కూడా చర్చ జరిగే అవకాశం ఉంది. బీమా ప్రీమియంపై పన్ను అంశంపై ఇప్పటికే ప్రతిపక్షాలు పార్లమెంటులో లేవనెత్తారు. ఆరోగ్య, జీవిత బీమా ప్రీమియంలను జీఎస్టీ నుంచి తప్పించాలని విపక్ష సభ్యులు డిమాండ్ చేశాయి. దీంతోపాటు ఈ విషయంపై సీతారామన్‌కు రోడ్డు రవాణా, రహదారుల శాఖ మంత్రి నితిన్ గడ్కరీ కూడా లేఖ రాశారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్ ఆర్థిక బిల్లుపై చర్చకు సమాధానమిస్తూ 75 శాతం జీఎస్‌టీ వసూళ్లు రాష్ట్రాలకు వెళ్తాయని, జీఎస్‌టీ కౌన్సిల్‌లో ప్రతిపాదన తీసుకురావాలని ప్రతిపక్ష సభ్యులు తమ రాష్ట్ర ఆర్థిక మంత్రులను కోరాలని అన్నారు. పశ్చిమ బెంగాల్ ఆర్థిక మంత్రి చంద్రిమా భట్టాచార్య గత నెలలో రేట్ల హేతుబద్ధీకరణపై మంత్రుల బృందం (GoM) సమావేశంలో ఈ అంశాన్ని లేవనెత్తారు. తదుపరి విశ్లేషణ కోసం ఈ అంశాన్ని ఫిట్‌మెంట్ కమిటీకి సిఫార్సు చేశారు.

మంత్రుల బృందం (GoM) ప్రస్తుత నాలుగు స్థాయి GST స్లాబ్‌లు 5, 12, 18, 28 శాతంలో ఏదైనా మార్పుపై భిన్నాభిప్రాయాలను వ్యక్తం చేసింది. వస్తువులు, సేవల రేట్లను హేతుబద్ధీకరించే అవకాశాన్ని పరిగణనలోకి తీసుకోవాలని గ్రూప్ ఫిట్‌మెంట్ కమిటీని కోరింది. మరోవైపు ఆన్‌లైన్ గేమింగ్‌కు సంబంధించి కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్ను అధికారులు జీఎస్టీ కౌన్సిల్ ముందు స్టేటస్ రిపోర్టును అందజేస్తారు. నివేదికలో అక్టోబర్ 1, 2023కి ముందు, తర్వాత ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సెక్టార్ నుంచి GST రాబడి సేకరణ ఉంటుంది. ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ ప్లాట్‌ఫారమ్‌లు, క్యాసినోలు అక్టోబర్ 1, 2023 నుంచి ఎంట్రీ లెవల్ మొత్తాలపై 28 శాతం GSTకి లోబడి ఉంది. అంతకుముందు అనేక ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ కంపెనీలు 28 శాతం GST చెల్లించడం లేదు.

बिहार कला केंद्र जगनपुर पटना द्वारा कंकड़बाग में किया गया कजरी महोत्सव का आयोजन
पटना



   उद्घाटन समारोह में बिहार के फर्स्ट Folk स्टार क्लासिकल गुरु सत्येंद्र कुमार संगीत एवं जानी-मानी लोग गायिका रेखा झा एवं संस्था के सचिव अमर कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत लोक गायिका कृपा द्वारा कजरी गीत बदरा करेला बौछार उसके बाद कृष्ण भजन से हुआ उसके बाद अपर्णा शरण ने कजरी अरे राम भादो अंधियारी और कैसे खेले सावन में कजरिया शैली ने गई वही वंदना सिन्हा ने बाबा ले ले चली अपनी नागरिया गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया उसके बाद अल्पना जी ने सखिया सावन बहुत सुहावन गया तो वहां दर्शन घूमने लगे अंत में तनु एवं सोनम कृति की जोड़ी ने कमल ही कर दिया जैसे उन्होंने गाना शुरू किया अरे rama दूल्हा बने हैं त्रिपुरारी वहां सभी लोगों ने जोरदार तालिया से उनका स्वागत किया उसके बाद तो उन्होंने भीग जाएगी गुड़िया भीगी जाएगी गुड़िया बनारस घराने की कजरी गया तो लोग घूमने पर मजबूर हो गए तबले पर मशहूर तबला वादक भानु प्रकाश ढोलक पर धीरज पांडे एवं इफेक्ट पर अंकित राज थे संस्था के सचिव अमर कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार कला केंद्र नए-नए कलाकारों को नया मंच देने के कार्य करती है इसी क्रम में यह कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया है
मनीष पटना