India

Apr 29 2024, 19:56

मुस्लिम सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल करते हैं', पीएम मोदी के 'ज्यादा बच्चे' वाले बयान पर ओवैसी का पलटवार

#muslimsusecondomsthemostowaisicountertopm_modi

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दो चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है और 5 चरणों का चुनाव बाकी है। सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता लगातार चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बयानबाजियां चरम पर हैं। इस चुनाव में अगर किसी के बयान की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है पीएम मोदी की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'संपत्ति बांटने' वाले बयान पर राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ है। पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस 'देश की संपत्ति उन लोगों को बांटना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं। कांग्रेस समेत तमाम दलों ने इसे सीधे मुस्लिमों पर हमला बताया है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है।उन्होंने कहा, पीएम कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं। सच तो ये है कि मुसलमानों में प्रजनन दर गिरी है। भारत में मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

पीएम मोदी देश में मुसलमानों को लेकर नफरत फैला रहे-ओवैसी

हैदराबाद में एक चुनावी सभा में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीते दिनों पीएम मोदी ने देश के मुसलमानों को घुसपैठिया कहा था। घुसपैठिया वो होता है जो बाहर के देश से बिना इजाजत घुस आए। यकीनन हमारा मजहब अलग है, मगर हम हैं तो इसी देश के निवासी। ये देश हमारा भी है।पीएम मोदी देश में मुसलमानों को लेकर नफरत फैला रहे हैं। पीएम कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं. सच तो ये है कि मुसलमानों में प्रजनन दर गिरी है। इतना ही नहीं भारत में मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। ये मैं नहीं, सरकार की रिपोर्ट कहती है।

देश में हमेशा हिंदू ही बहुसंख्यक रहेंगे- ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि ये बात बिल्कुल झूठ है कि मुस्लिम इस देश में ज्यादा हो जाएंगे। इस बात को जानबूझकर हिंदुओं को डराने के लिए फैलाया जाता है। ओवैसी ने कहा कि इस देश में हमेशा हिंदू समुदाय के लोग ही बहुसंख्यक रहेंगे। ओवैसी ने पीएम मोदी पर दलितों और मुसलमानों के प्रति दुश्मनी भड़काने के लिए झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

क्या है पीएम मोदी का बयान?

बता दें कि पीएम मोदी ने राजस्थान की एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बयान दिया था। बांसवाड़ा में मोदी ने कहा था, ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। पीएम ने कहा, अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी। ये शहरी-नक्सली मानसिकता माताओं-बहनों के मंगलसूत्र भी नहीं छोड़ेगी।

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Apr 24 2024, 16:11

कर्नाटक में सभी मुसलमान ओबीसी लिस्ट में शामिल, पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

#allmuslimscomeunderobcreservationin_karnataka

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी समाज का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को देना चाहती है। कर्नाटक के आँकड़े पीएम मोदी के इन आरोपों की तस्दीक करते हैं। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले की जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने प्रेस रिलीज जारी करके दी।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस पर अपत्ति भी जताई है। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जानकारी दी कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मुस्लिम समुदाय को आरक्षण मिल रहा है। आयोग ने ये भी जानकारी दी कि कर्नाटक के मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले पर कर्नाटक सरकार द्वारा आयोग को कोई स्पष्टीकरण नहीं दी गई है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि हमने इस मामले पर कर्नाटक सरकार से पूछा था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है। इस मामले पर हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। हंसराज गंगाराम अहीर के ओर से जारी बयान में कहा गया, कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य लिस्ट में शामिल किया गया है। बयान में आगे लिखा है,"कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को लिखित रूप में बताया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति है और न धर्म है। कर्नाटक में मुस्लिम की आबादी 12.92 प्रतिशत है। राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।"

कर्नाटक सरकार की नीती सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक की इस नीति को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध बताया है। पिछले साल NCBC ने ग्राउंड पर जाकर आरक्षण की स्थति का पता लगाया था। आयोग का कहना है कि ऐसे में मुस्लिमों में जो जातियाँ शिक्षिक-सामाजिक रूप से पिछड़ी हैं उनकी भी हकमारी हो रही है। सभी मुस्लिमों को पिछड़े समाज में डालना इस समाज की विविधता और जटिलता को नज़रअंदाज़ करने के जैसा है। 

कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

हंसराज अहीर ने कहा कर्नाटक में कैटेगरी 1बी और बी2 में कुल 34 मुस्लिम ओबीसी जातियां आती हैं, लेकिन आरक्षण जो दिया है वो समूचे मुस्लिम जातियों को दे दिया गया है। हमने पूछा कि 4 प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया तो उनका गोलमोल जवाब आया है। हंसराज अहीर ने कहा कि हमने कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। हम कर्नाटक के चीफ सेक्रेटरी को तलब कर रहे हैं। हम किसी भी तरह मूल ओबीसी के हक को मरने नहीं देंगे। हमारे आयोग का यही काम है। जरूरत पड़ेगी तो हम कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण के कोटा से इनको हटाएंगे। हम राष्ट्रपति से भी शिकायत कर सकते हैं। बहुत सारे कानूनी उपाय हैं।

ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की शिकायत के बाद जांच

दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की जानकारी मिली थी। उसके बाद आयोग ने पिछले 6 महीने में इसकी जांच शुरू की। आयोग ने अपने जांच के दरमियान सरकारी नौकरी, मेडिकल, इंजीनियरिंग एडमिशन और तमाम सरकारी पदों पर सीमा से अधिक मुस्लिम आरक्षण दिए जाने की बात सामने आई। गत वर्ष राज्य के सरकारी पीजी मेडिकल के 930 सीटों में दिए गए आरक्षण की जब जांच की तो उसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए। आयोग ने पाया कि 930 में से 150 सीट मुस्लिम वर्ग को आरक्षित किया गया है जो करीब कुल सीट का 16 प्रतिशत है। खास बात ये है कि इनमें मुस्लिम वर्ग के उन जातियों को भी लाभ दिया गया है जो आरक्षण के दायरे में नहीं आते।

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Mar 13 2024, 14:34

क्या सीएए लागू होने के बाद भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर पड़ेगा कोई प्रभाव, मुस्लिम प्रवासियों का क्या होगा ?

#will_citizenship_amendment_act_affect_citizenship_of_indian_muslims

देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ़्तों बाद होने जा रहे हैं, उसके ठीक पहले गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम को लागू कर दिया।नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता बिना वैध पासपोर्ट और भारत के वीज़ा के बिना मिल सकती है। हालांकि जब से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया है, तब से ही इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।

सीएए लागू होने के साथ ही देश में कई तरह की अफवाहों और भ्रांतियों का बाजार गर्म होने लगा है। खासतौर से भारतीय मुसलमानों को लेकर। इन तमाम तरह की भ्रांतियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरी अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया है कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून में उनकी भारतीय नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। देश के वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और अधिकारों के अधिकार एकदम हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही हैं। नागरिकता कानून का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि सरकार सीएए को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाई है, ताकि धार्मिक धुव्रीकरण किया जा सके। बता दें कि सीएए में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान। जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमान भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। ये प्राकृतिककरण यानी नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिकता से जुड़ा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने की वजह से इस्लामिक देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में सताए जाने वाले मुस्लिमों को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा रहा है। मंत्रालय ने आगे कहा, सीएए नेचुरलाइजेशन को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून में देश में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों समेत लोगों के एक वर्ग की यह चिंता की सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। पूरी तरह से निराधार है।

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Mar 13 2024, 14:34

क्या सीएए लागू होने के बाद भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर पड़ेगा कोई प्रभाव, मुस्लिम प्रवासियों का क्या होगा ?

#will_citizenship_amendment_act_affect_citizenship_of_indian_muslims

देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ़्तों बाद होने जा रहे हैं, उसके ठीक पहले गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम को लागू कर दिया।नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता बिना वैध पासपोर्ट और भारत के वीज़ा के बिना मिल सकती है। हालांकि जब से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया है, तब से ही इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।

सीएए लागू होने के साथ ही देश में कई तरह की अफवाहों और भ्रांतियों का बाजार गर्म होने लगा है। खासतौर से भारतीय मुसलमानों को लेकर। इन तमाम तरह की भ्रांतियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरी अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया है कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून में उनकी भारतीय नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। देश के वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और अधिकारों के अधिकार एकदम हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही हैं। नागरिकता कानून का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि सरकार सीएए को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाई है, ताकि धार्मिक धुव्रीकरण किया जा सके। बता दें कि सीएए में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान। जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमान भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। ये प्राकृतिककरण यानी नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिकता से जुड़ा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने की वजह से इस्लामिक देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में सताए जाने वाले मुस्लिमों को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा रहा है। मंत्रालय ने आगे कहा, सीएए नेचुरलाइजेशन को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून में देश में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों समेत लोगों के एक वर्ग की यह चिंता की सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। पूरी तरह से निराधार है।

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Jan 15 2024, 10:57

असदुद्दीन ओवैसी का भड़काऊ बयान, बोले-सत्ता में बैठे लोग हमारी मस्जिदों को ललचायी नजर से देख रहे, सावधान रहने की दी सलाह

#aimimchiefappealstomuslimstosavethemosque

देश में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर धूम मची हुई है। सरकार से लेकर आम और खास जनवरी का इंतजार कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को आगाह किया है। उकसाने वाला बयान देते हुए औवैसी ने कहा कि ये सरकार मस्जिदों को खत्म करना चाहती है। एक तो गवां चुके हैं, इसके बाद भी अगर नहीं जागे तो कुछ नहीं बचेगा।

मस्जिदों की हिफाजत करने की अपील

ओवैसी ने रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुआ कहा कि कुदरत हमसे कह रही है कि तुम अपनी गलती की वजह से एक मस्जिद खो चुके हो, सत्ता में बैठे लोग हमारी मस्जिदों को ललचायी नजरों से देख रहे हैं। ओवैसी ने आगे कहा कि आप जब भी मस्जिद जाइये अकेले मत जाइए, अपने बेटे को भी साथ ले जाइए। सिर्फ जुमे के दिन नहीं बल्कि हर वक्त की नमाज मस्जिदों में अदा की जानी चाहिए। मस्जिदों को आबाद रखो और मस्जिदों की हिफाजत करो। ओवैसी ने आगे कहा कि वे जानते हैं कि मुसलमानों को मस्जिद से दूर कर दोगे तो वे निहत्थे हो जाएंगे। मदरसे इस्लाम के किले हैं। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि मदरसे और मस्जिदों को आबाद रखा जाए।

हमारी मस्जिदों से अजान को खत्म कर रहे हैं-ओवैसी

ओवैसी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने मतभेदों को साइड में रखिए। इस वक्त हम ऐसी ताकतों का मुकाबला कर रहे हैं जो हमारे वजूद को मिटाना चाहती हैं और जो हमारी मस्जिदों से अजान को खत्म कर रहे हैं। अगर हम मिलकर खड़ें होंगे तो अल्लाह हमारी मदद करेगा।

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। इस बीच में ओवैसी ने भड़काऊ बयान दिया है।

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Jan 09 2024, 12:00

आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले दी धमकी वीडियो जारी कर समुदाय विशेष को भड़काने की कोशिश

#terrorist_gurpatwant_singh_pannun_urged_muslims_to_oppose_ram_mandir_inauguration 

अयोध्या में इसी महीने 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह होना है। इस बीच पूरे देश रामभक्ति में डूबा हुआ है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का सरगना व आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। पन्नू ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा ले पहले भारत के खिलाफ फिर से जहर उगला है। पन्नू ने मुसलमानों से इस समारोह का विरोध करने को कहा है। एक वीडियो में पन्नू ने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अमृतसर से अयोध्या तक हवाई अड्डों को बंद कर दिया जाएगा। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। 

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक वीडियो जारी कर भारतीय मुस्लिम समुदाय को भड़काने की साजिश रची है।उसने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुस्लिम समुदाय के कट्टर दुश्मन हैं। पन्नू ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद को तोड़ कर बनाया गया है। इसे बाबरी मस्जिद को तोड़ा जाना नहीं बल्कि भारत में रहने वाले करोड़ों मुसलमानों का धर्म परिवर्तन माना जा रहा है। 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मुस्लिम समुदाय के लिए अऑप्रेशन ब्लू स्टार जैसा है।

पन्नू ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को भारत में उर्दीस्तान की मांग रखने को कहा। इसके साथ ही उसने पंजाब के अमृतसर से अयोध्या तक सभी एयरपोर्ट बंद करवाने की धमकी दी। इससे पहले भी पन्नू ने संसद पर हमले की धमकी दी थी। वह एयर इंडिया की उड़ानें बंद करवाने की धमकी भी दे चुका है। 

पन्नू भारत को अपना दुश्मन मानता है। पन्नू के खिलाफ भारत में कई मामले दर्ज हैं। साल 2020 में पन्नू के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया था। आतंकी पन्नू का नाम बीते साल ही दूसरी बार गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के साथ जोड़ा गया था। गृह मंत्रालय ने 2019 में एसएफजे पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके एक साल बाद 2020 में पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया था।

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Dec 21 2023, 12:04

“भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत”, विदेशी अखबार को दिए इंटरव्यू में बोले पीएम मोदी

#pm_modi_says_india_is_safe_haven_for_muslims 

देश में भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार पर मुसलमानों को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं। गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. दंगों के बाद मोदी की छवि मुस्लिम विरोधी बनी थी। जिसका असर नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर भी देखा गया। हालांकि मोदी सरकार ने अपने लगातार प्रयास से इस छवि से निकलने की कोशिश की है। इस बीच विदेशी अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में मुसलमानों के भविष्य को लेकर बड़ी बात कही है। एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत है।

फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत है। इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी से पूछा गया कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक का क्या भविष्य है, इस पर पीएम मोदी ने इसके बजाय भारत के पारसियों की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया, जिन्हें वह ‘भारत में रहने वाले धार्मिक माइक्रो माइनॉरिटी’ मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘दुनिया में अन्य जगहों पर उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, उन्हें (मुस्लिम अल्पसंख्यक) भारत में एक सेफ हैवन मिल गया है। वे खुशी से रह रहे हैं और समृद्ध हो रहे हैं।

वहीं, अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के आरोपों पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि वो सबूतों को देखेंगे लेकिन कुछ वाकयों से भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर नहीं होगा। कुछ वक़्त पहले अमेरिका ने ये दावा किया था कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या के लिए एक शख़्स को क़रीब 83 लाख रुपये की सुपारी दी थी। अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों में दावा किया गया, निखिल गुप्ता को भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।इस मामले में भारत ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच शुरू की थी। अमेरिका ने भारत के इस कदम का स्वागत किया था।

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Aug 12 2023, 11:57

'मुसलमानों के मन की बात सुनें पीएम मोदी', जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की अपील

#shahi_imam_of_jama_masjid_syed_bukhari_appeal_pm_should_listen_to_muslims

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुख़ारी ने कहा है कि देश में पैदा हुए हालातों पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि देश में 'नफ़रत की आंधी' चल रही है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि देश में जिस तरह से नफ़रत का माहौल बना रहा है उसमें प्रधानमंत्री को मुसलमानों के 'मन की बात' सुननी होगी।

बुखानी ने की बातचीत की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुसलमानों के मन की बात सुनने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि हम सरकार से बातचीत का समर्थन करते हैं और बातचीत के लिए तैयार हैं। हिंदू नेताओं से भी बात करें और फिर एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाए। नूंह हिंसा और रेलवे पुलिस फोर्स के जवान के चार लोगों को मारने की घटना का ज़िक्र करते हुए इमाम बुखारी ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों से मुलाक़ात करनी चाहिए

मौजूदा हालात में मुसलमान परेशान हैं- बुखारी

उन्होंने कहा, देश के मौजूदा हालात ने मुझे इस बारे में बोलने के लिए मजबूर कर दिया है। मौजूदा हालात में मुसलमान परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।उन्होंने कहा, “एक ख़ास धर्म के लोगों को खुली चुनौती दी जा रही है। पंचायतें हो रही हैं जिनमें मुसलमानों का बहिष्कार करने और उनके साथ कारोबार ना करने का ऐलान किया जा रहा है। दुनिया में 57 इस्लामिक देश हैं जहां ग़ैर-मुसलमान रहते हैं और उनके रोज़गार को कोई ख़तरा नहीं है।

चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है- शाही इमाम

उन्होंने आरोप लगाया कि नफरत का माहौल देश को अपनी चपेट में ले रहा है और यह बहुसंख्यक समाज के ‘धर्मनिरपेक्ष लोग’ भी महसूस कर रहे हैं। बुखारी ने मेवात की स्थिति पर कहा कि मुल्क में हिंदू -मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कुछ लोग पंचायतें कर मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं और उन्हें ‘धमकियां’ दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है ताकि ध्रुवीकरण हो और वोट एकतरफा तौर पर एक पार्टी के पक्ष में पड़ें।

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Jun 19 2023, 11:22

महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर जारी है बवाल, अब फडणवीस ने कहा-राष्ट्रवादी मुस्लिम मुगल बादशाह को नहीं मानते अपना नेता

#muslimsofthiscountryneveracceptedaurangzebdevendrafadnavis_said 

महाराष्ट्र औरंगजेब को लेकर राजनीति तेज है। सभी दलों के नेताओं के बीच औरंगजेब को लेकर जुबानी जंग जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोई भी मुस्लिम औरंगजेब का वंशज नहीं है और देश में राष्ट्रवादी मुसलमान मुगल बादशाह को अपना नेता नहीं मानते। उन्होंने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा।

हमारे राजा सिर्फ छत्रपति शिवाजी- फडणवीस

फडणवीस अकोला में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान फडणवीस ने कहा, अकोला, संभाजीनगर और कोल्हापुर में जो हुआ वह संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग था। राज्य में औरंगजेब के इतने हमदर्द कैसे आ गए? फडणवीस ने आगे कहा, 'औरंगजेब हमारा नेता कैसे हो सकता है? हमारा राजा केवल एक है और वह छत्रपति शिवाजी महाराज हैं... भारत के मुसलमान, औरंगजेब के वंशज नहीं हैं। मुझे बताएं कि औरंगजेब के वंशज कौन हैं? औरंगजेब और उसके पूर्वज कहां से आए थे? औरंगजेब और उसके पूर्वज बाहर से आए थे।

उद्धव ठाकरे से सवाल

इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या उन्हें उनका कदम मंजूर है। फडणवीस ने कहा, 'आंबेडकर कहते हैं कि औरंगजेब ने लंबे समय तक हमारे देश पर शासन किया। इसलिए हिटलर ने जर्मनी पर भी शासन किया। कई लोग हिटलर को भगवान की तरह पूजते थे...आपसे ये उम्मीद नहीं थी। उद्धव ठाकरे ने आंबेडकर के साथ गठबंधन किया है। तो क्या आप (ठाकरे) आंबेडकर के कृत्य को स्वीकार करते हैं?' 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में, ठाकरे और आंबेडकर के दलों ने गठबंधन किया था।

राष्ट्रवादी मुस्लिम औरंगजेब का समर्थन नहीं करते- फडणवीस

उपमुख्यमंत्री ने कहा, इस देश में राष्ट्रवादी मुसलमान औरंगजेब का समर्थन नहीं करते हैं और वे केवल छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना नेता मानते हैं। औरंगजेब के मकबरे पर जाने को लेकर प्रकाश आंबेडकर पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने उनसे पूछा कि ऐसा करने की क्या जरूरत थी।

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर विवाद जारी है। कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाई थी, जिसके बाद बवाल शुरू हुआ। इस घटना के बाद कोल्हापुर में हिंसा हुई। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी चुनाव से पहले औरंगजेब का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। वहीं शिंदे गुट और बीजेपी विपक्ष को इसका जिम्मेदार बता रहा है।

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Jun 14 2023, 19:40

आप पाकिस्तानी मुसलमान को भाई समझते हैं या नहीं?' जानें क्या था ओवैसी का जवाब

#do_you_consider_pakistani_muslims_as_brothers_know_what_was_answer_owaisi 

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं।वहां एक कार्यक्रम में ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर पूछे गए एक सवाल का दिलचस्प जवाब दिया जो अब चर्चा में है। युवक ने हैदराबाद के सांसद से पूछा कि क्या आप पाकिस्तान के मुसलमानों को अपना भाई मानते हैं? युवक के सवाल पर ओवैसी ने जवाब वायरल हो रहा है।

शिकागो में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में ओवैसी से एक युवक ने पूछा कि क्या आप पाकिस्तान के मुसलमानों को भी अपना भाई मानते हैं ? इस पर ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा, हम पाकिस्तान नाम का एक और राष्ट्र बनाने के खिलाफ थे क्योंकि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी

ओवैसी ने आगे कहा कि जो रजाकार थे वो चले गए और जो वफादार थे वो रह गए। इसके बाद ओवैसी ने मुंबई हमले का जिक्र किया और पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि मुंबई हमले के जो हमलावर थे, वो पाकिस्तान से आए थे और इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। हमने देखा कि 2008 में मुंबई हमले के दौरान पड़ोसी मुल्क ने क्या किया? पाकिस्तान में आतंकवाद है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। कसाब ने मुंबई में मासूमों की हत्या की, वो पाकिस्तान का ही तो था।

अपने जवाब में लगे हाथों ओवैसी ने केन्द्र सरकार को भी लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी नई संसद के अंदर एक अखंड भारत का चित्र लगाया गया है। इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नक्शा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा नेताओं से कहा कि चलिए इन देशों को फतह करते हैं तो भाजपा नेता बोले- मजाक कर रहे हो? मैंने कहा कि मैं मजाक क्यों करूंगा? आपने उन देशों को अपने मानचित्रों में जोड़ा है?

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Apr 29 2024, 19:56

मुस्लिम सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल करते हैं', पीएम मोदी के 'ज्यादा बच्चे' वाले बयान पर ओवैसी का पलटवार

#muslimsusecondomsthemostowaisicountertopm_modi

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दो चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है और 5 चरणों का चुनाव बाकी है। सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता लगातार चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बयानबाजियां चरम पर हैं। इस चुनाव में अगर किसी के बयान की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है पीएम मोदी की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'संपत्ति बांटने' वाले बयान पर राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ है। पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस 'देश की संपत्ति उन लोगों को बांटना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं। कांग्रेस समेत तमाम दलों ने इसे सीधे मुस्लिमों पर हमला बताया है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है।उन्होंने कहा, पीएम कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं। सच तो ये है कि मुसलमानों में प्रजनन दर गिरी है। भारत में मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

पीएम मोदी देश में मुसलमानों को लेकर नफरत फैला रहे-ओवैसी

हैदराबाद में एक चुनावी सभा में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीते दिनों पीएम मोदी ने देश के मुसलमानों को घुसपैठिया कहा था। घुसपैठिया वो होता है जो बाहर के देश से बिना इजाजत घुस आए। यकीनन हमारा मजहब अलग है, मगर हम हैं तो इसी देश के निवासी। ये देश हमारा भी है।पीएम मोदी देश में मुसलमानों को लेकर नफरत फैला रहे हैं। पीएम कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं. सच तो ये है कि मुसलमानों में प्रजनन दर गिरी है। इतना ही नहीं भारत में मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। ये मैं नहीं, सरकार की रिपोर्ट कहती है।

देश में हमेशा हिंदू ही बहुसंख्यक रहेंगे- ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि ये बात बिल्कुल झूठ है कि मुस्लिम इस देश में ज्यादा हो जाएंगे। इस बात को जानबूझकर हिंदुओं को डराने के लिए फैलाया जाता है। ओवैसी ने कहा कि इस देश में हमेशा हिंदू समुदाय के लोग ही बहुसंख्यक रहेंगे। ओवैसी ने पीएम मोदी पर दलितों और मुसलमानों के प्रति दुश्मनी भड़काने के लिए झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

क्या है पीएम मोदी का बयान?

बता दें कि पीएम मोदी ने राजस्थान की एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बयान दिया था। बांसवाड़ा में मोदी ने कहा था, ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। पीएम ने कहा, अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी। ये शहरी-नक्सली मानसिकता माताओं-बहनों के मंगलसूत्र भी नहीं छोड़ेगी।

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Apr 24 2024, 16:11

कर्नाटक में सभी मुसलमान ओबीसी लिस्ट में शामिल, पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

#allmuslimscomeunderobcreservationin_karnataka

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी समाज का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को देना चाहती है। कर्नाटक के आँकड़े पीएम मोदी के इन आरोपों की तस्दीक करते हैं। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले की जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने प्रेस रिलीज जारी करके दी।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस पर अपत्ति भी जताई है। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जानकारी दी कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मुस्लिम समुदाय को आरक्षण मिल रहा है। आयोग ने ये भी जानकारी दी कि कर्नाटक के मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले पर कर्नाटक सरकार द्वारा आयोग को कोई स्पष्टीकरण नहीं दी गई है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि हमने इस मामले पर कर्नाटक सरकार से पूछा था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है। इस मामले पर हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। हंसराज गंगाराम अहीर के ओर से जारी बयान में कहा गया, कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य लिस्ट में शामिल किया गया है। बयान में आगे लिखा है,"कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को लिखित रूप में बताया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति है और न धर्म है। कर्नाटक में मुस्लिम की आबादी 12.92 प्रतिशत है। राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।"

कर्नाटक सरकार की नीती सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक की इस नीति को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध बताया है। पिछले साल NCBC ने ग्राउंड पर जाकर आरक्षण की स्थति का पता लगाया था। आयोग का कहना है कि ऐसे में मुस्लिमों में जो जातियाँ शिक्षिक-सामाजिक रूप से पिछड़ी हैं उनकी भी हकमारी हो रही है। सभी मुस्लिमों को पिछड़े समाज में डालना इस समाज की विविधता और जटिलता को नज़रअंदाज़ करने के जैसा है। 

कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

हंसराज अहीर ने कहा कर्नाटक में कैटेगरी 1बी और बी2 में कुल 34 मुस्लिम ओबीसी जातियां आती हैं, लेकिन आरक्षण जो दिया है वो समूचे मुस्लिम जातियों को दे दिया गया है। हमने पूछा कि 4 प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया तो उनका गोलमोल जवाब आया है। हंसराज अहीर ने कहा कि हमने कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। हम कर्नाटक के चीफ सेक्रेटरी को तलब कर रहे हैं। हम किसी भी तरह मूल ओबीसी के हक को मरने नहीं देंगे। हमारे आयोग का यही काम है। जरूरत पड़ेगी तो हम कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण के कोटा से इनको हटाएंगे। हम राष्ट्रपति से भी शिकायत कर सकते हैं। बहुत सारे कानूनी उपाय हैं।

ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की शिकायत के बाद जांच

दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की जानकारी मिली थी। उसके बाद आयोग ने पिछले 6 महीने में इसकी जांच शुरू की। आयोग ने अपने जांच के दरमियान सरकारी नौकरी, मेडिकल, इंजीनियरिंग एडमिशन और तमाम सरकारी पदों पर सीमा से अधिक मुस्लिम आरक्षण दिए जाने की बात सामने आई। गत वर्ष राज्य के सरकारी पीजी मेडिकल के 930 सीटों में दिए गए आरक्षण की जब जांच की तो उसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए। आयोग ने पाया कि 930 में से 150 सीट मुस्लिम वर्ग को आरक्षित किया गया है जो करीब कुल सीट का 16 प्रतिशत है। खास बात ये है कि इनमें मुस्लिम वर्ग के उन जातियों को भी लाभ दिया गया है जो आरक्षण के दायरे में नहीं आते।

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Mar 13 2024, 14:34

क्या सीएए लागू होने के बाद भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर पड़ेगा कोई प्रभाव, मुस्लिम प्रवासियों का क्या होगा ?

#will_citizenship_amendment_act_affect_citizenship_of_indian_muslims

देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ़्तों बाद होने जा रहे हैं, उसके ठीक पहले गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम को लागू कर दिया।नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता बिना वैध पासपोर्ट और भारत के वीज़ा के बिना मिल सकती है। हालांकि जब से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया है, तब से ही इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।

सीएए लागू होने के साथ ही देश में कई तरह की अफवाहों और भ्रांतियों का बाजार गर्म होने लगा है। खासतौर से भारतीय मुसलमानों को लेकर। इन तमाम तरह की भ्रांतियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरी अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया है कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून में उनकी भारतीय नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। देश के वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और अधिकारों के अधिकार एकदम हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही हैं। नागरिकता कानून का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि सरकार सीएए को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाई है, ताकि धार्मिक धुव्रीकरण किया जा सके। बता दें कि सीएए में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान। जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमान भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। ये प्राकृतिककरण यानी नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिकता से जुड़ा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने की वजह से इस्लामिक देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में सताए जाने वाले मुस्लिमों को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा रहा है। मंत्रालय ने आगे कहा, सीएए नेचुरलाइजेशन को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून में देश में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों समेत लोगों के एक वर्ग की यह चिंता की सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। पूरी तरह से निराधार है।

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Mar 13 2024, 14:34

क्या सीएए लागू होने के बाद भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर पड़ेगा कोई प्रभाव, मुस्लिम प्रवासियों का क्या होगा ?

#will_citizenship_amendment_act_affect_citizenship_of_indian_muslims

देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ़्तों बाद होने जा रहे हैं, उसके ठीक पहले गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम को लागू कर दिया।नागरिकता संशोधन नियम लागू होने के बाद अब पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता बिना वैध पासपोर्ट और भारत के वीज़ा के बिना मिल सकती है। हालांकि जब से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया है, तब से ही इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।

सीएए लागू होने के साथ ही देश में कई तरह की अफवाहों और भ्रांतियों का बाजार गर्म होने लगा है। खासतौर से भारतीय मुसलमानों को लेकर। इन तमाम तरह की भ्रांतियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरी अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया है कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून में उनकी भारतीय नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। देश के वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और अधिकारों के अधिकार एकदम हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही हैं। नागरिकता कानून का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल, विपक्ष का कहना है कि सरकार सीएए को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाई है, ताकि धार्मिक धुव्रीकरण किया जा सके। बता दें कि सीएए में तीन देशों के प्रवासियों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। ये देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान। जिन गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जानी है उनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के वो लोग शामिल हैं, जो अपने मुल्क में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया, लेकिन सच ये है कि मुस्लिमों को नागरिकता देने का काम पुराने कानूनों द्वारा संचालित होता रहेगा।

गृह मंत्रालय ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमान भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। ये प्राकृतिककरण यानी नेचुरलाइजेशन के जरिए नागरिकता से जुड़ा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने की वजह से इस्लामिक देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) में सताए जाने वाले मुस्लिमों को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा रहा है। मंत्रालय ने आगे कहा, सीएए नेचुरलाइजेशन को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून में देश में रह रहे अवैध मुस्लिम प्रवासियों को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं किया गया है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों समेत लोगों के एक वर्ग की यह चिंता की सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। पूरी तरह से निराधार है।

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Jan 15 2024, 10:57

असदुद्दीन ओवैसी का भड़काऊ बयान, बोले-सत्ता में बैठे लोग हमारी मस्जिदों को ललचायी नजर से देख रहे, सावधान रहने की दी सलाह

#aimimchiefappealstomuslimstosavethemosque

देश में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर धूम मची हुई है। सरकार से लेकर आम और खास जनवरी का इंतजार कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को आगाह किया है। उकसाने वाला बयान देते हुए औवैसी ने कहा कि ये सरकार मस्जिदों को खत्म करना चाहती है। एक तो गवां चुके हैं, इसके बाद भी अगर नहीं जागे तो कुछ नहीं बचेगा।

मस्जिदों की हिफाजत करने की अपील

ओवैसी ने रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुआ कहा कि कुदरत हमसे कह रही है कि तुम अपनी गलती की वजह से एक मस्जिद खो चुके हो, सत्ता में बैठे लोग हमारी मस्जिदों को ललचायी नजरों से देख रहे हैं। ओवैसी ने आगे कहा कि आप जब भी मस्जिद जाइये अकेले मत जाइए, अपने बेटे को भी साथ ले जाइए। सिर्फ जुमे के दिन नहीं बल्कि हर वक्त की नमाज मस्जिदों में अदा की जानी चाहिए। मस्जिदों को आबाद रखो और मस्जिदों की हिफाजत करो। ओवैसी ने आगे कहा कि वे जानते हैं कि मुसलमानों को मस्जिद से दूर कर दोगे तो वे निहत्थे हो जाएंगे। मदरसे इस्लाम के किले हैं। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि मदरसे और मस्जिदों को आबाद रखा जाए।

हमारी मस्जिदों से अजान को खत्म कर रहे हैं-ओवैसी

ओवैसी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने मतभेदों को साइड में रखिए। इस वक्त हम ऐसी ताकतों का मुकाबला कर रहे हैं जो हमारे वजूद को मिटाना चाहती हैं और जो हमारी मस्जिदों से अजान को खत्म कर रहे हैं। अगर हम मिलकर खड़ें होंगे तो अल्लाह हमारी मदद करेगा।

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। इस बीच में ओवैसी ने भड़काऊ बयान दिया है।

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Jan 09 2024, 12:00

आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले दी धमकी वीडियो जारी कर समुदाय विशेष को भड़काने की कोशिश

#terrorist_gurpatwant_singh_pannun_urged_muslims_to_oppose_ram_mandir_inauguration 

अयोध्या में इसी महीने 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह होना है। इस बीच पूरे देश रामभक्ति में डूबा हुआ है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का सरगना व आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। पन्नू ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा ले पहले भारत के खिलाफ फिर से जहर उगला है। पन्नू ने मुसलमानों से इस समारोह का विरोध करने को कहा है। एक वीडियो में पन्नू ने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अमृतसर से अयोध्या तक हवाई अड्डों को बंद कर दिया जाएगा। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। 

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक वीडियो जारी कर भारतीय मुस्लिम समुदाय को भड़काने की साजिश रची है।उसने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुस्लिम समुदाय के कट्टर दुश्मन हैं। पन्नू ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद को तोड़ कर बनाया गया है। इसे बाबरी मस्जिद को तोड़ा जाना नहीं बल्कि भारत में रहने वाले करोड़ों मुसलमानों का धर्म परिवर्तन माना जा रहा है। 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मुस्लिम समुदाय के लिए अऑप्रेशन ब्लू स्टार जैसा है।

पन्नू ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को भारत में उर्दीस्तान की मांग रखने को कहा। इसके साथ ही उसने पंजाब के अमृतसर से अयोध्या तक सभी एयरपोर्ट बंद करवाने की धमकी दी। इससे पहले भी पन्नू ने संसद पर हमले की धमकी दी थी। वह एयर इंडिया की उड़ानें बंद करवाने की धमकी भी दे चुका है। 

पन्नू भारत को अपना दुश्मन मानता है। पन्नू के खिलाफ भारत में कई मामले दर्ज हैं। साल 2020 में पन्नू के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया था। आतंकी पन्नू का नाम बीते साल ही दूसरी बार गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के साथ जोड़ा गया था। गृह मंत्रालय ने 2019 में एसएफजे पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके एक साल बाद 2020 में पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया था।

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Dec 21 2023, 12:04

“भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत”, विदेशी अखबार को दिए इंटरव्यू में बोले पीएम मोदी

#pm_modi_says_india_is_safe_haven_for_muslims 

देश में भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार पर मुसलमानों को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं। गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. दंगों के बाद मोदी की छवि मुस्लिम विरोधी बनी थी। जिसका असर नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर भी देखा गया। हालांकि मोदी सरकार ने अपने लगातार प्रयास से इस छवि से निकलने की कोशिश की है। इस बीच विदेशी अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में मुसलमानों के भविष्य को लेकर बड़ी बात कही है। एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत है।

फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती मुस्लिमों के लिए जन्नत है। इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी से पूछा गया कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक का क्या भविष्य है, इस पर पीएम मोदी ने इसके बजाय भारत के पारसियों की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया, जिन्हें वह ‘भारत में रहने वाले धार्मिक माइक्रो माइनॉरिटी’ मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘दुनिया में अन्य जगहों पर उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, उन्हें (मुस्लिम अल्पसंख्यक) भारत में एक सेफ हैवन मिल गया है। वे खुशी से रह रहे हैं और समृद्ध हो रहे हैं।

वहीं, अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के आरोपों पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि वो सबूतों को देखेंगे लेकिन कुछ वाकयों से भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर नहीं होगा। कुछ वक़्त पहले अमेरिका ने ये दावा किया था कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या के लिए एक शख़्स को क़रीब 83 लाख रुपये की सुपारी दी थी। अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों में दावा किया गया, निखिल गुप्ता को भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।इस मामले में भारत ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच शुरू की थी। अमेरिका ने भारत के इस कदम का स्वागत किया था।

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Aug 12 2023, 11:57

'मुसलमानों के मन की बात सुनें पीएम मोदी', जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की अपील

#shahi_imam_of_jama_masjid_syed_bukhari_appeal_pm_should_listen_to_muslims

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुख़ारी ने कहा है कि देश में पैदा हुए हालातों पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि देश में 'नफ़रत की आंधी' चल रही है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि देश में जिस तरह से नफ़रत का माहौल बना रहा है उसमें प्रधानमंत्री को मुसलमानों के 'मन की बात' सुननी होगी।

बुखानी ने की बातचीत की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुसलमानों के मन की बात सुनने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि हम सरकार से बातचीत का समर्थन करते हैं और बातचीत के लिए तैयार हैं। हिंदू नेताओं से भी बात करें और फिर एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाए। नूंह हिंसा और रेलवे पुलिस फोर्स के जवान के चार लोगों को मारने की घटना का ज़िक्र करते हुए इमाम बुखारी ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों से मुलाक़ात करनी चाहिए

मौजूदा हालात में मुसलमान परेशान हैं- बुखारी

उन्होंने कहा, देश के मौजूदा हालात ने मुझे इस बारे में बोलने के लिए मजबूर कर दिया है। मौजूदा हालात में मुसलमान परेशान हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।उन्होंने कहा, “एक ख़ास धर्म के लोगों को खुली चुनौती दी जा रही है। पंचायतें हो रही हैं जिनमें मुसलमानों का बहिष्कार करने और उनके साथ कारोबार ना करने का ऐलान किया जा रहा है। दुनिया में 57 इस्लामिक देश हैं जहां ग़ैर-मुसलमान रहते हैं और उनके रोज़गार को कोई ख़तरा नहीं है।

चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है- शाही इमाम

उन्होंने आरोप लगाया कि नफरत का माहौल देश को अपनी चपेट में ले रहा है और यह बहुसंख्यक समाज के ‘धर्मनिरपेक्ष लोग’ भी महसूस कर रहे हैं। बुखारी ने मेवात की स्थिति पर कहा कि मुल्क में हिंदू -मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कुछ लोग पंचायतें कर मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं और उन्हें ‘धमकियां’ दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव की वजह से माहौल बनाया जा रहा है ताकि ध्रुवीकरण हो और वोट एकतरफा तौर पर एक पार्टी के पक्ष में पड़ें।

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Jun 19 2023, 11:22

महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर जारी है बवाल, अब फडणवीस ने कहा-राष्ट्रवादी मुस्लिम मुगल बादशाह को नहीं मानते अपना नेता

#muslimsofthiscountryneveracceptedaurangzebdevendrafadnavis_said 

महाराष्ट्र औरंगजेब को लेकर राजनीति तेज है। सभी दलों के नेताओं के बीच औरंगजेब को लेकर जुबानी जंग जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोई भी मुस्लिम औरंगजेब का वंशज नहीं है और देश में राष्ट्रवादी मुसलमान मुगल बादशाह को अपना नेता नहीं मानते। उन्होंने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा।

हमारे राजा सिर्फ छत्रपति शिवाजी- फडणवीस

फडणवीस अकोला में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान फडणवीस ने कहा, अकोला, संभाजीनगर और कोल्हापुर में जो हुआ वह संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग था। राज्य में औरंगजेब के इतने हमदर्द कैसे आ गए? फडणवीस ने आगे कहा, 'औरंगजेब हमारा नेता कैसे हो सकता है? हमारा राजा केवल एक है और वह छत्रपति शिवाजी महाराज हैं... भारत के मुसलमान, औरंगजेब के वंशज नहीं हैं। मुझे बताएं कि औरंगजेब के वंशज कौन हैं? औरंगजेब और उसके पूर्वज कहां से आए थे? औरंगजेब और उसके पूर्वज बाहर से आए थे।

उद्धव ठाकरे से सवाल

इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या उन्हें उनका कदम मंजूर है। फडणवीस ने कहा, 'आंबेडकर कहते हैं कि औरंगजेब ने लंबे समय तक हमारे देश पर शासन किया। इसलिए हिटलर ने जर्मनी पर भी शासन किया। कई लोग हिटलर को भगवान की तरह पूजते थे...आपसे ये उम्मीद नहीं थी। उद्धव ठाकरे ने आंबेडकर के साथ गठबंधन किया है। तो क्या आप (ठाकरे) आंबेडकर के कृत्य को स्वीकार करते हैं?' 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में, ठाकरे और आंबेडकर के दलों ने गठबंधन किया था।

राष्ट्रवादी मुस्लिम औरंगजेब का समर्थन नहीं करते- फडणवीस

उपमुख्यमंत्री ने कहा, इस देश में राष्ट्रवादी मुसलमान औरंगजेब का समर्थन नहीं करते हैं और वे केवल छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना नेता मानते हैं। औरंगजेब के मकबरे पर जाने को लेकर प्रकाश आंबेडकर पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने उनसे पूछा कि ऐसा करने की क्या जरूरत थी।

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर विवाद जारी है। कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाई थी, जिसके बाद बवाल शुरू हुआ। इस घटना के बाद कोल्हापुर में हिंसा हुई। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी चुनाव से पहले औरंगजेब का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। वहीं शिंदे गुट और बीजेपी विपक्ष को इसका जिम्मेदार बता रहा है।

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Jun 14 2023, 19:40

आप पाकिस्तानी मुसलमान को भाई समझते हैं या नहीं?' जानें क्या था ओवैसी का जवाब

#do_you_consider_pakistani_muslims_as_brothers_know_what_was_answer_owaisi 

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं।वहां एक कार्यक्रम में ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर पूछे गए एक सवाल का दिलचस्प जवाब दिया जो अब चर्चा में है। युवक ने हैदराबाद के सांसद से पूछा कि क्या आप पाकिस्तान के मुसलमानों को अपना भाई मानते हैं? युवक के सवाल पर ओवैसी ने जवाब वायरल हो रहा है।

शिकागो में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में ओवैसी से एक युवक ने पूछा कि क्या आप पाकिस्तान के मुसलमानों को भी अपना भाई मानते हैं ? इस पर ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा, हम पाकिस्तान नाम का एक और राष्ट्र बनाने के खिलाफ थे क्योंकि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी

ओवैसी ने आगे कहा कि जो रजाकार थे वो चले गए और जो वफादार थे वो रह गए। इसके बाद ओवैसी ने मुंबई हमले का जिक्र किया और पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि मुंबई हमले के जो हमलावर थे, वो पाकिस्तान से आए थे और इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। हमने देखा कि 2008 में मुंबई हमले के दौरान पड़ोसी मुल्क ने क्या किया? पाकिस्तान में आतंकवाद है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। कसाब ने मुंबई में मासूमों की हत्या की, वो पाकिस्तान का ही तो था।

अपने जवाब में लगे हाथों ओवैसी ने केन्द्र सरकार को भी लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी नई संसद के अंदर एक अखंड भारत का चित्र लगाया गया है। इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नक्शा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा नेताओं से कहा कि चलिए इन देशों को फतह करते हैं तो भाजपा नेता बोले- मजाक कर रहे हो? मैंने कहा कि मैं मजाक क्यों करूंगा? आपने उन देशों को अपने मानचित्रों में जोड़ा है?