भारत के चुनावों में अमेरिका ने दी दखल? मस्क ने रोकी फंडिंग, आरोप-प्रत्यारो शुरू

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देश में वोटिंग बढ़ाने के लिए अमेरिका से फंडिंग के मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी इलॉन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग रद्द कर दी है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) ने शनिवार को ये फैसला लिया।

एलन मस्क के नेतृत्व वाला सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) लगातार यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) यानी यूएसएड की पोल खोलने में जुटा है। सरकारी खर्च में कटौती में जुटे ट्रंप प्रशासन के निशाने पर यूएसएड है। दक्षता विभाग ने हाल ही में भारत समेत दुनियाभर के कई देशों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोक दी है।

डीओजीई ने एक लिस्ट जारी की है। इसमें डिपार्टमेंट की तरफ से 15 तरह के प्रोग्राम्स की फंडिंग रद्द की गई है। इसमें एक प्रोग्राम दुनियाभर में चुनाव प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए भी है, जिसका फंड 4200 करोड़ रुपए है। इस फंड में भारत की हिस्सेदारी 182 करोड़ रुपए की है। दरअसल, अमेरिका भारतीय के चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की खातिर फंडिंग कर रहा था। अब सवाल यह उठ रहा है कि अमेरिका यह धन किसे देता था?

बीजेपी ने चुनाव में फंडिंग पर सवाल उठाए

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि इस फंड का इस्तेमाल भारतीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और अमेरिकी बिजनेसमेन जॉर्ज सोरोस पर भारत में चुनाव प्रक्रिया में दखल देने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा- 21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ रुपए) वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए? यह साफ तौर पर देश की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल है। इस फंड से किसे फायदा होगा। जाहिर है इससे सत्ताधारी (बीजेपी) पार्टी को तो फायदा नहीं होगा। एक दूसरे पोस्ट में अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्टी और जॉर्ज सोरोस पर भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। मालवीय ने सोरोस को गांधी परिवार का जाना-माना सहयोगी बताया।

मालवीय ने एक्स पर लिखा कि 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के साथ एक एमओयू साइन किया था। ये संस्था जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा है। इसे मुख्य तौर पर यूएसएआईडी से आर्थिक मदद मिलती है।

कुरैशी फंडिंग किए जाने के आरोप को बताया निराधार

इधर, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके एसवाई कुरैशी ने कहा है कि उनके समय देश में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी एजेंसी की तरफ से फंडिंग किए जाने के आरोप पूरी तरह निराधार है। कुरैशी ने कहा कि, देश के एक मीडिया तबके में जो ये बात कही जा रही है कि जब मैं देश का मुख्य चुनाव आयुक्त था, तब 2012 में भारतीय चुनाव आयोग और अमेरिकी एजेंसी के बीच वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई फंडिंग से संबंधित करार हुआ, इस बारे में तनिक भी सच्चाई नहीं है। कुरैशी ने कहा कि वास्तव में 2012 में जब मैं सीईसी था, तब इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के साथ एक समझौता हुआ था। इसका मकसद दूसरे देशों की चुनावी एजेंसियों और प्रबंधन निकायों को प्रशिक्षण देना था। इस समझौते में किसी भी तरह की फंडिंग का कोई वादा शामिल नहीं था। राशि तो भूल ही जाइए।

बता दें कि एस वाई कुरैशी 30 जुलाई, 2010 से 10 जून, 2012 तक भारतीय चुनाव आयोग के मुखिया रहे थे।

मस्क ने OpenAI को खरीदने का दिया ऑफर, ऑल्टमैन का जवाब सुनकर हो जाएंगे हैरान
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* दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क ने ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI को खरीदने का ऑफर दिया है। मस्क ने OpenAI के नॉन प्रॉफिट भाग को खरीदने के लिए $97.4 बिलियन (84 लाख करोड़ रुपये) की बोली लगाई है। हालांकि OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने मस्क के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ऑल्टमैन ने कहा कि उनकी कंपनी बिक्री के लिए नहीं है लेकिन मस्क चाहें तो वह ट्विटर को 9.74 अरब डॉलर में खरीदने को तैयार हैं। बता दें कि 2015 में एलन मस्क ने OpenAI स्टार्टअप ऑल्टमैन के साथ शुरू किया था। बाद में निकल गए। ओपनएआई का नेतृत्व करने को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और आखिरकार साल 2018 में मस्क ने ओपनएआई के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। नॉनप्रॉफिट मामला था। मस्क को क्या पता कि इस ओपन एआई की वैल्यूएशन 300 अरब डॉलर हो जाएगी। हाल ही में जापान के सॉफ्ट बैंक ने ये दाम लगाया। अब, मस्क के खुद के एआई स्टार्टअप एक्सएआई और निवेशक फर्मों के एक समूह ने मिलकर चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई को 97 अरब डॉलर में खरीदने की इच्छा जताई है। एलन मस्क के वकील मार्क टोबरॉफ ने बताया कि मस्क ओपनएआई को एक गैर लाभकारी रिसर्च लैब में बदलना चाहते हैं। मस्क की पेशकश पर सैम ऑल्टमैन ने कहा है – नो थैंक्यू, आप बोलो तो ट्विटर 9.7 अरब डॉलर में मुझे बेच दो। मस्क की मंशा है कि ओपनएआई हथिया लेने के बाद अपनी एआई कंपनी में मर्ज कर दिया जाए और दुनिया भर में लोहा मनवा लें। मस्क का दावा है कि ओपनएआई अपने एआई टूल्स से मुनाफा कमाना चाहती है जो इसके फाउंडिंग चार्टर का उल्लंघन है। मस्क ने भी एआई के लिए एक्सएआई कंपनी बनाई है लेकिन यह अब तक कुछ खास नहीं कर पाई है। यही वजह है कि मस्क की नजर चैटजीपीटी पर है। अगर वह इस कंपनी को खरीदते हैं तो इसमें उनका मैज्योरिटी स्टेक होगा। चैटजीपीटी की सफलता का श्रेय पूरी तरह ऑल्टमैन को जाता है और वह इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं।
अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स चलना-फिरना भूलीं, मस्क पर टिकी ट्रंप की उम्मीद

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं आने के बाद दोनों स्पेस में ही अटक गए। हालांकि, उन्हें लाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच सुनीता विलियम्स के एक बयान ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। अंतरिक्ष में 237 दिनों से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि वह याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है।

एक मैगजीन को दिए गये इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा है, कि वो काफी बेसब्री से धरती पर लौटने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, कि वो अब चलना तक भूल गईं हैं। उन्होंने कहा, कि वो याद कर रही हैं, कैसे चलती थीं। उन्होंने कहा, मैं स्पेस स्टेशन में काफी समय से हूं और मैं यह याद करने की कोशिश कर रही हूं, कि चलना कैसा होता है। मैं नहीं चली हूं। मैं नहीं बैठी हूं। मैं नहीं लेटी हूं। आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी आंखें बंद कर सकते हैं और जहां आप हैं, वहीं तैर सकते हैं।

मस्क ने कहा वापसी का काम शुरू

इस हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मशहूर कारोबारी और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने में मदद मांगी है। एलन मस्क ने कहा है कि उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, @ ने से पर फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है। हम ऐसा करेंगे।"

ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा, कि स्पेसएक्स "जल्द ही" दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महीनों से फंसे हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि "एलन जल्द ही कोशिश शुरू करेंगे और उम्मीद हैं, कि सभी सुरक्षित होंगे। शुभकामनाएं एलन!!!"

अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स?

बता दें, कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे, लेकिन बोइंग स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल दिक्कतें आ गईं और दोनों अंतरिक्षयात्री वहीं फंस गये। सुनीता विलियम्स को सिर्फ 10 दिनों तक ही स्पेस स्टेशन में रहना था, लेकिन पिछले 8 महीनों से वो वहीं फंसी हुई हैं। नासा और बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार फैसला लिया गया, कि स्पेसक्राफ्ट को वैज्ञानिकों के साथ धरती पर लाना काफी जोखिम भरा कदम होगा।

एलन मस्क का सपना टूटा, स्पेस एक्स का स्टारशिप टेस्ट हुआ फेल, लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ब्लास्ट

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अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। उनकी कंपनी स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट मिशन फेल हो गया है। स्पेसएक्स द्वारा टेक्सास से लॉन्च किया गया, हालांकि, स्टारशिप रॉकेट कुछ ही मिनटों बाद ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद तरिक्षयान का मलबा हवा में फैल गया। एलन मस्क ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और लिखा कि सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

एलन मस्क की कंपनी ने कहा कि टेक्सास के बोका चिका से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अंतरिक्ष यान के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए। उड़ान के केवल 8 1/2 मिनट बाद ही अंतरिक्षयान का संपर्क टूट गया। यह घटना तब हुई, जब रॉकेट के सुपर हैवी बूस्टर ने अंतरिक्षयान से अलग होना शुरू किया था। यह स्टारशिप रॉकेट की सातवीं परीक्षण उड़ान थी। स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल के कम्युनिकेशन मैनेजर का कहना है कि स्टारशिप से संचार टूटने की वजह ऊपरी चरण में हुई तकनीकी खामी थी और कुछ मिनट बाद ही अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो गया और उसका मलबा आकाश में बिखर गया।

वहीं, एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लॉन्च के बाद का वीडियो जारी करते हुए लिखा है, सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

यह नया और उन्नत मॉडल, जो अपनी पहली उड़ान पर था, टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी के पार दुनिया के चारों ओर एक लूप में उड़ान भरने वाला था। स्पेसएक्स ने इसे 10 डमी सैटेलाइट्स के साथ पैक किया था ताकि उन्हें छोड़ने का अभ्यास किया जा सके।

क्या एलन मस्क खरीद रहे टिकटॉक? जानें क्यों उठ रहे ये सवाल
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अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगना लगभग तय माना जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि संभवत: चीन अमेरिकी में राष्ट्रपति की कुर्सी पर ट्रंप के बैठने के बाद के वातावरण से फायदा उठाने के लिए अपना यह एप एलन मस्क को बेच दे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, एलन मस्क के साथ टिकटॉक को लेकर डील करना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी अधिकारी टिकटॉक में कुछ शेयर बेचने पर विचार कर रहे हैं। चीन इससे पहले टिकटॉक की बिक्री का सख्त विरोध करता आया है।

टिकटॉक पर अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन भेजे जाने के आरोप लगने लगे। कंपनी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया और खुद को सिंगापुर में निवेशित कंपनी करार दिया। लेकिन जून 2022 में एक मीडिया समूह ने टिकटॉक की आंतरिक बैठकों के हवाले से खुलासा किया कि इनमें चर्चा हुई कि कैसे चीन में बैठे बाइडांस के कर्मचारी विदेश में मौजूद डाटा तक पहुंच रखते हैं और कैसे एक मास्टर एडमिन सब कुछ देख सकता है। इन खुलासों के बाद अमेरिका की सीनेट (संसद के उच्च सदन) की खुफिया मामलों की समिति ने संघीय संचार आयोग (एफसीसी) से बाइडांस की जांच करने की मांग की और टिकटॉक की सच्चाई पता लगाने को कहा। इसके ठीक बाद टिकटॉक ने माना कि चीन में बैठे उसके कर्मचारियों की अमेरिकी यूजर्स के डाटा तक पहुंच हो सकती है। जून 2023 में टिकटॉक ने यह भी मान लिया कि कुछ अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर्स की वित्तीय जानकारी चीन में भी स्टोर है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडांस की हालिया बैठक में टिकटॉक को अमेरिका में बंद होने से बचाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसी बैठक में टिकटॉक का अमेरिका से जुड़ा पूरा कारोबार और अधिकार एलन मस्क को बेचने पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि चीन के शासन की तरफ से भी इसकी मंजूरी मिल सकती है।

कंपनियों के मालिक की आगामी ट्रंप सरकार में अच्छी खासी पकड़ है। साथ ही चीन में भी मस्क को पसंद करने वाले लोग हैं। यही वजह है कि टिकटॉक को मस्क की कंपनी एक्स को बेचने पर विचार हो रहा है। टिकटॉक के अमेरिका में 17 करोड़ यूजर्स हैं और अगर मस्क टिकटॉक को खरीदते हैं तो इसका उनके मालिकाना हक वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स को भी जबरदस्त फायदा मिल सकता है।

यह कदम चीन के लिए सिर्फ टिकटॉक बचाने तक सीमित नहीं है। इसके जरिए चीन अमेरिकी प्रशासन के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते सुधारना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीनी आयातों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। अगर मस्क के जरिए चीन और ट्रंप के बीच बातचीत होती है, तो चीन इस टैरिफ से बच सकता है। वहीं, ट्रंप इसे अमेरिका में टिकटॉक को बचाने और लोगों की प्राइवेसी सुनिश्चित करने के वादे के तौर पर पेश कर सकते हैं।
"क्या जेफ बेजोस को मस्क-ट्रंप के रिश्तों से अंतरिक्ष दौड़ में कोई खतरा नहीं?"

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जेफ बेजोस को नहीं लगता कि स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल बेजोस की प्रतिद्वंद्वी अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन को कमतर आंकने के लिए करेंगे, और वे आने वाले प्रशासन के अंतरिक्ष एजेंडे के बारे में "बहुत आशावादी" हैं।

ब्लू ओरिजिन के न्यू ग्लेन रॉकेट का पहला प्रक्षेपण, जिसका काम अंततः नासा के लिए कंपनी के मून लैंडर को लॉन्च करना था, कई देरी के बाद सोमवार को सुबह होना था, लेकिन वाहन में आखिरी समय में आई समस्या के कारण इसे कम से कम एक और दिन के लिए टाल दिया गया। न्यू ग्लेन 30 मंजिला ऊंचा रॉकेट है, जिससे स्पेसएक्स के बाजार प्रभुत्व को कम करने और सैटेलाइट लॉन्च व्यवसाय में ब्लू ओरिजिन के लंबे समय से विलंबित प्रवेश को गति देने की उम्मीद है।

ब्लू ओरिजिन के संस्थापक बेजोस ने रविवार को रॉयटर्स से कहा, "एलोन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह यह सब सार्वजनिक हित के लिए कर रहे हैं, न कि अपने निजी लाभ के लिए और मैं उनकी बात को सच मानता हूँ।" मस्क, जिन्होंने ट्रम्प को चुनने में मदद करने के लिए एक चौथाई बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं, अंतरिक्ष मामलों पर ट्रम्प की बात सुनते आए हैं। पिछले महीने, मस्क ने कहा था कि अमेरिका को पहले चंद्रमा पर जाने के बजाय सीधे मंगल पर मिशन भेजना चाहिए, जिससे नासा के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में बड़े बदलाव की उद्योग की चिंता बढ़ गई। 

बेजोस से जब पूछा गया कि क्या वह नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में बदलावों के बारे में चिंतित हैं, तो उन्होंने कहा, "मेरी अपनी राय है कि हमें दोनों काम करने चाहिए - हमें चंद्रमा पर जाना चाहिए और हमें मंगल पर भी जाना चाहिए।" बेजोस ने कहा, "हमें जो नहीं करना चाहिए वह है चीजों को शुरू करना और बंद करना। हमें निश्चित रूप से चंद्र कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।" संभावित व्यापक बदलाव राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प से नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में व्यापक बदलाव करने और मंगल पर मिशन भेजने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। अमेज़ॅन ने ट्रम्प के उद्घाटन कोष में $1 मिलियन का दान दिया है और इस कार्यक्रम को अपनी प्राइम वीडियो सेवा पर स्ट्रीम करेगा। अमेज़ॅन के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष बेजोस ने ट्रम्प से मुलाकात की है, लेकिन रॉयटर्स से कहा कि "हमने वास्तव में अंतरिक्ष के बारे में बात नहीं की है।"

नए अमेरिकी राष्ट्रपतियों की राजनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव ने अतीत में महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को खत्म कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश की अंतरिक्ष अन्वेषण पहल, एक चालक दल वाला चंद्रमा कार्यक्रम, उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की नीति द्वारा समाप्त कर दिया गया था, जो रोबोट जांच का पक्षधर था। नासा का बहु-बिलियन डॉलर का चंद्रमा कार्यक्रम, आर्टेमिस, काफी हद तक ट्रम्प के पहले प्रशासन द्वारा शुरू किया गया था, और इस दशक के अंत में मनुष्यों को चंद्रमा पर भेजने के इसके लक्ष्य - अपोलो कार्यक्रम के बाद पहली बार - को राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपनाया था।

2000 में बेजोस द्वारा स्थापित ब्लू ओरिजिन का नासा के साथ आर्टेमिस के तहत मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारने के लिए $3 बिलियन का अनुबंध है, जो स्पेसएक्स के स्टारशिप के मिशन के बाद है, मस्क का पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य रॉकेट विकास में है जिसे चंद्रमा और मंगल दोनों पर मनुष्यों और कार्गो को भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्पेसएक्स के स्टारशिप के साथ विकास के मील के पत्थर से प्रभावित ट्रम्प ने हाल के महीनों में राजनीतिक रैलियों में मंगल ग्रह पर मिशन भेजने पर ध्यान केंद्रित किया है, यह सुझाव देते हुए कि वह नासा के प्रमुख अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंडे पर अपना रुख बदल देंगे। "इन सभी कार्यक्रमों में किसी भी एक राष्ट्रपति प्रशासन की तुलना में अधिक समय लगता है," बेजोस ने कहा। "इसलिए यदि आप प्रगति देखना चाहते हैं तो आपको इन कार्यक्रमों में निरंतरता की आवश्यकता है।"

क्या है ग्रूमिंग गैंग जिसके खिलाफ बुलंद हो रही आवाज? प्रियंका चतुर्वेदी ने इसपर क्या कहा साथ आए एलन मस्क

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ब्रिटेन में लगातार ग्रूमिंग गैंग्स के मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स की इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। खासकर सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। इस मुद्दे पर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ब्रिटिश पीएम किम स्टार्मर से लेकर एलन मस्क तक खूब बोल रहे हैं। एलन मस्क ने तो ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से कीर स्टार्मर सरकार को बर्खास्त करने की ही मांग कर दी है क्योंकि स्टार्मर सरकार पर इन ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लग रहा है। अब तो भारत में भी इसकी बात होने लगी है।

शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी की ने ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पिछले दिनों बाल शोषण पर बोलते हुए ‘एशियाई’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति जताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये एशियाई देश नहीं बल्कि इन सभी अपराधों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, चतुर्वेदी के इस बयान पर अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने भी सहमति जताई है।

दरअसल, उद्धव ठाकरे की गुट की शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘ब्रिटेन में ये एशियन ग्रूमिंग गैंग नहीं है, बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग हैं। एशियाई लोगों को एक बहुत ही दुष्ट राष्ट्र के लिए क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए?’ इस पोस्ट को देखते ही एलन मस्क भी कूद पड़े।

एलन मस्क ने किया समर्थन

प्रियंका चतुर्वेदी के पोस्ट पर जवाब देते हुए स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि हां बात तो सही है। ब्रिटेन में इन दिनों 'रॉदरहैम स्कैंडल' का मामला सुर्खियों में है, इसे 'ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल' के नाम से भी जाना जाता है। साल 2022 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इंग्लैंड के रॉदरहैम, कॉर्नवाल, डर्बीशायर समेत कई शहरों में साल 1997 से 2013 के बीच करीब 1400 नाबालिग बच्चियों का संगठित अपराध के तहत शोषण किया गया। इन संगठित गैंग्स ने बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण किया और उनकी तस्करी की। इन बच्चियों का शोषण करने वाले लोगों में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के लोग हैं।

क्या है वो बयान जिस पर प्रियंका ने खड़े किए सवाल?

कीर स्टार्मर के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ पहली बार मुकदमा चलाया था।

विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग उठाई है। जांच में पाया गया था कि कई मामलों के अपराधी पाकिस्तानी मूल के हैं, इसके बाद ही प्रधानमंत्री ने ये बयान दिया था। यूनाइटेड किंगडम में लंबे समय से ग्रूमिंग गैंग्स के काले इतिहास से जूझ रहा है।

क्या हैं ग्रूमिंग गैंग्स?

ग्रूमिंग गैंग्स का मतलब उन लोगों से है, जो छोटी बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं और उनका शारीरिक, मानसिक शोषण करते हैं। ये बच्चों के दोस्त बनकर पहले उनका विश्वास जीतते हैं और फिर इस विश्वास का फायदा उठाकर उनका शोषण करते हैं। आरोप है कि इन ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़े लोग बच्चियों को पार्टियों में ले जाकर उन्हें ड्रग्स देते और उन्हें नशे का आदी बनाते। नशे की लत लगने पर बच्चियों का यौन शोषण किया जाता और उन्हें अन्य लोगों से भी संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता। कई लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया गया। कई लड़कियां मानव तस्करी की भी शिकार हुईं। शोषण का शिकार हुईं कई लड़कियों ने बच्चों को जन्म भी दिया, जिनके पिता के बारे में जानकारी नहीं है। ये ग्रूमिंग गैंग्स नाबालिग लड़कियों को फंसाकर उनसे पैसों की उगाही भी करते थे। कई लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया।

मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस बरामद! जानें एलन मस्क का जवाब

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मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से तलाशी अभियान के दौरान स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ एक स्टारलिंक के लोगो वाली डिवाइस बरामद किया है। यह बरामदगी 13 दिसंबर को इंफाल ईस्ट से की गई है। मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस मिलने से हड़कंप मच गया है और सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इस बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का बयान सामने आया है।उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले के केराओ खुनौ में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट डिवाइस जब्त किए थे। एक्स पर एक पोस्ट में दीमापुर मुख्यालय वाली स्पीयर का‌र्प्स ने सर्च अभियान में बरामद वस्तुओं की तस्वीरें डालीं। स्पीयर का‌र्प्स ने कहा कि आपरेशन में स्नाइपर्स, स्वचालित हथियार, राइफलें, पिस्तौल, देश-निर्मित मोर्टार, सिंगल बैरल राइफल, ग्रेनेड, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार वाले 29 हथियार बरामद किए गए है। इन तस्वीरों में स्टारलिंक लोगो वाला इंटरनेट डिवाइस भी शामिल था।

सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के आते ही हड़कंप मच गया। लोगों ने दावा किया कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों की ओर से किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उट रहे सवालों के बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का जवाब आया है।एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

राज्य पुलिस के मुताबिक, केराओ खुनौ से जब्त की गई वस्तुओं में एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी केबल शामिल हैं। स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि बरामद उपकरण असली स्टारलिंक डिवाइस है या नहीं। स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद अब एजेंसियां इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि उपकरण संघर्षग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा?

Gmail को टक्कर देने के लिए ला सकते हैं ‘Xmail’

डेस्क:–Gmail को चुनौती देने की तैयारी X (पहले Twitter) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही एक नया ईमेल फीचर ‘Xmail’ लॉन्च कर सकते हैं, जो Google के Gmail को सीधी टक्कर देगा. इस विचार की शुरुआत एक X अकाउंट DogeDesigner के पोस्ट से हुई, जिसमें लिखा था, “Xmail would be cool.” मस्क ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और लिखा, “Yeah, on the list of things to do।”


सितंबर 2024 तक, वैश्विक ईमेल मार्केट में Apple Mail का दबदबा है, जिसकी हिस्सेदारी 53.67% है. इसके बाद Gmail 30.70%, Outlook 4.38%, Yahoo! Mail 2.64%, और Google Android 1.72% हिस्सेदारी के साथ आते हैं। Times Now World की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और भविष्य के अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव के सहयोगी एलन मस्क द्वारा समर्थित Xmail, Gmail और Apple Mail जैसे दिग्गजों को कड़ी चुनौती दे सकता है।

एलन मस्क के प्रशंसकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस विचार का स्वागत किया है।

Gunther Eagleman, एक प्रसिद्ध दक्षिणपंथी कमेंटेटर, ने लिखा, “xPhone के बारे में क्या ख्याल है? हम इसके लिए तैयार हैं!”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, कृपया इसे जल्द से जल्द लाएं. गूगल के प्रभुत्व से तंग आ चुका हूं. Xmail वैसा ही फ्री बनाएं जैसे X को आजाद किया।”
एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, “मैं नए ईमेल अकाउंट की तलाश में हूं. कृपया इसे जल्दी से लाएं! Xmail
मालामाल हुए मस्क, 400 बिलियन डॉलर के पार पहुंची नेटवर्थ
#elon_musk_net_worth_over_400_billion_dollar
टेस्ला और स्पेसएक्स के माल‍िक एलन मस्क की संपत्‍त‍ि प‍िछले एक साल में बुलेट की रफ्तार से बढ़ी है। मस्क को सबसे ज्‍यादा फायदा उन्‍हें डोनाल्‍ड ट्रंप के अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि न‍िर्वाच‍ित होने के बाद म‍िला है। अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में अपना पैसा पानी की तरह बहाया था। अब उनकी संपत्ति को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मस्क के निजी स्वामित्व वाली कंपनी स्पेसएक्स के शेयरों की हुई इनसाइडर बिक्री के चलते मस्क की संपत्ति में उछाल आया है और मस्क की संपत्ति 50 अरब डॉलर बढ़कर 400 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क 400 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति तक पहुंचने वाले इतिहास के पहले व्यक्ति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी कंपनी स्पेसएक्स के आंतरिक शेयर बिक्री से बिजनेस दिग्गज की कुल संपत्ति में लगभग 50 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई, जिससे उनकी कुल संपत्ति 439.2 बिलियन डॉलर हो गई। यह एक नया रिकॉर्ड है, प‍िछले 24 घंटे में ही उनकी संपत्‍त‍ि में 62.8 ब‍िल‍ियन डॉलर का इजाफा हुआ है। प‍िछले एक साल में उनकी संपत्‍त‍ि में 218 ब‍िल‍ियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। साल 2022 के अंत में, मस्क की कुल संपत्ति में 200 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी देखी गई थी, हालांकि पिछले महीने जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए, तो मस्क ने भारी लाभ देखा, जो आने वाले प्रशासन के सबसे प्रभावशाली दाताओं और सहयोगियों में से एक था। *टेस्ला इंक के शेयरों में लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि* ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की माने तो चुनाव से पहले से टेस्ला इंक के शेयरों में लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मस्क प्रमुख राजनीतिक दानदाता और ट्रंप के समर्थक रहे हैं। उन्होंने रिपब्लिकन के कैंपेन में 270 मिलियन डॉलर का भारी खर्च क‍िया। ट्रंप की चुनाव जीत के बाद से वह लगातार उनके साथी रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें टेक्सास में अपनी स्पेसएक्स कंपनी द्वारा रॉकेट लॉन्च देखने के लिए भी इनवाइट क‍िया। मस्क के सभी ब‍िजनेस का अमेरिकी और विदेशी सरकारों के साथ अलग-अलग लेवल पर संपर्क है, और ट्रंप के साथ उनकी निकटता ने चिंता पैदा कर दी है कि मस्क अपने स्वयं के हितों को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। *क्यों हुई मस्क की संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी?* खबरों के अनुसार एलन मस्क की संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि स्पेसएक्स और उसके निवेशकों ने कंपनी के अंदरूनी शेयर खरीदने का करार क‍िया। इस डील में स्पेसएक्स की कीमत करीब 350 अरब डॉलर आंकी गई। बाजारों को यह अनुमान है कि डोनाल्ड ट्रंप स्वचालित कारों के रोलआउट को सुव्यवस्थित करेंगे और टेस्ला के प्रतिद्वंद्वियों की मदद करने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर क्रेडिट को समाप्त कर देंगे।
भारत के चुनावों में अमेरिका ने दी दखल? मस्क ने रोकी फंडिंग, आरोप-प्रत्यारो शुरू

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देश में वोटिंग बढ़ाने के लिए अमेरिका से फंडिंग के मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी इलॉन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग रद्द कर दी है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) ने शनिवार को ये फैसला लिया।

एलन मस्क के नेतृत्व वाला सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) लगातार यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) यानी यूएसएड की पोल खोलने में जुटा है। सरकारी खर्च में कटौती में जुटे ट्रंप प्रशासन के निशाने पर यूएसएड है। दक्षता विभाग ने हाल ही में भारत समेत दुनियाभर के कई देशों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोक दी है।

डीओजीई ने एक लिस्ट जारी की है। इसमें डिपार्टमेंट की तरफ से 15 तरह के प्रोग्राम्स की फंडिंग रद्द की गई है। इसमें एक प्रोग्राम दुनियाभर में चुनाव प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए भी है, जिसका फंड 4200 करोड़ रुपए है। इस फंड में भारत की हिस्सेदारी 182 करोड़ रुपए की है। दरअसल, अमेरिका भारतीय के चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की खातिर फंडिंग कर रहा था। अब सवाल यह उठ रहा है कि अमेरिका यह धन किसे देता था?

बीजेपी ने चुनाव में फंडिंग पर सवाल उठाए

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि इस फंड का इस्तेमाल भारतीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और अमेरिकी बिजनेसमेन जॉर्ज सोरोस पर भारत में चुनाव प्रक्रिया में दखल देने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा- 21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ रुपए) वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए? यह साफ तौर पर देश की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल है। इस फंड से किसे फायदा होगा। जाहिर है इससे सत्ताधारी (बीजेपी) पार्टी को तो फायदा नहीं होगा। एक दूसरे पोस्ट में अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्टी और जॉर्ज सोरोस पर भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। मालवीय ने सोरोस को गांधी परिवार का जाना-माना सहयोगी बताया।

मालवीय ने एक्स पर लिखा कि 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के साथ एक एमओयू साइन किया था। ये संस्था जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा है। इसे मुख्य तौर पर यूएसएआईडी से आर्थिक मदद मिलती है।

कुरैशी फंडिंग किए जाने के आरोप को बताया निराधार

इधर, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके एसवाई कुरैशी ने कहा है कि उनके समय देश में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी एजेंसी की तरफ से फंडिंग किए जाने के आरोप पूरी तरह निराधार है। कुरैशी ने कहा कि, देश के एक मीडिया तबके में जो ये बात कही जा रही है कि जब मैं देश का मुख्य चुनाव आयुक्त था, तब 2012 में भारतीय चुनाव आयोग और अमेरिकी एजेंसी के बीच वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई फंडिंग से संबंधित करार हुआ, इस बारे में तनिक भी सच्चाई नहीं है। कुरैशी ने कहा कि वास्तव में 2012 में जब मैं सीईसी था, तब इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के साथ एक समझौता हुआ था। इसका मकसद दूसरे देशों की चुनावी एजेंसियों और प्रबंधन निकायों को प्रशिक्षण देना था। इस समझौते में किसी भी तरह की फंडिंग का कोई वादा शामिल नहीं था। राशि तो भूल ही जाइए।

बता दें कि एस वाई कुरैशी 30 जुलाई, 2010 से 10 जून, 2012 तक भारतीय चुनाव आयोग के मुखिया रहे थे।

मस्क ने OpenAI को खरीदने का दिया ऑफर, ऑल्टमैन का जवाब सुनकर हो जाएंगे हैरान
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* दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क ने ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI को खरीदने का ऑफर दिया है। मस्क ने OpenAI के नॉन प्रॉफिट भाग को खरीदने के लिए $97.4 बिलियन (84 लाख करोड़ रुपये) की बोली लगाई है। हालांकि OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने मस्क के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ऑल्टमैन ने कहा कि उनकी कंपनी बिक्री के लिए नहीं है लेकिन मस्क चाहें तो वह ट्विटर को 9.74 अरब डॉलर में खरीदने को तैयार हैं। बता दें कि 2015 में एलन मस्क ने OpenAI स्टार्टअप ऑल्टमैन के साथ शुरू किया था। बाद में निकल गए। ओपनएआई का नेतृत्व करने को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और आखिरकार साल 2018 में मस्क ने ओपनएआई के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। नॉनप्रॉफिट मामला था। मस्क को क्या पता कि इस ओपन एआई की वैल्यूएशन 300 अरब डॉलर हो जाएगी। हाल ही में जापान के सॉफ्ट बैंक ने ये दाम लगाया। अब, मस्क के खुद के एआई स्टार्टअप एक्सएआई और निवेशक फर्मों के एक समूह ने मिलकर चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई को 97 अरब डॉलर में खरीदने की इच्छा जताई है। एलन मस्क के वकील मार्क टोबरॉफ ने बताया कि मस्क ओपनएआई को एक गैर लाभकारी रिसर्च लैब में बदलना चाहते हैं। मस्क की पेशकश पर सैम ऑल्टमैन ने कहा है – नो थैंक्यू, आप बोलो तो ट्विटर 9.7 अरब डॉलर में मुझे बेच दो। मस्क की मंशा है कि ओपनएआई हथिया लेने के बाद अपनी एआई कंपनी में मर्ज कर दिया जाए और दुनिया भर में लोहा मनवा लें। मस्क का दावा है कि ओपनएआई अपने एआई टूल्स से मुनाफा कमाना चाहती है जो इसके फाउंडिंग चार्टर का उल्लंघन है। मस्क ने भी एआई के लिए एक्सएआई कंपनी बनाई है लेकिन यह अब तक कुछ खास नहीं कर पाई है। यही वजह है कि मस्क की नजर चैटजीपीटी पर है। अगर वह इस कंपनी को खरीदते हैं तो इसमें उनका मैज्योरिटी स्टेक होगा। चैटजीपीटी की सफलता का श्रेय पूरी तरह ऑल्टमैन को जाता है और वह इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं।
अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स चलना-फिरना भूलीं, मस्क पर टिकी ट्रंप की उम्मीद

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हैं। उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं आने के बाद दोनों स्पेस में ही अटक गए। हालांकि, उन्हें लाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बीच सुनीता विलियम्स के एक बयान ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। अंतरिक्ष में 237 दिनों से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि वह याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा होता है।

एक मैगजीन को दिए गये इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा है, कि वो काफी बेसब्री से धरती पर लौटने का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, कि वो अब चलना तक भूल गईं हैं। उन्होंने कहा, कि वो याद कर रही हैं, कैसे चलती थीं। उन्होंने कहा, मैं स्पेस स्टेशन में काफी समय से हूं और मैं यह याद करने की कोशिश कर रही हूं, कि चलना कैसा होता है। मैं नहीं चली हूं। मैं नहीं बैठी हूं। मैं नहीं लेटी हूं। आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप बस अपनी आंखें बंद कर सकते हैं और जहां आप हैं, वहीं तैर सकते हैं।

मस्क ने कहा वापसी का काम शुरू

इस हालात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मशहूर कारोबारी और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने में मदद मांगी है। एलन मस्क ने कहा है कि उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, @ ने से पर फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है। हम ऐसा करेंगे।"

ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा, कि स्पेसएक्स "जल्द ही" दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक मिशन शुरू करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महीनों से फंसे हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि "एलन जल्द ही कोशिश शुरू करेंगे और उम्मीद हैं, कि सभी सुरक्षित होंगे। शुभकामनाएं एलन!!!"

अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स?

बता दें, कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गये थे, लेकिन बोइंग स्पेसक्राफ्ट में टेक्निकल दिक्कतें आ गईं और दोनों अंतरिक्षयात्री वहीं फंस गये। सुनीता विलियम्स को सिर्फ 10 दिनों तक ही स्पेस स्टेशन में रहना था, लेकिन पिछले 8 महीनों से वो वहीं फंसी हुई हैं। नासा और बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को ठीक करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार फैसला लिया गया, कि स्पेसक्राफ्ट को वैज्ञानिकों के साथ धरती पर लाना काफी जोखिम भरा कदम होगा।

एलन मस्क का सपना टूटा, स्पेस एक्स का स्टारशिप टेस्ट हुआ फेल, लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ब्लास्ट

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अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। उनकी कंपनी स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट मिशन फेल हो गया है। स्पेसएक्स द्वारा टेक्सास से लॉन्च किया गया, हालांकि, स्टारशिप रॉकेट कुछ ही मिनटों बाद ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद तरिक्षयान का मलबा हवा में फैल गया। एलन मस्क ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और लिखा कि सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

एलन मस्क की कंपनी ने कहा कि टेक्सास के बोका चिका से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अंतरिक्ष यान के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए। उड़ान के केवल 8 1/2 मिनट बाद ही अंतरिक्षयान का संपर्क टूट गया। यह घटना तब हुई, जब रॉकेट के सुपर हैवी बूस्टर ने अंतरिक्षयान से अलग होना शुरू किया था। यह स्टारशिप रॉकेट की सातवीं परीक्षण उड़ान थी। स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल के कम्युनिकेशन मैनेजर का कहना है कि स्टारशिप से संचार टूटने की वजह ऊपरी चरण में हुई तकनीकी खामी थी और कुछ मिनट बाद ही अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो गया और उसका मलबा आकाश में बिखर गया।

वहीं, एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लॉन्च के बाद का वीडियो जारी करते हुए लिखा है, सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

यह नया और उन्नत मॉडल, जो अपनी पहली उड़ान पर था, टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी के पार दुनिया के चारों ओर एक लूप में उड़ान भरने वाला था। स्पेसएक्स ने इसे 10 डमी सैटेलाइट्स के साथ पैक किया था ताकि उन्हें छोड़ने का अभ्यास किया जा सके।

क्या एलन मस्क खरीद रहे टिकटॉक? जानें क्यों उठ रहे ये सवाल
#is_elon_musk_going_to_be_new_tiktok_owner
अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगना लगभग तय माना जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि संभवत: चीन अमेरिकी में राष्ट्रपति की कुर्सी पर ट्रंप के बैठने के बाद के वातावरण से फायदा उठाने के लिए अपना यह एप एलन मस्क को बेच दे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, एलन मस्क के साथ टिकटॉक को लेकर डील करना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी अधिकारी टिकटॉक में कुछ शेयर बेचने पर विचार कर रहे हैं। चीन इससे पहले टिकटॉक की बिक्री का सख्त विरोध करता आया है।

टिकटॉक पर अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन भेजे जाने के आरोप लगने लगे। कंपनी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया और खुद को सिंगापुर में निवेशित कंपनी करार दिया। लेकिन जून 2022 में एक मीडिया समूह ने टिकटॉक की आंतरिक बैठकों के हवाले से खुलासा किया कि इनमें चर्चा हुई कि कैसे चीन में बैठे बाइडांस के कर्मचारी विदेश में मौजूद डाटा तक पहुंच रखते हैं और कैसे एक मास्टर एडमिन सब कुछ देख सकता है। इन खुलासों के बाद अमेरिका की सीनेट (संसद के उच्च सदन) की खुफिया मामलों की समिति ने संघीय संचार आयोग (एफसीसी) से बाइडांस की जांच करने की मांग की और टिकटॉक की सच्चाई पता लगाने को कहा। इसके ठीक बाद टिकटॉक ने माना कि चीन में बैठे उसके कर्मचारियों की अमेरिकी यूजर्स के डाटा तक पहुंच हो सकती है। जून 2023 में टिकटॉक ने यह भी मान लिया कि कुछ अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर्स की वित्तीय जानकारी चीन में भी स्टोर है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडांस की हालिया बैठक में टिकटॉक को अमेरिका में बंद होने से बचाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसी बैठक में टिकटॉक का अमेरिका से जुड़ा पूरा कारोबार और अधिकार एलन मस्क को बेचने पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि चीन के शासन की तरफ से भी इसकी मंजूरी मिल सकती है।

कंपनियों के मालिक की आगामी ट्रंप सरकार में अच्छी खासी पकड़ है। साथ ही चीन में भी मस्क को पसंद करने वाले लोग हैं। यही वजह है कि टिकटॉक को मस्क की कंपनी एक्स को बेचने पर विचार हो रहा है। टिकटॉक के अमेरिका में 17 करोड़ यूजर्स हैं और अगर मस्क टिकटॉक को खरीदते हैं तो इसका उनके मालिकाना हक वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स को भी जबरदस्त फायदा मिल सकता है।

यह कदम चीन के लिए सिर्फ टिकटॉक बचाने तक सीमित नहीं है। इसके जरिए चीन अमेरिकी प्रशासन के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते सुधारना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीनी आयातों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। अगर मस्क के जरिए चीन और ट्रंप के बीच बातचीत होती है, तो चीन इस टैरिफ से बच सकता है। वहीं, ट्रंप इसे अमेरिका में टिकटॉक को बचाने और लोगों की प्राइवेसी सुनिश्चित करने के वादे के तौर पर पेश कर सकते हैं।
"क्या जेफ बेजोस को मस्क-ट्रंप के रिश्तों से अंतरिक्ष दौड़ में कोई खतरा नहीं?"

#what_could_happen_to_jeff_bezoz_after_elon_musk_and_trumps_closer_relations

जेफ बेजोस को नहीं लगता कि स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल बेजोस की प्रतिद्वंद्वी अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन को कमतर आंकने के लिए करेंगे, और वे आने वाले प्रशासन के अंतरिक्ष एजेंडे के बारे में "बहुत आशावादी" हैं।

ब्लू ओरिजिन के न्यू ग्लेन रॉकेट का पहला प्रक्षेपण, जिसका काम अंततः नासा के लिए कंपनी के मून लैंडर को लॉन्च करना था, कई देरी के बाद सोमवार को सुबह होना था, लेकिन वाहन में आखिरी समय में आई समस्या के कारण इसे कम से कम एक और दिन के लिए टाल दिया गया। न्यू ग्लेन 30 मंजिला ऊंचा रॉकेट है, जिससे स्पेसएक्स के बाजार प्रभुत्व को कम करने और सैटेलाइट लॉन्च व्यवसाय में ब्लू ओरिजिन के लंबे समय से विलंबित प्रवेश को गति देने की उम्मीद है।

ब्लू ओरिजिन के संस्थापक बेजोस ने रविवार को रॉयटर्स से कहा, "एलोन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह यह सब सार्वजनिक हित के लिए कर रहे हैं, न कि अपने निजी लाभ के लिए और मैं उनकी बात को सच मानता हूँ।" मस्क, जिन्होंने ट्रम्प को चुनने में मदद करने के लिए एक चौथाई बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं, अंतरिक्ष मामलों पर ट्रम्प की बात सुनते आए हैं। पिछले महीने, मस्क ने कहा था कि अमेरिका को पहले चंद्रमा पर जाने के बजाय सीधे मंगल पर मिशन भेजना चाहिए, जिससे नासा के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में बड़े बदलाव की उद्योग की चिंता बढ़ गई। 

बेजोस से जब पूछा गया कि क्या वह नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में बदलावों के बारे में चिंतित हैं, तो उन्होंने कहा, "मेरी अपनी राय है कि हमें दोनों काम करने चाहिए - हमें चंद्रमा पर जाना चाहिए और हमें मंगल पर भी जाना चाहिए।" बेजोस ने कहा, "हमें जो नहीं करना चाहिए वह है चीजों को शुरू करना और बंद करना। हमें निश्चित रूप से चंद्र कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।" संभावित व्यापक बदलाव राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प से नासा के चंद्रमा कार्यक्रम में व्यापक बदलाव करने और मंगल पर मिशन भेजने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। अमेज़ॅन ने ट्रम्प के उद्घाटन कोष में $1 मिलियन का दान दिया है और इस कार्यक्रम को अपनी प्राइम वीडियो सेवा पर स्ट्रीम करेगा। अमेज़ॅन के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष बेजोस ने ट्रम्प से मुलाकात की है, लेकिन रॉयटर्स से कहा कि "हमने वास्तव में अंतरिक्ष के बारे में बात नहीं की है।"

नए अमेरिकी राष्ट्रपतियों की राजनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव ने अतीत में महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को खत्म कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश की अंतरिक्ष अन्वेषण पहल, एक चालक दल वाला चंद्रमा कार्यक्रम, उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की नीति द्वारा समाप्त कर दिया गया था, जो रोबोट जांच का पक्षधर था। नासा का बहु-बिलियन डॉलर का चंद्रमा कार्यक्रम, आर्टेमिस, काफी हद तक ट्रम्प के पहले प्रशासन द्वारा शुरू किया गया था, और इस दशक के अंत में मनुष्यों को चंद्रमा पर भेजने के इसके लक्ष्य - अपोलो कार्यक्रम के बाद पहली बार - को राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपनाया था।

2000 में बेजोस द्वारा स्थापित ब्लू ओरिजिन का नासा के साथ आर्टेमिस के तहत मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारने के लिए $3 बिलियन का अनुबंध है, जो स्पेसएक्स के स्टारशिप के मिशन के बाद है, मस्क का पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य रॉकेट विकास में है जिसे चंद्रमा और मंगल दोनों पर मनुष्यों और कार्गो को भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्पेसएक्स के स्टारशिप के साथ विकास के मील के पत्थर से प्रभावित ट्रम्प ने हाल के महीनों में राजनीतिक रैलियों में मंगल ग्रह पर मिशन भेजने पर ध्यान केंद्रित किया है, यह सुझाव देते हुए कि वह नासा के प्रमुख अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंडे पर अपना रुख बदल देंगे। "इन सभी कार्यक्रमों में किसी भी एक राष्ट्रपति प्रशासन की तुलना में अधिक समय लगता है," बेजोस ने कहा। "इसलिए यदि आप प्रगति देखना चाहते हैं तो आपको इन कार्यक्रमों में निरंतरता की आवश्यकता है।"

क्या है ग्रूमिंग गैंग जिसके खिलाफ बुलंद हो रही आवाज? प्रियंका चतुर्वेदी ने इसपर क्या कहा साथ आए एलन मस्क

#pakistani_grooming_gang_uk_shiv_sena_mp_priyanka_chaturvedi_elon_musk

ब्रिटेन में लगातार ग्रूमिंग गैंग्स के मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स की इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। खासकर सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। इस मुद्दे पर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ब्रिटिश पीएम किम स्टार्मर से लेकर एलन मस्क तक खूब बोल रहे हैं। एलन मस्क ने तो ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से कीर स्टार्मर सरकार को बर्खास्त करने की ही मांग कर दी है क्योंकि स्टार्मर सरकार पर इन ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लग रहा है। अब तो भारत में भी इसकी बात होने लगी है।

शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी की ने ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पिछले दिनों बाल शोषण पर बोलते हुए ‘एशियाई’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति जताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये एशियाई देश नहीं बल्कि इन सभी अपराधों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, चतुर्वेदी के इस बयान पर अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने भी सहमति जताई है।

दरअसल, उद्धव ठाकरे की गुट की शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘ब्रिटेन में ये एशियन ग्रूमिंग गैंग नहीं है, बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग हैं। एशियाई लोगों को एक बहुत ही दुष्ट राष्ट्र के लिए क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए?’ इस पोस्ट को देखते ही एलन मस्क भी कूद पड़े।

एलन मस्क ने किया समर्थन

प्रियंका चतुर्वेदी के पोस्ट पर जवाब देते हुए स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि हां बात तो सही है। ब्रिटेन में इन दिनों 'रॉदरहैम स्कैंडल' का मामला सुर्खियों में है, इसे 'ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल' के नाम से भी जाना जाता है। साल 2022 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इंग्लैंड के रॉदरहैम, कॉर्नवाल, डर्बीशायर समेत कई शहरों में साल 1997 से 2013 के बीच करीब 1400 नाबालिग बच्चियों का संगठित अपराध के तहत शोषण किया गया। इन संगठित गैंग्स ने बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण किया और उनकी तस्करी की। इन बच्चियों का शोषण करने वाले लोगों में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के लोग हैं।

क्या है वो बयान जिस पर प्रियंका ने खड़े किए सवाल?

कीर स्टार्मर के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ पहली बार मुकदमा चलाया था।

विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग उठाई है। जांच में पाया गया था कि कई मामलों के अपराधी पाकिस्तानी मूल के हैं, इसके बाद ही प्रधानमंत्री ने ये बयान दिया था। यूनाइटेड किंगडम में लंबे समय से ग्रूमिंग गैंग्स के काले इतिहास से जूझ रहा है।

क्या हैं ग्रूमिंग गैंग्स?

ग्रूमिंग गैंग्स का मतलब उन लोगों से है, जो छोटी बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं और उनका शारीरिक, मानसिक शोषण करते हैं। ये बच्चों के दोस्त बनकर पहले उनका विश्वास जीतते हैं और फिर इस विश्वास का फायदा उठाकर उनका शोषण करते हैं। आरोप है कि इन ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़े लोग बच्चियों को पार्टियों में ले जाकर उन्हें ड्रग्स देते और उन्हें नशे का आदी बनाते। नशे की लत लगने पर बच्चियों का यौन शोषण किया जाता और उन्हें अन्य लोगों से भी संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता। कई लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया गया। कई लड़कियां मानव तस्करी की भी शिकार हुईं। शोषण का शिकार हुईं कई लड़कियों ने बच्चों को जन्म भी दिया, जिनके पिता के बारे में जानकारी नहीं है। ये ग्रूमिंग गैंग्स नाबालिग लड़कियों को फंसाकर उनसे पैसों की उगाही भी करते थे। कई लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया।

मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस बरामद! जानें एलन मस्क का जवाब

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मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से तलाशी अभियान के दौरान स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ एक स्टारलिंक के लोगो वाली डिवाइस बरामद किया है। यह बरामदगी 13 दिसंबर को इंफाल ईस्ट से की गई है। मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस मिलने से हड़कंप मच गया है और सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इस बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का बयान सामने आया है।उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले के केराओ खुनौ में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट डिवाइस जब्त किए थे। एक्स पर एक पोस्ट में दीमापुर मुख्यालय वाली स्पीयर का‌र्प्स ने सर्च अभियान में बरामद वस्तुओं की तस्वीरें डालीं। स्पीयर का‌र्प्स ने कहा कि आपरेशन में स्नाइपर्स, स्वचालित हथियार, राइफलें, पिस्तौल, देश-निर्मित मोर्टार, सिंगल बैरल राइफल, ग्रेनेड, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार वाले 29 हथियार बरामद किए गए है। इन तस्वीरों में स्टारलिंक लोगो वाला इंटरनेट डिवाइस भी शामिल था।

सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के आते ही हड़कंप मच गया। लोगों ने दावा किया कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों की ओर से किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उट रहे सवालों के बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का जवाब आया है।एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

राज्य पुलिस के मुताबिक, केराओ खुनौ से जब्त की गई वस्तुओं में एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी केबल शामिल हैं। स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि बरामद उपकरण असली स्टारलिंक डिवाइस है या नहीं। स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद अब एजेंसियां इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि उपकरण संघर्षग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा?

Gmail को टक्कर देने के लिए ला सकते हैं ‘Xmail’

डेस्क:–Gmail को चुनौती देने की तैयारी X (पहले Twitter) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही एक नया ईमेल फीचर ‘Xmail’ लॉन्च कर सकते हैं, जो Google के Gmail को सीधी टक्कर देगा. इस विचार की शुरुआत एक X अकाउंट DogeDesigner के पोस्ट से हुई, जिसमें लिखा था, “Xmail would be cool.” मस्क ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और लिखा, “Yeah, on the list of things to do।”


सितंबर 2024 तक, वैश्विक ईमेल मार्केट में Apple Mail का दबदबा है, जिसकी हिस्सेदारी 53.67% है. इसके बाद Gmail 30.70%, Outlook 4.38%, Yahoo! Mail 2.64%, और Google Android 1.72% हिस्सेदारी के साथ आते हैं। Times Now World की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और भविष्य के अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव के सहयोगी एलन मस्क द्वारा समर्थित Xmail, Gmail और Apple Mail जैसे दिग्गजों को कड़ी चुनौती दे सकता है।

एलन मस्क के प्रशंसकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस विचार का स्वागत किया है।

Gunther Eagleman, एक प्रसिद्ध दक्षिणपंथी कमेंटेटर, ने लिखा, “xPhone के बारे में क्या ख्याल है? हम इसके लिए तैयार हैं!”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, कृपया इसे जल्द से जल्द लाएं. गूगल के प्रभुत्व से तंग आ चुका हूं. Xmail वैसा ही फ्री बनाएं जैसे X को आजाद किया।”
एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, “मैं नए ईमेल अकाउंट की तलाश में हूं. कृपया इसे जल्दी से लाएं! Xmail
मालामाल हुए मस्क, 400 बिलियन डॉलर के पार पहुंची नेटवर्थ
#elon_musk_net_worth_over_400_billion_dollar
टेस्ला और स्पेसएक्स के माल‍िक एलन मस्क की संपत्‍त‍ि प‍िछले एक साल में बुलेट की रफ्तार से बढ़ी है। मस्क को सबसे ज्‍यादा फायदा उन्‍हें डोनाल्‍ड ट्रंप के अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि न‍िर्वाच‍ित होने के बाद म‍िला है। अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में अपना पैसा पानी की तरह बहाया था। अब उनकी संपत्ति को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मस्क के निजी स्वामित्व वाली कंपनी स्पेसएक्स के शेयरों की हुई इनसाइडर बिक्री के चलते मस्क की संपत्ति में उछाल आया है और मस्क की संपत्ति 50 अरब डॉलर बढ़कर 400 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क 400 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति तक पहुंचने वाले इतिहास के पहले व्यक्ति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी कंपनी स्पेसएक्स के आंतरिक शेयर बिक्री से बिजनेस दिग्गज की कुल संपत्ति में लगभग 50 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई, जिससे उनकी कुल संपत्ति 439.2 बिलियन डॉलर हो गई। यह एक नया रिकॉर्ड है, प‍िछले 24 घंटे में ही उनकी संपत्‍त‍ि में 62.8 ब‍िल‍ियन डॉलर का इजाफा हुआ है। प‍िछले एक साल में उनकी संपत्‍त‍ि में 218 ब‍िल‍ियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। साल 2022 के अंत में, मस्क की कुल संपत्ति में 200 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी देखी गई थी, हालांकि पिछले महीने जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए, तो मस्क ने भारी लाभ देखा, जो आने वाले प्रशासन के सबसे प्रभावशाली दाताओं और सहयोगियों में से एक था। *टेस्ला इंक के शेयरों में लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि* ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की माने तो चुनाव से पहले से टेस्ला इंक के शेयरों में लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मस्क प्रमुख राजनीतिक दानदाता और ट्रंप के समर्थक रहे हैं। उन्होंने रिपब्लिकन के कैंपेन में 270 मिलियन डॉलर का भारी खर्च क‍िया। ट्रंप की चुनाव जीत के बाद से वह लगातार उनके साथी रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें टेक्सास में अपनी स्पेसएक्स कंपनी द्वारा रॉकेट लॉन्च देखने के लिए भी इनवाइट क‍िया। मस्क के सभी ब‍िजनेस का अमेरिकी और विदेशी सरकारों के साथ अलग-अलग लेवल पर संपर्क है, और ट्रंप के साथ उनकी निकटता ने चिंता पैदा कर दी है कि मस्क अपने स्वयं के हितों को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। *क्यों हुई मस्क की संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी?* खबरों के अनुसार एलन मस्क की संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि स्पेसएक्स और उसके निवेशकों ने कंपनी के अंदरूनी शेयर खरीदने का करार क‍िया। इस डील में स्पेसएक्स की कीमत करीब 350 अरब डॉलर आंकी गई। बाजारों को यह अनुमान है कि डोनाल्ड ट्रंप स्वचालित कारों के रोलआउट को सुव्यवस्थित करेंगे और टेस्ला के प्रतिद्वंद्वियों की मदद करने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर क्रेडिट को समाप्त कर देंगे।