एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों को फिर दिखाया आईना, लोकतंत्र पर खतरे को लेकर दिया ये जवाब
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विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी हाजिरजवाबी के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूरी दुनिया को भारत की मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था की झलक दिलाई। साथ ही ‘खतरे में लोकतंत्र’ का झंडा बुलंद करने वाले पश्चिमी देशों को आईना भी दिखाया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भारत समेत दुनियाभर के लोकतंत्र पर बात की। विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे लोग लोकतंत्र को वेस्टर्न कैरेक्टरिस्टिक मानते हैं।
मैं लोकतंत्र को लेकर आशावान हूं-जयशंकर
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में ‘लाइव टू वोट अनदर डे: फोर्टिफाइंग डेमोक्रेटिक रेजिलिएंस’ पर चर्चा के दौरान जब विदेश मंत्री जयशंकर से पूछा गया कि क्या विश्व स्तर पर लोकतंत्र संकट में है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मैं इस पैनल में जितने भी लोग बैठे हैं, उसमें मैं सबसे आशावादी व्यक्ति हूं। यहां अधिकतर लोग निराशावादी दृष्टिकोण रखते हैं।
लोकतंत्र केवल सिद्धांत नहीं, डिलीवर किया गया एक वादा-जयशंकर
जर्मनी के म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र खतरे में है, तो उन्होंने स्याही लगी इंडेक्स फिंगर दिखा दी। अपनी उंगली दिखाते हुए जयशंकर ने कहा, हमारे लिए, लोकतंत्र केवल एक सिद्धांत नहीं बल्कि एक डिलीवर किया गया वादा है। भारतीय विदेश ने इस दावे को खारिज करतो हुए कहा कि मैं लोकतंत्र को लेकर आशावान हूं। मैं अभी अपने राज्य के चुनाव में हिस्सा लेकर आया हूं। बीते साल हमारे देश में राष्ट्रीय चुनाव हुए और कुल मतदाताओं में से करीब दो तिहाई ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
भारतीय समाज में लोकतंत्र अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा गहरा-जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि 'जो कहा जा रहा है कि दुनियाभर में लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन मेरा ऐसा मानना नहीं है। लोकतंत्र अच्छे से काम कर रहा है और लोकतंत्र ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।' उन्होंने माना कि 'लोकतंत्र के लिए चुनौतियां भी हैं और अलग-अलग देशों में हालात अलग हैं, लेकिन कई देशों में लोकतंत्र अच्छे से काम कर रहा है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने आजादी के बाद ही लोकतंत्र के मॉडल को अपनाया। पश्चिम के देश मानते हैं कि लोकतंत्र उनकी देन हैं, लेकिन वैश्विक दक्षिण के देश मानते हैं कि भारतीय समाज में लोकतंत्र अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा गहरे तक बैठा हुआ है।
Feb 17 2025, 16:44