India

May 20 2024, 16:28

ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर क्रैश पर कॉन्सपिरेसी थ्योरी, इजरायल-मोसाद पर उठ रही अंगुली

#iranian_president_ebrahim_raisi_death_conspiracy_theories

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है।इज़राइल-हमास युद्ध के बीच की आकस्मिक मौत ने मोसाद को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इब्राहिम रईसी रविवार (19 मई) को विदेश मंत्री हुसैन अमीर अबुदल्लाहियन के साथ हेलीकॉप्टर में थे, जो दुर्गम घाटी में क्रैश हो गया। सोमवार (20 मई) को बचावकर्मियों को बड़ी मुश्किल से ड्रोन की मदद से हेलीकॉप्टर का मलबा मिला, जिसके कुछ देर बाद राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि कर दी गई। हादसे के लिए कोहरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन कई लोगों को लगता है कि यह हादसा कोई साजिश भी हो सकती है, जिसमें किसी देश का हाथ होने की शंका जता जा रही है।

अजरबैजान सीमा के पास हेलिकॉप्‍टर हादसे के लिए के पीछे इजरायली की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है। यह आशंका ऐसे समय पर जताई जा रही है जब ईरान और इजरायल के बीच बेहद तनावपूर्ण हालात हैं। पिछले दिनों इजरायल और ईरान दोनों ने एक-दूसरे पर जोरदार मिसाइल हमला भी किया था।

बता दें कि यह हादसा अजरबैजान और ईरान की सीमा के पास हुआ। अजरबैजान ईरान का पड़ोसी देश जरूर है लेकिन उसका तेहरान के कट्टर दुश्‍मन इजरायल के साथ बहुत ही करीबी संबंध है। इजरायल ने अजरबैजान को किलर ड्रोन से लेकर बड़े पैमाने पर हथियार दिया है। इन हथियारों के बल पर अजरबैजान ने अपने दुश्‍मन आर्मेनिया को नागर्नो कराबाख में हरा दिया था। यही वजह है कि अजरबैजान आज भी इजरायल के करीबी संबंध रखता है। यही नहीं अजरबैजान ने गाजा युद्ध के दौरान भी इजरायल की मदद की है। इसको देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं इस हादसे के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ तो नहीं है। 

हालांकि, ईरान ने दुर्घटना में किसी भी तरह की गड़बड़ी का संकेत नहीं दिया है। लेकिन इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी को हवा इजराइली जासूसी एजेंसी मोसाद की ईरान के अंदर हमला करने की असाधारण क्षमता के कारण मिल रही है। वहीं मोसाद को ईरान के खिलाफ खुफिया कार्रवाई के लिए जाना जाता है। मोसाद के बारे में कहा जाता है कि वह ईरान में कई हमले करा चुकी है। हालांकि मोसाद ने अभी तक किसी भी ईरानी राष्‍ट्राध्‍यक्ष को कभी भी निशाना नहीं बनाया है।

लेखक और विद्वान अरश अज़ीज़ी ने अटलांटिक मंथली ब्लॉग में लिखा, "यह खबर इतनी अविश्वसनीय थी कि इसे जासूसी थ्रिलर श्रृंखला, तेहरान पर एक एपिसोड के रूप में अधिक अर्थ दिया जा सकता था।" "29 जून को, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के अंदर एक ऑपरेशन के विवरण का खुलासा किया। उसने दावा किया कि उसके एजेंटों ने हाल ही में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के एक ऑपरेटिव से पूछताछ की थी, जिसने साइप्रस में इजरायली नागरिकों को मारने की योजना बनाई थी। इजरायल ने दावा किया था इस पीएलए को विफल करने में मदद करने के लिए पहले ही साइप्रस को धन्यवाद दिया।

2022 में, मोसाद एजेंटों ने कथित तौर पर आईआरजीसी एजेंट मंसूर रसौली को ईरान में उनके घर पर हिरासत में लिया और पूछताछ की, जहां उन्होंने तुर्की में एक इजरायली राजनयिक, जर्मनी में तैनात एक अमेरिकी जनरल और फ्रांस में एक पत्रकार की हत्या की योजना की बात कबूल की थी। पिछले साल, मोसाद जासूस ने घोषणा की थी कि ईरानी क्षेत्र में एक विशेष अभियान में, उसने साइप्रस में इजरायली ठिकानों के खिलाफ एक योजनाबद्ध आतंकी हमले का नेतृत्व करने के लिए भेजे गए ईरानी आतंकवादी को पकड़ लिया था। मोसाद ने उस व्यक्ति का नाम यूसुफ शाहबाज़ी अब्बासल रखा था।

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May 20 2024, 16:28

ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर क्रैश पर कॉन्सपिरेसी थ्योरी, इजरायल-मोसाद पर उठ रही अंगुली

#iranian_president_ebrahim_raisi_death_conspiracy_theories

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है।इज़राइल-हमास युद्ध के बीच की आकस्मिक मौत ने मोसाद को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इब्राहिम रईसी रविवार (19 मई) को विदेश मंत्री हुसैन अमीर अबुदल्लाहियन के साथ हेलीकॉप्टर में थे, जो दुर्गम घाटी में क्रैश हो गया। सोमवार (20 मई) को बचावकर्मियों को बड़ी मुश्किल से ड्रोन की मदद से हेलीकॉप्टर का मलबा मिला, जिसके कुछ देर बाद राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि कर दी गई। हादसे के लिए कोहरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन कई लोगों को लगता है कि यह हादसा कोई साजिश भी हो सकती है, जिसमें किसी देश का हाथ होने की शंका जता जा रही है।

अजरबैजान सीमा के पास हेलिकॉप्‍टर हादसे के लिए के पीछे इजरायली की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है। यह आशंका ऐसे समय पर जताई जा रही है जब ईरान और इजरायल के बीच बेहद तनावपूर्ण हालात हैं। पिछले दिनों इजरायल और ईरान दोनों ने एक-दूसरे पर जोरदार मिसाइल हमला भी किया था।

बता दें कि यह हादसा अजरबैजान और ईरान की सीमा के पास हुआ। अजरबैजान ईरान का पड़ोसी देश जरूर है लेकिन उसका तेहरान के कट्टर दुश्‍मन इजरायल के साथ बहुत ही करीबी संबंध है। इजरायल ने अजरबैजान को किलर ड्रोन से लेकर बड़े पैमाने पर हथियार दिया है। इन हथियारों के बल पर अजरबैजान ने अपने दुश्‍मन आर्मेनिया को नागर्नो कराबाख में हरा दिया था। यही वजह है कि अजरबैजान आज भी इजरायल के करीबी संबंध रखता है। यही नहीं अजरबैजान ने गाजा युद्ध के दौरान भी इजरायल की मदद की है। इसको देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं इस हादसे के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ तो नहीं है। 

हालांकि, ईरान ने दुर्घटना में किसी भी तरह की गड़बड़ी का संकेत नहीं दिया है। लेकिन इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी को हवा इजराइली जासूसी एजेंसी मोसाद की ईरान के अंदर हमला करने की असाधारण क्षमता के कारण मिल रही है। वहीं मोसाद को ईरान के खिलाफ खुफिया कार्रवाई के लिए जाना जाता है। मोसाद के बारे में कहा जाता है कि वह ईरान में कई हमले करा चुकी है। हालांकि मोसाद ने अभी तक किसी भी ईरानी राष्‍ट्राध्‍यक्ष को कभी भी निशाना नहीं बनाया है।

लेखक और विद्वान अरश अज़ीज़ी ने अटलांटिक मंथली ब्लॉग में लिखा, "यह खबर इतनी अविश्वसनीय थी कि इसे जासूसी थ्रिलर श्रृंखला, तेहरान पर एक एपिसोड के रूप में अधिक अर्थ दिया जा सकता था।" "29 जून को, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के अंदर एक ऑपरेशन के विवरण का खुलासा किया। उसने दावा किया कि उसके एजेंटों ने हाल ही में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के एक ऑपरेटिव से पूछताछ की थी, जिसने साइप्रस में इजरायली नागरिकों को मारने की योजना बनाई थी। इजरायल ने दावा किया था इस पीएलए को विफल करने में मदद करने के लिए पहले ही साइप्रस को धन्यवाद दिया।

2022 में, मोसाद एजेंटों ने कथित तौर पर आईआरजीसी एजेंट मंसूर रसौली को ईरान में उनके घर पर हिरासत में लिया और पूछताछ की, जहां उन्होंने तुर्की में एक इजरायली राजनयिक, जर्मनी में तैनात एक अमेरिकी जनरल और फ्रांस में एक पत्रकार की हत्या की योजना की बात कबूल की थी। पिछले साल, मोसाद जासूस ने घोषणा की थी कि ईरानी क्षेत्र में एक विशेष अभियान में, उसने साइप्रस में इजरायली ठिकानों के खिलाफ एक योजनाबद्ध आतंकी हमले का नेतृत्व करने के लिए भेजे गए ईरानी आतंकवादी को पकड़ लिया था। मोसाद ने उस व्यक्ति का नाम यूसुफ शाहबाज़ी अब्बासल रखा था।