Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

 

TEDx Talk | YoutubeMr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

सिंधु नदी का पानी मोड़ना युद्ध की घोषणा जैसा”, पाकिस्तान की गीदड़भभकी, भारत के खिलाफ किए कई ऐलान

#pakistansuspendsallbilateralpactswithindia

पहलगाम में हुए हमले के बाद तनाव को बढ़ाते हुए पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई घोषणाएं की हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तान ने भी गीदड़भभकी देने की कोशिश की है। इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पाकिस्तान ने कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। इसमें भारत के साथ व्यापार पर रोक, वाघा बार्डर को बंद करना, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर रोक का फैसला किया गया है।

भारत पर आतंकवाद फैलाने जैसा गंभीर आरोप

इस्लामाबाद ने कहा कि यह कदम नई दिल्ली के पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा देने, अंतरराष्ट्रीय हत्याओं में शामिल होने और कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करने के "प्रकट व्यवहार" का सीधा जवाब है। बयान में कहा गया है, "जब तक भारत अपने प्रकट व्यवहार से बाज नहीं आता, तब तक पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा।"

भारत के बयान को बताया राजनीति से प्रेरित

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक में भाग लेने वालों ने राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल और क्षेत्रीय स्थिति, खासकर पहलगाम हमले के मद्देनजर चर्चा की। बयान में कहा गया, "पर्यटकों की जान जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने 23 अप्रैल 2025 को घोषित भारतीय उपायों की समीक्षा की और उन्हें एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीति से प्रेरित, बेहद गैरजिम्मेदाराना और कानूनी योग्यता से रहित बताया।

सिंधु जल संधि पर बोला पाकिस्तान

पीएमओ के बयान में कहा गया है, पाकिस्तान सिंधु जल संधि को स्थगित रखने की भारत की घोषणा को पूरी तरह से खारिज करता है। बयान में कहा गया है कि यह संधि एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसमें एकतरफा निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है। एनएससी ने जोर देकर कहा, पानी पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, यह उसके 240 मिलियन लोगों की जीवनरेखा है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा। इसने चेतावनी दी, सिंधु जल संधि के अनुसार पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास और निचले तटवर्ती क्षेत्र के अधिकारों का हनन युद्ध की कार्रवाई के रूप में माना जाएगा और राष्ट्रीय शक्ति के पूरे स्पेक्ट्रम में पूरी ताकत से इसका जवाब दिया जाएगा।

भारत के लिए एयरस्पेश किया बंद

बयान में आगे कहा गया है कि, पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से सभी भारतीय स्वामित्व वाली या भारतीय संचालित एयरलाइनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। भारत के साथ सभी व्यापार, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश के लिए या उससे होने वाला व्यापार भी शामिल है, तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को बंद किया

पाकिस्तान ने कहा है कि वह वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करेगा। इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन, बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध समर्थन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत लेकिन 30 अप्रैल 2025 से बाद में नहीं, वापस लौट सकते हैं।

सिखों को छोड़ भारतीय नागरिकों का वीजा निरस्त

पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सार्क वीजा छूट योजना के तहत सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं और सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया सलाहकारों के सहायक कर्मचारियों को भी भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।

पहलगाम हमले के बीच भारत ने किया मिसाइल परीक्षण, पाकिस्तान की “नींद” होगी हराम

#india_fire_mrsam_missile_after_pakistan_missile_test

भारत ने गुरुवार को आईएनएस सूरत युद्धपोत से मिसाइल की टेस्टिंग की है। टेस्टिंग सफल रही। सतह से समुद्र पर वार करने का सफल परीक्षण किया गया। भारत ने ये परीक्षण तब किया है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश गुस्से से भरा हुआ है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान डरा हुआ है। जी हां, भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को कराची तट से दूर अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर अपनी तटरेखा पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था।

भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य की सटीकता से सफल परीक्षण किया।भारतीय नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी। भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक टारगेट किया।

भारतीय नौसेना ने एक्स पोस्ट में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 'ये हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। आत्मनिर्भर भारत के लिए गर्व का क्षण है।'

आईएनएस सूरत, विशाखापत्तनम-क्लास डिस्ट्रॉयर श्रेणी का युद्धपोत है और इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत बनाया गया है। यह जहाज आधुनिक रडार, सेंसर और हथियार प्रणालियों से लैस है। यह मिसाइल करीब 70 किमी तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है। इसका इस्तेमाल भारत की तीनों सेनाएं- थल सेना, नौसेना और वायुसेना करती है। ये मिसाइल लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों को हवा में नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसमें मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लगाया गया। इसमें ट्रैकिंग और निशाना साधने की क्षमता है। यह मिसाइल प्रणाली भारत की वायु रक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है और देश की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाती है।

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की ओर से मिसाइल टेस्ट किया गया था। पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए कराची के पास अरब सागर क्षेत्र में एक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया। पाकिस्तान ने इस परीक्षण के लिए नो-फ्लाई जोन घोषित किया था और इसकी आधिकारिक जानकारी पहले ही दे दी थी। यह परीक्षण ऐसे समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ा हुआ है।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

  

TEDx Talk | Youtube Mr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

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Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

बंगाल हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी से भड़का भारत, अल्पसंख्यकों को लेकर दो टूक

#indiarejectsbangladeshcommentonwestbengal_violence

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत को मुस्लिमों पर दिया था ज्ञान

इससे पहले बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान आलम ने कहा, हम मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने मुसलमानों पर हमलों की निंदा की है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।

मुर्शिदाबाद हिंसा में भूमिका

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भारत सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के बाद इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता का संकेत मिला है।

आप नेता दुर्गेश पाठक के आवास पर सीबीआई का छापा, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

#cbiraidataapleaderdurgeshpathak_residence

आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली। सीबीआई ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं और आगे की जांच जारी है। वहीं, छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर की है। गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी राजेश कुमार के द्वारा शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी।

पिछले साल मई में जांच एजेंसी ईडी ने ग्रह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि आप पार्टी के कुछ नेताओं के बैंक एकाउंट में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं जिसमे दुर्गेश पाठक शामिल हैं। आप नेताओं ने विदेशी फंडिंग के डोनर्स के नाम को अपने एकाउंट्स में छिपाया ताकि पॉलिटिकल पार्टी को विदेशी फंड कौन दे रहा है इसको छिपाया जा सके। जांच में सामने आया कि 2016 में कनाडा में एक फंड इवेंट में आप विधायक दुर्गेश पाठक ने पर्सनल बेनिफिट के लिए विदेशी फंड कलेक्ट किए थे।

विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन

आरोप है कि आप ने 'AAP Overseas India' नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा आप नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन है। इस केस में आप के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

विदेश में रहने वाले 155 लोगो ने 1.02 करोड़ रुपए अलग-अलग 404 ओकेजन के जरिए डोनेट किए इसमे 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया था। 22.11.2015 को आप ने कनाडा के टोरंटो में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया था जिसको आप विधायक दुर्गश पाठक ने अटेंड किया था।

इसमें 15000 कनेडियन डॉलर्स रेज किए गए थे। हाथ से लिखी रॉ डेटा शीट्स ( डोनर्स के नाम और डोनेट किए गए अमाउंट) को आप पार्टी के नेताओं द्वारा मेल पर भेजा गया था। जांच में सामने आया कि हैंड रिटन डेटा शीट्स में डोनर्स के जो नाम लिखे गए थे उनको आप नेताओं ने आधिकारिक रिकार्ड्स में मेंशन नही किया बल्कि उनको छिपाया था और विदेशी फंडिंग में डोनर के नाम छिपाकर गड़बड़ी की गई है।

वहीं, आप ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में 2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।

सीबीआई रेड पर आप ने खोला मोर्चा

इस छापे के बाद आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हमलावर है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ आप ही उन्हें चुनौती दे सकती है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले गुजरात चुनाव के दौरान भी यही हुआ था, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के नेताओं को गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पिछले गुजरात चुनावों के कारण, भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था और अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

#pakistanarmychiefasimmunirtargetsindia

पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

अमेरिकी टैरिफ ने “रूलाया” तो चीन को आई भारत की याद, सिर्फ तीन महीने में 85,000 भारतीयों को वीजा

#chineseembassyinindiahasissuedover85000visas

कभी भारत को लेकर भौंहे तानने वाले चीन के तेवर नर्म पड़ते दिख रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ की “चोट” से छटपटा रहे चीन को अब भारत करीब नजर आ रहा है। अमेरिका से ट्रेड वॉर के बीच चीन ने भारतीय नागरिकों को बड़ी संख्या में वीजा जारी किए हैं। चीनी दूतावास ने 1 जनवरी से 9 अप्रैल, 2025 के बीच 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीयों को दिए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन, भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ सालों में भारत-चीन के बीच तनाव देखा गया। लेकिन अब इसमें सुधार होते दिख रहे हैं। रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम बढ़ते हुए चीन ने भारत के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस साल 9 अप्रैल तक सिर्फ तीन महीनों में 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए हैं। भारत स्थित चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स शू फेइहोंग ने ज्यादा से ज्यादा भारतीयों से चीन आने और देश घूमने की अपील की।

शू फेइहोंग ने एक्स पर लिखा- 9 अप्रैल, 2025 तक भारत में चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स ने चीन विजिट करने वाले भारतीय नागरिकों को 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। चीन आने वाले ज्यादा से ज्यादा भारतीय दोस्तों का स्वागत है, ताकि वे सुरक्षित और दोस्ताना चीन को जान सकें।

यही नहीं, चीन ने अपनी यात्रा नीतियों को आसान बनाकर भारतीयों को अपने देश में आमंत्रित करने का प्रयास किया है। चीन सरकार ने भारत और चीन के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। अब भारतीय लोग बिना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए सीधे वीजा सेंटर पर जाकर वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना जरूरी था।

भारतीयों के लिए वीजा नियमों में बदलाव

बायोमेट्रिक छूट: अगर भारतीय नागरिक शॉर्ट टाइम के लिए चीन की यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें अब अपना बायोमेट्रिक डेटा पेश करने की जरूरत नहीं है, जिससे वीजा प्रोसेस का समय कम हो जाता है।

तेज और आसान प्रोसेस: चीन ने वीजा अप्रूवल सिस्टम तेज करने के लिए अप्रूवल समय-सीमा को भी आसान कर दिया है, जिससे प्रोसेस तेज हो गई है।

वीजा शुल्क में कटौती: चीन में अधिक भारतीय पर्यटकों को अपने देश बुलाने के लिए वीजा शुल्क में भी कटौती की है।

टूरिज्म का प्रमोशन: भारत में चीनी दूतावास ज्यादा से ज्यादा भारतीय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए चीनी टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है।

अमेरिकी प्रहार के बीच भारतच से सहयोग की अपील

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं। खासकर चीन पर, जो इसका शीर्ष आर्थिक विरोधी है। ऐसे में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध म्यूच्यूअल लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का सामना करते हुए, दोनों सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।"

यू जिंग ने आगे कहा कि "व्यापार और टैरिफ युद्धों में कोई विजेता नहीं है। सभी देशों को व्यापक परामर्श के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए, सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, सभी प्रकार के एकतरफावाद और संरक्षणवाद का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए।"

भारत ने बांग्लादेश को दी बड़ी “चोट”, चीन में युनूस के दिए बयान के बाद एक्शन, जानें पूरा मामला

#indiaendstransshipmentfacilitybangladesh

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। वहां उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर पर टिप्प्णी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य लैंड लॉक्ड हैं और समुद्र तक उनकी पहुंच का एकमात्र रास्ता बांग्लादेश है। यही नहीं, यूनुस ने चीन को बांग्लादेश की स्थिति का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया था। जिसके बाद दोनों देशों में डिप्लोमैटिक तनाव देखने को मिला था। इस बीच भारत ने सख्ती दिखाते हुए बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट की सुविधा खत्म कर दी है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने 8 अप्रैल को सर्कुलर जारी कर इस फैसले के बारे में बताया।इसमें बोर्ड ने 29 जून, 2020 के अपने पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। उसमें बांग्लादेश से आने वाले सामान को भारत के रास्ते दूसरे देशों में भेजने की अनुमति दी गई थी।

2020 से जारी इस व्यवस्था के अंतर्गत बांग्लादेश को भारतीय कस्टम स्टेशनों के जरिए अपने एक्सपोर्ट्स कार्गो को तीसरे देशों में बंदरगाहों और एयरपोर्ट तक भेजने की परमिशन थी। इसके जरिए बांग्लादेश आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को सामान भेज सकता था।

नए सर्कुलर में क्या?

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि नए सर्कुलर के साथ, ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, सर्कुलर के अनुसार, पहले की व्यवस्था के तहत भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर चुके कार्गो को मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

बांग्लादेश पर क्या होगा असर?

ट्रेड एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के इस फैसले से बांग्लादेशी एक्सपोर्ट्स बुरी तरह प्रभावित होगा। भारत सरकार के इस कदम से बांग्लादेश के लिए नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में बाधा आ सकती है, क्योंकि ये व्यापार मुख्यतः भारतीय भूमि मार्गों के माध्यम से होता था। ट्रांस-शिपमेंट सुविधा के जरिए भारत ने बांग्लादेश को एक व्यवस्थित रास्ता दिया था। इससे बांग्लादेशी माल की ढुलाई लागत और समय दोनों में कटौती हुई थी। अब इसके बिना बांग्लादेश एक्सपोर्टर्स को नेपाल और भूटान समेत दुनिया भर में सामान भेजने में देरी, ऊंची लागत और अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

हिंद महासागर में चीन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में भारत, फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल की डील

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अपने पड़ोसी देशों की हरकतों को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल खरीदने को मंजूरी दे दी है। भारत और फ्रांस के बीच पहले भी रॉफेल विमानों को लेकर सौदा हो चुका है। साल 2016 में भारत ने वायु सेना के लिए 36 रॉफेल विमान खरीदे थे। अब नौ सेना के लिए यह नया सौदा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। इस सौदे में विमानों के साथ-साथ हथियार, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव का सामान भी शामिल होगा।

सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 63,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस सरकारी सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद फ्रांस 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर जेट भारतीय नौसेना को सौंपेगा। इन्हें हिंद महासागर में चीन से मुकाबले के लिए आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। यह सौदा भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की क्षमताओं को भी अपग्रेड करने में मदद करेगा। राफेल-एम जेट को भारतीय नौसेना के विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

दोनों देशों के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत नौसेना के लिए राफेल मरीन की डील उसी बेस प्राइज में करना चाहता था, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी। इस डील की जानकारी सबसे पहले पीएम मोदी की 2023 की फ्रांस यात्रा के दौरान सामने आई थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने लेटर ऑफ रिक्वेस्ट जारी किया था, जिसे फ्रांस ने दिसंबर 2023 में स्वीकार किया।

जून 2024 में हुई थी पहले दौर की चर्चा

26 राफेल-एम फाइटर जेट खरीदने की डील पर पहले दौर की चर्चा जून 2024 में शुरू हुई थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल-M जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टक सपोर्ट मुहैया कराएगा।

इन हथियारों में अस्त्र एयर-टु-एयर मिसाइल, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए जेट में इंडियन स्पेसिफिक इन्हैंस्ड लैंडिंग इक्विपमेंट्स और जरूरी इक्विपमेंट्स शामिल किए हैं। इससे पहले सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए की डील में भारत वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है।

हिंद महासागर में चीन को मिलेगी टक्कर

यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। रॉफेल मरीन विमान आधुनिक तकनीक से लैस हैं और समुद्र में ऑपरेशन के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। ये विमान नौसेना के विमानवाहक पोतों जैसे आईएनएस विक्रांत से उड़ान भर सकेंगे। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी। खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह सौदा बहुत जरूरी माना जा रहा है। ये विमान नौसेना को समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी और हमले की ताकत देंगे।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

 

TEDx Talk | YoutubeMr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

सिंधु नदी का पानी मोड़ना युद्ध की घोषणा जैसा”, पाकिस्तान की गीदड़भभकी, भारत के खिलाफ किए कई ऐलान

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पहलगाम में हुए हमले के बाद तनाव को बढ़ाते हुए पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई घोषणाएं की हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तान ने भी गीदड़भभकी देने की कोशिश की है। इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पाकिस्तान ने कई बड़े फैसलों का ऐलान किया है। इसमें भारत के साथ व्यापार पर रोक, वाघा बार्डर को बंद करना, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर रोक का फैसला किया गया है।

भारत पर आतंकवाद फैलाने जैसा गंभीर आरोप

इस्लामाबाद ने कहा कि यह कदम नई दिल्ली के पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा देने, अंतरराष्ट्रीय हत्याओं में शामिल होने और कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करने के "प्रकट व्यवहार" का सीधा जवाब है। बयान में कहा गया है, "जब तक भारत अपने प्रकट व्यवहार से बाज नहीं आता, तब तक पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा।"

भारत के बयान को बताया राजनीति से प्रेरित

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक में भाग लेने वालों ने राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल और क्षेत्रीय स्थिति, खासकर पहलगाम हमले के मद्देनजर चर्चा की। बयान में कहा गया, "पर्यटकों की जान जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने 23 अप्रैल 2025 को घोषित भारतीय उपायों की समीक्षा की और उन्हें एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीति से प्रेरित, बेहद गैरजिम्मेदाराना और कानूनी योग्यता से रहित बताया।

सिंधु जल संधि पर बोला पाकिस्तान

पीएमओ के बयान में कहा गया है, पाकिस्तान सिंधु जल संधि को स्थगित रखने की भारत की घोषणा को पूरी तरह से खारिज करता है। बयान में कहा गया है कि यह संधि एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसमें एकतरफा निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है। एनएससी ने जोर देकर कहा, पानी पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, यह उसके 240 मिलियन लोगों की जीवनरेखा है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा। इसने चेतावनी दी, सिंधु जल संधि के अनुसार पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास और निचले तटवर्ती क्षेत्र के अधिकारों का हनन युद्ध की कार्रवाई के रूप में माना जाएगा और राष्ट्रीय शक्ति के पूरे स्पेक्ट्रम में पूरी ताकत से इसका जवाब दिया जाएगा।

भारत के लिए एयरस्पेश किया बंद

बयान में आगे कहा गया है कि, पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से सभी भारतीय स्वामित्व वाली या भारतीय संचालित एयरलाइनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। भारत के साथ सभी व्यापार, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश के लिए या उससे होने वाला व्यापार भी शामिल है, तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को बंद किया

पाकिस्तान ने कहा है कि वह वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करेगा। इस मार्ग से भारत से सीमा पार सभी पारगमन, बिना किसी अपवाद के निलंबित रहेंगे। जो लोग वैध समर्थन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे तुरंत लेकिन 30 अप्रैल 2025 से बाद में नहीं, वापस लौट सकते हैं।

सिखों को छोड़ भारतीय नागरिकों का वीजा निरस्त

पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सार्क वीजा छूट योजना के तहत सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं और सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया सलाहकारों के सहायक कर्मचारियों को भी भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।

पहलगाम हमले के बीच भारत ने किया मिसाइल परीक्षण, पाकिस्तान की “नींद” होगी हराम

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भारत ने गुरुवार को आईएनएस सूरत युद्धपोत से मिसाइल की टेस्टिंग की है। टेस्टिंग सफल रही। सतह से समुद्र पर वार करने का सफल परीक्षण किया गया। भारत ने ये परीक्षण तब किया है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश गुस्से से भरा हुआ है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान डरा हुआ है। जी हां, भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को कराची तट से दूर अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर अपनी तटरेखा पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था।

भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य की सटीकता से सफल परीक्षण किया।भारतीय नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी। भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक टारगेट किया।

भारतीय नौसेना ने एक्स पोस्ट में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 'ये हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। आत्मनिर्भर भारत के लिए गर्व का क्षण है।'

आईएनएस सूरत, विशाखापत्तनम-क्लास डिस्ट्रॉयर श्रेणी का युद्धपोत है और इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत बनाया गया है। यह जहाज आधुनिक रडार, सेंसर और हथियार प्रणालियों से लैस है। यह मिसाइल करीब 70 किमी तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है। इसका इस्तेमाल भारत की तीनों सेनाएं- थल सेना, नौसेना और वायुसेना करती है। ये मिसाइल लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों को हवा में नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसमें मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लगाया गया। इसमें ट्रैकिंग और निशाना साधने की क्षमता है। यह मिसाइल प्रणाली भारत की वायु रक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है और देश की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाती है।

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की ओर से मिसाइल टेस्ट किया गया था। पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए कराची के पास अरब सागर क्षेत्र में एक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया। पाकिस्तान ने इस परीक्षण के लिए नो-फ्लाई जोन घोषित किया था और इसकी आधिकारिक जानकारी पहले ही दे दी थी। यह परीक्षण ऐसे समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ा हुआ है।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

  

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Details 

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बंगाल हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी से भड़का भारत, अल्पसंख्यकों को लेकर दो टूक

#indiarejectsbangladeshcommentonwestbengal_violence

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत को मुस्लिमों पर दिया था ज्ञान

इससे पहले बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान आलम ने कहा, हम मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने मुसलमानों पर हमलों की निंदा की है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।

मुर्शिदाबाद हिंसा में भूमिका

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भारत सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के बाद इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता का संकेत मिला है।

आप नेता दुर्गेश पाठक के आवास पर सीबीआई का छापा, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

#cbiraidataapleaderdurgeshpathak_residence

आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली। सीबीआई ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं और आगे की जांच जारी है। वहीं, छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर की है। गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी राजेश कुमार के द्वारा शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी।

पिछले साल मई में जांच एजेंसी ईडी ने ग्रह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि आप पार्टी के कुछ नेताओं के बैंक एकाउंट में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं जिसमे दुर्गेश पाठक शामिल हैं। आप नेताओं ने विदेशी फंडिंग के डोनर्स के नाम को अपने एकाउंट्स में छिपाया ताकि पॉलिटिकल पार्टी को विदेशी फंड कौन दे रहा है इसको छिपाया जा सके। जांच में सामने आया कि 2016 में कनाडा में एक फंड इवेंट में आप विधायक दुर्गेश पाठक ने पर्सनल बेनिफिट के लिए विदेशी फंड कलेक्ट किए थे।

विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन

आरोप है कि आप ने 'AAP Overseas India' नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा आप नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन है। इस केस में आप के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

विदेश में रहने वाले 155 लोगो ने 1.02 करोड़ रुपए अलग-अलग 404 ओकेजन के जरिए डोनेट किए इसमे 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया था। 22.11.2015 को आप ने कनाडा के टोरंटो में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया था जिसको आप विधायक दुर्गश पाठक ने अटेंड किया था।

इसमें 15000 कनेडियन डॉलर्स रेज किए गए थे। हाथ से लिखी रॉ डेटा शीट्स ( डोनर्स के नाम और डोनेट किए गए अमाउंट) को आप पार्टी के नेताओं द्वारा मेल पर भेजा गया था। जांच में सामने आया कि हैंड रिटन डेटा शीट्स में डोनर्स के जो नाम लिखे गए थे उनको आप नेताओं ने आधिकारिक रिकार्ड्स में मेंशन नही किया बल्कि उनको छिपाया था और विदेशी फंडिंग में डोनर के नाम छिपाकर गड़बड़ी की गई है।

वहीं, आप ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में 2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।

सीबीआई रेड पर आप ने खोला मोर्चा

इस छापे के बाद आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हमलावर है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ आप ही उन्हें चुनौती दे सकती है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले गुजरात चुनाव के दौरान भी यही हुआ था, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के नेताओं को गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पिछले गुजरात चुनावों के कारण, भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था और अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

अमेरिकी टैरिफ ने “रूलाया” तो चीन को आई भारत की याद, सिर्फ तीन महीने में 85,000 भारतीयों को वीजा

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कभी भारत को लेकर भौंहे तानने वाले चीन के तेवर नर्म पड़ते दिख रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ की “चोट” से छटपटा रहे चीन को अब भारत करीब नजर आ रहा है। अमेरिका से ट्रेड वॉर के बीच चीन ने भारतीय नागरिकों को बड़ी संख्या में वीजा जारी किए हैं। चीनी दूतावास ने 1 जनवरी से 9 अप्रैल, 2025 के बीच 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीयों को दिए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन, भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ सालों में भारत-चीन के बीच तनाव देखा गया। लेकिन अब इसमें सुधार होते दिख रहे हैं। रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम बढ़ते हुए चीन ने भारत के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस साल 9 अप्रैल तक सिर्फ तीन महीनों में 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए हैं। भारत स्थित चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स शू फेइहोंग ने ज्यादा से ज्यादा भारतीयों से चीन आने और देश घूमने की अपील की।

शू फेइहोंग ने एक्स पर लिखा- 9 अप्रैल, 2025 तक भारत में चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स ने चीन विजिट करने वाले भारतीय नागरिकों को 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। चीन आने वाले ज्यादा से ज्यादा भारतीय दोस्तों का स्वागत है, ताकि वे सुरक्षित और दोस्ताना चीन को जान सकें।

यही नहीं, चीन ने अपनी यात्रा नीतियों को आसान बनाकर भारतीयों को अपने देश में आमंत्रित करने का प्रयास किया है। चीन सरकार ने भारत और चीन के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। अब भारतीय लोग बिना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए सीधे वीजा सेंटर पर जाकर वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना जरूरी था।

भारतीयों के लिए वीजा नियमों में बदलाव

बायोमेट्रिक छूट: अगर भारतीय नागरिक शॉर्ट टाइम के लिए चीन की यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें अब अपना बायोमेट्रिक डेटा पेश करने की जरूरत नहीं है, जिससे वीजा प्रोसेस का समय कम हो जाता है।

तेज और आसान प्रोसेस: चीन ने वीजा अप्रूवल सिस्टम तेज करने के लिए अप्रूवल समय-सीमा को भी आसान कर दिया है, जिससे प्रोसेस तेज हो गई है।

वीजा शुल्क में कटौती: चीन में अधिक भारतीय पर्यटकों को अपने देश बुलाने के लिए वीजा शुल्क में भी कटौती की है।

टूरिज्म का प्रमोशन: भारत में चीनी दूतावास ज्यादा से ज्यादा भारतीय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए चीनी टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है।

अमेरिकी प्रहार के बीच भारतच से सहयोग की अपील

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं। खासकर चीन पर, जो इसका शीर्ष आर्थिक विरोधी है। ऐसे में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध म्यूच्यूअल लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का सामना करते हुए, दोनों सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।"

यू जिंग ने आगे कहा कि "व्यापार और टैरिफ युद्धों में कोई विजेता नहीं है। सभी देशों को व्यापक परामर्श के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए, सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, सभी प्रकार के एकतरफावाद और संरक्षणवाद का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए।"

भारत ने बांग्लादेश को दी बड़ी “चोट”, चीन में युनूस के दिए बयान के बाद एक्शन, जानें पूरा मामला

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। वहां उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर पर टिप्प्णी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य लैंड लॉक्ड हैं और समुद्र तक उनकी पहुंच का एकमात्र रास्ता बांग्लादेश है। यही नहीं, यूनुस ने चीन को बांग्लादेश की स्थिति का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया था। जिसके बाद दोनों देशों में डिप्लोमैटिक तनाव देखने को मिला था। इस बीच भारत ने सख्ती दिखाते हुए बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट की सुविधा खत्म कर दी है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने 8 अप्रैल को सर्कुलर जारी कर इस फैसले के बारे में बताया।इसमें बोर्ड ने 29 जून, 2020 के अपने पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। उसमें बांग्लादेश से आने वाले सामान को भारत के रास्ते दूसरे देशों में भेजने की अनुमति दी गई थी।

2020 से जारी इस व्यवस्था के अंतर्गत बांग्लादेश को भारतीय कस्टम स्टेशनों के जरिए अपने एक्सपोर्ट्स कार्गो को तीसरे देशों में बंदरगाहों और एयरपोर्ट तक भेजने की परमिशन थी। इसके जरिए बांग्लादेश आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को सामान भेज सकता था।

नए सर्कुलर में क्या?

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि नए सर्कुलर के साथ, ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, सर्कुलर के अनुसार, पहले की व्यवस्था के तहत भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर चुके कार्गो को मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

बांग्लादेश पर क्या होगा असर?

ट्रेड एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के इस फैसले से बांग्लादेशी एक्सपोर्ट्स बुरी तरह प्रभावित होगा। भारत सरकार के इस कदम से बांग्लादेश के लिए नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में बाधा आ सकती है, क्योंकि ये व्यापार मुख्यतः भारतीय भूमि मार्गों के माध्यम से होता था। ट्रांस-शिपमेंट सुविधा के जरिए भारत ने बांग्लादेश को एक व्यवस्थित रास्ता दिया था। इससे बांग्लादेशी माल की ढुलाई लागत और समय दोनों में कटौती हुई थी। अब इसके बिना बांग्लादेश एक्सपोर्टर्स को नेपाल और भूटान समेत दुनिया भर में सामान भेजने में देरी, ऊंची लागत और अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

हिंद महासागर में चीन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में भारत, फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल की डील

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अपने पड़ोसी देशों की हरकतों को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल खरीदने को मंजूरी दे दी है। भारत और फ्रांस के बीच पहले भी रॉफेल विमानों को लेकर सौदा हो चुका है। साल 2016 में भारत ने वायु सेना के लिए 36 रॉफेल विमान खरीदे थे। अब नौ सेना के लिए यह नया सौदा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। इस सौदे में विमानों के साथ-साथ हथियार, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव का सामान भी शामिल होगा।

सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 63,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस सरकारी सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद फ्रांस 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर जेट भारतीय नौसेना को सौंपेगा। इन्हें हिंद महासागर में चीन से मुकाबले के लिए आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। यह सौदा भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की क्षमताओं को भी अपग्रेड करने में मदद करेगा। राफेल-एम जेट को भारतीय नौसेना के विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

दोनों देशों के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत नौसेना के लिए राफेल मरीन की डील उसी बेस प्राइज में करना चाहता था, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी। इस डील की जानकारी सबसे पहले पीएम मोदी की 2023 की फ्रांस यात्रा के दौरान सामने आई थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने लेटर ऑफ रिक्वेस्ट जारी किया था, जिसे फ्रांस ने दिसंबर 2023 में स्वीकार किया।

जून 2024 में हुई थी पहले दौर की चर्चा

26 राफेल-एम फाइटर जेट खरीदने की डील पर पहले दौर की चर्चा जून 2024 में शुरू हुई थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल-M जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टक सपोर्ट मुहैया कराएगा।

इन हथियारों में अस्त्र एयर-टु-एयर मिसाइल, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए जेट में इंडियन स्पेसिफिक इन्हैंस्ड लैंडिंग इक्विपमेंट्स और जरूरी इक्विपमेंट्स शामिल किए हैं। इससे पहले सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए की डील में भारत वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है।

हिंद महासागर में चीन को मिलेगी टक्कर

यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। रॉफेल मरीन विमान आधुनिक तकनीक से लैस हैं और समुद्र में ऑपरेशन के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। ये विमान नौसेना के विमानवाहक पोतों जैसे आईएनएस विक्रांत से उड़ान भर सकेंगे। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी। खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह सौदा बहुत जरूरी माना जा रहा है। ये विमान नौसेना को समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी और हमले की ताकत देंगे।