मिठाई के साथ भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की वापसी पूरी करी, सत्यापन जारी

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Indian- Chinese troops at LAC Ladakh

भारत और चीन ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक से अपनी सेनाओं की वापसी पूरी कर ली है, जिसके बाद दोनों पक्ष अब आमने-सामने की जगहों से एक निर्दिष्ट और परस्पर सहमत दूरी पर सैनिकों और उपकरणों की वापसी का संयुक्त सत्यापन कर रहे हैं, इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया।

सीमा पर तनाव कम करने के लिए 21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच हुए समझौते के अनुरूप अंतिम सत्यापन किया जा रहा है।

देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और सत्यापन जारी है। स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत जारी रहेगी। उम्मीद है कि दोनों सेनाएं जल्द ही इलाकों में गश्त शुरू कर देंगी। विघटन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ दो फ्लैशपॉइंट से अपने अग्रिम तैनात सैनिकों और उपकरणों को वापस बुला लिया है, और मई 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद वहां बनाए गए अस्थायी ढांचों को ध्वस्त कर दिया है। ⁠गश्ती के तौर-तरीके ग्राउंड कमांडरों के बीच तय किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "गुरुवार (दिवाली) को मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना बनाई गई है।"

इस विकास से भारतीय सेना और पीएलए को वार्ता में दो साल के गतिरोध को दूर करने में मदद मिलेगी - गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से विघटन का चौथा और अंतिम दौर सितंबर 2022 में हुआ था, जिसके बाद वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई थी। चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों सेनाएं पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की वापसी से संबंधित "संकल्पों" को "व्यवस्थित" तरीके से लागू कर रही हैं, पीटीआई ने बीजिंग से रिपोर्ट की।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश सीमा से संबंधित मुद्दों पर समाधान पर पहुंच गए हैं। चीनी अधिकारी ने सैनिकों की वापसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "फिलहाल, चीनी और भारतीय सीमा सैनिक व्यवस्थित तरीके से प्रस्तावों को लागू कर रहे हैं।"

पूर्व सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने पहले कहा था कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी से दोनों पक्षों को समन्वित तरीके से और सहमत आवृत्ति और ताकत (गश्ती दलों की) के साथ गश्त करने में सुविधा होगी, उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अब एलएसी पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए रास्ता बना सकते हैं।

23 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी शुरू हुई और इसके पूरा होने से दोनों अग्रिम क्षेत्रों में जमीनी स्थिति अप्रैल 2020 से पहले जैसी हो गई है। भारतीय सेना उन क्षेत्रों में अपनी गश्त गतिविधि फिर से शुरू करेगी, जो पीएलए की अग्रिम मौजूदगी के कारण कटे हुए थे। 21 अक्टूबर को भारत और चीन द्वारा देपसांग और डेमचोक में गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता में सफलता की घोषणा के बाद सैनिकों की वापसी शुरू हुई, लद्दाख में ये दो अंतिम बिंदु हैं, जहां प्रतिद्वंद्वी सैनिक लगभग साढ़े चार साल से आमने-सामने हैं।

विस्थापन समझौते में केवल देपसांग और डेमचोक शामिल हैं, और दोनों देश अन्य क्षेत्रों पर विभिन्न स्तरों पर अपनी बातचीत जारी रखेंगे, जहां पहले सैनिकों की वापसी के बाद तथाकथित बफर जोन बनाए गए थे। देपसांग और डेमचोक से प्रतिद्वंद्वी सैनिकों की वापसी में बफर जोन का निर्माण शामिल नहीं है, जैसा कि सैनिकों की वापसी के पिछले दौर के बाद हुआ था।

भारत और चीन ने पहले गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुला लिया था, जहां क्षेत्र में दोनों सेनाओं की गश्त गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के लिए बफर जोन बनाए गए थे। अलगाव के क्षेत्रों का उद्देश्य हिंसक टकराव की संभावना को खत्म करना था। दोनों पक्षों द्वारा इन क्षेत्रों में गश्त पर रोक हटाना आगे की बातचीत के परिणाम पर निर्भर करेगा।

टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाना सीमा तनाव को कम करने की दिशा में पहला कदम है। क्षेत्र में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को कम करना और प्रतिद्वंद्वी सैनिकों को अंततः वापस बुलाना जरूरी है। दोनों सेनाओं के पास अभी भी लद्दाख थिएटर में दसियों हज़ार सैनिक और उन्नत हथियार तैनात हैं।

क्या भारत-चीन सीमा समझौते में अमेरिका का भूमिका? जानें क्या कह रहा यूएस

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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर समझौता हो गया है। समजौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। भारत-चीन संबंध पर दुनियाभर की नजर है, खासकर अमेरिका की। अब दोनों देशों के बीच हे सीमा समझौते के बाद अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है।अमेरिका ने कहा है कि वह भारत-चीन के बीच एलएसी समझौते पर 'गहरी नजर' बनाए हुए है और सीमा पर तनाव कम होने का "स्वागत" करता है। ये बात अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कही। बता दें कि भारत और चीन के बीच बड़ी डील हुई है। 5 साल से पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर जो तनातनी चल रही थी, वो कई बैठकों के बाद आखिरकार समाप्त हो रही है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति कम होने का स्वागत करता है। साथ ही कहा कि नई दिल्ली ने इस संबंध में उसे जानकारी दी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से कहा, हम भारत और चीन के बीच के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव की स्थिति में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं।

वहीं, जब मिलर से पूछा गया कि क्या इस मामले में अमेरिका की कोई भूमिका है, तो उन्होंने जवाब दिया, नहीं, हमने भारतीय साझेदारों से इस बारे में जानकारी ली है, लेकिन इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।

भारत-चीन के बीच समझौता

बता दें कि जून 2020 से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बना हुआ था। तब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था और दोनों ओर से सैनिक हताहत हुए थे। एलएसी पेट्रोलिंग समझौता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले घोषित किया गया था। सम्मेलन रूस के कजान में 22 से 24 अक्टूबर के बीच हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया।उस दौरान उनकी रूस के कजान शहर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई थी।

रायपुर AIIMS में नई सेवा शुरू, ड्रोन से जाएगी दवाई और ब्लड सैंपल

रायपुर-     रायपुर एम्स में अब ड्रोन की नई सेवाएं शुरू हुई है. ड्रोन सेवा का इस्तेमाल अब दवाएं और ब्लड सैंपल लाने ले जाने में किया जाएगा. AIIMS रायपुर में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने ड्रोन उड़ाने का प्रतीकात्मक बटन दबाकर इसका शुभारंभ किया. ड्रोन सेवा के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसींवा तक आवश्यक दवाओं और लैब के नमूनों को तेजी से पहुंचाया जाएगा, जो आयुष्मान भारत जैसे हेल्थ मिशन्स का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

AIIMS रायपुर के सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने बताया कि फिलहाल यह ड्रोन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सीमित है, लेकिन भविष्य में Airport Authority of India के ग्रीन जोन क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जाएगा. इस उद्घाटन कार्यक्रम में AIIMS रायपुर के फेकल्टी मेंबर्स, नर्सिंग स्टाफ और छात्रों की उपस्थिति रही, जिन्होंने इस डिजिटल स्वास्थ्य क्रांति के गवाह बने.

आयुर्वेद दिवस पर आयुष मंत्रालय की ये पहलकदमी देश के हेल्थकेयर को एक नया आयाम दे रही है, जिसमें न केवल रोगियों को सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी और डिजिटल समाधान भी समृद्ध होंगे.

भारत में पहली बार बनेंगे C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट, रफ्तार देख थम जाएगी दुश्मनों की सांस, जानें इसकी खासियत

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अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। भारत के C-295 कार्यक्रम में कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे जिनमें से 16 सीधे एयरबस डिलीवर करेगा और बाकी 40 भारत में बनाए जाएंगे। इन 40 C-295 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी 'टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड' की होगी। इसके साथ ही भारत के रक्षा क्षेत्र में बड़ा कायाकप्ल होगा।

यह प्रोजेक्ट अहम इसलिए भी है, क्योंकि पहली बार देश में कोई निजी कंपनी सेना के लिए प्लेन बनाएगी। यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी। साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत डील हुई थी। इस डील के तहत भारत को पिछले साल सितंबर के पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे। 40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया है।

यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है। इसे कार्गो से लेकर जवानों तक को ट्रांसपोर्ट करने के लिए यूज किया जा सकता है। एयरक्राफ्ट को कई तरह के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, पैराशूट ड्रॉपिंग, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस (ELINT), मेडिकल निकासी (MEDEVAC), और समुद्री गश्त शामिल हैं। बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है।सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है।

कम वजन के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए अहम C-295 एयरक्राफ्ट

यह कॉम्प्लेक्स देश का पहला निजी फाइनल असेंबली लाइन है, जो मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगा। भारतीय वायुसेना, के लिए ट्रांसपोर्ट विमान भारत के लिए बेहद जरूरी है, जिससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। C-295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारतीय सेना केलिए अहम साबित होने वाला है।

C-295 एयरक्राफ्ट की कितनी है क्षमता?

सी-295 एयरक्राफ्ट की फंक्शनिंग की बात करें तो इसे दो पायलट्स उड़ाते हैं। इसमें एक साथ 73 सैनिक, 48 पैराट्रूपर्स, 12 स्ट्रेचर इंटेसिंव केयर मेडवैक, या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मिडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। डायमेंशंस का उल्लेख करें तो यह C-295 एयरक्राफ्ट 9250 KG का वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट, ऊंचाई 28.5 फीट है।

अगर उम्मीदवारों ने नामांकन वापस नहीं लिए, तो झारखंड की इतनी सीटों पर लगाने पड़ेंगे 2-2 ईवीएम


झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन का दौर खत्म हो चुका है. 43 विधानसभा सीटों के लिए 804 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं. इनमें से कम से कम 24 ऐसी सीटें हैं, जहां कुछ उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिए, तो वहां 2-2 ईवीएम लगानी पड़ेगी.भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 804 उम्मीदवारों में 538 ने इन्हीं 24 सीटों पर उम्मीदवारी की दावेदारी की है.

जमशेदपुर की 2 विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक 63 प्रत्याशी

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए जिन विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक नामांकन हुए हैं, उसमें सबसे ऊपर जमशेदपुर की 2 विधानसभा सीटें हैं. जमशेदपुर पूर्व असेंबली सीट पर 32 लोगों ने नामांकन दाखिल किए हैं, जबकि जमशेदपुर पश्चिम में 31 प्रत्याशियों ने परचा भरा.

रांची की हटिया विधानसभा सीट पर 30 लोगों ने भरा परचा

राजधानी रांची की हटिया विधानसभा सीट पर 30 उम्मीदवार हैं, तो बरकट्ठा में 29, बड़कागांव में 28, रांची में 26 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. हजारीबाग, डालटेनगंज और गढ़वा में 25-25 लोगों ने इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के इरादे जताए हैं. सभी ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं.

इन विधानसभा सीटों पर 17 से 23 उम्मीदवार

ईचागढ़ विधानसभा सीट पर 23, हुसैनाबाद में 22, चाईबासा (एसटी) और विश्रामपुर में 21-21, बरही, तमाड़ (एसटी), गुमला (एसटी) और कोलेबिरा (एसटी) में 19-19 उम्मीदवार सामने आए हैं. पोटका (एसटी), लोहरदगा (एसटी), भवनाथपुर, बिशुनपुर (एसटी) और सिसई (एसटी) सीट से 18-18, तो मांडर (एसटी) और पांकी में 17-17 प्रत्याशियों ने उम्मीदवारी का परचा भर दिया है.

43 सीट पर 804 लोगों ने भरा है नामांकन

इन सभी सीटों पर 2-2 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लगानी पड़ेगी, क्योंकि एक ईवीएम में सिर्फ 16 उम्मीदवारों के ही नाम अंकित हो सकते हैं. इसलिए अगर इन सीटों पर उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिए, तो इन 24 सीटों पर 2-2 ईवीएम लगाना पड़ेगा. सोमवार (28 अक्टूबर) को इन सभी 804 परचों की जांच होगी. इसके बाद 30 अक्टूबर तक नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. उसी दिन तय होगा कि 13 नवंबर को 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग के दौरान कितनी सीटों पर 1 ईवीएम लगेंगे और कितनी सीटों पर 2 ईवीएम की व्यवस्था करनी होगी.

वो कौन-सी 24 सीटें हैं, जहां लगाने पड़ सकते हैं 2-2 EVM

जमशेदपुर-पूर्व में 32

जमशेदपुर-पश्चिम में 31

हटिया में 30

बरकट्ठा में 29

बड़कागांव में 28

रांची में 26

हजारीबाग में 25

डालटेनगंज में 25

गढ़वा में 25

ईचागढ़ में 23

हुसैनाबाद में 22

चाईबासा (एसटी) में 21

विश्रामपुर में 21

बरही में 19

तमाड़ (एसटी) में 19

गुमला (एसटी) में 19

कोलेबिरा (एसटी) में 19

पोटका (एसटी) में 18

लोहरदगा (एसटी) में 18

भवनाथपुर में 18

बिशुनपुर (एसटी) में 18

सिसई (एसटी) में 18

मांडर (एसटी) में 17

पांकी में 17

UN में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान पर भड़का भारत, जानें किया कहा

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पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। कश्मीर के मुद्दे पर भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ लगा चुका है, लेकिन वह अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। भारत ने अब एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे को उठाने पर पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई।भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी यह हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वार्षिक बहस के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, उस देश का यह प्रयास निंदनीय है, लेकिन इसका पूरी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में शामिल होने का विकल्प चुना है।

महिलाओं का हालत पर पाकिस्तान को लताड़ा

हरीश ने कहा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों से संबंधित महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यह टिप्पणी यूएनएससी बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा जम्मू और कश्मीर का संदर्भ दिए जाने के बाद आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित एक हजार महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं। खैर, मैं और भी बातें कर सकता हूं, लेकिन मैं यहीं खत्म करता हूं।

भारत में महिलाओं की भूमिका का जिक्र

पाकिस्तान को आइना दिखाने के अलावा, राजदूत हरीश ने भारत में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से शांति स्थापना और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि भारत ने महिला, शांति और सुरक्षा (डब्ल्यूपीएस) एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने पहली बार सभी महिला सैनिकों को तैनात किया है।

शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी

शांति सेना में भारतीय महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए हरीश ने कहा कि भारत ने डब्ल्यूपीएस एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार सभी महिलाओं वाली पुलिस यूनिट तैनात की, जिसने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में एक मिसाल कायम की। उनके काम को लाइबेरिया और संयुक्त राष्ट्र में जबरदस्त सराहना मिली। उन्होंने कहा कि हमने अपने शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। वर्तमान में दुनिया भर में 100 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक सेवा दे रही हैं, जिनमें तीन महिला महिला संलग्नता दल भी शामिल हैं।

हरीश ने कहा कि 2023 में, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सेवा देने वाली मेजर राधिका सेन को यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह अपनी शानदार पूर्ववर्ती मेजर सुमन गवानी के पदचिन्हों पर चलती हैं, जिन्हें दक्षिण सूडान में यूएन मिशन के साथ उनकी सेवा के लिए मान्यता दी गई थी। उन्हें 2019 में यूएन द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 2023 में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया है, जिस पर उन्होंने जोर दिया कि इसने राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त बनाया है।

Playboy turned Humanitarian Kamal Muhamed recognised among Top 10 Authors of 2024

Kamal Muhamed is among the list of Top 10 authors recognised for courages efforts and attempt. His maiden book Daring Prince Truth Revaled, in english an autobioraphy which took 6 long years of dedication for its completion. and was released on March 23rd 2024 by Dr.Mohanji his Childhood friend.( Humanitarian , Author & Spiritual Leader)

Kamal Muhamed, was born on September 8, 1964, in Kannur, a go-getter an artistic thinker and marketing enthusiast known for his resiliencec and determination.

Raised in a modest family, he pursued his vision of becoming a Human Rights activist and social worker, for serving underprivileged society, leaving school early to become self-reliant. Starting as a Sales Trainee at 21, with multinational he built a career across India Gulf and Middle East, and Africa overcoming challenges, including surviving Yemen’s war.

Kamal played an important role in OPERATION RAHAT’s mass evacuation in 2015 and during Covid 19 with selfless social activities for the community.

His Daring Prince Truth Revealed, is nominated for the 2025 Sahitya Sparsh Awards. A BOOK fully devoted to serve the needy and poor and Global Noble Causes the list of Top 10 Authors includes Legend Robin Sharma. Founder & Author The 5 am Club

Kamal a proven humble and down to earth Humanitarian & Social Activist attained various accolades naming a few in 2024, Dada Saheb Phalke Motivational Award, for Best Author & Social Activist, JCI Humanitarian Award & NCFC Best Humanitarian for Social Services from Nepal.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS & NCNB( Member United Nations Global Compact) as Head of State, Wellmed Trip. Com Mauritius, Long Rock Hospitalities, an upcoming project to fulfill his young age dream .

He is also Well Wisher and supporter of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation) He lives with His Arab Wife Leila Nasher and 3 Children Haroon, Maryam & Moosa at outskirts of Kochi.

After Author's recognition news was spread he was given a warm welcome by Surya Vanitha Library at his home town where he donated few books gifted by Dr.Mohanji on my request..

Daring Prince's Malayalam version is getting ready for Publication in early 2025 through renowned Olive Books. His advice always to young and startup entrepreneurs: embrace risk, learn, and never quit.

https://www.amazon.in/Daring-Prince-Revealed-Kamal-Muhamed/dp/8197046433?dplnkId=8d49bdef-7258-4d81-b64a-79bb119acdfd

https://hrcin.org/

https://ammucare.org/

मार्केट खुलने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग तो कर रहे, पर कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रहा, जानें ताजा अपडे

शेयर बाजार बीते कई दिनों से निवेशकों को चौंका रहा है. मार्केट ओपन होने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जहां जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रही है और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हो रहे हैं. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, तो कुछ ही मिनटों में ये 227 अंक फिसल गया.

80000 के नीचे आया Sensex

सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है. सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया. खबर लिखे जाने तक सुबह 9.35 बजे पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.

Nifty भी शुरुआती तेजी से फिसला

सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341.20 के लेवल पर आ गया. इससे पहले बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्‍स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्‍लोज हुआ था. बैंक निफ्टी समेत स्‍मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्‍स में भी गिरावट देखी गई थी.

खुलते ही बिखरे ये 10 शेयर

गुरुवार को मार्केट में अचानक आई गिरावट के बीच सबसे ज्यादा बिखरने वाले 10 शेयरों के बारे में तो बता दें कि BSE लार्जकैप कैटेगरी में शामिल 20 में से 16 शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. इनमें शामिल HUL Share 5.29% की गिरावट के साथ 2515.10 रुपये पर, जबकि Nestle India Share 1.70% गिरकर 2287.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा Bharti Airtel Share भी 1.50% तक टूटा और 1661 रुपये पर ट्रेड कर रहा था

मिड और स्मालकैप शेयरों का हाल

मिडकैप कैटेगरी में शामिल KPI Tech Share 7.62% फिसलकर 1507.80 रुपये पर, Escorts Share 7.36% की गिरावट लेकर 3430.25 रुपये, PEL Share 2.81% टूटकर 1015.55 रुपये पर था. वहीं दूसरी ओर स्मालकैप कैटेगरी की कंपनियों में शामिल JCHAC Share 10.03%, Haritage Food Share 5%, KICL Share 5%, Reltd Share 4.99% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.

इंडिया गठबंधन दल में शामिल आरजेडी ने भी 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा, कोडरमा से सुभाष यादव को भी मिला टिकट

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।

राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी। देवघर, हुसैनाबाद और गोड्डा में फिर पुराने नेताओं को मौका मिला है।

1. देवघर से सुरेश पासवान

2. गोड्डा से संजय प्रसाद

3. कोडरमा से सुभाष यादव 

4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।

5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह

6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी से टिकट मिला है।

बता दें, कोडरमा से प्रत्याशी सुभाष यादव फिलहाल जेल में हैं। वो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। बता दे झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव चार दिनों से रांची में कैंप कर रहे थे। इस दौरान तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कई दौर की बातचीत हुई। वहीं तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के आला नेताओं से भी बातचीत की।

राष्ट्रीय जनता दल ने भी 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामो की घोषणा, जेल से ही चुनाव लड़ेंगे सुभाष यादव चुनाव


झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।


राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी।

1. देवघर से सुरेश पासवान
2. गोड्डा से संजय प्रसाद
3. कोडरमा से सुभाष यादव
4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।
5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह
6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी  से टिकट मिला है।

मिठाई के साथ भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की वापसी पूरी करी, सत्यापन जारी

#india_china_calls_troops_back_from_lac

Indian- Chinese troops at LAC Ladakh

भारत और चीन ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक से अपनी सेनाओं की वापसी पूरी कर ली है, जिसके बाद दोनों पक्ष अब आमने-सामने की जगहों से एक निर्दिष्ट और परस्पर सहमत दूरी पर सैनिकों और उपकरणों की वापसी का संयुक्त सत्यापन कर रहे हैं, इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया।

सीमा पर तनाव कम करने के लिए 21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच हुए समझौते के अनुरूप अंतिम सत्यापन किया जा रहा है।

देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और सत्यापन जारी है। स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत जारी रहेगी। उम्मीद है कि दोनों सेनाएं जल्द ही इलाकों में गश्त शुरू कर देंगी। विघटन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ दो फ्लैशपॉइंट से अपने अग्रिम तैनात सैनिकों और उपकरणों को वापस बुला लिया है, और मई 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद वहां बनाए गए अस्थायी ढांचों को ध्वस्त कर दिया है। ⁠गश्ती के तौर-तरीके ग्राउंड कमांडरों के बीच तय किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "गुरुवार (दिवाली) को मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना बनाई गई है।"

इस विकास से भारतीय सेना और पीएलए को वार्ता में दो साल के गतिरोध को दूर करने में मदद मिलेगी - गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से विघटन का चौथा और अंतिम दौर सितंबर 2022 में हुआ था, जिसके बाद वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई थी। चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों सेनाएं पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की वापसी से संबंधित "संकल्पों" को "व्यवस्थित" तरीके से लागू कर रही हैं, पीटीआई ने बीजिंग से रिपोर्ट की।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश सीमा से संबंधित मुद्दों पर समाधान पर पहुंच गए हैं। चीनी अधिकारी ने सैनिकों की वापसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "फिलहाल, चीनी और भारतीय सीमा सैनिक व्यवस्थित तरीके से प्रस्तावों को लागू कर रहे हैं।"

पूर्व सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने पहले कहा था कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी से दोनों पक्षों को समन्वित तरीके से और सहमत आवृत्ति और ताकत (गश्ती दलों की) के साथ गश्त करने में सुविधा होगी, उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अब एलएसी पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए रास्ता बना सकते हैं।

23 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी शुरू हुई और इसके पूरा होने से दोनों अग्रिम क्षेत्रों में जमीनी स्थिति अप्रैल 2020 से पहले जैसी हो गई है। भारतीय सेना उन क्षेत्रों में अपनी गश्त गतिविधि फिर से शुरू करेगी, जो पीएलए की अग्रिम मौजूदगी के कारण कटे हुए थे। 21 अक्टूबर को भारत और चीन द्वारा देपसांग और डेमचोक में गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता में सफलता की घोषणा के बाद सैनिकों की वापसी शुरू हुई, लद्दाख में ये दो अंतिम बिंदु हैं, जहां प्रतिद्वंद्वी सैनिक लगभग साढ़े चार साल से आमने-सामने हैं।

विस्थापन समझौते में केवल देपसांग और डेमचोक शामिल हैं, और दोनों देश अन्य क्षेत्रों पर विभिन्न स्तरों पर अपनी बातचीत जारी रखेंगे, जहां पहले सैनिकों की वापसी के बाद तथाकथित बफर जोन बनाए गए थे। देपसांग और डेमचोक से प्रतिद्वंद्वी सैनिकों की वापसी में बफर जोन का निर्माण शामिल नहीं है, जैसा कि सैनिकों की वापसी के पिछले दौर के बाद हुआ था।

भारत और चीन ने पहले गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुला लिया था, जहां क्षेत्र में दोनों सेनाओं की गश्त गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के लिए बफर जोन बनाए गए थे। अलगाव के क्षेत्रों का उद्देश्य हिंसक टकराव की संभावना को खत्म करना था। दोनों पक्षों द्वारा इन क्षेत्रों में गश्त पर रोक हटाना आगे की बातचीत के परिणाम पर निर्भर करेगा।

टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाना सीमा तनाव को कम करने की दिशा में पहला कदम है। क्षेत्र में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को कम करना और प्रतिद्वंद्वी सैनिकों को अंततः वापस बुलाना जरूरी है। दोनों सेनाओं के पास अभी भी लद्दाख थिएटर में दसियों हज़ार सैनिक और उन्नत हथियार तैनात हैं।

क्या भारत-चीन सीमा समझौते में अमेरिका का भूमिका? जानें क्या कह रहा यूएस

#usareactionindiachinalacpatrollingagreement 

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर समझौता हो गया है। समजौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। भारत-चीन संबंध पर दुनियाभर की नजर है, खासकर अमेरिका की। अब दोनों देशों के बीच हे सीमा समझौते के बाद अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है।अमेरिका ने कहा है कि वह भारत-चीन के बीच एलएसी समझौते पर 'गहरी नजर' बनाए हुए है और सीमा पर तनाव कम होने का "स्वागत" करता है। ये बात अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कही। बता दें कि भारत और चीन के बीच बड़ी डील हुई है। 5 साल से पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर जो तनातनी चल रही थी, वो कई बैठकों के बाद आखिरकार समाप्त हो रही है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति कम होने का स्वागत करता है। साथ ही कहा कि नई दिल्ली ने इस संबंध में उसे जानकारी दी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से कहा, हम भारत और चीन के बीच के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव की स्थिति में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं।

वहीं, जब मिलर से पूछा गया कि क्या इस मामले में अमेरिका की कोई भूमिका है, तो उन्होंने जवाब दिया, नहीं, हमने भारतीय साझेदारों से इस बारे में जानकारी ली है, लेकिन इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।

भारत-चीन के बीच समझौता

बता दें कि जून 2020 से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बना हुआ था। तब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था और दोनों ओर से सैनिक हताहत हुए थे। एलएसी पेट्रोलिंग समझौता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले घोषित किया गया था। सम्मेलन रूस के कजान में 22 से 24 अक्टूबर के बीच हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया।उस दौरान उनकी रूस के कजान शहर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई थी।

रायपुर AIIMS में नई सेवा शुरू, ड्रोन से जाएगी दवाई और ब्लड सैंपल

रायपुर-     रायपुर एम्स में अब ड्रोन की नई सेवाएं शुरू हुई है. ड्रोन सेवा का इस्तेमाल अब दवाएं और ब्लड सैंपल लाने ले जाने में किया जाएगा. AIIMS रायपुर में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने ड्रोन उड़ाने का प्रतीकात्मक बटन दबाकर इसका शुभारंभ किया. ड्रोन सेवा के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसींवा तक आवश्यक दवाओं और लैब के नमूनों को तेजी से पहुंचाया जाएगा, जो आयुष्मान भारत जैसे हेल्थ मिशन्स का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

AIIMS रायपुर के सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने बताया कि फिलहाल यह ड्रोन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सीमित है, लेकिन भविष्य में Airport Authority of India के ग्रीन जोन क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जाएगा. इस उद्घाटन कार्यक्रम में AIIMS रायपुर के फेकल्टी मेंबर्स, नर्सिंग स्टाफ और छात्रों की उपस्थिति रही, जिन्होंने इस डिजिटल स्वास्थ्य क्रांति के गवाह बने.

आयुर्वेद दिवस पर आयुष मंत्रालय की ये पहलकदमी देश के हेल्थकेयर को एक नया आयाम दे रही है, जिसमें न केवल रोगियों को सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी और डिजिटल समाधान भी समृद्ध होंगे.

भारत में पहली बार बनेंगे C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट, रफ्तार देख थम जाएगी दुश्मनों की सांस, जानें इसकी खासियत

#whyc295aircraftimportantforindia

अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। भारत के C-295 कार्यक्रम में कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे जिनमें से 16 सीधे एयरबस डिलीवर करेगा और बाकी 40 भारत में बनाए जाएंगे। इन 40 C-295 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी 'टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड' की होगी। इसके साथ ही भारत के रक्षा क्षेत्र में बड़ा कायाकप्ल होगा।

यह प्रोजेक्ट अहम इसलिए भी है, क्योंकि पहली बार देश में कोई निजी कंपनी सेना के लिए प्लेन बनाएगी। यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी। साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत डील हुई थी। इस डील के तहत भारत को पिछले साल सितंबर के पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे। 40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया है।

यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है। इसे कार्गो से लेकर जवानों तक को ट्रांसपोर्ट करने के लिए यूज किया जा सकता है। एयरक्राफ्ट को कई तरह के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, पैराशूट ड्रॉपिंग, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस (ELINT), मेडिकल निकासी (MEDEVAC), और समुद्री गश्त शामिल हैं। बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है।सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है।

कम वजन के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए अहम C-295 एयरक्राफ्ट

यह कॉम्प्लेक्स देश का पहला निजी फाइनल असेंबली लाइन है, जो मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगा। भारतीय वायुसेना, के लिए ट्रांसपोर्ट विमान भारत के लिए बेहद जरूरी है, जिससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। C-295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारतीय सेना केलिए अहम साबित होने वाला है।

C-295 एयरक्राफ्ट की कितनी है क्षमता?

सी-295 एयरक्राफ्ट की फंक्शनिंग की बात करें तो इसे दो पायलट्स उड़ाते हैं। इसमें एक साथ 73 सैनिक, 48 पैराट्रूपर्स, 12 स्ट्रेचर इंटेसिंव केयर मेडवैक, या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मिडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। डायमेंशंस का उल्लेख करें तो यह C-295 एयरक्राफ्ट 9250 KG का वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट, ऊंचाई 28.5 फीट है।

अगर उम्मीदवारों ने नामांकन वापस नहीं लिए, तो झारखंड की इतनी सीटों पर लगाने पड़ेंगे 2-2 ईवीएम


झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन का दौर खत्म हो चुका है. 43 विधानसभा सीटों के लिए 804 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं. इनमें से कम से कम 24 ऐसी सीटें हैं, जहां कुछ उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिए, तो वहां 2-2 ईवीएम लगानी पड़ेगी.भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 804 उम्मीदवारों में 538 ने इन्हीं 24 सीटों पर उम्मीदवारी की दावेदारी की है.

जमशेदपुर की 2 विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक 63 प्रत्याशी

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए जिन विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक नामांकन हुए हैं, उसमें सबसे ऊपर जमशेदपुर की 2 विधानसभा सीटें हैं. जमशेदपुर पूर्व असेंबली सीट पर 32 लोगों ने नामांकन दाखिल किए हैं, जबकि जमशेदपुर पश्चिम में 31 प्रत्याशियों ने परचा भरा.

रांची की हटिया विधानसभा सीट पर 30 लोगों ने भरा परचा

राजधानी रांची की हटिया विधानसभा सीट पर 30 उम्मीदवार हैं, तो बरकट्ठा में 29, बड़कागांव में 28, रांची में 26 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. हजारीबाग, डालटेनगंज और गढ़वा में 25-25 लोगों ने इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के इरादे जताए हैं. सभी ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं.

इन विधानसभा सीटों पर 17 से 23 उम्मीदवार

ईचागढ़ विधानसभा सीट पर 23, हुसैनाबाद में 22, चाईबासा (एसटी) और विश्रामपुर में 21-21, बरही, तमाड़ (एसटी), गुमला (एसटी) और कोलेबिरा (एसटी) में 19-19 उम्मीदवार सामने आए हैं. पोटका (एसटी), लोहरदगा (एसटी), भवनाथपुर, बिशुनपुर (एसटी) और सिसई (एसटी) सीट से 18-18, तो मांडर (एसटी) और पांकी में 17-17 प्रत्याशियों ने उम्मीदवारी का परचा भर दिया है.

43 सीट पर 804 लोगों ने भरा है नामांकन

इन सभी सीटों पर 2-2 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लगानी पड़ेगी, क्योंकि एक ईवीएम में सिर्फ 16 उम्मीदवारों के ही नाम अंकित हो सकते हैं. इसलिए अगर इन सीटों पर उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिए, तो इन 24 सीटों पर 2-2 ईवीएम लगाना पड़ेगा. सोमवार (28 अक्टूबर) को इन सभी 804 परचों की जांच होगी. इसके बाद 30 अक्टूबर तक नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. उसी दिन तय होगा कि 13 नवंबर को 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग के दौरान कितनी सीटों पर 1 ईवीएम लगेंगे और कितनी सीटों पर 2 ईवीएम की व्यवस्था करनी होगी.

वो कौन-सी 24 सीटें हैं, जहां लगाने पड़ सकते हैं 2-2 EVM

जमशेदपुर-पूर्व में 32

जमशेदपुर-पश्चिम में 31

हटिया में 30

बरकट्ठा में 29

बड़कागांव में 28

रांची में 26

हजारीबाग में 25

डालटेनगंज में 25

गढ़वा में 25

ईचागढ़ में 23

हुसैनाबाद में 22

चाईबासा (एसटी) में 21

विश्रामपुर में 21

बरही में 19

तमाड़ (एसटी) में 19

गुमला (एसटी) में 19

कोलेबिरा (एसटी) में 19

पोटका (एसटी) में 18

लोहरदगा (एसटी) में 18

भवनाथपुर में 18

बिशुनपुर (एसटी) में 18

सिसई (एसटी) में 18

मांडर (एसटी) में 17

पांकी में 17

UN में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान पर भड़का भारत, जानें किया कहा

#indiaslamspakistanatunforjammu_kashmir

पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। कश्मीर के मुद्दे पर भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ लगा चुका है, लेकिन वह अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। भारत ने अब एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे को उठाने पर पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई।भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी यह हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वार्षिक बहस के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, उस देश का यह प्रयास निंदनीय है, लेकिन इसका पूरी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में शामिल होने का विकल्प चुना है।

महिलाओं का हालत पर पाकिस्तान को लताड़ा

हरीश ने कहा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों से संबंधित महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यह टिप्पणी यूएनएससी बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा जम्मू और कश्मीर का संदर्भ दिए जाने के बाद आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित एक हजार महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं। खैर, मैं और भी बातें कर सकता हूं, लेकिन मैं यहीं खत्म करता हूं।

भारत में महिलाओं की भूमिका का जिक्र

पाकिस्तान को आइना दिखाने के अलावा, राजदूत हरीश ने भारत में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से शांति स्थापना और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि भारत ने महिला, शांति और सुरक्षा (डब्ल्यूपीएस) एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने पहली बार सभी महिला सैनिकों को तैनात किया है।

शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी

शांति सेना में भारतीय महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए हरीश ने कहा कि भारत ने डब्ल्यूपीएस एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार सभी महिलाओं वाली पुलिस यूनिट तैनात की, जिसने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में एक मिसाल कायम की। उनके काम को लाइबेरिया और संयुक्त राष्ट्र में जबरदस्त सराहना मिली। उन्होंने कहा कि हमने अपने शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। वर्तमान में दुनिया भर में 100 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक सेवा दे रही हैं, जिनमें तीन महिला महिला संलग्नता दल भी शामिल हैं।

हरीश ने कहा कि 2023 में, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सेवा देने वाली मेजर राधिका सेन को यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह अपनी शानदार पूर्ववर्ती मेजर सुमन गवानी के पदचिन्हों पर चलती हैं, जिन्हें दक्षिण सूडान में यूएन मिशन के साथ उनकी सेवा के लिए मान्यता दी गई थी। उन्हें 2019 में यूएन द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 2023 में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया है, जिस पर उन्होंने जोर दिया कि इसने राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त बनाया है।

Playboy turned Humanitarian Kamal Muhamed recognised among Top 10 Authors of 2024

Kamal Muhamed is among the list of Top 10 authors recognised for courages efforts and attempt. His maiden book Daring Prince Truth Revaled, in english an autobioraphy which took 6 long years of dedication for its completion. and was released on March 23rd 2024 by Dr.Mohanji his Childhood friend.( Humanitarian , Author & Spiritual Leader)

Kamal Muhamed, was born on September 8, 1964, in Kannur, a go-getter an artistic thinker and marketing enthusiast known for his resiliencec and determination.

Raised in a modest family, he pursued his vision of becoming a Human Rights activist and social worker, for serving underprivileged society, leaving school early to become self-reliant. Starting as a Sales Trainee at 21, with multinational he built a career across India Gulf and Middle East, and Africa overcoming challenges, including surviving Yemen’s war.

Kamal played an important role in OPERATION RAHAT’s mass evacuation in 2015 and during Covid 19 with selfless social activities for the community.

His Daring Prince Truth Revealed, is nominated for the 2025 Sahitya Sparsh Awards. A BOOK fully devoted to serve the needy and poor and Global Noble Causes the list of Top 10 Authors includes Legend Robin Sharma. Founder & Author The 5 am Club

Kamal a proven humble and down to earth Humanitarian & Social Activist attained various accolades naming a few in 2024, Dada Saheb Phalke Motivational Award, for Best Author & Social Activist, JCI Humanitarian Award & NCFC Best Humanitarian for Social Services from Nepal.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS & NCNB( Member United Nations Global Compact) as Head of State, Wellmed Trip. Com Mauritius, Long Rock Hospitalities, an upcoming project to fulfill his young age dream .

He is also Well Wisher and supporter of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation) He lives with His Arab Wife Leila Nasher and 3 Children Haroon, Maryam & Moosa at outskirts of Kochi.

After Author's recognition news was spread he was given a warm welcome by Surya Vanitha Library at his home town where he donated few books gifted by Dr.Mohanji on my request..

Daring Prince's Malayalam version is getting ready for Publication in early 2025 through renowned Olive Books. His advice always to young and startup entrepreneurs: embrace risk, learn, and never quit.

https://www.amazon.in/Daring-Prince-Revealed-Kamal-Muhamed/dp/8197046433?dplnkId=8d49bdef-7258-4d81-b64a-79bb119acdfd

https://hrcin.org/

https://ammucare.org/

मार्केट खुलने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग तो कर रहे, पर कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रहा, जानें ताजा अपडे

शेयर बाजार बीते कई दिनों से निवेशकों को चौंका रहा है. मार्केट ओपन होने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जहां जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रही है और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हो रहे हैं. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, तो कुछ ही मिनटों में ये 227 अंक फिसल गया.

80000 के नीचे आया Sensex

सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है. सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया. खबर लिखे जाने तक सुबह 9.35 बजे पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.

Nifty भी शुरुआती तेजी से फिसला

सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341.20 के लेवल पर आ गया. इससे पहले बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्‍स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्‍लोज हुआ था. बैंक निफ्टी समेत स्‍मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्‍स में भी गिरावट देखी गई थी.

खुलते ही बिखरे ये 10 शेयर

गुरुवार को मार्केट में अचानक आई गिरावट के बीच सबसे ज्यादा बिखरने वाले 10 शेयरों के बारे में तो बता दें कि BSE लार्जकैप कैटेगरी में शामिल 20 में से 16 शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. इनमें शामिल HUL Share 5.29% की गिरावट के साथ 2515.10 रुपये पर, जबकि Nestle India Share 1.70% गिरकर 2287.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा Bharti Airtel Share भी 1.50% तक टूटा और 1661 रुपये पर ट्रेड कर रहा था

मिड और स्मालकैप शेयरों का हाल

मिडकैप कैटेगरी में शामिल KPI Tech Share 7.62% फिसलकर 1507.80 रुपये पर, Escorts Share 7.36% की गिरावट लेकर 3430.25 रुपये, PEL Share 2.81% टूटकर 1015.55 रुपये पर था. वहीं दूसरी ओर स्मालकैप कैटेगरी की कंपनियों में शामिल JCHAC Share 10.03%, Haritage Food Share 5%, KICL Share 5%, Reltd Share 4.99% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.

इंडिया गठबंधन दल में शामिल आरजेडी ने भी 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा, कोडरमा से सुभाष यादव को भी मिला टिकट

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।

राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी। देवघर, हुसैनाबाद और गोड्डा में फिर पुराने नेताओं को मौका मिला है।

1. देवघर से सुरेश पासवान

2. गोड्डा से संजय प्रसाद

3. कोडरमा से सुभाष यादव 

4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।

5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह

6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी से टिकट मिला है।

बता दें, कोडरमा से प्रत्याशी सुभाष यादव फिलहाल जेल में हैं। वो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। बता दे झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव चार दिनों से रांची में कैंप कर रहे थे। इस दौरान तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कई दौर की बातचीत हुई। वहीं तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के आला नेताओं से भी बातचीत की।

राष्ट्रीय जनता दल ने भी 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामो की घोषणा, जेल से ही चुनाव लड़ेंगे सुभाष यादव चुनाव


झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।


राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी।

1. देवघर से सुरेश पासवान
2. गोड्डा से संजय प्रसाद
3. कोडरमा से सुभाष यादव
4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।
5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह
6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी  से टिकट मिला है।