छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा में नक्सलियों पर बड़ा प्रहार, मुठभेड़ में 20 से ज्यादा नक्सली ढेर

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। अलग-अलग मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए। वहीं, एक जवान बलिदान हो गया है। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए हैं। बीजापुर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है।

बीजापुर पुलिस ने बताया कि बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर गंगालूर पुलिस थाने के अंतर्गत वन क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान 18 नक्सली मारे गए हैं। वहीं चार नक्सलियों को कांकेर में मार गिराया गया।हालांकि इसमें एक जवान भी शहीद हो गए। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की है।

जिला बीजापुर और दंतेवाड़ा के सरहदी में थाना गंगालूर क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान पर संयुक्त टीम निकली थी।अभियान के दौरान आज सुबह 7 बजे माओवादियों ने हमला कर दिया. फिर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर के गंगालूर इलाके के एंड्री के जंगलों में ये मुठभेड़ हुई है।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षाबलों का एक संयुक्त दल गंगालूर थाना क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान पर था।

एडीजी नक्सल विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद के साथ 22 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ में बीजापुर डीआरजी का एक जवान शहीद हो गया। बताया जा रहा है कि शहीद जवान का नाम राजू ओयामी है। फिलहाल, क्षेत्र में मुठभेड़ और सर्चिंग जारी है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षाबलों के दो अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

चेंबर चुनाव 2025 : पुराने संविधान के तहत 10 चरण में होगा चुनाव, जानिए पूरा शेड्यूल

रायपुर- सीसीसीआई (Chhattisgarh Chamber of Commerce & Industries) के चुनाव को लेकर आज चुनाव समिति की अहम बैठक हुई. जिसमें पुराने संविधान के अनुसार चेंबर चुनाव 2025 को संपन्न किए जाने का फैसला लिया गया है. रायपुर समेत 26 जिलों में 10 चरणों में चुनाव होगा. रायपुर में 8 उपाध्यक्ष और 8 मंत्री का चुनाव होगा. इसके अलावा अन्य जिलों में 1 उपाध्यक्ष और 1 मंत्री के पद का निर्वाचन होगा. अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष के चुनाव में कुल 27,480 मतदाता मतदान करेंगे.

निर्वाचन अधिकारी प्रकाशचंद गोलछा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के उप सचिव रेना जमील के हस्ताक्षरयुक्त आदेश के बाद निर्वाचन समिति ने निर्णय लिया की पुराने संविधान के अनुसार ही वर्तमान चेंबर चुनाव 2025 को संपन्न किया जाएगा. वर्तमान प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष के साथ रायपुर सहित 26 जिलों के लिए 10 चरण में निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होगी जिसमें भिलाई और रायपुर जिले में दो दिवसीय मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाई जाएगी.

रायपुर जिले के लिए 8 उपाध्यक्ष एवं 8 मंत्री तथा निम्न जिलों सरगुजा, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर, गौरेला–पेंड्रा–मारवाही, धमतरी, दंतेवाड़ा, कांकेर, रायगढ़, जशपुर, सारंगढ़–बिलाईगढ़, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, कबीरधाम, बालोद, बिलासपुर, सक्ति, कोरबा, जांजगीर–चांपा, मुंगेली, बेमेतरा महासमुंद, गरियाबंद, बलोदाबाजार–भाटापारा जिलों में 1 उपाध्यक्ष एवं 1 मंत्री के पद हेतु मतदान होगा साथ ही प्रदेश के तीन पद अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष के लिए समस्त 27480 मतदाता मतदान करेंगे.

नाम निर्देशन पत्र 17, 18 और 19 मार्च को 11:00 बजे से 2:00 बजे तक दिए जाएंगे और जमा करने का समय दोपहर 3:00 से शाम 6:00 बजे तक रहेगा. नाम निर्देशन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च को सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 तक रहेगा, नाम निर्देशन पत्र शुल्क प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष पद के लिए 31,000, प्रदेश उपाध्यक्ष और मंत्री पद के प्रत्याशियों के लिए 15,000 सुनिश्चित किया गया है. साथ ही ये चुनाव की सभी प्रक्रिया चेंबर भवन में संपन्न की जाएगी.

CM सचिव पी. दयानंद पहुंचे प्रयागराज, छत्तीसगढ़ पवेलियन का लिया जायजा, श्रद्धालुओं से की बात, बेहतर से बेहतर व्यवस्था के दिए निर्देश…
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सचिव पी. दयानंद आज प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वहां स्थित छत्तीसगढ़ मंडपम का भी जायजा लिया. उन्होंने वहां मौजूद श्रद्धालुओं से बातचीत की और सुविधाओं को लेकर जानकारी ली. वहां छत्तीसगढ़ से जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए उन्होंने मंडपम में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों को भी व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए.

बता दें, प्रयागराज महाकुंभ 2025 में त्रिवेणी संगम में स्नान करने रोज करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही संत-महात्माओं के दर्शन कर रहे हैं. 144 साल बाद बने इस अद्भुत संयोग का लाभ हर कोई लेना चाहता है. महाकुंभ में केंद्र सरकार और यू.पी सरकार ने पूरी व्यवस्था बनाई हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ से महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर प्रयागराज महाकुंभ में राज्य के स्थानीय लोगों के लिए छत्तीसगढ़ पवेलियन (Chhattisgarh Pavilion) तैयार किया गया है, जिसमें राज्य के लोगों के लिए ठहरने और भोजन करने की निःशुल्क व्यवस्था की है.

कैसे पहुंचे छत्तीसगढ़ पवेलियन

छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. छत्तीसगढ़ पवेलियन (Chhattisgarh Pavilion) महाकुंभ मेला के सेक्टर 6 में स्थित है. यह ठीक बघाड़ा मेला के पास स्थित है जहां आने के लिए लक्ष्मी द्वार से प्रवेश करना है. यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन प्रयाग है. सड़क या हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रास्ते यमुना ब्रिज क्रॉस करके यहां पहुंच सकते हैं.

पवेलियन में दिखेगा मिनी छत्तीसगढ़

करीब 4.5 एकड़ में फैले इस पवेलियन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति को दिखाया गया है. जिससे यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालु, यहां तक की देश के कोने-कोने से आए लोग छत्तीसगढ़ प्रदेश को जान सकें. पवेलियन में प्रदेश के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों, पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई है. साथ ही प्रदेश की संस्कृति, कला, खान-पान, रहन-सहन से भी लोगों को रूबरू कराया जा रहा है. यहां श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की भी व्यवस्था की गई है.

29 जनवरी को होगा तीसरा शाही स्नान

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा) से शुरू हो चुका है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा. महाकुंभ में श्रद्धालु अब तक दो शाही स्नान (पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति) कर चुके हैं. आगामी तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या) को आयोजित होगा.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: 7 दिन की रिमांड में भेजे गए पूर्व मंत्री कवासी लखमा, ED करेगी पूछताछ

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया. इस दौरान ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया गया है. ईडी ने कोर्ट से लखमा की 14 दिन की रिमांड मांगी. मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 7 दिन की रिमांड में भेज दिया है.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था.

शराब घोटाला मामला : पूर्व मंत्री लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम साय बोले – ईडी की जांच जारी है, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा…
रायपुर-  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि ईडी की जांच जारी है. जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई होगी. बता दें कि शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा से पूछताछ की. इसके बाद ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 7 दिन की ईडी की रिमांड पर भेजा गया.
शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था. खबर आ रही है कि पूछताछ के बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. अब जल्द ही ED कवासी लखमा और हरीश लखमा को कोर्ट में पेश करेगी.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था.

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला ?

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है. महापौर ऐजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर का भाई अवैध वसूली के खेल में शामिल है. जिसके बाद ईडी ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया. अबतक मामले में 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया है.

ईडी की चार्जशीट के अनुसार, साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ. CSMCL के MD रहे अरुणपति त्रिपाठी मनपसंद डिस्टिलर की शराब को परमिट करते थे. देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, इस कमीशन की त्रिपाठी एक्सेलशीट तैयार कर अनवर ढेबर को भेजते थे . आरोप है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब की बेधड़क बिक्री की. इससे राज्य के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ. आपराधिक सिंडिकेट के जरिये CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थीं, जिनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल है.

वर्ल्‍ड बैंक ने छत्‍तीसगढ़ की इस महती योजना को किया बंद, उद्देश्य के साथ-साथ बजट भी था बहुत बड़ा,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था शुभारंभ

रायपुर-  छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण एवं त्वरित कृषि विकास (चिराग) परियोजना के उद्देश्य और प्रगति पर असंतोष जताते हुए विश्व बैंक ने इसे बंद करने की घोषणा की है. इस संबंध में बैंक के भारत में कार्यवाहक निदेशक ने केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के अलावा छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍य सचिव, कृषि विभाग की एसीएस और चिराग परियोजना के डॉयरेक्‍टर को पत्र भेजा है. 

अंतरराष्‍ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) और विश्व बैंक द्वारा सह-वित्तपोषित इस परियोजना को बोर्ड ने 15 दिसंबर, 2020 को मंजूरी दी थी. लेकिन बीते चार सालों के दौरान योजना के तहत लगभग 1.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 प्रतिशत) का वितरण हुआ है, और न ही लक्षित समुदायों में से किसी को भी परियोजना अनुदान का लाभ नहीं मिला है. अक्टूबर 2022 से परियोजना विकास उद्देश्य और कार्यान्वयन प्रगति दोनों को असंतोषजनक दर्जा दिया गया है.

सितंबर 2024 में त्रिपक्षीय पोर्टफोलियो समीक्षा बैठक के दौरान बात पर सहमति बनी कि परियोजना को किसी भी पुनर्गठन को उचित ठहराने के लिए 2024 के अंत तक प्रदर्शन में काफी सुधार करने और 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का वितरण करने की आवश्यकता है. लेकिन इनमें से कोई भी बात पूरी नहीं हुई, लिहाजा प्रस्तावित पुनर्गठन और आंशिक निरस्तीकरण पर परियोजना के क्रियान्वयन को जारी रखने को असंभव बताया.

इस संबंध में, 23 दिसंबर, 2024 को आयोजित बैठक के दौरान हुई चर्चाओं के आधार पर, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने यह विचार व्यक्त किया कि परियोजना के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, परियोजना की शेष अवधि के भीतर परियोजना विकास उद्देश्यों को प्राप्त करना असंभव है. नतीजतन, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने DEA के परामर्श से इस बात पर सहमति व्यक्त की कि परियोजना को जल्द से जल्द बंद करना सर्वोत्तम हित में होगा.

पूर्ववर्ती सरकार ने शुरू की थी परियोजना

बता दें कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने Chhattisgarh Inclusive Rural and Accelerated Agriculture Growth (चिराग) परियोजना का शुभारंभ किया था. परियोजना के तहत किसानों की आमदनी को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और युवाओं को विभिन्न तरह की फसलों के उत्पादन में मदद के उद्देश्य से परियोजना को विश्व बैंक ने आर्थिक मदद भी दी है.

युवाओं को मिलती ट्रेनिंग

परियोजना के अंतर्गत आदिवासी इलाकों के स्थानीय युवाओं को मछली पालन, पशु-पालन, उद्यानिकी, विशेष प्रजातियों की फसलों के उत्पादन, क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन के कामों से जोड़े जाने के अलावा युवाओं को सेल्स और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाना था. युवाओं को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की शिक्षा दी जानी थी, इसके साथ उन्हें स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित भी किया जाता.

इन जिलों में लागू होनी थी परियोजना

चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सुरजपुर और सरगुजा के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाना था.

असाधारण राजपत्र प्रकाशन पर छत्तीसगढ़ शासन सख्त, मुख्य सचिव ने जारी किए कड़े दिशा-निर्देश
रायपुर-    छत्तीसगढ़ शासन ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के असाधारण राजपत्र में आदेश, अधिसूचना या अध्यादेश प्रकाशित करने पर सख्त कदम उठाया है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिवों को पत्र जारी किया है. यह पत्र मंत्रालय के सभी विभागों में भेजा गया है, जिसमें असाधारण राजपत्र प्रकाशन के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव के पत्र में लिखे गए मुख्य बिन्दु-

i. अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण संक्षिप्त सूचनाएं ही आवश्यकतानुत्तार असाधारण राजपत्र में प्रकाशित की जाए.

ii. असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के लिए प्रस्ताव पूर्ण औचित्य के साथ व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के कारण सहित प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत विभागीय सचिव/सक्षम अधिकारी (उप सचिव) के हस्ताक्षर से ही भेजे जायें.

iii. सीमाबद्ध प्रकरणों में निर्णय लेने में शीघ्रता की जाए, ताकि साधारण राजपत्र में समयबद्ध रीति से प्रकाशन हो सके व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन की आवश्यकता नहीं रहे.

iv. प्रकाशित अधिसूचना की हिन्दी एवं अंग्रेजी की एक-एक प्रति विभागीय सचिव या उनके अनुपस्थित रहने पर सक्षम अधिकारी (उप सचिव) (प्रारूप के अनुमोदन व प्रकाशन हेतु अधिकारी समकक्ष होना चाहिए) के हस्ताक्षर से मुद्रणालय भेजा जाना अनिवार्य है.Chhattisgarh government strict on extraordinary gazette publication, Chief Secretary issued strict guidelines

v. प्रशासकीय विभागों, असाधारण राजपत्र में आदेश/अधिसूचना/अध्यादेश/ इत्यादि के प्रकाशन पूर्व आवश्यकतानुसार वित्त विभाग से लिए गए परामर्श, विधि विभाग से परिमार्जन, असाधारण राजपत्र में प्रकाशित कराया जाना आवश्यक क्यों हैं?, इसका निर्धारण कर सदाम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही संपादित करना सुनिश्चित करें.

vi. प्रशासकीय विभाग (संबंधित) असाधारण राजपत्र की प्रकाशन/मुद्रण की सूचना,मुद्रण/प्रकाशन की तिथि के कम से कम 24 घंटे पूर्व शासकीय मुद्रणालय को प्रदाय करेगा.

vii.असाधारण राजपत्र में प्रकाशित होने वाले अधिसूचना/आदेश/अध्यादेश / इत्यादि के लिये संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासकीय विभाग की होगी.

*Bengal U-19 in final of Vinoo Mankad Trophy after 11 years*

Sports News

Khabar kolkata News Desk: A brilliant all-round performance powered Bengal Under-19 team into the final of the Vinoo Mankad Trophy after a thumping 131-run victory over Chhattisgarh in the semifinal clash in Rajkot on Thursday.

Bengal sealed a place in the final of the Vinoo Mankad Trophy after 11 years. Bengal last played the final in 2013. The Sourashish Lahiri-coached side will now take on Gujarat in the summit clash in Rajkot on Saturday.

"It was entirely a team effort. Every member stepped up when it was needed most. I am happy with the victory. Vishal played brilliantly, and Ankit and Ashutosh were superb. The way the team handled the pressure on a crucial semifinal match was outstanding," Lahiri said.

Vishal Bhati, who was awarded the player-of-the-match, smashed 111 off 117 balls, followed by bagging 3 for 22 with the ball.

His opening partner, Ankit Chatterjee, hit a brilliant 92 off 102 balls. Ashutosh Kumar (4-30) was superb with the ball, while Agniswar Das chipped in with a handy 42 runs.

Batting first, Bengal posted a challenging 285/8 in 50 overs. Chasing the target, Chhattisgarh were bundled out for just 154 in 41.2 overs.

Pic Courtesy by: CAB

2 రెమ్మలు.. 2 వేలు.. నాణ్యత, బరువులో తేడా రాకుండా సరఫరా

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు.

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు. ఈనెల 22న హెచ్‌న్యూ (హైదరాబాద్‌ నార్కోటిక్‌ ఎన్‌ఫోర్స్‌మెంట్‌ వింగ్‌) పోలీసులకు చిక్కిన అనంతయ్య ఫ్యామిలీని పోలీసులు విచారించగా ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగులోకి వచ్చాయి.

ఆటోడ్రైవర్‌ అనంతయ్య, అతని భార్య నీరజ, కొడుకు రవికాంత్‌, ఆదిలాబాద్‌(Adilabad) నుంచి గంజాయి సరుకు సరఫరా చేస్తున్న గంగన్నలను హెచ్‌న్యూ పోలీసులు ఆదివారం అరెస్టు చేసిన విషయం తెలిసిందే. పోలీసుల విచారణలో ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగుచూశాయి. ఆదిలాబాద్‌కు చెందిన గంగన్న మహారాష్ట్ర, చత్తీస్ ‏గఢ్‌(Maharashtra, Chhattisgarh) ప్రాంతాలకు చెందిన రైతుల వద్ద మేలురకం గంజాయిని సేకరించి దాన్ని నగరంలోని ప్రధాన స్మగ్లర్లకు సరఫరా చేస్తున్నాడు. ధూల్‌పేటలో ఉంటున్న రజినీ చెల్లెలు, మరిది గంజాయి విక్రయాల్లో ఆరితేరారు. గంగన్న వారికి గంజాయి సరఫరా చేసేవాడు.

గంజాయి దందా లో సులభంగా డబ్బు సంపాదించొచ్చు అని చెల్లెలు ద్వారా గుర్తించిన రజినీ తాము కూడా అదే దందా చేయాలని నిర్ణయించుకుంది. అందుకు భర్త, ఇద్దరు కొడుకుల సహకారం తీసుకుంది. గంగన్న ఆదిలాబాద్‌ నుంచి సరుకు హైదరాబాద్‌కు తెచ్చిన వెంటనే గుట్టుచప్పుడు కాకుండా అనంతయ్య ఎంజీబీఎ్‌సకు వెళ్తాడు. ఆయన్ను ఒక చుట్టంలా ఇంటికి తీసుకెళ్తాడు. సరుకు లెక్క చూసుకొని గంగన్నకు డబ్బులిచ్చి, మర్యాద చేసి పంపిస్తారు. ఆ తర్వాత రజినీ గంజాయి రెమ్మలను జాగ్రత్తగా తీసుకొని రెండు మూడు రెమ్మలను కలిపి దోశ ప్యాకింగ్‌లా చేస్తుంది. గంజాయి రెమ్మ విరగకుండా, నలగకుండా జాగ్రత్త తీసుకుంటుంది

ఆ ప్యాకింగ్‌లను భర్త, ఇద్దరు కుమారులకు అందజేస్తుంది. పెద్ద కొడుకు క్యాబ్‌డ్రైవర్‌ కావడంతో సాఫ్ట్‌వేర్‌ ఉద్యోగులతో(Software employees) మంచి పరిచయాలు ఉన్నాయి. తమ వద్ద మేలు రకం గంజాయి ఉందని చెప్పి గుట్టుగా విక్రయిస్తున్నారు. అలా తండ్రి, ఇద్దరు కొడుకులు నగరంలోని పలు ప్రాంతాల్లో కస్టమర్స్‌కు ఒక్కో పార్శిల్‌లో రెండు లేదా మూడు రెమ్మలు పెట్టి రెండు వేలకు విక్రయిస్తున్నారు. నాణ్యత, బరువులో తేడా లేకుండా జాగ్రత్తలు తీసుకుంటూ డిమాండ్‌ను బట్టి రూ. 3వేల వరకు విక్రయిస్తున్నట్లు పోలీసులు గుర్తించారు. కేజీ మేలు రకం గంజాయిని రూ.10వేల చొప్పున కొనుగోలు చేస్తున్న నిందితులు.. దాన్ని విక్రయించడం ద్వారా రూ.40వేలు సంపాదిస్తున్నట్లు పోలీసులు ప్రాథమికంగా నిర్ధారించినట్లు తెలిసింది. రెండేళ్లుగా ఫ్యా మిలీ మొత్తం ఇదే దందా కొనసాగిస్తుండడం గమనార్హం.

छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा में नक्सलियों पर बड़ा प्रहार, मुठभेड़ में 20 से ज्यादा नक्सली ढेर

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। अलग-अलग मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए। वहीं, एक जवान बलिदान हो गया है। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए हैं। बीजापुर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है।

बीजापुर पुलिस ने बताया कि बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर गंगालूर पुलिस थाने के अंतर्गत वन क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान 18 नक्सली मारे गए हैं। वहीं चार नक्सलियों को कांकेर में मार गिराया गया।हालांकि इसमें एक जवान भी शहीद हो गए। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की है।

जिला बीजापुर और दंतेवाड़ा के सरहदी में थाना गंगालूर क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान पर संयुक्त टीम निकली थी।अभियान के दौरान आज सुबह 7 बजे माओवादियों ने हमला कर दिया. फिर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर के गंगालूर इलाके के एंड्री के जंगलों में ये मुठभेड़ हुई है।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षाबलों का एक संयुक्त दल गंगालूर थाना क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान पर था।

एडीजी नक्सल विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद के साथ 22 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ में बीजापुर डीआरजी का एक जवान शहीद हो गया। बताया जा रहा है कि शहीद जवान का नाम राजू ओयामी है। फिलहाल, क्षेत्र में मुठभेड़ और सर्चिंग जारी है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षाबलों के दो अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

चेंबर चुनाव 2025 : पुराने संविधान के तहत 10 चरण में होगा चुनाव, जानिए पूरा शेड्यूल

रायपुर- सीसीसीआई (Chhattisgarh Chamber of Commerce & Industries) के चुनाव को लेकर आज चुनाव समिति की अहम बैठक हुई. जिसमें पुराने संविधान के अनुसार चेंबर चुनाव 2025 को संपन्न किए जाने का फैसला लिया गया है. रायपुर समेत 26 जिलों में 10 चरणों में चुनाव होगा. रायपुर में 8 उपाध्यक्ष और 8 मंत्री का चुनाव होगा. इसके अलावा अन्य जिलों में 1 उपाध्यक्ष और 1 मंत्री के पद का निर्वाचन होगा. अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष के चुनाव में कुल 27,480 मतदाता मतदान करेंगे.

निर्वाचन अधिकारी प्रकाशचंद गोलछा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के उप सचिव रेना जमील के हस्ताक्षरयुक्त आदेश के बाद निर्वाचन समिति ने निर्णय लिया की पुराने संविधान के अनुसार ही वर्तमान चेंबर चुनाव 2025 को संपन्न किया जाएगा. वर्तमान प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष के साथ रायपुर सहित 26 जिलों के लिए 10 चरण में निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होगी जिसमें भिलाई और रायपुर जिले में दो दिवसीय मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाई जाएगी.

रायपुर जिले के लिए 8 उपाध्यक्ष एवं 8 मंत्री तथा निम्न जिलों सरगुजा, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर, गौरेला–पेंड्रा–मारवाही, धमतरी, दंतेवाड़ा, कांकेर, रायगढ़, जशपुर, सारंगढ़–बिलाईगढ़, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, कबीरधाम, बालोद, बिलासपुर, सक्ति, कोरबा, जांजगीर–चांपा, मुंगेली, बेमेतरा महासमुंद, गरियाबंद, बलोदाबाजार–भाटापारा जिलों में 1 उपाध्यक्ष एवं 1 मंत्री के पद हेतु मतदान होगा साथ ही प्रदेश के तीन पद अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष के लिए समस्त 27480 मतदाता मतदान करेंगे.

नाम निर्देशन पत्र 17, 18 और 19 मार्च को 11:00 बजे से 2:00 बजे तक दिए जाएंगे और जमा करने का समय दोपहर 3:00 से शाम 6:00 बजे तक रहेगा. नाम निर्देशन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च को सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 तक रहेगा, नाम निर्देशन पत्र शुल्क प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष पद के लिए 31,000, प्रदेश उपाध्यक्ष और मंत्री पद के प्रत्याशियों के लिए 15,000 सुनिश्चित किया गया है. साथ ही ये चुनाव की सभी प्रक्रिया चेंबर भवन में संपन्न की जाएगी.

CM सचिव पी. दयानंद पहुंचे प्रयागराज, छत्तीसगढ़ पवेलियन का लिया जायजा, श्रद्धालुओं से की बात, बेहतर से बेहतर व्यवस्था के दिए निर्देश…
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सचिव पी. दयानंद आज प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वहां स्थित छत्तीसगढ़ मंडपम का भी जायजा लिया. उन्होंने वहां मौजूद श्रद्धालुओं से बातचीत की और सुविधाओं को लेकर जानकारी ली. वहां छत्तीसगढ़ से जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए उन्होंने मंडपम में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों को भी व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए.

बता दें, प्रयागराज महाकुंभ 2025 में त्रिवेणी संगम में स्नान करने रोज करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही संत-महात्माओं के दर्शन कर रहे हैं. 144 साल बाद बने इस अद्भुत संयोग का लाभ हर कोई लेना चाहता है. महाकुंभ में केंद्र सरकार और यू.पी सरकार ने पूरी व्यवस्था बनाई हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ से महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर प्रयागराज महाकुंभ में राज्य के स्थानीय लोगों के लिए छत्तीसगढ़ पवेलियन (Chhattisgarh Pavilion) तैयार किया गया है, जिसमें राज्य के लोगों के लिए ठहरने और भोजन करने की निःशुल्क व्यवस्था की है.

कैसे पहुंचे छत्तीसगढ़ पवेलियन

छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. छत्तीसगढ़ पवेलियन (Chhattisgarh Pavilion) महाकुंभ मेला के सेक्टर 6 में स्थित है. यह ठीक बघाड़ा मेला के पास स्थित है जहां आने के लिए लक्ष्मी द्वार से प्रवेश करना है. यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन प्रयाग है. सड़क या हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रास्ते यमुना ब्रिज क्रॉस करके यहां पहुंच सकते हैं.

पवेलियन में दिखेगा मिनी छत्तीसगढ़

करीब 4.5 एकड़ में फैले इस पवेलियन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति को दिखाया गया है. जिससे यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालु, यहां तक की देश के कोने-कोने से आए लोग छत्तीसगढ़ प्रदेश को जान सकें. पवेलियन में प्रदेश के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों, पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई है. साथ ही प्रदेश की संस्कृति, कला, खान-पान, रहन-सहन से भी लोगों को रूबरू कराया जा रहा है. यहां श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की भी व्यवस्था की गई है.

29 जनवरी को होगा तीसरा शाही स्नान

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा) से शुरू हो चुका है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा. महाकुंभ में श्रद्धालु अब तक दो शाही स्नान (पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति) कर चुके हैं. आगामी तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या) को आयोजित होगा.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: 7 दिन की रिमांड में भेजे गए पूर्व मंत्री कवासी लखमा, ED करेगी पूछताछ

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया. इस दौरान ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया गया है. ईडी ने कोर्ट से लखमा की 14 दिन की रिमांड मांगी. मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 7 दिन की रिमांड में भेज दिया है.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था.

शराब घोटाला मामला : पूर्व मंत्री लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम साय बोले – ईडी की जांच जारी है, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा…
रायपुर-  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि ईडी की जांच जारी है. जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई होगी. बता दें कि शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा से पूछताछ की. इसके बाद ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 7 दिन की ईडी की रिमांड पर भेजा गया.
शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था. खबर आ रही है कि पूछताछ के बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. अब जल्द ही ED कवासी लखमा और हरीश लखमा को कोर्ट में पेश करेगी.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था.

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला ?

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है. महापौर ऐजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर का भाई अवैध वसूली के खेल में शामिल है. जिसके बाद ईडी ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया. अबतक मामले में 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया है.

ईडी की चार्जशीट के अनुसार, साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ. CSMCL के MD रहे अरुणपति त्रिपाठी मनपसंद डिस्टिलर की शराब को परमिट करते थे. देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, इस कमीशन की त्रिपाठी एक्सेलशीट तैयार कर अनवर ढेबर को भेजते थे . आरोप है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब की बेधड़क बिक्री की. इससे राज्य के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ. आपराधिक सिंडिकेट के जरिये CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थीं, जिनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल है.

वर्ल्‍ड बैंक ने छत्‍तीसगढ़ की इस महती योजना को किया बंद, उद्देश्य के साथ-साथ बजट भी था बहुत बड़ा,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था शुभारंभ

रायपुर-  छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण एवं त्वरित कृषि विकास (चिराग) परियोजना के उद्देश्य और प्रगति पर असंतोष जताते हुए विश्व बैंक ने इसे बंद करने की घोषणा की है. इस संबंध में बैंक के भारत में कार्यवाहक निदेशक ने केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के अलावा छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍य सचिव, कृषि विभाग की एसीएस और चिराग परियोजना के डॉयरेक्‍टर को पत्र भेजा है. 

अंतरराष्‍ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) और विश्व बैंक द्वारा सह-वित्तपोषित इस परियोजना को बोर्ड ने 15 दिसंबर, 2020 को मंजूरी दी थी. लेकिन बीते चार सालों के दौरान योजना के तहत लगभग 1.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 प्रतिशत) का वितरण हुआ है, और न ही लक्षित समुदायों में से किसी को भी परियोजना अनुदान का लाभ नहीं मिला है. अक्टूबर 2022 से परियोजना विकास उद्देश्य और कार्यान्वयन प्रगति दोनों को असंतोषजनक दर्जा दिया गया है.

सितंबर 2024 में त्रिपक्षीय पोर्टफोलियो समीक्षा बैठक के दौरान बात पर सहमति बनी कि परियोजना को किसी भी पुनर्गठन को उचित ठहराने के लिए 2024 के अंत तक प्रदर्शन में काफी सुधार करने और 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का वितरण करने की आवश्यकता है. लेकिन इनमें से कोई भी बात पूरी नहीं हुई, लिहाजा प्रस्तावित पुनर्गठन और आंशिक निरस्तीकरण पर परियोजना के क्रियान्वयन को जारी रखने को असंभव बताया.

इस संबंध में, 23 दिसंबर, 2024 को आयोजित बैठक के दौरान हुई चर्चाओं के आधार पर, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने यह विचार व्यक्त किया कि परियोजना के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, परियोजना की शेष अवधि के भीतर परियोजना विकास उद्देश्यों को प्राप्त करना असंभव है. नतीजतन, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने DEA के परामर्श से इस बात पर सहमति व्यक्त की कि परियोजना को जल्द से जल्द बंद करना सर्वोत्तम हित में होगा.

पूर्ववर्ती सरकार ने शुरू की थी परियोजना

बता दें कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने Chhattisgarh Inclusive Rural and Accelerated Agriculture Growth (चिराग) परियोजना का शुभारंभ किया था. परियोजना के तहत किसानों की आमदनी को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और युवाओं को विभिन्न तरह की फसलों के उत्पादन में मदद के उद्देश्य से परियोजना को विश्व बैंक ने आर्थिक मदद भी दी है.

युवाओं को मिलती ट्रेनिंग

परियोजना के अंतर्गत आदिवासी इलाकों के स्थानीय युवाओं को मछली पालन, पशु-पालन, उद्यानिकी, विशेष प्रजातियों की फसलों के उत्पादन, क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन के कामों से जोड़े जाने के अलावा युवाओं को सेल्स और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाना था. युवाओं को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की शिक्षा दी जानी थी, इसके साथ उन्हें स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित भी किया जाता.

इन जिलों में लागू होनी थी परियोजना

चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सुरजपुर और सरगुजा के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाना था.

असाधारण राजपत्र प्रकाशन पर छत्तीसगढ़ शासन सख्त, मुख्य सचिव ने जारी किए कड़े दिशा-निर्देश
रायपुर-    छत्तीसगढ़ शासन ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के असाधारण राजपत्र में आदेश, अधिसूचना या अध्यादेश प्रकाशित करने पर सख्त कदम उठाया है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिवों को पत्र जारी किया है. यह पत्र मंत्रालय के सभी विभागों में भेजा गया है, जिसमें असाधारण राजपत्र प्रकाशन के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव के पत्र में लिखे गए मुख्य बिन्दु-

i. अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण संक्षिप्त सूचनाएं ही आवश्यकतानुत्तार असाधारण राजपत्र में प्रकाशित की जाए.

ii. असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के लिए प्रस्ताव पूर्ण औचित्य के साथ व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के कारण सहित प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत विभागीय सचिव/सक्षम अधिकारी (उप सचिव) के हस्ताक्षर से ही भेजे जायें.

iii. सीमाबद्ध प्रकरणों में निर्णय लेने में शीघ्रता की जाए, ताकि साधारण राजपत्र में समयबद्ध रीति से प्रकाशन हो सके व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन की आवश्यकता नहीं रहे.

iv. प्रकाशित अधिसूचना की हिन्दी एवं अंग्रेजी की एक-एक प्रति विभागीय सचिव या उनके अनुपस्थित रहने पर सक्षम अधिकारी (उप सचिव) (प्रारूप के अनुमोदन व प्रकाशन हेतु अधिकारी समकक्ष होना चाहिए) के हस्ताक्षर से मुद्रणालय भेजा जाना अनिवार्य है.Chhattisgarh government strict on extraordinary gazette publication, Chief Secretary issued strict guidelines

v. प्रशासकीय विभागों, असाधारण राजपत्र में आदेश/अधिसूचना/अध्यादेश/ इत्यादि के प्रकाशन पूर्व आवश्यकतानुसार वित्त विभाग से लिए गए परामर्श, विधि विभाग से परिमार्जन, असाधारण राजपत्र में प्रकाशित कराया जाना आवश्यक क्यों हैं?, इसका निर्धारण कर सदाम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही संपादित करना सुनिश्चित करें.

vi. प्रशासकीय विभाग (संबंधित) असाधारण राजपत्र की प्रकाशन/मुद्रण की सूचना,मुद्रण/प्रकाशन की तिथि के कम से कम 24 घंटे पूर्व शासकीय मुद्रणालय को प्रदाय करेगा.

vii.असाधारण राजपत्र में प्रकाशित होने वाले अधिसूचना/आदेश/अध्यादेश / इत्यादि के लिये संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासकीय विभाग की होगी.

*Bengal U-19 in final of Vinoo Mankad Trophy after 11 years*

Sports News

Khabar kolkata News Desk: A brilliant all-round performance powered Bengal Under-19 team into the final of the Vinoo Mankad Trophy after a thumping 131-run victory over Chhattisgarh in the semifinal clash in Rajkot on Thursday.

Bengal sealed a place in the final of the Vinoo Mankad Trophy after 11 years. Bengal last played the final in 2013. The Sourashish Lahiri-coached side will now take on Gujarat in the summit clash in Rajkot on Saturday.

"It was entirely a team effort. Every member stepped up when it was needed most. I am happy with the victory. Vishal played brilliantly, and Ankit and Ashutosh were superb. The way the team handled the pressure on a crucial semifinal match was outstanding," Lahiri said.

Vishal Bhati, who was awarded the player-of-the-match, smashed 111 off 117 balls, followed by bagging 3 for 22 with the ball.

His opening partner, Ankit Chatterjee, hit a brilliant 92 off 102 balls. Ashutosh Kumar (4-30) was superb with the ball, while Agniswar Das chipped in with a handy 42 runs.

Batting first, Bengal posted a challenging 285/8 in 50 overs. Chasing the target, Chhattisgarh were bundled out for just 154 in 41.2 overs.

Pic Courtesy by: CAB

2 రెమ్మలు.. 2 వేలు.. నాణ్యత, బరువులో తేడా రాకుండా సరఫరా

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు.

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు. ఈనెల 22న హెచ్‌న్యూ (హైదరాబాద్‌ నార్కోటిక్‌ ఎన్‌ఫోర్స్‌మెంట్‌ వింగ్‌) పోలీసులకు చిక్కిన అనంతయ్య ఫ్యామిలీని పోలీసులు విచారించగా ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగులోకి వచ్చాయి.

ఆటోడ్రైవర్‌ అనంతయ్య, అతని భార్య నీరజ, కొడుకు రవికాంత్‌, ఆదిలాబాద్‌(Adilabad) నుంచి గంజాయి సరుకు సరఫరా చేస్తున్న గంగన్నలను హెచ్‌న్యూ పోలీసులు ఆదివారం అరెస్టు చేసిన విషయం తెలిసిందే. పోలీసుల విచారణలో ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగుచూశాయి. ఆదిలాబాద్‌కు చెందిన గంగన్న మహారాష్ట్ర, చత్తీస్ ‏గఢ్‌(Maharashtra, Chhattisgarh) ప్రాంతాలకు చెందిన రైతుల వద్ద మేలురకం గంజాయిని సేకరించి దాన్ని నగరంలోని ప్రధాన స్మగ్లర్లకు సరఫరా చేస్తున్నాడు. ధూల్‌పేటలో ఉంటున్న రజినీ చెల్లెలు, మరిది గంజాయి విక్రయాల్లో ఆరితేరారు. గంగన్న వారికి గంజాయి సరఫరా చేసేవాడు.

గంజాయి దందా లో సులభంగా డబ్బు సంపాదించొచ్చు అని చెల్లెలు ద్వారా గుర్తించిన రజినీ తాము కూడా అదే దందా చేయాలని నిర్ణయించుకుంది. అందుకు భర్త, ఇద్దరు కొడుకుల సహకారం తీసుకుంది. గంగన్న ఆదిలాబాద్‌ నుంచి సరుకు హైదరాబాద్‌కు తెచ్చిన వెంటనే గుట్టుచప్పుడు కాకుండా అనంతయ్య ఎంజీబీఎ్‌సకు వెళ్తాడు. ఆయన్ను ఒక చుట్టంలా ఇంటికి తీసుకెళ్తాడు. సరుకు లెక్క చూసుకొని గంగన్నకు డబ్బులిచ్చి, మర్యాద చేసి పంపిస్తారు. ఆ తర్వాత రజినీ గంజాయి రెమ్మలను జాగ్రత్తగా తీసుకొని రెండు మూడు రెమ్మలను కలిపి దోశ ప్యాకింగ్‌లా చేస్తుంది. గంజాయి రెమ్మ విరగకుండా, నలగకుండా జాగ్రత్త తీసుకుంటుంది

ఆ ప్యాకింగ్‌లను భర్త, ఇద్దరు కుమారులకు అందజేస్తుంది. పెద్ద కొడుకు క్యాబ్‌డ్రైవర్‌ కావడంతో సాఫ్ట్‌వేర్‌ ఉద్యోగులతో(Software employees) మంచి పరిచయాలు ఉన్నాయి. తమ వద్ద మేలు రకం గంజాయి ఉందని చెప్పి గుట్టుగా విక్రయిస్తున్నారు. అలా తండ్రి, ఇద్దరు కొడుకులు నగరంలోని పలు ప్రాంతాల్లో కస్టమర్స్‌కు ఒక్కో పార్శిల్‌లో రెండు లేదా మూడు రెమ్మలు పెట్టి రెండు వేలకు విక్రయిస్తున్నారు. నాణ్యత, బరువులో తేడా లేకుండా జాగ్రత్తలు తీసుకుంటూ డిమాండ్‌ను బట్టి రూ. 3వేల వరకు విక్రయిస్తున్నట్లు పోలీసులు గుర్తించారు. కేజీ మేలు రకం గంజాయిని రూ.10వేల చొప్పున కొనుగోలు చేస్తున్న నిందితులు.. దాన్ని విక్రయించడం ద్వారా రూ.40వేలు సంపాదిస్తున్నట్లు పోలీసులు ప్రాథమికంగా నిర్ధారించినట్లు తెలిసింది. రెండేళ్లుగా ఫ్యా మిలీ మొత్తం ఇదే దందా కొనసాగిస్తుండడం గమనార్హం.