देश के दुश्मनों हो जाओ सावधान! मोदी सरकार ने दी 52 सैटलाइट्स वाली योजना को मंजूरी

#ccsaccepts52satellitessbs_mission

चीन पर अक्सर दूसरे देशों की जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं। पड़ोसी देश चीन की इस तरह की चालबाजियां भारत के लिए खतरनाक हो सकती हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान की ओर से हो रहे घुसपैठ भी सीमा पर लगातार सिरदर्द बना हुआ है। ऐसे में चीन-पाकिस्तान जैसेपड़ोसी देशों की निगेहबानी के लिए सैटलाइट्स की भूमिका लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि भारत सरकार अंतरिक्ष आधारित निगरानी मिशन (एसबीएसएम) के तहत आधुनिकतम इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की दिशा में जी-जान से जुटी है। इसी के तहत मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 52 निगरानी उपग्रहों के प्रक्षेपण को मंजूरी दे दी है। इससे देश की जमीन और समुद्र की निगरानी में और भी मजबूती आएगी, जिसका फायदा आम लोगों के साथ-साथ सेना को भी होगा। इस परियोजना को रक्षा मंत्रालय में एकीकृत मुख्यालय के तहत रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा संचालित किया जा रहा है।

52 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना

सुरक्षा कैबिनेट ने जो प्रस्ताव मंजूर किया है उसके अंतर्गत निगरानी के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा और भूस्थिर कक्षा में कम से कम 52 उपग्रहों को प्रक्षेपित करना शामिल है।इस प्रस्ताव की लागत 26,968 करोड़ रुपये है, जिसमें इसरो द्वारा 21 उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण तथा शेष 31 उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण निजी कंपनियों द्वारा किया जाना शामिल है।

क्या होगा फायदा?

इस प्रक्षेपण के साथ भारत का ध्यान ऐसी क्षमताएं हासिल करने पर है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगा सकें। साथ ही भारत के साथ भूमि और समुद्री सीमा पर अपने विरोधियों द्वारा किए जा रहे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी नजर रख सकें।

अटल बिहारी वाजपेयी के समय शुरू हुआ था मिशन

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने SBS 1 मिशन की शुरूआत 2001 में की थी, जिसमें निगरानी के लिए 4 उपग्रह, कार्टोसैट 2ए, कार्टोसैट 2बी, इरोस बी और रीसैट 2 लॉन्च हुए थे।SBS 2 2013 में 6 उपग्रह, कार्टोसैट 2सी, कार्टोसैट 2डी, कार्टोसैट 3ए, कार्टोसैट 3बी, माइक्रोसैट 1 और रीसैट 2ए को लॉन्च किया गया।SBS 3 से भारत अगले दशक के भीतर 52 उपग्रह लॉन्च करेगा। इससे तीनों सेनाओं के पास अपने समर्पित उपग्रह होंगे।

मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, भारत भी अलर्ट मोड में, पीएम मोदी ने बुलाई CCS की बैठक

#iran_israel_war_pm_narendra_modi_chaired_ccs_meeting

पश्चिम एशिया में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान के इजराइल पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जिसका असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। इसी बीच PM मोदी ने पश्चिम एशिया में नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच बृहस्पतिवार (3 अक्टूबर) को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में भारत ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी आह्वान किया है।

पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में पश्चिम एशिया में गहराते संकट और उसके भारत पर संभावित असर को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार एवं आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई। दरअसल, पश्चिम एशिया के संकट के कारण भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इससे भारत से होने वाले व्यापार पर भी असर पड़ सकता।

दरअसल, अगर पश्चिम एशिया में तनाव और ज्यादा बढ़ता है तो इसका असर सिर्फ उस क्षेत्र पर नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के आयात-निर्यात पर इसका असर पड़ेगा। इस संघर्ष से कार्गो माल ढुलाई शुल्क में काफी वृद्धि हो सकती है क्योंकि लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादियों के यमन में हूती विद्रोहियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के माध्यम से माल ले जाने वाले व्यापारी जहाजों पर लगातार हमलें कर रहे हैं।

हूती विद्रोहियों ने पिछले साल अक्टूबर में लाल सागर से होकर जाने वाले व्यापारी जहाजों पर हमला करना शुरू किया था, जिसका असर पूरी दुनिया के व्यापार पर पड़ा था। भारत के भी पेट्रोलियम निर्यात में कमी आई थी। यह आयात अगस्त में 37.56 प्रतिशत गिरकर 5.96 अरब डॉलर रह गया था, जो पिछले साल के इसी महीने में 9.54 अरब डॉलर था। ऐसे में भारत के लिए मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती है।

बता दें कि ईरान के हमले के बाद इजराइल ने भी बदला लेने की बात कही है। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया। फिलहाल इजराइल दो मोर्चों पर आतंकवादियों से जूझ रहा है। वह लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी स्तर पर निपट रहा है तो गाजा पट्टी में भी लगातार हमले कर रहा है। गाजा में इजराइली हमले में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में बच्चे और औरतें भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने लेधी गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाया

दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर की गई ग्राम सभा,


ఇద్దరు దొంగలను అరెస్ట్ చేసిన తిరుమలగిరి పోలీస్
సూర్యాపేట జిల్లా:
ఇద్దరు దొంగలను అరెస్ట్ చేసిన తిరుమలగిరి పోలీస్ లు మొత్తం రూ.5,44,000/- విలువ గల వస్తువులు సీజ్ చేశారు.

4 చైన్ స్నాచింగ్ కేసులు, 10 బైక్ దొంగతనం కేసులు ఛేదించిన తిరుమలగిరి పోలీస్, CCS సిసిఎస్ పోలీసులు.

3.95 లక్షల విలువగల 13 బైక్స్, 1.49 లక్షల విలువగల 3.7 తులాల బంగారు ఆభరణాలు సీజ్, ఇద్దరు నిందితుల రిమాండ్
रालोद अवध प्रांत अध्यक्ष चौधरी राम सिंह पटेल के नेतृत्व में दिया गया ज्ञापन

अयोध्या मंडल के अधिकारियों को कमिश्नर गौरव दयाल ने शुरू किया अभियान

जया अमिताभ बच्चन vs उपराष्ट्रपति

मैं जया अमिताभ बच्चन आपसे...', सुनते ही खिलखिलाकर हंस पड़े सभापति, जानिए  पूरा वाकया - jaya bachhan calling herself jaya amitabh bachhan chairman  jagdeep dhankhar laughing rajyasabha ntc ...

जया बच्चन :

सर मैं 'जया अमिताभ बच्चन' आपसे एक बात पूछना चाहती हूं।

आपने आज लंच ब्रेक लिया, नही लिया न!

तभी आप बार-बार जयराम जी का नाम ले रहे हैं, जयराम जी का नाम लिए बिना आपका खाना हजम ही नहीं होता।

उपराष्ट्रपति धनखड़ :

अब आपको एक बात बताऊं, मैंने लंच के समय लंच नहीं लिया लेकिन उसके बाद मैंने लंच जयराम जी के साथ लिया।

कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का यू-टर्न, जानें क्यों पलटे सिद्धारमैया

#karnataka_reservation_bill_2024_put_on_hold 

कर्नाटक सरकार ने राज्य में निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने वाला बिल फिलहाल के लिए टाल दिया है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 48 घंटे के अंदर प्राइवेट नौकरी में आरक्षण के बिल पर यू-टर्न ले लिया। राज्य सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में स्थानीय लोगों को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण वाले बिल को मंजूरी दिया था। जिसके तहत प्राइवेट फर्म्स में नॉन मैनेजमेंट पोजिशंस में 70% और मैनेजमेंट लेवल एंप्लाईज के लिए 50% हायरिंग को रिजर्व रखा गया था। इसे गुरुवार यानी आज विधानसभा में पेश किया जाना था। लेकिन उद्योगपतियों और बिजनेस लीडर्स के विरोध के चलते सरकार को अपना फैसला रोकना पड़ा।

बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस विधेयक को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इस पर आने वाले दिनों में फिर से विचार कर फैसला लिया जाएगा। इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी एक्स पर पोस्ट कर मामले में सफाई दी। उन्होंने लिखा है कि “निजी क्षेत्र के संस्थानों, उद्योगों और उद्यमों में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण लागू करने का इरादा रखने वाला विधेयक अभी भी तैयारी के चरण में है। अगली कैबिनेट बैठक में व्यापक चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।”

इससे पहले सीएम सिद्धारमैया ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा था, "कल कैबिनेट बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में 'सी और डी' ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों की भर्ती अनिवार्य करने के विधेयक को मंजूरी दी गई।" उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ भाषी स्थानीय लोगों को अपने राज्य में आरामदेह जीवन जीने का मौका दिया जाए। उन्हें अपनी 'कन्नड़ भूमि' में नौकरियों से वंचित न किया जाए।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की इस पोस्ट के बाद इंडस्ट्री में इसे लेकर विरोध शुरू हो गया। विवाद बढ़ा तो बाद में सीएम ने वह पोस्ट हटा दी।हालांकि इससे पहेल बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ जैसी बिजनेस लीडर्स ने इस बिल पर अपना विरोध जताया।किरण मजूमदार शॉ ने कहा, “एक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में हमें कुशल प्रतिभा की दरकार होती है और हमारा मकसद हमेशा स्थानीय लोगों को रोजगार देना होता है। हमें इस कदम से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को प्रभावित नहीं करना चाहिए।” 

इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टीवी मोहनदास पाई ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे फासीवादी करार दिया।उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “इस विधेयक को रद्द कर दिया जाना चाहिएष यह पक्षपातपूर्ण, प्रतिगामी और संविधान के खिलाफ है। यह अविश्वसनीय है कि कांग्रेस इस तरह का कोई विधेयक लेकर आई है। सरकारी अफसर प्राइवेट सेक्टर की भर्ती समितियों में बैठेंगे? लोगों को अब भाषा की भी परीक्षा देनी होगी?”

Nasscom से लेकर तमाम दिग्गज कंपनियों का टॉप मैनेजमेंट खुलकर इस कदम के विरोध में उतर आया। Nasscom ने तो आंकड़े भी गिनाए। ईटी इंडस्ट्री की इस संस्था ने कहा, 'कर्नाटक की जीडीपी में टेक सेक्टर 25% योगदान करता है, कुल ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में इसकी 30% से ज्यादा हिस्सेदारी है और करीब 11,000 स्टार्टअप हैं।Nasscom ने कहा कि इस तरह के कानून से न सिर्फ कर्नाटक का विकास प्रभावित होगा, बल्कि राज्य की ग्लोबल इमेज को भी धक्का लगेगा। भारत के कुल सॉफ्टवेयर निर्यात में कर्नाटक की भागीदारी 42% से ज्यादा है। कर्नाटक की राजधानी, बेंगलुरु 'भारत की सिलिकॉन वैली' कही जाती है।

इस तरहग के विरोध के बाद सिद्धारमैया सरकार को समझ आ गया कि यह अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा साबित होगा। तमाम बड़ी कंपनियां राज्य से बाहर निकल जातीं। मौका देखकर कई राज्यों ने तो ऑफर भी दे दिया था। आंध्र प्रदेश जहां के आईटी सेक्टर ने हाल के सालों में तेजी से प्रगति की है, ने कंपनियों से कहा क‍ि वे बेंगलुरु छोड़ हैदराबाद आ जाएं। अगर ऐसा होता तो कर्नाटक सरकार को सालाना खरबों रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ता। ऐसे में सरकार ने बिल को ठंडे बस्ते में डालना ही बेहतर समझा

बड़ी खबर : गया में एसडीएम को मिली जान से मारने की धमकी, जेल में बंद कुख्यात ने कॉल कर कहा-फोन नहीं उठाते हैं जान मार देंगे

गया : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एसडीएम को जान मारने की धमकी मिली है। मिली जानकारी के अनुसार दोहरे हत्याकांड मामले में जेल में बंद कुख्यात ने मोबाइल पर कॉल कर एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। एसडीएम को जान मारने की धमकी का मामला सामने आता ही हङकंप मच गया। फिलहाल इसकी प्राथमिकी गया के कोंच थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस कार्रवाई करने में जुट गई है।

जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान करने की दी धमकी 

गया सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। मोबाइल पर कॉल कर इस तरह की धान की दी गई है। इस तरह की धमकी मिलने के बाद एसडीएम सकते में आ गए। मामले की प्राथमिकी कोच थाने में दर्ज कराई गई है। कोच थाने की पुलिस कार्रवाई कर रही है।

देश के दुश्मनों हो जाओ सावधान! मोदी सरकार ने दी 52 सैटलाइट्स वाली योजना को मंजूरी

#ccsaccepts52satellitessbs_mission

चीन पर अक्सर दूसरे देशों की जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं। पड़ोसी देश चीन की इस तरह की चालबाजियां भारत के लिए खतरनाक हो सकती हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान की ओर से हो रहे घुसपैठ भी सीमा पर लगातार सिरदर्द बना हुआ है। ऐसे में चीन-पाकिस्तान जैसेपड़ोसी देशों की निगेहबानी के लिए सैटलाइट्स की भूमिका लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि भारत सरकार अंतरिक्ष आधारित निगरानी मिशन (एसबीएसएम) के तहत आधुनिकतम इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की दिशा में जी-जान से जुटी है। इसी के तहत मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 52 निगरानी उपग्रहों के प्रक्षेपण को मंजूरी दे दी है। इससे देश की जमीन और समुद्र की निगरानी में और भी मजबूती आएगी, जिसका फायदा आम लोगों के साथ-साथ सेना को भी होगा। इस परियोजना को रक्षा मंत्रालय में एकीकृत मुख्यालय के तहत रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा संचालित किया जा रहा है।

52 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना

सुरक्षा कैबिनेट ने जो प्रस्ताव मंजूर किया है उसके अंतर्गत निगरानी के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा और भूस्थिर कक्षा में कम से कम 52 उपग्रहों को प्रक्षेपित करना शामिल है।इस प्रस्ताव की लागत 26,968 करोड़ रुपये है, जिसमें इसरो द्वारा 21 उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण तथा शेष 31 उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण निजी कंपनियों द्वारा किया जाना शामिल है।

क्या होगा फायदा?

इस प्रक्षेपण के साथ भारत का ध्यान ऐसी क्षमताएं हासिल करने पर है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगा सकें। साथ ही भारत के साथ भूमि और समुद्री सीमा पर अपने विरोधियों द्वारा किए जा रहे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी नजर रख सकें।

अटल बिहारी वाजपेयी के समय शुरू हुआ था मिशन

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने SBS 1 मिशन की शुरूआत 2001 में की थी, जिसमें निगरानी के लिए 4 उपग्रह, कार्टोसैट 2ए, कार्टोसैट 2बी, इरोस बी और रीसैट 2 लॉन्च हुए थे।SBS 2 2013 में 6 उपग्रह, कार्टोसैट 2सी, कार्टोसैट 2डी, कार्टोसैट 3ए, कार्टोसैट 3बी, माइक्रोसैट 1 और रीसैट 2ए को लॉन्च किया गया।SBS 3 से भारत अगले दशक के भीतर 52 उपग्रह लॉन्च करेगा। इससे तीनों सेनाओं के पास अपने समर्पित उपग्रह होंगे।

मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, भारत भी अलर्ट मोड में, पीएम मोदी ने बुलाई CCS की बैठक

#iran_israel_war_pm_narendra_modi_chaired_ccs_meeting

पश्चिम एशिया में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान के इजराइल पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जिसका असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। इसी बीच PM मोदी ने पश्चिम एशिया में नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच बृहस्पतिवार (3 अक्टूबर) को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में भारत ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी आह्वान किया है।

पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में पश्चिम एशिया में गहराते संकट और उसके भारत पर संभावित असर को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार एवं आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई। दरअसल, पश्चिम एशिया के संकट के कारण भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इससे भारत से होने वाले व्यापार पर भी असर पड़ सकता।

दरअसल, अगर पश्चिम एशिया में तनाव और ज्यादा बढ़ता है तो इसका असर सिर्फ उस क्षेत्र पर नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के आयात-निर्यात पर इसका असर पड़ेगा। इस संघर्ष से कार्गो माल ढुलाई शुल्क में काफी वृद्धि हो सकती है क्योंकि लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादियों के यमन में हूती विद्रोहियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के माध्यम से माल ले जाने वाले व्यापारी जहाजों पर लगातार हमलें कर रहे हैं।

हूती विद्रोहियों ने पिछले साल अक्टूबर में लाल सागर से होकर जाने वाले व्यापारी जहाजों पर हमला करना शुरू किया था, जिसका असर पूरी दुनिया के व्यापार पर पड़ा था। भारत के भी पेट्रोलियम निर्यात में कमी आई थी। यह आयात अगस्त में 37.56 प्रतिशत गिरकर 5.96 अरब डॉलर रह गया था, जो पिछले साल के इसी महीने में 9.54 अरब डॉलर था। ऐसे में भारत के लिए मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती है।

बता दें कि ईरान के हमले के बाद इजराइल ने भी बदला लेने की बात कही है। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया। फिलहाल इजराइल दो मोर्चों पर आतंकवादियों से जूझ रहा है। वह लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी स्तर पर निपट रहा है तो गाजा पट्टी में भी लगातार हमले कर रहा है। गाजा में इजराइली हमले में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में बच्चे और औरतें भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने लेधी गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाया

दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर की गई ग्राम सभा,


ఇద్దరు దొంగలను అరెస్ట్ చేసిన తిరుమలగిరి పోలీస్
సూర్యాపేట జిల్లా:
ఇద్దరు దొంగలను అరెస్ట్ చేసిన తిరుమలగిరి పోలీస్ లు మొత్తం రూ.5,44,000/- విలువ గల వస్తువులు సీజ్ చేశారు.

4 చైన్ స్నాచింగ్ కేసులు, 10 బైక్ దొంగతనం కేసులు ఛేదించిన తిరుమలగిరి పోలీస్, CCS సిసిఎస్ పోలీసులు.

3.95 లక్షల విలువగల 13 బైక్స్, 1.49 లక్షల విలువగల 3.7 తులాల బంగారు ఆభరణాలు సీజ్, ఇద్దరు నిందితుల రిమాండ్
रालोद अवध प्रांत अध्यक्ष चौधरी राम सिंह पटेल के नेतृत्व में दिया गया ज्ञापन

अयोध्या मंडल के अधिकारियों को कमिश्नर गौरव दयाल ने शुरू किया अभियान

जया अमिताभ बच्चन vs उपराष्ट्रपति

मैं जया अमिताभ बच्चन आपसे...', सुनते ही खिलखिलाकर हंस पड़े सभापति, जानिए  पूरा वाकया - jaya bachhan calling herself jaya amitabh bachhan chairman  jagdeep dhankhar laughing rajyasabha ntc ...

जया बच्चन :

सर मैं 'जया अमिताभ बच्चन' आपसे एक बात पूछना चाहती हूं।

आपने आज लंच ब्रेक लिया, नही लिया न!

तभी आप बार-बार जयराम जी का नाम ले रहे हैं, जयराम जी का नाम लिए बिना आपका खाना हजम ही नहीं होता।

उपराष्ट्रपति धनखड़ :

अब आपको एक बात बताऊं, मैंने लंच के समय लंच नहीं लिया लेकिन उसके बाद मैंने लंच जयराम जी के साथ लिया।

कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का यू-टर्न, जानें क्यों पलटे सिद्धारमैया

#karnataka_reservation_bill_2024_put_on_hold 

कर्नाटक सरकार ने राज्य में निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने वाला बिल फिलहाल के लिए टाल दिया है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 48 घंटे के अंदर प्राइवेट नौकरी में आरक्षण के बिल पर यू-टर्न ले लिया। राज्य सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में स्थानीय लोगों को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण वाले बिल को मंजूरी दिया था। जिसके तहत प्राइवेट फर्म्स में नॉन मैनेजमेंट पोजिशंस में 70% और मैनेजमेंट लेवल एंप्लाईज के लिए 50% हायरिंग को रिजर्व रखा गया था। इसे गुरुवार यानी आज विधानसभा में पेश किया जाना था। लेकिन उद्योगपतियों और बिजनेस लीडर्स के विरोध के चलते सरकार को अपना फैसला रोकना पड़ा।

बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस विधेयक को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इस पर आने वाले दिनों में फिर से विचार कर फैसला लिया जाएगा। इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी एक्स पर पोस्ट कर मामले में सफाई दी। उन्होंने लिखा है कि “निजी क्षेत्र के संस्थानों, उद्योगों और उद्यमों में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण लागू करने का इरादा रखने वाला विधेयक अभी भी तैयारी के चरण में है। अगली कैबिनेट बैठक में व्यापक चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।”

इससे पहले सीएम सिद्धारमैया ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा था, "कल कैबिनेट बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में 'सी और डी' ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों की भर्ती अनिवार्य करने के विधेयक को मंजूरी दी गई।" उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ भाषी स्थानीय लोगों को अपने राज्य में आरामदेह जीवन जीने का मौका दिया जाए। उन्हें अपनी 'कन्नड़ भूमि' में नौकरियों से वंचित न किया जाए।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की इस पोस्ट के बाद इंडस्ट्री में इसे लेकर विरोध शुरू हो गया। विवाद बढ़ा तो बाद में सीएम ने वह पोस्ट हटा दी।हालांकि इससे पहेल बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ जैसी बिजनेस लीडर्स ने इस बिल पर अपना विरोध जताया।किरण मजूमदार शॉ ने कहा, “एक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में हमें कुशल प्रतिभा की दरकार होती है और हमारा मकसद हमेशा स्थानीय लोगों को रोजगार देना होता है। हमें इस कदम से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को प्रभावित नहीं करना चाहिए।” 

इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टीवी मोहनदास पाई ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे फासीवादी करार दिया।उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “इस विधेयक को रद्द कर दिया जाना चाहिएष यह पक्षपातपूर्ण, प्रतिगामी और संविधान के खिलाफ है। यह अविश्वसनीय है कि कांग्रेस इस तरह का कोई विधेयक लेकर आई है। सरकारी अफसर प्राइवेट सेक्टर की भर्ती समितियों में बैठेंगे? लोगों को अब भाषा की भी परीक्षा देनी होगी?”

Nasscom से लेकर तमाम दिग्गज कंपनियों का टॉप मैनेजमेंट खुलकर इस कदम के विरोध में उतर आया। Nasscom ने तो आंकड़े भी गिनाए। ईटी इंडस्ट्री की इस संस्था ने कहा, 'कर्नाटक की जीडीपी में टेक सेक्टर 25% योगदान करता है, कुल ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में इसकी 30% से ज्यादा हिस्सेदारी है और करीब 11,000 स्टार्टअप हैं।Nasscom ने कहा कि इस तरह के कानून से न सिर्फ कर्नाटक का विकास प्रभावित होगा, बल्कि राज्य की ग्लोबल इमेज को भी धक्का लगेगा। भारत के कुल सॉफ्टवेयर निर्यात में कर्नाटक की भागीदारी 42% से ज्यादा है। कर्नाटक की राजधानी, बेंगलुरु 'भारत की सिलिकॉन वैली' कही जाती है।

इस तरहग के विरोध के बाद सिद्धारमैया सरकार को समझ आ गया कि यह अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा साबित होगा। तमाम बड़ी कंपनियां राज्य से बाहर निकल जातीं। मौका देखकर कई राज्यों ने तो ऑफर भी दे दिया था। आंध्र प्रदेश जहां के आईटी सेक्टर ने हाल के सालों में तेजी से प्रगति की है, ने कंपनियों से कहा क‍ि वे बेंगलुरु छोड़ हैदराबाद आ जाएं। अगर ऐसा होता तो कर्नाटक सरकार को सालाना खरबों रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ता। ऐसे में सरकार ने बिल को ठंडे बस्ते में डालना ही बेहतर समझा

बड़ी खबर : गया में एसडीएम को मिली जान से मारने की धमकी, जेल में बंद कुख्यात ने कॉल कर कहा-फोन नहीं उठाते हैं जान मार देंगे

गया : जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एसडीएम को जान मारने की धमकी मिली है। मिली जानकारी के अनुसार दोहरे हत्याकांड मामले में जेल में बंद कुख्यात ने मोबाइल पर कॉल कर एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। एसडीएम को जान मारने की धमकी का मामला सामने आता ही हङकंप मच गया। फिलहाल इसकी प्राथमिकी गया के कोंच थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस कार्रवाई करने में जुट गई है।

जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान करने की दी धमकी 

गया सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात ने एसडीएम को जान से मारने की धमकी दी है। मोबाइल पर कॉल कर इस तरह की धान की दी गई है। इस तरह की धमकी मिलने के बाद एसडीएम सकते में आ गए। मामले की प्राथमिकी कोच थाने में दर्ज कराई गई है। कोच थाने की पुलिस कार्रवाई कर रही है।