प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, तो बीजेपी ने बाता डाला 'नई मुस्लिम लीग'

#bjp_alleges_congress_has_become_the_new_muslim_league

कांग्रेस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर एक याचिका दायर की है।कांग्रेस ने याचिका में एक्ट 1991 का बचाव करते हुए कहा कि ये कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जरूरी है। भाजपा ने कांग्रेस के ज़रिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जाने को 'हिंदुओं के खिलाफ खुले युद्ध' का ऐलान करार दिया है। साथ ही यह भी कहा कि अब कांग्रेस "नई मुस्लिम लीग" बन चुकी है।

बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीया ने इसे हिंदुओं के खिलाफ "खुला युद्ध" और कांग्रेस को "नई मुस्लिम लीग" करार दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने इस कानून का समर्थन करके हिंदुओं को उनके ऐतिहासिक अन्यायों के खिलाफ कानूनी उपायों का अधिकार छीनने की कोशिश की है।भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कहा,'कांग्रेस ने ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए कानूनी उपायों के हिंदुओं के मौलिक संवैधानिक अधिकार को अस्वीकार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालवीय ने आगे कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से 'धर्मनिरपेक्षता की रक्षा' के बहाने पूजा स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।

अमित मालवीय ने कहा,'कांग्रेस ने धार्मिक बुनियाद पर भारत के विभाजन को मंजूरी दी। इसके बाद, इसने वक्फ कानून पेश किया, जिससे मुसलमानों को अपनी मर्जी से संपत्तियों पर दावा करने और देश भर में मिनी-पाकिस्तान स्थापित करने का हक मिल गया। बाद में इसने पूजा स्थल अधिनियम लागू किया, जिससे हिंदुओं को अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को वापस लेने का अधिकार प्रभावी रूप से नकार दिया गया। अब, कांग्रेस ने हिंदुओं के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है।

बीजेपी ने इस कानून का विरोध पहले भी किया था जब नरसिंह राव सरकार ने राम मंदिर निर्माण के आंदोलन के दौरान इसे लागू किया था. ये कानून यह सुनिश्चित करता था कि 15 अगस्त 1947 के बाद से सभी पूजा स्थलों की स्थिति को जस का तस रखा जाए सिवाय अयोध्या के विवादित स्थल के इस कानून का उद्देश्य संघ परिवार की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाहि ईदगाह पर कब्जा करने के प्रयासों को रोकना था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 3 मेंबर वाली बेंच ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (विशेष प्रावधानों) 1991 की कुछ धाराओं की वैधता पर दाखिल याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई की थी। बेंच ने कहा था, हम इस कानून के दायरे, उसकी शक्तियों और ढांचे को जांच रहे हैं। ऐसे में यही उचित होगा कि बाकी सभी अदालतें अपने हाथ रोक लें। सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- हमारे सामने 2 मामले हैं, मथुरा की शाही ईदगाह और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद। तभी अदालत को बताया गया कि देश में ऐसे 18 से ज्यादा मामले लंबित हैं। इनमें से 10 मस्जिदों से जुड़े हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से याचिकाओं पर 4 हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा। सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- जब तक केंद्र जवाब नहीं दाखिल करता है हम सुनवाई नहीं कर सकते। हमारे अगले आदेश तक ऐसा कोई नया केस दाखिल ना किया जाए।

*8वें वेतन आयोग की मंजूरी का दांव, दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?

#willpaycommissionprovetobeamasterstrokeforbjpindelhielections

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, बीजेपी 26 साल के सियासी सूखे को खत्म करने की जद्दोजहद में है। इस सियासी तपिश के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दे दी। नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों के आने के बाद सरकारी कर्मचारियों तथा पेशनरों को वेतन में सीधा लाभ मिलेगा। इसे दिल्ली चुनाव के लिए पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में लाखों की संख्या में सरकारी कर्मचारी हैं और यहां की सियासत में अहम भूमिका भी तय करते हैं?

7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने वाला है। दिल्ली चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। ऐसे में केंद्र के इस फैसले को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार ने बीजेपी के लिए काफी अहम माने जा रहे चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है। जानकारों के अनुसार दिल्ली में केंद्रीय कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में इस घोषणा से पार्टी चुनाव में निश्चित रूप से इस घोषणा के वोट में बदलने की उम्मीद लगा रही है।

केवल दिल्ली में 4 लाभ से ज्यादा कर्मचारियों पर निगाहें

आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें स्वीकार होने पर लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के वेतन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक आंकड़े के मुताबिक, अकेले दिल्ली में रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों सहित लगभग 4 लाख ऐसे कर्मचारी है, जिन्हें सीधे तौर पर इसका फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), पुलिस और डिफेंस के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर सहित कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। आठवां वेतन आयोग लागू होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।

दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम

केंद्रीय कर्मचारियों के लिहाज से दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम है। इसमें नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम सीट शामिल हैं। इन इलाकों में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अलग-अलग कर्मचारी रहते हैं। सरकारी कर्मचारी वाली ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा है। उदाहरण के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को देखें तो नई दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटों पर सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में रहते हैं। बीजेपी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट जरूर जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन सरकारी कर्मचारियों वाली नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम जैसी अहम सीट पर आम आदमी पार्टी से पिछड़ गई थी।

बीजेपी ने बदली अपनी रणनीति

बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति बदली है। बीजेपी ने दिल्ली के मतदाताओं को सिर्फ एक प्लेटफार्म से नहीं लुभा रही है बल्कि इसके लिए अलग-अलग रणनीति भी तैयार की है। विभिन्न वर्गों के बीच कौन से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे, इसका अलग से खाका तैयार किया गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में किसी बड़े नेता के नेतृत्व में एक समूह तैयार किया गया। इसी तर्ज पर बीजेपी ने दिल्ली के रह रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को साधने के लिए रणनीति बनाई है। मोदी सरकार के द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा, इसी दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

क्या खत्म होगा बीजेपी का वनवास?

दिल्ली की सियासत में बीजेपी सिर्फ एक बार ही सत्ता पर विराजमान हो सकी है और पिछले 27 साल से वनवास झेल रही है। बीजेपी सिर्फ 1993 में ही दिल्ली को फतह करने में कामयाब रही थी. 1998 में उसके हाथों से सत्ता चली गई तो फिर वापसी नहीं हो सकी। पहले 15 साल तक शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस के सामने खड़ी नहीं हो सकी। शीला दीक्षित के बाद से 11 साल से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आगे पस्त नजर आई है। बीजेपी 2025 में होने वाले विधानसभा में हर हाल में दिल्ली में कमल खिलाना चाहती है, जिसके लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव: कांग्रेस नेता विनेश फोगाट ने बीजेपी और AAP पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब 20 दिन से भी कम का समय बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है. दिल्ली में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के असार हैं. 10 साल से अधिक केंद्र और दिल्ली की सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस भी पूरे दम खम के साथ मैदान में है. इस बीच पूर्व ओलंपियन और कांग्रेस नेता विनेश फोगाट ने शुक्रवार को बीजेपी के संकल्प पत्र पर निशाना साधा है. साथ ही आम आदमी पार्टी को भी निशाने पर लिया है.

हरियाणा के जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, ‘शिला दीक्षित जी ने भी दिल्ली के लिए काम किया. हम बीजेपी और AAP दोनों को देख चुके हैं. ये केवल एक दूसरे से झगड़ते हैं. जब दिल्ली में शिला दीक्षित की सरकार थी तब भी केंद्र में बीजेपी सत्ता में थी. लेकिन उन्होंने दिल्ली वासियों के लिए काम करके दिखाया.

‘हमारी पार्टी के लोगों ने बहुत खून पसीना बहाया है’

विनेश फोगाट ने कहा कि शिला दिक्षित ने जो काम करके दिखाया और पार्टी की जो विचारधारा हैं हम उसी को लेकर वोट मांग रहे हैं. लोगों को देखना चाहिए कि जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार है वहां सरकार ने सभी वादे पूरे किए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास मजाक का नहीं रहा है. हमारी पार्टी के लोगों ने बहुत खून पसीना बहाया है. लोग जेल में रहे हैं तब जाकर पार्टी बनी है. पार्टी का इतिहास देखना हैं तो कांग्रेस के नए वाले मुख्यालय में जाकर देख सकते हैं.

उन्होंने कहा कि जाट समाज के लिए OBC आरक्षण सबसे पहले दिल्ली में शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार ने लागू किया था. आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक झूठा प्रोपगेंडा फैलाने की कोशिश कर रही है. इनकी कथनी और करनी में हमेशा ही फर्क रहा है. जब मोदी सरकार तीन काले कृषि कानून लेकर आई थी, तब अरविंद केजरीवाल ने इसे स्वीकार कर लिया था. इससे साफ पता चलता है कि ये किसान और जाट के हितैषी नहीं हैं.

सिर्फ कॉपी पेस्ट का स्कीम चला रही BJP- फोगाट

विनेश फोगाट ने दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी के संकल्प पत्र पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो 2500 रुपए महिलाओं को देने का वादा कर रहे हैं वो कांग्रेस से कॉपी पेस्ट किया गया. ये लोग सिर्फ कॉपी पेस्ट का स्कीम चला रहे हैं. वहीं, बीजेपी द्वारा 5 रुपए में भरपेट खाने देने के वादे पर फोगाट ने कहा कि ये तो हंसी का पात्र है. आज की मंहगाई को देखें तो 5 रुपए में पानी की बोतल भी नहीं आती है.

दिल्ली वालों के लिए बीजेपी ने खोला पिटारा, घोषणापत्र में कई बड़े ऐलान

#bjpjpnaddareleasemanifestosankalppatrapart1

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा यह संकल्प पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि मैनिफेस्टो अब संकल्पपत्र में तब्दील हो चुका है। संकल्प को पूरा करना हमारा कर्तव्य, ये सब 2014 के बाद हुआ है, ये बीजेपी का कमिटमेंट है।जो कहा था वो किया है जो नहीं कहा था वो भी किया है। ये बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड है। मोदी की गारंटी, पूरा होने की गारंटी।

जन कल्याण की योजनाएं चल रही हैं, जारी रहेंगी

जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में जन कल्याण की चल रही वर्तमान योजनाएं उनकी सरकार बनने के बाद भी जारी रहेगी। योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उनमें सुधार किया जाएगा। उनको भ्रष्टाचार मुक्त भी किया जाएगा। भाजपा का संकल्प पत्र दिल्ली को आगे ले जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों को 3 हजार रुपये पेशन

जेपी नड्डा ने कहा कि 60 से 70 साल के लोगों की पेंशन में ₹500 की बढ़ोतरी की जाएगी और 70 साल से अधिक उम्र के लोगों और अन्य श्रेणी के लोगों को ढाई हजार के बजाय ₹3000 पेंशन दी जाएगी। अटल कैंटीन योजना लॉन्च की जाएगी इसके तहत झुग्गी झोपड़ी इलाके में 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोराना आपदा के दौरान दिल्ली की आप-दा सरकार ने पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली से बाहर करने का कार्य किया था। उन्होंने बसों में आनंद विहार बस अड्डे पर छोड़ दिया था।

महिलाओं का विशेष ख्याल

जेपी नड्डा ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता है। महिला सम्मान का जो वादा किया है, वो पूरा किया। समाज के हर वर्ग पर हमारा फोकस है। दिल्ली में महिला समृद्धि योजना के तहत प्रति महीने 2500 दिए जाएंगे।जेपी नड्डा ने कहा कि गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर में ₹500 की सब्सिडी दी जाएगी। होली और दिवाली पर एक सिलेंडर मुक्त दिया जाएगा। जेपी नड्डा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को ₹21000 दिए जाएंगे।

दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान भारत योजना

जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में बेहतर स्वास्थ्य से उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाएगा। योजना के तहत दिल्ली सरकार अलग से 5 लाख का बीमा करेगी जबकि 5 लाख का बीमा केंद्र सरकार देगी। 70 साल से अधिक आयु के लोगों को 10 लाख रुपए का बीमा दिया जाएगा।

‘राम मंदिर निर्माण के बाद मिली आजादी’, भागवत के बयान पर भड़की कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले –

नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर निर्माण के बाद आजादी मिलने वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जरिए कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ भाजपा पर हमला बोला है. भूपेश बघेल ने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे संविधान को नहीं मानते हैं. यह बयान आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लाखों भारतीयों का अपमान है. 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के साथ प्रेस वार्ता में संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहा यह स्पष्ट करता है कि वो संविधान को नहीं मानते हैं. राहुल गांधी ने कर इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर यह बात दुनिया के किसी दूसरे देश में कही गई होती तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुका होता, उसे गिरफ्तार कर लिया गया होता, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ.

मोहन भागवत और उनके संगठन के लोग संविधान के बारे में समय-समय पर बयान देते रहते हैं इससे स्पष्ट हो जाता है कि वो संविधान को नहीं मानते, संविधान को बदल देना चाहते हैं. उनके सांसदों ने भी कहा कि हम संविधान बदलेंगे. इनको 52 साल लगा तिरंगा को अंगीकार करने में. आरएसएस का इतिहास आप सब जानते हैं कि जब लाखों भारतीय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तो ये उनके भागीदार के रूप काम कर रहे थे.

भूपेश बघेल ने कहा कि ये हिटलर और मुसोलिनी के विचारों को मानने वाले लोग हैं, उस रास्ते पर चलने वाले लोग हैं. यह असहमति को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते. उनको कुचल देना चाहते हैं, दबा देना चाहते हैं, इस विचारधारा के लोग हैं. दरअसल, यह सरकार आरएसएस की सरकार है. क्योंकि संविधान में न्याय की बात है, समानता की बात है, लोकतंत्र की रक्षा करने की बात है, और RSS इन विचारों को मानती नहीं और वहीं काम लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार कर रही है. इनका पक्षपाती एजेंडा से देश क्या, दुनिया भली-भांति परिचित हो चुकी है.

अभी राहुल गांधी ने बयान दिया, उसको तोड़-मरोड़ कर ये लोग गलतबयानी कर रहे हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में राज का अर्थ उसके संस्थानों के रूप में परिभाषित की गई है. अब जितने भी जो न्याय, समानता और लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी इन संस्थानों की है, उस पर ये लोग कब्जा कर लिए हैं. जिस प्रकार से ED, IT, CBI का दुरुपयोग हो रहा है. इसलिए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई इन संगठनों से भी है, स्टेट का मतलब ही यही है.

इसलिए जो हमारी लड़ाई है, केवल RSS या BJP से नहीं, बल्कि जो संगठन से हैं, जो हमें न्याय दिलाती है, जो हिंदुस्तान की जनता को न्याय दिलाती है, उस पर कब्जा कर लिए हैं उसके खिलाफ भी हमारी लड़ाई है, और इसको लगातार ये लोग दूसरे ढंग से परिभाषित करने के दूसरे ढंग से व्याख्या करने के कोशिश कर रहे हैं. जो निंदनीय है. कम से कम RSS और BJP के लोग कांग्रेस के कार्यकर्ताओं-नेताओं को देशभक्ति का पाठ ना पढ़ाएं. हमें ना सिखाएं कि देशभक्ति क्या है.

भूपेश बघेल ने अंत में कहा कि राहुल गांधी का दृष्टिकोण है, लोकतांत्रिक है, समावेशी है, न्यायपूर्ण है. ये जो मूल सिद्धांत है, उसको लेकर आगे बढ़ रहे हैं, और इन सिद्धांतों के खिलाफ जो भी होगा, या जो भी रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता राहुल गांधी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

भाजपा-कांग्रेस में पोस्टर वॉर जारी: कांग्रेस ने बीजेपी को बताया चिंटफंड कंपनी का प्रतिनिधि, तो BJP ने पत्रकार हत्या में कांग्रेस पर साधा निशाना

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में महिलाओं से करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी फ्लोरा मैक्स के भंडाफोड़ और पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. एक तरफ फ्रॉड की शिकार हुई महिलाएं धरना प्रदर्शन कर सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं. तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर ऐसी फ्रॉड चिटफंज कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगा रही है. दोनों ही पार्टियों ने आज सोशल मीडिया में कार्टून पोस्टर जारी कर एक-दूसरे पर निशाना साधा है.

कांग्रेस ने फ्लोरामैक्स मामले में भाजपा का कार्टून पोस्टर सोशल मीडिया x पर शेयर करते हुए BJP के लिए लिखा- ‘जन प्रतिनिधि- गलत, चिटफंड प्रतिनिधि- सही.’

कांग्रेस द्वारा जारी कार्टून पोस्टर में मंत्री लखन लाल देवांगन पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘मंत्री ने जिस चिटफंड कंपनी का उद्घाटन किया, वह खा गई महिलाओं के करोड़ों रुपए. न्याय मांगने पर महिलाओं के खिलाफ ही FIR.’

देखें कांग्रेस का BJP पर पोस्टर वार:

 

भाजपा ने कांग्रेस पर पोस्टर वार:

छत्तीसगढ़ भाजपा ने भी बीजापुर में हुए स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में कांग्रेस पर पोस्टर वार किया है. भाजपा ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेसी नेता दीपक बैज और हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का कार्टून पोस्टर जारी कर लिखा- ‘कांग्रेस की शह पर होता है देश के चौथे स्तंभ पर आघात.’

देखें भाजपा का कांग्रेस पर पोस्टर वार:

आतिशी की क्राउड फंडिंग में मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 4 घंटे में मिला 11 लाख से ज्यादा रुपये का चंदा

दिल्ली की सीएम आतिशी क्राउड फंडिंग के तहत महज 4 घंटे में 11 लाख से ज्यादा का चंदा मिला है. 190 लोगों ने आतिशी को 11 लाख 2 हजार 606 रुपए का चंदा दिया है. सुबह 10 बजे आतिशी ने क्राउड फंडिंग की अपील की थी. आतिशी ने कालकाजी से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लोगों से 40 लाख रुपए क्राउड फंडिंग के लिए अपील की थी.

आतिशी ने कहा था कि चुनाव लड़ने के लिए मुझे पैसों की जरूरत है. चुनाव लड़ने के लिए मुझे 40 लाख रुपये चाहिए. मेरे क्राउड फंडिग अभियान का समर्थन करें. आतिशी ने कहा है कि हम उद्योगपति से चंदा नहीं लेंगे. हम जनता के चंदे से चुनाव लड़ेंगे.

आतिशी ने athishi.aamaadmiparty.org नाम से लिंक जारी कर कहा कि नेता अगर जनता के चंदे से चुनाव लड़ेगा तो बनने वाली सरकार उनके लिए काम करेगी और अगर उद्योगपति से पैसा लेकर लड़ेगा तो उनके लिए काम करेगी.

आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब से आम आदमी पार्टी बनी है तब से दिल्ली के आम लोगों ने आम आदमी पार्टी को सपोर्ट और चुनाव लड़ने के लिए चंदा दिया. 2013 में भी लोगों ने चुनाव में छोटे छोटे डोनेशन दिया. 2013 में जब पहला चुनाव लड़े थे घर घर जाते थे लोग छोटे छोटे डोनेशन देते थे. नुक्कड़ सभा के बाद हम एक चादर फैलाते थे लोग 10 रुपए, 50 रुपए और 100 रुपए लोग उसमें डालते थे

हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ईमानदारी की राजनीति इसलिए हो पाई है कि हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते थे. जिन दलों ने बिजनेसमैन से पैसा लिया फिर उनकी सरकारें बिजनेसमैन के लिए काम करती हैं. हम चुनाव लड़ने के लिए उद्योगपति दोस्तों से नहीं लेते. जो उद्योगपतियों से चंदा लेकर चुनाव लड़ते हैं उनकी सरकार उनके लिए ही काम करती है.

मगर आम आदमी पार्टी की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार आम लोगों के लिए काम करती है क्योंकि वही चुनाव लड़वाते हैं. अगर हमने बड़े बड़े स्कूलों, अस्पतालों या दवा कंपनियों से चुनाव लडा होता तो हम उनको ठीक नहीं कर पाते. सीएम बनने के बाद सैकड़ों करोड़ के सड़क-स्कूल के उद्घाटन किए हैं अगर हम इन स्कूल बनवाने वालों से करप्शन के पैसे लेते थे फ्लाईओवर और सड़क चूने लगते.

आतिशी ने कहा कि आज मैं अपने चुनाव के लिए एक क्राउड फंडिंग की शुरुआत कर रही हूं. जो 40 लाख रुपए मुझे चाहिए चुनाव लड़ने के लिए. दिल्ली और देश के लोगों से अपील है कि मुझे डोनेट करेंगे. atishi.aamaadmiparty.org इस लिंक पर जाकर आप डोनेट कर सकते हैं.

BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है

वहीं, CAG रिपोर्ट पर आतिशी ने कहा कि BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है. चुनाव लड़ने के लिए उन्हें पैसा इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है. उन्हें दोस्तों के माध्यम से इतना इकट्ठा कर लिया हो कि उन्हें इकट्ठा करने की जरूरत ना हो. हम ईमानदारी से अपनी सैलरी से घर चलाते हैं. हमारे पास भ्रष्टाचार का एक भी पैसा नहीं हैं. इस बार भी हम दिल्ली के लोगों के समर्थन से हम चुनाव लड़ेंगे.

BJP के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं

आतिशी ने कहा कि बीजेपी की लिस्ट के बारे में दो चीजें सामने आ रही है. बीजेपी के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं है. वर्ना इतना टाइम क्यों लग रहा है. ऐसा सुनने में आया है कि बीजेपी के बड़े नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है.

आतिशी ने की क्राउड फंडिंग की अपील, कहा- चुनाव लड़ने के लिए 40 लाख रुपये की जरूरत

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए क्राउड फंडिंग कैंपेन की शुरुआत की है. उन्होंने चुनाव के लिए दिल्ली की जनता से मदद मांगी हैं. आतिशी ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मुझे पैसों की जरूरत है. चुनाव लड़ने के लिए मुझे 40 लाख रुपये चाहिए. मेरे क्राउड फंडिग अभियान का समर्थन करें. आतिशी ने कहा है कि हम उद्योगपति से चंदा नहीं लेंगे. हम जनता के चंदे से चुनाव लड़ेंगे.

आतिशी ने athishi.aamaadmiparty.org नाम से लिंक जारी कर कहा कि नेता अगर जनता के चंदे से चुनाव लड़ेगा तो बनने वाली सरकार उनके लिए काम करेगी और अगर उद्योगपति से पैसा लेकर लड़ेगा तो उनके लिए काम करेगी.

आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब से आम आदमी पार्टी बनी है तब से दिल्ली के आम लोगों ने आम आदमी पार्टी को सपोर्ट और चुनाव लड़ने के लिए चंदा दिया. 2013 में भी लोगों ने चुनाव में छोटे छोटे डोनेशन दिया. 2013 में जब पहला चुनाव लड़े थे घर घर जाते थे लोग छोटे छोटे डोनेशन देते थे. नुक्कड़ सभा के बाद हम एक चादर फैलाते थे लोग 10 रुपए, 50 रुपए और 100 रुपए लोग उसमें डालते थे

हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ईमानदारी की राजनीति इसलिए हो पाई है कि हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते थे. जिन दलों ने बिजनेसमैन से पैसा लिया फिर उनकी सरकारें बिजनेसमैन के लिए काम करती हैं. हम चुनाव लड़ने के लिए उद्योगपति दोस्तों से नहीं लेते. जो उद्योगपतियों से चंदा लेकर चुनाव लड़ते हैं उनकी सरकार उनके लिए ही काम करती है.

मगर आम आदमी पार्टी की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार आम लोगों के लिए काम करती है क्योंकि वही चुनाव लड़वाते हैं. अगर हमने बड़े बड़े स्कूलों, अस्पतालों या दवा कंपनियों से चुनाव लडा होता तो हम उनको ठीक नहीं कर पाते. सीएम बनने के बाद सैकड़ों करोड़ के सड़क-स्कूल के उद्घाटन किए हैं अगर हम इन स्कूल बनवाने वालों से करप्शन के पैसे लेते थे फ्लाईओवर और सड़क चूने लगते.

आतिशी ने कहा कि आज मैं अपने चुनाव के लिए एक क्राउड फंडिंग की शुरुआत कर रही हूं. जो 40 लाख रुपए मुझे चाहिए चुनाव लड़ने के लिए. दिल्ली और देश के लोगों से अपील है कि मुझे डोनेट करेंगे. atishi.aamaadmiparty.org इस लिंक पर जाकर आप डोनेट कर सकते हैं.

BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है

वहीं, CAG रिपोर्ट पर आतिशी ने कहा कि BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है. चुनाव लड़ने के लिए उन्हें पैसा इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है. उन्हें दोस्तों के माध्यम से इतना इकट्ठा कर लिया हो कि उन्हें इकट्ठा करने की जरूरत ना हो. हम ईमानदारी से अपनी सैलरी से घर चलाते हैं. हमारे पास भ्रष्टाचार का एक भी पैसा नहीं हैं. इस बार भी हम दिल्ली के लोगों के समर्थन से हम चुनाव लड़ेंगे.

BJP के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं

आतिशी ने कहा कि बीजेपी की लिस्ट के बारे में दो चीजें सामने आ रही है. बीजेपी के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं है. वर्ना इतना टाइम क्यों लग रहा है. ऐसा सुनने में आया है कि बीजेपी के बड़े नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है.

बीजेपी नेता नितेश राणे का विवादित बयान, कहा-EVM का मतलब एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला, शशि थरूर ने लगाई फटकार

#bjpleaderniteshranestatementonevm

महाराष्‍ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है। नितेश राणे ने शुक्रवार को मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिया।नितेश राणे ने कहा, हम ईवीएम की वजह से चुनाव जीते हैं, पर विपक्ष ईवीएम के मीनिंग को समझने में नाकाम रहा है।इसका मतलब है- एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला। विपक्षी इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि कैसे हिंदू एकजुट होकर हिंदुओं को वोट दे रहे हैं।

महाराष्ट्र के सांगली की सभा में उन्होंने कहा कि हम ईवीएम की वजह से चुनाव जीते हैं और इससे कभी इनकार नहीं किया। विपक्ष ईवीएम का मीनिंग नहीं समझा। इसका मतलब है- 'एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला'। राणे ने कहा- 'चुनाव जीतने के लिए हमें मुसलमानों के वोट की जरूरत नहीं है। मैं मुस्लिम समुदाय के पास वोट मांगने नहीं गया था। मैंने उनसे कहा कि तुम जो चाहो करो, लेकिन इस बार हिंदू जागरूक हैं और उन्होंने हमें जिताया हैं।

राणे ने आगे कहा कि मैं कट्टर हिंदू नेता हूं और मैं हमेशा उनके प्रति आलोचनात्मक रहा हूं, इसलिए उन्होंने मुझे हराने की योजना बनाई। मुझे हराने के लिए सऊदी और मुंबई से फंडिंग जुटाई गई, लेकिन हिंदू उनके सामने नहीं झुके। उन्होंने कहा- 'आप जानते हैं हमारे विरोधी ईवीएम को लेकर किस तरह चिल्लाते हैं। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि कैसे हिंदू एकजुट होकर हिंदुओं को वोट दे रहे हैं। वे हमेशा ईवीएम को दोष देते हैं। वे ईवीएम का मतलब नहीं समझते।'

थरूर ने नितेश राणे को जमकर फटकारा

महाराष्‍ट्र मंत्री नितेश राणे के इस विवादित बयान पर एक बार फिर बवाल मच चुका है।नितेश राणे के बयान की कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जमकर आलोचना की और नितेश राणे की जमकर फटकार लगाई है। कांग्रेस सासंद शशी थरूर ने कहा वाकई इस तरह की बात बहुत ही चौंकाने वाली है। हमें अपने देश के स्‍वतंत्रता संग्राम के मूल पाठ को समझना होगा। लोगों के एक समूह ने तब कहा कि कि धर्म उनकी राष्‍ट्रीयता का विषय हैं और वे वे चले गए और पाकिस्‍तान बनाया। तब ही हमारे नेता महात्‍मा गांधी ने कहा कि हमने हर किसी के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी है और हम हर‍ किसी के लिए ये देश बनाएंगे। हम लिखेंगे कि ये संविधान सबके लिए है और हर कोई समान अधिकारों के साथ रहेगा।

इतना हार्ड स्टैंड नहीं लेना चाहिए-अठावले

नितेश राणे की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, नीतेश राणे महाराष्ट्र में मंत्री हैं। उनका ये बयान गलत है।ऐसा नहीं बोलना चाहिए। संविधान के मुताबिक देश चलता है। नितेश को इतना हार्ड स्टैंड नहीं लेना चाहिए। मुल्ला, मुस्लिम भी अपने ही हैं. हर समय मुल्ला पर हमला नहीं करना चाहिए।

BJP कोर कमेटी की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा: उपमुख्यमंत्री अरुण साव बोले-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आज भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन और CM विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक संपन्न हुई। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बैठक से जुड़ी जानकारी साझा की वहीं विपक्ष से आरोपों का भी जवाब दिया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि चुनाव को लेकर BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। संगठन ने इस चुनाव को गंभीरता से लड़ने का निर्णय लिया है। जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाना है, इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए सब्जी भेजने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “धर्म के प्रति छत्तीसगढ़ में निष्ठा और आस्था है। प्रयागराज में होने वाला कुंभ सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा पर्व है। लाखों धर्म प्रेमी वहां जाते हैं। समाज मिलकर धर्म के कार्यों को आगे बढ़ाता है।” जब उनसे कुंभ में डुबकी लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “डुबकी लगाने पर विचार हो रहा है। कुंभ में धर्म प्रेमियों की आस्था है, तो निश्चित रूप से जाएंगे।”

मोवा ओवर ब्रिज डामरीकरण को लेकर कही ये बात

मोवा ओवर ब्रिज के डामरीकरण में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में है। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काम का अवलोकन किया जाएगा, और यदि गड़बड़ी पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री हादसे पर जताया दुःख

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री में हुए हादसे पर उपमुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा, “प्रशासन की पूरी टीम मौके पर है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मैं कलेक्टर और एसपी के साथ लगातार संपर्क में हूं। घटना स्थल पर मशीन उठाने के लिए दो क्रेन लगाई गई हैं। जैसे ही मशीन हटेगी, स्थिति स्पष्ट होगी।”

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, तो बीजेपी ने बाता डाला 'नई मुस्लिम लीग'

#bjp_alleges_congress_has_become_the_new_muslim_league

कांग्रेस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर एक याचिका दायर की है।कांग्रेस ने याचिका में एक्ट 1991 का बचाव करते हुए कहा कि ये कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जरूरी है। भाजपा ने कांग्रेस के ज़रिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जाने को 'हिंदुओं के खिलाफ खुले युद्ध' का ऐलान करार दिया है। साथ ही यह भी कहा कि अब कांग्रेस "नई मुस्लिम लीग" बन चुकी है।

बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीया ने इसे हिंदुओं के खिलाफ "खुला युद्ध" और कांग्रेस को "नई मुस्लिम लीग" करार दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने इस कानून का समर्थन करके हिंदुओं को उनके ऐतिहासिक अन्यायों के खिलाफ कानूनी उपायों का अधिकार छीनने की कोशिश की है।भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कहा,'कांग्रेस ने ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए कानूनी उपायों के हिंदुओं के मौलिक संवैधानिक अधिकार को अस्वीकार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालवीय ने आगे कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से 'धर्मनिरपेक्षता की रक्षा' के बहाने पूजा स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है।

अमित मालवीय ने कहा,'कांग्रेस ने धार्मिक बुनियाद पर भारत के विभाजन को मंजूरी दी। इसके बाद, इसने वक्फ कानून पेश किया, जिससे मुसलमानों को अपनी मर्जी से संपत्तियों पर दावा करने और देश भर में मिनी-पाकिस्तान स्थापित करने का हक मिल गया। बाद में इसने पूजा स्थल अधिनियम लागू किया, जिससे हिंदुओं को अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को वापस लेने का अधिकार प्रभावी रूप से नकार दिया गया। अब, कांग्रेस ने हिंदुओं के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है।

बीजेपी ने इस कानून का विरोध पहले भी किया था जब नरसिंह राव सरकार ने राम मंदिर निर्माण के आंदोलन के दौरान इसे लागू किया था. ये कानून यह सुनिश्चित करता था कि 15 अगस्त 1947 के बाद से सभी पूजा स्थलों की स्थिति को जस का तस रखा जाए सिवाय अयोध्या के विवादित स्थल के इस कानून का उद्देश्य संघ परिवार की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाहि ईदगाह पर कब्जा करने के प्रयासों को रोकना था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 3 मेंबर वाली बेंच ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (विशेष प्रावधानों) 1991 की कुछ धाराओं की वैधता पर दाखिल याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई की थी। बेंच ने कहा था, हम इस कानून के दायरे, उसकी शक्तियों और ढांचे को जांच रहे हैं। ऐसे में यही उचित होगा कि बाकी सभी अदालतें अपने हाथ रोक लें। सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- हमारे सामने 2 मामले हैं, मथुरा की शाही ईदगाह और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद। तभी अदालत को बताया गया कि देश में ऐसे 18 से ज्यादा मामले लंबित हैं। इनमें से 10 मस्जिदों से जुड़े हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से याचिकाओं पर 4 हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा। सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- जब तक केंद्र जवाब नहीं दाखिल करता है हम सुनवाई नहीं कर सकते। हमारे अगले आदेश तक ऐसा कोई नया केस दाखिल ना किया जाए।

*8वें वेतन आयोग की मंजूरी का दांव, दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?

#willpaycommissionprovetobeamasterstrokeforbjpindelhielections

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, बीजेपी 26 साल के सियासी सूखे को खत्म करने की जद्दोजहद में है। इस सियासी तपिश के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दे दी। नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों के आने के बाद सरकारी कर्मचारियों तथा पेशनरों को वेतन में सीधा लाभ मिलेगा। इसे दिल्ली चुनाव के लिए पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में लाखों की संख्या में सरकारी कर्मचारी हैं और यहां की सियासत में अहम भूमिका भी तय करते हैं?

7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने वाला है। दिल्ली चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। ऐसे में केंद्र के इस फैसले को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार ने बीजेपी के लिए काफी अहम माने जा रहे चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है। जानकारों के अनुसार दिल्ली में केंद्रीय कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में इस घोषणा से पार्टी चुनाव में निश्चित रूप से इस घोषणा के वोट में बदलने की उम्मीद लगा रही है।

केवल दिल्ली में 4 लाभ से ज्यादा कर्मचारियों पर निगाहें

आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें स्वीकार होने पर लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के वेतन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक आंकड़े के मुताबिक, अकेले दिल्ली में रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों सहित लगभग 4 लाख ऐसे कर्मचारी है, जिन्हें सीधे तौर पर इसका फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), पुलिस और डिफेंस के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर सहित कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। आठवां वेतन आयोग लागू होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।

दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम

केंद्रीय कर्मचारियों के लिहाज से दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम है। इसमें नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम सीट शामिल हैं। इन इलाकों में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अलग-अलग कर्मचारी रहते हैं। सरकारी कर्मचारी वाली ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा है। उदाहरण के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को देखें तो नई दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटों पर सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में रहते हैं। बीजेपी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट जरूर जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन सरकारी कर्मचारियों वाली नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम जैसी अहम सीट पर आम आदमी पार्टी से पिछड़ गई थी।

बीजेपी ने बदली अपनी रणनीति

बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति बदली है। बीजेपी ने दिल्ली के मतदाताओं को सिर्फ एक प्लेटफार्म से नहीं लुभा रही है बल्कि इसके लिए अलग-अलग रणनीति भी तैयार की है। विभिन्न वर्गों के बीच कौन से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे, इसका अलग से खाका तैयार किया गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में किसी बड़े नेता के नेतृत्व में एक समूह तैयार किया गया। इसी तर्ज पर बीजेपी ने दिल्ली के रह रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को साधने के लिए रणनीति बनाई है। मोदी सरकार के द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा, इसी दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

क्या खत्म होगा बीजेपी का वनवास?

दिल्ली की सियासत में बीजेपी सिर्फ एक बार ही सत्ता पर विराजमान हो सकी है और पिछले 27 साल से वनवास झेल रही है। बीजेपी सिर्फ 1993 में ही दिल्ली को फतह करने में कामयाब रही थी. 1998 में उसके हाथों से सत्ता चली गई तो फिर वापसी नहीं हो सकी। पहले 15 साल तक शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस के सामने खड़ी नहीं हो सकी। शीला दीक्षित के बाद से 11 साल से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आगे पस्त नजर आई है। बीजेपी 2025 में होने वाले विधानसभा में हर हाल में दिल्ली में कमल खिलाना चाहती है, जिसके लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव: कांग्रेस नेता विनेश फोगाट ने बीजेपी और AAP पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब 20 दिन से भी कम का समय बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है. दिल्ली में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के असार हैं. 10 साल से अधिक केंद्र और दिल्ली की सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस भी पूरे दम खम के साथ मैदान में है. इस बीच पूर्व ओलंपियन और कांग्रेस नेता विनेश फोगाट ने शुक्रवार को बीजेपी के संकल्प पत्र पर निशाना साधा है. साथ ही आम आदमी पार्टी को भी निशाने पर लिया है.

हरियाणा के जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, ‘शिला दीक्षित जी ने भी दिल्ली के लिए काम किया. हम बीजेपी और AAP दोनों को देख चुके हैं. ये केवल एक दूसरे से झगड़ते हैं. जब दिल्ली में शिला दीक्षित की सरकार थी तब भी केंद्र में बीजेपी सत्ता में थी. लेकिन उन्होंने दिल्ली वासियों के लिए काम करके दिखाया.

‘हमारी पार्टी के लोगों ने बहुत खून पसीना बहाया है’

विनेश फोगाट ने कहा कि शिला दिक्षित ने जो काम करके दिखाया और पार्टी की जो विचारधारा हैं हम उसी को लेकर वोट मांग रहे हैं. लोगों को देखना चाहिए कि जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार है वहां सरकार ने सभी वादे पूरे किए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास मजाक का नहीं रहा है. हमारी पार्टी के लोगों ने बहुत खून पसीना बहाया है. लोग जेल में रहे हैं तब जाकर पार्टी बनी है. पार्टी का इतिहास देखना हैं तो कांग्रेस के नए वाले मुख्यालय में जाकर देख सकते हैं.

उन्होंने कहा कि जाट समाज के लिए OBC आरक्षण सबसे पहले दिल्ली में शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार ने लागू किया था. आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक झूठा प्रोपगेंडा फैलाने की कोशिश कर रही है. इनकी कथनी और करनी में हमेशा ही फर्क रहा है. जब मोदी सरकार तीन काले कृषि कानून लेकर आई थी, तब अरविंद केजरीवाल ने इसे स्वीकार कर लिया था. इससे साफ पता चलता है कि ये किसान और जाट के हितैषी नहीं हैं.

सिर्फ कॉपी पेस्ट का स्कीम चला रही BJP- फोगाट

विनेश फोगाट ने दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी के संकल्प पत्र पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो 2500 रुपए महिलाओं को देने का वादा कर रहे हैं वो कांग्रेस से कॉपी पेस्ट किया गया. ये लोग सिर्फ कॉपी पेस्ट का स्कीम चला रहे हैं. वहीं, बीजेपी द्वारा 5 रुपए में भरपेट खाने देने के वादे पर फोगाट ने कहा कि ये तो हंसी का पात्र है. आज की मंहगाई को देखें तो 5 रुपए में पानी की बोतल भी नहीं आती है.

दिल्ली वालों के लिए बीजेपी ने खोला पिटारा, घोषणापत्र में कई बड़े ऐलान

#bjpjpnaddareleasemanifestosankalppatrapart1

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा यह संकल्प पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि मैनिफेस्टो अब संकल्पपत्र में तब्दील हो चुका है। संकल्प को पूरा करना हमारा कर्तव्य, ये सब 2014 के बाद हुआ है, ये बीजेपी का कमिटमेंट है।जो कहा था वो किया है जो नहीं कहा था वो भी किया है। ये बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड है। मोदी की गारंटी, पूरा होने की गारंटी।

जन कल्याण की योजनाएं चल रही हैं, जारी रहेंगी

जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में जन कल्याण की चल रही वर्तमान योजनाएं उनकी सरकार बनने के बाद भी जारी रहेगी। योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उनमें सुधार किया जाएगा। उनको भ्रष्टाचार मुक्त भी किया जाएगा। भाजपा का संकल्प पत्र दिल्ली को आगे ले जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों को 3 हजार रुपये पेशन

जेपी नड्डा ने कहा कि 60 से 70 साल के लोगों की पेंशन में ₹500 की बढ़ोतरी की जाएगी और 70 साल से अधिक उम्र के लोगों और अन्य श्रेणी के लोगों को ढाई हजार के बजाय ₹3000 पेंशन दी जाएगी। अटल कैंटीन योजना लॉन्च की जाएगी इसके तहत झुग्गी झोपड़ी इलाके में 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोराना आपदा के दौरान दिल्ली की आप-दा सरकार ने पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली से बाहर करने का कार्य किया था। उन्होंने बसों में आनंद विहार बस अड्डे पर छोड़ दिया था।

महिलाओं का विशेष ख्याल

जेपी नड्डा ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता है। महिला सम्मान का जो वादा किया है, वो पूरा किया। समाज के हर वर्ग पर हमारा फोकस है। दिल्ली में महिला समृद्धि योजना के तहत प्रति महीने 2500 दिए जाएंगे।जेपी नड्डा ने कहा कि गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर में ₹500 की सब्सिडी दी जाएगी। होली और दिवाली पर एक सिलेंडर मुक्त दिया जाएगा। जेपी नड्डा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को ₹21000 दिए जाएंगे।

दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान भारत योजना

जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में बेहतर स्वास्थ्य से उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाएगा। योजना के तहत दिल्ली सरकार अलग से 5 लाख का बीमा करेगी जबकि 5 लाख का बीमा केंद्र सरकार देगी। 70 साल से अधिक आयु के लोगों को 10 लाख रुपए का बीमा दिया जाएगा।

‘राम मंदिर निर्माण के बाद मिली आजादी’, भागवत के बयान पर भड़की कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले –

नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर निर्माण के बाद आजादी मिलने वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जरिए कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ भाजपा पर हमला बोला है. भूपेश बघेल ने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे संविधान को नहीं मानते हैं. यह बयान आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लाखों भारतीयों का अपमान है. 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के साथ प्रेस वार्ता में संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहा यह स्पष्ट करता है कि वो संविधान को नहीं मानते हैं. राहुल गांधी ने कर इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर यह बात दुनिया के किसी दूसरे देश में कही गई होती तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुका होता, उसे गिरफ्तार कर लिया गया होता, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ.

मोहन भागवत और उनके संगठन के लोग संविधान के बारे में समय-समय पर बयान देते रहते हैं इससे स्पष्ट हो जाता है कि वो संविधान को नहीं मानते, संविधान को बदल देना चाहते हैं. उनके सांसदों ने भी कहा कि हम संविधान बदलेंगे. इनको 52 साल लगा तिरंगा को अंगीकार करने में. आरएसएस का इतिहास आप सब जानते हैं कि जब लाखों भारतीय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तो ये उनके भागीदार के रूप काम कर रहे थे.

भूपेश बघेल ने कहा कि ये हिटलर और मुसोलिनी के विचारों को मानने वाले लोग हैं, उस रास्ते पर चलने वाले लोग हैं. यह असहमति को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते. उनको कुचल देना चाहते हैं, दबा देना चाहते हैं, इस विचारधारा के लोग हैं. दरअसल, यह सरकार आरएसएस की सरकार है. क्योंकि संविधान में न्याय की बात है, समानता की बात है, लोकतंत्र की रक्षा करने की बात है, और RSS इन विचारों को मानती नहीं और वहीं काम लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार कर रही है. इनका पक्षपाती एजेंडा से देश क्या, दुनिया भली-भांति परिचित हो चुकी है.

अभी राहुल गांधी ने बयान दिया, उसको तोड़-मरोड़ कर ये लोग गलतबयानी कर रहे हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में राज का अर्थ उसके संस्थानों के रूप में परिभाषित की गई है. अब जितने भी जो न्याय, समानता और लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी इन संस्थानों की है, उस पर ये लोग कब्जा कर लिए हैं. जिस प्रकार से ED, IT, CBI का दुरुपयोग हो रहा है. इसलिए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई इन संगठनों से भी है, स्टेट का मतलब ही यही है.

इसलिए जो हमारी लड़ाई है, केवल RSS या BJP से नहीं, बल्कि जो संगठन से हैं, जो हमें न्याय दिलाती है, जो हिंदुस्तान की जनता को न्याय दिलाती है, उस पर कब्जा कर लिए हैं उसके खिलाफ भी हमारी लड़ाई है, और इसको लगातार ये लोग दूसरे ढंग से परिभाषित करने के दूसरे ढंग से व्याख्या करने के कोशिश कर रहे हैं. जो निंदनीय है. कम से कम RSS और BJP के लोग कांग्रेस के कार्यकर्ताओं-नेताओं को देशभक्ति का पाठ ना पढ़ाएं. हमें ना सिखाएं कि देशभक्ति क्या है.

भूपेश बघेल ने अंत में कहा कि राहुल गांधी का दृष्टिकोण है, लोकतांत्रिक है, समावेशी है, न्यायपूर्ण है. ये जो मूल सिद्धांत है, उसको लेकर आगे बढ़ रहे हैं, और इन सिद्धांतों के खिलाफ जो भी होगा, या जो भी रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता राहुल गांधी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

भाजपा-कांग्रेस में पोस्टर वॉर जारी: कांग्रेस ने बीजेपी को बताया चिंटफंड कंपनी का प्रतिनिधि, तो BJP ने पत्रकार हत्या में कांग्रेस पर साधा निशाना

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में महिलाओं से करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी फ्लोरा मैक्स के भंडाफोड़ और पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. एक तरफ फ्रॉड की शिकार हुई महिलाएं धरना प्रदर्शन कर सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं. तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर ऐसी फ्रॉड चिटफंज कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगा रही है. दोनों ही पार्टियों ने आज सोशल मीडिया में कार्टून पोस्टर जारी कर एक-दूसरे पर निशाना साधा है.

कांग्रेस ने फ्लोरामैक्स मामले में भाजपा का कार्टून पोस्टर सोशल मीडिया x पर शेयर करते हुए BJP के लिए लिखा- ‘जन प्रतिनिधि- गलत, चिटफंड प्रतिनिधि- सही.’

कांग्रेस द्वारा जारी कार्टून पोस्टर में मंत्री लखन लाल देवांगन पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘मंत्री ने जिस चिटफंड कंपनी का उद्घाटन किया, वह खा गई महिलाओं के करोड़ों रुपए. न्याय मांगने पर महिलाओं के खिलाफ ही FIR.’

देखें कांग्रेस का BJP पर पोस्टर वार:

 

भाजपा ने कांग्रेस पर पोस्टर वार:

छत्तीसगढ़ भाजपा ने भी बीजापुर में हुए स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में कांग्रेस पर पोस्टर वार किया है. भाजपा ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेसी नेता दीपक बैज और हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का कार्टून पोस्टर जारी कर लिखा- ‘कांग्रेस की शह पर होता है देश के चौथे स्तंभ पर आघात.’

देखें भाजपा का कांग्रेस पर पोस्टर वार:

आतिशी की क्राउड फंडिंग में मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 4 घंटे में मिला 11 लाख से ज्यादा रुपये का चंदा

दिल्ली की सीएम आतिशी क्राउड फंडिंग के तहत महज 4 घंटे में 11 लाख से ज्यादा का चंदा मिला है. 190 लोगों ने आतिशी को 11 लाख 2 हजार 606 रुपए का चंदा दिया है. सुबह 10 बजे आतिशी ने क्राउड फंडिंग की अपील की थी. आतिशी ने कालकाजी से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लोगों से 40 लाख रुपए क्राउड फंडिंग के लिए अपील की थी.

आतिशी ने कहा था कि चुनाव लड़ने के लिए मुझे पैसों की जरूरत है. चुनाव लड़ने के लिए मुझे 40 लाख रुपये चाहिए. मेरे क्राउड फंडिग अभियान का समर्थन करें. आतिशी ने कहा है कि हम उद्योगपति से चंदा नहीं लेंगे. हम जनता के चंदे से चुनाव लड़ेंगे.

आतिशी ने athishi.aamaadmiparty.org नाम से लिंक जारी कर कहा कि नेता अगर जनता के चंदे से चुनाव लड़ेगा तो बनने वाली सरकार उनके लिए काम करेगी और अगर उद्योगपति से पैसा लेकर लड़ेगा तो उनके लिए काम करेगी.

आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब से आम आदमी पार्टी बनी है तब से दिल्ली के आम लोगों ने आम आदमी पार्टी को सपोर्ट और चुनाव लड़ने के लिए चंदा दिया. 2013 में भी लोगों ने चुनाव में छोटे छोटे डोनेशन दिया. 2013 में जब पहला चुनाव लड़े थे घर घर जाते थे लोग छोटे छोटे डोनेशन देते थे. नुक्कड़ सभा के बाद हम एक चादर फैलाते थे लोग 10 रुपए, 50 रुपए और 100 रुपए लोग उसमें डालते थे

हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ईमानदारी की राजनीति इसलिए हो पाई है कि हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते थे. जिन दलों ने बिजनेसमैन से पैसा लिया फिर उनकी सरकारें बिजनेसमैन के लिए काम करती हैं. हम चुनाव लड़ने के लिए उद्योगपति दोस्तों से नहीं लेते. जो उद्योगपतियों से चंदा लेकर चुनाव लड़ते हैं उनकी सरकार उनके लिए ही काम करती है.

मगर आम आदमी पार्टी की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार आम लोगों के लिए काम करती है क्योंकि वही चुनाव लड़वाते हैं. अगर हमने बड़े बड़े स्कूलों, अस्पतालों या दवा कंपनियों से चुनाव लडा होता तो हम उनको ठीक नहीं कर पाते. सीएम बनने के बाद सैकड़ों करोड़ के सड़क-स्कूल के उद्घाटन किए हैं अगर हम इन स्कूल बनवाने वालों से करप्शन के पैसे लेते थे फ्लाईओवर और सड़क चूने लगते.

आतिशी ने कहा कि आज मैं अपने चुनाव के लिए एक क्राउड फंडिंग की शुरुआत कर रही हूं. जो 40 लाख रुपए मुझे चाहिए चुनाव लड़ने के लिए. दिल्ली और देश के लोगों से अपील है कि मुझे डोनेट करेंगे. atishi.aamaadmiparty.org इस लिंक पर जाकर आप डोनेट कर सकते हैं.

BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है

वहीं, CAG रिपोर्ट पर आतिशी ने कहा कि BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है. चुनाव लड़ने के लिए उन्हें पैसा इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है. उन्हें दोस्तों के माध्यम से इतना इकट्ठा कर लिया हो कि उन्हें इकट्ठा करने की जरूरत ना हो. हम ईमानदारी से अपनी सैलरी से घर चलाते हैं. हमारे पास भ्रष्टाचार का एक भी पैसा नहीं हैं. इस बार भी हम दिल्ली के लोगों के समर्थन से हम चुनाव लड़ेंगे.

BJP के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं

आतिशी ने कहा कि बीजेपी की लिस्ट के बारे में दो चीजें सामने आ रही है. बीजेपी के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं है. वर्ना इतना टाइम क्यों लग रहा है. ऐसा सुनने में आया है कि बीजेपी के बड़े नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है.

आतिशी ने की क्राउड फंडिंग की अपील, कहा- चुनाव लड़ने के लिए 40 लाख रुपये की जरूरत

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए क्राउड फंडिंग कैंपेन की शुरुआत की है. उन्होंने चुनाव के लिए दिल्ली की जनता से मदद मांगी हैं. आतिशी ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मुझे पैसों की जरूरत है. चुनाव लड़ने के लिए मुझे 40 लाख रुपये चाहिए. मेरे क्राउड फंडिग अभियान का समर्थन करें. आतिशी ने कहा है कि हम उद्योगपति से चंदा नहीं लेंगे. हम जनता के चंदे से चुनाव लड़ेंगे.

आतिशी ने athishi.aamaadmiparty.org नाम से लिंक जारी कर कहा कि नेता अगर जनता के चंदे से चुनाव लड़ेगा तो बनने वाली सरकार उनके लिए काम करेगी और अगर उद्योगपति से पैसा लेकर लड़ेगा तो उनके लिए काम करेगी.

आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब से आम आदमी पार्टी बनी है तब से दिल्ली के आम लोगों ने आम आदमी पार्टी को सपोर्ट और चुनाव लड़ने के लिए चंदा दिया. 2013 में भी लोगों ने चुनाव में छोटे छोटे डोनेशन दिया. 2013 में जब पहला चुनाव लड़े थे घर घर जाते थे लोग छोटे छोटे डोनेशन देते थे. नुक्कड़ सभा के बाद हम एक चादर फैलाते थे लोग 10 रुपए, 50 रुपए और 100 रुपए लोग उसमें डालते थे

हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ईमानदारी की राजनीति इसलिए हो पाई है कि हम बड़े-बड़े बिजनेसमैन से चंदा नहीं लेते थे. जिन दलों ने बिजनेसमैन से पैसा लिया फिर उनकी सरकारें बिजनेसमैन के लिए काम करती हैं. हम चुनाव लड़ने के लिए उद्योगपति दोस्तों से नहीं लेते. जो उद्योगपतियों से चंदा लेकर चुनाव लड़ते हैं उनकी सरकार उनके लिए ही काम करती है.

मगर आम आदमी पार्टी की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार आम लोगों के लिए काम करती है क्योंकि वही चुनाव लड़वाते हैं. अगर हमने बड़े बड़े स्कूलों, अस्पतालों या दवा कंपनियों से चुनाव लडा होता तो हम उनको ठीक नहीं कर पाते. सीएम बनने के बाद सैकड़ों करोड़ के सड़क-स्कूल के उद्घाटन किए हैं अगर हम इन स्कूल बनवाने वालों से करप्शन के पैसे लेते थे फ्लाईओवर और सड़क चूने लगते.

आतिशी ने कहा कि आज मैं अपने चुनाव के लिए एक क्राउड फंडिंग की शुरुआत कर रही हूं. जो 40 लाख रुपए मुझे चाहिए चुनाव लड़ने के लिए. दिल्ली और देश के लोगों से अपील है कि मुझे डोनेट करेंगे. atishi.aamaadmiparty.org इस लिंक पर जाकर आप डोनेट कर सकते हैं.

BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है

वहीं, CAG रिपोर्ट पर आतिशी ने कहा कि BJP पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे इकट्ठे करती है. चुनाव लड़ने के लिए उन्हें पैसा इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है. उन्हें दोस्तों के माध्यम से इतना इकट्ठा कर लिया हो कि उन्हें इकट्ठा करने की जरूरत ना हो. हम ईमानदारी से अपनी सैलरी से घर चलाते हैं. हमारे पास भ्रष्टाचार का एक भी पैसा नहीं हैं. इस बार भी हम दिल्ली के लोगों के समर्थन से हम चुनाव लड़ेंगे.

BJP के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं

आतिशी ने कहा कि बीजेपी की लिस्ट के बारे में दो चीजें सामने आ रही है. बीजेपी के पास चुनाव लड़वाने के लिए उम्मीदवार नहीं है. वर्ना इतना टाइम क्यों लग रहा है. ऐसा सुनने में आया है कि बीजेपी के बड़े नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है.

बीजेपी नेता नितेश राणे का विवादित बयान, कहा-EVM का मतलब एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला, शशि थरूर ने लगाई फटकार

#bjpleaderniteshranestatementonevm

महाराष्‍ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है। नितेश राणे ने शुक्रवार को मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिया।नितेश राणे ने कहा, हम ईवीएम की वजह से चुनाव जीते हैं, पर विपक्ष ईवीएम के मीनिंग को समझने में नाकाम रहा है।इसका मतलब है- एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला। विपक्षी इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि कैसे हिंदू एकजुट होकर हिंदुओं को वोट दे रहे हैं।

महाराष्ट्र के सांगली की सभा में उन्होंने कहा कि हम ईवीएम की वजह से चुनाव जीते हैं और इससे कभी इनकार नहीं किया। विपक्ष ईवीएम का मीनिंग नहीं समझा। इसका मतलब है- 'एवरी वोट अगेंस्ट मुल्ला'। राणे ने कहा- 'चुनाव जीतने के लिए हमें मुसलमानों के वोट की जरूरत नहीं है। मैं मुस्लिम समुदाय के पास वोट मांगने नहीं गया था। मैंने उनसे कहा कि तुम जो चाहो करो, लेकिन इस बार हिंदू जागरूक हैं और उन्होंने हमें जिताया हैं।

राणे ने आगे कहा कि मैं कट्टर हिंदू नेता हूं और मैं हमेशा उनके प्रति आलोचनात्मक रहा हूं, इसलिए उन्होंने मुझे हराने की योजना बनाई। मुझे हराने के लिए सऊदी और मुंबई से फंडिंग जुटाई गई, लेकिन हिंदू उनके सामने नहीं झुके। उन्होंने कहा- 'आप जानते हैं हमारे विरोधी ईवीएम को लेकर किस तरह चिल्लाते हैं। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि कैसे हिंदू एकजुट होकर हिंदुओं को वोट दे रहे हैं। वे हमेशा ईवीएम को दोष देते हैं। वे ईवीएम का मतलब नहीं समझते।'

थरूर ने नितेश राणे को जमकर फटकारा

महाराष्‍ट्र मंत्री नितेश राणे के इस विवादित बयान पर एक बार फिर बवाल मच चुका है।नितेश राणे के बयान की कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जमकर आलोचना की और नितेश राणे की जमकर फटकार लगाई है। कांग्रेस सासंद शशी थरूर ने कहा वाकई इस तरह की बात बहुत ही चौंकाने वाली है। हमें अपने देश के स्‍वतंत्रता संग्राम के मूल पाठ को समझना होगा। लोगों के एक समूह ने तब कहा कि कि धर्म उनकी राष्‍ट्रीयता का विषय हैं और वे वे चले गए और पाकिस्‍तान बनाया। तब ही हमारे नेता महात्‍मा गांधी ने कहा कि हमने हर किसी के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी है और हम हर‍ किसी के लिए ये देश बनाएंगे। हम लिखेंगे कि ये संविधान सबके लिए है और हर कोई समान अधिकारों के साथ रहेगा।

इतना हार्ड स्टैंड नहीं लेना चाहिए-अठावले

नितेश राणे की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, नीतेश राणे महाराष्ट्र में मंत्री हैं। उनका ये बयान गलत है।ऐसा नहीं बोलना चाहिए। संविधान के मुताबिक देश चलता है। नितेश को इतना हार्ड स्टैंड नहीं लेना चाहिए। मुल्ला, मुस्लिम भी अपने ही हैं. हर समय मुल्ला पर हमला नहीं करना चाहिए।

BJP कोर कमेटी की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा: उपमुख्यमंत्री अरुण साव बोले-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आज भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन और CM विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक संपन्न हुई। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बैठक से जुड़ी जानकारी साझा की वहीं विपक्ष से आरोपों का भी जवाब दिया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि चुनाव को लेकर BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। संगठन ने इस चुनाव को गंभीरता से लड़ने का निर्णय लिया है। जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाना है, इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए सब्जी भेजने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “धर्म के प्रति छत्तीसगढ़ में निष्ठा और आस्था है। प्रयागराज में होने वाला कुंभ सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा पर्व है। लाखों धर्म प्रेमी वहां जाते हैं। समाज मिलकर धर्म के कार्यों को आगे बढ़ाता है।” जब उनसे कुंभ में डुबकी लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “डुबकी लगाने पर विचार हो रहा है। कुंभ में धर्म प्रेमियों की आस्था है, तो निश्चित रूप से जाएंगे।”

मोवा ओवर ब्रिज डामरीकरण को लेकर कही ये बात

मोवा ओवर ब्रिज के डामरीकरण में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में है। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काम का अवलोकन किया जाएगा, और यदि गड़बड़ी पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री हादसे पर जताया दुःख

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री में हुए हादसे पर उपमुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा, “प्रशासन की पूरी टीम मौके पर है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मैं कलेक्टर और एसपी के साथ लगातार संपर्क में हूं। घटना स्थल पर मशीन उठाने के लिए दो क्रेन लगाई गई हैं। जैसे ही मशीन हटेगी, स्थिति स्पष्ट होगी।”