अधिक सजग और अधिक करुणामय इंसान बनने का संकल्प, 2026
–डॉ मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार

हर साल की तरह 2025 भी आया और चला गया, पर यह साल केवल कैलेंडर का बदलना नहीं था।
यह अनुभवों का ऐसा अध्याय रहा,
जिसे पलटते समय
मन अपने-आप ठहर जाता है।
यह वर्ष हमें यह सिखा गया कि
जीवन केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं,
बल्कि विपरीत परिस्थितियों में
इंसान बने रहने की परीक्षा भी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में
पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया
आतंकी हमला
केवल निर्दोष जानें ही नहीं ले गया,
बल्कि पूरे देश को
गहरे शोक और आक्रोश में डुबो गया। लंदन जाने वाली
अंतरराष्ट्रीय उड़ान का
तकनीकी खराबी के कारण
दुर्घटनाग्रस्त होना
वैश्विक स्तर पर
विमान सुरक्षा पर
गंभीर प्रश्न छोड़ गया। दिल्ली और उत्तर भारत में
आतंकी घटनाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा की भावना को
और गहरा किया।
प्रकृति भी इस वर्ष
कुछ कम कठोर नहीं रही।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , महाराष्ट्र और असम में
भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन ने
कई परिवारों से
उनके घर, आजीविका
और सहारे छीन लिए। मुंबई और नवी मुंबई में
भीषण आग की घटनाएँ
और भांडुप की
BEST बस दुर्घटना ने महानगर की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी को
अचानक थाम लिया।
दूर मध्य-पूर्व और यूक्रेन में
जारी युद्धों की तपिश
महँगाई, अस्थिरता
और मानव संकट बनकर
पूरी दुनिया ने महसूस की।
सच यही है—
2025 ने हमें
कड़वे घूँट पिलाए।
पर इसी कठिन समय में
हमने अपनी सामूहिक शक्ति भी देखी।
आतंकी घटनाओं के बाद
देश की निर्णायक प्रतिक्रिया
और ऑपरेशन सिंदूर जैसे
सख़्त कदमों ने
यह स्पष्ट कर दिया कि
भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं—
वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर
पूरी तरह सजग और सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व
इस वर्ष
एक दृढ़, जुझारू और आत्मविश्वासी
वैश्विक व्यक्तित्व के रूप में
और उभरकर सामने आया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
भारत की आवाज़
सिर्फ़ सुनी ही नहीं गई,
उसका सम्मान भी किया गया।
देशवासियों के मन में यह भरोसा गहरा हुआ कि
सशक्त नेतृत्व के कारण
हम अपेक्षाकृत
निश्चिंत होकर
अपना जीवन जी पा रहे हैं।
दुख और संकट के बीच
देश–विदेश से
संवेदना, सहायता
और प्रार्थनाओं की
एकजुटता भी हमने देखी।
NDRF, SDRF,
फायर ब्रिगेड,
मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक—
थके हुए शरीर,
पर अडिग संकल्प के साथ
कई जानें बचाने में सफल रहे।
आपदा प्रबंधन की क्षमता
पहले से अधिक
मजबूत दिखाई दी।
खेलों के क्षेत्र में
भारत ने
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
विशेषकर महिला खिलाड़ियों की
सफलताओं ने
देश को
नया गर्व दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर
मेट्रो परियोजनाएँ,
एक्सप्रेसवे,
रेलवे आधुनिकीकरण
और वंदे भारत ट्रेनों ने
यात्रा को
अधिक सुरक्षित
और सुविधाजनक बनाया। ISRO के सफल अंतरिक्ष मिशनों ने
यह भरोसा दिया कि भारत की उड़ान
अब केवल धरती तक सीमित नहीं—
वह अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी है।
डिजिटल इंडिया के अंतर्गत
UPI, AI, फिनटेक
और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम ने
भारत को
तकनीक का उपभोक्ता नहीं,
बल्कि नवाचार का केंद्र बनाया।
महिला सशक्तिकरण,
शिक्षा,
डिजिटल कृषि,
स्वास्थ्य शिविर,
योग और मानसिक स्वास्थ्य पर
बढ़ता ज़ोर—
ये सभी संकेत थे कि विकास की समझ
अब अधिक मानवीय हो रही है।
युवाओं की सामाजिक भागीदारी
और स्वयंसेवी कार्यों में
उनकी सक्रियता ने
भविष्य के प्रति
आशा को
और मजबूत किया।
2025 ने हमें
रुलाया भी,
और संभलना भी सिखाया।
इस साल ने यह भी समझाया कि
जीवन को
सिर्फ़ जीया नहीं जाता—
कभी-कभी
उसे सीपीआर भी देनी पड़ती है।
जब साँसें थमती हैं,
तो यादों को बटोरना पड़ता है।
जब हौसला टूटता है,
तो अनुभव
धड़कन बनते हैं।
हर साल
कितनी सीपियाँ छोड़ जाता है—
कुछ से हम मोती निकाल लेते हैं,
कुछ बस
रेत में चमकती रह जाती हैं।
पर वे व्यर्थ नहीं जातीं—
वे हमें याद दिलाती हैं कि हमने
पूरी शिद्दत से
जिया था।
जीवन अनमोल है।
कठिनाइयों के बीच
मिला हुआ यह अवसर
हर पल खर्च करने के लिए नहीं—
हर पल महसूस करने के लिए है।
जो बीत गया,
वह अनुभव बन गया। जो मिला,
वह कृतज्ञता बन गया। हमने यह खोया,
और हमने यह पाया। शायद
यही 2025 की
सबसे बड़ी सीख है। अलविदा 2025।
स्वागत 2026—
और अधिक सजग,
और अधिक करुणामय
इंसान बनने के संकल्प के साथ।                          ईश्वर से यही प्रार्थना है। प्रधानमंत्री मोदी जी दीर्घायु हो और उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित सशक्त और शांतिपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़ता रहे, ताकि नागरिक निश्चिंत होकर सुख की नींद सो सके।
मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


माघ मेला-2026:के दृष्टिगत में उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मण्डल ने सभागार में संयुक्त ब्रीफिंग सभा का आयोजन

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।माघ मेला–2026 के सफल.सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मण्डल के मण्डल सभागार में संयुक्त ब्रीफिंग सभा का आयोजन किया गया।बैठक का उद्देश्य मेला अवधि के दौरान रेलवे सुरक्षा व्यवस्था यात्री सुविधाओ भीड़ प्रबन्धन तथा विभिन्न विभागो के बीच समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करना रहा।संयुक्त ब्रीफिंग सभा में अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी.मण्डल रेल प्रबन्धक (DRM)प्रयागराज रजनीश अग्रवाल वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबन्धक (Sr.DCM)हरिमोहन महानिरीक्षक रेलवे सुरक्षा बल (IG/RPF)प्रदीप कुमार गुप्ता पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज प्रशान्त वर्मा वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त (Sr.DSC/RPF) विजय प्रकाश पंडित एवं सहायक सुरक्षा आयुक्त(ASC/RPF) सुदीप कुमार घोष सहित रेलवे GRP एवं RPF के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक में माघ मेला–2026 के दौरान रेलवे स्टेशनो एवं प्लेटफॉर्मो पर यात्रियो के आवागमन हेतु एकल मार्ग (वन-वे सिस्टम) व्यवस्था स्टेशन परिसर एवं बाहरी क्षेत्रो में पर्याप्त होल्डिंग एरिया की स्थापना भीड़ के दबाव के अनुसार चरणबद्ध प्लेटफॉर्म प्रवेशन प्रभावी बैरिकेडिंग अतिरिक्त सीसीटीवी निगरानी तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से निरंतर यात्री जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर विस्तृत चर्चा की गई।इसके अतिरिक्त भीड़ नियंत्रण हेतु संवेदनशील समयावधि एवं स्थलो की पहचान महिला बालक एवं दिव्यांग यात्रियो की विशेष सुरक्षा व्यवस्था अपराध रोकथाम एवं असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी तथा आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने पर सहमति बनी।अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे)प्रकाश डी.ने निर्देशित किया कि मेला अवधि के दौरान रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म ट्रेनो एवं आसपास के क्षेत्रों में निरन्तर निगरानी सघन पैदल एवं मोबाइल पेट्रोलिंग संवेदनशील बिन्दुओ पर अतिरिक्त बल की तैनाती तथा GRP.RPF एवं रेलवे प्रशासन के बीच सतत समन्वय सुनिश्चित किया जाए।उन्होने स्पष्ट किया कि यात्रियो की सुरक्षा एवं सुगम आवागमन सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।संयुक्त ब्रीफिंग सभा के माध्यम से माघ मेला–2026 के दौरान रेलवे सुरक्षा यात्री सुविधा एवं भीड़ प्रबन्धन को लेकर समन्वित प्रभावी एवं व्यावहारिक रणनीति तैयार की गई जिससे श्रद्धालुओ एवं यात्रियों को सुरक्षित सुव्यवस्थित एवं निर्बाध रेल यात्रा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

हजारीबाग: कैनरी हिल में योग शिविर के जरिए गूँजा स्वास्थ्य और साधना का संदेश
हजारीबाग झारखंड के हजारीबाग स्थित प्रसिद्ध कैनरी हिल के मनोरम वातावरण में आयोजित 10 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर अपने पूरे शबाब पर है। 25 दिसंबर से शुरू हुए इस शिविर के पाँचवें दिन साधकों में जबरदस्त उत्साह और अनुशासन देखने को मिला। प्राकृतिक सुंदरता के बीच सकारात्मक ऊर्जा के साथ आज का सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

वैज्ञानिक पद्धति से प्रशिक्षण क्षेत्र के जाने-माने और अनुभवी योग प्रशिक्षक प्रीतम सिंह के कुशल मार्गदर्शन में प्रतिभागियों को योग की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है। आज के विशेष सत्र में निम्नलिखित अभ्यास कराए गए: प्राणायाम और ध्यान: श्वसन तंत्र को मजबूत करने और मानसिक शांति के लिए। सूर्य नमस्कार: शरीर में स्फूर्ति और लचीलापन लाने के लिए। वैज्ञानिक योगासन: विभिन्न शारीरिक व्याधियों से मुक्ति और आंतरिक मजबूती के लिए क्रमबद्ध अभ्यास।

योग: स्वस्थ जीवन का आधार - इस अवसर पर प्रीतम सिंह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए योग के महत्व पर गहरा प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। नियमित योगाभ्यास से न केवल शरीर रोगमुक्त रहता है, बल्कि यह हमारे मन को शांत, संतुलित और सकारात्मक बनाता है।" उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे योग को केवल शिविर तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी दैनिक दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बनाएँ।

आयोजन का उद्देश्य और सहभागित - आयोजकों के अनुसार, इस शिविर का मुख्य उद्देश्य स्थानीय नागरिकों को एक स्वस्थ और तनावमुक्त जीवनशैली के प्रति जागरूक करना है। शिविर में पुरुषों और महिलाओं के साथ-साथ युवाओं की भी भारी संख्या में भागीदारी देखी जा रही है।

मुख्य जानकारी: शिविर की अवधि: 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक। समय: प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से। स्थान: कैनरी हिल, हजारीबाग। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और लोगों को मानसिक एवं आत्मिक शांति प्राप्त हो रही है।

मण्डलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क सुरक्षा पर कड़े निर्देश

*कोहरे के मौसम में सतर्कता, ब्लैक स्पॉट्स और स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच पर बल*

*गोण्डा, 30 दिसम्बर 2025* – देवीपाटन मण्डल के अपर आयुक्त प्रशासन कमलेश चन्द्र की अध्यक्षता में सोमवार को मण्डलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाना, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना तथा यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करना रहा। अपर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि सड़क सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और प्रत्येक विभाग को अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करना होगा।

बैठक में आगामी ठंड और कोहरे के मौसम को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए। अपर आयुक्त ने कहा कि कोहरे में दृश्यता कम हो जाने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए बड़े वाहनों में रिफ्लेक्टर टेप लगवाना अनिवार्य किया जाए। साथ ही सड़क किनारे ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रक अथवा अन्य भारी वाहन खड़ा करने पर रोक लगाने तथा उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

ब्लैक स्पॉट्स पर चर्चा करते हुए अपर आयुक्त ने कहा कि जिन स्थानों पर तीन या उससे अधिक मौतों वाली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, उनका गहन अध्ययन कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। सड़क संकेतक, पर्याप्त रोशनी, गति सीमा निर्धारण तथा सड़क संरचना से जुड़ी कमियों की समीक्षा कर आवश्यक सुधार कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे किए जाएं।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए अपर आयुक्त ने सभी स्कूल वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिवहन सुरक्षा समितियों की नियमित बैठकें आयोजित हों, ताकि बच्चों के आवागमन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न रहे।

बैठक में अपर आयुक्त ने एआरएम रोडवेज को निर्देशित किया कि सभी बस चालकों का नियमित नेत्र परीक्षण कराया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से रात्रि में बस संचालन के दौरान चालकों की दृष्टि सही होना अत्यंत आवश्यक है। नियमित नेत्र परीक्षण से सड़क दुर्घटनाओं की संभावना में कमी लाई जा सकती है।

अपर आयुक्त ने परिवहन एवं पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग तथा नशे की हालत में वाहन चलाने जैसे मामलों में कठोर प्रवर्तन कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ‘राह वीर योजना’ के प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराना सामाजिक दायित्व है और आमजन को इसके लिए जागरूक किया जाए।

इसके अतिरिक्त सड़क किनारे उगी झाड़ियों को तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि झाड़ियों के कारण दृश्यता बाधित होती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। लोक निर्माण विभाग और नगर निकायों को इस संबंध में नियमित अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष नवंबर माह तक सड़क दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 6 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि पर अपर आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताई और सभी विभागों को समन्वित प्रयासों के साथ प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग 730 सी का निर्माण कार्य एक साल में पूरा न होने पर सांसद ने जताई नाराजगी

संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें

ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाए

फर्रुखाबाद l  संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सांसद मुकेश राजपूत की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। बैठक में एआरटीओ-प्रवर्तन सुभाष राजपूत द्वारा अवगत कराया कि
जनपद में कुल 11 ब्लैक स्पॉट में से 08 राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर हैं। रोहिला चौराहा, बृहमहत्त स्मारक, तथा मसेनी चौराहा का जंक्शन डेवलपमेन्ट का कार्य अभी तक नहीं कराया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी का निर्माण कार्य 23-11-2024 तक पूर्ण होना था परन्तु वर्ष 2025 की समािप्त तक अपूर्ण है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधिक दुर्घटनाओं के दृष्टिगत सांसद द्वारा बैठक में उपस्थित एनएचएआई के अधिकारियो को निर्देशित किया कि वह नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें। इसके साथ ही सांसद  द्वारा शुकरूल्लापुर रेल ओवरब्रिज पर लगी लाइट को शीघ्र चालू कराने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में 19 दिसंबर 2025 से 17 जनवरी 2026 तक ‘‘ नो हेल्मेट नो पेट्रोल ’’ की रणनीति लागू की गयी है। क्षेत्राधिकारी-यातायात एवं जिला पूर्ति अधिकारी के साथ एआरटीओ जनपद के पेट्रोल-पम्पों पर बिना हेल्मेट लगाये पेट्रोल लेने वाले दोपहिया वाहनों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन कार्यवाही करें।
बैठक में एआरटीओ द्वारा बताया गया कि पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 42481 चालान किये गये हैं तथा 187 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 18.92 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 4155 चालान किये गये हैं तथा 1018 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 219.33 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों के अनुपालन में जनपद में वर्ष 2025 में 265 ड्राइविंग लाइसेन्स निलम्बित किये गये हैं।
एआरटीओं ने बताया कि शासन के निर्देश पर सड़क सुरक्षा माह का आयोजन एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक किया जायेगा। इस सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त द्वारा पंचायती राज विभाग को ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधानों की बैठक आहूत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधानों को ग्राम सड़क सुरक्षा समिति के अन्तर्गत उस ग्राम का सड़क सुरक्षा अग्रदूत घोषित किया जाये।सांसद द्वारा ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाने के निर्देश भी दिये गये।
इस दौरान बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, विधायक, अमृतपुर सुशील कुमार शाक्य, विधायक, भोजपुर नागेन्द्र सिंह राठौर , विधायक कायमगंज डा0 सुरभि गंगवार, पुलिस अधीक्षक श्रीमती आरती सिंह, सीडीओ विनोद कुमार गौड़, अधिशासी अभियन्ता (प्रा0ख0), लो0नि0वि0 श्री मुरलीधर, अधिशासी अभियन्ता (नि0ख0), लो0नि0वि0 अशोक कुमार, सीएमओ डा0 अवनीन्द्र कुमार,  बीएसए विश्वनाथ प्रताप सिंह, डीआईओएस नरेन्द्र पाल सिंह, डीएसओ सुरेन्द्र यादव, डीपीआरओ राजेश चौरसिया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
शहीद पथ के समीप बनेगा नया संस्कृति भवन, भातखण्डे विवि का परिसर होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का: जयवीर सिंह
* लखनऊ दर्शन के लिए 1090 से रेजीडेंसी तक चलेगी डबल डेकर बस, 6 जनवरी को पर्यटन मंत्री करेंगे शुभारम्भ

ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राजधानी लखनऊ में शहीद पथ के समीप नया संस्कृति भवन स्थापित किया जाएगा। इस संस्कृति भवन में संस्कृति विभाग के अधीन आने वाली विभिन्न निदेशालयों के कार्यालयों को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को इसके लिए भूमि व्यवस्था की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

पर्यटन भवन के सभागार में आयोजित संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के नए परिसर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इसके साथ ही राजधानी में पर्यटन एवं संस्कृति पार्क विकसित किया जाएगा, जिसमें पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी प्रमुख वस्तुओं का प्रदर्शन होगा। इसकी शुरुआत 17 नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले पार्कों से की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि लखनऊ भ्रमण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटकों के लिए 1090 चौराहे से रेजीडेंसी तक डबल डेकर बस संचालित की जाएगी। इस बस का शुभारम्भ 6 जनवरी को पूर्वाह्न 10:30 बजे पर्यटन मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया जाएगा। शुभारम्भ के दिन मीडिया के लिए यह यात्रा निःशुल्क रखी गई है। लखनऊ दर्शन का उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर राजधानी को एक नए पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है।

जयवीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगरा और काशी की तर्ज पर लखनऊ को भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए ठोस परियोजना तैयार की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन संग्रहालयों, स्मारकों और सांस्कृतिक केंद्रों के कार्यों को शीघ्र एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा कराने के निर्देश दिए। साथ ही ग्राम पंचायतों को वितरित किए जाने वाले वाद्ययंत्रों की खरीद में गुणवत्ता, पारदर्शिता और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।

पर्यटन मंत्री ने निर्माण कार्यों और वृहद योजनाओं की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा कि अधिकारी कार्यों को उलझाने के बजाय सुलझाने की मानसिकता के साथ आगे बढ़ाएं। अनावश्यक विलंब या फाइलें लटकाने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 में आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की स्थिति की बिंदुवार समीक्षा भी की।

बैठक में तीर्थ विकास परिषदों के कार्यों, भारत सरकार से जुड़े लंबित प्रकरणों, एमओयू, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के म्यूजियम एवं संग्रहालय, विभिन्न जिलों में रामलीला मैदानों के सौंदर्यीकरण तथा रायबरेली, बदायूं, कन्नौज, चित्रकूट और लखनऊ में निर्माणाधीन सांस्कृतिक केंद्रों की समीक्षा की गई। पर्यटन स्थलों पर शिलालेखन, वे-साइड एमेनिटीज और प्रचार-प्रसार की प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संजय सिंह, एमडी पर्यटन विकास निगम आशीष कुमार, अपर निदेशक संस्कृति डॉ. सृष्टि धवन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
पेसा नियमावली को लेकर राज्य सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का हमला।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम की नियमावली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई यह नियमावली पेसा अधिनियम, 1996 के मूल प्रावधानों और भावना के बिल्कुल विपरीत है।

श्री दास ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी के अनुसार सरकार ने ग्राम सभा की परिभाषा में परंपरागत जनजातीय व्यवस्था और रूढ़िगत नेतृत्व को सीमित कर दिया है। जबकि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की परिकल्पना परंपरागत रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचना के अनुरूप की गई है। उन्होंने विभिन्न जनजातीय समुदायों की परंपरागत ग्राम नेतृत्व व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि संथाल समुदाय में मांझी-परगना, हो समुदाय में मुंडा-मानकी-दिउरी, खड़िया समुदाय में ढोकलो-सोहोर, मुंडा समुदाय में हातु मुंडा, पड़हा राजा, पाहन, उरांव समुदाय में महतो, पड़हावेल (राजा), पाहन तथा भूमिज समुदाय में मुंडा, सरदार, नापा और डाकुआ जैसे पारंपरिक पदों को सदियों से मान्यता प्राप्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4(क), 4(ख), 4(ग) और 4(घ) में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान है कि ग्राम सभा का गठन, संचालन और प्रतिनिधित्व जनजातीय समुदायों की परंपराओं, रूढ़ियों, सामाजिक-धार्मिक प्रथाओं और संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन के अनुरूप होगा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में इन प्रावधानों को नजरअंदाज कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या नई नियमावली के तहत ग्राम सभा की अध्यक्षता ऐसे लोगों को दी जाएगी जो परंपरागत जनजातीय व्यवस्था से नहीं आते या जो संबंधित समुदाय और परंपरा से भिन्न पृष्ठभूमि रखते हैं। इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

श्री दास ने कहा कि पेसा कानून के तहत ग्राम सभा को लघु खनिजों, बालू घाटों, वन उत्पादों और जल स्रोतों जैसे सामूहिक संसाधनों पर पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार दिया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में इन संसाधनों पर ग्राम सभा को अधिकार मिलेगा या फिर सरकार का नियंत्रण पूर्व की भांति बना रहेगा।

प्रेस वार्ता के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट स्तर पर नियमावली बनाकर आदिवासी समाज को केवल “लॉलीपॉप” दिखाने और उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी रूढ़िवादी व्यवस्था को समाप्त करना नहीं, बल्कि उसे कानूनी संरक्षण देकर और अधिक सशक्त बनाना है, ताकि आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक न्याय प्रणाली और प्राकृतिक संसाधनों पर अपना अधिकार बनाए रख सकें।

उन्होंने राज्य की जनता के भावना के अनुरूप राज्य सरकार से जल्द पेसा की नियमावली को जारी करने की मांग किया।

इस प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, योगेन्द्र प्रताप सिंह, अशोक बड़ाईक एवं रवि मुंडा भी उपस्थित थे।

डीएम के जांच आदेश पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी

दो बार भुगतान फिर भी नहीं बना कुएं का जगत

गांव में विकास कार्यों के नाम पर स्वयंभू प्रधान का कारनामा

जिलाधिकारी से जांच कराकर की गई थी कार्रवाई कि मांग


मीरजापुर। जिले के हलिया विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मनिगढा में विकास कार्यों के नाम पर हुए वित्तीय घोटाले का मामला जोर पकड़ा जा रहा है, तो वहीं घोटाले की फाईलों को दबाएं बैठे ब्लाक स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी जिलाधिकारी के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए आएं हैं। बता दें कि मनिगढ़ा गांव में विकास कार्यों के नाम पर हुए भारी घोटाले और बिना धरातल पर कार्य कराएं ही कागजों में सरकारी धन खर्च दिखाकर हज़म कर लिया गया है।

इस बात का खुलासा होने पर तथा जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार से इस संबंध में तीन सौ पन्नों का शिकायती पत्र सौंप कर जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसपर जिलाधिकारी ने 28 अक्टूबर 2025 को उक्त शिकायत के आधार पर आदेश संख्या 3394/7/शिकायत जांच/2025-26 द्वारा जांच समिति गठित की गई थी।

दुर्भाग्यवश, जांच समिति गठन के दो महीने से अधिक समय बीत जाने के उपरांत भी न तो कोई जांच अधिकारी मौके पर स्थलीय जांच करने पहुंचा है और न ही शिकायतकर्ता को जांच तिथि की सूचना प्रदान की गई। इस बीच प्रधान, सचिव एवं बीडीओ हलिया द्वारा जांच को प्रभावित करने हेतु कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, जिससे मूल अनियमितताएं छुपाई जा रही हैं। ग्रामीणों ने मांग किया है कि गठित जांच समिति को तत्काल प्रभाव से स्थल निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया जाए,जांच के समय शिकायतकर्ता को पूर्व सूचना अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए तथा जांच विलंब के कारण साक्ष्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना के मद्देनज़र दोषियों के विरुद्ध विधिक, अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही साथ संपूर्ण जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

यह है पूरा मामला.........
दरअसल, यह पूरा मामला जिले के हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में हुए उस भारी विकास कार्यों से जुड़ा हुआ है जो धरातल पर हुआ ही नहीं है। जहां सरकार की विकास परक योजनाओं को पलीता लगाते हुए बिना कार्य कराएं ही भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में गांव निवासी अब्दुल समद ने बीते महीने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को तीन सौ पेज का शिकायती पत्र सौंपकर गांव में लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। मनिगढ़ा गांव निवासी अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्रक में आरोप लगाया कि उसके घर के सामने स्थित पुराने कुएं के जगत के निर्माण के नाम पर दो बार में एक लाख से ऊपर का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन निर्माण नहीं कराया गया।

कुआं और कुएं का जगत आज भी जस-तस हालात में पड़ा हुआ है। यही नहीं गांव के अन्य विकास कार्य मसलन, तालाब, कुआं, सड़क, मस्जिद इत्यादि के नाम पर भी कागजों पर तो काम करवा दिए गए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। आरोप है कि ग्राम प्रधान का पूरा लेखा-जोखा, लेन-देन कोई और करता है। महिला प्रधान को यह भी पता नहीं है कि उसके गांव के विकास कार्य पर कितनी धनराशि खर्च की गई है और कहां-कहां खर्च किया गया है। गांव के विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये गबन करने की आशंका जताते हुए कहा गया है कि बिना कार्य कराए ही कागज पर कार्य पूर्ण दिखाकर रुपये निकाल लिए गए हैं।

डीएम ने जांच कराके कारवाई का आश्वासन दिया था। डीएम ने इस संबंध में डीपीआरओ को निर्देशित किया था और टीम गठित कर मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपी जाए के निर्देश भी दिए थे, लेकिन डीएम के टीम गठित करने के डेढ़ माह गुजरने के बाद भी मौके पर न तो जांच टीम के अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई कार्रवाई शुरू की गई है।

*मामले में लीपापोती की जताई आशंका*

ग्रामीणों सहित शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि जिलाधिकारी से हुई शिकायत और जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच टीम गठित करने के बाद गांव के प्राथमिक विद्यालय में सहित कुछ अन्य स्थानों की कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, ताकि मूल अनियमितताएं छुपाई जा सकें और जांच को प्रभावित किया जा सके।


*मनरेगा घोटाले की जांच में रहा है हलिया*

गौरतलब हो कि वर्ष 2007-2010 में राज्य के कई जिलों में हुए मनरेगा योजना अन्तर्गत घोटाले में मीरजापुर का हलिया विकास खंड क्षेत्र भी शामिल रहा है यहां के 54 लोगों जिनमें कई अधिकारी कर्मचारी और ग्राम प्रधान इस भ्रष्टाचार घोटाले की जांच में घिरे थे, मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला सीबीआई के हवाले होने पर कई बार सीबीआई की टीम भी हलिया धमक चुकी है। बावजूद गांवों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार थमा नहीं है।
देवदूत बनकर आई सोनभद्र पुलिस: मौत की पटरी पर लेटा था युवक, पुलिस ने ट्रेन रुकवाकर बचाई जान

विकास कुमार

सोनभद्र।कहते हैं 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय', लेकिन सोमवार को शक्तिनगर में इस कहावत को हकीकत में बदलने का श्रेय वहां की पुलिस टीम को जाता है। जब एक शख्स अपनी जिंदगी की डोर तोड़ने के लिए लोहे की पटरियों पर लेट गया, तब शक्तिनगर पुलिस ने फिल्मी अंदाज में दिलेरी दिखाते हुए मौत के पहियों को चंद कदमों की दूरी पर रोक लिया।

खौफनाक मंजर: जब पटरी पर बिछ गई 'मौत'घटना शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया इलाके की है। दोपहर के करीब 1:55 बजे अफरा-तफरी मच गई जब सूचना मिली कि 42 वर्षीय संतोष केशरी नाम का व्यक्ति रेलवे ट्रैक पर सुसाइड के इरादे से लेटा हुआ है। पटरियों पर दूर से आती ट्रेन की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही थी और समय रेत की तरह हाथ से फिसल रहा था।डायल-112 की मुस्तैदी और 'सुपरकॉप' एक्शन जैसे ही सूचना डायल-112 के जरिए पुलिस तक पहुंची, थानाध्यक्ष कमल नयन दूबे अपनी टीम के साथ बिना एक पल गंवाए मौके की ओर दौड़ पड़े।

युवक को सकुशल थाने लाने के बाद पुलिस ने सिर्फ कानूनी कार्रवाई नहीं की, बल्कि एक अभिभावक की भूमिका निभाई। संतोष की काउंसलिंग की गई और उसे जीवन का महत्व समझाया गया। बाद में उसके परिजनों को बुलाकर, युवक को समझा-बुझाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया।इस जीवन रक्षक अभियान में थानाध्यक्ष कमल नयन दूबे, कांस्टेबल अक्षय यादव, हेड कांस्टेबल राजेश कुमार सरोज और होमगार्ड चालक नागेंद्र नाथ चौबे की भूमिका की पूरे जिले में सराहना की जा रही है।
अधिक सजग और अधिक करुणामय इंसान बनने का संकल्प, 2026
–डॉ मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार

हर साल की तरह 2025 भी आया और चला गया, पर यह साल केवल कैलेंडर का बदलना नहीं था।
यह अनुभवों का ऐसा अध्याय रहा,
जिसे पलटते समय
मन अपने-आप ठहर जाता है।
यह वर्ष हमें यह सिखा गया कि
जीवन केवल उपलब्धियों का उत्सव नहीं,
बल्कि विपरीत परिस्थितियों में
इंसान बने रहने की परीक्षा भी है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में
पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया
आतंकी हमला
केवल निर्दोष जानें ही नहीं ले गया,
बल्कि पूरे देश को
गहरे शोक और आक्रोश में डुबो गया। लंदन जाने वाली
अंतरराष्ट्रीय उड़ान का
तकनीकी खराबी के कारण
दुर्घटनाग्रस्त होना
वैश्विक स्तर पर
विमान सुरक्षा पर
गंभीर प्रश्न छोड़ गया। दिल्ली और उत्तर भारत में
आतंकी घटनाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा की भावना को
और गहरा किया।
प्रकृति भी इस वर्ष
कुछ कम कठोर नहीं रही।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , महाराष्ट्र और असम में
भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन ने
कई परिवारों से
उनके घर, आजीविका
और सहारे छीन लिए। मुंबई और नवी मुंबई में
भीषण आग की घटनाएँ
और भांडुप की
BEST बस दुर्घटना ने महानगर की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी को
अचानक थाम लिया।
दूर मध्य-पूर्व और यूक्रेन में
जारी युद्धों की तपिश
महँगाई, अस्थिरता
और मानव संकट बनकर
पूरी दुनिया ने महसूस की।
सच यही है—
2025 ने हमें
कड़वे घूँट पिलाए।
पर इसी कठिन समय में
हमने अपनी सामूहिक शक्ति भी देखी।
आतंकी घटनाओं के बाद
देश की निर्णायक प्रतिक्रिया
और ऑपरेशन सिंदूर जैसे
सख़्त कदमों ने
यह स्पष्ट कर दिया कि
भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं—
वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर
पूरी तरह सजग और सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व
इस वर्ष
एक दृढ़, जुझारू और आत्मविश्वासी
वैश्विक व्यक्तित्व के रूप में
और उभरकर सामने आया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
भारत की आवाज़
सिर्फ़ सुनी ही नहीं गई,
उसका सम्मान भी किया गया।
देशवासियों के मन में यह भरोसा गहरा हुआ कि
सशक्त नेतृत्व के कारण
हम अपेक्षाकृत
निश्चिंत होकर
अपना जीवन जी पा रहे हैं।
दुख और संकट के बीच
देश–विदेश से
संवेदना, सहायता
और प्रार्थनाओं की
एकजुटता भी हमने देखी।
NDRF, SDRF,
फायर ब्रिगेड,
मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक—
थके हुए शरीर,
पर अडिग संकल्प के साथ
कई जानें बचाने में सफल रहे।
आपदा प्रबंधन की क्षमता
पहले से अधिक
मजबूत दिखाई दी।
खेलों के क्षेत्र में
भारत ने
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
विशेषकर महिला खिलाड़ियों की
सफलताओं ने
देश को
नया गर्व दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर
मेट्रो परियोजनाएँ,
एक्सप्रेसवे,
रेलवे आधुनिकीकरण
और वंदे भारत ट्रेनों ने
यात्रा को
अधिक सुरक्षित
और सुविधाजनक बनाया। ISRO के सफल अंतरिक्ष मिशनों ने
यह भरोसा दिया कि भारत की उड़ान
अब केवल धरती तक सीमित नहीं—
वह अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी है।
डिजिटल इंडिया के अंतर्गत
UPI, AI, फिनटेक
और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम ने
भारत को
तकनीक का उपभोक्ता नहीं,
बल्कि नवाचार का केंद्र बनाया।
महिला सशक्तिकरण,
शिक्षा,
डिजिटल कृषि,
स्वास्थ्य शिविर,
योग और मानसिक स्वास्थ्य पर
बढ़ता ज़ोर—
ये सभी संकेत थे कि विकास की समझ
अब अधिक मानवीय हो रही है।
युवाओं की सामाजिक भागीदारी
और स्वयंसेवी कार्यों में
उनकी सक्रियता ने
भविष्य के प्रति
आशा को
और मजबूत किया।
2025 ने हमें
रुलाया भी,
और संभलना भी सिखाया।
इस साल ने यह भी समझाया कि
जीवन को
सिर्फ़ जीया नहीं जाता—
कभी-कभी
उसे सीपीआर भी देनी पड़ती है।
जब साँसें थमती हैं,
तो यादों को बटोरना पड़ता है।
जब हौसला टूटता है,
तो अनुभव
धड़कन बनते हैं।
हर साल
कितनी सीपियाँ छोड़ जाता है—
कुछ से हम मोती निकाल लेते हैं,
कुछ बस
रेत में चमकती रह जाती हैं।
पर वे व्यर्थ नहीं जातीं—
वे हमें याद दिलाती हैं कि हमने
पूरी शिद्दत से
जिया था।
जीवन अनमोल है।
कठिनाइयों के बीच
मिला हुआ यह अवसर
हर पल खर्च करने के लिए नहीं—
हर पल महसूस करने के लिए है।
जो बीत गया,
वह अनुभव बन गया। जो मिला,
वह कृतज्ञता बन गया। हमने यह खोया,
और हमने यह पाया। शायद
यही 2025 की
सबसे बड़ी सीख है। अलविदा 2025।
स्वागत 2026—
और अधिक सजग,
और अधिक करुणामय
इंसान बनने के संकल्प के साथ।                          ईश्वर से यही प्रार्थना है। प्रधानमंत्री मोदी जी दीर्घायु हो और उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित सशक्त और शांतिपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़ता रहे, ताकि नागरिक निश्चिंत होकर सुख की नींद सो सके।
मोरहाबादी में 'सपनों की उड़ान': सीएम हेमन्त सोरेन ने 1910 सीजीएल अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र; कहा— "युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जाएंगे


रांची | राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान आज हजारों युवाओं के उत्साह और मुस्कान का गवाह बना। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जेएसएससी सीजीएल-2023 परीक्षा के माध्यम से चयनित 1910 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला पारदर्शी तरीके से जारी रहेगा।

साजिशें नाकाम, संघर्ष की हुई जीत

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीजीएल परीक्षा को लेकर कई बाधाएं आईं और संगठित गिरोहों ने साजिश रचने की कोशिश की, लेकिन सरकार की नेक नियति और पारदर्शिता के कारण आज अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा, "इरादे नेक हों तो सफलता जरूर मिलती है। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम कर हमने युवाओं को उनका हक दिया है।"

भ्रष्टाचारियों को कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा या परीक्षाओं में गड़बड़ी की साजिश रचेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सीधा जेल भेजा जाएगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से अपील की कि वे उसी मेहनत और निष्ठा से राज्य की सेवा करें, जिससे उन्होंने यह परीक्षा पास की है।

एक साल में 10 हजार से ज्यादा नियुक्तियां

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में सरकार गठन के बाद मात्र एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग—गरीब, किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल

सीएम ने घोषणा की कि सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए बैंकों के साथ एमओयू किया गया है, जिसके तहत दुर्घटना की स्थिति में 1 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। यह सुविधा स्थायी कर्मियों के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों के लिए भी लागू होगी।

भावुक कर देने वाली सफलता की कहानियां

मंच पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • अनिल रजक (कोडरमा): पिता के देहांत के बाद ऑटो चलाकर परिवार पालने वाले अनिल ने संघर्ष जारी रखा और आज अधिकारी बने।
  • निशा तिग्गा: लंबे संघर्ष के बाद पारदर्शिता के साथ चयन होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

  • कविता पहाड़िया: संथाल क्षेत्र से आने वाली कविता ने नियुक्ति पत्र पाकर अपनी खुशी जाहिर की।

गरिमामय उपस्थिति

समारोह में मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, दीपक बिरुवा, संजय प्रसाद यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा सहित कई वरीय अधिकारी और विधायक उपस्थित थे।


माघ मेला-2026:के दृष्टिगत में उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मण्डल ने सभागार में संयुक्त ब्रीफिंग सभा का आयोजन

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।माघ मेला–2026 के सफल.सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मण्डल के मण्डल सभागार में संयुक्त ब्रीफिंग सभा का आयोजन किया गया।बैठक का उद्देश्य मेला अवधि के दौरान रेलवे सुरक्षा व्यवस्था यात्री सुविधाओ भीड़ प्रबन्धन तथा विभिन्न विभागो के बीच समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करना रहा।संयुक्त ब्रीफिंग सभा में अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी.मण्डल रेल प्रबन्धक (DRM)प्रयागराज रजनीश अग्रवाल वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबन्धक (Sr.DCM)हरिमोहन महानिरीक्षक रेलवे सुरक्षा बल (IG/RPF)प्रदीप कुमार गुप्ता पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज प्रशान्त वर्मा वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त (Sr.DSC/RPF) विजय प्रकाश पंडित एवं सहायक सुरक्षा आयुक्त(ASC/RPF) सुदीप कुमार घोष सहित रेलवे GRP एवं RPF के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक में माघ मेला–2026 के दौरान रेलवे स्टेशनो एवं प्लेटफॉर्मो पर यात्रियो के आवागमन हेतु एकल मार्ग (वन-वे सिस्टम) व्यवस्था स्टेशन परिसर एवं बाहरी क्षेत्रो में पर्याप्त होल्डिंग एरिया की स्थापना भीड़ के दबाव के अनुसार चरणबद्ध प्लेटफॉर्म प्रवेशन प्रभावी बैरिकेडिंग अतिरिक्त सीसीटीवी निगरानी तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से निरंतर यात्री जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर विस्तृत चर्चा की गई।इसके अतिरिक्त भीड़ नियंत्रण हेतु संवेदनशील समयावधि एवं स्थलो की पहचान महिला बालक एवं दिव्यांग यात्रियो की विशेष सुरक्षा व्यवस्था अपराध रोकथाम एवं असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी तथा आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने पर सहमति बनी।अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे)प्रकाश डी.ने निर्देशित किया कि मेला अवधि के दौरान रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म ट्रेनो एवं आसपास के क्षेत्रों में निरन्तर निगरानी सघन पैदल एवं मोबाइल पेट्रोलिंग संवेदनशील बिन्दुओ पर अतिरिक्त बल की तैनाती तथा GRP.RPF एवं रेलवे प्रशासन के बीच सतत समन्वय सुनिश्चित किया जाए।उन्होने स्पष्ट किया कि यात्रियो की सुरक्षा एवं सुगम आवागमन सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।संयुक्त ब्रीफिंग सभा के माध्यम से माघ मेला–2026 के दौरान रेलवे सुरक्षा यात्री सुविधा एवं भीड़ प्रबन्धन को लेकर समन्वित प्रभावी एवं व्यावहारिक रणनीति तैयार की गई जिससे श्रद्धालुओ एवं यात्रियों को सुरक्षित सुव्यवस्थित एवं निर्बाध रेल यात्रा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

हजारीबाग: कैनरी हिल में योग शिविर के जरिए गूँजा स्वास्थ्य और साधना का संदेश
हजारीबाग झारखंड के हजारीबाग स्थित प्रसिद्ध कैनरी हिल के मनोरम वातावरण में आयोजित 10 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर अपने पूरे शबाब पर है। 25 दिसंबर से शुरू हुए इस शिविर के पाँचवें दिन साधकों में जबरदस्त उत्साह और अनुशासन देखने को मिला। प्राकृतिक सुंदरता के बीच सकारात्मक ऊर्जा के साथ आज का सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

वैज्ञानिक पद्धति से प्रशिक्षण क्षेत्र के जाने-माने और अनुभवी योग प्रशिक्षक प्रीतम सिंह के कुशल मार्गदर्शन में प्रतिभागियों को योग की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है। आज के विशेष सत्र में निम्नलिखित अभ्यास कराए गए: प्राणायाम और ध्यान: श्वसन तंत्र को मजबूत करने और मानसिक शांति के लिए। सूर्य नमस्कार: शरीर में स्फूर्ति और लचीलापन लाने के लिए। वैज्ञानिक योगासन: विभिन्न शारीरिक व्याधियों से मुक्ति और आंतरिक मजबूती के लिए क्रमबद्ध अभ्यास।

योग: स्वस्थ जीवन का आधार - इस अवसर पर प्रीतम सिंह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए योग के महत्व पर गहरा प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। नियमित योगाभ्यास से न केवल शरीर रोगमुक्त रहता है, बल्कि यह हमारे मन को शांत, संतुलित और सकारात्मक बनाता है।" उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे योग को केवल शिविर तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी दैनिक दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बनाएँ।

आयोजन का उद्देश्य और सहभागित - आयोजकों के अनुसार, इस शिविर का मुख्य उद्देश्य स्थानीय नागरिकों को एक स्वस्थ और तनावमुक्त जीवनशैली के प्रति जागरूक करना है। शिविर में पुरुषों और महिलाओं के साथ-साथ युवाओं की भी भारी संख्या में भागीदारी देखी जा रही है।

मुख्य जानकारी: शिविर की अवधि: 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक। समय: प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से। स्थान: कैनरी हिल, हजारीबाग। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और लोगों को मानसिक एवं आत्मिक शांति प्राप्त हो रही है।

मण्डलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क सुरक्षा पर कड़े निर्देश

*कोहरे के मौसम में सतर्कता, ब्लैक स्पॉट्स और स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच पर बल*

*गोण्डा, 30 दिसम्बर 2025* – देवीपाटन मण्डल के अपर आयुक्त प्रशासन कमलेश चन्द्र की अध्यक्षता में सोमवार को मण्डलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाना, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना तथा यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करना रहा। अपर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि सड़क सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और प्रत्येक विभाग को अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करना होगा।

बैठक में आगामी ठंड और कोहरे के मौसम को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए। अपर आयुक्त ने कहा कि कोहरे में दृश्यता कम हो जाने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए बड़े वाहनों में रिफ्लेक्टर टेप लगवाना अनिवार्य किया जाए। साथ ही सड़क किनारे ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रक अथवा अन्य भारी वाहन खड़ा करने पर रोक लगाने तथा उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

ब्लैक स्पॉट्स पर चर्चा करते हुए अपर आयुक्त ने कहा कि जिन स्थानों पर तीन या उससे अधिक मौतों वाली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, उनका गहन अध्ययन कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। सड़क संकेतक, पर्याप्त रोशनी, गति सीमा निर्धारण तथा सड़क संरचना से जुड़ी कमियों की समीक्षा कर आवश्यक सुधार कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे किए जाएं।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए अपर आयुक्त ने सभी स्कूल वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिवहन सुरक्षा समितियों की नियमित बैठकें आयोजित हों, ताकि बच्चों के आवागमन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न रहे।

बैठक में अपर आयुक्त ने एआरएम रोडवेज को निर्देशित किया कि सभी बस चालकों का नियमित नेत्र परीक्षण कराया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से रात्रि में बस संचालन के दौरान चालकों की दृष्टि सही होना अत्यंत आवश्यक है। नियमित नेत्र परीक्षण से सड़क दुर्घटनाओं की संभावना में कमी लाई जा सकती है।

अपर आयुक्त ने परिवहन एवं पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग तथा नशे की हालत में वाहन चलाने जैसे मामलों में कठोर प्रवर्तन कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ‘राह वीर योजना’ के प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराना सामाजिक दायित्व है और आमजन को इसके लिए जागरूक किया जाए।

इसके अतिरिक्त सड़क किनारे उगी झाड़ियों को तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि झाड़ियों के कारण दृश्यता बाधित होती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। लोक निर्माण विभाग और नगर निकायों को इस संबंध में नियमित अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष नवंबर माह तक सड़क दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 6 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि पर अपर आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताई और सभी विभागों को समन्वित प्रयासों के साथ प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग 730 सी का निर्माण कार्य एक साल में पूरा न होने पर सांसद ने जताई नाराजगी

संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें

ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाए

फर्रुखाबाद l  संसद-सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सांसद मुकेश राजपूत की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। बैठक में एआरटीओ-प्रवर्तन सुभाष राजपूत द्वारा अवगत कराया कि
जनपद में कुल 11 ब्लैक स्पॉट में से 08 राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर हैं। रोहिला चौराहा, बृहमहत्त स्मारक, तथा मसेनी चौराहा का जंक्शन डेवलपमेन्ट का कार्य अभी तक नहीं कराया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी का निर्माण कार्य 23-11-2024 तक पूर्ण होना था परन्तु वर्ष 2025 की समािप्त तक अपूर्ण है। राष्ट्रीय राजमार्ग 730सी पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधिक दुर्घटनाओं के दृष्टिगत सांसद द्वारा बैठक में उपस्थित एनएचएआई के अधिकारियो को निर्देशित किया कि वह नेशनल हाइवे को शीघ्रातिशीघ्र दुरूस्त करायें। इसके साथ ही सांसद  द्वारा शुकरूल्लापुर रेल ओवरब्रिज पर लगी लाइट को शीघ्र चालू कराने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में 19 दिसंबर 2025 से 17 जनवरी 2026 तक ‘‘ नो हेल्मेट नो पेट्रोल ’’ की रणनीति लागू की गयी है। क्षेत्राधिकारी-यातायात एवं जिला पूर्ति अधिकारी के साथ एआरटीओ जनपद के पेट्रोल-पम्पों पर बिना हेल्मेट लगाये पेट्रोल लेने वाले दोपहिया वाहनों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन कार्यवाही करें।
बैठक में एआरटीओ द्वारा बताया गया कि पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 42481 चालान किये गये हैं तथा 187 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 18.92 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में 4155 चालान किये गये हैं तथा 1018 वाहन बन्द किये गये हैं, जिनसें रू0 219.33 लाख प्रशमन शुल्क वसूला गया। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के निर्देशों के अनुपालन में जनपद में वर्ष 2025 में 265 ड्राइविंग लाइसेन्स निलम्बित किये गये हैं।
एआरटीओं ने बताया कि शासन के निर्देश पर सड़क सुरक्षा माह का आयोजन एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक किया जायेगा। इस सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त द्वारा पंचायती राज विभाग को ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधानों की बैठक आहूत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधानों को ग्राम सड़क सुरक्षा समिति के अन्तर्गत उस ग्राम का सड़क सुरक्षा अग्रदूत घोषित किया जाये।सांसद द्वारा ट्रैक्टर-ट्रालियों में रिफ्लेक्टिव टेप लगवाने के निर्देश भी दिये गये।
इस दौरान बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, विधायक, अमृतपुर सुशील कुमार शाक्य, विधायक, भोजपुर नागेन्द्र सिंह राठौर , विधायक कायमगंज डा0 सुरभि गंगवार, पुलिस अधीक्षक श्रीमती आरती सिंह, सीडीओ विनोद कुमार गौड़, अधिशासी अभियन्ता (प्रा0ख0), लो0नि0वि0 श्री मुरलीधर, अधिशासी अभियन्ता (नि0ख0), लो0नि0वि0 अशोक कुमार, सीएमओ डा0 अवनीन्द्र कुमार,  बीएसए विश्वनाथ प्रताप सिंह, डीआईओएस नरेन्द्र पाल सिंह, डीएसओ सुरेन्द्र यादव, डीपीआरओ राजेश चौरसिया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
शहीद पथ के समीप बनेगा नया संस्कृति भवन, भातखण्डे विवि का परिसर होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का: जयवीर सिंह
* लखनऊ दर्शन के लिए 1090 से रेजीडेंसी तक चलेगी डबल डेकर बस, 6 जनवरी को पर्यटन मंत्री करेंगे शुभारम्भ

ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राजधानी लखनऊ में शहीद पथ के समीप नया संस्कृति भवन स्थापित किया जाएगा। इस संस्कृति भवन में संस्कृति विभाग के अधीन आने वाली विभिन्न निदेशालयों के कार्यालयों को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को इसके लिए भूमि व्यवस्था की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

पर्यटन भवन के सभागार में आयोजित संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के नए परिसर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इसके साथ ही राजधानी में पर्यटन एवं संस्कृति पार्क विकसित किया जाएगा, जिसमें पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी प्रमुख वस्तुओं का प्रदर्शन होगा। इसकी शुरुआत 17 नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले पार्कों से की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि लखनऊ भ्रमण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटकों के लिए 1090 चौराहे से रेजीडेंसी तक डबल डेकर बस संचालित की जाएगी। इस बस का शुभारम्भ 6 जनवरी को पूर्वाह्न 10:30 बजे पर्यटन मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया जाएगा। शुभारम्भ के दिन मीडिया के लिए यह यात्रा निःशुल्क रखी गई है। लखनऊ दर्शन का उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर राजधानी को एक नए पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है।

जयवीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगरा और काशी की तर्ज पर लखनऊ को भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए ठोस परियोजना तैयार की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन संग्रहालयों, स्मारकों और सांस्कृतिक केंद्रों के कार्यों को शीघ्र एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा कराने के निर्देश दिए। साथ ही ग्राम पंचायतों को वितरित किए जाने वाले वाद्ययंत्रों की खरीद में गुणवत्ता, पारदर्शिता और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।

पर्यटन मंत्री ने निर्माण कार्यों और वृहद योजनाओं की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा कि अधिकारी कार्यों को उलझाने के बजाय सुलझाने की मानसिकता के साथ आगे बढ़ाएं। अनावश्यक विलंब या फाइलें लटकाने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 में आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की स्थिति की बिंदुवार समीक्षा भी की।

बैठक में तीर्थ विकास परिषदों के कार्यों, भारत सरकार से जुड़े लंबित प्रकरणों, एमओयू, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के म्यूजियम एवं संग्रहालय, विभिन्न जिलों में रामलीला मैदानों के सौंदर्यीकरण तथा रायबरेली, बदायूं, कन्नौज, चित्रकूट और लखनऊ में निर्माणाधीन सांस्कृतिक केंद्रों की समीक्षा की गई। पर्यटन स्थलों पर शिलालेखन, वे-साइड एमेनिटीज और प्रचार-प्रसार की प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संजय सिंह, एमडी पर्यटन विकास निगम आशीष कुमार, अपर निदेशक संस्कृति डॉ. सृष्टि धवन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
पेसा नियमावली को लेकर राज्य सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का हमला।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम की नियमावली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई यह नियमावली पेसा अधिनियम, 1996 के मूल प्रावधानों और भावना के बिल्कुल विपरीत है।

श्री दास ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी के अनुसार सरकार ने ग्राम सभा की परिभाषा में परंपरागत जनजातीय व्यवस्था और रूढ़िगत नेतृत्व को सीमित कर दिया है। जबकि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की परिकल्पना परंपरागत रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचना के अनुरूप की गई है। उन्होंने विभिन्न जनजातीय समुदायों की परंपरागत ग्राम नेतृत्व व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि संथाल समुदाय में मांझी-परगना, हो समुदाय में मुंडा-मानकी-दिउरी, खड़िया समुदाय में ढोकलो-सोहोर, मुंडा समुदाय में हातु मुंडा, पड़हा राजा, पाहन, उरांव समुदाय में महतो, पड़हावेल (राजा), पाहन तथा भूमिज समुदाय में मुंडा, सरदार, नापा और डाकुआ जैसे पारंपरिक पदों को सदियों से मान्यता प्राप्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4(क), 4(ख), 4(ग) और 4(घ) में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान है कि ग्राम सभा का गठन, संचालन और प्रतिनिधित्व जनजातीय समुदायों की परंपराओं, रूढ़ियों, सामाजिक-धार्मिक प्रथाओं और संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन के अनुरूप होगा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में इन प्रावधानों को नजरअंदाज कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या नई नियमावली के तहत ग्राम सभा की अध्यक्षता ऐसे लोगों को दी जाएगी जो परंपरागत जनजातीय व्यवस्था से नहीं आते या जो संबंधित समुदाय और परंपरा से भिन्न पृष्ठभूमि रखते हैं। इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

श्री दास ने कहा कि पेसा कानून के तहत ग्राम सभा को लघु खनिजों, बालू घाटों, वन उत्पादों और जल स्रोतों जैसे सामूहिक संसाधनों पर पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार दिया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में इन संसाधनों पर ग्राम सभा को अधिकार मिलेगा या फिर सरकार का नियंत्रण पूर्व की भांति बना रहेगा।

प्रेस वार्ता के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट स्तर पर नियमावली बनाकर आदिवासी समाज को केवल “लॉलीपॉप” दिखाने और उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी रूढ़िवादी व्यवस्था को समाप्त करना नहीं, बल्कि उसे कानूनी संरक्षण देकर और अधिक सशक्त बनाना है, ताकि आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक न्याय प्रणाली और प्राकृतिक संसाधनों पर अपना अधिकार बनाए रख सकें।

उन्होंने राज्य की जनता के भावना के अनुरूप राज्य सरकार से जल्द पेसा की नियमावली को जारी करने की मांग किया।

इस प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, योगेन्द्र प्रताप सिंह, अशोक बड़ाईक एवं रवि मुंडा भी उपस्थित थे।

डीएम के जांच आदेश पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी

दो बार भुगतान फिर भी नहीं बना कुएं का जगत

गांव में विकास कार्यों के नाम पर स्वयंभू प्रधान का कारनामा

जिलाधिकारी से जांच कराकर की गई थी कार्रवाई कि मांग


मीरजापुर। जिले के हलिया विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मनिगढा में विकास कार्यों के नाम पर हुए वित्तीय घोटाले का मामला जोर पकड़ा जा रहा है, तो वहीं घोटाले की फाईलों को दबाएं बैठे ब्लाक स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी जिलाधिकारी के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए आएं हैं। बता दें कि मनिगढ़ा गांव में विकास कार्यों के नाम पर हुए भारी घोटाले और बिना धरातल पर कार्य कराएं ही कागजों में सरकारी धन खर्च दिखाकर हज़म कर लिया गया है।

इस बात का खुलासा होने पर तथा जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार से इस संबंध में तीन सौ पन्नों का शिकायती पत्र सौंप कर जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसपर जिलाधिकारी ने 28 अक्टूबर 2025 को उक्त शिकायत के आधार पर आदेश संख्या 3394/7/शिकायत जांच/2025-26 द्वारा जांच समिति गठित की गई थी।

दुर्भाग्यवश, जांच समिति गठन के दो महीने से अधिक समय बीत जाने के उपरांत भी न तो कोई जांच अधिकारी मौके पर स्थलीय जांच करने पहुंचा है और न ही शिकायतकर्ता को जांच तिथि की सूचना प्रदान की गई। इस बीच प्रधान, सचिव एवं बीडीओ हलिया द्वारा जांच को प्रभावित करने हेतु कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, जिससे मूल अनियमितताएं छुपाई जा रही हैं। ग्रामीणों ने मांग किया है कि गठित जांच समिति को तत्काल प्रभाव से स्थल निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया जाए,जांच के समय शिकायतकर्ता को पूर्व सूचना अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए तथा जांच विलंब के कारण साक्ष्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना के मद्देनज़र दोषियों के विरुद्ध विधिक, अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही साथ संपूर्ण जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

यह है पूरा मामला.........
दरअसल, यह पूरा मामला जिले के हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में हुए उस भारी विकास कार्यों से जुड़ा हुआ है जो धरातल पर हुआ ही नहीं है। जहां सरकार की विकास परक योजनाओं को पलीता लगाते हुए बिना कार्य कराएं ही भुगतान करा लिया गया है। इस मामले में गांव निवासी अब्दुल समद ने बीते महीने जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार को तीन सौ पेज का शिकायती पत्र सौंपकर गांव में लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। मनिगढ़ा गांव निवासी अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को सौंपे गए पत्रक में आरोप लगाया कि उसके घर के सामने स्थित पुराने कुएं के जगत के निर्माण के नाम पर दो बार में एक लाख से ऊपर का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन निर्माण नहीं कराया गया।

कुआं और कुएं का जगत आज भी जस-तस हालात में पड़ा हुआ है। यही नहीं गांव के अन्य विकास कार्य मसलन, तालाब, कुआं, सड़क, मस्जिद इत्यादि के नाम पर भी कागजों पर तो काम करवा दिए गए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। आरोप है कि ग्राम प्रधान का पूरा लेखा-जोखा, लेन-देन कोई और करता है। महिला प्रधान को यह भी पता नहीं है कि उसके गांव के विकास कार्य पर कितनी धनराशि खर्च की गई है और कहां-कहां खर्च किया गया है। गांव के विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये गबन करने की आशंका जताते हुए कहा गया है कि बिना कार्य कराए ही कागज पर कार्य पूर्ण दिखाकर रुपये निकाल लिए गए हैं।

डीएम ने जांच कराके कारवाई का आश्वासन दिया था। डीएम ने इस संबंध में डीपीआरओ को निर्देशित किया था और टीम गठित कर मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपी जाए के निर्देश भी दिए थे, लेकिन डीएम के टीम गठित करने के डेढ़ माह गुजरने के बाद भी मौके पर न तो जांच टीम के अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई कार्रवाई शुरू की गई है।

*मामले में लीपापोती की जताई आशंका*

ग्रामीणों सहित शिकायतकर्ता ने आशंका जताई है कि जिलाधिकारी से हुई शिकायत और जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच टीम गठित करने के बाद गांव के प्राथमिक विद्यालय में सहित कुछ अन्य स्थानों की कृत्रिम फोटोग्राफ तैयार कर लीपापोती की जा रही है, ताकि मूल अनियमितताएं छुपाई जा सकें और जांच को प्रभावित किया जा सके।


*मनरेगा घोटाले की जांच में रहा है हलिया*

गौरतलब हो कि वर्ष 2007-2010 में राज्य के कई जिलों में हुए मनरेगा योजना अन्तर्गत घोटाले में मीरजापुर का हलिया विकास खंड क्षेत्र भी शामिल रहा है यहां के 54 लोगों जिनमें कई अधिकारी कर्मचारी और ग्राम प्रधान इस भ्रष्टाचार घोटाले की जांच में घिरे थे, मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला सीबीआई के हवाले होने पर कई बार सीबीआई की टीम भी हलिया धमक चुकी है। बावजूद गांवों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार थमा नहीं है।
देवदूत बनकर आई सोनभद्र पुलिस: मौत की पटरी पर लेटा था युवक, पुलिस ने ट्रेन रुकवाकर बचाई जान

विकास कुमार

सोनभद्र।कहते हैं 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय', लेकिन सोमवार को शक्तिनगर में इस कहावत को हकीकत में बदलने का श्रेय वहां की पुलिस टीम को जाता है। जब एक शख्स अपनी जिंदगी की डोर तोड़ने के लिए लोहे की पटरियों पर लेट गया, तब शक्तिनगर पुलिस ने फिल्मी अंदाज में दिलेरी दिखाते हुए मौत के पहियों को चंद कदमों की दूरी पर रोक लिया।

खौफनाक मंजर: जब पटरी पर बिछ गई 'मौत'घटना शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया इलाके की है। दोपहर के करीब 1:55 बजे अफरा-तफरी मच गई जब सूचना मिली कि 42 वर्षीय संतोष केशरी नाम का व्यक्ति रेलवे ट्रैक पर सुसाइड के इरादे से लेटा हुआ है। पटरियों पर दूर से आती ट्रेन की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही थी और समय रेत की तरह हाथ से फिसल रहा था।डायल-112 की मुस्तैदी और 'सुपरकॉप' एक्शन जैसे ही सूचना डायल-112 के जरिए पुलिस तक पहुंची, थानाध्यक्ष कमल नयन दूबे अपनी टीम के साथ बिना एक पल गंवाए मौके की ओर दौड़ पड़े।

युवक को सकुशल थाने लाने के बाद पुलिस ने सिर्फ कानूनी कार्रवाई नहीं की, बल्कि एक अभिभावक की भूमिका निभाई। संतोष की काउंसलिंग की गई और उसे जीवन का महत्व समझाया गया। बाद में उसके परिजनों को बुलाकर, युवक को समझा-बुझाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया।इस जीवन रक्षक अभियान में थानाध्यक्ष कमल नयन दूबे, कांस्टेबल अक्षय यादव, हेड कांस्टेबल राजेश कुमार सरोज और होमगार्ड चालक नागेंद्र नाथ चौबे की भूमिका की पूरे जिले में सराहना की जा रही है।