झारखंड के मौसम ने ली नई करवट: शीतलहर थमने से 10 जिलों का पारा 10°C से ऊपर; 23 नवंबर से छा सकते हैं आंशिक बादल

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रांची: झारखंड के मौसम ने 19 नवंबर से नई करवट ली है, जिससे राज्य में शीतलहर का प्रकोप थम गया है और कनकनी कम हो गई है। मौसम केंद्र, रांची के मुताबिक उत्तरी-पूर्वी हवाओं के चलने से यह बदलाव आया है। दो दिन पहले तक राज्य के 10 जिलों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे था, जो अब 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है।

आगामी दिनों का मौसम पूर्वानुमान

22 नवंबर तक: सुबह के वक्त हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा रह सकता है, लेकिन बाद में आसमान साफ रहेगा।

23 नवंबर से 25 नवंबर तक: सुबह को कोहरा या धुंध के बाद आसमान में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। इस दौरान भी न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने का अनुमान है।

तापमान की स्थिति

पिछले 24 घंटों में तापमान में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है:

न्यूनतम तापमान: गुमला में 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि दो दिन पहले यह 6.6 डिग्री सेल्सियस था। 19 नवंबर को शाम 5:30 बजे तक डाल्टनगंज में 11.3°C, रांची में 12.4°C, और जमशेदपुर में 13.6°C रिकॉर्ड हुआ।

अधिकतम तापमान: गोड्डा में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है।

लापरवाही से बचने की सलाह

मौसम केंद्र ने राहत के बावजूद राज्यवासियों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। सुबह धूप निकलने से पहले और शाम को सूर्य ढलने के बाद ठंड का अहसास जारी रहेगा।

बीपी के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों का सेवन करें।

गर्म भोजन का सेवन, व्यायाम, योगा और विटामिन-सी से भरपूर फल/सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी गई है, ताकि ब्लड सर्कुलेशन बना रहे।

आजमगढ़ : तहबरपुुुुर में आयोजित खेल क्रीड़ा प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया दमखम दिखाया, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत
जमगढ़। शिक्षा क्षेत्र तहबरपुुुुर में पड़ने वाले श्री शंकर जी दुर्गा जी इण्टर कालेज खरचलपुर के प्रांगण में बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं अपना दमखम दिखाया। बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का उद्घाटन उपजिलाधिकारी निजामाबाद चन्द्र प्रकाश सिंह व खण्ड शिक्षा अधिकारी व्यास देव ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित, माल्यार्पण, ध्वजारोहण एवं शांति एवं सदभाव का प्रतीक कबूतर उड़ाकर किया। तत्पश्चात गत वर्ष चैम्पियन द्वारा मशाल जुलूस के बाद पीटी प्रदर्शन के साथ खेल का शुभारंभ हुआ। प्रतियोगिता में दौड़ जूनियर बालक वर्ग 100 मी दीपक प्रथम धनियाकुंडी, ऋषभ द्वितीय यूपीएस गौरा, किशन तृतीय यूपीएस चकवारी, 200 मीटर बालक वर्ग ऋषभ कंपोजिट विद्यालय बड़सरा खालसा,शैलेश द्वितीय पीएम श्री धनियाकुंडी, प्रदीप यादव तृतीय यूपीएस लखनूपुर, 400 मी बालक वर्ग आदर्श प्रथम जमालपुरकाजी, कुलदीप गौड़ द्वितीय यूपीएस चकबारी, दुर्ग विजय तृतीय पीएम श्री धनियाकुंडी, बालिका वर्ग जूनियर 100 मी प्रतिस्पर्धा में अंतिमा प्रथम कंपोजिट विद्यालय बड़सरा खालसा, सृष्टि द्वितीय कंपोजिट विद्यालय सरदहा, दुर्गविजय तृतीय पीएम श्री धनियाकुंडी, 200 मीटर बालिका वर्ग में आंचल प्रथम कस्तूरबा तहबरपुर, अंकिता द्वितीय यूपीएस धनियाकुंडी, वैष्णवी तृतीय चंदाभारी, प्राथमिक दौड़ बालक वर्ग 50 मी, शिव शंकर प्रथम प्राथमिक विद्यालय मधशिया द्वितीय, साहिल शर्मा द्वितीय प्राथमिक विद्यालय पूराअचानक, आकाश यादव तृतीय प्राथमिक विद्यालय मुकुंदपुर,100 मी बालक वर्ग प्रतिस्पर्धा में प्रिंस यादव प्रथम पूराअचानक उदयभान द्वितीय धनिया कुंडी शशांक यादव तृतीय प्राथमिक विद्यालय नवापुरा, 200 मी बालक वर्ग प्रतिस्पर्धा में श्रेयांश प्रथम मुकुंदपुर, उदयभान द्वितीय धनियाकुंडी, करन तृतीय मधसिया द्वितीय। 400 मी बालक वर्ग प्रतिस्पर्धा में आयुष प्रथम पूराअचानक, रवि यादव द्वितीय नवापुरा, आर्यन तृतीय मधसिया द्वितीय स्थान पर रहा। इसके अलावा बाली बाल,कबड्डी,खो खो, कुश्ती, सुलेखा मानचित्र, अंताक्षरी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्र छात्राओं ने अपना जौहर दिखाया। खेल भावनाओं को जगाने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी व्यास देव व खेल प्रभारी नर्वदेश्वर उपाध्याय ने विजेताओं को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तहबरपुुुुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डाक्टर सुशील अग्रहरी, निजामाबाद नगर पंचायत के चेयरमैन अलाउद्दीन, संतोष राय,स्वामी नाथ यादव, दिनेश पाल,राम आशीष राय, संतोष राय, सुबेदार यादव, राजभवन,ममता राय, शालिनी राय, नीलम यादव राजकुमार यादव ,उदय प्रताप, हनुमान गुप्ता, गुरु प्रसाद गुप्ता, दिनेश यादव, संतोष कुमार यादव, चन्द्र शेखर राय,लाल चंद, सुरेश राम,लाल जी यादव, दिनेश यादव,सहित शिक्षक शिक्षिकाये एवं अभिभावक मौजूद रहे।
रामगढ़ जिले में दिशा की बैठक हुआ संपन्न, विकास योजनाओं का हुआ रिव्यू

रामगढ़ ज़िला समाहरणालय सभागार में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति (दिशा) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष एवं सांसद मनीष जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में ज़िले में चल रहे विभिन्न विभागों की जनहितकारी और विकास योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की प्रगति पर चर्चा के साथ ही क्षेत्र की ज्वलंत और गंभीर समस्याओं पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।

सांसद मनीष जायसवाल ने बतौर समिति अध्यक्ष योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन किया और भविष्य में जनहित में विकास कार्यों को धरातल पर सुदृढ़ करने की दिशा में उचित दिशा-निर्देश जारी किए।

बैठक में मनरेगा, अंत्योदय योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम कौशल योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), स्वच्छ भारत मिशन, नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वॉटर प्रोग्राम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम कौशल विकास योजना, नेशनल हेल्थ मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमें

ट स्कीम (आईसीडीएस ) समेत रेलवे, हाईवे, वाटर वेज, माइंस से संबंधित आधारभूत संरचना निर्माण और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई।

इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के माननीय विधायकों और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जनहित में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जिन पर संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने विकास कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी चिंता और नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बैठक में ज़िले के विभिन्न विभागों के कार्यों के पैरामीटर की समीक्षा की गई, और यह पाया गया कि पेयजलापूर्ति, कोयला चोरी रोकने और सड़कों के निर्माण की प्रगति पर पिछली दिशा की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप कोई प्रगति नहीं हुई है ।

 विभिन्न विभागों द्वारा पेश किए गए आंकड़े भ्रमजाल वाले थे, जो ज़मीनी हकीकत को सही तरीके से चित्रित नहीं कर रहे थे।

सांसद जायसवाल ने रामगढ़ ज़िला प्रशासन को गंभीर होने और जनहित में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर ससमय सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने विभागीय उदासीनता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार की कार्यशैली का एक चेतावनी भरा उदाहरण है, जहां अधिकारी निर्देश के बावजूद सिर्फ आंकड़ों के भ्रमजाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है।

सांसद मनीष जायसवाल ने ज़िले के विकास के लिए पेयजलापूर्ति संबंधित विभाग को अगली बैठक से पहले ज़िले की हरेक योजना का विशेष सर्वे कर शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, ग्रामीण खराब सड़कों पर तत्काल कार्य शुरू करने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाने, रामगढ़ ज़िले में व्यापक स्तर पर चल रहे कोयला चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने, ज़िले में एम्बुलेंस की सुविधा को सहज बनाए जाने, सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में भी नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिए जाने, ज़िले के शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण पूरा किए जाने, पेंडिंग पड़े वृद्धा, विधवा, विकलांग और मईया योजना के पेंशनधारियों को तत्काल लाभ दिलाए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य को तेज़ी से प्रगति करने, भुरकुंडा के सेंट्रल स्कूल को सुविधा संपन्न बनाने और हाइवे पर चुटूपालू घाटी तथा मांडू में स्ट्रीट लाइट को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण निर्देश दिया। 

सांसद मनीष जायसवाल ने दोहराया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य यही रहा कि सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो सके।

बैठक में रामगढ़ विधायक ममता देवी, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ़ तिवारी महतो, ज़िला परिषद अध्यक्ष सुधा देवी, रामगढ़ के उपायुक्त सह समिति के सचिव फैज़ अक अहमद मुमताज़, उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल, रामगढ़ जिला सांसद प्रतिनिधि राजीव जायसवाल सहित ज़िले के विभिन्न प्रखंडों के प्रमुखगण, तथा रामगढ़, दुलमी, चितरपुर, गोला, मांडू और पतरातु प्रखंड के चयनित मुखिया सह समिति सदस्यगण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

एनटीपीसी व ग्रामीणों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता में ग्रामीणों के रखे कई प्रस्ताव।

केरेडारी से रोहित गोस्वामी की रिपोर्ट

केरेडारी:केरेडारी प्रखण्ड मुख्यालय सभागार में बुधवार को एनटीपीसी के केरेडारी कोयला खनन परियोजना एवं भु रैयत के बीच बैठक हुई।बैठक की अध्यक्षता हजारीबाग एसडीओ बैजनाथ कमाते ने की।बैठक में कोल माइंस विस्तार को लेकर चर्चा की गई।बैठक में मुख्य रूप से सीओ रामरतन वर्णावल व एनटीपीसी के एजीएम सुभाष प्रसाद गुप्ता व केरेडारी कोल माइंस के सैकड़ों रैयत उपस्थित थे।रैयतों ने बारी बारी से अपनी समस्या अधिकारियों के समक्ष रखा,पाण्डु गांव का रैयत मो शमीम ने कहा कि केरेडारी कोयला खनन परियोजना के अधिकारी जो कहते है,उस पर खरा नही उतरते है,पाण्डु गांव में स्कूल व पंचायत भवन तोड़े वर्षो हो गया, पर अब तक नही बना है,इसके अलावे एनटीपीसी द्वारा अभी तक पुनर्वास के बारे में सोचा नही गया है।जब तक के एनटीपीसी पांडु व बालेदेवरी गांव के रैयतों को पुनर्वास व विस्थापन के बारे में नही सोचेगा तबतक हमलोग घर मेजरमेंट नही करायेगें,वहीं आगे मो आबादी ने कहा कि एनटीपीसी का बीजीआर कंपनी तक जाने का सड़क नही है।ग्रामीण सड़क से देशवारी लोचर होते हुए भारी वाहनों का परिचालन कर रहा है,जिससे लोगो काफी डर बना रहता है।सड़क भी जर्जर है,मुखिया पुत्र शमशाद अंसारी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व मेरे गांव में एक्सीडेंट में एक युवक की मौत हो गई थी,जिसका वार्ता के दौरान एनटीपीसी के अधिकारी लिखित दिए थे ,उनका विस्थापन का लाभ देंगे किंतु लगभग एक वर्ष होने चला,लेकिन पिडीत परिवार का लाभ नहीं मिल पाया है।इस विषय पर एसडीओ ने एनटीपीसी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए और कहा की अभिलंब इस विषय पर कार्य करें।इस मौके पर बीजीआर कोल माइंस जीएम श्री निवास राव,व पाण्डु गांव के बड़ी संख्या में रैयत शामिल थे।

*घरेलू सिलेंडरों पर विभाग की ‘चयनात्मक’ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल*, *हलवाई कि दुकानों पर क्यों नहीं जाँच*:

मेरठ। शहर में घरेलू गैस सिलेंडरों के अवैध उपयोग पर विभाग की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। कुछ चुनिंदा स्थानों पर छापेमारी के बाद ऐसा लग रहा है कि विभाग की सक्रियता एक-दो मामलों तक ही सीमित रह गई है, जबकि पूरे शहर में इस खतरे का दायरा कहीं बड़ा है।

हरिया लस्सी पर कार्रवाई, लेकिन बाकी शहर क्यों सुरक्षित?

बीते दिनों लालकुर्ती स्थित हरिया लस्सी पर घरेलु सिलेंडरों के गलत उपयोग को लेकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए सिलेंडर जब्त किए। लेकिन इसके बाद विभाग की गतिविधियां अचानक सुस्त पड़ती दिखाई दे रही हैं। सवाल यह उठ रहा है कि एक दुकान पर कार्रवाई कर देना क्या पूरे शहर को सुरक्षित कर देता है? सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर घरेलू सिलेंडरों का खुलेआम इस्तेमाल :

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर अधिकांश फास्ट फूड के ठेले, चाट-स्टॉल और हलवाई की दुकानों में खुलेआम घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। ये सिलेंडर सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए अधिकृत हैं, ऐसे में बाजारों में चल रहा यह प्रयोग न सिर्फ अवैध है बल्कि कभी भी बड़ा हादसा कराने की क्षमता रखता है। साथ हीं सूरजकुंड पार्क के पास लगने वाले ठेलों पर विभाग की नजर क्यों नहीं? ये भी एक सवाल है! सूरजकुंड पार्क के पास शाम होते ही दर्जनों ठेले सजते हैं, जहां खानपान का कारोबार घरेलू सिलेंडरों पर ही चलता है। यहां भी स्थिति कम खतरनाक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी कई बार इस रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य है।

क्या विभाग शिकायत का इंतजार करता है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विभाग स्वयं सघन जांच करेगा या फिर सिर्फ शिकायत आने पर ही एक्टिव होगा? यदि शिकायत-आधारित कार्रवाई ही होनी है, तो शहर में फैल रहे इस गैस-खतरे को रोकना असंभव हो जाएगा।

लोगों का कहना है कि विभाग को चाहिए कि—

सभी बाजारों में सघन अभियान चलाए,

अवैध सिलेंडर उपयोग करने वालों को चेतावनी के साथ नोटिस जारी करे,

और बार-बार दोहराने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग सिर्फ अवैध नहीं, बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ है। विभाग को चाहिए कि एक-दो जगह की औपचारिक कार्रवाई के बजाय पूरे शहर में समान रूप से जांच अभियान चलाए, ताकि किसी बड़े हादसे को होने से रोका जा सके।

गड्ढो का पानी पीने को मजबूर. बुनियादी सुविधाओ के अभाव से ग्रामीण परेशान।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत मेजा क्षेत्र सिलौधी और सिरहीर गांव के पहाड़ी इलाको में जीवन आज भी संघर्ष का पर्याय बना हुआ है।यहां के ग्रामीणों को सबसे बड़ी समस्या साफ पेयजल की है। आधुनिक दौर में जब सरकारे हर घर नल जल योजना, पाइपलाइन टैंक और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का दावा करती है वही मेजा की पहाड़ियों पर रहने वाले हजारों लोग आज भी गड्ढों और प्राकृतिक जलस्रोतो में जमा हुए पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।यह तस्वीर विकास के सरकारी दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों पहले जब कोई व्यवस्था नहीं थी तब लोग गड्ढो पोखरो और तालाबो का ही सहारा लेते थे लेकिन समय बदलने के बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए है।बरसात का पानी पहाड़ी चट्टानो के बीच बने गड्ढों में भर जाता है और वही धीरे-धीरे महीनो तक जमा रहता है। इसी गंदे और प्रदूषित पानी का उपयोग ग्रामीण पीने नहाने और जानवरों को पिलाने तक के लिए करते है।साफ पानी की सुविधा न होने से ग्रामीण न चाहते हुए भी इसी पर निर्भर रहने को मजबूर है।गांव के निवासी रामचरन बताते है सरकार कहती है कि हर घर नल से पानी मिलेगा लेकिन हमारी पहाड़ियो पर न कोई पाइपलाइन बिछी और न ही कोई टंकी बनी।हम आज भी गड्ढों का पानी पीते है।बीमार हों तो अस्पताल भी दूर है।वही शारदा देवी कहती है “बरसात में पानी भर जाता है वही पी लेते हैं। सूखे के दिनों में पानी के लिए मीलो चलना पड़ता है। कई बार बच्चे पेट दर्द, उल्टी-दस्त से बीमार पड़ जाते है।ग्रामीणो का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्यों को हमेशा पीछे कर दिया जाता है। न पेयजल की योजना लागू होती है न सड़के बन पाती हैं। कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियो को शिकायत की गई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि क्षेत्र के बारे में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन क्रियान्वयन शून्य रहता है।ग्राम प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते है कि यदि पहाड़ी इलाके में जल्द ही स्थायी पेयजल व्यवस्था नही की गई तो आने वाले दिनों में गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।उन्होंने मांग की है कि यहां हैंडपंप ट्यूबवेल टंकी और पाइपलाइन की व्यवस्था की जाए, ताकि ग्रामीणों को गंदा पानी पीने से मुक्ति मिल सके।मेजा क्षेत्र की यह तस्वीर बताती है कि विकास के दावे और वास्तविकता में कितना बड़ा अंतर है।आज भी कई गांव बुनियादी सुविधाओ से वंचित है और ग्रामीण अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के भरोसे ही जीने को मजबूर हैं।

यातायात माह के अन्तर्गत गोण्डा पुलिस द्वारा स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में व्यापक यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में यातायात माह-नम्बर 2025 के अंतर्गत जनपद में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन हेतु निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज

19.11.2025 को क्षेत्राधिकारी यातायात राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में एक विशेष यातायात जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में टीएसआई राकेश सिंह द्वारा कॉलेज के लगभग 350 छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। छात्रों को यातायात संकेतों की पहचान, हेलमेट एवं सीटबेल्ट के अनिवार्य उपयोग, ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग के दुष्परिणाम, मोबाइल फोन का वाहन चलाते समय प्रयोग न करने तथा पैदल चलते समय सड़क सुरक्षा के मानकों के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों द्वारा छात्रों से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने एवं अपने परिवार तथा समाज के अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की अपील की गयी साथ ही बताया गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं, जिन्हें केवल सतर्कता और नियमों के पालन से रोका जा सकता है।

यातायात माह के दौरान गोण्डा पुलिस द्वारा विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं जनसमुदाय के बीच इसी प्रकार के जन-जागरूकता कार्यक्रम आगे भी निरंतर रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे जनपद में सुरक्षित एवं अनुशासित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

महत्वपूर्ण संदेश-

01. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन अथवा इयरफोन का प्रयोग न करें।

02. नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाना पूर्णतः वर्जित है।

03. दोपहिया वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

04. चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य है।

05. निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियाँ बैठाना व निर्धारित गति सीमा से अधिक वाहन चलाना दण्डनीय अपराध है।

06. दायें-बायें मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग करें।

06. दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी न बैठाएं।

07. वाहन निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें।

08. वाहनों के आगे एवं पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाना आवश्यक है।

09. एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड वाहनों को जाने हेतु पहले रास्ता प्रदान करें।

10. नशे अथवा मादक पदार्थों का सेवन कर वाहन न चलाएं।

11. सड़क पर वाहन चलाते समय स्टंट न करें।

12. सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्तियों की मदद करें एवं 112 डायल कर सूचना दे।

सीडीओ की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन

रमेश दूबे

जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग द्वारा किसान दिवस का आयोजन किया गया।

बैठक में किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र राय ने कहा की गन्ना खरीद केंद्र की व्यवस्था सही नहीं चल रही है जिसे सचिव लोगों को देखना चाहिए। इस पर वरिष्ठ गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि इस वक्त इस जनपद में आठ केंद्र चल रहे हैं उन केन्द्रों पर अभी शेड की व्यवस्था नहीं हो पाई है परंतु बैनर लगा है। इस केंद्र पर गन्ने की चढ़ाई और उतराई बिल्कुल निःशुल्क है। मलोराना गांव के गणेश चौधरी द्वारा बताया गया कि उनके गांव में एक सांड का आतंक बुरी तरह से है जिसने कई लोगों की फसल बर्बाद कर दिया है, इस पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि इसको पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है, शीघ्र है सांड पकड़ में आ जाएगा।

राम शंकर यादव ग्राम हरदा बघौली के द्वारा सरकारी समितियां के बारे में बताया गया कि इनका कार्य सुचारू रूप से नहीं चल रहा है एवं अधिकांश समितियां बंद रह रही हैं, इस पर सहायक आयुक्त सहकारिता द्वारा अवगत कराया गया कि इस विकासखंड में कुल 11 समितियां हैं जिसमे से चार समितियां क्रियान्वित हैं।

जनपद के किसानों द्वारा अवगत कराया गया कि जो क्रॉप कटिंग विभाग द्वारा कराया जा रहा है उसमें जो रिपोर्ट दी जा रही है इससे सत्यापन में समस्या हो रही है और अगर सत्यापन कम होगा तो किसान अपने धान को बेच नहीं पाएंगे, अभी तक जो भी क्रॉप कटिंग कराई गई इसकी रिपोर्टिंग गलत की जा रही है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने अवगत कराया कि जो जिले का औसत है उसी के हिसाब से निर्धारण किया जाता है।

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने बताया कि जो उत्पादन चावल का होता है उसी का संशोधन कर भेजना होता है। इसी क्रम में कठईचा के किसानों ने शिकायत किया कि क्रॉप कटिंग हेतु आदेश हुआ था लेकिन अभी तक क्रॉप कटिंग नहीं कराई के जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल क्रॉप कटिंग करवाए जाने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि हर केंद्र पर धान खरीद की व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही एक रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए एवं जो किसान धान के विक्रय हेतु अपना नंबर लगायें उसका नंबर उसे बता दिया जाए। खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभी तक जनपद में 401 मेट्रिक टन धान की खरीद हुई है एवं भारत सरकार द्वारा विक्रय की अन्यत्र अनुमति नहीं मिल पा रही है।

खरीद के क्रम में 105 किसानों से 401 में मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है और इस जनपद का कुल खरीद लक्ष्य 4000 मेट्रिक टन है। अभी तक कुल 64 किसानों का भुगतान किया गया है।वर्तमान में बोई गई धान की फसल तेलंगाना सोने की शिकायत करते हुए किसानों ने कहा कि इसकी उपज बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई एवं धान में बालियां तो लगी है जिसमें दानों का अभाव है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि हम यह प्रकरण कृषि निदेशक के संज्ञान में ला दिया गया है शीघ्र समस्या का समाधान किया जाएगा।

नाथनगर के कृषक राजेंद्र राय ने अवगत कराया कि धान खरीद केंद्र और बढ़ाना चाहिए क्योंकि जनपद में धान खरीद केंद्र कम है इनकी संख्या बढ़ेगी तभी किसान अपना धान विक्रय कर पाएगा। इन्होंने यह भी अवगत कराया कि किसी विभाग में पोस मशीन पर अंगूठा नहीं लग पा रहा है जिसके बारे में उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में दर्शन पोर्टल बदलकर दर्शन 2 हो गया है और इसकी सेवा प्रदाता कंपनी बदल गई है जिससे यह बंद है, शीघ्र इस संदर्भ में निदेशालय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी जिससे पोर्टल संसोधन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। किसानों की समस्याओं का समाधान हेतु वर्तमान में उप कृषि निदेशक कार्यालय में इसका काउंटर निरंतर चल रहा है जिसमें किसानों के जमीन का संशोधन किया जा रहा है।

बैठक में किसानों द्वारा कहा गया कि कुछ गोदामों पर यूरिया वितरण की व्यवस्था होनी चाहिए विशेष कर वहां जहां ट्रिपल सुपर फास्फेट 48% है वहां पर यूरिया पहुंचाई जाए। इस क्रम में पीसीएफ द्वारा अवगत कराया गया कि कल 12 जगह पर यूरिया भेजी जा रही है | किसानों ने कहा कि हर केंद्र पर बोर्ड लगना चाहिए कि उत्पाद की कीमत कितनी है।

नाथनगर एवं धनघटा के किसानों ने अवगत कराया की सड़क के किनारे काफी झाड़ियां हो गई हैं जैसे निरंतर ही दुर्घटना का भय बना रहता है एवं दुर्घटना हो भी रही है। राजेंद्र राय एवं राम दरस यादव ने कहा कि यह स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि हमेशा इस पर दुर्घटना की संभावना बनी रही है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता को कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया।

विकासखंड नाथ नगर के ग्राम साखी के प्रगतिशील किसान राजमणि राय ने अवगत कराया कि जनपद में छुट्टी जानवरों की संख्या काफी बढ़ गई जो फसलों को बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया की कथैचा केंद्र पर इन जानवरों को भेज कर इन्हें रखा जा सकता है।

सत्य प्रकाश चौधरी भोजपुर ग्राम बघौली ने अवगत कराया की खाद नहीं प्राप्त हो रही एवं किसानो को अन्य जगह से खाद लेनी पड़ रही है, उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा सहायक आयुक्त सहकारिता से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि 15 किसानों की एक समिति स्थापित करें जिस पर सहायक आयुक्त सहकारिता ने अवगत कराया कि अगर जमीन की प्राप्ति हो जाए तो नई समिति गठित हो सकती है। इसी क्रम में के कृषक राजेंद्र राय ने कहा कि जो समिति सचिव के बिना चल रही है है उस पर एक पढ़ा लिखा सचिव रखा जाए जो खाद बिक्री कर सके।

इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह, ए आर को-ऑपरेटिव आनंद मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी समुद्रगुप्त मल्ल, एसडीओ विद्युत केएन शुक्ला, डिप्टी आरएमओ कमलेश सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के तिवारी, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज व प्रगतिशील कृषक सुरेंद्र राय सहित जनपद के सम्मानित किसान भाई आदि उपस्थित रहे।

सोनभद्र खनन हादसा: 7 शव बरामद, दर्जन भर फंसे! मजदूर नेता मंगल तिवारी ने सीएम योगी से की भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों जांच की मांग

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश: सोनभद्र जिले के बिल्ली-मारकुण्डी घाटी में बीते शनिवार को हुए भयंकर खनन हादसे ने प्रदेश में श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हृदय विदारक दुर्घटना में बचाव दल द्वारा अब तक 7 मजदूर मृतकों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अभी भी लगभग एक दर्जन मजदूरों के मलबे में फंसे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार मंगल तिवारी ने इस मामले में गहन जांच की मांग उठाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खदानों में होने वाले श्रमिकों की मौत की गहराई से जांच कराने तथा खनन कारोबारियों से लगाए संबंधित विभाग एवं संलिप्त लोगों की संपत्तियों की जांच की मांग की है।

सीएम योगी को पत्र में मुख्य मांगें

मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन (माकू यूनियन) के महामंत्री मंगल तिवारी ने मुख्यमंत्री से निवेदन भरे शब्दों में कहा है कि यदि उनके प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले मंत्रालय में भी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार तथा अपने पद एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है, तो अन्य मंत्रालयों की स्थिति का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

माकू यूनियन ने उत्तर प्रदेश सरकार की शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए निम्नलिखित निष्पक्ष जांचों की मांग की है:

 दोषी अधिकारियों की जांच: खनन विभाग के संबंधित अधिकारी, स्थानीय पुलिस अधिकारी, सहायक निदेशक कारखाना (ADF) तथा श्रम विभाग के संबंधित मॉनिटरिंग अधिकारी (सहायक श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त) की भूमिका एवं दायित्वों की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

 संपत्ति की विस्तृत जांच: दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं लीज धारकों की संपत्ति की विस्तृत जांच की जाए।

 स्वतंत्र एजेंसी से जांच: इस घटना सहित विगत दो वर्षों में खनन क्षेत्र में मजदूरों के साथ हुई दुर्घटनाओं एवं मौतों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।एनजीटी मानकों पर जांच: मिर्जापुर-सोनभद्र के सभी खनन पट्टों की एनजीटी (NGT) के मानकों के तर्ज पर जांच कराई जाए।

 समान आर्थिक सहायता: सभी दिवंगत श्रमिक आश्रितों को एक समान आर्थिक सहायता मिले।

"यह परिस्थिति शासन-प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न उत्पन्न करती है।"

मंगल तिवारी, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार

भविष्य के लिए बड़े आंदोलन की चेतावनी

मंगल तिवारी ने बताया कि माकू यूनियन श्रमिकों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित संगठन है, जिसका एकमात्र लक्ष्य श्रमिकों और उनके परिवार का उत्थान, उनको मान सम्मान और अधिकार दिलाना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यूनियन का उद्देश्य केवल इतना है कि प्रदेश में कार्यरत श्रमिक भाइयों को सुरक्षा का अधिकार मिले तथा इस भीषण घटना में मारे गए श्रमिकों के परिजनों को शीघ्र न्याय मिल सके।

मंगल तिवारी ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द ही सोनभद्र जिले में श्रमिकों के हक अधिकारों को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, ताकि प्रति वर्ष खदानों में खाक होती मजदूरों की जिंदगी को बचाया जा सके और उन पूँजिपतियों से लेकर सफेदपोशों के कारनामों का भी खुलासा किया जा सके जो इन मजदूरों के कंधों का उपयोग कर अपने लिए सुख-सुविधाएं तो बना लेते हैं लेकिन मजदूरों की जिंदगी जस की तस ही बनी रह जाती है।

IITF 2025 में झारखंड की धूम: सिसल और जूट से गढ़ रही हरित अर्थव्यवस्था की नई पहचान; बंजर भूमि पर खेती से 90,000 मानव-दिवस का रोजगार सृजित

नई दिल्ली: प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में आज झारखंड पवेलियन खास चर्चा में रहा, जहाँ वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग राज्य की हरित अर्थव्यवस्था और सतत विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को प्रमुखता से प्रदर्शित कर रहा है।

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सिसल: हरित नवाचार का मॉडल

झारखंड पवेलियन में सिसल (Agave) आधारित उत्पादों और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया, जो राज्य की उभरती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दर्शाते हैं।

विशेषताएं: सिसल एक ऐसा पौधा है जो कम पानी और प्रतिकूल मौसम में पनपता है। यह प्राकृतिक फाइबर का स्रोत है जिसका उपयोग रस्सी, मैट, बैग और हस्तशिल्प उत्पादों में होता है।

बायो-एथेनॉल की संभावना: सिसल के रस से बायो-एथेनॉल और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएँ भी बढ़ रही हैं, जो इसे हरित नवाचार का एक मजबूत मॉडल बनाता है।

पारिस्थितिक महत्व: सिसल का बंजर और कम उपजाऊ भूमि पर भी उगना इसे भूमि संरक्षण और जलवायु अनुकूल खेती का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

स्थायी आजीविका और रोजगार सृजन

SBO अनितेश कुमार ने सिसल परियोजना की प्रगति साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में 450 हेक्टेयर क्षेत्र में सिसल का रोपण कार्य पूरा हो चुका है। विभाग का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष में इसे 100 हेक्टेयर और बढ़ाना है।

विभाग बड़े पैमाने पर सिसल पौधारोपण कर ग्रामीणों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर तैयार कर रहा है।

"विभाग हर वर्ष लगभग 90,000 मानव-दिवस का रोजगार सृजित कर रहा है, जो ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिरता और हरित विकास को महत्वपूर्ण गति प्रदान कर रहा है।"

जूट उत्पादों से हस्तशिल्प का प्रदर्शन

पवेलियन में प्रदर्शित जूट उत्पाद भी झारखंड की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं। स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए ईको-फ्रेंडली जूट बैग और गृह सज्जा सामग्री, राज्य की कला-कौशल और ग्रामीण कारीगरी की गहराई को दर्शाते हैं।

IITF 2025 में झारखंड पवेलियन का लक्ष्य निवेश, बाजार और तकनीकी सहयोग के नए अवसरों को आकर्षित करना है, ताकि राज्य की ग्रामीण जनता को सशक्त बनाया जा सके।

झारखंड के मौसम ने ली नई करवट: शीतलहर थमने से 10 जिलों का पारा 10°C से ऊपर; 23 नवंबर से छा सकते हैं आंशिक बादल

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रांची: झारखंड के मौसम ने 19 नवंबर से नई करवट ली है, जिससे राज्य में शीतलहर का प्रकोप थम गया है और कनकनी कम हो गई है। मौसम केंद्र, रांची के मुताबिक उत्तरी-पूर्वी हवाओं के चलने से यह बदलाव आया है। दो दिन पहले तक राज्य के 10 जिलों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे था, जो अब 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है।

आगामी दिनों का मौसम पूर्वानुमान

22 नवंबर तक: सुबह के वक्त हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा रह सकता है, लेकिन बाद में आसमान साफ रहेगा।

23 नवंबर से 25 नवंबर तक: सुबह को कोहरा या धुंध के बाद आसमान में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। इस दौरान भी न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने का अनुमान है।

तापमान की स्थिति

पिछले 24 घंटों में तापमान में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है:

न्यूनतम तापमान: गुमला में 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि दो दिन पहले यह 6.6 डिग्री सेल्सियस था। 19 नवंबर को शाम 5:30 बजे तक डाल्टनगंज में 11.3°C, रांची में 12.4°C, और जमशेदपुर में 13.6°C रिकॉर्ड हुआ।

अधिकतम तापमान: गोड्डा में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है।

लापरवाही से बचने की सलाह

मौसम केंद्र ने राहत के बावजूद राज्यवासियों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। सुबह धूप निकलने से पहले और शाम को सूर्य ढलने के बाद ठंड का अहसास जारी रहेगा।

बीपी के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों का सेवन करें।

गर्म भोजन का सेवन, व्यायाम, योगा और विटामिन-सी से भरपूर फल/सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी गई है, ताकि ब्लड सर्कुलेशन बना रहे।

आजमगढ़ : तहबरपुुुुर में आयोजित खेल क्रीड़ा प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया दमखम दिखाया, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत
जमगढ़। शिक्षा क्षेत्र तहबरपुुुुर में पड़ने वाले श्री शंकर जी दुर्गा जी इण्टर कालेज खरचलपुर के प्रांगण में बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं अपना दमखम दिखाया। बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का उद्घाटन उपजिलाधिकारी निजामाबाद चन्द्र प्रकाश सिंह व खण्ड शिक्षा अधिकारी व्यास देव ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित, माल्यार्पण, ध्वजारोहण एवं शांति एवं सदभाव का प्रतीक कबूतर उड़ाकर किया। तत्पश्चात गत वर्ष चैम्पियन द्वारा मशाल जुलूस के बाद पीटी प्रदर्शन के साथ खेल का शुभारंभ हुआ। प्रतियोगिता में दौड़ जूनियर बालक वर्ग 100 मी दीपक प्रथम धनियाकुंडी, ऋषभ द्वितीय यूपीएस गौरा, किशन तृतीय यूपीएस चकवारी, 200 मीटर बालक वर्ग ऋषभ कंपोजिट विद्यालय बड़सरा खालसा,शैलेश द्वितीय पीएम श्री धनियाकुंडी, प्रदीप यादव तृतीय यूपीएस लखनूपुर, 400 मी बालक वर्ग आदर्श प्रथम जमालपुरकाजी, कुलदीप गौड़ द्वितीय यूपीएस चकबारी, दुर्ग विजय तृतीय पीएम श्री धनियाकुंडी, बालिका वर्ग जूनियर 100 मी प्रतिस्पर्धा में अंतिमा प्रथम कंपोजिट विद्यालय बड़सरा खालसा, सृष्टि द्वितीय कंपोजिट विद्यालय सरदहा, दुर्गविजय तृतीय पीएम श्री धनियाकुंडी, 200 मीटर बालिका वर्ग में आंचल प्रथम कस्तूरबा तहबरपुर, अंकिता द्वितीय यूपीएस धनियाकुंडी, वैष्णवी तृतीय चंदाभारी, प्राथमिक दौड़ बालक वर्ग 50 मी, शिव शंकर प्रथम प्राथमिक विद्यालय मधशिया द्वितीय, साहिल शर्मा द्वितीय प्राथमिक विद्यालय पूराअचानक, आकाश यादव तृतीय प्राथमिक विद्यालय मुकुंदपुर,100 मी बालक वर्ग प्रतिस्पर्धा में प्रिंस यादव प्रथम पूराअचानक उदयभान द्वितीय धनिया कुंडी शशांक यादव तृतीय प्राथमिक विद्यालय नवापुरा, 200 मी बालक वर्ग प्रतिस्पर्धा में श्रेयांश प्रथम मुकुंदपुर, उदयभान द्वितीय धनियाकुंडी, करन तृतीय मधसिया द्वितीय। 400 मी बालक वर्ग प्रतिस्पर्धा में आयुष प्रथम पूराअचानक, रवि यादव द्वितीय नवापुरा, आर्यन तृतीय मधसिया द्वितीय स्थान पर रहा। इसके अलावा बाली बाल,कबड्डी,खो खो, कुश्ती, सुलेखा मानचित्र, अंताक्षरी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्र छात्राओं ने अपना जौहर दिखाया। खेल भावनाओं को जगाने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी व्यास देव व खेल प्रभारी नर्वदेश्वर उपाध्याय ने विजेताओं को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तहबरपुुुुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डाक्टर सुशील अग्रहरी, निजामाबाद नगर पंचायत के चेयरमैन अलाउद्दीन, संतोष राय,स्वामी नाथ यादव, दिनेश पाल,राम आशीष राय, संतोष राय, सुबेदार यादव, राजभवन,ममता राय, शालिनी राय, नीलम यादव राजकुमार यादव ,उदय प्रताप, हनुमान गुप्ता, गुरु प्रसाद गुप्ता, दिनेश यादव, संतोष कुमार यादव, चन्द्र शेखर राय,लाल चंद, सुरेश राम,लाल जी यादव, दिनेश यादव,सहित शिक्षक शिक्षिकाये एवं अभिभावक मौजूद रहे।
रामगढ़ जिले में दिशा की बैठक हुआ संपन्न, विकास योजनाओं का हुआ रिव्यू

रामगढ़ ज़िला समाहरणालय सभागार में बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति (दिशा) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष एवं सांसद मनीष जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में ज़िले में चल रहे विभिन्न विभागों की जनहितकारी और विकास योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की प्रगति पर चर्चा के साथ ही क्षेत्र की ज्वलंत और गंभीर समस्याओं पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।

सांसद मनीष जायसवाल ने बतौर समिति अध्यक्ष योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन किया और भविष्य में जनहित में विकास कार्यों को धरातल पर सुदृढ़ करने की दिशा में उचित दिशा-निर्देश जारी किए।

बैठक में मनरेगा, अंत्योदय योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम कौशल योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी), स्वच्छ भारत मिशन, नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वॉटर प्रोग्राम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम कौशल विकास योजना, नेशनल हेल्थ मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमें

ट स्कीम (आईसीडीएस ) समेत रेलवे, हाईवे, वाटर वेज, माइंस से संबंधित आधारभूत संरचना निर्माण और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई।

इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के माननीय विधायकों और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जनहित में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जिन पर संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने विकास कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी चिंता और नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बैठक में ज़िले के विभिन्न विभागों के कार्यों के पैरामीटर की समीक्षा की गई, और यह पाया गया कि पेयजलापूर्ति, कोयला चोरी रोकने और सड़कों के निर्माण की प्रगति पर पिछली दिशा की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप कोई प्रगति नहीं हुई है ।

 विभिन्न विभागों द्वारा पेश किए गए आंकड़े भ्रमजाल वाले थे, जो ज़मीनी हकीकत को सही तरीके से चित्रित नहीं कर रहे थे।

सांसद जायसवाल ने रामगढ़ ज़िला प्रशासन को गंभीर होने और जनहित में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर ससमय सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने विभागीय उदासीनता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार की कार्यशैली का एक चेतावनी भरा उदाहरण है, जहां अधिकारी निर्देश के बावजूद सिर्फ आंकड़ों के भ्रमजाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है।

सांसद मनीष जायसवाल ने ज़िले के विकास के लिए पेयजलापूर्ति संबंधित विभाग को अगली बैठक से पहले ज़िले की हरेक योजना का विशेष सर्वे कर शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, ग्रामीण खराब सड़कों पर तत्काल कार्य शुरू करने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाने, रामगढ़ ज़िले में व्यापक स्तर पर चल रहे कोयला चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने, ज़िले में एम्बुलेंस की सुविधा को सहज बनाए जाने, सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में भी नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिए जाने, ज़िले के शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण पूरा किए जाने, पेंडिंग पड़े वृद्धा, विधवा, विकलांग और मईया योजना के पेंशनधारियों को तत्काल लाभ दिलाए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य को तेज़ी से प्रगति करने, भुरकुंडा के सेंट्रल स्कूल को सुविधा संपन्न बनाने और हाइवे पर चुटूपालू घाटी तथा मांडू में स्ट्रीट लाइट को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण निर्देश दिया। 

सांसद मनीष जायसवाल ने दोहराया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य यही रहा कि सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो सके।

बैठक में रामगढ़ विधायक ममता देवी, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ़ तिवारी महतो, ज़िला परिषद अध्यक्ष सुधा देवी, रामगढ़ के उपायुक्त सह समिति के सचिव फैज़ अक अहमद मुमताज़, उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल, रामगढ़ जिला सांसद प्रतिनिधि राजीव जायसवाल सहित ज़िले के विभिन्न प्रखंडों के प्रमुखगण, तथा रामगढ़, दुलमी, चितरपुर, गोला, मांडू और पतरातु प्रखंड के चयनित मुखिया सह समिति सदस्यगण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

एनटीपीसी व ग्रामीणों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता में ग्रामीणों के रखे कई प्रस्ताव।

केरेडारी से रोहित गोस्वामी की रिपोर्ट

केरेडारी:केरेडारी प्रखण्ड मुख्यालय सभागार में बुधवार को एनटीपीसी के केरेडारी कोयला खनन परियोजना एवं भु रैयत के बीच बैठक हुई।बैठक की अध्यक्षता हजारीबाग एसडीओ बैजनाथ कमाते ने की।बैठक में कोल माइंस विस्तार को लेकर चर्चा की गई।बैठक में मुख्य रूप से सीओ रामरतन वर्णावल व एनटीपीसी के एजीएम सुभाष प्रसाद गुप्ता व केरेडारी कोल माइंस के सैकड़ों रैयत उपस्थित थे।रैयतों ने बारी बारी से अपनी समस्या अधिकारियों के समक्ष रखा,पाण्डु गांव का रैयत मो शमीम ने कहा कि केरेडारी कोयला खनन परियोजना के अधिकारी जो कहते है,उस पर खरा नही उतरते है,पाण्डु गांव में स्कूल व पंचायत भवन तोड़े वर्षो हो गया, पर अब तक नही बना है,इसके अलावे एनटीपीसी द्वारा अभी तक पुनर्वास के बारे में सोचा नही गया है।जब तक के एनटीपीसी पांडु व बालेदेवरी गांव के रैयतों को पुनर्वास व विस्थापन के बारे में नही सोचेगा तबतक हमलोग घर मेजरमेंट नही करायेगें,वहीं आगे मो आबादी ने कहा कि एनटीपीसी का बीजीआर कंपनी तक जाने का सड़क नही है।ग्रामीण सड़क से देशवारी लोचर होते हुए भारी वाहनों का परिचालन कर रहा है,जिससे लोगो काफी डर बना रहता है।सड़क भी जर्जर है,मुखिया पुत्र शमशाद अंसारी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व मेरे गांव में एक्सीडेंट में एक युवक की मौत हो गई थी,जिसका वार्ता के दौरान एनटीपीसी के अधिकारी लिखित दिए थे ,उनका विस्थापन का लाभ देंगे किंतु लगभग एक वर्ष होने चला,लेकिन पिडीत परिवार का लाभ नहीं मिल पाया है।इस विषय पर एसडीओ ने एनटीपीसी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए और कहा की अभिलंब इस विषय पर कार्य करें।इस मौके पर बीजीआर कोल माइंस जीएम श्री निवास राव,व पाण्डु गांव के बड़ी संख्या में रैयत शामिल थे।

*घरेलू सिलेंडरों पर विभाग की ‘चयनात्मक’ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल*, *हलवाई कि दुकानों पर क्यों नहीं जाँच*:

मेरठ। शहर में घरेलू गैस सिलेंडरों के अवैध उपयोग पर विभाग की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। कुछ चुनिंदा स्थानों पर छापेमारी के बाद ऐसा लग रहा है कि विभाग की सक्रियता एक-दो मामलों तक ही सीमित रह गई है, जबकि पूरे शहर में इस खतरे का दायरा कहीं बड़ा है।

हरिया लस्सी पर कार्रवाई, लेकिन बाकी शहर क्यों सुरक्षित?

बीते दिनों लालकुर्ती स्थित हरिया लस्सी पर घरेलु सिलेंडरों के गलत उपयोग को लेकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए सिलेंडर जब्त किए। लेकिन इसके बाद विभाग की गतिविधियां अचानक सुस्त पड़ती दिखाई दे रही हैं। सवाल यह उठ रहा है कि एक दुकान पर कार्रवाई कर देना क्या पूरे शहर को सुरक्षित कर देता है? सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर घरेलू सिलेंडरों का खुलेआम इस्तेमाल :

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर अधिकांश फास्ट फूड के ठेले, चाट-स्टॉल और हलवाई की दुकानों में खुलेआम घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। ये सिलेंडर सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए अधिकृत हैं, ऐसे में बाजारों में चल रहा यह प्रयोग न सिर्फ अवैध है बल्कि कभी भी बड़ा हादसा कराने की क्षमता रखता है। साथ हीं सूरजकुंड पार्क के पास लगने वाले ठेलों पर विभाग की नजर क्यों नहीं? ये भी एक सवाल है! सूरजकुंड पार्क के पास शाम होते ही दर्जनों ठेले सजते हैं, जहां खानपान का कारोबार घरेलू सिलेंडरों पर ही चलता है। यहां भी स्थिति कम खतरनाक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी कई बार इस रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य है।

क्या विभाग शिकायत का इंतजार करता है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विभाग स्वयं सघन जांच करेगा या फिर सिर्फ शिकायत आने पर ही एक्टिव होगा? यदि शिकायत-आधारित कार्रवाई ही होनी है, तो शहर में फैल रहे इस गैस-खतरे को रोकना असंभव हो जाएगा।

लोगों का कहना है कि विभाग को चाहिए कि—

सभी बाजारों में सघन अभियान चलाए,

अवैध सिलेंडर उपयोग करने वालों को चेतावनी के साथ नोटिस जारी करे,

और बार-बार दोहराने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग सिर्फ अवैध नहीं, बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ है। विभाग को चाहिए कि एक-दो जगह की औपचारिक कार्रवाई के बजाय पूरे शहर में समान रूप से जांच अभियान चलाए, ताकि किसी बड़े हादसे को होने से रोका जा सके।

गड्ढो का पानी पीने को मजबूर. बुनियादी सुविधाओ के अभाव से ग्रामीण परेशान।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत मेजा क्षेत्र सिलौधी और सिरहीर गांव के पहाड़ी इलाको में जीवन आज भी संघर्ष का पर्याय बना हुआ है।यहां के ग्रामीणों को सबसे बड़ी समस्या साफ पेयजल की है। आधुनिक दौर में जब सरकारे हर घर नल जल योजना, पाइपलाइन टैंक और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का दावा करती है वही मेजा की पहाड़ियों पर रहने वाले हजारों लोग आज भी गड्ढों और प्राकृतिक जलस्रोतो में जमा हुए पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।यह तस्वीर विकास के सरकारी दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों पहले जब कोई व्यवस्था नहीं थी तब लोग गड्ढो पोखरो और तालाबो का ही सहारा लेते थे लेकिन समय बदलने के बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए है।बरसात का पानी पहाड़ी चट्टानो के बीच बने गड्ढों में भर जाता है और वही धीरे-धीरे महीनो तक जमा रहता है। इसी गंदे और प्रदूषित पानी का उपयोग ग्रामीण पीने नहाने और जानवरों को पिलाने तक के लिए करते है।साफ पानी की सुविधा न होने से ग्रामीण न चाहते हुए भी इसी पर निर्भर रहने को मजबूर है।गांव के निवासी रामचरन बताते है सरकार कहती है कि हर घर नल से पानी मिलेगा लेकिन हमारी पहाड़ियो पर न कोई पाइपलाइन बिछी और न ही कोई टंकी बनी।हम आज भी गड्ढों का पानी पीते है।बीमार हों तो अस्पताल भी दूर है।वही शारदा देवी कहती है “बरसात में पानी भर जाता है वही पी लेते हैं। सूखे के दिनों में पानी के लिए मीलो चलना पड़ता है। कई बार बच्चे पेट दर्द, उल्टी-दस्त से बीमार पड़ जाते है।ग्रामीणो का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्यों को हमेशा पीछे कर दिया जाता है। न पेयजल की योजना लागू होती है न सड़के बन पाती हैं। कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियो को शिकायत की गई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि क्षेत्र के बारे में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन क्रियान्वयन शून्य रहता है।ग्राम प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते है कि यदि पहाड़ी इलाके में जल्द ही स्थायी पेयजल व्यवस्था नही की गई तो आने वाले दिनों में गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।उन्होंने मांग की है कि यहां हैंडपंप ट्यूबवेल टंकी और पाइपलाइन की व्यवस्था की जाए, ताकि ग्रामीणों को गंदा पानी पीने से मुक्ति मिल सके।मेजा क्षेत्र की यह तस्वीर बताती है कि विकास के दावे और वास्तविकता में कितना बड़ा अंतर है।आज भी कई गांव बुनियादी सुविधाओ से वंचित है और ग्रामीण अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के भरोसे ही जीने को मजबूर हैं।

यातायात माह के अन्तर्गत गोण्डा पुलिस द्वारा स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में व्यापक यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में यातायात माह-नम्बर 2025 के अंतर्गत जनपद में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन हेतु निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज

19.11.2025 को क्षेत्राधिकारी यातायात राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में एक विशेष यातायात जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में टीएसआई राकेश सिंह द्वारा कॉलेज के लगभग 350 छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। छात्रों को यातायात संकेतों की पहचान, हेलमेट एवं सीटबेल्ट के अनिवार्य उपयोग, ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग के दुष्परिणाम, मोबाइल फोन का वाहन चलाते समय प्रयोग न करने तथा पैदल चलते समय सड़क सुरक्षा के मानकों के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों द्वारा छात्रों से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने एवं अपने परिवार तथा समाज के अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की अपील की गयी साथ ही बताया गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं, जिन्हें केवल सतर्कता और नियमों के पालन से रोका जा सकता है।

यातायात माह के दौरान गोण्डा पुलिस द्वारा विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं जनसमुदाय के बीच इसी प्रकार के जन-जागरूकता कार्यक्रम आगे भी निरंतर रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे जनपद में सुरक्षित एवं अनुशासित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

महत्वपूर्ण संदेश-

01. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन अथवा इयरफोन का प्रयोग न करें।

02. नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाना पूर्णतः वर्जित है।

03. दोपहिया वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

04. चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य है।

05. निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियाँ बैठाना व निर्धारित गति सीमा से अधिक वाहन चलाना दण्डनीय अपराध है।

06. दायें-बायें मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग करें।

06. दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी न बैठाएं।

07. वाहन निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें।

08. वाहनों के आगे एवं पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाना आवश्यक है।

09. एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड वाहनों को जाने हेतु पहले रास्ता प्रदान करें।

10. नशे अथवा मादक पदार्थों का सेवन कर वाहन न चलाएं।

11. सड़क पर वाहन चलाते समय स्टंट न करें।

12. सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्तियों की मदद करें एवं 112 डायल कर सूचना दे।

सीडीओ की अध्यक्षता में किसान दिवस का हुआ आयोजन

रमेश दूबे

जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग द्वारा किसान दिवस का आयोजन किया गया।

बैठक में किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र राय ने कहा की गन्ना खरीद केंद्र की व्यवस्था सही नहीं चल रही है जिसे सचिव लोगों को देखना चाहिए। इस पर वरिष्ठ गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि इस वक्त इस जनपद में आठ केंद्र चल रहे हैं उन केन्द्रों पर अभी शेड की व्यवस्था नहीं हो पाई है परंतु बैनर लगा है। इस केंद्र पर गन्ने की चढ़ाई और उतराई बिल्कुल निःशुल्क है। मलोराना गांव के गणेश चौधरी द्वारा बताया गया कि उनके गांव में एक सांड का आतंक बुरी तरह से है जिसने कई लोगों की फसल बर्बाद कर दिया है, इस पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि इसको पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है, शीघ्र है सांड पकड़ में आ जाएगा।

राम शंकर यादव ग्राम हरदा बघौली के द्वारा सरकारी समितियां के बारे में बताया गया कि इनका कार्य सुचारू रूप से नहीं चल रहा है एवं अधिकांश समितियां बंद रह रही हैं, इस पर सहायक आयुक्त सहकारिता द्वारा अवगत कराया गया कि इस विकासखंड में कुल 11 समितियां हैं जिसमे से चार समितियां क्रियान्वित हैं।

जनपद के किसानों द्वारा अवगत कराया गया कि जो क्रॉप कटिंग विभाग द्वारा कराया जा रहा है उसमें जो रिपोर्ट दी जा रही है इससे सत्यापन में समस्या हो रही है और अगर सत्यापन कम होगा तो किसान अपने धान को बेच नहीं पाएंगे, अभी तक जो भी क्रॉप कटिंग कराई गई इसकी रिपोर्टिंग गलत की जा रही है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने अवगत कराया कि जो जिले का औसत है उसी के हिसाब से निर्धारण किया जाता है।

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने बताया कि जो उत्पादन चावल का होता है उसी का संशोधन कर भेजना होता है। इसी क्रम में कठईचा के किसानों ने शिकायत किया कि क्रॉप कटिंग हेतु आदेश हुआ था लेकिन अभी तक क्रॉप कटिंग नहीं कराई के जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल क्रॉप कटिंग करवाए जाने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि हर केंद्र पर धान खरीद की व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही एक रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए एवं जो किसान धान के विक्रय हेतु अपना नंबर लगायें उसका नंबर उसे बता दिया जाए। खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभी तक जनपद में 401 मेट्रिक टन धान की खरीद हुई है एवं भारत सरकार द्वारा विक्रय की अन्यत्र अनुमति नहीं मिल पा रही है।

खरीद के क्रम में 105 किसानों से 401 में मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है और इस जनपद का कुल खरीद लक्ष्य 4000 मेट्रिक टन है। अभी तक कुल 64 किसानों का भुगतान किया गया है।वर्तमान में बोई गई धान की फसल तेलंगाना सोने की शिकायत करते हुए किसानों ने कहा कि इसकी उपज बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई एवं धान में बालियां तो लगी है जिसमें दानों का अभाव है जिस पर जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि हम यह प्रकरण कृषि निदेशक के संज्ञान में ला दिया गया है शीघ्र समस्या का समाधान किया जाएगा।

नाथनगर के कृषक राजेंद्र राय ने अवगत कराया कि धान खरीद केंद्र और बढ़ाना चाहिए क्योंकि जनपद में धान खरीद केंद्र कम है इनकी संख्या बढ़ेगी तभी किसान अपना धान विक्रय कर पाएगा। इन्होंने यह भी अवगत कराया कि किसी विभाग में पोस मशीन पर अंगूठा नहीं लग पा रहा है जिसके बारे में उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में दर्शन पोर्टल बदलकर दर्शन 2 हो गया है और इसकी सेवा प्रदाता कंपनी बदल गई है जिससे यह बंद है, शीघ्र इस संदर्भ में निदेशालय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी जिससे पोर्टल संसोधन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। किसानों की समस्याओं का समाधान हेतु वर्तमान में उप कृषि निदेशक कार्यालय में इसका काउंटर निरंतर चल रहा है जिसमें किसानों के जमीन का संशोधन किया जा रहा है।

बैठक में किसानों द्वारा कहा गया कि कुछ गोदामों पर यूरिया वितरण की व्यवस्था होनी चाहिए विशेष कर वहां जहां ट्रिपल सुपर फास्फेट 48% है वहां पर यूरिया पहुंचाई जाए। इस क्रम में पीसीएफ द्वारा अवगत कराया गया कि कल 12 जगह पर यूरिया भेजी जा रही है | किसानों ने कहा कि हर केंद्र पर बोर्ड लगना चाहिए कि उत्पाद की कीमत कितनी है।

नाथनगर एवं धनघटा के किसानों ने अवगत कराया की सड़क के किनारे काफी झाड़ियां हो गई हैं जैसे निरंतर ही दुर्घटना का भय बना रहता है एवं दुर्घटना हो भी रही है। राजेंद्र राय एवं राम दरस यादव ने कहा कि यह स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि हमेशा इस पर दुर्घटना की संभावना बनी रही है जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता को कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया।

विकासखंड नाथ नगर के ग्राम साखी के प्रगतिशील किसान राजमणि राय ने अवगत कराया कि जनपद में छुट्टी जानवरों की संख्या काफी बढ़ गई जो फसलों को बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया की कथैचा केंद्र पर इन जानवरों को भेज कर इन्हें रखा जा सकता है।

सत्य प्रकाश चौधरी भोजपुर ग्राम बघौली ने अवगत कराया की खाद नहीं प्राप्त हो रही एवं किसानो को अन्य जगह से खाद लेनी पड़ रही है, उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा सहायक आयुक्त सहकारिता से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि 15 किसानों की एक समिति स्थापित करें जिस पर सहायक आयुक्त सहकारिता ने अवगत कराया कि अगर जमीन की प्राप्ति हो जाए तो नई समिति गठित हो सकती है। इसी क्रम में के कृषक राजेंद्र राय ने कहा कि जो समिति सचिव के बिना चल रही है है उस पर एक पढ़ा लिखा सचिव रखा जाए जो खाद बिक्री कर सके।

इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह, ए आर को-ऑपरेटिव आनंद मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी समुद्रगुप्त मल्ल, एसडीओ विद्युत केएन शुक्ला, डिप्टी आरएमओ कमलेश सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के तिवारी, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज व प्रगतिशील कृषक सुरेंद्र राय सहित जनपद के सम्मानित किसान भाई आदि उपस्थित रहे।

सोनभद्र खनन हादसा: 7 शव बरामद, दर्जन भर फंसे! मजदूर नेता मंगल तिवारी ने सीएम योगी से की भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों जांच की मांग

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश: सोनभद्र जिले के बिल्ली-मारकुण्डी घाटी में बीते शनिवार को हुए भयंकर खनन हादसे ने प्रदेश में श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हृदय विदारक दुर्घटना में बचाव दल द्वारा अब तक 7 मजदूर मृतकों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अभी भी लगभग एक दर्जन मजदूरों के मलबे में फंसे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार मंगल तिवारी ने इस मामले में गहन जांच की मांग उठाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खदानों में होने वाले श्रमिकों की मौत की गहराई से जांच कराने तथा खनन कारोबारियों से लगाए संबंधित विभाग एवं संलिप्त लोगों की संपत्तियों की जांच की मांग की है।

सीएम योगी को पत्र में मुख्य मांगें

मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन (माकू यूनियन) के महामंत्री मंगल तिवारी ने मुख्यमंत्री से निवेदन भरे शब्दों में कहा है कि यदि उनके प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले मंत्रालय में भी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार तथा अपने पद एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है, तो अन्य मंत्रालयों की स्थिति का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

माकू यूनियन ने उत्तर प्रदेश सरकार की शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए निम्नलिखित निष्पक्ष जांचों की मांग की है:

 दोषी अधिकारियों की जांच: खनन विभाग के संबंधित अधिकारी, स्थानीय पुलिस अधिकारी, सहायक निदेशक कारखाना (ADF) तथा श्रम विभाग के संबंधित मॉनिटरिंग अधिकारी (सहायक श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त) की भूमिका एवं दायित्वों की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

 संपत्ति की विस्तृत जांच: दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं लीज धारकों की संपत्ति की विस्तृत जांच की जाए।

 स्वतंत्र एजेंसी से जांच: इस घटना सहित विगत दो वर्षों में खनन क्षेत्र में मजदूरों के साथ हुई दुर्घटनाओं एवं मौतों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।एनजीटी मानकों पर जांच: मिर्जापुर-सोनभद्र के सभी खनन पट्टों की एनजीटी (NGT) के मानकों के तर्ज पर जांच कराई जाए।

 समान आर्थिक सहायता: सभी दिवंगत श्रमिक आश्रितों को एक समान आर्थिक सहायता मिले।

"यह परिस्थिति शासन-प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न उत्पन्न करती है।"

मंगल तिवारी, मजदूर नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार

भविष्य के लिए बड़े आंदोलन की चेतावनी

मंगल तिवारी ने बताया कि माकू यूनियन श्रमिकों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित संगठन है, जिसका एकमात्र लक्ष्य श्रमिकों और उनके परिवार का उत्थान, उनको मान सम्मान और अधिकार दिलाना है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यूनियन का उद्देश्य केवल इतना है कि प्रदेश में कार्यरत श्रमिक भाइयों को सुरक्षा का अधिकार मिले तथा इस भीषण घटना में मारे गए श्रमिकों के परिजनों को शीघ्र न्याय मिल सके।

मंगल तिवारी ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द ही सोनभद्र जिले में श्रमिकों के हक अधिकारों को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, ताकि प्रति वर्ष खदानों में खाक होती मजदूरों की जिंदगी को बचाया जा सके और उन पूँजिपतियों से लेकर सफेदपोशों के कारनामों का भी खुलासा किया जा सके जो इन मजदूरों के कंधों का उपयोग कर अपने लिए सुख-सुविधाएं तो बना लेते हैं लेकिन मजदूरों की जिंदगी जस की तस ही बनी रह जाती है।

IITF 2025 में झारखंड की धूम: सिसल और जूट से गढ़ रही हरित अर्थव्यवस्था की नई पहचान; बंजर भूमि पर खेती से 90,000 मानव-दिवस का रोजगार सृजित

नई दिल्ली: प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में आज झारखंड पवेलियन खास चर्चा में रहा, जहाँ वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग राज्य की हरित अर्थव्यवस्था और सतत विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को प्रमुखता से प्रदर्शित कर रहा है।

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सिसल: हरित नवाचार का मॉडल

झारखंड पवेलियन में सिसल (Agave) आधारित उत्पादों और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया, जो राज्य की उभरती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दर्शाते हैं।

विशेषताएं: सिसल एक ऐसा पौधा है जो कम पानी और प्रतिकूल मौसम में पनपता है। यह प्राकृतिक फाइबर का स्रोत है जिसका उपयोग रस्सी, मैट, बैग और हस्तशिल्प उत्पादों में होता है।

बायो-एथेनॉल की संभावना: सिसल के रस से बायो-एथेनॉल और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएँ भी बढ़ रही हैं, जो इसे हरित नवाचार का एक मजबूत मॉडल बनाता है।

पारिस्थितिक महत्व: सिसल का बंजर और कम उपजाऊ भूमि पर भी उगना इसे भूमि संरक्षण और जलवायु अनुकूल खेती का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

स्थायी आजीविका और रोजगार सृजन

SBO अनितेश कुमार ने सिसल परियोजना की प्रगति साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में 450 हेक्टेयर क्षेत्र में सिसल का रोपण कार्य पूरा हो चुका है। विभाग का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष में इसे 100 हेक्टेयर और बढ़ाना है।

विभाग बड़े पैमाने पर सिसल पौधारोपण कर ग्रामीणों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर तैयार कर रहा है।

"विभाग हर वर्ष लगभग 90,000 मानव-दिवस का रोजगार सृजित कर रहा है, जो ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिरता और हरित विकास को महत्वपूर्ण गति प्रदान कर रहा है।"

जूट उत्पादों से हस्तशिल्प का प्रदर्शन

पवेलियन में प्रदर्शित जूट उत्पाद भी झारखंड की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं। स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए ईको-फ्रेंडली जूट बैग और गृह सज्जा सामग्री, राज्य की कला-कौशल और ग्रामीण कारीगरी की गहराई को दर्शाते हैं।

IITF 2025 में झारखंड पवेलियन का लक्ष्य निवेश, बाजार और तकनीकी सहयोग के नए अवसरों को आकर्षित करना है, ताकि राज्य की ग्रामीण जनता को सशक्त बनाया जा सके।