श्री रामचरितमानस ट्रस्ट द्वारा गुरुकुल आश्रम में जरूरतमंद वस्तुओं का वितरण


पनवेल। श्री रामचरितमानस ट्रस्ट द्वारा महर्षि संदीपनी गुरुकुल आश्रम, पनवेल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त बटुक बालकों के मध्य मिष्ठान, कंबल, और अन्य जरूरतमंद वस्तुओं का वितरण किया गया।इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने बटुक बालकों के साथ मिलकर सुंदर स्वस्ति वाचन किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।कार्यक्रम के दौरान श्री रामचरितमानस ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश राजाराम पाठक ने गुरुकुल आश्रम को आश्वासन दिया कि वे आश्रम की कमियों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस अवसर पर  राम सजीवन तिवारी, मिथिलेश पांडे, अशोक उपाध्याय, प्रदीप शुक्ला, दिनेश तिवारी, राहुल विश्वकर्मा, भक्तराज रामप्रीत, सचिन तिवारी, धर्मराज सिंह, प्रमोद मिश्रा, संतोष दुबे, शिवम पाण्डे और चेंबूर से चौरसिया जी सहित कई स्थानीय लोगों की उपस्थिति रही।

श्री रामचरितमानस ट्रस्ट की ओर से सभी उपस्थित लोगों ने बटुक बालकों के उज्जवल भविष्य की कामना की और आशा व्यक्त की कि वे समाज के लिए एक आदर्श नागरिक बनेंगे। कार्यक्रम का समापन जय श्री राम के उद्घोष के साथ हुआ।
मनरेगा का नाम बदलकर गरीबों का अधिकार छीन रही बीजेपी सरकार है

मिर्जापुर। 22 दिसंबर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय  के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी एवं शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया प्रदर्शन का अध्यक्षता करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ शिवकुमार सिंह पटेल ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा महात्मा गांधी का नाम मिटाने से मिटने वाले नहीं है  पटेल ने कहा कि मनरेगा यूपीए की सरकार में  ऐतिहासिक क्रांतिकारी कदम था।

जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण व गरीब परिवारों को मिल रहा था  पटेल ने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है मोदी सरकार ने यह साबित कर दिया है भाजपा की गरीब विरोधी सरकार है नरेंद्र मोदी  ने गुजरात में देश का ही नहीं विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम हटाकर अपने नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम बनाने का काम किया, इसे ये साबित होता है कि नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी जवाहर लाल नेहरू सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे देश की आजादी के नायकों को पसंद नहीं करते हैं इनके नाम से इनको तकलीफ है इसे साफ साबित होता है
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि  मोदी सरकार के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मनरेगा रोजगार का जो  नाम बदला जा रहा है इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।इस कानून से  देश के करोड़ों मजदूर, किसानों, श्रमिकों और गरीबों के हितों पर हमला किया है।

चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह  के नेतृत्व में लोकसभा के अंदर संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भगवान दत्त उर्फ राजन पाठक ने केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम बदले जाने की कड़ी निदा करते हैं।

जिला पंचायत सदस्य शिव शंकर चौबे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा जैसे तमाम योजना का कानून बनाया था कांग्रेस पार्टी के शासन में  जिसका लाभ जनता को सीधे मिल रहा था जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है सारी योजनाओं को बंद कर रही है।

सभा का संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं मीडिया प्रभारी छोटे खान ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि जब से बीजेपी की सरकार आई है जनता को परेशान के अलावा कोई भी काम नहीं किया है  खान ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी थी तभी  राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  के नाम से बनाया गया था इस  योजना  से गरीब जनता कोलाभ मिल रहा था  खान ने कहा किमनरेगा योजना से कोविड के वक़्त ये गरीब वर्ग को इस योजना से फायदा मिल रहा था

कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व चेयरमैन दीपचंद जैन कांग्रेस नेता सुधाकर रमेश प्रजापति पप्पू राजधर दुबे फ़ैज़ अहमद जनार्दन पांडे अमरनाथ पांडे  इश्तियाक अंसारी कपिल कुमार सोनकर कैलाश प्रजापति  राजेंद्र विश्वकर्मा अमर दुबे राम लखन मास्टर मोहित मिश्रा अंशु पांडे विवेक सिंह शकील अहमद विजय दुबे छोटू चौबे प्रमोद गुप्ता संजय पांडे आनंद त्रिपाठी गणेश शंकर पांडे कैलाश प्रजापति अखिलेश सिंह मनीष दुबे दिलीप मौर्य अशोक पटेल मानस मोहल्ले  अंकु श्रीवास्तव डॉक्टर दिनेश चौधरी अनुज मिश्रा शिव शंकर पांडे जैकी कोल रितेश मिश्रा रामनाथ दुबे अश्वनी दुबे अशोक गुप्ता अमरनाथ पांडेय गुलाब मिश्रा अशोक गुप्ता नरेंद्र ठाकुर विवेक पटेल मनोज पटेल रामराज भारती यदुनाथ बिंद दुर्गेश पांडे इत्यादि कांग्रेस जन उपस्थित रहे।
खेलो प्रयागराज महापौर कप का इस बार का भी आयोजन भव्य और दिव्य होगा-महापौर गणेश केसरवानी।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।नगर निगम मुख्यालय सिविल लाइंस के हाल में महापौर कप 2025 की बैठक महापौर गणेश केसरवानी की अध्यक्षता में सभी खेल सघो के साथ बैठक सम्पन्न हुई जिसमें महापौर ने सभी खेलो को कराने की स्वीकृति 25/12/2025 से 6/1/2026 तक कराने की मंजूरी प्रदान की महापौर ने कहा इस खेल महोत्सव की तैयारियो को अंतिम रूप दिया गया इस प्रतियोगिता में विभिन्न खेलो के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे जिससे शहर की खेल संस्कृति में एक नई ऊर्जा आएगी यह भी बताया दिनांक 25.12.25 को दोपहर 3:00 बजे मदन मोहन मालवीय स्टेडियम कम्पनी बाग में इस खेल का शुभारम्भ होगा जिसमें प्रदेश के बड़े नेता उपस्थित होकर इस खेल का शुभारम्भ करेगे और 06.1.26 को इसी स्टेडियम में ही खेलो प्रयागराज महापौर कप का समापन होगा।इसके प्रचार के लिए शहर में खिलाड़ियो द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिससे लोगो को खेल से भावना जुड़े और खेल कार्यक्रम से पहले एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी।

इस बैठक में अपर नगर आयुक्त राजीव शुक्ला पार्षद आशीष द्विवेदी पंकज जायसवाल सुनीता चोपड़ा खेल से के बी काला आर एस वेदी कुलदीप सिंह उज्ज्वल सिंह शील ओझा और खेलगांव पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अनिल मिश्रा के टीम सदस्य प्रदीप तिवारी नीरज शर्मा आदि मौजूद रहे।

जिसमें निम्नलिखित खेल सम्मिलित होंगे-एथलेटिक पैरा एथलीट बैडमिंटन बास्केटबॉल बॉक्सिंग चेस क्रिकेट फुटबॉल हैंडबॉल हॉकी जूडो कबड्डी खो खो लॉन टेनिस रोइंग स्केटिंग टेबल टेनिस ताइक्वांडो वॉलीबॉल कयाकिंग और कैनोइंग कराटे ।
माघ मेला 2025 की तैयारियों को लेकर प्रयागराज में संगोष्ठी व टेबल-टॉप एक्सरसाइज, डीजीपी राजीव कृष्ण ने भीड़ प्रबंधन और आपदा तैयारी पर दिया जोर
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) द्वारा आगामी माघ मेला 2025 की तैयारियों के दृष्टिगत प्रयागराज में एक संगोष्ठी एवं टेबल-टॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य माघ मेले के दौरान भीड़ के प्रभावी प्रबंधन, डूबने की घटनाओं की रोकथाम, शीत लहर तथा अग्नि दुर्घटनाओं जैसी संभावित आपदाओं से निपटने की तैयारियों की समीक्षा और सुदृढ़ीकरण करना रहा।इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहभागिता करते हुए प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधन दिया।

संगोष्ठी की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (UPSDMA) के वाइस चेयरमैन श्री योगेन्द्र डिमरी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के उद्घाटन संबोधन से हुई। उन्होंने माघ मेला जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में आपदा प्रबंधन की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

कुंभ और माघ मेला विश्व के सबसे बड़े जनसमूह आयोजन

अपने संबोधन में डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि कुंभ मेला और माघ मेला विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक जनसमूह आयोजनों (Public Gathering Events) में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन आयोजनों में कुछ ऐसे विशेष स्नान पर्व होते हैं, जब एक ही समय और एक ही स्थान पर श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन जाता है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनौती केवल भीड़ की संख्या तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसकी निरंतर बदलती और गतिशील प्रकृति भी प्रशासन और पुलिस के लिए गंभीर चुनौती पैदा करती है।

एक साथ कई जोखिमों से निपटने की जरूरत

डीजीपी ने कहा कि माघ मेला जैसे आयोजनों में—
उच्च घनत्व वाली भीड़
नदी और संगम क्षेत्र से जुड़े डूबने के जोखिम
शीत लहर का प्रभाव
अग्नि दुर्घटनाओं की संभावना
यातायात, ट्रैफिक और पार्किंग की जटिलताएं
ये सभी समस्याएं एक साथ उत्पन्न होती हैं, जिनसे निपटने के लिए समग्र, समन्वित और बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता होती है।

प्रतिक्रिया नहीं, अब पूर्वानुमान आधारित व्यवस्था जरूरी

पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अब आपदा प्रबंधन का दृष्टिकोण केवल घटना के बाद प्रतिक्रिया देने तक सीमित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमान आधारित, योजनाबद्ध और प्रशिक्षित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करना समय की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि भले ही अलग-अलग विभाग अपनी-अपनी तैयारियां करते हों, लेकिन किसी भी आपात स्थिति में इन सभी तैयारियों को एकीकृत, समन्वित और समयबद्ध प्रतिक्रिया में बदलना अत्यंत आवश्यक है।

प्रवेश-निकास और स्नान घाटों पर विशेष फोकस

डीजीपी राजीव कृष्ण ने माघ मेले की सफलता के लिए—प्रवेश और निकास मार्गों की वैज्ञानिक योजना,स्नान घाटों पर भीड़ की आवाजाही का संतुलित प्रबंधन,माइक्रो-क्राउड की निरंतर निगरानी को बेहद अहम बताया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी भीड़ इकाइयों पर नजर रखकर बड़ी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

SDRF अब सिर्फ बैकअप नहीं

अपने संबोधन में डीजीपी ने कहा कि एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) अब केवल एक बैकअप बल नहीं रह गया है, बल्कि भीड़ सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की ऑपरेशनल व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने पूर्व आयोजनों में अपनी उच्च दक्षता और पेशेवर क्षमता का सफल प्रदर्शन किया है।

अग्नि, शीत लहर और डूबने की घटनाओं पर सख्त सतर्कता

अग्नि दुर्घटना, शीत लहर और डूबने से संबंधित खतरों पर चर्चा करते हुए डीजीपी ने कहा कि इन सभी संभावित जोखिमों से निपटने के लिए—

विभागों के बीच सतत समन्वय,

प्रभावी संचार व्यवस्था,

त्वरित और प्रशिक्षित प्रतिक्रिया तंत्र

अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि पूर्व अनुभवों के बावजूद किसी भी स्तर पर आत्मसंतोष या शिथिलता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हर दिन नई परिस्थितियां और नई चुनौतियां सामने आती हैं।

प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी

संगोष्ठी के दौरान कई वरिष्ठ प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। इनमें प्रमुख रूप से—

लेफ्टिनेंट जनरल पी.एस. शेखावत, जीओसी मध्य भारत, जबलपुर

अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन श्री संजीव गुप्ता

मंडलायुक्त प्रयागराज श्रीमती सौम्या अग्रवाल

श्री प्रवीण किशोर, परियोजना समन्वयक (प्रशिक्षण), यूपी एसडीएमए

श्री अनिमेष सिंह, सीएफओ माघ मेला प्रयागराज

श्री संतोष कुमार, 2IC, 11वीं बटालियन एनडीआरएफ, वाराणसी

डीडीएमए प्रयागराज, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, वाराणसी

श्री संदीप मेहरोत्रा, कर्नल (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ सलाहकार यूपी एसडीएमए

शामिल रहे।

तैयारियों को और मजबूत बनाएगी संगोष्ठी

अंत में डीजीपी राजीव कृष्ण ने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार की संगोष्ठियां और टेबल-टॉप एक्सरसाइज प्रशासन और पुलिस की तैयारियों को और अधिक मजबूत बनाएंगी तथा माघ मेला 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और विश्वास सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगी।उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि माघ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से सफल हो, बल्कि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के मानकों पर भी एक आदर्श आयोजन बने।
अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदेशभर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

लखनऊ। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्नअटल बिहारी वाजपेयीजी की जयंती (25 दिसम्बर, 2025) एवं अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के गौरवपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक चेतना, लोक परंपरा और राष्ट्रीय प्रेरणा को समर्पित भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार जयवीर सिंह की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह आयोजन गोमती रिवर फ्रन्ट (गोमती नगर, लखनऊ), बटेश्वर (आगरा), बलरामपुर, सीतापुर तथा नव-निर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के उद्घाटन अवसर पर एक साथ आयोजित किए जाएँगे, जिनमें प्रदेश की समृद्ध लोक-सांस्कृतिक विरासत और समकालीन कला का प्रभावशाली संगम देखने को मिला।

इन आयोजनों में कवि सम्मेलन, लोक गायन, सूफी गायन, कठपुतली प्रदर्शन, मैजिक शो, बम रसिया, धोबिया नृत्य, फरूवाही नृत्य, मयूर नृत्यसहित विविधसांस्कृतिक प्रस्तुतियोंने दर्शकों को भावविभोर किया जाएगा। कवियों की ओजस्वी वाणी, लोक कलाकारों की जीवंत अभिव्यक्तियाँ और पारंपरिक नृत्य-नाट्य ने अटल जी के विचारों-राष्ट्रवाद, लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक समरसताकृको सशक्त रूप में मंच पर उतारा जाएगा।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आयोजित ये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनमानस को राष्ट्रनिर्माण की भावना से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

यह सांस्कृतिक श्रृंखला उत्तर प्रदेश को भारतीय संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलित समन्वय अटल जी के सपनों के भारत को साकार करता दिखाई देता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि संस्कृति विभाग विलुप्त हो रही कलाओं को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोक कलाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इनको संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदेशभर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

लखनऊ। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्नअटल बिहारी वाजपेयीजी की जयंती (25 दिसम्बर, 2025) एवं अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के गौरवपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक चेतना, लोक परंपरा और राष्ट्रीय प्रेरणा को समर्पित भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार जयवीर सिंह की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह आयोजन गोमती रिवर फ्रन्ट (गोमती नगर, लखनऊ), बटेश्वर (आगरा), बलरामपुर, सीतापुर तथा नव-निर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के उद्घाटन अवसर पर एक साथ आयोजित किए जाएँगे, जिनमें प्रदेश की समृद्ध लोक-सांस्कृतिक विरासत और समकालीन कला का प्रभावशाली संगम देखने को मिला।

इन आयोजनों में कवि सम्मेलन, लोक गायन, सूफी गायन, कठपुतली प्रदर्शन, मैजिक शो, बम रसिया, धोबिया नृत्य, फरूवाही नृत्य, मयूर नृत्यसहित विविधसांस्कृतिक प्रस्तुतियोंने दर्शकों को भावविभोर किया जाएगा। कवियों की ओजस्वी वाणी, लोक कलाकारों की जीवंत अभिव्यक्तियाँ और पारंपरिक नृत्य-नाट्य ने अटल जी के विचारों-राष्ट्रवाद, लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक समरसताकृको सशक्त रूप में मंच पर उतारा जाएगा।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आयोजित ये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनमानस को राष्ट्रनिर्माण की भावना से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

यह सांस्कृतिक श्रृंखला उत्तर प्रदेश को भारतीय संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलित समन्वय अटल जी के सपनों के भारत को साकार करता दिखाई देता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि संस्कृति विभाग विलुप्त हो रही कलाओं को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोक कलाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इनको संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
भारतीय सेना भर रही पर्वतीय बच्चों के सपनों में रंग
स्ट्रीटबज्ज ब्यूरो

पिथौरागढ़/धारचूला, उत्तराखंड।
भारतीय सेना की कुमाऊँ स्काउट्स यूनिट ने सीमांत क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। धारचूला तहसील के दूरस्थ गांव गालाती स्थित प्राथमिक विद्यालय में सेना के जवानों द्वारा विद्यार्थियों को स्टेशनरी सामग्री वितरित की गई।

इस अवसर पर बच्चों को पेन, कॉपी, पेंसिल, स्कूल बैग सहित अन्य आवश्यक अध्ययन सामग्री प्रदान की गई। उपहार पाकर बच्चों के चेहरों पर उत्साह और खुशी साफ झलक रही थी। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए यह सहायता शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा लेकर आई है।

विद्यालय के शिक्षकों ने भारतीय सेना के इस मानवीय कदम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी और अभिभावकों में भी शिक्षा को लेकर जागरूकता आएगी।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य केवल शैक्षणिक सहायता देना ही नहीं, बल्कि बच्चों में राष्ट्रसेवा, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी विकसित करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को भविष्य में देश की सेवा के लिए प्रेरणा मिलती है और वे सशस्त्र बलों को करियर विकल्प के रूप में देखने लगते हैं।

भारतीय सेना की यह पहल सीमांत क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान और शिक्षा के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
वन विभाग के नोटिस के विरोध में ग्रामीणों की महापंचायत, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
उत्तरकाशी, उत्तराखंड।
चिन्यालीसौड़ ब्लॉक की हातड़, दशगी और बिष्ट पट्टी के ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा वर्षों पूर्व आवंटित पट्टों को निरस्त करने संबंधी नोटिस जारी किए जाने का कड़ा विरोध किया है। इस निर्णय के खिलाफ सोमवार को ग्रामीणों ने एक महापंचायत आयोजित कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

ग्रामीणों ने प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि टिहरी रियासत के समय से, यानी लगभग 60 वर्ष से अधिक समय पूर्व, स्थानीय जनता को जो भवन और भूमि पट्टे आवंटित किए गए थे, उन्हें अब अवैध घोषित किया जा रहा है, जो सरासर अन्याय है।

महापंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से इन भवनों और जमीनों पर रह रहे हैं और अब अचानक बेदखली की कार्रवाई से उनका जीवन और आजीविका संकट में पड़ गई है। ग्रामीणों ने वन विभाग के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की समस्याएं सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुद्दे पर जनता के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने दूरभाष के माध्यम से जिलाधिकारी से बातचीत कर वन विभाग के निर्णय पर पुनर्विचार करने और स्थानीय लोगों को राहत देने की मांग की। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही एक शिष्टमंडल की मुलाकात वन मंत्री और मुख्यमंत्री से कराई जाएगी, ताकि समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

महापंचायत में वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा शीशपाल चौहान, पूर्व सैनिक राजेश भारतद्वाज, पूर्व जिला उपाध्यक्ष विजय बडोनी, पूर्व मंडल अध्यक्ष चैन सिंह महर, राजेंद्र गुसाईं, रणवीर चौहान, कृतम पंवार, रघुवीर चौहान, प्रधान ज्येष्ठवादी शोधन सिंह नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रपाल राणा, प्रधान जोखणी रोशन लाल, प्रधान प्रतिनिधि नगाण गांव संतोष नौटियाल, पूर्व प्रधान खदालडा अमोल सिंह महर, क्षेत्र पंचायत सदस्य कामदा गणेश नौटियाल, पूर्व ग्राम प्रधान बनाड़ी कोमल सिंह पंवार, सुमन पंवार, सुरेश पाल सिंह महर, क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवम नेगी, पूर्व प्रधान जोखणी लक्ष्मण राणा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।
उत्तराखंड के स्कूलों में भगवद गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य: पुष्कर सिंह धामी
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में भगवद गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य कर दिया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और जीवन दर्शन से जोड़ना है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गीता का अध्ययन छात्रों में नैतिकता, अनुशासन और जीवन मूल्यों को मजबूत करेगा। उन्होंने इसे नई पीढ़ी को भारतीय परंपराओं से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी रेखांकित किया। एक वीडियो संदेश में उन्होंने अल्मोड़ा जिले में स्थित ऐतिहासिक कट्टरमल सूर्य मंदिर का उल्लेख किया। सूर्यदेव को समर्पित यह मंदिर कात्युरी काल की उत्कृष्ट वास्तुकला और गहन भक्ति का प्रतीक माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्राचीन धरोहर उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास और जीवंत सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाती है तथा पर्यटकों से इस स्थल के भ्रमण का आह्वान किया।

इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने गौतम बुद्ध नगर स्थित नोएडा स्टेडियम में आयोजित सात दिवसीय ‘महाकौथिग’ सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करते हैं, बल्कि राज्य से बाहर रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों को भी एक साझा मंच पर जोड़ते हैं। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य का “सच्चा ब्रांड एंबेसडर” बताया।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि धार्मिक धर्मांतरण, विभाजनकारी विचारधाराओं और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है।
गणित क्विज से विद्यार्थियों की तार्किक क्षमता को मिला नया आयाम


बहसूमा। मेरठ। डी मोनफोर अकादमी में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए अंतर-कक्षा गणित क्विज प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस शैक्षिक प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में गणित विषय के प्रति रुचि जागृत करना तथा उनकी तार्किक व बौद्धिक क्षमता का विकास करना रहा।

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की प्रेरणादायक जीवनी दिखाई गई। उनके संघर्षपूर्ण जीवन और गणित के क्षेत्र में दिए गए अतुलनीय योगदान से परिचित होकर विद्यार्थी अत्यंत प्रेरित नजर आए।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. समीर वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीनिवास रामानुजन का जीवन यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी परिश्रम, समर्पण और आत्मविश्वास के बल पर बड़ी उपलब्धियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को निरंतर अभ्यास और प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित किया।

वहीं विद्यालय की उप-प्रधानाचार्या  रितु चिकारा ने कहा कि गणित केवल अंक और सूत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह तार्किक सोच, विश्लेषण और समस्या समाधान की क्षमता को विकसित करता है। उन्होंने इस प्रकार की प्रतियोगिताओं को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।

कार्यक्रम में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता रही। अंत में विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस सफल आयोजन में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों और छात्रों की सराहना की गई।
श्री रामचरितमानस ट्रस्ट द्वारा गुरुकुल आश्रम में जरूरतमंद वस्तुओं का वितरण


पनवेल। श्री रामचरितमानस ट्रस्ट द्वारा महर्षि संदीपनी गुरुकुल आश्रम, पनवेल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त बटुक बालकों के मध्य मिष्ठान, कंबल, और अन्य जरूरतमंद वस्तुओं का वितरण किया गया।इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने बटुक बालकों के साथ मिलकर सुंदर स्वस्ति वाचन किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।कार्यक्रम के दौरान श्री रामचरितमानस ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश राजाराम पाठक ने गुरुकुल आश्रम को आश्वासन दिया कि वे आश्रम की कमियों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस अवसर पर  राम सजीवन तिवारी, मिथिलेश पांडे, अशोक उपाध्याय, प्रदीप शुक्ला, दिनेश तिवारी, राहुल विश्वकर्मा, भक्तराज रामप्रीत, सचिन तिवारी, धर्मराज सिंह, प्रमोद मिश्रा, संतोष दुबे, शिवम पाण्डे और चेंबूर से चौरसिया जी सहित कई स्थानीय लोगों की उपस्थिति रही।

श्री रामचरितमानस ट्रस्ट की ओर से सभी उपस्थित लोगों ने बटुक बालकों के उज्जवल भविष्य की कामना की और आशा व्यक्त की कि वे समाज के लिए एक आदर्श नागरिक बनेंगे। कार्यक्रम का समापन जय श्री राम के उद्घोष के साथ हुआ।
मनरेगा का नाम बदलकर गरीबों का अधिकार छीन रही बीजेपी सरकार है

मिर्जापुर। 22 दिसंबर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय  के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी एवं शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया प्रदर्शन का अध्यक्षता करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ शिवकुमार सिंह पटेल ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा महात्मा गांधी का नाम मिटाने से मिटने वाले नहीं है  पटेल ने कहा कि मनरेगा यूपीए की सरकार में  ऐतिहासिक क्रांतिकारी कदम था।

जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण व गरीब परिवारों को मिल रहा था  पटेल ने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है मोदी सरकार ने यह साबित कर दिया है भाजपा की गरीब विरोधी सरकार है नरेंद्र मोदी  ने गुजरात में देश का ही नहीं विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम हटाकर अपने नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम बनाने का काम किया, इसे ये साबित होता है कि नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी जवाहर लाल नेहरू सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे देश की आजादी के नायकों को पसंद नहीं करते हैं इनके नाम से इनको तकलीफ है इसे साफ साबित होता है
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि  मोदी सरकार के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मनरेगा रोजगार का जो  नाम बदला जा रहा है इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।इस कानून से  देश के करोड़ों मजदूर, किसानों, श्रमिकों और गरीबों के हितों पर हमला किया है।

चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह  के नेतृत्व में लोकसभा के अंदर संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भगवान दत्त उर्फ राजन पाठक ने केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम बदले जाने की कड़ी निदा करते हैं।

जिला पंचायत सदस्य शिव शंकर चौबे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा जैसे तमाम योजना का कानून बनाया था कांग्रेस पार्टी के शासन में  जिसका लाभ जनता को सीधे मिल रहा था जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है सारी योजनाओं को बंद कर रही है।

सभा का संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं मीडिया प्रभारी छोटे खान ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि जब से बीजेपी की सरकार आई है जनता को परेशान के अलावा कोई भी काम नहीं किया है  खान ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी थी तभी  राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  के नाम से बनाया गया था इस  योजना  से गरीब जनता कोलाभ मिल रहा था  खान ने कहा किमनरेगा योजना से कोविड के वक़्त ये गरीब वर्ग को इस योजना से फायदा मिल रहा था

कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व चेयरमैन दीपचंद जैन कांग्रेस नेता सुधाकर रमेश प्रजापति पप्पू राजधर दुबे फ़ैज़ अहमद जनार्दन पांडे अमरनाथ पांडे  इश्तियाक अंसारी कपिल कुमार सोनकर कैलाश प्रजापति  राजेंद्र विश्वकर्मा अमर दुबे राम लखन मास्टर मोहित मिश्रा अंशु पांडे विवेक सिंह शकील अहमद विजय दुबे छोटू चौबे प्रमोद गुप्ता संजय पांडे आनंद त्रिपाठी गणेश शंकर पांडे कैलाश प्रजापति अखिलेश सिंह मनीष दुबे दिलीप मौर्य अशोक पटेल मानस मोहल्ले  अंकु श्रीवास्तव डॉक्टर दिनेश चौधरी अनुज मिश्रा शिव शंकर पांडे जैकी कोल रितेश मिश्रा रामनाथ दुबे अश्वनी दुबे अशोक गुप्ता अमरनाथ पांडेय गुलाब मिश्रा अशोक गुप्ता नरेंद्र ठाकुर विवेक पटेल मनोज पटेल रामराज भारती यदुनाथ बिंद दुर्गेश पांडे इत्यादि कांग्रेस जन उपस्थित रहे।
खेलो प्रयागराज महापौर कप का इस बार का भी आयोजन भव्य और दिव्य होगा-महापौर गणेश केसरवानी।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।नगर निगम मुख्यालय सिविल लाइंस के हाल में महापौर कप 2025 की बैठक महापौर गणेश केसरवानी की अध्यक्षता में सभी खेल सघो के साथ बैठक सम्पन्न हुई जिसमें महापौर ने सभी खेलो को कराने की स्वीकृति 25/12/2025 से 6/1/2026 तक कराने की मंजूरी प्रदान की महापौर ने कहा इस खेल महोत्सव की तैयारियो को अंतिम रूप दिया गया इस प्रतियोगिता में विभिन्न खेलो के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे जिससे शहर की खेल संस्कृति में एक नई ऊर्जा आएगी यह भी बताया दिनांक 25.12.25 को दोपहर 3:00 बजे मदन मोहन मालवीय स्टेडियम कम्पनी बाग में इस खेल का शुभारम्भ होगा जिसमें प्रदेश के बड़े नेता उपस्थित होकर इस खेल का शुभारम्भ करेगे और 06.1.26 को इसी स्टेडियम में ही खेलो प्रयागराज महापौर कप का समापन होगा।इसके प्रचार के लिए शहर में खिलाड़ियो द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिससे लोगो को खेल से भावना जुड़े और खेल कार्यक्रम से पहले एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी।

इस बैठक में अपर नगर आयुक्त राजीव शुक्ला पार्षद आशीष द्विवेदी पंकज जायसवाल सुनीता चोपड़ा खेल से के बी काला आर एस वेदी कुलदीप सिंह उज्ज्वल सिंह शील ओझा और खेलगांव पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अनिल मिश्रा के टीम सदस्य प्रदीप तिवारी नीरज शर्मा आदि मौजूद रहे।

जिसमें निम्नलिखित खेल सम्मिलित होंगे-एथलेटिक पैरा एथलीट बैडमिंटन बास्केटबॉल बॉक्सिंग चेस क्रिकेट फुटबॉल हैंडबॉल हॉकी जूडो कबड्डी खो खो लॉन टेनिस रोइंग स्केटिंग टेबल टेनिस ताइक्वांडो वॉलीबॉल कयाकिंग और कैनोइंग कराटे ।
माघ मेला 2025 की तैयारियों को लेकर प्रयागराज में संगोष्ठी व टेबल-टॉप एक्सरसाइज, डीजीपी राजीव कृष्ण ने भीड़ प्रबंधन और आपदा तैयारी पर दिया जोर
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) द्वारा आगामी माघ मेला 2025 की तैयारियों के दृष्टिगत प्रयागराज में एक संगोष्ठी एवं टेबल-टॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य माघ मेले के दौरान भीड़ के प्रभावी प्रबंधन, डूबने की घटनाओं की रोकथाम, शीत लहर तथा अग्नि दुर्घटनाओं जैसी संभावित आपदाओं से निपटने की तैयारियों की समीक्षा और सुदृढ़ीकरण करना रहा।इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश श्री राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहभागिता करते हुए प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधन दिया।

संगोष्ठी की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (UPSDMA) के वाइस चेयरमैन श्री योगेन्द्र डिमरी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के उद्घाटन संबोधन से हुई। उन्होंने माघ मेला जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में आपदा प्रबंधन की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

कुंभ और माघ मेला विश्व के सबसे बड़े जनसमूह आयोजन

अपने संबोधन में डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि कुंभ मेला और माघ मेला विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक जनसमूह आयोजनों (Public Gathering Events) में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन आयोजनों में कुछ ऐसे विशेष स्नान पर्व होते हैं, जब एक ही समय और एक ही स्थान पर श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन जाता है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनौती केवल भीड़ की संख्या तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसकी निरंतर बदलती और गतिशील प्रकृति भी प्रशासन और पुलिस के लिए गंभीर चुनौती पैदा करती है।

एक साथ कई जोखिमों से निपटने की जरूरत

डीजीपी ने कहा कि माघ मेला जैसे आयोजनों में—
उच्च घनत्व वाली भीड़
नदी और संगम क्षेत्र से जुड़े डूबने के जोखिम
शीत लहर का प्रभाव
अग्नि दुर्घटनाओं की संभावना
यातायात, ट्रैफिक और पार्किंग की जटिलताएं
ये सभी समस्याएं एक साथ उत्पन्न होती हैं, जिनसे निपटने के लिए समग्र, समन्वित और बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता होती है।

प्रतिक्रिया नहीं, अब पूर्वानुमान आधारित व्यवस्था जरूरी

पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अब आपदा प्रबंधन का दृष्टिकोण केवल घटना के बाद प्रतिक्रिया देने तक सीमित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमान आधारित, योजनाबद्ध और प्रशिक्षित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करना समय की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि भले ही अलग-अलग विभाग अपनी-अपनी तैयारियां करते हों, लेकिन किसी भी आपात स्थिति में इन सभी तैयारियों को एकीकृत, समन्वित और समयबद्ध प्रतिक्रिया में बदलना अत्यंत आवश्यक है।

प्रवेश-निकास और स्नान घाटों पर विशेष फोकस

डीजीपी राजीव कृष्ण ने माघ मेले की सफलता के लिए—प्रवेश और निकास मार्गों की वैज्ञानिक योजना,स्नान घाटों पर भीड़ की आवाजाही का संतुलित प्रबंधन,माइक्रो-क्राउड की निरंतर निगरानी को बेहद अहम बताया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी भीड़ इकाइयों पर नजर रखकर बड़ी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

SDRF अब सिर्फ बैकअप नहीं

अपने संबोधन में डीजीपी ने कहा कि एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) अब केवल एक बैकअप बल नहीं रह गया है, बल्कि भीड़ सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की ऑपरेशनल व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने पूर्व आयोजनों में अपनी उच्च दक्षता और पेशेवर क्षमता का सफल प्रदर्शन किया है।

अग्नि, शीत लहर और डूबने की घटनाओं पर सख्त सतर्कता

अग्नि दुर्घटना, शीत लहर और डूबने से संबंधित खतरों पर चर्चा करते हुए डीजीपी ने कहा कि इन सभी संभावित जोखिमों से निपटने के लिए—

विभागों के बीच सतत समन्वय,

प्रभावी संचार व्यवस्था,

त्वरित और प्रशिक्षित प्रतिक्रिया तंत्र

अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि पूर्व अनुभवों के बावजूद किसी भी स्तर पर आत्मसंतोष या शिथिलता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हर दिन नई परिस्थितियां और नई चुनौतियां सामने आती हैं।

प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी

संगोष्ठी के दौरान कई वरिष्ठ प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। इनमें प्रमुख रूप से—

लेफ्टिनेंट जनरल पी.एस. शेखावत, जीओसी मध्य भारत, जबलपुर

अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन श्री संजीव गुप्ता

मंडलायुक्त प्रयागराज श्रीमती सौम्या अग्रवाल

श्री प्रवीण किशोर, परियोजना समन्वयक (प्रशिक्षण), यूपी एसडीएमए

श्री अनिमेष सिंह, सीएफओ माघ मेला प्रयागराज

श्री संतोष कुमार, 2IC, 11वीं बटालियन एनडीआरएफ, वाराणसी

डीडीएमए प्रयागराज, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, वाराणसी

श्री संदीप मेहरोत्रा, कर्नल (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ सलाहकार यूपी एसडीएमए

शामिल रहे।

तैयारियों को और मजबूत बनाएगी संगोष्ठी

अंत में डीजीपी राजीव कृष्ण ने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार की संगोष्ठियां और टेबल-टॉप एक्सरसाइज प्रशासन और पुलिस की तैयारियों को और अधिक मजबूत बनाएंगी तथा माघ मेला 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और विश्वास सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगी।उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि माघ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से सफल हो, बल्कि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के मानकों पर भी एक आदर्श आयोजन बने।
अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदेशभर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

लखनऊ। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्नअटल बिहारी वाजपेयीजी की जयंती (25 दिसम्बर, 2025) एवं अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के गौरवपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक चेतना, लोक परंपरा और राष्ट्रीय प्रेरणा को समर्पित भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार जयवीर सिंह की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह आयोजन गोमती रिवर फ्रन्ट (गोमती नगर, लखनऊ), बटेश्वर (आगरा), बलरामपुर, सीतापुर तथा नव-निर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के उद्घाटन अवसर पर एक साथ आयोजित किए जाएँगे, जिनमें प्रदेश की समृद्ध लोक-सांस्कृतिक विरासत और समकालीन कला का प्रभावशाली संगम देखने को मिला।

इन आयोजनों में कवि सम्मेलन, लोक गायन, सूफी गायन, कठपुतली प्रदर्शन, मैजिक शो, बम रसिया, धोबिया नृत्य, फरूवाही नृत्य, मयूर नृत्यसहित विविधसांस्कृतिक प्रस्तुतियोंने दर्शकों को भावविभोर किया जाएगा। कवियों की ओजस्वी वाणी, लोक कलाकारों की जीवंत अभिव्यक्तियाँ और पारंपरिक नृत्य-नाट्य ने अटल जी के विचारों-राष्ट्रवाद, लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक समरसताकृको सशक्त रूप में मंच पर उतारा जाएगा।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आयोजित ये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनमानस को राष्ट्रनिर्माण की भावना से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

यह सांस्कृतिक श्रृंखला उत्तर प्रदेश को भारतीय संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलित समन्वय अटल जी के सपनों के भारत को साकार करता दिखाई देता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि संस्कृति विभाग विलुप्त हो रही कलाओं को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोक कलाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इनको संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदेशभर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

लखनऊ। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्नअटल बिहारी वाजपेयीजी की जयंती (25 दिसम्बर, 2025) एवं अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के गौरवपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक चेतना, लोक परंपरा और राष्ट्रीय प्रेरणा को समर्पित भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार जयवीर सिंह की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह आयोजन गोमती रिवर फ्रन्ट (गोमती नगर, लखनऊ), बटेश्वर (आगरा), बलरामपुर, सीतापुर तथा नव-निर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के उद्घाटन अवसर पर एक साथ आयोजित किए जाएँगे, जिनमें प्रदेश की समृद्ध लोक-सांस्कृतिक विरासत और समकालीन कला का प्रभावशाली संगम देखने को मिला।

इन आयोजनों में कवि सम्मेलन, लोक गायन, सूफी गायन, कठपुतली प्रदर्शन, मैजिक शो, बम रसिया, धोबिया नृत्य, फरूवाही नृत्य, मयूर नृत्यसहित विविधसांस्कृतिक प्रस्तुतियोंने दर्शकों को भावविभोर किया जाएगा। कवियों की ओजस्वी वाणी, लोक कलाकारों की जीवंत अभिव्यक्तियाँ और पारंपरिक नृत्य-नाट्य ने अटल जी के विचारों-राष्ट्रवाद, लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक समरसताकृको सशक्त रूप में मंच पर उतारा जाएगा।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आयोजित ये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनमानस को राष्ट्रनिर्माण की भावना से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

यह सांस्कृतिक श्रृंखला उत्तर प्रदेश को भारतीय संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलित समन्वय अटल जी के सपनों के भारत को साकार करता दिखाई देता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि संस्कृति विभाग विलुप्त हो रही कलाओं को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोक कलाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इनको संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
भारतीय सेना भर रही पर्वतीय बच्चों के सपनों में रंग
स्ट्रीटबज्ज ब्यूरो

पिथौरागढ़/धारचूला, उत्तराखंड।
भारतीय सेना की कुमाऊँ स्काउट्स यूनिट ने सीमांत क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। धारचूला तहसील के दूरस्थ गांव गालाती स्थित प्राथमिक विद्यालय में सेना के जवानों द्वारा विद्यार्थियों को स्टेशनरी सामग्री वितरित की गई।

इस अवसर पर बच्चों को पेन, कॉपी, पेंसिल, स्कूल बैग सहित अन्य आवश्यक अध्ययन सामग्री प्रदान की गई। उपहार पाकर बच्चों के चेहरों पर उत्साह और खुशी साफ झलक रही थी। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए यह सहायता शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा लेकर आई है।

विद्यालय के शिक्षकों ने भारतीय सेना के इस मानवीय कदम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी और अभिभावकों में भी शिक्षा को लेकर जागरूकता आएगी।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य केवल शैक्षणिक सहायता देना ही नहीं, बल्कि बच्चों में राष्ट्रसेवा, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी विकसित करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को भविष्य में देश की सेवा के लिए प्रेरणा मिलती है और वे सशस्त्र बलों को करियर विकल्प के रूप में देखने लगते हैं।

भारतीय सेना की यह पहल सीमांत क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान और शिक्षा के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
वन विभाग के नोटिस के विरोध में ग्रामीणों की महापंचायत, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
उत्तरकाशी, उत्तराखंड।
चिन्यालीसौड़ ब्लॉक की हातड़, दशगी और बिष्ट पट्टी के ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा वर्षों पूर्व आवंटित पट्टों को निरस्त करने संबंधी नोटिस जारी किए जाने का कड़ा विरोध किया है। इस निर्णय के खिलाफ सोमवार को ग्रामीणों ने एक महापंचायत आयोजित कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

ग्रामीणों ने प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि टिहरी रियासत के समय से, यानी लगभग 60 वर्ष से अधिक समय पूर्व, स्थानीय जनता को जो भवन और भूमि पट्टे आवंटित किए गए थे, उन्हें अब अवैध घोषित किया जा रहा है, जो सरासर अन्याय है।

महापंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से इन भवनों और जमीनों पर रह रहे हैं और अब अचानक बेदखली की कार्रवाई से उनका जीवन और आजीविका संकट में पड़ गई है। ग्रामीणों ने वन विभाग के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की समस्याएं सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुद्दे पर जनता के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने दूरभाष के माध्यम से जिलाधिकारी से बातचीत कर वन विभाग के निर्णय पर पुनर्विचार करने और स्थानीय लोगों को राहत देने की मांग की। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही एक शिष्टमंडल की मुलाकात वन मंत्री और मुख्यमंत्री से कराई जाएगी, ताकि समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

महापंचायत में वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा शीशपाल चौहान, पूर्व सैनिक राजेश भारतद्वाज, पूर्व जिला उपाध्यक्ष विजय बडोनी, पूर्व मंडल अध्यक्ष चैन सिंह महर, राजेंद्र गुसाईं, रणवीर चौहान, कृतम पंवार, रघुवीर चौहान, प्रधान ज्येष्ठवादी शोधन सिंह नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रपाल राणा, प्रधान जोखणी रोशन लाल, प्रधान प्रतिनिधि नगाण गांव संतोष नौटियाल, पूर्व प्रधान खदालडा अमोल सिंह महर, क्षेत्र पंचायत सदस्य कामदा गणेश नौटियाल, पूर्व ग्राम प्रधान बनाड़ी कोमल सिंह पंवार, सुमन पंवार, सुरेश पाल सिंह महर, क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवम नेगी, पूर्व प्रधान जोखणी लक्ष्मण राणा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।
उत्तराखंड के स्कूलों में भगवद गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य: पुष्कर सिंह धामी
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में भगवद गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य कर दिया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और जीवन दर्शन से जोड़ना है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गीता का अध्ययन छात्रों में नैतिकता, अनुशासन और जीवन मूल्यों को मजबूत करेगा। उन्होंने इसे नई पीढ़ी को भारतीय परंपराओं से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी रेखांकित किया। एक वीडियो संदेश में उन्होंने अल्मोड़ा जिले में स्थित ऐतिहासिक कट्टरमल सूर्य मंदिर का उल्लेख किया। सूर्यदेव को समर्पित यह मंदिर कात्युरी काल की उत्कृष्ट वास्तुकला और गहन भक्ति का प्रतीक माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्राचीन धरोहर उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास और जीवंत सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाती है तथा पर्यटकों से इस स्थल के भ्रमण का आह्वान किया।

इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने गौतम बुद्ध नगर स्थित नोएडा स्टेडियम में आयोजित सात दिवसीय ‘महाकौथिग’ सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करते हैं, बल्कि राज्य से बाहर रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों को भी एक साझा मंच पर जोड़ते हैं। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य का “सच्चा ब्रांड एंबेसडर” बताया।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि धार्मिक धर्मांतरण, विभाजनकारी विचारधाराओं और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है।
गणित क्विज से विद्यार्थियों की तार्किक क्षमता को मिला नया आयाम


बहसूमा। मेरठ। डी मोनफोर अकादमी में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए अंतर-कक्षा गणित क्विज प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस शैक्षिक प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में गणित विषय के प्रति रुचि जागृत करना तथा उनकी तार्किक व बौद्धिक क्षमता का विकास करना रहा।

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की प्रेरणादायक जीवनी दिखाई गई। उनके संघर्षपूर्ण जीवन और गणित के क्षेत्र में दिए गए अतुलनीय योगदान से परिचित होकर विद्यार्थी अत्यंत प्रेरित नजर आए।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. समीर वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीनिवास रामानुजन का जीवन यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी परिश्रम, समर्पण और आत्मविश्वास के बल पर बड़ी उपलब्धियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को निरंतर अभ्यास और प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित किया।

वहीं विद्यालय की उप-प्रधानाचार्या  रितु चिकारा ने कहा कि गणित केवल अंक और सूत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह तार्किक सोच, विश्लेषण और समस्या समाधान की क्षमता को विकसित करता है। उन्होंने इस प्रकार की प्रतियोगिताओं को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।

कार्यक्रम में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता रही। अंत में विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस सफल आयोजन में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों और छात्रों की सराहना की गई।