दो बाइकों की आमने–सामने भिड़ंत में युवक की मौत, परिवार में छाया मातम

मीडिया दर्शन औरंगाबाद बड़ेम थाना क्षेत्र के नवीनगर–बारुण मुख्य पथ पर स्थित उरदाना मोड़ के पास बुधवार की दोपहर हुए सड़क हादसे में एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना निजी विद्यालय के समीप हुई, जहाँ दो बाइकों की आमने–सामने जोरदार टक्कर में उरदाना गांव निवासी 45 वर्षीय मनोज यादव पुत्र देवन यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद गश्ती दल दरोगा राहुल कुमार मौके पर पहुँचा और गंभीर अवस्था में पड़े मनोज को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बारूण , भेजवाया। डॉक्टरों ने बचाने की भरसक कोशिश की, परंतु उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटना में शामिल दूसरी बाइक एक स्थानीय निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को छोड़ने और लाने के क्रम में वहां पहुँची थी। बताया जाता है कि विद्यालय में छुट्टी होने के बाद बाइक चालक अपने बच्चों को लेकर वापस लौट रहा था। इसी दौरान मोड़ के पास तेज रफ्तार में आ रही दोनों मोटरसाइकिलें आमने–सामने भिड़ गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मनोज सड़क पर गिरते ही बेहोश हो गए। उनका सिर और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। दूसरी बाइक के चालक के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद वह मौके से गायब हो गया। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। मौके पर अफरा–तफरी का माहौल बन गया।

गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की। कई लोगों ने बताया कि उरदाना मोड़ के पास सड़क संकरी होने और वाहनों के तेज रफ्तार से आने–जाने के कारण हादसे अक्सर होते रहते हैं। स्थानीय लोगों ने यहाँ स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक संकेतक लगाने की अपील की है।

थानाध्यक्ष अमरजीत चौधरी ने बताया कि पुलिस ने मामले की त्वरित जांच शुरू कर दी है। दुर्घटनाग्रस्त दोनों बाइकों को जप्त कर थाना लाया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक मनोज यादव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों में घटना के बाद कोहराम मचा हुआ है। परिवार के सदस्य बार–बार बेसुध हो रहे हैं। मनोज यादव परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य थे, जिससे उनके असामयिक निधन से घर की आर्थिक स्थिति पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं।

थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि हादसे में शामिल दूसरी बाइक तथा उसके चालक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। पुलिस विद्यालय प्रशासन और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उसकी खोज में जुटी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही चालक की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और रफ्तार पर नियंत्रण रखें, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। गांव के लोग घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतक के परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुँच रहे हैं। सड़क सुरक्षा और जागरूकता को लेकर भी ग्रामीणों में चर्चा तेज हो गई है।

बिहार में नहीं चलेगा बुलडोजर राज : भाकपा–माले उजाड़ने से पहले भूमिहीनों को पर्चा और पक्का मकान देने की मांग

गया। भाकपा–माले द्वारा पूरे बिहार में मनाए जा रहे राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत गया शहर में बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध मार्च निकाला गया। प्रदर्शन का मुख्य नारा था— “बुलडोजर नहीं, जमीन का पर्चा दो; रोज़ी-रोटी की सुरक्षा दो।” विरोध जताने वाले प्रदर्शनकारी अम्बेडकर पार्क से जुलूस की शक्ल में जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचे, जहां एक सभा आयोजित कर सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा–माले के जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि नई एनडीए सरकार के गठन के बाद गया सहित पूरे बिहार में अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों, दलितों व फुटपाथी दुकानदारों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था और पुनर्वास के हजारों परिवारों को उजाड़ा जा रहा है, जो सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करता है। निरंजन कुमार ने मांग की कि भूमिहीन गरीबों को भूमि का पर्चा दिया जाए और उन्हें पक्के घर उपलब्ध कराए जाएँ, ताकि उन्हें बार-बार बेघर होने का खतरा न रहे।

फुटपाथों पर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शहर में एक भी वेंडिंग जोन का न होना सरकार की बदइंतज़ामी का प्रमाण है। उनके अनुसार, बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए फुटपाथी दुकानदारों को हटाना उनकी आजीविका पर हमला है। भाकपा–माले ने साफ कहा कि गरीबों को उजाड़ने के बजाय सरकार शहर में सुव्यवस्थित वेंडिंग जोन बनाकर दुकानदारों को वैध जगह दे, ताकि उनका व्यवसाय सुरक्षित रह सके।

नेताओं का कहना था कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने 10 हजार लोगों को लाभ देने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद वही सरकार गरीबों और छोटे कारोबारियों पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि बिहार में किसी भी तरह का बुलडोजर राज नहीं चलने दिया जाएगा और गरीबों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।

विरोध मार्च और सभा में जिला सचिव निरंजन कुमार, नगर प्रभारी तारिक अनवर, जिला कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल, रामलखन प्रसाद, बच्चू सिंह, रवि कुमार, रामचंद्र प्रसाद, अंजुषा कुमारी, ईश्वर चौधरी, रामानंद सिंह, मोहम्मद शाकिब सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।

बारा में इंडस्ट्रियल टेरर!बारा के PP GCL प्लांट में 11 केबी ब्रेकर ब्लास्ट—तीन घायल,एक की हालत नाज़ुक;फ्रेसरो से जबरन करवाया गया था जोखिमभरा काम

इंजीनियरो की प्रताड़ना धौंस और गाली-गलौज की खुली पोल;घायल पड़े मजदूर—अब गेटपास कैंसिल कर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश!

बारा से सबसे बड़ी खबर—PP GCLकम्पनी में बड़ा धमाका इंजीनियरों की मनमानी और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़।

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर क्षेत्र के बारा स्थित PP GCLपावर प्लांट में एक बड़ा हादसा हो गया।पावरमेक कंपनी के अंतर्गत CH P के इलेक्ट्रिकल सेक्शन में 11 केबी का ब्रेकर जोरदार धमाके के साथ ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में कुल तीन युवा वर्कर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें निखिल शुक्ला (निवासी– कर्मा करछना) की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार उसकी जान बचने की संभावना बेहद कम है। घायल अन्य वर्करों में मनीष पाण्डेय (गढ़ी त्योंथर निवासी) शामिल हैं, जो बुरी तरह झुलस चुके हैं।

फ्रेसर से कराया गया खतरनाक काम—इलेक्ट्रिकल लाइसेंस तक नहीं था!

जानकारी के मुताबिक निखिल शुक्ला को कंपनी में अभी सिर्फ छह महीना ही हुआ है। उसके पास इलेक्ट्रिकल लाइसेंस भी नहीं है, बावजूद इसके उसे इंजीनियरों ने जबरन हाई- वोल्टेज क्षेत्र में काम करने को मजबूर किया। हादसे के वक्त इलेक्ट्रिकल इंचार्ज संदीप कुमार और इंजीनियर जीतेन्द्र यादव मौके पर मौजूद थे। आरोप है कि दोनों ने बिना सुरक्षा उपकरणों के निखिल को रुकवाकर खतरनाक काम कराया, जबकि उसकी जनरल ड्यूटी शाम 5 बजे समाप्त हो चुकी थी।

इंजीनियर प्रतीक और अमित पर गंभीर आरोप—गाली-गलौज धमकी और टर्मिनेशन की दहशत

वर्करों का कहना है कि PP GCL CH P के इंजीनियर प्रतीक और अमित रोजमर्रा की गाली-गलौज, मां-बहन की गंदी भाषा और टर्मिनेट करने की धमकी देकर जबरदस्ती खतरनाक काम करवाते हैं।लोकल लड़कों को कम वेतन और अधिक जोखिम वाले कामों में धकेलना इस प्लांट की पुरानी नीति बन चुकी है।

हादसे के बाद इंजीनियरो की चालबाज़ी—अब गेटपास कैंसिल करवाने में जुटे!

सबसे हैरानी की बात ये है कि हादसा होते ही घायल वर्करों को इलाज दिलाने और जिम्मेदारी लेने के बजाय कंपनी के इंजीनियर गेटपास कैंसिल कराने में लग गए, ताकि मामले को दबाया जा सके और अपनी जिम्मेदारी से बचा जा सके।

स्थानीय कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी हर बार हादसों को अंदर ही अंदर रफा-दफा कर देती है, ताकि प्लांट की साख पर सवाल न उठें।

जिलाधिकारी प्रयागराज से कार्रवाई की माँग—अगर निखिल को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार इंजीनियर प्रतीक अमित संदीप और जीतेन्द्र यादव!

घायल मजदूरों के परिवार व स्थानीय लोग प्रयागराज डीएम व जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि: इंजीनियर प्रतीक,अमित, इलेक्ट्रिकल इंचार्ज संदीप कुमार, इंजीनियर जीतेन्द्र यादव, के खिलाफ तुरंत गम्भीर धाराओ में FIR दर्ज की जाए। क्योंकि उन्हीं की जबरदस्ती, प्रताड़ना, गाली- गलौज और बिना सुरक्षा के फ्रेसरों से काम कराने की वजह से ये बड़ा हादसा हुआ है।

प्रशासन के लिये बड़ा सवाल—कब तक चलता रहेगा मजदूरों पर यह औद्योगिक अत्याचार?

यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि वर्करों के शोषण और प्लांट के अंदर फैले भ्रष्टाचार का नतीजा है। अगर आज भी प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में ऐसे हादसे और भी बड़े रूप में सामने आएंगे।

हटिया मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार पर लगाया रणनीतिक PSU को खत्म करने का आरोप, कहा- "घाटा कृत्रिम संकट का परिणाम"

रांची स्थित देश की प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) को बंद करने की केंद्र सरकार की सिफारिश और मंत्रालय से रिपोर्ट तलब किए जाने पर भारी विरोध शुरू हो गया है। हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर केंद्र सरकार की नीतियों को 'जन-विरोधी, सीपीएसयू-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी' करार दिया है।

यूनियन ने आरोप लगाया है कि पिछले सात वर्षों के घाटे का हवाला देकर एचईसी को 'अकार्यक्षम' बताने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह घाटा सरकार की सुनियोजित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

सरकार पर लगाए गए मुख्य आरोप (घाटे का कारण)

यूनियन ने स्पष्ट किया कि एचईसी को घाटे में धकेलने के पीछे बाजार की विफलता नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं:

आरोप विवरण

पूंजी और निवेश का अभाव एचईसी को पूंजीगत निवेश नहीं दिया गया, जिससे मशीनरी और संयंत्र का उन्नयन नहीं हो सका।

बकाया भुगतान रोकना केंद्र सरकार ने एचईसी के ₹4300 करोड़ के बकाये का भुगतान रोके रखा, जो विभिन्न परियोजनाओं में किए गए कार्यों के एवज में लंबित है।

नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूरी भारी मशीनरी, खनन, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक विशेषज्ञता के बावजूद, एचईसी को जानबूझकर नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूर रखा गया।

सुनियोजित घाटा 2018-19 से 2024-25 तक घाटा लगातार बढ़ा, जिसे यूनियन ने PSU को पंगु बनाने की नीति का हिस्सा बताया है।

भवन सिंह ने कहा, "बिना पूंजी और बिना आदेश के कोई भी उद्योग लाभ कैसे कमा सकता है? अब इसी कृत्रिम संकट का हवाला देकर इकाई को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है।"

सरकार की वास्तविक मंशा

यूनियन ने आरोप लगाया कि सरकार की वास्तविक मंशा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी पूँजीपतियों के लिए खाली मैदान बनाना और देश की सामरिक औद्योगिक क्षमता (भारी इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष, रक्षा) को निजी हाथों में सौंपना है।

हटिया मजदूर यूनियन की प्रमुख माँगे

यूनियन ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए निम्नलिखित माँगे रखी हैं:

तत्काल रोक: एचईसी बंद करने की किसी भी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।

बैंक गारंटी बहाल: केंद्र सरकार एचईसी की रद्द एसबीआई की बैंक गारंटी को तुरंत बहाल करे।

फंड और कॉन्ट्रैक्ट्स: एचईसी को नए आदेश, आधुनिकीकरण बजट और तकनीकी उन्नयन पैकेज प्रदान किया जाए।

नीतिगत बदलाव: सार्वजनिक उद्योग नीति को पुनः बहाल किया जाए।

कर्मचारियों की सुरक्षा: मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों की आजीविका की रक्षा सुनिश्चित की जाए; किसी भी प्रकार की छँटनी या विनिवेश स्वीकार नहीं किया जाएगा।

यूनियन ने इस जन-विरोधी निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि एचईसी का निजीकरण या बंदी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि यह झारखंड के लाखों परिवारों और भारत की औद्योगिक क्षमता पर सीधा हमला है।

नाम के शब्दों से भावनात्मक लगाव बढ़ता है....बाबूलाल मरांडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी तंत्र और भवनों को जनता से जोड़ने केलिए किया पहल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज भवन का नाम लोक भवन करने केलिए प्रधानमंत्री जी का एवं निर्णय को झारखंड में अविलंब लागू करने पर बधाई शुभकामनाएं दी।

श्री मरांडी ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता को शासक बोध से हटाकर लोक सेवा के रूप में स्थापित करने की लगातार पहल की है।

कहा कि चाहे मंत्री गण ,वरीय पदाधिकारियों के गाड़ियों से लाल पीली बत्ती हटाने का निर्णय हो या फिर राज पथ को कर्तव्य पथ बनाना,प्रधानमंत्री आवास को लोक कल्याण मार्ग ,केंद्रीय सचिवालय को कर्तव्य भवन,राजभवन को लोक भवन और पीएमओ को सेवा तीर्थ के रूप में नामांकित करना जैसे निर्णय लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने खुद को प्रधानमंत्री की जगह प्रधान सेवक कहलाना तय किया है।

कहा कि इतना ही नहीं विकलांग शब्द को हटाकर दिव्यांग कहना यह बताता है कि प्रधानमंत्री जी भारत के एक एक नागरिक की भावनाओं के कितने करीब हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि ये शब्दों का परिवर्तन मात्र नहीं बल्कि मोदी सरकार की नीति और नीयत को दर्शाता है।

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते'के तहत प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर मिले नाबालिग बालक को रेलवे सुरक्षा बल/प्रयागराज छिवकी ने किया परिजनो को सुपुर्द

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’के माध्यम से रेलवे परिसरों एवं ट्रेनो में पाए जाने वाले असुरक्षित या संकटग्रस्त बच्चों को बचाने का सतत प्रयास करता है।यह केवल एक अभियान नहीं बल्कि उन हजारो बच्चो के लिए जीवन रेखा है जो किसी कारणवश घर से भटक जाते हैं या सहायता की आवश्यकता में होते हैं।

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ बाल सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में रेलवे सुरक्षा बल की एक संवेदनशील पहल है जिसके माध्यम से बाल श्रम तस्करी एवं लापता बच्चों पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है।दिनांक 02 दिसम्बर 2025 को रेलवे सुरक्षा बल/प्रयागराज छिवकी के सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुमार एवं उनकी टीम गश्त पर थी. इस दौरान प्रयागराज छिवकी स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 01 पर एक नाबालिग लड़का संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिया।रेलवे सुरक्षा बल/प्रयागराज छिवकी द्वारा पूछने पर उसने अपना नाम अनूप पटेल निवासी सेहरा थाना कौंधियारा जिला प्रयागराज बताया। उसने बताया कि वह माता-पिता से नाराज़ होकर घर से निकलकर सूरत जाने के इरादे से स्टेशन पहुंचा था।

मामले की सूचना तुरन्त चाइल्डलाइन प्रयागराज और बच्चे के परिजन को दी गई। बाद में उसके बड़े भाई मंजीत पटेल के स्टेशन पहुँचने पर आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करते हुए बच्चे को सकुशल उनको सुपुर्द कर दिया गया।रेल प्रशासन आमजन एवं यात्रियों से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असुरक्षित या भटकता हुआ पाए जाने पर तुरन्त रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दें। आपकी एक सूचना किसी बच्चे को सुरक्षित घर पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है।

रानी रेवती देवी में तीन दिवसीय प्रान्तीय निरीक्षण हुआ प्रारम्भ

निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में भारतीय मूल्यों और संस्कृति को स्थापित करना और राष्ट्र निर्माण के लिए संस्कारों से युक्त एक पीढ़ी तैयार करना है-अवधेश मिश्र

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर प्रयागराज में विद्या भारती योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष होने वाले वार्षिक शैक्षिक निरीक्षण के क्रम में विद्यालय का वार्षिक निरीक्षण विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय के मार्गदर्शन में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज झारखंड कादीपुर सुलतानपुर से आए हुए निरीक्षकों की टोली के प्रमुख प्रधानाचार्य अवधेश मिश्र एवं उनके सहयोगीगण के द्वारा आज दिनांक 3 दिसम्बर से वंदना सत्र से प्रारम्भ हुआ जो कि 5 दिसम्बर तक चलेगा।

विद्यालय के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि मां सरस्वती की वन्दना के पश्चात विद्यालय के आचार्य सत्य प्रकाश पाण्डेय ने प्रधानाचार्य अवधेश मिश्र सहित उनके साथ उनकी टोली में आए हुए निरीक्षको मनोज ओझा प्रवक्ता गणित जटाशंकर तिवारी प्रवक्ता रसायन विज्ञान कृष्णदेव सिंह प्रवक्ता हिन्दी एवं विपनेंद्र सिंह कार्यालय प्रमुख का परिचय कराया तत्पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय एवं छात्र सांसद कन्या भारती एवं शिशु भारती के पदाधिकारियो ने आए हुए निरीक्षकों का स्वागत अंगवस्त्रम से किया।इस अवसर पर भैया बहनों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य अवधेश मिश्र ने बताया कि विद्या भारती प्रान्तीय निरीक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें क्षेत्रीय और प्रान्तीय स्तर पर संस्था के प्रतिनिधि शैक्षणिक दिशा संगठनात्मक नीति और भावी योजनाओं का निर्धारण करते है ताकि शिक्षा को भारतीय मूल्यों और संस्कृति के अनुरूप बनाया जा सके।

यह निरीक्षण विद्या भारती की साधारण सभा के माध्यम से होता है जो संस्था की सर्वोच्च नीति-निर्धारण और मार्गदर्शक इकाई है।निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में भारतीय मूल्यो और संस्कृति को स्थापित करना और राष्ट्र निर्माण के लिए संस्कारों से युक्त एक पीढ़ी तैयार करना है।

निरीक्षक बन्धुओ ने तीन दिवसीय विद्यालय निरीक्षण के क्रम में प्रथम दिन शैक्षिक वित्तीय अनुशासन विद्यालय परिवेश संसाधनो आदि का सूक्ष्म निरीक्षण करते हुयें विद्यालय की मातृ भारती एवं पुरातन छात्रो के साथ बैठक की।

निरीक्षण के क्रम में आगामी दो दिनो में निरीक्षक बंधु विभिन्न विभागो तथा उनकी पंजी का निरीक्षण करते हुये छात्र सांसद कन्या भारती संस्कार केन्द्र प्रबन्ध समिति एवं आचार्य परिवार के साथ बैठक करेेगे।प्रार्थना सभा का संचालन दिनेश कुमार शुक्ल ने किया।

“उड़ान हमारी” — विशेष बच्चों की कला-संभावनाओं और पारिवारिक जागरूकता की ओर एक नई शुरुआत

रायपुर- विश्व विकलांग दिवस (World Disability Day) के अवसर पर सृष्टि स्पेशल स्कूल, रोहिणीपुरम तालाब, रायपुर में सुरूज ट्रस्ट द्वारा विशेष बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण चित्रकला कार्यशाला “उड़ान हमारी” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की कला प्रतिभा को उभारने, बल्कि उनके परिवारों को सशक्त और जागरूक बनाने का एक प्रयास है।

इस कार्यशाला में स्पर्श, जो स्वयं एक विशेष कलाकार हैं, उन्होंने अपने समान 30 बच्चों को रंगों की दुनिया से परिचित कराते हुए उनकी कल्पनाओं, भावनाओं और संवेदनाओं को पेपर पर उतारने के लिए प्रेरित किया। इस सत्र में बच्चों के साथ आए उनके परिवारों ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

कार्यशाला की विशिष्टता परिवारों के लिए आयोजित काउंसलिंग सत्र रहा, जिसका संचालन श्रीमती संगीता धुरंधर और मिनेश साहू द्वारा किया गया। साथ ही सुरूज ट्रस्ट के सभी सदस्य बस्तर से शकील रिजवी, राहुल सिंधी, सुधीर आज़ाद तम्बोली, हिमानी वासनिक उपस्थित रहें।

काउंसलिंग के दौरान—

परिवारों ने बच्चों से जुड़ी अपनी जिज्ञासाओं और चिंताओं पर खुलकर सवाल पूछे।

विशेषज्ञों ने व्यवहार, शिक्षा, दिनचर्या, भावनात्मक संतुलन सहित सभी विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

यह समझाया गया कि इन बच्चों की सबसे बड़ी असली हिम्मत उनका परिवार ही है, और परिवार यदि धैर्य, सहयोग और सकारात्मकता के साथ खड़ा रहे तो बच्चा सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकता है।

समान अवसर ही स्वस्थ समाज का आधार — दीप्ति ओग्रे, अध्यक्ष, सुरूज ट्रस्ट

सुरूज ट्रस्ट की अध्यक्ष दीप्ति ओग्रे ने कहा: “एक अच्छे और स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब सभी को समान अवसर दिए जाएँ। मानसिक विकलांगता को लेकर हमारे समाज में अब भी जागरूकता की कमी है। अक्सर किसी बच्चे का IQ लेवल कम होने पर उसे तुरंत ‘पागल’ कह दिया जाता है, जबकि हर समस्या का समाधान हमारे आस-पास ही मौजूद होता है। यह चित्रकला कार्यशाला बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने और काउंसलिंग सत्र परिवारों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन पूरी दुनिया विश्व विकलांग दिवस मना रही है, उसी दिन सुरूज ट्रस्ट ने इस विशेष दिन को “उड़ान हमारी” नाम देकर एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जिसे हर वर्ष मनाने का संकल्प लिया गया।

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष के जन्मदिन पर बोले जिला अध्यक्ष एससी एसटी एक्ट के लिए दे देंगे जान की कुर्बानी

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर का 39वां जन्मदिन संभल में उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने नदीम कुरैशी के फार्म हाउस पर पहुंचकर धूमधाम से केक काटा और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि चंद्रशेखर युवाओं की उम्मीद हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी लगातार मजबूत हो रही है। इसी संकल्प के साथ कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर पार्टी के संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया।

जन्मदिन समारोह के दौरान पार्टी जिला अध्यक्ष शहजाद ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट कमजोर करने की साजिश चल रही है, लेकिन आजाद समाज पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी। उन्होंने ऐलान किया कि आरक्षण एवं एससी-एसटी एक्ट को खत्म करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष छेड़ा जाएगा। शहजाद ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इन संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यकर्ता जान की कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर का नेतृत्व दलित, वंचित और शोषित समाज के हक की लड़ाई लड़ने के लिए समर्पित है। इसी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता बूथ स्तर तक संगठन विस्तार करेंगे। इधर सम्भल स्थित आजाद समाज पार्टी कार्यालय पर भी कार्यकर्ताओं ने अलग से जन्मदिन कार्यक्रम आयोजित किया। यहां कार्यकर्ताओं ने चंद्रशेखर की फोटो रखकर केक काटा और उनके लंबे राजनीतिक जीवन की कामना की। पूरे दिन पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहा। जन्मदिन के मौके पर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, वहीं नेताओं का कहना है कि चंद्रशेखर का बढ़ता कद व संघर्षशील छवि पार्टी को नई दिशा देने का काम कर रही है।

सपा समीक्षा बैठक में विधायक कमाल अख़्तर का भाजपा पर बड़ा हमला, एसआईआर, वन नेशन वन इलेक्शन और संचार साथी ऐप पर साधा निशाना

सम्भल में बुधवार को आयोजित समाजवादी पार्टी की समीक्षा बैठक में कांठ विधायक कमाल अख़्तर ने भाजपा सरकार और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर तीखे सवाल खड़े किए। बैठक में उन्होंने चल रहे एसआईआर अभियान, दिल्ली एमसीडी उपचुनाव, वन नेशन वन इलेक्शन और संचार साथी ऐप के मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

विधायक ने कहा कि यूपी में एसआईआर का पहला बड़ा अभियान चल रहा है, लेकिन सम्भल की चार विधानसभा क्षेत्रों में इसके क्रियान्वयन को लेकर कई गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना पर्याप्त प्रशिक्षण के उन कर्मचारियों से फीडिंग कराई जा रही है जिन्होंने कभी लैपटॉप तक नहीं देखा। दस्तावेज़ सत्यापन के लिए लोगों को मात्र 15 दिन का समय देना बेहद अनुचित है, जबकि एक प्रमाण पत्र बनाने में पटवारी महीनों लगाता है।

दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को लगी चोट पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि चुनाव बैलट पेपर से हों तो भाजपा को और बड़ा नुकसान होगा।

उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि 16 करोड़ मतदाताओं वाले यूपी में चुनाव आठ चरणों में इसीलिए कराए जाते हैं कि मशीनरी और कर्मचारियों की कमी का बहाना बनाया जाता है, जबकि डेढ़ साल पहले से ही एसआईआर जैसे भारी-भरकम काम शुरू कर दिए जाते हैं।

वन नेशन वन इलेक्शन को भी उन्होंने ‘दोहरे मापदंड’ बताया। कमाल अख़्तर ने कहा कि यदि सरकार एक देश—एक चुनाव चाहती है तो फिर एक वोटर लिस्ट क्यों नहीं? एसआईआर के बाद जब मतदाता सूची एकदम क्लियर बता रहे हैं, तो प्रधानी, जिला पंचायत, बीडीसी और विधानसभा–सांसद के चुनाव अलग सूचियों से क्यों कराए जाते हैं?

संसद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विपक्ष पर ड्रामा करने के बयान पर विधायक ने कहा कि असल में जनता जानती है कि ड्रामा कौन कर रहा है। विपक्ष एसआईआर, बेरोजगारी, शिक्षा और बीएलओ की मौत पर बहस चाहता है। यह कोई ड्रामा नहीं है।

संचार साथी ऐप पर उन्होंने कहा कि यह लोगों की निजी जिंदगी में दखल देता है। हर आदमी अपने घर में दरवाजा इसलिए लगाता है कि उसकी प्राइवेसी बनी रहे। सरकार इस ऐप के जरिए हर नागरिक की सूचना अपने पास रखना चाहती है, जो बिल्कुल गलत है।

मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर बुलडोज़र एक्शन को लेकर उन्होंने प्रतिक्रिया दी—सरकार है, कैमरा उधर घुमा दे तो बुलडोज़र किसी पर भी चल सकता है।

सपा समीक्षा बैठक चुनावी तेवरों और सरकारी नीतियों पर सख्त सवालों के साथ संपन्न रही।

दो बाइकों की आमने–सामने भिड़ंत में युवक की मौत, परिवार में छाया मातम

मीडिया दर्शन औरंगाबाद बड़ेम थाना क्षेत्र के नवीनगर–बारुण मुख्य पथ पर स्थित उरदाना मोड़ के पास बुधवार की दोपहर हुए सड़क हादसे में एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना निजी विद्यालय के समीप हुई, जहाँ दो बाइकों की आमने–सामने जोरदार टक्कर में उरदाना गांव निवासी 45 वर्षीय मनोज यादव पुत्र देवन यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद गश्ती दल दरोगा राहुल कुमार मौके पर पहुँचा और गंभीर अवस्था में पड़े मनोज को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बारूण , भेजवाया। डॉक्टरों ने बचाने की भरसक कोशिश की, परंतु उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटना में शामिल दूसरी बाइक एक स्थानीय निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को छोड़ने और लाने के क्रम में वहां पहुँची थी। बताया जाता है कि विद्यालय में छुट्टी होने के बाद बाइक चालक अपने बच्चों को लेकर वापस लौट रहा था। इसी दौरान मोड़ के पास तेज रफ्तार में आ रही दोनों मोटरसाइकिलें आमने–सामने भिड़ गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मनोज सड़क पर गिरते ही बेहोश हो गए। उनका सिर और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। दूसरी बाइक के चालक के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद वह मौके से गायब हो गया। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। मौके पर अफरा–तफरी का माहौल बन गया।

गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की। कई लोगों ने बताया कि उरदाना मोड़ के पास सड़क संकरी होने और वाहनों के तेज रफ्तार से आने–जाने के कारण हादसे अक्सर होते रहते हैं। स्थानीय लोगों ने यहाँ स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक संकेतक लगाने की अपील की है।

थानाध्यक्ष अमरजीत चौधरी ने बताया कि पुलिस ने मामले की त्वरित जांच शुरू कर दी है। दुर्घटनाग्रस्त दोनों बाइकों को जप्त कर थाना लाया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक मनोज यादव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों में घटना के बाद कोहराम मचा हुआ है। परिवार के सदस्य बार–बार बेसुध हो रहे हैं। मनोज यादव परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य थे, जिससे उनके असामयिक निधन से घर की आर्थिक स्थिति पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं।

थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि हादसे में शामिल दूसरी बाइक तथा उसके चालक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। पुलिस विद्यालय प्रशासन और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उसकी खोज में जुटी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही चालक की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और रफ्तार पर नियंत्रण रखें, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। गांव के लोग घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतक के परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुँच रहे हैं। सड़क सुरक्षा और जागरूकता को लेकर भी ग्रामीणों में चर्चा तेज हो गई है।

बिहार में नहीं चलेगा बुलडोजर राज : भाकपा–माले उजाड़ने से पहले भूमिहीनों को पर्चा और पक्का मकान देने की मांग

गया। भाकपा–माले द्वारा पूरे बिहार में मनाए जा रहे राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत गया शहर में बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध मार्च निकाला गया। प्रदर्शन का मुख्य नारा था— “बुलडोजर नहीं, जमीन का पर्चा दो; रोज़ी-रोटी की सुरक्षा दो।” विरोध जताने वाले प्रदर्शनकारी अम्बेडकर पार्क से जुलूस की शक्ल में जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचे, जहां एक सभा आयोजित कर सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा–माले के जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि नई एनडीए सरकार के गठन के बाद गया सहित पूरे बिहार में अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों, दलितों व फुटपाथी दुकानदारों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था और पुनर्वास के हजारों परिवारों को उजाड़ा जा रहा है, जो सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करता है। निरंजन कुमार ने मांग की कि भूमिहीन गरीबों को भूमि का पर्चा दिया जाए और उन्हें पक्के घर उपलब्ध कराए जाएँ, ताकि उन्हें बार-बार बेघर होने का खतरा न रहे।

फुटपाथों पर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शहर में एक भी वेंडिंग जोन का न होना सरकार की बदइंतज़ामी का प्रमाण है। उनके अनुसार, बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए फुटपाथी दुकानदारों को हटाना उनकी आजीविका पर हमला है। भाकपा–माले ने साफ कहा कि गरीबों को उजाड़ने के बजाय सरकार शहर में सुव्यवस्थित वेंडिंग जोन बनाकर दुकानदारों को वैध जगह दे, ताकि उनका व्यवसाय सुरक्षित रह सके।

नेताओं का कहना था कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने 10 हजार लोगों को लाभ देने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद वही सरकार गरीबों और छोटे कारोबारियों पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि बिहार में किसी भी तरह का बुलडोजर राज नहीं चलने दिया जाएगा और गरीबों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।

विरोध मार्च और सभा में जिला सचिव निरंजन कुमार, नगर प्रभारी तारिक अनवर, जिला कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल, रामलखन प्रसाद, बच्चू सिंह, रवि कुमार, रामचंद्र प्रसाद, अंजुषा कुमारी, ईश्वर चौधरी, रामानंद सिंह, मोहम्मद शाकिब सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।

बारा में इंडस्ट्रियल टेरर!बारा के PP GCL प्लांट में 11 केबी ब्रेकर ब्लास्ट—तीन घायल,एक की हालत नाज़ुक;फ्रेसरो से जबरन करवाया गया था जोखिमभरा काम

इंजीनियरो की प्रताड़ना धौंस और गाली-गलौज की खुली पोल;घायल पड़े मजदूर—अब गेटपास कैंसिल कर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश!

बारा से सबसे बड़ी खबर—PP GCLकम्पनी में बड़ा धमाका इंजीनियरों की मनमानी और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़।

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर क्षेत्र के बारा स्थित PP GCLपावर प्लांट में एक बड़ा हादसा हो गया।पावरमेक कंपनी के अंतर्गत CH P के इलेक्ट्रिकल सेक्शन में 11 केबी का ब्रेकर जोरदार धमाके के साथ ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में कुल तीन युवा वर्कर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें निखिल शुक्ला (निवासी– कर्मा करछना) की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार उसकी जान बचने की संभावना बेहद कम है। घायल अन्य वर्करों में मनीष पाण्डेय (गढ़ी त्योंथर निवासी) शामिल हैं, जो बुरी तरह झुलस चुके हैं।

फ्रेसर से कराया गया खतरनाक काम—इलेक्ट्रिकल लाइसेंस तक नहीं था!

जानकारी के मुताबिक निखिल शुक्ला को कंपनी में अभी सिर्फ छह महीना ही हुआ है। उसके पास इलेक्ट्रिकल लाइसेंस भी नहीं है, बावजूद इसके उसे इंजीनियरों ने जबरन हाई- वोल्टेज क्षेत्र में काम करने को मजबूर किया। हादसे के वक्त इलेक्ट्रिकल इंचार्ज संदीप कुमार और इंजीनियर जीतेन्द्र यादव मौके पर मौजूद थे। आरोप है कि दोनों ने बिना सुरक्षा उपकरणों के निखिल को रुकवाकर खतरनाक काम कराया, जबकि उसकी जनरल ड्यूटी शाम 5 बजे समाप्त हो चुकी थी।

इंजीनियर प्रतीक और अमित पर गंभीर आरोप—गाली-गलौज धमकी और टर्मिनेशन की दहशत

वर्करों का कहना है कि PP GCL CH P के इंजीनियर प्रतीक और अमित रोजमर्रा की गाली-गलौज, मां-बहन की गंदी भाषा और टर्मिनेट करने की धमकी देकर जबरदस्ती खतरनाक काम करवाते हैं।लोकल लड़कों को कम वेतन और अधिक जोखिम वाले कामों में धकेलना इस प्लांट की पुरानी नीति बन चुकी है।

हादसे के बाद इंजीनियरो की चालबाज़ी—अब गेटपास कैंसिल करवाने में जुटे!

सबसे हैरानी की बात ये है कि हादसा होते ही घायल वर्करों को इलाज दिलाने और जिम्मेदारी लेने के बजाय कंपनी के इंजीनियर गेटपास कैंसिल कराने में लग गए, ताकि मामले को दबाया जा सके और अपनी जिम्मेदारी से बचा जा सके।

स्थानीय कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी हर बार हादसों को अंदर ही अंदर रफा-दफा कर देती है, ताकि प्लांट की साख पर सवाल न उठें।

जिलाधिकारी प्रयागराज से कार्रवाई की माँग—अगर निखिल को कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार इंजीनियर प्रतीक अमित संदीप और जीतेन्द्र यादव!

घायल मजदूरों के परिवार व स्थानीय लोग प्रयागराज डीएम व जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि: इंजीनियर प्रतीक,अमित, इलेक्ट्रिकल इंचार्ज संदीप कुमार, इंजीनियर जीतेन्द्र यादव, के खिलाफ तुरंत गम्भीर धाराओ में FIR दर्ज की जाए। क्योंकि उन्हीं की जबरदस्ती, प्रताड़ना, गाली- गलौज और बिना सुरक्षा के फ्रेसरों से काम कराने की वजह से ये बड़ा हादसा हुआ है।

प्रशासन के लिये बड़ा सवाल—कब तक चलता रहेगा मजदूरों पर यह औद्योगिक अत्याचार?

यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि वर्करों के शोषण और प्लांट के अंदर फैले भ्रष्टाचार का नतीजा है। अगर आज भी प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में ऐसे हादसे और भी बड़े रूप में सामने आएंगे।

हटिया मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार पर लगाया रणनीतिक PSU को खत्म करने का आरोप, कहा- "घाटा कृत्रिम संकट का परिणाम"

रांची स्थित देश की प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) को बंद करने की केंद्र सरकार की सिफारिश और मंत्रालय से रिपोर्ट तलब किए जाने पर भारी विरोध शुरू हो गया है। हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर केंद्र सरकार की नीतियों को 'जन-विरोधी, सीपीएसयू-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी' करार दिया है।

यूनियन ने आरोप लगाया है कि पिछले सात वर्षों के घाटे का हवाला देकर एचईसी को 'अकार्यक्षम' बताने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह घाटा सरकार की सुनियोजित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

सरकार पर लगाए गए मुख्य आरोप (घाटे का कारण)

यूनियन ने स्पष्ट किया कि एचईसी को घाटे में धकेलने के पीछे बाजार की विफलता नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं:

आरोप विवरण

पूंजी और निवेश का अभाव एचईसी को पूंजीगत निवेश नहीं दिया गया, जिससे मशीनरी और संयंत्र का उन्नयन नहीं हो सका।

बकाया भुगतान रोकना केंद्र सरकार ने एचईसी के ₹4300 करोड़ के बकाये का भुगतान रोके रखा, जो विभिन्न परियोजनाओं में किए गए कार्यों के एवज में लंबित है।

नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूरी भारी मशीनरी, खनन, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक विशेषज्ञता के बावजूद, एचईसी को जानबूझकर नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूर रखा गया।

सुनियोजित घाटा 2018-19 से 2024-25 तक घाटा लगातार बढ़ा, जिसे यूनियन ने PSU को पंगु बनाने की नीति का हिस्सा बताया है।

भवन सिंह ने कहा, "बिना पूंजी और बिना आदेश के कोई भी उद्योग लाभ कैसे कमा सकता है? अब इसी कृत्रिम संकट का हवाला देकर इकाई को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है।"

सरकार की वास्तविक मंशा

यूनियन ने आरोप लगाया कि सरकार की वास्तविक मंशा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी पूँजीपतियों के लिए खाली मैदान बनाना और देश की सामरिक औद्योगिक क्षमता (भारी इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष, रक्षा) को निजी हाथों में सौंपना है।

हटिया मजदूर यूनियन की प्रमुख माँगे

यूनियन ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए निम्नलिखित माँगे रखी हैं:

तत्काल रोक: एचईसी बंद करने की किसी भी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।

बैंक गारंटी बहाल: केंद्र सरकार एचईसी की रद्द एसबीआई की बैंक गारंटी को तुरंत बहाल करे।

फंड और कॉन्ट्रैक्ट्स: एचईसी को नए आदेश, आधुनिकीकरण बजट और तकनीकी उन्नयन पैकेज प्रदान किया जाए।

नीतिगत बदलाव: सार्वजनिक उद्योग नीति को पुनः बहाल किया जाए।

कर्मचारियों की सुरक्षा: मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों की आजीविका की रक्षा सुनिश्चित की जाए; किसी भी प्रकार की छँटनी या विनिवेश स्वीकार नहीं किया जाएगा।

यूनियन ने इस जन-विरोधी निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि एचईसी का निजीकरण या बंदी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि यह झारखंड के लाखों परिवारों और भारत की औद्योगिक क्षमता पर सीधा हमला है।

नाम के शब्दों से भावनात्मक लगाव बढ़ता है....बाबूलाल मरांडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी तंत्र और भवनों को जनता से जोड़ने केलिए किया पहल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज भवन का नाम लोक भवन करने केलिए प्रधानमंत्री जी का एवं निर्णय को झारखंड में अविलंब लागू करने पर बधाई शुभकामनाएं दी।

श्री मरांडी ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता को शासक बोध से हटाकर लोक सेवा के रूप में स्थापित करने की लगातार पहल की है।

कहा कि चाहे मंत्री गण ,वरीय पदाधिकारियों के गाड़ियों से लाल पीली बत्ती हटाने का निर्णय हो या फिर राज पथ को कर्तव्य पथ बनाना,प्रधानमंत्री आवास को लोक कल्याण मार्ग ,केंद्रीय सचिवालय को कर्तव्य भवन,राजभवन को लोक भवन और पीएमओ को सेवा तीर्थ के रूप में नामांकित करना जैसे निर्णय लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने खुद को प्रधानमंत्री की जगह प्रधान सेवक कहलाना तय किया है।

कहा कि इतना ही नहीं विकलांग शब्द को हटाकर दिव्यांग कहना यह बताता है कि प्रधानमंत्री जी भारत के एक एक नागरिक की भावनाओं के कितने करीब हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि ये शब्दों का परिवर्तन मात्र नहीं बल्कि मोदी सरकार की नीति और नीयत को दर्शाता है।

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते'के तहत प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर मिले नाबालिग बालक को रेलवे सुरक्षा बल/प्रयागराज छिवकी ने किया परिजनो को सुपुर्द

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’के माध्यम से रेलवे परिसरों एवं ट्रेनो में पाए जाने वाले असुरक्षित या संकटग्रस्त बच्चों को बचाने का सतत प्रयास करता है।यह केवल एक अभियान नहीं बल्कि उन हजारो बच्चो के लिए जीवन रेखा है जो किसी कारणवश घर से भटक जाते हैं या सहायता की आवश्यकता में होते हैं।

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ बाल सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में रेलवे सुरक्षा बल की एक संवेदनशील पहल है जिसके माध्यम से बाल श्रम तस्करी एवं लापता बच्चों पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है।दिनांक 02 दिसम्बर 2025 को रेलवे सुरक्षा बल/प्रयागराज छिवकी के सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुमार एवं उनकी टीम गश्त पर थी. इस दौरान प्रयागराज छिवकी स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 01 पर एक नाबालिग लड़का संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिया।रेलवे सुरक्षा बल/प्रयागराज छिवकी द्वारा पूछने पर उसने अपना नाम अनूप पटेल निवासी सेहरा थाना कौंधियारा जिला प्रयागराज बताया। उसने बताया कि वह माता-पिता से नाराज़ होकर घर से निकलकर सूरत जाने के इरादे से स्टेशन पहुंचा था।

मामले की सूचना तुरन्त चाइल्डलाइन प्रयागराज और बच्चे के परिजन को दी गई। बाद में उसके बड़े भाई मंजीत पटेल के स्टेशन पहुँचने पर आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करते हुए बच्चे को सकुशल उनको सुपुर्द कर दिया गया।रेल प्रशासन आमजन एवं यात्रियों से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असुरक्षित या भटकता हुआ पाए जाने पर तुरन्त रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दें। आपकी एक सूचना किसी बच्चे को सुरक्षित घर पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है।

रानी रेवती देवी में तीन दिवसीय प्रान्तीय निरीक्षण हुआ प्रारम्भ

निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में भारतीय मूल्यों और संस्कृति को स्थापित करना और राष्ट्र निर्माण के लिए संस्कारों से युक्त एक पीढ़ी तैयार करना है-अवधेश मिश्र

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर प्रयागराज में विद्या भारती योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष होने वाले वार्षिक शैक्षिक निरीक्षण के क्रम में विद्यालय का वार्षिक निरीक्षण विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय के मार्गदर्शन में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज झारखंड कादीपुर सुलतानपुर से आए हुए निरीक्षकों की टोली के प्रमुख प्रधानाचार्य अवधेश मिश्र एवं उनके सहयोगीगण के द्वारा आज दिनांक 3 दिसम्बर से वंदना सत्र से प्रारम्भ हुआ जो कि 5 दिसम्बर तक चलेगा।

विद्यालय के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि मां सरस्वती की वन्दना के पश्चात विद्यालय के आचार्य सत्य प्रकाश पाण्डेय ने प्रधानाचार्य अवधेश मिश्र सहित उनके साथ उनकी टोली में आए हुए निरीक्षको मनोज ओझा प्रवक्ता गणित जटाशंकर तिवारी प्रवक्ता रसायन विज्ञान कृष्णदेव सिंह प्रवक्ता हिन्दी एवं विपनेंद्र सिंह कार्यालय प्रमुख का परिचय कराया तत्पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय एवं छात्र सांसद कन्या भारती एवं शिशु भारती के पदाधिकारियो ने आए हुए निरीक्षकों का स्वागत अंगवस्त्रम से किया।इस अवसर पर भैया बहनों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य अवधेश मिश्र ने बताया कि विद्या भारती प्रान्तीय निरीक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें क्षेत्रीय और प्रान्तीय स्तर पर संस्था के प्रतिनिधि शैक्षणिक दिशा संगठनात्मक नीति और भावी योजनाओं का निर्धारण करते है ताकि शिक्षा को भारतीय मूल्यों और संस्कृति के अनुरूप बनाया जा सके।

यह निरीक्षण विद्या भारती की साधारण सभा के माध्यम से होता है जो संस्था की सर्वोच्च नीति-निर्धारण और मार्गदर्शक इकाई है।निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में भारतीय मूल्यो और संस्कृति को स्थापित करना और राष्ट्र निर्माण के लिए संस्कारों से युक्त एक पीढ़ी तैयार करना है।

निरीक्षक बन्धुओ ने तीन दिवसीय विद्यालय निरीक्षण के क्रम में प्रथम दिन शैक्षिक वित्तीय अनुशासन विद्यालय परिवेश संसाधनो आदि का सूक्ष्म निरीक्षण करते हुयें विद्यालय की मातृ भारती एवं पुरातन छात्रो के साथ बैठक की।

निरीक्षण के क्रम में आगामी दो दिनो में निरीक्षक बंधु विभिन्न विभागो तथा उनकी पंजी का निरीक्षण करते हुये छात्र सांसद कन्या भारती संस्कार केन्द्र प्रबन्ध समिति एवं आचार्य परिवार के साथ बैठक करेेगे।प्रार्थना सभा का संचालन दिनेश कुमार शुक्ल ने किया।

“उड़ान हमारी” — विशेष बच्चों की कला-संभावनाओं और पारिवारिक जागरूकता की ओर एक नई शुरुआत

रायपुर- विश्व विकलांग दिवस (World Disability Day) के अवसर पर सृष्टि स्पेशल स्कूल, रोहिणीपुरम तालाब, रायपुर में सुरूज ट्रस्ट द्वारा विशेष बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण चित्रकला कार्यशाला “उड़ान हमारी” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की कला प्रतिभा को उभारने, बल्कि उनके परिवारों को सशक्त और जागरूक बनाने का एक प्रयास है।

इस कार्यशाला में स्पर्श, जो स्वयं एक विशेष कलाकार हैं, उन्होंने अपने समान 30 बच्चों को रंगों की दुनिया से परिचित कराते हुए उनकी कल्पनाओं, भावनाओं और संवेदनाओं को पेपर पर उतारने के लिए प्रेरित किया। इस सत्र में बच्चों के साथ आए उनके परिवारों ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

कार्यशाला की विशिष्टता परिवारों के लिए आयोजित काउंसलिंग सत्र रहा, जिसका संचालन श्रीमती संगीता धुरंधर और मिनेश साहू द्वारा किया गया। साथ ही सुरूज ट्रस्ट के सभी सदस्य बस्तर से शकील रिजवी, राहुल सिंधी, सुधीर आज़ाद तम्बोली, हिमानी वासनिक उपस्थित रहें।

काउंसलिंग के दौरान—

परिवारों ने बच्चों से जुड़ी अपनी जिज्ञासाओं और चिंताओं पर खुलकर सवाल पूछे।

विशेषज्ञों ने व्यवहार, शिक्षा, दिनचर्या, भावनात्मक संतुलन सहित सभी विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

यह समझाया गया कि इन बच्चों की सबसे बड़ी असली हिम्मत उनका परिवार ही है, और परिवार यदि धैर्य, सहयोग और सकारात्मकता के साथ खड़ा रहे तो बच्चा सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकता है।

समान अवसर ही स्वस्थ समाज का आधार — दीप्ति ओग्रे, अध्यक्ष, सुरूज ट्रस्ट

सुरूज ट्रस्ट की अध्यक्ष दीप्ति ओग्रे ने कहा: “एक अच्छे और स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब सभी को समान अवसर दिए जाएँ। मानसिक विकलांगता को लेकर हमारे समाज में अब भी जागरूकता की कमी है। अक्सर किसी बच्चे का IQ लेवल कम होने पर उसे तुरंत ‘पागल’ कह दिया जाता है, जबकि हर समस्या का समाधान हमारे आस-पास ही मौजूद होता है। यह चित्रकला कार्यशाला बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने और काउंसलिंग सत्र परिवारों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन पूरी दुनिया विश्व विकलांग दिवस मना रही है, उसी दिन सुरूज ट्रस्ट ने इस विशेष दिन को “उड़ान हमारी” नाम देकर एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जिसे हर वर्ष मनाने का संकल्प लिया गया।

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष के जन्मदिन पर बोले जिला अध्यक्ष एससी एसटी एक्ट के लिए दे देंगे जान की कुर्बानी

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर का 39वां जन्मदिन संभल में उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने नदीम कुरैशी के फार्म हाउस पर पहुंचकर धूमधाम से केक काटा और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि चंद्रशेखर युवाओं की उम्मीद हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी लगातार मजबूत हो रही है। इसी संकल्प के साथ कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर पार्टी के संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया।

जन्मदिन समारोह के दौरान पार्टी जिला अध्यक्ष शहजाद ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट कमजोर करने की साजिश चल रही है, लेकिन आजाद समाज पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी। उन्होंने ऐलान किया कि आरक्षण एवं एससी-एसटी एक्ट को खत्म करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष छेड़ा जाएगा। शहजाद ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इन संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यकर्ता जान की कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर का नेतृत्व दलित, वंचित और शोषित समाज के हक की लड़ाई लड़ने के लिए समर्पित है। इसी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता बूथ स्तर तक संगठन विस्तार करेंगे। इधर सम्भल स्थित आजाद समाज पार्टी कार्यालय पर भी कार्यकर्ताओं ने अलग से जन्मदिन कार्यक्रम आयोजित किया। यहां कार्यकर्ताओं ने चंद्रशेखर की फोटो रखकर केक काटा और उनके लंबे राजनीतिक जीवन की कामना की। पूरे दिन पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहा। जन्मदिन के मौके पर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, वहीं नेताओं का कहना है कि चंद्रशेखर का बढ़ता कद व संघर्षशील छवि पार्टी को नई दिशा देने का काम कर रही है।

सपा समीक्षा बैठक में विधायक कमाल अख़्तर का भाजपा पर बड़ा हमला, एसआईआर, वन नेशन वन इलेक्शन और संचार साथी ऐप पर साधा निशाना

सम्भल में बुधवार को आयोजित समाजवादी पार्टी की समीक्षा बैठक में कांठ विधायक कमाल अख़्तर ने भाजपा सरकार और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर तीखे सवाल खड़े किए। बैठक में उन्होंने चल रहे एसआईआर अभियान, दिल्ली एमसीडी उपचुनाव, वन नेशन वन इलेक्शन और संचार साथी ऐप के मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

विधायक ने कहा कि यूपी में एसआईआर का पहला बड़ा अभियान चल रहा है, लेकिन सम्भल की चार विधानसभा क्षेत्रों में इसके क्रियान्वयन को लेकर कई गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना पर्याप्त प्रशिक्षण के उन कर्मचारियों से फीडिंग कराई जा रही है जिन्होंने कभी लैपटॉप तक नहीं देखा। दस्तावेज़ सत्यापन के लिए लोगों को मात्र 15 दिन का समय देना बेहद अनुचित है, जबकि एक प्रमाण पत्र बनाने में पटवारी महीनों लगाता है।

दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को लगी चोट पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि चुनाव बैलट पेपर से हों तो भाजपा को और बड़ा नुकसान होगा।

उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि 16 करोड़ मतदाताओं वाले यूपी में चुनाव आठ चरणों में इसीलिए कराए जाते हैं कि मशीनरी और कर्मचारियों की कमी का बहाना बनाया जाता है, जबकि डेढ़ साल पहले से ही एसआईआर जैसे भारी-भरकम काम शुरू कर दिए जाते हैं।

वन नेशन वन इलेक्शन को भी उन्होंने ‘दोहरे मापदंड’ बताया। कमाल अख़्तर ने कहा कि यदि सरकार एक देश—एक चुनाव चाहती है तो फिर एक वोटर लिस्ट क्यों नहीं? एसआईआर के बाद जब मतदाता सूची एकदम क्लियर बता रहे हैं, तो प्रधानी, जिला पंचायत, बीडीसी और विधानसभा–सांसद के चुनाव अलग सूचियों से क्यों कराए जाते हैं?

संसद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विपक्ष पर ड्रामा करने के बयान पर विधायक ने कहा कि असल में जनता जानती है कि ड्रामा कौन कर रहा है। विपक्ष एसआईआर, बेरोजगारी, शिक्षा और बीएलओ की मौत पर बहस चाहता है। यह कोई ड्रामा नहीं है।

संचार साथी ऐप पर उन्होंने कहा कि यह लोगों की निजी जिंदगी में दखल देता है। हर आदमी अपने घर में दरवाजा इसलिए लगाता है कि उसकी प्राइवेसी बनी रहे। सरकार इस ऐप के जरिए हर नागरिक की सूचना अपने पास रखना चाहती है, जो बिल्कुल गलत है।

मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर बुलडोज़र एक्शन को लेकर उन्होंने प्रतिक्रिया दी—सरकार है, कैमरा उधर घुमा दे तो बुलडोज़र किसी पर भी चल सकता है।

सपा समीक्षा बैठक चुनावी तेवरों और सरकारी नीतियों पर सख्त सवालों के साथ संपन्न रही।