महारानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक किया गया नमन
लहरपुर सीतापुर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई के द्वारा स्थानीय राजकीय बालिका इण्टर कालेज में बुधवार को महारानी लक्ष्मीबाई जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया गया। इस मौके पर मिशन साहसी कार्यक्रम के तहत उपस्थित बालिकाओं को महिला आरक्षियों के द्वारा सुरक्षा के गुर सिखाए गए। कार्यक्रम में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में सीतापुर जिले के जिला संगठन मंत्री हर्षित ने छात्राओं को महारानी लक्ष्मीबाई की तरह निडर और साहसी बनने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप स प्रांत कार्यकारिणी सदस्य अमित नाग, नगर मंत्री राज मेहरोत्रा, नगर सह मंत्री अभिजीत गौड़, तहसील संयोजक विकास मौर्य, अजय वर्मा एवं अन्य कार्यकर्ता व छात्राएं उपस्थित थीं।
*सत्यकाम स्कूल ट्रस्टी के वादों पर उठे सवाल, अभिभावकों में नाराज़गी*

मेरठ।सत्यकाम स्कूल द्वारा दिवाली के मौके पर किए गए बड़े-बड़े दावे अब खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। ट्रस्टी और समाजसेविका द्वारा नवंबर माह के लिए बस किराया व ट्यूशन फीस माफ करने का जो “दीवाली गिफ्ट” बताया गया था, वह अभिभावकों को अब तक जमीन पर उतरता दिखाई नहीं दे रहा। इससे स्कूल प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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वादे कहाँ गए? अभिभावकों में गहरी नाराज़गी

सितंबर-अक्टूबर में स्कूल ट्रस्टी की ओर से यह घोषणा की गई थी कि नवंबर माह में—

बच्चों की ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी,

स्कूल बस का किराया पूर्णतया माफ रहेगा,

कोई फॉर्म चार्ज या अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

यह घोषणा सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर बड़े स्तर पर प्रचारित भी की गई। लेकिन नवंबर आधा बीत जाने के बाद भी अभिभावकों को किसी भी प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिला।

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“दिवाली गिफ्ट” निकला फुस्स — अभिभावक ठगा महसूस कर रहे

ट्रस्टी और समाजसेविका द्वारा बड़े उत्साह से किया गया “दिवाली गिफ्ट घोषणा” अब गुमराह करने वाली साबित हो रही है।

अभिभावकों का आरोप है कि—

स्कूल अब भी पूरी ट्यूशन फीस मांग रहा है।

नवम्बर माह का बस किराया भी पहले की तरह वसूल किया जा रहा है।

वादों का कहीं कोई लिखित नोटिस स्कूल की ओर से जारी नहीं किया गया।

इससे अभिभावक कह रहे हैं कि ट्रस्टी द्वारा किया गया प्रचार सिर्फ दिखावा था, जिसका उद्देश्य लोगों को प्रभावित करना भर था।

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“बच्चों को नहीं मिली छूट, वादे हुए टूट — अभिभावकों की लूट जारी”

स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि जब वादा किया गया था तो उसे पूरा करना चाहिए था। स्कूल की फीस पहले ही कई परिवारों पर आर्थिक बोझ है, और उस पर झूठे वादों ने लोगों को और निराश किया है।

कुछ अभिभावकों ने यह भी कहा कि—

> “अगर ट्रस्टी ने वादा किया था तो उसे निभाना चाहिए। बिना सोचे-समझे प्रचार करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।”

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कहा जा रहा है कि प्रचार सिर्फ लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश थी

ट्रस्टी की इस घोषणा को कई लोग लोकप्रियता का स्टंट बता रहे हैं।

स्कूल में कोई आधिकारिक मीटिंग नहीं हुई,

न ही किसी नोटिस बोर्ड पर शुल्क माफी का विवरण चस्पा किया गया।

इससे साफ है कि घोषणा सिर्फ शब्दों तक सीमित रह गई और अभिभावकों को इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला।

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अभिभावकों की मांग – स्कूल प्रशासन दे स्पष्ट जवाब

अभिभावकों ने प्रशासन से अपील की है कि—

स्कूल ट्रस्ट से इस पर स्पष्ट जवाब तलब किया जाए,

माफी का वादा किया गया था तो लिखित रूप में आदेश जारी किए जाएं,

और यदि यह घोषणा गलत साबित होती है तो ट्रस्टी को जवाबदेह ठहराया जाए।

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निष्कर्ष

सत्यकाम स्कूल का "दिवाली गिफ्ट" फिलहाल संदेह के घेरे में आ गया है। वादे और प्रचार कुछ और कहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है। अभिभावकों की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है और अब सबकी नजरें स्कूल प्रबंधन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

*घरेलू सिलेंडरों पर विभाग की ‘चयनात्मक’ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल*, *हलवाई कि दुकानों पर क्यों नहीं जाँच*:

मेरठ। शहर में घरेलू गैस सिलेंडरों के अवैध उपयोग पर विभाग की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। कुछ चुनिंदा स्थानों पर छापेमारी के बाद ऐसा लग रहा है कि विभाग की सक्रियता एक-दो मामलों तक ही सीमित रह गई है, जबकि पूरे शहर में इस खतरे का दायरा कहीं बड़ा है।

हरिया लस्सी पर कार्रवाई, लेकिन बाकी शहर क्यों सुरक्षित?

बीते दिनों लालकुर्ती स्थित हरिया लस्सी पर घरेलु सिलेंडरों के गलत उपयोग को लेकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए सिलेंडर जब्त किए। लेकिन इसके बाद विभाग की गतिविधियां अचानक सुस्त पड़ती दिखाई दे रही हैं। सवाल यह उठ रहा है कि एक दुकान पर कार्रवाई कर देना क्या पूरे शहर को सुरक्षित कर देता है? सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर घरेलू सिलेंडरों का खुलेआम इस्तेमाल :

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर अधिकांश फास्ट फूड के ठेले, चाट-स्टॉल और हलवाई की दुकानों में खुलेआम घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। ये सिलेंडर सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए अधिकृत हैं, ऐसे में बाजारों में चल रहा यह प्रयोग न सिर्फ अवैध है बल्कि कभी भी बड़ा हादसा कराने की क्षमता रखता है। साथ हीं सूरजकुंड पार्क के पास लगने वाले ठेलों पर विभाग की नजर क्यों नहीं? ये भी एक सवाल है! सूरजकुंड पार्क के पास शाम होते ही दर्जनों ठेले सजते हैं, जहां खानपान का कारोबार घरेलू सिलेंडरों पर ही चलता है। यहां भी स्थिति कम खतरनाक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी कई बार इस रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य है।

क्या विभाग शिकायत का इंतजार करता है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विभाग स्वयं सघन जांच करेगा या फिर सिर्फ शिकायत आने पर ही एक्टिव होगा? यदि शिकायत-आधारित कार्रवाई ही होनी है, तो शहर में फैल रहे इस गैस-खतरे को रोकना असंभव हो जाएगा।

लोगों का कहना है कि विभाग को चाहिए कि—

सभी बाजारों में सघन अभियान चलाए,

अवैध सिलेंडर उपयोग करने वालों को चेतावनी के साथ नोटिस जारी करे,

और बार-बार दोहराने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग सिर्फ अवैध नहीं, बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ है। विभाग को चाहिए कि एक-दो जगह की औपचारिक कार्रवाई के बजाय पूरे शहर में समान रूप से जांच अभियान चलाए, ताकि किसी बड़े हादसे को होने से रोका जा सके।

*सुबह 10 से पहले रात 10 बजे के बाद हो रही ओवर रेट पर शराब कि बिक्री,अधिकारी मौन क्यों:*

मेरठ। शहर में कानून व्यवस्था और प्रशासन के दावों को धत्ता बताते हुए शराब माफियाओं का बोलबाला एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। शहर के कई इलाकों में सुबह 10 से पहले और रात 10 बजे के बाद भी खुलेआम शराब बेची जा रही है, और वह भी ओवर रेट पर। सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी गतिविधि के बावजूद आबकारी विभाग और पुलिस मौन क्यों है?

पहले फूलबाग कॉलोनी फिर केंटोमेंट हॉस्पिटल के सामने और अब कुटी पर सुबह हीं बिकती मिली शराब!

कुटी स्थित पेट्रोल पंप के बराबर मे देशी शराब का ठेका सुबह जल्दी व देर रात के समय नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। जानकारी के अनुसार, यहाँ रात 10 बजे के बाद भी शराब बिक्री जारी रहती है, और ₹ 75 की बोतल ₹90 में बेची जा रही है। स्थानीय लोगों ने कई बार वीडियो साक्ष्यों सहित आबकारी विभाग में शिकायतें दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। वीडियो सबूतों के बावजूद न तो ओवररेट का चालान हुआ और न ही किसी कर्मचारी पर कार्रवाई। सूत्रों के अनुसार,

ओवर रेट पर चालान की राशि ₹75,000 तय है,

जबकि ओवर टाइम बिक्री पर मात्र ₹5,000 का चालान होता है। ऐसे में अधिकारी ओवररेट को ओवर टाइम बताकर मामूली चालान कर अपनी जिम्मेदारी से बच निकलते हैं। जिसका जीता जागता सबूत केंटमेंट के सामने ठेके कि विडिओ वायरल के बाद हुआ! और यही कारण है कि अवैध बिक्री का खेल अब भी जारी है।

गढ़ अड्डे और कुटी पर खुलेआम शराबखोरी:

फूलबाग ही नहीं, बल्कि गढ़ अड्डा, और शहर के कुछ मुख्य चौराहे भी देर रात शराबियों के अड्डे बन चुके हैं। गढ़ अड्डे के सामने तो खुलेआम सड़क किनारे शराब पी जाती है।

कुछ समय पहले इस मामले में शहर के कप्तान ने सख्ती दिखाते हुए चौकी इंचार्ज को निलंबित किया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वही हालात दोबारा लौट आए — जो दर्शाता है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ कागज़ों तक सीमित है।

बाबू डॉन’ और होटल-ढाबों की आड़ में अवैध कारोबार

बस अड्डे के बराबर में चलने वाला ‘बाबू डॉन जूस ठेला’ और गढ़ अड्डे के सामने हिमालय गेस्ट हाउस भी इन दिनों चर्चा में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ठेला रात में जूस नहीं, बल्कि शराब परोसने का अड्डा बन जाता है।और होटल गेस्ट हाउस भी अय्याशी के लिए मशहूर है!

इसी तरह हारमोनी होटल के पास और कुटी पेट्रोल पंप के नजदीक भी देर रात शराब की बिक्री होती है। इन स्थानों पर आए दिन लोगों की भीड़ और झगड़े की घटनाएँ होती रहती हैं,

फिर भी प्रशासनिक अमला मानो आँखें मूँदे बैठा है।

प्रशासनिक मिलीभगत या लापरवाही?

शहर के जानकारों का कहना है कि जब इतने वीडियो और शिकायतें प्रशासन के पास पहुँच चुकी हैं, तो कार्रवाई न होने का मतलब है कि कहीं न कहीं अंदरूनी मिलीभगत है।

आबकारी विभाग अधिकारियों की निष्क्रियता ने न केवल कानून व्यवस्था को कमजोर किया है,

बल्कि ईमानदार पुलिसकर्मियों की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

जनता की माँग – सख्त कार्रवाई हो

स्थानीय नागरिकों और समाजसेवी संगठनों ने आबकारी आयुक्त से तत्काल जांच की माँग की है।

लोगों का कहना है कि—

ओवर रेट और ओवर टाइम में संलिप्त ठेकेदारों पर भारी जुर्माना लगे। संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच कर निलंबन और विभागीय कार्यवाही की जाए।

रात 10 बजे के बाद शराब बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जाए।

मेरठ शहर में शराब का कारोबार अब खुलेआम चुनौती बनता जा रहा है। जहाँ एक ओर जनता सुरक्षा और शांति की उम्मीद करती है, वहीं दूसरी ओर अधिकारी भ्रष्टाचार की चादर ओढ़कर कानून की धज्जियाँ उड़ाने वालों को संरक्षण देते दिख रहे हैं।

> अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो मेरठ जल्द ही ‘ओवर रेट और ओवर टाइम के शहर’ के नाम से जाना जाएगा।*

ब्लाक सभागार में किसान गोष्ठी कार्यक्रम में किसानों को किया गया जागरूक

हलिया। मिर्जापुर। स्थानीय ब्लॉक सभागार में बुधवार को किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया मुख्य अतिथि के रुप में पहुंची छानवे रींकी कोल द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया इस दौरान एडीओ एग्रीकल्चर नरेंद्र कानापुरिया द्वारा उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जैविक खेती करने तथा किसानों को अन्नदाता बताते हुए उन्हें जैविक खेती करने के फायदे को बताते हुए कम लागत में अधिक बचत कर सकते हैं गाय के गोबर का उपयोग अधिक उपज कर सकते हैं डीएपी यूरिया उर्वरक खाद का उपयोग कम से कम करें उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही है किसान इसका लाभ पाने के लिए अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर पहुंचकर रजिस्ट्रेशन करा कर आसानी से समस्त योजनाओं का लाभ ले सकते हैं इसके बाद नौ करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का ₹2000 सीधा किसान के खाते में ट्रांसफर करने का लाइव प्रसारण दिखाया गया किसान खाते में पैसा आते ही चेहरा खिल उठा गोष्ठी में उपस्थित कृषि अधिकारियों ने किसानों को फसलों के बारे में जानकारी दी गई।

किसानों को बताया कि रवि की फसल में किसान कितने बीज, खाद किस मात्रा में डाल सकते हैं इसके साथ ही रवि फसलों की तकनीकी जानकारी दी गई। सोलर पंप, फसल अवशेष प्रबंधन, पशुपालन उद्यानीकरण, मत्स्य पालन, पीएम सम्मान निधि में ईकेवाईसी, फार्मर रजिस्ट्री के साथ कई कृषि योजनाओं की जानकारी दी गई इसके बाद विधायक द्वारा कृषि केंद्र का निरीक्षण किया गया इस दौरान,एडीओ एजी नरेंद्र कानापुरिया, शशी पटेल, गुलाब बहादुर,मार्तण्ड सिंह, दिनेश सिंह, सहित किसान मौजूद रहे।

अंबा स्टील फैक्ट्री के बाहर केटर चालक कफिल पर जानलेवा हमला, सिर फटा—

आशीष कुमार

मुजफ्फरनगर। मन्सूरपुर थाना क्षेत्र के जड़ौदा अहे के पास स्थित अंबा स्टील फैक्ट्री के बाहर मंगलवार शाम केटर चालक पर हुए हमले से हड़कंप मच गया। फैक्ट्री में माल भरने आए केटर चालक कफिल पुत्र हमीद निवासी ग्राम सुजडू (थाना खालापार) को तीन युवकों ने लाठी-डंडों और लोहे की शैठ से बुरी तरह पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

जानकारी के अनुसार कफिल अपनी केटर UP13CT1352 लेकर फैक्ट्री पर माल भरने पहुंचा था। इसी दौरान गोबिस पुत्र मीरहसन निवासी ग्राम सधावली, थाना मन्सूरपुर, अपनी गाड़ी लेकर वहां आया और कथित रूप से उसने अपनी गाड़ी कफिल की केटर में टकरा दी। टक्कर से केटर को भारी नुकसान हुआ। कफिल द्वारा गोबिस से भरपाई की मांग करने पर विवाद बढ़ गया।

आरोप है कि मौके पर मौजूद मोनिस ने गाली-गलौज शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी देते हुए अपने साथियों को बुला लिया। कुछ ही देर में मोनिस, गोबिस और उनका तीसरा साथी लाठी, उन्ना और लोहे की शैठ लेकर कफिल पर टूट पड़े। हमले के दौरान लोहे की शैठ कफिल के सिर पर लगने से वह जमीन पर गिर पड़ा। गंभीर चोट के बावजूद आरोपी धमकाते हुए मौके से फरार हो गए।

घटना के बाद वहां मौजूद लोग, मिलान सुपरवाइजर राहुल (डॉ. मुनाजर फुरकान के) तथा साथी पहलवान ने घायल कफिल को अस्पताल पहुंचाया। परिजनों व साथियों ने बताया कि हमलावर पहले भी दबंगई कर चुके हैं और जान से मारने की धमकियां देते रहते हैं।

घायल कफिल की ओर से मन्सूरपुर थाने में तहरीर देकर तीनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अपर पुलिस महानिदेशक एवं मण्डलायुक्त की संयुक्त अध्यक्षता में माघ मेले की यातायात प्रबंधन योजना की हुई बैठक।

सुरक्षा के दृष्टिगत सभी घाटों पर नम्बरिंग करते हुए उनके मैप को गूगल से इंटीग्रेट कराने तथा स्नानघाटों एवं अन्य मुख्य स्थलों के चिन्हांकन हेतु गुब्बारों का प्रयोग करने के सुझाव।

साइनेज व्यवस्था को और बेहतर करने के दृष्टिगत मेला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम करेगी इंस्पेक्शन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला 2026 में आए हुए श्रद्धालुओ के आवागमन को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के दृष्टिगत अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज डॉ॰ संजीव गुप्ता तथा मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता में मेला प्राधिकरण कार्यालय स्थित आई ट्रिपल सी सभागार में बैठक सम्पन्न हुई जिसमें माघ मेले से सम्बंधित यातायात प्रबंधन योजना पार्किंग व्यवस्था साइनेज व्यवस्था तथा अन्य कॉन्टिजेंसी योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।बैठक में सर्वप्रथम मेला के अधिकारियो द्वारा सभी उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों को मेला के लेआउट एवं इस वर्ष बाढ़ के पानी के घटने के उपरांत अब तक उपलब्ध हुई भूमि तथा पूर्व में आयोजित मेलों में अपनाई गई यातायात प्रबंधन योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।इसके अतिरिक्त विभिन्न जनपदों से मेला क्षेत्र की ओर आ रहे मुख्य मार्गों पर प्रस्तावित पार्किंग स्थलों एवं मेला क्षेत्र तक श्रद्धालुओं को मुख्य स्नान पर्वों एवं अन्य दिनों पर किन रास्तों से लाया जाएगा उस पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।इस बार आने वाले स्नानार्थियो की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी घाटों पर नम्बरिंग करते हुए उनके मैप को गूगल से इंटीग्रेट कराने पर भी सहमति बनी है जिसके लिए मेला प्रशासन अब गूगल के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।साथ ही स्नानघाटों एवं अन्य मुख्य स्थलों के चिन्हांकन हेतु गुब्बारो का भी प्रयोग किया जाएगा। साइनेज व्यवस्था को और बेहतर करने के दृष्टिगत मेला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम जनपद एवं मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों का संयुक्त निरीक्षण कर साइन बोर्ड के डिजाइन एवं उनकी स्ट्रैटेजिक लोकेशन फाइनल करेगी।बैठक में आइजी प्रयागराज अजय कुमार मिश्रा पुलिस आयुक्त प्रयागराज जोगिंदर कुमार एडिशनल कमिश्नर पुलिस डॉ अजय पाल मेला अधिकारी ऋषिराज नगरायुक्त सीलम साई तेजा अपर मेला अधिकारी दयानन्द प्रसाद समेत सभी अधिकारीगण उपस्थित रहे।

प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियो द्वारा संयुक्त निरीक्षण

ट्रैफिक प्रबंधन को और बेहतर बनाने के दृष्टिगत बैठक के उपरांत सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा मेला एवं आसपास के क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण भी किया गया। सर्वप्रथम मेला कार्यालय से झूंसी रेलवे स्टेशन जाकर वहाँ पर आने वाली भीड़ के दृष्टिगत किस तरह की व्यवस्थाओं की आवश्यकता है उस पर चर्चा की गई।तत्पश्चात् अंदावां होते हुए टिकर माफ़ी आश्रम के सामने से छतनाग घाट तक जाकर यातायात प्रबन्धन योजना पर मंथन हुआ।

माघ मेला-2026 की तैयारियो को लेकर अधिकारियो ने किया व्यापक निरीक्षण.व्यवस्थाओ को दुरुस्त करने के दिए निर्देश।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 को सफल सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से बुधवार को प्रयागराज प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया।इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज ज़ोन पुलिस आयुक्त प्रयागराज मण्डलायुक्त प्रयागराज पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था)तथा जिलाधिकारी प्रयागराज संयुक्त रूप से मैदान में उतरते हुए व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति का जायज़ा लिया।अधिकारियो का दल सबसे पहले झूंसी रेलवे स्टेशन पहुँचा जहाँ यात्रियों की आवाजाही भीड़ प्रबंधन पार्किंग सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस बल की तैनाती को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई।

माघ मेला के दौरान सबसे अधिक भीड़ इसी रूट से पहुंचती है इसलिए अधिकारियों ने रेलवे प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाने और सुरक्षा चक्र को मजबूत करने के निर्देश दिए।इसके बाद निरीक्षण दल अंदावा रिवर फ्रंट छतनाग- झूंसी और दारागंज क्षेत्रों में पहुँचा।इन स्थानो को मेला क्षेत्र के महत्वपूर्ण आवागमन बिंदुओं में शामिल किया गया है।अधिकारियो ने सड़क मार्ग बैरिकेडिंग प्रकाश व्यवस्था सूचना पट्ट आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता चौकसी व्यवस्था PAC/पुलिस बल की तैनाती तथा नदी तट पर सुरक्षा उपायो की स्थिति का विस्तृत परीक्षण किया।रिवर फ्रंट और संगम क्षेत्र में संभावित भीड़ को देखते हुए अधिकारियों ने सुरक्षा घेराबंदी मजबूत करने संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ाने और CCTV कैमरों को समय रहते क्रियाशील करने पर बल दिया। साथ ही आपदा प्रबन्धन टीमों की उपलब्धता जल पुलिस की सक्रियता और नाव संचालकों के पंजीकरण से सम्बंधित दिशा-निर्देश भी जारी किए गए।छतनाग और दारागंज क्षेत्रो में सड़क चौड़ीकरण ट्रैफिक डायवर्जन प्लान और पार्किंग स्थलों की व्यवस्था को प्रमुख मुद्दा माना गया।

पुलिस आयुक्त ने यातायात पुलिस से कहा कि माघ मेला के दौरान किसी भी प्रकार का जाम न लगे इसके लिए पहले से ही व्यवहारिक और प्रभावी ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए।निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज पुलिस उपायुक्त यातायात नगर आयुक्त सहित कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी विभागो को समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने समन्वय मजबूत रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए।अधिकारियो ने कहा कि माघ मेला-2026 विश्व-स्तरीय आयोजन होगा और इसे सफल बनाने के लिए सभी विभाग पूरी तत्परता के साथ तैयारी में जुटे हैं।

गड्ढो का पानी पीने को मजबूर. बुनियादी सुविधाओ के अभाव से ग्रामीण परेशान।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत मेजा क्षेत्र सिलौधी और सिरहीर गांव के पहाड़ी इलाको में जीवन आज भी संघर्ष का पर्याय बना हुआ है।यहां के ग्रामीणों को सबसे बड़ी समस्या साफ पेयजल की है। आधुनिक दौर में जब सरकारे हर घर नल जल योजना, पाइपलाइन टैंक और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का दावा करती है वही मेजा की पहाड़ियों पर रहने वाले हजारों लोग आज भी गड्ढों और प्राकृतिक जलस्रोतो में जमा हुए पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।यह तस्वीर विकास के सरकारी दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों पहले जब कोई व्यवस्था नहीं थी तब लोग गड्ढो पोखरो और तालाबो का ही सहारा लेते थे लेकिन समय बदलने के बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए है।बरसात का पानी पहाड़ी चट्टानो के बीच बने गड्ढों में भर जाता है और वही धीरे-धीरे महीनो तक जमा रहता है। इसी गंदे और प्रदूषित पानी का उपयोग ग्रामीण पीने नहाने और जानवरों को पिलाने तक के लिए करते है।साफ पानी की सुविधा न होने से ग्रामीण न चाहते हुए भी इसी पर निर्भर रहने को मजबूर है।गांव के निवासी रामचरन बताते है सरकार कहती है कि हर घर नल से पानी मिलेगा लेकिन हमारी पहाड़ियो पर न कोई पाइपलाइन बिछी और न ही कोई टंकी बनी।हम आज भी गड्ढों का पानी पीते है।बीमार हों तो अस्पताल भी दूर है।वही शारदा देवी कहती है “बरसात में पानी भर जाता है वही पी लेते हैं। सूखे के दिनों में पानी के लिए मीलो चलना पड़ता है। कई बार बच्चे पेट दर्द, उल्टी-दस्त से बीमार पड़ जाते है।ग्रामीणो का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्यों को हमेशा पीछे कर दिया जाता है। न पेयजल की योजना लागू होती है न सड़के बन पाती हैं। कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियो को शिकायत की गई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि क्षेत्र के बारे में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन क्रियान्वयन शून्य रहता है।ग्राम प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते है कि यदि पहाड़ी इलाके में जल्द ही स्थायी पेयजल व्यवस्था नही की गई तो आने वाले दिनों में गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।उन्होंने मांग की है कि यहां हैंडपंप ट्यूबवेल टंकी और पाइपलाइन की व्यवस्था की जाए, ताकि ग्रामीणों को गंदा पानी पीने से मुक्ति मिल सके।मेजा क्षेत्र की यह तस्वीर बताती है कि विकास के दावे और वास्तविकता में कितना बड़ा अंतर है।आज भी कई गांव बुनियादी सुविधाओ से वंचित है और ग्रामीण अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के भरोसे ही जीने को मजबूर हैं।

यातायात माह के अन्तर्गत गोण्डा पुलिस द्वारा स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में व्यापक यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में यातायात माह-नम्बर 2025 के अंतर्गत जनपद में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन हेतु निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज

19.11.2025 को क्षेत्राधिकारी यातायात राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में एक विशेष यातायात जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में टीएसआई राकेश सिंह द्वारा कॉलेज के लगभग 350 छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। छात्रों को यातायात संकेतों की पहचान, हेलमेट एवं सीटबेल्ट के अनिवार्य उपयोग, ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग के दुष्परिणाम, मोबाइल फोन का वाहन चलाते समय प्रयोग न करने तथा पैदल चलते समय सड़क सुरक्षा के मानकों के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों द्वारा छात्रों से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने एवं अपने परिवार तथा समाज के अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की अपील की गयी साथ ही बताया गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं, जिन्हें केवल सतर्कता और नियमों के पालन से रोका जा सकता है।

यातायात माह के दौरान गोण्डा पुलिस द्वारा विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं जनसमुदाय के बीच इसी प्रकार के जन-जागरूकता कार्यक्रम आगे भी निरंतर रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे जनपद में सुरक्षित एवं अनुशासित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

महत्वपूर्ण संदेश-

01. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन अथवा इयरफोन का प्रयोग न करें।

02. नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाना पूर्णतः वर्जित है।

03. दोपहिया वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

04. चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य है।

05. निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियाँ बैठाना व निर्धारित गति सीमा से अधिक वाहन चलाना दण्डनीय अपराध है।

06. दायें-बायें मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग करें।

06. दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी न बैठाएं।

07. वाहन निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें।

08. वाहनों के आगे एवं पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाना आवश्यक है।

09. एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड वाहनों को जाने हेतु पहले रास्ता प्रदान करें।

10. नशे अथवा मादक पदार्थों का सेवन कर वाहन न चलाएं।

11. सड़क पर वाहन चलाते समय स्टंट न करें।

12. सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्तियों की मदद करें एवं 112 डायल कर सूचना दे।

महारानी लक्ष्मी बाई की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक किया गया नमन
लहरपुर सीतापुर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई के द्वारा स्थानीय राजकीय बालिका इण्टर कालेज में बुधवार को महारानी लक्ष्मीबाई जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया गया। इस मौके पर मिशन साहसी कार्यक्रम के तहत उपस्थित बालिकाओं को महिला आरक्षियों के द्वारा सुरक्षा के गुर सिखाए गए। कार्यक्रम में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में सीतापुर जिले के जिला संगठन मंत्री हर्षित ने छात्राओं को महारानी लक्ष्मीबाई की तरह निडर और साहसी बनने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप स प्रांत कार्यकारिणी सदस्य अमित नाग, नगर मंत्री राज मेहरोत्रा, नगर सह मंत्री अभिजीत गौड़, तहसील संयोजक विकास मौर्य, अजय वर्मा एवं अन्य कार्यकर्ता व छात्राएं उपस्थित थीं।
*सत्यकाम स्कूल ट्रस्टी के वादों पर उठे सवाल, अभिभावकों में नाराज़गी*

मेरठ।सत्यकाम स्कूल द्वारा दिवाली के मौके पर किए गए बड़े-बड़े दावे अब खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। ट्रस्टी और समाजसेविका द्वारा नवंबर माह के लिए बस किराया व ट्यूशन फीस माफ करने का जो “दीवाली गिफ्ट” बताया गया था, वह अभिभावकों को अब तक जमीन पर उतरता दिखाई नहीं दे रहा। इससे स्कूल प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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वादे कहाँ गए? अभिभावकों में गहरी नाराज़गी

सितंबर-अक्टूबर में स्कूल ट्रस्टी की ओर से यह घोषणा की गई थी कि नवंबर माह में—

बच्चों की ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी,

स्कूल बस का किराया पूर्णतया माफ रहेगा,

कोई फॉर्म चार्ज या अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

यह घोषणा सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर बड़े स्तर पर प्रचारित भी की गई। लेकिन नवंबर आधा बीत जाने के बाद भी अभिभावकों को किसी भी प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिला।

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“दिवाली गिफ्ट” निकला फुस्स — अभिभावक ठगा महसूस कर रहे

ट्रस्टी और समाजसेविका द्वारा बड़े उत्साह से किया गया “दिवाली गिफ्ट घोषणा” अब गुमराह करने वाली साबित हो रही है।

अभिभावकों का आरोप है कि—

स्कूल अब भी पूरी ट्यूशन फीस मांग रहा है।

नवम्बर माह का बस किराया भी पहले की तरह वसूल किया जा रहा है।

वादों का कहीं कोई लिखित नोटिस स्कूल की ओर से जारी नहीं किया गया।

इससे अभिभावक कह रहे हैं कि ट्रस्टी द्वारा किया गया प्रचार सिर्फ दिखावा था, जिसका उद्देश्य लोगों को प्रभावित करना भर था।

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“बच्चों को नहीं मिली छूट, वादे हुए टूट — अभिभावकों की लूट जारी”

स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि जब वादा किया गया था तो उसे पूरा करना चाहिए था। स्कूल की फीस पहले ही कई परिवारों पर आर्थिक बोझ है, और उस पर झूठे वादों ने लोगों को और निराश किया है।

कुछ अभिभावकों ने यह भी कहा कि—

> “अगर ट्रस्टी ने वादा किया था तो उसे निभाना चाहिए। बिना सोचे-समझे प्रचार करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।”

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कहा जा रहा है कि प्रचार सिर्फ लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश थी

ट्रस्टी की इस घोषणा को कई लोग लोकप्रियता का स्टंट बता रहे हैं।

स्कूल में कोई आधिकारिक मीटिंग नहीं हुई,

न ही किसी नोटिस बोर्ड पर शुल्क माफी का विवरण चस्पा किया गया।

इससे साफ है कि घोषणा सिर्फ शब्दों तक सीमित रह गई और अभिभावकों को इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला।

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अभिभावकों की मांग – स्कूल प्रशासन दे स्पष्ट जवाब

अभिभावकों ने प्रशासन से अपील की है कि—

स्कूल ट्रस्ट से इस पर स्पष्ट जवाब तलब किया जाए,

माफी का वादा किया गया था तो लिखित रूप में आदेश जारी किए जाएं,

और यदि यह घोषणा गलत साबित होती है तो ट्रस्टी को जवाबदेह ठहराया जाए।

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निष्कर्ष

सत्यकाम स्कूल का "दिवाली गिफ्ट" फिलहाल संदेह के घेरे में आ गया है। वादे और प्रचार कुछ और कहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है। अभिभावकों की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है और अब सबकी नजरें स्कूल प्रबंधन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

*घरेलू सिलेंडरों पर विभाग की ‘चयनात्मक’ कार्रवाई पर उठ रहे सवाल*, *हलवाई कि दुकानों पर क्यों नहीं जाँच*:

मेरठ। शहर में घरेलू गैस सिलेंडरों के अवैध उपयोग पर विभाग की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। कुछ चुनिंदा स्थानों पर छापेमारी के बाद ऐसा लग रहा है कि विभाग की सक्रियता एक-दो मामलों तक ही सीमित रह गई है, जबकि पूरे शहर में इस खतरे का दायरा कहीं बड़ा है।

हरिया लस्सी पर कार्रवाई, लेकिन बाकी शहर क्यों सुरक्षित?

बीते दिनों लालकुर्ती स्थित हरिया लस्सी पर घरेलु सिलेंडरों के गलत उपयोग को लेकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए सिलेंडर जब्त किए। लेकिन इसके बाद विभाग की गतिविधियां अचानक सुस्त पड़ती दिखाई दे रही हैं। सवाल यह उठ रहा है कि एक दुकान पर कार्रवाई कर देना क्या पूरे शहर को सुरक्षित कर देता है? सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर घरेलू सिलेंडरों का खुलेआम इस्तेमाल :

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्किट और गुरुद्वारा रोड पर अधिकांश फास्ट फूड के ठेले, चाट-स्टॉल और हलवाई की दुकानों में खुलेआम घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। ये सिलेंडर सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए अधिकृत हैं, ऐसे में बाजारों में चल रहा यह प्रयोग न सिर्फ अवैध है बल्कि कभी भी बड़ा हादसा कराने की क्षमता रखता है। साथ हीं सूरजकुंड पार्क के पास लगने वाले ठेलों पर विभाग की नजर क्यों नहीं? ये भी एक सवाल है! सूरजकुंड पार्क के पास शाम होते ही दर्जनों ठेले सजते हैं, जहां खानपान का कारोबार घरेलू सिलेंडरों पर ही चलता है। यहां भी स्थिति कम खतरनाक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी कई बार इस रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य है।

क्या विभाग शिकायत का इंतजार करता है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विभाग स्वयं सघन जांच करेगा या फिर सिर्फ शिकायत आने पर ही एक्टिव होगा? यदि शिकायत-आधारित कार्रवाई ही होनी है, तो शहर में फैल रहे इस गैस-खतरे को रोकना असंभव हो जाएगा।

लोगों का कहना है कि विभाग को चाहिए कि—

सभी बाजारों में सघन अभियान चलाए,

अवैध सिलेंडर उपयोग करने वालों को चेतावनी के साथ नोटिस जारी करे,

और बार-बार दोहराने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग सिर्फ अवैध नहीं, बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ है। विभाग को चाहिए कि एक-दो जगह की औपचारिक कार्रवाई के बजाय पूरे शहर में समान रूप से जांच अभियान चलाए, ताकि किसी बड़े हादसे को होने से रोका जा सके।

*सुबह 10 से पहले रात 10 बजे के बाद हो रही ओवर रेट पर शराब कि बिक्री,अधिकारी मौन क्यों:*

मेरठ। शहर में कानून व्यवस्था और प्रशासन के दावों को धत्ता बताते हुए शराब माफियाओं का बोलबाला एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। शहर के कई इलाकों में सुबह 10 से पहले और रात 10 बजे के बाद भी खुलेआम शराब बेची जा रही है, और वह भी ओवर रेट पर। सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी गतिविधि के बावजूद आबकारी विभाग और पुलिस मौन क्यों है?

पहले फूलबाग कॉलोनी फिर केंटोमेंट हॉस्पिटल के सामने और अब कुटी पर सुबह हीं बिकती मिली शराब!

कुटी स्थित पेट्रोल पंप के बराबर मे देशी शराब का ठेका सुबह जल्दी व देर रात के समय नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। जानकारी के अनुसार, यहाँ रात 10 बजे के बाद भी शराब बिक्री जारी रहती है, और ₹ 75 की बोतल ₹90 में बेची जा रही है। स्थानीय लोगों ने कई बार वीडियो साक्ष्यों सहित आबकारी विभाग में शिकायतें दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। वीडियो सबूतों के बावजूद न तो ओवररेट का चालान हुआ और न ही किसी कर्मचारी पर कार्रवाई। सूत्रों के अनुसार,

ओवर रेट पर चालान की राशि ₹75,000 तय है,

जबकि ओवर टाइम बिक्री पर मात्र ₹5,000 का चालान होता है। ऐसे में अधिकारी ओवररेट को ओवर टाइम बताकर मामूली चालान कर अपनी जिम्मेदारी से बच निकलते हैं। जिसका जीता जागता सबूत केंटमेंट के सामने ठेके कि विडिओ वायरल के बाद हुआ! और यही कारण है कि अवैध बिक्री का खेल अब भी जारी है।

गढ़ अड्डे और कुटी पर खुलेआम शराबखोरी:

फूलबाग ही नहीं, बल्कि गढ़ अड्डा, और शहर के कुछ मुख्य चौराहे भी देर रात शराबियों के अड्डे बन चुके हैं। गढ़ अड्डे के सामने तो खुलेआम सड़क किनारे शराब पी जाती है।

कुछ समय पहले इस मामले में शहर के कप्तान ने सख्ती दिखाते हुए चौकी इंचार्ज को निलंबित किया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वही हालात दोबारा लौट आए — जो दर्शाता है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ कागज़ों तक सीमित है।

बाबू डॉन’ और होटल-ढाबों की आड़ में अवैध कारोबार

बस अड्डे के बराबर में चलने वाला ‘बाबू डॉन जूस ठेला’ और गढ़ अड्डे के सामने हिमालय गेस्ट हाउस भी इन दिनों चर्चा में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ठेला रात में जूस नहीं, बल्कि शराब परोसने का अड्डा बन जाता है।और होटल गेस्ट हाउस भी अय्याशी के लिए मशहूर है!

इसी तरह हारमोनी होटल के पास और कुटी पेट्रोल पंप के नजदीक भी देर रात शराब की बिक्री होती है। इन स्थानों पर आए दिन लोगों की भीड़ और झगड़े की घटनाएँ होती रहती हैं,

फिर भी प्रशासनिक अमला मानो आँखें मूँदे बैठा है।

प्रशासनिक मिलीभगत या लापरवाही?

शहर के जानकारों का कहना है कि जब इतने वीडियो और शिकायतें प्रशासन के पास पहुँच चुकी हैं, तो कार्रवाई न होने का मतलब है कि कहीं न कहीं अंदरूनी मिलीभगत है।

आबकारी विभाग अधिकारियों की निष्क्रियता ने न केवल कानून व्यवस्था को कमजोर किया है,

बल्कि ईमानदार पुलिसकर्मियों की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

जनता की माँग – सख्त कार्रवाई हो

स्थानीय नागरिकों और समाजसेवी संगठनों ने आबकारी आयुक्त से तत्काल जांच की माँग की है।

लोगों का कहना है कि—

ओवर रेट और ओवर टाइम में संलिप्त ठेकेदारों पर भारी जुर्माना लगे। संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच कर निलंबन और विभागीय कार्यवाही की जाए।

रात 10 बजे के बाद शराब बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जाए।

मेरठ शहर में शराब का कारोबार अब खुलेआम चुनौती बनता जा रहा है। जहाँ एक ओर जनता सुरक्षा और शांति की उम्मीद करती है, वहीं दूसरी ओर अधिकारी भ्रष्टाचार की चादर ओढ़कर कानून की धज्जियाँ उड़ाने वालों को संरक्षण देते दिख रहे हैं।

> अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो मेरठ जल्द ही ‘ओवर रेट और ओवर टाइम के शहर’ के नाम से जाना जाएगा।*

ब्लाक सभागार में किसान गोष्ठी कार्यक्रम में किसानों को किया गया जागरूक

हलिया। मिर्जापुर। स्थानीय ब्लॉक सभागार में बुधवार को किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया मुख्य अतिथि के रुप में पहुंची छानवे रींकी कोल द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया इस दौरान एडीओ एग्रीकल्चर नरेंद्र कानापुरिया द्वारा उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जैविक खेती करने तथा किसानों को अन्नदाता बताते हुए उन्हें जैविक खेती करने के फायदे को बताते हुए कम लागत में अधिक बचत कर सकते हैं गाय के गोबर का उपयोग अधिक उपज कर सकते हैं डीएपी यूरिया उर्वरक खाद का उपयोग कम से कम करें उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही है किसान इसका लाभ पाने के लिए अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर पहुंचकर रजिस्ट्रेशन करा कर आसानी से समस्त योजनाओं का लाभ ले सकते हैं इसके बाद नौ करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का ₹2000 सीधा किसान के खाते में ट्रांसफर करने का लाइव प्रसारण दिखाया गया किसान खाते में पैसा आते ही चेहरा खिल उठा गोष्ठी में उपस्थित कृषि अधिकारियों ने किसानों को फसलों के बारे में जानकारी दी गई।

किसानों को बताया कि रवि की फसल में किसान कितने बीज, खाद किस मात्रा में डाल सकते हैं इसके साथ ही रवि फसलों की तकनीकी जानकारी दी गई। सोलर पंप, फसल अवशेष प्रबंधन, पशुपालन उद्यानीकरण, मत्स्य पालन, पीएम सम्मान निधि में ईकेवाईसी, फार्मर रजिस्ट्री के साथ कई कृषि योजनाओं की जानकारी दी गई इसके बाद विधायक द्वारा कृषि केंद्र का निरीक्षण किया गया इस दौरान,एडीओ एजी नरेंद्र कानापुरिया, शशी पटेल, गुलाब बहादुर,मार्तण्ड सिंह, दिनेश सिंह, सहित किसान मौजूद रहे।

अंबा स्टील फैक्ट्री के बाहर केटर चालक कफिल पर जानलेवा हमला, सिर फटा—

आशीष कुमार

मुजफ्फरनगर। मन्सूरपुर थाना क्षेत्र के जड़ौदा अहे के पास स्थित अंबा स्टील फैक्ट्री के बाहर मंगलवार शाम केटर चालक पर हुए हमले से हड़कंप मच गया। फैक्ट्री में माल भरने आए केटर चालक कफिल पुत्र हमीद निवासी ग्राम सुजडू (थाना खालापार) को तीन युवकों ने लाठी-डंडों और लोहे की शैठ से बुरी तरह पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

जानकारी के अनुसार कफिल अपनी केटर UP13CT1352 लेकर फैक्ट्री पर माल भरने पहुंचा था। इसी दौरान गोबिस पुत्र मीरहसन निवासी ग्राम सधावली, थाना मन्सूरपुर, अपनी गाड़ी लेकर वहां आया और कथित रूप से उसने अपनी गाड़ी कफिल की केटर में टकरा दी। टक्कर से केटर को भारी नुकसान हुआ। कफिल द्वारा गोबिस से भरपाई की मांग करने पर विवाद बढ़ गया।

आरोप है कि मौके पर मौजूद मोनिस ने गाली-गलौज शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी देते हुए अपने साथियों को बुला लिया। कुछ ही देर में मोनिस, गोबिस और उनका तीसरा साथी लाठी, उन्ना और लोहे की शैठ लेकर कफिल पर टूट पड़े। हमले के दौरान लोहे की शैठ कफिल के सिर पर लगने से वह जमीन पर गिर पड़ा। गंभीर चोट के बावजूद आरोपी धमकाते हुए मौके से फरार हो गए।

घटना के बाद वहां मौजूद लोग, मिलान सुपरवाइजर राहुल (डॉ. मुनाजर फुरकान के) तथा साथी पहलवान ने घायल कफिल को अस्पताल पहुंचाया। परिजनों व साथियों ने बताया कि हमलावर पहले भी दबंगई कर चुके हैं और जान से मारने की धमकियां देते रहते हैं।

घायल कफिल की ओर से मन्सूरपुर थाने में तहरीर देकर तीनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अपर पुलिस महानिदेशक एवं मण्डलायुक्त की संयुक्त अध्यक्षता में माघ मेले की यातायात प्रबंधन योजना की हुई बैठक।

सुरक्षा के दृष्टिगत सभी घाटों पर नम्बरिंग करते हुए उनके मैप को गूगल से इंटीग्रेट कराने तथा स्नानघाटों एवं अन्य मुख्य स्थलों के चिन्हांकन हेतु गुब्बारों का प्रयोग करने के सुझाव।

साइनेज व्यवस्था को और बेहतर करने के दृष्टिगत मेला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम करेगी इंस्पेक्शन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला 2026 में आए हुए श्रद्धालुओ के आवागमन को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के दृष्टिगत अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज डॉ॰ संजीव गुप्ता तथा मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता में मेला प्राधिकरण कार्यालय स्थित आई ट्रिपल सी सभागार में बैठक सम्पन्न हुई जिसमें माघ मेले से सम्बंधित यातायात प्रबंधन योजना पार्किंग व्यवस्था साइनेज व्यवस्था तथा अन्य कॉन्टिजेंसी योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।बैठक में सर्वप्रथम मेला के अधिकारियो द्वारा सभी उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों को मेला के लेआउट एवं इस वर्ष बाढ़ के पानी के घटने के उपरांत अब तक उपलब्ध हुई भूमि तथा पूर्व में आयोजित मेलों में अपनाई गई यातायात प्रबंधन योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।इसके अतिरिक्त विभिन्न जनपदों से मेला क्षेत्र की ओर आ रहे मुख्य मार्गों पर प्रस्तावित पार्किंग स्थलों एवं मेला क्षेत्र तक श्रद्धालुओं को मुख्य स्नान पर्वों एवं अन्य दिनों पर किन रास्तों से लाया जाएगा उस पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।इस बार आने वाले स्नानार्थियो की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी घाटों पर नम्बरिंग करते हुए उनके मैप को गूगल से इंटीग्रेट कराने पर भी सहमति बनी है जिसके लिए मेला प्रशासन अब गूगल के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।साथ ही स्नानघाटों एवं अन्य मुख्य स्थलों के चिन्हांकन हेतु गुब्बारो का भी प्रयोग किया जाएगा। साइनेज व्यवस्था को और बेहतर करने के दृष्टिगत मेला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम जनपद एवं मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों का संयुक्त निरीक्षण कर साइन बोर्ड के डिजाइन एवं उनकी स्ट्रैटेजिक लोकेशन फाइनल करेगी।बैठक में आइजी प्रयागराज अजय कुमार मिश्रा पुलिस आयुक्त प्रयागराज जोगिंदर कुमार एडिशनल कमिश्नर पुलिस डॉ अजय पाल मेला अधिकारी ऋषिराज नगरायुक्त सीलम साई तेजा अपर मेला अधिकारी दयानन्द प्रसाद समेत सभी अधिकारीगण उपस्थित रहे।

प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियो द्वारा संयुक्त निरीक्षण

ट्रैफिक प्रबंधन को और बेहतर बनाने के दृष्टिगत बैठक के उपरांत सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा मेला एवं आसपास के क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण भी किया गया। सर्वप्रथम मेला कार्यालय से झूंसी रेलवे स्टेशन जाकर वहाँ पर आने वाली भीड़ के दृष्टिगत किस तरह की व्यवस्थाओं की आवश्यकता है उस पर चर्चा की गई।तत्पश्चात् अंदावां होते हुए टिकर माफ़ी आश्रम के सामने से छतनाग घाट तक जाकर यातायात प्रबन्धन योजना पर मंथन हुआ।

माघ मेला-2026 की तैयारियो को लेकर अधिकारियो ने किया व्यापक निरीक्षण.व्यवस्थाओ को दुरुस्त करने के दिए निर्देश।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।माघ मेला-2026 को सफल सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से बुधवार को प्रयागराज प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया।इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज ज़ोन पुलिस आयुक्त प्रयागराज मण्डलायुक्त प्रयागराज पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था)तथा जिलाधिकारी प्रयागराज संयुक्त रूप से मैदान में उतरते हुए व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति का जायज़ा लिया।अधिकारियो का दल सबसे पहले झूंसी रेलवे स्टेशन पहुँचा जहाँ यात्रियों की आवाजाही भीड़ प्रबंधन पार्किंग सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस बल की तैनाती को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई।

माघ मेला के दौरान सबसे अधिक भीड़ इसी रूट से पहुंचती है इसलिए अधिकारियों ने रेलवे प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाने और सुरक्षा चक्र को मजबूत करने के निर्देश दिए।इसके बाद निरीक्षण दल अंदावा रिवर फ्रंट छतनाग- झूंसी और दारागंज क्षेत्रों में पहुँचा।इन स्थानो को मेला क्षेत्र के महत्वपूर्ण आवागमन बिंदुओं में शामिल किया गया है।अधिकारियो ने सड़क मार्ग बैरिकेडिंग प्रकाश व्यवस्था सूचना पट्ट आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता चौकसी व्यवस्था PAC/पुलिस बल की तैनाती तथा नदी तट पर सुरक्षा उपायो की स्थिति का विस्तृत परीक्षण किया।रिवर फ्रंट और संगम क्षेत्र में संभावित भीड़ को देखते हुए अधिकारियों ने सुरक्षा घेराबंदी मजबूत करने संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ाने और CCTV कैमरों को समय रहते क्रियाशील करने पर बल दिया। साथ ही आपदा प्रबन्धन टीमों की उपलब्धता जल पुलिस की सक्रियता और नाव संचालकों के पंजीकरण से सम्बंधित दिशा-निर्देश भी जारी किए गए।छतनाग और दारागंज क्षेत्रो में सड़क चौड़ीकरण ट्रैफिक डायवर्जन प्लान और पार्किंग स्थलों की व्यवस्था को प्रमुख मुद्दा माना गया।

पुलिस आयुक्त ने यातायात पुलिस से कहा कि माघ मेला के दौरान किसी भी प्रकार का जाम न लगे इसके लिए पहले से ही व्यवहारिक और प्रभावी ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए।निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज पुलिस उपायुक्त यातायात नगर आयुक्त सहित कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी विभागो को समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने समन्वय मजबूत रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए।अधिकारियो ने कहा कि माघ मेला-2026 विश्व-स्तरीय आयोजन होगा और इसे सफल बनाने के लिए सभी विभाग पूरी तत्परता के साथ तैयारी में जुटे हैं।

गड्ढो का पानी पीने को मजबूर. बुनियादी सुविधाओ के अभाव से ग्रामीण परेशान।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत मेजा क्षेत्र सिलौधी और सिरहीर गांव के पहाड़ी इलाको में जीवन आज भी संघर्ष का पर्याय बना हुआ है।यहां के ग्रामीणों को सबसे बड़ी समस्या साफ पेयजल की है। आधुनिक दौर में जब सरकारे हर घर नल जल योजना, पाइपलाइन टैंक और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का दावा करती है वही मेजा की पहाड़ियों पर रहने वाले हजारों लोग आज भी गड्ढों और प्राकृतिक जलस्रोतो में जमा हुए पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।यह तस्वीर विकास के सरकारी दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों पहले जब कोई व्यवस्था नहीं थी तब लोग गड्ढो पोखरो और तालाबो का ही सहारा लेते थे लेकिन समय बदलने के बावजूद आज भी हालात जस के तस बने हुए है।बरसात का पानी पहाड़ी चट्टानो के बीच बने गड्ढों में भर जाता है और वही धीरे-धीरे महीनो तक जमा रहता है। इसी गंदे और प्रदूषित पानी का उपयोग ग्रामीण पीने नहाने और जानवरों को पिलाने तक के लिए करते है।साफ पानी की सुविधा न होने से ग्रामीण न चाहते हुए भी इसी पर निर्भर रहने को मजबूर है।गांव के निवासी रामचरन बताते है सरकार कहती है कि हर घर नल से पानी मिलेगा लेकिन हमारी पहाड़ियो पर न कोई पाइपलाइन बिछी और न ही कोई टंकी बनी।हम आज भी गड्ढों का पानी पीते है।बीमार हों तो अस्पताल भी दूर है।वही शारदा देवी कहती है “बरसात में पानी भर जाता है वही पी लेते हैं। सूखे के दिनों में पानी के लिए मीलो चलना पड़ता है। कई बार बच्चे पेट दर्द, उल्टी-दस्त से बीमार पड़ जाते है।ग्रामीणो का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्यों को हमेशा पीछे कर दिया जाता है। न पेयजल की योजना लागू होती है न सड़के बन पाती हैं। कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियो को शिकायत की गई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि क्षेत्र के बारे में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन क्रियान्वयन शून्य रहता है।ग्राम प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते है कि यदि पहाड़ी इलाके में जल्द ही स्थायी पेयजल व्यवस्था नही की गई तो आने वाले दिनों में गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।उन्होंने मांग की है कि यहां हैंडपंप ट्यूबवेल टंकी और पाइपलाइन की व्यवस्था की जाए, ताकि ग्रामीणों को गंदा पानी पीने से मुक्ति मिल सके।मेजा क्षेत्र की यह तस्वीर बताती है कि विकास के दावे और वास्तविकता में कितना बड़ा अंतर है।आज भी कई गांव बुनियादी सुविधाओ से वंचित है और ग्रामीण अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के भरोसे ही जीने को मजबूर हैं।

यातायात माह के अन्तर्गत गोण्डा पुलिस द्वारा स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में व्यापक यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में यातायात माह-नम्बर 2025 के अंतर्गत जनपद में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन हेतु निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज

19.11.2025 को क्षेत्राधिकारी यातायात राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में एक विशेष यातायात जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में टीएसआई राकेश सिंह द्वारा कॉलेज के लगभग 350 छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। छात्रों को यातायात संकेतों की पहचान, हेलमेट एवं सीटबेल्ट के अनिवार्य उपयोग, ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग के दुष्परिणाम, मोबाइल फोन का वाहन चलाते समय प्रयोग न करने तथा पैदल चलते समय सड़क सुरक्षा के मानकों के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों द्वारा छात्रों से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने एवं अपने परिवार तथा समाज के अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की अपील की गयी साथ ही बताया गया कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं, जिन्हें केवल सतर्कता और नियमों के पालन से रोका जा सकता है।

यातायात माह के दौरान गोण्डा पुलिस द्वारा विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं जनसमुदाय के बीच इसी प्रकार के जन-जागरूकता कार्यक्रम आगे भी निरंतर रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे जनपद में सुरक्षित एवं अनुशासित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

महत्वपूर्ण संदेश-

01. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन अथवा इयरफोन का प्रयोग न करें।

02. नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाना पूर्णतः वर्जित है।

03. दोपहिया वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

04. चारपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य है।

05. निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियाँ बैठाना व निर्धारित गति सीमा से अधिक वाहन चलाना दण्डनीय अपराध है।

06. दायें-बायें मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग करें।

06. दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी न बैठाएं।

07. वाहन निर्धारित स्थान पर ही पार्क करें।

08. वाहनों के आगे एवं पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाना आवश्यक है।

09. एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड वाहनों को जाने हेतु पहले रास्ता प्रदान करें।

10. नशे अथवा मादक पदार्थों का सेवन कर वाहन न चलाएं।

11. सड़क पर वाहन चलाते समय स्टंट न करें।

12. सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्तियों की मदद करें एवं 112 डायल कर सूचना दे।