*सत्यकाम स्कूल ट्रस्टी के वादों पर उठे सवाल, अभिभावकों में नाराज़गी*
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मेरठ।सत्यकाम स्कूल द्वारा दिवाली के मौके पर किए गए बड़े-बड़े दावे अब खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। ट्रस्टी और समाजसेविका द्वारा नवंबर माह के लिए बस किराया व ट्यूशन फीस माफ करने का जो “दीवाली गिफ्ट” बताया गया था, वह अभिभावकों को अब तक जमीन पर उतरता दिखाई नहीं दे रहा। इससे स्कूल प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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वादे कहाँ गए? अभिभावकों में गहरी नाराज़गी
सितंबर-अक्टूबर में स्कूल ट्रस्टी की ओर से यह घोषणा की गई थी कि नवंबर माह में—
बच्चों की ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी,
स्कूल बस का किराया पूर्णतया माफ रहेगा,
कोई फॉर्म चार्ज या अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
यह घोषणा सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर बड़े स्तर पर प्रचारित भी की गई। लेकिन नवंबर आधा बीत जाने के बाद भी अभिभावकों को किसी भी प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिला।
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“दिवाली गिफ्ट” निकला फुस्स — अभिभावक ठगा महसूस कर रहे
ट्रस्टी और समाजसेविका द्वारा बड़े उत्साह से किया गया “दिवाली गिफ्ट घोषणा” अब गुमराह करने वाली साबित हो रही है।
अभिभावकों का आरोप है कि—
स्कूल अब भी पूरी ट्यूशन फीस मांग रहा है।
नवम्बर माह का बस किराया भी पहले की तरह वसूल किया जा रहा है।
वादों का कहीं कोई लिखित नोटिस स्कूल की ओर से जारी नहीं किया गया।
इससे अभिभावक कह रहे हैं कि ट्रस्टी द्वारा किया गया प्रचार सिर्फ दिखावा था, जिसका उद्देश्य लोगों को प्रभावित करना भर था।
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“बच्चों को नहीं मिली छूट, वादे हुए टूट — अभिभावकों की लूट जारी”
स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि जब वादा किया गया था तो उसे पूरा करना चाहिए था। स्कूल की फीस पहले ही कई परिवारों पर आर्थिक बोझ है, और उस पर झूठे वादों ने लोगों को और निराश किया है।
कुछ अभिभावकों ने यह भी कहा कि—
> “अगर ट्रस्टी ने वादा किया था तो उसे निभाना चाहिए। बिना सोचे-समझे प्रचार करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।”
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कहा जा रहा है कि प्रचार सिर्फ लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश थी
ट्रस्टी की इस घोषणा को कई लोग लोकप्रियता का स्टंट बता रहे हैं।
स्कूल में कोई आधिकारिक मीटिंग नहीं हुई,
न ही किसी नोटिस बोर्ड पर शुल्क माफी का विवरण चस्पा किया गया।
इससे साफ है कि घोषणा सिर्फ शब्दों तक सीमित रह गई और अभिभावकों को इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला।
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अभिभावकों की मांग – स्कूल प्रशासन दे स्पष्ट जवाब
अभिभावकों ने प्रशासन से अपील की है कि—
स्कूल ट्रस्ट से इस पर स्पष्ट जवाब तलब किया जाए,
माफी का वादा किया गया था तो लिखित रूप में आदेश जारी किए जाएं,
और यदि यह घोषणा गलत साबित होती है तो ट्रस्टी को जवाबदेह ठहराया जाए।
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निष्कर्ष
सत्यकाम स्कूल का "दिवाली गिफ्ट" फिलहाल संदेह के घेरे में आ गया है। वादे और प्रचार कुछ और कहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है। अभिभावकों की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है और अब सबकी नजरें स्कूल प्रबंधन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।








इस मौके पर मिशन साहसी कार्यक्रम के तहत उपस्थित बालिकाओं को महिला आरक्षियों के द्वारा सुरक्षा के गुर सिखाए गए।
कार्यक्रम में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में सीतापुर जिले के जिला संगठन मंत्री हर्षित ने छात्राओं को महारानी लक्ष्मीबाई की तरह निडर और साहसी बनने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप स प्रांत कार्यकारिणी सदस्य अमित नाग, नगर मंत्री राज मेहरोत्रा, नगर सह मंत्री अभिजीत गौड़, तहसील संयोजक विकास मौर्य, अजय वर्मा एवं अन्य कार्यकर्ता व छात्राएं उपस्थित थीं।
4 min ago
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