उपलब्धि:आज ही के दिन शीतल महाजन ने माउंट एवरेस्ट से 21,500 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली पहली महिला बनी
नयी दिल्ली : 14 नवंबर 2023 का दिन भारतीय महिला शीतल महाजन के लिए एक खास उपलब्धि का प्रतीक बन था। इस दिन शीतल ने माउंट एवरेस्ट के सामने 21,500 फीट की ऊंचाई से हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया था।
इस उपलब्धि के साथ 41 वर्षीय शीतल महाजन ने विश्व की पहली महिला के रूप में इस ऊंचाई से छलांग लगाने का गौरव हासिल किया। उनकी इस साहसिक उपलब्धि ने भारत को गर्व का अनुभव कराया और उन्हें प्रेरणा का स्रोत बना दिया।
बता दें, शीतल महाजन राणे भारतीय साहसी खेलप्रेमी और विश्व रिकॉर्ड धारक स्काइडाइवर हैं। उन्होंने स्काइडाइविंग में आठ विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। शीतल महाजन ने अपनी यूनिक अचीवमेंट से दुनियाभर में अपने साहस का परिचय दिया है।
वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने अंटार्कटिका के ऊपर 10,000 फीट की ऊंचाई से फ्री फॉल जम्प किया, और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के ऊपर सफल छलांग लगाने वाली सबसे युवा महिला भी बनीं। 2011 में, भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।
19 सितंबर 1982 को पश्चिमी भारतीय राज्य महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी शीतल महाजन का साहसिक सफर 2006 में दक्षिणी ध्रुव पर फ्री फॉल जम्प करने के साथ नई ऊंचाईयों पर पहुंचा।
उन्होंने न केवल दक्षिणी ध्रुव पर, बल्कि उत्तरी ध्रुव पर भी बिना किसी पूर्व अभ्यास के सफल छलांग लगाई।
महज 24 वर्ष की उम्र में इस कीर्तिमान को हासिल कर वे सबसे युवा महिला बन गईं जिन्होंने यह साहसिक कार्य किया। इसके साथ ही, वे पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने विंगसूट जम्प का प्रदर्शन किया। शीतल महाजन का नाम स्काइडाइविंग के क्षेत्र में कई अन्य रिकॉर्ड्स से भी जुड़ा है।
उन्होंने अंटार्कटिका के ऊपर फ्री फॉल पैराशूट जम्प करने वाली टीम का नेतृत्व किया, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड था। उन्होंने 2014 में 85 भारतीय स्काइडाइवर्स की टीम का नेतृत्व किया और स्पेन में एक घंटे में अधिकतम टैंडम जम्प करने का रिकॉर्ड भी स्थापित किया।
इसके अलावा, उन्होंने 19 अप्रैल 2009 को महिलाओं की श्रेणी में 13,000 फीट की ऊंचाई से जम्प कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके साथ ही उन्होंने 5,800 फीट की ऊंचाई से हॉट एयर बलून से फ्री फॉल जम्प और 24,000 फीट की ऊंचाई से जम्प भी की है।
शीतल महाजन की उपलब्धियों को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2005 में उन्हें गोडावरी गौरव पुरस्कार से नवाजा गया और उसी वर्ष महाराष्ट्र राज्य खेल विशेष पुरस्कार भी मिला। इसके अलावा, 2004 में उत्तरी ध्रुव पर सफल छलांग के बाद, उन्हें तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह पहली सिविलियन बनीं।
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