लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, पीएम मोदी ने आपातकाल को किया याद
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संसद में शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन है। आज संसद में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा हो रही है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरूआत की। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।
सरदार पटेल से लेकर बिरसा मुंडा तक को किया याद
प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा दी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया, उस पर हम चर्चा करेंगे। हम सभी का यह सौभाग्य है। हमारे लिए गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन रहे हैं। यह एक ऐसा कालखंड था, जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को सामने लेकर आता है। यह एक ऐसा कालखंड है, जब इतिहास के कई प्रेरक अध्याय हम सभी के सामने उजागर हुए हैं। अभी हमने संविधान के 75 वर्ष गौरवपूर्वक पूरे किए हैं। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई है। अभी-अभी गुरु तेगबहादुर के बलिदान के 350 वर्ष भी पूरे हुए हैं।
पीएम मोदी ने आपातकाल का किया जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम की 150 वर्ष की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम के जब 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। वंदे मातरम के 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब 100 का अत्यंत उत्तम पर्व था, तब भारत के संविधान का गला घोट दिया गया था।
एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हुआ-पीएम मोदी
प्रदानमंत्री ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम ने देश की आजादी को ऊर्जा दी थी, उसके जब 100 साल पूरे हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हो गया।
वंदे मातरम् का ऋण स्वीकार करने का अवसर है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं। मेरा मानना है कि देश और सदन, दोनों को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।



*राष्ट्र की सुरक्षा व लोकतंत्र की मजबूती के लिए एसआईआर जरुरी-संजय राय*
सुलतानपुर,विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के अन्तिम चरण को सफल बनाने के लिए रविवार को प्रदेश महामंत्री संजय राय ने भाजपा जिला कार्यालय पर जिला पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष व अभियान से जुड़े हुए पदाधिकारियों की बैठक ली।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने एसआईआर को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर सिलसिलेवार समीक्षा की।
उन्होंने कहा हम सब 11 दिसम्बर तक सभी कार्य स्थगित कर अभियान में पूरी ऊर्जा व ताकत से जुटे। उन्होंने कहा एसआईआर केवल मतदाता सूची का काम नही है।यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा पार्टी का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे तथा बोगस मतदाताओं को सूची से बाहर किया जाए।उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा राष्ट्र की सुरक्षा व लोकतंत्र की मजबूती के लिए एसआईआर जरुरी है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा आगामी शिक्षक व स्नातक एमएलसी चुनाव समेत 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक बार फिर ऐतिहासिक व बंपर जीत मिलेगी।उन्होंने कहा 11 दिसम्बर के बाद जब ड्राफ्ट प्रकाशित होगा उसके बाद छूटे व 18 साल पूरा करने वाले मतदाताओं को जुड़वाने व बोगस मतदाताओं को सूची से बाहर करने का अभियान भी चलाना होगा।जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत व आभार व्यक्त करते हुए कहा बूथ विजय के लिए मतदाता सूची का शुद्धिकरण आवश्यक है।
भाजपा मीडिया प्रमुख विजय सिंह रघुवंशी ने जानकारी दी कि आनन्द द्विवेदी के संचालन में आयोजित बैठक में प्रमुख रूप से नगर पालिकाध्यक्ष प्रवीन कुमार अग्रवाल, सहकारी बैंक अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप सिंह, जिला महामंत्री विजय त्रिपाठी,संदीप सिंह,डॉ प्रीति प्रकाश, विजय रघुवंशी, आलोक आर्या, विवेक सिंह, सुनील वर्मा,जगदीश चौरसिया,मनोज मौर्य, राजेश सिंह,राजित राम,अरूण जायसवाल, संजय सोमवंशी,चन्दन नारायन सिंह, डॉ रामजी गुप्ता, रेखा निषाद, सुमन राव कोरी,रामेन्द्र प्रताप सिंह,इन्द्रदेव मिश्रा, रीना जायसवाल, विजय लक्ष्मी शुक्ला, प्रदीप शर्मा, राहुल भान मिश्रा,राम अभिलाष सिंह, राजेश चतुर्वेदी रोहित यादव आदि मौजूद रहे।
एक दिन पहले पटना पुस्तक मेले के दूसरे दिन शाम 6 बजे व्यास मंच पर किया गया। लेखक-संपादक प्रभात रंजन के नेतृत्व में शुरू किए गए,इस पुरस्कार का यह दूसरा साल है और इस साल का पुरस्कार युवा लेखक मिथिलेश प्रियदर्शी को उनके कहानी संग्रह लोहे का बक्सा और बन्दूक के लिए दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ,विशिष्ट अतिथि के रूप में कथाकार शशि भूषण द्विवेदी जी की माता जी शिवकुमारी द्विवेदी एवं परिवार की ओर से उनके भाई बृजभूषण द्विवेदी,किरण द्विवेदी,समृद्धि शानवी,अवधेश पांडे, सुमन पांडे,प्रत्यक्षा और पुरस्कार समिति के संयोजक गिरिराज किराडू के साथ ही पुरस्कृत लेखक मोथिलेश प्रियदर्शी उपस्थित थे।
इस पहल की सराहना करते हुए हृषीकेश सुलभ ने समकालीन कहानी की महत्ता के साथ ही वर्तमान समय में शशिभूषण द्विवेदी की ब्रह्महत्या जैसी कहानियों की प्रासंगिकता पर अपनी बात कही। वहीं प्रत्यक्षा ने कहानी के देस-काल और उसके पढ़े जाने को लेकर अपने विचार रखे। गुरुराज किराडू ने पुरस्कार के लिए कृतियों के चयन और पूरी प्रक्रिया के बारे में बताते हुए पुरस्कृत कृति को चुने जाने के कारण साझा किए। इस परिचर्चा के संचालन नरेंद्र कुमार ने भी मिथिलेश को कहानियों पर अपनी बात कहते हुए समकालीन युवा लेखकों का जिक्र किया।
विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए श्रीमती शिवकुमारी द्विवेदी जी द्वारा सभी को शुभ आशीर्वाद एवं उज्जवल भविष्य की कामना की गई एवं समस्त आयोजक मंडल को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी गई। सभी अतिथियों के वक्तव्यों के बाद पटना के ही नाद ग्रुप द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुति हुई। इसके बाद दिल्ली के युवा शायर अभिषेक कुमार अम्बर ने पटना और अजीमाबाद के संदर्भों को लेकर तैयार की गई शायरान प्रस्तुति से दर्शकों और उपस्थित श्रोताओं का दिल जीता। जानकीपुल की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रोहिणी कुमारी ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।









41 min ago
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