माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली.स्मरणीय बना दिया
संजय द्विवेदी प्रयागराज।माइम एक सशक्त कला विधा है जो बिना शब्दो के भाव संवेदना और सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखती है।शरीर की भंगिमाओ चेहरे के भावो और मौन संवाद के माध्यम से माइम कलाकार दर्शको के हृदय तक सीधे पहुँचते है।इसी मौन की भाषा ने 27 तारीख को प्रयागराज में आयोजित माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली और स्मरणीय बना दिया।यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित था।आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यो को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया जो अभिनव की चार दशको से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में अभिनव(सांस्कृतिक संगठन) प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रांगण में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाशप्राप्त)उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नवयुवाओ ने सहभागिता की।प्रथम प्रस्तुति‘नारी सशक्तिकरण’विषय पर आधारित थी.जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया।सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुँचाया।आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को प्रभावित किया।दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया।नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा जिसे दर्शको ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियो को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।इन प्रस्तुतियो में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव समृद्धि गौर ऋचा शुक्ला सारिका केसरवानी संस्कृति केसरवानी निष्ठा केसरवानी गुंजन शर्मा शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारो ने अपने सजीव अभिनय से दर्शको को हँसाया सोचने पर विवश किया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियो ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया।Childhood of Moinul. Balloonwala Moinul.I Love You Moinul Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।उनकी प्रत्येक भंगिमा भाव और मौन संवाद में वर्षों की साधना और अनुभव की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शको को हँसाया भावुक किया और आत्ममंथन के लिए प्रेरित भी किया।अभिनय की समाप्ति पर पूरा प्रेक्षागृह खड़े होकर देर तक तालियो की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। यह दृश्य न केवल माइम महागुरु मोईनुल हक के प्रति दर्शको के अपार सम्मान और प्रेम का प्रतीक था बल्कि संस्था अभिनव द्वारा अपने संस्थापक स्व.प्रकाश नारायण की स्मृति में निरन्तर सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के संकल्प का भी सशक्त प्रमाण बना।
माघ मेला–2026 के सफल एवं सुरक्षित आयोजन के दृष्टिगत तैयारियो को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित
पुलिस आयुक्त प्रयागराज द्वारा ब्रीफिंग के दौरान दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश

माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण/निरीक्षण व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश

मेला क्षेत्र ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मचारियो की भोजनशाला का निरीक्षण

संजय द्विवेदी प्रयागराज।रिज़र्व पुलिस लाइन्स माघ मेला स्थित तीर्थराज सभागार में माघ मेला–2026 की तैयारियो के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियो एवं कर्मचारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया।पुलिस आयुक्त प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में निर्देशित करते हुये कहा कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्रो में आपातकालीन योजनाओं का नियमित अभ्यास करेगे तथा फुट पेट्रोलिंग एवं रात्रि गश्त को प्रभावी रूप से संचालित करेगे। मेला क्षेत्र के ड्यूटी प्वाइंट्स पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाने निरन्तर चेकिंग अभियान चलाने एवं पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि आमजन में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ हो सके।राजपत्रित अधिकारियो को थाना स्तर पर पुलिस बल से अधिक से अधिक संवाद करने साथ मेस में भोजन करने मेला ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारी कर्मचारियो को मेला क्षेत्र न छोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही दिनांक 26.12.2025 को मुख्यमंत्री द्वारा मेला समीक्षा की वीडियो कॉन्फ्रेन्स में दिए गए निर्देशो से अवगत कराते हुए उनके कड़ाई से अनुपालन के आदेश दिए।पुलिस आयुक्त ने निर्देशित किया कि माघ मेला–2026 का सफल सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण आयोजन हम सभी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्ण लगन निष्ठा एवं टीमवर्क के साथ निभाएँगे माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओ के साथ सेवा-भाव के साथ मृदु व्यवहार करे।उक्त ब्रीफिंग कार्यक्रम में अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ.अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल)पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार पुलिस उपायुक्त यमुनापार विवेक चन्द्र यादव सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार मीणा सहायक नोडल पुलिस अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द सहित माघ मेला से जुड़े अन्य राजपत्रित अधिकारी थाना प्रभारी.पी0ए0सी0.एन0 डी0आर0एफ0.एस0 डी0 आर0एफ0 एवं अन्य सम्बंधित विभागो के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
बंकरों में छिपने को हुए थे मजबूर' ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान राष्ट्रपति जरदारी का बड़ा कबूलनामा

#pakarmyhidinbunkersduringoperationsindoorasifalizardari_confession

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में इस साल 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया थाय़ इसमें पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों पर स्ट्राइक की गई थी। अब महीनों बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खुद कबूल किया है कि उस रात भारतीय प्रहार के खौफ से उन्हें और पाकिस्तानी सेना के शीर्ष नेतृत्व को बंकरों में छिपना पड़ा था।

अपनी हरकतों के कारण पाकिस्तान आए दिन वैश्विक मंच पर शर्मसार होता है। एक बार फिर 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बयान से दुनियाभर में पाकिस्तान की भद पिटी है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी ने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना बंकर में छिपी हुई थी।

पाकिस्तानी सेना बंकरों में छिपी थी- जरदारी

एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान जरदारी ने यह स्वीकार किया कि तनाव के हालात में पाकिस्तान की सेना बंकरों में छिपी हुई थी और उन्हें खुद भी बंकर में रहने की सलाह दी गई थी। राष्ट्रपति जरदारी के ताजा बयान ने पाकिस्तान के उस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है जिसमें वे भारतीय स्ट्राइक से इनकार करते थे।

पहलगाम आतंकी हमले का दिया था जवाब

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने वहां उपस्थित सभी पर्यटकों पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी। इस आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की जान गई। पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस दौरान 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर शामिल थे।

डी मोनफोर अकादमी में करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित, विद्यार्थियों में बढ़ा आत्मविश्वास

बहसूमा। मेरठ।डी मोनफोर अकादमी के परिसर में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष करियर काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को सही करियर चयन हेतु मार्गदर्शन प्रदान करना तथा उनके भविष्य को सशक्त बनाना रहा।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से आए शिक्षाविदों एवं विषय-विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं, तकनीकी, प्रबंधन एवं अन्य उभरते करियर विकल्पों की विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को उनकी रुचि, योग्यता और लक्ष्य के अनुरूप करियर चुनने के लिए प्रेरित किया तथा भविष्य की बेहतर तैयारी हेतु महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. समीर वर्मा ने कहा कि,

आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में विद्यार्थियों के लिए सही समय पर करियर मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है। इससे वे अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से पहचान पाते हैं और सफलता की दिशा में आगे बढ़ते हैं।

वहीं विद्यालय की उप-प्रधानाचार्या श्रीमती रितु चिकारा ने कहा कि,

इस प्रकार के करियर काउंसलिंग कार्यक्रम विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करते हैं।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी आमंत्रित शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

करियर काउंसलिंग कार्यक्रम से विद्यार्थियों में उत्साह देखने को मिला और उन्होंने इसे अपने भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी।

दिग्विजय सिंह ने की आरएसएस-बीजेपी की तारीफ, बोले- कांग्रेस में सुधार की गुंजाइश

#digvijayasinghpraiserssorganisation_capicity

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के एक बयान ने देशभर की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर पोस्ट कर पार्टी संगठन को लेकर बहस छेड़ दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शुरू होने से ठीक पहले अचनाक चर्चा में आ गए। कारण था उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया गया पोस्ट, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में पीएम मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर साझा करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक और भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता किस प्रकार नीचे बैठकर मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बना। उन्होंने इस तस्वीर को प्रभावशाली बताते हुए इसे संगठन की ताकत बताया।

अपने बयान पर दि सफाई

दिग्विजय सिंह के इस पोस्ट पर पत्रकारों ने जब ये पूछा कि इसका क्या मतलब है, कांग्रेस संगठन में क्या वो सुधार चाहते हैं तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी हैं। उन्होंने केवल 'संगठन' की तारीफ़ की है।

संघ की संगठन क्षमता के कायल दिग्विजय

दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं शुरुआत से ही कहता आ रहा हूं कि मैं संघ की विचारधारा का विरोधी हूं। वे न पूरी तरह से संविधान को मानते हैं और न ही देश के कानून को, और यह एक अपंजीकृत संगठन है। लेकिन मैं संघ की संगठन क्षमता का प्रशंसक हूं। यह ऐसा संगठन है, जो पंजीकृत भी नहीं है और फिर भी इतना ताकतवर बन गया कि देश के प्रधानमंत्री लालकिले से कहते हैं कि यह दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है। अगर ये एनजीओ है तो फिर कहां हैं इसके नियम और कायदे कहां गए? लेकिन मैं उनकी संगठन क्षमता का कायल हूं।'

कांग्रेस पार्टी में सुधार की गुंजाइश है- दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह से जब कांग्रेस की संगठन क्षमता को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैं इतना ही कह सकता हूं कि कांग्रेस पार्टी में सुधार की गुंजाइश है और हर संगठन में सुधार की गुंजाइश होती है। कांग्रेस पार्टी आधारभूत तौर पर आंदोलन की पार्टी है और कई बार कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन किए और हमेशा कांग्रेस आंदोलन की पार्टी रहेगी, लेकिन आंदोलन को वोटों में बदलने में कांग्रेस पार्टी चूक जाती है।

*पूर्व पीएम के आदर्श सबके लिए अमूल्य धरोहर : शंकर गिरि*
*पूर्व पीएम अटल थे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतिमूर्ति -शंकर गिरि*************

*वक्ताओं ने अटल जी के संस्मरणों को सुनाते हुए उनके करिश्माई व्यक्तित्व पर की चर्चा*************** सुलतानपुर।भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी लोकतांत्रिक व मानवतावादी मूल्यों की प्रतिमूर्ति थे।वह कुशल राजनीतिज्ञ, सशक्त वक्ता,कवि, पत्रकार, लेखक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे।उनके दिखाए आदर्श व रास्ते हम सबके लिए अमूल्य धरोहर है। यह बाते भाजपा प्रदेश मंत्री शंकर गिरि ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की 101 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सुलतानपुर विधानसभा में आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।आगे कहा प्रधानमंत्री मोदी उनके मातृशक्ति के मजबूत करने के सपने को साकार रुप दे रहे हैं।उन्होंने एसआईआर ड्राफ्ट आने के बाद कार्यकर्ताओं से नाम बढ़ाने की प्रक्रिया में पूरी ताकत से जुटने का आवाह्न किया। विशीष्ट अतिथि काशी क्षेत्र अध्यक्ष किसान मोर्चा काशी प्रसाद तिवारी ने कहा पूर्व पीएम सुशासन के माडल थे।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने पूर्व पीएम अटल को राजनीति का आजाद शत्रु बताया। उन्होंने बताया एसआईआर अभियान में पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा में 10 हजार नए और छुटे हुए वोटरों को जुड़वाने का लक्ष्य तय किया है।कार्यकर्ता लक्ष्य प्राप्त करने में पूरी ताकत से जुट जाएं।क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संतबख्श सिंह चुन्नू,भाजपा नेता रामचन्द्र मिश्रा,पूर्व जिलाध्यक्ष करुणा शंकर द्विवेदी,डॉ सीताशरण त्रिपाठी ने अटल जी के साथ के संस्मरणों को साझा करते हुए उनके जीवन आदर्शों पर विस्तार से चर्चा की‌।इस दौरान वक्ताओं ने अटल जी की कविताएं भी सुनाई।कार्यकर्ताओं ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।इसके पूर्व मुख्य अतिथि समेत मंचाशीन लोगों ने अटल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।मीडिया प्रमुख विजय रघुवंशी ने बताया कि महामंत्री धर्मेन्द्र कुमार के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता कृपाशंकर मिश्रा,संदीप सिंह, विवेक सिंह विपिन,प्रदीप शुक्ला,चन्दन नारायन सिंह, रमेश शर्मा,एलके दूबे,डॉ अनुराग पाण्डेय,अरूण जायसवाल,सुमन राव कोरी, काली सहाय पाठक,रमेश सिंह टिन्नू, रीना जायसवाल,अजीत यादव,जया सिंह, संतोष सिंह, सोहनलाल निषाद, प्रदीप शर्मा, सूर्य नारायन पाण्डेय,सुभाष वर्मा,दान बहादुर तिवारी,राम अभिलाष सिंह,राजकुमार सोनी,अफजल अंसारी,रवि श्रीवास्तव,आकाश जायसवाल, प्रदीप मिश्रा आदि मौजूद रहे।
लखनऊ में ठंड का कहर: हार्ट अटैक के मरीजों में 30% तक बढ़ोतरी, अस्पतालों में बढ़ा दबाव
लखनऊ। राजधानी में बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर साफ दिखाई देने लगा है। ठंड के कारण हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों—किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान—में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और दिल की अन्य समस्याओं के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में करीब 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी में सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। खासकर बुजुर्गों, पहले से दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों और हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों में जोखिम अधिक देखा जा रहा है।

KGMU के कार्डियोलॉजी विभाग में रोज़ाना आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ गई है। वहीं लोहिया संस्थान में भी कार्डियक इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक हो जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के दौरान सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आना, गर्म कपड़ों की कमी, और ठंड में शारीरिक गतिविधि अचानक बढ़ाना भी दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि ठंड में खुद को पूरी तरह गर्म रखें, सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें, नियमित दवाइयों में लापरवाही न करें और सीने में दर्द, घबराहट या सांस फूलने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठंड अभी आगे और बढ़ सकती है, ऐसे में सावधानी ही बचाव है।
SIR के बाद यूपी की मतदाता सूची से 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, गाजियाबाद सबसे आगे
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी ताजा आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आयोग के अनुसार प्रदेश में कुल 12 करोड़ 55 लाख मतदाताओं के फार्म जमा हुए, लेकिन SIR प्रक्रिया के बाद 18.70 प्रतिशत मतदाता कम हो गए।

आंकड़ों के मुताबिक SIR के बाद प्रदेश भर में करीब 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट गए। सबसे ज्यादा असर गाजियाबाद, लखनऊ और बलरामपुर जिलों में देखने को मिला।

गाजियाबाद में सबसे अधिक 31 लाख मतदाताओं के नाम कटे, जो कुल मतदाताओं का करीब 28 प्रतिशत है। वहीं लखनऊ में 12 लाख 82 हजार और बलरामपुर में 1 लाख 60 हजार मतदाता सूची से बाहर हो गए।

अन्य जिलों की स्थिति भी चिंताजनक रही। मेरठ में 24 प्रतिशत, नोएडा में 23.98 प्रतिशत, आगरा में 23.25 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। कानपुर नगर सीट पर 25.50 प्रतिशत और प्रयागराज में 24.64 प्रतिशत मतदाता कम हुए हैं। बलरामपुर में SIR के दौरान करीब 26 प्रतिशत मतदाता गायब पाए गए।

मतदाता सूची में इतनी बड़ी संख्या में नाम कटने को लेकर अब राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई और स्पष्टीकरण पर टिकी हैं।
झारखंड में पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड… 5 डिग्री तक गिरा पारा, शीतलहर का येलो अलर्ट, 4 दिन के लिए स्कूल बंद

झारखंड में भीषण ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं का सीधा असर झारखंड के मौसम पर पड़ रहा है. रांची समेत राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि कई जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया.

भीषण ठंड और शीतलहर को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के तहत रांची के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा KG से 12वीं तक के बच्चों की 31 दिसंबर 2025 तक छुट्टी कर दी गई है. हालांकि, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इस दौरान किसी स्कूल में परीक्षा तय है, तो स्कूल अपनी समझ और सुविधा के अनुसार परीक्षा करा सकते हैं.

अगले दो दिनों में और गिरेगा पारा

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक राज्य में अगले आदेश तक भीषण ठंड और शीतलहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है. राजधानी रांची में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की और गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा. पिछले 24 घंटों के दौरान झारखंड के 15 से ज्यादा जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे दर्ज किया गया है.

कई इलाकों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. रांची के कांके का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्द किया गया. वहीं गुमला का न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, रांची के मैक्लुस्कीगंज का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस, गुमला का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, हजारीबाग का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, खूंटी का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस, लोहरदगा का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, सरायकेला का न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस और बोकारो न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

इन जिलों में शीतलहर का असर ज्यादा

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार को रांची, गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा और गुमला जिलों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर बनी रहेगी. सुबह और रात के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है. हाड़ कपाने वाली ठंड और शीतलहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं प्रशासन की ओर से लोगों को ठंड में बिना वजह घर से बाहर निकलने से बचने की हिदायत दी जा रही.

पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।
माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली.स्मरणीय बना दिया
संजय द्विवेदी प्रयागराज।माइम एक सशक्त कला विधा है जो बिना शब्दो के भाव संवेदना और सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखती है।शरीर की भंगिमाओ चेहरे के भावो और मौन संवाद के माध्यम से माइम कलाकार दर्शको के हृदय तक सीधे पहुँचते है।इसी मौन की भाषा ने 27 तारीख को प्रयागराज में आयोजित माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली और स्मरणीय बना दिया।यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित था।आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यो को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया जो अभिनव की चार दशको से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में अभिनव(सांस्कृतिक संगठन) प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रांगण में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाशप्राप्त)उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नवयुवाओ ने सहभागिता की।प्रथम प्रस्तुति‘नारी सशक्तिकरण’विषय पर आधारित थी.जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया।सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुँचाया।आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को प्रभावित किया।दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया।नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा जिसे दर्शको ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियो को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।इन प्रस्तुतियो में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव समृद्धि गौर ऋचा शुक्ला सारिका केसरवानी संस्कृति केसरवानी निष्ठा केसरवानी गुंजन शर्मा शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारो ने अपने सजीव अभिनय से दर्शको को हँसाया सोचने पर विवश किया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियो ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया।Childhood of Moinul. Balloonwala Moinul.I Love You Moinul Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।उनकी प्रत्येक भंगिमा भाव और मौन संवाद में वर्षों की साधना और अनुभव की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शको को हँसाया भावुक किया और आत्ममंथन के लिए प्रेरित भी किया।अभिनय की समाप्ति पर पूरा प्रेक्षागृह खड़े होकर देर तक तालियो की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। यह दृश्य न केवल माइम महागुरु मोईनुल हक के प्रति दर्शको के अपार सम्मान और प्रेम का प्रतीक था बल्कि संस्था अभिनव द्वारा अपने संस्थापक स्व.प्रकाश नारायण की स्मृति में निरन्तर सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के संकल्प का भी सशक्त प्रमाण बना।
माघ मेला–2026 के सफल एवं सुरक्षित आयोजन के दृष्टिगत तैयारियो को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित
पुलिस आयुक्त प्रयागराज द्वारा ब्रीफिंग के दौरान दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश

माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण/निरीक्षण व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश

मेला क्षेत्र ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मचारियो की भोजनशाला का निरीक्षण

संजय द्विवेदी प्रयागराज।रिज़र्व पुलिस लाइन्स माघ मेला स्थित तीर्थराज सभागार में माघ मेला–2026 की तैयारियो के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियो एवं कर्मचारियो का ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया।पुलिस आयुक्त प्रयागराज जोगेन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में निर्देशित करते हुये कहा कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्रो में आपातकालीन योजनाओं का नियमित अभ्यास करेगे तथा फुट पेट्रोलिंग एवं रात्रि गश्त को प्रभावी रूप से संचालित करेगे। मेला क्षेत्र के ड्यूटी प्वाइंट्स पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाने निरन्तर चेकिंग अभियान चलाने एवं पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि आमजन में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ हो सके।राजपत्रित अधिकारियो को थाना स्तर पर पुलिस बल से अधिक से अधिक संवाद करने साथ मेस में भोजन करने मेला ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारी कर्मचारियो को मेला क्षेत्र न छोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही दिनांक 26.12.2025 को मुख्यमंत्री द्वारा मेला समीक्षा की वीडियो कॉन्फ्रेन्स में दिए गए निर्देशो से अवगत कराते हुए उनके कड़ाई से अनुपालन के आदेश दिए।पुलिस आयुक्त ने निर्देशित किया कि माघ मेला–2026 का सफल सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण आयोजन हम सभी के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्ण लगन निष्ठा एवं टीमवर्क के साथ निभाएँगे माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओ के साथ सेवा-भाव के साथ मृदु व्यवहार करे।उक्त ब्रीफिंग कार्यक्रम में अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ.अजय पाल शर्मा जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल)पुलिस अधीक्षक माघ मेला नीरज कुमार पाण्डेय पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार पुलिस उपायुक्त यमुनापार विवेक चन्द्र यादव सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार मीणा सहायक नोडल पुलिस अधिकारी माघ मेला विजय आनन्द सहित माघ मेला से जुड़े अन्य राजपत्रित अधिकारी थाना प्रभारी.पी0ए0सी0.एन0 डी0आर0एफ0.एस0 डी0 आर0एफ0 एवं अन्य सम्बंधित विभागो के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
बंकरों में छिपने को हुए थे मजबूर' ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान राष्ट्रपति जरदारी का बड़ा कबूलनामा

#pakarmyhidinbunkersduringoperationsindoorasifalizardari_confession

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में इस साल 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया थाय़ इसमें पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों पर स्ट्राइक की गई थी। अब महीनों बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खुद कबूल किया है कि उस रात भारतीय प्रहार के खौफ से उन्हें और पाकिस्तानी सेना के शीर्ष नेतृत्व को बंकरों में छिपना पड़ा था।

अपनी हरकतों के कारण पाकिस्तान आए दिन वैश्विक मंच पर शर्मसार होता है। एक बार फिर 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बयान से दुनियाभर में पाकिस्तान की भद पिटी है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी ने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना बंकर में छिपी हुई थी।

पाकिस्तानी सेना बंकरों में छिपी थी- जरदारी

एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान जरदारी ने यह स्वीकार किया कि तनाव के हालात में पाकिस्तान की सेना बंकरों में छिपी हुई थी और उन्हें खुद भी बंकर में रहने की सलाह दी गई थी। राष्ट्रपति जरदारी के ताजा बयान ने पाकिस्तान के उस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है जिसमें वे भारतीय स्ट्राइक से इनकार करते थे।

पहलगाम आतंकी हमले का दिया था जवाब

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने वहां उपस्थित सभी पर्यटकों पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी। इस आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की जान गई। पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस दौरान 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर शामिल थे।

डी मोनफोर अकादमी में करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित, विद्यार्थियों में बढ़ा आत्मविश्वास

बहसूमा। मेरठ।डी मोनफोर अकादमी के परिसर में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष करियर काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को सही करियर चयन हेतु मार्गदर्शन प्रदान करना तथा उनके भविष्य को सशक्त बनाना रहा।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से आए शिक्षाविदों एवं विषय-विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं, तकनीकी, प्रबंधन एवं अन्य उभरते करियर विकल्पों की विस्तृत जानकारी दी। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को उनकी रुचि, योग्यता और लक्ष्य के अनुरूप करियर चुनने के लिए प्रेरित किया तथा भविष्य की बेहतर तैयारी हेतु महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. समीर वर्मा ने कहा कि,

आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में विद्यार्थियों के लिए सही समय पर करियर मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है। इससे वे अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से पहचान पाते हैं और सफलता की दिशा में आगे बढ़ते हैं।

वहीं विद्यालय की उप-प्रधानाचार्या श्रीमती रितु चिकारा ने कहा कि,

इस प्रकार के करियर काउंसलिंग कार्यक्रम विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करते हैं।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी आमंत्रित शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

करियर काउंसलिंग कार्यक्रम से विद्यार्थियों में उत्साह देखने को मिला और उन्होंने इसे अपने भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी।

दिग्विजय सिंह ने की आरएसएस-बीजेपी की तारीफ, बोले- कांग्रेस में सुधार की गुंजाइश

#digvijayasinghpraiserssorganisation_capicity

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के एक बयान ने देशभर की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर पोस्ट कर पार्टी संगठन को लेकर बहस छेड़ दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शुरू होने से ठीक पहले अचनाक चर्चा में आ गए। कारण था उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया गया पोस्ट, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में पीएम मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर साझा करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक और भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता किस प्रकार नीचे बैठकर मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बना। उन्होंने इस तस्वीर को प्रभावशाली बताते हुए इसे संगठन की ताकत बताया।

अपने बयान पर दि सफाई

दिग्विजय सिंह के इस पोस्ट पर पत्रकारों ने जब ये पूछा कि इसका क्या मतलब है, कांग्रेस संगठन में क्या वो सुधार चाहते हैं तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी हैं। उन्होंने केवल 'संगठन' की तारीफ़ की है।

संघ की संगठन क्षमता के कायल दिग्विजय

दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं शुरुआत से ही कहता आ रहा हूं कि मैं संघ की विचारधारा का विरोधी हूं। वे न पूरी तरह से संविधान को मानते हैं और न ही देश के कानून को, और यह एक अपंजीकृत संगठन है। लेकिन मैं संघ की संगठन क्षमता का प्रशंसक हूं। यह ऐसा संगठन है, जो पंजीकृत भी नहीं है और फिर भी इतना ताकतवर बन गया कि देश के प्रधानमंत्री लालकिले से कहते हैं कि यह दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है। अगर ये एनजीओ है तो फिर कहां हैं इसके नियम और कायदे कहां गए? लेकिन मैं उनकी संगठन क्षमता का कायल हूं।'

कांग्रेस पार्टी में सुधार की गुंजाइश है- दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह से जब कांग्रेस की संगठन क्षमता को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैं इतना ही कह सकता हूं कि कांग्रेस पार्टी में सुधार की गुंजाइश है और हर संगठन में सुधार की गुंजाइश होती है। कांग्रेस पार्टी आधारभूत तौर पर आंदोलन की पार्टी है और कई बार कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन किए और हमेशा कांग्रेस आंदोलन की पार्टी रहेगी, लेकिन आंदोलन को वोटों में बदलने में कांग्रेस पार्टी चूक जाती है।

*पूर्व पीएम के आदर्श सबके लिए अमूल्य धरोहर : शंकर गिरि*
*पूर्व पीएम अटल थे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतिमूर्ति -शंकर गिरि*************

*वक्ताओं ने अटल जी के संस्मरणों को सुनाते हुए उनके करिश्माई व्यक्तित्व पर की चर्चा*************** सुलतानपुर।भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी लोकतांत्रिक व मानवतावादी मूल्यों की प्रतिमूर्ति थे।वह कुशल राजनीतिज्ञ, सशक्त वक्ता,कवि, पत्रकार, लेखक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे।उनके दिखाए आदर्श व रास्ते हम सबके लिए अमूल्य धरोहर है। यह बाते भाजपा प्रदेश मंत्री शंकर गिरि ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की 101 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सुलतानपुर विधानसभा में आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।आगे कहा प्रधानमंत्री मोदी उनके मातृशक्ति के मजबूत करने के सपने को साकार रुप दे रहे हैं।उन्होंने एसआईआर ड्राफ्ट आने के बाद कार्यकर्ताओं से नाम बढ़ाने की प्रक्रिया में पूरी ताकत से जुटने का आवाह्न किया। विशीष्ट अतिथि काशी क्षेत्र अध्यक्ष किसान मोर्चा काशी प्रसाद तिवारी ने कहा पूर्व पीएम सुशासन के माडल थे।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने पूर्व पीएम अटल को राजनीति का आजाद शत्रु बताया। उन्होंने बताया एसआईआर अभियान में पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा में 10 हजार नए और छुटे हुए वोटरों को जुड़वाने का लक्ष्य तय किया है।कार्यकर्ता लक्ष्य प्राप्त करने में पूरी ताकत से जुट जाएं।क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संतबख्श सिंह चुन्नू,भाजपा नेता रामचन्द्र मिश्रा,पूर्व जिलाध्यक्ष करुणा शंकर द्विवेदी,डॉ सीताशरण त्रिपाठी ने अटल जी के साथ के संस्मरणों को साझा करते हुए उनके जीवन आदर्शों पर विस्तार से चर्चा की‌।इस दौरान वक्ताओं ने अटल जी की कविताएं भी सुनाई।कार्यकर्ताओं ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।इसके पूर्व मुख्य अतिथि समेत मंचाशीन लोगों ने अटल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।मीडिया प्रमुख विजय रघुवंशी ने बताया कि महामंत्री धर्मेन्द्र कुमार के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता कृपाशंकर मिश्रा,संदीप सिंह, विवेक सिंह विपिन,प्रदीप शुक्ला,चन्दन नारायन सिंह, रमेश शर्मा,एलके दूबे,डॉ अनुराग पाण्डेय,अरूण जायसवाल,सुमन राव कोरी, काली सहाय पाठक,रमेश सिंह टिन्नू, रीना जायसवाल,अजीत यादव,जया सिंह, संतोष सिंह, सोहनलाल निषाद, प्रदीप शर्मा, सूर्य नारायन पाण्डेय,सुभाष वर्मा,दान बहादुर तिवारी,राम अभिलाष सिंह,राजकुमार सोनी,अफजल अंसारी,रवि श्रीवास्तव,आकाश जायसवाल, प्रदीप मिश्रा आदि मौजूद रहे।
लखनऊ में ठंड का कहर: हार्ट अटैक के मरीजों में 30% तक बढ़ोतरी, अस्पतालों में बढ़ा दबाव
लखनऊ। राजधानी में बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर साफ दिखाई देने लगा है। ठंड के कारण हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों—किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान—में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और दिल की अन्य समस्याओं के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में करीब 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी में सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। खासकर बुजुर्गों, पहले से दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों और हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों में जोखिम अधिक देखा जा रहा है।

KGMU के कार्डियोलॉजी विभाग में रोज़ाना आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ गई है। वहीं लोहिया संस्थान में भी कार्डियक इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक हो जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के दौरान सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आना, गर्म कपड़ों की कमी, और ठंड में शारीरिक गतिविधि अचानक बढ़ाना भी दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि ठंड में खुद को पूरी तरह गर्म रखें, सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें, नियमित दवाइयों में लापरवाही न करें और सीने में दर्द, घबराहट या सांस फूलने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठंड अभी आगे और बढ़ सकती है, ऐसे में सावधानी ही बचाव है।
SIR के बाद यूपी की मतदाता सूची से 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, गाजियाबाद सबसे आगे
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी ताजा आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आयोग के अनुसार प्रदेश में कुल 12 करोड़ 55 लाख मतदाताओं के फार्म जमा हुए, लेकिन SIR प्रक्रिया के बाद 18.70 प्रतिशत मतदाता कम हो गए।

आंकड़ों के मुताबिक SIR के बाद प्रदेश भर में करीब 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट गए। सबसे ज्यादा असर गाजियाबाद, लखनऊ और बलरामपुर जिलों में देखने को मिला।

गाजियाबाद में सबसे अधिक 31 लाख मतदाताओं के नाम कटे, जो कुल मतदाताओं का करीब 28 प्रतिशत है। वहीं लखनऊ में 12 लाख 82 हजार और बलरामपुर में 1 लाख 60 हजार मतदाता सूची से बाहर हो गए।

अन्य जिलों की स्थिति भी चिंताजनक रही। मेरठ में 24 प्रतिशत, नोएडा में 23.98 प्रतिशत, आगरा में 23.25 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। कानपुर नगर सीट पर 25.50 प्रतिशत और प्रयागराज में 24.64 प्रतिशत मतदाता कम हुए हैं। बलरामपुर में SIR के दौरान करीब 26 प्रतिशत मतदाता गायब पाए गए।

मतदाता सूची में इतनी बड़ी संख्या में नाम कटने को लेकर अब राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई और स्पष्टीकरण पर टिकी हैं।
झारखंड में पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड… 5 डिग्री तक गिरा पारा, शीतलहर का येलो अलर्ट, 4 दिन के लिए स्कूल बंद

झारखंड में भीषण ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं का सीधा असर झारखंड के मौसम पर पड़ रहा है. रांची समेत राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि कई जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया.

भीषण ठंड और शीतलहर को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के तहत रांची के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा KG से 12वीं तक के बच्चों की 31 दिसंबर 2025 तक छुट्टी कर दी गई है. हालांकि, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इस दौरान किसी स्कूल में परीक्षा तय है, तो स्कूल अपनी समझ और सुविधा के अनुसार परीक्षा करा सकते हैं.

अगले दो दिनों में और गिरेगा पारा

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक राज्य में अगले आदेश तक भीषण ठंड और शीतलहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है. राजधानी रांची में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की और गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा. पिछले 24 घंटों के दौरान झारखंड के 15 से ज्यादा जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे दर्ज किया गया है.

कई इलाकों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. रांची के कांके का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्द किया गया. वहीं गुमला का न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, रांची के मैक्लुस्कीगंज का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस, गुमला का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, हजारीबाग का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, खूंटी का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस, लोहरदगा का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, सरायकेला का न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस और बोकारो न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

इन जिलों में शीतलहर का असर ज्यादा

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार को रांची, गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा और गुमला जिलों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर बनी रहेगी. सुबह और रात के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है. हाड़ कपाने वाली ठंड और शीतलहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं प्रशासन की ओर से लोगों को ठंड में बिना वजह घर से बाहर निकलने से बचने की हिदायत दी जा रही.

पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।