नवादा :- दिनेश कुमार उर्फ चिंपू ने रचा इतिहास, बने एलआइसी के मंडल कॉर्पाेरेट क्लब के मेम्बर
भारतीय जीवन बीमा निगम पटना मंडल में नवादा शाखा के अभिकर्ता दिनेश कुमार तिवारी उर्फ चिंपू ने पूरे पटना मंडल में कॉर्पोरेट क्लब का मेंबर बनकर इतिहास‌ कायम किया है।


पूर्व विकास अधिकारी ने इस बावत कहा कि नवादा शाखा के लिए यह गौरव की बात है। भारतीय जीवन बीमा निगम नवादा शाखा को इन इन पर गर्व है। बताते चलें कि श्रीचिंपू पटना डिविजन का पहला कॉर्पोरेट क्लब मेंबर तथा ईस्ट सेंट्रल जोन के तीसरे अभिकर्ता हैं, जिन्होंने इसे क्वालीफाई किया है। श्रीचिंपू 20 वर्षों से एमडीआरटी होते आ रहे हैं तथा 11 वर्ष से कोर्ट ऑफ़ द टेबल तथा पहली बार कॉर्पोरेट क्लब का मेंबर बने हैं। इन्होंने इसे 104 पॉलिसी तथा 65 लाख प्रीमियम देकर इसके लिए क्वालीफाई किया। उपलब्धि के लिए वरीय शाखा प्रबंधक जयप्रकाश तथा असिस्टेंट मैनेजर राकेश कुमार, अमित कुमार ने बधाई दिया है। स्थानीय अधिकारियों ने फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। श्रीचिंपू विकास अधिकारी रहे आरपी साहू के नेतृत्व में यह योग्यता हासिल किया है। वर्तमान में श्रीसाहू भारतीय जीवन बीमा निगम नवादा शाखा के एसोसिएट हैं। नवादा शाखा के नए बीमा डिपार्टमेंट के अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद ने भी इन्हें बधाई दी है। नवादा शाखा के सभी कर्मचारियों ने इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है, और इसी तरह कार्य करते रहने के लिए हौसला आफजाई किया है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
उपलब्धि:आज ही के दिन शीतल महाजन ने माउंट एवरेस्ट से 21,500 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली पहली महिला बनी


नयी दिल्ली : 14 नवंबर 2023 का दिन भारतीय महिला शीतल महाजन के लिए एक खास उपलब्धि का प्रतीक बन था। इस दिन शीतल ने माउंट एवरेस्ट के सामने 21,500 फीट की ऊंचाई से हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया था।

इस उपलब्धि के साथ 41 वर्षीय शीतल महाजन ने विश्व की पहली महिला के रूप में इस ऊंचाई से छलांग लगाने का गौरव हासिल किया। उनकी इस साहसिक उपलब्धि ने भारत को गर्व का अनुभव कराया और उन्हें प्रेरणा का स्रोत बना दिया। 

बता दें, शीतल महाजन राणे भारतीय साहसी खेलप्रेमी और विश्व रिकॉर्ड धारक स्काइडाइवर हैं। उन्होंने स्काइडाइविंग में आठ विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। शीतल महाजन ने अपनी यूनिक अचीवमेंट से दुनियाभर में अपने साहस का परिचय दिया है।

वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने अंटार्कटिका के ऊपर 10,000 फीट की ऊंचाई से फ्री फॉल जम्प किया, और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के ऊपर सफल छलांग लगाने वाली सबसे युवा महिला भी बनीं। 2011 में, भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। 

19 सितंबर 1982 को पश्चिमी भारतीय राज्य महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी शीतल महाजन का साहसिक सफर 2006 में दक्षिणी ध्रुव पर फ्री फॉल जम्प करने के साथ नई ऊंचाईयों पर पहुंचा। 

उन्होंने न केवल दक्षिणी ध्रुव पर, बल्कि उत्तरी ध्रुव पर भी बिना किसी पूर्व अभ्यास के सफल छलांग लगाई।

महज 24 वर्ष की उम्र में इस कीर्तिमान को हासिल कर वे सबसे युवा महिला बन गईं जिन्होंने यह साहसिक कार्य किया। इसके साथ ही, वे पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने विंगसूट जम्प का प्रदर्शन किया। शीतल महाजन का नाम स्काइडाइविंग के क्षेत्र में कई अन्य रिकॉर्ड्स से भी जुड़ा है।

उन्होंने अंटार्कटिका के ऊपर फ्री फॉल पैराशूट जम्प करने वाली टीम का नेतृत्व किया, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड था। उन्होंने 2014 में 85 भारतीय स्काइडाइवर्स की टीम का नेतृत्व किया और स्पेन में एक घंटे में अधिकतम टैंडम जम्प करने का रिकॉर्ड भी स्थापित किया।

इसके अलावा, उन्होंने 19 अप्रैल 2009 को महिलाओं की श्रेणी में 13,000 फीट की ऊंचाई से जम्प कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके साथ ही उन्होंने 5,800 फीट की ऊंचाई से हॉट एयर बलून से फ्री फॉल जम्प और 24,000 फीट की ऊंचाई से जम्प भी की है।

शीतल महाजन की उपलब्धियों को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2005 में उन्हें गोडावरी गौरव पुरस्कार से नवाजा गया और उसी वर्ष महाराष्ट्र राज्य खेल विशेष पुरस्कार भी मिला। इसके अलावा, 2004 में उत्तरी ध्रुव पर सफल छलांग के बाद, उन्हें तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह पहली सिविलियन बनीं।

बाल दिवस आज:पंडित नेहरू की जयंती पर बाल दिवस,बच्चों के लिए सुरक्षित और खुशहाल भविष्य का संकल्प

नयी दिल्ली : हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे हर वर्ष 14 नवंबर 2024 को मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के दिन बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर से बच्चों के लिए होता है, जिसमें उनकी खुशियों, उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। 

इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता को बढ़ाना और उन्हें एक सुरक्षित, खुशहाल और शिक्षा से भरपूर जीवन देने की दिशा में कार्य करना है। आइए जानें बाल दिवस से जुड़ी पांच अहम बातें, जिन्हें हर बच्चे और बड़े को जानना चाहिए।

बाल दिवस का इतिहास और महत्व

भारत में बाल दिवस की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हुई, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। पंडित नेहरू को बच्चों से गहरा लगाव था और वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके विचार में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने की आवश्यकता है, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें।

साल में दो बार मनाया जाता है बाल दिवस?

1954 में, संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित किया। हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे पंडित नेहरू की जयंती पर मनाने का निर्णय लिया गया।

बाल दिवस का उद्देश्य

बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सुरक्षित वातावरण देना और उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है। बाल दिवस पर बच्चों के प्रति बढ़ते अत्याचार, बाल श्रम, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन बच्चों की खुशियों के साथ-साथ उनके अधिकारों के प्रति समाज में जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देने का प्रतीक है।

पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति दृष्टिकोण

पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चों को बचपन में सही मार्गदर्शन और प्यार दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, बच्चे बिना किसी भेदभाव के स्वतंत्र रूप से सीखने और बढ़ने का अधिकार रखते हैं। पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के बीच जाकर उनके साथ समय बिताना पसंद करते थे, और उनका मानना था कि बच्चों में मासूमियत, सच्चाई, और निष्ठा होती है, जो बड़े लोगों को भी प्रेरणा देती है।

बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी

बाल दिवस के माध्यम से बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे कि उन्हें अच्छी शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम से सुरक्षा, और एक सुरक्षित व प्यार भरे वातावरण में बढ़ने का अधिकार। भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण कानून और संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।

बाल दिवस आज:पंडित नेहरू की जयंती पर बाल दिवस,बच्चों के लिए सुरक्षित और खुशहाल भविष्य का संकल्प

नयी दिल्ली : हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे हर वर्ष 14 नवंबर 2024 को मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के दिन बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर से बच्चों के लिए होता है, जिसमें उनकी खुशियों, उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। 

इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता को बढ़ाना और उन्हें एक सुरक्षित, खुशहाल और शिक्षा से भरपूर जीवन देने की दिशा में कार्य करना है। आइए जानें बाल दिवस से जुड़ी पांच अहम बातें, जिन्हें हर बच्चे और बड़े को जानना चाहिए।

बाल दिवस का इतिहास और महत्व

भारत में बाल दिवस की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हुई, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। पंडित नेहरू को बच्चों से गहरा लगाव था और वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके विचार में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने की आवश्यकता है, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें।

साल में दो बार मनाया जाता है बाल दिवस?

1954 में, संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित किया। हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे पंडित नेहरू की जयंती पर मनाने का निर्णय लिया गया।

बाल दिवस का उद्देश्य

बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सुरक्षित वातावरण देना और उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है। बाल दिवस पर बच्चों के प्रति बढ़ते अत्याचार, बाल श्रम, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन बच्चों की खुशियों के साथ-साथ उनके अधिकारों के प्रति समाज में जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देने का प्रतीक है।

पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति दृष्टिकोण

पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चों को बचपन में सही मार्गदर्शन और प्यार दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, बच्चे बिना किसी भेदभाव के स्वतंत्र रूप से सीखने और बढ़ने का अधिकार रखते हैं। पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के बीच जाकर उनके साथ समय बिताना पसंद करते थे, और उनका मानना था कि बच्चों में मासूमियत, सच्चाई, और निष्ठा होती है, जो बड़े लोगों को भी प्रेरणा देती है।

बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी

बाल दिवस के माध्यम से बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे कि उन्हें अच्छी शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम से सुरक्षा, और एक सुरक्षित व प्यार भरे वातावरण में बढ़ने का अधिकार। भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण कानून और संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।

आजमगढ़ : बाल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बाल भोज का हुआ आयोजन

सिद्धेश्वर पाण्डेय
  व्यूरो चीफ
आजमगढ़ । जिले के फूलपुर तहसील के नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बाल दिवस के अवसर पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । वही सर्वोदय कान्वेंट स्कूल सुदनीपुर फूलपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बाल भोज का आयोजन किया गया । इस दौरान बाल दिवस पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा जवाहरलाल नेहरू को लोगों ने याद किया । फूलपुर तहसील के फूलपुर ,माहुल ,अम्बारी ,पलिया ,पुष्पनगर ,दीदारगंज ,बिलारमऊ ,हुब्बीगंज, पल्थी आदि विद्यालयों में बाल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया । वही सर्वोदय कान्वेंट स्कूल सुदनीपुर ,फूलपुर में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । बाल दिवस के अवसर पर बाल भोज का आयोजन किया गया । बच्चों व्यंजनों का स्वाद एक साथ बैठकर लिया । सर्वोदय कान्वेंट स्कूल फूलपुर के प्रबंधक राकेश मिश्रा एवं प्रधानाचार्य मिथिलेश मिश्रा ने कहा कि 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है । पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे । बच्चों के लिए चाचा नेहरु के इसी प्यार की वजह से चाचा नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा । बाल दिवस का दिन स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए काफी स्पेशल होता है । आज के दिन सभी स्कूलों में कल्चरल प्रोग्राम और खेलकूद की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है । इसके साथ ही बच्चों को मिठाईयां और चॉकलेट्स भी बांटी जाती हैं । इसी लिए बच्चों के लिए बाल भोज का आयोजन किया गया है ।
नवादा :- नवादा-नारदीगंज पथ पर सिसवा मोड़ के पास से युवक का जला शव व जली बाइक हुआ था बरामद, कंप्यूटर संचालक की हत्या मामले में पुलिस का हाथ खाली
नवादा नगर थाना इलाके में कंप्यूटर क्लास संचालक प्रवीण कुमार की हत्या का राजफाश करने में पुलिस अबतक विफल साबित हुई है।


पुलिस सूचना तंत्र का विफल होने का जीता जागता उदाहरण है। वैसे एसपी अभिनव धीमान ने कहा है कि अनुसंधान में प्रगति है। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। अन्य साक्ष्य भी इकट्ठा किया जा रहा है। जल्द ही सबकुछ सामने होगा। इसके पूर्व मंगलवार को भीम आर्मी के सदस्य समाहरणालय पहुंच हत्यारों की गिरफ्तारी में विलंब पर नाखुशी का इजहार कर चुके हैं। इस मसले पर जब एसपी से पूछा गया तो उनका जवाब था कि जल्द ही सबकुछ सामने होगा। एक बात जो अबतक के अनुसंधान में सामने आई है उसमें ये कि मृतक शनिवार की शाम 7:44 बजे तक नवादा नगर के इंदिरा चौक के आसपास था। उससे आगे के सीसीटीवी को देखा जा रहा है। पूरा मामला प्रेम प्रसंग की ओर जा रहा है। वह कौन है, जिसके चक्कर में उसकी जान गई, पुलिस तमाम साक्ष्यों के आधार पर कड़ियों को जोड़कर गुत्थी सुलझाने में जुटी है। बता दें कि मृतक प्रवीण शादीशुदा नहीं था। बता दें कि रोह में कंप्यूटर क्लास चलाने वाले प्रवीण कुमार मूलत: इसी जिले के पकरीबरावां थाना इलाके के ढोढा गांव के चंद्रेश्वर पासवान के पुत्र थे। रविवार 10 नवंबर को नवादा- नारदीगंज पथ पर नगर थाना क्षेत्र के सिसवां मोड़ के पास उनका बोरे में बंद जला हुआ शव बरामद हुआ था। बाइक को भी जला दिया गया था। घंटों मशक्कत के बाद शव की पहचान हो सकी थी। शव का अधिकांश भाग जल जाने के कारण नवादा में पोस्टमार्टम संभव नहीं हो सका था तब शव को पीएमसीएच भेजा गया था। मृतक के बड़े भाई विपिन पासवान ने बताया था कि उनका भाई अपने पार्टनर रोह थाना क्षेत्र के साथे गांव निवासी कुंदन पंडित के साथ रोह बाजार में ग्लैक्सी कंप्यूटर जोन का संचालन करता था। रात्रि में नवादा से ऑनलाइन कंप्यूटर क्लास चलाता था। वह नवादा के कन्हाई नगर मुहल्ला में किराए के मकान में कुंदन के साथ ही रहा करता था। शनिवार की शाम घर से नवादा के लिए निकला था। जिसके बाद अगले दिन उसका जला हुआ शव बरामद हुआ था।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- बिहार के पूर्व मंत्री के डेयरी फॉर्म में चोरी, पुलिस गश्त की फिर खुली पोल
नवादा नगर थाना क्षेत्र पुलिस गश्त को धत्ता बताते हुए बेखौफ चोरों ने पूर्व श्रम राज्य मंत्री सह नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के गोवर्धन डेयरी में सेंधमारी कर कैश काउंटर में रखे 10 हजार नगद की चोरी कर ली।


नगर थाना क्षेत्र के वीआईपी कॉलोनी में स्थित राजद कार्यालय के पास गोवर्धन डेयरी में बेखौफ चोरों ने जमकर उत्पात मचाया। बेख़ौफ़ चोरों ने गोवर्धन डेयरी दुकान में सेंधमारी कर डेयरी के कैश काउंटर से करीब 10 हजार रुपये नगद लेकर चंपत हो गया। गोवर्धन डेयरी के संचालक लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि देर रात डेयरी की छत के सहारे चोर आ धमका और दुकान में रखे कैश काउंटर से लगभग 10 हज़ार रुपये नगद की चोरी कर ली। घटना की सूचना नगर थाना पुलिस को दी गई है। बता दें कि गोवर्धन डेयरी पूर्व श्रम राज्य मंत्री सह नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के सौजन्य से संचालित किया जा रहा है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
बांग्लादेश में संविधान संशोधन: अटॉर्नी जनरल की बड़ी मांग जानें क्या कहा

सत्‍ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचाने के लिए देश के संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना जरूरी है. यह बात कही है बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने. साथ ही उन्‍होंने संविधान में अहम संशोधन की मांग भी की है. अटॉर्नी जनरल ने 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने का सुझाव दिया है. उन्‍होंने ये सारे तर्क जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी के सामने 15वें संशोधन की वैधता पर अदालती सुनवाई के दौरान. साथ ही 15वें संशोधन को रद्द करने की मांग की है.

देश में 90 फीसदी मुस्लिम

अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने तर्क दिया है कि देश की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में संविधान से 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द हटा देना चाहिए. असदुज्जमां ने कहा, "पहले अल्लाह पर हमेशा भरोसा और यकीन था. मैं चाहता हूं कि यह पहले जैसा ही रहे. आर्टिकल 2ए में कहा गया है कि राज्य सभी धर्मों के पालन में समान अधिकार और समानता तय करेगा. वहीं आर्टिकल 9 'बंगाली नेशनलिज्म' की बात करता है, यह विरोधाभासी है."

अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना चाहिए और सत्ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचना चाहिए. साथ ही उन्होंने आर्टिकल 7ए और 7बी पर भी आपत्ति जताई है, जो ऐसे किसी भी संशोधन या बदलवा पर रोक लगाते हैं, जो "लोकतंत्र को खत्म कर सकता है." उनका कहना है कि ऐसे कानून बदलने चाहिए क्‍योंकि ये सियासी ताकत को मजबूत करके लोकतंत्र को कमजोर करते हैं.

राष्‍ट्रपिता शब्‍द राष्‍ट्र को बांटते हैं

उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को 'राष्ट्रपिता' के रूप में लेबल करने जैसे कई संशोधन राष्ट्र को बांटते हैं और अभिव्यक्ति की आजादी में बाधा डालते हैं. ये ठी है कि शेख मुजीब के योगदान का सम्मान किया जाए, लेकिन इसे कानून द्वारा लागू करना विभाजन पैदा करता है. ये सारे तर्क रखते हुए उन्‍होंने कोर्ट से 15वें संशोधन की असंवैधानिकता पर विचार करने की गुजारिश की है.

स्कूल शिक्षा विभाग का गजब का खेल, अधिकारी को उसी जगह पर दे दी पोस्टिंग जहां से वह हुआ था निलंबित…

रायपुर-  स्कूल शिक्षा विभाग में गजब का खेल चल रहा है. निलंबित अधिकारी को बहाल कर फिर पोस्टिंग दे दी, उसके बाद आदेश में संशोधन करते हुए वहीं फिर से वहीं पोस्टिंग दे दी, जहां से वे निलंबित हुए थे. 

बात हो रही है शिक्षा विभाग में अधिकारी हेमंत उपाध्याय की, जिन्हें अस्थाई रूप से बतौर प्रभारी संयुक्त संचालक सरगुजा में आगामी आदेश पर तक पदस्थ किया गया, जबकि उन्हें उसी पद से पदोन्नति, ट्रांसफर में आर्थिक अनियमितता करने की दोषी बताकर निलंबित किया गया था. मामले में अभी विभागीय जांच जारी है, उसके बावजूद पदस्थापना आदेश जारी कर दिया गया है.

शादी से आठ दिन पहले महुआ की रहने वाली सिपाही ने फंदे से लटक कर दी जान
        
        
        समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाने में पुलिस के डायल 112 वाहन ईवीआर छह में कार्यरत एक महिला सिपाही ने गले में फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। बुधवार दोपहर बाद थाना भवन के द्वितीय तल पर महिला बैरक में बाथरूम के अंदर फंदे से झूलता उसका शव मिला । सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। स्थानीय पुलिस के साथ एफएसएल टीम भी पहुंची।

        पुलिस पदाधिकारियों ने बैरक में सहकर्मियों से घटना के बारे में पूछताछ की। पुलिस की एफएसल की टीम ने साक्ष्य एकत्र किये हैं। मृतक के परिजनों को तत्काल घटना की जानकारी दी गयी। देर शाम पुलिस मृतका की लाश कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंची।

             मृतक महिला पुलिसकर्मी की पहचान सीमावर्ती वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के मकसूदपुर ताज गांव के सुरेश पंडित की 23 वर्षीय पुत्री चांदनी कुमारी के रूप में हुई है। वह बिहार पुलिस में 2023 बैच की सिपाही थी। समस्तीपुर जिला बल में सिपाही संख्या 768 पर चांदनी का नाम अंकित है। थानाध्यक्ष फैजुल अंसारी ने बताया कि करीब छह माह से सिपाही संख्या 768 चांदनी कुमारी मुसरीघरारी थाने में ईवीआर पदस्थापित थी और वह मुसरीघरारी थाना भवन में ही महिला बैरक में रहती थी।

       बुधवार शाम करीब तीन बजे महिला बैरक में उसकी एक सहकर्मी महिला सिपाही शौच के लिए बाथरूम में गयी. दरवाजा खोलते ही देखा कि अंदर लोहे के हैंगर में दुपट्टे से शव झूल रहा था. शोर मचाकर स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों को घटना की जानकारी दी।

        एएसपी संजय पांडेय ने घटना के बाद पुलिस पदाधिकारियों के साथ घटनास्थल व महिला बैरक की जांच की ।  इस क्रम में महिला बैरक में मृतका चांदनी कुमारी के बिछावन में सिरहाने के अंदर एक प्लास्टिक का फंदा व 15 कॉपी बरामद हुआ हैं।  बरामद कॉपी में मृतका खुद को मोटिवेट करने के लिए  अंतद्वंद की बात लिखी है। फिलहाल मौत का कारण स्पष्ट नहीं हैं। परिजनों  को घटना की जानकारी दी गयी। वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर आगे  कार्रवाई की जाएगी।
    
     22 नवंबर को तय थी शादी

             चांदनी कुमारी की आगामी 22 नवंबर को शादी तय हुई थी। घर परिवार में हंसी - खुशी का माहौल था। इधर, बुधवार को उसकी मौत के सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पिछले छह माह से चांदनी मुसरीघरारी थाने में ईवीआर छह पर कार्यरत थी।

15 दिनों के अंतराल में दूसरी घटना:

        जिले में 15 दिनों के अंतराल में दो महिला पुलिसकर्मियों ने खुदकुशी कर ली। 31 अक्टूबर को महिला पुलिस केंद्र स्थित महिला बैरक में बाथरूम के अंदर सिपाही वंदना कुमारी ने गले में प फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसके बाद बुधवार को मुसरीघरारी है थाना भवन में महिला बैरक में बाथरूम के अंदर महिला सिपाही चांदनी कुमारी ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पूर्व 2023 में नगर थाना परिसर स्थित वायरलेस भवन में संचालित कंट्रोल रूम के अंदर महिला सिपाही अर्चना कुमारी ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी।पुलिस अनुसंधान में खुदकुशी के मामलों में महिलाओं पुलिसकर्मियों के मानसिक अवसाद या पारिवारिक कलह की बात सामने आयी है।
   
नवादा :- दिनेश कुमार उर्फ चिंपू ने रचा इतिहास, बने एलआइसी के मंडल कॉर्पाेरेट क्लब के मेम्बर
भारतीय जीवन बीमा निगम पटना मंडल में नवादा शाखा के अभिकर्ता दिनेश कुमार तिवारी उर्फ चिंपू ने पूरे पटना मंडल में कॉर्पोरेट क्लब का मेंबर बनकर इतिहास‌ कायम किया है।


पूर्व विकास अधिकारी ने इस बावत कहा कि नवादा शाखा के लिए यह गौरव की बात है। भारतीय जीवन बीमा निगम नवादा शाखा को इन इन पर गर्व है। बताते चलें कि श्रीचिंपू पटना डिविजन का पहला कॉर्पोरेट क्लब मेंबर तथा ईस्ट सेंट्रल जोन के तीसरे अभिकर्ता हैं, जिन्होंने इसे क्वालीफाई किया है। श्रीचिंपू 20 वर्षों से एमडीआरटी होते आ रहे हैं तथा 11 वर्ष से कोर्ट ऑफ़ द टेबल तथा पहली बार कॉर्पोरेट क्लब का मेंबर बने हैं। इन्होंने इसे 104 पॉलिसी तथा 65 लाख प्रीमियम देकर इसके लिए क्वालीफाई किया। उपलब्धि के लिए वरीय शाखा प्रबंधक जयप्रकाश तथा असिस्टेंट मैनेजर राकेश कुमार, अमित कुमार ने बधाई दिया है। स्थानीय अधिकारियों ने फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। श्रीचिंपू विकास अधिकारी रहे आरपी साहू के नेतृत्व में यह योग्यता हासिल किया है। वर्तमान में श्रीसाहू भारतीय जीवन बीमा निगम नवादा शाखा के एसोसिएट हैं। नवादा शाखा के नए बीमा डिपार्टमेंट के अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद ने भी इन्हें बधाई दी है। नवादा शाखा के सभी कर्मचारियों ने इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है, और इसी तरह कार्य करते रहने के लिए हौसला आफजाई किया है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
उपलब्धि:आज ही के दिन शीतल महाजन ने माउंट एवरेस्ट से 21,500 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली पहली महिला बनी


नयी दिल्ली : 14 नवंबर 2023 का दिन भारतीय महिला शीतल महाजन के लिए एक खास उपलब्धि का प्रतीक बन था। इस दिन शीतल ने माउंट एवरेस्ट के सामने 21,500 फीट की ऊंचाई से हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया था।

इस उपलब्धि के साथ 41 वर्षीय शीतल महाजन ने विश्व की पहली महिला के रूप में इस ऊंचाई से छलांग लगाने का गौरव हासिल किया। उनकी इस साहसिक उपलब्धि ने भारत को गर्व का अनुभव कराया और उन्हें प्रेरणा का स्रोत बना दिया। 

बता दें, शीतल महाजन राणे भारतीय साहसी खेलप्रेमी और विश्व रिकॉर्ड धारक स्काइडाइवर हैं। उन्होंने स्काइडाइविंग में आठ विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। शीतल महाजन ने अपनी यूनिक अचीवमेंट से दुनियाभर में अपने साहस का परिचय दिया है।

वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने अंटार्कटिका के ऊपर 10,000 फीट की ऊंचाई से फ्री फॉल जम्प किया, और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के ऊपर सफल छलांग लगाने वाली सबसे युवा महिला भी बनीं। 2011 में, भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। 

19 सितंबर 1982 को पश्चिमी भारतीय राज्य महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी शीतल महाजन का साहसिक सफर 2006 में दक्षिणी ध्रुव पर फ्री फॉल जम्प करने के साथ नई ऊंचाईयों पर पहुंचा। 

उन्होंने न केवल दक्षिणी ध्रुव पर, बल्कि उत्तरी ध्रुव पर भी बिना किसी पूर्व अभ्यास के सफल छलांग लगाई।

महज 24 वर्ष की उम्र में इस कीर्तिमान को हासिल कर वे सबसे युवा महिला बन गईं जिन्होंने यह साहसिक कार्य किया। इसके साथ ही, वे पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने विंगसूट जम्प का प्रदर्शन किया। शीतल महाजन का नाम स्काइडाइविंग के क्षेत्र में कई अन्य रिकॉर्ड्स से भी जुड़ा है।

उन्होंने अंटार्कटिका के ऊपर फ्री फॉल पैराशूट जम्प करने वाली टीम का नेतृत्व किया, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड था। उन्होंने 2014 में 85 भारतीय स्काइडाइवर्स की टीम का नेतृत्व किया और स्पेन में एक घंटे में अधिकतम टैंडम जम्प करने का रिकॉर्ड भी स्थापित किया।

इसके अलावा, उन्होंने 19 अप्रैल 2009 को महिलाओं की श्रेणी में 13,000 फीट की ऊंचाई से जम्प कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके साथ ही उन्होंने 5,800 फीट की ऊंचाई से हॉट एयर बलून से फ्री फॉल जम्प और 24,000 फीट की ऊंचाई से जम्प भी की है।

शीतल महाजन की उपलब्धियों को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2005 में उन्हें गोडावरी गौरव पुरस्कार से नवाजा गया और उसी वर्ष महाराष्ट्र राज्य खेल विशेष पुरस्कार भी मिला। इसके अलावा, 2004 में उत्तरी ध्रुव पर सफल छलांग के बाद, उन्हें तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह पहली सिविलियन बनीं।

बाल दिवस आज:पंडित नेहरू की जयंती पर बाल दिवस,बच्चों के लिए सुरक्षित और खुशहाल भविष्य का संकल्प

नयी दिल्ली : हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे हर वर्ष 14 नवंबर 2024 को मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के दिन बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर से बच्चों के लिए होता है, जिसमें उनकी खुशियों, उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। 

इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता को बढ़ाना और उन्हें एक सुरक्षित, खुशहाल और शिक्षा से भरपूर जीवन देने की दिशा में कार्य करना है। आइए जानें बाल दिवस से जुड़ी पांच अहम बातें, जिन्हें हर बच्चे और बड़े को जानना चाहिए।

बाल दिवस का इतिहास और महत्व

भारत में बाल दिवस की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हुई, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। पंडित नेहरू को बच्चों से गहरा लगाव था और वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके विचार में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने की आवश्यकता है, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें।

साल में दो बार मनाया जाता है बाल दिवस?

1954 में, संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित किया। हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे पंडित नेहरू की जयंती पर मनाने का निर्णय लिया गया।

बाल दिवस का उद्देश्य

बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सुरक्षित वातावरण देना और उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है। बाल दिवस पर बच्चों के प्रति बढ़ते अत्याचार, बाल श्रम, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन बच्चों की खुशियों के साथ-साथ उनके अधिकारों के प्रति समाज में जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देने का प्रतीक है।

पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति दृष्टिकोण

पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चों को बचपन में सही मार्गदर्शन और प्यार दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, बच्चे बिना किसी भेदभाव के स्वतंत्र रूप से सीखने और बढ़ने का अधिकार रखते हैं। पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के बीच जाकर उनके साथ समय बिताना पसंद करते थे, और उनका मानना था कि बच्चों में मासूमियत, सच्चाई, और निष्ठा होती है, जो बड़े लोगों को भी प्रेरणा देती है।

बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी

बाल दिवस के माध्यम से बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे कि उन्हें अच्छी शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम से सुरक्षा, और एक सुरक्षित व प्यार भरे वातावरण में बढ़ने का अधिकार। भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण कानून और संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।

बाल दिवस आज:पंडित नेहरू की जयंती पर बाल दिवस,बच्चों के लिए सुरक्षित और खुशहाल भविष्य का संकल्प

नयी दिल्ली : हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे हर वर्ष 14 नवंबर 2024 को मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के दिन बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर से बच्चों के लिए होता है, जिसमें उनकी खुशियों, उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। 

इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता को बढ़ाना और उन्हें एक सुरक्षित, खुशहाल और शिक्षा से भरपूर जीवन देने की दिशा में कार्य करना है। आइए जानें बाल दिवस से जुड़ी पांच अहम बातें, जिन्हें हर बच्चे और बड़े को जानना चाहिए।

बाल दिवस का इतिहास और महत्व

भारत में बाल दिवस की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हुई, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। पंडित नेहरू को बच्चों से गहरा लगाव था और वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके विचार में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने की आवश्यकता है, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें।

साल में दो बार मनाया जाता है बाल दिवस?

1954 में, संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित किया। हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे पंडित नेहरू की जयंती पर मनाने का निर्णय लिया गया।

बाल दिवस का उद्देश्य

बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सुरक्षित वातावरण देना और उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है। बाल दिवस पर बच्चों के प्रति बढ़ते अत्याचार, बाल श्रम, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन बच्चों की खुशियों के साथ-साथ उनके अधिकारों के प्रति समाज में जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देने का प्रतीक है।

पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति दृष्टिकोण

पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चों को बचपन में सही मार्गदर्शन और प्यार दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, बच्चे बिना किसी भेदभाव के स्वतंत्र रूप से सीखने और बढ़ने का अधिकार रखते हैं। पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के बीच जाकर उनके साथ समय बिताना पसंद करते थे, और उनका मानना था कि बच्चों में मासूमियत, सच्चाई, और निष्ठा होती है, जो बड़े लोगों को भी प्रेरणा देती है।

बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी

बाल दिवस के माध्यम से बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे कि उन्हें अच्छी शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम से सुरक्षा, और एक सुरक्षित व प्यार भरे वातावरण में बढ़ने का अधिकार। भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण कानून और संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।

आजमगढ़ : बाल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बाल भोज का हुआ आयोजन

सिद्धेश्वर पाण्डेय
  व्यूरो चीफ
आजमगढ़ । जिले के फूलपुर तहसील के नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बाल दिवस के अवसर पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । वही सर्वोदय कान्वेंट स्कूल सुदनीपुर फूलपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बाल भोज का आयोजन किया गया । इस दौरान बाल दिवस पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा जवाहरलाल नेहरू को लोगों ने याद किया । फूलपुर तहसील के फूलपुर ,माहुल ,अम्बारी ,पलिया ,पुष्पनगर ,दीदारगंज ,बिलारमऊ ,हुब्बीगंज, पल्थी आदि विद्यालयों में बाल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया । वही सर्वोदय कान्वेंट स्कूल सुदनीपुर ,फूलपुर में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । बाल दिवस के अवसर पर बाल भोज का आयोजन किया गया । बच्चों व्यंजनों का स्वाद एक साथ बैठकर लिया । सर्वोदय कान्वेंट स्कूल फूलपुर के प्रबंधक राकेश मिश्रा एवं प्रधानाचार्य मिथिलेश मिश्रा ने कहा कि 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है । पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे । बच्चों के लिए चाचा नेहरु के इसी प्यार की वजह से चाचा नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा । बाल दिवस का दिन स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए काफी स्पेशल होता है । आज के दिन सभी स्कूलों में कल्चरल प्रोग्राम और खेलकूद की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है । इसके साथ ही बच्चों को मिठाईयां और चॉकलेट्स भी बांटी जाती हैं । इसी लिए बच्चों के लिए बाल भोज का आयोजन किया गया है ।
नवादा :- नवादा-नारदीगंज पथ पर सिसवा मोड़ के पास से युवक का जला शव व जली बाइक हुआ था बरामद, कंप्यूटर संचालक की हत्या मामले में पुलिस का हाथ खाली
नवादा नगर थाना इलाके में कंप्यूटर क्लास संचालक प्रवीण कुमार की हत्या का राजफाश करने में पुलिस अबतक विफल साबित हुई है।


पुलिस सूचना तंत्र का विफल होने का जीता जागता उदाहरण है। वैसे एसपी अभिनव धीमान ने कहा है कि अनुसंधान में प्रगति है। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। अन्य साक्ष्य भी इकट्ठा किया जा रहा है। जल्द ही सबकुछ सामने होगा। इसके पूर्व मंगलवार को भीम आर्मी के सदस्य समाहरणालय पहुंच हत्यारों की गिरफ्तारी में विलंब पर नाखुशी का इजहार कर चुके हैं। इस मसले पर जब एसपी से पूछा गया तो उनका जवाब था कि जल्द ही सबकुछ सामने होगा। एक बात जो अबतक के अनुसंधान में सामने आई है उसमें ये कि मृतक शनिवार की शाम 7:44 बजे तक नवादा नगर के इंदिरा चौक के आसपास था। उससे आगे के सीसीटीवी को देखा जा रहा है। पूरा मामला प्रेम प्रसंग की ओर जा रहा है। वह कौन है, जिसके चक्कर में उसकी जान गई, पुलिस तमाम साक्ष्यों के आधार पर कड़ियों को जोड़कर गुत्थी सुलझाने में जुटी है। बता दें कि मृतक प्रवीण शादीशुदा नहीं था। बता दें कि रोह में कंप्यूटर क्लास चलाने वाले प्रवीण कुमार मूलत: इसी जिले के पकरीबरावां थाना इलाके के ढोढा गांव के चंद्रेश्वर पासवान के पुत्र थे। रविवार 10 नवंबर को नवादा- नारदीगंज पथ पर नगर थाना क्षेत्र के सिसवां मोड़ के पास उनका बोरे में बंद जला हुआ शव बरामद हुआ था। बाइक को भी जला दिया गया था। घंटों मशक्कत के बाद शव की पहचान हो सकी थी। शव का अधिकांश भाग जल जाने के कारण नवादा में पोस्टमार्टम संभव नहीं हो सका था तब शव को पीएमसीएच भेजा गया था। मृतक के बड़े भाई विपिन पासवान ने बताया था कि उनका भाई अपने पार्टनर रोह थाना क्षेत्र के साथे गांव निवासी कुंदन पंडित के साथ रोह बाजार में ग्लैक्सी कंप्यूटर जोन का संचालन करता था। रात्रि में नवादा से ऑनलाइन कंप्यूटर क्लास चलाता था। वह नवादा के कन्हाई नगर मुहल्ला में किराए के मकान में कुंदन के साथ ही रहा करता था। शनिवार की शाम घर से नवादा के लिए निकला था। जिसके बाद अगले दिन उसका जला हुआ शव बरामद हुआ था।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- बिहार के पूर्व मंत्री के डेयरी फॉर्म में चोरी, पुलिस गश्त की फिर खुली पोल
नवादा नगर थाना क्षेत्र पुलिस गश्त को धत्ता बताते हुए बेखौफ चोरों ने पूर्व श्रम राज्य मंत्री सह नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के गोवर्धन डेयरी में सेंधमारी कर कैश काउंटर में रखे 10 हजार नगद की चोरी कर ली।


नगर थाना क्षेत्र के वीआईपी कॉलोनी में स्थित राजद कार्यालय के पास गोवर्धन डेयरी में बेखौफ चोरों ने जमकर उत्पात मचाया। बेख़ौफ़ चोरों ने गोवर्धन डेयरी दुकान में सेंधमारी कर डेयरी के कैश काउंटर से करीब 10 हजार रुपये नगद लेकर चंपत हो गया। गोवर्धन डेयरी के संचालक लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि देर रात डेयरी की छत के सहारे चोर आ धमका और दुकान में रखे कैश काउंटर से लगभग 10 हज़ार रुपये नगद की चोरी कर ली। घटना की सूचना नगर थाना पुलिस को दी गई है। बता दें कि गोवर्धन डेयरी पूर्व श्रम राज्य मंत्री सह नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के सौजन्य से संचालित किया जा रहा है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
बांग्लादेश में संविधान संशोधन: अटॉर्नी जनरल की बड़ी मांग जानें क्या कहा

सत्‍ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचाने के लिए देश के संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना जरूरी है. यह बात कही है बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने. साथ ही उन्‍होंने संविधान में अहम संशोधन की मांग भी की है. अटॉर्नी जनरल ने 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने का सुझाव दिया है. उन्‍होंने ये सारे तर्क जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी के सामने 15वें संशोधन की वैधता पर अदालती सुनवाई के दौरान. साथ ही 15वें संशोधन को रद्द करने की मांग की है.

देश में 90 फीसदी मुस्लिम

अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने तर्क दिया है कि देश की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में संविधान से 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द हटा देना चाहिए. असदुज्जमां ने कहा, "पहले अल्लाह पर हमेशा भरोसा और यकीन था. मैं चाहता हूं कि यह पहले जैसा ही रहे. आर्टिकल 2ए में कहा गया है कि राज्य सभी धर्मों के पालन में समान अधिकार और समानता तय करेगा. वहीं आर्टिकल 9 'बंगाली नेशनलिज्म' की बात करता है, यह विरोधाभासी है."

अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना चाहिए और सत्ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचना चाहिए. साथ ही उन्होंने आर्टिकल 7ए और 7बी पर भी आपत्ति जताई है, जो ऐसे किसी भी संशोधन या बदलवा पर रोक लगाते हैं, जो "लोकतंत्र को खत्म कर सकता है." उनका कहना है कि ऐसे कानून बदलने चाहिए क्‍योंकि ये सियासी ताकत को मजबूत करके लोकतंत्र को कमजोर करते हैं.

राष्‍ट्रपिता शब्‍द राष्‍ट्र को बांटते हैं

उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को 'राष्ट्रपिता' के रूप में लेबल करने जैसे कई संशोधन राष्ट्र को बांटते हैं और अभिव्यक्ति की आजादी में बाधा डालते हैं. ये ठी है कि शेख मुजीब के योगदान का सम्मान किया जाए, लेकिन इसे कानून द्वारा लागू करना विभाजन पैदा करता है. ये सारे तर्क रखते हुए उन्‍होंने कोर्ट से 15वें संशोधन की असंवैधानिकता पर विचार करने की गुजारिश की है.

स्कूल शिक्षा विभाग का गजब का खेल, अधिकारी को उसी जगह पर दे दी पोस्टिंग जहां से वह हुआ था निलंबित…

रायपुर-  स्कूल शिक्षा विभाग में गजब का खेल चल रहा है. निलंबित अधिकारी को बहाल कर फिर पोस्टिंग दे दी, उसके बाद आदेश में संशोधन करते हुए वहीं फिर से वहीं पोस्टिंग दे दी, जहां से वे निलंबित हुए थे. 

बात हो रही है शिक्षा विभाग में अधिकारी हेमंत उपाध्याय की, जिन्हें अस्थाई रूप से बतौर प्रभारी संयुक्त संचालक सरगुजा में आगामी आदेश पर तक पदस्थ किया गया, जबकि उन्हें उसी पद से पदोन्नति, ट्रांसफर में आर्थिक अनियमितता करने की दोषी बताकर निलंबित किया गया था. मामले में अभी विभागीय जांच जारी है, उसके बावजूद पदस्थापना आदेश जारी कर दिया गया है.

शादी से आठ दिन पहले महुआ की रहने वाली सिपाही ने फंदे से लटक कर दी जान
        
        
        समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाने में पुलिस के डायल 112 वाहन ईवीआर छह में कार्यरत एक महिला सिपाही ने गले में फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। बुधवार दोपहर बाद थाना भवन के द्वितीय तल पर महिला बैरक में बाथरूम के अंदर फंदे से झूलता उसका शव मिला । सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। स्थानीय पुलिस के साथ एफएसएल टीम भी पहुंची।

        पुलिस पदाधिकारियों ने बैरक में सहकर्मियों से घटना के बारे में पूछताछ की। पुलिस की एफएसल की टीम ने साक्ष्य एकत्र किये हैं। मृतक के परिजनों को तत्काल घटना की जानकारी दी गयी। देर शाम पुलिस मृतका की लाश कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंची।

             मृतक महिला पुलिसकर्मी की पहचान सीमावर्ती वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के मकसूदपुर ताज गांव के सुरेश पंडित की 23 वर्षीय पुत्री चांदनी कुमारी के रूप में हुई है। वह बिहार पुलिस में 2023 बैच की सिपाही थी। समस्तीपुर जिला बल में सिपाही संख्या 768 पर चांदनी का नाम अंकित है। थानाध्यक्ष फैजुल अंसारी ने बताया कि करीब छह माह से सिपाही संख्या 768 चांदनी कुमारी मुसरीघरारी थाने में ईवीआर पदस्थापित थी और वह मुसरीघरारी थाना भवन में ही महिला बैरक में रहती थी।

       बुधवार शाम करीब तीन बजे महिला बैरक में उसकी एक सहकर्मी महिला सिपाही शौच के लिए बाथरूम में गयी. दरवाजा खोलते ही देखा कि अंदर लोहे के हैंगर में दुपट्टे से शव झूल रहा था. शोर मचाकर स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों को घटना की जानकारी दी।

        एएसपी संजय पांडेय ने घटना के बाद पुलिस पदाधिकारियों के साथ घटनास्थल व महिला बैरक की जांच की ।  इस क्रम में महिला बैरक में मृतका चांदनी कुमारी के बिछावन में सिरहाने के अंदर एक प्लास्टिक का फंदा व 15 कॉपी बरामद हुआ हैं।  बरामद कॉपी में मृतका खुद को मोटिवेट करने के लिए  अंतद्वंद की बात लिखी है। फिलहाल मौत का कारण स्पष्ट नहीं हैं। परिजनों  को घटना की जानकारी दी गयी। वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर आगे  कार्रवाई की जाएगी।
    
     22 नवंबर को तय थी शादी

             चांदनी कुमारी की आगामी 22 नवंबर को शादी तय हुई थी। घर परिवार में हंसी - खुशी का माहौल था। इधर, बुधवार को उसकी मौत के सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पिछले छह माह से चांदनी मुसरीघरारी थाने में ईवीआर छह पर कार्यरत थी।

15 दिनों के अंतराल में दूसरी घटना:

        जिले में 15 दिनों के अंतराल में दो महिला पुलिसकर्मियों ने खुदकुशी कर ली। 31 अक्टूबर को महिला पुलिस केंद्र स्थित महिला बैरक में बाथरूम के अंदर सिपाही वंदना कुमारी ने गले में प फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसके बाद बुधवार को मुसरीघरारी है थाना भवन में महिला बैरक में बाथरूम के अंदर महिला सिपाही चांदनी कुमारी ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पूर्व 2023 में नगर थाना परिसर स्थित वायरलेस भवन में संचालित कंट्रोल रूम के अंदर महिला सिपाही अर्चना कुमारी ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी।पुलिस अनुसंधान में खुदकुशी के मामलों में महिलाओं पुलिसकर्मियों के मानसिक अवसाद या पारिवारिक कलह की बात सामने आयी है।