89 साल की उम्र में सुपरस्टार धर्मेंद्र का निधन, नहीं रहा बॉलीवुड का ‘हीमैन’
फिल्म इंडस्ट्री से एक बुरी खबर सामने आ रही है. हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर और ‘हीमैन’ के नाम से पहचान बनाने वाले मशहूर एक्टर धर्मेंद्र का निधन हो गया है. 89 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. इस खबर से फिल्म इंडस्ट्री में मातम छा गया है. वो कुछ दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे लेकिन रिकवर होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. वो उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे. सोमवार दोपहर अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने की खबर आई जिसके बाद एक एंबुलेंस को घर के अंदर जाते देखा गया. इसके बाद से सनी विला के आस-पास हलचल तेज हो गई थी. वहीं अब उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
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धर्मेंद्र एक ऐसे एक्टर थे, जिन्होंने तरीबन 65 सालों तक बॉलीवुड पर राज किया. साल 1960 में उन्होंने ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ नाम की फिल्म से डेब्यू किया था. उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ‘शोले’, ‘सीता और गीता’, ‘मेरा गांव मेर देश’, ‘लोहा’ जैसी और भी कई बेहतरीन फिल्मों के जरिए लोगों को खूब एंटरटेन किया. हालांकि, अब धर्मेंद्र ने अपने तमाम चाहने वालों की आंखों को नम कर दिया.
300 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा रहे
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के नसराली गांव में हुआ था. इस छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्टर बनने का सफर तय किया. उन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और हार लोगों ने पर्दे पर उनकी अदाकारी पसंद की. उन्होंने हिंदी के साथ पंजाबी सिनेमा में भी अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा था.
ये होगी धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म
धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वो लोगों के दिलों में जिंदा हैं. उनकी एक फिल्म अभी रिलीज होने बाकी है, जिसके जरिए एक बार फिर से पर्दे पर उनकी उम्दा अदाकारी दिखेगी. वो फिल्म है ‘इक्कीस’, जो 25 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. हाल ही में इस फिल्म से एक्टर का नया पोस्टर भी आया था. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा लीड रोल में हैं. वो साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो अरुण खेत्रपाल के रोल में दिखेंगे. वहीं धर्मेंद्र उनके पिता के किरदार में होंगे.
धर्मेंद्र के निधन से उनके फैंस के बीच मायूसी है. वे हर एक जनरेशन के पसंदीदा एक्टर रहे और जनता से उन्हें खूब प्यार और सम्मान मिला. एक्टर की खास बात ये रही कि उन्होंने अंतिम सांस तक अभिनय का दामन नहीं थामा. उनके निधन के बाद फैंस उन्हें ट्रिब्यूट दे रहे हैं. फिल्म जगत में एक्टर के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.













सुलतानपुर,द वॉयस ऑफ अवध इस क्षेत्र में लोक गायन की छिपी प्रतिभाओं को पहचानने का महत्वपूर्ण अवसर है। अवधी और भोजपुरी गीतों पर केंद्रित इस आयोजन में हम गांव की मिट्टी की महक महसूस कर सकते हैं। यह बातें राणा प्रताप पीजी कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहीं। वह सत्यधाम आश्रम और राणा प्रताप पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अवधी और भोजपुरी लोकगीतों की प्रतियोगिता द वायस आफ अवध को बतौर विशिष्ट अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्रबंधक एडवोकेट बालचंद सिंह ने पुस्तकालय कक्ष में दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। संयोजक देवेंद्र कविराज देव ने बताया कि प्रतियोगिता में अवध क्षेत्र के बीस जनपदों के कुल निन्यानबे बच्चों ने भाग लिया जिसमें तीस प्रतिभागी सेमीफाइनल के लिए चयनित हुए। अगला ऑडिशन जल्द ही होगा। सेमीफाइनल के लिए कुल साठ लोगों का चयन करना है।अंतिम रूप से चयनित तीन प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार देकर द वायस आफ अवध के खिताब से नवाजा जाएगा। महाविद्यालय आई क्यू ए सी निदेशक प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने कहा कि अच्छी गायकी के लिए अच्छा स्वर, सधा सुर , संगीत की समझ, सातत्य, समर्पण, साधना और संवेदनशीलता का सामंजस्य जरूरी है। प्रतियोगिता के निर्णायक भोजपुरी के चर्चित गायक नंदन और चंदन ने अपने गीतों से प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम के अंत में जादूगर संजय घायल ने अपना जादू प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संगीत निर्देशक विनय पांडेय , कवि लोकेश श्रीवास्तव, संघ के जिला प्रचारक आशीष , डॉ अखिलेश सिंह, डॉ संतोष सिंह अंश, विनय कुमार सिंह, दिलीप कुमार सिंह, पंकज चौरसिया, अन्नू यादव, चंद्रमणि मौर्य, विपिन कुमार, देव राजन, शुभम ,धर्मराज, राजीव मौर्या,अंतिमा तिवारी,आदर्श पांडे, अर्पित सिंह, अशोक आदि उपस्थित रहे।
14 min ago
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