*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी* *___________________________* अजय सिंह *लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साका
*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी*
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राहुल कुमार सिंह
*लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साकार हो गया. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर हाथ जोड़कर भगवान राम को प्रणाम किया. वैदिक मंत्रों के मंत्रोच्चार और अभिजीत मुहूर्त में हुए इस ध्वजारोहण ने पूरी रामनगरी को उत्सव के रंग में रंग दिया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, “आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है. ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वज नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है, संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए. ये धर्मध्वज संदेश देगा- कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो. ये धर्मध्वज कामना करेगा- बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, “सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्जवलित रही. जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं.  एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं.  ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है.  इसका भगवा रंग, इस पर रची सूर्यवंश की ख्याति वर्णित ओम शब्द और वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है. ये ध्वज संकल्प है, ये धवज सफलता है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है.  ये ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणिति है.

पीएम मोदी ने कहा, “हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो, कोई दुखी या लाचार न हो. जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं आ पाते और दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है. ये धर्म ध्वज भी इस मंदिर के ध्येय का प्रतीक है. ये ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा. युगों युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा. संपूर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अद्वितीय अवसर की शुभकामनाएं देता हूं.”

पीएम मोदी ने कहा, “हर उस दानवीर का भी आभार जिसने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया. हर श्रमवीर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन.  जब श्रीराम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे, जब लौटे तो मर्यादा पुुरुषोत्तम बनकर लौटे. विकसित भारत बनाने के लिए भी समाज की इसी सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है. राम मंदिर का दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की चेतना स्थली बन रहा है. यहां सप्तस्थली बने हैं- निषाद राज, मां सबरी का मंदिर है. यहां एक ही स्थान पर महर्षि वशिष्ठ, माता अहल्या, महर्षि अगस्त्य, संत तुलसीदास, महर्षि विश्वामित्र हैं. यहां जटायू जी और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं. जो बड़े संकल्पों के लिए छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर किया ध्वजारोहण, सरसंघचालक भी रहे मौजूद

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बने राम मंदिर के शिखर पर बटन दबाकर धर्म ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के दौरान पूरे समय मंत्रोच्चार चलता रहा। जैसे ही ध्वज शिखर पर पहुँचा प्रधानमंत्री ने ध्वज को प्रणाम किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने ध्वज पर पुष्पार्चन किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने रामलला का दर्शन पूजन किया।

भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजारोहण अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ डॉ. भागवत, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविन्द देव गिरि व महामंत्री चंपत राय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. भागवत के साथ रामलला की पूजा अर्चना की। राम मंदिर में पूजा अर्चना स्वामी विश्वप्रपन्नतीर्थ महाराज ने संपन्न कराई। इससे पहले प्रधानमंत्री ने प्रथम तल पर बने राम दरबार में भी दर्शन किया।

राम मंदिर के शिखर पर लगे ध्वज की ऊंचाई 10 फिट और लम्बाई फिट है। ध्वज पर चमकते सूर्य की तस्वीर है। इस पर कोविदार पेड़ की तस्वीर के साथ ऊं लिखा है। यह धर्म ध्वजा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राम मंदिर की प्रतिमा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर देशभर से आये आमंत्रित अतिथि व पूज्य संत मंदिर परिसर में विराजमान हैं।

*उत्तर प्रदेश यूथ एसोसिएशन–नारी शक्ति सम्मान समारोह 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला अपराध उन्मूलन दिवस*
उत्तर प्रदेश यूथ एसोसिएशन – नारी शक्ति सम्मान समारोह 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला अपराध उन्मूलन दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश यूथ एसोसिएशन द्वारा नारी शक्ति सम्मान समारोह – 2025 का भव्य आयोजन शाम सहकारिता भवन, हजरतगंज, लखनऊ में किया गया। जिसमें डॉ. पल्लवी तिवारी सहायक अध्यापक बेसिक शिक्षा परिषद को उनके ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण, मासिक धर्म स्वच्छताऔर कैंसर जागरूकता के लिए उत्तर प्रदेश के 62 महिलाओं में चयन कर सम्मान दिया गया। इसमे 25 सरकारी संस्थानों की महिलाएं और बाकी सार्वजनिक क्षेत्र की महिलाएं शामिल की गई थीं ये सम्मान मुख्य अतिथि श्रीमती प्रतिभा शुक्ला आदरणीय महिला कल्याण मंत्री उ.प्र. और श्री अरुण सक्सेना पर्यावरण मंत्री द्वारा प्रदान किया गया l मा .विशेष न्यायाधीश श्रीमती वीना नारायण जी, मा अपर जिला जज श्री अजय श्रीवास्तव भैया जी, मा CJM अयोध्या श्री अनुज सिंहा भैया जी, आदरणीय डीजी सूर्य कुमार सर, श्री गौरव श्रीवास्तव IRS, SSP लोजिटिक्स श्री आलोक कुमार भैया तथा अन्य सम्मानित लोग अतिथि के रूप मे मौजूद थे। कार्यक्रम मे संयुक्त निदेशक डॉ प्रभा वर्मा जी, जिला कमांडेंट श्रीमती प्रीति शर्मा जी, प्रोफेसर RMLIMS डॉ शैल कुमारी जी, श्रीमती निमिषा सोनकर जी ( PRO - RMLIMS ) तथा अन्य सम्मानित नारी शक्ति जिन्होंने नारी सशक्तिकरण मे अपना विशेष योगदान दिया हैँ उनका सम्मान किया गया lकार्यकम का अयोजन शिवम् श्रीवास्तव एवं चारु सिंह जी द्वार संपादित किया गया l
राम मंदिर ध्वजारोहणः आज संपूर्ण विश्व राममय है, ध्वज फहराने के बाद बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। ऐतिहासिक ध्वजारोहण से ठीक पहले शेषावतार मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है।

बटन दबाते ही शीर्ष पर विराजमान हुआ ध्वज

अयोध्या राम मंदिर में पीएम मोदी के बटन दबाते ही झंडा धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता हुआ मंदिर के शीर्ष पर विराजमान हो गया। जैसे-जैसे झंडा ऊपर चढ़ता गया पीएम मोदी टकटकी लगाए उसे देखते रहे। पीएम मोदी इन पलों में भावुक नजर आए। ध्वजारोहण के समय सामने की कतार में साधु-संत बैठे हुए थे। वह भी भावुकता में अपने आंसू पोछते हुए नजर आए। इस कार्यक्रम में देश-दुनिया के करीब आठ हजार लोग आमंत्रित किए गए थे।

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबा ध्वज

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण वाले तिकोने ध्वज पर एक चमकते सूरज की तस्वीर है, जो भगवान श्री राम की चमक और वीरता का प्रतीक है, और इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ‘ॐ’ लिखा है। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट पर ध्वज फहराया।

सदियों की वेदना विराम पा रही है- पीएम मोदी

ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और बिंदु की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है। हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। आज सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है।

आज 500 साल के यज्ञ की पूर्णाहुति है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा ये ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का 'ध्वज' है। ये ध्वज सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्वलित रही। आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है।

अपने भीतर राम को जगाने का संकल्प लें- पीए मोदी

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें अपने अंदर राम को जगाना होगा। अपने भीतर के राम की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी। इस संकल्प के लिए आज से बड़ा सुअवसर कोई नहीं हो सकता। इसलिए, हम संकल्प लें कि अपने भीतर राम जगाएंगे।

इथियोपिया की ज्वालामुखी की राख पहुंची दिल्ली, कई उड़ानें रद्द, एडवाइजरी जारी

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इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी में 12,000 साल बाद हुआ विस्फोट अब असर भारत तक देखा जा रहा है। इथियोपिया के अफार में हैली गुबी ज्वालामुखी में रविवार को विस्फोट हुआ। जिसके बाद राख का गुबार पूर्व की ओर फैलते हुए अरब सागर और भारत तक पहुंच चुका है, जिसका सीधा असर भारतीय उड़ानों पर पड़ रहा है। इसके चलते कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है।

विमानों के लिए एडवाइजरी जारी

इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी के राख रेड सी पार करती दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रही है। घने बादल के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं। समय रहते डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइनों को प्रभावित क्षेत्रों से बचने, रूट बदलने और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

एयर इंडिया ने भी जारी किया बयान

एयर इंडिया ने कहा कि वह इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद इलाके के कुछ हिस्सों में दिखे राख के बादलों पर करीब से नजर रख रही है। एयरलाइन ने कहा कि अभी उसके ऑपरेशन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है और वह अपने ऑपरेटिंग क्रू के साथ लगातार संपर्क में है। उसने कहा कि यात्रियों, क्रू और एयरक्राफ्ट की सुरक्षा पक्का करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। पूरे नेटवर्क में ग्राउंड टीमें भी यात्रियों की मदद कर रही हैं और उन्हें उनकी फ्लाइट की स्थिति के बारे में अपडेट दे रही हैं।

आकासा एयर ने कैंसिल की फ्लाइट

अकासा एयर ने बताया कि इथियोपिया में ज्वालामुखी की हलचल और उससे निकलने वाली राख के गुबार से आस-पास के एयरस्पेस पर असर पड़ने की वजह से 24 और 25 नवंबर, 2025 को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए उसकी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं।

12,000 साल बाद फटा ज्वालामुखी

बता दें कि हैली गुबी ज्वालामुखी रविवार को लगभग 12,000 साल बाद फटा है। विस्फोट में उठी राख रेड सी पार करती हुई यमन, ओमान होती हुई अब अरब सागर और उत्तर भारत की ओर बढ़ गई। राख के घने हिस्से अब दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि राख बहुत ऊंचाई पर है, इसलिए जमीन पर वायु गुणवत्ता बिगड़ने की संभावना कम है। फिर भी निगरानी जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या धाम में ध्वजारोहण से पहले किया रोड शो

-महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर की पुष्पांजलि

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राम मंदिर पर ध्वजारोहण के पूर्व जय श्रीराम के गगनभेदी नारों के बीच अयोध्या में रोड शो किया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के लिए रोड शो में रामपथ पर रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

प्रधानमंत्री के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से साकेत महाविद्यालय पहुँचे। यहाँ प्रधानमंत्री के पहुँचने पर शंखनाद किया गया और बटुकों ने स्वस्ति वाचन कर स्वागत किया।

इसके बाद साकेत महाविद्यालय से राम मंदिर परिसर तक रामपथ पर नरेन्द्र मोदी ने राेड शो किया। रोड शो के दौरान रास्ते में प्रधानमंत्री के काफिले पर स्कूली बच्चे, महिलाएं और स्थानीय नागरिकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा की। रास्ते में सात स्थानों पर बने सांस्कृतिक मंच पर कलाकारों ने रामायण पर आधारित नृत्य, संगीत और लोक कलाओं की प्रस्तुतियां दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने आद्यगुरु शंकराचार्य द्वार से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में प्रवेश किया।

सप्त मंदिर में पूजा अर्चनामंदिर परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम दरबार गर्भगृह में रामलला का दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के परकोटे में बने सप्‍त मंदिर में विराजमान देवों का दर्शन पूजन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्‍ठ, महर्षि विश्‍वामित्र, महर्षि अगस्‍त्‍य, महर्षि वाल्मिकी, देवी अहिल्‍या, निषादराज गुहा और माता शबरी की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया।

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अम्बरीष ने कहा कि संकल्प से सिद्धि की राम मंदिर आन्दोलन की गौरवशाली यात्रा पूर्ण हुई है। हम सबके पुरखों और हुतात्मा कारसेवकों के बलिदान का सुफल पूर्णता को प्राप्त हुआ है।

राम मंदिर आन्दोलन से लम्बे समय तक जुड़े रहे शरद शर्मा ने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के संदेश ‘सामाजिक समरसता’ को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। आज अयोध्या का जन-जन आह्लादित है। ध्वजारोहण के साथ 500 वर्षों के संकल्प की सिद्धि होने वाली है। राम मंदिर सामाजिक समरसता का केन्द्र बनने जा रहा है। हम सबके लिए जन जन को जोड़ने वाला यह कार्यक्रम है।

अयोध्या में ध्वजारोहण महोत्सव पहुंचे प्रधानमंत्री

अयोध्या में ध्वजारोहण महोत्सव: पीएम मोदी ने किए सप्त ऋषियों व संतों के मंदिरों के र्शन ध्वजारोहण महोत्सव अयोध्या ध्वजारोहण महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे और सबसे पहले सप्त ऋषि व प्रमुख संत-परंपरा से जुड़े मंदिरों का दर्शन किया। पीएम ने महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज और माता शबरी से जुड़े पावन स्थलों पर पूजा-अर्चना की। रामनगरी में पीएम के पहुंचने के साथ ही उत्साह का माहौल चरम पर है। ध्वजारोहण से पहले इन सभी दिव्य स्थलों के दर्शन को समारोह की आध्यात्मिक शुरुआत माना जा रहा है।

प्रशासन की लापरवाही: खटारा वाहनों में ढो रहे स्कूली बच्चे,कभी भी हो सकता है गंभीर हादसा

बहसूमा। बहसूमा कस्बे व रामराज में स्कूलों में चलने वाले वाहनों की हालत काफी खस्ता है। स्कूलों में बच्चों को लाने और वापस ले जाने वाले वाहन जर्जर हालत में है। इनमें से कई वाहन ऐसे हैं जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है इसके बावजूद इन वाहनों का उपयोग स्कूली बच्चों को लाने ले जाने में किया जा रहा है।कई वाहन ऐसे हैं जिनपर नंबर प्लेट भी नहीं लगी हुई है।ऐसे में प्रशासन की लापरवाही से बच्चों का भविष्य भी ख़तरे में है। कस्बे व क्षेत्र में कई शासकीय व गैर शासकीय स्कूल है जिनमें नगर व ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र छात्राएं अध्यनरत है। बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्कूलों में लगे वाहन खटारा हालत में है जो हादसों को दावत दे रहे हैं।

इनमें से कई वाहन ऐसे हैं जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है इन वाहनों को नियमानुसार रोड पर चलना ही नहीं चाहिए ऐसे वाहनों में छात्र छात्राओं को ठूस ठूस कर स्कूल लाया और ले जाया जा रहा है इन वाहनों के मेंटेनेंस नहीं होने के कारण यह वाहन कभी भी रास्ते में बंद हो जाते हैं इन वाहनों में घिसे पीटें टायर चलाए जाते हैं जो कभी भी रास्ते में पंचर हो जाती है स्कूली बच्चों को ढोने वाले अधिकतर वाहनों के फिटनेस भी नहीं है। इन वाहनों में बच्चों को ठूस ठूस कर ढोया जा रहा है।इन वाहनों में जमकर ओवरलोडिंग की जा रही है ।

इनमें से अधिक खटारा वाहनों पर नंबर प्लेट पीली भी नहीं लगी है कुछ दिन पहले एक स्कूल की बस खाई में गिर गई थी जिसमें कुछ बच्चों को चोट आई थी ऐसे में यदि इन वाहनों से कोई हादसा हो जाए तो नंबर प्लेट नहीं होने से इनकी पहचान भी नहीं हो पाएगी इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन, पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा है कि इस पर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे चौधरी परविंदर कुमार रविंद्र सिंह कंवरपाल सिंह रविंद्र कुमार आदि ग्रामीण मौजूद रहे ।

आरटीओ क्या कहते हैं आरटीओ अनीता सिंह का कहना है की जल्दी ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

21 साल पुराने मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भेजे गये जेल

भगोड़ा घोषित होने के पश्चात कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

गोंडा।गोंडा के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष निर्मल श्रीवास्तव उर्फ रुपेश ने लगभग दो दशक पुराने मामले में आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।आगजनी, बलबा व उपद्रव भड़काने के मामले में न्यायालय में लगातार अनुपस्थित रहने के कारण न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।आत्मसमर्पण के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।यह मामला लगभग दो दशक से अधिक पुराना है।जिसमें निर्मल श्रीवास्तव पर आगजनी, उपद्रव और दंगा भड़काने समेत कई गंभीर आरोप दर्ज हैं।मुकदमे की सुनवाई के दौरान कई बार तलब किये जाने के बावजूद पूर्व पालिका चेयरमैन अदालत में हाजिर नहीं हुए थे।पूर्व चेयरमैन की लगातार गैरहाजिरी को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन को भगोड़ा घोषित कर दिया था।जिसके बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी।न्यायालय ने पहले उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था और जब वारंट का तामील नहीं हो सका तो अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्मल श्रीवास्तव की चल व अचल सम्पति कुर्क करने का आदेश भी जारी किया था।इसके अतिरिक्त न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल को भी इस नोटिस का व्यक्तिगत रूप से पालन कराने और पूर्व चेयरमैन को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।पुलिस की लगातार बढ़ती सक्रियता एवं सम्पत्ति कुर्की के आदेश के दबाव के चलते निर्मल श्रीवास्तव ने आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक प्रार्थना पत्र देकर आत्मसमर्पण किया।गोंडा नगर कोतवाली पुलिस भी पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दे रही थी।लेकिन पुलिस के पकड़ने से पहले ही उन्होंने कोर्ट में हाजिर होना उचित समझा।जेल भेजे जाने से पहले निर्मल श्रीवास्तव ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान किया जाये।अब 21 साल पुराने इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जेल भेजे जाने के बाद प्रारम्भ होगी और न्यायालय द्वारा तय की जाएगी।

हस्तिनापुर में नियमों को ताक पर रखकर खड़ी हो रहीं स्कूलों की अवैध इमारतें, बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

हस्तिनापुर,गोंडा। हस्तिनापुर क्षेत्र में शिक्षा के नाम पर लापरवाही और नियमों की खुली धज्जियाँ उड़ाने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के अनुसार हस्तिनापुर क्षेत्र में दर्जनों निजी स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने बिना मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की आवश्यक परमिशन के बहुमंज़िला इमारतें खड़ी कर दी हैं। हालात यह हैं कि कई स्कूलों में भवन निर्माण मानकों का जरा भी पालन नहीं किया गया है।

सबसे गंभीर बात यह सामने आई है कि इन इमारतों में आग से सुरक्षा को लेकर जरूरी अग्निशमन इंतज़ाम मौजूद नहीं हैं। न ही ऊँची इमारतों में लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, जिससे बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। कुछ स्कूलों में तो केवल टीन शेड डालकर कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं, जो तेज हवा, बारिश या आग जैसी स्थिति में बड़े हादसे को आमंत्रित कर सकती हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मनमानी फीस वसूलने वाले स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद गैर–जिम्मेदार रवैया अपना रहे हैं। लेट फीस पर पेनल्टी लेने वाले ये स्कूल खुद अपनी बिल्डिंग को नियमों के अनुसार सुरक्षित बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इससे अभिभावकों में भी भारी आक्रोश है, क्योंकि बच्चे रोज़ाना ऐसे जोखिमपूर्ण माहौल में पढ़ाई करने मजबूर हैं।

सबसे बड़ा सवाल एमडीए की भूमिका पर खड़ा हो रहा है। शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण द्वारा न तो इन विशाल अवैध निर्माणों की जांच की गई और न ही किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही। इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि क्या बिना अधिकारियों की अनदेखी के इतने बड़े निर्माण संभव हैं? क्या नियमों का खुला उल्लंघन होने के बावजूद संबंधित विभाग वाकई अनजान हैं?

समाजसेवी संगठनों और क्षेत्रवासियों ने इन अवैध निर्माणों को बच्चों की सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ बताते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसके लिए जिम्मेदार लोगों को बच पाना मुश्किल होगा।

कुल मिलाकर, हस्तिनापुर में शिक्षा के नाम पर हो रहा यह लापरवाही भरा खेल जनसुरक्षा से खिलवाड़ है, जिस पर तत्काल रोक लगाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी* *___________________________* अजय सिंह *लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साका
*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी*
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राहुल कुमार सिंह
*लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साकार हो गया. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर हाथ जोड़कर भगवान राम को प्रणाम किया. वैदिक मंत्रों के मंत्रोच्चार और अभिजीत मुहूर्त में हुए इस ध्वजारोहण ने पूरी रामनगरी को उत्सव के रंग में रंग दिया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, “आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है. ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वज नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है, संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए. ये धर्मध्वज संदेश देगा- कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो. ये धर्मध्वज कामना करेगा- बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, “सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्जवलित रही. जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं.  एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं.  ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है.  इसका भगवा रंग, इस पर रची सूर्यवंश की ख्याति वर्णित ओम शब्द और वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है. ये ध्वज संकल्प है, ये धवज सफलता है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है.  ये ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणिति है.

पीएम मोदी ने कहा, “हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो, कोई दुखी या लाचार न हो. जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं आ पाते और दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है. ये धर्म ध्वज भी इस मंदिर के ध्येय का प्रतीक है. ये ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा. युगों युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा. संपूर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अद्वितीय अवसर की शुभकामनाएं देता हूं.”

पीएम मोदी ने कहा, “हर उस दानवीर का भी आभार जिसने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया. हर श्रमवीर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन.  जब श्रीराम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे, जब लौटे तो मर्यादा पुुरुषोत्तम बनकर लौटे. विकसित भारत बनाने के लिए भी समाज की इसी सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है. राम मंदिर का दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की चेतना स्थली बन रहा है. यहां सप्तस्थली बने हैं- निषाद राज, मां सबरी का मंदिर है. यहां एक ही स्थान पर महर्षि वशिष्ठ, माता अहल्या, महर्षि अगस्त्य, संत तुलसीदास, महर्षि विश्वामित्र हैं. यहां जटायू जी और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं. जो बड़े संकल्पों के लिए छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर किया ध्वजारोहण, सरसंघचालक भी रहे मौजूद

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बने राम मंदिर के शिखर पर बटन दबाकर धर्म ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के दौरान पूरे समय मंत्रोच्चार चलता रहा। जैसे ही ध्वज शिखर पर पहुँचा प्रधानमंत्री ने ध्वज को प्रणाम किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने ध्वज पर पुष्पार्चन किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने रामलला का दर्शन पूजन किया।

भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजारोहण अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ डॉ. भागवत, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविन्द देव गिरि व महामंत्री चंपत राय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. भागवत के साथ रामलला की पूजा अर्चना की। राम मंदिर में पूजा अर्चना स्वामी विश्वप्रपन्नतीर्थ महाराज ने संपन्न कराई। इससे पहले प्रधानमंत्री ने प्रथम तल पर बने राम दरबार में भी दर्शन किया।

राम मंदिर के शिखर पर लगे ध्वज की ऊंचाई 10 फिट और लम्बाई फिट है। ध्वज पर चमकते सूर्य की तस्वीर है। इस पर कोविदार पेड़ की तस्वीर के साथ ऊं लिखा है। यह धर्म ध्वजा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राम मंदिर की प्रतिमा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर देशभर से आये आमंत्रित अतिथि व पूज्य संत मंदिर परिसर में विराजमान हैं।

*उत्तर प्रदेश यूथ एसोसिएशन–नारी शक्ति सम्मान समारोह 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला अपराध उन्मूलन दिवस*
उत्तर प्रदेश यूथ एसोसिएशन – नारी शक्ति सम्मान समारोह 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला अपराध उन्मूलन दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश यूथ एसोसिएशन द्वारा नारी शक्ति सम्मान समारोह – 2025 का भव्य आयोजन शाम सहकारिता भवन, हजरतगंज, लखनऊ में किया गया। जिसमें डॉ. पल्लवी तिवारी सहायक अध्यापक बेसिक शिक्षा परिषद को उनके ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण, मासिक धर्म स्वच्छताऔर कैंसर जागरूकता के लिए उत्तर प्रदेश के 62 महिलाओं में चयन कर सम्मान दिया गया। इसमे 25 सरकारी संस्थानों की महिलाएं और बाकी सार्वजनिक क्षेत्र की महिलाएं शामिल की गई थीं ये सम्मान मुख्य अतिथि श्रीमती प्रतिभा शुक्ला आदरणीय महिला कल्याण मंत्री उ.प्र. और श्री अरुण सक्सेना पर्यावरण मंत्री द्वारा प्रदान किया गया l मा .विशेष न्यायाधीश श्रीमती वीना नारायण जी, मा अपर जिला जज श्री अजय श्रीवास्तव भैया जी, मा CJM अयोध्या श्री अनुज सिंहा भैया जी, आदरणीय डीजी सूर्य कुमार सर, श्री गौरव श्रीवास्तव IRS, SSP लोजिटिक्स श्री आलोक कुमार भैया तथा अन्य सम्मानित लोग अतिथि के रूप मे मौजूद थे। कार्यक्रम मे संयुक्त निदेशक डॉ प्रभा वर्मा जी, जिला कमांडेंट श्रीमती प्रीति शर्मा जी, प्रोफेसर RMLIMS डॉ शैल कुमारी जी, श्रीमती निमिषा सोनकर जी ( PRO - RMLIMS ) तथा अन्य सम्मानित नारी शक्ति जिन्होंने नारी सशक्तिकरण मे अपना विशेष योगदान दिया हैँ उनका सम्मान किया गया lकार्यकम का अयोजन शिवम् श्रीवास्तव एवं चारु सिंह जी द्वार संपादित किया गया l
राम मंदिर ध्वजारोहणः आज संपूर्ण विश्व राममय है, ध्वज फहराने के बाद बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। ऐतिहासिक ध्वजारोहण से ठीक पहले शेषावतार मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है।

बटन दबाते ही शीर्ष पर विराजमान हुआ ध्वज

अयोध्या राम मंदिर में पीएम मोदी के बटन दबाते ही झंडा धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता हुआ मंदिर के शीर्ष पर विराजमान हो गया। जैसे-जैसे झंडा ऊपर चढ़ता गया पीएम मोदी टकटकी लगाए उसे देखते रहे। पीएम मोदी इन पलों में भावुक नजर आए। ध्वजारोहण के समय सामने की कतार में साधु-संत बैठे हुए थे। वह भी भावुकता में अपने आंसू पोछते हुए नजर आए। इस कार्यक्रम में देश-दुनिया के करीब आठ हजार लोग आमंत्रित किए गए थे।

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबा ध्वज

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण वाले तिकोने ध्वज पर एक चमकते सूरज की तस्वीर है, जो भगवान श्री राम की चमक और वीरता का प्रतीक है, और इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ‘ॐ’ लिखा है। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट पर ध्वज फहराया।

सदियों की वेदना विराम पा रही है- पीएम मोदी

ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और बिंदु की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है। हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। आज सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है।

आज 500 साल के यज्ञ की पूर्णाहुति है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा ये ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का 'ध्वज' है। ये ध्वज सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्वलित रही। आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है।

अपने भीतर राम को जगाने का संकल्प लें- पीए मोदी

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें अपने अंदर राम को जगाना होगा। अपने भीतर के राम की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी। इस संकल्प के लिए आज से बड़ा सुअवसर कोई नहीं हो सकता। इसलिए, हम संकल्प लें कि अपने भीतर राम जगाएंगे।

इथियोपिया की ज्वालामुखी की राख पहुंची दिल्ली, कई उड़ानें रद्द, एडवाइजरी जारी

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इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी में 12,000 साल बाद हुआ विस्फोट अब असर भारत तक देखा जा रहा है। इथियोपिया के अफार में हैली गुबी ज्वालामुखी में रविवार को विस्फोट हुआ। जिसके बाद राख का गुबार पूर्व की ओर फैलते हुए अरब सागर और भारत तक पहुंच चुका है, जिसका सीधा असर भारतीय उड़ानों पर पड़ रहा है। इसके चलते कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है।

विमानों के लिए एडवाइजरी जारी

इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी के राख रेड सी पार करती दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रही है। घने बादल के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं। समय रहते डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइनों को प्रभावित क्षेत्रों से बचने, रूट बदलने और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

एयर इंडिया ने भी जारी किया बयान

एयर इंडिया ने कहा कि वह इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद इलाके के कुछ हिस्सों में दिखे राख के बादलों पर करीब से नजर रख रही है। एयरलाइन ने कहा कि अभी उसके ऑपरेशन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है और वह अपने ऑपरेटिंग क्रू के साथ लगातार संपर्क में है। उसने कहा कि यात्रियों, क्रू और एयरक्राफ्ट की सुरक्षा पक्का करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। पूरे नेटवर्क में ग्राउंड टीमें भी यात्रियों की मदद कर रही हैं और उन्हें उनकी फ्लाइट की स्थिति के बारे में अपडेट दे रही हैं।

आकासा एयर ने कैंसिल की फ्लाइट

अकासा एयर ने बताया कि इथियोपिया में ज्वालामुखी की हलचल और उससे निकलने वाली राख के गुबार से आस-पास के एयरस्पेस पर असर पड़ने की वजह से 24 और 25 नवंबर, 2025 को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए उसकी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं।

12,000 साल बाद फटा ज्वालामुखी

बता दें कि हैली गुबी ज्वालामुखी रविवार को लगभग 12,000 साल बाद फटा है। विस्फोट में उठी राख रेड सी पार करती हुई यमन, ओमान होती हुई अब अरब सागर और उत्तर भारत की ओर बढ़ गई। राख के घने हिस्से अब दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि राख बहुत ऊंचाई पर है, इसलिए जमीन पर वायु गुणवत्ता बिगड़ने की संभावना कम है। फिर भी निगरानी जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या धाम में ध्वजारोहण से पहले किया रोड शो

-महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर की पुष्पांजलि

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राम मंदिर पर ध्वजारोहण के पूर्व जय श्रीराम के गगनभेदी नारों के बीच अयोध्या में रोड शो किया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के लिए रोड शो में रामपथ पर रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

प्रधानमंत्री के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से साकेत महाविद्यालय पहुँचे। यहाँ प्रधानमंत्री के पहुँचने पर शंखनाद किया गया और बटुकों ने स्वस्ति वाचन कर स्वागत किया।

इसके बाद साकेत महाविद्यालय से राम मंदिर परिसर तक रामपथ पर नरेन्द्र मोदी ने राेड शो किया। रोड शो के दौरान रास्ते में प्रधानमंत्री के काफिले पर स्कूली बच्चे, महिलाएं और स्थानीय नागरिकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा की। रास्ते में सात स्थानों पर बने सांस्कृतिक मंच पर कलाकारों ने रामायण पर आधारित नृत्य, संगीत और लोक कलाओं की प्रस्तुतियां दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने आद्यगुरु शंकराचार्य द्वार से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में प्रवेश किया।

सप्त मंदिर में पूजा अर्चनामंदिर परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम दरबार गर्भगृह में रामलला का दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के परकोटे में बने सप्‍त मंदिर में विराजमान देवों का दर्शन पूजन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्‍ठ, महर्षि विश्‍वामित्र, महर्षि अगस्‍त्‍य, महर्षि वाल्मिकी, देवी अहिल्‍या, निषादराज गुहा और माता शबरी की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया।

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अम्बरीष ने कहा कि संकल्प से सिद्धि की राम मंदिर आन्दोलन की गौरवशाली यात्रा पूर्ण हुई है। हम सबके पुरखों और हुतात्मा कारसेवकों के बलिदान का सुफल पूर्णता को प्राप्त हुआ है।

राम मंदिर आन्दोलन से लम्बे समय तक जुड़े रहे शरद शर्मा ने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के संदेश ‘सामाजिक समरसता’ को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। आज अयोध्या का जन-जन आह्लादित है। ध्वजारोहण के साथ 500 वर्षों के संकल्प की सिद्धि होने वाली है। राम मंदिर सामाजिक समरसता का केन्द्र बनने जा रहा है। हम सबके लिए जन जन को जोड़ने वाला यह कार्यक्रम है।

अयोध्या में ध्वजारोहण महोत्सव पहुंचे प्रधानमंत्री

अयोध्या में ध्वजारोहण महोत्सव: पीएम मोदी ने किए सप्त ऋषियों व संतों के मंदिरों के र्शन ध्वजारोहण महोत्सव अयोध्या ध्वजारोहण महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे और सबसे पहले सप्त ऋषि व प्रमुख संत-परंपरा से जुड़े मंदिरों का दर्शन किया। पीएम ने महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज और माता शबरी से जुड़े पावन स्थलों पर पूजा-अर्चना की। रामनगरी में पीएम के पहुंचने के साथ ही उत्साह का माहौल चरम पर है। ध्वजारोहण से पहले इन सभी दिव्य स्थलों के दर्शन को समारोह की आध्यात्मिक शुरुआत माना जा रहा है।

प्रशासन की लापरवाही: खटारा वाहनों में ढो रहे स्कूली बच्चे,कभी भी हो सकता है गंभीर हादसा

बहसूमा। बहसूमा कस्बे व रामराज में स्कूलों में चलने वाले वाहनों की हालत काफी खस्ता है। स्कूलों में बच्चों को लाने और वापस ले जाने वाले वाहन जर्जर हालत में है। इनमें से कई वाहन ऐसे हैं जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है इसके बावजूद इन वाहनों का उपयोग स्कूली बच्चों को लाने ले जाने में किया जा रहा है।कई वाहन ऐसे हैं जिनपर नंबर प्लेट भी नहीं लगी हुई है।ऐसे में प्रशासन की लापरवाही से बच्चों का भविष्य भी ख़तरे में है। कस्बे व क्षेत्र में कई शासकीय व गैर शासकीय स्कूल है जिनमें नगर व ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र छात्राएं अध्यनरत है। बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्कूलों में लगे वाहन खटारा हालत में है जो हादसों को दावत दे रहे हैं।

इनमें से कई वाहन ऐसे हैं जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है इन वाहनों को नियमानुसार रोड पर चलना ही नहीं चाहिए ऐसे वाहनों में छात्र छात्राओं को ठूस ठूस कर स्कूल लाया और ले जाया जा रहा है इन वाहनों के मेंटेनेंस नहीं होने के कारण यह वाहन कभी भी रास्ते में बंद हो जाते हैं इन वाहनों में घिसे पीटें टायर चलाए जाते हैं जो कभी भी रास्ते में पंचर हो जाती है स्कूली बच्चों को ढोने वाले अधिकतर वाहनों के फिटनेस भी नहीं है। इन वाहनों में बच्चों को ठूस ठूस कर ढोया जा रहा है।इन वाहनों में जमकर ओवरलोडिंग की जा रही है ।

इनमें से अधिक खटारा वाहनों पर नंबर प्लेट पीली भी नहीं लगी है कुछ दिन पहले एक स्कूल की बस खाई में गिर गई थी जिसमें कुछ बच्चों को चोट आई थी ऐसे में यदि इन वाहनों से कोई हादसा हो जाए तो नंबर प्लेट नहीं होने से इनकी पहचान भी नहीं हो पाएगी इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन, पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा है कि इस पर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे चौधरी परविंदर कुमार रविंद्र सिंह कंवरपाल सिंह रविंद्र कुमार आदि ग्रामीण मौजूद रहे ।

आरटीओ क्या कहते हैं आरटीओ अनीता सिंह का कहना है की जल्दी ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

21 साल पुराने मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भेजे गये जेल

भगोड़ा घोषित होने के पश्चात कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

गोंडा।गोंडा के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष निर्मल श्रीवास्तव उर्फ रुपेश ने लगभग दो दशक पुराने मामले में आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।आगजनी, बलबा व उपद्रव भड़काने के मामले में न्यायालय में लगातार अनुपस्थित रहने के कारण न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।आत्मसमर्पण के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।यह मामला लगभग दो दशक से अधिक पुराना है।जिसमें निर्मल श्रीवास्तव पर आगजनी, उपद्रव और दंगा भड़काने समेत कई गंभीर आरोप दर्ज हैं।मुकदमे की सुनवाई के दौरान कई बार तलब किये जाने के बावजूद पूर्व पालिका चेयरमैन अदालत में हाजिर नहीं हुए थे।पूर्व चेयरमैन की लगातार गैरहाजिरी को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन को भगोड़ा घोषित कर दिया था।जिसके बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी।न्यायालय ने पहले उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था और जब वारंट का तामील नहीं हो सका तो अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्मल श्रीवास्तव की चल व अचल सम्पति कुर्क करने का आदेश भी जारी किया था।इसके अतिरिक्त न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल को भी इस नोटिस का व्यक्तिगत रूप से पालन कराने और पूर्व चेयरमैन को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।पुलिस की लगातार बढ़ती सक्रियता एवं सम्पत्ति कुर्की के आदेश के दबाव के चलते निर्मल श्रीवास्तव ने आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक प्रार्थना पत्र देकर आत्मसमर्पण किया।गोंडा नगर कोतवाली पुलिस भी पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दे रही थी।लेकिन पुलिस के पकड़ने से पहले ही उन्होंने कोर्ट में हाजिर होना उचित समझा।जेल भेजे जाने से पहले निर्मल श्रीवास्तव ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान किया जाये।अब 21 साल पुराने इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जेल भेजे जाने के बाद प्रारम्भ होगी और न्यायालय द्वारा तय की जाएगी।

हस्तिनापुर में नियमों को ताक पर रखकर खड़ी हो रहीं स्कूलों की अवैध इमारतें, बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

हस्तिनापुर,गोंडा। हस्तिनापुर क्षेत्र में शिक्षा के नाम पर लापरवाही और नियमों की खुली धज्जियाँ उड़ाने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के अनुसार हस्तिनापुर क्षेत्र में दर्जनों निजी स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने बिना मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की आवश्यक परमिशन के बहुमंज़िला इमारतें खड़ी कर दी हैं। हालात यह हैं कि कई स्कूलों में भवन निर्माण मानकों का जरा भी पालन नहीं किया गया है।

सबसे गंभीर बात यह सामने आई है कि इन इमारतों में आग से सुरक्षा को लेकर जरूरी अग्निशमन इंतज़ाम मौजूद नहीं हैं। न ही ऊँची इमारतों में लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, जिससे बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। कुछ स्कूलों में तो केवल टीन शेड डालकर कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं, जो तेज हवा, बारिश या आग जैसी स्थिति में बड़े हादसे को आमंत्रित कर सकती हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मनमानी फीस वसूलने वाले स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद गैर–जिम्मेदार रवैया अपना रहे हैं। लेट फीस पर पेनल्टी लेने वाले ये स्कूल खुद अपनी बिल्डिंग को नियमों के अनुसार सुरक्षित बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इससे अभिभावकों में भी भारी आक्रोश है, क्योंकि बच्चे रोज़ाना ऐसे जोखिमपूर्ण माहौल में पढ़ाई करने मजबूर हैं।

सबसे बड़ा सवाल एमडीए की भूमिका पर खड़ा हो रहा है। शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण द्वारा न तो इन विशाल अवैध निर्माणों की जांच की गई और न ही किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही। इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि क्या बिना अधिकारियों की अनदेखी के इतने बड़े निर्माण संभव हैं? क्या नियमों का खुला उल्लंघन होने के बावजूद संबंधित विभाग वाकई अनजान हैं?

समाजसेवी संगठनों और क्षेत्रवासियों ने इन अवैध निर्माणों को बच्चों की सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ बताते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसके लिए जिम्मेदार लोगों को बच पाना मुश्किल होगा।

कुल मिलाकर, हस्तिनापुर में शिक्षा के नाम पर हो रहा यह लापरवाही भरा खेल जनसुरक्षा से खिलवाड़ है, जिस पर तत्काल रोक लगाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।