*जिला सुरक्षा संगठन सुल्तानपुर का भव्य रजत जयंती समारोह संपन्न, पुलिस, प्रशासन और समाज के समन्वय का संदेश
पूर्व आईजी आर पी सिंह बोले:—

अविश्वास की खाई पाटने के लिए बना जिला सुरक्षा संगठन, एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने संगठन के कार्यों की सराहना की ।* सुल्तानपुर। जिला सुरक्षा संगठन सुल्तानपुर का रजत जयंती समारोह पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार में भव्य रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर एवं पूर्व महानिरीक्षक तथा जिला सुरक्षा संगठन की नींव रखने वाले आईपीएस आरपी सिंह रहे। समारोह में जिले भर से सैकड़ों गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि आरपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन और समाज के बीच एक अविश्वास की खाई महसूस की थी। इसी दूरी को कम करने और परस्पर विश्वास को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला सुरक्षा संगठन की स्थापना की गई, ताकि पुलिस, प्रशासन और समाज के सम्मानित नागरिक एक मंच पर आकर मिल-जुलकर कार्य कर सकें। विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने कहा कि सुल्तानपुर आगमन के बाद उन्होंने देखा कि जिला सुरक्षा संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य सभी धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में निस्वार्थ भाव से सहभागिता करते हैं। उन्होंने ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव 2025 में संगठन की भूमिका की प्रशंसा करते हुए संगठन के विस्तार को थाने स्तर तक ले जाने की बात कही। साथ ही कहा कि सभी धर्मों के त्योहारों—दुर्गा पूजा, होली, दिवाली, दशहरा, मोहर्रम, चेहल्लुम, ईद, बकरीद,गणेश पूजा और छठ—को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में संगठन की भूमिका सराहनीय रही है। कार्यक्रम में कवि सम्मेलन ने समां बांध दिया। यमुना प्रसाद उपाध्याय, शोभनाथ फैजाबादी और अब्दुल मन्नान सुल्तानपुरी की रचनाओं पर सभागार तालियों से गूंज उठा। पुलिस अधीक्षक ने कवियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। मंच पर संगठन अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। महासचिव हाजी मोहम्मद इलियास खान, मुख्य संयोजक सरदार बलदेव सिंह,संरक्षक कमलनयन पांडेय, सुंदर लाल टंडन, संयोजक आशीष अग्रवाल, राधे श्याम गुप्ता सहित अनेक पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित किया। मंच संचालन राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित वक्ता एवं साहित्यकार आयुष चतुर्वेदी ने किया। इस मौके पर संयोजक जाहिद आब्दी, कोषाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष नैय्यर रज़ा ज़ैदी, अरुण जायसवाल, कुलदीप गुप्ता सचिव, अफ्तार अहमद ज़िला मीडिया प्रभारी समेत ज़िला सुरक्षा संगठन के थाना गोसाईगंज, बंधुआ, कादीपुर, चांदा, कोतवाली नगर समेत पदाधिकारी, वार्ड अध्यक्ष एवं सदस्य मौजूद रहे।
माघ मेला पर्व के दौरान पुलिस प्रशासन के सहयोग हेतु जिला अपराध निरोधक समिति की बैठक सम्पन्न।
संजय द्विवेदी।प्रयागराज।आर्य समाज मंदिर चौक प्रयागराज में विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 2026 को संगम तट पर सकुशल एवं सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से जिला अपराध निरोधक समिति की एक अति आवश्यक बैठक आयोजित की गई।बैठक का आयोजन प्रदेश चेयरमैन कमलेश श्रीवास्तव एवं सचिव संतोष कुमार के नेतृत्व में किया गया।बैठक की अध्यक्षता आर्य समाज मंदिर चौक के मंत्री पी. एन. मिश्रा ने की।बैठक में माघ मेला पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय द्वारा प्राप्त आदेश के क्रम में पर्व के एक दिन पूर्व एवं एक दिन पश्चात स्वयंसेवकों की भूमिका दायित्व एवं सहयोग के विषय में विस्तृत एवं विधिवत चर्चा की गई।बैठक को संबोधित करते हुए सचिव संतोष कुमार ने सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों से अपील की कि पुलिस प्रशासन द्वारा निर्गत निर्देशो के अनुरूप पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी माघ मेला पर्व को शांतिपूर्ण एवं सकुशल संपन्न कराने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए पूर्ण सहयोग प्रदान करे।उपस्थित सभी सदस्यो ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए पुलिस प्रशासन को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।इसी क्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष निष्क्रिय सदस्यो और पदाधिकारी का कदापि मेला पास ना निर्गत ना हो इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है या ऐसे सदस्यों का के कागजात आप लोग कतई न जमा करे।इसी क्रम में जिला प्रतापगढ़ के सचिव सुजीत कुमार ने अपने जिले के सदस्यो की सूची एवं उनके द्वारा किए जाने वाले सेवा कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व वर्षो की तरह इस वर्ष भी उनकी टीम प्रयागराज जनपद के साथ मिलकर माघ मेला पर्वो के दौरान पूर्ण निष्ठा से सेवा कार्य करेगी।बैठक में प्रमुख रूप से लक्ष्मीकांत मिश्रा(उपाध्यक्ष, जिला बार प्रयागराज)अजीत कुमार सिन्हा,शोएब आलम, आर.ए.फारुकी, संजय उपाध्याय,अर्जुन सिंह, रामबाबू सिंह,शकील अहमद खान,मनीष विश्वकर्मा,सुधीर कुमार प्रजापति,अनुपम विश्वकर्मा,आर. सी.भद्रा,सरवन कुमार गौड़,अभिषेक वर्मा, फैजान उद्दीन अंसारी शाहिद अहमद खान,अखिलेश चंद्र जैन,मनोज कुमार सिंह प्रेमचंद स्वर्णकार,राम सजीवन के.सी. ओझा,ममता मिश्रा रेनू सक्सेना सुधा गौड़ राकेश शर्मा विष्णु जायसवाल निशिकांत श्रीवास्तव इंजीनियर रमाकांत गुप्ता अरुण कुमार पांडे,राजकुमार वर्मा मोहम्मद अनीस,मोहम्मद इमरान सहित अनेक सदस्य एवं पदाधिकारी अपनी-अपनी टीमों के साथ उपस्थित रहे और माघ मेला पर्व को सकुशल संपन्न कराने हेतु अपने-अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम का कुशल संचालन संगठन सचिव सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन आर्य समाज मंत्री पी.एन.मिश्रा ने प्रस्तुत किया।बैठक के अन्त में सोमेश्वर प्रसाद शर्मा गणेश मोहन श्रीवास्तव एवं कृष्णानन्द यादव (एडवोकेट)के आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित की गई जिसमें उपस्थित सभी सदस्यो एवं पदाधिकारियो ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओ की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।

Mirzapur: एसपी की साख पर लगा रहे बट्टा,  देहात कोतवाली पुलिस की अजब-गजब चर्चा
पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान


मीरजापुर। देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के चिन्दलिख दुबेपुर में खेत की मेड़ विवाद (कहासुनी) से लेकर मारपीट तक के मामले में की गई एक तरफा कार्यवाही के चलते मीरजापुर की देहात कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है, जिसके बाद पुलिस की विश्वसनीयता एक बार फिर संदेह के घेरे में है। बता दें कि देहात कोतवाली पुलिस ने एक घटना की चार दिन बाद दूसरे पक्ष से तहरीर लेकर पीड़ित पक्ष पर ही एक तरफा कार्यवाही करते हुए चलानी कार्यवाही कर दी है, जिसके बाद से प्रथम पीड़ित पक्ष सदमे में हैं।

घटना बीते माह जुलाई का है, जब खेत में काम करते समय दो सगे भाई  गौरीशंकर और रमाशंकर मेड़ सीधी करने को लेकर आपस में उलझ गए थे। खेत का मामला घर आने पर बच्चों के कारण बढ़ गया और विवाद के दौरान धक्का- मुक्की की घटना होने की चर्चा है। घटना को लेकर एक पक्ष रितेश व अरविंद पुत्र रामाशंकर ने बताया कि उन्होंने अगले ही दिन घटना से संबंधित सूचना थाने में तहरीर देकर की थी, जिसका साक्ष्य उनके पास सुरक्षित है और घटना में कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि दूसरे पक्ष प्रशान्त कुमार द्वारा उसी प्रकरण में चार दिन बाद 18 जुलाई को दी गई शिकायती प्रार्थना पत्र पर देहात कोतवाली पुलिस ने बिना सत्यता की जांच किए प्राथमिक कार्यवाही ही नहीं बल्कि मामले को और आगे बढ़ा दिया जो शांति व्यवस्था के लिए खतरनाक ही कहां जाएगा है।

इस मामले में पुलिसिया एक पक्षीय कार्रवाई का असर यह हुआ है कि आज दोनों पक्षों में सुलह समझौते की जगह रंजीश ने ले ली है। दोनों पक्ष एक दूसरे के विरुद्ध पुलिस और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए हैं। वहीं जिले के ही पड़री थाना क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भेड़ पालक से प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पुलिस पैसे (खर्चा बरचा) मांग रही है का आरोप है।  वर्तमान पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा कड़क मिज़ाज और चुस्त पुलिसिंग व्यवस्था के लिए चर्चित हैं, लेकिन शायद उनके अधीनस्थ पुलिस अधिकारी की मंशा आम जन में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है।

नतीजा यह है कि इलाकाई पुलिस और विवेचक सूचनाओं को छुपाते हुए महज फोटो खींच कर एक पक्षीय और मनमाफ़िक रिपोर्ट लगाकर विवादों को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहें हैं।
झारखंड बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका! जेबीवीएनएल ने 2026-27 के लिए टैरिफ में 59% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया

रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली की दरों (टैरिफ) में 59 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत किया है।

बढ़ोतरी का कारण और वित्तीय आवश्यकता

राजस्व अंतर (Revenue Gap): निगम को वर्ष 2023-24 तक ₹4991.67 करोड़ का ट्रू-अप रेवेन्यू गैप दर्ज किया गया था।

आवश्यकता: वित्तीय लेखा-जोखा के अनुसार, जेबीवीएनएल को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹15584.46 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता है।

वर्तमान वसूली: वर्तमान दरों के अनुसार, निगम की राजस्व वसूली केवल ₹9794.76 करोड़ होगी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: निगम ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगस्त 2025 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें यह रेवेन्यू गैप तीन वर्षों में समाप्त करना है। इसीलिए 2025-26 में ₹15584.46 करोड़ की राजस्व वसूली के लिए 59% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा गया है।

अन्य राज्यों से तुलना

जेबीवीएनएल ने अपने टैरिफ पिटीशन में विभिन्न राज्यों से तुलना की है:

श्रेणी झारखंड की दरें तुलनात्मक स्थिति

घरेलू दर (200 यूनिट से अधिक) 201 से 400 यूनिट तक सरकार देती है अनुदान। राजस्थान और बिहार में दरें झारखंड से अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में दरें बराबर हैं।

फिक्स्ड चार्ज प्रति कनेक्शन के आधार पर लिया जाता है। अधिकांश राज्य (बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली) प्रति किलोवॉट के आधार पर निर्धारित करते हैं।

पिछले पांच वर्षों में दर वृद्धि

जेबीवीएनएल के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में झारखंड में बिजली की दरें तीन बार बढ़ी हैं:

वित्तीय वर्ष दर वृद्धि

2025-26 6.34%

2024-25 कोई बढ़ोतरी नहीं

2023-24 7.66%

2022-23 कोई बढ़ोतरी नहीं

2021-22 6.50%

प्री-पेड मीटर कनेक्शन नियम

प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए यह नियम है कि बकाया या बैलेंस नहीं रहने पर कनेक्शन स्वतः कट जाता है और भुगतान/रिचार्ज करने पर खुद जुड़ जाता है। तकनीकी त्रुटि होने पर उपभोक्ता जांच और सुधार के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

लखनऊ में आज होगा बड़ा ऐलान, पंकज चौधरी बनेंगे यूपी भाजपा अध्यक्ष
लखनऊ । उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक सियासत में आज एक बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है। महीनों से चल रहे मंथन, रणनीतिक बैठकों और बंद कमरों की चर्चाओं के बाद आखिरकार पार्टी ने अपने अगले प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगा दी है। औपचारिक घोषणा भले ही दोपहर में हो, लेकिन तस्वीर अब पूरी तरह साफ है— पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे।

पंकज चौधरी के अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया

प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और खास बात यह रही कि पंकज चौधरी के अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया। ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। आज दोपहर 1 बजे राजधानी लखनऊ में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे।

नामांकन के दिन दिखा शक्ति प्रदर्शन, संगठन एकजुट

शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पंकज चौधरी ने अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मंच पर मौजूद रहे। पंकज चौधरी के प्रस्तावकों की सूची भी अपने आप में सियासी संदेश दे गई—सीएम योगी, दोनों उपमुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, स्वतंत्र देव सिंह, दारा सिंह चौहान, एके शर्मा, असीम अरुण समेत कई बड़े चेहरे उनके समर्थन में खड़े दिखे।

एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक हुआ भव्य स्वागत

लखनऊ पहुंचते ही पंकज चौधरी का एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक जोरदार स्वागत हुआ। खासतौर पर उनके गृह क्षेत्र महाराजगंज से पहुंचे कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। साफ संकेत था कि संगठन में उनके नाम पर व्यापक सहमति बन चुकी है।

क्यों पंकज चौधरी? इसके पीछे छुपी है बड़ी सियासी रणनीति

भाजपा ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सिर्फ एक संगठनात्मक नियुक्ति नहीं की है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव की बुनियाद रखने का काम किया है। पूर्वांचल के कद्दावर नेता, सात बार के सांसद और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री रहे पंकज चौधरी को संगठन की कमान सौंपने के पीछे कई अहम सियासी कारण माने जा रहे हैं।

सबसे बड़ा कारण है— कुर्मी वोट बैंक

यादवों के बाद प्रदेश में कुर्मी समाज को पिछड़ों में सबसे प्रभावशाली माना जाता है और लंबे समय तक यह भाजपा का मजबूत आधार रहा है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इस वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई, जिसका असर भाजपा के सीट आंकड़ों पर साफ दिखा। 2019 में 62 सीटें जीतने वाली भाजपा 2024 में 36 सीटों पर सिमट गई।

कुर्मी समाज को साधने की आखिरी कड़ी?

लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के आंतरिक विश्लेषण में सामने आया कि मिर्जापुर, वाराणसी, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी जैसे कुर्मी बहुल इलाकों में एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट पर भी जीत का अंतर कम हुआ।पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर आश्वस्त हुआ कि कुर्मी समाज के बीच भरोसा बहाल करने के लिए मूल काडर से निकले, जमीन से जुड़े और प्रभावी चेहरे की जरूरत है।

9 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके पंकज चौधरी

यही वजह है कि शीर्ष नेतृत्व की नजर पंकज चौधरी पर जाकर ठहरी। पार्टी के भीतर उन्हें इस समय सबसे वरिष्ठ और स्वीकार्य कुर्मी नेता के तौर पर देखा जा रहा है। 9 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके पंकज चौधरी ने 7 बार जीत हासिल की है—वह भी ऐसे समय में जब पार्टी सत्ता में नहीं थी। यही उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी मानी जा रही है।

2027 का रोडमैप और संगठन को नया संदेश

पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने कार्यकर्ताओं को भी साफ संदेश दिया है कि पार्टी अपने मूल काडर और समर्पित नेताओं की कद्र करना जानती है। संगठनात्मक अनुभव, चुनावी विश्वसनीयता और सामाजिक संतुलन—तीनों को साधने की कोशिश इस फैसले में साफ झलकती है। अब सबकी नजर इस पर है कि पंकज चौधरी संगठन को किस तरह मजबूत करते हैं और 2027 के रण में भाजपा को किस रणनीति के साथ उतारते हैं। इतना तय है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में यह नियुक्ति आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक समीकरणों को जन्म देने वाली है।
यूपी में जश्न का मौका: 24/25 और 30/31 दिसंबर को रात 11 बजे तक खुलेंगी मदिरा पान की दुकानें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जश्न मनाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर राज्य सरकार ने मदिरा पान करने वालों को विशेष राहत दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 24/25 दिसंबर तथा 30/31 दिसंबर की रात को प्रदेश भर में मदिरा पान की दुकानें रात 11:00 बजे तक खुली रहेंगी। इस निर्णय से नए साल और क्रिसमस के जश्न की तैयारियों में जुटे लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।

आबकारी विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत यह व्यवस्था केवल निर्धारित तिथियों के लिए ही लागू रहेगी। सामान्य दिनों की तरह अन्य सभी नियम और शर्तें यथावत रहेंगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि तय समय के बाद किसी भी दुकान को खुला रखने की अनुमति नहीं होगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दुकानदारों में भी इस फैसले को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि इससे बिक्री बढ़ने की संभावना है। वहीं प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। सरकार का यह फैसला त्योहारों के माहौल को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि लोग जिम्मेदारी के साथ उत्सव का आनंद उठा सकें।
मुख्यमंत्री योगी के सान्निध्य में बैरिया भाजपा पूर्व विधायक की मुलाकात: फसल क्षति, कटान रोकथाम और शिक्षामित्रों की समस्याओं पर ठोस आश्वासन
संजीव सिंह बलिया। आज माननीय मुख्यमंत्री पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज के पावन सान्निध्य में शेर-ए-द्वाबा बलिया के बैरिया भाजपा पूर्व विधायक एवं  शिक्षक सुरेंद्र नाथ सिंह जी को रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर क्षेत्र की जनसमस्याओं से उन्हें अवगत कराया गया।मोथा चक्रवात एवं अतिवृष्टि से जनपद बलिया में हुई भारी फसल क्षति को गंभीरता से लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने आग्रह पर पुनः अधिकारियों को निर्देश दिए कि संपूर्ण जनपद में शीघ्र सर्वे पूर्ण कराकर पीड़ित किसानों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए।साथ ही, विधानसभा बैरिया क्षेत्र में वर्षों से विकराल बनी कटान समस्या पर भी चर्चा हुई। गोपाल नगर, शिवाल मठिया, उदई छपरा, दुबे छपरा, चक्की नौरंगा एवं भुवाल छपरा में कटान-रोधी कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का आश्वासन मिला।अंत में  सुरेंद्र नाथ सिंह जी उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों की पीड़ा रखते हुए हाथ जोड़कर निवेदन किया गया- “महाराज जी, शिक्षामित्र आज भी आपसे आस लगाए दीन-हीन भाव से आपकी ओर देख रहे हैं।” इस पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने आग्रह को स्वीकार करते हुए आश्वस्त किया- “बहुत जल्दी करूंगा, और संतोषजनक वृद्धि करूंगा।”
मुख्यमंत्री योगी जी का शिक्षामित्रों के लिए हृदयस्पर्शी संदेश:
“शिक्षामित्रों की पुकार सुन ली गई है। बहुत जल्द संतोषजनक व्यवस्था करूंगा, उनकी सेवा को सम्मान दूंगा और   मानदेय वृद्धि सुनिश्चित करूंगा। सबका साथ, सबका विकास!”
इन्द्रदेव शुक्ल ने दिव्यांगजनों विधवा एवं निराश्रित महिलाओं को वितरित किए कम्बल

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत मेजा विधान सभा क्षेत्र के मेजारोड स्थित डीजीएस गेस्ट हाउस में डीजीएस परिवार की तरफ से कम्बल वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ शुक्रवार को किया गया। मां शीतला कृपा महोत्सव 2026 कैलेन्डर का विधिवत विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यमुनापार जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उप जिलाधिकारी मेजा सुरेंद्र यादव उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन मांडवी शरण दुबे ने किया जबकि अध्यक्षता उमाशंकर तिवारी उर्फ गांधी ने की।डीजीएस परिवार के जनसेवक एवं भाजपा नेता इन्द्रदेव शुक्ल उर्फ राजू भैया ने संभाली।कम्बल वितरण का शुभारम्भ जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल ने मां शीतला के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

आयोजक राजू भैया द्वारा सभी अतिथियों को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के दौरान सात सौ दिव्यांगजन एवं विधवा महिलाओं को कम्बल वितरित किए गए।सभी अतिथियो ने राजू भैया के सेवा भाव सामाजिक सरोकार और जनहित में किए जा रहे कार्यो की विशेष सराहना की।जिसमें क्षेत्र के ग्रामीण व महिलाएं मौजूद रहे।

मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर एआरपी के 65 पदों की लिखित परीक्षा, 43 अभ्यर्थी सफल माइक्रो टीचिंग के लिए क्वालीफाई
संजीव सिंह बलिया। मुख्य विकास अधिकारी बलिया के निर्देश के क्रम में 08 दिसंबर 2025 को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बलिया में एआरपी के रिक्त 65 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा में पंजीकृत 68 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 50 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। परीक्षा के बाद नामित समिति ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर 20% मूल्यांकन का वैधता परीक्षण (VALIDATION) किया और परीक्षाफल तैयार किया।बीएसए मनीष कुमार सिंह ने बताया कि लिखित परीक्षा में कुल 43 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए, जबकि 07 अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण रहे। मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदन पर सफल अभ्यर्थी 15 दिसंबर 2025 को विकास भवन बलिया पर प्रातः 10 बजे माइक्रो टीचिंग में भाग लेंगे। माइक्रो टीचिंग में सफल अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए पात्र होंगे।
14 दिसंबर 2025 की रात्रि को दिखाई देंगे टूटते हुए तारे / उल्का वृष्टि

अलविदा होते हुए वर्ष 2025 में अंतरिक्ष प्रेमियों को मिलेगा एक और शानदार खगोलीय घटना देखने का मौका


गोरखपुर।खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि पृथ्वी  अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है और पृथ्वी अपने अक्ष पर सतत  घूमते हुए सूर्य का चक्कर भी लगाती है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने के  कारण ही हमें दिन और रात का अनुभव होता है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने को घूर्णन ( रोटेशन) कहा जाता है, और पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने को परिभ्रमण ( रिवोल्यूशन) कहा जाता है, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय को हम बर्ष कहते हैं, जब पृथ्वी अपने वार्षिक परिभ्रमणीय यात्रा के दौरान सूर्य का चक्कर लगाते हुए  किसी धूमकेतु द्वारा जोकि लंबी दीर्घब्रत्ताकर कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं उनसे निकले हुए छोटे एवं बड़े कण उनकी कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं उनके द्वारा छोड़े गए मलबे से गुजरती है तो उसी दौरान छोटे, बड़े आकार के ये टुकड़े जो कि कंकड़ पत्थर, जलवाष्प, गैसों ,धूल कणों आदि के बने हुए होते हैं ।

ये अंतरिक्षीय मलबे के टुकड़े जब पृथ्वी के वायुमंडल में अचानक से दाखिल होने पर गुरूत्वाकर्षण बल और वायुमंडलीय घर्षण के कारण क्षण भर के लिए चमक लिए जल उठते हैं और रात्रि के आकाश में चमकते हुए दिखाई देते हैं और फिर कुछ समय में ही गायब हो जाते हैं , उसे ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्का और सामान्य भाषा में टूटता हुआ तारा ( शूटिंग स्टार) कहा जाता है जिनकी गति लगभग 70 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक हो सकती है, इसी वजह से अधिकांश उल्काएं 130 से 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही जलकर राख हो जाती हैं।

यही आकाश में टूटते हुए तारों का आभास कराते हैं, जिन्हें ही आम बोलचाल की भाषा में टूटते हुए तारे भी कहा जाता है, जबकि बास्तब में ये टूटते हुए तारे नहीं होते हैं, इन्हें ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्काएं कहा जाता है, जो कि वैसे तो छिटपुट तौर से तो वर्षभर होता रहता है लेकिन ये कुछ  ख़ास महीनों में ज्यादा नज़र आती हैं, जैसे दिसम्बर में होने वाली मिथुन (जैमिनिड्स ) उल्का वृष्टि उनमें से एक महत्वपूर्ण उल्का बर्षा होती है।

कब दिखाई देंगी उल्काएं _ खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो लगभग रात्रि आठ बजे के बाद से ही यह नज़ारा दिखना शुरू हो जाएगा लेकिन गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर 2025 की मध्य रात्रि से चार बजे भोर तक यह उल्का ब्रष्टि का नज़ारा बेहद ही शानदार नज़र आएगा, दिसंबर माह में होने बाली उल्का ब्रष्टि को जैमिनिड्स ( मिथुन ) उल्का ब्रष्टि कहा जाता है, क्योंकि यह उल्काएं मिथुन (जेमिनी) तारामंडल से आती हुई दिखाई देती हैं, उल्काएं जिस तारामंडल के बिंदु की तरफ़ से आती हुई दिखाई देती हैं उसे खगोल विज्ञान की भाषा में मीटियर रेडिएंट प्वाइंट ( उल्का बिकीर्णक बिंदु) कहा जाता है ।

मगर यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि किसी तारामंडल के एक बिंदु से उल्काओँ के बिकीर्णन का यह नज़ारा सिर्फ़ एक दृष्टि भ्रम है, वास्तव में तारे हमसे बहुत दूर हैं, लेकिन उल्काएं करीब 100 से 120 किलोमीटर ऊपर ही बायुमंडल में पहुंचने पर उद्दीप्त हो जाती हैं, वैसे तो उल्का ब्रष्टि किसी न किसी धूमकेतु से ही संबन्धित होती हैं, लेकिन दिसंबर माह के मिथुन (जैमिनिड्स) उल्का ब्रष्टि के सम्बंध में सबसे अनोखी बात यह है कि ये किसी धूमकेतु (Comet) से नहीं, बल्कि एक क्षुद्रग्रह 3200 फेथॉन (Asteroid 3200 Phaethon) से आती हैं। इसे दुनिया की उन गिनी-चुनी उल्का वर्षाओं में शामिल करता है, जिनका स्रोत क्षुद्रग्रह (asteroid ) है, न कि धूमकेतु (comet )से। यह इसको और ख़ास बनाती है।

क्या है खासियत और कितनी उल्काएं दिखेंगी इस बार_खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस बार दिसंबर 14 की रात्रि में गोरखपुर से एक घण्टे में कम से कम लगभग 40–70 उल्काएँ/घंटा भी दिख सकती हैं जबकि इनका दिखना मौसमी घटनाओं पर भी निर्भर करता है,

कब से कब तक होता है यह अनोखा नज़ारा _ इस बर्ष दिसंबर माह में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 तारीख की रात्रि के दौरान यह उल्का ब्रष्टि अपने चरम सीमा पर होंगी, जिस से इन उल्काओं की ब्रष्टि को और भी अच्छे से देखा जा सकता है,

आकाश में किस तरफ़ से आती हुई दिखाई देंगी उल्काएं _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो आकाश में किसी भी दिशा से आती हुई दिख सकती हैं, लेकिन दिसंबर माह में होने वाली उल्का मिथुन (जैमिनिड्स) उल्का ब्रष्टि को देखने के लिए आपको रात्रि के आकाश में उत्तर-पूर्व (North-East) से शुरुआत कर सकते हैं, फिर पूरा आसमान में देखें लेकिन आकाश में उत्तर-पूर्व दिशा की ओर से आती हुई कुछ ज्यादा दिखाई देंगी , और इनकी दृश्यता भी उच्च कोटि की होगी,

कैसे देखें _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि आप रात्रि के आकाश का अनुसरण करें और इन्हें देखने के लिए बिना किसी ख़ास दूरबीन या बायनोक्यूलर्स या अन्य सहायक उपकरणों के भी यह नज़ारा स्पष्ट दिखाई देगा, इसके लिए किसी भी प्रकार के खास उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी,आप सीधे तौर पर अपने घरों से ही किसी भी साफ़ स्वच्छ अंधेरे वाली जगह से सावधानी पूर्वक ही अपनी साधारण आंखों से ही इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं, शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रकाश प्रदूषण होने के कारण कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोगों को यह नज़ारा और भी मनोहारी दृश्य जैसा दिखाई देगा,
नोट _ध्यान रखें यदि अचानक से बादल, आंधी, बरसात , तूफ़ान आदि की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो यह खूबसूरत नज़ारा दिखाई देना कठिन भी हो सकता है।
*जिला सुरक्षा संगठन सुल्तानपुर का भव्य रजत जयंती समारोह संपन्न, पुलिस, प्रशासन और समाज के समन्वय का संदेश
पूर्व आईजी आर पी सिंह बोले:—

अविश्वास की खाई पाटने के लिए बना जिला सुरक्षा संगठन, एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने संगठन के कार्यों की सराहना की ।* सुल्तानपुर। जिला सुरक्षा संगठन सुल्तानपुर का रजत जयंती समारोह पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार में भव्य रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर एवं पूर्व महानिरीक्षक तथा जिला सुरक्षा संगठन की नींव रखने वाले आईपीएस आरपी सिंह रहे। समारोह में जिले भर से सैकड़ों गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि आरपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन और समाज के बीच एक अविश्वास की खाई महसूस की थी। इसी दूरी को कम करने और परस्पर विश्वास को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला सुरक्षा संगठन की स्थापना की गई, ताकि पुलिस, प्रशासन और समाज के सम्मानित नागरिक एक मंच पर आकर मिल-जुलकर कार्य कर सकें। विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने कहा कि सुल्तानपुर आगमन के बाद उन्होंने देखा कि जिला सुरक्षा संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य सभी धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में निस्वार्थ भाव से सहभागिता करते हैं। उन्होंने ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव 2025 में संगठन की भूमिका की प्रशंसा करते हुए संगठन के विस्तार को थाने स्तर तक ले जाने की बात कही। साथ ही कहा कि सभी धर्मों के त्योहारों—दुर्गा पूजा, होली, दिवाली, दशहरा, मोहर्रम, चेहल्लुम, ईद, बकरीद,गणेश पूजा और छठ—को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में संगठन की भूमिका सराहनीय रही है। कार्यक्रम में कवि सम्मेलन ने समां बांध दिया। यमुना प्रसाद उपाध्याय, शोभनाथ फैजाबादी और अब्दुल मन्नान सुल्तानपुरी की रचनाओं पर सभागार तालियों से गूंज उठा। पुलिस अधीक्षक ने कवियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। मंच पर संगठन अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। महासचिव हाजी मोहम्मद इलियास खान, मुख्य संयोजक सरदार बलदेव सिंह,संरक्षक कमलनयन पांडेय, सुंदर लाल टंडन, संयोजक आशीष अग्रवाल, राधे श्याम गुप्ता सहित अनेक पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित किया। मंच संचालन राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित वक्ता एवं साहित्यकार आयुष चतुर्वेदी ने किया। इस मौके पर संयोजक जाहिद आब्दी, कोषाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष नैय्यर रज़ा ज़ैदी, अरुण जायसवाल, कुलदीप गुप्ता सचिव, अफ्तार अहमद ज़िला मीडिया प्रभारी समेत ज़िला सुरक्षा संगठन के थाना गोसाईगंज, बंधुआ, कादीपुर, चांदा, कोतवाली नगर समेत पदाधिकारी, वार्ड अध्यक्ष एवं सदस्य मौजूद रहे।
माघ मेला पर्व के दौरान पुलिस प्रशासन के सहयोग हेतु जिला अपराध निरोधक समिति की बैठक सम्पन्न।
संजय द्विवेदी।प्रयागराज।आर्य समाज मंदिर चौक प्रयागराज में विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 2026 को संगम तट पर सकुशल एवं सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से जिला अपराध निरोधक समिति की एक अति आवश्यक बैठक आयोजित की गई।बैठक का आयोजन प्रदेश चेयरमैन कमलेश श्रीवास्तव एवं सचिव संतोष कुमार के नेतृत्व में किया गया।बैठक की अध्यक्षता आर्य समाज मंदिर चौक के मंत्री पी. एन. मिश्रा ने की।बैठक में माघ मेला पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय द्वारा प्राप्त आदेश के क्रम में पर्व के एक दिन पूर्व एवं एक दिन पश्चात स्वयंसेवकों की भूमिका दायित्व एवं सहयोग के विषय में विस्तृत एवं विधिवत चर्चा की गई।बैठक को संबोधित करते हुए सचिव संतोष कुमार ने सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों से अपील की कि पुलिस प्रशासन द्वारा निर्गत निर्देशो के अनुरूप पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी माघ मेला पर्व को शांतिपूर्ण एवं सकुशल संपन्न कराने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए पूर्ण सहयोग प्रदान करे।उपस्थित सभी सदस्यो ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए पुलिस प्रशासन को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।इसी क्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष निष्क्रिय सदस्यो और पदाधिकारी का कदापि मेला पास ना निर्गत ना हो इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है या ऐसे सदस्यों का के कागजात आप लोग कतई न जमा करे।इसी क्रम में जिला प्रतापगढ़ के सचिव सुजीत कुमार ने अपने जिले के सदस्यो की सूची एवं उनके द्वारा किए जाने वाले सेवा कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व वर्षो की तरह इस वर्ष भी उनकी टीम प्रयागराज जनपद के साथ मिलकर माघ मेला पर्वो के दौरान पूर्ण निष्ठा से सेवा कार्य करेगी।बैठक में प्रमुख रूप से लक्ष्मीकांत मिश्रा(उपाध्यक्ष, जिला बार प्रयागराज)अजीत कुमार सिन्हा,शोएब आलम, आर.ए.फारुकी, संजय उपाध्याय,अर्जुन सिंह, रामबाबू सिंह,शकील अहमद खान,मनीष विश्वकर्मा,सुधीर कुमार प्रजापति,अनुपम विश्वकर्मा,आर. सी.भद्रा,सरवन कुमार गौड़,अभिषेक वर्मा, फैजान उद्दीन अंसारी शाहिद अहमद खान,अखिलेश चंद्र जैन,मनोज कुमार सिंह प्रेमचंद स्वर्णकार,राम सजीवन के.सी. ओझा,ममता मिश्रा रेनू सक्सेना सुधा गौड़ राकेश शर्मा विष्णु जायसवाल निशिकांत श्रीवास्तव इंजीनियर रमाकांत गुप्ता अरुण कुमार पांडे,राजकुमार वर्मा मोहम्मद अनीस,मोहम्मद इमरान सहित अनेक सदस्य एवं पदाधिकारी अपनी-अपनी टीमों के साथ उपस्थित रहे और माघ मेला पर्व को सकुशल संपन्न कराने हेतु अपने-अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम का कुशल संचालन संगठन सचिव सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन आर्य समाज मंत्री पी.एन.मिश्रा ने प्रस्तुत किया।बैठक के अन्त में सोमेश्वर प्रसाद शर्मा गणेश मोहन श्रीवास्तव एवं कृष्णानन्द यादव (एडवोकेट)के आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित की गई जिसमें उपस्थित सभी सदस्यो एवं पदाधिकारियो ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओ की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।

Mirzapur: एसपी की साख पर लगा रहे बट्टा,  देहात कोतवाली पुलिस की अजब-गजब चर्चा
पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान


मीरजापुर। देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के चिन्दलिख दुबेपुर में खेत की मेड़ विवाद (कहासुनी) से लेकर मारपीट तक के मामले में की गई एक तरफा कार्यवाही के चलते मीरजापुर की देहात कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है, जिसके बाद पुलिस की विश्वसनीयता एक बार फिर संदेह के घेरे में है। बता दें कि देहात कोतवाली पुलिस ने एक घटना की चार दिन बाद दूसरे पक्ष से तहरीर लेकर पीड़ित पक्ष पर ही एक तरफा कार्यवाही करते हुए चलानी कार्यवाही कर दी है, जिसके बाद से प्रथम पीड़ित पक्ष सदमे में हैं।

घटना बीते माह जुलाई का है, जब खेत में काम करते समय दो सगे भाई  गौरीशंकर और रमाशंकर मेड़ सीधी करने को लेकर आपस में उलझ गए थे। खेत का मामला घर आने पर बच्चों के कारण बढ़ गया और विवाद के दौरान धक्का- मुक्की की घटना होने की चर्चा है। घटना को लेकर एक पक्ष रितेश व अरविंद पुत्र रामाशंकर ने बताया कि उन्होंने अगले ही दिन घटना से संबंधित सूचना थाने में तहरीर देकर की थी, जिसका साक्ष्य उनके पास सुरक्षित है और घटना में कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि दूसरे पक्ष प्रशान्त कुमार द्वारा उसी प्रकरण में चार दिन बाद 18 जुलाई को दी गई शिकायती प्रार्थना पत्र पर देहात कोतवाली पुलिस ने बिना सत्यता की जांच किए प्राथमिक कार्यवाही ही नहीं बल्कि मामले को और आगे बढ़ा दिया जो शांति व्यवस्था के लिए खतरनाक ही कहां जाएगा है।

इस मामले में पुलिसिया एक पक्षीय कार्रवाई का असर यह हुआ है कि आज दोनों पक्षों में सुलह समझौते की जगह रंजीश ने ले ली है। दोनों पक्ष एक दूसरे के विरुद्ध पुलिस और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए हैं। वहीं जिले के ही पड़री थाना क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भेड़ पालक से प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पुलिस पैसे (खर्चा बरचा) मांग रही है का आरोप है।  वर्तमान पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा कड़क मिज़ाज और चुस्त पुलिसिंग व्यवस्था के लिए चर्चित हैं, लेकिन शायद उनके अधीनस्थ पुलिस अधिकारी की मंशा आम जन में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है।

नतीजा यह है कि इलाकाई पुलिस और विवेचक सूचनाओं को छुपाते हुए महज फोटो खींच कर एक पक्षीय और मनमाफ़िक रिपोर्ट लगाकर विवादों को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहें हैं।
झारखंड बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका! जेबीवीएनएल ने 2026-27 के लिए टैरिफ में 59% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया

रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली की दरों (टैरिफ) में 59 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत किया है।

बढ़ोतरी का कारण और वित्तीय आवश्यकता

राजस्व अंतर (Revenue Gap): निगम को वर्ष 2023-24 तक ₹4991.67 करोड़ का ट्रू-अप रेवेन्यू गैप दर्ज किया गया था।

आवश्यकता: वित्तीय लेखा-जोखा के अनुसार, जेबीवीएनएल को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹15584.46 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता है।

वर्तमान वसूली: वर्तमान दरों के अनुसार, निगम की राजस्व वसूली केवल ₹9794.76 करोड़ होगी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: निगम ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगस्त 2025 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें यह रेवेन्यू गैप तीन वर्षों में समाप्त करना है। इसीलिए 2025-26 में ₹15584.46 करोड़ की राजस्व वसूली के लिए 59% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा गया है।

अन्य राज्यों से तुलना

जेबीवीएनएल ने अपने टैरिफ पिटीशन में विभिन्न राज्यों से तुलना की है:

श्रेणी झारखंड की दरें तुलनात्मक स्थिति

घरेलू दर (200 यूनिट से अधिक) 201 से 400 यूनिट तक सरकार देती है अनुदान। राजस्थान और बिहार में दरें झारखंड से अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में दरें बराबर हैं।

फिक्स्ड चार्ज प्रति कनेक्शन के आधार पर लिया जाता है। अधिकांश राज्य (बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली) प्रति किलोवॉट के आधार पर निर्धारित करते हैं।

पिछले पांच वर्षों में दर वृद्धि

जेबीवीएनएल के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में झारखंड में बिजली की दरें तीन बार बढ़ी हैं:

वित्तीय वर्ष दर वृद्धि

2025-26 6.34%

2024-25 कोई बढ़ोतरी नहीं

2023-24 7.66%

2022-23 कोई बढ़ोतरी नहीं

2021-22 6.50%

प्री-पेड मीटर कनेक्शन नियम

प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए यह नियम है कि बकाया या बैलेंस नहीं रहने पर कनेक्शन स्वतः कट जाता है और भुगतान/रिचार्ज करने पर खुद जुड़ जाता है। तकनीकी त्रुटि होने पर उपभोक्ता जांच और सुधार के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

लखनऊ में आज होगा बड़ा ऐलान, पंकज चौधरी बनेंगे यूपी भाजपा अध्यक्ष
लखनऊ । उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक सियासत में आज एक बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है। महीनों से चल रहे मंथन, रणनीतिक बैठकों और बंद कमरों की चर्चाओं के बाद आखिरकार पार्टी ने अपने अगले प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगा दी है। औपचारिक घोषणा भले ही दोपहर में हो, लेकिन तस्वीर अब पूरी तरह साफ है— पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे।

पंकज चौधरी के अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया

प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और खास बात यह रही कि पंकज चौधरी के अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया। ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। आज दोपहर 1 बजे राजधानी लखनऊ में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे।

नामांकन के दिन दिखा शक्ति प्रदर्शन, संगठन एकजुट

शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पंकज चौधरी ने अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मंच पर मौजूद रहे। पंकज चौधरी के प्रस्तावकों की सूची भी अपने आप में सियासी संदेश दे गई—सीएम योगी, दोनों उपमुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, स्वतंत्र देव सिंह, दारा सिंह चौहान, एके शर्मा, असीम अरुण समेत कई बड़े चेहरे उनके समर्थन में खड़े दिखे।

एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक हुआ भव्य स्वागत

लखनऊ पहुंचते ही पंकज चौधरी का एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक जोरदार स्वागत हुआ। खासतौर पर उनके गृह क्षेत्र महाराजगंज से पहुंचे कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। साफ संकेत था कि संगठन में उनके नाम पर व्यापक सहमति बन चुकी है।

क्यों पंकज चौधरी? इसके पीछे छुपी है बड़ी सियासी रणनीति

भाजपा ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सिर्फ एक संगठनात्मक नियुक्ति नहीं की है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव की बुनियाद रखने का काम किया है। पूर्वांचल के कद्दावर नेता, सात बार के सांसद और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री रहे पंकज चौधरी को संगठन की कमान सौंपने के पीछे कई अहम सियासी कारण माने जा रहे हैं।

सबसे बड़ा कारण है— कुर्मी वोट बैंक

यादवों के बाद प्रदेश में कुर्मी समाज को पिछड़ों में सबसे प्रभावशाली माना जाता है और लंबे समय तक यह भाजपा का मजबूत आधार रहा है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इस वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई, जिसका असर भाजपा के सीट आंकड़ों पर साफ दिखा। 2019 में 62 सीटें जीतने वाली भाजपा 2024 में 36 सीटों पर सिमट गई।

कुर्मी समाज को साधने की आखिरी कड़ी?

लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के आंतरिक विश्लेषण में सामने आया कि मिर्जापुर, वाराणसी, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी जैसे कुर्मी बहुल इलाकों में एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट पर भी जीत का अंतर कम हुआ।पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर आश्वस्त हुआ कि कुर्मी समाज के बीच भरोसा बहाल करने के लिए मूल काडर से निकले, जमीन से जुड़े और प्रभावी चेहरे की जरूरत है।

9 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके पंकज चौधरी

यही वजह है कि शीर्ष नेतृत्व की नजर पंकज चौधरी पर जाकर ठहरी। पार्टी के भीतर उन्हें इस समय सबसे वरिष्ठ और स्वीकार्य कुर्मी नेता के तौर पर देखा जा रहा है। 9 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके पंकज चौधरी ने 7 बार जीत हासिल की है—वह भी ऐसे समय में जब पार्टी सत्ता में नहीं थी। यही उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी मानी जा रही है।

2027 का रोडमैप और संगठन को नया संदेश

पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने कार्यकर्ताओं को भी साफ संदेश दिया है कि पार्टी अपने मूल काडर और समर्पित नेताओं की कद्र करना जानती है। संगठनात्मक अनुभव, चुनावी विश्वसनीयता और सामाजिक संतुलन—तीनों को साधने की कोशिश इस फैसले में साफ झलकती है। अब सबकी नजर इस पर है कि पंकज चौधरी संगठन को किस तरह मजबूत करते हैं और 2027 के रण में भाजपा को किस रणनीति के साथ उतारते हैं। इतना तय है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में यह नियुक्ति आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक समीकरणों को जन्म देने वाली है।
यूपी में जश्न का मौका: 24/25 और 30/31 दिसंबर को रात 11 बजे तक खुलेंगी मदिरा पान की दुकानें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जश्न मनाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर राज्य सरकार ने मदिरा पान करने वालों को विशेष राहत दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 24/25 दिसंबर तथा 30/31 दिसंबर की रात को प्रदेश भर में मदिरा पान की दुकानें रात 11:00 बजे तक खुली रहेंगी। इस निर्णय से नए साल और क्रिसमस के जश्न की तैयारियों में जुटे लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।

आबकारी विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत यह व्यवस्था केवल निर्धारित तिथियों के लिए ही लागू रहेगी। सामान्य दिनों की तरह अन्य सभी नियम और शर्तें यथावत रहेंगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि तय समय के बाद किसी भी दुकान को खुला रखने की अनुमति नहीं होगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दुकानदारों में भी इस फैसले को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि इससे बिक्री बढ़ने की संभावना है। वहीं प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। सरकार का यह फैसला त्योहारों के माहौल को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि लोग जिम्मेदारी के साथ उत्सव का आनंद उठा सकें।
मुख्यमंत्री योगी के सान्निध्य में बैरिया भाजपा पूर्व विधायक की मुलाकात: फसल क्षति, कटान रोकथाम और शिक्षामित्रों की समस्याओं पर ठोस आश्वासन
संजीव सिंह बलिया। आज माननीय मुख्यमंत्री पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज के पावन सान्निध्य में शेर-ए-द्वाबा बलिया के बैरिया भाजपा पूर्व विधायक एवं  शिक्षक सुरेंद्र नाथ सिंह जी को रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर क्षेत्र की जनसमस्याओं से उन्हें अवगत कराया गया।मोथा चक्रवात एवं अतिवृष्टि से जनपद बलिया में हुई भारी फसल क्षति को गंभीरता से लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने आग्रह पर पुनः अधिकारियों को निर्देश दिए कि संपूर्ण जनपद में शीघ्र सर्वे पूर्ण कराकर पीड़ित किसानों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए।साथ ही, विधानसभा बैरिया क्षेत्र में वर्षों से विकराल बनी कटान समस्या पर भी चर्चा हुई। गोपाल नगर, शिवाल मठिया, उदई छपरा, दुबे छपरा, चक्की नौरंगा एवं भुवाल छपरा में कटान-रोधी कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का आश्वासन मिला।अंत में  सुरेंद्र नाथ सिंह जी उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों की पीड़ा रखते हुए हाथ जोड़कर निवेदन किया गया- “महाराज जी, शिक्षामित्र आज भी आपसे आस लगाए दीन-हीन भाव से आपकी ओर देख रहे हैं।” इस पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने आग्रह को स्वीकार करते हुए आश्वस्त किया- “बहुत जल्दी करूंगा, और संतोषजनक वृद्धि करूंगा।”
मुख्यमंत्री योगी जी का शिक्षामित्रों के लिए हृदयस्पर्शी संदेश:
“शिक्षामित्रों की पुकार सुन ली गई है। बहुत जल्द संतोषजनक व्यवस्था करूंगा, उनकी सेवा को सम्मान दूंगा और   मानदेय वृद्धि सुनिश्चित करूंगा। सबका साथ, सबका विकास!”
इन्द्रदेव शुक्ल ने दिव्यांगजनों विधवा एवं निराश्रित महिलाओं को वितरित किए कम्बल

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत मेजा विधान सभा क्षेत्र के मेजारोड स्थित डीजीएस गेस्ट हाउस में डीजीएस परिवार की तरफ से कम्बल वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ शुक्रवार को किया गया। मां शीतला कृपा महोत्सव 2026 कैलेन्डर का विधिवत विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यमुनापार जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उप जिलाधिकारी मेजा सुरेंद्र यादव उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन मांडवी शरण दुबे ने किया जबकि अध्यक्षता उमाशंकर तिवारी उर्फ गांधी ने की।डीजीएस परिवार के जनसेवक एवं भाजपा नेता इन्द्रदेव शुक्ल उर्फ राजू भैया ने संभाली।कम्बल वितरण का शुभारम्भ जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल ने मां शीतला के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

आयोजक राजू भैया द्वारा सभी अतिथियों को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के दौरान सात सौ दिव्यांगजन एवं विधवा महिलाओं को कम्बल वितरित किए गए।सभी अतिथियो ने राजू भैया के सेवा भाव सामाजिक सरोकार और जनहित में किए जा रहे कार्यो की विशेष सराहना की।जिसमें क्षेत्र के ग्रामीण व महिलाएं मौजूद रहे।

मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर एआरपी के 65 पदों की लिखित परीक्षा, 43 अभ्यर्थी सफल माइक्रो टीचिंग के लिए क्वालीफाई
संजीव सिंह बलिया। मुख्य विकास अधिकारी बलिया के निर्देश के क्रम में 08 दिसंबर 2025 को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बलिया में एआरपी के रिक्त 65 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा में पंजीकृत 68 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 50 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। परीक्षा के बाद नामित समिति ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर 20% मूल्यांकन का वैधता परीक्षण (VALIDATION) किया और परीक्षाफल तैयार किया।बीएसए मनीष कुमार सिंह ने बताया कि लिखित परीक्षा में कुल 43 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए, जबकि 07 अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण रहे। मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदन पर सफल अभ्यर्थी 15 दिसंबर 2025 को विकास भवन बलिया पर प्रातः 10 बजे माइक्रो टीचिंग में भाग लेंगे। माइक्रो टीचिंग में सफल अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए पात्र होंगे।
14 दिसंबर 2025 की रात्रि को दिखाई देंगे टूटते हुए तारे / उल्का वृष्टि

अलविदा होते हुए वर्ष 2025 में अंतरिक्ष प्रेमियों को मिलेगा एक और शानदार खगोलीय घटना देखने का मौका


गोरखपुर।खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि पृथ्वी  अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है और पृथ्वी अपने अक्ष पर सतत  घूमते हुए सूर्य का चक्कर भी लगाती है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने के  कारण ही हमें दिन और रात का अनुभव होता है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने को घूर्णन ( रोटेशन) कहा जाता है, और पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने को परिभ्रमण ( रिवोल्यूशन) कहा जाता है, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय को हम बर्ष कहते हैं, जब पृथ्वी अपने वार्षिक परिभ्रमणीय यात्रा के दौरान सूर्य का चक्कर लगाते हुए  किसी धूमकेतु द्वारा जोकि लंबी दीर्घब्रत्ताकर कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं उनसे निकले हुए छोटे एवं बड़े कण उनकी कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं उनके द्वारा छोड़े गए मलबे से गुजरती है तो उसी दौरान छोटे, बड़े आकार के ये टुकड़े जो कि कंकड़ पत्थर, जलवाष्प, गैसों ,धूल कणों आदि के बने हुए होते हैं ।

ये अंतरिक्षीय मलबे के टुकड़े जब पृथ्वी के वायुमंडल में अचानक से दाखिल होने पर गुरूत्वाकर्षण बल और वायुमंडलीय घर्षण के कारण क्षण भर के लिए चमक लिए जल उठते हैं और रात्रि के आकाश में चमकते हुए दिखाई देते हैं और फिर कुछ समय में ही गायब हो जाते हैं , उसे ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्का और सामान्य भाषा में टूटता हुआ तारा ( शूटिंग स्टार) कहा जाता है जिनकी गति लगभग 70 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक हो सकती है, इसी वजह से अधिकांश उल्काएं 130 से 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही जलकर राख हो जाती हैं।

यही आकाश में टूटते हुए तारों का आभास कराते हैं, जिन्हें ही आम बोलचाल की भाषा में टूटते हुए तारे भी कहा जाता है, जबकि बास्तब में ये टूटते हुए तारे नहीं होते हैं, इन्हें ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्काएं कहा जाता है, जो कि वैसे तो छिटपुट तौर से तो वर्षभर होता रहता है लेकिन ये कुछ  ख़ास महीनों में ज्यादा नज़र आती हैं, जैसे दिसम्बर में होने वाली मिथुन (जैमिनिड्स ) उल्का वृष्टि उनमें से एक महत्वपूर्ण उल्का बर्षा होती है।

कब दिखाई देंगी उल्काएं _ खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो लगभग रात्रि आठ बजे के बाद से ही यह नज़ारा दिखना शुरू हो जाएगा लेकिन गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर 2025 की मध्य रात्रि से चार बजे भोर तक यह उल्का ब्रष्टि का नज़ारा बेहद ही शानदार नज़र आएगा, दिसंबर माह में होने बाली उल्का ब्रष्टि को जैमिनिड्स ( मिथुन ) उल्का ब्रष्टि कहा जाता है, क्योंकि यह उल्काएं मिथुन (जेमिनी) तारामंडल से आती हुई दिखाई देती हैं, उल्काएं जिस तारामंडल के बिंदु की तरफ़ से आती हुई दिखाई देती हैं उसे खगोल विज्ञान की भाषा में मीटियर रेडिएंट प्वाइंट ( उल्का बिकीर्णक बिंदु) कहा जाता है ।

मगर यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि किसी तारामंडल के एक बिंदु से उल्काओँ के बिकीर्णन का यह नज़ारा सिर्फ़ एक दृष्टि भ्रम है, वास्तव में तारे हमसे बहुत दूर हैं, लेकिन उल्काएं करीब 100 से 120 किलोमीटर ऊपर ही बायुमंडल में पहुंचने पर उद्दीप्त हो जाती हैं, वैसे तो उल्का ब्रष्टि किसी न किसी धूमकेतु से ही संबन्धित होती हैं, लेकिन दिसंबर माह के मिथुन (जैमिनिड्स) उल्का ब्रष्टि के सम्बंध में सबसे अनोखी बात यह है कि ये किसी धूमकेतु (Comet) से नहीं, बल्कि एक क्षुद्रग्रह 3200 फेथॉन (Asteroid 3200 Phaethon) से आती हैं। इसे दुनिया की उन गिनी-चुनी उल्का वर्षाओं में शामिल करता है, जिनका स्रोत क्षुद्रग्रह (asteroid ) है, न कि धूमकेतु (comet )से। यह इसको और ख़ास बनाती है।

क्या है खासियत और कितनी उल्काएं दिखेंगी इस बार_खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस बार दिसंबर 14 की रात्रि में गोरखपुर से एक घण्टे में कम से कम लगभग 40–70 उल्काएँ/घंटा भी दिख सकती हैं जबकि इनका दिखना मौसमी घटनाओं पर भी निर्भर करता है,

कब से कब तक होता है यह अनोखा नज़ारा _ इस बर्ष दिसंबर माह में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 तारीख की रात्रि के दौरान यह उल्का ब्रष्टि अपने चरम सीमा पर होंगी, जिस से इन उल्काओं की ब्रष्टि को और भी अच्छे से देखा जा सकता है,

आकाश में किस तरफ़ से आती हुई दिखाई देंगी उल्काएं _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो आकाश में किसी भी दिशा से आती हुई दिख सकती हैं, लेकिन दिसंबर माह में होने वाली उल्का मिथुन (जैमिनिड्स) उल्का ब्रष्टि को देखने के लिए आपको रात्रि के आकाश में उत्तर-पूर्व (North-East) से शुरुआत कर सकते हैं, फिर पूरा आसमान में देखें लेकिन आकाश में उत्तर-पूर्व दिशा की ओर से आती हुई कुछ ज्यादा दिखाई देंगी , और इनकी दृश्यता भी उच्च कोटि की होगी,

कैसे देखें _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि आप रात्रि के आकाश का अनुसरण करें और इन्हें देखने के लिए बिना किसी ख़ास दूरबीन या बायनोक्यूलर्स या अन्य सहायक उपकरणों के भी यह नज़ारा स्पष्ट दिखाई देगा, इसके लिए किसी भी प्रकार के खास उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी,आप सीधे तौर पर अपने घरों से ही किसी भी साफ़ स्वच्छ अंधेरे वाली जगह से सावधानी पूर्वक ही अपनी साधारण आंखों से ही इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं, शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रकाश प्रदूषण होने के कारण कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोगों को यह नज़ारा और भी मनोहारी दृश्य जैसा दिखाई देगा,
नोट _ध्यान रखें यदि अचानक से बादल, आंधी, बरसात , तूफ़ान आदि की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो यह खूबसूरत नज़ारा दिखाई देना कठिन भी हो सकता है।