2026 में अमेठी को मिलेगा 550 बेड वाला आधुनिक मेडिकल कॉलेज
*योगी सरकार की सौगात : 300 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा अमेठी का स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय

*31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का अस्पताल व क्रिटिकल केयर ब्लॉक होंगे हैंडओवर

*एमबीबीएस से लेकर डीएनबी तक, अमेठी मेडिकल कॉलेज बनेगा चिकित्सा शिक्षा का नया केंद्र*

*नए साल में नर्सिंग कॉलेज समेत चिकित्सा सुविधाओं का होगा व्यापक विस्तार*

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। अमेठी की तिलोई तहसील में स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा इस महाविद्यालय का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वर्तमान में महाविद्यालय से संबद्ध 200 बेड वाले अस्पताल में सेवाएं संचालित हैं, जबकि 31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का नया अस्पताल और 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक हैंडओवर किया जाएगा। इससे कुल बेड की संख्या 550 हो जाएगी, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नर्सिंग कॉलेज का निर्माण भी इसी तिथि तक पूरा होने की उम्मीद है। योगी सरकार की यह पहल अमेठी सहित आसपास के जिलों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। क्षेत्रवासियों का लंबे समय से चला आ रहा मेडिकल कॉलेज का सपना अब साकार हो रहा है और 2026 तक यह संस्थान पूर्ण रूप से 500 प्लस बेड वाले आधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा। *शैक्षणिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। एमबीबीएस कोर्स में 100 सीटें स्वीकृत हैं। पैरामेडिकल क्षेत्र में 11 डिप्लोमा कोर्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें कुल 230 सीटें हैं। इनमें एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर टेक्नीशियन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, इमरजेंसी एवं ट्रॉमा केयर, लैब टेक्नीशियन, ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन जैसे महत्वपूर्ण कोर्स शामिल हैं। *कई विभागों को मिल सकती है डीएनबी की सीटें आगामी सत्र 2026-27 से बीएससी नर्सिंग कोर्स में 60 सीटें शुरू होने की तैयारी है। पोस्टग्रेजुएट स्तर पर डीएनबी कोर्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, एनेस्थीसिया में डिप्लोमा और मेडिसिन में डिग्री कोर्स स्वीकृत हैं। कुछ अन्य कोर्सों का निरीक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम का इंतजार है। *जानिए, अस्पताल में क्या क्या मिल रहीं चिकित्सा सुविधाएं महाविद्यालय से जुड़े अस्पताल में ओपीडी और इनडोर सेवाएं नियमित चल रही हैं। मेडिसिन, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक्स, ईएनटी, डर्मेटोलॉजी समेत कई विभागों में रोजाना 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा हैं।आपातकालीन सेवाएं वर्तमान में 10 बेड पर चल रही हैं, जो नए अस्पताल के शुरू होने पर 30 बेड तक बढ़ जाएंगी। अस्पताल में 7 मेजर और 5 माइनर ऑपरेशन थियेटर, 20 बेड का आईसीयू और एनआईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। 24×7 डायग्नोस्टिक सेवाएं जैसे सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब, ब्लड स्टोरेज, फार्मेसी, ईकोकार्डियोग्राफी और ईसीजी भी मरीजों को मिल रही हैं। *नए वर्ष पर चिकित्सा सुविधाओं में होगा विस्तार मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ रीना शर्मा ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार न सिर्फ योजनाओं को लागू किया जा रहा है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी वृद्धि की जा रही है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग कार्य करा रहा है। उम्मीद है कि हम नए वर्ष में नई किरणों के साथ चिकित्सकीय सुविधाओं में विस्तार करेंगे। *निर्माण पूरा अब फिनिशिंग का कार्य चल रहा लोक निर्माण विभाग सीडी टू के अधिशासी अभियंता उमेश चंद्र ने बताया कि मेडिकल कालेज का भवन अब जी प्लस सिक्स हो गया है। अब सिर्फ फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा महाविद्यालय में डायरेक्टर रूम, नर्सिंग, हॉस्टल आदि का भी कार्य चल रहा है, जिसे सिडको करा रहा है। कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है।
नियमों की उड़ती धज्जियां, फ्लाईऐश के धुएं में घुटता

नबीनगर–बारुण रोड

एनटीपीसी बारुण मुख्य मार्ग इन दिनों कानून की बेबसी और प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर बना हुआ है। इस व्यस्त सड़क पर खुले और ओवरलोड वाहनों से धड़ल्ले से फ्लाईऐश का परिवहन किया जा रहा है, जबकि नियम स्पष्ट हैं कि फ्लाईऐश केवल ढंके हुए वाहनों में ही ले जाई जा सकती है। इसके बावजूद न तो परिवहन नियमों का पालन हो रहा है और न ही संबंधित विभागों की ओर से कोई सख्त कार्रवाई दिखाई दे रही है।

दिन-रात दौड़ते फ्लाईऐश लदे वाहनों से उड़ती राख ने सड़क किनारे बसे इलाकों के लोगों का जीवन दूभर कर दिया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हवा में घुली फ्लाईऐश के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं में खांसी, दमा, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कई लोग सिरदर्द और गले में जलन की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सड़क पर जमी फ्लाईऐश की मोटी परत ने खतरे को और बढ़ा दिया है। फिसलन के कारण दोपहिया वाहन चालक आए दिन हादसों का शिकार हो सकते हैं। पैदल चलने वालों के लिए भी यह मार्ग जान जोखिम में डालने जैसा बन गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि थोड़ी सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

नरारी थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा पानी का छिड़काव कर धूल कम करने का प्रयास जरूर किया जाता है, लेकिन बड़ेम थाना क्षेत्र में हालात पूरी तरह बेकाबू हैं। आरोप है कि बड़ेम थाना प्रशासन इस गंभीर समस्या पर आंख मूंदे बैठा है। बीआरबीसीएल से निकलने वाला फ्लाईऐश एनटीपीसी थाना होते हुए बड़ेम थाना क्षेत्र के मुख्य मार्ग से खुले और ओवरलोड वाहनों में भेजा जा रहा है। यह अवैध परिवहन थाना के सामने से होकर गुजरता है, फिर भी न तो ओवरलोडिंग पर कार्रवाई होती है और न ही नियमों को सख्ती से लागू कराया जाता है।

इस स्थिति से स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। लोग इसे प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत मान रहे हैं। जनता ने जिला प्रशासन और वरीय अधिकारियों से मांग की है कि फ्लाईऐश परिवहन पर तत्काल रोक लगे, नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए और लापरवाह अधिकारियों व थाना प्रभारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

लोगों का साफ कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। स्वास्थ्य और सुरक्षा से हो रहे इस खिलवाड़ की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन की होगी।

कंपकंपाती ठंड में लिपटा औरंगाबाद, घने कोहरे से थमी रफ्तार

,औरंगाबाद। जिले में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बुधवार की सुबह औरंगाबाद घने कोहरे की चादर में लिपटा नजर आया। हालात यह रहे कि कई इलाकों में दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई। कोहरे के चलते सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। हाईवे से लेकर शहर की मुख्य सड़कों और ग्रामीण इलाकों तक वाहन रेंगते नजर आए। कई जगहों पर चालकों ने एहतियातन अपने वाहन रोक दिए, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई।

सुबह के समय दफ्तर, स्कूल और अन्य जरूरी कार्यों के लिए निकलने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को सामने का रास्ता साफ दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रही। कोहरे के साथ चल रही ठंडी हवाओं ने ठिठुरन को और बढ़ा दिया।

मौसम विभाग के अनुसार जिले का न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। हालांकि तापमान सामान्य सर्दी के दायरे में है, लेकिन घना कोहरा और सर्द हवाएं ठंड का असर कहीं अधिक महसूस करा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मौसम में अब तक का सबसे घना कोहरा आज देखने को मिला।

बढ़ती ठंड और कोहरे का असर आम जनजीवन पर साफ दिखाई दिया। सुबह-सुबह काम पर निकलने वाले मजदूर, छात्र और कर्मचारी ठंड से बचाव करते नजर आए। चौक-चौराहों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के आसपास लोग अलाव जलाकर हाथ सेंकते दिखे। हालांकि अब तक प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे जरूरतमंद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र सीरिस के मौसम वैज्ञानिक अनूप चौबे ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों तक कुहासा छाए रहने की संभावना है। सुबह और देर रात को कोहरे की तीव्रता अधिक रह सकती है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि अनावश्यक रूप से सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का प्रयोग करें।

मौसम वैज्ञानिक ने पशुपालकों को भी सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने बताया कि पशुओं को खुले में न बांधें और ठंड से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखें। घने कोहरे और बढ़ती ठंड को देखते हुए लोगों ने प्रशासन से अलाव, रैन बसेरों और अन्य ठंड से बचाव के इंतजाम जल्द करने की मांग की है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

समसपुर में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की मासिक बैठक आयोजित
बहसुमा। मेरठ।भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की मासिक बैठक, जो प्रत्येक माह की 17 तारीख को आयोजित की जाती है, इस माह समसपुर ग्राम में विशेष प्रधान के आवास पर संपन्न हुई। बैठक में संगठन को मजबूत करने और किसान हितों से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष सोर्सिंग प्रधान ने की, जबकि संचालन विशेष प्रधान द्वारा किया गया। पंचायत का नेतृत्व युवा जिला अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) आकाश सिरोही ने किया। बैठक में आगामी किसान समस्याओं को लेकर रणनीति बनाई गई तथा आंदोलनात्मक और संगठनात्मक नीति पर भी विचार-विमर्श हुआ। उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं, फसलों के उचित दाम, बिजली, सिंचाई, गन्ना भुगतान और अन्य स्थानीय मुद्दों पर अपने-अपने सुझाव रखे। बैठक में मुख्य रूप से मोनू, मोहित, सिंधु, शक्ति सिंह, विक्की तेवतिया, रामधन सिसोला, ज्ञानेंद्र सरूरपुर, देवेंद्र सरूरपुर, सोरन प्रधान, अनुज धामा, विक्रांत समसपुर, प्रवीण धुपगढ़ी, नॉटी भूपगढ़ी, प्रतीक, आशा, विशाल खेड़ी, मोनू खेड़ी, मुस्तकीम भाई मवाना, सल्लू भाई मवाना, भगत सिंह मारकापुर, सोहित चौधरी, जीत खान, अंकित चौहान, शोभित चौहान सहित बड़ी संख्या में किसान व कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रदेश उपाध्यक्ष सोर्सिंग प्रधान ने कहा कि संगठन किसानों के हक और अधिकारों के लिए पूरी मजबूती से संघर्ष करता रहेगा। वहीं युवा जिला अध्यक्ष आकाश सिरोही ने सभी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर किसान हित में कार्य करने का आह्वान किया। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई।
संसद में मुखर हज़ारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने किया परमाणु ऊर्जा विधेयक का पुरज़ोर समर्थन

कहा हज़ारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों को कोयले और राख के परिवहन से होने वाले प्रदूषण और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी, परमाणु ऊर्जा से लोगों के जीवन में आयेगा सुधार

हज़ारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार मुखर रहकर जनहित के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया है। इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने भारत को बदलने के उद्देश्य से लाए गए परमाणु ऊर्जा के सतत दोहन और संवर्धन का विधेयक, 2025 जिसे संक्षेप में 'शांति बिल' कहा गया है। उसपर अपना समर्थन वक्तव्य देते हुए इसे भारत का भविष्य, ऊर्जा शक्ति, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व से जुड़ा एक दूरदर्शी और परिवर्तनकारी विधेयक बताया। परमाणु कार्यक्रम के पुरोधा डॉ. होमी भाभा और डॉ. विक्रम साराभाई को नमन करते हुए बीजेपी सांसद सांसद जायसवाल ने चर्चा की शुरुआत की।

सांसद मनीष जायसवाल ने विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष के भय के वातावरण पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल सुरक्षा और दुर्घटना के डर में जीते रहने से किसी राष्ट्र का भविष्य तय हो सकता है? क्या सड़क दुर्घटनाओं के डर से सड़कें बंद कर देनी चाहिए? क्या विमान दुर्घटनाओं के डर से हवाई यात्राएँ रोक दी जानी चाहिए? देश यह नहीं भूला है कि पहले बाहरी शक्तियों के दबाव के कारण परमाणु परीक्षण जैसे निर्णयों पर बार-बार झुकना पड़ा था। कांग्रेस के भय के कारण 25 सालों तक इस निर्णय को लंबित रखा गया। उन्होंने याद दिलाया कि देश ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पोखरण में परमाणु परीक्षण करके विश्व की परवाह किए बिना, भारत को आत्म-सम्मान और सामरिक शक्ति प्रदान की थी ।

सांसद मनीष जायसवाल ने स्पष्ट किया कि आधुनिक भारत ने हर क्षेत्र में दुर्घटनाओं पर नियंत्रण की क्षमता विकसित की है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में इसके पीछे मज़बूत नीतियां, तकनीक और जवाबदेह शासन है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए शासनकाल में दुर्घटनाएँ और अव्यवस्था आम बात थी जबकि आज हर क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ नीतियों को अच्छी तरह से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार डर के आधार पर नहीं, तथ्य, विज्ञान और उत्तरदायित्व के आधार पर निर्णय लेती है। यही कारण है कि आज हम परमाणु क्षमता में भी बढ़ रहे हैं, देश को सशक्त बना रहे हैं और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर रहे हैं।

अपने गृह क्षेत्र झारखंड का उदाहरण देते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने परमाणु ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस ऊर्जा से हम थर्मल पावर (कोयला आधारित बिजली) को रिप्लेस करेंगे, जिससे झारखंड के हज़ारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों को कोयले और राख (झाँई) के परिवहन से होने वाले प्रदूषण और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। इस परमाणु ऊर्जा से हम लोगों के जीवन में सुधार लाएंगे।

अंत में सांसद मनीष जायसवाल ने इस विधेयक को भविष्य की ज़रूरत, वर्तमान की चुनौती का समाधान और भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक बताते हुए इसका पुरज़ोर समर्थन किया ।

प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, घने कोहरे और शीत लहर का अलर्ट

#weatherforecastsnowfallmountainsfogcoldwaveplainsalert_issued

देश की राजधानी दिल्ली समेत देशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी राज्यों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जहां सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट जनजीवन को प्रभावित कर रही है।

आईएमडी के अनुसार उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर में ऊपरी हवाओं में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर फैला है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम भी उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय है, जहां लगभग 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवाओं की रफ्तार 110 नॉट (203.72 किमी) तक पहुंच रही है। इन दोनों प्रणालियों के कारण मौसम को अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है, जिससे ठंड, कोहरा और पहाड़ी इलाकों में मौसम परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग ने 18 से 22 दिसंबर 2025 के बीच उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे और शीत लहर को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में सुबह और भोर के समय दृश्यता बेहद कम रह सकती है। मौसम विभाग ने 18 और 19 दिसंबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में शीत लहर चलने की प्रबल संभावना व्यक्त की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 18 से 23 दिसंबर के दौरान बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पंजाब में भी 20 और 21 दिसंबर को हल्की बारिश के आसार हैं।

विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनों के परिचालन पर असर

उत्तर भारत में घने कोहरे की मार लगातार बढ़ रही है। विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनें लेट चल रही हैं। दिल्‍ली की ओर आने वाली 60 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। इनमें कुछ ट्रेनें डायवर्ट भी की गयी हैं। ट्रेनें छह घंटे से अधिक समय की देरी से चल रही हैं। भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की लिस्‍ट जारी की है। प्रमुख ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, लखनऊ मेल और कई अन्य शामिल हैं।

राजमिस्त्री का बेटा खेलेगा आईपीएल
पंजाब किंग्स ने विशाल निषाद को 30 लाख में खरीदा, संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक कहानी गोरखपुर।गोरखपुर के लिए यह गर्व का क्षण है। एक साधारण परिवार से निकलकर गोरखपुर के युवा क्रिकेटर विशाल निषाद ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। आईपीएल ऑक्शन में पंजाब किंग्स (PBKS) ने विशाल निषाद को उनकी बेस प्राइस 30 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया। 21 वर्षीय विशाल एक राइट आर्म मिस्ट्री स्पिन गेंदबाज हैं और अपनी घातक गेंदबाजी के लिए पहचाने जाते हैं। विशाल निषाद बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह राजघाट थाना क्षेत्र के जंगल अयोध्या प्रसाद लहसड़ी गांव के निवासी हैं। उनके पिता उमेश निषाद पेशे से राजमिस्त्री हैं, जबकि मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद विशाल ने कभी अपने सपनों से समझौता नहीं किया। वह कई बार अपने पिता के साथ मजदूरी के काम में हाथ बंटाते थे, लेकिन दिल में क्रिकेटर बनने का जज्बा हमेशा जिंदा रहा। विशाल की मेहनत और लगन को देखते हुए उनके पिता ने सीमित आय के बावजूद क्रिकेट प्रशिक्षण दिलाने का साहसिक निर्णय लिया। क्रिकेट अकादमी की फीस, किट और आने-जाने के खर्चों को किसी तरह पूरा किया गया। माता-पिता के इस संघर्ष और समर्थन ने विशाल को आगे बढ़ने की ताकत दी। विशाल ने यूपी-टी20 लीग में गोरखपुर लायंस की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। इसी दौरान उन्होंने अनुभवी बल्लेबाज नीतीश राणा को पवेलियन भेजकर क्रिकेट विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनकी जादुई मिस्ट्री स्पिन गेंदबाजी के चलते यह माना जाने लगा था कि आईपीएल में उन पर जरूर बोली लगेगी। वर्तमान में विशाल संस्कृति क्रिकेट एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं, जहां उन्हें कोच कल्याण सिंह का मार्गदर्शन मिल रहा है। कोच का कहना है कि विशाल में एक बड़े खिलाड़ी बनने की पूरी क्षमता है और आने वाले समय में वह पंजाब किंग्स के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। आईपीएल में चयन की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने मिठाइयां बांटी और विशाल की सफलता को संघर्ष और मेहनत की जीत बताया। विशाल निषाद आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।
2026 में अमेठी को मिलेगा 550 बेड वाला आधुनिक मेडिकल कॉलेज
*योगी सरकार की सौगात : 300 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा अमेठी का स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय

*31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का अस्पताल व क्रिटिकल केयर ब्लॉक होंगे हैंडओवर

*एमबीबीएस से लेकर डीएनबी तक, अमेठी मेडिकल कॉलेज बनेगा चिकित्सा शिक्षा का नया केंद्र*

*नए साल में नर्सिंग कॉलेज समेत चिकित्सा सुविधाओं का होगा व्यापक विस्तार*

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। अमेठी की तिलोई तहसील में स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा इस महाविद्यालय का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वर्तमान में महाविद्यालय से संबद्ध 200 बेड वाले अस्पताल में सेवाएं संचालित हैं, जबकि 31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का नया अस्पताल और 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक हैंडओवर किया जाएगा। इससे कुल बेड की संख्या 550 हो जाएगी, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नर्सिंग कॉलेज का निर्माण भी इसी तिथि तक पूरा होने की उम्मीद है। योगी सरकार की यह पहल अमेठी सहित आसपास के जिलों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। क्षेत्रवासियों का लंबे समय से चला आ रहा मेडिकल कॉलेज का सपना अब साकार हो रहा है और 2026 तक यह संस्थान पूर्ण रूप से 500 प्लस बेड वाले आधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा। *शैक्षणिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। एमबीबीएस कोर्स में 100 सीटें स्वीकृत हैं। पैरामेडिकल क्षेत्र में 11 डिप्लोमा कोर्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें कुल 230 सीटें हैं। इनमें एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर टेक्नीशियन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, इमरजेंसी एवं ट्रॉमा केयर, लैब टेक्नीशियन, ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन जैसे महत्वपूर्ण कोर्स शामिल हैं। *कई विभागों को मिल सकती है डीएनबी की सीटें आगामी सत्र 2026-27 से बीएससी नर्सिंग कोर्स में 60 सीटें शुरू होने की तैयारी है। पोस्टग्रेजुएट स्तर पर डीएनबी कोर्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, एनेस्थीसिया में डिप्लोमा और मेडिसिन में डिग्री कोर्स स्वीकृत हैं। कुछ अन्य कोर्सों का निरीक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम का इंतजार है। *जानिए, अस्पताल में क्या क्या मिल रहीं चिकित्सा सुविधाएं महाविद्यालय से जुड़े अस्पताल में ओपीडी और इनडोर सेवाएं नियमित चल रही हैं। मेडिसिन, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक्स, ईएनटी, डर्मेटोलॉजी समेत कई विभागों में रोजाना 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा हैं।आपातकालीन सेवाएं वर्तमान में 10 बेड पर चल रही हैं, जो नए अस्पताल के शुरू होने पर 30 बेड तक बढ़ जाएंगी। अस्पताल में 7 मेजर और 5 माइनर ऑपरेशन थियेटर, 20 बेड का आईसीयू और एनआईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। 24×7 डायग्नोस्टिक सेवाएं जैसे सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब, ब्लड स्टोरेज, फार्मेसी, ईकोकार्डियोग्राफी और ईसीजी भी मरीजों को मिल रही हैं। *नए वर्ष पर चिकित्सा सुविधाओं में होगा विस्तार मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ रीना शर्मा ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार न सिर्फ योजनाओं को लागू किया जा रहा है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी वृद्धि की जा रही है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग कार्य करा रहा है। उम्मीद है कि हम नए वर्ष में नई किरणों के साथ चिकित्सकीय सुविधाओं में विस्तार करेंगे। *निर्माण पूरा अब फिनिशिंग का कार्य चल रहा लोक निर्माण विभाग सीडी टू के अधिशासी अभियंता उमेश चंद्र ने बताया कि मेडिकल कालेज का भवन अब जी प्लस सिक्स हो गया है। अब सिर्फ फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा महाविद्यालय में डायरेक्टर रूम, नर्सिंग, हॉस्टल आदि का भी कार्य चल रहा है, जिसे सिडको करा रहा है। कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है।
नियमों की उड़ती धज्जियां, फ्लाईऐश के धुएं में घुटता

नबीनगर–बारुण रोड

एनटीपीसी बारुण मुख्य मार्ग इन दिनों कानून की बेबसी और प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर बना हुआ है। इस व्यस्त सड़क पर खुले और ओवरलोड वाहनों से धड़ल्ले से फ्लाईऐश का परिवहन किया जा रहा है, जबकि नियम स्पष्ट हैं कि फ्लाईऐश केवल ढंके हुए वाहनों में ही ले जाई जा सकती है। इसके बावजूद न तो परिवहन नियमों का पालन हो रहा है और न ही संबंधित विभागों की ओर से कोई सख्त कार्रवाई दिखाई दे रही है।

दिन-रात दौड़ते फ्लाईऐश लदे वाहनों से उड़ती राख ने सड़क किनारे बसे इलाकों के लोगों का जीवन दूभर कर दिया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हवा में घुली फ्लाईऐश के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं में खांसी, दमा, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कई लोग सिरदर्द और गले में जलन की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सड़क पर जमी फ्लाईऐश की मोटी परत ने खतरे को और बढ़ा दिया है। फिसलन के कारण दोपहिया वाहन चालक आए दिन हादसों का शिकार हो सकते हैं। पैदल चलने वालों के लिए भी यह मार्ग जान जोखिम में डालने जैसा बन गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि थोड़ी सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

नरारी थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा पानी का छिड़काव कर धूल कम करने का प्रयास जरूर किया जाता है, लेकिन बड़ेम थाना क्षेत्र में हालात पूरी तरह बेकाबू हैं। आरोप है कि बड़ेम थाना प्रशासन इस गंभीर समस्या पर आंख मूंदे बैठा है। बीआरबीसीएल से निकलने वाला फ्लाईऐश एनटीपीसी थाना होते हुए बड़ेम थाना क्षेत्र के मुख्य मार्ग से खुले और ओवरलोड वाहनों में भेजा जा रहा है। यह अवैध परिवहन थाना के सामने से होकर गुजरता है, फिर भी न तो ओवरलोडिंग पर कार्रवाई होती है और न ही नियमों को सख्ती से लागू कराया जाता है।

इस स्थिति से स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। लोग इसे प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत मान रहे हैं। जनता ने जिला प्रशासन और वरीय अधिकारियों से मांग की है कि फ्लाईऐश परिवहन पर तत्काल रोक लगे, नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए और लापरवाह अधिकारियों व थाना प्रभारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

लोगों का साफ कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। स्वास्थ्य और सुरक्षा से हो रहे इस खिलवाड़ की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन की होगी।

कंपकंपाती ठंड में लिपटा औरंगाबाद, घने कोहरे से थमी रफ्तार

,औरंगाबाद। जिले में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बुधवार की सुबह औरंगाबाद घने कोहरे की चादर में लिपटा नजर आया। हालात यह रहे कि कई इलाकों में दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई। कोहरे के चलते सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। हाईवे से लेकर शहर की मुख्य सड़कों और ग्रामीण इलाकों तक वाहन रेंगते नजर आए। कई जगहों पर चालकों ने एहतियातन अपने वाहन रोक दिए, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई।

सुबह के समय दफ्तर, स्कूल और अन्य जरूरी कार्यों के लिए निकलने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को सामने का रास्ता साफ दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रही। कोहरे के साथ चल रही ठंडी हवाओं ने ठिठुरन को और बढ़ा दिया।

मौसम विभाग के अनुसार जिले का न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। हालांकि तापमान सामान्य सर्दी के दायरे में है, लेकिन घना कोहरा और सर्द हवाएं ठंड का असर कहीं अधिक महसूस करा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मौसम में अब तक का सबसे घना कोहरा आज देखने को मिला।

बढ़ती ठंड और कोहरे का असर आम जनजीवन पर साफ दिखाई दिया। सुबह-सुबह काम पर निकलने वाले मजदूर, छात्र और कर्मचारी ठंड से बचाव करते नजर आए। चौक-चौराहों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के आसपास लोग अलाव जलाकर हाथ सेंकते दिखे। हालांकि अब तक प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे जरूरतमंद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र सीरिस के मौसम वैज्ञानिक अनूप चौबे ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों तक कुहासा छाए रहने की संभावना है। सुबह और देर रात को कोहरे की तीव्रता अधिक रह सकती है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि अनावश्यक रूप से सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का प्रयोग करें।

मौसम वैज्ञानिक ने पशुपालकों को भी सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने बताया कि पशुओं को खुले में न बांधें और ठंड से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखें। घने कोहरे और बढ़ती ठंड को देखते हुए लोगों ने प्रशासन से अलाव, रैन बसेरों और अन्य ठंड से बचाव के इंतजाम जल्द करने की मांग की है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

समसपुर में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की मासिक बैठक आयोजित
बहसुमा। मेरठ।भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की मासिक बैठक, जो प्रत्येक माह की 17 तारीख को आयोजित की जाती है, इस माह समसपुर ग्राम में विशेष प्रधान के आवास पर संपन्न हुई। बैठक में संगठन को मजबूत करने और किसान हितों से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष सोर्सिंग प्रधान ने की, जबकि संचालन विशेष प्रधान द्वारा किया गया। पंचायत का नेतृत्व युवा जिला अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) आकाश सिरोही ने किया। बैठक में आगामी किसान समस्याओं को लेकर रणनीति बनाई गई तथा आंदोलनात्मक और संगठनात्मक नीति पर भी विचार-विमर्श हुआ। उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं, फसलों के उचित दाम, बिजली, सिंचाई, गन्ना भुगतान और अन्य स्थानीय मुद्दों पर अपने-अपने सुझाव रखे। बैठक में मुख्य रूप से मोनू, मोहित, सिंधु, शक्ति सिंह, विक्की तेवतिया, रामधन सिसोला, ज्ञानेंद्र सरूरपुर, देवेंद्र सरूरपुर, सोरन प्रधान, अनुज धामा, विक्रांत समसपुर, प्रवीण धुपगढ़ी, नॉटी भूपगढ़ी, प्रतीक, आशा, विशाल खेड़ी, मोनू खेड़ी, मुस्तकीम भाई मवाना, सल्लू भाई मवाना, भगत सिंह मारकापुर, सोहित चौधरी, जीत खान, अंकित चौहान, शोभित चौहान सहित बड़ी संख्या में किसान व कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रदेश उपाध्यक्ष सोर्सिंग प्रधान ने कहा कि संगठन किसानों के हक और अधिकारों के लिए पूरी मजबूती से संघर्ष करता रहेगा। वहीं युवा जिला अध्यक्ष आकाश सिरोही ने सभी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर किसान हित में कार्य करने का आह्वान किया। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई।
संसद में मुखर हज़ारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने किया परमाणु ऊर्जा विधेयक का पुरज़ोर समर्थन

कहा हज़ारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों को कोयले और राख के परिवहन से होने वाले प्रदूषण और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी, परमाणु ऊर्जा से लोगों के जीवन में आयेगा सुधार

हज़ारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार मुखर रहकर जनहित के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया है। इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने भारत को बदलने के उद्देश्य से लाए गए परमाणु ऊर्जा के सतत दोहन और संवर्धन का विधेयक, 2025 जिसे संक्षेप में 'शांति बिल' कहा गया है। उसपर अपना समर्थन वक्तव्य देते हुए इसे भारत का भविष्य, ऊर्जा शक्ति, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व से जुड़ा एक दूरदर्शी और परिवर्तनकारी विधेयक बताया। परमाणु कार्यक्रम के पुरोधा डॉ. होमी भाभा और डॉ. विक्रम साराभाई को नमन करते हुए बीजेपी सांसद सांसद जायसवाल ने चर्चा की शुरुआत की।

सांसद मनीष जायसवाल ने विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष के भय के वातावरण पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल सुरक्षा और दुर्घटना के डर में जीते रहने से किसी राष्ट्र का भविष्य तय हो सकता है? क्या सड़क दुर्घटनाओं के डर से सड़कें बंद कर देनी चाहिए? क्या विमान दुर्घटनाओं के डर से हवाई यात्राएँ रोक दी जानी चाहिए? देश यह नहीं भूला है कि पहले बाहरी शक्तियों के दबाव के कारण परमाणु परीक्षण जैसे निर्णयों पर बार-बार झुकना पड़ा था। कांग्रेस के भय के कारण 25 सालों तक इस निर्णय को लंबित रखा गया। उन्होंने याद दिलाया कि देश ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पोखरण में परमाणु परीक्षण करके विश्व की परवाह किए बिना, भारत को आत्म-सम्मान और सामरिक शक्ति प्रदान की थी ।

सांसद मनीष जायसवाल ने स्पष्ट किया कि आधुनिक भारत ने हर क्षेत्र में दुर्घटनाओं पर नियंत्रण की क्षमता विकसित की है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में इसके पीछे मज़बूत नीतियां, तकनीक और जवाबदेह शासन है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए शासनकाल में दुर्घटनाएँ और अव्यवस्था आम बात थी जबकि आज हर क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ नीतियों को अच्छी तरह से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार डर के आधार पर नहीं, तथ्य, विज्ञान और उत्तरदायित्व के आधार पर निर्णय लेती है। यही कारण है कि आज हम परमाणु क्षमता में भी बढ़ रहे हैं, देश को सशक्त बना रहे हैं और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर रहे हैं।

अपने गृह क्षेत्र झारखंड का उदाहरण देते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने परमाणु ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस ऊर्जा से हम थर्मल पावर (कोयला आधारित बिजली) को रिप्लेस करेंगे, जिससे झारखंड के हज़ारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों को कोयले और राख (झाँई) के परिवहन से होने वाले प्रदूषण और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। इस परमाणु ऊर्जा से हम लोगों के जीवन में सुधार लाएंगे।

अंत में सांसद मनीष जायसवाल ने इस विधेयक को भविष्य की ज़रूरत, वर्तमान की चुनौती का समाधान और भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक बताते हुए इसका पुरज़ोर समर्थन किया ।

प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, घने कोहरे और शीत लहर का अलर्ट

#weatherforecastsnowfallmountainsfogcoldwaveplainsalert_issued

देश की राजधानी दिल्ली समेत देशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी राज्यों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जहां सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट जनजीवन को प्रभावित कर रही है।

आईएमडी के अनुसार उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर में ऊपरी हवाओं में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर फैला है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम भी उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय है, जहां लगभग 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवाओं की रफ्तार 110 नॉट (203.72 किमी) तक पहुंच रही है। इन दोनों प्रणालियों के कारण मौसम को अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है, जिससे ठंड, कोहरा और पहाड़ी इलाकों में मौसम परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग ने 18 से 22 दिसंबर 2025 के बीच उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे और शीत लहर को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में सुबह और भोर के समय दृश्यता बेहद कम रह सकती है। मौसम विभाग ने 18 और 19 दिसंबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में शीत लहर चलने की प्रबल संभावना व्यक्त की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 18 से 23 दिसंबर के दौरान बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पंजाब में भी 20 और 21 दिसंबर को हल्की बारिश के आसार हैं।

विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनों के परिचालन पर असर

उत्तर भारत में घने कोहरे की मार लगातार बढ़ रही है। विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनें लेट चल रही हैं। दिल्‍ली की ओर आने वाली 60 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। इनमें कुछ ट्रेनें डायवर्ट भी की गयी हैं। ट्रेनें छह घंटे से अधिक समय की देरी से चल रही हैं। भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की लिस्‍ट जारी की है। प्रमुख ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, लखनऊ मेल और कई अन्य शामिल हैं।

राजमिस्त्री का बेटा खेलेगा आईपीएल
पंजाब किंग्स ने विशाल निषाद को 30 लाख में खरीदा, संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक कहानी गोरखपुर।गोरखपुर के लिए यह गर्व का क्षण है। एक साधारण परिवार से निकलकर गोरखपुर के युवा क्रिकेटर विशाल निषाद ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। आईपीएल ऑक्शन में पंजाब किंग्स (PBKS) ने विशाल निषाद को उनकी बेस प्राइस 30 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया। 21 वर्षीय विशाल एक राइट आर्म मिस्ट्री स्पिन गेंदबाज हैं और अपनी घातक गेंदबाजी के लिए पहचाने जाते हैं। विशाल निषाद बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह राजघाट थाना क्षेत्र के जंगल अयोध्या प्रसाद लहसड़ी गांव के निवासी हैं। उनके पिता उमेश निषाद पेशे से राजमिस्त्री हैं, जबकि मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद विशाल ने कभी अपने सपनों से समझौता नहीं किया। वह कई बार अपने पिता के साथ मजदूरी के काम में हाथ बंटाते थे, लेकिन दिल में क्रिकेटर बनने का जज्बा हमेशा जिंदा रहा। विशाल की मेहनत और लगन को देखते हुए उनके पिता ने सीमित आय के बावजूद क्रिकेट प्रशिक्षण दिलाने का साहसिक निर्णय लिया। क्रिकेट अकादमी की फीस, किट और आने-जाने के खर्चों को किसी तरह पूरा किया गया। माता-पिता के इस संघर्ष और समर्थन ने विशाल को आगे बढ़ने की ताकत दी। विशाल ने यूपी-टी20 लीग में गोरखपुर लायंस की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। इसी दौरान उन्होंने अनुभवी बल्लेबाज नीतीश राणा को पवेलियन भेजकर क्रिकेट विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनकी जादुई मिस्ट्री स्पिन गेंदबाजी के चलते यह माना जाने लगा था कि आईपीएल में उन पर जरूर बोली लगेगी। वर्तमान में विशाल संस्कृति क्रिकेट एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं, जहां उन्हें कोच कल्याण सिंह का मार्गदर्शन मिल रहा है। कोच का कहना है कि विशाल में एक बड़े खिलाड़ी बनने की पूरी क्षमता है और आने वाले समय में वह पंजाब किंग्स के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। आईपीएल में चयन की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने मिठाइयां बांटी और विशाल की सफलता को संघर्ष और मेहनत की जीत बताया। विशाल निषाद आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।