इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय कोयलसा में स्व. रमाशंकर सिंह की 23वीं पुण्यतिथि श्रद्धा एवं भव्यता से संपन्न आजमगढ़।
इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय कोयलसा में सोमवार को शिक्षा जगत के अग्रणी व्यक्तित्व, मालवीय स्वरूप स्व. रमाशंकर सिंह की 23वीं पुण्यतिथि पूरे श्रद्धा-भाव एवं भव्यता के साथ मनाई गई। विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के कई प्रबुद्धजन, शिक्षाविद् और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, प्राचार्य उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. रामअचल सिंह, पूर्व कुलपति अवध विश्वविद्यालय अयोध्या उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंध समिति के अध्यक्ष राम श्रय सिंह (जीएसएसपीजी कॉलेज कोयलसा) ने की, जबकि संचालन पूर्व प्रोफेसर एवं हिंदी विभागाध्यक्ष हरिसेवक पांडेय ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “शिक्षा जगत के मालवीय कहे जाने वाले बाबू रमाशंकर सिंह आज भी अपने कार्यों और आदर्शों के माध्यम से हमारे बीच जीवित हैं। इस क्षेत्र के शैक्षणिक विकास में उनका योगदान अपार है जिसे शब्दों में बांधना कठिन है।” विशिष्ट अतिथि डॉ. रामअचल सिंह ने भी स्व. रमाशंकर सिंह के व्यक्तित्व, दूरदृष्टि और शिक्षा के प्रति समर्पण को भावपूर्ण शब्दों में याद किया।कार्यक्रम में फौजदार सिंह, डॉ. नितिन कुमार सिंह, अभिनव कुमार सिंह, कैलाश नारायण सिंह, गौरव सिंह, प्राचार्य जीएसएसपीजी कॉलेज स्वस्तिक सिंह, अशोक सिंह, श्रीराम पाठक, राधेश्याम सिंह, विद्याभूषण कुलश्रेष्ठ, श्रीमती आशा सिंह, अनुपम सिंह, गीता सिंह, नरेंद्र सिंह, उदयभान सिंह, डॉ. श्याम बृक्ष मौर्य, देवेंद्र यादव, संदीप पांडे, सुनील सिंह, बीरेंद्र सिंह, बालमुकुंद सिंह, रमाशंकर शुक्ल, जंगबहादुर सिंह सहित अनेक सम्मानित लोग मौजूद रहे।कार्यक्रम के अंत में श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया। मंच के माध्यम से यह भी कहा गया कि स्व. रमाशंकर सिंह के सपनों के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान निरंतर प्रगति करता रहेगा।
डबल डेकर बस पलटी, तीन सवारियों की मौत, 25 घायल
लखनऊ । कानपुर के अरौल थाना क्षेत्र के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के आनंद विहार, दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में पांच साल के मासूम समेत तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 25 अन्य लोग घायल हैं। घायलों में 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस में कुल 45 यात्री सवार थे। घटना के बाद बस चालक और परिचालक फरार हो गए।

बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई

यात्रियों के अनुसार, बस दिल्ली से बिहार के सिवान जा रही थी। हादसा किलोमीटर संख्या 216 के पास हुआ। बताया गया कि चालक को अचानक झपकी आ गई, जिससे बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई। घटना के दौरान बस के परखच्चे उड़ गए और टूटे हुए कांच सैकड़ों मीटर तक बिखर गए। बस की रफ्तार अधिक होने के कारण यह लगभग 40-50 फीट तक घिसकती चली गई।पुलिस और राहगीरों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया और सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद HALT अस्पताल रेफर किया गया।

चालक व परिचालक की तलाश जारी

सड़क हादसे में अनुराग (5 वर्ष), पुत्र अजय, बिहार, नसीम आलम (20 वर्ष), बिहार, शशि कुमार (26 वर्ष), पश्चिम बंगाल की मौत हो गई। जबकि अनुराग की मां को गंभीर चोटें आई हैं, उनका इलाज जारी है।सहायक पुलिस आयुक्त मंजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है और घायलों का इलाज किया जा रहा है। पुलिस घटना की जांच कर रही है और चालक व परिचालक की तलाश जारी है।
रायबरेली में बाइक और ट्रक की टक्कर में परिवार समेत 4 की मौत
लखनऊ। रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के मुंशीगंज-डलमऊ राजमार्ग पर सोमवार शाम हुए सड़क हादसे में मंगलवार की सुबह दो और लोगों की मौत हो गई। इससे पहले हादसे में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अब तक कुल चार लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि दो अन्य घायल हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।जानकारी के अनुसार, सरायं दिलावर गांव निवासी आशिक (35) परिवार के साथ रायबरेली गए थे। वापसी में बाइक पर पत्नी शाहीन (30), पुत्री अरीबा (10) और बेटे अरसम (4) के साथ लौट रहे थे। इसी दौरान खड़गपुर कुर्मियाना निवासी राजकुमार (35) अपने दोस्त के साथ बाइक पर घर लौट रहे थे।

चार मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल

हादसा चौदह मील के पास हुआ, जब डलमऊ से रायबरेली की ओर जा रहे ट्रक ने पहले आशिक की बाइक में टक्कर मारी और फिर राजकुमार व उसके दोस्त को रौंद दिया। मौके पर आशिक और उसका चार वर्षीय बेटा अरसम की मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान शाहीन और राजकुमार की भी मौत हो गई।मौतों से परिवारों में कोहराम मचा है। सरायं दिलावर गांव में पति-पत्नी और बेटे की मौत से सन्नाटा पसरा हुआ है और पूरे गांव में मातम का माहौल है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और घायलों का इलाज किया जा रहा है।
लखनऊ पर आतंक का खतरा: महिला आतंकी डॉ. शाहीन शाहिद की मास्टरमाइंडिंग का पर्दाफाश, यूपी के कई शहरों पर था हमला निशाना


लखनऊ । आगामी छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने का प्रयास हुआ, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इसे नाकाम कर दिया। राजधानी लखनऊ के खंदारी बाजार निवासी डॉ. शाहीन शाहिद और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी सहित पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन इस गिरोह की मास्टरमाइंड थीं और उनका लक्ष्य सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि यूपी के कई प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाना था।

दिल्ली धमाके के बाद यूपी को भी बनाया था निशाना

सूत्रों के मुताबिक, लाल किला मैट्रो स्टेशन में हुए बम धमाके के बाद यह गिरोह लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना बना रहा था। डॉ. शाहीन और उसके सहयोगी देश विरोधी एजेंडों के तहत सक्रिय थे और उनका मकसद सामाजिक भय फैलाना और आतंक को बढ़ावा देना था।

जांच में यह भी पता चला कि डॉ. शाहीन ने सऊदी अरब में करीब चार साल तक एक प्रमुख अस्पताल में काम किया। इसी दौरान उनका संपर्क कश्मीरी मूल के डॉक्टरों और संभावित आतंकियों से हुआ। लौटने के बाद वह फरीदाबाद और लखनऊ में सक्रिय रही।

एनआईए और एटीएस ने शुरू की गहन पड़ताल

जांच एजेंसियों ने लालबाग और मड़ियांव स्थित आवासों से बरामद दस्तावेजों, लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड ड्राइव की गहन फोरेंसिक पड़ताल शुरू कर दी है। एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क कर डिजिटल उपकरणों की जांच की रिपोर्ट मंगवाई है। इसके अलावा एटीएस सहारनपुर और कानपुर में उनके वाहनों और सहयोगियों की जानकारी जुटा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज की गाड़ियों की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है। इसकी मदद से यह पता लगाया जाएगा कि क्या उनके जरिए अमोनियम नाइट्रेट, फर्टिलाइजर या अन्य विस्फोटक सामग्री कहीं भेजी गई थी। एनआईए की टीम अयोध्या का भी रुख करेगी, क्योंकि डॉ. परवेज ने अयोध्या में इंटर्नशिप की थी और वहां उसके संपर्कों की पड़ताल आवश्यक मानी जा रही है।

महिला आतंकी का नेटवर्क देशभर में फैला

एटीएस और पुलिस की जांच में यह सामने आया कि डॉ. शाहीन और उसके भाई के संपर्क में लखनऊ और यूपी के आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध हैं। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह जम्मू-कश्मीर से लेकर यूपी तक सक्रिय था और उनका नेटवर्क कई शहरों और संस्थाओं तक फैला हुआ था। एनआईए और एटीएस इस नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने और देश के भीतर इसके संपर्कों को तोड़ने में जुटी हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने बड़े हादसों को रोका

विशेषज्ञों का कहना है कि महिला आतंकी के सक्रिय होने से यूपी में बड़े आतंकी हमलों की गंभीर आशंका थी। लेकिन समय पर गिरफ्तारी और गहन जांच ने बड़े हादसों को टाल दिया। बरामद दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्यों से अब तक यह पता चला है कि गिरोह का दायरा दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी तक फैला हुआ था।

जांच का अगला चरण

बता दें कि डॉक्टर शाहीन बम धमाके की मास्टरमाइंड बताई जा रही है जबकि डॉ परवेज उसका सबसे भरोसेमंद मददगार बताया जा रहा है। इनके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हैं इसके बारे में जांच एजेंसियां, एटीएस और पुलिस इनकी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।एनआईए और एटीएस की नजर अब गिरोह के पूरा नेटवर्क खंगालने, इसके सहयोगियों की पहचान करने और विदेशों से जुड़े कनेक्शन उजागर करने पर केंद्रित है। फोरेंसिक जांच, दस्तावेजों की पड़ताल और संदिग्धों से पूछताछ के बाद ही गिरोह की पूरी साजिश उजागर हो पाएगी।
आजमगढ़: सीधा सुल्तान में संत पति स्वामी शिवनारायण पंथ का हुआ सम्मेलन , वहीं भक्ति रस की अविरल धारा
आजमगढ़ । मिर्जापुर विकास खण्ड में पड़ने वाले सीधा सुल्तान गांव स्थित संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर पर संत पति स्वामी शिवनारायण पंथ का सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में संत महात्माओं द्वारा संत संग प्रवचन भजन कीर्तन सुन लोग भाव विभोर हो गये। सम्मेलन का शुभारंभ‌ पंथ के धार्मिक पुस्तक गुरु अनन्यास के पूजन अर्चन के साथ हुआ। संत महात्माओं द्वारा भजन कीर्तन सुन लोग मनमुग्ध हो गये। पंथ के संत महात्माओं ने सामाजिक कुरीतियों को दूर कर शिव नारायण जी के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। कहा कि जाति ने पूछों जाति की,पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार की,पडन रहन दो म्यान। कहा कि जाति विरादरी से ऊपर उठकर ज्ञान जहां से भी मिल जा रहा है ले लेना चाहिए। कार्यक्रम में संत लाल त्यागी,दुर्वासा रविदास मंदिर के महंत राजकुमार गोपीनाथ, सोमनाथ, सोमनाथ, वीरेंद्र भारती, सरवन कुमार , ज्ञानेश्वर, रामाश्रय ,अनौरा, मास्टर, पलकधारी, साहब अंबारी सुभाष महंत बस्ती पलटन दास ब्रिगेड रामलवट, राम निहोर , बाबा सौदागर ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्वामी शिवनारायण जी महाराज जाति पांति ढोंग पाखंड के प्रबल विरोधी व समता मूलक समाज के समर्थक थे। उनके विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है।अंत में आयोजक संतलाल त्यागी ने सबका आभार व्यक्त किया।
कुडमी समुदाय की एसटी मांग के विरोध में हजारीबाग में उलगुलान जन आक्रोश रैली सम्पन्न

हजारीबाग- कुडमी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में 17 नवम्बर को हजारीबाग के सरहुल मैदान में आदिवासी केंद्रीय सरना समिति की अगुवाई में उलगुलान जन आक्रोश रैली का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष महेंद्र बेक ने की, जबकि संचालन कार्यकारी अध्यक्ष मनोज टुडू ने पवन तिग्गा, विक्की कुमार धान, मनोज भोक्ता, विजय भोक्ता, सहदेव किस्कू और फुलवा कच्छप के साथ संयुक्त रूप से संभाला।

सुबह से ही हजारीबाग सहित रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह और रांची जिलों से पारंपरिक पोशाक और वाद्ययंत्रों के साथ भारी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग सरहुल मैदान में जुटने लगे। निर्धारित मार्ग के अनुसार जुलूस सरहुल मैदान से निकलकर पंच मंदिर, झंडा चौक, इंद्रपुरी चौक, जिला चौक, बिरसा मुंडा चौक और सिद्धू-कानू चौक होते हुए पुनः सरहुल मैदान वापस लौटा।

सभा में कई वक्ताओं ने कुडमी समुदाय की एसटी मांग को राजनीतिक प्रयोजन बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया।

ज्योत्स्ना केरकेट्टा ने अपने संबोधन में कहा कि यह मांग अवसरवाद का उदाहरण है और इससे आदिवासी समुदाय को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।

केंद्रीय महिला अध्यक्ष निशा भगत ने कहा कि आदिवासी समाज की आवाज़ कोई दबा नहीं सकता और हक-अधिकार की लड़ाई निरंतर जारी रहेगी।

शशि पन्ना ने दावा किया कि संविधान के विभिन्न विभाग पहले भी इस मांग को खारिज कर चुके हैं और इतिहास में भी आदिवासी एवं कुर्मी समुदायों के बीच समानता नहीं पाई जाती।

फूलचंद तिर्की ने कहा कि कुडमी और कुर्मी एक ही समुदाय हैं तथा नाम बदलकर भ्रम फैलाया जा रहा है।

सचिव सह मीडिया प्रभारी विक्की कुमार धान ने कहा कि यह मांग आदिवासी समाज की एकता को कमजोर करने की कोशिश है, लेकिन अब समुदाय पूरी तरह जागरूक है और गलत प्रयासों का विरोध करेगा।

महासचिव संजय तिर्की ने जनसैलाब को आदिवासी समाज की एकजुटता का प्रमाण बताया।

रैली की तैयारी को लेकर 2 नवम्बर और 9 नवम्बर 2025 को सरहुल मैदान स्थित धूम कुड़िया भवन में दो महत्वपूर्ण बैठकें हुई थीं। पहली बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष जगन कच्छप ने और संचालन मनोज टुडू ने किया। दूसरी बैठक की अध्यक्षता महेंद्र बेक ने की। दोनों बैठकों में 16 प्रखंडों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, पाहान एवं बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से 17 नवम्बर को रैली आयोजित करने का निर्णय लिया गया। तैयारी के लिए सभी प्रखंडों से प्रभारी नियुक्त किए गए और जिलेभर के विभिन्न संगठनों ने सहयोग किया।

सभा व रैली के बाद प्रतिनिधियों का एक समूह पैदल मार्च करते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुँचा और कुडमी समुदाय को एसटी सूची में शामिल न करने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। पूर्ण कार्यक्रम शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। उपस्थित प्रतिनिधियों और संगठनों ने आगे भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलंद करने का संकल्प लिया।

40वे अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन प्रयागराज जिलाधिकारी ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।आगामी 19 नवम्बर को आयोजित होने जा रही 40वी अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन को लेकर सोमवार को संगम सभागार में जिलाधिकारी मनीष वर्मा द्वारा विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।इस दौरान उन्होंने मैराथन के इतिहास तैयारियो मार्ग सुरक्षा व्यवस्था और खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्राइजमनी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रयागराज की पावन भूमि पर आयोजित होने वाली यह मैराथन देश की एकमात्र ऐसी प्रतियोगिता है जिसका आयोजन लगातार 1985 से प्रतिवर्ष 19 नवम्बर को—पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की जयंती पर—किया जाता रहा है।जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष मैराथन का 40वां संस्करण विशेष रूप से भव्य और ऐतिहासिक होगा।मैराथन की कुल दूरी 42.195 किमी निर्धारित है,जिसमे पुरुष और महिला दोनों वर्गो के धावक भाग लेगे।मैराथन सुबह 5:30 बजे आनंद भवन से शुरू होगी एवं अपने निर्धारित मार्ग—लाल भवन लोकसेवा आयोग तेलियरगंज सहसो हाइकोर्ट स्टैनली रोड दारागंज काली सड़क बसीरगंज कंधरपुर झूंसी होकर पुनःउसी मार्ग से वापस लौटते हुए तेलियरगंज से होते हुए आनंद भवन—पर समाप्त होगी।जिलाधिकारी ने बताया कि धावकों की सुरक्षा ट्रैफिक कंट्रोल मेडिकल सहायता वाटर पॉइंट तथा रूट मॉनिटरिंग के लिए व्यापक इंतजाम किए गए है।उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पुलिस विभाग खेल विभाग तथा नगर निगम सहित कई एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ सौंप दी गई हैं। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि मैराथन के संचालन में कोई त्रुटि न रहे। मेडिकल एम्बुलेंस प्रथम उपचार केंद्र और वॉलंटियर टीमों को भी तैनात किया जाएगा।प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरस्कारो की घोषणा भी की गई।जिलाधिकारी ने बताया कि पुरुष तथा महिला दोनों वर्गों में प्रथम पुरस्कार 2,00,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 1,00,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार 40,000 रुपये दिया जाएगा। इसके अलावा 11 से 15 स्थान पाने वाले खिलाड़ियों को 10,000 रुपये प्रत्येक तथा 16 से 20 स्थान पाने वालों को 5,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।जिलाधिकारी ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और प्रतियोगिता के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए यह प्राइज स्ट्रक्चर तैयार किया गया है।उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय धावको का इस मैराथन से गहरा जुड़ाव रहा है। कई राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय धावक इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके है जिससे प्रयागराज की इस मैराथन को वैश्विक पहचान मिली है।जिलाधिकारी ने अंत में शहरवासियो से अपील की कि आयोजन के दिन यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने में प्रशासन का सहयोग करें और धावकों का उत्साहवर्धन करें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की पहचान बन चुकी इंदिरा मैराथन को सफल बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

आबकारी मंत्री ने मदिरा खरीद की व्यवस्था पारदर्शी बनाने के लिए ‘यूपी एक्साईज सिटिजेन ऐप’ का शुभारंभ किया
* ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं को मदिरा से संबंधित मिलेगी समस्त प्रकार की जानकारी

* विसंगति मिलने पर टोलफ्री नं. 14405 उपभोक्ता कर सकते हैं शिकायत : नितिन अग्रवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने आज गन्ना संस्थान स्थित सभागार में ‘यूपी एक्साईज सिटिजेन ऐप’ का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने कहा कि आबकारी विभाग देशी शराब की दुकानों, कम्पोजिट दुकानों, माडल शॉप, प्रीमियम रिटेल वेन्ड्स एवं बार अनुज्ञापनों से मानक मदिरा/बीयर आदि की बिक्री कराये जाने हेतु दृढ़संकल्पित है। इसी क्रम में मदिरा/बीयर उपभोक्ताओं के प्रति पूर्ण पारदर्शिता प्रदर्शित करते हुये सर्वसुलभ ‘यूपी एक्साईज सिटिजेन ऐप’ तैयार किया गया है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर एवं ऐप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है। ऐप को किसी भी नागरिक/उपभोक्ता द्वारा अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से किसी भी मदिरा की दुकान से विक्रीत मदिरा की बोतल/ एसेप्टिक ब्रिक पैक/कैन आदि पर चस्पा एक्साइज एढेसिव लेबिल पर छपे क्यू.आर. कोड को स्कैन कर संबंधित मदिरा की बोतल से संबंधित समस्त आवश्यक सूचनायें देखी जा सकती हैं। बोतल के लेबिल पर छपे विवरणों तथा संबंधित फुटकर दुकान के विवरणों से इनका सत्यापन किया जा सकता है।

आबकारी मंत्री ने कहा कि क्यू.आर. कोड स्कैन करते ही मोबाइल स्क्रीन पर ब्राण्ड का नाम व भरी हुयी मदिरा की तीव्रता प्रदर्शित होने लगेगी, जिसमें बीयर, वाइन, एल.ए.बी, व्हिस्की, वोदका, रम, जिन, देशी शराब, यू.पी.एम.एल. शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से पैकिंग टाइप (ग्लास बोतल/पेट बोतल/एसेप्टिक ब्रिक पैक(टेट्रा पैक)/कैन आदि को देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त मदिरा आपूर्ति का प्रकार, एम.आर.पी.,  संबंधित फुटकर दुकान का नाम व शॉप आई.डी. सहित अन्य विवरण पर ऐप पर प्रदर्शित होंगे। इसके अलावा संबंधित थोक अनुज्ञापन का नाम व फुटकर दुकान पर स्टाक-इन किये जाने की तिथि की भी जानकारी उपलब्ध हो जायेगी।

आबकारी मंत्री ने नागरिकों से यह अपील करते हुए कहा है कि यदि वे किसी फुटकर दुकान से मदिरा/बीयर की कोई बोतल क्रय करते समय ''UP Excise Citizen App'' के माध्यम से परीक्षण कर लें। यदि कोई भी विसंगति प्रकाश में आती है तब इसकी सूचना तत्काल संबंधित जिला आबकारी अधिकारी अथवा आबकारी विभाग के टोलफ्री हेल्पलाइन नं. 14405 पर अवश्य दें। इसके अतिरिक्त ऐप में उपलब्ध ''Grievance'' मीनू का प्रयोग करते हुये IGRS के माध्यम से शिकायत भी दर्ज करायी जा सकती है।
डी पी पब्लिक स्कूल के वार्षिक खेलकूद में ग्रीन हाउस बना विजेता।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।डी पी पब्लिक स्कूल के वार्षिक खेलकूद समारोह में ग्रीन हाउस ओवरऑल चैंपियनशिप प्राप्त करके पहले स्थान पर रहा।येलो हाउस द्वितीय और ब्लू हाउस तृतीय स्थान पर रहा।कालेज प्रांगढ़ में रविवार को खेल के संग सफलता के रंग थीम पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि शिवकुमार राय अपर आयकर आयुक्त, प्रयागराज और उनकी पत्नी डॉ.मधु श्रीवास्तव पूर्व लेक्चरार नागरिक शास्त्र राजकीय इण्टर कॉलेज नोएडा सहित अन्य विशिष्ट अतिथियो ने दीप प्रज्वलन करके की।विद्यालय के प्रबन्धक अंकुर अग्रवाल ने मशाल जलाकर और गुब्बारे उड़ाकर खेल दिवस का उद्घाटन किया।इसके बाद चारों हाउस के विद्यार्थियो ने आकर्षक मार्चपास्ट किया। मैदान में विद्यार्थियो की प्रस्तुतियों ने उत्साह भर दिया। योग प्रदर्शन के बाद प्री-प्राइमरी के बच्चों ने मजेदार रेस में भाग लिया।प्राइमरी वर्ग के विद्यार्थियो ने पी.टी.ड्रिल और विभिन्न रेसो में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।कक्षा 5 से 8 की छात्राओ ने प्रभावशाली मार्शल आर्ट प्रस्तुति दी और कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियो ने शानदार बास्केटबॉल ड्रिब्लिंग दिखाया।विभिन्न कक्षा के विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति पर आधारित सुंदर पिरामिड फॉर्मेशन प्रस्तुत किया जबकि रस्साकसी ने दर्शको में रोमांच बढ़ा दिया।विभिन्न प्रतियोगिताओ के विजेताओं को डॉ.मधु श्रीवास्तव और अन्य अतिथियों ने पदक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए।विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष शरद अग्रवाल निदेशक श्रुति अग्रवाल और वंदना अग्रवाल ने प्रतिभागियो का उत्साह बढ़ाया।समापन प्रधानाचार्या सुरिंदर कौर खालसा ने धन्यवाद ज्ञापन एवं कोऑर्डिनेटर सविता श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया। क्रीड़ाध्यापक सचिन प्रकाश सिंह और रवि प्रकाश मौर्य ने समारोह के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सोनभद्र खदान हादसा: ड्रिलिंग के दौरान चट्टान धसी, पांच मजदूरों की मौत, मलबे में दबे अन्य 10 से अधिक लोग, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की राहत अभियान जारी

सोनभद्र । ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खदान में शनिवार दोपहर हुए भयानक हादसे ने मजदूरों और उनके परिवारों को हिला कर रख दिया है। खदान में ड्रिलिंग के दौरान अचानक चट्टान धसक गई, जिससे कम से कम 15 मजदूर मलबे में दब गए। दो दिन के लगातार रेस्क्यू अभियान के बाद अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अन्य मजदूरों की तलाश युद्धस्तर पर जारी है।

मृतकों की पहचान

अमरिनिया टोला, परसोई ग्राम पंचायत, ओबरा: राजू सिंह गोंड (शव रविवार की सुबह बरामद)

पनारी ग्राम पंचायत, करमसार टोला: संतोष यादव (30), इंद्रजीत यादव (32)

कोन, कचनरवा गांव: रविंद्र उर्फ नानक

एक अन्य मजदूर की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पहचान के लिए केवल मृतकों के स्वजन ही पोस्टमार्टम हाउस में प्रवेश कर पा रहे हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन और मुश्किलें

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ की 100 से अधिक जवानों की टीम मलबे में दबे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार काम कर रही है। खदान की गहराई लगभग 150–200 फीट है और भारी मलबा बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है।एक बड़ी चट्टान के नीचे कई मजदूर फंसे हुए हैं, जिसे तोड़ने में काफी समय लग रहा है।बचाव दल रात-दिन जुटा हुआ है, लेकिन मलबे और अंधेरे की स्थिति में रेस्क्यू की गति अपेक्षित नहीं रही।प्रशासन ने दुर्घटना स्थल को अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर, आम लोगों और मीडिया का प्रवेश रोक दिया है।

हादसे का समय और कारण

हादसा शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे हुआ।श्री कृष्णा माइनिंग वर्क्स कंपनी की पत्थर खदान में ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग का काम चल रहा था।नौ कंप्रेशर मशीनों पर 18 मजदूर काम कर रहे थे।अचानक एक तरफ से चट्टान धसक गई और मलबा लगभग 150 फीट नीचे गिर गया।तीन मजदूर किसी तरह बचकर बाहर आए, लेकिन अन्य 15 से अधिक मजदूर मलबे में फंस गए।

प्रशासनिक पहल और सुरक्षा उपाय

ओबरा के एसपी और सीओ सिटी रणधीर मिश्र की अगुवाई में सुरक्षा बल तैनात हैं।जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।दुर्घटना के कारणों और जिम्मेदारों का जल्द पता लगाया जाएगा।सुरक्षा कारणों से दुर्घटना स्थल पर आम जनता और बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

गांवों में मातम और हाहाकार

मलबे में फंसे मजदूरों के परिवार शोकाकुल हैं।आसपास के गांवों में हाहाकार मचा हुआ है, क्योंकि कई परिवार अब भी अपने परिजनों की तलाश में हैं।राहत कार्य में हरसंभव प्रयास किया जा रहा है कि दबे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।अधिकारियों का कहना है कि मलबे की बड़ी चट्टान को हटाने के बाद ही बचे हुए मजदूरों की संख्या और स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी।राहत और बचाव अभियान जारी है, और प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और सावधानी बरती जा रही है।

इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय कोयलसा में स्व. रमाशंकर सिंह की 23वीं पुण्यतिथि श्रद्धा एवं भव्यता से संपन्न आजमगढ़।
इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय कोयलसा में सोमवार को शिक्षा जगत के अग्रणी व्यक्तित्व, मालवीय स्वरूप स्व. रमाशंकर सिंह की 23वीं पुण्यतिथि पूरे श्रद्धा-भाव एवं भव्यता के साथ मनाई गई। विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के कई प्रबुद्धजन, शिक्षाविद् और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, प्राचार्य उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. रामअचल सिंह, पूर्व कुलपति अवध विश्वविद्यालय अयोध्या उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंध समिति के अध्यक्ष राम श्रय सिंह (जीएसएसपीजी कॉलेज कोयलसा) ने की, जबकि संचालन पूर्व प्रोफेसर एवं हिंदी विभागाध्यक्ष हरिसेवक पांडेय ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “शिक्षा जगत के मालवीय कहे जाने वाले बाबू रमाशंकर सिंह आज भी अपने कार्यों और आदर्शों के माध्यम से हमारे बीच जीवित हैं। इस क्षेत्र के शैक्षणिक विकास में उनका योगदान अपार है जिसे शब्दों में बांधना कठिन है।” विशिष्ट अतिथि डॉ. रामअचल सिंह ने भी स्व. रमाशंकर सिंह के व्यक्तित्व, दूरदृष्टि और शिक्षा के प्रति समर्पण को भावपूर्ण शब्दों में याद किया।कार्यक्रम में फौजदार सिंह, डॉ. नितिन कुमार सिंह, अभिनव कुमार सिंह, कैलाश नारायण सिंह, गौरव सिंह, प्राचार्य जीएसएसपीजी कॉलेज स्वस्तिक सिंह, अशोक सिंह, श्रीराम पाठक, राधेश्याम सिंह, विद्याभूषण कुलश्रेष्ठ, श्रीमती आशा सिंह, अनुपम सिंह, गीता सिंह, नरेंद्र सिंह, उदयभान सिंह, डॉ. श्याम बृक्ष मौर्य, देवेंद्र यादव, संदीप पांडे, सुनील सिंह, बीरेंद्र सिंह, बालमुकुंद सिंह, रमाशंकर शुक्ल, जंगबहादुर सिंह सहित अनेक सम्मानित लोग मौजूद रहे।कार्यक्रम के अंत में श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया। मंच के माध्यम से यह भी कहा गया कि स्व. रमाशंकर सिंह के सपनों के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान निरंतर प्रगति करता रहेगा।
डबल डेकर बस पलटी, तीन सवारियों की मौत, 25 घायल
लखनऊ । कानपुर के अरौल थाना क्षेत्र के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के आनंद विहार, दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में पांच साल के मासूम समेत तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 25 अन्य लोग घायल हैं। घायलों में 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस में कुल 45 यात्री सवार थे। घटना के बाद बस चालक और परिचालक फरार हो गए।

बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई

यात्रियों के अनुसार, बस दिल्ली से बिहार के सिवान जा रही थी। हादसा किलोमीटर संख्या 216 के पास हुआ। बताया गया कि चालक को अचानक झपकी आ गई, जिससे बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई। घटना के दौरान बस के परखच्चे उड़ गए और टूटे हुए कांच सैकड़ों मीटर तक बिखर गए। बस की रफ्तार अधिक होने के कारण यह लगभग 40-50 फीट तक घिसकती चली गई।पुलिस और राहगीरों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया और सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद HALT अस्पताल रेफर किया गया।

चालक व परिचालक की तलाश जारी

सड़क हादसे में अनुराग (5 वर्ष), पुत्र अजय, बिहार, नसीम आलम (20 वर्ष), बिहार, शशि कुमार (26 वर्ष), पश्चिम बंगाल की मौत हो गई। जबकि अनुराग की मां को गंभीर चोटें आई हैं, उनका इलाज जारी है।सहायक पुलिस आयुक्त मंजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है और घायलों का इलाज किया जा रहा है। पुलिस घटना की जांच कर रही है और चालक व परिचालक की तलाश जारी है।
रायबरेली में बाइक और ट्रक की टक्कर में परिवार समेत 4 की मौत
लखनऊ। रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के मुंशीगंज-डलमऊ राजमार्ग पर सोमवार शाम हुए सड़क हादसे में मंगलवार की सुबह दो और लोगों की मौत हो गई। इससे पहले हादसे में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अब तक कुल चार लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि दो अन्य घायल हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।जानकारी के अनुसार, सरायं दिलावर गांव निवासी आशिक (35) परिवार के साथ रायबरेली गए थे। वापसी में बाइक पर पत्नी शाहीन (30), पुत्री अरीबा (10) और बेटे अरसम (4) के साथ लौट रहे थे। इसी दौरान खड़गपुर कुर्मियाना निवासी राजकुमार (35) अपने दोस्त के साथ बाइक पर घर लौट रहे थे।

चार मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल

हादसा चौदह मील के पास हुआ, जब डलमऊ से रायबरेली की ओर जा रहे ट्रक ने पहले आशिक की बाइक में टक्कर मारी और फिर राजकुमार व उसके दोस्त को रौंद दिया। मौके पर आशिक और उसका चार वर्षीय बेटा अरसम की मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान शाहीन और राजकुमार की भी मौत हो गई।मौतों से परिवारों में कोहराम मचा है। सरायं दिलावर गांव में पति-पत्नी और बेटे की मौत से सन्नाटा पसरा हुआ है और पूरे गांव में मातम का माहौल है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और घायलों का इलाज किया जा रहा है।
लखनऊ पर आतंक का खतरा: महिला आतंकी डॉ. शाहीन शाहिद की मास्टरमाइंडिंग का पर्दाफाश, यूपी के कई शहरों पर था हमला निशाना


लखनऊ । आगामी छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने का प्रयास हुआ, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इसे नाकाम कर दिया। राजधानी लखनऊ के खंदारी बाजार निवासी डॉ. शाहीन शाहिद और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी सहित पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन इस गिरोह की मास्टरमाइंड थीं और उनका लक्ष्य सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि यूपी के कई प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाना था।

दिल्ली धमाके के बाद यूपी को भी बनाया था निशाना

सूत्रों के मुताबिक, लाल किला मैट्रो स्टेशन में हुए बम धमाके के बाद यह गिरोह लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना बना रहा था। डॉ. शाहीन और उसके सहयोगी देश विरोधी एजेंडों के तहत सक्रिय थे और उनका मकसद सामाजिक भय फैलाना और आतंक को बढ़ावा देना था।

जांच में यह भी पता चला कि डॉ. शाहीन ने सऊदी अरब में करीब चार साल तक एक प्रमुख अस्पताल में काम किया। इसी दौरान उनका संपर्क कश्मीरी मूल के डॉक्टरों और संभावित आतंकियों से हुआ। लौटने के बाद वह फरीदाबाद और लखनऊ में सक्रिय रही।

एनआईए और एटीएस ने शुरू की गहन पड़ताल

जांच एजेंसियों ने लालबाग और मड़ियांव स्थित आवासों से बरामद दस्तावेजों, लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड ड्राइव की गहन फोरेंसिक पड़ताल शुरू कर दी है। एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क कर डिजिटल उपकरणों की जांच की रिपोर्ट मंगवाई है। इसके अलावा एटीएस सहारनपुर और कानपुर में उनके वाहनों और सहयोगियों की जानकारी जुटा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज की गाड़ियों की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है। इसकी मदद से यह पता लगाया जाएगा कि क्या उनके जरिए अमोनियम नाइट्रेट, फर्टिलाइजर या अन्य विस्फोटक सामग्री कहीं भेजी गई थी। एनआईए की टीम अयोध्या का भी रुख करेगी, क्योंकि डॉ. परवेज ने अयोध्या में इंटर्नशिप की थी और वहां उसके संपर्कों की पड़ताल आवश्यक मानी जा रही है।

महिला आतंकी का नेटवर्क देशभर में फैला

एटीएस और पुलिस की जांच में यह सामने आया कि डॉ. शाहीन और उसके भाई के संपर्क में लखनऊ और यूपी के आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध हैं। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह जम्मू-कश्मीर से लेकर यूपी तक सक्रिय था और उनका नेटवर्क कई शहरों और संस्थाओं तक फैला हुआ था। एनआईए और एटीएस इस नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने और देश के भीतर इसके संपर्कों को तोड़ने में जुटी हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने बड़े हादसों को रोका

विशेषज्ञों का कहना है कि महिला आतंकी के सक्रिय होने से यूपी में बड़े आतंकी हमलों की गंभीर आशंका थी। लेकिन समय पर गिरफ्तारी और गहन जांच ने बड़े हादसों को टाल दिया। बरामद दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्यों से अब तक यह पता चला है कि गिरोह का दायरा दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी तक फैला हुआ था।

जांच का अगला चरण

बता दें कि डॉक्टर शाहीन बम धमाके की मास्टरमाइंड बताई जा रही है जबकि डॉ परवेज उसका सबसे भरोसेमंद मददगार बताया जा रहा है। इनके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हैं इसके बारे में जांच एजेंसियां, एटीएस और पुलिस इनकी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।एनआईए और एटीएस की नजर अब गिरोह के पूरा नेटवर्क खंगालने, इसके सहयोगियों की पहचान करने और विदेशों से जुड़े कनेक्शन उजागर करने पर केंद्रित है। फोरेंसिक जांच, दस्तावेजों की पड़ताल और संदिग्धों से पूछताछ के बाद ही गिरोह की पूरी साजिश उजागर हो पाएगी।
आजमगढ़: सीधा सुल्तान में संत पति स्वामी शिवनारायण पंथ का हुआ सम्मेलन , वहीं भक्ति रस की अविरल धारा
आजमगढ़ । मिर्जापुर विकास खण्ड में पड़ने वाले सीधा सुल्तान गांव स्थित संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर पर संत पति स्वामी शिवनारायण पंथ का सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में संत महात्माओं द्वारा संत संग प्रवचन भजन कीर्तन सुन लोग भाव विभोर हो गये। सम्मेलन का शुभारंभ‌ पंथ के धार्मिक पुस्तक गुरु अनन्यास के पूजन अर्चन के साथ हुआ। संत महात्माओं द्वारा भजन कीर्तन सुन लोग मनमुग्ध हो गये। पंथ के संत महात्माओं ने सामाजिक कुरीतियों को दूर कर शिव नारायण जी के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। कहा कि जाति ने पूछों जाति की,पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार की,पडन रहन दो म्यान। कहा कि जाति विरादरी से ऊपर उठकर ज्ञान जहां से भी मिल जा रहा है ले लेना चाहिए। कार्यक्रम में संत लाल त्यागी,दुर्वासा रविदास मंदिर के महंत राजकुमार गोपीनाथ, सोमनाथ, सोमनाथ, वीरेंद्र भारती, सरवन कुमार , ज्ञानेश्वर, रामाश्रय ,अनौरा, मास्टर, पलकधारी, साहब अंबारी सुभाष महंत बस्ती पलटन दास ब्रिगेड रामलवट, राम निहोर , बाबा सौदागर ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्वामी शिवनारायण जी महाराज जाति पांति ढोंग पाखंड के प्रबल विरोधी व समता मूलक समाज के समर्थक थे। उनके विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है।अंत में आयोजक संतलाल त्यागी ने सबका आभार व्यक्त किया।
कुडमी समुदाय की एसटी मांग के विरोध में हजारीबाग में उलगुलान जन आक्रोश रैली सम्पन्न

हजारीबाग- कुडमी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में 17 नवम्बर को हजारीबाग के सरहुल मैदान में आदिवासी केंद्रीय सरना समिति की अगुवाई में उलगुलान जन आक्रोश रैली का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष महेंद्र बेक ने की, जबकि संचालन कार्यकारी अध्यक्ष मनोज टुडू ने पवन तिग्गा, विक्की कुमार धान, मनोज भोक्ता, विजय भोक्ता, सहदेव किस्कू और फुलवा कच्छप के साथ संयुक्त रूप से संभाला।

सुबह से ही हजारीबाग सहित रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह और रांची जिलों से पारंपरिक पोशाक और वाद्ययंत्रों के साथ भारी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग सरहुल मैदान में जुटने लगे। निर्धारित मार्ग के अनुसार जुलूस सरहुल मैदान से निकलकर पंच मंदिर, झंडा चौक, इंद्रपुरी चौक, जिला चौक, बिरसा मुंडा चौक और सिद्धू-कानू चौक होते हुए पुनः सरहुल मैदान वापस लौटा।

सभा में कई वक्ताओं ने कुडमी समुदाय की एसटी मांग को राजनीतिक प्रयोजन बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया।

ज्योत्स्ना केरकेट्टा ने अपने संबोधन में कहा कि यह मांग अवसरवाद का उदाहरण है और इससे आदिवासी समुदाय को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।

केंद्रीय महिला अध्यक्ष निशा भगत ने कहा कि आदिवासी समाज की आवाज़ कोई दबा नहीं सकता और हक-अधिकार की लड़ाई निरंतर जारी रहेगी।

शशि पन्ना ने दावा किया कि संविधान के विभिन्न विभाग पहले भी इस मांग को खारिज कर चुके हैं और इतिहास में भी आदिवासी एवं कुर्मी समुदायों के बीच समानता नहीं पाई जाती।

फूलचंद तिर्की ने कहा कि कुडमी और कुर्मी एक ही समुदाय हैं तथा नाम बदलकर भ्रम फैलाया जा रहा है।

सचिव सह मीडिया प्रभारी विक्की कुमार धान ने कहा कि यह मांग आदिवासी समाज की एकता को कमजोर करने की कोशिश है, लेकिन अब समुदाय पूरी तरह जागरूक है और गलत प्रयासों का विरोध करेगा।

महासचिव संजय तिर्की ने जनसैलाब को आदिवासी समाज की एकजुटता का प्रमाण बताया।

रैली की तैयारी को लेकर 2 नवम्बर और 9 नवम्बर 2025 को सरहुल मैदान स्थित धूम कुड़िया भवन में दो महत्वपूर्ण बैठकें हुई थीं। पहली बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष जगन कच्छप ने और संचालन मनोज टुडू ने किया। दूसरी बैठक की अध्यक्षता महेंद्र बेक ने की। दोनों बैठकों में 16 प्रखंडों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, पाहान एवं बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से 17 नवम्बर को रैली आयोजित करने का निर्णय लिया गया। तैयारी के लिए सभी प्रखंडों से प्रभारी नियुक्त किए गए और जिलेभर के विभिन्न संगठनों ने सहयोग किया।

सभा व रैली के बाद प्रतिनिधियों का एक समूह पैदल मार्च करते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुँचा और कुडमी समुदाय को एसटी सूची में शामिल न करने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। पूर्ण कार्यक्रम शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। उपस्थित प्रतिनिधियों और संगठनों ने आगे भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलंद करने का संकल्प लिया।

40वे अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन प्रयागराज जिलाधिकारी ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।आगामी 19 नवम्बर को आयोजित होने जा रही 40वी अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन को लेकर सोमवार को संगम सभागार में जिलाधिकारी मनीष वर्मा द्वारा विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।इस दौरान उन्होंने मैराथन के इतिहास तैयारियो मार्ग सुरक्षा व्यवस्था और खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्राइजमनी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रयागराज की पावन भूमि पर आयोजित होने वाली यह मैराथन देश की एकमात्र ऐसी प्रतियोगिता है जिसका आयोजन लगातार 1985 से प्रतिवर्ष 19 नवम्बर को—पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की जयंती पर—किया जाता रहा है।जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष मैराथन का 40वां संस्करण विशेष रूप से भव्य और ऐतिहासिक होगा।मैराथन की कुल दूरी 42.195 किमी निर्धारित है,जिसमे पुरुष और महिला दोनों वर्गो के धावक भाग लेगे।मैराथन सुबह 5:30 बजे आनंद भवन से शुरू होगी एवं अपने निर्धारित मार्ग—लाल भवन लोकसेवा आयोग तेलियरगंज सहसो हाइकोर्ट स्टैनली रोड दारागंज काली सड़क बसीरगंज कंधरपुर झूंसी होकर पुनःउसी मार्ग से वापस लौटते हुए तेलियरगंज से होते हुए आनंद भवन—पर समाप्त होगी।जिलाधिकारी ने बताया कि धावकों की सुरक्षा ट्रैफिक कंट्रोल मेडिकल सहायता वाटर पॉइंट तथा रूट मॉनिटरिंग के लिए व्यापक इंतजाम किए गए है।उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पुलिस विभाग खेल विभाग तथा नगर निगम सहित कई एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ सौंप दी गई हैं। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि मैराथन के संचालन में कोई त्रुटि न रहे। मेडिकल एम्बुलेंस प्रथम उपचार केंद्र और वॉलंटियर टीमों को भी तैनात किया जाएगा।प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरस्कारो की घोषणा भी की गई।जिलाधिकारी ने बताया कि पुरुष तथा महिला दोनों वर्गों में प्रथम पुरस्कार 2,00,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 1,00,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार 40,000 रुपये दिया जाएगा। इसके अलावा 11 से 15 स्थान पाने वाले खिलाड़ियों को 10,000 रुपये प्रत्येक तथा 16 से 20 स्थान पाने वालों को 5,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।जिलाधिकारी ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और प्रतियोगिता के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए यह प्राइज स्ट्रक्चर तैयार किया गया है।उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय धावको का इस मैराथन से गहरा जुड़ाव रहा है। कई राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय धावक इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके है जिससे प्रयागराज की इस मैराथन को वैश्विक पहचान मिली है।जिलाधिकारी ने अंत में शहरवासियो से अपील की कि आयोजन के दिन यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने में प्रशासन का सहयोग करें और धावकों का उत्साहवर्धन करें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की पहचान बन चुकी इंदिरा मैराथन को सफल बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

आबकारी मंत्री ने मदिरा खरीद की व्यवस्था पारदर्शी बनाने के लिए ‘यूपी एक्साईज सिटिजेन ऐप’ का शुभारंभ किया
* ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं को मदिरा से संबंधित मिलेगी समस्त प्रकार की जानकारी

* विसंगति मिलने पर टोलफ्री नं. 14405 उपभोक्ता कर सकते हैं शिकायत : नितिन अग्रवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने आज गन्ना संस्थान स्थित सभागार में ‘यूपी एक्साईज सिटिजेन ऐप’ का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने कहा कि आबकारी विभाग देशी शराब की दुकानों, कम्पोजिट दुकानों, माडल शॉप, प्रीमियम रिटेल वेन्ड्स एवं बार अनुज्ञापनों से मानक मदिरा/बीयर आदि की बिक्री कराये जाने हेतु दृढ़संकल्पित है। इसी क्रम में मदिरा/बीयर उपभोक्ताओं के प्रति पूर्ण पारदर्शिता प्रदर्शित करते हुये सर्वसुलभ ‘यूपी एक्साईज सिटिजेन ऐप’ तैयार किया गया है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर एवं ऐप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है। ऐप को किसी भी नागरिक/उपभोक्ता द्वारा अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से किसी भी मदिरा की दुकान से विक्रीत मदिरा की बोतल/ एसेप्टिक ब्रिक पैक/कैन आदि पर चस्पा एक्साइज एढेसिव लेबिल पर छपे क्यू.आर. कोड को स्कैन कर संबंधित मदिरा की बोतल से संबंधित समस्त आवश्यक सूचनायें देखी जा सकती हैं। बोतल के लेबिल पर छपे विवरणों तथा संबंधित फुटकर दुकान के विवरणों से इनका सत्यापन किया जा सकता है।

आबकारी मंत्री ने कहा कि क्यू.आर. कोड स्कैन करते ही मोबाइल स्क्रीन पर ब्राण्ड का नाम व भरी हुयी मदिरा की तीव्रता प्रदर्शित होने लगेगी, जिसमें बीयर, वाइन, एल.ए.बी, व्हिस्की, वोदका, रम, जिन, देशी शराब, यू.पी.एम.एल. शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से पैकिंग टाइप (ग्लास बोतल/पेट बोतल/एसेप्टिक ब्रिक पैक(टेट्रा पैक)/कैन आदि को देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त मदिरा आपूर्ति का प्रकार, एम.आर.पी.,  संबंधित फुटकर दुकान का नाम व शॉप आई.डी. सहित अन्य विवरण पर ऐप पर प्रदर्शित होंगे। इसके अलावा संबंधित थोक अनुज्ञापन का नाम व फुटकर दुकान पर स्टाक-इन किये जाने की तिथि की भी जानकारी उपलब्ध हो जायेगी।

आबकारी मंत्री ने नागरिकों से यह अपील करते हुए कहा है कि यदि वे किसी फुटकर दुकान से मदिरा/बीयर की कोई बोतल क्रय करते समय ''UP Excise Citizen App'' के माध्यम से परीक्षण कर लें। यदि कोई भी विसंगति प्रकाश में आती है तब इसकी सूचना तत्काल संबंधित जिला आबकारी अधिकारी अथवा आबकारी विभाग के टोलफ्री हेल्पलाइन नं. 14405 पर अवश्य दें। इसके अतिरिक्त ऐप में उपलब्ध ''Grievance'' मीनू का प्रयोग करते हुये IGRS के माध्यम से शिकायत भी दर्ज करायी जा सकती है।
डी पी पब्लिक स्कूल के वार्षिक खेलकूद में ग्रीन हाउस बना विजेता।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।डी पी पब्लिक स्कूल के वार्षिक खेलकूद समारोह में ग्रीन हाउस ओवरऑल चैंपियनशिप प्राप्त करके पहले स्थान पर रहा।येलो हाउस द्वितीय और ब्लू हाउस तृतीय स्थान पर रहा।कालेज प्रांगढ़ में रविवार को खेल के संग सफलता के रंग थीम पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि शिवकुमार राय अपर आयकर आयुक्त, प्रयागराज और उनकी पत्नी डॉ.मधु श्रीवास्तव पूर्व लेक्चरार नागरिक शास्त्र राजकीय इण्टर कॉलेज नोएडा सहित अन्य विशिष्ट अतिथियो ने दीप प्रज्वलन करके की।विद्यालय के प्रबन्धक अंकुर अग्रवाल ने मशाल जलाकर और गुब्बारे उड़ाकर खेल दिवस का उद्घाटन किया।इसके बाद चारों हाउस के विद्यार्थियो ने आकर्षक मार्चपास्ट किया। मैदान में विद्यार्थियो की प्रस्तुतियों ने उत्साह भर दिया। योग प्रदर्शन के बाद प्री-प्राइमरी के बच्चों ने मजेदार रेस में भाग लिया।प्राइमरी वर्ग के विद्यार्थियो ने पी.टी.ड्रिल और विभिन्न रेसो में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।कक्षा 5 से 8 की छात्राओ ने प्रभावशाली मार्शल आर्ट प्रस्तुति दी और कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियो ने शानदार बास्केटबॉल ड्रिब्लिंग दिखाया।विभिन्न कक्षा के विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति पर आधारित सुंदर पिरामिड फॉर्मेशन प्रस्तुत किया जबकि रस्साकसी ने दर्शको में रोमांच बढ़ा दिया।विभिन्न प्रतियोगिताओ के विजेताओं को डॉ.मधु श्रीवास्तव और अन्य अतिथियों ने पदक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए।विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष शरद अग्रवाल निदेशक श्रुति अग्रवाल और वंदना अग्रवाल ने प्रतिभागियो का उत्साह बढ़ाया।समापन प्रधानाचार्या सुरिंदर कौर खालसा ने धन्यवाद ज्ञापन एवं कोऑर्डिनेटर सविता श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया। क्रीड़ाध्यापक सचिन प्रकाश सिंह और रवि प्रकाश मौर्य ने समारोह के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सोनभद्र खदान हादसा: ड्रिलिंग के दौरान चट्टान धसी, पांच मजदूरों की मौत, मलबे में दबे अन्य 10 से अधिक लोग, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की राहत अभियान जारी

सोनभद्र । ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खदान में शनिवार दोपहर हुए भयानक हादसे ने मजदूरों और उनके परिवारों को हिला कर रख दिया है। खदान में ड्रिलिंग के दौरान अचानक चट्टान धसक गई, जिससे कम से कम 15 मजदूर मलबे में दब गए। दो दिन के लगातार रेस्क्यू अभियान के बाद अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अन्य मजदूरों की तलाश युद्धस्तर पर जारी है।

मृतकों की पहचान

अमरिनिया टोला, परसोई ग्राम पंचायत, ओबरा: राजू सिंह गोंड (शव रविवार की सुबह बरामद)

पनारी ग्राम पंचायत, करमसार टोला: संतोष यादव (30), इंद्रजीत यादव (32)

कोन, कचनरवा गांव: रविंद्र उर्फ नानक

एक अन्य मजदूर की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पहचान के लिए केवल मृतकों के स्वजन ही पोस्टमार्टम हाउस में प्रवेश कर पा रहे हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन और मुश्किलें

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ की 100 से अधिक जवानों की टीम मलबे में दबे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार काम कर रही है। खदान की गहराई लगभग 150–200 फीट है और भारी मलबा बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है।एक बड़ी चट्टान के नीचे कई मजदूर फंसे हुए हैं, जिसे तोड़ने में काफी समय लग रहा है।बचाव दल रात-दिन जुटा हुआ है, लेकिन मलबे और अंधेरे की स्थिति में रेस्क्यू की गति अपेक्षित नहीं रही।प्रशासन ने दुर्घटना स्थल को अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर, आम लोगों और मीडिया का प्रवेश रोक दिया है।

हादसे का समय और कारण

हादसा शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे हुआ।श्री कृष्णा माइनिंग वर्क्स कंपनी की पत्थर खदान में ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग का काम चल रहा था।नौ कंप्रेशर मशीनों पर 18 मजदूर काम कर रहे थे।अचानक एक तरफ से चट्टान धसक गई और मलबा लगभग 150 फीट नीचे गिर गया।तीन मजदूर किसी तरह बचकर बाहर आए, लेकिन अन्य 15 से अधिक मजदूर मलबे में फंस गए।

प्रशासनिक पहल और सुरक्षा उपाय

ओबरा के एसपी और सीओ सिटी रणधीर मिश्र की अगुवाई में सुरक्षा बल तैनात हैं।जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।दुर्घटना के कारणों और जिम्मेदारों का जल्द पता लगाया जाएगा।सुरक्षा कारणों से दुर्घटना स्थल पर आम जनता और बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

गांवों में मातम और हाहाकार

मलबे में फंसे मजदूरों के परिवार शोकाकुल हैं।आसपास के गांवों में हाहाकार मचा हुआ है, क्योंकि कई परिवार अब भी अपने परिजनों की तलाश में हैं।राहत कार्य में हरसंभव प्रयास किया जा रहा है कि दबे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।अधिकारियों का कहना है कि मलबे की बड़ी चट्टान को हटाने के बाद ही बचे हुए मजदूरों की संख्या और स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी।राहत और बचाव अभियान जारी है, और प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और सावधानी बरती जा रही है।