आजमगढ़:-एक दिसबंर से शुरू हो रही विद्युत बिल राहत योजना,ब्याज पर 100 और मूलधन पर मिलेगा 25 फीसदी छूट

वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  विद्युत बिल राहत योजना के अंतर्गत विद्युत वितरण मंडल द्वितीय आजमगढ़ के तीनों खण्डों में कभी भी अपना बिल जमा न करने वाले एवं ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने अपना विद्युत बिल का भुगतान  31/03/2025 अथवा उसके पूर्व किया हो योजना के पात्र होंगे।  यह योजना 1 दिसम्बर 2025 से लागू होगी जो  तीन चरणों में चलेगी। पहला चरण 1 दिसम्बर से 31 दिसम्बर  तक चलेगा जिसमें पात्र उपभोक्ताओं को 100 प्रतिशत ब्याज माफ एवं मूलधन में भी 25  प्रतिशत की छूट मिलेगी। प्रथम चरण के बाद मूलधन में छूट घटकर क्रमशः 20 प्रतिशत एवं 15 प्रतिशत ही रह जाएगी। अधीक्षण  अभियंता दिग्विजय सिंह विद्युत वितरण मंडल द्वितीय आजमगढ़ ने बताया मंडल के के तीनों खण्ड फूलपुर में  रुपए 97734 कप्तानगंज में 50174 और सठियांव में 56221 पात्र उपभोक्ताओं पर कुल बकाया लगभग 1078 करोड़ है जिसमें 495 करोड़ ब्याज है। इसके अलावा ऐसे उपभोक्ता जो एकमुश्त भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं । उनके लिए मासिक बिल के साथ 750 अथवा 500 रुपए प्रति माह किस्तों में भी भुगतान करने का प्रावधान है। इसी प्रकार बिजली चोरी वाले प्रकरणों में भी प्रथम चरण में राजस्व निर्धारण में अधिकतम 50 फीसदी की छूट है। योजना का अधिकतम लाभ प्रथम चरण में मिलेगा । पात्र उपभोक्ता दिसम्बर माह की पहली तारीख से ही 2000 रुपए जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर योजना का  लाभ उठा सकते है।
यातायात विभाग साइबर अपराध मिशन शक्ति कमिश्नरेट प्रयागराज एवं उ 0प्र 0 अपराध निरोधक समिति लखनऊ शाखा प्रयागराज के संयुक्त तत्वाधान में भव्य जागरूक

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।यातायात माह नवम्बर के अंतर्गत आज स्वामी विवेकानन्द विद्या आश्रम इंटरमीडिएट कॉलेज मालवीय मार्ग जॉर्ज टाउन प्रयागराज में यातायात विभाग साइबर अपराध शाखा मिशन शक्ति कमिश्नरेट प्रयागराज एवं जिला अपराध निरोधक समिति के संयुक्त तत्वाधान में एक भव्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

यह अनवरत चल रहा जागरूकता अभियान प्रादेशिक चेयरमैन कमलेश श्रीवास्तव एवं समिति सचिव संतोष कुमार के नेतृत्व में निरन्तर जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओ शिक्षको एवं आम नागरिको को सड़क सुरक्षा साइबर सुरक्षा तथा नारी सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करना रहा।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में यातायात निरीक्षक प्रथम अमित कुमार ने उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को सड़क सुरक्षा यातायात नियमो की वर्तमान पद्धति दोपहिया वाहन चालको के लिए हेलमेट की अनिवार्यता, सीट बेल्ट का प्रयोग ओवरस्पीडिंग से होने वाले दुष्परिणाम तथा सुरक्षित ड्राइविंग के महत्व पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।उन्होने कहा कि यातायात नियमों का पालन केवल दंड के भय से नही बल्कि स्वयं एवं दूसरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

इसी क्रम में मिशन शक्ति विषय पर जॉर्ज टाउन कमिश्नरेट से पधारी उप निरीक्षक कोमल ने नारी सशक्तिकरण महिला सुरक्षा महिला अधिकारो एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री की महत्त्वाकांक्षी योजना मिशन शक्ति की विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा जागरूकता एवं साहस के माध्यम से सुरक्षित समाज के निर्माण हेतु प्रेरित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय कुमार मिश्रा ने की।विशिष्ट अतिथियों के रूप में सेवानिवृत्त जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार सिन्हा महिला प्रकोष्ठ प्रभारी नगर प्रियंका पाराशर उप निरीक्षक इन्द्रपाल वर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विद्यालय परिवार के आचार्यगण शारदा प्रसाद शुक्ला गौरी शंकर त्रिपाठी गया प्रसाद द्विवेदी गौरव श्रीवास्तव राजेंद्र मिश्रा प्रदीप राय महेश चंद्र मिश्रा एवं दिवेश त्रिपाठी को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक व सामाजिक योगदान के लिए प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिससे शिक्षको में उत्साह एवं प्रेरणा का संचार हुआ।आज के कार्यक्रम का संयोजन महिला प्रकोष्ठ प्रभारी नगर प्रियंका पाराशर संदीप सोनी एवं संजय कुमार शुक्ला के द्वारा किया गया जबकि कार्यक्रम का कुशल एवं प्रभावी संचालन समिति के पर्यावरण प्रकोष्ठ सचिव हसन ए नकवी के द्वारा किया गया जिनके संचालन से पूरा कार्यक्रम अत्यंत सुव्यवस्थित एवं सफल रहा।

कार्यक्रम के दौरान सरकार द्वारा निर्गत महत्वपूर्ण टोल फ्री नंबरों जैसे 112(आपातकालीन सेवा)1090/1091(महिला सुरक्षा)1076(मुख्यमंत्री हेल्पलाइन)आदि का भी विमोचन कर उसके उपयोग की जानकारी दी गई जिससे किसी भी आपात स्थिति में छात्र- छात्राएं एवं नागरिक तुरन्त सहायता प्राप्त कर सके। विद्यालय प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम समाज को अपराधमुक्त एवं सुरक्षित बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इसमें सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।

 कार्यक्रम का समापन राष्ट्रहित सामाजिक सुरक्षा एवं जागरूक नागरिक बनने की शपथ के साथ किया गया।उपस्थित सभी लोगों ने इस जानकारी को अपने परिवार, मित्रो एवं समाज में साझा करने का संकल्प भी लिया।

जेएससीसी सीजीएल पेपर लीक मामले में विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़े करती है.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएस सी, सीजीएल परीक्षा में हुए व्यापक भ्रष्टाचार मामले में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा।

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कहा कि विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़ा करती है।

कहा कि जो काम झारखंड पुलिस, पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और सरकार के दबाव में नहीं कर पाई, वह काम योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कर दिखाया।

मेरा पहला सवाल यह है कि आखिर विनय साह की गिरफ्तारी हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के खत्म होने के बाद ही क्यों हुई? क्या हमारी राज्य पुलिस का खुफिया तंत्र इतना विफल है कि वह आरोपियों को एक साल से पकड़ नहीं पा रहा था?

कहा कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त अनीश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हमें सूत्रों के हवाले से पक्की सूचना मिली है कि पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक मोटी रकम लेकर अनीश की गिरफ्तारी को अब तक टाले रखा है, ताकि पेपर लीक से संबंधित सारे डिजिटल साक्ष्यों को धीरे-धीरे नष्ट किया जा सके।

कहा कि उनके पास यह भी पक्की सूचना है कि जिन छात्रों ने नेपाल, राँची, हजारीबाग, और राँची के मंत्री रेजिडेंसी, नियामतपुर व अन्य जगहों पर प्रश्नों के उत्तर रटे थे, राज्य की सीआईडी टीम उन सभी के स्वीकारोक्ति बयानों को सरकार और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के दबाव में बदल रही है, ताकि कुछ सफेदपोशों को बचाया जा सके।

कहा कि एक गंभीर सवाल यह भी है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि पेपर लीक की जांच कर रही सीआईडी की पूरी टीम को जांच के दौरान दो बार बदला गया? जिस पर न्यायालय ने सख्त आपत्ति भी जताई थी।

कहा कि सवाल यह भी उठता है कि आज तक पेपर लीक में संबंधित एजेंसी और आयोग के अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई? जबकि आयोग के सदस्यों ने शुरुआत में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छात्रों के सारे सबूतों को 'एडिटेड' बताया था।

कहा कि एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट को देखा जाए, तो अभियुक्त विनय साह ने खुद स्वीकार किया है कि कैसे उसने परीक्षा से पहले रांची के एक होटल में रुककर इस पेपर लीक की साजिश रची और छात्रों को नेपाल ले जाकर प्रश्नों के उत्तर रटवाए।

कहा कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि फरार अभियुक्त अनीश का सीधा संपर्क परीक्षा कराने वाली एजेंसी, आयोग के अधिकारियों और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता से है।

कहा कि एक अंतिम और गंभीर सवाल आखिर ऐसी कौन सी बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री जी का पूरा कुनबा इस पेपर लीक को मात्र धनउगाही बताने पर तुला हुआ है?

कहा कि राज्य के मुखिया से अनुरोध करता हूँ कि अभी भी वक्त है, अगर उनकी मंशा स्पष्ट है तो तत्काल इस पूरे पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही राज्य की सीआईडी टीम और उनके मुखिया से अनुरोध है कि इस पूरे मामले की जाँच बिना किसी भेदभाव के की जाए, क्योंकि याद रहे समय भी बदलता है और परिस्थितियां भी। अगर कुछ नहीं बदलता है तो वह है 'सत्य'।

हम झारखंड के युवाओं को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार की इस लड़ाई में हमेशा बेरोजगार युवाओं के साथ खड़ी रहेगी।

विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

जनपद के 150 गाँव में मोबाइल वैन करेगी परिवार नियोजन पर प्रचार-प्रसार

  

गोण्डा, 21 नवम्बर 2025। – उम्मीद परियोजना के तहत जिला चिकित्सालय सभागार में डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. रश्मि वर्मा ने की। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, एनआरएलएम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा मोबियस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित एसबीसीसी कैंपेन ‘इतनी भी क्या जल्दी है?!!!’ का औपचारिक शुभारंभ किया गया।

  सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। पोस्टर्स, लघु फिल्मों, जिंगल्स और अन्य माध्यमों से सही उम्र में विवाह, पहला बच्चा देरी से, दो बच्चों के जन्म में अंतर और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली के सही उपयोग जैसे संदेशों का प्रसार किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान अभियान से जुड़े पोस्टर्स, फिल्मों और जिंगल्स का विमोचन भी किया गया।

   इस मौके पर जनपद के कटरा बाजार, मनकापुर और करनैलगंज ब्लॉक के 150 गाँवों में जागरूकता फैलाने हेतु मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह वैन नवंबर 2025 से फरवरी 2026 तक गांवों में फिल्म प्रदर्शन, जिंगल प्रसारण और हैण्डबिल वितरण के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाएगी। आशाओं के माध्यम से फिल्म प्रदर्शन के दिन परिवार नियोजन साधनों का वितरण भी किया जाएगा, जबकि वैन में तैनात काउंसलर द्वारा परामर्श सेवाएँ दी जाएँगी। सही उत्तर देने वाले ग्रामीणों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।

   अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आदित्य वर्मा ने अवगत कराया कि ऑनलाइन माध्यम—इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक—साथ ही ऑफलाइन माध्यम से भी अभियान की संदेश सामग्री व्यापक रूप से प्रसारित की जाएगी। इसके अलावा जरवल ब्लॉक में लंबे समय तक परिवार नियोजन साधनों को अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं और बेहतर कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा।

   कार्यक्रम की शुरुआत में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राज्य प्रतिनिधि बी. के. जैन ने उम्मीद परियोजना के सात जनपदों में चल रहे कार्यों, काउंसलिंग कॉर्नर स्थापना, आशा-एएनएम प्रशिक्षण और अंतर्विभागीय समन्वय की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना है।

   इस अवसर पर डॉ. आर. पी. सिंह, डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर, ने समुदाय स्तरीय सेवाप्रदाताओं और प्रधानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वहीं मोबियस फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने संसाधनों के संतुलित उपयोग के लिए परिवार नियोजन को आवश्यक बताया।

   बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायती राज, शिक्षा, ग्राम्य विकास, आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास, एनआरएलएम एवं सहभागी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।
गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

19th जंबूरी में हाई-टेक सुरक्षा घेरा, लखनऊ पुलिस पूरी तरह अलर्ट

लखनऊ। राजधानी में आयोजित होने वाले 19th नेशनल जंबूरी के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देशन में तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था बबलू कुमार के मार्गदर्शन में दक्षिणी जोन व यूपी-112 की संयुक्त टीमें पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि जंबूरी में आने वाले बच्चों, स्काउट्स, प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 23 से 29 नंवबर तक थाना पीजीआई क्षेत्रांतर्गत स्थित डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड, वृंदावन योजना सेक्टर-15 में भारत स्काउट एवं गाइड के डायमंड जुबली जम्बूरी की 19वीं राष्ट्रीय जम्बोरी का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। दो विशेष चौकियां महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई आयोजन स्थल डिफेंस पर 01 अस्थायी पुलिस थाना और 08 पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें दो विशेष चौकियाँ महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक आधुनिक कंट्रोल रूम 24 घंटे गतिविधियों की निगरानी करेगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4 फायर स्टेशन और 2 डेडीकेटेड PRV वाहन गश्त पर रहेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी 200 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जबकि सुरक्षा जांच के लिए 90 LIU कर्मी भी सक्रिय रहेंगे। जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा की तैयारी पूरी जंबूरी में बच्चों और युवाओं से पुलिस का सकारात्मक और संवेदनशील संवाद सुनिश्चित करने के लिए सभी तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में ग्रूमिंग, बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और व्यवहारिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण दिया गया।लखनऊ पुलिस ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग और तकनीकी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती रहेंगी, ताकि पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और प्रोफेशनल बन सके। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की गई है।
पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना, ट्रंप नहीं होंगे शामिल

#pmmodisouthafricavisittoattendg20summit

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 समिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं। वो 21-23 नवंबर के बीच अफ्रीका दौरे पर रहेंगे। इस समिट में कई कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 20वें G20 लीडर्स समिट के दौरान वो दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अपनी इस यात्रा के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वे यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ वाली सोच को आगे बढ़ाने वाले भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से सामने रखेंगे। पीएम ने बताया कि यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के औपचारिक निमंत्रण पर हो रही है। जोहान्सबर्ग में आयोजित यह 20वां G20 समिट ऐतिहासिक भी माना जा रहा है क्योंकि पहली बार अफ्रीका इसकी मेजबानी कर रहा है।

पीएम मोदी ने बताया ये समिट क्यों है खास

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि भारत की अध्यक्षता वाले जी20 में ही अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया गया था, इसलिए यह आयोजन भारत और अफ्रीका दोनों के लिए भावनात्मक रूप से खास है। उन्होंने कहा कि समिट में इस साल की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ रही है, जिस पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत और ब्राजील के पिछले समिटों के नतीजों को आगे बढ़ाया है।

भारतीय प्रवासियों से भी करेंगे मुलाकात

समित के अलावा पीएम मोदी 6वें आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका) समिट में भी हिस्सा लेंगे और कई देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इसके अलावा वे दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे, जो दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से है।

झारखंड में ₹75 करोड़ का 'आधार स्कैम': भाजपा का आरोप- हेमंत सरकार में स्कूली बच्चों से दो साल तक होती रही अवैध वसूली; MKS एंटरप्राइज़ पर ब्लैकलिस


रांची: झारखंड भाजपा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे ₹75 करोड़ का "आधार स्कैम" बताया है।

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प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

"झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है।"

JEPC और एजेंसी पर ₹75 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

अजय साह ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और MKS एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते स्कूली बच्चों के आधार कार्ड निर्माण और बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ा लगभग ₹75 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

उन्होंने बताया कि मार्च 2023 में JEPC (जो शिक्षा विभाग के अधीन है) द्वारा एजेंसी चयन हेतु टेंडर जारी किया गया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर की मूल प्रति के अनुसार, छात्रों से कोई फीस नहीं ली जानी थी; प्रति छात्र ₹50 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा JEPC के माध्यम से एजेंसी को होना था।

कैसे हुआ ₹75 करोड़ का घोटाला?

अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि JEPC के संरक्षण में MKS एंटरप्राइज़ ने दो माध्यमों से गैरकानूनी वसूली की:

छात्रों से अवैध वसूली: 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (BRCs) में प्रतिदिन औसतन ₹2,000 की उगाही होती रही, जिससे छात्रों से गैरकानूनी रूप से लगभग ₹36 करोड़ वसूले गए।

केंद्र सरकार से वसूली: आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई।

सुपरवाइजर्स से वसूली: एजेंसी ने लगभग 500 "आधार सुपरवाइज़र" से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब ₹2.5 करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।

इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले की कुल राशि लगभग ₹75 करोड़ तक पहुँचती है।

सुपरवाइजर्स का शोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि JEPC और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं थी। सुपरवाइजर्स से नौकरी देने के नाम पर ₹50-50 हजार रुपये वसूले गए, और जब उन्होंने बकाया सैलरी मांगी तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपा गया।

अजय साह ने दावा किया कि MKS एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है, और यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

भाजपा की मांग: भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, JEPC की भूमिका की स्वतंत्र जाँच और MKS एंटरप्राइज़ को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

आजमगढ़:-एक दिसबंर से शुरू हो रही विद्युत बिल राहत योजना,ब्याज पर 100 और मूलधन पर मिलेगा 25 फीसदी छूट

वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  विद्युत बिल राहत योजना के अंतर्गत विद्युत वितरण मंडल द्वितीय आजमगढ़ के तीनों खण्डों में कभी भी अपना बिल जमा न करने वाले एवं ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने अपना विद्युत बिल का भुगतान  31/03/2025 अथवा उसके पूर्व किया हो योजना के पात्र होंगे।  यह योजना 1 दिसम्बर 2025 से लागू होगी जो  तीन चरणों में चलेगी। पहला चरण 1 दिसम्बर से 31 दिसम्बर  तक चलेगा जिसमें पात्र उपभोक्ताओं को 100 प्रतिशत ब्याज माफ एवं मूलधन में भी 25  प्रतिशत की छूट मिलेगी। प्रथम चरण के बाद मूलधन में छूट घटकर क्रमशः 20 प्रतिशत एवं 15 प्रतिशत ही रह जाएगी। अधीक्षण  अभियंता दिग्विजय सिंह विद्युत वितरण मंडल द्वितीय आजमगढ़ ने बताया मंडल के के तीनों खण्ड फूलपुर में  रुपए 97734 कप्तानगंज में 50174 और सठियांव में 56221 पात्र उपभोक्ताओं पर कुल बकाया लगभग 1078 करोड़ है जिसमें 495 करोड़ ब्याज है। इसके अलावा ऐसे उपभोक्ता जो एकमुश्त भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं । उनके लिए मासिक बिल के साथ 750 अथवा 500 रुपए प्रति माह किस्तों में भी भुगतान करने का प्रावधान है। इसी प्रकार बिजली चोरी वाले प्रकरणों में भी प्रथम चरण में राजस्व निर्धारण में अधिकतम 50 फीसदी की छूट है। योजना का अधिकतम लाभ प्रथम चरण में मिलेगा । पात्र उपभोक्ता दिसम्बर माह की पहली तारीख से ही 2000 रुपए जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर योजना का  लाभ उठा सकते है।
यातायात विभाग साइबर अपराध मिशन शक्ति कमिश्नरेट प्रयागराज एवं उ 0प्र 0 अपराध निरोधक समिति लखनऊ शाखा प्रयागराज के संयुक्त तत्वाधान में भव्य जागरूक

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।यातायात माह नवम्बर के अंतर्गत आज स्वामी विवेकानन्द विद्या आश्रम इंटरमीडिएट कॉलेज मालवीय मार्ग जॉर्ज टाउन प्रयागराज में यातायात विभाग साइबर अपराध शाखा मिशन शक्ति कमिश्नरेट प्रयागराज एवं जिला अपराध निरोधक समिति के संयुक्त तत्वाधान में एक भव्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

यह अनवरत चल रहा जागरूकता अभियान प्रादेशिक चेयरमैन कमलेश श्रीवास्तव एवं समिति सचिव संतोष कुमार के नेतृत्व में निरन्तर जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओ शिक्षको एवं आम नागरिको को सड़क सुरक्षा साइबर सुरक्षा तथा नारी सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करना रहा।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में यातायात निरीक्षक प्रथम अमित कुमार ने उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को सड़क सुरक्षा यातायात नियमो की वर्तमान पद्धति दोपहिया वाहन चालको के लिए हेलमेट की अनिवार्यता, सीट बेल्ट का प्रयोग ओवरस्पीडिंग से होने वाले दुष्परिणाम तथा सुरक्षित ड्राइविंग के महत्व पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।उन्होने कहा कि यातायात नियमों का पालन केवल दंड के भय से नही बल्कि स्वयं एवं दूसरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

इसी क्रम में मिशन शक्ति विषय पर जॉर्ज टाउन कमिश्नरेट से पधारी उप निरीक्षक कोमल ने नारी सशक्तिकरण महिला सुरक्षा महिला अधिकारो एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री की महत्त्वाकांक्षी योजना मिशन शक्ति की विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा जागरूकता एवं साहस के माध्यम से सुरक्षित समाज के निर्माण हेतु प्रेरित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय कुमार मिश्रा ने की।विशिष्ट अतिथियों के रूप में सेवानिवृत्त जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार सिन्हा महिला प्रकोष्ठ प्रभारी नगर प्रियंका पाराशर उप निरीक्षक इन्द्रपाल वर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विद्यालय परिवार के आचार्यगण शारदा प्रसाद शुक्ला गौरी शंकर त्रिपाठी गया प्रसाद द्विवेदी गौरव श्रीवास्तव राजेंद्र मिश्रा प्रदीप राय महेश चंद्र मिश्रा एवं दिवेश त्रिपाठी को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक व सामाजिक योगदान के लिए प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिससे शिक्षको में उत्साह एवं प्रेरणा का संचार हुआ।आज के कार्यक्रम का संयोजन महिला प्रकोष्ठ प्रभारी नगर प्रियंका पाराशर संदीप सोनी एवं संजय कुमार शुक्ला के द्वारा किया गया जबकि कार्यक्रम का कुशल एवं प्रभावी संचालन समिति के पर्यावरण प्रकोष्ठ सचिव हसन ए नकवी के द्वारा किया गया जिनके संचालन से पूरा कार्यक्रम अत्यंत सुव्यवस्थित एवं सफल रहा।

कार्यक्रम के दौरान सरकार द्वारा निर्गत महत्वपूर्ण टोल फ्री नंबरों जैसे 112(आपातकालीन सेवा)1090/1091(महिला सुरक्षा)1076(मुख्यमंत्री हेल्पलाइन)आदि का भी विमोचन कर उसके उपयोग की जानकारी दी गई जिससे किसी भी आपात स्थिति में छात्र- छात्राएं एवं नागरिक तुरन्त सहायता प्राप्त कर सके। विद्यालय प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम समाज को अपराधमुक्त एवं सुरक्षित बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इसमें सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।

 कार्यक्रम का समापन राष्ट्रहित सामाजिक सुरक्षा एवं जागरूक नागरिक बनने की शपथ के साथ किया गया।उपस्थित सभी लोगों ने इस जानकारी को अपने परिवार, मित्रो एवं समाज में साझा करने का संकल्प भी लिया।

जेएससीसी सीजीएल पेपर लीक मामले में विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़े करती है.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएस सी, सीजीएल परीक्षा में हुए व्यापक भ्रष्टाचार मामले में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा।

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कहा कि विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़ा करती है।

कहा कि जो काम झारखंड पुलिस, पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और सरकार के दबाव में नहीं कर पाई, वह काम योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कर दिखाया।

मेरा पहला सवाल यह है कि आखिर विनय साह की गिरफ्तारी हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के खत्म होने के बाद ही क्यों हुई? क्या हमारी राज्य पुलिस का खुफिया तंत्र इतना विफल है कि वह आरोपियों को एक साल से पकड़ नहीं पा रहा था?

कहा कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त अनीश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हमें सूत्रों के हवाले से पक्की सूचना मिली है कि पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक मोटी रकम लेकर अनीश की गिरफ्तारी को अब तक टाले रखा है, ताकि पेपर लीक से संबंधित सारे डिजिटल साक्ष्यों को धीरे-धीरे नष्ट किया जा सके।

कहा कि उनके पास यह भी पक्की सूचना है कि जिन छात्रों ने नेपाल, राँची, हजारीबाग, और राँची के मंत्री रेजिडेंसी, नियामतपुर व अन्य जगहों पर प्रश्नों के उत्तर रटे थे, राज्य की सीआईडी टीम उन सभी के स्वीकारोक्ति बयानों को सरकार और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के दबाव में बदल रही है, ताकि कुछ सफेदपोशों को बचाया जा सके।

कहा कि एक गंभीर सवाल यह भी है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि पेपर लीक की जांच कर रही सीआईडी की पूरी टीम को जांच के दौरान दो बार बदला गया? जिस पर न्यायालय ने सख्त आपत्ति भी जताई थी।

कहा कि सवाल यह भी उठता है कि आज तक पेपर लीक में संबंधित एजेंसी और आयोग के अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई? जबकि आयोग के सदस्यों ने शुरुआत में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छात्रों के सारे सबूतों को 'एडिटेड' बताया था।

कहा कि एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट को देखा जाए, तो अभियुक्त विनय साह ने खुद स्वीकार किया है कि कैसे उसने परीक्षा से पहले रांची के एक होटल में रुककर इस पेपर लीक की साजिश रची और छात्रों को नेपाल ले जाकर प्रश्नों के उत्तर रटवाए।

कहा कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि फरार अभियुक्त अनीश का सीधा संपर्क परीक्षा कराने वाली एजेंसी, आयोग के अधिकारियों और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता से है।

कहा कि एक अंतिम और गंभीर सवाल आखिर ऐसी कौन सी बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री जी का पूरा कुनबा इस पेपर लीक को मात्र धनउगाही बताने पर तुला हुआ है?

कहा कि राज्य के मुखिया से अनुरोध करता हूँ कि अभी भी वक्त है, अगर उनकी मंशा स्पष्ट है तो तत्काल इस पूरे पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही राज्य की सीआईडी टीम और उनके मुखिया से अनुरोध है कि इस पूरे मामले की जाँच बिना किसी भेदभाव के की जाए, क्योंकि याद रहे समय भी बदलता है और परिस्थितियां भी। अगर कुछ नहीं बदलता है तो वह है 'सत्य'।

हम झारखंड के युवाओं को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार की इस लड़ाई में हमेशा बेरोजगार युवाओं के साथ खड़ी रहेगी।

विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

जनपद के 150 गाँव में मोबाइल वैन करेगी परिवार नियोजन पर प्रचार-प्रसार

  

गोण्डा, 21 नवम्बर 2025। – उम्मीद परियोजना के तहत जिला चिकित्सालय सभागार में डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. रश्मि वर्मा ने की। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, एनआरएलएम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा मोबियस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित एसबीसीसी कैंपेन ‘इतनी भी क्या जल्दी है?!!!’ का औपचारिक शुभारंभ किया गया।

  सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। पोस्टर्स, लघु फिल्मों, जिंगल्स और अन्य माध्यमों से सही उम्र में विवाह, पहला बच्चा देरी से, दो बच्चों के जन्म में अंतर और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली के सही उपयोग जैसे संदेशों का प्रसार किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान अभियान से जुड़े पोस्टर्स, फिल्मों और जिंगल्स का विमोचन भी किया गया।

   इस मौके पर जनपद के कटरा बाजार, मनकापुर और करनैलगंज ब्लॉक के 150 गाँवों में जागरूकता फैलाने हेतु मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह वैन नवंबर 2025 से फरवरी 2026 तक गांवों में फिल्म प्रदर्शन, जिंगल प्रसारण और हैण्डबिल वितरण के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाएगी। आशाओं के माध्यम से फिल्म प्रदर्शन के दिन परिवार नियोजन साधनों का वितरण भी किया जाएगा, जबकि वैन में तैनात काउंसलर द्वारा परामर्श सेवाएँ दी जाएँगी। सही उत्तर देने वाले ग्रामीणों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।

   अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आदित्य वर्मा ने अवगत कराया कि ऑनलाइन माध्यम—इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक—साथ ही ऑफलाइन माध्यम से भी अभियान की संदेश सामग्री व्यापक रूप से प्रसारित की जाएगी। इसके अलावा जरवल ब्लॉक में लंबे समय तक परिवार नियोजन साधनों को अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं और बेहतर कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा।

   कार्यक्रम की शुरुआत में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राज्य प्रतिनिधि बी. के. जैन ने उम्मीद परियोजना के सात जनपदों में चल रहे कार्यों, काउंसलिंग कॉर्नर स्थापना, आशा-एएनएम प्रशिक्षण और अंतर्विभागीय समन्वय की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना है।

   इस अवसर पर डॉ. आर. पी. सिंह, डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर, ने समुदाय स्तरीय सेवाप्रदाताओं और प्रधानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वहीं मोबियस फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने संसाधनों के संतुलित उपयोग के लिए परिवार नियोजन को आवश्यक बताया।

   बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायती राज, शिक्षा, ग्राम्य विकास, आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास, एनआरएलएम एवं सहभागी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।
गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

19th जंबूरी में हाई-टेक सुरक्षा घेरा, लखनऊ पुलिस पूरी तरह अलर्ट

लखनऊ। राजधानी में आयोजित होने वाले 19th नेशनल जंबूरी के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देशन में तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था बबलू कुमार के मार्गदर्शन में दक्षिणी जोन व यूपी-112 की संयुक्त टीमें पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि जंबूरी में आने वाले बच्चों, स्काउट्स, प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 23 से 29 नंवबर तक थाना पीजीआई क्षेत्रांतर्गत स्थित डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड, वृंदावन योजना सेक्टर-15 में भारत स्काउट एवं गाइड के डायमंड जुबली जम्बूरी की 19वीं राष्ट्रीय जम्बोरी का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। दो विशेष चौकियां महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई आयोजन स्थल डिफेंस पर 01 अस्थायी पुलिस थाना और 08 पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें दो विशेष चौकियाँ महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक आधुनिक कंट्रोल रूम 24 घंटे गतिविधियों की निगरानी करेगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4 फायर स्टेशन और 2 डेडीकेटेड PRV वाहन गश्त पर रहेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी 200 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जबकि सुरक्षा जांच के लिए 90 LIU कर्मी भी सक्रिय रहेंगे। जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा की तैयारी पूरी जंबूरी में बच्चों और युवाओं से पुलिस का सकारात्मक और संवेदनशील संवाद सुनिश्चित करने के लिए सभी तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में ग्रूमिंग, बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और व्यवहारिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण दिया गया।लखनऊ पुलिस ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग और तकनीकी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती रहेंगी, ताकि पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और प्रोफेशनल बन सके। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की गई है।
पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना, ट्रंप नहीं होंगे शामिल

#pmmodisouthafricavisittoattendg20summit

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 समिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं। वो 21-23 नवंबर के बीच अफ्रीका दौरे पर रहेंगे। इस समिट में कई कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 20वें G20 लीडर्स समिट के दौरान वो दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अपनी इस यात्रा के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वे यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ वाली सोच को आगे बढ़ाने वाले भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से सामने रखेंगे। पीएम ने बताया कि यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के औपचारिक निमंत्रण पर हो रही है। जोहान्सबर्ग में आयोजित यह 20वां G20 समिट ऐतिहासिक भी माना जा रहा है क्योंकि पहली बार अफ्रीका इसकी मेजबानी कर रहा है।

पीएम मोदी ने बताया ये समिट क्यों है खास

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि भारत की अध्यक्षता वाले जी20 में ही अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया गया था, इसलिए यह आयोजन भारत और अफ्रीका दोनों के लिए भावनात्मक रूप से खास है। उन्होंने कहा कि समिट में इस साल की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ रही है, जिस पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत और ब्राजील के पिछले समिटों के नतीजों को आगे बढ़ाया है।

भारतीय प्रवासियों से भी करेंगे मुलाकात

समित के अलावा पीएम मोदी 6वें आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका) समिट में भी हिस्सा लेंगे और कई देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इसके अलावा वे दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे, जो दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से है।

झारखंड में ₹75 करोड़ का 'आधार स्कैम': भाजपा का आरोप- हेमंत सरकार में स्कूली बच्चों से दो साल तक होती रही अवैध वसूली; MKS एंटरप्राइज़ पर ब्लैकलिस


रांची: झारखंड भाजपा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे ₹75 करोड़ का "आधार स्कैम" बताया है।

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प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

"झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है।"

JEPC और एजेंसी पर ₹75 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

अजय साह ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और MKS एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते स्कूली बच्चों के आधार कार्ड निर्माण और बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ा लगभग ₹75 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

उन्होंने बताया कि मार्च 2023 में JEPC (जो शिक्षा विभाग के अधीन है) द्वारा एजेंसी चयन हेतु टेंडर जारी किया गया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर की मूल प्रति के अनुसार, छात्रों से कोई फीस नहीं ली जानी थी; प्रति छात्र ₹50 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा JEPC के माध्यम से एजेंसी को होना था।

कैसे हुआ ₹75 करोड़ का घोटाला?

अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि JEPC के संरक्षण में MKS एंटरप्राइज़ ने दो माध्यमों से गैरकानूनी वसूली की:

छात्रों से अवैध वसूली: 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (BRCs) में प्रतिदिन औसतन ₹2,000 की उगाही होती रही, जिससे छात्रों से गैरकानूनी रूप से लगभग ₹36 करोड़ वसूले गए।

केंद्र सरकार से वसूली: आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई।

सुपरवाइजर्स से वसूली: एजेंसी ने लगभग 500 "आधार सुपरवाइज़र" से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब ₹2.5 करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।

इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले की कुल राशि लगभग ₹75 करोड़ तक पहुँचती है।

सुपरवाइजर्स का शोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि JEPC और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं थी। सुपरवाइजर्स से नौकरी देने के नाम पर ₹50-50 हजार रुपये वसूले गए, और जब उन्होंने बकाया सैलरी मांगी तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपा गया।

अजय साह ने दावा किया कि MKS एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है, और यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

भाजपा की मांग: भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, JEPC की भूमिका की स्वतंत्र जाँच और MKS एंटरप्राइज़ को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।