प्रोटोकॉल से बड़ा 'जनता का प्रेम': सरायकेला की सड़कों पर अचानक गाड़ी रुकवाकर लोगों के बीच पहुंचीं राष्ट्रपति, गूँज उठा 'भारत माता की जय'
सरायकेला/जमशेदपुर: अपनी सादगी और सहजता के लिए जानी जाने वाली राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड दौरे के दूसरे दिन कुछ ऐसा किया, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। एनआईटी (NIT) जमशेदपुर के दीक्षांत समारोह से लौटते समय उन्होंने सुरक्षा और प्रोटोकॉल को किनारे रखकर आम जनता के बीच पहुंचकर सबको चौंका दिया।
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आकाशवाणी चौक पर उमड़ा जनसैलाब
घटना सरायकेला के आकाशवाणी चौक की है। राष्ट्रपति का काफिला गुजर रहा था और सड़क के दोनों ओर हजारों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों से खड़े थे। जनता के उत्साह और हाथ हिलाकर अभिवादन करते लोगों को देख राष्ट्रपति ने अचानक अपना काफिला रुकवाने का निर्देश दिया।
सुरक्षा घेरा छोड़ जनता के बीच
जैसे ही राष्ट्रपति अपनी गाड़ी से नीचे उतरीं, वहां मौजूद लोग खुशी से झूम उठे। प्रोटोकॉल की परवाह न करते हुए वह सीधे बैरिकेडिंग के पास खड़ी जनता के बीच पहुंच गईं। उन्होंने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन स्वीकार किया। राष्ट्रपति को अपने इतने करीब पाकर लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारों से आसमान गुंजा दिया। इसके बाद खरकाई पुल की ओर बढ़ते हुए भी उन्होंने लोगों का उत्साहवर्धन किया।
सुरक्षाकर्मियों के लिए चुनौती, जनता के लिए सौगात
अचानक हुई इस हलचल से सुरक्षाकर्मियों के बीच कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन राष्ट्रपति के चेहरे पर मौजूद मुस्कान और जनता के प्रति उनके प्रेम ने माहौल को पूरी तरह आत्मीय बना दिया। लोगों का कहना है कि उन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति को इतने सरल अंदाज में मिलते पहली बार देखा है।




संजीव सिंह बलिया।नगरा पावर हाउस में नलकूप कनेक्शन देने के नाम पर घूसखोरी और उपभोक्ता के शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित नगरा निवासी शिवकुमार यादव पुत्र शिवचंद यादव ने आरोप लगाया है कि वह 15 दिसंबर 2024 को अपनी माता उमरावती देवी के नाम से नलकूप का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए नगरा पावर हाउस गए थे। पीड़ित के अनुसार, पावर हाउस में तैनात लाइन मैन अजय गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजितेश यादव ने नलकूप कनेक्शन के लिए 25,000 रुपये की मांग की। जबकि विभागीय नियमों के अनुसार नलकूप कनेक्शन का शुल्क लगभग 6,000 रुपये ही है। मजबूरी में पीड़ित ने दोनों कर्मचारियों को 25,000 रुपये दे दिए। आरोप है कि इतनी बड़ी रकम देने के बावजूद आज तक, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी नलकूप का कनेक्शन नहीं दिया गया। इस दौरान पीड़ित को बार-बार झूठे आश्वासन देकर गुमराह किया गया और मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान किया जाता रहा। कनेक्शन न मिलने से खेती-किसानी पर भी बुरा असर पड़ा है। पीड़ित शिवकुमार यादव ने इसे विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया गया खुला भ्रष्टाचार और उपभोक्ता शोषण बताया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कर लाइन मैन अजय गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजितेश यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही ली गई अवैध रकम वापस दिलाने की भी मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ऐसे मामलों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आम उपभोक्ताओं का विभाग से विश्वास उठ जाएगा। अब देखना यह है कि बिजली विभाग के उच्च अधिकारी इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाते हैं।





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11 hours ago
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