डीटीओ के सरकारी वाहन का बीमा-पॉल्यूशन फेल, चालान काटने वाला विभाग खुद नियमों के कटघरे में

औरंगाबाद। जिले में सघन वाहन जांच अभियान चलाकर आम लोगों से चालान वसूलने वाला जिला परिवहन विभाग इस बार खुद सवालों के घेरे में आ गया है। सड़क सुरक्षा और मोटर वाहन कानूनों का पालन सुनिश्चित कराने वाले विभाग के शीर्ष अधिकारी के उपयोग में रहे सरकारी वाहन के दस्तावेज ही फेल पाए गए हैं।

जानकारी के अनुसार जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) सुनंदा कुमारी के उपयोग में रहे सरकारी वाहन बीआर-26-पीए-9303 का बीमा (इंश्योरेंस) और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) दोनों ही निर्धारित अवधि से बाहर पाए गए। इसके बावजूद उक्त वाहन के नियमित रूप से सड़कों पर चलने की बात सामने आई है। जब वाहन की जांच व्हीकल इंफो ऐप के माध्यम से की गई, तो पॉल्यूशन और इंश्योरेंस दोनों ही फेल दर्शाया गया। यह मामला सामने आने के बाद परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। रोजाना शहर के मुख्य चौक-चौराहों और पुरानी जीटी रोड स्थित परिवहन कार्यालय के सामने सघन वाहन जांच अभियान चलाकर बिना बीमा, बिना पॉल्यूशन और अन्य कागजातों की कमी पर आम लोगों के वाहनों का चालान काटा जाता है।

कई मामलों में वाहन जब्त कर हजारों रुपये का जुर्माना भी वसूला जाता है। ऐसे में जब नियमों का उल्लंघन खुद विभाग के अधिकारी के वाहन से जुड़ा हो, तो कार्रवाई न होना व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत बिना वैध बीमा या प्रदूषण प्रमाण पत्र के किसी भी वाहन का सड़क पर चलना दंडनीय अपराध है। कानून सरकारी और निजी वाहनों में कोई भेद नहीं करता। नियमों के अनुसार बिना बीमा वाहन चलाने पर जुर्माना और सजा तक का प्रावधान है, जबकि बिना पीयूसी वाहन चलाने पर भी भारी आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। यही नियम आम नागरिकों पर सख्ती से लागू किए जाते हैं।

डीटीओ के सरकारी वाहन के दस्तावेज फेल पाए जाने के बाद कार्यालय की आंतरिक निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सरकारी वाहनों के कागजातों की समय-समय पर समीक्षा और नवीनीकरण की जिम्मेदारी विभागीय स्तर पर तय होती है, लेकिन अक्सर यह प्रक्रिया कागजों तक ही सीमित रह जाती है। यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा है। बिना बीमा वाहन दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों के मुआवजे को लेकर गंभीर जोखिम पैदा करता है, वहीं बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र वाहन चलना पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए खतरा माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को ग्रामीण विकास व परिवहन मंत्री श्रवण कुमार के औरंगाबाद दौरे के दौरान उनका काफिला अतिथि गृह पहुंचा था, जिसमें डीटीओ का वाहन भी शामिल था। इसी दौरान वाहन नंबर की जांच करने पर उसके पॉल्यूशन और इंश्योरेंस फेल पाए गए। जानकारी सामने आने के बाद चालक कागजात सबमिट करने की बात कहता नजर आया।

अब सवाल यह उठ रहा है कि नियमों का पालन कराने वाला विभाग खुद अपने नियमों का पालन कब करेगा और क्या इस मामले में जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होगी।

अंकिता भंडारी हत्याकांड: कांग्रेस का कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा पर तीखा हमला करते हुए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले। पार्टी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और कथित वीआईपी की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग की। पार्टी का कहना है कि मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।

बीते दिन यूथ कांग्रेस ने लैंसडाउन चौक के पास स्थित भाजपा महानगर कार्यालय की ओर कूच किया। पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोक दिया, जिसके बाद धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी ने किया। इससे पहले कार्यकर्ता राजीव भवन में एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े।

विवाद तब और गहराया जब भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी बताने वाली अभिनेत्री उर्मिला सनावर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने अंकिता भंडारी केस में एक बड़े भाजपा नेता पर आरोप लगाते हुए कथित वीवीआईपी का नाम लिया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज कर दिए, जबकि भाजपा नेताओं ने भी आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।

क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड
पौड़ी गढ़वाल जनपद के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में कार्यरत थीं। मामले की जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, और वे वर्तमान में जेल में हैं।
*पूर्व पीएम के आदर्श सबके लिए अमूल्य धरोहर : शंकर गिरि*
*पूर्व पीएम अटल थे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतिमूर्ति -शंकर गिरि*************

*वक्ताओं ने अटल जी के संस्मरणों को सुनाते हुए उनके करिश्माई व्यक्तित्व पर की चर्चा*************** सुलतानपुर।भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी लोकतांत्रिक व मानवतावादी मूल्यों की प्रतिमूर्ति थे।वह कुशल राजनीतिज्ञ, सशक्त वक्ता,कवि, पत्रकार, लेखक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे।उनके दिखाए आदर्श व रास्ते हम सबके लिए अमूल्य धरोहर है। यह बाते भाजपा प्रदेश मंत्री शंकर गिरि ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की 101 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सुलतानपुर विधानसभा में आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।आगे कहा प्रधानमंत्री मोदी उनके मातृशक्ति के मजबूत करने के सपने को साकार रुप दे रहे हैं।उन्होंने एसआईआर ड्राफ्ट आने के बाद कार्यकर्ताओं से नाम बढ़ाने की प्रक्रिया में पूरी ताकत से जुटने का आवाह्न किया। विशीष्ट अतिथि काशी क्षेत्र अध्यक्ष किसान मोर्चा काशी प्रसाद तिवारी ने कहा पूर्व पीएम सुशासन के माडल थे।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने पूर्व पीएम अटल को राजनीति का आजाद शत्रु बताया। उन्होंने बताया एसआईआर अभियान में पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा में 10 हजार नए और छुटे हुए वोटरों को जुड़वाने का लक्ष्य तय किया है।कार्यकर्ता लक्ष्य प्राप्त करने में पूरी ताकत से जुट जाएं।क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संतबख्श सिंह चुन्नू,भाजपा नेता रामचन्द्र मिश्रा,पूर्व जिलाध्यक्ष करुणा शंकर द्विवेदी,डॉ सीताशरण त्रिपाठी ने अटल जी के साथ के संस्मरणों को साझा करते हुए उनके जीवन आदर्शों पर विस्तार से चर्चा की‌।इस दौरान वक्ताओं ने अटल जी की कविताएं भी सुनाई।कार्यकर्ताओं ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।इसके पूर्व मुख्य अतिथि समेत मंचाशीन लोगों ने अटल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।मीडिया प्रमुख विजय रघुवंशी ने बताया कि महामंत्री धर्मेन्द्र कुमार के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता कृपाशंकर मिश्रा,संदीप सिंह, विवेक सिंह विपिन,प्रदीप शुक्ला,चन्दन नारायन सिंह, रमेश शर्मा,एलके दूबे,डॉ अनुराग पाण्डेय,अरूण जायसवाल,सुमन राव कोरी, काली सहाय पाठक,रमेश सिंह टिन्नू, रीना जायसवाल,अजीत यादव,जया सिंह, संतोष सिंह, सोहनलाल निषाद, प्रदीप शर्मा, सूर्य नारायन पाण्डेय,सुभाष वर्मा,दान बहादुर तिवारी,राम अभिलाष सिंह,राजकुमार सोनी,अफजल अंसारी,रवि श्रीवास्तव,आकाश जायसवाल, प्रदीप मिश्रा आदि मौजूद रहे।
पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।
*सांड़ के हमले से बुजुर्ग महिला की मौत*
सुल्तानपुर में थाना देहात कोतवाली के सातनपुर निवासी पवनकली बुजुर्ग महिला बीते शनिवार शाम घर से बाहर निकलीं और इसी बीच घर के बाहर टहल रहे सांड़ ने उन पर हमला कर दिया, और वह गंभीर घायल हो गईं। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने कड़ी मशाक्क़त करते हुए सांड़ को घटनास्थल से भगाया। जबकि पवन कली के पति मतई की पहले ही मौत हो चुकी है।
प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय में सांसद मनीष जायसवाल ने जनता से किया सीधा संवाद

रामगढ़ - हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने शनिवार को रामगढ़ पहुंचकर जनता से सीधा संवाद किया और लोगों की समस्याओं को सुना। रामगढ़ के रांची रोड के समीप स्थित माइंस रेस्क्यू स्टेशन परिसर में सांसद सेवा कार्यालय में उन्होंने क्षेत्र के कोने-कोने से आए नागरिकों से मुलाकात की और उनकी शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया।

रामगढ़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सांसद मनीष जायसवाल से मिलने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय पहुंचे। बरकाकाना से आए दर्जनों लोगों ने रेलवे द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित होने की शिकायत की। सांसद श्री जायसवाल ने तुरंत इस मामले में रेलवे विभाग के डीआरएम से फोन पर बात की और प्रभावित परिवारों को बसाने तथा राहत देने का आग्रह किया। गोला थाना क्षेत्र के ग्राम कोराम्बे से आए अनुज रविदास और उनके परिवार ने एक गंभीर मानवीय मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि उनके भाई जो सऊदी अरब में मशीन संचालक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे, बीमार होने पर छुट्टी मांगने के बाद उन्हें अवैध करार देते हुए जेल में बंद कर दिया गया है। सांसद मनीष जायसवाल ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और उनकी वतन वापसी में मदद करने का भरोसा जताया।

करमा के लोगों ने पेयजल और अन्य विकास कार्यों की जरूरत बताई। इसके अतिरिक्त कोठार से छत्तर तक सड़क पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की मांग भी प्रमुखता से लोगों ने रखी। 

लपंगा, पतरातु, सायल, उरीमारी, भादानीनगर, सांकी, गोला, दिगवार, बरलंगा, दुलमी, चितरपुर, लारी, कोठार, रामगढ़ नगर निगम क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों से आए करीब हजारों फरियादियों ने भूमि विवाद, विभिन्न पेंशन योजनाओं, पेयजल और व्यक्तिगत जरूरतों से संबंधित अपनी फरियादें रखीं।

सांसद मनीष जायसवाल ने दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक लगातार पूरी शालीनता और गंभीरता के साथ सबकी समस्याओं को सुना। लोगों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि खुद सांसद मनीष जायसवाल ने उठकर लोगों को बैठाया और अनुशासित तरीके से बारी-बारी से मिलने का आग्रह किया। उन्होंने कई छोटे मामलों का मौके पर ही त्वरित निष्पादन कराया, जबकि लंबित मामलों के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों से बात करके यथाशीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। विकास योजनाओं से संबंधित मामले पर यथाशीघ्र सरकारी योजना से या सीएसआर मद स्तर से करवाने का लोगों को भरोसा जताया।

जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याओं को सुनने की उनकी इस संवेदनशील कार्यशैली को लोगों को बहुत पसंद किया। रामगढ़ की जनता ने सांसद मनीष जायसवाल के इस प्रयास की खूब सराहना की और उम्मीद जताई कि उनका यह सीधा संवाद आगे भी जारी रहेगा।

जनता से सीधा संवाद मेरी परंपरा, रामगढ़ सांसद कार्यालय बनेगा जरूरतमंदों का सहारा: मनीष जायसवाल - रामगढ़ सांसद सेवा कार्यकार्य में सआयोजित जनता से सीधा संवाद कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने अपने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनता से सीधा संवाद मेरी सामाजिक और राजनीतिक जीवन की परंपरा रही है। मैं हमेशा से ही क्षेत्र की जनता के बीच बना रहता हूँ और क्षेत्र के विकास के साथ-साथ उनके सुख-दुःख में सहभागी बनना अपना कर्तव्य मानता हूँ।

रामगढ़ मेरे संसदीय क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कि रामगढ़ जिले के लोगों को अपनी समस्याएं लेकर हजारीबाग आने की ज़रूरत न पड़े इसीलिए हमने रामगढ़ के रांची रोड के समयों सांसद सेवा कार्यालय का स्थापना किया है। यह कार्यालय अब सांसद और जनता के बीच सीधे संवाद का केंद्र बन गया है।

मुझे यह देखकर अत्यंत हर्ष हुआ कि शॉर्ट नोटिस पर भी पहले ही दिन 1000 से अधिक लोगों ने अपनी समस्याएँ लेकर इस कार्यालय तक पहुँचे। यह भारी संख्या इस कार्यालय की महत्ता और जनता की उम्मीदों को बखूबी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूँ कि भविष्य में रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय और अधिक सक्रिय होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से सप्ताह में कम-से-कम एक दिन यहाँ ज़रूर बैठूंगा ताकि रामगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जा सके। मेरा लक्ष्य है कि यह कार्यालय जनता की सेवा का सबसे मजबूत मंच बने।

मौके पर ये गणमान्य लोग रहें मौजूद - मौके पर विशेषरूप से रामगढ़ भाजपा जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता, जिला महामंत्री राजू चतुर्वेदी, विजय जायसवाल, रंजीत सिन्हा, रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू, परमजीत सिंह, प्रो.संजय सिंह, रंजन फौजी, दिनेश प्रसाद, शीतल सिंह, हजारीबाग लोक सभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि सत्येंद्र नारायण सिंह, रामगढ़ जिले के सांसद प्रतिनिधि राजीव सिंह, सरदार अनमोल सिंह, दिलीप सिंह, लक्ष्मी देवी, संजीव बावला, प्रवीण कुमार सोनू, रॉबिन गुप्ता, स्नेहलता चौधरी,रामगढ़ कैंट भाजपा मंडल अध्यक्ष सुशांत पांडेय, नगर परिषद भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय शाह, रामगढ़ ग्रामीण भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपा देवी, चितरपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष निरंजन कुमार, बरलंगा भाजपा मंडल अध्यक्ष महेंद्र कुमार, मांडू मंडल अध्यक्ष अशोक कुमार, संतोष शर्मा, धीरज साहू, गौतम महतो, शशि शेखर, राकेश सिन्हा, आजसू नेता रमेश दांगी, मनीशंकर ठाकुर, परमजीत सिंह, सूरज कुमार, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें और सांसद मनीष जायसवाल के जनहित के इस पहल की सभी ने स्वतंत्र कंठ से प्रशंसा की ।

HJCPL 2025 सीजन–1 के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए पूर्व सदर विधानसभा प्रत्याशी मुन्ना सिंह, खिलाड़ियों का किया उत्साहवर्धन

हजारीबाग- हजारीबाग के प्रतिष्ठित संजय सिंह स्टेडियम में शनिवार को हजारीबाग जैन क्रिकेट प्रीमियर लीग (HJCPL) 2025 सीजन–1 का भव्य उद्घाटन समारोह अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर पूर्व सदर विधानसभा प्रत्याशी मुन्ना सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने खिलाड़ियों, आयोजकों और खेलप्रेमियों से मुलाकात कर सभी टीमों का उत्साहवर्धन किया और पूरे टूर्नामेंट के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दिया।उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुन्ना सिंह ने कहा कि HJCPL केवल एक क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और युवाओं में अनुशासन, टीम वर्क और सकारात्मक ऊर्जा विकसित करने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के खेल आयोजन जिले में खेल संस्कृति को मजबूती प्रदान करते हैं और युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने HJCPL 2025 को जोश, उत्साह और प्रेरणा का प्रतीक बताते हुए इसके सफल आयोजन की कामना किया। जबकि लेट्स यूनाइट के संदेश के साथ आयोजित इस लीग के उद्घाटन समारोह को खास बनाने के लिए समाज के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसने समारोह में चार चांद लगा दिए। स्टेडियम में बड़ी संख्या में खिलाड़ी, गणमान्य अतिथि और खेलप्रेमी उपस्थित रहे, जिससे पूरे परिसर में उत्सव जैसा माहौल बना रहा। जबकि आयोजन समिति के चेयरमैन सौरभ जैन पटौदी ने बताया कि HJCPL का उद्देश्य केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को एक सूत्र में पिरोना है। उन्होंने कहा कि संजय सिंह स्टेडियम में आयोजित यह लीग युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बड़ा मंच प्रदान कर रही है। वहीं प्रेसिडेंट तरुण जैन ने कहा कि इस लीग के माध्यम से समाज में अनुशासन, एकजुटता और सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा रहा है, जिसमें बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां विशेष भूमिका निभा रही हैं। HJCPL 2025 सीजन–1 के अंतर्गत पहले दिन और दूसरे दिन रोमांचक लीग मुकाबले खेले जाएंगे, जिनके बाद सेमीफाइनल और फिर भव्य फाइनल मुकाबले के माध्यम से सीजन–1 के विजेता का चयन किया जाएगा। खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए विजेता और उपविजेता ट्रॉफी के साथ-साथ मैन ऑफ द सीरीज, मैन ऑफ द मैच, सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक जैसे पुरस्कारों की भी घोषणा की गई है। आयोजन समिति में चेयरमैन सौरभ जैन पटौदी, प्रेसिडेंट तरुण जैन, सेक्रेटरी अनीश लोहारिया, वाइस प्रेसिडेंट सन्नी विनायक और कोषाध्यक्ष कपिल विनायक शामिल हैं। आयोजन से जुड़ी मीडिया समन्वय की जिम्मेदारी अमित जैन विनायका संभाल रहे हैं। HJCPL 2025 सीजन–1 खेल, संस्कृति और सामाजिक एकता का एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभर रहा है, जो आने वाले वर्षों में हजारीबाग के खेल जगत को नई दिशा देगा।

भूमि से उद्योग तक यूपी अव्वल, योगी के विजन पर निवेशकों का भरोसा मजबूत

* औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग में उत्तर प्रदेश अग्रणी, 33,327 हेक्टेयर में विकसित 286 औद्योगिक पार्क

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपनी सशक्त पहचान बना ली है। औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग के मामले में प्रदेश आज अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। जहां कई राज्यों में औद्योगिक पार्कों की बड़ी भूमि अब भी निष्क्रिय पड़ी है, वहीं उत्तर प्रदेश में उपलब्ध कराई गई अधिकांश औद्योगिक भूमि पर उद्योग स्थापित हो चुके हैं या स्थापना की प्रक्रिया में हैं।

प्रदेश में अब तक 286 औद्योगिक पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 33,327 हेक्टेयर है। इन पार्कों में औद्योगिक गतिविधियों की सक्रियता यह दर्शाती है कि निवेश प्रस्ताव केवल कागजों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम सामने आए हैं। यही वजह है कि देश-विदेश के निवेशक उत्तर प्रदेश को एक भरोसेमंद और परिणाम देने वाले औद्योगिक गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।

उद्योग जगत के विशेषज्ञ एस.के. आहूजा के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से देश के बड़े औद्योगिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। औद्योगिक भूमि के लगभग पूर्ण उपयोग से न केवल उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं।

अन्य राज्यों से तुलना करें तो अंतर स्पष्ट नजर आता है। उदाहरण के तौर पर तेलंगाना में 157 औद्योगिक पार्कों में लगभग 30,749 हेक्टेयर भूमि अब भी निवेश के लिए उपलब्ध है, जबकि उत्तर प्रदेश में भूमि का उपयोग तेजी से हो चुका है।

प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति को स्पष्ट दिशा देते हुए केवल भूमि आवंटन तक सीमित न रहकर उद्योगों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार किया है। कानून-व्यवस्था में सुधार, प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बुनियादी ढांचे का तेज विस्तार इस नीति के प्रमुख आधार रहे हैं। एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी ने उद्योगों के संचालन को आसान बनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।

* प्रदेश भर में संतुलित औद्योगिक विकास


एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी), डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं ने औद्योगिक विकास को केवल कुछ शहरों तक सीमित नहीं रहने दिया। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उद्योगों की स्थापना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े हैं और क्षेत्रीय असमानता में कमी आई है।

* प्लग एंड प्ले मॉडल पर फोकस


उद्योगों को और गति देने के लिए प्रदेश सरकार ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दे रही है। इस मॉडल के तहत निवेशकों को पहले दिन से ही तैयार अवसंरचना उपलब्ध कराई जाएगी। माना जा रहा है कि यह पहल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में अन्य राज्यों से और आगे ले जाएगी।उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय औद्योगिक परिदृश्य में ठोस परिणामों के साथ अग्रणी राज्य के रूप में अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है।
Sambhal मिलेगा पहला मैरिज हॉल, 90 प्रतिशत काम पूरा, जल्द होगा उद्घाटन

सम्भल नगरवासियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। नगर पालिका परिषद सम्भल की ओर से बनाए जा रहे शहर के पहले मैरिज हॉल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सभासद के अनुसार मैरिज हॉल का करीब 90 प्रतिशत काम समाप्त कर लिया गया है, जबकि शेष 10 प्रतिशत कार्य भी अगले दो से तीन महीनों में पूरा होने का दावा किया गया है। निर्माण पूरा होते ही सम्भल की जनता को विवाह, सामाजिक व पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए एक आधुनिक और सुविधाजनक स्थल उपलब्ध हो जाएगा।

अब तक इस मैरिज हॉल के निर्माण पर लगभग 40 लाख रुपये खर्च किए जाने का दावा हैं। वहीं, बचे हुए कार्य को पूरा करने के लिए करीब 25 से 30 लाख रुपये और खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। मैरिज हॉल में आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिससे आम नागरिकों को निजी मैरिज हॉल या टेंट-शामियाना व्यवस्था पर होने वाले भारी खर्च से राहत मिल सकेगी। गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद सम्भल के वार्ड नंबर 22 की सभासद रिजवाना अजीम ने बोर्ड की बैठक में मैरिज हॉल का कार्य शीघ्र पूरा कराने की पुरजोर मांग उठाई थी। उनकी इस मांग के बाद नगर पालिका ने निर्माण कार्य में तेजी लाई, जिसके चलते अब 90 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। सभासद की पहल को लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि मैरिज हॉल के बन जाने से मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। शादी-विवाह के साथ-साथ अन्य सामाजिक, सांस्कृतिक और सामूहिक कार्यक्रम भी यहां आयोजित किए जा सकेंगे। हालांकि अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शेष कार्य तय समय सीमा में पूरा होता है या नहीं। यदि दावा सही साबित होता है, तो आने वाले कुछ ही महीनों में सम्भल की जनता को अपने पहले मैरिज हॉल का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

डीटीओ के सरकारी वाहन का बीमा-पॉल्यूशन फेल, चालान काटने वाला विभाग खुद नियमों के कटघरे में

औरंगाबाद। जिले में सघन वाहन जांच अभियान चलाकर आम लोगों से चालान वसूलने वाला जिला परिवहन विभाग इस बार खुद सवालों के घेरे में आ गया है। सड़क सुरक्षा और मोटर वाहन कानूनों का पालन सुनिश्चित कराने वाले विभाग के शीर्ष अधिकारी के उपयोग में रहे सरकारी वाहन के दस्तावेज ही फेल पाए गए हैं।

जानकारी के अनुसार जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) सुनंदा कुमारी के उपयोग में रहे सरकारी वाहन बीआर-26-पीए-9303 का बीमा (इंश्योरेंस) और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) दोनों ही निर्धारित अवधि से बाहर पाए गए। इसके बावजूद उक्त वाहन के नियमित रूप से सड़कों पर चलने की बात सामने आई है। जब वाहन की जांच व्हीकल इंफो ऐप के माध्यम से की गई, तो पॉल्यूशन और इंश्योरेंस दोनों ही फेल दर्शाया गया। यह मामला सामने आने के बाद परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। रोजाना शहर के मुख्य चौक-चौराहों और पुरानी जीटी रोड स्थित परिवहन कार्यालय के सामने सघन वाहन जांच अभियान चलाकर बिना बीमा, बिना पॉल्यूशन और अन्य कागजातों की कमी पर आम लोगों के वाहनों का चालान काटा जाता है।

कई मामलों में वाहन जब्त कर हजारों रुपये का जुर्माना भी वसूला जाता है। ऐसे में जब नियमों का उल्लंघन खुद विभाग के अधिकारी के वाहन से जुड़ा हो, तो कार्रवाई न होना व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत बिना वैध बीमा या प्रदूषण प्रमाण पत्र के किसी भी वाहन का सड़क पर चलना दंडनीय अपराध है। कानून सरकारी और निजी वाहनों में कोई भेद नहीं करता। नियमों के अनुसार बिना बीमा वाहन चलाने पर जुर्माना और सजा तक का प्रावधान है, जबकि बिना पीयूसी वाहन चलाने पर भी भारी आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। यही नियम आम नागरिकों पर सख्ती से लागू किए जाते हैं।

डीटीओ के सरकारी वाहन के दस्तावेज फेल पाए जाने के बाद कार्यालय की आंतरिक निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सरकारी वाहनों के कागजातों की समय-समय पर समीक्षा और नवीनीकरण की जिम्मेदारी विभागीय स्तर पर तय होती है, लेकिन अक्सर यह प्रक्रिया कागजों तक ही सीमित रह जाती है। यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा है। बिना बीमा वाहन दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों के मुआवजे को लेकर गंभीर जोखिम पैदा करता है, वहीं बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र वाहन चलना पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए खतरा माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को ग्रामीण विकास व परिवहन मंत्री श्रवण कुमार के औरंगाबाद दौरे के दौरान उनका काफिला अतिथि गृह पहुंचा था, जिसमें डीटीओ का वाहन भी शामिल था। इसी दौरान वाहन नंबर की जांच करने पर उसके पॉल्यूशन और इंश्योरेंस फेल पाए गए। जानकारी सामने आने के बाद चालक कागजात सबमिट करने की बात कहता नजर आया।

अब सवाल यह उठ रहा है कि नियमों का पालन कराने वाला विभाग खुद अपने नियमों का पालन कब करेगा और क्या इस मामले में जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होगी।

अंकिता भंडारी हत्याकांड: कांग्रेस का कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा पर तीखा हमला करते हुए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले। पार्टी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और कथित वीआईपी की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग की। पार्टी का कहना है कि मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।

बीते दिन यूथ कांग्रेस ने लैंसडाउन चौक के पास स्थित भाजपा महानगर कार्यालय की ओर कूच किया। पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोक दिया, जिसके बाद धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी ने किया। इससे पहले कार्यकर्ता राजीव भवन में एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े।

विवाद तब और गहराया जब भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी बताने वाली अभिनेत्री उर्मिला सनावर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने अंकिता भंडारी केस में एक बड़े भाजपा नेता पर आरोप लगाते हुए कथित वीवीआईपी का नाम लिया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज कर दिए, जबकि भाजपा नेताओं ने भी आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।

क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड
पौड़ी गढ़वाल जनपद के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में कार्यरत थीं। मामले की जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, और वे वर्तमान में जेल में हैं।
*पूर्व पीएम के आदर्श सबके लिए अमूल्य धरोहर : शंकर गिरि*
*पूर्व पीएम अटल थे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतिमूर्ति -शंकर गिरि*************

*वक्ताओं ने अटल जी के संस्मरणों को सुनाते हुए उनके करिश्माई व्यक्तित्व पर की चर्चा*************** सुलतानपुर।भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी लोकतांत्रिक व मानवतावादी मूल्यों की प्रतिमूर्ति थे।वह कुशल राजनीतिज्ञ, सशक्त वक्ता,कवि, पत्रकार, लेखक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे।उनके दिखाए आदर्श व रास्ते हम सबके लिए अमूल्य धरोहर है। यह बाते भाजपा प्रदेश मंत्री शंकर गिरि ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की 101 वीं जयंती के उपलक्ष्य में सुलतानपुर विधानसभा में आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।आगे कहा प्रधानमंत्री मोदी उनके मातृशक्ति के मजबूत करने के सपने को साकार रुप दे रहे हैं।उन्होंने एसआईआर ड्राफ्ट आने के बाद कार्यकर्ताओं से नाम बढ़ाने की प्रक्रिया में पूरी ताकत से जुटने का आवाह्न किया। विशीष्ट अतिथि काशी क्षेत्र अध्यक्ष किसान मोर्चा काशी प्रसाद तिवारी ने कहा पूर्व पीएम सुशासन के माडल थे।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने पूर्व पीएम अटल को राजनीति का आजाद शत्रु बताया। उन्होंने बताया एसआईआर अभियान में पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा में 10 हजार नए और छुटे हुए वोटरों को जुड़वाने का लक्ष्य तय किया है।कार्यकर्ता लक्ष्य प्राप्त करने में पूरी ताकत से जुट जाएं।क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संतबख्श सिंह चुन्नू,भाजपा नेता रामचन्द्र मिश्रा,पूर्व जिलाध्यक्ष करुणा शंकर द्विवेदी,डॉ सीताशरण त्रिपाठी ने अटल जी के साथ के संस्मरणों को साझा करते हुए उनके जीवन आदर्शों पर विस्तार से चर्चा की‌।इस दौरान वक्ताओं ने अटल जी की कविताएं भी सुनाई।कार्यकर्ताओं ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।इसके पूर्व मुख्य अतिथि समेत मंचाशीन लोगों ने अटल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।मीडिया प्रमुख विजय रघुवंशी ने बताया कि महामंत्री धर्मेन्द्र कुमार के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता कृपाशंकर मिश्रा,संदीप सिंह, विवेक सिंह विपिन,प्रदीप शुक्ला,चन्दन नारायन सिंह, रमेश शर्मा,एलके दूबे,डॉ अनुराग पाण्डेय,अरूण जायसवाल,सुमन राव कोरी, काली सहाय पाठक,रमेश सिंह टिन्नू, रीना जायसवाल,अजीत यादव,जया सिंह, संतोष सिंह, सोहनलाल निषाद, प्रदीप शर्मा, सूर्य नारायन पाण्डेय,सुभाष वर्मा,दान बहादुर तिवारी,राम अभिलाष सिंह,राजकुमार सोनी,अफजल अंसारी,रवि श्रीवास्तव,आकाश जायसवाल, प्रदीप मिश्रा आदि मौजूद रहे।
पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।
*सांड़ के हमले से बुजुर्ग महिला की मौत*
सुल्तानपुर में थाना देहात कोतवाली के सातनपुर निवासी पवनकली बुजुर्ग महिला बीते शनिवार शाम घर से बाहर निकलीं और इसी बीच घर के बाहर टहल रहे सांड़ ने उन पर हमला कर दिया, और वह गंभीर घायल हो गईं। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने कड़ी मशाक्क़त करते हुए सांड़ को घटनास्थल से भगाया। जबकि पवन कली के पति मतई की पहले ही मौत हो चुकी है।
प्रयागराज पुस्तक मेले का दसवां दिन।
भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक)”तथा“कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस” का हुआ विमोचन डॉ.पन्ना लाल एवं डॉ.अजय कुमार की पुस्तकों को मिला पाठको का स्नेह।

समापन की ओर बढ़ा ग्यारह दिवसीय पुस्तक मेला।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।ग्यारह दिवसीय प्रयागराज पुस्तक मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है।शनिवार को मेले का दसवां दिन रहा जबकि रविवार को इसका समापन होगा।दसवे दिन भी पुस्तक प्रेमियो का उत्साह देखते ही बना।बड़ी संख्या में पाठक मेले में पहुंचे और पुस्तकों के प्रति उनका गहरा लगाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन(लक्ष्मी टॉकीज के सामने) में आयोजित इस पुस्तक मेले में हिन्दी पुस्तको की जमकर बिक्री हुई।मुंशी प्रेमचंद मंटो और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित अनेक साहित्यकारो की कहानियो के चित्रकथा संस्करण बच्चो को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे है।मेले में उमड़ी भीड़ के बीच यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्रयागराज (इलाहाबाद)और उससे जुड़े विषयों पर आधारित पुस्तकों का आकर्षण आज भी बना हुआ है।युवा पाठक 1949 में प्रकाशित धर्मवीर भारती के चर्चित उपन्यास गुनाहों के देवता को खोजते और खरीदते नजर आए।युवाओ का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस पुस्तक की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।इसी क्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यकार विनोद शुक्ल का 1979 में प्रकाशित उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी भी पाठको विशेषकर युवाओं को खूब लुभा रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से जुड़े मानव कौल के यात्रा-वृत्तांत/उपन्यास को भी पाठकों ने खास पसंद किया।नए लेखको में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन’मुसाफिर कैफे तथा प्रेम शंकर चरवाना की ‘सरकारी चाय के लिए जैसी पुस्तकों की मांग बनी रही।वही ‘राग दरबारी‘दिल्ली दरबार’ तथा मुंशी प्रेमचंद के‘गोदान गबन‘सेवासदन’और‘निर्मला आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुई है।बी.ए. के छात्र नितिन ने बताया कि वे और उनके मित्र सोशल मीडिया के माध्यम से पहले से ही पुस्तको की जानकारी जुटा लेते हैं और पुस्तक मेला लगते ही अपनी पसंद की किताबें खरीदते है।आयोजक मनोज सिंह चन्देल एवं सह-आयोजक मनीष गर्ग ने संयुक्त रूप से बताया कि फोर्स वन बुक्स द्वारा बुकवाला के सहयोग से शनिवार को प्रयागराज पुस्तक मेले में डॉ. पन्ना लाल तथा डॉ.अजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तको भारतीय प्रशासन और पुलिस (प्राचीन काल से आधुनिक काल तक और कुछ यादे कुछ बातें भी–माई डेज विद पुलिस”का विमोचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह रहे जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.एन.चक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियो ने लेखको को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस के अनुभवों पर आधारित ऐसी पुस्तकें समाज को सही दृष्टि और ऐतिहासिक समझ प्रदान करती हैं तथा ऐसे साहित्यिक आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए।प्रयागराज पुस्तक मेला 2025 के अंतर्गत आयोजित एक अन्य समारोह में पुस्तक के लेखक अनूप कुमार गुप्ता(आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र वर्तमान में ओएनजीसी में कार्यरत)है।यह पुस्तक UPSC, IIT-JEE, State PCS और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे विद्यार्थियो के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका है।पुस्तक के शोध कार्य में भारतीय वायुसेना में सेवारत पंकज कुमार गुप्ता का विशेष योगदान रहा।इसी क्रम में प्रयागराज पुस्तक मेले में साहित्य भण्डार द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कवि एवं आलोचक प्रो.प्रभाकर सिंह की आलोचनात्मक पुस्तक आलोचना के दायरे”के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. सन्तोष भदौरिया ने की।आमंत्रित वक्ता डॉ.लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने पुस्तक का परिचय देते हुए बताया कि यह कृति तीन खण्डो— कवि और कविताई‘कथा और कथेतर तथा आलोचना और विचार—में विभाजित है और समकालीन आलोचनात्मक विमर्श को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ.अमृता ने कहा कि प्रो.प्रभाकर सिंह अपनी कविता और आलोचना के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लोकपक्ष और नारीवादी सौन्दर्यशास्त्र को प्रमुखता देते है।अपने वक्तव्य में प्रो.प्रभाकर सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में इतिहास-बोध के सहारे आलोचनात्मक लेखो का संकलन किया गया है।अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.सन्तोष भदौरिया ने पुस्तक को छात्रो और शोधार्थियो के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.अमरजीत राम ने किया।इस अवसर पर डॉ.शांति चौधरी डॉ.मोतीलाल डॉ.अनिल सिंह वर्षा अग्रवाल सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय में सांसद मनीष जायसवाल ने जनता से किया सीधा संवाद

रामगढ़ - हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने शनिवार को रामगढ़ पहुंचकर जनता से सीधा संवाद किया और लोगों की समस्याओं को सुना। रामगढ़ के रांची रोड के समीप स्थित माइंस रेस्क्यू स्टेशन परिसर में सांसद सेवा कार्यालय में उन्होंने क्षेत्र के कोने-कोने से आए नागरिकों से मुलाकात की और उनकी शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया।

रामगढ़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सांसद मनीष जायसवाल से मिलने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय पहुंचे। बरकाकाना से आए दर्जनों लोगों ने रेलवे द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित होने की शिकायत की। सांसद श्री जायसवाल ने तुरंत इस मामले में रेलवे विभाग के डीआरएम से फोन पर बात की और प्रभावित परिवारों को बसाने तथा राहत देने का आग्रह किया। गोला थाना क्षेत्र के ग्राम कोराम्बे से आए अनुज रविदास और उनके परिवार ने एक गंभीर मानवीय मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि उनके भाई जो सऊदी अरब में मशीन संचालक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे, बीमार होने पर छुट्टी मांगने के बाद उन्हें अवैध करार देते हुए जेल में बंद कर दिया गया है। सांसद मनीष जायसवाल ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और उनकी वतन वापसी में मदद करने का भरोसा जताया।

करमा के लोगों ने पेयजल और अन्य विकास कार्यों की जरूरत बताई। इसके अतिरिक्त कोठार से छत्तर तक सड़क पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की मांग भी प्रमुखता से लोगों ने रखी। 

लपंगा, पतरातु, सायल, उरीमारी, भादानीनगर, सांकी, गोला, दिगवार, बरलंगा, दुलमी, चितरपुर, लारी, कोठार, रामगढ़ नगर निगम क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों से आए करीब हजारों फरियादियों ने भूमि विवाद, विभिन्न पेंशन योजनाओं, पेयजल और व्यक्तिगत जरूरतों से संबंधित अपनी फरियादें रखीं।

सांसद मनीष जायसवाल ने दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक लगातार पूरी शालीनता और गंभीरता के साथ सबकी समस्याओं को सुना। लोगों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि खुद सांसद मनीष जायसवाल ने उठकर लोगों को बैठाया और अनुशासित तरीके से बारी-बारी से मिलने का आग्रह किया। उन्होंने कई छोटे मामलों का मौके पर ही त्वरित निष्पादन कराया, जबकि लंबित मामलों के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों से बात करके यथाशीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। विकास योजनाओं से संबंधित मामले पर यथाशीघ्र सरकारी योजना से या सीएसआर मद स्तर से करवाने का लोगों को भरोसा जताया।

जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याओं को सुनने की उनकी इस संवेदनशील कार्यशैली को लोगों को बहुत पसंद किया। रामगढ़ की जनता ने सांसद मनीष जायसवाल के इस प्रयास की खूब सराहना की और उम्मीद जताई कि उनका यह सीधा संवाद आगे भी जारी रहेगा।

जनता से सीधा संवाद मेरी परंपरा, रामगढ़ सांसद कार्यालय बनेगा जरूरतमंदों का सहारा: मनीष जायसवाल - रामगढ़ सांसद सेवा कार्यकार्य में सआयोजित जनता से सीधा संवाद कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने अपने रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनता से सीधा संवाद मेरी सामाजिक और राजनीतिक जीवन की परंपरा रही है। मैं हमेशा से ही क्षेत्र की जनता के बीच बना रहता हूँ और क्षेत्र के विकास के साथ-साथ उनके सुख-दुःख में सहभागी बनना अपना कर्तव्य मानता हूँ।

रामगढ़ मेरे संसदीय क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कि रामगढ़ जिले के लोगों को अपनी समस्याएं लेकर हजारीबाग आने की ज़रूरत न पड़े इसीलिए हमने रामगढ़ के रांची रोड के समयों सांसद सेवा कार्यालय का स्थापना किया है। यह कार्यालय अब सांसद और जनता के बीच सीधे संवाद का केंद्र बन गया है।

मुझे यह देखकर अत्यंत हर्ष हुआ कि शॉर्ट नोटिस पर भी पहले ही दिन 1000 से अधिक लोगों ने अपनी समस्याएँ लेकर इस कार्यालय तक पहुँचे। यह भारी संख्या इस कार्यालय की महत्ता और जनता की उम्मीदों को बखूबी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूँ कि भविष्य में रामगढ़ सांसद सेवा कार्यालय और अधिक सक्रिय होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से सप्ताह में कम-से-कम एक दिन यहाँ ज़रूर बैठूंगा ताकि रामगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जा सके। मेरा लक्ष्य है कि यह कार्यालय जनता की सेवा का सबसे मजबूत मंच बने।

मौके पर ये गणमान्य लोग रहें मौजूद - मौके पर विशेषरूप से रामगढ़ भाजपा जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता, जिला महामंत्री राजू चतुर्वेदी, विजय जायसवाल, रंजीत सिन्हा, रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू, परमजीत सिंह, प्रो.संजय सिंह, रंजन फौजी, दिनेश प्रसाद, शीतल सिंह, हजारीबाग लोक सभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि सत्येंद्र नारायण सिंह, रामगढ़ जिले के सांसद प्रतिनिधि राजीव सिंह, सरदार अनमोल सिंह, दिलीप सिंह, लक्ष्मी देवी, संजीव बावला, प्रवीण कुमार सोनू, रॉबिन गुप्ता, स्नेहलता चौधरी,रामगढ़ कैंट भाजपा मंडल अध्यक्ष सुशांत पांडेय, नगर परिषद भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय शाह, रामगढ़ ग्रामीण भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपा देवी, चितरपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष निरंजन कुमार, बरलंगा भाजपा मंडल अध्यक्ष महेंद्र कुमार, मांडू मंडल अध्यक्ष अशोक कुमार, संतोष शर्मा, धीरज साहू, गौतम महतो, शशि शेखर, राकेश सिन्हा, आजसू नेता रमेश दांगी, मनीशंकर ठाकुर, परमजीत सिंह, सूरज कुमार, हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें और सांसद मनीष जायसवाल के जनहित के इस पहल की सभी ने स्वतंत्र कंठ से प्रशंसा की ।

HJCPL 2025 सीजन–1 के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए पूर्व सदर विधानसभा प्रत्याशी मुन्ना सिंह, खिलाड़ियों का किया उत्साहवर्धन

हजारीबाग- हजारीबाग के प्रतिष्ठित संजय सिंह स्टेडियम में शनिवार को हजारीबाग जैन क्रिकेट प्रीमियर लीग (HJCPL) 2025 सीजन–1 का भव्य उद्घाटन समारोह अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर पूर्व सदर विधानसभा प्रत्याशी मुन्ना सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने खिलाड़ियों, आयोजकों और खेलप्रेमियों से मुलाकात कर सभी टीमों का उत्साहवर्धन किया और पूरे टूर्नामेंट के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दिया।उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुन्ना सिंह ने कहा कि HJCPL केवल एक क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और युवाओं में अनुशासन, टीम वर्क और सकारात्मक ऊर्जा विकसित करने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के खेल आयोजन जिले में खेल संस्कृति को मजबूती प्रदान करते हैं और युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने HJCPL 2025 को जोश, उत्साह और प्रेरणा का प्रतीक बताते हुए इसके सफल आयोजन की कामना किया। जबकि लेट्स यूनाइट के संदेश के साथ आयोजित इस लीग के उद्घाटन समारोह को खास बनाने के लिए समाज के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसने समारोह में चार चांद लगा दिए। स्टेडियम में बड़ी संख्या में खिलाड़ी, गणमान्य अतिथि और खेलप्रेमी उपस्थित रहे, जिससे पूरे परिसर में उत्सव जैसा माहौल बना रहा। जबकि आयोजन समिति के चेयरमैन सौरभ जैन पटौदी ने बताया कि HJCPL का उद्देश्य केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को एक सूत्र में पिरोना है। उन्होंने कहा कि संजय सिंह स्टेडियम में आयोजित यह लीग युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बड़ा मंच प्रदान कर रही है। वहीं प्रेसिडेंट तरुण जैन ने कहा कि इस लीग के माध्यम से समाज में अनुशासन, एकजुटता और सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा रहा है, जिसमें बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां विशेष भूमिका निभा रही हैं। HJCPL 2025 सीजन–1 के अंतर्गत पहले दिन और दूसरे दिन रोमांचक लीग मुकाबले खेले जाएंगे, जिनके बाद सेमीफाइनल और फिर भव्य फाइनल मुकाबले के माध्यम से सीजन–1 के विजेता का चयन किया जाएगा। खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए विजेता और उपविजेता ट्रॉफी के साथ-साथ मैन ऑफ द सीरीज, मैन ऑफ द मैच, सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक जैसे पुरस्कारों की भी घोषणा की गई है। आयोजन समिति में चेयरमैन सौरभ जैन पटौदी, प्रेसिडेंट तरुण जैन, सेक्रेटरी अनीश लोहारिया, वाइस प्रेसिडेंट सन्नी विनायक और कोषाध्यक्ष कपिल विनायक शामिल हैं। आयोजन से जुड़ी मीडिया समन्वय की जिम्मेदारी अमित जैन विनायका संभाल रहे हैं। HJCPL 2025 सीजन–1 खेल, संस्कृति और सामाजिक एकता का एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभर रहा है, जो आने वाले वर्षों में हजारीबाग के खेल जगत को नई दिशा देगा।

भूमि से उद्योग तक यूपी अव्वल, योगी के विजन पर निवेशकों का भरोसा मजबूत

* औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग में उत्तर प्रदेश अग्रणी, 33,327 हेक्टेयर में विकसित 286 औद्योगिक पार्क

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपनी सशक्त पहचान बना ली है। औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग के मामले में प्रदेश आज अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। जहां कई राज्यों में औद्योगिक पार्कों की बड़ी भूमि अब भी निष्क्रिय पड़ी है, वहीं उत्तर प्रदेश में उपलब्ध कराई गई अधिकांश औद्योगिक भूमि पर उद्योग स्थापित हो चुके हैं या स्थापना की प्रक्रिया में हैं।

प्रदेश में अब तक 286 औद्योगिक पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 33,327 हेक्टेयर है। इन पार्कों में औद्योगिक गतिविधियों की सक्रियता यह दर्शाती है कि निवेश प्रस्ताव केवल कागजों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम सामने आए हैं। यही वजह है कि देश-विदेश के निवेशक उत्तर प्रदेश को एक भरोसेमंद और परिणाम देने वाले औद्योगिक गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।

उद्योग जगत के विशेषज्ञ एस.के. आहूजा के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से देश के बड़े औद्योगिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। औद्योगिक भूमि के लगभग पूर्ण उपयोग से न केवल उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं।

अन्य राज्यों से तुलना करें तो अंतर स्पष्ट नजर आता है। उदाहरण के तौर पर तेलंगाना में 157 औद्योगिक पार्कों में लगभग 30,749 हेक्टेयर भूमि अब भी निवेश के लिए उपलब्ध है, जबकि उत्तर प्रदेश में भूमि का उपयोग तेजी से हो चुका है।

प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति को स्पष्ट दिशा देते हुए केवल भूमि आवंटन तक सीमित न रहकर उद्योगों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार किया है। कानून-व्यवस्था में सुधार, प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बुनियादी ढांचे का तेज विस्तार इस नीति के प्रमुख आधार रहे हैं। एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी ने उद्योगों के संचालन को आसान बनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।

* प्रदेश भर में संतुलित औद्योगिक विकास


एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी), डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं ने औद्योगिक विकास को केवल कुछ शहरों तक सीमित नहीं रहने दिया। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उद्योगों की स्थापना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े हैं और क्षेत्रीय असमानता में कमी आई है।

* प्लग एंड प्ले मॉडल पर फोकस


उद्योगों को और गति देने के लिए प्रदेश सरकार ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दे रही है। इस मॉडल के तहत निवेशकों को पहले दिन से ही तैयार अवसंरचना उपलब्ध कराई जाएगी। माना जा रहा है कि यह पहल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में अन्य राज्यों से और आगे ले जाएगी।उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय औद्योगिक परिदृश्य में ठोस परिणामों के साथ अग्रणी राज्य के रूप में अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है।
Sambhal मिलेगा पहला मैरिज हॉल, 90 प्रतिशत काम पूरा, जल्द होगा उद्घाटन

सम्भल नगरवासियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। नगर पालिका परिषद सम्भल की ओर से बनाए जा रहे शहर के पहले मैरिज हॉल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सभासद के अनुसार मैरिज हॉल का करीब 90 प्रतिशत काम समाप्त कर लिया गया है, जबकि शेष 10 प्रतिशत कार्य भी अगले दो से तीन महीनों में पूरा होने का दावा किया गया है। निर्माण पूरा होते ही सम्भल की जनता को विवाह, सामाजिक व पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए एक आधुनिक और सुविधाजनक स्थल उपलब्ध हो जाएगा।

अब तक इस मैरिज हॉल के निर्माण पर लगभग 40 लाख रुपये खर्च किए जाने का दावा हैं। वहीं, बचे हुए कार्य को पूरा करने के लिए करीब 25 से 30 लाख रुपये और खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। मैरिज हॉल में आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिससे आम नागरिकों को निजी मैरिज हॉल या टेंट-शामियाना व्यवस्था पर होने वाले भारी खर्च से राहत मिल सकेगी। गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद सम्भल के वार्ड नंबर 22 की सभासद रिजवाना अजीम ने बोर्ड की बैठक में मैरिज हॉल का कार्य शीघ्र पूरा कराने की पुरजोर मांग उठाई थी। उनकी इस मांग के बाद नगर पालिका ने निर्माण कार्य में तेजी लाई, जिसके चलते अब 90 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। सभासद की पहल को लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि मैरिज हॉल के बन जाने से मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। शादी-विवाह के साथ-साथ अन्य सामाजिक, सांस्कृतिक और सामूहिक कार्यक्रम भी यहां आयोजित किए जा सकेंगे। हालांकि अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शेष कार्य तय समय सीमा में पूरा होता है या नहीं। यदि दावा सही साबित होता है, तो आने वाले कुछ ही महीनों में सम्भल की जनता को अपने पहले मैरिज हॉल का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।