जहानाबाद पी०पी०एम स्कूल के बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी में दिखाई अद्भुत वैज्ञानिक प्रतिभा
जहानाबाद। पी०पी०एम स्कूल में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी एवं पत्रकार संतोष श्रीवास्तव ने किया, जबकि अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ० एस० के० सुनील ने की। इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से डॉ० सुनील को अंगवस्त्र एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया।

विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने विज्ञान से जुड़े कई रोचक और उपयोगी मॉडल प्रस्तुत कर अपनी रचनात्मकता और तकनीकी समझ का परिचय दिया। प्रदर्शनी के दौरान कक्षा 10 के साक्षी और न्यास ग्रुप ने अर्थक्वेक अलार्म एंड एयर प्यूरिफिकेशन तथा सुमित ग्रुप ने इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन फ्रॉम आयोनिक थ्रस्ट का मॉडल प्रस्तुत किया। कक्षा 9 के शारदा ग्रुप ने सुसाइड प्रिवेंशन मॉडल और रानी ग्रुप ने वेस्ट मटेरियल से बिजली उत्पादन को दर्शाया। वहीं कक्षा 8 के आशीष ग्रुप ने लेजर अलार्म प्रोटेक्शन सिस्टम और कक्षा 7 के निशा ग्रुप ने वेस्ट मैनेजमेंट तथा ईशा ग्रुप ने पॉल्यूशन फ्री सिटी मॉडल प्रस्तुत किया, जो दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना रहा।

प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए संतोष श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मॉडल, उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करते हैं और यह शिक्षकों के सही मार्गदर्शन का परिणाम है।

विद्यालय के अध्यक्ष डॉ० एस० के० सुनील ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों की यह उत्कृष्ट प्रस्तुति निश्चित रूप से आने वाले समय में जिले और देश का नाम रोशन करेगी। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित और पुरस्कृत करने की भी घोषणा की।

इस मौके पर विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य नंदकिशोर शर्मा, शिक्षक मनोज कुमार पाठक, आकाश कुमार, जयप्रकाश कुमार, रूपा कुमारी, नीतू कुमारी, प्रिया कुमारी, रिंकू कुमारी, अमित कुमार, विवेक कुमार, अभिमन्यु कुमार, खुशी कुमारी, अर्चना कुमारी, स्मिता कुमारी, पारो कुमारी समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के शिक्षक धीरज कुमार ने किया।

झारखंड विधानसभा: हंगामे के बीच ₹7,721 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष ने छात्रवृत्ति, धान खरीद पर की नारेबाजी; सामाजिक सुरक्षा विभाग को मिली सबसे ज्यादा ₹2,082 करोड़ की तवज्जो

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। प्रश्नकाल पूरी तरह बाधित रहा, और बाद में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की कार्यवाही भी विपक्षी विधायकों की नारेबाजी के बीच चलती रही।

द्वितीय अनुपूरक बजट हुआ पेश

शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा।

पिछला बजट: बता दें कि पिछले मानसून सत्र के दौरान सरकार ने ₹4,296.62 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पास कराया था।

बजट पेश किए जाने के दौरान भी विपक्षी विधायक वेल में थे और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, खासकर छात्रवृत्ति नहीं मिलने और किसानों से धान खरीद न होने के मुद्दे पर सवाल उठाए जा रहे थे।

बजट में किस विभाग को कितनी तवज्जो

द्वितीय अनुपूरक बजट में ₹7,721.25 करोड़ की राशि विभिन्न विभागों के लिए आवंटित की गई है। इस बजट में मुख्य रूप से सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

क्रम विभाग का नाम प्रावधानित राशि (करोड़ रु.)

1. महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग 2,082.25 करोड़

2. ग्रामीण कार्य विभाग 1,324.82 करोड़

3. स्वास्थ्य विभाग 729.00 करोड़

4. आपदा प्रबंधन प्रभाग 526.00 करोड़

5. वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 500.00 करोड़

6. गृह विभाग 443.00 करोड़

सर्वाधिक फोकस: महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए प्रावधान की गई ₹2,082.25 करोड़ की राशि में से सबसे ज्यादा ₹2,077 करोड़ की मांग सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में की गई है।

बाबूलाल मरांडी की विशेष चर्चा की मांग

बजट पेश होने से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आसन से जोरदार आग्रह किया।

ज़रूरी मुद्दे: उन्होंने कहा कि शून्यकाल की कार्यवाही से ज्यादा ज़रूरी नौजवानों की छात्रवृत्ति और किसानों की धान खरीद का मसला है।

किसानों की दुर्दशा: मरांडी ने सवाल उठाया कि सरकार के वादे के बावजूद किसानों से ₹3,200 प्रति क्विंटल की दर से धान क्यों नहीं खरीदी जा रही है, जबकि लाचार होकर किसान ₹1500-1600 प्रति क्विंटल की दर से बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

मांग: उन्होंने माँग की कि बाकी कार्य बंद कर इस गंभीर विषय पर विशेष चर्चा होनी चाहिए।

इसके बाद, शून्यकाल की सूचनाओं पर विभाग की ओर से जवाब नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए विपक्षी विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे, जिसके बावजूद शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं ली गईं।

अगली कार्यवाही

संसदीय कार्यमंत्री ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के फैसले पर सभा की सहमति मांगी, जो ध्वनिमत से पारित हो गई। स्पीकर ने जानकारी दी कि मंगलवार (9 दिसंबर) को अनुपूरक बजट पर तीन घंटा वाद-विवाद के लिए आवंटित रहेगा।

सड़क हादसे का शिकार हुए एक भाई की मौत दूसरा का ईलाज जारी, रिपोर्ट दर्ज

मासूम बच्चों को छोड़कर दुनिया से रूखसत हो गया शमशेर, परिवार मे मचा है कोहराम

संभल। अरटिगा वाहन से रौंदे गए बाइक सवार दो भाईयों में एक ने उपचार के दौरान दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने अज्ञात अरटिगा वाहन चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

जानकारी अनुसार बताते चलें कि 01 दिसम्बर को बहजोई थाना क्षेत्र के ग्राम मिजार्पुर नसरूल्लापुर निवासी बुन्दू खान के दो पुत्र अफजाल और शमशेर मोटर साईकिल स्प्लैंडर यूपी 22 बीएच 1947 से घर से गए थे। बाइक सवार दोनों भाई बहजोई की ओर से अपने गांव मिजार्पुर नसरूल्लापुर आ रहे थे। बाइक सवार बहर्जाई के डीआर फैक्ट्री इस्लाम नगर रोड पर पहुंचे तभी तेज गति में आ रही सफेद रंग की मारूती अरटिगा ने मोटर साईकिल को टक्कर मार दी। अरटिगा चालक ने हद तो उस समय कर दी थी कि टक्कर मारकर दोनों को काफी दूर तक घसीटा और दूर लेजाकर फैंका। जिसमें दोनो भाई गम्भीर रूप से घायल हो गए। आसपास मौजूद व स्थानीय लोगों की सहायता से दोनों घायलों को चन्दौसी रोड स्थित अस्पताल में उपचार को भर्ती कराया गया। लेकिन प्राथमिक उपचार के शमशेर उर्फ बिल्लू की चिंता जनक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नाराण अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। उपचार के लिए भर्ती कराये गए शमशेर ने जिन्दगी और मौत से जंग लड़ते हुए दम तोड़ दिया। दिल्ली पुलिस ने मृतक का पीएम कराकर शव परिजनों को सौंपा। हंसते खेलते परिवार के युवक की मौत ने परिजनों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। परिजनों की सिसकियां थम नहीं रही है। एक भाई पहले हादसे मे खत्म हो चुका है। मृतक शमशेर उर्फ बिल्लु के पास छोटे दो मासूम बच्चे हैं। हादसे से परिवार मे कोहराम मचा हुआ है। बहजोई पुलिस ने अज्ञात मारूती अरटिगा चालक के विरूद्व रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जबकि दूसरे घायल का उपचार किया जा रहा है। उसकी हालत भी गम्भीर है।

कोकिलाबेन अस्पताल ने रचा इतिहास, रोबोटिक तकनीकी से निकाला गया विश्व का सबसे बड़ा सौम्य प्रोस्टेट

मुंबई। भारतीय यूरोलॉजी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट एवं एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. संजय पांडे ने विश्व का अब तक का सबसे बड़ा सौम्य (बेनाइन) प्रोस्टेट रोबोटिक सर्जरी द्वारा सफलतापूर्वक निकाला है। अत्याधुनिक, उच्च-सटीकता वाली न्यूनतम इनवेसिव तकनीक से किए गए इस ऑपरेशन में 550 ग्राम से अधिक वजन वाली ग्रंथि को मात्र 2 घंटे 55 मिनट में सुचारू रूप से हटाया गया।

तुलना हेतु, विश्व में अब तक रोबोटिक तकनीक से निकाला गया सबसे बड़ा प्रोस्टेट कैंसर 560 ग्राम (अमेरिका) दर्ज हुआ था, जबकि भारत में सबसे बड़ा बेनाइन प्रोस्टेट 437 ग्राम था। रोगी, जो अत्यधिक बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण गंभीर मूत्र अवरोध और जटिलताओं से जूझ रहे थे, ने Da Vinci Xi रोबोटिक सिस्टम की मदद से रोबोटिक फ्रेयर प्रोस्टेटेक्टोमी करवाई। अत्यधिक आकार और जटिल एनाटॉमी के बावजूद यह सर्जरी अद्भुत सटीकता, अत्यल्प रक्तस्राव और उत्कृष्ट प्रारंभिक रिकवरी के साथ पूरी की गई, जो विशेषज्ञ हाथों में उन्नत रोबोटिक तकनीक की क्षमता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

डॉ. संजय पांडे, (निदेशक यूरोलॉजी ) ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक शल्य-मील का पत्थर नहीं है—यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में रोबोटिक यूरोलॉजी कितनी तेजी से आगे बढ़ी है। हमारा उद्देश्य हमेशा सुरक्षित सर्जरी, तेज रिकवरी और हर जटिल रोगी के लिए बेहतर दीर्घकालिक परिणाम सुनिश्चित करना है।इस कार्य में ग्रंथि को कैप्सूल से पूर्णतः निकालने, ग्रंथि को रक्तहीन करने के बाद उसे दो भागों में विभाजित कर पेट में पहुंचाने, तथा कैमरा पोर्ट के माध्यम से बिना कोई नई चीरा लगाए दोनों हिस्सों को अलग-अलग बैग में बाहर निकालने जैसी महत्वपूर्ण तकनीकी नवाचार शामिल थे। इस प्रकार यह वास्तव में पूरी तरह से न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी सिद्ध हुई।

इतने विशाल स्तर की इस सफल प्रक्रिया ने कोकिलाबेन अस्पताल की प्रतिष्ठा को एक राष्ट्रीय अग्रणी केंद्र के रूप में और सुदृढ़ किया है, विशेषकर जटिल रोबोटिक यूरोलॉजिकल सर्जरी में।

बेनाइन और रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी में डॉ. पांडे की विशेषज्ञता तथा बड़े आकार की ग्रंथियों (150–310 ग्राम) को रोबोटिक पद्धति से हटाने का दो दशक का अनुभव इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण रहा।

73 वर्षीय पेसमेकर वाले मरीज में अत्यधिक रक्तवाहिनी संरचना वाले संकुचित क्षेत्र में डिसेक्शन कर इतनी बड़ी ग्रंथि को बिना बाहरी चीरा लगाए हटाना अपने-आप में असाधारण कौशल और तकनीकी नवाचार का उदाहरण है। बहुत बड़े प्रोस्टेट को न्यूनतम इनवेसिव रोबोटिक तकनीक से हटाना वास्तव में एक यूरेथ्रा-संरक्षण (urethral sparing) पद्धति है, जिससे संभावित जटिलताएँ न्यूनतम हो जाती हैं।

सभी पुरुषों के लिए प्रोस्टेट अवरोध और उसके प्रभावों की समय पर पहचान अत्यंत आवश्यक है—जिसे डॉ. पांडे के ड्रीम प्रोजेक्ट www.savethebladder.com

के माध्यम से स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है। रोगी अब अच्छी तरह स्वस्थ हैं, न्यूनतम postoperative असुविधा के साथ सामान्य जीवन में लौट चुके हैं।

प्रोस्टेट उपचार में हुए इन तकनीकी परिवर्तनों ने चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, जिससे विभिन्न आयु वर्ग के पुरुषों को शीघ्र और पूर्ण रिकवरी के साथ उपचार उपलब्ध हो रहा है।

यह ऐतिहासिक सर्जरी, सिद्ध तकनीक के बीच नैतिक और युगांतरकारी संकेत स्थापित करते हुए, विश्वभर में मरीज-देखभाल पर गहरा प्रभाव डालने वाली एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

उन्नाव: एक पते पर 45 वोटर! बीएलओ के छानबीन में खुली गड़बड़ी, घर के बिकने से और बढ़ी मुश्किल

उन्नाव। उन्नाव जिले के पूरननगर मोहल्ले में निर्वाचन विभाग की टीम उस समय हैरान रह गई जब एक छोटे से घर के पते पर वोटर लिस्ट में 45 लोगों के नाम दर्ज मिले। बीएलओ ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत घर के प्रमुख कमलेश कुमार को सभी 45 फार्म सौंप दिए।

कमलेश ने इनमें से सिर्फ 3 फार्म भरकर वापस किए, जबकि बाकी 42 फार्म खाली ही रह गए। जब बीएलओ ने उन बाकी नामों के बारे में जानकारी लेनी चाही, तो कमलेश ने साफ़ कहा—“हम नहीं जानते।”

इस जवाब पर बीएलओ हैरान रह गए। उन्होंने आसपास के लोगों, पड़ोसियों और अन्य मोहल्लों में भी पूछताछ की, लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली।

क्षेत्रीय सभासद ने यह कहते हुए स्थिति और पेचीदा कर दी कि “घर कई बार बिक चुका है, पहले कौन लोग रहते थे, अब पता लगाना मुश्किल है।”

अब निर्वाचन विभाग के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर एक ही पते पर 45 वोटर कैसे दर्ज हो गए और वे सभी कौन थे? मामले की जांच जारी है।

वंदे मातरम को लेकर प्रियंका का पीएम मोदी पर निशाना, बोले- बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा

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राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर संसद में आज इस पर चर्चा हो रही है। सबसे पहले चर्चा की शुरुआत लोकसभा में हुई। पीएम मोदी ने वंदे मातरम पर लोकसभा में अपना संबोधन दिया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सदन में वंदे मातरम पर चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम विषय भारत की आत्मा का हिस्सा है। इस गीत ने गुलामी में सोए हुए लोगों को जगाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम 150 सालों से भारत की आत्मा में बस चुका है। ऐसे में आज इस बहस की क्या आवश्यकता है।

प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लेते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री बहुत अच्छे भाषण देते हैं, लेकिन उनमें तथ्य नहीं होते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार किसी अधिवेशन में वंदे मातरम गाया था। प्रियंका ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री यह बताना भूल गए कि टैगोर ने इसे कांग्रेस के अधिवेशन में गाया था।

प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला

प्रियंका गांदी ने गे जोड़ा, प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू ने नेताजी को पत्र लिखकर वंदे मातरम् के उपयोग पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस कथित पत्र से तीन दिन पहले नेताजी ने ही नेहरू को पत्र लिखकर यह मुद्दा लेकर कलकत्ता कांग्रेस में चर्चा करने का आग्रह किया था। उन्होंने नेहरू के पत्र के आगे के पैराग्राफ भी पढ़कर सुनाए, जिसमें लिखा था कि वंदे मातरम् का विवाद साम्प्रदायिक आधार पर खड़ा किया गया था। प्रियंका ने टैगोर का वह पत्र भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी कविता के सिर्फ दो अनुच्छेद ही गाते हैं और केवल वही उपयोग किए जाने चाहिए।

प्रियंका का सरकार पर तीखा हमला

प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आप सिर्फ चुनाव के लिए हैं, जबकि हम देश के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितने भी चुनाव हार जाए, लेकिन वह बीजेपी और सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद में बैठकर लगातार लड़ती रहेगी। प्रियंका ने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता की आवाज बने और लोकतंत्र की रक्षा करे, और कांग्रेस इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बहसों से बचती है, मुद्दों से ध्यान भटकाती है, जबकि कांग्रेस जनता के असली सवालों को उठाती रहेगी।

बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा-प्रियंका

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम इसे किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सदन में हम अपने राष्ट्रगीत पर भी बहस करेंगे। प्रियंका ने सवाल उठाया है कि आखिर इस बहस की जरूरत क्या है। हम यह बहस आज यहां दो वजह से कर रहे हैं। पहला बंगाल का चुनाव आ रहा है, इस वजह से इसका चुनाव हो रहा है। दूसरी वजह इनकी पुराना मकसद है, जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी उन पर दोष थोपना चाहती है। प्रियंका ने कहा कि आपका मकसद उसी अतीत में मंडराने से जो बीत चुका है। प्रियंका ने कहा कि सच्चाई यह है कि पीएम मोदी वह प्रधानमंत्री नहीं है, अब उनका आत्मविश्वास घटने लगा है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

मरांडी ने कहा- 'सरकार ने छात्र-किसानों को ठगा', मंत्री सुदिव्य कुमार का पलटवार- 'दिल्ली जाकर बकाया केंद्रीय हिस्सेदारी का समाधान कराएँ'

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने छात्रवृत्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सदन के बाहर भी सियासत की गर्माहट महसूस की गई, जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए।

विपक्ष का हमला: 'सरकार ने सबको ठगा है'

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने छात्र हो या किसान, सबों को ठगा है।

छात्रवृत्ति का मुद्दा: उन्होंने कहा कि पिछले दो-दो वर्ष से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण एससी/एसटी, ओबीसी और गरीब तबके के कुछ बच्चों को पढ़ाई छोड़कर होटल में थाली धोने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही नौजवानों के लिए होने का दावा करे, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा उन्हीं को ठगा और लूटा जा रहा है।

किसानों का छल: मरांडी ने किसानों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार देर से धान खरीद शुरू हुई और ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान हुआ, जबकि घोषणा पत्र में ₹3200 प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने की बात की गई थी।

इस वर्ष की स्थिति: उन्होंने कहा कि इस साल स्थिति और भी खराब है। किसान खेत से धान काटकर बाजार में औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य सरकार सोई हुई है और धान खरीद की दर व तिथि का कोई अता पता नहीं है।

सत्तापक्ष का पलटवार: 'दिल्ली जाकर समस्या सुलझाएँ'

बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

जनता ने ठुकराया रंग: मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि "भाजपा के हमारे मित्र जिस रंग की चश्मे से झारखंड को देखना चाहते हैं, उस रंग को यहाँ की जनता ने ठुकरा चुकी है।"

केंद्रीय बकाया: उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिन छात्रवृत्ति और किसानों के मुद्दों पर रो रहे हैं, उन्हें वे दिल्ली जाकर समाधान कराने का काम करें। मंत्री ने दावा किया कि राज्य को केंद्रीय करों की जो हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी, उसमें 10 महीने में मात्र 55 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।

सहयोग की अपील: उन्होंने विपक्ष से मांग की कि जो बकाया राशि है, उसका भुगतान कराने में राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए।

विधानसभा के बाहर हुई इस बयानबाजी से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।

जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, पीएम मोदी ने आपातकाल को किया याद

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संसद में शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन है। आज संसद में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा हो रही है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरूआत की। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।

सरदार पटेल से लेकर बिरसा मुंडा तक को किया याद

प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा दी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया, उस पर हम चर्चा करेंगे। हम सभी का यह सौभाग्य है। हमारे लिए गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन रहे हैं। यह एक ऐसा कालखंड था, जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को सामने लेकर आता है। यह एक ऐसा कालखंड है, जब इतिहास के कई प्रेरक अध्याय हम सभी के सामने उजागर हुए हैं। अभी हमने संविधान के 75 वर्ष गौरवपूर्वक पूरे किए हैं। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई है। अभी-अभी गुरु तेगबहादुर के बलिदान के 350 वर्ष भी पूरे हुए हैं।

पीएम मोदी ने आपातकाल का किया जिक्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम की 150 वर्ष की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम के जब 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। वंदे मातरम के 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब 100 का अत्यंत उत्तम पर्व था, तब भारत के संविधान का गला घोट दिया गया था।

एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हुआ-पीएम मोदी

प्रदानमंत्री ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम ने देश की आजादी को ऊर्जा दी थी, उसके जब 100 साल पूरे हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हो गया।

वंदे मातरम् का ऋण स्वीकार करने का अवसर है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं। मेरा मानना है कि देश और सदन, दोनों को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

जहानाबाद पी०पी०एम स्कूल के बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी में दिखाई अद्भुत वैज्ञानिक प्रतिभा
जहानाबाद। पी०पी०एम स्कूल में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी एवं पत्रकार संतोष श्रीवास्तव ने किया, जबकि अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ० एस० के० सुनील ने की। इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से डॉ० सुनील को अंगवस्त्र एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया।

विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने विज्ञान से जुड़े कई रोचक और उपयोगी मॉडल प्रस्तुत कर अपनी रचनात्मकता और तकनीकी समझ का परिचय दिया। प्रदर्शनी के दौरान कक्षा 10 के साक्षी और न्यास ग्रुप ने अर्थक्वेक अलार्म एंड एयर प्यूरिफिकेशन तथा सुमित ग्रुप ने इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन फ्रॉम आयोनिक थ्रस्ट का मॉडल प्रस्तुत किया। कक्षा 9 के शारदा ग्रुप ने सुसाइड प्रिवेंशन मॉडल और रानी ग्रुप ने वेस्ट मटेरियल से बिजली उत्पादन को दर्शाया। वहीं कक्षा 8 के आशीष ग्रुप ने लेजर अलार्म प्रोटेक्शन सिस्टम और कक्षा 7 के निशा ग्रुप ने वेस्ट मैनेजमेंट तथा ईशा ग्रुप ने पॉल्यूशन फ्री सिटी मॉडल प्रस्तुत किया, जो दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना रहा।

प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए संतोष श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मॉडल, उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करते हैं और यह शिक्षकों के सही मार्गदर्शन का परिणाम है।

विद्यालय के अध्यक्ष डॉ० एस० के० सुनील ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों की यह उत्कृष्ट प्रस्तुति निश्चित रूप से आने वाले समय में जिले और देश का नाम रोशन करेगी। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित और पुरस्कृत करने की भी घोषणा की।

इस मौके पर विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य नंदकिशोर शर्मा, शिक्षक मनोज कुमार पाठक, आकाश कुमार, जयप्रकाश कुमार, रूपा कुमारी, नीतू कुमारी, प्रिया कुमारी, रिंकू कुमारी, अमित कुमार, विवेक कुमार, अभिमन्यु कुमार, खुशी कुमारी, अर्चना कुमारी, स्मिता कुमारी, पारो कुमारी समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के शिक्षक धीरज कुमार ने किया।

झारखंड विधानसभा: हंगामे के बीच ₹7,721 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष ने छात्रवृत्ति, धान खरीद पर की नारेबाजी; सामाजिक सुरक्षा विभाग को मिली सबसे ज्यादा ₹2,082 करोड़ की तवज्जो

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। प्रश्नकाल पूरी तरह बाधित रहा, और बाद में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की कार्यवाही भी विपक्षी विधायकों की नारेबाजी के बीच चलती रही।

द्वितीय अनुपूरक बजट हुआ पेश

शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा।

पिछला बजट: बता दें कि पिछले मानसून सत्र के दौरान सरकार ने ₹4,296.62 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पास कराया था।

बजट पेश किए जाने के दौरान भी विपक्षी विधायक वेल में थे और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, खासकर छात्रवृत्ति नहीं मिलने और किसानों से धान खरीद न होने के मुद्दे पर सवाल उठाए जा रहे थे।

बजट में किस विभाग को कितनी तवज्जो

द्वितीय अनुपूरक बजट में ₹7,721.25 करोड़ की राशि विभिन्न विभागों के लिए आवंटित की गई है। इस बजट में मुख्य रूप से सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

क्रम विभाग का नाम प्रावधानित राशि (करोड़ रु.)

1. महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग 2,082.25 करोड़

2. ग्रामीण कार्य विभाग 1,324.82 करोड़

3. स्वास्थ्य विभाग 729.00 करोड़

4. आपदा प्रबंधन प्रभाग 526.00 करोड़

5. वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 500.00 करोड़

6. गृह विभाग 443.00 करोड़

सर्वाधिक फोकस: महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए प्रावधान की गई ₹2,082.25 करोड़ की राशि में से सबसे ज्यादा ₹2,077 करोड़ की मांग सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में की गई है।

बाबूलाल मरांडी की विशेष चर्चा की मांग

बजट पेश होने से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आसन से जोरदार आग्रह किया।

ज़रूरी मुद्दे: उन्होंने कहा कि शून्यकाल की कार्यवाही से ज्यादा ज़रूरी नौजवानों की छात्रवृत्ति और किसानों की धान खरीद का मसला है।

किसानों की दुर्दशा: मरांडी ने सवाल उठाया कि सरकार के वादे के बावजूद किसानों से ₹3,200 प्रति क्विंटल की दर से धान क्यों नहीं खरीदी जा रही है, जबकि लाचार होकर किसान ₹1500-1600 प्रति क्विंटल की दर से बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

मांग: उन्होंने माँग की कि बाकी कार्य बंद कर इस गंभीर विषय पर विशेष चर्चा होनी चाहिए।

इसके बाद, शून्यकाल की सूचनाओं पर विभाग की ओर से जवाब नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए विपक्षी विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे, जिसके बावजूद शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं ली गईं।

अगली कार्यवाही

संसदीय कार्यमंत्री ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के फैसले पर सभा की सहमति मांगी, जो ध्वनिमत से पारित हो गई। स्पीकर ने जानकारी दी कि मंगलवार (9 दिसंबर) को अनुपूरक बजट पर तीन घंटा वाद-विवाद के लिए आवंटित रहेगा।

सड़क हादसे का शिकार हुए एक भाई की मौत दूसरा का ईलाज जारी, रिपोर्ट दर्ज

मासूम बच्चों को छोड़कर दुनिया से रूखसत हो गया शमशेर, परिवार मे मचा है कोहराम

संभल। अरटिगा वाहन से रौंदे गए बाइक सवार दो भाईयों में एक ने उपचार के दौरान दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने अज्ञात अरटिगा वाहन चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

जानकारी अनुसार बताते चलें कि 01 दिसम्बर को बहजोई थाना क्षेत्र के ग्राम मिजार्पुर नसरूल्लापुर निवासी बुन्दू खान के दो पुत्र अफजाल और शमशेर मोटर साईकिल स्प्लैंडर यूपी 22 बीएच 1947 से घर से गए थे। बाइक सवार दोनों भाई बहजोई की ओर से अपने गांव मिजार्पुर नसरूल्लापुर आ रहे थे। बाइक सवार बहर्जाई के डीआर फैक्ट्री इस्लाम नगर रोड पर पहुंचे तभी तेज गति में आ रही सफेद रंग की मारूती अरटिगा ने मोटर साईकिल को टक्कर मार दी। अरटिगा चालक ने हद तो उस समय कर दी थी कि टक्कर मारकर दोनों को काफी दूर तक घसीटा और दूर लेजाकर फैंका। जिसमें दोनो भाई गम्भीर रूप से घायल हो गए। आसपास मौजूद व स्थानीय लोगों की सहायता से दोनों घायलों को चन्दौसी रोड स्थित अस्पताल में उपचार को भर्ती कराया गया। लेकिन प्राथमिक उपचार के शमशेर उर्फ बिल्लू की चिंता जनक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नाराण अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। उपचार के लिए भर्ती कराये गए शमशेर ने जिन्दगी और मौत से जंग लड़ते हुए दम तोड़ दिया। दिल्ली पुलिस ने मृतक का पीएम कराकर शव परिजनों को सौंपा। हंसते खेलते परिवार के युवक की मौत ने परिजनों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। परिजनों की सिसकियां थम नहीं रही है। एक भाई पहले हादसे मे खत्म हो चुका है। मृतक शमशेर उर्फ बिल्लु के पास छोटे दो मासूम बच्चे हैं। हादसे से परिवार मे कोहराम मचा हुआ है। बहजोई पुलिस ने अज्ञात मारूती अरटिगा चालक के विरूद्व रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जबकि दूसरे घायल का उपचार किया जा रहा है। उसकी हालत भी गम्भीर है।

कोकिलाबेन अस्पताल ने रचा इतिहास, रोबोटिक तकनीकी से निकाला गया विश्व का सबसे बड़ा सौम्य प्रोस्टेट

मुंबई। भारतीय यूरोलॉजी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट एवं एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. संजय पांडे ने विश्व का अब तक का सबसे बड़ा सौम्य (बेनाइन) प्रोस्टेट रोबोटिक सर्जरी द्वारा सफलतापूर्वक निकाला है। अत्याधुनिक, उच्च-सटीकता वाली न्यूनतम इनवेसिव तकनीक से किए गए इस ऑपरेशन में 550 ग्राम से अधिक वजन वाली ग्रंथि को मात्र 2 घंटे 55 मिनट में सुचारू रूप से हटाया गया।

तुलना हेतु, विश्व में अब तक रोबोटिक तकनीक से निकाला गया सबसे बड़ा प्रोस्टेट कैंसर 560 ग्राम (अमेरिका) दर्ज हुआ था, जबकि भारत में सबसे बड़ा बेनाइन प्रोस्टेट 437 ग्राम था। रोगी, जो अत्यधिक बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण गंभीर मूत्र अवरोध और जटिलताओं से जूझ रहे थे, ने Da Vinci Xi रोबोटिक सिस्टम की मदद से रोबोटिक फ्रेयर प्रोस्टेटेक्टोमी करवाई। अत्यधिक आकार और जटिल एनाटॉमी के बावजूद यह सर्जरी अद्भुत सटीकता, अत्यल्प रक्तस्राव और उत्कृष्ट प्रारंभिक रिकवरी के साथ पूरी की गई, जो विशेषज्ञ हाथों में उन्नत रोबोटिक तकनीक की क्षमता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

डॉ. संजय पांडे, (निदेशक यूरोलॉजी ) ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक शल्य-मील का पत्थर नहीं है—यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में रोबोटिक यूरोलॉजी कितनी तेजी से आगे बढ़ी है। हमारा उद्देश्य हमेशा सुरक्षित सर्जरी, तेज रिकवरी और हर जटिल रोगी के लिए बेहतर दीर्घकालिक परिणाम सुनिश्चित करना है।इस कार्य में ग्रंथि को कैप्सूल से पूर्णतः निकालने, ग्रंथि को रक्तहीन करने के बाद उसे दो भागों में विभाजित कर पेट में पहुंचाने, तथा कैमरा पोर्ट के माध्यम से बिना कोई नई चीरा लगाए दोनों हिस्सों को अलग-अलग बैग में बाहर निकालने जैसी महत्वपूर्ण तकनीकी नवाचार शामिल थे। इस प्रकार यह वास्तव में पूरी तरह से न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी सिद्ध हुई।

इतने विशाल स्तर की इस सफल प्रक्रिया ने कोकिलाबेन अस्पताल की प्रतिष्ठा को एक राष्ट्रीय अग्रणी केंद्र के रूप में और सुदृढ़ किया है, विशेषकर जटिल रोबोटिक यूरोलॉजिकल सर्जरी में।

बेनाइन और रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी में डॉ. पांडे की विशेषज्ञता तथा बड़े आकार की ग्रंथियों (150–310 ग्राम) को रोबोटिक पद्धति से हटाने का दो दशक का अनुभव इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण रहा।

73 वर्षीय पेसमेकर वाले मरीज में अत्यधिक रक्तवाहिनी संरचना वाले संकुचित क्षेत्र में डिसेक्शन कर इतनी बड़ी ग्रंथि को बिना बाहरी चीरा लगाए हटाना अपने-आप में असाधारण कौशल और तकनीकी नवाचार का उदाहरण है। बहुत बड़े प्रोस्टेट को न्यूनतम इनवेसिव रोबोटिक तकनीक से हटाना वास्तव में एक यूरेथ्रा-संरक्षण (urethral sparing) पद्धति है, जिससे संभावित जटिलताएँ न्यूनतम हो जाती हैं।

सभी पुरुषों के लिए प्रोस्टेट अवरोध और उसके प्रभावों की समय पर पहचान अत्यंत आवश्यक है—जिसे डॉ. पांडे के ड्रीम प्रोजेक्ट www.savethebladder.com

के माध्यम से स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है। रोगी अब अच्छी तरह स्वस्थ हैं, न्यूनतम postoperative असुविधा के साथ सामान्य जीवन में लौट चुके हैं।

प्रोस्टेट उपचार में हुए इन तकनीकी परिवर्तनों ने चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, जिससे विभिन्न आयु वर्ग के पुरुषों को शीघ्र और पूर्ण रिकवरी के साथ उपचार उपलब्ध हो रहा है।

यह ऐतिहासिक सर्जरी, सिद्ध तकनीक के बीच नैतिक और युगांतरकारी संकेत स्थापित करते हुए, विश्वभर में मरीज-देखभाल पर गहरा प्रभाव डालने वाली एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

उन्नाव: एक पते पर 45 वोटर! बीएलओ के छानबीन में खुली गड़बड़ी, घर के बिकने से और बढ़ी मुश्किल

उन्नाव। उन्नाव जिले के पूरननगर मोहल्ले में निर्वाचन विभाग की टीम उस समय हैरान रह गई जब एक छोटे से घर के पते पर वोटर लिस्ट में 45 लोगों के नाम दर्ज मिले। बीएलओ ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत घर के प्रमुख कमलेश कुमार को सभी 45 फार्म सौंप दिए।

कमलेश ने इनमें से सिर्फ 3 फार्म भरकर वापस किए, जबकि बाकी 42 फार्म खाली ही रह गए। जब बीएलओ ने उन बाकी नामों के बारे में जानकारी लेनी चाही, तो कमलेश ने साफ़ कहा—“हम नहीं जानते।”

इस जवाब पर बीएलओ हैरान रह गए। उन्होंने आसपास के लोगों, पड़ोसियों और अन्य मोहल्लों में भी पूछताछ की, लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली।

क्षेत्रीय सभासद ने यह कहते हुए स्थिति और पेचीदा कर दी कि “घर कई बार बिक चुका है, पहले कौन लोग रहते थे, अब पता लगाना मुश्किल है।”

अब निर्वाचन विभाग के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर एक ही पते पर 45 वोटर कैसे दर्ज हो गए और वे सभी कौन थे? मामले की जांच जारी है।

वंदे मातरम को लेकर प्रियंका का पीएम मोदी पर निशाना, बोले- बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा

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राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर संसद में आज इस पर चर्चा हो रही है। सबसे पहले चर्चा की शुरुआत लोकसभा में हुई। पीएम मोदी ने वंदे मातरम पर लोकसभा में अपना संबोधन दिया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सदन में वंदे मातरम पर चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम विषय भारत की आत्मा का हिस्सा है। इस गीत ने गुलामी में सोए हुए लोगों को जगाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम 150 सालों से भारत की आत्मा में बस चुका है। ऐसे में आज इस बहस की क्या आवश्यकता है।

प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लेते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री बहुत अच्छे भाषण देते हैं, लेकिन उनमें तथ्य नहीं होते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार किसी अधिवेशन में वंदे मातरम गाया था। प्रियंका ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री यह बताना भूल गए कि टैगोर ने इसे कांग्रेस के अधिवेशन में गाया था।

प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला

प्रियंका गांदी ने गे जोड़ा, प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू ने नेताजी को पत्र लिखकर वंदे मातरम् के उपयोग पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस कथित पत्र से तीन दिन पहले नेताजी ने ही नेहरू को पत्र लिखकर यह मुद्दा लेकर कलकत्ता कांग्रेस में चर्चा करने का आग्रह किया था। उन्होंने नेहरू के पत्र के आगे के पैराग्राफ भी पढ़कर सुनाए, जिसमें लिखा था कि वंदे मातरम् का विवाद साम्प्रदायिक आधार पर खड़ा किया गया था। प्रियंका ने टैगोर का वह पत्र भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी कविता के सिर्फ दो अनुच्छेद ही गाते हैं और केवल वही उपयोग किए जाने चाहिए।

प्रियंका का सरकार पर तीखा हमला

प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आप सिर्फ चुनाव के लिए हैं, जबकि हम देश के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितने भी चुनाव हार जाए, लेकिन वह बीजेपी और सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद में बैठकर लगातार लड़ती रहेगी। प्रियंका ने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता की आवाज बने और लोकतंत्र की रक्षा करे, और कांग्रेस इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बहसों से बचती है, मुद्दों से ध्यान भटकाती है, जबकि कांग्रेस जनता के असली सवालों को उठाती रहेगी।

बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा-प्रियंका

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम इसे किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सदन में हम अपने राष्ट्रगीत पर भी बहस करेंगे। प्रियंका ने सवाल उठाया है कि आखिर इस बहस की जरूरत क्या है। हम यह बहस आज यहां दो वजह से कर रहे हैं। पहला बंगाल का चुनाव आ रहा है, इस वजह से इसका चुनाव हो रहा है। दूसरी वजह इनकी पुराना मकसद है, जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी उन पर दोष थोपना चाहती है। प्रियंका ने कहा कि आपका मकसद उसी अतीत में मंडराने से जो बीत चुका है। प्रियंका ने कहा कि सच्चाई यह है कि पीएम मोदी वह प्रधानमंत्री नहीं है, अब उनका आत्मविश्वास घटने लगा है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

मरांडी ने कहा- 'सरकार ने छात्र-किसानों को ठगा', मंत्री सुदिव्य कुमार का पलटवार- 'दिल्ली जाकर बकाया केंद्रीय हिस्सेदारी का समाधान कराएँ'

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने छात्रवृत्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सदन के बाहर भी सियासत की गर्माहट महसूस की गई, जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए।

विपक्ष का हमला: 'सरकार ने सबको ठगा है'

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने छात्र हो या किसान, सबों को ठगा है।

छात्रवृत्ति का मुद्दा: उन्होंने कहा कि पिछले दो-दो वर्ष से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण एससी/एसटी, ओबीसी और गरीब तबके के कुछ बच्चों को पढ़ाई छोड़कर होटल में थाली धोने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही नौजवानों के लिए होने का दावा करे, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा उन्हीं को ठगा और लूटा जा रहा है।

किसानों का छल: मरांडी ने किसानों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार देर से धान खरीद शुरू हुई और ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान हुआ, जबकि घोषणा पत्र में ₹3200 प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने की बात की गई थी।

इस वर्ष की स्थिति: उन्होंने कहा कि इस साल स्थिति और भी खराब है। किसान खेत से धान काटकर बाजार में औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य सरकार सोई हुई है और धान खरीद की दर व तिथि का कोई अता पता नहीं है।

सत्तापक्ष का पलटवार: 'दिल्ली जाकर समस्या सुलझाएँ'

बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

जनता ने ठुकराया रंग: मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि "भाजपा के हमारे मित्र जिस रंग की चश्मे से झारखंड को देखना चाहते हैं, उस रंग को यहाँ की जनता ने ठुकरा चुकी है।"

केंद्रीय बकाया: उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिन छात्रवृत्ति और किसानों के मुद्दों पर रो रहे हैं, उन्हें वे दिल्ली जाकर समाधान कराने का काम करें। मंत्री ने दावा किया कि राज्य को केंद्रीय करों की जो हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी, उसमें 10 महीने में मात्र 55 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।

सहयोग की अपील: उन्होंने विपक्ष से मांग की कि जो बकाया राशि है, उसका भुगतान कराने में राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए।

विधानसभा के बाहर हुई इस बयानबाजी से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।

जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, पीएम मोदी ने आपातकाल को किया याद

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संसद में शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन है। आज संसद में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा हो रही है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरूआत की। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।

सरदार पटेल से लेकर बिरसा मुंडा तक को किया याद

प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा दी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया, उस पर हम चर्चा करेंगे। हम सभी का यह सौभाग्य है। हमारे लिए गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन रहे हैं। यह एक ऐसा कालखंड था, जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को सामने लेकर आता है। यह एक ऐसा कालखंड है, जब इतिहास के कई प्रेरक अध्याय हम सभी के सामने उजागर हुए हैं। अभी हमने संविधान के 75 वर्ष गौरवपूर्वक पूरे किए हैं। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई है। अभी-अभी गुरु तेगबहादुर के बलिदान के 350 वर्ष भी पूरे हुए हैं।

पीएम मोदी ने आपातकाल का किया जिक्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम की 150 वर्ष की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम के जब 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। वंदे मातरम के 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब 100 का अत्यंत उत्तम पर्व था, तब भारत के संविधान का गला घोट दिया गया था।

एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हुआ-पीएम मोदी

प्रदानमंत्री ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम ने देश की आजादी को ऊर्जा दी थी, उसके जब 100 साल पूरे हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हो गया।

वंदे मातरम् का ऋण स्वीकार करने का अवसर है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं। मेरा मानना है कि देश और सदन, दोनों को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।