विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

जनपद के 150 गाँव में मोबाइल वैन करेगी परिवार नियोजन पर प्रचार-प्रसार

  

गोण्डा, 21 नवम्बर 2025। – उम्मीद परियोजना के तहत जिला चिकित्सालय सभागार में डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. रश्मि वर्मा ने की। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, एनआरएलएम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा मोबियस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित एसबीसीसी कैंपेन ‘इतनी भी क्या जल्दी है?!!!’ का औपचारिक शुभारंभ किया गया।

  सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। पोस्टर्स, लघु फिल्मों, जिंगल्स और अन्य माध्यमों से सही उम्र में विवाह, पहला बच्चा देरी से, दो बच्चों के जन्म में अंतर और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली के सही उपयोग जैसे संदेशों का प्रसार किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान अभियान से जुड़े पोस्टर्स, फिल्मों और जिंगल्स का विमोचन भी किया गया।

   इस मौके पर जनपद के कटरा बाजार, मनकापुर और करनैलगंज ब्लॉक के 150 गाँवों में जागरूकता फैलाने हेतु मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह वैन नवंबर 2025 से फरवरी 2026 तक गांवों में फिल्म प्रदर्शन, जिंगल प्रसारण और हैण्डबिल वितरण के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाएगी। आशाओं के माध्यम से फिल्म प्रदर्शन के दिन परिवार नियोजन साधनों का वितरण भी किया जाएगा, जबकि वैन में तैनात काउंसलर द्वारा परामर्श सेवाएँ दी जाएँगी। सही उत्तर देने वाले ग्रामीणों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।

   अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आदित्य वर्मा ने अवगत कराया कि ऑनलाइन माध्यम—इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक—साथ ही ऑफलाइन माध्यम से भी अभियान की संदेश सामग्री व्यापक रूप से प्रसारित की जाएगी। इसके अलावा जरवल ब्लॉक में लंबे समय तक परिवार नियोजन साधनों को अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं और बेहतर कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा।

   कार्यक्रम की शुरुआत में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राज्य प्रतिनिधि बी. के. जैन ने उम्मीद परियोजना के सात जनपदों में चल रहे कार्यों, काउंसलिंग कॉर्नर स्थापना, आशा-एएनएम प्रशिक्षण और अंतर्विभागीय समन्वय की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना है।

   इस अवसर पर डॉ. आर. पी. सिंह, डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर, ने समुदाय स्तरीय सेवाप्रदाताओं और प्रधानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वहीं मोबियस फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने संसाधनों के संतुलित उपयोग के लिए परिवार नियोजन को आवश्यक बताया।

   बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायती राज, शिक्षा, ग्राम्य विकास, आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास, एनआरएलएम एवं सहभागी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।
गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

19th जंबूरी में हाई-टेक सुरक्षा घेरा, लखनऊ पुलिस पूरी तरह अलर्ट

लखनऊ। राजधानी में आयोजित होने वाले 19th नेशनल जंबूरी के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देशन में तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था बबलू कुमार के मार्गदर्शन में दक्षिणी जोन व यूपी-112 की संयुक्त टीमें पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि जंबूरी में आने वाले बच्चों, स्काउट्स, प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 23 से 29 नंवबर तक थाना पीजीआई क्षेत्रांतर्गत स्थित डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड, वृंदावन योजना सेक्टर-15 में भारत स्काउट एवं गाइड के डायमंड जुबली जम्बूरी की 19वीं राष्ट्रीय जम्बोरी का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। दो विशेष चौकियां महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई आयोजन स्थल डिफेंस पर 01 अस्थायी पुलिस थाना और 08 पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें दो विशेष चौकियाँ महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक आधुनिक कंट्रोल रूम 24 घंटे गतिविधियों की निगरानी करेगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4 फायर स्टेशन और 2 डेडीकेटेड PRV वाहन गश्त पर रहेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी 200 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जबकि सुरक्षा जांच के लिए 90 LIU कर्मी भी सक्रिय रहेंगे। जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा की तैयारी पूरी जंबूरी में बच्चों और युवाओं से पुलिस का सकारात्मक और संवेदनशील संवाद सुनिश्चित करने के लिए सभी तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में ग्रूमिंग, बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और व्यवहारिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण दिया गया।लखनऊ पुलिस ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग और तकनीकी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती रहेंगी, ताकि पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और प्रोफेशनल बन सके। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की गई है।
पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना, ट्रंप नहीं होंगे शामिल

#pmmodisouthafricavisittoattendg20summit

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 समिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं। वो 21-23 नवंबर के बीच अफ्रीका दौरे पर रहेंगे। इस समिट में कई कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 20वें G20 लीडर्स समिट के दौरान वो दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अपनी इस यात्रा के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वे यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ वाली सोच को आगे बढ़ाने वाले भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से सामने रखेंगे। पीएम ने बताया कि यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के औपचारिक निमंत्रण पर हो रही है। जोहान्सबर्ग में आयोजित यह 20वां G20 समिट ऐतिहासिक भी माना जा रहा है क्योंकि पहली बार अफ्रीका इसकी मेजबानी कर रहा है।

पीएम मोदी ने बताया ये समिट क्यों है खास

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि भारत की अध्यक्षता वाले जी20 में ही अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया गया था, इसलिए यह आयोजन भारत और अफ्रीका दोनों के लिए भावनात्मक रूप से खास है। उन्होंने कहा कि समिट में इस साल की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ रही है, जिस पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत और ब्राजील के पिछले समिटों के नतीजों को आगे बढ़ाया है।

भारतीय प्रवासियों से भी करेंगे मुलाकात

समित के अलावा पीएम मोदी 6वें आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका) समिट में भी हिस्सा लेंगे और कई देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इसके अलावा वे दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे, जो दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से है।

झारखंड में ₹75 करोड़ का 'आधार स्कैम': भाजपा का आरोप- हेमंत सरकार में स्कूली बच्चों से दो साल तक होती रही अवैध वसूली; MKS एंटरप्राइज़ पर ब्लैकलिस


रांची: झारखंड भाजपा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे ₹75 करोड़ का "आधार स्कैम" बताया है।

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प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

"झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है।"

JEPC और एजेंसी पर ₹75 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

अजय साह ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और MKS एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते स्कूली बच्चों के आधार कार्ड निर्माण और बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ा लगभग ₹75 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

उन्होंने बताया कि मार्च 2023 में JEPC (जो शिक्षा विभाग के अधीन है) द्वारा एजेंसी चयन हेतु टेंडर जारी किया गया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर की मूल प्रति के अनुसार, छात्रों से कोई फीस नहीं ली जानी थी; प्रति छात्र ₹50 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा JEPC के माध्यम से एजेंसी को होना था।

कैसे हुआ ₹75 करोड़ का घोटाला?

अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि JEPC के संरक्षण में MKS एंटरप्राइज़ ने दो माध्यमों से गैरकानूनी वसूली की:

छात्रों से अवैध वसूली: 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (BRCs) में प्रतिदिन औसतन ₹2,000 की उगाही होती रही, जिससे छात्रों से गैरकानूनी रूप से लगभग ₹36 करोड़ वसूले गए।

केंद्र सरकार से वसूली: आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई।

सुपरवाइजर्स से वसूली: एजेंसी ने लगभग 500 "आधार सुपरवाइज़र" से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब ₹2.5 करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।

इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले की कुल राशि लगभग ₹75 करोड़ तक पहुँचती है।

सुपरवाइजर्स का शोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि JEPC और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं थी। सुपरवाइजर्स से नौकरी देने के नाम पर ₹50-50 हजार रुपये वसूले गए, और जब उन्होंने बकाया सैलरी मांगी तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपा गया।

अजय साह ने दावा किया कि MKS एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है, और यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

भाजपा की मांग: भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, JEPC की भूमिका की स्वतंत्र जाँच और MKS एंटरप्राइज़ को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने भदोही में यूनिटी मार्च का नेतृत्व किया

* सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज से अर्पित लॉन तक निकला विराट एकता मार्च * जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संस्थाओं, विद्यार्थियों और नागरिकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी * सरदार पटेल न होते तो भारत का इतिहास और भूगोल कुछ और होता: एके शर्मा लखनऊ। राष्ट्रीय एकता दिवस के दृष्टिगत नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री तथा भदोही जनपद के प्रभारी मंत्री ए. के. शर्मा ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य यूनिटी मार्च में प्रतिभाग किया। यह मार्च विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर अर्पित लॉन तक अत्यंत उल्लास और देशभक्ति के जोश के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में राष्ट्रीय एकता, समरसता और अखंडता के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करना था।मार्च में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंत्री श्री शर्मा ने स्वयं मार्च के दौरान प्रतिभागियों से संवाद किया और सभी को एकता एवं राष्ट्रहित के लिए निरंतर योगदान करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में मंत्री ए. के. शर्मा ने सरदार वल्लभभाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के समय सरदार पटेल की संगठन क्षमता, नेतृत्व कौशल और अदम्य साहस ने भारत की स्वतंत्रता में नई ऊर्जा का संचार किया। स्वतंत्रता के बाद लगभग 565 रियासतों को एकजुट कर भारत का राजनीतिक एकीकरण करना विश्व इतिहास की अद्वितीय उपलब्धि है, जो उनके लौह इच्छाशक्ति का परिणाम था।मंत्री श्री शर्मा ने कहा, “यदि सरदार पटेल नहीं होते तो भारत का इतिहास और भूगोल निश्चित ही आज अलग होता। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधकर आधुनिक भारत की नींव रखी। उनकी कर्मनिष्ठा, ईमानदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि की सोच आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है। मंत्री श्री शर्मा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य केवल एक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की सामूहिक चेतना को जागृत करने और समाज के प्रत्येक वर्ग में राष्ट्रप्रेम की भावना को मजबूत करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि यह एकता मार्च भदोही जनपद में सामाजिक समरसता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक बनकर उभरा है। मंत्री ने सभी प्रतिभागियों, विद्यालयों, सामाजिक संस्थाओं और प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसी सामूहिक भावना और एकता के संकल्प से भदोही सहित पूरा प्रदेश और मजबूत होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाली पीढ़ियाँ सरदार पटेल के आदर्शों को आत्मसात करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, विधायक ज्ञानपुर विपुल दुबे, पूर्व सांसद से गोरखनाथ पाण्डेय, जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा, अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि गण, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक नागरिकों ने प्रतिभाग किया।

कन्नौज जिले मे बीजेपी सरकार के मंत्री असीम अरुण की अगुवाई में मनाई गई सरदार पटेल की 150 वी जयंती

पंकज श्रीवास्तव/विवेक कुमार

कन्नौज। जिले में आज गुरुवार को बीजेपी सरकार के मंत्री असीम अरुण की अगुवाई में सरदार पटेल की 150 वी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमे 5 किलोमीटर तक यूनिटी मार्च में मंत्री असीम अरुण के साथ भाजपा नेताओ ने प्रतिभाग किया।मंत्री बोले विकसित भारत को आज एक होता हम लोग देख रहे है। उन्होंने कहा कि आज कोई अलग नही कर सकता हम लोगो को ।

इस अवसर पर उन्होंने सरदार पटेल के आदर्शो को याद करते हुए उन्हे सच्ची श्रद्धांजली देते हुए कहा कि कन्नौज में हम सब ने पूरे जोश के साथ निकाली एकता यात्रा और भारत को अखंड रखने और विकसित करने का संकल्प लिया।

आपको बताते चले कि गुरूवार को प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री मुख्य अतिथि असीम अरूण सरदार पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मुक्ताकांशी मंच पर दीप प्रज्जवलित कर सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया तथा यूनिटी मार्च को हरी झंण्डी दिखाकर रवाना किया। यूनिटी मार्च मुक्ताकांशी मंच से मकरन्दनगर से लाखन तिराहा व नगर पालिका तथा ग्वाल मैदान होते हुये बोर्डिंग ग्राउण्ड में कार्यक्रम का समापन किया गया। इस यूनिटी मार्च में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों, एनसीसी कैडेट, प्रशिक्षु पुलिसकर्मी, जनप्रतिनिधि इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया।

मंत्री असीम अरुण ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सब को मत, मजहब, जाति का भेदभाव नहीं करना हैं, हम सब को भारत की परपंरा के अनुसार आगे बढ़ना हैं। इसलिये आज यूनिट मार्च (एकता मार्च) का आयोजन किया गया हैं। इस एकता मार्च के लिये हम सब एकत्रित हुये हैं। हमको किसी भी प्रकार के बटवारे के चक्कर में नहीं पड़ना हैं, हम सभी को एकता के लिये आगे बढ़ना हैं, आत्मनिर्भरता के लिये आगे बढ़ना हैं।

 दुनिया में सबसे बड़ी स्टैच्यू आफ यूनिटी मूर्ति की स्थापना मोदी ने करवाई हैं। यह हमारी समरसता और इन्फ्रा का बहुत बड़ा प्रतीक हैं। गुजरात के केवड़िया स्थान पर इसको स्थापित किया गया हैं। राज्यमंत्री असीम अरूण ने कहा कि हमारे इंजीनियरिंग के छात्रों ने बहुत अच्छा कार्य किया हैं, देश के निर्माण के लिये, 3-4 बड़े प्रोजेक्ट में बहुत ही सराहनीय कार्य किया हैं। बाबा गौरी शंकर मन्दिर, फूलमती मंदिर, 3 तालाबों का सौन्दर्यीकरण का कार्य कर रहे हैं, लेकिन कन्नौज के युवाओं का उसमें योगदान कैसे हो, इसमें आप जैसे बड़े भाई-बहनों ने अध्ययन किया, और बड़े इंजीनियरों की अपेक्षा आप लोगों की बनायी हुई रिपोर्ट से कन्नौज के बच्चों का भविष्य तय होगा, जिसको देखकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। मैं चाहता हूं कि मेरी बेटियां व बेटे इस प्रोजेक्ट में जुडें। आज एक भारत-श्रेष्ठ भारत की तर्ज पर प्रधानमंत्री ने सबको जोड़ने का कार्य किया हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रिया शाक्य ने कहा कि देश के प्रत्येक कोने से एकता मार्च निकाला जा रहा हैं। कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया हैं। उनके आदर्शोंे पर चलने के लिये एकता मार्च निकाला जा रहा हैं। 

भाजपा पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि महापुरुष किसी एक व्यक्ति, क्षेत्र या समुदाय के नहीं होते, बल्कि पूरे राष्ट्र और समाज की धरोहर होते हैं। उन्होंने विशेष रूप से भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि परिस्थितियाँ अनुकूल होतीं तो सरदार पटेल देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते थे, किंतु पद न मिलने के बावजूद उन्होंने राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का महान कार्य किया।

भाजपा पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने यह भी कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री द्वारा बनवाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल के अद्वितीय व्यक्तित्व और उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज के समय में सरदार पटेल की सोच और उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण की सबसे अधिक आवश्यकता है। भारत के भविष्य पर बोलते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि देश की वास्तविक शक्ति उसका युवा वर्ग है। “हम सबको मिलकर राष्ट्र को आगे ले जाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने युवाओं से प्रेरणा लेने और सरदार पटेल की कर्तव्यनिष्ठ एवं एकीकृत भारत की भावना को घर-घर पहुँचाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी रामकृपाल चौधरी, पार्टी जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत सहित अन्य संबंधित जनप्रतिनिधि व विद्यालयों के बच्चे व शिक्षकगण उपस्थित रहे।

नई दिल्ली में 21 नवंबर को मनाया जाएगा विश्व मत्स्य दिवस, ट्रेसिबिलिटी की राष्ट्रीय रूपरेखा होगी जारी

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दिल्ली ब्यूरो 

नई दिल्ली । मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित मत्स्य पालन विभाग 21 नवंबर को नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में विश्व मत्स्य दिवस 2025 का आयोजन करेगा। इस वर्ष का ध्येय वाक्य है— "भारत की जलजनित अर्थव्यवस्था में बदलाव: समुद्री खाद्य वस्तुओं के निर्यात में मूल्यवर्धन", जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री और अंतर्देशीय जलीय उत्पादों को उच्च मूल्य वाले वैश्विक प्रतिस्पर्धी उत्पादों में रूपांतरित करना है।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह आभासी रूप से शामिल होंगे, जबकि नई दिल्ली में राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन की उपस्थिति रहेगी। भारत सहित कई देशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि इस वृहद आयोजन में भाग लेंगे।

इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग मत्स्य और जलीय कृषि में ट्रेसिबिलिटी पर राष्ट्रीय रूपरेखा जारी करेगा। इसका लक्ष्य एक केंद्रीकृत डिजिटल ट्रेसिबिलिटी प्रणाली तैयार करना है, जो उत्पाद के स्रोत, प्रसंस्करण केंद्र और बिक्री स्थान की स्पष्ट जानकारी देकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और बाजार पहुंच को मजबूत करेगी।

कार्यक्रम में संधारणीय मत्स्य प्राप्ति और जलीय कृषि के लिए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की जाएंगी, जिनमें समुद्री कृषि के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, स्मार्ट व एकीकृत बंदरगाहों के दिशानिर्देश, फिश लैंडिंग सेंटर संबंधी दिशानिर्देश, जलाशय मत्स्य प्रबंधन ढांचा और तटीय जलीय कृषि दिशानिर्देश शामिल हैं। यह पहल भारत के जलीय क्षेत्र के समग्र विकास के लिए व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करती है।

आयोजन में दो तकनीकी सत्र भी होंगे। पहला सत्र “मूल्य संवर्धन के माध्यम से मत्स्य पालन और जलीय कृषि के विकास को बढ़ावा” पर केंद्रित होगा, जिसमें समुद्री खाद्य उत्पादों के विविधीकरण, नवाचार, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मानक व प्रमाणन सुधार और अवसंरचना विकास पर चर्चा होगी। दूसरा सत्र “भारतीय अंतर्देशीय जल स्रोतों की निर्यात क्षमता के उपयोग” पर आधारित होगा, जिसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की नदियों, झीलों, तालाबों और मीठे जल स्रोतों की मत्स्य प्रजातियों की क्षमता पर विशेषज्ञ विमर्श करेंगे।

विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ से हुए सम्मानित



रायपुर- आज हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, उनके रायपुर स्थित निवास पर दिया गया. ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने सम्मान के साथ उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार का चेक उन्हें प्रदान किया गया.

विनोद कुमार शुक्ल ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा- “जब हिन्दी भाषा सहित तमाम भाषाओं पर संकट की बात कही जा रही है, मुझे पूरी उम्मीद है नई पीढ़ी हर भाषा का सम्मान करेगी. हर विचारधारा का सम्मान करेगी. किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, मनुष्यता का नष्ट होना है.”

वे पिछले कई सालों से बच्चों और किशोरों के लिए भी लिख रहे हैं. अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “मुझे बच्चों, किशोरों और युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि हर मनुष्य को अपने जीवन में एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. अच्छी किताबें हमेशा साथ होनी चाहिए. अच्छी किताब को समझने के लिए हमेशा जूझना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र में शास्त्रीयता को पाना है तो उस क्षेत्र के सबसे अच्छे साहित्य के पास जाना चाहिये.”

आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि “किसी अच्छे काम की आलोचना अगर की जाती है तो उन आलोचनाओं को अपनी ताकत बना लें. आलोचना जो है, दूसरों का विचार है, जो उपयोगी या अनुपयोगी हो सकता है. किसी कविता की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर उससे अच्छी एक और नयी कविता को रच देना है. किसी काम की सबसे अच्छी आलोचना का उत्तर, उससे और अच्छा काम करके दिखाना होना चाहिए. साहित्य में गलत आलोचनाओं ने अच्छे साहित्य का नुक़सान ज्यादा किया है.”

उन्होंने कहा कि “जीवन में असफलताएँ, गलतियाँ, आलोचनाएँ सभी तरफ़ बिखरी पड़ी मिल सकती हैं, वे बहुत सारी हो सकती हैं. उस बिखराव के किसी कोने में अच्छा, कहीं छिटका सा पड़ा होगा. दुनिया में जो अच्छा है, उस अच्छे को देखने की दृष्टि हमें स्वयं ही पाना होगा. इसकी समझ खुद विकसित करनी होगी. हमें अपनी रचनात्मकता पर ध्यान देना चाहिये. जब कहीं, किसी का साथ न दिखाई दे, तब भी चलो. अकेले चलो. चलते रहो. जीवन में उम्मीद सबसे बड़ी ताकत है. मेरे लिये पढ़ना और लिखना साँस लेने की तरह है.”

इससे पहले उन्होंने अपनी एक कविता का भी पाठ किया-

सबके साथ

सबके साथ हो गया हूँ

अपने पैरों से नहीं

सबके पैरों से चल रहा हूँ

अपनी आँखों से नहीं

सबकी आँखों से देख रहा हूँ

जागता हूँ तो सबकी नींद से

सोता हूँ तो सबकी नींद में

मैं अकेला नहीं

मुझमें लोगों की भीड़ इकट्ठी है

मुझे ढूँढो मत

मैं सब लोग हो चुका हूँ

मैं सबके मिल जाने के बाद

आख़िर में मिलूँगा

या नहीं मिल पाया तो

मेरे बदले किसी से मिल लेना.

विनोद कुमार शुक्ल के बारे में

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे, लगभग 90 की उम्र के होने को आए विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे रचनाकार हैं, जो बहुत धीमे बोलते हैं, लेकिन साहित्य की दुनिया में उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती है. मध्यमवर्गीय, साधारण और लगभग अनदेखे रह जाने वाले जीवन को शब्द देते हुए हिंदी में एक बिल्कुल अलग तरह की संवेदनशील, न्यूनतम और जादुई दुनिया रची. वे उन दुर्लभ लेखकों में हैं, जिनके यहाँ एक साधारण कमरा, एक खिड़की, एक पेड़, एक कमीज़ या घास का छोटा-सा टुकड़ा भी किसी पूरे ब्रह्मांड की तरह खुल जाता है.

उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिन्द’ 1971 में आया और वहीं से उनकी विशिष्ट भाषिक बनावट, चुप्पी और भीतर तक उतरती कोमल संवेदनाएँ हिंदी कविता में दर्ज होने लगीं. आगे चलकर ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ (1981), ‘सब कुछ होना बचा रहेगा’ (1992), ‘अतिरिक्त नहीं’ (2000), ‘कविता से लंबी कविता’ (2001), ‘आकाश धरती को खटखटाता है’ (2006), ‘पचास कविताएँ’ (2011), ‘कभी के बाद अभी’ (2012), ‘कवि ने कहा’, चुनी हुई कविताएँ (2012) और ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2013) जैसे संग्रहों ने उन्हें समकालीन हिंदी कविता के सबसे मौलिक स्वरों में शुमार कर दिया. उनकी कविताएँ बोलने से ज़्यादा सुनने वाली, नारेबाज़ी से कहीं अधिक, धीमी फुसफुसाहट की तरह काम करती हैं, लेकिन असर उनका बहुत दीर्घकालिक है.

उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज़’ (1979) ने हिंदी कथा-साहित्य में एक नया मोड़ दिया, जिस पर मणि कौल ने फिल्म भी बनाई. इसके बाद ‘खिलेगा तो देखेंगे’ (1996), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (1997, साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़’ (2011), ‘यासि रासा त’ (2016) और ‘एक चुप्पी जगह’ (2018) के माध्यम से उन्होंने लोकआख्यान, स्वप्न, स्मृति, मध्यवर्गीय जीवन और मनुष्य की अस्तित्वगत जटिल आकांक्षाओं को एक नये कथा-ढांचे में समाहित किया.

कहानी-संग्रह ‘पेड़ पर कमरा’ (1988), ‘महाविद्यालय’ (1996), ‘एक कहानी’ (2021) और ‘घोड़ा और अन्य कहानियाँ’ (2021) में भी वही सूक्ष्म, घरेलू और लगभग उपेक्षित जीवन-कण अद्भुत कथा-समृद्धि के साथ उपस्थित होते हैं.

उनकी रचनाएँ अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुईं. ‘The Servant’s Shirt’, ‘A Window Lived In The Wall’, ‘Once It Flowers’, ‘Moonrise From The Green Grass Roof’, ‘Blue Is Like Blue’, ‘The Windows In Our House Are Little Doors’ जैसे अंग्रेज़ी अनुवादों ने उन्हें वैश्विक पाठकों तक पहुँचाया. ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के साथ ‘पेड़ पर कमरा’ और अनेक कविताएँ विदेशी तथा भारतीय भाषाओं में रूपांतरित होकर एक व्यापक पाठक-वृत्त तक पहुँचीं. कई रचनाओं पर फिल्में बनीं, नाटक लिखे गए.

साहित्य अकादमी पुरस्कार, गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रज़ा पुरस्कार, शिखर सम्मान, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, हिंदी गौरव सम्मान, ‘Blue Is Like Blue’ के लिए मातृभूमि पुरस्कार, साहित्य अकादमी का महत्तर सदस्य सम्मान और 2023 का पैन-नाबोकोव पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ उनके दीर्घ, शांत और गहन रचनात्मक सफ़र की सार्वजनिक स्वीकृति हैं.

लेकिन इन सब के बीच उनका लेखक-स्वर वही बना रहा-संकोची, आंतरिक, लगभग अदृश्य, जो शब्दों की अत्यधिक सजावट से बचते हुए, बेहद सरल वाक्यों में हमारे भीतर एक खिड़की खोल देता है, जहाँ से दुनिया थोड़ी और मानवीय, थोड़ी और कल्पनाशील और थोड़ी और सच दिखाई देने लगती है.

जनपद के 150 गाँव में मोबाइल वैन करेगी परिवार नियोजन पर प्रचार-प्रसार

  

गोण्डा, 21 नवम्बर 2025। – उम्मीद परियोजना के तहत जिला चिकित्सालय सभागार में डिस्ट्रिक्ट वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. रश्मि वर्मा ने की। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, एनआरएलएम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा मोबियस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित एसबीसीसी कैंपेन ‘इतनी भी क्या जल्दी है?!!!’ का औपचारिक शुभारंभ किया गया।

  सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। पोस्टर्स, लघु फिल्मों, जिंगल्स और अन्य माध्यमों से सही उम्र में विवाह, पहला बच्चा देरी से, दो बच्चों के जन्म में अंतर और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली के सही उपयोग जैसे संदेशों का प्रसार किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान अभियान से जुड़े पोस्टर्स, फिल्मों और जिंगल्स का विमोचन भी किया गया।

   इस मौके पर जनपद के कटरा बाजार, मनकापुर और करनैलगंज ब्लॉक के 150 गाँवों में जागरूकता फैलाने हेतु मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह वैन नवंबर 2025 से फरवरी 2026 तक गांवों में फिल्म प्रदर्शन, जिंगल प्रसारण और हैण्डबिल वितरण के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाएगी। आशाओं के माध्यम से फिल्म प्रदर्शन के दिन परिवार नियोजन साधनों का वितरण भी किया जाएगा, जबकि वैन में तैनात काउंसलर द्वारा परामर्श सेवाएँ दी जाएँगी। सही उत्तर देने वाले ग्रामीणों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।

   अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आदित्य वर्मा ने अवगत कराया कि ऑनलाइन माध्यम—इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक—साथ ही ऑफलाइन माध्यम से भी अभियान की संदेश सामग्री व्यापक रूप से प्रसारित की जाएगी। इसके अलावा जरवल ब्लॉक में लंबे समय तक परिवार नियोजन साधनों को अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं और बेहतर कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा।

   कार्यक्रम की शुरुआत में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राज्य प्रतिनिधि बी. के. जैन ने उम्मीद परियोजना के सात जनपदों में चल रहे कार्यों, काउंसलिंग कॉर्नर स्थापना, आशा-एएनएम प्रशिक्षण और अंतर्विभागीय समन्वय की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना है।

   इस अवसर पर डॉ. आर. पी. सिंह, डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर, ने समुदाय स्तरीय सेवाप्रदाताओं और प्रधानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वहीं मोबियस फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने संसाधनों के संतुलित उपयोग के लिए परिवार नियोजन को आवश्यक बताया।

   बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायती राज, शिक्षा, ग्राम्य विकास, आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास, एनआरएलएम एवं सहभागी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति रही।

दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।
गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

19th जंबूरी में हाई-टेक सुरक्षा घेरा, लखनऊ पुलिस पूरी तरह अलर्ट

लखनऊ। राजधानी में आयोजित होने वाले 19th नेशनल जंबूरी के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देशन में तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था बबलू कुमार के मार्गदर्शन में दक्षिणी जोन व यूपी-112 की संयुक्त टीमें पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि जंबूरी में आने वाले बच्चों, स्काउट्स, प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 23 से 29 नंवबर तक थाना पीजीआई क्षेत्रांतर्गत स्थित डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड, वृंदावन योजना सेक्टर-15 में भारत स्काउट एवं गाइड के डायमंड जुबली जम्बूरी की 19वीं राष्ट्रीय जम्बोरी का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। दो विशेष चौकियां महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई आयोजन स्थल डिफेंस पर 01 अस्थायी पुलिस थाना और 08 पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें दो विशेष चौकियाँ महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक आधुनिक कंट्रोल रूम 24 घंटे गतिविधियों की निगरानी करेगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4 फायर स्टेशन और 2 डेडीकेटेड PRV वाहन गश्त पर रहेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी 200 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जबकि सुरक्षा जांच के लिए 90 LIU कर्मी भी सक्रिय रहेंगे। जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा की तैयारी पूरी जंबूरी में बच्चों और युवाओं से पुलिस का सकारात्मक और संवेदनशील संवाद सुनिश्चित करने के लिए सभी तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में ग्रूमिंग, बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और व्यवहारिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण दिया गया।लखनऊ पुलिस ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग और तकनीकी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती रहेंगी, ताकि पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और प्रोफेशनल बन सके। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की गई है।
पीएम मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना, ट्रंप नहीं होंगे शामिल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 समिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं। वो 21-23 नवंबर के बीच अफ्रीका दौरे पर रहेंगे। इस समिट में कई कई ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 20वें G20 लीडर्स समिट के दौरान वो दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अपनी इस यात्रा के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वे यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ वाली सोच को आगे बढ़ाने वाले भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से सामने रखेंगे। पीएम ने बताया कि यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के औपचारिक निमंत्रण पर हो रही है। जोहान्सबर्ग में आयोजित यह 20वां G20 समिट ऐतिहासिक भी माना जा रहा है क्योंकि पहली बार अफ्रीका इसकी मेजबानी कर रहा है।

पीएम मोदी ने बताया ये समिट क्यों है खास

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि भारत की अध्यक्षता वाले जी20 में ही अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया गया था, इसलिए यह आयोजन भारत और अफ्रीका दोनों के लिए भावनात्मक रूप से खास है। उन्होंने कहा कि समिट में इस साल की थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ रही है, जिस पर दक्षिण अफ्रीका ने भारत और ब्राजील के पिछले समिटों के नतीजों को आगे बढ़ाया है।

भारतीय प्रवासियों से भी करेंगे मुलाकात

समित के अलावा पीएम मोदी 6वें आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका) समिट में भी हिस्सा लेंगे और कई देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इसके अलावा वे दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे, जो दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से है।

झारखंड में ₹75 करोड़ का 'आधार स्कैम': भाजपा का आरोप- हेमंत सरकार में स्कूली बच्चों से दो साल तक होती रही अवैध वसूली; MKS एंटरप्राइज़ पर ब्लैकलिस


रांची: झारखंड भाजपा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे ₹75 करोड़ का "आधार स्कैम" बताया है।

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प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

"झारखंड में चौतरफा लूट खसोट मचा हुआ है। यह सरकार स्कूली बच्चों को भी लूट रही है।"

JEPC और एजेंसी पर ₹75 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

अजय साह ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और MKS एंटरप्राइज़ के गठजोड़ के चलते स्कूली बच्चों के आधार कार्ड निर्माण और बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ा लगभग ₹75 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

उन्होंने बताया कि मार्च 2023 में JEPC (जो शिक्षा विभाग के अधीन है) द्वारा एजेंसी चयन हेतु टेंडर जारी किया गया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर की मूल प्रति के अनुसार, छात्रों से कोई फीस नहीं ली जानी थी; प्रति छात्र ₹50 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा JEPC के माध्यम से एजेंसी को होना था।

कैसे हुआ ₹75 करोड़ का घोटाला?

अजय साह ने डिजिटल लेन-देन के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि JEPC के संरक्षण में MKS एंटरप्राइज़ ने दो माध्यमों से गैरकानूनी वसूली की:

छात्रों से अवैध वसूली: 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (BRCs) में प्रतिदिन औसतन ₹2,000 की उगाही होती रही, जिससे छात्रों से गैरकानूनी रूप से लगभग ₹36 करोड़ वसूले गए।

केंद्र सरकार से वसूली: आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई।

सुपरवाइजर्स से वसूली: एजेंसी ने लगभग 500 "आधार सुपरवाइज़र" से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब ₹2.5 करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।

इन सभी आंकड़ों को जोड़कर घोटाले की कुल राशि लगभग ₹75 करोड़ तक पहुँचती है।

सुपरवाइजर्स का शोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि JEPC और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं थी। सुपरवाइजर्स से नौकरी देने के नाम पर ₹50-50 हजार रुपये वसूले गए, और जब उन्होंने बकाया सैलरी मांगी तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपा गया।

अजय साह ने दावा किया कि MKS एंटरप्राइज़ बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है, और यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

भाजपा की मांग: भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, JEPC की भूमिका की स्वतंत्र जाँच और MKS एंटरप्राइज़ को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने भदोही में यूनिटी मार्च का नेतृत्व किया

* सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज से अर्पित लॉन तक निकला विराट एकता मार्च * जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संस्थाओं, विद्यार्थियों और नागरिकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी * सरदार पटेल न होते तो भारत का इतिहास और भूगोल कुछ और होता: एके शर्मा लखनऊ। राष्ट्रीय एकता दिवस के दृष्टिगत नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री तथा भदोही जनपद के प्रभारी मंत्री ए. के. शर्मा ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य यूनिटी मार्च में प्रतिभाग किया। यह मार्च विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर अर्पित लॉन तक अत्यंत उल्लास और देशभक्ति के जोश के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में राष्ट्रीय एकता, समरसता और अखंडता के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करना था।मार्च में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंत्री श्री शर्मा ने स्वयं मार्च के दौरान प्रतिभागियों से संवाद किया और सभी को एकता एवं राष्ट्रहित के लिए निरंतर योगदान करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में मंत्री ए. के. शर्मा ने सरदार वल्लभभाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के समय सरदार पटेल की संगठन क्षमता, नेतृत्व कौशल और अदम्य साहस ने भारत की स्वतंत्रता में नई ऊर्जा का संचार किया। स्वतंत्रता के बाद लगभग 565 रियासतों को एकजुट कर भारत का राजनीतिक एकीकरण करना विश्व इतिहास की अद्वितीय उपलब्धि है, जो उनके लौह इच्छाशक्ति का परिणाम था।मंत्री श्री शर्मा ने कहा, “यदि सरदार पटेल नहीं होते तो भारत का इतिहास और भूगोल निश्चित ही आज अलग होता। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधकर आधुनिक भारत की नींव रखी। उनकी कर्मनिष्ठा, ईमानदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि की सोच आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है। मंत्री श्री शर्मा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य केवल एक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की सामूहिक चेतना को जागृत करने और समाज के प्रत्येक वर्ग में राष्ट्रप्रेम की भावना को मजबूत करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि यह एकता मार्च भदोही जनपद में सामाजिक समरसता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक बनकर उभरा है। मंत्री ने सभी प्रतिभागियों, विद्यालयों, सामाजिक संस्थाओं और प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसी सामूहिक भावना और एकता के संकल्प से भदोही सहित पूरा प्रदेश और मजबूत होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाली पीढ़ियाँ सरदार पटेल के आदर्शों को आत्मसात करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, विधायक ज्ञानपुर विपुल दुबे, पूर्व सांसद से गोरखनाथ पाण्डेय, जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा, अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि गण, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक नागरिकों ने प्रतिभाग किया।

कन्नौज जिले मे बीजेपी सरकार के मंत्री असीम अरुण की अगुवाई में मनाई गई सरदार पटेल की 150 वी जयंती

पंकज श्रीवास्तव/विवेक कुमार

कन्नौज। जिले में आज गुरुवार को बीजेपी सरकार के मंत्री असीम अरुण की अगुवाई में सरदार पटेल की 150 वी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमे 5 किलोमीटर तक यूनिटी मार्च में मंत्री असीम अरुण के साथ भाजपा नेताओ ने प्रतिभाग किया।मंत्री बोले विकसित भारत को आज एक होता हम लोग देख रहे है। उन्होंने कहा कि आज कोई अलग नही कर सकता हम लोगो को ।

इस अवसर पर उन्होंने सरदार पटेल के आदर्शो को याद करते हुए उन्हे सच्ची श्रद्धांजली देते हुए कहा कि कन्नौज में हम सब ने पूरे जोश के साथ निकाली एकता यात्रा और भारत को अखंड रखने और विकसित करने का संकल्प लिया।

आपको बताते चले कि गुरूवार को प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री मुख्य अतिथि असीम अरूण सरदार पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मुक्ताकांशी मंच पर दीप प्रज्जवलित कर सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया तथा यूनिटी मार्च को हरी झंण्डी दिखाकर रवाना किया। यूनिटी मार्च मुक्ताकांशी मंच से मकरन्दनगर से लाखन तिराहा व नगर पालिका तथा ग्वाल मैदान होते हुये बोर्डिंग ग्राउण्ड में कार्यक्रम का समापन किया गया। इस यूनिटी मार्च में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों, एनसीसी कैडेट, प्रशिक्षु पुलिसकर्मी, जनप्रतिनिधि इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया।

मंत्री असीम अरुण ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सब को मत, मजहब, जाति का भेदभाव नहीं करना हैं, हम सब को भारत की परपंरा के अनुसार आगे बढ़ना हैं। इसलिये आज यूनिट मार्च (एकता मार्च) का आयोजन किया गया हैं। इस एकता मार्च के लिये हम सब एकत्रित हुये हैं। हमको किसी भी प्रकार के बटवारे के चक्कर में नहीं पड़ना हैं, हम सभी को एकता के लिये आगे बढ़ना हैं, आत्मनिर्भरता के लिये आगे बढ़ना हैं।

 दुनिया में सबसे बड़ी स्टैच्यू आफ यूनिटी मूर्ति की स्थापना मोदी ने करवाई हैं। यह हमारी समरसता और इन्फ्रा का बहुत बड़ा प्रतीक हैं। गुजरात के केवड़िया स्थान पर इसको स्थापित किया गया हैं। राज्यमंत्री असीम अरूण ने कहा कि हमारे इंजीनियरिंग के छात्रों ने बहुत अच्छा कार्य किया हैं, देश के निर्माण के लिये, 3-4 बड़े प्रोजेक्ट में बहुत ही सराहनीय कार्य किया हैं। बाबा गौरी शंकर मन्दिर, फूलमती मंदिर, 3 तालाबों का सौन्दर्यीकरण का कार्य कर रहे हैं, लेकिन कन्नौज के युवाओं का उसमें योगदान कैसे हो, इसमें आप जैसे बड़े भाई-बहनों ने अध्ययन किया, और बड़े इंजीनियरों की अपेक्षा आप लोगों की बनायी हुई रिपोर्ट से कन्नौज के बच्चों का भविष्य तय होगा, जिसको देखकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। मैं चाहता हूं कि मेरी बेटियां व बेटे इस प्रोजेक्ट में जुडें। आज एक भारत-श्रेष्ठ भारत की तर्ज पर प्रधानमंत्री ने सबको जोड़ने का कार्य किया हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रिया शाक्य ने कहा कि देश के प्रत्येक कोने से एकता मार्च निकाला जा रहा हैं। कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया हैं। उनके आदर्शोंे पर चलने के लिये एकता मार्च निकाला जा रहा हैं। 

भाजपा पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि महापुरुष किसी एक व्यक्ति, क्षेत्र या समुदाय के नहीं होते, बल्कि पूरे राष्ट्र और समाज की धरोहर होते हैं। उन्होंने विशेष रूप से भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि परिस्थितियाँ अनुकूल होतीं तो सरदार पटेल देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते थे, किंतु पद न मिलने के बावजूद उन्होंने राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का महान कार्य किया।

भाजपा पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने यह भी कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री द्वारा बनवाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल के अद्वितीय व्यक्तित्व और उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज के समय में सरदार पटेल की सोच और उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण की सबसे अधिक आवश्यकता है। भारत के भविष्य पर बोलते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि देश की वास्तविक शक्ति उसका युवा वर्ग है। “हम सबको मिलकर राष्ट्र को आगे ले जाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने युवाओं से प्रेरणा लेने और सरदार पटेल की कर्तव्यनिष्ठ एवं एकीकृत भारत की भावना को घर-घर पहुँचाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी रामकृपाल चौधरी, पार्टी जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत सहित अन्य संबंधित जनप्रतिनिधि व विद्यालयों के बच्चे व शिक्षकगण उपस्थित रहे।

नई दिल्ली में 21 नवंबर को मनाया जाएगा विश्व मत्स्य दिवस, ट्रेसिबिलिटी की राष्ट्रीय रूपरेखा होगी जारी

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दिल्ली ब्यूरो 

नई दिल्ली । मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित मत्स्य पालन विभाग 21 नवंबर को नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में विश्व मत्स्य दिवस 2025 का आयोजन करेगा। इस वर्ष का ध्येय वाक्य है— "भारत की जलजनित अर्थव्यवस्था में बदलाव: समुद्री खाद्य वस्तुओं के निर्यात में मूल्यवर्धन", जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री और अंतर्देशीय जलीय उत्पादों को उच्च मूल्य वाले वैश्विक प्रतिस्पर्धी उत्पादों में रूपांतरित करना है।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह आभासी रूप से शामिल होंगे, जबकि नई दिल्ली में राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन की उपस्थिति रहेगी। भारत सहित कई देशों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि इस वृहद आयोजन में भाग लेंगे।

इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग मत्स्य और जलीय कृषि में ट्रेसिबिलिटी पर राष्ट्रीय रूपरेखा जारी करेगा। इसका लक्ष्य एक केंद्रीकृत डिजिटल ट्रेसिबिलिटी प्रणाली तैयार करना है, जो उत्पाद के स्रोत, प्रसंस्करण केंद्र और बिक्री स्थान की स्पष्ट जानकारी देकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और बाजार पहुंच को मजबूत करेगी।

कार्यक्रम में संधारणीय मत्स्य प्राप्ति और जलीय कृषि के लिए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की जाएंगी, जिनमें समुद्री कृषि के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, स्मार्ट व एकीकृत बंदरगाहों के दिशानिर्देश, फिश लैंडिंग सेंटर संबंधी दिशानिर्देश, जलाशय मत्स्य प्रबंधन ढांचा और तटीय जलीय कृषि दिशानिर्देश शामिल हैं। यह पहल भारत के जलीय क्षेत्र के समग्र विकास के लिए व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करती है।

आयोजन में दो तकनीकी सत्र भी होंगे। पहला सत्र “मूल्य संवर्धन के माध्यम से मत्स्य पालन और जलीय कृषि के विकास को बढ़ावा” पर केंद्रित होगा, जिसमें समुद्री खाद्य उत्पादों के विविधीकरण, नवाचार, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मानक व प्रमाणन सुधार और अवसंरचना विकास पर चर्चा होगी। दूसरा सत्र “भारतीय अंतर्देशीय जल स्रोतों की निर्यात क्षमता के उपयोग” पर आधारित होगा, जिसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की नदियों, झीलों, तालाबों और मीठे जल स्रोतों की मत्स्य प्रजातियों की क्षमता पर विशेषज्ञ विमर्श करेंगे।