यूरिडा टीम ने निर्माणाधीन छःसड़को का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।डिप्टी सी०इ०ओ०यूरिडा लखनऊ एवं उनकी टीम के द्वारा जनपद प्रयागराज में नगर निगम द्वारा सी०एम० ग्रिड योजनान्तर्गत फेज-1एवं फेज-2 के अन्तर्गत निर्माणाधीन कुल 06 सड़कों का गहन निरीक्षण किया गया। जिसमें ट्रान्सपोर्ट नगर धर्मवीर मूर्ति से पोर्ट स्टेशन तक प्रीतमनगर में धूमनगंज थाने से दुर्गापूजा मैदान होते हुए अबूबकरपुर मोड़ तक केन्द्रांचल गेट से विवेकानन्द चौराहा होते हुए ए०आर०के० टावर प्रीतमनगर तक एवं टैगोर टाउन में के०पी०इन्टर कालेज के सामने से जवाहर लाल नेहरू रोड तक कृति स्कैनिंग से सी०एम०पी० डिग्री कालेज के पीछे एवं लिडिल रोड सम्मिलित रही।

उक्त मार्गो की कुल लम्बाई 8..किलोमीटर है।सी० एम० ग्रिड योजना में सम्मिलित सभी मार्गो पर फुटपाथ ड्रेनेज और भूमिगत केबल डालने का कार्य किया जा रहा है।बिजली के तार भी ऊपर से नही दिखेगे और एक रिजर्व लाइन भी होगी।अगर कुछ गड़बड़ी आ जाये तो रिजर्व लाइन से बिजली आपूर्ति बहाल किया जा सके।भूमिगत पाईप डाले गये है जिससे टेलीफोन इंटरनेट के तारों को ले जाया जायेगा। सड़क पर वाहन न खड़े हो सके इसके लिए थोड़ी- थोड़ी दूर पर पार्किंग का प्राविधान किया गया है। के० पी० इण्टर कालेज के सामने से जवाहर लाल नेहरू रोड तक मार्ग पर साईकिल ट्रैक का भी प्राविधान किया गया है।यूरिडा टीम द्वारा सभी सड़कों पर निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए है एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु नामित थर्ड पार्टी राइट्स लि० को नियमित जाँच हेतु आदेशित किया गया है।

सर्दी से बचाव:ठंड के मौसम में रहे पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।सर्दियो का मौसम आते ही कोहरे की चादर, गर्म चाय की चुस्कियाँ और धूप में बैठने का मजा तो सबको अच्छा लगता है, लेकिन ठंड के साथ आती हैं कई बीमारियाँ भी।सर्दी-खांसी जोड़ों का दर्द रूखी त्वचा अस्थमा का अटैक और कभी-कभी निमोनिया तक। अच्छी बात यह है कि छोटी-छोटी सावधानियाँ अपनाकर आप इन सबसे आसानी से बच सकते है।

आधिकारिक तौर पर ठंड की वजह से भारत में प्रतिवर्ष लगभग 700 से 800 मौते होती हैं परन्तु लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ जर्नल के अनुसार अप्रत्यक्ष अथवा प्रत्यक्ष रूप से ठंड से होने वाली मौतो का आंकड़ा लगभग 7 लाख तक पहुंचता है जो कि गर्मी सी वजह से होने वाली मौतो से लगभग सात या आठ गुना ज्यादा है.इन मौतो का बड़ा हिस्सा बिहार उत्तर प्रदेश एवं पंजाब से होता है.आइए समझते हैं इस ठंड के मौसम में कैसे अपने एवं अपने परिवार को सुरक्षित रखा जाए।

गर्म कपड़ो की सही लेयरिंग करे एक मोटा स्वेटर पहनने से बेहतर है तीन पतली परतें (लेयर)पहनना:अंदर सूती या थर्मल बनियान बीच में ऊनी जैकेट ऊपर से विंड-प्रूफ जैकेट हवा नहीं घुसेगी और शरीर का तापमान बना रहेगा।सिर कान गर्दन और हाथ-पैर को कभी नजरअंदाज न करे 70% तक शरीर की गर्मी सिर से निकलती है।हमेशा ऊनी टोपी पहने मफलर भी जरूरी है मोजे दस्ताने भूलकर भी न भूले घर के अन्दर भी सावधानी बरते कमरे का तापमान 20-24°C के बीच रखे रात में सोते वक्त हीटर बंद कर दें या टाइमर लगाए अंगीठी जलाते है तो कमरे में हल्की खिड़की खुली रखें।

ह्यूमिडिफायर या पानी की कटोरी रखे—ठंडी हवा रूखी होती है नमी जरूरी हैऑल वेदर एसी:-ठंडी के समय कम बिजली की खपत में कमरा गर्म रखने का सुरक्षित उपाय है.यह हीटर मुकाबला 4-5 गुना कम बिजली लेता है।इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखे सर्दी में खाएं: तुलसी-अदरक- काली मिर्च-लौग की चाय बादाम अखरोट मुनक्का खजूर संतरे कीवी आँवला मौसम्बी (विटामिन C)हल्दी वाला दूध रात में गर्म सूप बचें:ठंडा पानी आइसक्रीम कोल्ड ड्रिंक ज्यादा तली-भुनी चीजे त्वचा और होठो का खास खयाल रोज नहाना जरूरी है लेकिन गुनगुने पानी से नहाने के तुरत बाद मॉइश्चराइजर लगाएँ(नारियल तेल बादाम तेल पेट्रोलियम जेली अच्छे है)होठो पर घी या लिप बाम बार-बार लगाएँ सनस्क्रीन भूलें नही—सर्दियों में भी UV किरणे नुकसान पहुँचाती है।

बच्चो और बुजुर्गो के लिए अतिरिक्त सावधानी बच्चो को स्कूल भेजते वक्त कान ढककर भेजे बुजुर्गों के कमरे में रात में गर्म पानी की बोतल रखे दोनो को फ्लू का टीका (इन्फ्लुएंजा वैक्सीन)जरूर लगवाएँ बुजुर्ग सुबह बहुत जल्दी पार्क न जाएँ कोहरा कम होने के बाद जाए बाहर निकलते वक्त ये बातें याद रखे मास्क पहने—ठंडी हवा सीधे फेफड़ो में नहीं जाना चाहिए सुबह 10 बजे से पहले कोहरे में मॉर्निंग वॉक न करे कार की विंडस्क्रीन पर फ्रॉस्ट जम जाए तो पहले साफ करें, गर्म पानी न डालें (काँच फट सकता है)सर्दी-जुकाम और फ्लू से बचाव भीड़-भाड़ वाली जगहो पर मास्क लगाएँ किसी के छींकने-खांसने पर मुँह पर रुमाल रखे घर में भाप ले (विक्स या सादा पानी डालकर)मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे सर्दियों में धूप कम होने से कई लोगों को“विंटर ब्लूज़”या डिप्रेशन होता है।रोज कम से कम 30-40 मिनट धूप जरूर ले हल्की एक्सरसाइज घर में ही करे दोस्तों-रिश्तेदारो से मिलते-जुलते रहे।

अंत मे ठंड कोई दुश्मन नही है बस उसे समझदारी से हैंडल करना आना चाहिए।गर्म कपड़े अच्छा खाना थोड़ी सावधानी और ढेर सारी गर्म चाय—बस इतना काफी है पूरे सीजन को खुशी और सेहत के साथ गुजारने के लिए।इस सर्दी में खुद को और अपनों को ठंड से बचाएँ और मौसम का पूरा मजा ले।रहें गर्म रहे स्वस्थ्य।

बिना एचएसआरपी खनन सामग्री ढोते 2 ट्रक सीज

फर्रुखाबाद।जिलाधिकारी के निर्देश पर गुरुवार को एआरटीओ-प्रवर्तन एवं खनन अधिकारी के साथ खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के विरूद्ध सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान बिना एचएसआरपी लगाए खनन सामग्री ढोते हुये 2 ट्रक सीज किए गए l साथ ही 35000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। जाँच के दौरान पाया गया कि खनन विभाग के पोर्टल पर इनका पंजीकरण नहीं था।

सचिव एवं निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा समस्त जिलाधिकारियों से उपखनिजोें का परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीकरण खनन के विभागीय पोर्टल पर कराये जाने की बात कहीं है ताकि इन वाहनों में लगे वी.टी.एस. के माध्यम से ऑनलाइन निगरानी हो सके। इस दौरान जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी द्वारा एआरटीओ-प्रवर्तन सुभाष राजपूत तथा संजय प्रताप, खनन अधिकारी को खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के विरूद्ध सघन चेकिंग अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया।

इसके अतिरिक्त कर बकाया में संचालित 3 ट्रकों का भी सीज किया गया तथा इन पर रू0 35000 टैक्स तथा रू0 32000 का जुर्माना लगाया गया। यह अभियान जारी रहेगा।

करनैलगंज में खुलेआम अवैध मीट दुकानों का साम्राज्य- प्रशासन मौन, जनता परेशान

गोंडा। जिले के करनैलगंज कस्बे में अवैध रूप से संचालित मीट, मछली और अंडे की दुकानों ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। कस्बे के प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों और विद्यालयों के पास खुलेआम चल रही इन दुकानों से गंदगी, दुर्गंध और अस्वच्छता का माहौल पैदा हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी रोष है।

स्कूलों और मंदिरों के पास अवैध दुकानें- आदेशों की उड़ रही धज्जियाँ

सूत्रों के अनुसार कंपोजिट विद्यालय बालकरामपुरवा, गायत्री मंदिर के पास, सकरौरा चौराहा, सुक्खापुरवा मोड़ सहित कई स्थानों पर बिना लाइसेंस व अनुमति के मीट व मछली की दुकानें संचालित हो रही हैं। यह स्थिति तब है जबकि शासनादेश के अनुसार विद्यालय, धार्मिक स्थल, आबादी क्षेत्र और सार्वजनिक स्थलों से निर्धारित दूरी पर ऐसे कारोबार पूर्णतः प्रतिबंधित हैं।

दुर्गंध और गंदगी से राहगीर परेशान- आवागमन तक दूभर

दिन भर खुले में काटा जा रहा मीट, बहता खून, सड़ती मछली की दुर्गंध और नालियों का अंबार इलाके में दुर्गंध फैला रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि “जहाँ बच्चे पढ़ने जाते हैं और श्रद्धालु पूजा करने, वहीं कुछ कदम दूर कत्ल और दुर्गंध क्या यही कानून व्यवस्था है?” स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासनिक उदासीनता और मौन ने संदेह पैदा कर दिया है कि आखिर यह अवैध कारोबार किसके संरक्षण में फल-फूल रहा है।

क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द अवैध दुकानों को हटाया नहीं गया तो वे धरना-प्रदर्शन व आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार के आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित हैं? आखिर किसकी शह पर यह अवैध कारोबार चल रहा है। मासूम बच्चों, श्रद्धालुओं और आम जनता की भावना और स्वास्थ्य की किसी को चिंता क्यों नहीं? करनैलगंज में स्थिति साफ कह रही है कि “यहाँ कानून नहीं, बल्कि अवैध मीट कारोबारियों का राज चलता है।” अब देखना यह है कि प्रशासन जागेगा या फिर जनता के सब्र का बांध टूटेगा।

विदेशों से संचालित हो रहे कांग्रेस नेताओं के 'X' अकाउंट, बीजेपी नेता संबित पात्रा का चौंकाने वाला दावा

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एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी एक्स ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म पर एक नया फीचर लॉन्च किया है, जो किसी भी अकाउंट की लोकेशन, उपयोगकर्ता नाम बदलने की हिस्ट्री और ऐप डाउनलोड लोकेशन दिखाता है। इस फीचर ने भारत में राजनीतिक हलचल मचा दी है। दरअसल, भाजपा ने कांग्रेस पर विदेश से संचालित होने वाले खातों के जरिए भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस पर बीजेपी का गंभीर आरोप

संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस देश के बाहर बैठे लोगों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एक्स प्लेटफॉर्म के फीचर के आधार पर यह पता चला है कि कई कांग्रेस नेताओं और संगठनात्मक अकाउंट्स की लोकेशन भारत में नहीं, बल्कि विदेशों में दिखाई दे रही है। उनके मुताबिक पवन खेड़ा का अकाउंट अमेरिका में बेस्ड दिख रहा है, जबकि महाराष्ट्र कांग्रेस का अकाउंट आयरलैंड से जुड़ा हुआ था जिसे बाद में बदलकर भारत कर दिया गया। हिमाचल कांग्रेस का अकाउंट थाईलैंड से जुड़ा बताया गया।

पीएम मोदी और भारत के अपमान की कोशिश

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस, राहुल गांधी और वामपंथी दलों के जाने-माने चेहरों ने 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

विदेश से भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने का आरोप

संबित पात्रा ने दावा किया कि कई लेफ्ट और कांग्रेस समर्थक इन्फ्लुएंसर्स पाकिस्तान, बांग्लादेश और साउथ ईस्ट एशिया में बैठे हुए हैं और भारत के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस का काम देश को बांटना है और इसलिए विदेशों से मिलकर भारत के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है

राहुल गांधी गलत नरेटिव सेट करने का आरोप

संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी देश में गलत नरेटिव सेट करने के लिए विदेशों में गलत बयानबाजी करते हैं। वे केवल जेन-Z से मिलकर देश के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश नहीं करते हैं बल्कि देश के खिलाफ माहौल सेट करते हैं। पात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में कुछ ऐसे नैरेटिव जो राहुल गांधी, कांग्रेस और लेफ्ट इकोसिस्टम के कहने पर सेट किए गए, ऐसे तीन नैरेटिव के उदाहरण मैं दूंगा। पहला - वोट चोरी का नैरेटिव सेट किया गया। दूसरा - ऑपरेशन सिंदूर में जो मोदी जी और भारत की सेना को एक तरह से दुर्बल दिखाने की कोशिश की गई, उसके पीछे भी पाकिस्तान, बांग्लादेश और पश्चिम एशिया में बैठे कुछ कांग्रेसी और उनके शुभचिंतकों के हैंडल हैं। तीसरा- संघ, संघ परिवार और मोदी जी पर व्यक्तिगत हमला करने का नैरेटिव भी विदेश से ही संचालित हुआ।

*सुल्तानपुर में 668जोड़ों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सात फेरे* सुल्तानपुर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सुल्तानपुर जिल
*सुल्तानपुर में 668जोड़ों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सात फेरे*

सुल्तानपुर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सुल्तानपुर जिले में 27 नवंबर को फरीदपुर विद्यालय परिसर में भव्य सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुल 668वर-वधुओं ने सात फेरे लेकर जीवनभर साथ निभाने की कसमें खाई।

समारोह का आयोजन जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह के नेतृत्व में, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक के मार्गदर्शन में किया गया, जबकि जिला अधिकारी कुमार हर्ष के निर्देशन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में सुल्तानपुर विधायक विनोद सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इसके अलावा कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर नवविवाहित दुल्हनों के खातों में ₹60,000 की सामग्री प्रदान की गई, जिसमें राज्य सरकार द्वारा तय सामग्री शामिल है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित सामान दिया गया:

रसोई उपकरण (चूल्हा, बर्तन सेट, गैस स्टोव)

बेड, गद्दा और तकिए

फर्नीचर (कुर्सी, मेज)

बर्तन और कटलरी सेट

वस्त्र और पारंपरिक पहनावे

अन्य घरेलू आवश्यक वस्तुएँ


इससे नवविवाहित जोड़ों को अपने नए जीवन की शुरुआत में आर्थिक सहायता और सुविधा मिली, जिससे उनके चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिली।

इस बार का सामूहिक विवाह समारोह भावपूर्ण और भव्य तरीके से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने नवविवाहितों के सुखमय भविष्य की कामना की और उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक सहयोग प्रदान करने का भरोसा भी दिलाया।

जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता बढ़ाने और विवाहिता युवाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, जो राज्य सरकार की सामूहिक विवाह योजना की प्रमुख विशेषताओं में शामिल है।
सम्मन देने गये दो पुलिस कर्मियों से मारपीट, दो आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

गोंडा।जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सम्मन देने गये दो पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया गया।बताते चलें कि महराजगंज जनपद से आये दिव्यांग हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव व नगर कोतवाली क्षेत्र के महराजगंज पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही अरुण कुमार गुप्ता के साथ इमामबाड़ा के चमरटोलिया गांव में मारपीट की गई।इस दौरान उनके मोबाइल भी पटक कर तोड़ दिये गये, जिससे उसकी स्क्रीन भी टूट गयी।मारपीट में हेड कांस्टेबल छोटे लाल यादव व सिपाही अरुण कुमार गुप्ता घायल हो गए।उनका गोंडा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाया गया।पुलिस के अनुसार,आरोपियों ने सम्मन लेने से इन्कार कर दिया और पुलिस कर्मियों से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी।नगर कोतवाली पुलिस ने हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव की तहरीर पर शशि आनंद व राजन के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा,मारपीट व गाली गलौज की धाराओं में मुकदमा दर्ज दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच उपनिरीक्षक मनीष कुमार को सौंपी गई है।पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।उक्त घटना का एक 53 सेकेण्ड का वीडियो भी सामने आया है,जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।वीडियो में हैडकांस्टेबल छोटे लाल यादव वीडिओ रिकार्डिंग करते दिख रहे हैं,जबकि कांस्टेबल अरुण कुमार गुप्ता आरोपियों से सम्मन लेने के लिए कह रहे हैं।इस दौरान भी आरोपी पुलिसकर्मियों के मोबाइल छीनने और विवाद करने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं।हैडकांस्टेबल छोटे लाल यादव महराजगंज जिले के बृजमनगंज थाने में तैनात हैं।वह न्यायिक मजिस्ट्रेट फरेन्दा,महराजगंज द्वारा जारी नोटिस शशि आनंद, राजन व नीता को देने गोंडा आये थे।इन सभी को 27 नवंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फरेन्दा, महराजगंज की अदालत में हाजिर होना था।जब सम्मन लेने से आरोपियों ने मना किया तो हैडकांस्टेबल ने दोबारा सम्मन लेने के लिए कहा तो नाराज होकर आरोपियों द्वारा मारपीट किया गया।आरोपी शशि गौतम उर्फ आनन्द गौतम ने अपने छोटे भाई की शादी महराजगंज जनपद के बृजमनगंज थाना क्षेत्र में एक लड़की से लगाई थी परन्तु कुछ लेन देन को लेकर राजन गौतम ने शादी से इन्कार कर दिया था।जिसका मुकदमा लड़की के पिता ने न्यायालय में दायर किया है।उसी का सम्मन न्यायालय से राजन गौतम और उसके बडे़ भाई शशि आनंद उर्फ आनन्द गौतम व नीता के नाम पर जारी हुआ था।नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव की तहरीर पर दो लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दोनों लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस द्वारा पूरे मामले की शुरू कर दी गयी है।दोनों आरोपियों ने हमारे थाना क्षेत्र के महराजगंज चौकी पर तैनात सिपाही के साथ मारपीट की है तथा साथ ही साथ महराजगंज जिले के बृजमनगंज थाने पर तैनात हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव के साथ भी मारपीट की है।

एंटीबायोटिक्स का मकड़जाल

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प्रदीप श्रीवास्तव

किसी भी बीमारी के लिए, एंटीबायोटिक्स यानी रोग प्रतिरोधी दवाएँ बहुत कारगर मानी जाती है, शायद यही वजह है कि बाज़ार में सबसे ज़्यादा एंटीबायोटिक दवाएँ बिकती हैं। हालाँकि, इनके अंधाधुंध प्रयोग से हमारे देश में “सुपरबग्स” जैसी खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है, जहाँ दवाएँ बेअसर हो जाती हैं और सामान्य बीमारी भी जल्दी ठीक नहीं होती है और उनके इलाज पर बहुत ज़्यादा खर्च करना पड़ता है। चिंता की बात यह है कि पोल्ट्री और डेयरी फार्मिंग में भी एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है। नतीजतन, अगर हम खुद एंटीबायोटिक्स कम लें तो भी यह समस्या दूसरे रूप में हमें घेरे ही रहेगी। इसलिए सरकार ने एंटीबायोटिक्स के प्रयोग को लेकर गाइडलाइन जारी की है, जिसमें इनके इस्तेमाल को लेकर कई तरह के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

सन 1928 में लंदन के सेंट मैरी हॉस्पिटल मेडिकल स्कूल में कार्यरत स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक अलेक्ज़ेंडर फ़्लेमिंग ने जीवाणुओं (बैक्टीरिया) पर शोध करते हुए एंटीबायोटिक पेनिसिलिन की खोज की। दूसरे विश्वयुद्ध में जब लाखों घायल सैनिक संक्रमण से मर रहे थे, तब पेनिसिलिन एक वरदान साबित हुई। इससे अनगिनत सैनिकों की जान बचाई गई। पेनिसिलिन ने चिकित्सा विज्ञान की दिशा बदल दी और इसे आधुनिक एंटीबायोटिक युग की शुरुआत माना जाता है। 

हालाँकि, 1945 के बाद से ही फ़्लेमिंग ने खुद चेतावनी दी कि “एंटीबायोटिक के बहुत ज़्यादा प्रयोग से प्रतिरोध पैदा होगा”। और यही हुआ, एंटीबायोटिक का अंधाधुंध प्रयोग शुरू हो गया, जिससे बीमारी एक बार ठीक होने बाद, दोबारा होने पर उससे कई तरह की परेशानियाँ शुरू होने लगी। 

अब यह समस्या और बड़ी बनने लगी है, क्योंकि भारत जैसे देशों में बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेना, अधूरा कोर्स करना और छोटी-मोटी बीमारी में भी इस्तेमाल करना आम बात है। ज़्यादा एंटीबायोटिक के प्रयोग से हमारे शरीर के बैक्टीरिया, दवाइयों के प्रति प्रतिरोधक विकसित कर लेते है इसे एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस कहा जाता है और यह स्थिति “सुपरबग्स” के रूप में उभरकर सामने आती है, यानी ऐसी स्थिति जिसमें ताकतवर जीवाणु, दवाओं से नहीं मरते और उन पर साधारण एंटीबायोटिक काम नहीं करती। ऐसे में न सिर्फ, मरीजों पर दवाओँ का खर्च बढ़ता जाता है, बल्कि भविष्य में वह कई बीमारियों को न्योता देता है और सामान्य संक्रमण यानी खाँसी, बुखार, घाव का इन्फेक्शन होने पर इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता है। 

पहले जिन बीमारियों का इलाज ₹100 की दवा से हो जाता था, उनके लिए अब लाखों रुपये की नई और महँगी दवाएँ या इंजेक्शन लगते हैं। क्योंकि वह छोटी या सामान्य बीमारी पर दवाएँ बेअसर होती है, उन्हें ठीक करने के लिए कई तरह की जाँचें करानी पड़ती है और नए किस्म की दवाएँ देनी पड़ती है और मरीज को अस्पताल में ज़्यादा दिन भर्ती रहना पड़ता है। 

बार-बार एंटीबायोटिक लेने से डायरिया, एलर्जी, त्वचा पर दाने जैसी समस्याएँ भी आने लगती हैं और लंबे समय में किडनी, लीवर और पेट पर असर पड़ता है। सबसे बड़ी बात है कि एंटीबायोटिक हानिकारक बैक्टीरिया के साथ-साथ अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देते हैं। इससे खराब पाचन, इम्युनिटी कमज़ोर और बार-बार संक्रमण की समस्या हो सकती है। 

भारत पहले से ही एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस का हॉटस्पॉट बन चुका है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 7 लाख लोग एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि अगर इस समस्या पर रोक नहीं लगी तो 2050 तक भारत समेत विश्व में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के कारण 1 करोड़ मौतें प्रति वर्ष हो सकती हैं। 

भारत में एंटीबायोटिक्स का बाज़ार बहुत बड़ा है, क्योंकि यहाँ संक्रमण संबंधी बीमारियाँ आम हैं। 2023 में भारत में एंटीबायोटिक्स का बाज़ार करीब 49,000 करोड़ रूपये का था। अनुमान है कि 2024–2030 के बीच यह बाज़ार लगभग 6–7% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ेगा और 2030 तक यह बाज़ार 83,000 करोड़ रूपये तक पहुँच सकता है। मालूम हो कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा एंटीबायोटिक उत्पादक देश है। यहाँ बनने वाले जेनेरिक एंटीबायोटिक्स का एक बड़ा हिस्सा अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका को निर्यात होता है। भारतीय फ़ार्मा कंपनियाँ दुनिया भर के 20% से अधिक जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करती हैं। 

द लैंसेट की 2022 रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति एंटीबायोटिक खपत दुनिया में सबसे अधिक है। अनुमान है कि हर साल भारत में लगभग 1,300 करोड़ से अधिक की खुराक एंटीबायोटिक की ली जाती हैं। इसमें से भी ग्रामीण और छोटे शहरों व कस्बों में एंटीबायोटिक का उपयोग बड़े शहरों की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। भारत सरकार ने शेड्यूल एच1 लागू किया है, जिसके तहत कई एंटीबायोटिक दवाएँ केवल पर्चे पर ही मिल सकती हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से एंटीबायोटिक स्टीवर्डशिप प्रोग्राम को लागू किया जा रहा है ताकि दुरुपयोग कम हो, फिर भी समस्या जस की तस है। 

2025 में भारत की जनसंख्या लगभग 1.40 अरब है, यानी भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। देश में करीब लगभग 93 करोड़ आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जबकि शहरों में लगभग 50 करोड़ लोग निवास करते हैं। 

वहीं, सर्दी-खाँसी-जुकाम, बुखार, डायरिया जैसी बीमारियाँ से हर साल भारत में करीब 30–35 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं और लगभग 6.2 करोड़ डायबिटीज और 7.7 करोड़ हृदय रोग से पीड़ित हैं। 2024 तक हमारे देश में कुल पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या लगभग 13 लाख हैं, इनमें से 10.4 लाख एलोपैथिक डॉक्टर और 4.5 लाख आयुष डाक्टर (आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी आदि) हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार 1,000 की जनसंख्या पर कम से कम 1 डॉक्टर होना चाहिए। जबकि भारत में 1,000 की आबादी पर मात्र 0.7 डॉक्टर उपलब्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात और भी कम है और कई राज्यों में 1000 की आबादी पर मात्र 0.2 डाक्टर हैं। 

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी, 2023 की रिपोर्ट की माने तो देश में 1.55 लाख सब-सेंटर, 25,000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 5,600 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से लगभग 65–70% स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। 

भले ही देश में करीब एक लाख से ज़्यादा स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण इलाकों में हों, लेकिन अभी भी यहाँ डाक्टरों और स्वास्थ्य केंद्रों की भारी कमी है। देश में साधारण बीमारियों से हर साल करीब 30 करोड़ लोग प्रभावित हैं, जिनका इलाज कुछ लाख डाक्टरों या स्वास्थ्य केंद्रों के भरोसे संभव नहीं है। 

हालाँकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और स्वास्थ्य मंत्रालय ने एंटीबायोटिक उपयोग पर नियंत्रण के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें ज़ोर दिया गया है कि एंटीबायोटिक केवल बैक्टीरियल संक्रमण में ही दी जाए और साधारण सर्दी-जुकाम या फ्लू में नहीं। डॉक्टर की पर्ची अनिवार्य होगी और अस्पतालों को एंटीबायोटिक स्टीवर्डशिप प्रोग्राम अपनाना होगा। साथ ही, दवा की अवधि को कम से कम रखने और मरीजों को पूरी जानकारी देने पर ज़ोर दिया गया है। 

मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीबायोटिक को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, पहला एक्सेस यानी वे एंटीबायोटिक जो सामान्य संक्रमण के लिए सुरक्षित हैं और इनका कोई ज़्यादा साइड इफ़ेक्ट नहीं है। दूसरी श्रेणी है वॉच की, इनका उपयोग सीमित परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए और इनके लिए निगरानी ज़रूरी है। तीसरी श्रेणी है रिज़र्व की, ये अंतिम विकल्प की दवाइयाँ हैं, जिन्हें केवल जीवन-रक्षक स्थिति में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। भारत भी इसी गाइडलाइन का पालन करता है और डॉक्टरों को सलाह भी दी गई है कि वे केवल ज़रूरत पड़ने पर ही एंटीबायोटिक लिखें और मरीजों को पूरी जानकारी दें। 

एंटीबायोटिक की समस्या इसलिए भी बड़ी होती जा रही है क्योंकि इंसानों के साथ ही कृषि और पशुपालन क्षेत्र में भी एंटीबायोटिक का अंधाधुंध उपयोग होना शुरू हो चुका है, खासतौर पर मुर्गीपालन और डेयरी फार्मिंग में। 

खाद्य और कृषि संगठन (संयुक्त राष्ट्र), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कुल एंटीबायोटिक खपत का 50% से अधिक हिस्सा पशुपालन में होता है। पोल्ट्री सेक्टर (मुर्गीपालन) का अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग 70–75% मुर्गीपालकों द्वारा चारे में एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है। 

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की एक रिपोर्ट में बताया गया कि बाजार में बिकने वाले 40% से अधिक चिकन में एंटीबायोटिक रेज़िड्यू पाए गए। डेयरी फार्मिंग डेयरी सेक्टर में, दूध देने वाली गायों और भैंसों में संक्रमण रोकने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए एंटीबायोटिक का बार-बार प्रयोग किया जाता है। 2022 के एक सर्वे में पाया गया कि 10–12% दूध के सैंपल्स में एंटीबायोटिक अवशेष मौजूद थे। 

ईयू और अमेरिका जैसे देशों ने एंटीबायोटिक-युक्त मीट और डेयरी उत्पादों के आयात पर कड़ी पाबंदी लगा रखी है। 2017 में ईयू ने भारत से निर्यात किए गए 26% पोल्ट्री उत्पादों को अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि उनमें एंटीबायोटिक अवशेष पाए गए। एंटीबायोटिक्स को ग्रोथ प्रमोटर के रूप में प्रयोग करने पर रोक लगा दी गई है। पशुपालन में केवल चिकित्सकीय ज़रूरत पर ही डॉक्टर या वैटरनरी प्रिस्क्रिप्शन से उपयोग की सिफ़ारिश है। 

एंटीबायोटिक न सिर्फ जनस्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है, बल्कि निर्यात और खाद्य सुरक्षा पर भी सीधा असर डालता है। नई गाइडलाइन का उद्देश्य एंटीबायोटिक का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना और भविष्य में गंभीर संक्रमणों के इलाज के लिए उनकी प्रभावशीलता बनाए रखना है। यदि मरीज, डॉक्टर, अस्पताल और किसान सभी मिलकर इन नियमों का पालन करें, तो “सुपरबग्स” की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। इसके लिए व्यापक जनजागरूकता, सख्त नियम और सतत निगरानी बेहद आवश्यक है। 

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं )

शिवराम उपाध्याय मुकुल मतवाला को मिला साहित्यरत्न सम्मान

साहित्यकार सत्कार:आपके द्वार सम्मान योजना का एक वर्ष पूर्ण।

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज के तत्वावधान में विगत एक वर्ष से चल रही सम्मान श्रृंखला साहित्यकार सत्कार आपके द्वार को आज एक वर्ष पूरा होने पर वरिष्ठ कवि शिवराम उपाध्याय मुकुल मतवाला को उनकी साहित्यिक सेवा के लिए उनके अल्लापुर स्थित आवास पर वरिष्ठ गीतकार डा•वीरेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह में साहित्यांजलि प्रकाशन के व्यवस्थापक एवं साहित्यांजलि प्रभा मासिक पत्रिका के मुख्य संपादक एवं भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डा•भगवान प्रसाद उपाध्याय के संचालन में साहित्यरत्न सम्मान से अलंकृत किया गया।समारोह में पत्रिका के वरिष्ठ उपसंपादक एवं पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव डा•योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबन्धु उपसंपादक डॉ रामलखन चौरसिया वागीश पत्रिका के सह-संपादक अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा शम्भूनाथ श्रीवास्तव शम्भु एवं पं•राकेश मालवीय मुस्कान हीरा लाल पाण्डेय ने अंग- वस्त्र पुष्पहार स्मृतिचिन्ह एवं साहित्य रत्न प्रमाणपत्र के द्वारा सम्मानित किया।इस अवसर पर कवि के•पी•गिरि विवेकसत्यांशु आयुर्वेदिक डाक्टर हर्ष चौरसिया भी उपस्थित रहे।सर्वप्रथम अध्यक्ष एवं अन्य अतिथिगण ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण-पुष्पार्पण द्वारा नमन किया।डा•विश्वबन्धु ने स्वागत उद्बोधन से सभी का स्वागत तथा चौरसिया ने अपने उद्गार प्रकट किये।डा•उपाध्याय ने कार्यक्रम संचालन के साथ साथ सभी अतिथिगण के प्रति आभार भी प्रकट किया।इस अवसर पर उक्त समस्त कविगण ने अपने-अपने उत्कृष्ट काव्य-पाठ से काव्य-रस की भीनी-भीनी बौछार कर सबके मन-मस्तिष्क को आल्हादित कर दिया जिसमें मुकुल मतवाला ने अपनी पुस्तक मतवालो की मधुशाल के छन्दो से सभी के हृदय में विशेष स्थान बनाया।

ब्लॉक स्तरीय परिषदीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का हुआ भव्य शुभारंभ


संजीव सिंह बलिया। नगरा:ब्लॉक स्तरीय परिषदीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 का शुभारंभ छात्र शक्ति इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रमेश सिंह द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मुख्य अतिथि रमेश सिंह ने गुब्बारा प्रेषण कर खेलों की शुरुआत की घोषणा की।इस अवसर पर जनता इंटर कॉलेज नगरा के प्रधानाचार्य उमेश कुमार पांडेय, नगरा नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर एवं प्रभारी निरीक्षक नगरा संजय मिश्रा ने 16 न्याय पंचायतों के प्रतिभागी खिलाड़ियों के मार्च पास्ट की सलामी ली। प्राथमिक विद्यालय बराइच के बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, वहीं प्राथमिक विद्यालय छित्तूपाली के बच्चों ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का अभिनंदन किया।खंड शिक्षा अधिकारी नगरा राम प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि रमेश सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया मनीष कुमार सिंह, प्रधानाचार्य उमेश कुमार पांडेय, अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर एवं प्रभारी निरीक्षक संजय मिश्रा को बुके, अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न व माल्यार्पण कर सम्मानित किया।इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने कहा कि स्वस्थ एवं समृद्ध भारत निर्माण में खेलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। महबूब आलम की टीम ने बैंड बाजे के साथ आए अतिथियों की अगवानी की।खेल प्रतियोगिता में 400 मीटर बालिका (उच्च प्राथमिक स्तर) में कम्पोजिट विद्यालय डिहवा की रंजना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि 400 मीटर बालिका (प्राथमिक स्तर) में कम्पोजिट विद्यालय नरही की सलोनी ने अव्वल स्थान हासिल किया। 600 मीटर दौड़ में बालिका वर्ग की सुष्मिता तथा बालक वर्ग के रामबाबू विजेता रहे। कबड्डी प्राथमिक स्तर पर डिहवा विजेता तथा अंवराईकला उपविजेता रही।विजेता बालक-बालिकाओं को खंड शिक्षा अधिकारी नगरा राम प्रताप सिंह ने मेडल, प्रमाणपत्र व माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस अवसर पर दयाशंकर, रजनीश दूबे, वीरेंद्र यादव, विसुनदेव, मनोज गुप्ता, बच्चा लाल सहित सभी खेल अनुदेशकों एवं शिक्षकों-शिक्षा मित्रों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। प्रथम दिन के खेलों का समापन खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह ने घोषणा कर किया।
यूरिडा टीम ने निर्माणाधीन छःसड़को का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।डिप्टी सी०इ०ओ०यूरिडा लखनऊ एवं उनकी टीम के द्वारा जनपद प्रयागराज में नगर निगम द्वारा सी०एम० ग्रिड योजनान्तर्गत फेज-1एवं फेज-2 के अन्तर्गत निर्माणाधीन कुल 06 सड़कों का गहन निरीक्षण किया गया। जिसमें ट्रान्सपोर्ट नगर धर्मवीर मूर्ति से पोर्ट स्टेशन तक प्रीतमनगर में धूमनगंज थाने से दुर्गापूजा मैदान होते हुए अबूबकरपुर मोड़ तक केन्द्रांचल गेट से विवेकानन्द चौराहा होते हुए ए०आर०के० टावर प्रीतमनगर तक एवं टैगोर टाउन में के०पी०इन्टर कालेज के सामने से जवाहर लाल नेहरू रोड तक कृति स्कैनिंग से सी०एम०पी० डिग्री कालेज के पीछे एवं लिडिल रोड सम्मिलित रही।

उक्त मार्गो की कुल लम्बाई 8..किलोमीटर है।सी० एम० ग्रिड योजना में सम्मिलित सभी मार्गो पर फुटपाथ ड्रेनेज और भूमिगत केबल डालने का कार्य किया जा रहा है।बिजली के तार भी ऊपर से नही दिखेगे और एक रिजर्व लाइन भी होगी।अगर कुछ गड़बड़ी आ जाये तो रिजर्व लाइन से बिजली आपूर्ति बहाल किया जा सके।भूमिगत पाईप डाले गये है जिससे टेलीफोन इंटरनेट के तारों को ले जाया जायेगा। सड़क पर वाहन न खड़े हो सके इसके लिए थोड़ी- थोड़ी दूर पर पार्किंग का प्राविधान किया गया है। के० पी० इण्टर कालेज के सामने से जवाहर लाल नेहरू रोड तक मार्ग पर साईकिल ट्रैक का भी प्राविधान किया गया है।यूरिडा टीम द्वारा सभी सड़कों पर निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए है एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु नामित थर्ड पार्टी राइट्स लि० को नियमित जाँच हेतु आदेशित किया गया है।

सर्दी से बचाव:ठंड के मौसम में रहे पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।सर्दियो का मौसम आते ही कोहरे की चादर, गर्म चाय की चुस्कियाँ और धूप में बैठने का मजा तो सबको अच्छा लगता है, लेकिन ठंड के साथ आती हैं कई बीमारियाँ भी।सर्दी-खांसी जोड़ों का दर्द रूखी त्वचा अस्थमा का अटैक और कभी-कभी निमोनिया तक। अच्छी बात यह है कि छोटी-छोटी सावधानियाँ अपनाकर आप इन सबसे आसानी से बच सकते है।

आधिकारिक तौर पर ठंड की वजह से भारत में प्रतिवर्ष लगभग 700 से 800 मौते होती हैं परन्तु लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ जर्नल के अनुसार अप्रत्यक्ष अथवा प्रत्यक्ष रूप से ठंड से होने वाली मौतो का आंकड़ा लगभग 7 लाख तक पहुंचता है जो कि गर्मी सी वजह से होने वाली मौतो से लगभग सात या आठ गुना ज्यादा है.इन मौतो का बड़ा हिस्सा बिहार उत्तर प्रदेश एवं पंजाब से होता है.आइए समझते हैं इस ठंड के मौसम में कैसे अपने एवं अपने परिवार को सुरक्षित रखा जाए।

गर्म कपड़ो की सही लेयरिंग करे एक मोटा स्वेटर पहनने से बेहतर है तीन पतली परतें (लेयर)पहनना:अंदर सूती या थर्मल बनियान बीच में ऊनी जैकेट ऊपर से विंड-प्रूफ जैकेट हवा नहीं घुसेगी और शरीर का तापमान बना रहेगा।सिर कान गर्दन और हाथ-पैर को कभी नजरअंदाज न करे 70% तक शरीर की गर्मी सिर से निकलती है।हमेशा ऊनी टोपी पहने मफलर भी जरूरी है मोजे दस्ताने भूलकर भी न भूले घर के अन्दर भी सावधानी बरते कमरे का तापमान 20-24°C के बीच रखे रात में सोते वक्त हीटर बंद कर दें या टाइमर लगाए अंगीठी जलाते है तो कमरे में हल्की खिड़की खुली रखें।

ह्यूमिडिफायर या पानी की कटोरी रखे—ठंडी हवा रूखी होती है नमी जरूरी हैऑल वेदर एसी:-ठंडी के समय कम बिजली की खपत में कमरा गर्म रखने का सुरक्षित उपाय है.यह हीटर मुकाबला 4-5 गुना कम बिजली लेता है।इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखे सर्दी में खाएं: तुलसी-अदरक- काली मिर्च-लौग की चाय बादाम अखरोट मुनक्का खजूर संतरे कीवी आँवला मौसम्बी (विटामिन C)हल्दी वाला दूध रात में गर्म सूप बचें:ठंडा पानी आइसक्रीम कोल्ड ड्रिंक ज्यादा तली-भुनी चीजे त्वचा और होठो का खास खयाल रोज नहाना जरूरी है लेकिन गुनगुने पानी से नहाने के तुरत बाद मॉइश्चराइजर लगाएँ(नारियल तेल बादाम तेल पेट्रोलियम जेली अच्छे है)होठो पर घी या लिप बाम बार-बार लगाएँ सनस्क्रीन भूलें नही—सर्दियों में भी UV किरणे नुकसान पहुँचाती है।

बच्चो और बुजुर्गो के लिए अतिरिक्त सावधानी बच्चो को स्कूल भेजते वक्त कान ढककर भेजे बुजुर्गों के कमरे में रात में गर्म पानी की बोतल रखे दोनो को फ्लू का टीका (इन्फ्लुएंजा वैक्सीन)जरूर लगवाएँ बुजुर्ग सुबह बहुत जल्दी पार्क न जाएँ कोहरा कम होने के बाद जाए बाहर निकलते वक्त ये बातें याद रखे मास्क पहने—ठंडी हवा सीधे फेफड़ो में नहीं जाना चाहिए सुबह 10 बजे से पहले कोहरे में मॉर्निंग वॉक न करे कार की विंडस्क्रीन पर फ्रॉस्ट जम जाए तो पहले साफ करें, गर्म पानी न डालें (काँच फट सकता है)सर्दी-जुकाम और फ्लू से बचाव भीड़-भाड़ वाली जगहो पर मास्क लगाएँ किसी के छींकने-खांसने पर मुँह पर रुमाल रखे घर में भाप ले (विक्स या सादा पानी डालकर)मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे सर्दियों में धूप कम होने से कई लोगों को“विंटर ब्लूज़”या डिप्रेशन होता है।रोज कम से कम 30-40 मिनट धूप जरूर ले हल्की एक्सरसाइज घर में ही करे दोस्तों-रिश्तेदारो से मिलते-जुलते रहे।

अंत मे ठंड कोई दुश्मन नही है बस उसे समझदारी से हैंडल करना आना चाहिए।गर्म कपड़े अच्छा खाना थोड़ी सावधानी और ढेर सारी गर्म चाय—बस इतना काफी है पूरे सीजन को खुशी और सेहत के साथ गुजारने के लिए।इस सर्दी में खुद को और अपनों को ठंड से बचाएँ और मौसम का पूरा मजा ले।रहें गर्म रहे स्वस्थ्य।

बिना एचएसआरपी खनन सामग्री ढोते 2 ट्रक सीज

फर्रुखाबाद।जिलाधिकारी के निर्देश पर गुरुवार को एआरटीओ-प्रवर्तन एवं खनन अधिकारी के साथ खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के विरूद्ध सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान बिना एचएसआरपी लगाए खनन सामग्री ढोते हुये 2 ट्रक सीज किए गए l साथ ही 35000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। जाँच के दौरान पाया गया कि खनन विभाग के पोर्टल पर इनका पंजीकरण नहीं था।

सचिव एवं निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा समस्त जिलाधिकारियों से उपखनिजोें का परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीकरण खनन के विभागीय पोर्टल पर कराये जाने की बात कहीं है ताकि इन वाहनों में लगे वी.टी.एस. के माध्यम से ऑनलाइन निगरानी हो सके। इस दौरान जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी द्वारा एआरटीओ-प्रवर्तन सुभाष राजपूत तथा संजय प्रताप, खनन अधिकारी को खनन सामग्री ढोने वाले वाहनों के विरूद्ध सघन चेकिंग अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया।

इसके अतिरिक्त कर बकाया में संचालित 3 ट्रकों का भी सीज किया गया तथा इन पर रू0 35000 टैक्स तथा रू0 32000 का जुर्माना लगाया गया। यह अभियान जारी रहेगा।

करनैलगंज में खुलेआम अवैध मीट दुकानों का साम्राज्य- प्रशासन मौन, जनता परेशान

गोंडा। जिले के करनैलगंज कस्बे में अवैध रूप से संचालित मीट, मछली और अंडे की दुकानों ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। कस्बे के प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों और विद्यालयों के पास खुलेआम चल रही इन दुकानों से गंदगी, दुर्गंध और अस्वच्छता का माहौल पैदा हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी रोष है।

स्कूलों और मंदिरों के पास अवैध दुकानें- आदेशों की उड़ रही धज्जियाँ

सूत्रों के अनुसार कंपोजिट विद्यालय बालकरामपुरवा, गायत्री मंदिर के पास, सकरौरा चौराहा, सुक्खापुरवा मोड़ सहित कई स्थानों पर बिना लाइसेंस व अनुमति के मीट व मछली की दुकानें संचालित हो रही हैं। यह स्थिति तब है जबकि शासनादेश के अनुसार विद्यालय, धार्मिक स्थल, आबादी क्षेत्र और सार्वजनिक स्थलों से निर्धारित दूरी पर ऐसे कारोबार पूर्णतः प्रतिबंधित हैं।

दुर्गंध और गंदगी से राहगीर परेशान- आवागमन तक दूभर

दिन भर खुले में काटा जा रहा मीट, बहता खून, सड़ती मछली की दुर्गंध और नालियों का अंबार इलाके में दुर्गंध फैला रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि “जहाँ बच्चे पढ़ने जाते हैं और श्रद्धालु पूजा करने, वहीं कुछ कदम दूर कत्ल और दुर्गंध क्या यही कानून व्यवस्था है?” स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासनिक उदासीनता और मौन ने संदेह पैदा कर दिया है कि आखिर यह अवैध कारोबार किसके संरक्षण में फल-फूल रहा है।

क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द अवैध दुकानों को हटाया नहीं गया तो वे धरना-प्रदर्शन व आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार के आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित हैं? आखिर किसकी शह पर यह अवैध कारोबार चल रहा है। मासूम बच्चों, श्रद्धालुओं और आम जनता की भावना और स्वास्थ्य की किसी को चिंता क्यों नहीं? करनैलगंज में स्थिति साफ कह रही है कि “यहाँ कानून नहीं, बल्कि अवैध मीट कारोबारियों का राज चलता है।” अब देखना यह है कि प्रशासन जागेगा या फिर जनता के सब्र का बांध टूटेगा।

विदेशों से संचालित हो रहे कांग्रेस नेताओं के 'X' अकाउंट, बीजेपी नेता संबित पात्रा का चौंकाने वाला दावा

#bjpallegescongresssxaccountsoperatedfrom_abroad

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एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी एक्स ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म पर एक नया फीचर लॉन्च किया है, जो किसी भी अकाउंट की लोकेशन, उपयोगकर्ता नाम बदलने की हिस्ट्री और ऐप डाउनलोड लोकेशन दिखाता है। इस फीचर ने भारत में राजनीतिक हलचल मचा दी है। दरअसल, भाजपा ने कांग्रेस पर विदेश से संचालित होने वाले खातों के जरिए भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस पर बीजेपी का गंभीर आरोप

संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस देश के बाहर बैठे लोगों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एक्स प्लेटफॉर्म के फीचर के आधार पर यह पता चला है कि कई कांग्रेस नेताओं और संगठनात्मक अकाउंट्स की लोकेशन भारत में नहीं, बल्कि विदेशों में दिखाई दे रही है। उनके मुताबिक पवन खेड़ा का अकाउंट अमेरिका में बेस्ड दिख रहा है, जबकि महाराष्ट्र कांग्रेस का अकाउंट आयरलैंड से जुड़ा हुआ था जिसे बाद में बदलकर भारत कर दिया गया। हिमाचल कांग्रेस का अकाउंट थाईलैंड से जुड़ा बताया गया।

पीएम मोदी और भारत के अपमान की कोशिश

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस, राहुल गांधी और वामपंथी दलों के जाने-माने चेहरों ने 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

विदेश से भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने का आरोप

संबित पात्रा ने दावा किया कि कई लेफ्ट और कांग्रेस समर्थक इन्फ्लुएंसर्स पाकिस्तान, बांग्लादेश और साउथ ईस्ट एशिया में बैठे हुए हैं और भारत के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस का काम देश को बांटना है और इसलिए विदेशों से मिलकर भारत के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है

राहुल गांधी गलत नरेटिव सेट करने का आरोप

संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी देश में गलत नरेटिव सेट करने के लिए विदेशों में गलत बयानबाजी करते हैं। वे केवल जेन-Z से मिलकर देश के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश नहीं करते हैं बल्कि देश के खिलाफ माहौल सेट करते हैं। पात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में कुछ ऐसे नैरेटिव जो राहुल गांधी, कांग्रेस और लेफ्ट इकोसिस्टम के कहने पर सेट किए गए, ऐसे तीन नैरेटिव के उदाहरण मैं दूंगा। पहला - वोट चोरी का नैरेटिव सेट किया गया। दूसरा - ऑपरेशन सिंदूर में जो मोदी जी और भारत की सेना को एक तरह से दुर्बल दिखाने की कोशिश की गई, उसके पीछे भी पाकिस्तान, बांग्लादेश और पश्चिम एशिया में बैठे कुछ कांग्रेसी और उनके शुभचिंतकों के हैंडल हैं। तीसरा- संघ, संघ परिवार और मोदी जी पर व्यक्तिगत हमला करने का नैरेटिव भी विदेश से ही संचालित हुआ।

*सुल्तानपुर में 668जोड़ों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सात फेरे* सुल्तानपुर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सुल्तानपुर जिल
*सुल्तानपुर में 668जोड़ों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सात फेरे*

सुल्तानपुर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सुल्तानपुर जिले में 27 नवंबर को फरीदपुर विद्यालय परिसर में भव्य सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुल 668वर-वधुओं ने सात फेरे लेकर जीवनभर साथ निभाने की कसमें खाई।

समारोह का आयोजन जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह के नेतृत्व में, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक के मार्गदर्शन में किया गया, जबकि जिला अधिकारी कुमार हर्ष के निर्देशन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में सुल्तानपुर विधायक विनोद सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इसके अलावा कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर नवविवाहित दुल्हनों के खातों में ₹60,000 की सामग्री प्रदान की गई, जिसमें राज्य सरकार द्वारा तय सामग्री शामिल है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित सामान दिया गया:

रसोई उपकरण (चूल्हा, बर्तन सेट, गैस स्टोव)

बेड, गद्दा और तकिए

फर्नीचर (कुर्सी, मेज)

बर्तन और कटलरी सेट

वस्त्र और पारंपरिक पहनावे

अन्य घरेलू आवश्यक वस्तुएँ


इससे नवविवाहित जोड़ों को अपने नए जीवन की शुरुआत में आर्थिक सहायता और सुविधा मिली, जिससे उनके चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिली।

इस बार का सामूहिक विवाह समारोह भावपूर्ण और भव्य तरीके से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने नवविवाहितों के सुखमय भविष्य की कामना की और उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक सहयोग प्रदान करने का भरोसा भी दिलाया।

जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता बढ़ाने और विवाहिता युवाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, जो राज्य सरकार की सामूहिक विवाह योजना की प्रमुख विशेषताओं में शामिल है।
सम्मन देने गये दो पुलिस कर्मियों से मारपीट, दो आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

गोंडा।जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सम्मन देने गये दो पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया गया।बताते चलें कि महराजगंज जनपद से आये दिव्यांग हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव व नगर कोतवाली क्षेत्र के महराजगंज पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही अरुण कुमार गुप्ता के साथ इमामबाड़ा के चमरटोलिया गांव में मारपीट की गई।इस दौरान उनके मोबाइल भी पटक कर तोड़ दिये गये, जिससे उसकी स्क्रीन भी टूट गयी।मारपीट में हेड कांस्टेबल छोटे लाल यादव व सिपाही अरुण कुमार गुप्ता घायल हो गए।उनका गोंडा मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाया गया।पुलिस के अनुसार,आरोपियों ने सम्मन लेने से इन्कार कर दिया और पुलिस कर्मियों से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी।नगर कोतवाली पुलिस ने हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव की तहरीर पर शशि आनंद व राजन के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा,मारपीट व गाली गलौज की धाराओं में मुकदमा दर्ज दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच उपनिरीक्षक मनीष कुमार को सौंपी गई है।पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।उक्त घटना का एक 53 सेकेण्ड का वीडियो भी सामने आया है,जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।वीडियो में हैडकांस्टेबल छोटे लाल यादव वीडिओ रिकार्डिंग करते दिख रहे हैं,जबकि कांस्टेबल अरुण कुमार गुप्ता आरोपियों से सम्मन लेने के लिए कह रहे हैं।इस दौरान भी आरोपी पुलिसकर्मियों के मोबाइल छीनने और विवाद करने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं।हैडकांस्टेबल छोटे लाल यादव महराजगंज जिले के बृजमनगंज थाने में तैनात हैं।वह न्यायिक मजिस्ट्रेट फरेन्दा,महराजगंज द्वारा जारी नोटिस शशि आनंद, राजन व नीता को देने गोंडा आये थे।इन सभी को 27 नवंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फरेन्दा, महराजगंज की अदालत में हाजिर होना था।जब सम्मन लेने से आरोपियों ने मना किया तो हैडकांस्टेबल ने दोबारा सम्मन लेने के लिए कहा तो नाराज होकर आरोपियों द्वारा मारपीट किया गया।आरोपी शशि गौतम उर्फ आनन्द गौतम ने अपने छोटे भाई की शादी महराजगंज जनपद के बृजमनगंज थाना क्षेत्र में एक लड़की से लगाई थी परन्तु कुछ लेन देन को लेकर राजन गौतम ने शादी से इन्कार कर दिया था।जिसका मुकदमा लड़की के पिता ने न्यायालय में दायर किया है।उसी का सम्मन न्यायालय से राजन गौतम और उसके बडे़ भाई शशि आनंद उर्फ आनन्द गौतम व नीता के नाम पर जारी हुआ था।नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव की तहरीर पर दो लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दोनों लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस द्वारा पूरे मामले की शुरू कर दी गयी है।दोनों आरोपियों ने हमारे थाना क्षेत्र के महराजगंज चौकी पर तैनात सिपाही के साथ मारपीट की है तथा साथ ही साथ महराजगंज जिले के बृजमनगंज थाने पर तैनात हेडकांसटेबल छोटे लाल यादव के साथ भी मारपीट की है।

एंटीबायोटिक्स का मकड़जाल

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प्रदीप श्रीवास्तव

किसी भी बीमारी के लिए, एंटीबायोटिक्स यानी रोग प्रतिरोधी दवाएँ बहुत कारगर मानी जाती है, शायद यही वजह है कि बाज़ार में सबसे ज़्यादा एंटीबायोटिक दवाएँ बिकती हैं। हालाँकि, इनके अंधाधुंध प्रयोग से हमारे देश में “सुपरबग्स” जैसी खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है, जहाँ दवाएँ बेअसर हो जाती हैं और सामान्य बीमारी भी जल्दी ठीक नहीं होती है और उनके इलाज पर बहुत ज़्यादा खर्च करना पड़ता है। चिंता की बात यह है कि पोल्ट्री और डेयरी फार्मिंग में भी एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है। नतीजतन, अगर हम खुद एंटीबायोटिक्स कम लें तो भी यह समस्या दूसरे रूप में हमें घेरे ही रहेगी। इसलिए सरकार ने एंटीबायोटिक्स के प्रयोग को लेकर गाइडलाइन जारी की है, जिसमें इनके इस्तेमाल को लेकर कई तरह के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

सन 1928 में लंदन के सेंट मैरी हॉस्पिटल मेडिकल स्कूल में कार्यरत स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक अलेक्ज़ेंडर फ़्लेमिंग ने जीवाणुओं (बैक्टीरिया) पर शोध करते हुए एंटीबायोटिक पेनिसिलिन की खोज की। दूसरे विश्वयुद्ध में जब लाखों घायल सैनिक संक्रमण से मर रहे थे, तब पेनिसिलिन एक वरदान साबित हुई। इससे अनगिनत सैनिकों की जान बचाई गई। पेनिसिलिन ने चिकित्सा विज्ञान की दिशा बदल दी और इसे आधुनिक एंटीबायोटिक युग की शुरुआत माना जाता है। 

हालाँकि, 1945 के बाद से ही फ़्लेमिंग ने खुद चेतावनी दी कि “एंटीबायोटिक के बहुत ज़्यादा प्रयोग से प्रतिरोध पैदा होगा”। और यही हुआ, एंटीबायोटिक का अंधाधुंध प्रयोग शुरू हो गया, जिससे बीमारी एक बार ठीक होने बाद, दोबारा होने पर उससे कई तरह की परेशानियाँ शुरू होने लगी। 

अब यह समस्या और बड़ी बनने लगी है, क्योंकि भारत जैसे देशों में बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेना, अधूरा कोर्स करना और छोटी-मोटी बीमारी में भी इस्तेमाल करना आम बात है। ज़्यादा एंटीबायोटिक के प्रयोग से हमारे शरीर के बैक्टीरिया, दवाइयों के प्रति प्रतिरोधक विकसित कर लेते है इसे एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस कहा जाता है और यह स्थिति “सुपरबग्स” के रूप में उभरकर सामने आती है, यानी ऐसी स्थिति जिसमें ताकतवर जीवाणु, दवाओं से नहीं मरते और उन पर साधारण एंटीबायोटिक काम नहीं करती। ऐसे में न सिर्फ, मरीजों पर दवाओँ का खर्च बढ़ता जाता है, बल्कि भविष्य में वह कई बीमारियों को न्योता देता है और सामान्य संक्रमण यानी खाँसी, बुखार, घाव का इन्फेक्शन होने पर इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता है। 

पहले जिन बीमारियों का इलाज ₹100 की दवा से हो जाता था, उनके लिए अब लाखों रुपये की नई और महँगी दवाएँ या इंजेक्शन लगते हैं। क्योंकि वह छोटी या सामान्य बीमारी पर दवाएँ बेअसर होती है, उन्हें ठीक करने के लिए कई तरह की जाँचें करानी पड़ती है और नए किस्म की दवाएँ देनी पड़ती है और मरीज को अस्पताल में ज़्यादा दिन भर्ती रहना पड़ता है। 

बार-बार एंटीबायोटिक लेने से डायरिया, एलर्जी, त्वचा पर दाने जैसी समस्याएँ भी आने लगती हैं और लंबे समय में किडनी, लीवर और पेट पर असर पड़ता है। सबसे बड़ी बात है कि एंटीबायोटिक हानिकारक बैक्टीरिया के साथ-साथ अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देते हैं। इससे खराब पाचन, इम्युनिटी कमज़ोर और बार-बार संक्रमण की समस्या हो सकती है। 

भारत पहले से ही एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस का हॉटस्पॉट बन चुका है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 7 लाख लोग एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि अगर इस समस्या पर रोक नहीं लगी तो 2050 तक भारत समेत विश्व में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के कारण 1 करोड़ मौतें प्रति वर्ष हो सकती हैं। 

भारत में एंटीबायोटिक्स का बाज़ार बहुत बड़ा है, क्योंकि यहाँ संक्रमण संबंधी बीमारियाँ आम हैं। 2023 में भारत में एंटीबायोटिक्स का बाज़ार करीब 49,000 करोड़ रूपये का था। अनुमान है कि 2024–2030 के बीच यह बाज़ार लगभग 6–7% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ेगा और 2030 तक यह बाज़ार 83,000 करोड़ रूपये तक पहुँच सकता है। मालूम हो कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा एंटीबायोटिक उत्पादक देश है। यहाँ बनने वाले जेनेरिक एंटीबायोटिक्स का एक बड़ा हिस्सा अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका को निर्यात होता है। भारतीय फ़ार्मा कंपनियाँ दुनिया भर के 20% से अधिक जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करती हैं। 

द लैंसेट की 2022 रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति एंटीबायोटिक खपत दुनिया में सबसे अधिक है। अनुमान है कि हर साल भारत में लगभग 1,300 करोड़ से अधिक की खुराक एंटीबायोटिक की ली जाती हैं। इसमें से भी ग्रामीण और छोटे शहरों व कस्बों में एंटीबायोटिक का उपयोग बड़े शहरों की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। भारत सरकार ने शेड्यूल एच1 लागू किया है, जिसके तहत कई एंटीबायोटिक दवाएँ केवल पर्चे पर ही मिल सकती हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से एंटीबायोटिक स्टीवर्डशिप प्रोग्राम को लागू किया जा रहा है ताकि दुरुपयोग कम हो, फिर भी समस्या जस की तस है। 

2025 में भारत की जनसंख्या लगभग 1.40 अरब है, यानी भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। देश में करीब लगभग 93 करोड़ आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जबकि शहरों में लगभग 50 करोड़ लोग निवास करते हैं। 

वहीं, सर्दी-खाँसी-जुकाम, बुखार, डायरिया जैसी बीमारियाँ से हर साल भारत में करीब 30–35 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं और लगभग 6.2 करोड़ डायबिटीज और 7.7 करोड़ हृदय रोग से पीड़ित हैं। 2024 तक हमारे देश में कुल पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या लगभग 13 लाख हैं, इनमें से 10.4 लाख एलोपैथिक डॉक्टर और 4.5 लाख आयुष डाक्टर (आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी आदि) हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार 1,000 की जनसंख्या पर कम से कम 1 डॉक्टर होना चाहिए। जबकि भारत में 1,000 की आबादी पर मात्र 0.7 डॉक्टर उपलब्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात और भी कम है और कई राज्यों में 1000 की आबादी पर मात्र 0.2 डाक्टर हैं। 

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी, 2023 की रिपोर्ट की माने तो देश में 1.55 लाख सब-सेंटर, 25,000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 5,600 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से लगभग 65–70% स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। 

भले ही देश में करीब एक लाख से ज़्यादा स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण इलाकों में हों, लेकिन अभी भी यहाँ डाक्टरों और स्वास्थ्य केंद्रों की भारी कमी है। देश में साधारण बीमारियों से हर साल करीब 30 करोड़ लोग प्रभावित हैं, जिनका इलाज कुछ लाख डाक्टरों या स्वास्थ्य केंद्रों के भरोसे संभव नहीं है। 

हालाँकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और स्वास्थ्य मंत्रालय ने एंटीबायोटिक उपयोग पर नियंत्रण के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें ज़ोर दिया गया है कि एंटीबायोटिक केवल बैक्टीरियल संक्रमण में ही दी जाए और साधारण सर्दी-जुकाम या फ्लू में नहीं। डॉक्टर की पर्ची अनिवार्य होगी और अस्पतालों को एंटीबायोटिक स्टीवर्डशिप प्रोग्राम अपनाना होगा। साथ ही, दवा की अवधि को कम से कम रखने और मरीजों को पूरी जानकारी देने पर ज़ोर दिया गया है। 

मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीबायोटिक को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, पहला एक्सेस यानी वे एंटीबायोटिक जो सामान्य संक्रमण के लिए सुरक्षित हैं और इनका कोई ज़्यादा साइड इफ़ेक्ट नहीं है। दूसरी श्रेणी है वॉच की, इनका उपयोग सीमित परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए और इनके लिए निगरानी ज़रूरी है। तीसरी श्रेणी है रिज़र्व की, ये अंतिम विकल्प की दवाइयाँ हैं, जिन्हें केवल जीवन-रक्षक स्थिति में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। भारत भी इसी गाइडलाइन का पालन करता है और डॉक्टरों को सलाह भी दी गई है कि वे केवल ज़रूरत पड़ने पर ही एंटीबायोटिक लिखें और मरीजों को पूरी जानकारी दें। 

एंटीबायोटिक की समस्या इसलिए भी बड़ी होती जा रही है क्योंकि इंसानों के साथ ही कृषि और पशुपालन क्षेत्र में भी एंटीबायोटिक का अंधाधुंध उपयोग होना शुरू हो चुका है, खासतौर पर मुर्गीपालन और डेयरी फार्मिंग में। 

खाद्य और कृषि संगठन (संयुक्त राष्ट्र), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कुल एंटीबायोटिक खपत का 50% से अधिक हिस्सा पशुपालन में होता है। पोल्ट्री सेक्टर (मुर्गीपालन) का अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग 70–75% मुर्गीपालकों द्वारा चारे में एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है। 

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की एक रिपोर्ट में बताया गया कि बाजार में बिकने वाले 40% से अधिक चिकन में एंटीबायोटिक रेज़िड्यू पाए गए। डेयरी फार्मिंग डेयरी सेक्टर में, दूध देने वाली गायों और भैंसों में संक्रमण रोकने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए एंटीबायोटिक का बार-बार प्रयोग किया जाता है। 2022 के एक सर्वे में पाया गया कि 10–12% दूध के सैंपल्स में एंटीबायोटिक अवशेष मौजूद थे। 

ईयू और अमेरिका जैसे देशों ने एंटीबायोटिक-युक्त मीट और डेयरी उत्पादों के आयात पर कड़ी पाबंदी लगा रखी है। 2017 में ईयू ने भारत से निर्यात किए गए 26% पोल्ट्री उत्पादों को अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि उनमें एंटीबायोटिक अवशेष पाए गए। एंटीबायोटिक्स को ग्रोथ प्रमोटर के रूप में प्रयोग करने पर रोक लगा दी गई है। पशुपालन में केवल चिकित्सकीय ज़रूरत पर ही डॉक्टर या वैटरनरी प्रिस्क्रिप्शन से उपयोग की सिफ़ारिश है। 

एंटीबायोटिक न सिर्फ जनस्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है, बल्कि निर्यात और खाद्य सुरक्षा पर भी सीधा असर डालता है। नई गाइडलाइन का उद्देश्य एंटीबायोटिक का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना और भविष्य में गंभीर संक्रमणों के इलाज के लिए उनकी प्रभावशीलता बनाए रखना है। यदि मरीज, डॉक्टर, अस्पताल और किसान सभी मिलकर इन नियमों का पालन करें, तो “सुपरबग्स” की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। इसके लिए व्यापक जनजागरूकता, सख्त नियम और सतत निगरानी बेहद आवश्यक है। 

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं )

शिवराम उपाध्याय मुकुल मतवाला को मिला साहित्यरत्न सम्मान

साहित्यकार सत्कार:आपके द्वार सम्मान योजना का एक वर्ष पूर्ण।

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज के तत्वावधान में विगत एक वर्ष से चल रही सम्मान श्रृंखला साहित्यकार सत्कार आपके द्वार को आज एक वर्ष पूरा होने पर वरिष्ठ कवि शिवराम उपाध्याय मुकुल मतवाला को उनकी साहित्यिक सेवा के लिए उनके अल्लापुर स्थित आवास पर वरिष्ठ गीतकार डा•वीरेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह में साहित्यांजलि प्रकाशन के व्यवस्थापक एवं साहित्यांजलि प्रभा मासिक पत्रिका के मुख्य संपादक एवं भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डा•भगवान प्रसाद उपाध्याय के संचालन में साहित्यरत्न सम्मान से अलंकृत किया गया।समारोह में पत्रिका के वरिष्ठ उपसंपादक एवं पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव डा•योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबन्धु उपसंपादक डॉ रामलखन चौरसिया वागीश पत्रिका के सह-संपादक अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा शम्भूनाथ श्रीवास्तव शम्भु एवं पं•राकेश मालवीय मुस्कान हीरा लाल पाण्डेय ने अंग- वस्त्र पुष्पहार स्मृतिचिन्ह एवं साहित्य रत्न प्रमाणपत्र के द्वारा सम्मानित किया।इस अवसर पर कवि के•पी•गिरि विवेकसत्यांशु आयुर्वेदिक डाक्टर हर्ष चौरसिया भी उपस्थित रहे।सर्वप्रथम अध्यक्ष एवं अन्य अतिथिगण ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण-पुष्पार्पण द्वारा नमन किया।डा•विश्वबन्धु ने स्वागत उद्बोधन से सभी का स्वागत तथा चौरसिया ने अपने उद्गार प्रकट किये।डा•उपाध्याय ने कार्यक्रम संचालन के साथ साथ सभी अतिथिगण के प्रति आभार भी प्रकट किया।इस अवसर पर उक्त समस्त कविगण ने अपने-अपने उत्कृष्ट काव्य-पाठ से काव्य-रस की भीनी-भीनी बौछार कर सबके मन-मस्तिष्क को आल्हादित कर दिया जिसमें मुकुल मतवाला ने अपनी पुस्तक मतवालो की मधुशाल के छन्दो से सभी के हृदय में विशेष स्थान बनाया।

ब्लॉक स्तरीय परिषदीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का हुआ भव्य शुभारंभ


संजीव सिंह बलिया। नगरा:ब्लॉक स्तरीय परिषदीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 का शुभारंभ छात्र शक्ति इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रमेश सिंह द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मुख्य अतिथि रमेश सिंह ने गुब्बारा प्रेषण कर खेलों की शुरुआत की घोषणा की।इस अवसर पर जनता इंटर कॉलेज नगरा के प्रधानाचार्य उमेश कुमार पांडेय, नगरा नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर एवं प्रभारी निरीक्षक नगरा संजय मिश्रा ने 16 न्याय पंचायतों के प्रतिभागी खिलाड़ियों के मार्च पास्ट की सलामी ली। प्राथमिक विद्यालय बराइच के बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, वहीं प्राथमिक विद्यालय छित्तूपाली के बच्चों ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का अभिनंदन किया।खंड शिक्षा अधिकारी नगरा राम प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि रमेश सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया मनीष कुमार सिंह, प्रधानाचार्य उमेश कुमार पांडेय, अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर एवं प्रभारी निरीक्षक संजय मिश्रा को बुके, अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न व माल्यार्पण कर सम्मानित किया।इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने कहा कि स्वस्थ एवं समृद्ध भारत निर्माण में खेलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। महबूब आलम की टीम ने बैंड बाजे के साथ आए अतिथियों की अगवानी की।खेल प्रतियोगिता में 400 मीटर बालिका (उच्च प्राथमिक स्तर) में कम्पोजिट विद्यालय डिहवा की रंजना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि 400 मीटर बालिका (प्राथमिक स्तर) में कम्पोजिट विद्यालय नरही की सलोनी ने अव्वल स्थान हासिल किया। 600 मीटर दौड़ में बालिका वर्ग की सुष्मिता तथा बालक वर्ग के रामबाबू विजेता रहे। कबड्डी प्राथमिक स्तर पर डिहवा विजेता तथा अंवराईकला उपविजेता रही।विजेता बालक-बालिकाओं को खंड शिक्षा अधिकारी नगरा राम प्रताप सिंह ने मेडल, प्रमाणपत्र व माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस अवसर पर दयाशंकर, रजनीश दूबे, वीरेंद्र यादव, विसुनदेव, मनोज गुप्ता, बच्चा लाल सहित सभी खेल अनुदेशकों एवं शिक्षकों-शिक्षा मित्रों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। प्रथम दिन के खेलों का समापन खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह ने घोषणा कर किया।