अपनी भारी-भरकम कद-काठी के लिए मशहूर हुए भारतीय राजनेता - डॉ. अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)
लखनऊ । भारतीय राजनीति एक ऐसा जीवंत और विशाल रंगमंच है जहां नेता का व्यक्तित्व हर कोण से परखा जाता है। यहां कद-काठी का अर्थ केवल शारीरिक वजन या भारी-भरकम बनावट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह विश्वसनीयता और जनता के साथ गहरे जुड़ाव का प्रतीक बन जाता है। भारतीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपरा में ऐसे कई कद्द्वार नेता हुए जिनकी मजबूत शारीरिक संरचना उनके वैचारिक दृढ़ता, राजनीतिक दूरदर्शिता और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गई है। ये नेता केवल अपनी भारी कद-काठी के लिए नहीं, बल्कि जनकल्याणकारी नीतियों, विकास की नई राहें प्रशस्त करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत नींव रखने के लिए भी जाने जाते हैं। इस सूची में नितिन गडकरी, शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल, एच.डी. देवे गौड़ा, ओम प्रकाश चौटाला, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अटल बिहारी वाजपेयी, अमित शाह और एम. वेंकैया नायडू जैसे बड़े व प्रभावी नाम शामिल हैं।
इस कड़ी में महाराष्ट्र की राजनीति के निर्विवाद शिखर पुरुष शरद पवार अपनी भारी-भरकम कद-काठी और अप्रतिम राजनीतिक सूझबूझ के लिए सदैव चर्चित रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक पवार साहब ने सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाकर लाखों किसानों और ग्रामीणों की जिंदगी बदली। उनकी जोशीली शैली, मजबूत उपस्थिति और जनता से सीधा संवाद उन्हें राष्ट्रीय राजनीति का अटल स्तंभ बनाता है। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भारतीय राजनीति के उन दुर्लभ दिग्गजों में शुमार हैं जिनकी भारी-भरकम कद-काठी उनके अटूट संकल्प और दूरदर्शी नेतृत्व को प्रदर्शित करती है। गडकरी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ऐसी अभूतपूर्व क्रांति ला दी है कि आज भारत विश्व के सबसे विस्तृत और आधुनिक हाईवे नेटवर्क वाले देशों की श्रेणी में आता है। उनकी गंभीर आवाज और मंच पर दमदार उपस्थिति एक अनुभवी, विश्वसनीय और कर्मठ नेता की छवि प्रस्तुत करती है। बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और वैकल्पिक ऊर्जा पर उनका जोर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
पंजाब की राजनीति के पितामह प्रकाश सिंह बादल की भारी-भरकम कद-काठी और स्थिर व्यक्तित्व ने उन्हें राज्य का सबसे प्रिय नेता बनाया। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे बादल साहब ने राज्य को आतंकवाद के अंधेरे दौर से निकालकर विकास की रोशनी दी। किसान अधिकार, पंजाबियत की रक्षा, ग्रामीण विकास और धार्मिक स्थलों का संरक्षण उनके कार्यकाल की अमिट निशानियां हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवे गौड़ा की भारी कद-काठी और शांत स्वभाव उन्हें भारतीय राजनीति का एक अनुपम राजनेता की छवि प्रदान करता है। उनकी मजबूत उपस्थिति ग्रामीण भारत की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर बल प्रदान करती थी। सादगी और जनता से जुड़ाव उनकी राजनीति की पहचान है। 
हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला की भारी-भरकम कद-काठी और स्पष्टवादी अंदाज ने उन्हें एक मजबूत जननेता बनाया। इंडियन नेशनल लोक दल के नेता चौटाला ने कई बार मुख्यमंत्री रहते शिक्षा, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया। उनका जनता से सीधा संवाद और दृढ़ निर्णय क्षमता उनकी सबसे बड़ी पूंजी रही। परिवार की लंबी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य को नई दिशा दी। जबकि भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के उन कद्दावर नेताओं में हैं जिनकी मजबूत बनावट और दूरदर्शी नेतृत्व ने राज्य को औद्योगिक एवं कृषि दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने गुड़गांव को साइबर हब बनाने और किसान कल्याण योजनाओं से हरियाणा को नई पहचान दी। 
भारतीय राजनीति के काव्यकार और युगद्रष्टा अटल बिहारी वाजपेयी की भारी कद-काठी और करिश्माई व्यक्तित्व आज भी करोड़ों दिलों में जीवित है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज, दूरसंचार क्रांति और विदेश नीति में ऐतिहासिक कदम उठाए। उनकी ओजस्वी वाणी और सहज उपस्थिति विपक्ष को भी सम्मोहित करती थी। वाजपेयी जी ने साबित किया कि मजबूत व्यक्तित्व विचारों की गहराई से और अमर होता है। वहीं वर्तमान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मजबूत बनावट और संगठनात्मक प्रतिभा उन्हें आधुनिक राजनीति का सबसे शक्तिशाली चेहरा बनाती है। भाजपा को राष्ट्रीय अजेय शक्ति बनाने वाले शाह ने अनुच्छेद 370, तीन तलाक उन्मूलन और सीएए जैसे साहसिक निर्णय लिए। उनकी दमदार उपस्थिति स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक है। इनके अतिरिक्त पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू दक्षिण भारत की राजनीति के मजबूत आधार हैं। संसदीय कार्य, शहरी एवं ग्रामीण विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
पेसा नियमावली को लेकर राज्य सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का हमला।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम की नियमावली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई यह नियमावली पेसा अधिनियम, 1996 के मूल प्रावधानों और भावना के बिल्कुल विपरीत है।

श्री दास ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी के अनुसार सरकार ने ग्राम सभा की परिभाषा में परंपरागत जनजातीय व्यवस्था और रूढ़िगत नेतृत्व को सीमित कर दिया है। जबकि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की परिकल्पना परंपरागत रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचना के अनुरूप की गई है। उन्होंने विभिन्न जनजातीय समुदायों की परंपरागत ग्राम नेतृत्व व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि संथाल समुदाय में मांझी-परगना, हो समुदाय में मुंडा-मानकी-दिउरी, खड़िया समुदाय में ढोकलो-सोहोर, मुंडा समुदाय में हातु मुंडा, पड़हा राजा, पाहन, उरांव समुदाय में महतो, पड़हावेल (राजा), पाहन तथा भूमिज समुदाय में मुंडा, सरदार, नापा और डाकुआ जैसे पारंपरिक पदों को सदियों से मान्यता प्राप्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4(क), 4(ख), 4(ग) और 4(घ) में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान है कि ग्राम सभा का गठन, संचालन और प्रतिनिधित्व जनजातीय समुदायों की परंपराओं, रूढ़ियों, सामाजिक-धार्मिक प्रथाओं और संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन के अनुरूप होगा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में इन प्रावधानों को नजरअंदाज कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या नई नियमावली के तहत ग्राम सभा की अध्यक्षता ऐसे लोगों को दी जाएगी जो परंपरागत जनजातीय व्यवस्था से नहीं आते या जो संबंधित समुदाय और परंपरा से भिन्न पृष्ठभूमि रखते हैं। इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

श्री दास ने कहा कि पेसा कानून के तहत ग्राम सभा को लघु खनिजों, बालू घाटों, वन उत्पादों और जल स्रोतों जैसे सामूहिक संसाधनों पर पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार दिया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में इन संसाधनों पर ग्राम सभा को अधिकार मिलेगा या फिर सरकार का नियंत्रण पूर्व की भांति बना रहेगा।

प्रेस वार्ता के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट स्तर पर नियमावली बनाकर आदिवासी समाज को केवल “लॉलीपॉप” दिखाने और उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी रूढ़िवादी व्यवस्था को समाप्त करना नहीं, बल्कि उसे कानूनी संरक्षण देकर और अधिक सशक्त बनाना है, ताकि आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक न्याय प्रणाली और प्राकृतिक संसाधनों पर अपना अधिकार बनाए रख सकें।

उन्होंने राज्य की जनता के भावना के अनुरूप राज्य सरकार से जल्द पेसा की नियमावली को जारी करने की मांग किया।

इस प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, योगेन्द्र प्रताप सिंह, अशोक बड़ाईक एवं रवि मुंडा भी उपस्थित थे।

आजमगढ़:-श्रीराम अध्यक्ष , सुबास  मंत्री एवं कोषाध्यक्ष बने हृदय शंकर, एकतरफा जीते अध्यक्ष और मंत्री, कोषाध्यक्ष पद पर रहा कांटे का मुकाबला


वी कुमार यदुवंशी

आजमगढ़।  फूलपुर तहसील बार एसोशिएसन के चुनाव में अध्यक्ष एवं पद के लिए मंगलवार को हुए मतदान के बाद हुई मतगणना में अध्यक्ष पद पर श्री राम यादव, मंत्री पद पर सुबास यादव एवं कोषाध्यक्ष पद पर ह्रदय शंकर मिश्रा ने बाजी मारी। श्रीराम यादव 5वीं बार बार के अध्यक्ष बने हैं। अध्यक्ष पद के चुनाव में श्री राम यादव को कुल 74 मत प्राप्त हुए। वहीं निकटतम प्रतिद्वंद्वी लाल चन्द यादव को 36 मत मिले। इस प्रकार श्रीराम यादव 38 मत से अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए। वहीं मंत्री पद पर सुबास यादव को 86 मत मिले जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी बृज लाल को 12 मत ही मिले। सुबास यादव 74 मत से विजयी हुए । कोषाध्यक्ष पद के लिए हृदय शंकर मिश्रा को 60 मत और निकटतम प्रतिद्वंदी सतीराम यादव 56 मत मिले । हृदय शंकर मिश्रा ने 4 मत से विजय हासिल किया। अध्यक्ष और मंत्री पद पर एकतरफा जीत हुई है। जबकि कोषाध्यक्ष पद पर कांटे की टक्कर रही। उधर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल पाण्डेय ,कनिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार यादव और उपमंत्री जानिसार अब्बास , पुस्तकालय मंत्री रामानंद यादव निर्विरोध चुने गए । कार्यवाहक एल्डर कमेटी के चेयरमैन एवं चुनाव अधिकारी इंदुशेखर पाठक ,सदस्य इश्तियाक अहमद ,अब्दुल अहद ,जिलेदार सिंह यादव के देखरेख में चुनाव सम्पन्न हुआ । विजयी प्रत्याशियों की घोषणा एल्डर कमेटी के अध्यक्ष इंदुशेखर पाठक ने किया । नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री राम यादव और महामन्त्री सुबास यादव ने कहा कि अधिवक्ता का हित सर्वोपरि होगा ,अधिवक्ता साथियों के सम्मान किया जाएगा । बार और बेंच के गरिमा का सामंजस्य रहेगा । वादकारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट आपसी सामंजस्य से चलाया जाएगा । इस अवसर पर कमलेश कुमार, इंद्रेश कुमार, महेंद्र यादव, पूर्व अध्यक्ष रामनरायन यादव, बिनोद यादव ,संजय यादव ,ओम प्रकाश चौहान ,राजकुमार प्रजापति, जलालुद्दीन, अंगद यादव,बिजय सिंह, देवीशरण पांडेय,, इकबाल अहमद , शमीम काजिम ,बृजेश कुमार ,श्रीनाथ सिंह, फूलचंद यादव, नितिन सिंह, विजय सिंह,जगजीवन चौहान , प्रदीप सिंह ,मुमताज मंसूरी आदि रहे।
दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है योगी सरकार: नरेन्द्र कश्यप

* दिव्यांग विश्वविद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की नियुक्ति और निर्माण कार्य समय पर पूरे कराने के निर्देश



लखनऊ। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सर्वांगीण सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार की नीतियां संवेदनशील, ठोस और परिणामोन्मुखी हैं, जिनका उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

विभागीय समीक्षा बैठक में मंत्री कश्यप ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाए। उन्होंने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट की समीक्षा करते हुए कहा कि ये दोनों संस्थान दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं। उन्होंने मंडल स्तर पर कार्यशालाओं, जागरूकता कार्यक्रमों और प्रचार-प्रसार के माध्यम से विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक सुविधाओं और पाठ्यक्रमों की जानकारी दिव्यांगजनों तक पहुंचाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से जुड़ सकें।

मंत्री ने विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र पूरी करने तथा परिसरों में चल रहे निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के भी निर्देश दिए।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता तभी मानी जाएगी जब उसका सीधा लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में शादी अनुदान योजना के तहत 72,690 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है, जबकि छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 12,76,303 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में 299 संस्थाओं को 25,588 ‘ओ’ लेवल और 9,304 ‘सीसीसी’ प्रशिक्षणार्थियों का लक्ष्य आवंटित किया गया है।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में 11,88,425 दिव्यांगजनों को दिव्यांग पेंशन तथा 13,357 लाभार्थियों को कुष्ठावस्था पेंशन दी जा रही है। निःशुल्क बस यात्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष में अब तक 16,97,319 दिव्यांगजन एवं उनके सहयोगियों ने राज्य परिवहन की बस सेवाओं का लाभ उठाया है। मंत्री ने राज्य निधि के संवेदनशील और जिम्मेदार उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि लखनऊ में 7 दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा प्रयागराज और ललितपुर में राष्ट्रीय कार्यशालाएं तथा प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, गोरखपुर, वाराणसी और बागपत में चित्रकला व हस्तकला प्रदर्शनी एवं कार्यशालाओं के माध्यम से दिव्यांग प्रतिभाओं को मंच दिया जाएगा।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग को केवल सहायता देना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, सशक्त और सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए सक्षम बनाना है। शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और सामाजिक सहभागिता के हर क्षेत्र में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

पवित्र यात्रा पर रवाना हुए गुलज़ार मियाँ

गोंडा(करनैलगंज)। हज़रत कफील उल्लाह शाह बड़े बाबा जी रहमतुल्लाह अलैह के पौत्र व मौलाना मोहम्मद असदुल बक़ा बक़ाई छन्नू मियाँ के पुत्र तनवीरुल बक़ा उर्फ गुलज़ार मियाँ उमरा की पवित्र यात्रा के लिए अपने आवास शाही तकिया से रवाना हुए हैं जो कि नजफ़ शरीफ,कर्बला शरीफ,बगदाद शरीफ होते हुए उमरह के लिये पहुंचेगे। कस्बे व उनके परिवार के सदस्यों सहित सिलसिले के तमाम लोगों ने उनके आवास से उन्हें उमरा की पवित्र यात्रा पर विदा किया।

इस दौरान गंगा जमुनी तहजीब की भी मिशाल देखने को मिली। लोगों ने माल्यर्पण कर उन्हें यात्रा के लिये रवाना किया। इस मौके पर अनवारुल हक़ शाह पप्पू मियाँ,लल्लू मियाँ,गुड्डू मियाँ,शानू मियाँ,डाक्टर मोहम्मद सलमान कफ़ीली,मोलवी समसुद्दीन,अहमद कलीम उर्फ कुच्चू, मोइनुद्दीन,बॉबी रजा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
PGI फ्लाईओवर पर खून की साजिश! 9वीं की छात्रा मानसी को मारने की कोशिश या हादसे की आड़ में जुर्म?
लखनऊ । राजधानी के पीजीआई इलाके में गुरुवार शाम जो मंजर दिखा, उसने हर किसी को सन्न कर दिया। बरौली फ्लाईओवर के किनारे 9वीं कक्षा की छात्रा मानसी खून से लथपथ बेसुध हालत में पड़ी मिली, सिर और गले पर गंभीर चोट के निशान थे। कुछ ही दूरी पर उसकी सहेली और एक दोस्त भी घायल मिले, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक सड़क हादसा था या फिर हत्या को हादसे का रूप देने की खौफनाक कोशिश?

घटना के बाद से मानसी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है, हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, इस मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब छात्रा की मां ने अपनी ही बेटी के दोस्तों पर गला रेतने और जान से मारने की कोशिश जैसे सनसनीखेज आरोप लगा दिए।

क्रिसमस डे पर निकली, लहूलुहान हालत में मिली

एसीपी गोसाईगंज ऋषभ यादव के अनुसार, पीजीआई रुचिखंड निवासी मानसी क्रिसमस के दिन अपने दोस्तों के साथ प्लासियो मॉल घूमने गई थी। शाम करीब चार बजे राहगीरों ने बरौली फ्लाईओवर पर मानसी को खून से सनी हालत में पड़ा देखा। सिर और गले पर गहरे जख्म थे। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी और तीनों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

मां का आरोप: पहले पीटा, फिर हत्या की कोशिश

सोमवार को मानसी की मां नीतू सिंह पत्नी दीपक सिंह ने पीजीआई थाने पहुंचकर तहरीर दी। आरोप है कि बेटी की सहेली और पीछे बाइक से चल रहे दोस्त ने पहले मानसी के साथ मारपीट की और फिर जान से मारने की नीयत से उस पर हमला किया। मां का दावा है कि हादसे की कहानी गढ़कर सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है।मां के आरोपों के बाद पुलिस ने तीन दोस्तों के खिलाफ हत्या के प्रयास और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस की कहानी: तेज रफ्तार बनी वजह

हालांकि, पुलिस की शुरुआती जांच कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इंस्पेक्टर पीजीआई धीरेंद्र सिंह के मुताबिक, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मानसी सहेली और दोस्त के साथ बाइक से अंसल की ओर से आ रही थी। फ्लाईओवर पर मोड़ लेते समय तेज रफ्तार के कारण बाइक अनियंत्रित हो गई और रेलिंग से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मानसी उछलकर लोहे की रेलिंग से टकरा गई, जबकि दोनों दोस्त सड़क पर गिर पड़े।

सवाल जो अब भी खड़े हैं

अगर यह सिर्फ हादसा था, तो गले पर चोट के निशान कैसे आए?
मानसी की हालत गंभीर, लेकिन दोस्त मामूली चोटों के बाद घर कैसे भेज दिए गए?
क्या हादसे के पीछे कोई पुरानी रंजिश या साजिश छिपी है?

फिलहाल, मानसी जिंदगी की जंग लड़ रही है और पूरा मामला हादसे बनाम हत्या की कोशिश के बीच उलझा हुआ है। पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन इस रहस्यमयी खूनखराबे ने लखनऊ को झकझोर कर रख दिया है।
हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था मुंबई की 256 वीं मासिक गोष्ठी संपन्न
भायंदर।  हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था मुंबई द्वारा न्यु सी ब्यु न्यु रविराज काम्प्लेक्स जेसल पार्क भाईंदर पूर्व में डॉ. सुधाकर मिश्र की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का संयोजन किया गया। डॉ.मिश्र ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि सभी लोगों ने शब्द सौंदर्य की दृष्टि से बेहतरीन रचना पढ़ी। "गीत मैंने लिखें मैं यशस्वी बना। गीत तुम पर लिखें तुम अमर हो ग‌‌ई।" मुख्य अतिथि मुरलीधर पाण्डेय ने गीत पढ़ा "यह मत सोचो, किसने क्या क्या बात कही" एवं बाल कविता "बचपन के दिन प्यारे प्यारे" डॉ.उमेशचन्द्र शुक्ल ने  संचालन करते हुए कहा कि "यहां हर रोज परीक्षा है,हर लम्हा सबक, जिसने दिल से पढ़ा उसने ही अंजाम सहा।।" ग़ज़ल पढ़ा "खुला ये राज कि ये जिंदगी भी होती है"एवं "और चुप रहने को तैयार नहीं हैं ब्राह्मण।झूठ के आगे कभी लाचार नहीं हैं ब्राह्मण।" भोलानाथ तिवारी भारतांचली ने "अजब निराला देश बा,अजब निराला खेल, चालिस नंबर पास है अस्सी नंबर फेल" एवं "बेचकर सम्मान जिसको रहना आता नहीं" व्यंग्य रचना पढ़ी। कल्पेश यादव ने गीत "मोहब्बत छुपतीं नहीं छुपाने से" एवं "जब मैं बाज़ार में खरीदीं गई, तभी मेरे घर से ग़रीबी गई।" श्रीधर मिश्र आत्मिक ने आध्यात्मिक रचना "छोड़कर बाहर भीतर पाया तुम्हें।" संजय सिंह निर्जल ने "मौसम के बदलने का भी एक वक्त होता है" अमरनाथ द्विवेदी ने धारदार व्यंग्य रचना पढ़ी "एक चौराहे पर कुछ लोग कह रहे थे कैसी है व्यवस्था हस्ताक्षर के नाम पर अँगूठा लगाते हैं।" विजय नाथ मिश्र ने "चलीं है चुनावी लहर धीरे धीरे" एवं "गिरगिट तो बदनाम है केवल आदम रंग बदलता है।" व्यवस्था कि विसंगतियों पर करारा प्रहार करती है। विनोद मिश्र ने"तुम कितनी सुन्दर लगती हो" बेहद भावपूर्ण रचना पढ़ी। बीना त्रिपाठी ने "दिक्कतें आती है तो आने दें।" एवं "मुकद्दर भी रूठ सकता है।" बेहद भावपूर्ण खूबसूरत रचना का पाठ किया। डॉ. ओमप्रकाश तिवारी ने " दर्पण टूट गया" एवं "झंझावातों से ना डर तू, ये तेरे" ओजस्वी वाणी में काव्य पाठ किया।
मार्कंडेय त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना करके विधिवत कार्यक्रम का आरंभ किया किया। काव्य गोष्ठी का संचालन डॉ उमेशचन्द्र शुक्ल ने किया एवं संस्था के कोषाध्यक्ष प्रभाकर मिश्र ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में सूर्यकांत त्रिपाठी वाराणसी, संतोष मिश्र, बब्लू दुबे, सभाजीत उपाध्याय हरहर जी, ओंकार नाथ मिश्र, आदि गणमान्य लोगों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।
भीषण शीतलहर और कोहरा के चलते प्रदेश में अब 15 जनवरी को खुलेंगे स्कूल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जारी भीषण शीतलहर और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश की अवधि पहले ही लागू कर दी गई है। इस निर्णय से न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों को भी बड़ी राहत मिली है।
सामान्य परिस्थितियों में परिषदीय विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहता है, लेकिन इस बार मौसम की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। इसके चलते स्कूलों में छुट्टियां दो दिन पहले ही प्रभावी हो गईं और अब सभी विद्यालय 15 जनवरी को पुनः खुलेंगे।
इस बीच अमेठी और प्रतापगढ़ समेत कुछ जिलों में छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को विद्यालय बुलाने के आदेश जारी किए गए थे। जैसे ही यह मामला बेसिक शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में आया, तत्काल सख्त निर्देश जारी किए गए। इसके बाद संबंधित जिलों को अपने आदेश संशोधित करने पड़े, जिससे शिक्षकों को कड़ाके की ठंड में स्कूल आने की बाध्यता से निजात मिली।वहीं प्रदेश भर में ठंड और कोहरे का कहर लगातार बना हुआ है। सोमवार सुबह कई जिलों में दृश्यता बेहद कम दर्ज की गई। कानपुर में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई, जबकि आगरा, मेरठ, अलीगढ़, हरदोई और फतेहपुर जैसे जिलों में भी हालात चिंताजनक रहे।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मंगलवार को दिन के तापमान में सामान्य से 4 से 5 डिग्री तक गिरावट की संभावना है। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घने कोहरे के साथ शीत दिवस की चेतावनी जारी की गई है।न्यूनतम तापमान की बात करें तो बाराबंकी और फतेहपुर में पारा 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि बुलंदशहर, हरदोई और मेरठ में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ असर दिखाया है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
आजमगढ़:-फूलपुर पुलिस ने टप्पेबाजी/ठगी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, मुठभेड़ में एक बदमाश घायल

वी कुमार यदुवंशी

आजमगढ़।  फूलपुर पुलिस और टप्पेबाजों के बीच बीती रात हुई मुठभेड़ में एक टप्पेबाज घायल हो गया। पुलिस ने दो टप्पेबाजों को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। विगत 20 दिसंबर को चकनूरी गांव की सुनरा से टप्पेबाजों ने कुछ सुंघाकर उसके जेवर के बदले कागज का बंडल दिया था। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से जेवरात, नकदी, बाइक के साथ ही तमंचा और कारतूस भी बरामद हुआ है। थाना फूलपुर पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि टप्पेबाजी/ठगी की घटनाओं में संलिप्त 3 शातिर बदमाश बिना नम्बर की हीरो स्प्लेण्डर प्लस मोटरसाइकिल से दुर्वाषा की ओर से कस्बा फूलपुर की तरफ आ रहे हैं। जिनके पास ठगी के जेवरात एवं अवैध तमंचा-कारतूस मौजूद हैं। सूचना पर थानाध्यक्ष फूलपुर सच्चिदानन्द मय पुलिस बल द्वारा घेराबंदी की गई। दुर्वाषा की ओर से तेज गति से आ रही मोटरसाइकिल को रोकने का इशारा किया गया, किंतु बदमाश पुलिस को देखकर बाएँ मुडियार रोड की ओर मुड़कर भागने लगे। इसी दौरान उनकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर गिर गई। अपने को घिरता देख बदमाशों द्वारा एक राय होकर पुलिस टीम को गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी गई। पुलिस टीम द्वारा आत्मरक्षा में की गई नियंत्रित फायरिंग के दौरान एक बदमाश राजेश हरिजन पुत्र स्व चन्द्रभान निवासी ग्राम रम्मोपुर, थाना दीदारगंज, के बाएँ पैर में गोली लगने से घायल हो गया। एक अन्य बदमाश प्रमोद हरिजन पुत्र मधुबन निवासी ग्राम खानजहाँपुर, थाना फूलपुर को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। तीसरा अभियुक्त अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया। घायल अभियुक्त को तत्काल उपचार हेतु सीएचसी फूलपुर भेजा गया, जहाँ से जिला अस्पताल आजमगढ़ रेफर किया गया।

*बिजली का बिल जमा कर वापस आ रही महिला के साथ हुई थी टप्पेबाजी की घटना*

सुनरा पत्नी दशरथ निवासी चकनूरी, थाना फूलपुर द्वारा थाना फूलपुर पर सूचना दी गई कि 20 दिसंबर को वह बिजली का बिल जमा कर लगभग 11 बजे दिन में घर लौट रही थी। इसी दौरान खुरासों मोड़ के आगे दिल्ली दरबार के पास दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उसे गुमराह कर बहला-फुसलाकर उसका मंगलसूत्र (सोने के लॉकेट सहित) एवं कान की बालियाँ उतरवा ली गईं। धोखे से कपड़े में लिपटा कागजों का बंडल थमा दिया गया। तहरीर के आधार पर थाना फूलपुर पर दो अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था।

* पुलिस ने बदमाशों के पास से घटना स्थल से बरामदगी*

एक मंगलसूत्र का लॉकेट,दो कान के टॉप्स, एक तमंचा 315 बोर, एक खोखा कारतूस 315 बोर,एक जिन्दा कारतूस 315 बोर,दो मोबाइल मल्टीमीडिया सेट, 1770 नकद, एक मोटरसाइकिल हीरो स्प्लेण्डर प्लस (बिना नम्बर) बरामद किया है।

इस संबंध में सीओ फूलपुर किरन पाल सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर को चकनूरी गांव की महिला फूलपुर उपकेंद्र पर बिजली का बिल जमा करने गयी थी। वापस आते समय उसके साथ टप्पेबाजों/ठगी हुई थी। दो बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। रात में हुई मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हुआ है। दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है।
शीतलहर और घने कोहरे का कहर,नर्सरी से कक्षा 8 तक के सभी विद्यालय 14 जनवरी तक बंद*
सुलतानपुर जनपद में लगातार बढ़ती शीतलहर, कड़ाके की ठंड और घने कोहरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष के निर्देश तथा मुख्य विकास अधिकारी विनय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक संचालित सभी परिषदीय,मान्यता प्राप्त, निजी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों को 14 जनवरी 2025 तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता द्वारा निर्गत आदेश में बताया गया है कि अत्यधिक ठंड और कम दृश्यता के कारण छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह निर्देश नर्सरी,लेकर यूकेजी सहित कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालयों पर समान रूप से लागू होगा। विद्यालय बंद रहने की अवधि में किसी भी प्रकार की शैक्षणिक कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी। जबकि आवश्यक प्रशासनिक कार्य पूर्व निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार चलते रहेंगे। जिला प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने दें। मौसम की स्थिति में सुधार होने पर आगे के निर्देश जारी किए जाएंगे।
अपनी भारी-भरकम कद-काठी के लिए मशहूर हुए भारतीय राजनेता - डॉ. अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)
लखनऊ । भारतीय राजनीति एक ऐसा जीवंत और विशाल रंगमंच है जहां नेता का व्यक्तित्व हर कोण से परखा जाता है। यहां कद-काठी का अर्थ केवल शारीरिक वजन या भारी-भरकम बनावट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह विश्वसनीयता और जनता के साथ गहरे जुड़ाव का प्रतीक बन जाता है। भारतीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपरा में ऐसे कई कद्द्वार नेता हुए जिनकी मजबूत शारीरिक संरचना उनके वैचारिक दृढ़ता, राजनीतिक दूरदर्शिता और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गई है। ये नेता केवल अपनी भारी कद-काठी के लिए नहीं, बल्कि जनकल्याणकारी नीतियों, विकास की नई राहें प्रशस्त करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत नींव रखने के लिए भी जाने जाते हैं। इस सूची में नितिन गडकरी, शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल, एच.डी. देवे गौड़ा, ओम प्रकाश चौटाला, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अटल बिहारी वाजपेयी, अमित शाह और एम. वेंकैया नायडू जैसे बड़े व प्रभावी नाम शामिल हैं।
इस कड़ी में महाराष्ट्र की राजनीति के निर्विवाद शिखर पुरुष शरद पवार अपनी भारी-भरकम कद-काठी और अप्रतिम राजनीतिक सूझबूझ के लिए सदैव चर्चित रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक पवार साहब ने सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाकर लाखों किसानों और ग्रामीणों की जिंदगी बदली। उनकी जोशीली शैली, मजबूत उपस्थिति और जनता से सीधा संवाद उन्हें राष्ट्रीय राजनीति का अटल स्तंभ बनाता है। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भारतीय राजनीति के उन दुर्लभ दिग्गजों में शुमार हैं जिनकी भारी-भरकम कद-काठी उनके अटूट संकल्प और दूरदर्शी नेतृत्व को प्रदर्शित करती है। गडकरी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ऐसी अभूतपूर्व क्रांति ला दी है कि आज भारत विश्व के सबसे विस्तृत और आधुनिक हाईवे नेटवर्क वाले देशों की श्रेणी में आता है। उनकी गंभीर आवाज और मंच पर दमदार उपस्थिति एक अनुभवी, विश्वसनीय और कर्मठ नेता की छवि प्रस्तुत करती है। बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और वैकल्पिक ऊर्जा पर उनका जोर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
पंजाब की राजनीति के पितामह प्रकाश सिंह बादल की भारी-भरकम कद-काठी और स्थिर व्यक्तित्व ने उन्हें राज्य का सबसे प्रिय नेता बनाया। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे बादल साहब ने राज्य को आतंकवाद के अंधेरे दौर से निकालकर विकास की रोशनी दी। किसान अधिकार, पंजाबियत की रक्षा, ग्रामीण विकास और धार्मिक स्थलों का संरक्षण उनके कार्यकाल की अमिट निशानियां हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवे गौड़ा की भारी कद-काठी और शांत स्वभाव उन्हें भारतीय राजनीति का एक अनुपम राजनेता की छवि प्रदान करता है। उनकी मजबूत उपस्थिति ग्रामीण भारत की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर बल प्रदान करती थी। सादगी और जनता से जुड़ाव उनकी राजनीति की पहचान है। 
हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला की भारी-भरकम कद-काठी और स्पष्टवादी अंदाज ने उन्हें एक मजबूत जननेता बनाया। इंडियन नेशनल लोक दल के नेता चौटाला ने कई बार मुख्यमंत्री रहते शिक्षा, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया। उनका जनता से सीधा संवाद और दृढ़ निर्णय क्षमता उनकी सबसे बड़ी पूंजी रही। परिवार की लंबी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य को नई दिशा दी। जबकि भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के उन कद्दावर नेताओं में हैं जिनकी मजबूत बनावट और दूरदर्शी नेतृत्व ने राज्य को औद्योगिक एवं कृषि दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने गुड़गांव को साइबर हब बनाने और किसान कल्याण योजनाओं से हरियाणा को नई पहचान दी। 
भारतीय राजनीति के काव्यकार और युगद्रष्टा अटल बिहारी वाजपेयी की भारी कद-काठी और करिश्माई व्यक्तित्व आज भी करोड़ों दिलों में जीवित है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज, दूरसंचार क्रांति और विदेश नीति में ऐतिहासिक कदम उठाए। उनकी ओजस्वी वाणी और सहज उपस्थिति विपक्ष को भी सम्मोहित करती थी। वाजपेयी जी ने साबित किया कि मजबूत व्यक्तित्व विचारों की गहराई से और अमर होता है। वहीं वर्तमान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मजबूत बनावट और संगठनात्मक प्रतिभा उन्हें आधुनिक राजनीति का सबसे शक्तिशाली चेहरा बनाती है। भाजपा को राष्ट्रीय अजेय शक्ति बनाने वाले शाह ने अनुच्छेद 370, तीन तलाक उन्मूलन और सीएए जैसे साहसिक निर्णय लिए। उनकी दमदार उपस्थिति स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक है। इनके अतिरिक्त पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू दक्षिण भारत की राजनीति के मजबूत आधार हैं। संसदीय कार्य, शहरी एवं ग्रामीण विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
पेसा नियमावली को लेकर राज्य सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का हमला।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम की नियमावली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई यह नियमावली पेसा अधिनियम, 1996 के मूल प्रावधानों और भावना के बिल्कुल विपरीत है।

श्री दास ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित जानकारी के अनुसार सरकार ने ग्राम सभा की परिभाषा में परंपरागत जनजातीय व्यवस्था और रूढ़िगत नेतृत्व को सीमित कर दिया है। जबकि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की परिकल्पना परंपरागत रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचना के अनुरूप की गई है। उन्होंने विभिन्न जनजातीय समुदायों की परंपरागत ग्राम नेतृत्व व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि संथाल समुदाय में मांझी-परगना, हो समुदाय में मुंडा-मानकी-दिउरी, खड़िया समुदाय में ढोकलो-सोहोर, मुंडा समुदाय में हातु मुंडा, पड़हा राजा, पाहन, उरांव समुदाय में महतो, पड़हावेल (राजा), पाहन तथा भूमिज समुदाय में मुंडा, सरदार, नापा और डाकुआ जैसे पारंपरिक पदों को सदियों से मान्यता प्राप्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4(क), 4(ख), 4(ग) और 4(घ) में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान है कि ग्राम सभा का गठन, संचालन और प्रतिनिधित्व जनजातीय समुदायों की परंपराओं, रूढ़ियों, सामाजिक-धार्मिक प्रथाओं और संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन के अनुरूप होगा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में इन प्रावधानों को नजरअंदाज कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या नई नियमावली के तहत ग्राम सभा की अध्यक्षता ऐसे लोगों को दी जाएगी जो परंपरागत जनजातीय व्यवस्था से नहीं आते या जो संबंधित समुदाय और परंपरा से भिन्न पृष्ठभूमि रखते हैं। इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

श्री दास ने कहा कि पेसा कानून के तहत ग्राम सभा को लघु खनिजों, बालू घाटों, वन उत्पादों और जल स्रोतों जैसे सामूहिक संसाधनों पर पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार दिया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में इन संसाधनों पर ग्राम सभा को अधिकार मिलेगा या फिर सरकार का नियंत्रण पूर्व की भांति बना रहेगा।

प्रेस वार्ता के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट स्तर पर नियमावली बनाकर आदिवासी समाज को केवल “लॉलीपॉप” दिखाने और उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेसा कानून का उद्देश्य आदिवासी रूढ़िवादी व्यवस्था को समाप्त करना नहीं, बल्कि उसे कानूनी संरक्षण देकर और अधिक सशक्त बनाना है, ताकि आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक न्याय प्रणाली और प्राकृतिक संसाधनों पर अपना अधिकार बनाए रख सकें।

उन्होंने राज्य की जनता के भावना के अनुरूप राज्य सरकार से जल्द पेसा की नियमावली को जारी करने की मांग किया।

इस प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, योगेन्द्र प्रताप सिंह, अशोक बड़ाईक एवं रवि मुंडा भी उपस्थित थे।

आजमगढ़:-श्रीराम अध्यक्ष , सुबास  मंत्री एवं कोषाध्यक्ष बने हृदय शंकर, एकतरफा जीते अध्यक्ष और मंत्री, कोषाध्यक्ष पद पर रहा कांटे का मुकाबला


वी कुमार यदुवंशी

आजमगढ़।  फूलपुर तहसील बार एसोशिएसन के चुनाव में अध्यक्ष एवं पद के लिए मंगलवार को हुए मतदान के बाद हुई मतगणना में अध्यक्ष पद पर श्री राम यादव, मंत्री पद पर सुबास यादव एवं कोषाध्यक्ष पद पर ह्रदय शंकर मिश्रा ने बाजी मारी। श्रीराम यादव 5वीं बार बार के अध्यक्ष बने हैं। अध्यक्ष पद के चुनाव में श्री राम यादव को कुल 74 मत प्राप्त हुए। वहीं निकटतम प्रतिद्वंद्वी लाल चन्द यादव को 36 मत मिले। इस प्रकार श्रीराम यादव 38 मत से अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए। वहीं मंत्री पद पर सुबास यादव को 86 मत मिले जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी बृज लाल को 12 मत ही मिले। सुबास यादव 74 मत से विजयी हुए । कोषाध्यक्ष पद के लिए हृदय शंकर मिश्रा को 60 मत और निकटतम प्रतिद्वंदी सतीराम यादव 56 मत मिले । हृदय शंकर मिश्रा ने 4 मत से विजय हासिल किया। अध्यक्ष और मंत्री पद पर एकतरफा जीत हुई है। जबकि कोषाध्यक्ष पद पर कांटे की टक्कर रही। उधर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल पाण्डेय ,कनिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार यादव और उपमंत्री जानिसार अब्बास , पुस्तकालय मंत्री रामानंद यादव निर्विरोध चुने गए । कार्यवाहक एल्डर कमेटी के चेयरमैन एवं चुनाव अधिकारी इंदुशेखर पाठक ,सदस्य इश्तियाक अहमद ,अब्दुल अहद ,जिलेदार सिंह यादव के देखरेख में चुनाव सम्पन्न हुआ । विजयी प्रत्याशियों की घोषणा एल्डर कमेटी के अध्यक्ष इंदुशेखर पाठक ने किया । नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री राम यादव और महामन्त्री सुबास यादव ने कहा कि अधिवक्ता का हित सर्वोपरि होगा ,अधिवक्ता साथियों के सम्मान किया जाएगा । बार और बेंच के गरिमा का सामंजस्य रहेगा । वादकारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट आपसी सामंजस्य से चलाया जाएगा । इस अवसर पर कमलेश कुमार, इंद्रेश कुमार, महेंद्र यादव, पूर्व अध्यक्ष रामनरायन यादव, बिनोद यादव ,संजय यादव ,ओम प्रकाश चौहान ,राजकुमार प्रजापति, जलालुद्दीन, अंगद यादव,बिजय सिंह, देवीशरण पांडेय,, इकबाल अहमद , शमीम काजिम ,बृजेश कुमार ,श्रीनाथ सिंह, फूलचंद यादव, नितिन सिंह, विजय सिंह,जगजीवन चौहान , प्रदीप सिंह ,मुमताज मंसूरी आदि रहे।
दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है योगी सरकार: नरेन्द्र कश्यप

* दिव्यांग विश्वविद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की नियुक्ति और निर्माण कार्य समय पर पूरे कराने के निर्देश



लखनऊ। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सर्वांगीण सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार की नीतियां संवेदनशील, ठोस और परिणामोन्मुखी हैं, जिनका उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

विभागीय समीक्षा बैठक में मंत्री कश्यप ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाए। उन्होंने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट की समीक्षा करते हुए कहा कि ये दोनों संस्थान दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं। उन्होंने मंडल स्तर पर कार्यशालाओं, जागरूकता कार्यक्रमों और प्रचार-प्रसार के माध्यम से विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक सुविधाओं और पाठ्यक्रमों की जानकारी दिव्यांगजनों तक पहुंचाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से जुड़ सकें।

मंत्री ने विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र पूरी करने तथा परिसरों में चल रहे निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के भी निर्देश दिए।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता तभी मानी जाएगी जब उसका सीधा लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में शादी अनुदान योजना के तहत 72,690 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है, जबकि छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 12,76,303 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में 299 संस्थाओं को 25,588 ‘ओ’ लेवल और 9,304 ‘सीसीसी’ प्रशिक्षणार्थियों का लक्ष्य आवंटित किया गया है।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में 11,88,425 दिव्यांगजनों को दिव्यांग पेंशन तथा 13,357 लाभार्थियों को कुष्ठावस्था पेंशन दी जा रही है। निःशुल्क बस यात्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष में अब तक 16,97,319 दिव्यांगजन एवं उनके सहयोगियों ने राज्य परिवहन की बस सेवाओं का लाभ उठाया है। मंत्री ने राज्य निधि के संवेदनशील और जिम्मेदार उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि लखनऊ में 7 दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा प्रयागराज और ललितपुर में राष्ट्रीय कार्यशालाएं तथा प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, गोरखपुर, वाराणसी और बागपत में चित्रकला व हस्तकला प्रदर्शनी एवं कार्यशालाओं के माध्यम से दिव्यांग प्रतिभाओं को मंच दिया जाएगा।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग को केवल सहायता देना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, सशक्त और सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए सक्षम बनाना है। शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और सामाजिक सहभागिता के हर क्षेत्र में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

पवित्र यात्रा पर रवाना हुए गुलज़ार मियाँ

गोंडा(करनैलगंज)। हज़रत कफील उल्लाह शाह बड़े बाबा जी रहमतुल्लाह अलैह के पौत्र व मौलाना मोहम्मद असदुल बक़ा बक़ाई छन्नू मियाँ के पुत्र तनवीरुल बक़ा उर्फ गुलज़ार मियाँ उमरा की पवित्र यात्रा के लिए अपने आवास शाही तकिया से रवाना हुए हैं जो कि नजफ़ शरीफ,कर्बला शरीफ,बगदाद शरीफ होते हुए उमरह के लिये पहुंचेगे। कस्बे व उनके परिवार के सदस्यों सहित सिलसिले के तमाम लोगों ने उनके आवास से उन्हें उमरा की पवित्र यात्रा पर विदा किया।

इस दौरान गंगा जमुनी तहजीब की भी मिशाल देखने को मिली। लोगों ने माल्यर्पण कर उन्हें यात्रा के लिये रवाना किया। इस मौके पर अनवारुल हक़ शाह पप्पू मियाँ,लल्लू मियाँ,गुड्डू मियाँ,शानू मियाँ,डाक्टर मोहम्मद सलमान कफ़ीली,मोलवी समसुद्दीन,अहमद कलीम उर्फ कुच्चू, मोइनुद्दीन,बॉबी रजा सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
PGI फ्लाईओवर पर खून की साजिश! 9वीं की छात्रा मानसी को मारने की कोशिश या हादसे की आड़ में जुर्म?
लखनऊ । राजधानी के पीजीआई इलाके में गुरुवार शाम जो मंजर दिखा, उसने हर किसी को सन्न कर दिया। बरौली फ्लाईओवर के किनारे 9वीं कक्षा की छात्रा मानसी खून से लथपथ बेसुध हालत में पड़ी मिली, सिर और गले पर गंभीर चोट के निशान थे। कुछ ही दूरी पर उसकी सहेली और एक दोस्त भी घायल मिले, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक सड़क हादसा था या फिर हत्या को हादसे का रूप देने की खौफनाक कोशिश?

घटना के बाद से मानसी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है, हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, इस मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब छात्रा की मां ने अपनी ही बेटी के दोस्तों पर गला रेतने और जान से मारने की कोशिश जैसे सनसनीखेज आरोप लगा दिए।

क्रिसमस डे पर निकली, लहूलुहान हालत में मिली

एसीपी गोसाईगंज ऋषभ यादव के अनुसार, पीजीआई रुचिखंड निवासी मानसी क्रिसमस के दिन अपने दोस्तों के साथ प्लासियो मॉल घूमने गई थी। शाम करीब चार बजे राहगीरों ने बरौली फ्लाईओवर पर मानसी को खून से सनी हालत में पड़ा देखा। सिर और गले पर गहरे जख्म थे। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी और तीनों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

मां का आरोप: पहले पीटा, फिर हत्या की कोशिश

सोमवार को मानसी की मां नीतू सिंह पत्नी दीपक सिंह ने पीजीआई थाने पहुंचकर तहरीर दी। आरोप है कि बेटी की सहेली और पीछे बाइक से चल रहे दोस्त ने पहले मानसी के साथ मारपीट की और फिर जान से मारने की नीयत से उस पर हमला किया। मां का दावा है कि हादसे की कहानी गढ़कर सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है।मां के आरोपों के बाद पुलिस ने तीन दोस्तों के खिलाफ हत्या के प्रयास और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस की कहानी: तेज रफ्तार बनी वजह

हालांकि, पुलिस की शुरुआती जांच कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इंस्पेक्टर पीजीआई धीरेंद्र सिंह के मुताबिक, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मानसी सहेली और दोस्त के साथ बाइक से अंसल की ओर से आ रही थी। फ्लाईओवर पर मोड़ लेते समय तेज रफ्तार के कारण बाइक अनियंत्रित हो गई और रेलिंग से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मानसी उछलकर लोहे की रेलिंग से टकरा गई, जबकि दोनों दोस्त सड़क पर गिर पड़े।

सवाल जो अब भी खड़े हैं

अगर यह सिर्फ हादसा था, तो गले पर चोट के निशान कैसे आए?
मानसी की हालत गंभीर, लेकिन दोस्त मामूली चोटों के बाद घर कैसे भेज दिए गए?
क्या हादसे के पीछे कोई पुरानी रंजिश या साजिश छिपी है?

फिलहाल, मानसी जिंदगी की जंग लड़ रही है और पूरा मामला हादसे बनाम हत्या की कोशिश के बीच उलझा हुआ है। पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन इस रहस्यमयी खूनखराबे ने लखनऊ को झकझोर कर रख दिया है।
हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था मुंबई की 256 वीं मासिक गोष्ठी संपन्न
भायंदर।  हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था मुंबई द्वारा न्यु सी ब्यु न्यु रविराज काम्प्लेक्स जेसल पार्क भाईंदर पूर्व में डॉ. सुधाकर मिश्र की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का संयोजन किया गया। डॉ.मिश्र ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि सभी लोगों ने शब्द सौंदर्य की दृष्टि से बेहतरीन रचना पढ़ी। "गीत मैंने लिखें मैं यशस्वी बना। गीत तुम पर लिखें तुम अमर हो ग‌‌ई।" मुख्य अतिथि मुरलीधर पाण्डेय ने गीत पढ़ा "यह मत सोचो, किसने क्या क्या बात कही" एवं बाल कविता "बचपन के दिन प्यारे प्यारे" डॉ.उमेशचन्द्र शुक्ल ने  संचालन करते हुए कहा कि "यहां हर रोज परीक्षा है,हर लम्हा सबक, जिसने दिल से पढ़ा उसने ही अंजाम सहा।।" ग़ज़ल पढ़ा "खुला ये राज कि ये जिंदगी भी होती है"एवं "और चुप रहने को तैयार नहीं हैं ब्राह्मण।झूठ के आगे कभी लाचार नहीं हैं ब्राह्मण।" भोलानाथ तिवारी भारतांचली ने "अजब निराला देश बा,अजब निराला खेल, चालिस नंबर पास है अस्सी नंबर फेल" एवं "बेचकर सम्मान जिसको रहना आता नहीं" व्यंग्य रचना पढ़ी। कल्पेश यादव ने गीत "मोहब्बत छुपतीं नहीं छुपाने से" एवं "जब मैं बाज़ार में खरीदीं गई, तभी मेरे घर से ग़रीबी गई।" श्रीधर मिश्र आत्मिक ने आध्यात्मिक रचना "छोड़कर बाहर भीतर पाया तुम्हें।" संजय सिंह निर्जल ने "मौसम के बदलने का भी एक वक्त होता है" अमरनाथ द्विवेदी ने धारदार व्यंग्य रचना पढ़ी "एक चौराहे पर कुछ लोग कह रहे थे कैसी है व्यवस्था हस्ताक्षर के नाम पर अँगूठा लगाते हैं।" विजय नाथ मिश्र ने "चलीं है चुनावी लहर धीरे धीरे" एवं "गिरगिट तो बदनाम है केवल आदम रंग बदलता है।" व्यवस्था कि विसंगतियों पर करारा प्रहार करती है। विनोद मिश्र ने"तुम कितनी सुन्दर लगती हो" बेहद भावपूर्ण रचना पढ़ी। बीना त्रिपाठी ने "दिक्कतें आती है तो आने दें।" एवं "मुकद्दर भी रूठ सकता है।" बेहद भावपूर्ण खूबसूरत रचना का पाठ किया। डॉ. ओमप्रकाश तिवारी ने " दर्पण टूट गया" एवं "झंझावातों से ना डर तू, ये तेरे" ओजस्वी वाणी में काव्य पाठ किया।
मार्कंडेय त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना करके विधिवत कार्यक्रम का आरंभ किया किया। काव्य गोष्ठी का संचालन डॉ उमेशचन्द्र शुक्ल ने किया एवं संस्था के कोषाध्यक्ष प्रभाकर मिश्र ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में सूर्यकांत त्रिपाठी वाराणसी, संतोष मिश्र, बब्लू दुबे, सभाजीत उपाध्याय हरहर जी, ओंकार नाथ मिश्र, आदि गणमान्य लोगों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।
भीषण शीतलहर और कोहरा के चलते प्रदेश में अब 15 जनवरी को खुलेंगे स्कूल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जारी भीषण शीतलहर और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश की अवधि पहले ही लागू कर दी गई है। इस निर्णय से न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों को भी बड़ी राहत मिली है।
सामान्य परिस्थितियों में परिषदीय विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहता है, लेकिन इस बार मौसम की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। इसके चलते स्कूलों में छुट्टियां दो दिन पहले ही प्रभावी हो गईं और अब सभी विद्यालय 15 जनवरी को पुनः खुलेंगे।
इस बीच अमेठी और प्रतापगढ़ समेत कुछ जिलों में छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को विद्यालय बुलाने के आदेश जारी किए गए थे। जैसे ही यह मामला बेसिक शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में आया, तत्काल सख्त निर्देश जारी किए गए। इसके बाद संबंधित जिलों को अपने आदेश संशोधित करने पड़े, जिससे शिक्षकों को कड़ाके की ठंड में स्कूल आने की बाध्यता से निजात मिली।वहीं प्रदेश भर में ठंड और कोहरे का कहर लगातार बना हुआ है। सोमवार सुबह कई जिलों में दृश्यता बेहद कम दर्ज की गई। कानपुर में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई, जबकि आगरा, मेरठ, अलीगढ़, हरदोई और फतेहपुर जैसे जिलों में भी हालात चिंताजनक रहे।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मंगलवार को दिन के तापमान में सामान्य से 4 से 5 डिग्री तक गिरावट की संभावना है। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घने कोहरे के साथ शीत दिवस की चेतावनी जारी की गई है।न्यूनतम तापमान की बात करें तो बाराबंकी और फतेहपुर में पारा 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि बुलंदशहर, हरदोई और मेरठ में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ असर दिखाया है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
आजमगढ़:-फूलपुर पुलिस ने टप्पेबाजी/ठगी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, मुठभेड़ में एक बदमाश घायल

वी कुमार यदुवंशी

आजमगढ़।  फूलपुर पुलिस और टप्पेबाजों के बीच बीती रात हुई मुठभेड़ में एक टप्पेबाज घायल हो गया। पुलिस ने दो टप्पेबाजों को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। विगत 20 दिसंबर को चकनूरी गांव की सुनरा से टप्पेबाजों ने कुछ सुंघाकर उसके जेवर के बदले कागज का बंडल दिया था। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से जेवरात, नकदी, बाइक के साथ ही तमंचा और कारतूस भी बरामद हुआ है। थाना फूलपुर पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि टप्पेबाजी/ठगी की घटनाओं में संलिप्त 3 शातिर बदमाश बिना नम्बर की हीरो स्प्लेण्डर प्लस मोटरसाइकिल से दुर्वाषा की ओर से कस्बा फूलपुर की तरफ आ रहे हैं। जिनके पास ठगी के जेवरात एवं अवैध तमंचा-कारतूस मौजूद हैं। सूचना पर थानाध्यक्ष फूलपुर सच्चिदानन्द मय पुलिस बल द्वारा घेराबंदी की गई। दुर्वाषा की ओर से तेज गति से आ रही मोटरसाइकिल को रोकने का इशारा किया गया, किंतु बदमाश पुलिस को देखकर बाएँ मुडियार रोड की ओर मुड़कर भागने लगे। इसी दौरान उनकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर गिर गई। अपने को घिरता देख बदमाशों द्वारा एक राय होकर पुलिस टीम को गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी गई। पुलिस टीम द्वारा आत्मरक्षा में की गई नियंत्रित फायरिंग के दौरान एक बदमाश राजेश हरिजन पुत्र स्व चन्द्रभान निवासी ग्राम रम्मोपुर, थाना दीदारगंज, के बाएँ पैर में गोली लगने से घायल हो गया। एक अन्य बदमाश प्रमोद हरिजन पुत्र मधुबन निवासी ग्राम खानजहाँपुर, थाना फूलपुर को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। तीसरा अभियुक्त अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया। घायल अभियुक्त को तत्काल उपचार हेतु सीएचसी फूलपुर भेजा गया, जहाँ से जिला अस्पताल आजमगढ़ रेफर किया गया।

*बिजली का बिल जमा कर वापस आ रही महिला के साथ हुई थी टप्पेबाजी की घटना*

सुनरा पत्नी दशरथ निवासी चकनूरी, थाना फूलपुर द्वारा थाना फूलपुर पर सूचना दी गई कि 20 दिसंबर को वह बिजली का बिल जमा कर लगभग 11 बजे दिन में घर लौट रही थी। इसी दौरान खुरासों मोड़ के आगे दिल्ली दरबार के पास दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उसे गुमराह कर बहला-फुसलाकर उसका मंगलसूत्र (सोने के लॉकेट सहित) एवं कान की बालियाँ उतरवा ली गईं। धोखे से कपड़े में लिपटा कागजों का बंडल थमा दिया गया। तहरीर के आधार पर थाना फूलपुर पर दो अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था।

* पुलिस ने बदमाशों के पास से घटना स्थल से बरामदगी*

एक मंगलसूत्र का लॉकेट,दो कान के टॉप्स, एक तमंचा 315 बोर, एक खोखा कारतूस 315 बोर,एक जिन्दा कारतूस 315 बोर,दो मोबाइल मल्टीमीडिया सेट, 1770 नकद, एक मोटरसाइकिल हीरो स्प्लेण्डर प्लस (बिना नम्बर) बरामद किया है।

इस संबंध में सीओ फूलपुर किरन पाल सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर को चकनूरी गांव की महिला फूलपुर उपकेंद्र पर बिजली का बिल जमा करने गयी थी। वापस आते समय उसके साथ टप्पेबाजों/ठगी हुई थी। दो बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। रात में हुई मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हुआ है। दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है।
शीतलहर और घने कोहरे का कहर,नर्सरी से कक्षा 8 तक के सभी विद्यालय 14 जनवरी तक बंद*
सुलतानपुर जनपद में लगातार बढ़ती शीतलहर, कड़ाके की ठंड और घने कोहरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष के निर्देश तथा मुख्य विकास अधिकारी विनय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक संचालित सभी परिषदीय,मान्यता प्राप्त, निजी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों को 14 जनवरी 2025 तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता द्वारा निर्गत आदेश में बताया गया है कि अत्यधिक ठंड और कम दृश्यता के कारण छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह निर्देश नर्सरी,लेकर यूकेजी सहित कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालयों पर समान रूप से लागू होगा। विद्यालय बंद रहने की अवधि में किसी भी प्रकार की शैक्षणिक कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी। जबकि आवश्यक प्रशासनिक कार्य पूर्व निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार चलते रहेंगे। जिला प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने दें। मौसम की स्थिति में सुधार होने पर आगे के निर्देश जारी किए जाएंगे।