75 वर्षीय महिला की रहस्यमयी मौत, घर का सामान अस्त-व्यस्त, लूट के बाद हत्या की आशंका
लखनऊ । राजधानी के जानकीपुरम इलाके में सोमवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब सेक्टर-आई स्थित एक मकान में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं। घर के भीतर का नजारा ऐसा था, मानो किसी ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया हो। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि लूटपाट के दौरान महिला की हत्या की गई है।

नीलिमा श्रीवास्तव कई वर्षों से अकेली रह रही थीं

जानकारी के मुताबिक, मकान नंबर 129 में रहने वाली नीलिमा श्रीवास्तव कई वर्षों से अकेली रह रही थीं। उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था। सुबह जब पड़ोसियों ने काफी देर तक घर का दरवाजा न खुलने पर झांककर देखा तो भीतर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए। फर्श से लेकर अलमारी और बेड तक हर जगह सामान बिखरा पड़ा था और नीलिमा बेदम हालत में पड़ी थीं।

किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किए जाने की आशंका

सूचना पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल से कुछ ऐसे निशान मिले हैं जो संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं।एडीसीपी नार्थ गोपी नाथ सोनी के अनुसार, महिला घर में अकेली रहती थीं और सुबह मृत मिलीं। घर का सामान पूरी तरह बिखरा हुआ है, इसलिए प्राथमिक दृष्टया मामला हत्या और लूट का प्रतीत होता है। पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि घटना रात में हुई या तड़के सुबह।

घटना से पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई

पड़ोसियों का कहना है कि महिला शांत स्वभाव की थीं और अक्सर पड़ोस में किसी से बातचीत कम ही करती थीं। घटना से पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई है। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है और आसपास के संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।फिलहाल पूरी वारदात रहस्य बनी हुई है, और पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है।
चुनावी चंदे से मालामाल हुई बीजेपी, टाटा ग्रुप के ट्रस्ट ने दिए 757 करोड़, जानें कांग्रेस को कितना मिला

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फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म किए जाने के बाद भी बीजेपी की फंडिंग पर असर नहीं पड़ा है। इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद कहा जा रहा था कि राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग पर असर पड़ेगा, लेकिन 2024-25 के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को ट्रस्ट रूट के जरिए भारी चंदा मिला है।

टाटा समूह के राजनीतिक चंदे में 83% रकम बीजेपी को मिले

टाटा समूह के नियंत्रण वाले प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (पीईटी) के जरिए 2024-25 में 915 करोड़ रुपये के राजनीतिक चंदे में से लगभग 83% रकम बीजेपी को मिली, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 8.4% हिस्सा मिला।

अलग-अलग ट्रस्ट्स से लगभग ₹959 करोड़ की फंडिंग

2024-25 में बीजेपी को अलग-अलग ट्रस्ट्स से लगभग ₹959 करोड़ की फंडिंग मिली। सबसे अधिक योगदान पीईटी का रहा, जबकि कई अन्य ट्रस्ट्स ने भी पार्टी को समर्थन दिया। पार्टी को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 757.6 करोड़ रुपये, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 150 करोड़ रुपये, हार्मनी ट्रस्ट से 30.1 करोड़, ट्रॉयम्फ ट्रस्ट से 21 करोड़, जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख और आइंजिगार्टिग ट्रस्ट से 7.75 लाख रुपये मिले।

कांग्रेस को कितना मिला चुनावी चंदा?

वहीं, कांग्रेस को चुनावी चंदे में भी बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस को 2024-25 में प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 77.3 करोड़ रुपये मिले, जबकि न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 5 करोड़ और जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख रुपये मिले। इसके अलावा प्रूडेंट ने कांग्रेस को 216.33 करोड़ और AB जनरल ट्रस्ट ने 15 करोड़ रुपये दिए। इस तरह कांग्रेस को इस साल कुल चंदे का बड़ा हिस्सा ट्रस्टों के जरिए मिला, हालांकि यह रकम 2023-24 में बॉन्ड से मिले 828 करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम रही।

एकमुश्त समाधान योजना के तहत बिजली उपभोक्ताओं को मिली राहत

हलिया, मीरजापुर।सरकार द्वारा 1 दिसंबर से शुरू की गई बिजली एकमुश्त समाधान योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से मंगलवार को विद्युत विभाग की ओर से हलिया, देवरी के तीता में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में विभाग के जेई और एसडीओ दिलीप कुमार की मौजूदगी में उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की जांच की गई तथा आवश्यक संशोधन तुरंत कर दिए गए।

पात्र उपभोक्ताओं को सुरचार्ज माफी सहित योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया।शिविर में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की इस योजना से उन्हें काफी राहत मिलेगी। कई उपभोक्ताओं ने मौके पर ही अपने बकाया बिलों का निपटारा कर रसीद प्राप्त की। विभागीय कर्मचारियों नेउपभोक्ताओं को योजना से जुड़े नियम,भुगतान प्रक्रिया और बिल जमा करने की पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान की।

इस संबंध में एसडीओ दिलीप कुमार ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को बकाया बिजली बिलों से राहत देना और प्रक्रिया को सरल बनाना है। तीन शिविरों में कुल 53 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 8 उपभोक्ताओं ने अपना बकाया बिल जमा कर योजना का लाभ उठाया। शिविरों में कुल 2 लाख 85 हजार रुपये की राशि प्राप्त की गई। विभाग द्वारा उपस्थित सभी उपभोक्ताओं को योजना की विस्तृत जानकारी दी गई।

गोंडा में पुलिस–आबकारी की मिलीभगत से पनप रहा अवैध गांजा कारोबार

कटरा बाजार बना नशे का नया अड्डा, वायरल वीडियो से हड़कंप

गोंडा। जनपद में नशे के बढ़ते जाल पर जिम्मेदार विभागों की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। कटरा बाजार क्षेत्र में अवैध गांजे की खुली बिक्री का एक वीडियो पिछले एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाई दे रही अवैध गतिविधियों को लोग कटरा बाजार का ही बता रहे हैं, और जिम्मेदार पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग द्वारा अभी तक मामले का संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई ना किये जाने से लोगों में गहरी नाराजगी है।

स्थानीय लोगों का आरोप—पुलिस व आबकारी विभाग की मिलीभगत के बिना संभव नहीं अवैध धंधा

लोगों का कहना है कि कटरा बाजार में लंबे समय से गांजे का कारोबार बेखौफ तरीके से चल रहा है। आरोप है कि अवैध कारोबारियों को पुलिस व आबकारी विभाग का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते न तो छापेमारी होती है और न ही किसी तरह की निर्णायक कार्रवाई होती है।

कटरा बाजार में नशे का साम्राज्य—युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा प्रभावित

क्षेत्रवासियों के अनुसार, कटरा बाजार नशे का अड्डा बन चुका है जहाँ कईफीवर स्थानों पर प्रतिदिन खुलेआम गांजा बेचा जाता है। स्थानीय युवाओं पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है और कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुँच रहे हैं। बढ़ते नशे के चलन को लेकर लोगों में गहरी चिंता है। वायरल वीडियो पर जिम्मेदारों की खामोशी सवालों के घेरे में है। एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बावजूद न तो थाना पुलिस ने कोई जांच शुरू की, न ही आबकारी विभाग ने कोई सख्त कदम उठाया है। यही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय–समय पर जारी निर्देश कागज़ों तक सीमित दिखाई दे रहे हैं।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कटरा बाजार में चल रहे अवैध गांजा कारोबार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा इसमें शामिल अधिकारियों और माफिया तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

क्या है 'संचार साथी' एप जिसपर मचा घमासान ? विपक्ष ने घेरा तो सरकार ने दी सफाई

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भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकम्युनिकेशन (डीओटी) ने सोमवार को स्मार्टफोन निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे मार्च 2026 से बेचे जाने वाले नए मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करके रखें। डीओटी ने कहा है कि स्मार्टफोन निर्माता इस बात को सुनिश्चित करें कि ऐप को न तो डीएक्टिवेट किया जाए और न ही इस पर किसी तरह की पाबंदियां लगें। विपक्ष इसे 'निगरानी एप' बताकर विरोध कर रही थी। अब इस पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा और राहत देने वाला बयान आया है।

संचार साथी ऐप की वजह से देश की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। देश में बेचे जाने वाले हर नए मोबाइल हैंडसेट में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल किए जाने के फैसले को केंद्र सरकार जहां इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ‘बेहद जरूरी’ कदम बता रही है। वहीं विपक्ष इसे सीधे-सीधे नागरिकों की निजी स्वतंत्रता पर हमला और ‘राज्य निगरानी’ की ओर खतरनाक बढ़त करार दे रहा है।

इस बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इसके जरिए किसी तरह की कोई जासूसी नहीं हो रही है, ना ही किसी तरह की कॉल मॉनिटरिंग है। अगर आप चाहते हैं तब इसको एक्टिवेट कीजिए, नहीं चाहते हैं तो एक्टिवेट नहीं करें। अगर फोन में रखना चाहते हैं तो रखें, नहीं रखना चाहते तो ना रखें। अगर डिलीट करना हो तो ऐप को डिलीट कर सकते हैं, यह मैंडेटरी नहीं है।

सिंधिया ने विपक्ष की आलोचनाओं को किया खारिज

संचार साथी एप को लेकर जारी बहस पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष की आलोचनाओं को सख्ती से खारिज किया। मंत्री ने कहा कि जब विपक्ष के पास ठोस मुद्दे नहीं होते, तो वे जबरदस्ती विवाद खड़ा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सिंधिया ने बताया कि संचार साथी पोर्टल को अब तक 20 करोड़ से ज्यादा लोग इस्तेमाल कर चुके हैं, जबकि एप के 1.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। उनके मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म की मदद से करीब 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं। साथ ही, 20 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए और 7.5 लाख से अधिक मोबाइल उनके मालिकों को वापस किए गए हैं।

क्या है संचार साथी ऐप

संचार साथी ऐप साइबर सिक्योरिटी टूल है। यह ऐप 17 जनवरी 2025 में मोबाइल ऐप के रूप में पेश किया गया। यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। यह सीधे सरकार की टेलिकॉम सिक्योरिटी प्रणाली से जुड़ा हुआ है। दरअसल, सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर यानी सीईआईआर केंद्रीय डेटाबेस है, जहाँ देश के हर मोबाइल फोन का IMEI नंबर दर्ज रहता है। सरकार का दावा है कि संचार साथी ऐप फोन की सुरक्षा, पहचान की सुरक्षा और डिजिटल ठगी से बचाने का एक आसान और उपयोगी टूल है। सरकार का दावा है कि यह फोन को सुरक्षित रखता है, ग्राहक की पहचान के दुरुपयोग को रोकता है और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सरकारी सहायता उपलब्ध कराता है। यह फोन के IMEI नंबर, मोबाइल नंबर और नेटवर्क से जुड़ी जानकारी की मदद से ग्राहक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

मोबाइल उपयोगकर्ता आसानी से कर सकते हैं इस्तेमाल*

जब ग्राहक इस ऐप को फोन में खोलते हैं, तो सबसे पहले यह मोबाइल नंबर मांगता है. नंबर डालने के बाद फोन पर एक ओटीपी आता है, जिसे डालकर फोन इस ऐप से जुड़ जाता है। इसके बाद ऐप फोन के IMEI नंबर को पहचान लेता है। ऐप IMEI को दूरसंचार विभाग की केंद्रीय CEIR प्रणाली से मिलाता है और यह जांचता है कि फोन की शिकायत चोरी के मामले में दर्ज तो नहीं है या फिर ये ब्लैकलिस्टेड तो नहीं है। यह ऐप हिंदी और 21 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। ज़ाहिर से इससे इसे देशभर के लगभग सभी मोबाइल उपयोगकर्ता इस्तेमाल कर सकते हैं।

गया में बैंक कर्मचारी का पालतू डॉगी लापता, खोजने वाले को ₹10,000 इनाम

गया। रामपुर थाना क्षेत्र के जेल रोड में स्थित सीआरपीएफ 159 बटालियन कैंप के सामने रहने वाले बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कर्मचारी कन्हैया लाल गुप्ता का पालतू डॉगी पिछले कई दिनों से लापता है। डॉगी के अचानक गायब होने से पूरा परिवार सदमे में है और इसकी तलाश में हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मालिक ने डॉगी का पोस्टर जारी करते हुए उसे खोज निकालने वाले के लिए ₹10,000 इनाम की घोषणा की है।

मिली जानकारी के अनुसार, घटना 27 नवंबर 2025 की सुबह लगभग 8 बजे की है। कन्हैया लाल गुप्ता अपने आवास पर रोज़ाना की तरह डॉगी को बाहर खेलने के लिए छोड़ते थे, लेकिन उस दिन डॉगी अचानक गुम हो गया। परिवार ने आसपास के इलाकों – जेल रोड, सीआरपीएफ कैंप के पास, टीवीएस शोरूम क्षेत्र और रामपुर मोहल्ले में लगातार खोजबीन की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया।

लापता डॉगी का नाम स्कूबी है। उसका रंग आगे से सफेद, जबकि पीठ से पीछे तक काला है। उसके कानों के ऊपर घने बाल हैं और आकार में वह बड़ा है। मालिक ने बताया कि डॉगी परिवार का सदस्य जैसा था और उसके गायब होने के बाद घर का माहौल बेहद दुखद हो गया है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी उसकी चिंता में परेशान हैं।

कन्हैया लाल गुप्ता ने इस मामले की जानकारी रामपुर थाना में भी दे दी है। पुलिस को आशंका है कि डॉगी रास्ता भटक गया होगा या किसी ने उसे अपने पास रख लिया होगा। जिसके चलते पुलिस ने स्थानीय लोगों और दुकानदरों से भी पूछताछ की है।

डॉगी के मालिक ने सोशल मीडिया और पोस्टर के माध्यम से शहरवासियों से अपील की है कि यदि किसी को भी यह डॉगी दिखाई दे या इसके संबंध में कोई जानकारी मिले तो वे तुरंत उन्हें सूचित करें। सूचना देने वाले को ₹10,000 का इनाम देने की घोषणा की गई है।

डॉगी का लापता होना सिर्फ गुप्ता परिवार ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों को भी चिंतित कर रहा है, क्योंकि यह डॉगी इलाके में काफी मिलनसार और सभी का प्रिय था। फिलहाल परिवार इसकी सकुशल वापसी की उम्मीद में लगातार खोज जारी रखे हुए है।

विश्व प्रसिद्ध धर्म नगरी एवं आस्था का केन्द्र बना संगम प्रयागराज

प्रतिवर्ष माघ मास में होता है 84 लाख देवी देवताओ का वास  

संजय द्विवेदी प्रयागराज।विगत वर्ष माघ मास में 142 वर्षो बाद लगा धर्म नगरी संगम क्षेत्र में महाकुम्भ के दौरान देश विदेश से संगम स्नान करने हेतु आए स्नानार्थियो ने पूरे विश्व में प्रयागराज जिले का नाम तो रोशन कर ही दिया है।जबकि प्रयागराज में प्रतिवर्ष माघ मास में संगम की रेती पर देश-विदेश से आए हुए सनातन धर्मावलम्बियो महात्माओ का निवास संगम की रेती पर 84 लाख देवी देवताओ के बीच तम्बुओ की नगरी में बना ही रहता है।ठीक उसी प्रकार इस वर्ष भी संगम की रेती पर तंबुओ की नगरी बनना शुरू हो चुका है।क्योकि माघ मेला प्रतिवर्ष जनवरी फरवरी के महीने में ही लगता है जबकि कुम्भ मेला एक बड़ा और दुर्लभ आयोजन है जो हर 12 वर्षों में चार पवित्र स्थान प्रयागराज नासिक उज्जैन हरिद्वार में लगता है।

माघ मेला कुम्भ की तुलना में छोटा होता है और दोनों में अंतर उनकी आवृत्ति एवं भव्यता का है त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करना आध्यात्मिक महत्व है।पौराणिक कथाओ के अनुसार संगम स्नान करने वाले व्यक्ति संगम तट पर विराजमान हनुमान जी का दर्शन पूजन जरुर करते है।जो एक प्रसिद्ध मंदिर है भारत के कुछ अनोखे मंदिरों में एक है जो गंगा यमुना नदियो के संगम तट पर स्थित है जहां हनुमान जी लेटे हुए स्वरूप में दर्शाये गए है मान्यता है कि लंका पर विजय के बाद जब हनुमान जी यहां पहुंच कर विश्राम कर रहे थे तभी यह प्रतिमा इस अवस्था में स्थापित हो गई थी।श्रद्धालु स्नान करने के बाद यहां दर्शन पूजन करना नहीं भूलते माना जाने के साथ-साथ देखा भी जाता है कि प्रतिवर्ष मां गंगा प्रतिवर्ष संकट मोचन बजंरगबली को उनके स्थान पर पहुंचकर स्नान कराती है।वैसे तो संगम क्षेत्र में अरैल की तरफ भी अनेको साधु संतों एवं महात्माओं तथा सुप्रसिद्ध फलाहारी बाबा का बांध रोड से लगा हुआ मठ मंदिर रुपी आश्रम है जहां लोग फलाहारी बाबा से दीक्षा ग्रहण करते है।संगम क्षेत्र में स्नान करने हेतु आने वाले स्नानार्थियो द्वारा भी उक्त स्थान पर बने मंदिरों में निवास करने वाले महात्माओ का भी दर्शन पूजन किया करते हैं और उनके द्वारा आशीर्वाद प्राप्त कर अपने आप को लोग गौरवान्वित महसूस करते है।

सवा लाख का इनामी बदमाश मिथुन ढेर, एक पुलिसकर्मी घायल
लखनऊ ।  शामली में वेदखेड़ी–मंसूरा मार्ग पर सोमवार देर रात पुलिस की एसओजी और झिंझाना थाना टीम को बड़ी सफलता मिली। बदमाशों से हुई मुठभेड़ में बावरिया गिरोह का कुख्यात अपराधी और ₹1.25 लाख का इनामी मिथुन मारा गया, जबकि उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। इस दौरान एसओजी के हेड कांस्टेबल हरविंदर गोली लगने से घायल हो गए। झिंझाना थाना प्रभारी वीरेंद्र कसाना की जैकेट में भी गोली लगी, लेकिन वे सुरक्षित हैं।

घटनास्थल से एक कार्बाइन और मेड-इन-इटली पिस्टल बरामद

एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात सूचना मिली थी कि बावरिया गिरोह के सदस्य वेदखेड़ी–मंसूरा रोड पर किसी बड़ी वारदात की फिराक में हैं। इस पर पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें इनामी मिथुन ढेर हो गया। मौके से उसका साथी राहुल फरार हो गया। घायल कांस्टेबल को ऊन सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया है।मुठभेड़ के बाद पुलिस को घटनास्थल से एक कार्बाइन और मेड-इन-इटली पिस्टल बरामद हुई।

पुलिस की ओर से ₹25,000 का इनाम घोषित था

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मिथुन पर शामली में ₹1 लाख और बागपत पुलिस की ओर से ₹25,000 का इनाम घोषित था। वह बागपत में कांवड़ यात्रा के दौरान महिला से लूट की वारदात में शामिल था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, चोरी सहित 20 से अधिक मामले दर्ज थे। पुलिस जांच में सामने आया कि अपराध के बाद वह पंजाब, साउथ दिल्ली, जयपुर और अन्य शहरों में शरण लेता था तथा यूपी, उत्तराखंड और दक्षिण भारत के कई राज्यों में सक्रिय था। वह वर्ष 2017 में झिंझाना के भारत कुमार हत्याकांड का भी आरोपी रहा है।

संजीव जीवा गैंग का शूटर फैसल ढेर हुआ था

हाल के महीनों में शामली पुलिस लगातार अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है। इससे पहले पुलिस 18 अक्टूबर को भभीसा गांव के जंगल में हुई मुठभेड़ में ₹1 लाख के इनामी नफीस को मार गिरा चुकी है, जबकि 24 अक्टूबर को भोगी माजरा के पास हुई मुठभेड़ में संजीव जीवा गैंग का शूटर फैसल ढेर हुआ था। अब तीसरे इनामी बदमाश मिथुन के मारे जाने से जिले में सक्रिय गैंगों का नेटवर्क कमजोर पड़ गया है।पुलिस का कहना है कि लगातार की जा रही इन कार्रवाइयों से जिले में अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है।
बलरामपुर में भीषण सड़क हादसा: बस–ट्रक में टक्कर के बाद लगी आग, तीन की मौत, 25 घायल

बलरामपुर। कोतवाली देहात क्षेत्र के फुलवरिया बायपास पर मंगलवार तड़के लगभग 4:30 बजे दर्दनाक हादसा हो गया। सोनौली से दिल्ली जा रही एक निजी बस और सामने से आ रहे मालवाहक ट्रक की आमने-सामने टक्कर होते ही दोनों वाहनों में भीषण आग लग गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि 25 यात्री गंभीर रूप से झुलसकर घायल हो गए।

बिजली के तारों के संपर्क में आने से आग तेजी से फैल गई

टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस सड़क किनारे लगे ट्रांसफॉर्मर से टकराकर झुक गई और बिजली के तारों के संपर्क में आने से आग तेजी से फैल गई। कुछ ही ही मिनटों में बस और ट्रक दोनों लपटों में घिर गए। कई यात्री बस से बाहर निकल भी नहीं पाए और झुलस गए। ट्रक पलटने के बाद उसके नीचे एक अज्ञात शव भी मिला, जो आग की वजह से पूरी तरह क्षत-विक्षत हो चुका था। पुलिस का अंदेशा है कि मृतक ट्रक में सवार व्यक्ति हो सकता है।

डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे

दुर्घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, यातायात पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने के साथ बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को इलाज के लिए तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया।घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने राहत-बचाव कार्य की समीक्षा करते हुए टीमों को तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए। बाद में वे अस्पताल पहुंचे और घायलों से मिलकर उनके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित कराई।

पुलिस ने घटना स्थल का किया सील

प्राथमिक जांच में पता चला कि दिल्ली जाने वाली निजी बस जैसे ही फुलवरिया चौराहे से गुजर रही थी, तभी फुलवरिया ओवरब्रिज की ओर से आ रहा तेज रफ्तार ट्रक सीधे बस में जा घुसा। टक्कर से दोनों वाहनों के हिस्से चकनाचूर हो गए और बिजली तारों की चपेट में आने से आग लग गई। पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है और दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है।

Sambhal में अवैध ई-रिक्शा संचालन पर बड़ी कार्रवाई, दस से अधिक ई-रिक्शा सीज, एक लाख रुपये का जुर्माना वसूला

संभल।जिले में अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शाओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने सोमवार को बड़े अभियान को अंजाम दिया। सम्भल कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय में एआरटीओ प्रशासन अमिताभ चतुर्वेदी और सीओ यातायात दीपक तिवारी के संयुक्त नेतृत्व में वाहनों की सघन चेकिंग की गई। इस दौरान दस से अधिक ई-रिक्शाओं को मौके पर ही सीज कर दिया गया, जबकि लगभग एक लाख रुपये का चालान वसूल किया गया।

जानकारी के अनुसार, कई ई-रिक्शा चालक बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, बिना परमिट और निर्धारित रूट का पालन किए बिना शहर में आवागमन कर रहे थे। शिकायतें मिलने के बाद विभागीय टीम ने अचानक चौधरी सराय क्षेत्र में अभियान चलाया। अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की और उन्हें नियमों का पालन करने की चेतावनी भी दी। एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने बताया कि अनियमित ई-रिक्शा संचालन से शहर में यातायात व्यवस्था बिगड़ती है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बिना परमिट और नियमों के विपरीत वाहन चालकों को किसी भी कीमत पर छूट नहीं दी जाएगी।

वहीं, सीओ यातायात दीपक तिवारी ने बताया कि ई-रिक्शाओं की लगातार बढ़ती संख्या से सड़क सुरक्षा प्रभावित हो रही है, इसलिए ऐसे वाहनों पर सख्ती जरूरी है। अभियान के दौरान यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की टीम ने पूरे क्षेत्र में निरीक्षण कर दस्तावेजों की जांच की। कई वाहन चालक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिसके बाद उनके वाहन सीज कर दिए गए।

अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान आगे भी समय-समय पर जारी रहेगा, ताकि अवैध ई-रिक्शा संचालन पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित किया जा सके। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा तथा अनियंत्रित ई-रिक्शा संचालन पर रोक लगेगी।

75 वर्षीय महिला की रहस्यमयी मौत, घर का सामान अस्त-व्यस्त, लूट के बाद हत्या की आशंका
लखनऊ । राजधानी के जानकीपुरम इलाके में सोमवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब सेक्टर-आई स्थित एक मकान में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं। घर के भीतर का नजारा ऐसा था, मानो किसी ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया हो। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि लूटपाट के दौरान महिला की हत्या की गई है।

नीलिमा श्रीवास्तव कई वर्षों से अकेली रह रही थीं

जानकारी के मुताबिक, मकान नंबर 129 में रहने वाली नीलिमा श्रीवास्तव कई वर्षों से अकेली रह रही थीं। उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था। सुबह जब पड़ोसियों ने काफी देर तक घर का दरवाजा न खुलने पर झांककर देखा तो भीतर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए। फर्श से लेकर अलमारी और बेड तक हर जगह सामान बिखरा पड़ा था और नीलिमा बेदम हालत में पड़ी थीं।

किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किए जाने की आशंका

सूचना पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल से कुछ ऐसे निशान मिले हैं जो संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं।एडीसीपी नार्थ गोपी नाथ सोनी के अनुसार, महिला घर में अकेली रहती थीं और सुबह मृत मिलीं। घर का सामान पूरी तरह बिखरा हुआ है, इसलिए प्राथमिक दृष्टया मामला हत्या और लूट का प्रतीत होता है। पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि घटना रात में हुई या तड़के सुबह।

घटना से पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई

पड़ोसियों का कहना है कि महिला शांत स्वभाव की थीं और अक्सर पड़ोस में किसी से बातचीत कम ही करती थीं। घटना से पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई है। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है और आसपास के संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।फिलहाल पूरी वारदात रहस्य बनी हुई है, और पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है।
चुनावी चंदे से मालामाल हुई बीजेपी, टाटा ग्रुप के ट्रस्ट ने दिए 757 करोड़, जानें कांग्रेस को कितना मिला

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फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म किए जाने के बाद भी बीजेपी की फंडिंग पर असर नहीं पड़ा है। इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद कहा जा रहा था कि राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग पर असर पड़ेगा, लेकिन 2024-25 के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को ट्रस्ट रूट के जरिए भारी चंदा मिला है।

टाटा समूह के राजनीतिक चंदे में 83% रकम बीजेपी को मिले

टाटा समूह के नियंत्रण वाले प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (पीईटी) के जरिए 2024-25 में 915 करोड़ रुपये के राजनीतिक चंदे में से लगभग 83% रकम बीजेपी को मिली, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 8.4% हिस्सा मिला।

अलग-अलग ट्रस्ट्स से लगभग ₹959 करोड़ की फंडिंग

2024-25 में बीजेपी को अलग-अलग ट्रस्ट्स से लगभग ₹959 करोड़ की फंडिंग मिली। सबसे अधिक योगदान पीईटी का रहा, जबकि कई अन्य ट्रस्ट्स ने भी पार्टी को समर्थन दिया। पार्टी को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 757.6 करोड़ रुपये, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 150 करोड़ रुपये, हार्मनी ट्रस्ट से 30.1 करोड़, ट्रॉयम्फ ट्रस्ट से 21 करोड़, जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख और आइंजिगार्टिग ट्रस्ट से 7.75 लाख रुपये मिले।

कांग्रेस को कितना मिला चुनावी चंदा?

वहीं, कांग्रेस को चुनावी चंदे में भी बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस को 2024-25 में प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 77.3 करोड़ रुपये मिले, जबकि न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 5 करोड़ और जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख रुपये मिले। इसके अलावा प्रूडेंट ने कांग्रेस को 216.33 करोड़ और AB जनरल ट्रस्ट ने 15 करोड़ रुपये दिए। इस तरह कांग्रेस को इस साल कुल चंदे का बड़ा हिस्सा ट्रस्टों के जरिए मिला, हालांकि यह रकम 2023-24 में बॉन्ड से मिले 828 करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम रही।

एकमुश्त समाधान योजना के तहत बिजली उपभोक्ताओं को मिली राहत

हलिया, मीरजापुर।सरकार द्वारा 1 दिसंबर से शुरू की गई बिजली एकमुश्त समाधान योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से मंगलवार को विद्युत विभाग की ओर से हलिया, देवरी के तीता में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में विभाग के जेई और एसडीओ दिलीप कुमार की मौजूदगी में उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की जांच की गई तथा आवश्यक संशोधन तुरंत कर दिए गए।

पात्र उपभोक्ताओं को सुरचार्ज माफी सहित योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया।शिविर में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की इस योजना से उन्हें काफी राहत मिलेगी। कई उपभोक्ताओं ने मौके पर ही अपने बकाया बिलों का निपटारा कर रसीद प्राप्त की। विभागीय कर्मचारियों नेउपभोक्ताओं को योजना से जुड़े नियम,भुगतान प्रक्रिया और बिल जमा करने की पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान की।

इस संबंध में एसडीओ दिलीप कुमार ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को बकाया बिजली बिलों से राहत देना और प्रक्रिया को सरल बनाना है। तीन शिविरों में कुल 53 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 8 उपभोक्ताओं ने अपना बकाया बिल जमा कर योजना का लाभ उठाया। शिविरों में कुल 2 लाख 85 हजार रुपये की राशि प्राप्त की गई। विभाग द्वारा उपस्थित सभी उपभोक्ताओं को योजना की विस्तृत जानकारी दी गई।

गोंडा में पुलिस–आबकारी की मिलीभगत से पनप रहा अवैध गांजा कारोबार

कटरा बाजार बना नशे का नया अड्डा, वायरल वीडियो से हड़कंप

गोंडा। जनपद में नशे के बढ़ते जाल पर जिम्मेदार विभागों की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। कटरा बाजार क्षेत्र में अवैध गांजे की खुली बिक्री का एक वीडियो पिछले एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाई दे रही अवैध गतिविधियों को लोग कटरा बाजार का ही बता रहे हैं, और जिम्मेदार पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग द्वारा अभी तक मामले का संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई ना किये जाने से लोगों में गहरी नाराजगी है।

स्थानीय लोगों का आरोप—पुलिस व आबकारी विभाग की मिलीभगत के बिना संभव नहीं अवैध धंधा

लोगों का कहना है कि कटरा बाजार में लंबे समय से गांजे का कारोबार बेखौफ तरीके से चल रहा है। आरोप है कि अवैध कारोबारियों को पुलिस व आबकारी विभाग का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते न तो छापेमारी होती है और न ही किसी तरह की निर्णायक कार्रवाई होती है।

कटरा बाजार में नशे का साम्राज्य—युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा प्रभावित

क्षेत्रवासियों के अनुसार, कटरा बाजार नशे का अड्डा बन चुका है जहाँ कईफीवर स्थानों पर प्रतिदिन खुलेआम गांजा बेचा जाता है। स्थानीय युवाओं पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है और कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुँच रहे हैं। बढ़ते नशे के चलन को लेकर लोगों में गहरी चिंता है। वायरल वीडियो पर जिम्मेदारों की खामोशी सवालों के घेरे में है। एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बावजूद न तो थाना पुलिस ने कोई जांच शुरू की, न ही आबकारी विभाग ने कोई सख्त कदम उठाया है। यही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय–समय पर जारी निर्देश कागज़ों तक सीमित दिखाई दे रहे हैं।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कटरा बाजार में चल रहे अवैध गांजा कारोबार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा इसमें शामिल अधिकारियों और माफिया तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

क्या है 'संचार साथी' एप जिसपर मचा घमासान ? विपक्ष ने घेरा तो सरकार ने दी सफाई

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भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकम्युनिकेशन (डीओटी) ने सोमवार को स्मार्टफोन निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे मार्च 2026 से बेचे जाने वाले नए मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करके रखें। डीओटी ने कहा है कि स्मार्टफोन निर्माता इस बात को सुनिश्चित करें कि ऐप को न तो डीएक्टिवेट किया जाए और न ही इस पर किसी तरह की पाबंदियां लगें। विपक्ष इसे 'निगरानी एप' बताकर विरोध कर रही थी। अब इस पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा और राहत देने वाला बयान आया है।

संचार साथी ऐप की वजह से देश की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। देश में बेचे जाने वाले हर नए मोबाइल हैंडसेट में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल किए जाने के फैसले को केंद्र सरकार जहां इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ‘बेहद जरूरी’ कदम बता रही है। वहीं विपक्ष इसे सीधे-सीधे नागरिकों की निजी स्वतंत्रता पर हमला और ‘राज्य निगरानी’ की ओर खतरनाक बढ़त करार दे रहा है।

इस बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इसके जरिए किसी तरह की कोई जासूसी नहीं हो रही है, ना ही किसी तरह की कॉल मॉनिटरिंग है। अगर आप चाहते हैं तब इसको एक्टिवेट कीजिए, नहीं चाहते हैं तो एक्टिवेट नहीं करें। अगर फोन में रखना चाहते हैं तो रखें, नहीं रखना चाहते तो ना रखें। अगर डिलीट करना हो तो ऐप को डिलीट कर सकते हैं, यह मैंडेटरी नहीं है।

सिंधिया ने विपक्ष की आलोचनाओं को किया खारिज

संचार साथी एप को लेकर जारी बहस पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष की आलोचनाओं को सख्ती से खारिज किया। मंत्री ने कहा कि जब विपक्ष के पास ठोस मुद्दे नहीं होते, तो वे जबरदस्ती विवाद खड़ा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सिंधिया ने बताया कि संचार साथी पोर्टल को अब तक 20 करोड़ से ज्यादा लोग इस्तेमाल कर चुके हैं, जबकि एप के 1.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। उनके मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म की मदद से करीब 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं। साथ ही, 20 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए और 7.5 लाख से अधिक मोबाइल उनके मालिकों को वापस किए गए हैं।

क्या है संचार साथी ऐप

संचार साथी ऐप साइबर सिक्योरिटी टूल है। यह ऐप 17 जनवरी 2025 में मोबाइल ऐप के रूप में पेश किया गया। यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। यह सीधे सरकार की टेलिकॉम सिक्योरिटी प्रणाली से जुड़ा हुआ है। दरअसल, सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर यानी सीईआईआर केंद्रीय डेटाबेस है, जहाँ देश के हर मोबाइल फोन का IMEI नंबर दर्ज रहता है। सरकार का दावा है कि संचार साथी ऐप फोन की सुरक्षा, पहचान की सुरक्षा और डिजिटल ठगी से बचाने का एक आसान और उपयोगी टूल है। सरकार का दावा है कि यह फोन को सुरक्षित रखता है, ग्राहक की पहचान के दुरुपयोग को रोकता है और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सरकारी सहायता उपलब्ध कराता है। यह फोन के IMEI नंबर, मोबाइल नंबर और नेटवर्क से जुड़ी जानकारी की मदद से ग्राहक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

मोबाइल उपयोगकर्ता आसानी से कर सकते हैं इस्तेमाल*

जब ग्राहक इस ऐप को फोन में खोलते हैं, तो सबसे पहले यह मोबाइल नंबर मांगता है. नंबर डालने के बाद फोन पर एक ओटीपी आता है, जिसे डालकर फोन इस ऐप से जुड़ जाता है। इसके बाद ऐप फोन के IMEI नंबर को पहचान लेता है। ऐप IMEI को दूरसंचार विभाग की केंद्रीय CEIR प्रणाली से मिलाता है और यह जांचता है कि फोन की शिकायत चोरी के मामले में दर्ज तो नहीं है या फिर ये ब्लैकलिस्टेड तो नहीं है। यह ऐप हिंदी और 21 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। ज़ाहिर से इससे इसे देशभर के लगभग सभी मोबाइल उपयोगकर्ता इस्तेमाल कर सकते हैं।

गया में बैंक कर्मचारी का पालतू डॉगी लापता, खोजने वाले को ₹10,000 इनाम

गया। रामपुर थाना क्षेत्र के जेल रोड में स्थित सीआरपीएफ 159 बटालियन कैंप के सामने रहने वाले बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कर्मचारी कन्हैया लाल गुप्ता का पालतू डॉगी पिछले कई दिनों से लापता है। डॉगी के अचानक गायब होने से पूरा परिवार सदमे में है और इसकी तलाश में हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मालिक ने डॉगी का पोस्टर जारी करते हुए उसे खोज निकालने वाले के लिए ₹10,000 इनाम की घोषणा की है।

मिली जानकारी के अनुसार, घटना 27 नवंबर 2025 की सुबह लगभग 8 बजे की है। कन्हैया लाल गुप्ता अपने आवास पर रोज़ाना की तरह डॉगी को बाहर खेलने के लिए छोड़ते थे, लेकिन उस दिन डॉगी अचानक गुम हो गया। परिवार ने आसपास के इलाकों – जेल रोड, सीआरपीएफ कैंप के पास, टीवीएस शोरूम क्षेत्र और रामपुर मोहल्ले में लगातार खोजबीन की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया।

लापता डॉगी का नाम स्कूबी है। उसका रंग आगे से सफेद, जबकि पीठ से पीछे तक काला है। उसके कानों के ऊपर घने बाल हैं और आकार में वह बड़ा है। मालिक ने बताया कि डॉगी परिवार का सदस्य जैसा था और उसके गायब होने के बाद घर का माहौल बेहद दुखद हो गया है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी उसकी चिंता में परेशान हैं।

कन्हैया लाल गुप्ता ने इस मामले की जानकारी रामपुर थाना में भी दे दी है। पुलिस को आशंका है कि डॉगी रास्ता भटक गया होगा या किसी ने उसे अपने पास रख लिया होगा। जिसके चलते पुलिस ने स्थानीय लोगों और दुकानदरों से भी पूछताछ की है।

डॉगी के मालिक ने सोशल मीडिया और पोस्टर के माध्यम से शहरवासियों से अपील की है कि यदि किसी को भी यह डॉगी दिखाई दे या इसके संबंध में कोई जानकारी मिले तो वे तुरंत उन्हें सूचित करें। सूचना देने वाले को ₹10,000 का इनाम देने की घोषणा की गई है।

डॉगी का लापता होना सिर्फ गुप्ता परिवार ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों को भी चिंतित कर रहा है, क्योंकि यह डॉगी इलाके में काफी मिलनसार और सभी का प्रिय था। फिलहाल परिवार इसकी सकुशल वापसी की उम्मीद में लगातार खोज जारी रखे हुए है।

विश्व प्रसिद्ध धर्म नगरी एवं आस्था का केन्द्र बना संगम प्रयागराज

प्रतिवर्ष माघ मास में होता है 84 लाख देवी देवताओ का वास  

संजय द्विवेदी प्रयागराज।विगत वर्ष माघ मास में 142 वर्षो बाद लगा धर्म नगरी संगम क्षेत्र में महाकुम्भ के दौरान देश विदेश से संगम स्नान करने हेतु आए स्नानार्थियो ने पूरे विश्व में प्रयागराज जिले का नाम तो रोशन कर ही दिया है।जबकि प्रयागराज में प्रतिवर्ष माघ मास में संगम की रेती पर देश-विदेश से आए हुए सनातन धर्मावलम्बियो महात्माओ का निवास संगम की रेती पर 84 लाख देवी देवताओ के बीच तम्बुओ की नगरी में बना ही रहता है।ठीक उसी प्रकार इस वर्ष भी संगम की रेती पर तंबुओ की नगरी बनना शुरू हो चुका है।क्योकि माघ मेला प्रतिवर्ष जनवरी फरवरी के महीने में ही लगता है जबकि कुम्भ मेला एक बड़ा और दुर्लभ आयोजन है जो हर 12 वर्षों में चार पवित्र स्थान प्रयागराज नासिक उज्जैन हरिद्वार में लगता है।

माघ मेला कुम्भ की तुलना में छोटा होता है और दोनों में अंतर उनकी आवृत्ति एवं भव्यता का है त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करना आध्यात्मिक महत्व है।पौराणिक कथाओ के अनुसार संगम स्नान करने वाले व्यक्ति संगम तट पर विराजमान हनुमान जी का दर्शन पूजन जरुर करते है।जो एक प्रसिद्ध मंदिर है भारत के कुछ अनोखे मंदिरों में एक है जो गंगा यमुना नदियो के संगम तट पर स्थित है जहां हनुमान जी लेटे हुए स्वरूप में दर्शाये गए है मान्यता है कि लंका पर विजय के बाद जब हनुमान जी यहां पहुंच कर विश्राम कर रहे थे तभी यह प्रतिमा इस अवस्था में स्थापित हो गई थी।श्रद्धालु स्नान करने के बाद यहां दर्शन पूजन करना नहीं भूलते माना जाने के साथ-साथ देखा भी जाता है कि प्रतिवर्ष मां गंगा प्रतिवर्ष संकट मोचन बजंरगबली को उनके स्थान पर पहुंचकर स्नान कराती है।वैसे तो संगम क्षेत्र में अरैल की तरफ भी अनेको साधु संतों एवं महात्माओं तथा सुप्रसिद्ध फलाहारी बाबा का बांध रोड से लगा हुआ मठ मंदिर रुपी आश्रम है जहां लोग फलाहारी बाबा से दीक्षा ग्रहण करते है।संगम क्षेत्र में स्नान करने हेतु आने वाले स्नानार्थियो द्वारा भी उक्त स्थान पर बने मंदिरों में निवास करने वाले महात्माओ का भी दर्शन पूजन किया करते हैं और उनके द्वारा आशीर्वाद प्राप्त कर अपने आप को लोग गौरवान्वित महसूस करते है।

सवा लाख का इनामी बदमाश मिथुन ढेर, एक पुलिसकर्मी घायल
लखनऊ ।  शामली में वेदखेड़ी–मंसूरा मार्ग पर सोमवार देर रात पुलिस की एसओजी और झिंझाना थाना टीम को बड़ी सफलता मिली। बदमाशों से हुई मुठभेड़ में बावरिया गिरोह का कुख्यात अपराधी और ₹1.25 लाख का इनामी मिथुन मारा गया, जबकि उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। इस दौरान एसओजी के हेड कांस्टेबल हरविंदर गोली लगने से घायल हो गए। झिंझाना थाना प्रभारी वीरेंद्र कसाना की जैकेट में भी गोली लगी, लेकिन वे सुरक्षित हैं।

घटनास्थल से एक कार्बाइन और मेड-इन-इटली पिस्टल बरामद

एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात सूचना मिली थी कि बावरिया गिरोह के सदस्य वेदखेड़ी–मंसूरा रोड पर किसी बड़ी वारदात की फिराक में हैं। इस पर पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें इनामी मिथुन ढेर हो गया। मौके से उसका साथी राहुल फरार हो गया। घायल कांस्टेबल को ऊन सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया है।मुठभेड़ के बाद पुलिस को घटनास्थल से एक कार्बाइन और मेड-इन-इटली पिस्टल बरामद हुई।

पुलिस की ओर से ₹25,000 का इनाम घोषित था

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मिथुन पर शामली में ₹1 लाख और बागपत पुलिस की ओर से ₹25,000 का इनाम घोषित था। वह बागपत में कांवड़ यात्रा के दौरान महिला से लूट की वारदात में शामिल था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, चोरी सहित 20 से अधिक मामले दर्ज थे। पुलिस जांच में सामने आया कि अपराध के बाद वह पंजाब, साउथ दिल्ली, जयपुर और अन्य शहरों में शरण लेता था तथा यूपी, उत्तराखंड और दक्षिण भारत के कई राज्यों में सक्रिय था। वह वर्ष 2017 में झिंझाना के भारत कुमार हत्याकांड का भी आरोपी रहा है।

संजीव जीवा गैंग का शूटर फैसल ढेर हुआ था

हाल के महीनों में शामली पुलिस लगातार अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है। इससे पहले पुलिस 18 अक्टूबर को भभीसा गांव के जंगल में हुई मुठभेड़ में ₹1 लाख के इनामी नफीस को मार गिरा चुकी है, जबकि 24 अक्टूबर को भोगी माजरा के पास हुई मुठभेड़ में संजीव जीवा गैंग का शूटर फैसल ढेर हुआ था। अब तीसरे इनामी बदमाश मिथुन के मारे जाने से जिले में सक्रिय गैंगों का नेटवर्क कमजोर पड़ गया है।पुलिस का कहना है कि लगातार की जा रही इन कार्रवाइयों से जिले में अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है।
बलरामपुर में भीषण सड़क हादसा: बस–ट्रक में टक्कर के बाद लगी आग, तीन की मौत, 25 घायल

बलरामपुर। कोतवाली देहात क्षेत्र के फुलवरिया बायपास पर मंगलवार तड़के लगभग 4:30 बजे दर्दनाक हादसा हो गया। सोनौली से दिल्ली जा रही एक निजी बस और सामने से आ रहे मालवाहक ट्रक की आमने-सामने टक्कर होते ही दोनों वाहनों में भीषण आग लग गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि 25 यात्री गंभीर रूप से झुलसकर घायल हो गए।

बिजली के तारों के संपर्क में आने से आग तेजी से फैल गई

टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस सड़क किनारे लगे ट्रांसफॉर्मर से टकराकर झुक गई और बिजली के तारों के संपर्क में आने से आग तेजी से फैल गई। कुछ ही ही मिनटों में बस और ट्रक दोनों लपटों में घिर गए। कई यात्री बस से बाहर निकल भी नहीं पाए और झुलस गए। ट्रक पलटने के बाद उसके नीचे एक अज्ञात शव भी मिला, जो आग की वजह से पूरी तरह क्षत-विक्षत हो चुका था। पुलिस का अंदेशा है कि मृतक ट्रक में सवार व्यक्ति हो सकता है।

डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे

दुर्घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, यातायात पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने के साथ बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को इलाज के लिए तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया।घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने राहत-बचाव कार्य की समीक्षा करते हुए टीमों को तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए। बाद में वे अस्पताल पहुंचे और घायलों से मिलकर उनके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित कराई।

पुलिस ने घटना स्थल का किया सील

प्राथमिक जांच में पता चला कि दिल्ली जाने वाली निजी बस जैसे ही फुलवरिया चौराहे से गुजर रही थी, तभी फुलवरिया ओवरब्रिज की ओर से आ रहा तेज रफ्तार ट्रक सीधे बस में जा घुसा। टक्कर से दोनों वाहनों के हिस्से चकनाचूर हो गए और बिजली तारों की चपेट में आने से आग लग गई। पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है और दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है।

Sambhal में अवैध ई-रिक्शा संचालन पर बड़ी कार्रवाई, दस से अधिक ई-रिक्शा सीज, एक लाख रुपये का जुर्माना वसूला

संभल।जिले में अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शाओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने सोमवार को बड़े अभियान को अंजाम दिया। सम्भल कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय में एआरटीओ प्रशासन अमिताभ चतुर्वेदी और सीओ यातायात दीपक तिवारी के संयुक्त नेतृत्व में वाहनों की सघन चेकिंग की गई। इस दौरान दस से अधिक ई-रिक्शाओं को मौके पर ही सीज कर दिया गया, जबकि लगभग एक लाख रुपये का चालान वसूल किया गया।

जानकारी के अनुसार, कई ई-रिक्शा चालक बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, बिना परमिट और निर्धारित रूट का पालन किए बिना शहर में आवागमन कर रहे थे। शिकायतें मिलने के बाद विभागीय टीम ने अचानक चौधरी सराय क्षेत्र में अभियान चलाया। अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की और उन्हें नियमों का पालन करने की चेतावनी भी दी। एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने बताया कि अनियमित ई-रिक्शा संचालन से शहर में यातायात व्यवस्था बिगड़ती है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बिना परमिट और नियमों के विपरीत वाहन चालकों को किसी भी कीमत पर छूट नहीं दी जाएगी।

वहीं, सीओ यातायात दीपक तिवारी ने बताया कि ई-रिक्शाओं की लगातार बढ़ती संख्या से सड़क सुरक्षा प्रभावित हो रही है, इसलिए ऐसे वाहनों पर सख्ती जरूरी है। अभियान के दौरान यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की टीम ने पूरे क्षेत्र में निरीक्षण कर दस्तावेजों की जांच की। कई वाहन चालक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिसके बाद उनके वाहन सीज कर दिए गए।

अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान आगे भी समय-समय पर जारी रहेगा, ताकि अवैध ई-रिक्शा संचालन पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित किया जा सके। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा तथा अनियंत्रित ई-रिक्शा संचालन पर रोक लगेगी।