राष्ट्रीय शिल्प मेले का हुआ भव्य समापन अच्छी यादे लेकर विदा हुए शिल्पकार।

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला बुधवार को केन्द्र परिसर में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ।विभिन्न राज्यो से आए कलाकारो और शिल्पकारो ने अपनी अनूठी प्रतिभा और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।

मेले में अनेक राज्यो के शिल्पकारो ने अपने-अपने स्टॉल लगाए,जिनमे पारम्परिक कलाओं और विविध उत्पादो की झलक दिखाई दी।मेले से विदा होते समय शिल्पियों के चेहरे सन्तोष और प्रसन्नता से खिले नजर आए।विभिन्न प्रदेशो से अपनी कला लेकर आए शिल्पकारो ने बताया कि इस वर्ष भी प्रयागराज के लोगो ने उनका उत्साह बढ़ाया।उनकी कृतियो की जमकर खरीद हुई और खूब सराहना भी मिली।प्रयागवासियो के साथ ही आसपास के क्षेत्रो से आए दर्शको ने मेले का भरपूर आनन्द लिया।कला प्रेमियो और शिल्पकारो के लिए यह मेला बेहद खास रहा।

सुन्दर और परम्परागत शैली में सजाए गए स्टॉलों पर चन्देरी सिल्क सूती वस्त्र,राजस्थान के आभूषण कश्मीर के ड्राय फ्रूट्स सहित कई आकर्षक उत्पाद उपलब्ध रहे।सांस्कृतिक संध्या ने‘लघु भारत’की झलक प्रस्तुत कर मेले की शोभा और बढ़ा दी।सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आचार्य महामंडलेश्वर कौशल्या नन्द गिरि(सनातनी किन्नर अखाड़ा) तथा केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा कार्यक्रम सलाहकार कल्पना सहाय व विशिष्ट अतिथि विनोद शुक्ला शील द्विवेदी कमलेश श्रीवास्तव बसन्त लाल और प्रदीप जौहरी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।

केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियो को अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह व पौधा भेंट कर सम्मानित किया।सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत वरुण मिश्रा की प्रस्तुति से हुई- ठुमरी ‘तोरी मोरी…चलो मन गंगा यमुना तीर’बाजे रे मुरलिया’नजरिया लग जाएगी’और‘आया करे जरा कह दो सांवरिया से’जैसी प्रस्तुतियों से दर्शको की खूब तालियाँ बटोरी।सूफी गायिका अंशिका रजोतिया ने‘पिया रे पिया रे’हल्का-हल्का सुरूर’ये तूने क्या किया’तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी’और ‘छाप तिलक’जैसे लोकप्रिय गीतों से वातावरण में सूफियाना रंग घोल दिया।दिल्ली से आईं कविता द्विवेदी एवं उनके दल द्वारा‘गंगा स्तुति’पर आधारित ओडिशी नृत्य की प्रस्तुति दी।इसके बाद प्रयागराज की पूर्णिमा कुमार एवं दल ने पारंपरिक गीत“कावना के ढेड़िया कवन के दुलारिया पूजन चली ढेड़िया ओ सावरा गोरिया।पर ढेड़िया नृत्य एवं पूर्वी व झूमर नृत्य की प्रस्तुति दी इसी के साथ“पीपर के पाथ झरजाला,आंगनवा कैसे बहारू जी,और“हरि-भरी धरती मा लहरें लधनवा मोरा जियरवा लहरें ना;नाचे खेतवा मा किसानवा”गीत पर झूमर नृत्य प्रस्तुति भी दी इसके बाद शुभम कुमार एवं दल प्रयागराज ने महिषासुर मर्दिनी पर आधारित नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर काफी संख्या में लोग मौजूद रहे और सभी ने मेले व सांस्कृतिक प्रस्तुतियो का भरपूर आनन्द लिया।

मोहम्मदाबाद सड़क हादसे में चचेरे भाई बहन की स्कूल जाते समय मौत

फर्रुखाबाद। मोहम्मदाबाद
थाना क्षेत्र के नगला भूड़ निवासी केशव का 16 वर्षीय पुत्र राजन जोकि कि अपने चाचा मिथलेश की दो पुत्रियां काजल 16 वर्ष, शैजल 13 वर्ष को लेकर बाइक से स्कूल जा रहे थे तभी धीरपुर नवीगंज रोड पर भट्टे के पास धीर पुर की तरफ से तेज़ रफ़्तार आ रही डीसीएम नेलापरवाही से टक्कर मार दी जिससे तीनों भाई बहनों की घटना पर ही मौत हो गई।

मृतक राजन के पिता ने बताया कि वह सुबह लगभग 8:30 बजे घर से धीरपुर में स्थित रूपसिंह स्कूल पंचम नगला के लिए निकला था तभी यह घटना हुई। मृतक राजन अपने पिता का एकलौता पुत्र था कक्षा 10 का छात्र था। मृतक की माता बड़ी बेटी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। मृतक के पिता केशव खेती का कार्य करते है।

मृतिका काजल कक्षा 10 की छात्रा थी। मृतिका शेजल कक्षा 7 की छात्रा थी पिता मिथलेश ने बताया कि वह अपने भाई के साथ सुबह स्कूल के लिए निकली थी । डीसीएम की टक्कर से दर्दनाक मौत हो गई मृतिका के पिता ने बताया कि एक पुत्र दुर्गेश 11 वर्ष का है तथा वह खेती का कार्य करता है। मृतिका की माता उमा देवी का रो रो कर बुरा हाल। डीसीएम चालक गाड़ी को छोड़कर घटना स्थल से फरार हो गया। घटना स्थल पर डायल 112 व एसडीएम सदर राजीकांत तथा डीएसपी अजय वर्मा कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला चौकी प्रभारी जसवीर सिंह पहुंचे।

एसडीएम सदर ने परिजनों को पीड़ितों को माननीय मुख्यमंत्री से जो भी मदद होगी दिलवाई जाएगी।
उप निरीक्षक जसवीर सिंह ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वर्ष 2025-26 में ग्राम पंचायतों में वितरण के वाद्य यंत्रों को उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में सेट खरीदे जांएगे


उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत निर्णय लिया जाएगा

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज दूसरे दिन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग की परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। व्यवधान की स्थिति में उसका निस्तारण सुनिश्चित करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाए। वित्तीय वर्ष 2025-26 की स्वीकृत कार्ययोजना में शामिल 19 परियोजनाओं के आगणन प्रस्ताव की स्वीकृति शीघ्र जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने अब तक न शुरू की गई परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा करते हुए कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति तथा पर्यटन विभाग की निर्माण कार्य से जुड़ी परियोजनाओं तथा विभागीय गतिविधियों की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बदले परिवेश में परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ पूरा करके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का अधिकतम सहयोग सुनिश्चित हो सके और स्थानीय लोगों को अपने घर के आस-पास रोजगार मिल सके।

उन्होंने पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी कार्य में अड़गा न लगाए, बल्कि उसके समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करे।

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा लोककला से आमजनता को जोड़ने तथा उन्हें संरक्षित रखते हुए अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग ने वाद्य यंत्रों का सेट क्रय करके वितरित किया था। उसमें से अवशेष 26 सेट वाद्य यंत्र भातखंडे संगीत संस्थान को और आजमगढ़ के हरिहर पुर स्थित संगीत विद्यालय को उपलब्ध करा दिए गए है। यह वाद्य यत्र वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रय किए गए थे। उन्होंने शेष जनपदों में वाद्य यंत्र का सेट वितरित करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी की देख-रेख में नए वाद्य यंत्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए वाद्य यंत्र की गुणवत्ता एवं टिकाऊपन की जांच के लिए विशेषज्ञों की भी राय ली जाए और क्रय करते समय वित्तीय अनुशासन एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वाद्य यंत्र क्रय करने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी गयी है।

पर्यटन मंत्री ने रेडियों जयघोष की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कार्यवाई शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ने से दूरस्थ स्थानों तक रेडियों जयघोष के कार्यक्रमों का श्रोताओं को लाभ मिलेगा। बैठक में यह भी बतायागया कि संगीत नाटक अकादमी द्वारा रिसोर्ट होटल से समन्वय किया जा रहा है तथा उप्र लोक जनजाति संस्कृति संस्थान के माध्यम से स्थानीय रिसोर्ट/होटल से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भारतेन्दु नाट्य अकादमी, राज्य ललित कला अकादमी, वृंदावन स्रोत संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक स्रोत संस्थान द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रमों हेतु समन्वय का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश में लोक सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति उत्सव के आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के 75 जनपदों के लिए निदेशालय स्तर से नोडल अधिकारी नामित करने के भी निर्देश दिए।

जयवीर सिंह ने उप्र की संस्कृति नीति तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा संस्कृति नीति जारी होने के पश्चात उसके प्रस्तावों के हिसाब से प्रदेश की संस्कृति नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। दोनों बैठकों मे प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन, अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संस्कृति ईशाप्रिया, अपर निदेशक संस्कृति डॉ सृष्टि धवन, प्रबंध निदेशक आशीष कुमार, पर्यटन सलाहाकार जेपी सिंह, संयुक्त निदेशक  वीरेन्द्र कुमार व प्रीति श्रीवास्तव तथा अंजु चौधरी, निदेशक अमित अग्निहोत्री, निदेशक पुरातत्व रेनु द्विवेदी के अलावा उपनिदेशक एवं सहायक निदेशक मौजूद थे।
माघ मेले के आयोजन के इतिहास में पहली बार जारी हुआ मेले का प्रतीक चिन्ह


*महाकुंभ-2025 के भव्य आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार की एक और पहल* *प्रतीक चिन्ह में परिलक्षित है संगम माघ मास में तप, अनुष्ठान और कल्पवास का दर्शन, अक्षयवट को मिली जगह* लखनऊ/प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दिव्य और भव्य आयोजन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब माघ मेला-2026 को भी अभूतपूर्व स्वरूप देने की तैयारी में है । इसी क्रम में माघ मेले के दर्शन तत्व को उद्घाटित करता माघ मेले का प्रतीक चिन्ह जारी हुआ है। मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का यह लोगो जारी किया गया है। जारी किए गए लोगो में माघ मास में संगम किनारे जप, तप साधना और कल्पवास की महत्ता के साथ इस अवधि नक्षत्रों की अवस्थिति के आधार पर सप्त ऊर्जा चक्रों को स्थान दिया गया है। लोगो में अक्षय पुण्य का संचय साक्षी अक्षयवट, सूर्य देव और चंद्र देव की 27 नक्षत्रों के साथ की ब्रह्मांडीय यात्रा, श्री लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन बोध कराता बड़े हनुमान जी का मंदिर, सनातन के विस्तार की प्रतीक सनातन पताका और संगम पर साइबेरियन पक्षियों की कलरव को ध्वनित करने वाला पर्यावरण बोध सभी का इसमें समावेश है। लोगो पर श्लोक "माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:" माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति का शंखनाद कर रहा है। यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया जिसे मुख्यमंत्री के स्तर पर जारी किया गया है। जारी लोगो का दर्शन माघ महीने के सूर्य और चंद्र की स्थिति को भी उद्घाटित करता है। ज्योतिषाचार्य आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं कि सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओं की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य, चंद्रमा एवं नक्षत्रों की स्थितियों को प्रतिबिंबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता है। भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रों की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनों में पूर्ण करता है। माघ मेला इन्हीं नक्षत्रीय गतियों के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है। जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के समीप होता है, तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है। इसी तरह चंद्रमा की 14 कलाओं का संबंध मानव जीवन, मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है। माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है। अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओं के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती हैं। माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति) अनुशासन, भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ी होती है क्योंकि यह महीना पवित्र नदियों में स्नान, दान, तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।
नगर आयुक्त द्वारा अस्थाई रैन-बसेरो का किया निरीक्षण. दिए आवश्यक दिशा निर्देश

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।अत्यधिक ठंड के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत हुए निरश्रित एवं फुटपाथ एवं सड़को पर रात गुजारने वालो को ठंड से राहत के दृष्टिगत नगर आयुक्त नगर निगम प्रयागराज साई तेजा द्वारा दिनांक 10 नवम्बर 2025 को एम0जी0मार्ग पी0डी0टण्डन पार्क स्थित बने अस्थाई रैन बसेरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रैन बसेरों मेें टेन्ट के किनारो से ठंडी हवा आने की सम्भावन थी जिसको अच्छी तरह से कवर किये जाने के निदेश दिये गये ।

साथ ही नगर आयुक्त द्वारा निरीक्षण के दौरान सभी अस्थाई रैन बसेरो में फायर सिस्टम रैन बसेरो के द्वार पर पर्दा लगाये जाने शुद्ध पेयजल सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये।इसके साथ ही सभी अस्थाई रैन बसेरो पर नगर निगम प्रयागराज का बोर्ड लगाने के साथ निरन्तर अलाव की व्यावस्था कराये जाने के निर्देश दिये गये।इसके उपरान्त नगर आयुक्त द्वारा रैन बसेरो के आस-पास समुचित साफ- सफाई के निर्देश तथा डस्टबिन इत्यादि लगाये जाने के निर्देश दिये गये।

इसके साथ ही नगर आयुक्त द्वारा उपस्थित अवर अभियन्ता को निर्देशित किया गया कि सभी अस्थाई रैन बसेरों में तकिया चादर गद्दे दरी एवं राजाई इत्यादि को साफ- सुथरा बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए एवं सम्बन्धित अधिकारियो निरन्तर निरीक्षण करते रहने के निर्देश भी दिये गये।निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र यादव मुख्य अभियन्ता डी0 सी0 सचान अधिशाषी अभियन्ता अनिल मौर्या एवं अजीत कुमार तथा अवर अभियन्तागण उपस्थित रहे।
बालू माफिया के साथ पुलिस की संलिप्तता पर होगी कड़ी कार्रवाई: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा*
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अवैध खनन, परिवहन पर सख्त एक्शन का आदेश; पुलिस की जवाबदेही तय करने हेतु गृह विभाग को निर्देश पटना, 11 दिसंबर 2025: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भू-तत्व मंत्री, श्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में अवैध खनन और बालू के अवैध परिवहन पर लगाम लगाने के लिए आज सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे तंत्र में शामिल किसी भी व्यक्ति या अधिकारी पर कठोर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रमुख निर्देश और घोषणाएँ बिंदु निर्देश/घोषणा जवाबदेही अवैध परिवहन पर रोक बिना नंबर प्लेट वाले बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाजाही पर तुरंत रोक लगाने के लिए नए निर्देश जारी। संबंधित अधिकारी विशेष अभियान जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को संवेदनशील स्थानों की पहचान कर तत्काल और प्रभावी छापेमारी करने का आदेश। DM और SP अधिकारी पर दायित्व यदि भविष्य में बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों की आवाजाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर दायित्व तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारी पुलिस की संलिप्तता थाना, प्रखंड या अंचल स्तर पर पुलिसकर्मियों की संलिप्तता या मिलीभगत सामने आने पर बगैर देरी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। गृह विभाग को पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। गृह विभाग / पुलिसकर्मी पारदर्शिता खनन व्यवस्था को पारदर्शी, नियंत्रित और पूरी तरह विधिसम्मत बनाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई जा रही है और जमीनी स्तर पर टीमों को सशक्त किया जा रहा है। खान एवं भू-तत्व विभाग नागरिकों से सहयोग की अपील और पुरस्कार उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने आम जनता और मीडिया से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना विभाग को दें। हेल्पलाइन नंबर: 94722 38821, 0612-2215360, 9473191437 'बिहारी योद्धा पुरस्कार' ट्रैक्टर पकड़वाने पर: ₹5,000 का ईनाम। ट्रक पकड़वाने पर: ₹10,000 का ईनाम। उन्होंने कहा कि मीडिया या बिहारी खनन योद्धा के माध्यम से संज्ञान में आए किसी भी अवैध खनन, परिवहन और बिक्री के मामले पर विभाग सख्त एक्शन लेगा।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”के तहत प्रयागराज जंक्पशन पर मिले नाबालिग बच्चे को रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज ने चाइल्डलाइन को सुपुर्द किया

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या भटके हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है। यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चो के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चों से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।

10 दिसम्बर 2025 को एक व्यक्ति निगम पासवान ने एक 12 वर्षीय बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज जंक्शन पहुंचे।बच्चे ने अपना नाम अमन चौहान पिता—विजय चौहान निवासी —खरगोन लामी चोर थाना भूरे जिला गोपालगंज बताया।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह घर में नाराज होकर भाग आया था।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा बच्चे को सुरक्षित संरक्षण में लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई।इसके बाद बच्चे को चाइल्डलाइन प्रयागराज के सुपरवाइज़र को नियमानुसार सुपुर्द किया गया।रेल प्रशासन यात्रियो और आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय भटकता हुआ या असुरक्षित अवस्था में देखे तो तुरन्त रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।आपकी एक सूचना किसी बच्चे का भविष्य सुरक्षित कर सकती है।
माघ मेले में किए गए थपकी पुर्णिता:संगम पर साइबेरिया पक्षियो की उपस्थिति.पर्यावरण की विशेषताएं को दर्शाता है
संजय द्विवेदी।प्रयागराज।माघ मेले के इतिहास में पहली बार मेले के दर्शन तत्त्व को परिलक्षित करतेना हुए मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का लोगो जारी किया गया है।इस लोगो के अन्तर्गत तीर्थराज प्रयाग संगम की तपोभूमि तथा ज्योतिषीय गणना के अनुसार माघ मास में संगम की रेती पर अनुष्ठान करने की महत्वता को समग्र रूप से दर्शाया गया है।सर्वप्रथम लोगो में सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओ की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य चंद्रमा एवं नक्षत्रो की स्थितियों को प्रतिबिबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता।भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रो की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनो में पूर्ण करता है।माघ मेला इन्ही नक्षत्रीय गतियो के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है।जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रो के समीप होता है तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है।चंद्रमा की 14 कलाओ का सम्बन्ध मानव जीवन मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है।माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है।अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है।माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओ के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती है।माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति)अनुशासन भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यो से जुड़ी होती है क्योकि यह महीना पवित्र नदियो में स्नान दान तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यो के लिए विशेष माना जाता है।इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते है।प्रयागराज का अविनाशी अक्षयवट जिसकी जड़ो में भगवन ब्रह्मा जी का तने में भगवन विष्णु जी का एवं शाखाओ और जटाओ में भगवन शिव जी का वास है उसके दर्शन मात्र से मोक्ष मार्ग सरल हो जाता है।इसी कारण कल्पवासियों में उसका स्थान अद्वितीय है।सनातन धर्म के अनुसार मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति है अतः महात्मा का चित्र इस देव भूमि में सनातनी परम्परा को दर्शाता है जहां चिर काल से ऋषि-मुनि आध्यात्मिक ऊर्जा हेतु आते रहे हैं।माघ मास में किए गए पूजन एवं कल्पवास का पूर्ण फल संगम स्नान के उपरांत श्री लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन से प्राप्त होता है:अतःलोगो पर उनके मंदिर एवं पताका की उपस्थिति माघ मेले में किए गए तप की पूर्णता:की व्याख्या करता है।संगम पर साइबेरियन पक्षियों की उपस्थिति यहाँ के पर्यावरण की विशेषता को दर्शाता है।लोगो पर श्लोक माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:का अर्थ है माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति हो जाती है।यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया।
गाय को राष्ट्र माता घोषित किया जाय-उज्जवल
लोकसभा में मांग रखा.सांसद उज्जवल रमण सिंह

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में कहा कि गाय को गौमाता कहा जाता है यह राष्ट्रीय गौरव व सम्मान का प्रतीक है इसलिए गाय को राज्य या राष्ट्र माता घोषित किया जाय।उक्त जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने बताया कि सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में देशी गाय की संख्या कम होने या विलुप्त होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनके संरक्षण की अति आवश्यकता है।

गाय बछड़ा पड़िया पड़वा साड़ के वध के लिए खरीद फरोख्त परिवहन व कटाई पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगना चाहिए।उन्होने कहा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज गायो के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे है।गायो के वध पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे देशी गाय को संरक्षित किया जाय।गाय को राज्य माता या राष्ट्र माता घोषित कर उनके गौरव सम्मान की रक्षा की जाय।
विज़न 2047:विकसित भारत –विकसित प्रदेश की थीम पर 18 से सजेगा पाँचवा प्रयागराज पुस्तक मेला

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पुस्तक प्रेमियो का बहुप्रतीक्षित प्रयागराज पुस्तक मेला इस वर्ष नए आयामो आकर्षक साहित्यिक कार्यक्रमो और विस्तारित सांस्कृतिक गतिविधियो के साथ एजुकेशनल हब—कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन में 18 दिसम्बर से आरम्भ होगा।

यह मेला अब प्रयागराज की सांस्कृतिक बौद्धिक एवं साहित्यिक परम्परा का एक प्रमुख आयोजन बन चुका है।प्रेस वार्ता के दौरान संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि फ़ोर्सवन बुक्स और बुकवाला द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस मेले में देशभर के प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानो वितरको तथा विविध सामाजिक एवं साहित्यिक संगठनो की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

सह- आयोजक मनीष गर्ग ने कहा कि 11 दिवसीय मेले में राजकमल प्रकाशन लोक भारती प्रकाशन वाणी प्रकाशन राजपाल एण्ड संस भारतीय ज्ञानपीठ सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन विभाग–भारत सरकार साहित्य भण्डार प्रकाशन संस्थान अनबॉउंड स्क्रिप्ट बुकवाला सम्यक प्रकाशन हिन्द युग्म दिव्यांश प्रकाशन शिल्पायन गर्ग ब्रदर्स ए.के.इंटरप्राइजेज दिक्षा स्टेशनरी दिनकर पुस्तकालय योगदा के साथ-साथ उदबोधन पब्लिकेशन रितेश बुक एजेन्सी अदित्रि बुक एजेन्सी बीइंग बुकिश किताब पढ़ो एवं रामकृष्ण मठ कोलकाता कबीर ज्ञान प्रकाशन केन्द्र गिरिडीह अपनी पुस्तकों के समृद्ध संग्रह के साथ सहभागी होगे।

बच्चो और किशोरो के लिए इस वर्ष विशेष आकर्षण नवनीत प्रकाशन और देश की लोकप्रिय अमर चित्र कथा होगी जो बाल साहित्य चित्रकथाओ एवं ज्ञानवर्धक पुस्तको का विस्तृत संकलन प्रस्तुत करेगी।मेले के निदेशक आकर्ष चन्देल ने बताया कि इस वर्ष की थीम विज़न 2047:विकसित भारत–विकसित प्रदेश”रखी गई है जिसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक प्रदेश में सर्वसुलभ ज्ञान शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना है।मेला 18 से 28 दिसम्बर तक आयोजित होगा तथा प्रवेश निःशुल्क रहेगा।संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि मेले का उद्घाटन 18 दिसम्बर शाम 5 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नन्दन द्वारा किया जाएगा।

मेले के दौरान पुस्तक विमोचन लेखको से संवाद कवि सम्मेलन साहित्यिक गोष्ठियाँ कहानी पाठ तथा बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियां आयोजित होगी।स्थानीय लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष भी उन्हे निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि वे सीधे पाठको से संवाद स्थापित कर सके सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि मेले में उपलब्ध सभी पुस्तकों पर न्यूनतम 10% छूट प्रदान की जाएगी।उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में भी पुस्तके ज्ञान संवेदनशीलता और प्रेरणा का सबसे सशक्त माध्यम है। युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओ करियर मार्गदर्शन एवं प्रेरक साहित्य का बड़ा संग्रह विशेष आकर्षण रहेगा।सामाजिक सरोकारो के अन्तर्गत रक्तसंकल्प और रक्तर्पण संस्थाएँ रक्तदान जागरूकता अभियान के साथ मेले में भाग लेगी।वही रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाज सेवा से सम्बंधित जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।आगंतुको की सुविधा हेतु सुरक्षित और समुचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिससे आगंतुक बिना किसी असुविधा के मेले का आनंद ले सके।आयोजकों ने प्रयागराज एवं आसपास के क्षेत्रो के सभी साहित्यप्रेमियो विद्यार्थियो शोधार्थियो अभिभावको तथा परिवारों से इस ज्ञान साहित्य और संस्कृति के महोत्सव में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।
राष्ट्रीय शिल्प मेले का हुआ भव्य समापन अच्छी यादे लेकर विदा हुए शिल्पकार।

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला बुधवार को केन्द्र परिसर में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ।विभिन्न राज्यो से आए कलाकारो और शिल्पकारो ने अपनी अनूठी प्रतिभा और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।

मेले में अनेक राज्यो के शिल्पकारो ने अपने-अपने स्टॉल लगाए,जिनमे पारम्परिक कलाओं और विविध उत्पादो की झलक दिखाई दी।मेले से विदा होते समय शिल्पियों के चेहरे सन्तोष और प्रसन्नता से खिले नजर आए।विभिन्न प्रदेशो से अपनी कला लेकर आए शिल्पकारो ने बताया कि इस वर्ष भी प्रयागराज के लोगो ने उनका उत्साह बढ़ाया।उनकी कृतियो की जमकर खरीद हुई और खूब सराहना भी मिली।प्रयागवासियो के साथ ही आसपास के क्षेत्रो से आए दर्शको ने मेले का भरपूर आनन्द लिया।कला प्रेमियो और शिल्पकारो के लिए यह मेला बेहद खास रहा।

सुन्दर और परम्परागत शैली में सजाए गए स्टॉलों पर चन्देरी सिल्क सूती वस्त्र,राजस्थान के आभूषण कश्मीर के ड्राय फ्रूट्स सहित कई आकर्षक उत्पाद उपलब्ध रहे।सांस्कृतिक संध्या ने‘लघु भारत’की झलक प्रस्तुत कर मेले की शोभा और बढ़ा दी।सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आचार्य महामंडलेश्वर कौशल्या नन्द गिरि(सनातनी किन्नर अखाड़ा) तथा केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा कार्यक्रम सलाहकार कल्पना सहाय व विशिष्ट अतिथि विनोद शुक्ला शील द्विवेदी कमलेश श्रीवास्तव बसन्त लाल और प्रदीप जौहरी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।

केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियो को अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह व पौधा भेंट कर सम्मानित किया।सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत वरुण मिश्रा की प्रस्तुति से हुई- ठुमरी ‘तोरी मोरी…चलो मन गंगा यमुना तीर’बाजे रे मुरलिया’नजरिया लग जाएगी’और‘आया करे जरा कह दो सांवरिया से’जैसी प्रस्तुतियों से दर्शको की खूब तालियाँ बटोरी।सूफी गायिका अंशिका रजोतिया ने‘पिया रे पिया रे’हल्का-हल्का सुरूर’ये तूने क्या किया’तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी’और ‘छाप तिलक’जैसे लोकप्रिय गीतों से वातावरण में सूफियाना रंग घोल दिया।दिल्ली से आईं कविता द्विवेदी एवं उनके दल द्वारा‘गंगा स्तुति’पर आधारित ओडिशी नृत्य की प्रस्तुति दी।इसके बाद प्रयागराज की पूर्णिमा कुमार एवं दल ने पारंपरिक गीत“कावना के ढेड़िया कवन के दुलारिया पूजन चली ढेड़िया ओ सावरा गोरिया।पर ढेड़िया नृत्य एवं पूर्वी व झूमर नृत्य की प्रस्तुति दी इसी के साथ“पीपर के पाथ झरजाला,आंगनवा कैसे बहारू जी,और“हरि-भरी धरती मा लहरें लधनवा मोरा जियरवा लहरें ना;नाचे खेतवा मा किसानवा”गीत पर झूमर नृत्य प्रस्तुति भी दी इसके बाद शुभम कुमार एवं दल प्रयागराज ने महिषासुर मर्दिनी पर आधारित नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर काफी संख्या में लोग मौजूद रहे और सभी ने मेले व सांस्कृतिक प्रस्तुतियो का भरपूर आनन्द लिया।

मोहम्मदाबाद सड़क हादसे में चचेरे भाई बहन की स्कूल जाते समय मौत

फर्रुखाबाद। मोहम्मदाबाद
थाना क्षेत्र के नगला भूड़ निवासी केशव का 16 वर्षीय पुत्र राजन जोकि कि अपने चाचा मिथलेश की दो पुत्रियां काजल 16 वर्ष, शैजल 13 वर्ष को लेकर बाइक से स्कूल जा रहे थे तभी धीरपुर नवीगंज रोड पर भट्टे के पास धीर पुर की तरफ से तेज़ रफ़्तार आ रही डीसीएम नेलापरवाही से टक्कर मार दी जिससे तीनों भाई बहनों की घटना पर ही मौत हो गई।

मृतक राजन के पिता ने बताया कि वह सुबह लगभग 8:30 बजे घर से धीरपुर में स्थित रूपसिंह स्कूल पंचम नगला के लिए निकला था तभी यह घटना हुई। मृतक राजन अपने पिता का एकलौता पुत्र था कक्षा 10 का छात्र था। मृतक की माता बड़ी बेटी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। मृतक के पिता केशव खेती का कार्य करते है।

मृतिका काजल कक्षा 10 की छात्रा थी। मृतिका शेजल कक्षा 7 की छात्रा थी पिता मिथलेश ने बताया कि वह अपने भाई के साथ सुबह स्कूल के लिए निकली थी । डीसीएम की टक्कर से दर्दनाक मौत हो गई मृतिका के पिता ने बताया कि एक पुत्र दुर्गेश 11 वर्ष का है तथा वह खेती का कार्य करता है। मृतिका की माता उमा देवी का रो रो कर बुरा हाल। डीसीएम चालक गाड़ी को छोड़कर घटना स्थल से फरार हो गया। घटना स्थल पर डायल 112 व एसडीएम सदर राजीकांत तथा डीएसपी अजय वर्मा कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला चौकी प्रभारी जसवीर सिंह पहुंचे।

एसडीएम सदर ने परिजनों को पीड़ितों को माननीय मुख्यमंत्री से जो भी मदद होगी दिलवाई जाएगी।
उप निरीक्षक जसवीर सिंह ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वर्ष 2025-26 में ग्राम पंचायतों में वितरण के वाद्य यंत्रों को उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में सेट खरीदे जांएगे


उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत निर्णय लिया जाएगा

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज दूसरे दिन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग की परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। व्यवधान की स्थिति में उसका निस्तारण सुनिश्चित करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाए। वित्तीय वर्ष 2025-26 की स्वीकृत कार्ययोजना में शामिल 19 परियोजनाओं के आगणन प्रस्ताव की स्वीकृति शीघ्र जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने अब तक न शुरू की गई परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा करते हुए कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति तथा पर्यटन विभाग की निर्माण कार्य से जुड़ी परियोजनाओं तथा विभागीय गतिविधियों की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बदले परिवेश में परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ पूरा करके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का अधिकतम सहयोग सुनिश्चित हो सके और स्थानीय लोगों को अपने घर के आस-पास रोजगार मिल सके।

उन्होंने पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी कार्य में अड़गा न लगाए, बल्कि उसके समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करे।

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा लोककला से आमजनता को जोड़ने तथा उन्हें संरक्षित रखते हुए अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग ने वाद्य यंत्रों का सेट क्रय करके वितरित किया था। उसमें से अवशेष 26 सेट वाद्य यंत्र भातखंडे संगीत संस्थान को और आजमगढ़ के हरिहर पुर स्थित संगीत विद्यालय को उपलब्ध करा दिए गए है। यह वाद्य यत्र वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रय किए गए थे। उन्होंने शेष जनपदों में वाद्य यंत्र का सेट वितरित करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी की देख-रेख में नए वाद्य यंत्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए वाद्य यंत्र की गुणवत्ता एवं टिकाऊपन की जांच के लिए विशेषज्ञों की भी राय ली जाए और क्रय करते समय वित्तीय अनुशासन एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वाद्य यंत्र क्रय करने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी गयी है।

पर्यटन मंत्री ने रेडियों जयघोष की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कार्यवाई शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ने से दूरस्थ स्थानों तक रेडियों जयघोष के कार्यक्रमों का श्रोताओं को लाभ मिलेगा। बैठक में यह भी बतायागया कि संगीत नाटक अकादमी द्वारा रिसोर्ट होटल से समन्वय किया जा रहा है तथा उप्र लोक जनजाति संस्कृति संस्थान के माध्यम से स्थानीय रिसोर्ट/होटल से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भारतेन्दु नाट्य अकादमी, राज्य ललित कला अकादमी, वृंदावन स्रोत संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक स्रोत संस्थान द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रमों हेतु समन्वय का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश में लोक सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति उत्सव के आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के 75 जनपदों के लिए निदेशालय स्तर से नोडल अधिकारी नामित करने के भी निर्देश दिए।

जयवीर सिंह ने उप्र की संस्कृति नीति तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा संस्कृति नीति जारी होने के पश्चात उसके प्रस्तावों के हिसाब से प्रदेश की संस्कृति नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। दोनों बैठकों मे प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन, अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संस्कृति ईशाप्रिया, अपर निदेशक संस्कृति डॉ सृष्टि धवन, प्रबंध निदेशक आशीष कुमार, पर्यटन सलाहाकार जेपी सिंह, संयुक्त निदेशक  वीरेन्द्र कुमार व प्रीति श्रीवास्तव तथा अंजु चौधरी, निदेशक अमित अग्निहोत्री, निदेशक पुरातत्व रेनु द्विवेदी के अलावा उपनिदेशक एवं सहायक निदेशक मौजूद थे।
माघ मेले के आयोजन के इतिहास में पहली बार जारी हुआ मेले का प्रतीक चिन्ह


*महाकुंभ-2025 के भव्य आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार की एक और पहल* *प्रतीक चिन्ह में परिलक्षित है संगम माघ मास में तप, अनुष्ठान और कल्पवास का दर्शन, अक्षयवट को मिली जगह* लखनऊ/प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दिव्य और भव्य आयोजन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब माघ मेला-2026 को भी अभूतपूर्व स्वरूप देने की तैयारी में है । इसी क्रम में माघ मेले के दर्शन तत्व को उद्घाटित करता माघ मेले का प्रतीक चिन्ह जारी हुआ है। मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का यह लोगो जारी किया गया है। जारी किए गए लोगो में माघ मास में संगम किनारे जप, तप साधना और कल्पवास की महत्ता के साथ इस अवधि नक्षत्रों की अवस्थिति के आधार पर सप्त ऊर्जा चक्रों को स्थान दिया गया है। लोगो में अक्षय पुण्य का संचय साक्षी अक्षयवट, सूर्य देव और चंद्र देव की 27 नक्षत्रों के साथ की ब्रह्मांडीय यात्रा, श्री लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन बोध कराता बड़े हनुमान जी का मंदिर, सनातन के विस्तार की प्रतीक सनातन पताका और संगम पर साइबेरियन पक्षियों की कलरव को ध्वनित करने वाला पर्यावरण बोध सभी का इसमें समावेश है। लोगो पर श्लोक "माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:" माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति का शंखनाद कर रहा है। यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया जिसे मुख्यमंत्री के स्तर पर जारी किया गया है। जारी लोगो का दर्शन माघ महीने के सूर्य और चंद्र की स्थिति को भी उद्घाटित करता है। ज्योतिषाचार्य आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं कि सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओं की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य, चंद्रमा एवं नक्षत्रों की स्थितियों को प्रतिबिंबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता है। भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रों की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनों में पूर्ण करता है। माघ मेला इन्हीं नक्षत्रीय गतियों के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है। जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के समीप होता है, तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है। इसी तरह चंद्रमा की 14 कलाओं का संबंध मानव जीवन, मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है। माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है। अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओं के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती हैं। माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति) अनुशासन, भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ी होती है क्योंकि यह महीना पवित्र नदियों में स्नान, दान, तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।
नगर आयुक्त द्वारा अस्थाई रैन-बसेरो का किया निरीक्षण. दिए आवश्यक दिशा निर्देश

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।अत्यधिक ठंड के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत हुए निरश्रित एवं फुटपाथ एवं सड़को पर रात गुजारने वालो को ठंड से राहत के दृष्टिगत नगर आयुक्त नगर निगम प्रयागराज साई तेजा द्वारा दिनांक 10 नवम्बर 2025 को एम0जी0मार्ग पी0डी0टण्डन पार्क स्थित बने अस्थाई रैन बसेरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रैन बसेरों मेें टेन्ट के किनारो से ठंडी हवा आने की सम्भावन थी जिसको अच्छी तरह से कवर किये जाने के निदेश दिये गये ।

साथ ही नगर आयुक्त द्वारा निरीक्षण के दौरान सभी अस्थाई रैन बसेरो में फायर सिस्टम रैन बसेरो के द्वार पर पर्दा लगाये जाने शुद्ध पेयजल सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये।इसके साथ ही सभी अस्थाई रैन बसेरो पर नगर निगम प्रयागराज का बोर्ड लगाने के साथ निरन्तर अलाव की व्यावस्था कराये जाने के निर्देश दिये गये।इसके उपरान्त नगर आयुक्त द्वारा रैन बसेरो के आस-पास समुचित साफ- सफाई के निर्देश तथा डस्टबिन इत्यादि लगाये जाने के निर्देश दिये गये।

इसके साथ ही नगर आयुक्त द्वारा उपस्थित अवर अभियन्ता को निर्देशित किया गया कि सभी अस्थाई रैन बसेरों में तकिया चादर गद्दे दरी एवं राजाई इत्यादि को साफ- सुथरा बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए एवं सम्बन्धित अधिकारियो निरन्तर निरीक्षण करते रहने के निर्देश भी दिये गये।निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र यादव मुख्य अभियन्ता डी0 सी0 सचान अधिशाषी अभियन्ता अनिल मौर्या एवं अजीत कुमार तथा अवर अभियन्तागण उपस्थित रहे।
बालू माफिया के साथ पुलिस की संलिप्तता पर होगी कड़ी कार्रवाई: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा*
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अवैध खनन, परिवहन पर सख्त एक्शन का आदेश; पुलिस की जवाबदेही तय करने हेतु गृह विभाग को निर्देश पटना, 11 दिसंबर 2025: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भू-तत्व मंत्री, श्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में अवैध खनन और बालू के अवैध परिवहन पर लगाम लगाने के लिए आज सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे तंत्र में शामिल किसी भी व्यक्ति या अधिकारी पर कठोर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रमुख निर्देश और घोषणाएँ बिंदु निर्देश/घोषणा जवाबदेही अवैध परिवहन पर रोक बिना नंबर प्लेट वाले बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाजाही पर तुरंत रोक लगाने के लिए नए निर्देश जारी। संबंधित अधिकारी विशेष अभियान जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को संवेदनशील स्थानों की पहचान कर तत्काल और प्रभावी छापेमारी करने का आदेश। DM और SP अधिकारी पर दायित्व यदि भविष्य में बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों की आवाजाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर दायित्व तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारी पुलिस की संलिप्तता थाना, प्रखंड या अंचल स्तर पर पुलिसकर्मियों की संलिप्तता या मिलीभगत सामने आने पर बगैर देरी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। गृह विभाग को पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। गृह विभाग / पुलिसकर्मी पारदर्शिता खनन व्यवस्था को पारदर्शी, नियंत्रित और पूरी तरह विधिसम्मत बनाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई जा रही है और जमीनी स्तर पर टीमों को सशक्त किया जा रहा है। खान एवं भू-तत्व विभाग नागरिकों से सहयोग की अपील और पुरस्कार उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने आम जनता और मीडिया से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना विभाग को दें। हेल्पलाइन नंबर: 94722 38821, 0612-2215360, 9473191437 'बिहारी योद्धा पुरस्कार' ट्रैक्टर पकड़वाने पर: ₹5,000 का ईनाम। ट्रक पकड़वाने पर: ₹10,000 का ईनाम। उन्होंने कहा कि मीडिया या बिहारी खनन योद्धा के माध्यम से संज्ञान में आए किसी भी अवैध खनन, परिवहन और बिक्री के मामले पर विभाग सख्त एक्शन लेगा।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”के तहत प्रयागराज जंक्पशन पर मिले नाबालिग बच्चे को रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज ने चाइल्डलाइन को सुपुर्द किया

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या भटके हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है। यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चो के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चों से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।

10 दिसम्बर 2025 को एक व्यक्ति निगम पासवान ने एक 12 वर्षीय बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज जंक्शन पहुंचे।बच्चे ने अपना नाम अमन चौहान पिता—विजय चौहान निवासी —खरगोन लामी चोर थाना भूरे जिला गोपालगंज बताया।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह घर में नाराज होकर भाग आया था।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा बच्चे को सुरक्षित संरक्षण में लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई।इसके बाद बच्चे को चाइल्डलाइन प्रयागराज के सुपरवाइज़र को नियमानुसार सुपुर्द किया गया।रेल प्रशासन यात्रियो और आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय भटकता हुआ या असुरक्षित अवस्था में देखे तो तुरन्त रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।आपकी एक सूचना किसी बच्चे का भविष्य सुरक्षित कर सकती है।
माघ मेले में किए गए थपकी पुर्णिता:संगम पर साइबेरिया पक्षियो की उपस्थिति.पर्यावरण की विशेषताएं को दर्शाता है
संजय द्विवेदी।प्रयागराज।माघ मेले के इतिहास में पहली बार मेले के दर्शन तत्त्व को परिलक्षित करतेना हुए मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का लोगो जारी किया गया है।इस लोगो के अन्तर्गत तीर्थराज प्रयाग संगम की तपोभूमि तथा ज्योतिषीय गणना के अनुसार माघ मास में संगम की रेती पर अनुष्ठान करने की महत्वता को समग्र रूप से दर्शाया गया है।सर्वप्रथम लोगो में सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओ की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य चंद्रमा एवं नक्षत्रो की स्थितियों को प्रतिबिबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता।भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रो की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनो में पूर्ण करता है।माघ मेला इन्ही नक्षत्रीय गतियो के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है।जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रो के समीप होता है तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है।चंद्रमा की 14 कलाओ का सम्बन्ध मानव जीवन मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है।माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है।अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है।माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओ के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती है।माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति)अनुशासन भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यो से जुड़ी होती है क्योकि यह महीना पवित्र नदियो में स्नान दान तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यो के लिए विशेष माना जाता है।इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते है।प्रयागराज का अविनाशी अक्षयवट जिसकी जड़ो में भगवन ब्रह्मा जी का तने में भगवन विष्णु जी का एवं शाखाओ और जटाओ में भगवन शिव जी का वास है उसके दर्शन मात्र से मोक्ष मार्ग सरल हो जाता है।इसी कारण कल्पवासियों में उसका स्थान अद्वितीय है।सनातन धर्म के अनुसार मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति है अतः महात्मा का चित्र इस देव भूमि में सनातनी परम्परा को दर्शाता है जहां चिर काल से ऋषि-मुनि आध्यात्मिक ऊर्जा हेतु आते रहे हैं।माघ मास में किए गए पूजन एवं कल्पवास का पूर्ण फल संगम स्नान के उपरांत श्री लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन से प्राप्त होता है:अतःलोगो पर उनके मंदिर एवं पताका की उपस्थिति माघ मेले में किए गए तप की पूर्णता:की व्याख्या करता है।संगम पर साइबेरियन पक्षियों की उपस्थिति यहाँ के पर्यावरण की विशेषता को दर्शाता है।लोगो पर श्लोक माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:का अर्थ है माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति हो जाती है।यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया।
गाय को राष्ट्र माता घोषित किया जाय-उज्जवल
लोकसभा में मांग रखा.सांसद उज्जवल रमण सिंह

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में कहा कि गाय को गौमाता कहा जाता है यह राष्ट्रीय गौरव व सम्मान का प्रतीक है इसलिए गाय को राज्य या राष्ट्र माता घोषित किया जाय।उक्त जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने बताया कि सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में देशी गाय की संख्या कम होने या विलुप्त होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनके संरक्षण की अति आवश्यकता है।

गाय बछड़ा पड़िया पड़वा साड़ के वध के लिए खरीद फरोख्त परिवहन व कटाई पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगना चाहिए।उन्होने कहा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज गायो के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे है।गायो के वध पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे देशी गाय को संरक्षित किया जाय।गाय को राज्य माता या राष्ट्र माता घोषित कर उनके गौरव सम्मान की रक्षा की जाय।
विज़न 2047:विकसित भारत –विकसित प्रदेश की थीम पर 18 से सजेगा पाँचवा प्रयागराज पुस्तक मेला

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पुस्तक प्रेमियो का बहुप्रतीक्षित प्रयागराज पुस्तक मेला इस वर्ष नए आयामो आकर्षक साहित्यिक कार्यक्रमो और विस्तारित सांस्कृतिक गतिविधियो के साथ एजुकेशनल हब—कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन में 18 दिसम्बर से आरम्भ होगा।

यह मेला अब प्रयागराज की सांस्कृतिक बौद्धिक एवं साहित्यिक परम्परा का एक प्रमुख आयोजन बन चुका है।प्रेस वार्ता के दौरान संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि फ़ोर्सवन बुक्स और बुकवाला द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस मेले में देशभर के प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानो वितरको तथा विविध सामाजिक एवं साहित्यिक संगठनो की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

सह- आयोजक मनीष गर्ग ने कहा कि 11 दिवसीय मेले में राजकमल प्रकाशन लोक भारती प्रकाशन वाणी प्रकाशन राजपाल एण्ड संस भारतीय ज्ञानपीठ सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन विभाग–भारत सरकार साहित्य भण्डार प्रकाशन संस्थान अनबॉउंड स्क्रिप्ट बुकवाला सम्यक प्रकाशन हिन्द युग्म दिव्यांश प्रकाशन शिल्पायन गर्ग ब्रदर्स ए.के.इंटरप्राइजेज दिक्षा स्टेशनरी दिनकर पुस्तकालय योगदा के साथ-साथ उदबोधन पब्लिकेशन रितेश बुक एजेन्सी अदित्रि बुक एजेन्सी बीइंग बुकिश किताब पढ़ो एवं रामकृष्ण मठ कोलकाता कबीर ज्ञान प्रकाशन केन्द्र गिरिडीह अपनी पुस्तकों के समृद्ध संग्रह के साथ सहभागी होगे।

बच्चो और किशोरो के लिए इस वर्ष विशेष आकर्षण नवनीत प्रकाशन और देश की लोकप्रिय अमर चित्र कथा होगी जो बाल साहित्य चित्रकथाओ एवं ज्ञानवर्धक पुस्तको का विस्तृत संकलन प्रस्तुत करेगी।मेले के निदेशक आकर्ष चन्देल ने बताया कि इस वर्ष की थीम विज़न 2047:विकसित भारत–विकसित प्रदेश”रखी गई है जिसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक प्रदेश में सर्वसुलभ ज्ञान शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना है।मेला 18 से 28 दिसम्बर तक आयोजित होगा तथा प्रवेश निःशुल्क रहेगा।संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि मेले का उद्घाटन 18 दिसम्बर शाम 5 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नन्दन द्वारा किया जाएगा।

मेले के दौरान पुस्तक विमोचन लेखको से संवाद कवि सम्मेलन साहित्यिक गोष्ठियाँ कहानी पाठ तथा बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियां आयोजित होगी।स्थानीय लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष भी उन्हे निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि वे सीधे पाठको से संवाद स्थापित कर सके सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि मेले में उपलब्ध सभी पुस्तकों पर न्यूनतम 10% छूट प्रदान की जाएगी।उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में भी पुस्तके ज्ञान संवेदनशीलता और प्रेरणा का सबसे सशक्त माध्यम है। युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओ करियर मार्गदर्शन एवं प्रेरक साहित्य का बड़ा संग्रह विशेष आकर्षण रहेगा।सामाजिक सरोकारो के अन्तर्गत रक्तसंकल्प और रक्तर्पण संस्थाएँ रक्तदान जागरूकता अभियान के साथ मेले में भाग लेगी।वही रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाज सेवा से सम्बंधित जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।आगंतुको की सुविधा हेतु सुरक्षित और समुचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिससे आगंतुक बिना किसी असुविधा के मेले का आनंद ले सके।आयोजकों ने प्रयागराज एवं आसपास के क्षेत्रो के सभी साहित्यप्रेमियो विद्यार्थियो शोधार्थियो अभिभावको तथा परिवारों से इस ज्ञान साहित्य और संस्कृति के महोत्सव में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।