ज्ञान यज्ञ मे बही भगवान के जन्मोत्सव की बयार
ईश्वर का प्राकट्य ही उत्सव - अखिलानन्द
उत्तम गति प्रदान करना ही उनकी दयालुता का परिचायक - अखिलानन्द
डीडीयू नगर। स्थानीय लाट नं. एक स्थित श्री पंचमुखी विश्वकर्मा मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। व्यास पीठ से श्रीमद् भागवत् व श्रीमानस मर्मज्ञ अखिलानन्द जी महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान जब नन्दबाबा के यहां गोकुल में आए तब समस्त गोकुलवासी आनन्दित हो उठे और ऐसे आनन्दित हुए कि वह उत्सव में परिवर्तित हो गया। उत्सव का अर्थ बताते हुए कहा कि उत् अर्थात ईश्वर सव् अर्थात प्राकट्य । ईश्वर का प्राकट्य ही उत्सव है। जीवन मे हम कोई भी उत्सव मनाएं उसमे ईश्वर का प्रकटीकरण अवश्य होना चाहिए। तभी जा कर वह आयोजन उत्सव मे बदलता है इसलिए किसी भी कार्यक्रम मे ईश्वर का सानिध्य होना परम आवश्यक है। आजके भौतिक युग मे लोग उत्सव को केवल मनोरंजन का साधन बना दिये हैं जो उत्सव का स्वरूप नहीं कहा जा सकता। नंद बाबा और यशोदा मैया का जीवन शास्त्र सम्मत था इसलिए भगवान कृष्ण का जन्म तो कंस के कारागृह में वसुदेव जी एवं देवकी मैया के यहाँ होता है लेकिन भगवान का पालन यशोदा व नन्द बाबा के सानिध्य में होता है। यशो ददाति इति यशोदा अर्थात जो सभी को यश प्रदान करती है वही यशोदा है। नन्द का आशय आनन्द से है जो सभी को जीवन में आनन्द की प्रप्ति कराता हो वही नन्द है और उसी के घर परमानन्द का प्रवेश होता है। भगवान की बाल लीला को बताते हुए कहा कि नन्दोत्सव मे सभी नन्दबाबा के यहा बधाई लेकर आती है उसी समय पूतना राक्षसी सुंदर वेश धारण कर भगवान को मारने आती है लेकिन भगवान ने उसे सायुज्य मुक्ति प्रदान की। भगवान दयालु हैं। पूतना जैसी राक्षसी को भी उत्तम गति प्रदान करना ही उनकी दयालुता का परिचायक है। शक्तासुर तृणावर्त और यमलार्जुन का इसी प्रकार भगवान ने विभिन्न लीलाओं के माध्यम से श्रापमुक्त कर मुक्ति प्रदान की। मौके पर संतोष शर्मा, कन्हैयालाल जायसवाल, यज्ञनारायण सिंह, दिनेश सिंह, अतुल दूबे, मनोज प्रकाश पाण्डेय, विनोद तिवारी, विनिता अग्रहरी, रेखा अग्रवाल, पुष्पा मिश्रा,अविनाश अग्रवाल, राजकुमार गुप्ता , पी एन सिंह, अर्चना, मिथलेश मिश्रा, विकास शर्मा, संतोष पाठक, गोपाल दूबे, संजय तिवारी, श्रेयस श्रीवास्तव, भैयालाल पाठक, आलोक पाण्डेय, क्षाया पाण्डेय, पुष्पेन्द्र मिश्रा, कौशांबी पाठक, मिथलेश सिंह, गोपाल जी, शिवम तिवारी, धन्नू चौबे, शिवम पाण्डेय,मीरा पाण्डेय , प्रमोद शर्मा, रवि जी सहित भारी संख्या में भक्तों ने कथा श्रवण किया।यजमान के रूप मे छोटे लाल जायसवाल,प्रिति जायसवाल एवं संजय अग्रवाल,मिलन अग्रवाल रहे।
पी एन सिंह, उपेन्द्र सिंह, बृजेश सिंह संजय अग्रवाल, अतुल दूबे संतोष शर्मा, संजय तिवारी, कन्हैयालाल जायसवाल, त्रिभुवन उपाध्याय, रेखा अग्रवाल, संतोष पाठक, आलोक पांडेय वैभव तिवारी, भागवत नारायण चौरसिया, श्रीकांत सिंह आदि मौजूद रहे। मुख्य यजमान शैलेश तिवारी, ममता तिवारी यज्ञनारायण सिंह पूनम सिंह रहे। आज की कथा में विशेष अतिथि के रूप मे मझवां विधायक डा विनोद बिंद, बीडीसी शशिशंकर सिंह आदि को व्यासपीठ से दुपट्टा प्रदान कर आशिर्वाद प्रदान किया गया।











सुलतानपुर,रील बनाने वाली पीढ़ी अपने रोल के बारे में नहीं सोच रही है यह दुर्भाग्यपूर्ण है।सभ्यता तलवार बनाना सिखा सकती है लेकिन तलवार चलाना किस पर है यह संस्कृति सिखाती है। इतिहास हमें यह सिखाता है कि हमसे पहले भी मनुष्य थे हमारे बाद भी मनुष्य रहेंगे। बीच की कड़ी में मनुष्यता कायम रख सकें यह हमारा काम है। यह बातें के एन आई पी एस एस के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर राधेश्याम सिंह ने कहीं।
वह राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय कक्ष में महाविद्यालय व उत्तर प्रदेश अभिलेखागार एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में भारत की सांस्कृतिक धरोहर और अभिलेख संरक्षण की चुनौतियां विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए भाजपा नेता पूर्व समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ एम पी सिंह ने कहा प्राचीन धरोहर स्थलों को आकर्षक बनाने की जरूरत है। धरोहर स्थलों को पर्यटन से जोड़ने पर इन्हें सहेजने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह कम्पनियों के सीएसआर फंड को सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण से जोड़ दें। विशिष्ट वक्ता राजा राम मोहन गर्ल्स पीजी कालेज अयोध्या की प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रज्ञा मिश्र ने कहा जब साहित्य और पुरातत्व एक ही बात करते हैं तब वह इतिहास बनता है। पुरातत्व से प्रमाणित हुये बिना किसी भी साहित्य को इतिहास नहीं कहा जा सकता।
संत तुलसीदास पीजी कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सतीश सिंह ने कहा कि धरोहरों के संरक्षण में जनसहभागिता को जोड़ना होगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अजय कुमार ने कहा कि पत्थर की प्राचीन मूर्तियों पर सिंदूर का प्रयोग करके हमने उन्हें नष्ट कर दिया। उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार एवं संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक विजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्राचीन काल से लेकर आज तक के अभिलेखों का संरक्षण करना हमारा काम है। पीवी कालेज प्रतापगढ़ के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर बृजभान सिंह ने कहा कि ऋग्वेद में लिखा है कि जो कुछ हो रहा है केवल यज्ञ हो रहा है यज्ञ के सिवा कुछ नहीं है। लेकिन हमने इसके गूढ़ रहस्य को समझा ही नहीं । संत तुलसीदास पीजी कालेज के प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जीतेन्द्र तिवारी ने कहा कि हमें जागरुक होकर अपने आसपास के पुरातात्विक वस्तुओं और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के लिए काम करना चाहिए। दिन भर चली संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकी सत्रों में विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। समापन सत्र का संचालन हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने किया। स्वागत आयोजन सचिव डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव व आभार ज्ञापन सह संयोजक प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर गनपत सहाय पीजी कालेज के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शक्ति सिंह , आयोजन सचिव विनय कुमार विश्वकर्मा , समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह व असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी भगत यादव का चुनावी प्रचार जोरों पर है। भगत यादव, जो पहले राजद से जुड़े थे, ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और उन्हें जनता का अच्छा समर्थन मिल रहा है। उनके प्रचार अभियान में युवाओं और महिलाओं एवं वृद्धजनों का खासा उत्साह देखा जा रहा है ।
1 hour and 43 min ago
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