Sambhal हज़रत अब्बास की शहादत पर निकाला गया ऐतिहासिक अलम का जुलूस

आजादारों व अलमदारों ने बुलंद की हुसैन जिंदाबाद की सदाएं, इमाम बारगाहों में सजाए गए अलम

सम्भल। कर्बला में शहीद हुए नवासा ए रसूल, शहजादा मौला ए कायनात हज़रत अब्बास अलमदार की शहादत 07 मोहर्रम का तारीखी जुलूस शहर में निकाला गया।

गुरुवार को नगर के मोहल्ला मियां सराय से परंपरागत अलम मुबारक का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस कर्बला में शहीद हुए पैगंबर हज़रत मुहम्मद के नवासे और हज़रत अली के बेटे हज़रत अब्बास (गाज़ी) की याद में निकाला गया जिसमें हज़ारों की तादात में अकीदतमंद व अज़ादार जियारत करने के लिए उमड़े। अलम का जुलूस मियां सराय से शुरू हुआ और आसपास के मोहल्ले के अलम के साथ चमन सराय चौक इमामबाड़े पर जमा हुआ। यहां मंडी किशनदास सराय, हुसैन खान सराय अली सराय, आलम सराय, शेर खां सराय, सैफ खां, नूरियों सराय, बेगम सराय, जगत के अलम का जुलूस एक विशाल जुलूस के रूप में बाजार सब्जी मंडी से तहसील मोहल्ले के अलम को लेता हुआ कोट गर्वी में जमा हुआ। यहां फतेह उल्ला सराय, देहली दरवाजा, महमूद के अलम जुलूसों के विशाल जुलूस में परिवर्तित होकर रेतला मैदान पहुंचा। यहां से महमूद खां सराय नखासा और ख़ग्गू सराय, अंजुमन तिराहे से दीपा सराय और चोक व तीमारदास सराय के आसपास के मोहल्लों से अपने इमाम बारगाहों की तरफ कूच किया। अलमदारों व आजादारों की ज़बान पर पर मौला अब्बास, मौला हुसैन जिंदाबाद की सदाएं गूंजती हुई माहौल को रूहानी बनाकर हुसैनियत का बोल बाला करते हुए नज़र आए। इमाम बारगाहों में सुबह से ही अलम सजाकर रखे गए थे। दोपहर के समय अलामदारी का सिलसिला शुरू होकर देर शाम खत्म हुआ। यह अलमदारी शिया सुन्नी इत्तेहाद की तारीख को कायम करती हुई नजर आई। जहां शिया समुदाय के लोगों ने हज़रत अब्बास का अलम थामकर ज़िक्र ए हुसैन बुलंद किया और कर्बला के शहीदों को सलाम पेश किया तो वहीं सुन्नी समुदाय के लोगों ने भी अपने हाथों में मौला अब्बास का अलम थामकर कर्बला के शहीदों को याद करते हुए इस्लाम के लिए दी है नबी के घराने की इस कुर्बानी को तरो ताज़ा कर मोहब्बत कर्बला का पैगाम आम किया। यजीद के खिलाफ हुसैनियत का बोल बाला रहा। अलमदारों व आजादारों की सरपरस्ती करने के लिए अपने अपने मोहल्ले के जिम्मेदार अपनी ड्यूटी को परम्परागत तरीके से निभाते हुए नज़र आए। कहीं दस्तारबंदी कर स्थानीय लोगों ने अलम जुलूस में शामिल अलमदारों, अजादारों की हौंसला अफजाई पगड़ी बांधकर की तो कहीं शर्बत और नियाज़ नज़र का एहतिमाम स्टॉल लगाकर किया। जगह जगह पुलिस सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए शांति पूर्ण तरीके से अलम का जुलूस निकाला गया। आला अफसरान पल पल की रिपोर्ट लेते रहे तो स्थानीय अधिकारी पुलिस बल के साथ भ्रमण करते रहे।

इस मौके पर रफीक रही, मोहम्मद उमर, फैसल कसीर, हकीम अशीर, समद अब्बास, जमशेद वारसी, सालिम अशरफी आदि शामिल रहे। उधर कोट गर्वी से परंपरागत अलम घरों से उठे और एक जुलूस की शक्ल में शाही जामा मस्जिद मार्ग होते हुए डाक खाना रोड से चक्की के पाट के निकट मोड़ पर बड़े जुलूस में शामिल हुए। इस मौके पर हाजी नसीम वारसी, रज़ी ठेकेदार, फैयाज नबी वारसी, शानू साबरी, परवेज वारसी, जमशेद वारसी, मोहम्मद शफीक, वसीम वारसी आदि शामिल रहे। उधर हज़रत अब्बास अलमदार की कर्बला में हुई शहादत पर अलम मुबारक का जुलूस अदब व एहतराम के साथ निकाला गया। बड़ी तादात में अलमदार, अज़ादार उमड़े तो उनकी हौंसला अफजाई के लिए जुलूस में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। जुलूस में घूमकर जनप्रतिनिधि हालचाल जानते रहे। अलमदारी के दौरान कई स्थानों पर जनप्रतिनिधियों का पगड़ी बांधकर इस्तकबाल किया गया। इस मौके पर विधायक पुत्र सुहैल इकबाल, चेयरमैन पति चौधरी मुशीर अली खा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हाजी आरिफ तुर्की, सईद अख्तर इसराइली, कामिल एडवोकेट, नवाब अरमान आदि रहे। जबकि व्यापारियों में नबील अहमद, नाजिम सैफी, हाजी एहतिशाम, फुरकान वारसी आदि रहे।

देवघर-भोगनाडीह कांड को लेकर देवघर झामुमो जिलाध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस।
देवघर: साहबगंज जिले के भोगनाडीह सिधु कान्हू के जन्मस्थली में हूल दिवस के दिन हुई घटना को देवघर जेएमएम जिला अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने भाजपा का षडयंत्र बताया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान श्री शर्मा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को बदनाम करनें की यह एक साजिश थी।यह राज्यकीय कार्यक्रम था इसमें मंत्री से लेकर सरकारी अधिकारी भी आते हैं।यह कार्यक्रम किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था। इसे तो जिला प्रशासन आयोजन करती है।भाजपा के कार्यर्ताओं के द्वारा उपद्रव करना,लोगों को शहीद स्थल तक जाने से रोकना यह बहुत ही गलत है।भाजपा के नेता चम्पई सोरेन के शोसल मीडिया चलाने वाले का नाम सामने आता है।कहीं न कहीं उन्हें उनके आंका के द्वारा यह निर्देश दिया गया था कि कार्यक्रम को सफल नहीं होने देना है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन का वहां कार्यक्रम होता है,रघुवर दास,सीता सोरेन पहुंचती हैं। और बाद में इस प्रकार की घटना घटती है।इस मामले में एक मंडल मुर्मू का नाम सामने आया है जिनका चाल चरित्र सभी लोग जानते हैं,इनको जबरन भाजपा में शामिल किया गया था ताकि हेमंत सोरेन के विधानसभा में उन्हें डिस्टर्ब किया जाए।इनके द्वारा मुख्यमंत्री के नॉमिनेशन को भी कैंसिल करवाने का प्रयास किया गया था।इसी मंडल मुर्मू के द्वारा भोगनाडीह की पट कथा लिखी गयी थी। उनका उद्देश्य ही था कि भोगनाडीह में बबाल मचवाना।चम्पई सोरेन ने 23 जून को एक पोस्ट किया गया था कि चलो भोगनाडीह चलें।कहीं न कहीं यह मुख्यमंत्री के ऊपर हमला का प्लान था।वहीं श्री शर्मा ने भाजपा पर बरसते हुए कहा कि भाजपा की जमीन खिसक चुकी है उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।भाजपा ने हमारे पार्टी के कई नेता को भाजपा में लाया पर इसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिला।भाजपा जात-पात और धर्म की राजनीति के अलावे उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।हमलोग भोगनाडीह की घटना की निंदा करते हैं और प्रशासन से आग्रह करते हैं वहां कार्यक्रम के पूर्व जितने भी नेता पहुंचे सभी की जांच की जाए और इस कृत्य को करनें वालों को सजा मिले।देवघर जेएमएम दोषियों पर कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हैं।शहीदों के स्थल पर इस प्रकार के कुकृत्य करनें वालों को जनता कभी मांफ नहीं करेगी।दंगाई पिस्टल के साथ गिरफ्तार हो रहें हैं जिसकी पुष्टि थाना के अधिकारी ने किया है।
देवीपाटन मंडल का प्रथम रक्तदान शिविर जिसमें सम्पूर्ण परिवार ने किया रक्तदान

बलरामपुर: लायंस इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 321B1 के लायंस क्लब, बलरामपुर द्वारा आज एक वृहद रक्तदान शिविर का आयोजन बलरामपुर चीनी मिल के सहयोग से चीनी मिल परिसर में स्थित ऑफिसर्स क्लब में किया गया। इस शिविर का आयोजन लॉयनिस्टिक नवसत्रारम्भ, डॉक्टरर्स डे एवं सी. ए. डे के अवसर पर किया गया। शिविर का शुभारंभ बलरामपुर चीनी मिल के अधिशासी अध्यक्ष के. के. बाजपेयी के द्वारा किया गया। उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है और आज आप सभी इस महादान के पश्चात ईश्वर के द्वारा पुण्य प्राप्त करने के पात्र हो गए हैं। आपके द्वारा किए जा रहे रक्तदान से न जाने कितने परिवारों की ज़िंदगी में सार्थक बदलाव आएगा। लायंस क्लब बलरामपुर समय समय पर जनोपयोगी कार्यों से जनता की सेवा लगातार करता आ रहा है। साथ में लायंस इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 321B1 के वाईस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रथम लायन परमजीत सिंह, क्लब अध्यक्ष लायन प्रीतपाल सिंह भी रहे।

शिविर के मुख्य सँयोजक लायंस क्लब बलरामपुर के ब्लड डोनेशन चेयरपर्सन लायन आलोक अग्रवाल ने बताया कि कुल 81 लोगों ने रक्तदान करने के लिए अपना नाम लिखवाया था जिसके सापेक्ष में 72 लोग उपस्थित हुए और कुल 55 लोगों ने रक्तदान करने का सौभाग्य प्राप्त किया। 17 लोग विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से रक्तदान से वंचित रह गए।

शिविर के आयोजन में सचिव लायन प्रद्युम्न सिंह, क्लब के एकमात्र चार्टर सदस्य लायन अशोक गुप्ता का विशेष सहयोग रहा। स्थानीय सँयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर के ब्लड बैंक की टीम में डॉ आकांक्षा शुक्ला, डॉ सत्य प्रकाश शुक्ला, काउंसलर हिमांशु तिवारी, लैब टेक्नीशियन अशोक पांडेय, सोनम तिवारी एवंअभिषेक सिंह, साथ में राजीव व विकास का सराहनीय सहयोग रहा। रक्तदानियों में ब्लड बैंक प्रभारी डॉ आकांक्षा शुक्ला, आशीष अग्रवाल (उन्नीसवाँ), दिनेश चौहान, नवीन सिंह (उन्नीसवाँ), परमजीत सिंह (चालीसवां), प्रद्युम्न सिंह (चौबीसवां), संतोष राय (चतुर्थ), कुमार पीयूष (उन्नीसवाँ), शशि कपूर,विनीत सिंह (तेरहवां), विनोद चौहान (पंचम) एवं विवेक श्रीवास्तव (अट्ठाईसवाँ) सहित अन्य रक्तदानी रहे।

शिविर की मुख्य विशेषता रही कि मंडल देवीपाटन में पहली बार सम्पूर्ण परिवार ने एकसाथ रक्तदान किया - हिमांशु मणि दीक्षित ने अपना (55वाँ) रक्तदान किया, उनकी पत्नी सीता दीक्षित ने अपना (पहला), छोटे पुत्र यशवर्धन ने अपना (दूसरा) व उनके बड़े पुत्र दिव्यांग अंतर्राष्ट्रीय पैराएथलीट हर्षवर्धन ने अपना (पहला) रक्तदान किया। तीन पति पत्नी की जोड़ी ने भी एक साथ रक्तदान किया जिसमें शामिल रहे मनीष सिंह (छठा) व सुनीति सिंह (दूसरा), बी. एन. ठाकुर एवं दीपिका ठाकुर तथा डी. के. सिंह एवं पूनम सिंह शामिल रहे। आज के शिविर में प्रथम बार रक्तदान करने वालों की संख्या 5 रही जो इन नए रक्तदाताओं के लिए शुभ संकेत रहा। साथ ही नारी शक्ति की भागीदारी 5 की संख्या के साथ उत्साहवर्धक रही। शिविर में सभी रक्तदाताओं को विशेष प्रमाणपत्र देकर उंनके सम्मान किया गया।

आकाशीय बिजली तथा विद्युत स्पर्श की चपेट में आने से महिला तथा किशोरी झुलसकर हुई अचेत

हलिया, मीरजापुर।हलिया थाना क्षेत्र के हलिया कस्बे में शनिवार को सुबह नौ बजे के करीब आकाशी बिजली की चपेट में आने से एक महिला झुलसकर अचेत हो गई वही विद्युत स्पर्श की चपेट में आने से किशोरी घायल होकर अचेत हो गई महिला तथा किशोरी के परिजनों द्वारा दोनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों द्वारा दोनों का उपचार किया जा रहा है थाना क्षेत्र के हलिया कस्बा यादव बस्ती निवासी भोला यादव की 48 वर्षीय पत्नी यशोदा तेज गरज चमक के साथ हो रही बारिश के दौरान घर के सामने लगे टीन सेड के नीचे बैठी थी उसी दौरान आकाशीय बिजली घर के पास गिरने से महिला झुलसकर अचेत हो गई परिजनों द्वारा महिला को एंबुलेंस सेवा से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया ले जाया गया जहां पर मौजूद डॉ हर्षवर्धन व रीना सिंह के द्वारा महिला का उपचार किया जा रहा है।

स्थिति सामान्य बताई गई वहीं हलिया सोनकर बस्ती निवासी मदन सोनकर की 17 वर्षीया पुत्री किरन के हाथ में बिजली का कटा हुआ तार स्पर्श हो जाने से किशोरी झुलसकर अचेत हो गई परिजन द्वारा किशोरी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया ले जाया गया जहां पर डॉक्टर हर्षवर्धन व रीना सिंह के द्वारा किशोरी का उपचार किया जा रहा है चिकित्सको द्वारा किशोरी की स्थिति सामान्य बताई गई।

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो झुलसे

 मिर्जापुर।हलिया विकास खंड के ड्रमंड गंज थाना क्षेत्र के गूलपुर नौगवा निवासी किसन कोल की 22 वर्षीय पत्नी अंजलि घर के बरामदे में बैठी थी उसी समय गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली पड़ने से उसकी चपेट में आकर अचेत हो गई वही गुलपुर नौगवा निवासी कमला कोल का 22 वर्षीय पुत्र राकेश कोल घर के मडहे में बैठा था उसी समय आकाशीय बिजली की चपेट में आकर अचेत हो गया परिजनों द्वारा आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया लाया गया जहां पर उपस्थित चिकित्सक अवधेश कुमार द्वारा उपचार किया जा रहा है उक्त संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दो लोग अचेत हो है जिसका उपचार किया जा रहा है।

राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से की मुलाकात, जानें क्या हुई बात?

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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क्विंगदाओ शहर में आयोजित एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन से मुलाकात कर द्विपक्षीय बैठक भी की।

राजनाथ सिंह ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री से उनकी द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। लगभग छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें।

इसके अलावा उन्होंने चीनी समकक्ष को बिहार की मधुबनी पेंटिंग भेंट की। बिहार के मिथिला क्षेत्र में बनी पेंटिंग की विशेषता चमकीले रंगों और विरोधाभासों या पैटर्न से भरे रेखा चित्र हैं। ये पेंटिंग अपने आदिवासी रूपांकनों और चमकीले मिट्टी के रंगों के उपयोग के कारण लोकप्रिय हैं।

राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री से ऐसे समय में मिले हैं जब उन्होंने चीन के क्विंगदाओ में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मीटिंग के साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रक्षामंत्री ने साझा बयान पर साइन करने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि इसमें हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी नीतियों में सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि ऐसे दोहरे मापदंड को खत्म करना बेहद जरूरी है और एससीओ जैसे मंच को ऐसी ताकतों की खुलेआम आलोचना करनी चाहिए।

मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* -
*मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* - पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच हुआ एमओयू - लखनऊ में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के भव्य रोड शो का सफलतापूर्वक समापन - पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल - पर्यटन मंत्री श्री धर्मेंन्द्र लोधी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने आगंतुकों को प्रदेश की पर्य़टन विशेषताओं से किया अवगत भोपाल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत आयोजित किया गया। इस रोड शो में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह रहे। ख्यात अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी, म.प्र. पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव व म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला तथा उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्री मुकेश कुमार मेश्राम की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से श्री राम पथ गमन, श्री कृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है। वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश, अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए, सभी को मध्यप्रदेश आने और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया। उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। हमारे रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मां गंगा से मांं नर्मदा तक की यह यात्रा न केवल पर्यटकों को सुखद अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि हमें एक–दूसरे को और संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी। *गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह* प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश और म.प्र. के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशीविश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दोनों ही ज्योर्तिलिंग को जोड़ने के लिये काशी विश्वनाथ महाकाल एक्सप्रेस संचालित होती है। गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा। श्री शुक्ला ने कहा, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। मध्य प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पर्यटन, सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक समावेश का भी माध्यम है। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है, रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है। मध्य प्रदेश में पर्यटन सिर्फ स्थलों की यात्रा नहीं, बल्कि अनुभवों की यात्रा है। मध्य प्रदेश आपका स्वागत करता है, न केवल एक डेस्टिनेशन के रूप में, बल्कि साझेदार के रूप में भी। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर मध्य प्रदेश को स्थापित करने में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। *हितधारकों ने किया मंथन* उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। *मध्य प्रदेश की है समृद्ध सांस्कृतिक विरासत* रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रदेश की प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में बाबा महाकाल, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। प्रदेश को ग्रीन, क्लीन और सेफ मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट", "लेपर्ड स्टेट", "घड़ियाल स्टेट", "चीता स्टेट" और "वल्चर स्टेट" के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में देश का सबसे अधिक वन क्षेत्र है और मध्य प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए एक अनमोल खजाना है। पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। मध्य प्रदेश की फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी एक विशिष्ट पहचान बनी है। *उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की सहज कनेक्टिविटी* उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है। *विश्व स्तरीय आतिथ्य सत्कार- लग्जरी से लेकर होमस्टे तक* मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों की अलग-अलग पसंद के अनुसार हैं। लग्जरी रिसॉर्ट्स में ताज, मैरियट, रेडिसन, रामाडा, द पार्क और क्लेरियन इन जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में मौजूद हैं। इसके अलावा भव्य हवेलियों और राजसी महलों में बने हेरिटेज होटल शाही ठाट-बाट का अनुभव कराते हैं। ग्रामीण परिवेश का आनंद पर्यटकों को दिलाने के लिए होम स्टे का निर्माण कराया गया है। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 9 टाइगर रिजर्व सहित कई शीर्ष पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों के लिए सतत आकर्षण का केंद्र हैं। *पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं* प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाएं प्रदान करती है। इस नीति के तहत, निवेशकों को भूमि पार्सल, वे साइड एमेनिटीज़ और विरासत संपत्तियों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 90 साल के पट्टे पर भूमि उपलब्ध है। निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा, ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले अल्ट्रा-मेगा पर्यटन परियोजनाओं के लिए सरकार सीधे भूमि आवंटित कर सकती है। *फिल्म निर्माण का केंद्र* फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) की स्थापना की गई है, जो एकल विंडो सिस्टम के माध्यम से सुलभता से अनुमति प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में नीति लागू होने के बाद अब तक 350 से अधिक फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग की जा चुकी है। प्रदेश में फिल्म अनुमति को समय–सीमा में प्रदान किए जाने हेतु लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया गया है। *पर्यटकों के लिए संपूर्ण सहायता* मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई विस्तृत यात्रा योजनाएं और मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों की सूची राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।अनुभवी यात्रा विशेषज्ञ पर्यटकों का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे उनकी यात्रा सुखद, आसान और यादगार बनती है।
मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* -
*मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* - पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच हुआ एमओयू - लखनऊ में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के भव्य रोड शो का सफलतापूर्वक समापन - पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल - पर्यटन मंत्री श्री धर्मेंन्द्र लोधी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने आगंतुकों को प्रदेश की पर्य़टन विशेषताओं से किया अवगत भोपाल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत आयोजित किया गया। इस रोड शो में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह रहे। ख्यात अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी, म.प्र. पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव व म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला तथा उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्री मुकेश कुमार मेश्राम की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से श्री राम पथ गमन, श्री कृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है। वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश, अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए, सभी को मध्यप्रदेश आने और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया। उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। हमारे रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मां गंगा से मांं नर्मदा तक की यह यात्रा न केवल पर्यटकों को सुखद अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि हमें एक–दूसरे को और संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी। *गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह* प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश और म.प्र. के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशीविश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दोनों ही ज्योर्तिलिंग को जोड़ने के लिये काशी विश्वनाथ महाकाल एक्सप्रेस संचालित होती है। गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा। श्री शुक्ला ने कहा, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। मध्य प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पर्यटन, सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक समावेश का भी माध्यम है। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है, रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है। मध्य प्रदेश में पर्यटन सिर्फ स्थलों की यात्रा नहीं, बल्कि अनुभवों की यात्रा है। मध्य प्रदेश आपका स्वागत करता है, न केवल एक डेस्टिनेशन के रूप में, बल्कि साझेदार के रूप में भी। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर मध्य प्रदेश को स्थापित करने में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। *हितधारकों ने किया मंथन* उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। *मध्य प्रदेश की है समृद्ध सांस्कृतिक विरासत* रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रदेश की प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में बाबा महाकाल, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। प्रदेश को ग्रीन, क्लीन और सेफ मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट", "लेपर्ड स्टेट", "घड़ियाल स्टेट", "चीता स्टेट" और "वल्चर स्टेट" के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में देश का सबसे अधिक वन क्षेत्र है और मध्य प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए एक अनमोल खजाना है। पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। मध्य प्रदेश की फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी एक विशिष्ट पहचान बनी है। *उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की सहज कनेक्टिविटी* उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है। *विश्व स्तरीय आतिथ्य सत्कार- लग्जरी से लेकर होमस्टे तक* मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों की अलग-अलग पसंद के अनुसार हैं। लग्जरी रिसॉर्ट्स में ताज, मैरियट, रेडिसन, रामाडा, द पार्क और क्लेरियन इन जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में मौजूद हैं। इसके अलावा भव्य हवेलियों और राजसी महलों में बने हेरिटेज होटल शाही ठाट-बाट का अनुभव कराते हैं। ग्रामीण परिवेश का आनंद पर्यटकों को दिलाने के लिए होम स्टे का निर्माण कराया गया है। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 9 टाइगर रिजर्व सहित कई शीर्ष पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों के लिए सतत आकर्षण का केंद्र हैं। *पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं* प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाएं प्रदान करती है। इस नीति के तहत, निवेशकों को भूमि पार्सल, वे साइड एमेनिटीज़ और विरासत संपत्तियों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 90 साल के पट्टे पर भूमि उपलब्ध है। निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा, ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले अल्ट्रा-मेगा पर्यटन परियोजनाओं के लिए सरकार सीधे भूमि आवंटित कर सकती है। *फिल्म निर्माण का केंद्र* फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) की स्थापना की गई है, जो एकल विंडो सिस्टम के माध्यम से सुलभता से अनुमति प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में नीति लागू होने के बाद अब तक 350 से अधिक फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग की जा चुकी है। प्रदेश में फिल्म अनुमति को समय–सीमा में प्रदान किए जाने हेतु लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया गया है। *पर्यटकों के लिए संपूर्ण सहायता* मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई विस्तृत यात्रा योजनाएं और मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों की सूची राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।अनुभवी यात्रा विशेषज्ञ पर्यटकों का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे उनकी यात्रा सुखद, आसान और यादगार बनती है।
जब लोकतंत्र को कुचला गया था… बलिया में गूंजे जयप्रकाश के नारे,आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर काला दिवस मनाया गया
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं वर्षगांठ पर बलिया के लोकतंत्र सेनानियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में काला दिवस मनाकर इतिहास के उस दर्द को फिर से जीवित कर दिया, जब बोलने की आज़ादी पर ताले जड़ दिए गए थे। लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति (उत्तर प्रदेश) के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में मंच से लेकर परिसर तक ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारों की गूंज रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष राघव जी गुप्ता ने की जबकि संचालन डॉ. सुरेश तिवारी ने किया। उपस्थित सेनानियों ने न केवल उस दौर को याद किया, बल्कि वर्तमान लोकतंत्र की चुनौतियों पर भी सवाल खड़े किए। जिलाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "आज से पचास साल पहले हमारे भीतर जो साहस, जोश और आत्मबल था, वह अब कमजोर पड़ा है, लेकिन आज भी हम देश की अखंडता, एकता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए तत्पर हैं।" उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए जो संघर्ष हुआ, उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर केश्वरनाथ पाण्डेय ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, "हमने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था, लेकिन वह आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। सरकारें बदलीं लेकिन व्यवस्था नहीं।" रामकुँवर जी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानियों जैसा सम्मान मिलना चाहिए। "हमें कुछ नहीं चाहिए, बस सरकार हमें वह दर्जा दे दे जो हमारा अधिकार है," उन्होंने कहा। संचालन कर रहे डा. सुरेश तिवारी ने प्रस्ताव रखा कि जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हैं, वैसे ही लोकतंत्र सेनानियों की कहानियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी त्याग और संघर्ष का मूल्य समझ सके। सभा में जैसे ही ‘जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारे लगे, पूरा परिसर आंदोलित हो उठा। ऐसा प्रतीत हुआ मानो वर्ष 1975 की त्रासदी फिर से आंखों के सामने आ गई हो। इस आयोजन में वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों ने भी अपनी बात रखी। जिनमें हरिन्द्र गुप्ता, रामदेव यादव, भूलोटन वर्मा, मुक्तेश्वर सिंह, कन्हैयां जी, रामाशंकर चौहान, डा. रामाशंकर प्रसाद, हरिशचन्द्र पाण्डेय, गोपाल जी सिंह, छविनाथ सिंह, कमला शर्मा, धनराज सिंह, अशोक सिंह, अनिल सिंह, गुलाब गुप्ता, दयाशंकर सिंह, शिवप्रकाश पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। सभा में लोकतंत्र सेनानियों के चेहरे पर एक ओर गर्व की चमक थी तो दूसरी ओर गहरा दर्द भी कि जिन अधिकारों के लिए उन्होंने जेल की सलाखों को चूमा, आज उन्हीं अधिकारों की कद्र घटती जा रही है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ और यह संदेश भी दिया गया कि लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ एक दौर का काम नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली जिम्मेदारी है।
आजमगढ़:-  भाजपा नेता की पत्नी के त्रयोदशाह कार्यक्रम में बोले मंत्री अनिल राजभर, सरकार का समर्थन करने पर सपा ने तीन विधायकों को पार्टी से निकाला
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के पास कोई भी मुद्दा नहीं बचा तो अब वह जाति की राजनीति करके समाज को तोड़ना चाहती है।उक्त बाते भाजपा नेता रानू राजभर की पत्नी के त्रयोदशाह कार्यक्रम में शामिल होने बुधवार को गनवारा गांव में आए उत्तरप्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कही। गोरखपुर क्षेत्र के भाजपा युवा मोर्चा उपाध्यक्ष रानू राजभर की पत्नी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के बाद अनिल राजभर ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर जम कर प्रहार किया ।इटावा कथावाचक कांड पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास अब कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बचा है और वह प्रेस वार्ता तक सीमित हो है।सपा के पास प्रदेश के नौजवानों महिलाओं और विकास का कोई मुद्दा नहीं बचा है।तीन विधायकों ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का समर्थन कर दिया तो अखिलेश ने इन तीनों विधायकों को पार्टी से निकाल दिया।कथा वाचक कांड में प्रशासन कानून के हिसाब से अपना कार्य कर रहा।फिर भी अखिलेश यादव जातिगत राजनीति कर रहे और जाति का ट्रंप प्रदेश में खेल कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते है और समाज को तोड़ना चाहते है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी खुद संत समाज से आते है कथावाचक कांड में शासन के निर्देश पर कानून के हिसाब से जो त्वरित कार्यवाही हुई वह अखिलेश को दिखाई नहीं दे रही और समाज में जातिगत भ्रम फैला रहे।उन्होंने आगे कहा कि उनके इस भ्रम को जनता समझ रही आने वाले समय में प्रदेश का हर अगड़ा,पिछड़ा,दलित और जो भी समुदाय है उन्हें इसका करारा जवाब देगा।संत समाज के लिए कानून बनाने संबंधी अखिलेश का बयान हास्यास्पद है। इस अवसर पर भाजपा लालगंज के जिला मंत्री दिलीप सिंह,आशीष सिंह, डॉ0 बृजेश राजभर,निखिल शर्मा,उपजिलाधिकारी फूलपुर संत रंजन श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय प्रताप सिंह,थानाध्यक्ष अहरौला प्रदीप कुमार सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
Sambhal हज़रत अब्बास की शहादत पर निकाला गया ऐतिहासिक अलम का जुलूस

आजादारों व अलमदारों ने बुलंद की हुसैन जिंदाबाद की सदाएं, इमाम बारगाहों में सजाए गए अलम

सम्भल। कर्बला में शहीद हुए नवासा ए रसूल, शहजादा मौला ए कायनात हज़रत अब्बास अलमदार की शहादत 07 मोहर्रम का तारीखी जुलूस शहर में निकाला गया।

गुरुवार को नगर के मोहल्ला मियां सराय से परंपरागत अलम मुबारक का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस कर्बला में शहीद हुए पैगंबर हज़रत मुहम्मद के नवासे और हज़रत अली के बेटे हज़रत अब्बास (गाज़ी) की याद में निकाला गया जिसमें हज़ारों की तादात में अकीदतमंद व अज़ादार जियारत करने के लिए उमड़े। अलम का जुलूस मियां सराय से शुरू हुआ और आसपास के मोहल्ले के अलम के साथ चमन सराय चौक इमामबाड़े पर जमा हुआ। यहां मंडी किशनदास सराय, हुसैन खान सराय अली सराय, आलम सराय, शेर खां सराय, सैफ खां, नूरियों सराय, बेगम सराय, जगत के अलम का जुलूस एक विशाल जुलूस के रूप में बाजार सब्जी मंडी से तहसील मोहल्ले के अलम को लेता हुआ कोट गर्वी में जमा हुआ। यहां फतेह उल्ला सराय, देहली दरवाजा, महमूद के अलम जुलूसों के विशाल जुलूस में परिवर्तित होकर रेतला मैदान पहुंचा। यहां से महमूद खां सराय नखासा और ख़ग्गू सराय, अंजुमन तिराहे से दीपा सराय और चोक व तीमारदास सराय के आसपास के मोहल्लों से अपने इमाम बारगाहों की तरफ कूच किया। अलमदारों व आजादारों की ज़बान पर पर मौला अब्बास, मौला हुसैन जिंदाबाद की सदाएं गूंजती हुई माहौल को रूहानी बनाकर हुसैनियत का बोल बाला करते हुए नज़र आए। इमाम बारगाहों में सुबह से ही अलम सजाकर रखे गए थे। दोपहर के समय अलामदारी का सिलसिला शुरू होकर देर शाम खत्म हुआ। यह अलमदारी शिया सुन्नी इत्तेहाद की तारीख को कायम करती हुई नजर आई। जहां शिया समुदाय के लोगों ने हज़रत अब्बास का अलम थामकर ज़िक्र ए हुसैन बुलंद किया और कर्बला के शहीदों को सलाम पेश किया तो वहीं सुन्नी समुदाय के लोगों ने भी अपने हाथों में मौला अब्बास का अलम थामकर कर्बला के शहीदों को याद करते हुए इस्लाम के लिए दी है नबी के घराने की इस कुर्बानी को तरो ताज़ा कर मोहब्बत कर्बला का पैगाम आम किया। यजीद के खिलाफ हुसैनियत का बोल बाला रहा। अलमदारों व आजादारों की सरपरस्ती करने के लिए अपने अपने मोहल्ले के जिम्मेदार अपनी ड्यूटी को परम्परागत तरीके से निभाते हुए नज़र आए। कहीं दस्तारबंदी कर स्थानीय लोगों ने अलम जुलूस में शामिल अलमदारों, अजादारों की हौंसला अफजाई पगड़ी बांधकर की तो कहीं शर्बत और नियाज़ नज़र का एहतिमाम स्टॉल लगाकर किया। जगह जगह पुलिस सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए शांति पूर्ण तरीके से अलम का जुलूस निकाला गया। आला अफसरान पल पल की रिपोर्ट लेते रहे तो स्थानीय अधिकारी पुलिस बल के साथ भ्रमण करते रहे।

इस मौके पर रफीक रही, मोहम्मद उमर, फैसल कसीर, हकीम अशीर, समद अब्बास, जमशेद वारसी, सालिम अशरफी आदि शामिल रहे। उधर कोट गर्वी से परंपरागत अलम घरों से उठे और एक जुलूस की शक्ल में शाही जामा मस्जिद मार्ग होते हुए डाक खाना रोड से चक्की के पाट के निकट मोड़ पर बड़े जुलूस में शामिल हुए। इस मौके पर हाजी नसीम वारसी, रज़ी ठेकेदार, फैयाज नबी वारसी, शानू साबरी, परवेज वारसी, जमशेद वारसी, मोहम्मद शफीक, वसीम वारसी आदि शामिल रहे। उधर हज़रत अब्बास अलमदार की कर्बला में हुई शहादत पर अलम मुबारक का जुलूस अदब व एहतराम के साथ निकाला गया। बड़ी तादात में अलमदार, अज़ादार उमड़े तो उनकी हौंसला अफजाई के लिए जुलूस में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। जुलूस में घूमकर जनप्रतिनिधि हालचाल जानते रहे। अलमदारी के दौरान कई स्थानों पर जनप्रतिनिधियों का पगड़ी बांधकर इस्तकबाल किया गया। इस मौके पर विधायक पुत्र सुहैल इकबाल, चेयरमैन पति चौधरी मुशीर अली खा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हाजी आरिफ तुर्की, सईद अख्तर इसराइली, कामिल एडवोकेट, नवाब अरमान आदि रहे। जबकि व्यापारियों में नबील अहमद, नाजिम सैफी, हाजी एहतिशाम, फुरकान वारसी आदि रहे।

देवघर-भोगनाडीह कांड को लेकर देवघर झामुमो जिलाध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस।
देवघर: साहबगंज जिले के भोगनाडीह सिधु कान्हू के जन्मस्थली में हूल दिवस के दिन हुई घटना को देवघर जेएमएम जिला अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने भाजपा का षडयंत्र बताया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान श्री शर्मा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को बदनाम करनें की यह एक साजिश थी।यह राज्यकीय कार्यक्रम था इसमें मंत्री से लेकर सरकारी अधिकारी भी आते हैं।यह कार्यक्रम किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था। इसे तो जिला प्रशासन आयोजन करती है।भाजपा के कार्यर्ताओं के द्वारा उपद्रव करना,लोगों को शहीद स्थल तक जाने से रोकना यह बहुत ही गलत है।भाजपा के नेता चम्पई सोरेन के शोसल मीडिया चलाने वाले का नाम सामने आता है।कहीं न कहीं उन्हें उनके आंका के द्वारा यह निर्देश दिया गया था कि कार्यक्रम को सफल नहीं होने देना है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन का वहां कार्यक्रम होता है,रघुवर दास,सीता सोरेन पहुंचती हैं। और बाद में इस प्रकार की घटना घटती है।इस मामले में एक मंडल मुर्मू का नाम सामने आया है जिनका चाल चरित्र सभी लोग जानते हैं,इनको जबरन भाजपा में शामिल किया गया था ताकि हेमंत सोरेन के विधानसभा में उन्हें डिस्टर्ब किया जाए।इनके द्वारा मुख्यमंत्री के नॉमिनेशन को भी कैंसिल करवाने का प्रयास किया गया था।इसी मंडल मुर्मू के द्वारा भोगनाडीह की पट कथा लिखी गयी थी। उनका उद्देश्य ही था कि भोगनाडीह में बबाल मचवाना।चम्पई सोरेन ने 23 जून को एक पोस्ट किया गया था कि चलो भोगनाडीह चलें।कहीं न कहीं यह मुख्यमंत्री के ऊपर हमला का प्लान था।वहीं श्री शर्मा ने भाजपा पर बरसते हुए कहा कि भाजपा की जमीन खिसक चुकी है उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।भाजपा ने हमारे पार्टी के कई नेता को भाजपा में लाया पर इसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिला।भाजपा जात-पात और धर्म की राजनीति के अलावे उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।हमलोग भोगनाडीह की घटना की निंदा करते हैं और प्रशासन से आग्रह करते हैं वहां कार्यक्रम के पूर्व जितने भी नेता पहुंचे सभी की जांच की जाए और इस कृत्य को करनें वालों को सजा मिले।देवघर जेएमएम दोषियों पर कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हैं।शहीदों के स्थल पर इस प्रकार के कुकृत्य करनें वालों को जनता कभी मांफ नहीं करेगी।दंगाई पिस्टल के साथ गिरफ्तार हो रहें हैं जिसकी पुष्टि थाना के अधिकारी ने किया है।
देवीपाटन मंडल का प्रथम रक्तदान शिविर जिसमें सम्पूर्ण परिवार ने किया रक्तदान

बलरामपुर: लायंस इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 321B1 के लायंस क्लब, बलरामपुर द्वारा आज एक वृहद रक्तदान शिविर का आयोजन बलरामपुर चीनी मिल के सहयोग से चीनी मिल परिसर में स्थित ऑफिसर्स क्लब में किया गया। इस शिविर का आयोजन लॉयनिस्टिक नवसत्रारम्भ, डॉक्टरर्स डे एवं सी. ए. डे के अवसर पर किया गया। शिविर का शुभारंभ बलरामपुर चीनी मिल के अधिशासी अध्यक्ष के. के. बाजपेयी के द्वारा किया गया। उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है और आज आप सभी इस महादान के पश्चात ईश्वर के द्वारा पुण्य प्राप्त करने के पात्र हो गए हैं। आपके द्वारा किए जा रहे रक्तदान से न जाने कितने परिवारों की ज़िंदगी में सार्थक बदलाव आएगा। लायंस क्लब बलरामपुर समय समय पर जनोपयोगी कार्यों से जनता की सेवा लगातार करता आ रहा है। साथ में लायंस इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 321B1 के वाईस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रथम लायन परमजीत सिंह, क्लब अध्यक्ष लायन प्रीतपाल सिंह भी रहे।

शिविर के मुख्य सँयोजक लायंस क्लब बलरामपुर के ब्लड डोनेशन चेयरपर्सन लायन आलोक अग्रवाल ने बताया कि कुल 81 लोगों ने रक्तदान करने के लिए अपना नाम लिखवाया था जिसके सापेक्ष में 72 लोग उपस्थित हुए और कुल 55 लोगों ने रक्तदान करने का सौभाग्य प्राप्त किया। 17 लोग विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से रक्तदान से वंचित रह गए।

शिविर के आयोजन में सचिव लायन प्रद्युम्न सिंह, क्लब के एकमात्र चार्टर सदस्य लायन अशोक गुप्ता का विशेष सहयोग रहा। स्थानीय सँयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर के ब्लड बैंक की टीम में डॉ आकांक्षा शुक्ला, डॉ सत्य प्रकाश शुक्ला, काउंसलर हिमांशु तिवारी, लैब टेक्नीशियन अशोक पांडेय, सोनम तिवारी एवंअभिषेक सिंह, साथ में राजीव व विकास का सराहनीय सहयोग रहा। रक्तदानियों में ब्लड बैंक प्रभारी डॉ आकांक्षा शुक्ला, आशीष अग्रवाल (उन्नीसवाँ), दिनेश चौहान, नवीन सिंह (उन्नीसवाँ), परमजीत सिंह (चालीसवां), प्रद्युम्न सिंह (चौबीसवां), संतोष राय (चतुर्थ), कुमार पीयूष (उन्नीसवाँ), शशि कपूर,विनीत सिंह (तेरहवां), विनोद चौहान (पंचम) एवं विवेक श्रीवास्तव (अट्ठाईसवाँ) सहित अन्य रक्तदानी रहे।

शिविर की मुख्य विशेषता रही कि मंडल देवीपाटन में पहली बार सम्पूर्ण परिवार ने एकसाथ रक्तदान किया - हिमांशु मणि दीक्षित ने अपना (55वाँ) रक्तदान किया, उनकी पत्नी सीता दीक्षित ने अपना (पहला), छोटे पुत्र यशवर्धन ने अपना (दूसरा) व उनके बड़े पुत्र दिव्यांग अंतर्राष्ट्रीय पैराएथलीट हर्षवर्धन ने अपना (पहला) रक्तदान किया। तीन पति पत्नी की जोड़ी ने भी एक साथ रक्तदान किया जिसमें शामिल रहे मनीष सिंह (छठा) व सुनीति सिंह (दूसरा), बी. एन. ठाकुर एवं दीपिका ठाकुर तथा डी. के. सिंह एवं पूनम सिंह शामिल रहे। आज के शिविर में प्रथम बार रक्तदान करने वालों की संख्या 5 रही जो इन नए रक्तदाताओं के लिए शुभ संकेत रहा। साथ ही नारी शक्ति की भागीदारी 5 की संख्या के साथ उत्साहवर्धक रही। शिविर में सभी रक्तदाताओं को विशेष प्रमाणपत्र देकर उंनके सम्मान किया गया।

आकाशीय बिजली तथा विद्युत स्पर्श की चपेट में आने से महिला तथा किशोरी झुलसकर हुई अचेत

हलिया, मीरजापुर।हलिया थाना क्षेत्र के हलिया कस्बे में शनिवार को सुबह नौ बजे के करीब आकाशी बिजली की चपेट में आने से एक महिला झुलसकर अचेत हो गई वही विद्युत स्पर्श की चपेट में आने से किशोरी घायल होकर अचेत हो गई महिला तथा किशोरी के परिजनों द्वारा दोनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों द्वारा दोनों का उपचार किया जा रहा है थाना क्षेत्र के हलिया कस्बा यादव बस्ती निवासी भोला यादव की 48 वर्षीय पत्नी यशोदा तेज गरज चमक के साथ हो रही बारिश के दौरान घर के सामने लगे टीन सेड के नीचे बैठी थी उसी दौरान आकाशीय बिजली घर के पास गिरने से महिला झुलसकर अचेत हो गई परिजनों द्वारा महिला को एंबुलेंस सेवा से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया ले जाया गया जहां पर मौजूद डॉ हर्षवर्धन व रीना सिंह के द्वारा महिला का उपचार किया जा रहा है।

स्थिति सामान्य बताई गई वहीं हलिया सोनकर बस्ती निवासी मदन सोनकर की 17 वर्षीया पुत्री किरन के हाथ में बिजली का कटा हुआ तार स्पर्श हो जाने से किशोरी झुलसकर अचेत हो गई परिजन द्वारा किशोरी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया ले जाया गया जहां पर डॉक्टर हर्षवर्धन व रीना सिंह के द्वारा किशोरी का उपचार किया जा रहा है चिकित्सको द्वारा किशोरी की स्थिति सामान्य बताई गई।

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो झुलसे

 मिर्जापुर।हलिया विकास खंड के ड्रमंड गंज थाना क्षेत्र के गूलपुर नौगवा निवासी किसन कोल की 22 वर्षीय पत्नी अंजलि घर के बरामदे में बैठी थी उसी समय गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली पड़ने से उसकी चपेट में आकर अचेत हो गई वही गुलपुर नौगवा निवासी कमला कोल का 22 वर्षीय पुत्र राकेश कोल घर के मडहे में बैठा था उसी समय आकाशीय बिजली की चपेट में आकर अचेत हो गया परिजनों द्वारा आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया लाया गया जहां पर उपस्थित चिकित्सक अवधेश कुमार द्वारा उपचार किया जा रहा है उक्त संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दो लोग अचेत हो है जिसका उपचार किया जा रहा है।

राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से की मुलाकात, जानें क्या हुई बात?

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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क्विंगदाओ शहर में आयोजित एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन से मुलाकात कर द्विपक्षीय बैठक भी की।

राजनाथ सिंह ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री से उनकी द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। लगभग छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें।

इसके अलावा उन्होंने चीनी समकक्ष को बिहार की मधुबनी पेंटिंग भेंट की। बिहार के मिथिला क्षेत्र में बनी पेंटिंग की विशेषता चमकीले रंगों और विरोधाभासों या पैटर्न से भरे रेखा चित्र हैं। ये पेंटिंग अपने आदिवासी रूपांकनों और चमकीले मिट्टी के रंगों के उपयोग के कारण लोकप्रिय हैं।

राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री से ऐसे समय में मिले हैं जब उन्होंने चीन के क्विंगदाओ में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मीटिंग के साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रक्षामंत्री ने साझा बयान पर साइन करने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि इसमें हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी नीतियों में सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि ऐसे दोहरे मापदंड को खत्म करना बेहद जरूरी है और एससीओ जैसे मंच को ऐसी ताकतों की खुलेआम आलोचना करनी चाहिए।

मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* -
*मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* - पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच हुआ एमओयू - लखनऊ में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के भव्य रोड शो का सफलतापूर्वक समापन - पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल - पर्यटन मंत्री श्री धर्मेंन्द्र लोधी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने आगंतुकों को प्रदेश की पर्य़टन विशेषताओं से किया अवगत भोपाल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत आयोजित किया गया। इस रोड शो में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह रहे। ख्यात अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी, म.प्र. पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव व म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला तथा उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्री मुकेश कुमार मेश्राम की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से श्री राम पथ गमन, श्री कृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है। वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश, अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए, सभी को मध्यप्रदेश आने और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया। उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। हमारे रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मां गंगा से मांं नर्मदा तक की यह यात्रा न केवल पर्यटकों को सुखद अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि हमें एक–दूसरे को और संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी। *गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह* प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश और म.प्र. के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशीविश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दोनों ही ज्योर्तिलिंग को जोड़ने के लिये काशी विश्वनाथ महाकाल एक्सप्रेस संचालित होती है। गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा। श्री शुक्ला ने कहा, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। मध्य प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पर्यटन, सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक समावेश का भी माध्यम है। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है, रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है। मध्य प्रदेश में पर्यटन सिर्फ स्थलों की यात्रा नहीं, बल्कि अनुभवों की यात्रा है। मध्य प्रदेश आपका स्वागत करता है, न केवल एक डेस्टिनेशन के रूप में, बल्कि साझेदार के रूप में भी। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर मध्य प्रदेश को स्थापित करने में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। *हितधारकों ने किया मंथन* उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। *मध्य प्रदेश की है समृद्ध सांस्कृतिक विरासत* रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रदेश की प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में बाबा महाकाल, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। प्रदेश को ग्रीन, क्लीन और सेफ मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट", "लेपर्ड स्टेट", "घड़ियाल स्टेट", "चीता स्टेट" और "वल्चर स्टेट" के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में देश का सबसे अधिक वन क्षेत्र है और मध्य प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए एक अनमोल खजाना है। पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। मध्य प्रदेश की फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी एक विशिष्ट पहचान बनी है। *उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की सहज कनेक्टिविटी* उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है। *विश्व स्तरीय आतिथ्य सत्कार- लग्जरी से लेकर होमस्टे तक* मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों की अलग-अलग पसंद के अनुसार हैं। लग्जरी रिसॉर्ट्स में ताज, मैरियट, रेडिसन, रामाडा, द पार्क और क्लेरियन इन जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में मौजूद हैं। इसके अलावा भव्य हवेलियों और राजसी महलों में बने हेरिटेज होटल शाही ठाट-बाट का अनुभव कराते हैं। ग्रामीण परिवेश का आनंद पर्यटकों को दिलाने के लिए होम स्टे का निर्माण कराया गया है। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 9 टाइगर रिजर्व सहित कई शीर्ष पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों के लिए सतत आकर्षण का केंद्र हैं। *पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं* प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाएं प्रदान करती है। इस नीति के तहत, निवेशकों को भूमि पार्सल, वे साइड एमेनिटीज़ और विरासत संपत्तियों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 90 साल के पट्टे पर भूमि उपलब्ध है। निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा, ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले अल्ट्रा-मेगा पर्यटन परियोजनाओं के लिए सरकार सीधे भूमि आवंटित कर सकती है। *फिल्म निर्माण का केंद्र* फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) की स्थापना की गई है, जो एकल विंडो सिस्टम के माध्यम से सुलभता से अनुमति प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में नीति लागू होने के बाद अब तक 350 से अधिक फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग की जा चुकी है। प्रदेश में फिल्म अनुमति को समय–सीमा में प्रदान किए जाने हेतु लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया गया है। *पर्यटकों के लिए संपूर्ण सहायता* मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई विस्तृत यात्रा योजनाएं और मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों की सूची राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।अनुभवी यात्रा विशेषज्ञ पर्यटकों का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे उनकी यात्रा सुखद, आसान और यादगार बनती है।
मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* -
*मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल* - पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच हुआ एमओयू - लखनऊ में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के भव्य रोड शो का सफलतापूर्वक समापन - पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल - पर्यटन मंत्री श्री धर्मेंन्द्र लोधी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने आगंतुकों को प्रदेश की पर्य़टन विशेषताओं से किया अवगत भोपाल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत आयोजित किया गया। इस रोड शो में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह रहे। ख्यात अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी, म.प्र. पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव व म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला तथा उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्री मुकेश कुमार मेश्राम की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से श्री राम पथ गमन, श्री कृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है। वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश, अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए, सभी को मध्यप्रदेश आने और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया। उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। हमारे रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मां गंगा से मांं नर्मदा तक की यह यात्रा न केवल पर्यटकों को सुखद अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि हमें एक–दूसरे को और संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी। *गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह* प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश और म.प्र. के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशीविश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दोनों ही ज्योर्तिलिंग को जोड़ने के लिये काशी विश्वनाथ महाकाल एक्सप्रेस संचालित होती है। गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा। श्री शुक्ला ने कहा, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। मध्य प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पर्यटन, सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक समावेश का भी माध्यम है। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है, रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है। मध्य प्रदेश में पर्यटन सिर्फ स्थलों की यात्रा नहीं, बल्कि अनुभवों की यात्रा है। मध्य प्रदेश आपका स्वागत करता है, न केवल एक डेस्टिनेशन के रूप में, बल्कि साझेदार के रूप में भी। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर मध्य प्रदेश को स्थापित करने में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। *हितधारकों ने किया मंथन* उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। *मध्य प्रदेश की है समृद्ध सांस्कृतिक विरासत* रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रदेश की प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में बाबा महाकाल, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। प्रदेश को ग्रीन, क्लीन और सेफ मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट", "लेपर्ड स्टेट", "घड़ियाल स्टेट", "चीता स्टेट" और "वल्चर स्टेट" के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में देश का सबसे अधिक वन क्षेत्र है और मध्य प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए एक अनमोल खजाना है। पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। मध्य प्रदेश की फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी एक विशिष्ट पहचान बनी है। *उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की सहज कनेक्टिविटी* उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है। *विश्व स्तरीय आतिथ्य सत्कार- लग्जरी से लेकर होमस्टे तक* मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों की अलग-अलग पसंद के अनुसार हैं। लग्जरी रिसॉर्ट्स में ताज, मैरियट, रेडिसन, रामाडा, द पार्क और क्लेरियन इन जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में मौजूद हैं। इसके अलावा भव्य हवेलियों और राजसी महलों में बने हेरिटेज होटल शाही ठाट-बाट का अनुभव कराते हैं। ग्रामीण परिवेश का आनंद पर्यटकों को दिलाने के लिए होम स्टे का निर्माण कराया गया है। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 9 टाइगर रिजर्व सहित कई शीर्ष पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों के लिए सतत आकर्षण का केंद्र हैं। *पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं* प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाएं प्रदान करती है। इस नीति के तहत, निवेशकों को भूमि पार्सल, वे साइड एमेनिटीज़ और विरासत संपत्तियों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 90 साल के पट्टे पर भूमि उपलब्ध है। निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा, ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले अल्ट्रा-मेगा पर्यटन परियोजनाओं के लिए सरकार सीधे भूमि आवंटित कर सकती है। *फिल्म निर्माण का केंद्र* फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) की स्थापना की गई है, जो एकल विंडो सिस्टम के माध्यम से सुलभता से अनुमति प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में नीति लागू होने के बाद अब तक 350 से अधिक फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग की जा चुकी है। प्रदेश में फिल्म अनुमति को समय–सीमा में प्रदान किए जाने हेतु लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया गया है। *पर्यटकों के लिए संपूर्ण सहायता* मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई विस्तृत यात्रा योजनाएं और मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों की सूची राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।अनुभवी यात्रा विशेषज्ञ पर्यटकों का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे उनकी यात्रा सुखद, आसान और यादगार बनती है।
जब लोकतंत्र को कुचला गया था… बलिया में गूंजे जयप्रकाश के नारे,आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर काला दिवस मनाया गया
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं वर्षगांठ पर बलिया के लोकतंत्र सेनानियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में काला दिवस मनाकर इतिहास के उस दर्द को फिर से जीवित कर दिया, जब बोलने की आज़ादी पर ताले जड़ दिए गए थे। लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति (उत्तर प्रदेश) के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में मंच से लेकर परिसर तक ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारों की गूंज रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष राघव जी गुप्ता ने की जबकि संचालन डॉ. सुरेश तिवारी ने किया। उपस्थित सेनानियों ने न केवल उस दौर को याद किया, बल्कि वर्तमान लोकतंत्र की चुनौतियों पर भी सवाल खड़े किए। जिलाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "आज से पचास साल पहले हमारे भीतर जो साहस, जोश और आत्मबल था, वह अब कमजोर पड़ा है, लेकिन आज भी हम देश की अखंडता, एकता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए तत्पर हैं।" उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए जो संघर्ष हुआ, उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर केश्वरनाथ पाण्डेय ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, "हमने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था, लेकिन वह आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। सरकारें बदलीं लेकिन व्यवस्था नहीं।" रामकुँवर जी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानियों जैसा सम्मान मिलना चाहिए। "हमें कुछ नहीं चाहिए, बस सरकार हमें वह दर्जा दे दे जो हमारा अधिकार है," उन्होंने कहा। संचालन कर रहे डा. सुरेश तिवारी ने प्रस्ताव रखा कि जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हैं, वैसे ही लोकतंत्र सेनानियों की कहानियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी त्याग और संघर्ष का मूल्य समझ सके। सभा में जैसे ही ‘जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारे लगे, पूरा परिसर आंदोलित हो उठा। ऐसा प्रतीत हुआ मानो वर्ष 1975 की त्रासदी फिर से आंखों के सामने आ गई हो। इस आयोजन में वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों ने भी अपनी बात रखी। जिनमें हरिन्द्र गुप्ता, रामदेव यादव, भूलोटन वर्मा, मुक्तेश्वर सिंह, कन्हैयां जी, रामाशंकर चौहान, डा. रामाशंकर प्रसाद, हरिशचन्द्र पाण्डेय, गोपाल जी सिंह, छविनाथ सिंह, कमला शर्मा, धनराज सिंह, अशोक सिंह, अनिल सिंह, गुलाब गुप्ता, दयाशंकर सिंह, शिवप्रकाश पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। सभा में लोकतंत्र सेनानियों के चेहरे पर एक ओर गर्व की चमक थी तो दूसरी ओर गहरा दर्द भी कि जिन अधिकारों के लिए उन्होंने जेल की सलाखों को चूमा, आज उन्हीं अधिकारों की कद्र घटती जा रही है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ और यह संदेश भी दिया गया कि लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ एक दौर का काम नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली जिम्मेदारी है।
आजमगढ़:-  भाजपा नेता की पत्नी के त्रयोदशाह कार्यक्रम में बोले मंत्री अनिल राजभर, सरकार का समर्थन करने पर सपा ने तीन विधायकों को पार्टी से निकाला
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के पास कोई भी मुद्दा नहीं बचा तो अब वह जाति की राजनीति करके समाज को तोड़ना चाहती है।उक्त बाते भाजपा नेता रानू राजभर की पत्नी के त्रयोदशाह कार्यक्रम में शामिल होने बुधवार को गनवारा गांव में आए उत्तरप्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कही। गोरखपुर क्षेत्र के भाजपा युवा मोर्चा उपाध्यक्ष रानू राजभर की पत्नी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के बाद अनिल राजभर ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर जम कर प्रहार किया ।इटावा कथावाचक कांड पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास अब कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बचा है और वह प्रेस वार्ता तक सीमित हो है।सपा के पास प्रदेश के नौजवानों महिलाओं और विकास का कोई मुद्दा नहीं बचा है।तीन विधायकों ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का समर्थन कर दिया तो अखिलेश ने इन तीनों विधायकों को पार्टी से निकाल दिया।कथा वाचक कांड में प्रशासन कानून के हिसाब से अपना कार्य कर रहा।फिर भी अखिलेश यादव जातिगत राजनीति कर रहे और जाति का ट्रंप प्रदेश में खेल कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते है और समाज को तोड़ना चाहते है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी खुद संत समाज से आते है कथावाचक कांड में शासन के निर्देश पर कानून के हिसाब से जो त्वरित कार्यवाही हुई वह अखिलेश को दिखाई नहीं दे रही और समाज में जातिगत भ्रम फैला रहे।उन्होंने आगे कहा कि उनके इस भ्रम को जनता समझ रही आने वाले समय में प्रदेश का हर अगड़ा,पिछड़ा,दलित और जो भी समुदाय है उन्हें इसका करारा जवाब देगा।संत समाज के लिए कानून बनाने संबंधी अखिलेश का बयान हास्यास्पद है। इस अवसर पर भाजपा लालगंज के जिला मंत्री दिलीप सिंह,आशीष सिंह, डॉ0 बृजेश राजभर,निखिल शर्मा,उपजिलाधिकारी फूलपुर संत रंजन श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय प्रताप सिंह,थानाध्यक्ष अहरौला प्रदीप कुमार सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।