सोनभद्र खदान हादसा: ड्रिलिंग के दौरान चट्टान धसी, पांच मजदूरों की मौत, मलबे में दबे अन्य 10 से अधिक लोग, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की राहत अभियान जारी
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सोनभद्र । ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खदान में शनिवार दोपहर हुए भयानक हादसे ने मजदूरों और उनके परिवारों को हिला कर रख दिया है। खदान में ड्रिलिंग के दौरान अचानक चट्टान धसक गई, जिससे कम से कम 15 मजदूर मलबे में दब गए। दो दिन के लगातार रेस्क्यू अभियान के बाद अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अन्य मजदूरों की तलाश युद्धस्तर पर जारी है।
मृतकों की पहचान
अमरिनिया टोला, परसोई ग्राम पंचायत, ओबरा: राजू सिंह गोंड (शव रविवार की सुबह बरामद)
पनारी ग्राम पंचायत, करमसार टोला: संतोष यादव (30), इंद्रजीत यादव (32)
कोन, कचनरवा गांव: रविंद्र उर्फ नानक
एक अन्य मजदूर की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पहचान के लिए केवल मृतकों के स्वजन ही पोस्टमार्टम हाउस में प्रवेश कर पा रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन और मुश्किलें
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ की 100 से अधिक जवानों की टीम मलबे में दबे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार काम कर रही है। खदान की गहराई लगभग 150–200 फीट है और भारी मलबा बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है।एक बड़ी चट्टान के नीचे कई मजदूर फंसे हुए हैं, जिसे तोड़ने में काफी समय लग रहा है।बचाव दल रात-दिन जुटा हुआ है, लेकिन मलबे और अंधेरे की स्थिति में रेस्क्यू की गति अपेक्षित नहीं रही।प्रशासन ने दुर्घटना स्थल को अति संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर, आम लोगों और मीडिया का प्रवेश रोक दिया है।
हादसे का समय और कारण
हादसा शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे हुआ।श्री कृष्णा माइनिंग वर्क्स कंपनी की पत्थर खदान में ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग का काम चल रहा था।नौ कंप्रेशर मशीनों पर 18 मजदूर काम कर रहे थे।अचानक एक तरफ से चट्टान धसक गई और मलबा लगभग 150 फीट नीचे गिर गया।तीन मजदूर किसी तरह बचकर बाहर आए, लेकिन अन्य 15 से अधिक मजदूर मलबे में फंस गए।
प्रशासनिक पहल और सुरक्षा उपाय
ओबरा के एसपी और सीओ सिटी रणधीर मिश्र की अगुवाई में सुरक्षा बल तैनात हैं।जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।दुर्घटना के कारणों और जिम्मेदारों का जल्द पता लगाया जाएगा।सुरक्षा कारणों से दुर्घटना स्थल पर आम जनता और बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
गांवों में मातम और हाहाकार
मलबे में फंसे मजदूरों के परिवार शोकाकुल हैं।आसपास के गांवों में हाहाकार मचा हुआ है, क्योंकि कई परिवार अब भी अपने परिजनों की तलाश में हैं।राहत कार्य में हरसंभव प्रयास किया जा रहा है कि दबे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।अधिकारियों का कहना है कि मलबे की बड़ी चट्टान को हटाने के बाद ही बचे हुए मजदूरों की संख्या और स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी।राहत और बचाव अभियान जारी है, और प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और सावधानी बरती जा रही है।









Nov 19 2025, 18:39
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