जनपद बलरामपुर से बड़ी खबर — आयुष्मान आरोग्य मंदिर में गरीबों और मजदूरों के हक पर वसूली का खेल!
जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मजगवा कलां स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही और मनमानी का मामला सामने आया है। यहां तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) प्रियंका यादव के अधीन चल रहे इस अस्पताल में ग्रामीणों को न तो नियमित चिकित्सा सेवा मिल रही है और न ही सरकार की योजनाओं का सही लाभ।
ग्रामीणों — गुरु प्रसाद, उनकी पत्नी, शिवचरण लाल, अकबर अली और अंकित भारती ने बताया कि अस्पताल केवल एक घंटे के लिए खुलता है, बाकी पूरे दिन ताले में बंद रहता है। इस एक घंटे के दौरान भी मरीजों से जबरन वसूली की जा रही है — जबकि सरकार की मंशा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीणों, मजदूरों और गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा मिले।
गांव के लोगों का कहना है कि जब कोई बीमार होता है तो अस्पताल पहुंचने पर गेट बंद मिलता है। ग्रामीणों को मजबूरन निजी क्लिनिकों और दवा दुकानों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
संवाददाता ने जब इस संबंध में डॉक्टर विजय कुमार (अधीक्षक) से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका फोन काट दिया गया, और बाद में उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इससे यह स्पष्ट होता है कि अस्पताल प्रशासन लापरवाही पर पर्दा डालने में लगा है।
गांव के बुजुर्गों और महिलाओं ने भी बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन तो तैयार है, लेकिन डॉक्टरों और स्टाफ की उपस्थिति केवल कागजों पर दिखाई जाती है। आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को मुफ्त दवाएं देने के बजाय उनसे पैसे लेकर पर्ची और दवा दी जा रही है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल जांच की मांग की है। अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो यह गरीबों और मजदूरों के अधिकारों के साथ खुली न्याय की अवहेलना होगी।
> “गरीबों के इलाज का मंदिर अब वसूली का अड्डा बन चुका है। सरकार की योजनाएं फाइलों में चमक रही हैं, लेकिन ज़मीन पर दम तोड़ रही हैं।”








Nov 12 2025, 15:53
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