श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का प्रथम दिवस, कथा व्यास सनातन गौरव रत्न से सम्मानित
जय सिंह, बलरामपुर।हनुमानगढ़ी प्रांगण में हो रहे 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन विष्णु देव कसौधन द्वारा आयोजित किया गया है जिसमें सनातन गौरव रथ से सम्मानित वृंदावन धाम के कथा वाचक आचार्य चतुर नारायण पाराशर के मधुर मुखारविंद से भारी भीड़ के बीच 5:00 बजे से प्रारंभ हुआ, प्रथम दिवस में आचार्य श्री ने भागवत कथा के महात्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन हमें मिला है भगवान के भजन के लिए अपना कल्याण लोक और परलोक के लिए हम भागवत कथा सुनकर सुधार सकते हैं,
भ' शब्द से भक्ति श्री बांके बिहारी के चरणों में अटूट प्रेम हो जाए,
ज्ञ' शब्द का अर्थ ज्ञान किसी विषय वस्तु को जानना नहीं होता मनुष्य अपने आप को पहचान सके श्रेष्ठ ज्ञान वह है जो हम ज्ञान के माध्यम से अपने आप को पहचान सकें और भगवान की भक्ति कर सकें,व' शब्द वैराग्य धन दौलत और सब सुविधा होते हुए भी वैराग्य आ जाए, जैसे मीराबाई के जीवन में हुआ कथा के माध्यम से त' शब्द का अर्थ होता है त्याग अपने जीवन से काम क्रोध लोग मोह मधसत्ता का त्याग कर दें जो ठाकुर जी को अपना नहीं समझते उनका संग कभी ना करें अपने अंदर से गंदे विचारों को त्याग दें,
भागवत महात्म की कथा प्रथम दिन भागवत कथा महात्म के माध्यम से भागवत कथा है जो हमें भगवान से मिला दे, ज्ञान भक्ति वैराग्य के बारे में पूज्य महाराज जी ने बताया कोई कितना बड़ा पापी दुराचारी हो एक बार भागवत कथा सुन ले तो उसके जीवन का कल्याण हो जाता है।










Oct 25 2025, 15:49
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