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दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा, दिवाली बाद खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण हालात बिगड़ने शुरू हो गए हैं। बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई तथा हवा की गति कम होना इसकी बड़ी वजह रही। दीपावली के तीन दिन बाद एक्यूआई का स्तर 400 के पार पहुंच गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का रेड जोन में होना एक गंभीर चेतावनी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार में गुरुवार सुबह एक्यूआई 428 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा 'गंभीर' श्रेणी में आता है, जो वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है। अक्षरधाम के आसपास 350, इंडिया गेट और इसके आसपास के इलाकों में 353, एम्स में 342 एक्यूआई दर्ज किया गया है।

आतिशबाजी के बाद प्रदूषण तेजी से बढ़ा

सोमवार को दिवाली रात हुई आतिशबाजी के बाद प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई है। शहर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) का स्तर पिछले पांच वर्षों में सबसे खराब स्थिति में पहुँच गया है। दिवाली के तुरंत बाद, 24 घंटे के भीतर पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुँच गई, जो त्योहार से पहले के 156.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर से तीन गुना से भी अधिक है।

कमजोर हवाओं के कारण प्रदूषण जस-का-तस

वहीं, हवाएं इस समय कमजोर हैं। इस वजह से प्रदूषण जस-का-तस एक जगह बना हुआ है। सुबह-शाम स्मॉग की चादर मोटी दिख रही है। अगले तीन दिनों तक यही स्थिति बनी रह सकती है।

पराली जलाने की घटनाओं में कमी, फिर भी प्रदूषण का कहर

इस बार पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आई है। क्लाइमेट ट्रेंड्स के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से बाढ़ और फसल चक्र में देरी के कारण हुई। 1 से 12 अक्टूबर के बीच, जब पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर होती हैं, तब भी दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में 15.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई। हालांकि, इस कमी के बावजूद, अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण ने हवा की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं, बेल्जियम की अदालत ने कर दिया साफ

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भगोड़े मेहुल चोकसी को बड़ा झटका लगा है। बेल्जियम की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि उसके भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है। अदालत ने कहा कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, वो एक विदेशी नागरिक है और उसके खिलाफ लगे आरोप इतने गंभीर हैं कि उसका प्रत्यर्पण जायज है।

बेल्जियम की एंटवर्प अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में भगोड़े मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने साफ कहा कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं बल्कि विदेशी नागरिक है और उसके खिलाफ भारत में दर्ज आरोप गंभीर आपराधिक प्रकृति के हैं। बेल्जियम कोर्ट के अनुसार, भगोड़े मेहुल चोकसी पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और जालसाजी जैसे संगीन अपराधों के आरोप हैं। कोर्ट ने माना कि भारत में उसे निष्पक्ष सुनवाई मिलेगी और जेल की सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी।

अदालत ने चोकसी पर लगे एक आरोप को खारिज कर दिया कि 201 आईपीसी के तहत साक्ष्य गायब किए गए थे और कहा कि यह अपराध बेल्जियम के कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए इसे लागू करने योग्य नहीं माना जा सकता है। फैसले में स्पष्ट किया गया कि कथित कृत्य भारत में 31 दिसंबर, 2016 और 1 जनवरी, 2019 के बीच हुए थे और अभियोजन भारतीय या बेल्जियम कानून के तहत समय-बाधित नहीं है।

एंटवर्प की अदालत ने चोकसी की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि प्रत्यर्पण का अनुरोध राजनीति से प्रेरित है या उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि कथित अपराधों को राजनीतिक, सैन्य या गैर-प्रत्यर्पणीय कर अपराध नहीं माना जा सकता और यह मानने का कोई आधार नहीं है कि यह अनुरोध किसी व्यक्ति पर उसकी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता या राजनीतिक संबद्धता के आधार पर मुकदमा चलाने या उसे दंडित करने के इरादे से किया गया था।

भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी का हवाला देते हुए, अदालत ने नोट किया कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। इस बैरक में 46 वर्ग मीटर का क्षेत्र, दो सेल और एक निजी शौचालय शामिल है। भारत ने यह आश्वासन दिया कि उसे केवल चिकित्सा जरूरतों या अदालत में पेशी के लिए ही जेल से बाहर निकाला जाएगा। चोकसी ने अपने बचाव में एक्सपर्ट रिपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और विभिन्न दस्तावेज पेश किए थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में बड़ी चूक, चॉपर लैंड होते ही हेलिपैड धंसा

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई है। राष्ट्रपति को सबरीमाला यात्रा पर लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर बुधवार को केरल के एक लैंडिंग पैड पर फंस गया। राष्ट्रपति को सबरीमाला यात्रा पर ले जा रहा वायु सेना का हेलीकॉप्टर बुधवार सुबह प्रमदम स्थित राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम में नए कंक्रीट वाले हेलीपैड पर उतरते समय एक गड्ढे में फंस गया। हादसे के तुरंत बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए हेलिकॉप्टर को धंसे हुए हिस्से से हाथों से खींचकर बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

आज सुबह पूरा हुआ हेलीपैड निर्माण कार्य

राष्ट्रपति मुर्मू सबरीमाला जाने के लिए केरल पहुंची थीं। राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर सबरीमाला में हेलीपैड का निर्माण अंतिम समय में किया गया। बताया गया कि हेलीपैड पर कॉन्क्रीट का काम बुधवार (22 अक्टूबर) सुबह पूरा हुआ। सूत्रों के मुताबिक, हेलीपैड बनाने का निर्णय मंगलवार (21 अक्टूबर) शाम को ही लिया गया था और पायलटों के निर्देश पर रात में ही कॉन्क्रीट डालने का काम शुरू हो गया। सुबह तक काम पूरा किया गया, ताकि राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर वहां उतर सके।

हेलीपैड का कॉन्क्रीट पूरी तरह सूखा नहीं था

हालांकि, राज्य खुफिया विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि हेलीपैड का कॉन्क्रीट पूरी तरह सूखा नहीं है, इसलिए वहां हेलिकॉप्टर न उतारा जाए। यह चेतावनी नजरअंदाज कर दी गई। अधिकारी ने बताया कि पहले राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पंबा के पास निलक्कल में होनी थी, लेकिन खराब मौसम के कारण, राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग प्रमदम में हुई

राष्ट्रपति का कार्यक्रम

राष्ट्रपति मुर्मू का केरल का चार दिवसीय दौरा 21 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 24 अक्टूबर तक चलेगा। बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने भगवान अयप्पा के सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह सबरीमाला दर्शन करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं और इस पवित्र स्थल पर जाने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं। इससे पहले 1970 के दशक में पूर्व राष्ट्रपति वी.वी. गिरि यहां पहुंचे थे। सबरीमाला दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू बुधवार शाम को तिरुवनंतपुरम लौटेंगी। गुरुवार को वह राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन की प्रतिमा का अनावरण करेंगी। इसके अलावा, वह वड़करा के शिवगिरी मठ में श्री नारायण गुरु की महासमाधि शताब्दी समारोह का उद्घाटन भी करेंगी। राष्ट्रपति शुक्रवार को कोट्टायम जिले के पाला स्थित सेंट थॉमस कॉलेज के प्लेटिनम जुबली समापन समारोह में शामिल होंगी और 24 अक्टूबर को एर्नाकुलम के सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में भाग लेकर अपने दौरे का समापन करेंगी।

ट्रंप ने दी दिवाली की शुभकामनाएं तो पीएम मोदी ने दिया धन्यवाद, बोले-आतंकवाद के खिलाफ हम एकजुट

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दिवाली के खास मौके पर बधाई संदेश के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद कहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने दिवाली के खास मौके पर पीएम मोदी से फोन पर बात की। दीपावली की शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया। साथ ही पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने की उम्मीद जताई।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फोन कॉल और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। प्रकाश के इस पर्व पर हमारे दो महान लोकतंत्र दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दीप जलाया

प्रधानमंत्री का यह सुबह का पोस्ट उस समय आया जब कुछ घंटे पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक विशेष दिवाली कार्यक्रम में दीप जलाया था। दीवाली के मौके पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं भारत के लोगों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। ट्रंप ने दिवाली के अवसर पर सभी भारतीय-अमेरिकी नागरिकों और विश्वभर में त्योहार मना रहे लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। वॉशिंगटन से जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि आज मैं उन सभी अमेरिकियों को शुभकामनाएं देता हूं जो दिवाली, रोशनी का त्योहार मना रहे हैं।

रूस से तेल खरीद पर भी दिया बयान

इस दौरान पत्रकारों को बताया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की है। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री ने रूसी तेल आयात में कमी लाने का आश्वासन दिया है और मई में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को रोका था। वह पहले भी कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।

ओवैसी ने इस चुनाव में किया कांग्रेस का समर्थन, जनता से की खास अपील

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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने तेलंगाना की राजनीति पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव को समर्थन देने का ऐलान किया है। औवेसी ने साफ कहा कि एआईएमआईएम का कोई प्रत्याशी जुबली हिल्स से चुनाव नहीं लड़ेगा।

बीआरएस पर लगाया विकास ना करने का आरोप

ओवैसी ने कहा, जुबली हिल्स में उपचुनाव होने वाले हैं। रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इस उपचुनाव से न तो सरकार बनेगी और न ही सरकार बदलेगी। जुबली हिल्स की जनता ने बीआरएस के पूर्व विधायक को 10 साल दिए, लेकिन उन्होंने इसका कोई फायदा नहीं उठाया। जुबली हिल्स के किसी भी वार्ड में कोई विकास नहीं हुआ। वहां विकास के मुद्दे पर ही वोटिंग होनी चाहिए।

ओवैसी ने की कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की अपील

एआईएमआईएम जुबली हिल्स से अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है। हम जुबली हिल्स की जनता से अपील करते हैं कि वे युवा नेता नवीन यादव (कांग्रेस उम्मीदवार) को वोट दें, ताकि वह जुबली हिल्स का विकास कर सकें। यह पार्टी का फैसला है। मौजूदा सरकार कम से कम 2.5 से 3 साल सत्ता में रहेगी और इस उपचुनाव से कुछ बदलने वाला नहीं है। 2028 में जब विधानसभा चुनाव होंगे तब आप देखेंगे कि एआईएमआईएम जुबली हिल्स में क्या करती है।

जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस ने नवीन यादव और बीआरएस ने मंगती सुनीता को उम्मीदवार बनाया है। मंगती सुनीता यहां के विधायक रहे मंगती गोपीनाथ की पत्नी हैं, जिनके निधन से यह सीट खाली हुई है। बीजेपी ने जुबली हिल्स से एल.दीपक रेड्डी को मैदान में उतारकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।

दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली हुई, AQI 400 पार

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देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर दम घुटने लगा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। हालत यह है कि राजधानी में कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दीवाली की रातभर आतिशबाजी हुई। इसका असर ये हुआ कि मंगलवार की सुबह दिल्ली- एनसीआर में धुंध नजर आई और एयर क्वालिटी जहरीली हो गई।

आतिशबाजी के बाद भी पिछले साल से कम एक्यूआई

इस बार सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति दे दी थी। लिहाजा इस बार दिल्ली और एनसीआर में जमकर आतिशबाजी हुई और पटाखे भी चले। दिवाली की रात हवा में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा था। हालांकि, देर रात हवा चलने से अपेक्षाकृत कम होता चला गया। पिछले कुछ सालों से दिल्ली और एनसीआर दिवाली के बाद एक्यूआई 500 के आसपास पहुंच रहा था। ऐसे में इस बार दिल्ली में हवा उतनी जहरीली नहीं हुई, जितना अनुमान लगाया जा रहा था।

कहा कितना एक्यूआई?

दिल्ली के कई इलाकों जैसे अक्षरधाम, आईटीओ, एम्स का AQI 300 के ऊपर (सुबह 8 बजे) दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आज सुबह दिल्ली में इंडिया गेट के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 342 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली में अक्षरधाम के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 358 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। INA और AIIMS के पास भी हवा खराब है। 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर पॉल्यूशन का लेवल रेड जोन में रिकॉर्ड हुआ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सोमवार रात 10 बजे तक ही AQI 344 पार पहुंच था। द्वारका में AQI 417, अशोक विहार में 404, वजीरपुर में 423 और आनंद विहार में 404 रहा था।

ग्रैप-2 को किया गया एक्टिव

दिल्ली में वायु गुणवत्ता का संकट गहरा गया है। इसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के स्टेज-2 को तेजी से सक्रिय करना पड़ा है। सीएक्यूएम की ग्रैप उप-समिति की एक तत्काल बैठक बुलाई गई, जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के पूर्वानुमानों की समीक्षा की गई, जिसमें स्थानीय उत्सर्जन, स्थिर हवाओं और तापमान इनवर्जन के कारण आने वाले दिनों में निरंतर 'बहुत खराब' स्थिति (301-400) बने रहने की आशंका जताई गई।

बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी जेएमएम, कांग्रेस-आरजेडी पर लगाया ये गंभीर आरोप

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हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने बिहार में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी ने महागठबंधन के सहयोगी दलों राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन दोनों दलों पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा है कि वह आनेवाले दिनों में इस गठबंधन पर फिर से विचार करेगी। इस बड़े राजनीतिक फैसले की घोषणा झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री एवं बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की।

राजनीतिक धूर्तता का लगाया आरोप

झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री एवं बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने तीखे लहजे में कहा कि बहुत दुख और आक्रोश के साथ कहना पड़ रहा है कि राजद और कांग्रेस ने झामुमो के साथ खुला राजनीतिक धोखा किया है। गठबंधन के नाम पर हमें अंधेरे में रखा गया, और हमारी हिस्सेदारी को साजिश के तहत कुचल दिया गया। झामुमो की प्रतिबद्धता और समर्पण के बावजूद हमारे साथ धूर्तता की गई।

कांग्रेस-आरजेडी के साथ अलायंस का रिव्यू करेगी जेएमएम

सुदिव्य कुमार सोनू ने गे कहा कि पार्टी झारखंड में कांग्रेस और आरजेडी के साथ अलायंस का रिव्यू करेगी और इस राजनीतिक धूर्तता का जवाब देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड की भावनाएं आहत की गई है। उन्होंने कहा था कि जेएमएम ने 2019 और 2024 में राजद और कांग्रेस के विधायकों को झारखंड कैबिनेट में सम्मान दिया, लेकिन बिहार में उनके कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान से समझौता किया जा रहा है।

पहले किया था 6 सीटों पर लड़ने का ऐलान

इससे पहले जेएमएम के बिहार विधानसभा का चुनाव ना लड़ने के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दरअसल, पार्टी ने मात्र दो दिन पहले बिहार में 6 सीटों (जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया) पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त, महागठबंधन में नहीं बनी बात, 243 सीटों पर 254 प्रत्याशी उतारे

#mahgathbandhanseatsharing_dispute 

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी फेज के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया सोमवार को खत्म हो गई। चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज के चुनाव के लिए कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। दूसरे फेज के प्रत्याशियों की स्थिति 23 अक्टूबर तक साफ होगी। इस बीच, दूसरे फेज के आखिरी दिन तक इंडिया गठबंधन में फूट, टिकट बंटवारे पर नाराजगी और अंदरूनी बगावत दिखी। इन चुनावों के लिए महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। अब, महागठबंधन ने 243 सीटों पर 254 प्रत्याशी उतार राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।

महागठबंधन ने 243 सीटों पर 254 प्रत्याशी उतारे

आरजेडी ने इनमें से 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि साल 2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसने 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। वहीं, कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए 61 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस को पिछली बार साझेदारी में 70 सीटें मिली थीं, जिनमें 19 सीटों पर उसने जीत हासिल की थी। भाकपा माले ने 20, वीआईपी ने 15, सीपीआई ने नौ, सीपीएम ने चार और आईआईपी ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यानी कुल मिलाकर 254 सीट।

इन सीटों पर 'फ्रेंडली फ़ाइट'

बिहार में 243 विधानसभा सीट है। महागठबंधन ने 254 सीटों पर उम्मीदवार को उतारा है। 4 सीट पर कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने है। इसमें सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, वैशाली, लालगंज और वारिसलीगंज सीट शामिल है। चैनपुर और बाबू बरही सीट पर वीआईपी और आरजेडी आपस में भिड़ती नजर आएगी। 4 सीट छवाड़ा, करगहर, बिहारशरीफ और राजापाकर सीट पर कांग्रेस और सीपीआई के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी।

इन सीटों पर कांग्रेस-आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने:

• सिकंदरा

उदय नारायण चौधरी (आरजेडी)

विनोद चौधरी (कांग्रेस)

• कहलगांव

रजनीश भारती (आरजेडी)

प्रवीण कुमार कुशवाहा (कांग्रेस)

• सुल्तानगंज

ललन यादव (कांग्रेस)

चंदन सिन्हा (आरजेडी)

• वैशाली

अजय कुशवाहा (आरजेडी)

संजीव सिंह (कांग्रेस)

• लालगंज

शिवानी शुक्ला (आरजेडी)

आदित्य कुमार (कांग्रेस)

• वारिसलीगंज

सतीश कुमार (कांग्रेस)

अनीता (आरजेडी)

यहां कांग्रेस और सीपीआई आमने-सामने

• बछवाड़ा

शिव प्रकाश ग़रीब दास (कांग्रेस)

अवधेश राय (सीपीआई)

• करगहर

संतोष मिश्रा (कांग्रेस)

महेंद्र गुप्ता (सीपीआई)

• बिहार शरीफ़

ओमैर ख़ान (कांग्रेस)

शिव कुमार यादव (सीपीआई)

• राजापाकर

प्रतिमा दास (कांग्रेस)

मोहित पासवान (सीपीआई)

बिहार में महागठबंधन से अलग हुई जेएमएम, छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला

#biharassemblyelection2025jmmexitmahagathbandhan

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया इस वक्त अपने चरम पर है। राज्य में चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे। पहले फेज में 121 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर थी, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच और स्क्रूटनी चल रही है, जिसमें कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द भी हुए हैं। वहीं, दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है। एक तरफ चुनावी प्रकिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ महागबंधन की रार थमने का नाम नहीं ले रही है।

जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में तकरार की कई बार खबरें सामने आई हैं। हालांकि कई नेताओं की तरफ से ये दावा किया गया कि सब कुछ ठीक है। पहले दौर की वोटिंग के लिए नामांकन खत्म हो चुका है और अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। यही वजह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जेएमएम कुल 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली है।

बिहार की इन सीटों पर चुनाव लड़ेगा जेएमएम

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी बिहार में छह सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। भट्टाचार्य ने कहा, पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। वह छह विधानसभा सीट चकाई, धमदाहा, कटोरिया (सुरक्षित), मनिहारी (सुरक्षित), जमुई और पीरपैंती (सुरक्षित) पर चुनाव लड़ेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी बिहार में अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर विचार करेगी, भट्टाचार्य ने कहा, हम इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं, सीटों की संख्या बढ़कर 10 हो सकती है।

सकारात्मक जवाब नहीं मिला- मनोज पांडे

वहीं, महागठबंधन से अलग होने पर झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा हर पहलू पर बातचीत चल रही थी, लेकिन जब हमें सकारात्मक जवाब नहीं मिला और हमारी मांगी गई सीटों की संख्या भी नहीं दी गई। एक राजनीतिक दल के पास क्या विकल्प बचते हैं? इसलिए, हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

क्या महागठबंधन को भुगतना होगा खामियाजा?

मनोज पांडे ने कहा कि हमें महागठबंधन में कम आंका गया है। जबकि पूरे देश ने हमारे नेता और हमारी पार्टी के करिश्मे को देखा है। हमने कैसे फासीवादी ताकतों को झारखंड में चुनाव हराया था। उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हमारी पार्टी का अच्छा-खासा दबदबा है। अगर हम एकजुट रहते, तो भारत गठबंधन और भी प्रभावशाली प्रदर्शन करता, लेकिन हमें नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए, महागठबंधन को इसके परिणाम भुगतने होंगे

कौन हैं साबिर अली जिन्हें जेडायू ने अमौर से उतारा, कभी मोदी की प्रशंसा पर पार्टी से निकाले गए

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बिहार में पूर्णिया की अमौर सीट अचानक से हाई प्रोफाइल सीट बन गई है। इसकी वजह बनें हैं, राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि यही साबिर अली वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे।

आखिरी समय में जेडीयू का बड़ा फैसला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर 11 वर्ष पहले जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) से निष्कासित किए गए राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली की फिर से पार्टी में वापसी हो गई है। साबिर अली को पार्टी ने शनिवार को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया। जेडीयू ने आखिरी समय में बड़ा फैसला लेते हुए पूर्णिया की अमौर सीट पर कैंडिडेट बदल दिया। पूर्णिया की अमौर सीट से पार्टी ने नामांकन की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले अपने घोषित प्रत्याशी सबा ज़फर का टिकट काट दिया है। जेडीयू ने अमौर से अपना प्रत्याशी बदल दिया। 

नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे साबिर

कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले, राज्यसभा में जेडीयू का चेहरा रहे साबिर अली आज फिर उसी पार्टी में लौट आए हैं, जहां से उन्होंने सियासत की शुरुआत की थी। राजनीति में उनका आगमन 2000 के दशक में हुआ और नीतीश कुमार के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने जेडीयू जॉइन की। 

2008 में जेडीयू से पहुंचे राज्यसभा

जेडीयू ने उनकी मेहनत और प्रभाव को देखा और 2008 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया। वहां वे 2008 से 2014 तक जेडीयू के चेहरे बने रहे। राज्यसभा में जेडीयू की आवाज बनकर उन्होंने पार्टी के मुद्दों को मजबूती से उठाया। साबिर अली मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय थे। सीमांचल और पूर्वी चंपारण में उनकी अच्छी पकड़ थी। लोग उन्हें एक मेहनती और प्रभावशाली नेता के रूप में जानने लगे। लेकिन, साबिर अली के चढ़ाव के बाद उतार का दौर भी आया।

पीएम मोदी की तारीफ के बाद सियासी पतन

बिहार के पूर्वी चंपारण में जन्मे साबिर अली को 2014 में ही पीएम मोदी की तारीफ करने के चलते जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। जेडीयू से निकाले जाने के बाद वे लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चले गए और फिर वहां से भाजपा की ओर रुख किया। लेकिन उन पर लगे पुराने दाग साबिर अली पर भारी पड़े और फिर उन्हें बीजेपी ने भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी। दरअसल, कुछ भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उनके बयानबाज़ी पर सवाल उठाए। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्हें इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल से जोड़ने के आरोप लगे। 2014 में ही भाजपा उनकी एंट्री रोक दी गई। इन घटनाओं ने साबिर अली को सियासत के निचले पायदान पर ला दिया और वे कुछ समय के लिए गुमनामी में चले गए।