मतदाता सूची पुनरीक्षण की तैयारी तेज: CEO के. रवि कुमार ने EROs के साथ की बैठक, '2003 की लिस्ट से मैपिंग कर BLo दें इन्फॉर्मेशन फॉर्म'
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने आज सभी जिलों के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (EROs) और उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से एक समीक्षा बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण हेतु सभी तैयारियों को ससमय और त्रुटि रहित ढंग से पूरा करने का निर्देश देना था।
2003 की मतदाता सूची का उपयोग
श्री के. रवि कुमार ने विशेष रूप से वर्तमान मतदाता सूची को 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग करने की प्रक्रिया पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि इस मैपिंग में कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए।
बीएलओ की नई जिम्मेदारी: सीईओ ने कहा कि जिन मतदाताओं का नाम 2003 की सूची में है, उन्हें इन्यूम्यूरेशन फॉर्म देते समय बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा उस पुराने मतदाता सूची में दर्ज विवरण उपलब्ध कराया जाए।
माता-पिता का विवरण: जिन मतदाताओं का नाम 2003 की सूची में नहीं है, लेकिन उनके माता-पिता का नाम है, ऐसे मतदाताओं को इन्यूम्यूरेशन फॉर्म के साथ उनके माता-पिता का 2003 की सूची वाला विवरण भी उपलब्ध कराने हेतु मैपिंग पूरी की जाए।
जन्मतिथि प्रमाणन हेतु दस्तावेजों के नियम
सीईओ ने जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों के संबंध में नए नियमों को स्पष्ट किया:
जन्म तिथि आवश्यक दस्तावेज
1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे मतदाता केवल एक वैध दस्तावेज। (यदि 2003 की सूची में नाम है, तो BLo विवरण उपलब्ध कराएंगे।)
1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाता स्वयं का दस्तावेज और माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज।
2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवा मतदाता स्वयं का दस्तावेज और दोनों माता-पिता का वैध दस्तावेज।
श्री के. रवि कुमार ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मतदाता सूची से संबंधित सभी फॉर्मों का ससमय रिव्यू करते हुए उनका निष्पादन सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार सहित सभी जिलों के ईआरओ, उप निर्वाचन पदाधिकारी और कार्यालय के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Oct 14 2025, 18:10