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तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार भारत दौरे पर अफगानी विदेश मंत्री, पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी

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तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी आज ही भारत पहुंचे हैं। यह भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला पहला दौरा है। मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। मुत्ताकी दारूल उलूम देवबंद मदरसे और ताजमहल भी जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से छूट हासिल करने के बाद मुत्ताकी भारत आ रहे हैं। दरअसल, मुत्ताकी संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।

तालिबान ने अगस्त 2021 में अशरफ गनी की सरकार गिरने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया था। करीब चार वर्ष पूर्व अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के विदेश मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। यह पहली बार है जब तालिबान शासन के किसी वरिष्ठ मंत्री का भारत दौरा इतने उच्च स्तर पर हो रहा है। इस यात्रा का मकसद भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों पर बात करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना है।

रद्द हो गया था मुत्ताकी का दौरा

मुत्ताकी को पिछले महीने ही नई दिल्ली आना था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने 30 सितंबर को मुत्ताकी को अस्थायी छूट देते हुए 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली आने की अनुमति दी थी।

क्या है मुत्ताकी के दौरे का एजेंडा?

रॉयटर्स और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्ताकी न सिर्फ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय कारोबारी संगठनों और भारत में रह रहे अफगान नागरिकों से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात होगी या नहीं, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बातचीत का एजेंडा कुछ इस तरह हो सकता है:

1. व्यापारिक सहयोग पर चर्चा- दोनों देशों के बीच सूखे मेवों, मसालों और दवाओं के निर्यात-आयात को लेकर नए रास्ते तलाशे जाएंगे।

2. स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी- भारत अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता, दवाएं और मेडिकल प्रशिक्षण देने पर सहमत हो सकता है।

3. कांसुलर सेवाएं और वीजा प्रक्रिया- अफगान छात्रों और मरीजों के लिए वीजा में ढील और नई कांसुलर सुविधाओं की बात होगी।

4. दूतावासों का विस्तार- काबुल और नई दिल्ली दोनों में पूरी तरह सक्रिय दूतावास और कांसुलेट बहाल करने पर चर्चा होगी।

5. नए राजदूत की नियुक्ति- तालिबान चाहता है कि भारत में अब उनका नियुक्त प्रतिनिधि ही राजदूत के रूप में काम करे।

6. निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स- तालिबान भारत से पुराने प्रोजेक्ट्स दोबारा शुरू करने और नई निवेश योजनाओं की मांग कर सकता है।

7. सुरक्षा गारंटी- भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ ठोस आश्वासन मांग सकता है।

भारत-पाक तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा कितना अहम?

भारत-पाक संबंधों में आए हालिया तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है और इस पर सुरक्षा विशेषज्ञों की भी निगाहें हैं। विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा, मुत्ताकी का दौरा इस वास्तविकता को दर्शाता है, जिसमें कूटनीतिक स्तर पर भारत और तालिबान सरकार के रिश्ते बेहतरी की ओर जा रहे हैं। भारत का हित अफगानिस्तान की स्थिरता में है। भारत अपनी क्षमतानुसार आर्थिक स्तर पर अफगानिस्तान की जरूरतें पूरी कर सकता है।

जहरीले कफ सिरप केस में बड़ा एक्शन, श्रीसन मेडिकल्स के मालिक एस रंगनाथन गिरफ्तार

#mppolicedetainsresanpharmaownerranganathaninchennaicoughsyrup_case

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप के सेवन से अब तक 20 बच्चे काल की गाल में समा चुके हैं। कफ सिरप कोल्ड्रिफ से मासूम बच्‍चों की मौत के मामले में मध्‍य प्रदेश पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस गंभीर मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से कफ सिरप निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्सके मालिक रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार किया है।

ट्रांजिट रिमांड पर लाया जाएगा छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि श्रीसन फार्मा के मालिक एस. रंगनाथन को बुधवार रात हिरासत में लिया गया। उन्हें तमिलनाडु की चेन्नई की एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लाया जाएगा। यह गिरफ्तारी छिंदवाड़ा पुलिस द्वारा एक बड़े अभियान के बाद हुई है, जो आरोपी को हिरासत में लेने के लिए चेन्नई और कांचीपुरम गई थी।

'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप में 46.2 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल

बता दें कि जानलेवा 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप में 46.2 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया था, जो एक जहरीला रसायन है और किडनी फेल होने का प्रमुख कारण बनता है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी को इस बात की जांच का जिम्मा सौंपा गया है कि आखिर कैसे इतनी बड़ी मात्रा में जहरीला कफ सिरफ बाजार में पहुंचा और इसकी आपूर्ति श्रृंखला में कहां चूक हुई।

सामान्य सर्दी-खांसी के इलाज के रूप में बेचा जा रहा था “जहर”

श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित इस कफ सिरप को बच्चों के लिए सामान्य सर्दी-खांसी के इलाज के रूप में बेचा जा रहा था, लेकिन इसकी जहरीली संरचना ने मासूम बच्चों की जान ले ली। डायएथिलीन ग्लाइकॉल एक ऐसा रसायन है, जिसका उपयोग औद्योगिक कार्यों में किया जाता है और यह मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है। इस घटना ने न केवल कंपनी की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि दवा नियामक प्रणाली में सुधार की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन

तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सिरप, कोल्ड्रिफ, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत का कारण बना है। तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी अलर्ट जारी किया है।

केमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार का ऐलान, जापान-ऑस्ट्रेलिया और यूएस के वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

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रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है। इस साल जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान का नोबेल देने का ऐलान हुआ है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी को पुरस्कार देने का फैसला किया है। यह पुरस्कार इन वैज्ञानिकों को डेवलपमेंट ऑफ मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क के लिए दिया गया है।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने क्या कहा?

द रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि इन तीनों वैज्ञानिकों ने एक नए तरह के मौलिक्यूलर आर्किटेक्टर को विकसित किया है। इनकी बनाई गई संरचनाओं, जिन्हें मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स कहा जाता है, में बड़े-बड़े खोखले स्थान होते हैं, जिनमें मॉलिक्यूल्स आसानी से अंदर-बाहर आ और जा सकते हैं। शोधकर्ता इन फ्रेमवर्क्स का इस्तेमाल रेगिस्तानी हवा से पानी निकालने, पानी से गंदगी हटाने, कार्बन डाइऑक्साइड को कैप्चर करने और हाइड्रोजन स्टोर करने जैसे उपयोगों में कर रहे हैं। मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स के विकास के जरिए इन वैज्ञानिकों ने रसासन विज्ञान के क्षेत्र में कई नई संभावनाओं के दरवाजे खोल दिए हैं।

पिछले साल केमिस्ट्री इन्हें मिला था नोबेल पुरस्कार

पिछले साल 2024 में केमिस्ट्री में प्रोटीन साइंस में उनके क्रांतिकारी योगदान के लिए डेविड बेकर को नोबेल पुरस्कार का आधा हिस्सा दिया गया था और डेमिस हैसाबिस और जॉन एम. जंपर को संयुक्त रूप से आधा पुरस्कार दिया गया था। जहां डेविड बेकर को कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए आधा नोबेल पुरस्कार जबकि डेमिस हैसाबिस और जॉन एम. जंपर को प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी करने के लिए संयुक्त रूप से आधा नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

शिल्पा शेट्टी को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका, नहीं जा सकतीं देश से बाहर

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बॉलीवुड कपल शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अब 60 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी मामले में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को अब बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा। कोर्ट ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को कोलंबो जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि उन्हें विदेश जाना है, तो पहले उन्हें 60 करोड़ रुपए जमा करने होंगे, इसके बाद ही वो विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।

आर्थिक अपराध शाखा ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है, इसलिए दोनों ही जांच एजेंसी या अदालत की अनुमति के बिना विदेश यात्रा नहीं कर सकते। शिल्पा शेट्टी के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभिनेत्री को 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक यूट्यूब के एक इवेंट के लिए कोलंबो जाना है। जब कोर्ट ने वकील से यात्रा के आमंत्रण (इनविटेशन) के बारे में पूछा, तो वकील ने बताया कि उनके पास अभी कोई निमंत्रण पत्र नहीं है और केवल फोन पर बात हुई है, क्योंकि यात्रा की अनुमति मिलने के बाद ही निमंत्रण मिलेगा। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पहले धोखाधड़ी के आरोप में फंसी 60 करोड़ रुपये की राशि जमा की जाए, उसके बाद ही उनकी विदेश यात्रा पर विचार किया जाएगा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा से लगातार पूछताछ जारी

वहीं, इस मामले में शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा से लगातार पूछताछ जारी है। मंगलवार को एक्ट्रेस से आर्थिक अपराध शाखा ने चार घंटे तक पूछताछ की थी। बता दें, ये पूछताछ एक्ट्रेस के घर पर की गई थी। दरअसल, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ बिनजनेसमैन दीपक कोठारी ने हाल ही में एक धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।

क्या है 60 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला?

मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा ने इसी साल अगस्त में शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर 60.4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। उनके खिलाफ सितंबर में लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। दोनों के खिलाफ यह लुकआउट नोटिस अब बंद हो चुकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े 60 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में जारी किया गया था। यूवाई इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दीपक कोठारी ने शिकायत की थी।

मुंबई पहुंचे ब्रिटेन के पीएम किएर स्टार्मर, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात, अमेरिका से टेंशन के बीच कितना अहम है दौरा

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अमेरिका से चल रहे तनाव के बीच भारत और ब्रिटेन के बीच दोस्ती गहरी होती नजर आ रही है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर दो दिन के भारत दौरे पर मुंबई पहुंचे हैं। पीएम मोदी गुरुवार सुबह 10 बजे मुंबई में प्रधानमंत्री स्टार्मर की मेजबानी करेंगे। इस मुलाकात में दोनों देशों के साथ समयबद्ध कार्यक्रम विजन-2035 को आगे बढ़ाया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था में शुरू हुई उथल-पुथल के बीच ब्रिटेन के पीएम किएर स्टार्मर का भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है। भारत की ब्रिटेन के साथ साझेदारी के एक नए युग की शुरुआत होने की संभावना है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बुधवार को मुंबई पहुंच गए। वह दो दिवसीय व्यापारिक दौरे पर भारत आए हैं। उनके साथ 125 लोगों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल है, जिसमें ब्रिटिश मंत्रियों, यूनिवर्सिटी, उद्योग समूहों और प्रमुख कंपनियों के सीईओ शामिल हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना है। इसी साल जुलाई में दोनों देशों के बीच ट्रेड डील हुई थी। यह विजन 2035 के रोडमैप पर आधारित है।

विजन-2035 के रोडमैप की करेंगे समीक्षा

पीएम मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत–ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। इस दौरान दोनों दिग्गज भारत–ब्रिटेन कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (सीईटीए) और अन्य वैश्विक-क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विजन 2035 व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु और ऊर्जा, स्वास्थ, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों के प्रमुख स्तंभों में कार्यक्रमों और पहलों का एक केंद्रित है।

ब्रिटेन के निर्यात में 60 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आवास नंबर 10 डाउनिंग स्ट्रीट ने इस दौरे को मुंबई व्यापार मिशन करार दिया है। स्टार्मर का लक्ष्य भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को गति देना है, जो लो प्रोडक्टिविटी, हाई नेशनल लोन और कमजोर आर्थिक विकास की चुनौतियों से जूझ रही है। 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए वर्ष में भारत और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 44.1 बिलियन पाउंड (59.14 बिलियन डॉलर) का था। भारत ब्रिटेन का 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और इस व्यापार समझौते से ब्रिटेन के निर्यात में 60 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो लंबे समय में ब्रिटेन के जीडीपी में 0.13% (लगभग 4.8 बिलियन पाउंड सालाना) की बढ़ोतरी करेगा।

फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार का ऐलान, तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

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आज स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार घोषित कर दिया। यह पुरस्‍कार अमेरिका के तीन वैज्ञानिक- जॉन क्लार्क, मिशेल एच.डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को मिला है। ये पुरस्कार उन्हें ‘मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और इलेक्ट्रिक सर्किट में एनर्जी क्वांटाइजेशन की खोज’ के लिए मिला है।

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 2025 कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले के जॉन क्लार्क, येल यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के मिशेल एच. डेवोरेट और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के जॉन एम. मार्टिनिस को प्रदान किया जाएगा।

इस खोज के लिए मिला नोबल

इस साल के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने एक इलेक्ट्रिकल सर्किट के साथ प्रयोग किए, जिसमें उन्होंने एक ऐसी प्रणाली में क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और क्वांटाइज्ड एनर्जी लेवल, दोनों का प्रदर्शन किया जो हाथ में पकड़ने लायक थी। ये खोज क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर सहित क्वांटम तकनीक को और समझने में मदद करेगी। आमतौर पर क्वांटम मैकेनिक्स के नियम बहुत छोटे कणों ( इलेक्ट्रॉन) पर लागू होते हैं। इनके व्यवहार को माइक्रोस्कोपिक कहा जाता है, क्योंकि ये इतने छोटे होते हैं कि सामान्य माइक्रोस्कोप से भी दिखाई नहीं देती, लेकिन अब इन वैज्ञानिकों ने पहली बार बिजली के सर्किट में बड़े पैमाने (मैक्रोस्कोपिक) पर क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा के स्तरों की खोज की है।

पिछले साल इन वैज्ञानिकों को मिला था पुरस्कार

पिछले साल यानी 2024 में मशीन लर्निंग में फिजिक्स के इस्तेमाल के लिए नोबेल प्राइज मिला था। जॉन जे. होपफील्ड और जेफ्री हिंटन को नोबेल से नवाजा गया था। जॉन हॉपफील्ड ने कंप्यूटर को चीजें याद रखने और पहचानने में मदद करने वाली तकनीक विकसित की थी। जिसे हॉपफील्ड नेटवर्क कहा जाता है। वहीं जेफ्री हिंटन, जिनको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का 'गॉडफादर' भी कहा जाता है। उन्होंने बोल्ट्जमैन मशीन बनाई, जो कंप्यूटर को डेटा से खुद सीखने की क्षमता देता है।

1901 से अब तक 118 वैज्ञानिकों को फिजिक्स में नोबल

नोबेलप्राइज डॉट ओआरजी के अनुसार 1901 से अब तक 118 वैज्ञानिकों को भौतिकी पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं। इनमें सबसे कम उम्र के विजेता 25 साल के लॉरेंस ब्रैग (1915) थे तो 96 साल के आर्थर अश्किन (2018) ये सम्मान हासिल करने वाले सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक थे। पहले भारतीय जिन्हें इस श्रेणी में पुरस्कृत किया गया, वो सर सीवी रमन थे। उन्हें ये सम्मान 1930 में दिया गया। उनकी खोज ने बताया था कि जब प्रकाश किसी पदार्थ से टकराता है तो उसका रंग बदल सकता है। इसे रमन इफेक्ट कहते हैं। वहीं दूसरे भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर थे। इन्हें 1983 में तारों (स्टार्स) के जीवन और मृत्यु की खोज के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने ही बताया कि बड़े तारे अंत में ब्लैक होल बन सकते हैं।

सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील ने तोड़ी चुप्पी, नूपुर शर्मा का जिक्र कर कही ये बात

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सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। राकेश ने इस मामले पर चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात कोई पछतावा नहीं है। राकेश किशोर ने यह भी बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

वकील ने कहा- वो सिर्फ एक्शन का रिएक्शन था

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोमवार को वकील ने सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंक दिया था। यह हादसा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। सीजेआई पर हमला करने वाले वकील की पहचान 72 वर्षीय राकेश किशोर के रूप में हुई है। घटना के बाद राकेश को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया था। हालांकि, सीजेआई गवई ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने से साफ मना कर दिया, जिसके बाद आरोपी को रिहा कर दिया गया था। अब वकील राकेश किशोर ने कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा जो मैने किया वो सिर्फ एक्शन का रिएक्शन था।

सीजेआई के इस फैसले का गुस्सा

वकील ने बताया कि वह 16 सितंबर को दिए गए मुख्य न्यायाधीश के फैसले से आहत था। दरअसल, 16 सितंबर को बीआर गवई ने मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था और याचिकाकर्ता से कहा था कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो। राकेश किशोर ने कहा कि जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश देता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाएं।

नूपूर शर्मा मामले का किया जिक्र

राकेश किशोर ने कहा कि हम देखते हैं यही चीफ जस्टिस बहुत सारे धर्मों के खिलाफ जो दूसरे समुदाय के लोग हैं, आप सब जानते हैं वो लोग कौन हैं, उनके खिलाफ कोई केस आता है तो बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं। जैसे मैं उदाहरण देता हूं कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर एक विशेष समुदाय का कब्जा है, जब उसको हटाने की कोशिश की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया जो आज तक लगा हुआ है। ऐसे ही नूपूर शर्मा का मामला आया तो कोर्ट ने कह दिया कि आपने मामला खराब कर दिया। ये सब जो रोक लगाते हैं वो बिल्कुल ठीक है।

“मुझे कोई पछतावा नहीं है”

एएनआई से बात करते हुए राकेश किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं हिंसा करने वाला हूं, मैं खुद अहिंसा प्रेमी हूं, पढ़ा लिखा हूं और गोल्ड मेडलिस्ट हूं। न तो मुझे चोट लगी थी और न ही मैं नशे में ही था। यह उनकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूं। जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक मामले पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने सोमवार को सीजेआई बीआर गवई की कोर्ट में हंगामा किया। आरोप है कि 72 वर्षीय वकील ने भारत के प्रधान न्यायाधीश की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की। उन्होंने कोर्ट में नारे भी लगाए।

अपने ही लोगों पर बमबारी, 4 लाख महिलाओं से गैंगरेप...यूएन में भारत ने खोली पाक की पोल

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भारत ने फिर से पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर को लेकर झूठे प्रचार करने पर भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। ओपन डिबेट के दौरान संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो अपने ही लोगों पर बम गिराता है और नरसंहार करता है।

भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण बयानबाजी पर सख्त भारत

भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की सभा में पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर पर बार-बार दोहराए जाने वाले निराधार दावों को खारिज कर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हर साल जम्मू-कश्मीर को लेकर भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण बयानबाजी करता है। यह वही देश है, जो अपने ही नागरिकों पर बमबारी करता है और नरसंहार को अंजाम देता है।

अपने ही देश की 4 लाख महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर हत्या

पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान को आड़े-हाथों लेते हुए कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि हर साल हमें भारत के खिलाफ पाकिस्तान की झूठी आलोचना सुननी पड़ती है। पाकिस्तान बार-बार जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाता है, लेकिन यह नहीं बताता कि उसने भारत के इलाके पर कब्जा जमा रखा है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान वो देश है, जो खुद के लोगों पर ही हमले कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी वह दुनिया को गुमराह करने की कोशिश ही करता है। यह वही देश है, जिसकी सेना ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाकर अपने ही देश की 4 लाख महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उनकी हत्या कर दी।

कश्मीरी महिलाएं पर यौन हिंसा का आरोप

हरीश ने तंज कसते हुए कहा कि जो देश अपने लोगों के खिलाफ इस तरह की क्रूरता करता हो, वह भारत के खिलाफ महिलाओं, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर उंगली उठाने की हिम्मत कैसे करता है। भारत का इस क्षेत्र में रिकॉर्ड बेदाग और प्रेरणादायक है, जिसे कोई दागदार नहीं कर सकता। भारत ने यह बयान उस समय दिया, जब एक पाकिस्तानी अधिकारी ने आरोप लगाया कि कश्मीरी महिलाएं दशकों से यौन हिंसा झेल रही हैं। वहीं, भारत ने एक बार फिर दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।

पाकिस्तान को दी ये सलाह

पी हरीश ने आगे कहा कि पाकिस्तान की यह रणनीति केवल दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश है। वह अपनी विफलताओं और आतंकी गतिविधियों को छिपाने के लिए भारत पर आधारहीन आरोप लगाता है। भारत के राजदूत हरीश ने जोर देकर कहा कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान के इस प्रचार को स्पष्ट रूप से देखता और समझता है। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह अपनी आंतरिक समस्याओं, आतंकवाद को पनाह देने और मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान दे, बजाय भारत के खिलाफ झूठी कहानियां गढ़ने के।

अरविंद केजरीवाल का बदल गया पता, नया सरकारी बंगला अलॉट होने के बाद ये है नया पता

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार सरकारी बंगला अलॉट कर दिया गया है। दिल्ली के सिविल लाइंस में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें टाइप-8 सरकारी बंगला दिया गया है। एक साल की लंबी प्रतीक्षा और दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने बंगला आवंटित कर दिया है।

राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर मिली कोठी

केजरीवाल ने सितंबर 2024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद अक्टूबर में वे अपने आधिकारिक निवास 6, फ्लैगस्टाफ रोड से बाहर निकल आए। तब से वे आप के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के सरकारी बंगले पर रह रहे थे। उन्हें दिल्ली के प्रतिष्ठित लोधी एस्टेट इलाके में 95 नंबर बंगला आवंटित किया गया है। यह बंगला उन्हें बतौर राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर दिया गया है।

हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला

राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक के रूप में केजरीवाल को दिल्ली में सरकारी आवास का अधिकार था, लेकिन आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के भूमि निदेशालय (डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स) की ओर से देरी के कारण मामला अदालत पहुंच गया। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की इस देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। 16 सितंबर 2025 को जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि आवंटन किसी की मनमानी पर नहीं हो सकता, बल्कि पारदर्शी नीति पर आधारित होना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से नीति, वर्तमान वेटिंग लिस्ट और आवंटनों का हलफनामा मांगा। 18 सितंबर को सुनवाई के दौरान पता चला कि आप द्वारा सुझाए गए 35, लोधी एस्टेट को जुलाई में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को आवंटित कर दिया गया था। कोर्ट ने इसे “स्वतंत्र प्रणाली” करार दिया और चेतावनी दी कि आवंटन चुनिंदा नहीं हो सकता।

दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आवंटन

25 सितंबर को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया कि 10 दिनों में “उचित” आवास आवंटित हो जाएगा। अब उस पर अमल करते हुए यह आवंटन किया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।