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विश्वविद्यालय की आधारशिला तथा भव्यता के प्रतीक हैं पुरा छात्र -प्रोफेसर यादव


प्रयागराज । उत्तरप्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में बृहस्पतिवार को सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। पुरातन छात्र सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर केदार नाथ सिंह यादव, पूर्व कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र ही इसकी आधारशिला पहचान और भव्यता का प्रतीक होते हैं। पुरातन छात्र परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका है। पुरातन छात्रों को विश्वविद्यालय की उन्नति एवं तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान करना चाहिए। प्रोफेसर यादव ने कहा कि पुरातन छात्र समारोह एक ऐसा अवसर है जब नए और पुराने छात्र मिलकर एक साथ विश्वविद्यालय में एकत्रित होते हैं, सुख-दु:ख साझा करते हैं और एक दूसरे की सहायता करते हैं। ऐसे आयोजनों से पुरा छात्रों की उपलब्धियों को जानने का अवसर प्राप्त होता है जिनसे वर्तमान विद्यार्थी प्रेरणा लेते हैं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पुरातन छात्र सम्मेलन प्रयागराज के कुंभ की तरह है। उसी भव्यता से इसका आयोजन विश्वविद्यालय में प्रत्येक वर्ष होना चाहिए। उन्होंने पुरातन छात्रों से अपील की कि वे यहां से शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत जहां भी जाएं, वहां सामाजिक एवं शैक्षणिक उन्नयन के कार्य करें। देश की सेवा के लिए सबसे परम धर्म यही है की वह जिस क्षेत्र में कार्य करें पूरी ईमानदारी से करें। साथ ही अपनी भारतीय ज्ञान परंपरा को न भूलें। भारतीय संस्कृति की परंपरा को छात्र याद रखें। इस दिशा में मुक्त विश्वविद्यालय ने नवीन पाठ्यक्रमों का निर्माण किया है। जिसमें कुंभ दर्शन, भगवतगीता आदि प्रमुख हैं। प्रोफेसर सत्यकाम ने महिला शिक्षा के साथ - साथ निर्धनों एवं वंचितों की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने विकसित भारत की संकल्पना के विविध पक्षों पर चर्चा करते हुए कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली ऐसी है कि वह एक नए भारत के निर्माण की संकल्पना को साकार करने में सक्षम है।

विशिष्ट अतिथि पी.एन.द्विवेदी, राज्य सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश, लखनऊ ने गुरु छात्र सम्मेलन की परंपरागत पद्धति को याद करते हुए कहा कि प्रयाग कि धरती पर महर्षि भारद्वाज ने शिष्य रूप में श्रीराम को दीक्षा दी थी। यह स्थान संस्कृति के उत्थान, एक दूसरे के जुड़ाव और परंपरागत से लकर आधुनिक शिक्षा पद्धति की उद्गमस्थली रही है। श्री द्विवेदी ने कहा कि प्रयागराज में शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ ही दूरस्थ शिक्षा प्रणाली का भी समागम है। इन सभी महत्वपूर्ण विषयों पर शोध की आवश्यकता है। उन्होंने पुरा छात्र सम्मेलन को कृष्ण सुदामा के मिलन की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को एक दूसरे की समस्याओं के समाधान और विकास के सामाजिक और आर्थिक आयाम मिलकर खोजने चाहिए।

विशिष्ट अतिथि डॉ जे डी गंगवार, वित्त अधिकारी, इन्दिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में छात्रों के हितों का बहुत ध्यान रखा जाता है। व्यक्तिगत संबंध और ज्ञान के साथ-साथ शैक्षणिक उन्नयन के भी अवसर प्राप्त होते हैं। यह एक ऐसा अवसर होता है जब पूर्व और वर्तमान छात्रों का मिलन होता है। जहां भूतपूर्व छात्र अपने अनुभव साझा करते हैं और वर्तमान छात्र अपने स्वर्णिम भविष्य की संभावनाएं एवं संकल्पनाएं तलाशते हैं। शिक्षकों को भी अपने पुराने छात्रों से मिलकर भावनात्मक सुखद अनभूति होती है और उनकी शैक्षणिक तथा आर्थिक उन्नति देखकर गर्व का अनुभव होता है। संचालन डॉ अब्दुर्रहमान ने किया। समन्वयक डॉ ज्ञान प्रकाश यादव ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए अतिथियों का स्वागत तथा कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अतिथियों ने स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया।

सम्मेलन के द्वितीय सत्र में विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों को सम्मानित किया गया। जिनमें पूर्व जिला सूचना अधिकारी जे एन यादव, पूर्व वित्त अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता, नायब तहसीलदार अमीषा सिंह, खंड विकास अधिकारी अरुण सिंह, बाल कल्याण समिति प्रयागराज की सदस्य सुषमा शुक्ला, ज्योतिषाचार्य श्री प्रकाश द्विवेदी, बृजेश सिंह, बलराम सिह, प्रमोद यादव, कर्नल ज्ञान प्रकाश सिंह, शिखा जायसवाल, सुशील कुमार तिवारी आदि प्रमुख रहे। इस अवसर पर पुरातन छात्रों ने विश्वविद्यालय से जुड़ी अपनी यादेखुशनुमा यादें ताजा की तथा विश्वविद्यालय के विकास में सहयोग करने का आश्वासन दिया।

सम्मेलन के तृतीय सत्र में पुरातन छात्रों के लिए सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया। जिसमें सुप्रिया, दीप्ति, सौरभ, श्रीकेश यादव, पूनम तिवारी, ज्योति तिवारी, सत्यांशिका, साहब नारायण शर्मा, दिलीप तथा कविता ने गणेश वंदना, ढेड़िया, डांडिया, योग नत्य, कविता गजल शंकर भजन तथा कृष्ण भजन आदि का मंचन किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

विकसित राष्ट्र के लिए नवीनतम शोध तकनीकों का उपयोग जरूरी - प्रोफेसर सत्यकाम

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के विज्ञान विद्याशाखा, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय एवं शुआट्स के संयुक्त तत्वावधान में रिसेंट एडवांसेज इन रिसर्च टेक्निक: विकसित भारत 2047 विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन मंगलवार को तिलक सभागार में किया गया।कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि शोध किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार है और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नवीनतम शोध तकनीकों का समुचित उपयोग अनिवार्य है।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह, पूर्व निदेशक, डी एस टी, नई दिल्ली ने कहा कि अनुसंधान तभी सार्थक है जब उसके परिणाम समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शोध एवं नवाचार को सामाजिक सरोकारों से जोड़ना आवश्यक है। प्रोफेसर सिंह ने डिजिटल इनोवेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सतत विकास विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बृजेश प्रताप सिंह, सांख्यिकी विभाग, बी एच यू, वाराणसी ने कहा कि नई शोध तकनीकें केवल शिक्षा या विज्ञान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका प्रयोग स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और सामाजिक विकास के लिए भी होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों और शोधार्थियों को वैश्विक शोध प्रवृत्तियों के साथ कदम मिलाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ ज्ञान प्रकाश यादव एवं अतिथियों का स्वागत विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता ने किया। कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी प्रोफेसर ए के मलिक तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ जी पी यादव ने किया।

कार्यशाला में देश-विदेश के विशेषज्ञ और प्रतिभागीगण आॅनलाइन और आॅफलाइन माध्यम से जुड़े रहे। उन्होंने डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, पर्यावरणीय अध्ययन, स्वास्थ्य विज्ञान, समाजशास्त्रीय शोध तथा अन्य आधुनिक शोध तकनीकों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों के लिए विशेष व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उन्हें नवीनतम सॉफ़्टवेयर और शोध उपकरणों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र के वक्ता प्रोफेसर बृजेश प्रताप सिंह, सांख्यिकी विभाग, बी एच यू, वाराणसी ने शोध योजना के विभिन्न चरणों, शोध समस्या की पहचान, उद्देश्यों के निर्धारण तथा उपयुक्त सांख्यिकीय विधियों के चयन पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री सिंह ने बताया कि सही सांख्यिकीय तकनीक अपनाने से शोध निष्कर्ष अधिक विश्वसनीय और उपयोगी बनते हैं। प्रतिभागियों ने उनसे प्रश्न पूछे और शोध कार्य से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की। कार्यशाला के द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह पूर्व निदेशक, डी एस टी, नई दिल्ली ने शोध विधियों की विभिन्न शैलियों, गुणात्मक एवं मात्रात्मक दृष्टिकोणों, तथा शोध परियोजना लेखन की संरचना पर विस्तार से जानकारी दी। प्रो सिंह ने शोध रिपोर्ट तैयार करने के चरणों, संदर्भ लेखन और निष्कर्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया पर विशेष बल दिया। कार्यशाला के तीसरे सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर माधवेंद्र मिश्रा, प्रबंधन अध्ययन विभाग, आई आई आई टी, प्रयागराज ने शोध समस्या की पहचान, उसके विश्लेषण और समाधान की दिशा में व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

प्रयागराज: विधायक पूजा पाल पर अभद्र टिप्पणी, उमेश यादव पर मुकदमा दर्ज

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में कर्नलगंज थाने में चायल की विधायक पूजा पाल को लेकर अभद्र टिप्पणी करने वाले के खिलाफ शनिवार रात मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा अधिवक्ता श्याम चन्द्र पाल की तहरीर पर दर्ज किया गया। पुलिस कहना है कि साेशल मीडिया एक्स पर अभद्र टिप्पणी करने वाले के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।

जांच के आधार पर की गई कार्रवाई

अपर पुलिस उपायुक्त नगर अभिजीत कुमार ने रविवार काे बताया कि सराय ममरेज थाना क्षेत्र के सदरेपुर निवासी अधिवक्ता श्याम चन्द्र पाल की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में चायल की विधायक पूजा पाल पर अभद्र टिप्पणी करने वाले उमेश यादव के खिलाफ धारा 79, 356(2),353(2) और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में जांच शुरू कर दी गई। गुण और दोष के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

अधिवक्ता श्याम चन्द्र पाल द्वारा यह लगाया गया था आरोप

उल्लेखनीय है कि कर्नलगंज थाने में दी गई तहरीर के मुताबिक अधिवक्ता श्याम चन्द्र पाल ने आरोप लगाया है उमेश यादव ने साेशल मीडिया एक्स प्लेटफार्म पर जो टिप्पणी की गई है। उस टिप्पणी काे लेकर चरवाहा समाज, गड़ेरिया समाज की महिलाओं सहित पूरे समाज को ठेस पहुंची है। ऐसे में इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। -

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई

प्रयागराज। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय एवं पुलिस आयुक्त कार्यालय सहित सभी सरकारी, अर्धसरकारी एवं सभी स्कूलों एवं कालेजों में ध्वजारोहण किया गया। इसके साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के राष्ट्रगान किया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस टीमें सक्रिय हैं।

प्रयागराज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। इसी तरह प्रयागराज पुलिस आयुक्त जोगेन्दर सिंह ने पुलिस कार्यालय में ध्वजारोहण किया। पुलिस उपायुक्त नगर अभिषेक भारती ने कोतवाली में ध्वजारोहण किया। राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई तथा समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को भारतीय संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाकर स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी । प्रयागराज नगर निगम कार्यालय परिसर में महापौर गणेश केसरवानी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया और राष्ट्रगान किया। इसी तरह सभी राजनीतिक दलों, स्वयंसेवी संगठन, सरकारी स्कूल, कालेजों, विश्व विद्यालय सहित सभी स्थानों पर ध्वजारोहण किया गया।

निरन्तर संवाद से समाप्त होगा रैगिंग का विकृत स्वरूप- प्रोफेसर सत्यकाम

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की पहल पर एण्टी रैगिंग सप्ताह के उपलक्ष्य में बुधवार को उच्च शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग वरदान है या अभिशाप विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता करते हए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि संस्थाओं के वरिष्ठ शिक्षार्थी कनिष्ठ शिक्षार्थियों से भ्रातृवत्, मित्रवत् व्यवहार करें और वे एक साथ बैठें, एक-दूसरे से मिले तथा संस्था के नियमों एवं क्रियाकलापों की जानकारी साझा करें तथा परिसर में ऐसा वातावरण बनाए, जिसमें सभी एक-दूसरे के मित्र बनें शत्रु नहीं क्योंकि शत्रुता संस्था के लिए विनाशकारी होती है। एक-दूसरे से लगातार संवाद में रहें, क्रोध एवं आवेश से बचें। छोटे भाइयों के साथ मिल-जुलकर कार्य करें और संस्था के विकास का पथ प्रशस्त करें। शिक्षकों को भी शिक्षार्थियों से निरन्तर संवाद स्थापित करते हुए रैगिंग के विकृत स्वरूप को समाप्त करने के लिए प्रेरित किया।

वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर प्रदीप कुमार पाण्डेय, निदेशक, शोध एवं विकास ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें शिक्षार्थियों के साथ मिलकर कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे यह रैगिंग जो उच्च शिक्षण संस्थाओं के लिए अभिशाप बनी हुई है वह संस्थाओं के लिए वरदान बनें। रैगिंग नाम की व्याख्या के साथ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए प्राचीन गुरुकुल परम्परा की व्याख्या की तथा बताया कि उस समय ऐसी व्यवस्था नहीं थी। गुरुजन ही नए शिक्षार्थियों का परिचय वरिष्ठ छात्रों से करवाते थे। मूलत: यह रैगिंग पहले नहीं पाई जाती थी। कालान्तर में वरिष्ठों के हाथ में कनिष्ठों के स्वागत एवं संस्थान के बारे में बताए जाने का दायित्व आया तो यह इतने विकृत स्वरूप में सामने आने लगा कि शिक्षार्थी निन्दनीय कृत्य का शिकार होने लगे तथा कहीं-कहीं तो नव-प्रवेशित छात्र आत्महत्या की ओर कदम बढ़ाने लगे।

प्रो. पाण्डेय ने रैगिंग के दुष्परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि आज शिक्षकों और शिक्षार्थियों दोनों की जिम्मेदारी है कि रैगिंग जैसे घृणित कृत्य को समाप्त करने के लिए जागरूकता लाएं। वेबिनार का सञ्चालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर विनोद कुमार गुप्त, संयोजक, एन्टी रैगिंग समिति ने किया तथा वेबिनार के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर एन्टी रैगिंग समिति के सदस्य प्रोफेसर पाल, डॉ. आनन्दानन्द त्रिपाठी, डॉ. सुरेन्द्र कुमार, डॉ. सुषमा सिंह तथा प्रो. छत्रसाल सिंह, प्रो. सन्तोषा कुमार, डॉ. शशिभूषण राम त्रिपाठी, डॉ. अल्का वर्मा, डॉ. त्रिविक्रम तिवारी आदि शिक्षक तथा विश्वविद्यालय के शोध छात्रों एवं शिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।

बग्घी पर निकली SHO की विदाई, प्रयागराज में बना चर्चा का विषय

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में झूंसी थानाध्यक्ष रहे इंस्पेक्टर उपेंद्र प्रताप सिंह को विदाई देने का नज़ारा किसी शादी की बारात से कम नहीं था। फूलों से सजी बग्घी, बैंड-बाजे की गूंज, और सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने सोमवार को पूरे शहर का ध्यान खींच लिया। जीटी रोड पर जब यह बग्घी गुज़री तो लोग रुककर तस्वीरें और वीडियो बनाने लगे। बग्घी में बैठे इंस्पेक्टर सिंह फूल-मालाओं से लदे और साफ-सुथरी वर्दी में मुस्कुरा रहे थे, जबकि चारों तरफ उनके समर्थकों और शुभचिंतकों का हुजूम था। कई लोग खुशी में तालियां बजा रहे थे, तो कुछ की आंखें इस भावुक पल में नम हो गईं।

स्थानांतरण के बाद अनोखी विदाई

पुलिस आयुक्त जोगेंद्र कुमार द्वारा जारी 20 निरीक्षकों और उप-निरीक्षकों के स्थानांतरण आदेश में उपेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी शामिल था। उनका तबादला गैर-जनपद किया गया। भले ही इस सूची में कई थानाध्यक्ष बदले गए हों, लेकिन उपेंद्र प्रताप सिंह की विदाई जिस शान-ओ-शौकत से हुई, उसने उन्हें बाकी से अलग बना दिया।

त्वरित कार्रवाई के लिए मशहूर थे

2023 में पूरामुक्ति थाने से झूंसी थाने की कमान संभालने वाले उपेंद्र प्रताप सिंह ने करीब दो वर्षों तक क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को काबू में रखा। उनकी छवि एक सख्त, निष्पक्ष और ईमानदार पुलिस अधिकारी की रही, जो किसी भी राजनीतिक दबाव में काम नहीं करते थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि वे हमेशा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते और त्वरित कार्रवाई के लिए मशहूर थे।

सोशल मीडिया पर बग्घी वाली यह विदाई का वीडियो वायरल हो रहा

इस विदाई ने न केवल उनकी लोकप्रियता का प्रमाण दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि पुलिस और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता कैसे बन सकता है। सोशल मीडिया पर बग्घी वाली यह विदाई का वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इसे “असली सम्मान” बता रहे हैं।

प्रयागराज में गंगा-यमुना का कहर, 52 गांव और 14 मोहल्ले जलमग्न, हजारों लोग प्रभावित

प्रयागराज। लगातार बारिश और पहाड़ी नदियों के उफान से प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। शनिवार सुबह गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। दोनों नदियां 84.73 मीटर से ऊपर बह रही हैं और जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके चलते जिले के 52 गांव और शहर के 14 मोहल्ले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

जलस्तर 1.51 मीटर और यमुना का 1.20 मीटर बढ़ा

पिछले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर 1.51 मीटर और यमुना का 1.20 मीटर बढ़ा है। यमुना में यह बढ़ोत्तरी मध्य प्रदेश, राजस्थान और बुंदेलखंड की नदियों—केन, बेतवा और चंबल के अतिरिक्त पानी के कारण हुई है। वहीं गंगा का जलस्तर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हो रही बारिश के कारण उफान पर है।शहर के निचले इलाकों के दो हजार से अधिक घरों में पानी भर चुका है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तीन हजार से ज्यादा मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब है, जिससे टोंस नदी से लगे 16 गांवों में हालात बिगड़ रहे हैं।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने जिले में 87 बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया है। राहत कार्यों में तेजी लाते हुए 58 नावें लगाई गई हैं और अब तक पांच राहत शिविरों में 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने बताया कि निचले इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को दे दिए गए हैं।बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर जाएं और अफवाहों से बचें।

राजर्षि टंडन ने किया मौलिकता के लिए सघर्ष- प्रोफेसर सिंह

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में शुक्रवार को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। राजर्षि टंडन की जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में अष्टादश राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन, शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण तथा मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य एम ओ यू किया गया।

व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के. सिंह, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु वैश्विक कल्याण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि राजर्षि टंडन की पहचान मौलिकता के लिए संघर्ष करना थी। राजर्षि टंडन हमेशा मूल्यों एवं हिंदी भाषा के विकास के लिए संघर्ष करते रहे। वैश्विक स्तर पर समसामयिक और अवार्चीन समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा में अनेकों उदाहरण विद्यमान हैं। मूल्यों को लेकर मौलिकता के साथ चलने से सफलता का मार्ग निश्चित है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि भारतीय ग्रंथों वेद पुराणों में भाषा और मूल्यों के प्रति समर्पण के अनेकों उदाहरण हैं जिनसे पूरे विश्व को सीख लेनी चाहिए। वर्तमान विश्व में अनेकों प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं परंतु सत्य और सनातन ऐसे केंद्र बिंदु हैं जो कि वैश्विक कल्याण के लक्ष्य को पूर्ण करने में समर्थ हैं। उन्होंने दूरस्थ शिक्षा को वर्तमान समय के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को केवल पाठ्यक्रम में ही नहीं बल्कि अपने जीवन में भी उतारना चाहिए। लक्ष्य प्राप्ति, विचार विमर्श एवं सफलता के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की धरोहर है।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने राजर्षि टंडन के जीवन आदर्शो को वर्तमान समय के लिए काफी उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने बीते वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रोफेसर राव ने कहा कि आने वाला समय स्वयं, स्वयंप्रभा चैनल तथा आॅनलाइन कोर्सेज का है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रोफेसर सत्यकाम जैसे जुझारू कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय यह मुकाम अवश्य हासिल लेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा 12बी की मान्यता प्राप्त करने पर कुलपति को बधाई दी।

सारस्वत अतिथि डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राजर्षि टंडन का जीवन बहुत सादगी पूर्ण था। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु शिष्य परंपरा का विशेष स्थान है। मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से न सिर्फ शिक्षार्थियों की बौद्धिक एवं शैक्षणिक समझ को बढ़ा रहा है बल्कि भारतीय संस्कृति और विचारों को भी जन-जन तक पहुंचा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा में अनेकों धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सव हैं। जिनमें प्रयागराज में कुंभ मेले में विश्व के कोने कोने से ज्ञान प्राप्त करने आए लोग इसका प्रमाण है।

अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने राजर्षि टंडन के हिंदी भाषा के विकास और संरक्षण के योगदान को याद किया।

उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और राजर्षि टंडन के जीवन आदर्श वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के लिए मार्गदर्शिका का काम कर सकते हैं। जहां एक ओर पूरा विश्व युद्ध, बाजार एवं आतंक में उलझा है वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा शांति का मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थी के संबंध आत्मिक स्तर से होते हैं जो कि शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति परंपरागत शिक्षा पद्धति में बदलाव लाई है जो कि छात्रोपयोगी एवं सृजनात्मक है।व्याख्यानमाला का विषय प्रवर्तन तथा अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर पी के पांडेय ने किया। संचालन डॉ त्रिविक्रम तिवारी तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर पी के साहू, डॉ एम एन सिंह, डॉ एस एस बनर्जी, डॉ एस पी सिंह, श्रीमती पूनम मिश्रा, दीपक सिंह आदि उपस्थित रहे।

इसी अवसर पर स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया गया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य समझौता ज्ञापन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों ने परिसर में स्थापित राजर्षि टंडन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

मुविवि में प्रेमचंद की जीवन-दृष्टि पर व्याख्यान 31 जुलाई को

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के मानविकी विद्याशाखा के तत्वावधान में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर 31जुलाई को प्रात: 11:30 बजे सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में प्रेमचंद की जीवन दृष्टि विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने बताया कि व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रोफेसर जितेन्द्र श्रीवास्तव, आचार्य, हिन्दी, मानविकी विद्यापीठ, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली होंगे। अध्यक्षता हिंदी साहित्य के विद्वान प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय करेंगे। उन्होंने इस अवसर पर हिंदी प्रेमियों को सादर आमंत्रित किया है। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

मुक्त विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया जाएगा राजर्षि टंडन का जन्मदिन

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में 1 अगस्त 2025 को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। राजर्षि टंडन की जयंती के अवसर पर 1 अगस्त को विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में अष्टादश राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा। 

कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर पी.के. पाण्डेय ने बताया कि व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के. सिंह, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु वैश्विक कल्याण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान देंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली तथा सारस्वत अतिथि डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम करेंगे।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि इसी अवसर पर स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया जाएगा। इसी क्रम में विश्वविद्यालय कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य समझौता ज्ञापन होगा।