मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में आयुक्त सख्त
गोंडा। 18 अगस्त 2025 सोमवार को आयुक्त की अध्यक्षता में मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में मंडल के चारों जिलों गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती में सड़क सुरक्षा की अद्यावधिक स्थिति और सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि सड़क दुर्घटनाओं, घायलों की संख्या और मृतकों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बढ़ोतरी हुई है।
इस पर आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए।
बढ़ते हादसों पर चिंता
समीक्षा के दौरान प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक मंडल में कुल 755 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं। वहीं इस वर्ष केवल छह माह (1 जनवरी से 30 जून 2025) में ही दुर्घटनाओं की संख्या 874 तक पहुंच गई है। इसी अवधि में घायलों की संख्या में 93 और मृतकों की संख्या में 66 की वृद्धि दर्ज की गई है। इस पर आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताते हुये सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के सख्त निर्देश दिए ।
रोड सेफ्टी पॉलिसी पर मंथन
बैठक में रोड सेफ्टी पॉलिसी के 4E – Education (शिक्षा), Enforcement (प्रवर्तन), Engineering (इंजीनियरिंग) और Emergency Care (आपातकालीन देखभाल) पर विस्तार से चर्चा की गई। आयुक्त ने कहा कि इन चारों पहलुओं पर ठोस कार्ययोजना बनाकर अमल में लाया जाए, तभी सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
चालान, लाइसेंस निलंबन और मेडिकल प्लान की समीक्षा
बैठक में परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा किए गए चालान, लाइसेंस निलंबन, इमरजेंसी मेडिकल एक्शन प्लान और स्कूली वाहनों के फिटनेस परीक्षण की भी समीक्षा की गई। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि इन कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
आयुक्त के सख्त निर्देश
आयुक्त ने निर्देश दिए कि मंडल के सभी ब्लैक स्पॉट पूरी तरह समाप्त किए जाएं।तीव्र मोड़ों से पहले स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं और साइनेज अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। आयुक्त ने कहा कि बैठक में जो भी निर्देश दिये गये है उसका शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की जांच एसडीएम स्तर से कराई जाएगी। यदि सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जागरूकता पर जोर
आयुक्त ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम केवल दंडात्मक कार्रवाई से संभव नहीं है, इसके लिए लोगों के बीच व्यापक जागरूकता अभियान चलाना होगा।विद्यालयों में सड़क सुरक्षा पर प्रतियोगिताएं आयोजित हों। जिला विद्यालय यातायात सुरक्षा समिति की नियमित बैठकें हों। रोड सेफ्टी क्लब की स्थापना की जाए। आमजन को बताया जाए कि वाहन चलाते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखना, हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग और यातायात नियमों का पालन जीवन की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा उपाय
सुरक्षा को लेकर आयुक्त ने अपर निदेशक स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटना होने पर घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बस चालकों का नेत्र और स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से हो। स्कूली वाहनों के चालकों और परिचालकों का समय-समय पर चरित्र सत्यापन कराया जाए।
दुर्घटनाओं पर लगाम जरूरी
आयुक्त ने कहा कि यदि समय रहते ठोस उपाय नहीं किए गए तो सड़क दुर्घटनाओं में और वृद्धि हो सकती है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि समन्वय बनाकर सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करें और हादसों पर प्रभावी रोक लगाएं।
बैठक के अंत में आयुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि हादसों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
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