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79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई

प्रयागराज। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय एवं पुलिस आयुक्त कार्यालय सहित सभी सरकारी, अर्धसरकारी एवं सभी स्कूलों एवं कालेजों में ध्वजारोहण किया गया। इसके साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के राष्ट्रगान किया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस टीमें सक्रिय हैं।

प्रयागराज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। इसी तरह प्रयागराज पुलिस आयुक्त जोगेन्दर सिंह ने पुलिस कार्यालय में ध्वजारोहण किया। पुलिस उपायुक्त नगर अभिषेक भारती ने कोतवाली में ध्वजारोहण किया। राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई तथा समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को भारतीय संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाकर स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी । प्रयागराज नगर निगम कार्यालय परिसर में महापौर गणेश केसरवानी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया और राष्ट्रगान किया। इसी तरह सभी राजनीतिक दलों, स्वयंसेवी संगठन, सरकारी स्कूल, कालेजों, विश्व विद्यालय सहित सभी स्थानों पर ध्वजारोहण किया गया।

निरन्तर संवाद से समाप्त होगा रैगिंग का विकृत स्वरूप- प्रोफेसर सत्यकाम

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की पहल पर एण्टी रैगिंग सप्ताह के उपलक्ष्य में बुधवार को उच्च शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग वरदान है या अभिशाप विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता करते हए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि संस्थाओं के वरिष्ठ शिक्षार्थी कनिष्ठ शिक्षार्थियों से भ्रातृवत्, मित्रवत् व्यवहार करें और वे एक साथ बैठें, एक-दूसरे से मिले तथा संस्था के नियमों एवं क्रियाकलापों की जानकारी साझा करें तथा परिसर में ऐसा वातावरण बनाए, जिसमें सभी एक-दूसरे के मित्र बनें शत्रु नहीं क्योंकि शत्रुता संस्था के लिए विनाशकारी होती है। एक-दूसरे से लगातार संवाद में रहें, क्रोध एवं आवेश से बचें। छोटे भाइयों के साथ मिल-जुलकर कार्य करें और संस्था के विकास का पथ प्रशस्त करें। शिक्षकों को भी शिक्षार्थियों से निरन्तर संवाद स्थापित करते हुए रैगिंग के विकृत स्वरूप को समाप्त करने के लिए प्रेरित किया।

वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर प्रदीप कुमार पाण्डेय, निदेशक, शोध एवं विकास ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें शिक्षार्थियों के साथ मिलकर कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे यह रैगिंग जो उच्च शिक्षण संस्थाओं के लिए अभिशाप बनी हुई है वह संस्थाओं के लिए वरदान बनें। रैगिंग नाम की व्याख्या के साथ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए प्राचीन गुरुकुल परम्परा की व्याख्या की तथा बताया कि उस समय ऐसी व्यवस्था नहीं थी। गुरुजन ही नए शिक्षार्थियों का परिचय वरिष्ठ छात्रों से करवाते थे। मूलत: यह रैगिंग पहले नहीं पाई जाती थी। कालान्तर में वरिष्ठों के हाथ में कनिष्ठों के स्वागत एवं संस्थान के बारे में बताए जाने का दायित्व आया तो यह इतने विकृत स्वरूप में सामने आने लगा कि शिक्षार्थी निन्दनीय कृत्य का शिकार होने लगे तथा कहीं-कहीं तो नव-प्रवेशित छात्र आत्महत्या की ओर कदम बढ़ाने लगे।

प्रो. पाण्डेय ने रैगिंग के दुष्परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि आज शिक्षकों और शिक्षार्थियों दोनों की जिम्मेदारी है कि रैगिंग जैसे घृणित कृत्य को समाप्त करने के लिए जागरूकता लाएं। वेबिनार का सञ्चालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर विनोद कुमार गुप्त, संयोजक, एन्टी रैगिंग समिति ने किया तथा वेबिनार के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर एन्टी रैगिंग समिति के सदस्य प्रोफेसर पाल, डॉ. आनन्दानन्द त्रिपाठी, डॉ. सुरेन्द्र कुमार, डॉ. सुषमा सिंह तथा प्रो. छत्रसाल सिंह, प्रो. सन्तोषा कुमार, डॉ. शशिभूषण राम त्रिपाठी, डॉ. अल्का वर्मा, डॉ. त्रिविक्रम तिवारी आदि शिक्षक तथा विश्वविद्यालय के शोध छात्रों एवं शिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।

बग्घी पर निकली SHO की विदाई, प्रयागराज में बना चर्चा का विषय

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में झूंसी थानाध्यक्ष रहे इंस्पेक्टर उपेंद्र प्रताप सिंह को विदाई देने का नज़ारा किसी शादी की बारात से कम नहीं था। फूलों से सजी बग्घी, बैंड-बाजे की गूंज, और सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने सोमवार को पूरे शहर का ध्यान खींच लिया। जीटी रोड पर जब यह बग्घी गुज़री तो लोग रुककर तस्वीरें और वीडियो बनाने लगे। बग्घी में बैठे इंस्पेक्टर सिंह फूल-मालाओं से लदे और साफ-सुथरी वर्दी में मुस्कुरा रहे थे, जबकि चारों तरफ उनके समर्थकों और शुभचिंतकों का हुजूम था। कई लोग खुशी में तालियां बजा रहे थे, तो कुछ की आंखें इस भावुक पल में नम हो गईं।

स्थानांतरण के बाद अनोखी विदाई

पुलिस आयुक्त जोगेंद्र कुमार द्वारा जारी 20 निरीक्षकों और उप-निरीक्षकों के स्थानांतरण आदेश में उपेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी शामिल था। उनका तबादला गैर-जनपद किया गया। भले ही इस सूची में कई थानाध्यक्ष बदले गए हों, लेकिन उपेंद्र प्रताप सिंह की विदाई जिस शान-ओ-शौकत से हुई, उसने उन्हें बाकी से अलग बना दिया।

त्वरित कार्रवाई के लिए मशहूर थे

2023 में पूरामुक्ति थाने से झूंसी थाने की कमान संभालने वाले उपेंद्र प्रताप सिंह ने करीब दो वर्षों तक क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को काबू में रखा। उनकी छवि एक सख्त, निष्पक्ष और ईमानदार पुलिस अधिकारी की रही, जो किसी भी राजनीतिक दबाव में काम नहीं करते थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि वे हमेशा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते और त्वरित कार्रवाई के लिए मशहूर थे।

सोशल मीडिया पर बग्घी वाली यह विदाई का वीडियो वायरल हो रहा

इस विदाई ने न केवल उनकी लोकप्रियता का प्रमाण दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि पुलिस और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता कैसे बन सकता है। सोशल मीडिया पर बग्घी वाली यह विदाई का वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इसे “असली सम्मान” बता रहे हैं।

प्रयागराज में गंगा-यमुना का कहर, 52 गांव और 14 मोहल्ले जलमग्न, हजारों लोग प्रभावित

प्रयागराज। लगातार बारिश और पहाड़ी नदियों के उफान से प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। शनिवार सुबह गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। दोनों नदियां 84.73 मीटर से ऊपर बह रही हैं और जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके चलते जिले के 52 गांव और शहर के 14 मोहल्ले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

जलस्तर 1.51 मीटर और यमुना का 1.20 मीटर बढ़ा

पिछले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर 1.51 मीटर और यमुना का 1.20 मीटर बढ़ा है। यमुना में यह बढ़ोत्तरी मध्य प्रदेश, राजस्थान और बुंदेलखंड की नदियों—केन, बेतवा और चंबल के अतिरिक्त पानी के कारण हुई है। वहीं गंगा का जलस्तर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हो रही बारिश के कारण उफान पर है।शहर के निचले इलाकों के दो हजार से अधिक घरों में पानी भर चुका है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तीन हजार से ज्यादा मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब है, जिससे टोंस नदी से लगे 16 गांवों में हालात बिगड़ रहे हैं।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने जिले में 87 बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया है। राहत कार्यों में तेजी लाते हुए 58 नावें लगाई गई हैं और अब तक पांच राहत शिविरों में 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने बताया कि निचले इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को दे दिए गए हैं।बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर जाएं और अफवाहों से बचें।

राजर्षि टंडन ने किया मौलिकता के लिए सघर्ष- प्रोफेसर सिंह

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में शुक्रवार को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। राजर्षि टंडन की जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में अष्टादश राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन, शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण तथा मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य एम ओ यू किया गया।

व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के. सिंह, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु वैश्विक कल्याण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि राजर्षि टंडन की पहचान मौलिकता के लिए संघर्ष करना थी। राजर्षि टंडन हमेशा मूल्यों एवं हिंदी भाषा के विकास के लिए संघर्ष करते रहे। वैश्विक स्तर पर समसामयिक और अवार्चीन समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा में अनेकों उदाहरण विद्यमान हैं। मूल्यों को लेकर मौलिकता के साथ चलने से सफलता का मार्ग निश्चित है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि भारतीय ग्रंथों वेद पुराणों में भाषा और मूल्यों के प्रति समर्पण के अनेकों उदाहरण हैं जिनसे पूरे विश्व को सीख लेनी चाहिए। वर्तमान विश्व में अनेकों प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं परंतु सत्य और सनातन ऐसे केंद्र बिंदु हैं जो कि वैश्विक कल्याण के लक्ष्य को पूर्ण करने में समर्थ हैं। उन्होंने दूरस्थ शिक्षा को वर्तमान समय के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को केवल पाठ्यक्रम में ही नहीं बल्कि अपने जीवन में भी उतारना चाहिए। लक्ष्य प्राप्ति, विचार विमर्श एवं सफलता के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की धरोहर है।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने राजर्षि टंडन के जीवन आदर्शो को वर्तमान समय के लिए काफी उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने बीते वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रोफेसर राव ने कहा कि आने वाला समय स्वयं, स्वयंप्रभा चैनल तथा आॅनलाइन कोर्सेज का है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रोफेसर सत्यकाम जैसे जुझारू कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय यह मुकाम अवश्य हासिल लेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा 12बी की मान्यता प्राप्त करने पर कुलपति को बधाई दी।

सारस्वत अतिथि डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राजर्षि टंडन का जीवन बहुत सादगी पूर्ण था। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु शिष्य परंपरा का विशेष स्थान है। मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से न सिर्फ शिक्षार्थियों की बौद्धिक एवं शैक्षणिक समझ को बढ़ा रहा है बल्कि भारतीय संस्कृति और विचारों को भी जन-जन तक पहुंचा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा में अनेकों धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सव हैं। जिनमें प्रयागराज में कुंभ मेले में विश्व के कोने कोने से ज्ञान प्राप्त करने आए लोग इसका प्रमाण है।

अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने राजर्षि टंडन के हिंदी भाषा के विकास और संरक्षण के योगदान को याद किया।

उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और राजर्षि टंडन के जीवन आदर्श वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के लिए मार्गदर्शिका का काम कर सकते हैं। जहां एक ओर पूरा विश्व युद्ध, बाजार एवं आतंक में उलझा है वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा शांति का मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थी के संबंध आत्मिक स्तर से होते हैं जो कि शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति परंपरागत शिक्षा पद्धति में बदलाव लाई है जो कि छात्रोपयोगी एवं सृजनात्मक है।व्याख्यानमाला का विषय प्रवर्तन तथा अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर पी के पांडेय ने किया। संचालन डॉ त्रिविक्रम तिवारी तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर पी के साहू, डॉ एम एन सिंह, डॉ एस एस बनर्जी, डॉ एस पी सिंह, श्रीमती पूनम मिश्रा, दीपक सिंह आदि उपस्थित रहे।

इसी अवसर पर स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया गया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य समझौता ज्ञापन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों ने परिसर में स्थापित राजर्षि टंडन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

मुविवि में प्रेमचंद की जीवन-दृष्टि पर व्याख्यान 31 जुलाई को

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के मानविकी विद्याशाखा के तत्वावधान में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर 31जुलाई को प्रात: 11:30 बजे सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में प्रेमचंद की जीवन दृष्टि विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने बताया कि व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रोफेसर जितेन्द्र श्रीवास्तव, आचार्य, हिन्दी, मानविकी विद्यापीठ, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली होंगे। अध्यक्षता हिंदी साहित्य के विद्वान प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय करेंगे। उन्होंने इस अवसर पर हिंदी प्रेमियों को सादर आमंत्रित किया है। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

मुक्त विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया जाएगा राजर्षि टंडन का जन्मदिन

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में 1 अगस्त 2025 को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। राजर्षि टंडन की जयंती के अवसर पर 1 अगस्त को विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में अष्टादश राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा। 

कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर पी.के. पाण्डेय ने बताया कि व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के. सिंह, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु वैश्विक कल्याण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान देंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली तथा सारस्वत अतिथि डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम करेंगे।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि इसी अवसर पर स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया जाएगा। इसी क्रम में विश्वविद्यालय कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य समझौता ज्ञापन होगा।

सावन प्रयागराज में मांत्रृशक्ति शिवभक्ति का उत्सव: दशाश्वमेध घाट से महिला कांवड़ियों ने आस्था के साथ की पदयात्रा

विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रयागराज।सावन माह में शिवभक्ति की आस्था प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट पर चरम पर पहुंच गई है। घाट पर हर दिन कांवड़ियों का सैलाब उमड़ रहा है, जो गंगाजल भरकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए काशी, बैद्यनाथ धाम और सोमेश्वर महादेव तथा मनकामेश्वर धाम लालापुर मंदिरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि इस बार महिला कांवड़ियों की सहभागिता भी काफी उत्साहजनक रही। दशाश्वमेध घाट पर बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्र हुईं।

युवतियों से लेकर बुजुर्गों तक की टोलियों ने गंगाजल से भरी कांवड़ उठाई और बोल बम-बोल बम के जयघोषों के साथ पैदल यात्रा शुरू की। इन महिला श्रद्धालुओं की मंज़िल थी सोमेश्वर महादेव मंदिर, जहां वे भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगी। स्थानीय निवासी सुष्मिता शर्मा ने कहा, “हर साल सावन में हम लोग दशाश्वमेध घाट से गंगाजल भरकर सोमेश्वर महादेव मंदिर तक पैदल जाते हैं।

इस यात्रा से न सिर्फ आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे परिवार की सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है।”वहीं पहली बार कांवड़ यात्रा में शामिल हो रही माही ने बताया, “मैं बहुत उत्साहित हूं। यह मेरा पहला अनुभव है और मैं भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए इस यात्रा में शामिल हुई हूं।

इस रास्ते में जो भक्ति और सामूहिक ऊर्जा महसूस हो रही है, वह अविस्मरणीय है।”चाका, नैनी से आईं एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि गंगा का जलस्तर भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन हमारी आस्था डगमगाने वाली नहीं है। “हम जनकल्याण और अपने परिवार की सुख-शांति की कामना के साथ यह जल चढ़ाने जा रहे हैं।” गौरतलब है कि सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। देशभर में कांवड़ यात्रा एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा बन चुकी है।

प्रयागराज स्थित दशाश्वमेध घाट, गंगा तट पर होने के कारण विशेष रूप से कांवड़ियों का प्रमुख केंद्र है। यहां से जल लेकर शिवधामों की ओर प्रस्थान करना, शिवभक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह दृश्य न केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सहभागिता और सामूहिक श्रद्धा की एक जीवंत मिसाल भी है।

मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज-राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज मेजा प्रयागराज के ग्राम पंचायत बकचून्दा निवासी राजेश तिवारी ने अपने प्रियजनों के बीच माँ भगवती सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी जंगीगंज भदोही में माँ भगवती सीता मन्दिर द्वार के एकदम सम्मुख कही।खबर का पृष्ठांकन कराते चले कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी माँ भगवती सीता के दर्शन हेतु सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी जंगीगंज भदोही पधारे हुए थे।

आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है क्योंकि संकट के समय ज्ञान ही काम आता है न कि धन-दौलत।यदि कोई मनुष्य जंगल में शेर के बीच घिर गया और ज्ञान के सहारे वृक्ष पर चढ़कर अपने प्राणों की रक्षा कर ली तो क्या ऐसे समय पर किसी व्यक्ति की रक्षा धन-दौलत कर सकती है उत्तर है नही।

इस उदाहरण से साफ स्पष्ट है कि मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान ही है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने आगे कहा कि ज्ञान के ही परिकलन एवं चिंतन मंथन से विज्ञान का उदय होता है और विज्ञान के ही देन से आज इन्सान चाँद तक जा पहुँचा है और सभी पहलुओं पर विकास करते हुए निरन्तर आगे ही बढ़ता चला जा रहा है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि ज्ञान ही विषम परिस्थितियों में मनुष्य की रक्षा करती है,असली ज्ञान सदैव सत्य एवं न्याय के कक्षा में रहती है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी द्वारा ज्ञान की परिभाषा के वास्तविक स्वरुप का विवरण बहुत ही सुन्दर एवं अकाट्य सत्यमयता की वाणी में वर्णित किया गया है।

वास्तव में मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान ही है।इस साहित्यिक एवं ज्ञानात्मक वार्ता के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,आचार्य प्रकाशानन्द महराज एवं शिक्षाविद जोखू लाल पटेल सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

नागेंद्र प्रजापति बने गंगापार प्रभारी एवम जिला उपाध्यक्ष

विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। आइडियल पत्रकार संगठन कार्य क्षेत्र संपूर्ण भारत उत्तर प्रदेश नागेंद्र प्रजापति को गंगापार प्रभारी जिला उपाध्यक्ष पद से मनोनित किया जाता है । राष्टीय अध्यक्ष अजय कुमार मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष डा राम प्रजापति राष्टीय उपाध्यक्ष उमाशंकर प्रजापति जिला महा सचिव प्रयागराज मास्टर राजेश कुमार सिंह पटेल ,मंडल अध्यक्ष लवलेश मिश्रा ,युवा मंडल अध्यक्ष सुधांशु सिंह पटेल मंडल उपाध्यक्ष प्रयागराज वीरेंद्र कुमार तिवारी ,प्रचार प्रसार मंत्री दीपेश सिंह पटेल ,जिला मीडिया प्रभारी जय शंकर भास्कर ,जिला अध्यक्ष शैलेश प्रताप मिश्रा द्वारा विचार विमर्श के बाद नागेंद्र प्रजापति को गंगापार प्रभारी एवम जिला उपाध्यक्ष प्रयागराज पद से मनोनित किया गया है ।

नागेंद्र प्रजापति पुत्र आमोस चंद्र प्रजापति ग्राम कोतरी हेतापत्ति प्रयागराज उत्तर प्रदेश बनने पर हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं । संगठन के सभी पत्रकार साथी सिंह को बधाई दे रहे है । आशा करता हु की नागेंद्र प्रजापति आइडियल पत्रकार संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रहेगी । उज्ज्वल भविष्य की कामना आप सबका प्रदेश अध्यक्ष डा राम जी प्रजापति आइडियल पत्रकार संगठन उत्तर प्रदेश ।