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बाढ़ पीड़ितों तक पहुंची मददः जिला पंचायत सदस्य ने राजेपुर के प्रभावित गांवों में बांटी राहत सामग्री

अमृतपुर फर्रुखाबाद।राजेपुर विकासखंड क्षेत्र के कई गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। अत्यधिक बाढ़ के कारण क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। इन गांवों में प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत सामग्री नहीं पहुंची है।

इस बीच, राजेपुर वार्ड नंबर 4 के जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह परमार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने विकासखंड क्षेत्र राजेपुर के हमीरपुर और बनारसीपुर में पहुंचकर प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें राहत सामग्री वितरित की।

जिला पंचायत सदस्य ने कहा, "आप लोगों ने मुझे सदस्य बनाया है, इसलिए मैं आप लोगों का ही ख्याल रखूंगा।" उन्होंने बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही प्रशासन से भी सहायता दिलवाने के लिए आवाज उठाने का वादा किया।

जिला पंचायत ने कहा कि वे हमेशा गरीब और असहाय लोगों की मदद करते रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, "मैंने अपनी जनता की सेवा के लिए बीड़ा उठाया है और हमेशा जनता की सेवा करूंगा।" उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उन्हें नेता नहीं बल्कि अपना बेटा समझें। उन्होंने कहा, "जनता ने मुझे अपना सेवादार बनाकर भेजा है, इसलिए मैं सदैव जनता की सेवा करूंगा।"

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का डीएम-एसपी ने किया दौरा, राहत कार्यों की समीक्षा

अमृतपुर फर्रुखाबाद।गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से उदयपुर और आसपास के गांवों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालात का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक आरती सिंह रविवार को एनडीआरएफ टीम के साथ नाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। उन्होंने राहत शिविरों, स्वास्थ्य शिविरों और बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल स्वास्थ्य टीमों की तैनाती, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता और राहत सामग्री का वितरण सुनिश्चित किया जाए। राजेपुर ब्लॉक के सवलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करते समय डॉक्टर प्रमित राजपूत मौजूद मिले।

अधिकारियों ने नाव से उदयपुर और राजेपुर क्षेत्र के कई गांवों का भ्रमण किया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। इस मौके पर तहसीलदार अमृतपुर, उप जिलाधिकारी अमृतपुर, सीएमओ फर्रुखाबाद, राजेपुर थाना अध्यक्ष कामता प्रसाद और एनडीआरएफ टीम के सदस्य भी मौजूद रहे। प्रशासन ने कहा है कि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी रहेंगे।

फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान से ऊपर, तीनों तहसीलों के 50 गांव बाढ़ की चपेट में

फर्रुखाबाद।जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ के हालात और बिगड़ गए हैं। गंगा खतरे के निशान 137.10 मीटर से ऊपर बह रही है, जबकि रामगंगा का जलस्तर 135.75 मीटर पर पहुंच गया है। बाढ़ कंट्रोल रूम के अनुसार, नरौरा बांध से 28,1676 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया, जबकि रामगंगा में खो बैराज से 8,134, हरेली बैराज से 372 और रामनगर बैराज से 13,064 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शाम को गंगा में नरौरा बांध से 3 लाख 5 हजार क्यूसेक छोड़ा गया पानी

बिजनौर बैराज से 1लाख 51 हजार क्यूसेक

हरिद्वार बैराज से 1 लाख 8 हजार क्यूसेक छोड़ा गया पानी छोड़ गया जिससे पांचालघाट में गंगा का जलस्तर 137.20 सेन्टीमीटर है।

50 गांव बाढ़ की चपेट में

तीनों तहसीलों के लगभग 45 से 50 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे अधिक असर अमृतपुर तहसील क्षेत्र में है, जहां करनपुर घाट, सारंगपुर, सुंदरपुर, तीसराम की मड़ैया, जोगराजपुर समेत दो दर्जन से ज्यादा गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं। कई गांवों के रास्ते कट गए हैं और लोग नावों के सहारे आ-जा रहे हैं।

सदर व कायमगंज में भी गंभीर स्थिति

सदर तहसील क्षेत्र में शिकारपुर, कटरी, गंगपुर, गुलरिया, पृथ्वीपुर, कटरी भीमपुर सहित करीब दो दर्जन मजरों में पानी भर गया है। यहां कुछ जगह पुलिस पिकेट लगाई गई हैं और नावों से राहत कार्य जारी है।

कायमगंज तहसील क्षेत्र में कपिल-बदायूं मार्ग पर करीब 2 फीट पानी भर गया है। शेखपुर, बिहारीपुर, बहावलपुर, मिस्तनी, टपुआ समेत 35 गांव प्रभावित हैं। शमशाबाद क्षेत्र में शाहजहांपुर–शमशाबाद मार्ग पर पानी बह रहा है, जिससे यातायात ठप है।

स्कूलों में पानी, पढ़ाई बंद

बाढ़ का असर शिक्षा पर भी पड़ा है। तीनों तहसीलों में गंगा तटवर्ती गांवों के लगभग 40 परिषदीय विद्यालयों में पानी भर गया है। कई स्कूलों में पढ़ाई बंद है। शमशाबाद क्षेत्र में तो हालात इतने खराब हैं कि लोग नाव और तांगे के सहारे आवागमन कर रहे हैं, यहां तक कि मोटरसाइकिल को भी नाव पर लादकर ले जाया जा रहा है।

सड़कों पर झोपड़ियां, शरणालय में जाने की अपी

अंबरपुर, चित्रकूट, बरुआ, सबलपुर, गोटिया, कंचनपुर, रामपुर, भुड़िया, अलीगढ़, भावपुर चौरासी, कुबेरपुर, कुतलूपुर समेत कई गांवों में पानी घरों तक पहुंच गया है। अंबरपुर-चित्रकूट में आधा दर्जन परिवार सड़क किनारे झोपड़ी डालकर रह रहे हैं।

प्रशासन ने प्रभावित ग्रामीणों से शरणालयों में जाने की अपील की है, हालांकि कई लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

इनसेट

राजेपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़

चित्रकूट डिप पर दो फीट पानी, तीन दर्जन से अधिक गांव प्रभावित

राजेपुर (फर्रुखाबाद)।

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से राजेपुर थाना क्षेत्र के गंगा पार के गांवों में बाढ़ का कहर बढ़ गया है। तीन दिनों से पानी चढ़ने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में घर-आंगन जलमग्न हैं। कई परिवार सड़क किनारे झोपड़ियां डालकर रह रहे हैं।

चित्रकूट डिप पर करीब दो फीट पानी सड़क पर बह रहा है, लेकिन आवागमन जारी है और प्रशासन ने डिप बंद नहीं कराया है। राजेपुर क्षेत्र के चित्रकूट, अंबरपुर, सबलपुर, रामपुर, जोगराजपुर, अलीगढ़, बरुआ, हमीरपुर और सोमवंशी समेत तीन दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं।

सड़क पर पानी होने के बावजूद बाइक व बड़े वाहन गुजर रहे हैं। दो वर्ष पूर्व इसी तरह की स्थिति में कई हादसे हो चुके हैं। पानी बढ़ने से महिलाओं और बच्चों को विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

चित्रकूट निवासी रामवती और अंबरपुर निवासी संतोष ने बताया कि घरों में पानी भरने के कारण वे सड़क किनारे अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे हैं।

आसमपुर की मढैया बनी ‘पानी का टापू’, ग्रामीण नाव से कर रहे आवागमन

जनपद के गांव आसमपुर की मढैया में बाढ़ का पानी चारों ओर फैल जाने से हालात गंभीर हो गए हैं। गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है, जिससे यह एक तरह से ‘पानी का टापू’ बन गया है।

ग्रामीणों के अनुसार, आवागमन के लिए प्रधान द्वारा उपलब्ध कराई गई नाव ही एकमात्र सहारा है। लोग इसी नाव के जरिए रोजमर्रा की जरूरतों के लिए गांव से बाहर आते-जाते हैं। पानी भर जाने से खेत डूब गए हैं और कई घरों के चारों ओर पानी का घेरा बन गया है।

गांव के निवासियों का कहना है कि अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या राहत टीम ने मौके पर पहुंचकर कोई सहायता नहीं दी है। न ही खाद्यान्न, पीने के पानी या स्वास्थ्य सेवाओं की कोई व्यवस्था की गई है।

ग्रामीण प्रशासन से तत्काल राहत सामग्री और सुरक्षित आने-जाने के लिए पुख्ता व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पानी का स्तर और बढ़ा तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं।

ग्राम पंचायत गुड़ेरा में ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा को लेकर हुई बैठक, किसानों ने जताई पीड़ा

अमृतपुर फर्रुखाबाद,राष्ट्रीय आवाहन पर 13 अगस्त को प्रस्तावित ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा की तैयारियों को लेकर आज ब्लॉक राजेपुर की ग्राम पंचायत गुड़ेरा में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में क्षेत्रीय किसानों ने भारी संख्या में भाग लिया और अपनी समस्याओं को खुलकर रखा।

किसानों ने कहा कि क्षेत्र में आवारा गायों और सांडों के कारण खेती करना बेहद मुश्किल हो गया है। फसलें बर्बाद हो जाती हैं और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। इसके साथ ही उन्होंने गुड़ेरा के पास बनी डिप की ओर ध्यान आकृष्ट कराया, जिसमें पानी भरने के बाद यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि रास्ता किधर है और नाला किधर। किसानों ने मांग की कि इस डिप पर लोहे के पाइप लगाकर फेंसिंग की जाए ताकि हादसों को टाला जा सके।

किसानों ने यह भी मांग उठाई कि बाढ़ समाप्त होने के बाद गुड़ेरा के सामने पैंटून पुल का निर्माण कराया जाए, क्योंकि नदी के उस पार कई किसानों की जमीनें हैं, जहां तक पहुंचने के लिए उन्हें 25 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

बैठक में किसानों की समस्याएं सुनने के बाद जिला अध्यक्ष अजय कटियार ने आश्वासन दिया कि किसानों की हर समस्या को जिला अधिकारी तक पहुंचाकर उनका 100% समाधान कराया जाएगा।

इस अवसर पर जिला महासचिव अभय यादव, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशोक यादव, अजयपाल सिंह यादव, अमृतपुर तहसील अध्यक्ष अनीश सिंह सोनू सोमवंशी, ब्लॉक अध्यक्ष राजेपुर अजीत कुमार उर्फ टिंकू यादव, अजीत सोमवंशी, अनुराग, सुधीर कटियार सहित सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे।

जेबकतरी के पीड़ित को पुलिस ने थाने बुलायाः किसान का आरोप - थाना प्रभारी ने पहले भी दबाव बनाया

(अमृतपुर), फर्रुखाबाद।फर्रुखाबाद के अमृतपुर थाना क्षेत्र में जेबकतरी के एक मामले में नया मोड़ आया है। पीड़ित किसान छविनाथ का आरोप है कि थाना प्रभारी मोनू शाक्य ने उन्हें और उनके भाई छोटेलाल को थाने बुलाया है।पीड़ित ने बताया कि 2 अगस्त को घटना के दिन भी थाना प्रभारी ने जेबकतरों से ज्यादा उन पर दबाव बनाया था। छविनाथ कहते हैं कि घटना वाले दिन जब उनके रुपए कट गए थे और राजपुर में ग्रामीणों की मदद से उन जेबकतरों को पड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था तो वह भी थाने पहुंचे थे।

थाने में लगभग 5 घंटे बैठने के बाद थाना अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि ₹11000 मिल पाएंगे।छविनाथ के अनुसार, जेबकतरों द्वारा काटे गए 11,800 रुपए में से पुलिस ने केवल 11,000 रुपए ही पांच घंटे बाद वापस किए गए थे।छविनाथ ने बताया कि थाना प्रभारी ने उन्हें हिदायत दी थी कि अगर कोई पूछे तो कहना कि रुपए गिर गए थे, जेब नहीं कटी थी। पुलिस ने उनसे और उनके भाई से एक कागज पर अंगूठा भी लगवाया था।जब कुछ पत्रकारों ने पीड़ित से बात की, तो उन्होंने सच्चाई बता दी, जिसे अखबारों में छाप दिया गया।

अब पीड़ित को डर है कि खबर छपने से नाराज थाना प्रभारी उन्हें थाने बुलाकर कोई झूठा मामला दर्ज कर सकते हैं।पीड़ित किसान भयभीत हैं और उन्हें चिंता है कि थाना प्रभारी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न कर दें। उन्होंने कहा कि वे अनपढ़ हैं और पुलिस के डर से पहले कुछ नहीं बोल पाए थे।

अमृतपुर हादसा: छज्जा गिरने से घायल पांच बच्चों की हालत गंभीर, प्रशासन ने दिए जांच व सहायता के निर्देश

फर्रुखाबाद।अमृतपुर – रविवार सुबह अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव हुसैनपुर हडाई में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। एक कच्चे मकान का छज्जा अचानक गिरने से एक ही परिवार के पांच मासूम बच्चे मलबे में दबकर घायल हो गए। सभी बच्चों की उम्र 6 से 12 वर्ष के बीच है।

स्थानीय निवासी धनपाल, महीपाल और रघुपाल के परिवार के ये बच्चे सुबह घर के बाहर खड़े होकर सरकारी स्कूल अलाहदपुर भटौली जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक छज्जा गिर गया। तेज आवाज और चीख-पुकार सुनकर मौके पर दौड़े ग्रामीणों ने तत्काल मलबा हटाया और बच्चों को बाहर निकाला।

घायलों में आराध्या (7 वर्ष) पुत्री धनपाल,कुशल (6 वर्ष) पुत्र धनपाल

पालकी (12 वर्ष) पुत्री महीपाल,

शाशि (10 वर्ष) पुत्री रघुपाल आदि शामिल हैं।(पांचवे घायल का नाम समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो सका।

घायलों को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमृतपुर, फिर सीएचसी राजेपुर लाया गया। वहां से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल फर्रुखाबाद रेफर कर दिया गया।सीएचसी राजेपुर के डॉ. प्रमीत राजपूत ने बताया कि सभी बच्चों को सिर, पीठ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। कुछ बच्चों को सीटी स्कैन और विशेष निगरानी में रखा गया है।घटना की सूचना मिलते ही डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी और एसपी आरती सिंह तत्काल जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना।

अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को सभी घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। साथ ही, तहसील प्रशासन को गांव पहुंचकर मकान के मलबे की जांच, राहत मुआवजे और मकान की स्थिति का मूल्यांकन करने के निर्देश भी दिए।ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई और पुराने मकान जर्जर हालत में हैं। उन्होंने प्रशासन से सर्वे कराकर जर्जर मकानों को चिन्हित कर मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिए योजना बनाने की मांग की है।

प्रधान प्रतिनिधि ने बच्चों के इलाज में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।फिलहाल सभी बच्चे लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में हैं। हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों की सुरक्षा, स्कूल जाते बच्चों की निगरानी, और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

> प्रशासनिक अधिकारियों ने इस घटना को गंभीर मानते हुए सभी तहसीलों को निर्देश दिए हैं कि बरसात के मौसम में जर्जर भवनों की सूची तैयार की जाए और जरूरतमंदों को तत्काल लाभकारी योजनाओं से जोड़ा जाए।

अमृतपुर थाना पुलिस ने रंगेहाथ पकड़े गए जेबकतरा गैंग को पकड़कर छोड़ा

अमृतपुर फर्रुखाबाद।अमृतपुर थाना क्षेत्र में जेबकतरों का आतंक अमृतपुर से राजेपुर तक जेबकतरों का गैंग पूरी तरह सक्रिय है। बताते चलें दो अगस्त को ग्राम पंचायत थरिया थाना मिर्जापुर जनपद शाहजहांपुर का रहने वाला किसान छविनाथ पुत्र रामचन्द्र उम्र करीब 60 बर्ष अपने साथी पड़ोसी छोटेलाल के साथ अपनी मक्का अल्हागंज बाजार से बेंच कर अपने घर वापस लौट रहा था।

छविनाथ, छोटेलाल ऑटो में राजेपुर से बैठा ,वहीं पास में ही जेबकतरा गैंग का सदस्य आकर बैठ गया जिसका छविनाथ,छोटेलाल को कोई भनक नहीं लगी कि पड़ोस में बैठने वाला जेबकतरा है। ऑटो अमृतपुर थाना क्षेत्र के राजपुर कस्बा में जैसे ही पहुंचा पास में बैठे जेबकतरे ने ऑटो के साथ में जेबकतरा गैंग की चल रही मोटरसाइकिल पर अपने साथियों को जेब काटकर निकाले गए रुपए ऑटो से हांथ निकालकर दे दिए।

इस पूरी घटना को ऑटो चालक ने साइड में लगे सीसे में देखा तुरन्त ही ऑटो चालक ने ऑटो में बैठी हुई सवारियों को अलर्ट किया और जोर से आवाज दी कि देखो किसी सवारी के पैसे तो नहीं निकले हैं ।ऑटो चालक की आवाज सुनकर छविनाथ ने अपनी पेंट में रखे रूपये चेक किए और चीखना शुरू कर दिया कि हमारे रुपए जेब काटकर निकाले गए हैं।

ऑटो चालक ने ऑटो चालक ने जैसे ही ऑटो रोका ऑटो में बैठा जेबकतरा ऑटो से निकलकर भागने लगा। ऑटो चालक सहित आसपास के दुकानदारों ने जेबकतरे को दौड़ा लिया उसी समय किसी ने थाना अमृतपुर पुलिस को फोन पर जानकारी दी। कस्बा राजपुर में मौके पर पुलिस पहुंचकर जेबकतरा गैंग के दो सदस्यों को पकड़ लिया और थाना अमृतपुर में लेकर आए। फिर शुरू हुआ पुलिस का खेल ,थाना प्रभारी ने जेबकतरों पर अपनी मेहरबानी बरसाना शुरू कर दिया। पीड़ित किसान भी थाने पहुंच चुका था पीड़ित किसान छविनाथ के अनुसार थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने पीड़ित किसान से पूछताछ की और पीड़ित से कहा कि तुम क्या चाहते हो?।

मुकदमा लिखवाने से तुम्हे कोई फायदा होने वाला नहीं ,तो पैसे लेना हो तो जेबकतरों से आपके पैसे दिलवा दिए जाएं। थाना प्रभारी मोनू शाक्या की बात सुनकर पीड़ित किसान छविनाथ ने कहा कि मुझे मेरे पैसे दिलवा दो हम क्यों मुकदमा लिखवाएंगे। थाना प्रभारी ने पीड़ित किसान छविनाथ को कई घंटों तक थाना परिसर बैठाए रखा पीड़ित किसान छविनाथ ने बताया कि जेबकतरों के परिजनों को फोन कर थाना अमृतपुर में बुलाया गया क्योंकि जो पकड़े गए दो जेबकतरे थे उन्होंने अपने साथी जो मोटरसकिल सवार था उसे पैसे दे दिए थे जो मौके से फरार होने में कामयाब हो गया था।

थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने गैंग के परिजनों को थाना अमृतपुर बुलाया ,जेब कतरा गैंग के परिजन एक ऑटो में सवार होकर थाना अमृतपुर में आए जिनके साथ कुछ महिलाएं भी थीं। फिर कई घंटों विधिवत सौदेबाजी करने के बाद पीड़ित किसान छविनाथ के जेब काटकर निकाले गए रुपए 11800 की जगह 11000 रुपए पीड़ित किसान छविनाथ को दिए गए, लगभग पांच घंटे बाद पीड़ित अपने गंतव्य की ओर चला गया। वहीं जेबकतरों को भी घर भेज दिया गया ।

आखिर जेबकतरों को किसकी सिफारिश पर बिना कार्यवाही किए छोड़ा गया ,किसी की सिफारिश थी या कोई और खेल। वहीं जब उस संबंध में थाना प्रभारी मोनू शाक्या से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेब नहीं काटी गई थी पीड़ित को गलतफहमी हो गई थी पीड़ित के पैसे घटना स्थल पर उसकी जेब से गिर गए थे जो पीड़ित को मिल गए हैं ।पकड़े गए दो लोगों को पकड़ा गया था लेकिन जब पीड़ित के गिरे हुए रूपए मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

मजे की बात यह है कि जब थाना थाना अमृतपुर में ये जेबकतरे पकड़ कर लाए गए उस समय क्षेत्राधिकारी अमृतपुर अजय कुमार वर्मा भी अमृतपुर थाना पर मौजूद थे ।जब थाना प्रभारी से जेबकतरों के संबंध में बात की गई तो उन्होंने ने भी वही लाइन दोहरा दी जो कि थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने कही थी। कुल मिलाकर आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि पीड़ित किसान छविनाथ के रूपये पांच बजे जेब काटकर निकाले गए थे और थाना प्रभारी मोनू शाक्या की बात मान ली जाए कि पीड़ित के रुपए गिर गए थे और पीड़ित किसान छविनाथ को गलत फहमी हो गई तो पीड़ित किसान छविनाथ पांच घंटे तक थाना परिसर में क्यो रोका गया ये उलझा हुआ विषय सभी को हैरान करता है।

इनसेट

जेबकतरों के पकड़े जाने की खबर सुनकर थाना राजेपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैनापुर के रहने वाले हरिशरण सिंह भी थाना अमृतपुर पहुंचे। बताते चलें कुछ दिनों पूर्व ही हरिशरण सिंह के साथ भी घटना घटित हुई थी उनकी भी पेंट की जेब काटकर 32000 हजार रुपए निकाल लिए थे। उनकी भी घटना उपरोक्त घटनाक्रम से पूरी तरह मेल खाती है ।उनके भी ऑटो में सवार जेबकतरे ने जेब काटकर ही रुपए उड़ाए थे।

उन्होंने भी उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन जेबकतरे भागने में सफल रहे थे। वो भी अपनी फरियाद लेकर थाना अमृतपुर आए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ उन्हें ये बताकर चलता कर दिया गया कि यह पकड़े गए जेबकतरे वह नहीं है जिन्होंने तुम्हारे साथ घटना की ।अब पुलिस से यह कौन पूंछे कि आपको कैसे पता चला कि यह जेबकतरे वह नहीं है ।

यह भी गंभीर और सोचने का विषय है। खैर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में पुलिस का कार्य प्रशंसनीय है लेकिन कुछ कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से पुलिस की साख पर बट्टा लग ही जाता है।

पांचवें दिन भी युवक का नहीं लग पाया सुराग

अमृतपुर फर्रुखाबाद।अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव गूजरपुर पमारान में एक 27 वर्षीय युवक रविवार से लापता युवक ओमवीर राठौर उम्र 27 वर्ष जो रविवार को लेंटर डालने वाली मशीन पर काम करने के लिए गया था जब वह वापस लौटा तो गांव के पास लगने वाली रविवार को साप्ताहिक बाजार से सब्जी खरीदकर घर आया। और घर पर सब्जी रख कर कपड़े उतार दिए तथा तौलिया लपेटकर घर से टहलने के लिए निकला और देर रात्रि तक जब घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने पहले स्वयं युवक की तलाश की। लेकिन युवक का पता नहीं चल सका।

इसके बाद पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर थाना अध्यक्ष मोनू शाक्या ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाकर जांच पड़ताल शुरू कर दी। 4 दिन बाद जब सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। युवक देशी शराब ठेके पर कैमरे में दिखा। लेकिन जिसके बाद युवक का कोई पता नहीं चल सका जिसके बाद थाना अध्यक्ष ने कड़ा रूख अपनाते हुए युवक की ड्रोन कैमरे मंगवा कर खोजबीन शुरू कर दी जिसमें फतेहगढ़ पुलिस लाइन से आए कर्मचारियों के द्वारा ड्रोन कैमरे को 5 किलोमीटर की परिधि में उड़ाया गया बारीकी से जांच की गई थाना अध्यक्ष ने जिसका लेंटर पड़ा था वहां पर भी पहुंच कर जांच पड़ताल की।

हालांकि पुलिस ने संदिग्धों पर भी पैनी नजर रखी हुई है अपराधियों की खोजबीन में कई टीमें लगाई गई है।

“सरकारी स्कूल बच्चों के सपने हैं, इन्हें बचाना ज़रूरी” – विकास राजपूत ने की सरकार से अपील, “सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन”


फर्रुखाबाद : – प्रदेश सरकार द्वारा फर्रुखाबाद जिले के 351 प्राथमिक सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय पर अब राजनीतिक और सामाजिक विरोध खुलकर सामने आने लगा है। भाजपा नेता और समाजसेवी श्री विकास राजपूत ने इस फैसले को गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ सीधा अन्याय बताते हुए, सरकार से विनम्र अपील की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।

“भविष्य की नींव हिला रही है ये नीति” – विकास राजपूत

राजपूत ने कहा कि:

“सरकारी स्कूल कोई साधारण भवन नहीं होते, ये गांव के बच्चों के सपनों की शुरुआत होते हैं। इन्हें बंद करना केवल एक निर्णय नहीं, बल्कि उनके भविष्य को अंधकार में धकेलना है।”

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पार्टी के अनुशासन में रहते हुए भी बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।

“सरकार से समाधान की अपील, टकराव की नहीं “

विकास राजपूत ने कहा कि उनकी मंशा सरकार से टकराव की नहीं, बल्कि संवाद और समाधान की है। उनका कहना है:

“मैं सरकार से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूँ — कृपया इन स्कूलों को बंद करने के फैसले को वापस लें। इन स्कूलों को और बेहतर बनाएं, सुविधाएं बढ़ाएं, ताकि बच्चों की संख्या भी बढ़े और गुणवत्ता भी।”

“भूख हड़ताल आखिरी विकल्प — पर दृढ़ संकल्पित हूँ”

राजपूत ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही निर्णय वापस नहीं लिया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे। लेकिन उन्होंने दोहराया कि वे संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और पहले विनम्र अपील और संवाद का मार्ग अपनाना चाहते हैं।

“मैं चाहता हूँ कि सरकार जनभावनाओं को समझे। ये बच्चों का मामला है — राजनीति से ऊपर।”

अब सवाल ये है:

क्या सरकार इस विनम्र लेकिन दृढ़ अपील को सुनेगी?

क्या शिक्षा के अधिकार को बचाने की इस लड़ाई में आमजन भी जुड़ेंगे?

या फिर बच्चों के सपने आंकड़ों की भेंट चढ़ जाएंगे?

सरकार के लिए यह अवसर है — बच्चों का भविष्य संवारने का, न कि बंद करने का।

कई महीनो से नहीं मिला नौनिहाल बच्चों को पोषाहार

अमृतपुर फर्रुखाबाद । केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं नौनिहाल बच्चों और कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार वितरण कर रही है लेकिन धरातल पर ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है । जनपद फर्रुखाबाद की विकासखंड राजेपुर की ग्राम पंचायत भुवनपुर ताजपुर का मजरा ताजपुर में कई महीनो से गर्भवती महिलाओं छोटे बच्चों को ना तो पोषाहार मिल रहा है और ना ही तीसरे महीने कोटेदार के तहत बच्चों को मिलने वाला चावल भी नहीं दिया जा रहा हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा भ्रष्टाचार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा फैलाया जा रहा है तो कैसे विकास और कैसे स्वास्थ्य सही रहेगा। ग्रामीण महिला मीरा द्वारा बताया गया कि मेरे गांव में कभी भी ना तो आंगनवाड़ी केंद्र खुलता है और ना कभी भी राशन वितरण किया जाता है केवल मुझको या तो मालूम पड़ता है कि दो गाड़ी राशन लाकर भुवनपुर के लिए रवाना गांव से होकर जाता है लेकिन वितरण नहीं होता है वही जब मीडिया के द्वारा पूछा गया कि कोटेदार के तहत तीसरे महीने में जो छोटे बच्चों को चावल मिलते हैं क्या वह दिया जाता है उसे पर भी गुड़िया अन्य शिवानी राघव अंशिका केशब प्रांशु के परिजनों द्वारा बताया गया है कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे है लेकिन इनको कभी भी पोषाहार की प्राप्ति नहीं हुई है।

वहीं ताजपुर के लोगों द्वारा बताया गया है कि कोटेदार तो अपनी मनमानी करके राशन वितरण करते हैं जहां पर ई पास कांटे से लेकर मशीन तक राशन पूरा कर देते हैं जिसके बाद में 4 किलो 500 ग्राम ही राशन हम लोगों को मिलता है और छोटे बच्चों को मिलने वाला चावल तो कभी दिया ही नहीं जाता है।

वर्जन

संपर्क किया गया तो बताया गया कि आंगनबाड़ी को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। दोषी पाए जाने पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री पर कार्रवाई की जाएगी।

सीडीपीओ राजेपुर

मानवेंद्र सिंह