फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान से ऊपर, तीनों तहसीलों के 50 गांव बाढ़ की चपेट में
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फर्रुखाबाद।जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ के हालात और बिगड़ गए हैं। गंगा खतरे के निशान 137.10 मीटर से ऊपर बह रही है, जबकि रामगंगा का जलस्तर 135.75 मीटर पर पहुंच गया है। बाढ़ कंट्रोल रूम के अनुसार, नरौरा बांध से 28,1676 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया, जबकि रामगंगा में खो बैराज से 8,134, हरेली बैराज से 372 और रामनगर बैराज से 13,064 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शाम को गंगा में नरौरा बांध से 3 लाख 5 हजार क्यूसेक छोड़ा गया पानी
बिजनौर बैराज से 1लाख 51 हजार क्यूसेक
हरिद्वार बैराज से 1 लाख 8 हजार क्यूसेक छोड़ा गया पानी छोड़ गया जिससे पांचालघाट में गंगा का जलस्तर 137.20 सेन्टीमीटर है।
50 गांव बाढ़ की चपेट में
तीनों तहसीलों के लगभग 45 से 50 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे अधिक असर अमृतपुर तहसील क्षेत्र में है, जहां करनपुर घाट, सारंगपुर, सुंदरपुर, तीसराम की मड़ैया, जोगराजपुर समेत दो दर्जन से ज्यादा गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं। कई गांवों के रास्ते कट गए हैं और लोग नावों के सहारे आ-जा रहे हैं।
सदर व कायमगंज में भी गंभीर स्थिति
सदर तहसील क्षेत्र में शिकारपुर, कटरी, गंगपुर, गुलरिया, पृथ्वीपुर, कटरी भीमपुर सहित करीब दो दर्जन मजरों में पानी भर गया है। यहां कुछ जगह पुलिस पिकेट लगाई गई हैं और नावों से राहत कार्य जारी है।
कायमगंज तहसील क्षेत्र में कपिल-बदायूं मार्ग पर करीब 2 फीट पानी भर गया है। शेखपुर, बिहारीपुर, बहावलपुर, मिस्तनी, टपुआ समेत 35 गांव प्रभावित हैं। शमशाबाद क्षेत्र में शाहजहांपुर–शमशाबाद मार्ग पर पानी बह रहा है, जिससे यातायात ठप है।
स्कूलों में पानी, पढ़ाई बंद
बाढ़ का असर शिक्षा पर भी पड़ा है। तीनों तहसीलों में गंगा तटवर्ती गांवों के लगभग 40 परिषदीय विद्यालयों में पानी भर गया है। कई स्कूलों में पढ़ाई बंद है। शमशाबाद क्षेत्र में तो हालात इतने खराब हैं कि लोग नाव और तांगे के सहारे आवागमन कर रहे हैं, यहां तक कि मोटरसाइकिल को भी नाव पर लादकर ले जाया जा रहा है।
सड़कों पर झोपड़ियां, शरणालय में जाने की अपी
अंबरपुर, चित्रकूट, बरुआ, सबलपुर, गोटिया, कंचनपुर, रामपुर, भुड़िया, अलीगढ़, भावपुर चौरासी, कुबेरपुर, कुतलूपुर समेत कई गांवों में पानी घरों तक पहुंच गया है। अंबरपुर-चित्रकूट में आधा दर्जन परिवार सड़क किनारे झोपड़ी डालकर रह रहे हैं।
प्रशासन ने प्रभावित ग्रामीणों से शरणालयों में जाने की अपील की है, हालांकि कई लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
इनसेट
राजेपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़
चित्रकूट डिप पर दो फीट पानी, तीन दर्जन से अधिक गांव प्रभावित
राजेपुर (फर्रुखाबाद)।
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से राजेपुर थाना क्षेत्र के गंगा पार के गांवों में बाढ़ का कहर बढ़ गया है। तीन दिनों से पानी चढ़ने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में घर-आंगन जलमग्न हैं। कई परिवार सड़क किनारे झोपड़ियां डालकर रह रहे हैं।
चित्रकूट डिप पर करीब दो फीट पानी सड़क पर बह रहा है, लेकिन आवागमन जारी है और प्रशासन ने डिप बंद नहीं कराया है। राजेपुर क्षेत्र के चित्रकूट, अंबरपुर, सबलपुर, रामपुर, जोगराजपुर, अलीगढ़, बरुआ, हमीरपुर और सोमवंशी समेत तीन दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं।
सड़क पर पानी होने के बावजूद बाइक व बड़े वाहन गुजर रहे हैं। दो वर्ष पूर्व इसी तरह की स्थिति में कई हादसे हो चुके हैं। पानी बढ़ने से महिलाओं और बच्चों को विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
चित्रकूट निवासी रामवती और अंबरपुर निवासी संतोष ने बताया कि घरों में पानी भरने के कारण वे सड़क किनारे अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे हैं।
आसमपुर की मढैया बनी ‘पानी का टापू’, ग्रामीण नाव से कर रहे आवागमन
जनपद के गांव आसमपुर की मढैया में बाढ़ का पानी चारों ओर फैल जाने से हालात गंभीर हो गए हैं। गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है, जिससे यह एक तरह से ‘पानी का टापू’ बन गया है।
ग्रामीणों के अनुसार, आवागमन के लिए प्रधान द्वारा उपलब्ध कराई गई नाव ही एकमात्र सहारा है। लोग इसी नाव के जरिए रोजमर्रा की जरूरतों के लिए गांव से बाहर आते-जाते हैं। पानी भर जाने से खेत डूब गए हैं और कई घरों के चारों ओर पानी का घेरा बन गया है।
गांव के निवासियों का कहना है कि अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या राहत टीम ने मौके पर पहुंचकर कोई सहायता नहीं दी है। न ही खाद्यान्न, पीने के पानी या स्वास्थ्य सेवाओं की कोई व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण प्रशासन से तत्काल राहत सामग्री और सुरक्षित आने-जाने के लिए पुख्ता व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पानी का स्तर और बढ़ा तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं।
Aug 10 2025, 17:31