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सीतापुर हत्याकांड का बदला: पत्रकार की हत्या करने वाले दो शूटरों को पुलिस ने किया ढेर

लखनऊ /सीतापुर। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में लंबे समय से फरार चल रहे दो इनामी शूटरों को आखिरकार पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। एक-एक लाख रुपये के इनामी बदमाश संजय तिवारी उर्फ अकील खान और राजू तिवारी उर्फ रिजवान की गुरुवार सुबह पिसावां इलाके में एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान मौत हो गई।

जवाबी कार्रवाई में दोनों को गोली लगी

दोनों अपराधी बाइक से भागने की कोशिश कर रहे थे, जब उन्हें रुकने का इशारा किया गया तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों को गोली लगी। गंभीर रूप से घायल दोनों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

आठ मार्च पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर की थी हत्या

पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल के अनुसार, पिसावां-महोली मार्ग पर चल रही तलाशी के दौरान यह मुठभेड़ हुई। दोनों बदमाश अटवा (मिश्रित) के रहने वाले थे और उन पर हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।गौरतलब है कि इसी वर्ष 8 मार्च को दोपहर तीन बजे, महोली क्षेत्र में स्थित हेमपुर ओवरब्रिज पर पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रारंभिक जांच में यह मामला सुनियोजित साजिश का हिस्सा निकला।

राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी ने अपनी नाराजगी जाहिर की

34 दिन बाद पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए एक मंदिर के पुजारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।पुलिस के अनुसार, हत्या में कुल पांच आरोपी शामिल थे, जिनमें से ये दोनों शूटर फरार चल रहे थे। उनकी तलाश में एसटीएफ की सात टीमों और क्राइम ब्रांच की तीन टीमों को लगाया गया था।हालांकि, इस मुठभेड़ के बाद भी राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है और उन्हें अब भी न्याय की पूरी उम्मीद है।
दिव्यांगजनों के भरण-पोषण भत्ते में 100 प्रतिशत की वृद्धि


- विशेष विद्यालयों के आवासीय दिव्यांग छात्रों को अब मिलेंगे प्रतिमाह 4000 रुपये

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों की सुविधाओं में वृद्धि करते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित विशेष विद्यालयों/संस्थाओं में निवासरत दिव्यांग संवासियों के भरण-पोषण भत्ते की राशि को 2000 रुपये  प्रतिमाह से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। यह निर्णय बुधवार से प्रभावी हो गया है।
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  नरेंद्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजनों के सामाजिक सशक्तीकरण के लिए निरंतर सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। भरण-पोषण भत्ते में की गई यह बढ़ोतरी दिव्यांग बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए बड़ी राहत है। यह केवल आर्थिक सहयोग नहीं बल्कि सरकार की संवेदनशील सोच का प्रमाण भी है।
प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा द्वारा जारी शासनादेश  के अनुसार, पूर्व में  25 अप्रैल 2016 को जारी शासनादेश को संशोधित करते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय की सूचना प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, मंडलीय उपनिदेशकों, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों, विभागीय प्रशिक्षण केंद्रों व आश्रयगृहों के अधीक्षकों तथा राजकीय विशेष विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को दे दी गई है ताकि लाभार्थियों को समय पर इसका लाभ मिल सके।
रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से पहले निराश्रित महिलाओं को योगी सरकार का तोहफा
* दूसरी तिमाही की ₹1115.64 करोड़ की पेंशन राशि 36.75 लाख महिलाओं को समय से पहले हस्तांतरित

लखनऊ। रक्षाबंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश की निराश्रित महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महिला कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की ₹1115.64 करोड़ की पेंशन राशि 36,75,623 लाभार्थी महिलाओं के आधार-लिंक्ड खातों में अगस्त के पहले सप्ताह में ही ट्रांसफर कर दी है। यह कदम त्योहारों को आर्थिक चिंता से मुक्त और उल्लासपूर्ण बनाने की दिशा में उठाया गया है।
उत्तर प्रदेश में संचालित पति की मृत्यु उपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसके अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक उम्र की, पति से विहीन, ₹2 लाख सालाना आय सीमा वाली महिलाएं प्रतिमाह ₹1000 की सहायता पाती हैं। यह पेंशन राशि सीधे पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए बैंक खातों में भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होती है। इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 35.78 लाख महिलाओं को ₹1062.15 करोड़ की राशि दी गई थी। अब दूसरी तिमाही में लाभार्थियों की संख्या और राशि, दोनों में वृद्धि दर्ज की गई है।
महिला कल्याण विभाग के निदेशक ने बताया कि इच्छुक महिलाएं sspy-up.gov.in पोर्टल पर जाकर आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र महिला इस लाभ से वंचित न रहे और जांच प्रक्रिया को त्वरित व निष्पक्ष बनाया जाए, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को सहायता मिल सके।
किसानों को समय पर मिले खाद-बीज: सूर्य प्रताप शाही
- कृषि मंत्री ने की विभागीय समीक्षा बैठक, अधिकारियों को बजट व्यय में तेजी लाने के दिये निर्देश

लखनऊ। किसानों के हित में स्वीकृत बजट को समय पर किसानों के हित में खर्च कर लिया जाना और बीज तथा संबंधित कृषि यंत्र भी किसानों को समय से मिल सकें यह विभाग के योजनाधिकारियों का मुख्य दायित्व है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यह बात बुधवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कृषि भवन के सभागार में आयोजित विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कही गई।
कृषि मंत्री ने उर्वरक की आपूर्ति, भण्डारण तथा वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक खाद विक्रय केन्द्र स्तर पर इसकी निरन्तर गहन निगरानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों को खतौनी में उनके नाम दर्ज भूमि के सापेक्ष ही उर्वरक दिया जाय, जिससे जमाखोरी व कालाबाजारी पर लगाम लगायी जा सके। विभाग द्वारा खाद की निरन्तर आपूर्ति किये जाने के कारण ही वर्तमान अवधि में गत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष 484035 मी. टन खाद की अधिक बिक्री की गई है। गत वर्ष यह बिक्री 2157439 थी, जबकि इस वर्ष 2641474 है। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे रासायनिक उर्वरकों का उतना ही प्रयोग करें, जिससे मिट्टी की उर्वरता तथा उसका स्वास्थ्य भी बचाया जा सके।
इस वित्तीय वर्ष के बजट की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि व्यय में और गति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक लगभग 20 प्रतिशत बजट खर्च किया गया है। जिन योजनाधिकारियों द्वारा बजट व्यय करने में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया गया है उन अधिकारियों को अपने कार्य में गति लाने के लिए सख्त हिदायत दी गई। उन्होंने अधिकारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए ब्रेन स्टॉर्मिंग कार्यशाला आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव कृषि इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव टी.के. शिबू तथा ओ.पी. वर्मा, निदेशक कृषि डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी एवं निदेशक सांख्यकीय श्रीमती सुमिता सिंह सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
रामनगरी में समृद्धि की गूंज, विभिन्न परियोजनाओं के लिए 225 लाख रुपए की मंजूरी : जयवीर सिंह
राम मंदिर निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की बेतहाशा बढ़ोतरी, 2025 में 50 करोड़ आगंतुकों का अनुमान

लखनऊ। प्रभु श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में विकास की गति तेज हो गई है। राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ नगर के समग्र धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन विकास को केंद्र में रखते हुए एक के बाद एक योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने हाल ही में अयोध्या के लिए ₹225 लाख की विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य अयोध्या को एक विश्वस्तरीय धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या न केवल देशवासियों बल्कि विदेशियों के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुकी है। लगातार बढ़ रहे श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।

* तीव्र गति से बढ़ रहा आगंतुकों का आंकड़ा :
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में ही अयोध्या में रिकॉर्ड 20.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। महाकुंभ-2025 की तैयारियों और राम मंदिर दर्शन की ललक के चलते इस अप्रत्याशित वृद्धि को देखा गया। अनुमान है कि वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 45 से 50 करोड़ तक पहुंच सकता है। साल-दर-साल आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 में 5.76 करोड़ पर्यटक अयोध्या आए थे, जबकि 2024 में यह संख्या तीन गुना बढ़कर 16.44 करोड़ हो गई। यह वृद्धि अयोध्या की धार्मिक महत्ता के साथ-साथ सरकार की विकास नीतियों की सफलता को भी दर्शाती है।

* रामनगरी में बहुआयामी विकास योजनाएं :
पर्यटन मंत्री ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या में विकास, पर्यटन, सौंदर्यीकरण और रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं को तेज़ी से लागू किया जा रहा है। न केवल मंदिर के आसपास का क्षेत्र, बल्कि पूरे शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में काम हो रहा है। जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या अब केवल श्रद्धा का केंद्र नहीं रह गया, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक अनुभव और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बनता जा रहा है।

टीचर लीडरशिप का जश्न: लखनऊ में 26 पूर्व छात्र मेंटर्स को अपने साथी टीचर्स को बुनियादी साक्षरता में सहयोग के लिए किया गया सम्मानित

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में  एससीईआरटी, उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन में लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एल एल एफ़) और टाटा ट्रस्ट्स की साझेदारी में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें  ‘एलुमनी मेंटर मॉडल’ की प्रेरणादायक और सफल यात्रा का उत्सव मनाया गया । यह कार्यक्रम न केवल शिक्षक नेतृत्व और स्वैच्छिक सहभागिता का प्रतीक बना, बल्कि उत्तर प्रदेश में सहयोगात्मक शिक्षकीय मॉडल के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी सिद्ध हुआ।

इस अवसर पर एससीईआरटी, उत्तर प्रदेश के निदेशक  गणेश कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान, उप निदेशक (शिक्षा विभाग)  दीपा तिवारी, तथा एलएलएफ के संस्थापक व कार्यकारी निदेशक  धीर झिंगरन ने विशेष रूप से सहभागिता की ।

इस मॉडल के तहत उत्तर प्रदेश के 8 जिलों से 26 समर्पित शिक्षकों ने एल एल एफ़ के एक वर्षीय प्रारंभिक भाषा शिक्षण कोर्स (जो टाटा ट्रस्ट्स के सहयोग से विकसित और टीआईएसएस- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन टीचर एजुकेशन  मुंबई , से मान्यता प्राप्त है) को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के बाद स्वयं मेंटर के रूप में कार्य करने की स्वैच्छिक जिम्मेदारी ली। ये मेंटर्स बेसिक शिक्षा विभाग में विभिन्न शैक्षणिक पदों जैसे एस.आर.जी., ए.आर.पी., प्रधानाध्यापक, संकुल शिक्षक एवं शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

इन मेंटर्स ने 300 से अधिक शिक्षकों को न केवल इस एक वर्षीय कोर्स से जुड़ने के लिए प्रेरित किया, बल्कि पूरे वर्ष भर लगातार उनका मार्गदर्शन और सहयोग भी किया। मेंटर्स ने ऑनलाइन व प्रत्यक्ष सत्रों, और निरंतर संवाद के माध्यम से शिक्षकों को बुनियादी साक्षरता और भाषा शिक्षण की प्रभावी पद्धतियों की समझ विकसित करने में मदद की। यह संपूर्ण प्रक्रिया, बिना किसी दबाव या अतिरिक्त आर्थिक प्रोत्साहन के पूरी तरह से शिक्षकों की आत्म-प्रेरणा, प्रतिबद्धता और सहयोग की भावना पर आधारित थी।

मुख्य अतिथि श्री गणेश कुमार ने सभी मेंटर्स को बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा हमारे पास आने वाले बच्चों में अपार संभावनाएँ हैं, कमी सिर्फ अवसर की है। जब उन्हें सही अवसर मिलता है, तो वे हर चीज़ सीखने में सक्षम होते हैं। हमें कक्षा में हर बच्चे को ऐसा अवसर देना है जिसमें वह खुलकर सीख सके। आपने इस कोर्स के माध्यम से जो ज्ञान और समझ अर्जित की है, वह केवल आपके तक सीमित न रहे। जब यह समझ आपके और आपके द्वारा प्रशिक्षित शिक्षकों के कक्षा-शिक्षण में दिखाई देगी, और उसका असर बच्चों के अधिगम में झलकेगा—तभी इस कार्यक्रम की वास्तविक सार्थकता साबित होगी।”

डॉ. पवन सचान  ने इस मॉडल को शिक्षक-नेतृत्व की एक प्रभावशाली मिसाल बताते हुए इसे राज्य स्तर पर विस्तार देने की इच्छा जताई, ताकि उत्तर प्रदेश में भाषा शिक्षण को और अधिक प्रभावी, व्यावहारिक और रुचिकर बनाया जा सके। *उन्होंने कहा,* “अभी हमारे पास 26 मेंटर्स हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि यह संख्या 26 से बढ़कर 2600 और फिर 26,000 हो—जो और भी शिक्षकों को सशक्त बनाएँ, ताकि इस कार्यक्रम का लाभ अधिक से अधिक शिक्षकों तक पहुँच सके। बहुत कम लोगों में यह सामर्थ्य होता है कि वे अपनी सीखने की ज़िम्मेदारी खुद उठाएँ। आप सबने यह कर दिखाया है।”

श्रीमती दीपा तिवारी ने भी इस पहल की सराहना करते हुए मेंटर्स को सुझाव दिया कि वे कोर्स में सीखी गई शिक्षण पद्धतियों को अपनी कक्षाओं में अधिक से अधिक लागू करें, ताकि बच्चों के अधिगम परिणामों में स्पष्ट और ठोस सुधार देखा जा सके।

एल एल एफ़ के संस्थापक  धीर झिंगरन ने एससीईआरटी उत्तर प्रदेश के निरंतर सहयोग के लिए आभार प्रकट किया और इस मॉडल को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने वाले सभी मेंटर्स को हार्दिक बधाई दी। *उन्होंने कहा, “* शिक्षा क्षेत्र में अपने 35 वर्षों के अनुभव में मैंने ऐसा प्रेरणादायक प्रयास पहले कभी नहीं देखा। यह पूरे देश में अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है—जहाँ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों ने पूर्ण आत्म-प्रेरणा और प्रतिबद्धता के साथ अपने साथी  शिक्षकों के साथ एक वर्षीय कोर्स न केवल किया, बल्कि सीखने-सिखाने की इस यात्रा को सार्थक रूप से निभाया। यह सहयोगात्मक व्यावसायिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।”

कार्यक्रम के अंत में सभी 26 मेंटर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एल एल एफ़ टीम की ओर से श्वेता लाल, स्वाति गांधी, मोई भट्टाचार्य सहित राज्य और जिला स्तर की टीमें भी उपस्थित रहीं।

यह आयोजन शिक्षक सशक्तिकरण, नेतृत्व और स्वैच्छिक सहभागिता की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरा है, जो आने वाले समय में पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा स्रोत सिद्ध हो सकता है।
लखनऊ के पॉश रेस्टोरेंट में हंगामा, फैमिली से धक्का-मुक्की पर बवाल

लखनऊ । राजधानी के गोमतीनगर विस्तार के विभूतिखंड क्षेत्र स्थित एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट में मंगलवार रात फैमिली डिनर के दौरान विवाद खड़ा हो गया। आरोप है कि खाने को लेकर हुए विवाद में रेस्टोरेंट स्टाफ और एक परिवार के बीच तीखी बहस, अभद्रता और धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई।

स्टाफ ने महिला और बुजुर्ग सदस्यों के साथ गलत व्यवहार की

सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया।शिकायतकर्ता परिवार का कहना है कि वे डिनर के लिए रेस्टोरेंट पहुंचे थे, जहां ऑर्डर में हुई गड़बड़ी को लेकर स्टाफ से पहले बहस हुई। आरोप है कि इस दौरान स्टाफ ने महिला और बुजुर्ग सदस्यों के साथ गलत व्यवहार किया। मामला बढ़ता देख अन्य ग्राहकों ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन विवाद और गंभीर हो गया।

आपसी कहासुनी के बाद मामला हाथापाई तक जा पहुंचा

स्थानीय पुलिस के अनुसार, विवाद ऑर्डर के मुद्दे से शुरू हुआ और आपसी कहासुनी के बाद मामला हाथापाई तक जा पहुंचा। मौके पर पहुंची विभूतिखंड थाना पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी और मामला शांत कराया। फिलहाल पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयान के जरिए पूरे घटनाक्रम की पड़ताल में जुटी है।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर कारोबारी से 1.77 करोड़ की साइबर ठगी
लखनऊ । शेयर बाजार में मोटा मुनाफा कमाने का सपना दिखाकर साइबर ठगों ने बाराबंकी के एक कारोबारी से 1.77 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। ठगों ने पहले व्हाट्सएप पर फर्जी पहचान से कारोबारी से दोस्ती की, फिर निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठ लिए। जब पीड़ित को कोई लाभ नहीं मिला और रकम निकालने पर आईडी ब्लॉक कर दी गई, तब जाकर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।

पहले पीड़ित को एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज मिला

पीड़ित कारोबारी विवेक वर्मा मूल रूप से बाराबंकी के सफेदाबाद क्षेत्र के शालीमार विला के निवासी हैं और वर्तमान में लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर-16 में रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्हें एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज मिला। खुद को 'श्रुति जायसवाल' बताने वाली युवती ने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से मोटा लाभ होने की बात कहकर उनसे दोस्ती कर ली।

शुरुआती निवेश पर विवेक को एक लाख रुपये का लाभ दिखाया

बातचीत के दौरान उसने एक लिंक भेजा और उससे एक आईडी-पासवर्ड बनाने को कहा। शुरुआती निवेश पर विवेक को एक लाख रुपये का लाभ दिखाया गया, जिससे उनका विश्वास पक्का हो गया। इसके बाद उसने अलग-अलग खातों में कोटक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक व अन्य माध्यमों से 27 मई से 16 जुलाई के बीच कुल 1.77 करोड़ रुपये भेज दिए।

रकम निकालने की कोशिश की तो निवेश आईडी कर दिया ब्लॉक

जब रकम निकालने की कोशिश की गई तो निवेश आईडी को ब्लॉक कर दिया गया। विवेक को तब जाकर धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने सोमवार को साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जिन खातों में रुपये भेजे गए, उन्हें फ्रीज कराने की प्रक्रिया चल रही है।
आर्थिक तंगी से परेशान मजदूर ने खाया जहर, इलाज के दौरान मौत
लखनऊ । राजधानी में गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के सेमनापुर गांव में रहने वाले 38 वर्षीय मजदूर दीपक ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर मंगलवार दोपहर जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर उन्हें पहले सीएचसी गोसाईंगंज ले जाया गया, जहां से गंभीर स्थिति में सिविल अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

युवक की मौत से परिवार में मचा कोहराम

दीपक के छोटे भाई प्रदीप के अनुसार वह मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। बीते कुछ समय से उनके पास काम नहीं था और आर्थिक स्थिति खराब चल रही थी। इसी तनाव में उन्होंने यह कदम उठाया। घटना के समय वह घर पर अकेले थे।परिवार में पत्नी पूर्णिमा, मां चंद्रावती, दो बेटियां और एक बेटा हैं। दीपक की मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।
लखनऊ में नो-पार्किंग पर अब नहीं चलेगी ढील, यातायात पुलिस और नगर निगम मिलकर चलाएंगे सख्त अभियान,16 क्रेन तैयार
लखनऊ । राजधानी में नगर निगम और यातायात पुलिस अब शहर में ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह बन चुके अवैध पार्किंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रहे हैं। शहर के 8 प्रमुख जोनों में चिन्हित नो-पार्किंग स्थलों पर यदि कोई वाहन खड़ा पाया गया तो उसे तुरंत क्रेन से उठाकर डंपिंग यार्ड पहुंचाया जाएगा। इसके लिए यातायात विभाग ने 16 क्रेनों की तैनाती कर दी है।

अाज से 8 अगस्त तक चलेगा जागरूकता अभियान

अधिकारियों के अनुसार, 6 से 8 अगस्त तक शहरभर में नो-पार्किंग के नियमों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद बिना किसी चेतावनी के सख्त कार्रवाई की जाएगी। पकड़े गए वाहन नगर निगम के जोनवार प्रवर्तन बूथ के पास बने डंपिंग यार्ड में जमा किए जाएंगे।

लोगों से अपील

यातायात पुलिस और नगर निगम ने आमजन से अपील की है कि वे चिन्हित नो-पार्किंग स्थलों पर अपने वाहन खड़े न करें। यह अभियान ट्रैफिक सुधार और जनसुविधा के लिए जरूरी है।

जानिए किन क्षेत्रों में लागू होगा नो-पार्किंग नियम

जोन-1: हजरतगंज/सहारागंज क्षेत्र
अटल चौक से राजभवन गेट नंबर-2
हजरतगंज से सुभाष चौराहा
अल्का तिराहा से डनलप और सहारागंज
सप्रू मार्ग, श्रीराम टॉवर, रॉयल होटल से राणा प्रताप मार्ग
मेफेयर तिराहा से लालबाग

जोन-2: चारबाग/कैसरबाग

रविन्द्रालय से जीआरपी लाइन
चारबाग से कैसरबाग बस अड्डा
नजीराबाद चौकी से मौलवीगंज
अशोकलाट से सुभाष चौराहा

जोन-3: महानगर/बादशाहनगर
निशातगंज से बादशाहनगर, आईटी चौराहा
कपूरथला से राम राम बैंक
फैजुल्लागंज, मडियांव

जोन-4: पॉलीटेक्निक/मनोज पांडेय मार्ग

पॉलीटेक्निक से लेखराज, मामा चौराहा, गुडम्बा
सुषमा हॉस्पिटल, पत्रकारपुरम, हुसड़िया तक

जोन-5: आलमबाग/बाराबिरवा

आलमबाग टेढ़ीपुलिया से बाराबिरवा चौराहा तक

जोन-6: मेडिकल कॉलेज/चौक
चरक से नक्खास, शाहमीना, बालाजी मंदिर
कोनेश्वर तिराहा से बालागंज

जोन-7: बीबीडी/भूतनाथ क्षेत्र

कठौता से चिनहट, हनीमैन, हुसड़िया
बीबीडी से तिवारीगंज

जोन-8: आशियाना/लुलु मॉल

सुभानी खेड़ा, तेलीबाग से पीजीआई
सत्यसाईं दाता मार्ग से लुलु मॉल