पहले से संचालित जन औषधि केंद्रों पर सन्नाटा,सात और खोलने की तैयारी
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नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में जल्द ही सात और जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि पहले से संचालित जन औषधि केंद्रों पर सन्नाटा है। सरकारी अस्पतालों में चार से आठ सौ मरीज प्रतिदिन ओपीडी में आते हैं। लेकिन जन औषधि केंद्र पर मात्र 10 पर्चे ही पहुंचते हैं। लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए। कुछ दिनों तक इसका लाभ लोगों को मिला। उसके बाद कमीशन के चक्कर में जन औषधि केन्द्रों पर सन्नाटा पसरने लगा। पहले चरण में जिला अस्पतालों में यह केंद्र खोला गया था। उसके बाद सुरियावां, गोपीगंज, औराई सीएचसी पर केंद्र खोला गया। मरीजों के न पहुंचने के कारण अब यह बंद होने लगे है।
डेढ साल से बंद है सुरियावां का जन औषधि केंद्र
सुरियावां सीएचसी में दो साल पहले जन औषधि केंद्र खोला गया। छह महीने तक किसी तरह संचालित हुआ। उसके बाद संचालक ताला बंद करके चला गया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अभिषेक नाग ने बताया कि आजमगढ़ निवासी एक संचालक द्वारा यह केंद्र खोला जाना है। एक सप्ताह पहले उसे चाबी उपलब्ध कराई गई है। उसके बाद से वह गायब है।
दिनभर में आती हैं महज चार से पांच पर्चियां
गोपीगंज सीएचसी के प्रबंधक नवीन सिंह ने बताया कि केंद्र पर दिनभर में महज चार से पांच पर्चियां आती हैं। बताया कि उनके केंद्र में सुगर, बीपी, एंटी फंगल, कफ सिरप, च्यवनप्राश, इत्यादि है। बताया कि अस्पताल में मरीज तो आते हैं। लेकिन वह बाहर की दुकानों से दवा खरीदते हैं।
मरीजों को अधिकतर दवाएं अस्पताल से मिल जा रही हैं। चिकित्सकों का निर्देश है कि बाहर की दवा न लिखें। ऐसे में जो दवा अस्पताल से नहीं मिल रही हैं उन्हें लोगों को जन औषधि केंद्र से खरीदनी चाहिए। - डॉ. एसके चक, सीएमओ।
Jun 07 2025, 17:19