कुर्बानी करना मुसलमानों पर वाजिब है, इससे भाईचारगी बढ़ती है : मुफ्तिया कहकशां
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गोरखपुर। रविवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की 'कुर्बानी की अहमियत' विषय पर बीसवीं महाना दीनी महफिल हुई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत शिफा खातून ने की। हम्द सना फातिमा ने पेश की। नात शिफा खातून व सबा करीम ने, हदीस खुशी व खदीजा ने और दीनी सवाल जवाब शालिबा व अलीशा ने पेश किया। अध्यक्षता आस्मां खातून व नूरजहां शरीफी ने की।
मुख्य वक्ता मुफ्तिया कहकशां फिरदौस अमजदी ने कहा कि ईद-उल-अजहा (बकरीद) मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है। इस मौके पर मुसलमान नमाज पढ़ने के साथ-साथ जानवरों की कुर्बानी देते हैं। दीन-ए-इस्लाम के अनुसार कुर्बानी करना हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है, जिसे अल्लाह ने मुसलमानों पर वाजिब करार दिया है। अल्लाह को पैगंबर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम व पैगंबर हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम की कुर्बानी की अदा इतनी पसंद आई कि हर मालिके निसाब पर कुर्बानी करना वाजिब कर दिया। वाजिब का मुकाम फर्ज से ठीक नीचे है।
विशिष्ट वक्ता महराजगंज की आलिमा शहाना खातून ने कहा कि कुर्बानी का अर्थ होता है कि जान व माल को अल्लाह की राह में खर्च करना। इससे अमीर, गरीब इन अय्याम में खास बराबर हो जाते हैं। कुर्बानी हमें दर्स देती है कि जिस तरह से भी हो सके अल्लाह की राह में खर्च करो। कुर्बानी से भाईचारगी बढ़ती है। हदीस में है कि कुर्बानी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जो इस उम्मत के लिए बरकरार रखी गई है और पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इसका हुक्म दिया गया है। हदीस में इसकी बेशुमार फजीलतें आई है। हदीस में है कि जिसने खुश दिली व तालिबे सवाब होकर कुर्बानी की तो वह जहन्नम की आग से बच जाएगा। हदीस में है कि जो रुपया ईद के दिन कुर्बानी में खर्च किया गया उससे ज्यादा कोई रुपया प्यारा नहीं।
संचालन करते हुए सादिया नूर ने कहा कि जिलहिज्जा माह की 10 तारीख को ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व मनाया जाता है। पर्व के मौके पर मुस्लिम समाज द्वारा लगातार तीन दिन तक कुर्बानी की जाती है। जिलहिज्जा माह में ही देश व दुनिया के लाखों मुसलमान हज अदा करते हैं। भारत से भी बड़ी संख्या में हज यात्री मक्का व मदीना शरीफ पहुंचे हुए हैं।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली, तरक्की व अमन की दुआ की गई। शीरीनी बांटी गई। महफिल में में ज्या वारसी, हिना खातून, यास्मीन खातून, उमरा खातून, माहिरा खातून, शाज़िया खातून, आलिया, आयशा, अलविया, फिजा, तमन्ना, साहिबा खातून, अंजुम आरा आदि मौजूद रहीं।
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Jun 02 2025, 15:39
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