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चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज का अतीत गौरवशाली रहा है। समाज में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे प्रतापी शासक हुए, वहीं सरदार वल्लभभाई पटेल जैसी महान विभूतियाँ हुईं, जिन्होंने देशी रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज न केवल परिश्रम और स्वाभिमान का प्रतीक है, बल्कि यह समाज छत्तीसगढ़ के विकास का आधार स्तंभ भी है। छत्तीसगढ़ को नई दिशा और विकसित राज्य बनाने में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री साय आज दुर्ग जिले के ग्राम कोलिहापुरी में आयोजित चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा तथा विधायक अजय चन्द्राकर, गजेन्द्र यादव एवं ललित चन्द्राकर विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के अधिकांश लोग मूल रूप से किसान हैं और व्यापक स्तर पर कृषि कार्य से जुड़े हैं। प्रदेश सरकार किसान भाइयों के चेहरों पर हमेशा खुशी देखना चाहती है। सरकार लगातार किसान भाइयों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। इस समय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में 29 मई से 12 जून 2025 तक चल रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को किसानों से सीधे जोड़ना और नई कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं तथा सफल कृषि मॉडलों की जानकारी देना है। कृषि वैज्ञानिकों के 100 समूह छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में किसानों से संवाद कर रहे हैं। ये वैज्ञानिक किसानों को ऑर्गेनिक खेती, खाद और ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ के सही उपयोग के बारे में जागरूक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ का हर किसान तकनीकी रूप से सक्षम हो और उनकी आय में वृद्धि हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में खेती-किसानी तभी मजबूत होगी जब किसान भाइयों को उनकी उपज की सही कीमत मिलेगी। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के समय गारंटी दी थी कि प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों को दो साल का बकाया बोनस दिया जाएगा। इसे पूरा करते हुए हमने किसानों के खातों में सरकार बनते ही राशि अंतरित की। मोदी जी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ में किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की जा रही है। बीते खरीफ सीजन में राज्य में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज की पूरी कीमत मिल रही है। धान खरीदी के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, जिससे प्रदेश में खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। प्रदेश में सिंचाई के संसाधनों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन को भी प्राथमिकता दी जा रही है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गरीब परिवारों को दो-दो दुधारू पशु दिए जाएंगे, जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को सौंपी गई है। किसानों को दूध बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए दुग्ध एकत्र करने के लिए भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में मिलेट्स (कोदो, कुटकी और रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग संयंत्र की स्थापना की जा रही है। यह अनाज पहले गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन अब यह पोषणयुक्त होने के कारण उच्च वर्ग में भी लोकप्रिय हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने नई औद्योगिक नीति बनाई है, जिसमें प्रदेश की जरूरत के हिसाब से उद्योग की स्थापना के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। हमारी सरकार का संकल्प है – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। इसी भावना से हम समाज के हर वर्ग के लिए योजनाएँ बना रहे हैं और उन्हें कार्यरूप में परिणत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं। महतारी वंदना योजना के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं और सिलाई, कढ़ाई, सब्ज़ी उत्पादन जैसे कार्यों से अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना को एक बार फिर शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला दर्शन योजना के तहत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने अवगत कराया कि सुशासन तिहार में छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों का दौरा किया। योजनाओं की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग की और जनता जनार्दन से फीडबैक लिया। तीन चरणों में संपन्न सुशासन तिहार में 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता और डिजिटल व्यवस्था की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अधिकांश कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन और समाज को बेहतर बनाने का जरिया है। प्रदेश में आईआईटी, आईआईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थान स्थापित किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कुर्मी समाज की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज उन्नत कृषक और व्यापारी समाज है, जो छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह समाज न केवल खेती और व्यापार में अग्रणी है, बल्कि शिक्षित और संगठित भी है। उन्होंने आग्रह किया कि विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में सभी सामाजिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई समाज मजबूत होता है तो उससे पूरा राष्ट्र मजबूत होता है। शिक्षा, सेवा और जागरूकता से ही समाज और राष्ट्र का सशक्त निर्माण संभव है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि समाज को जोड़कर सही मार्ग दिखाने वालों का समाज में हमेशा सम्मान होता है। आज समाज की नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम को विधायक अजय चन्द्राकर, ललित चन्द्राकर और बीज विकास निगम के अध्यक्ष चन्द्रहास चन्द्राकर ने भी संबोधित किया। चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनोद चन्द्राकर ने स्वागत उद्बोधन में केन्द्रीय महाधिवेशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

भाठागांव में देह व्यापार का भंडाफोड़, दलाल समेत 4 महिलाएं गिरफ्तार

रायपुर- राजधानी रायपुर से देह व्यापार के गोरखधंधे का मामला सामने आया है। काम दिलाने के बहाने गरीब और मजबूर लड़कियों को फंसाकर देह व्यापार में धकेला जा रहा था। पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने भाठागांव स्थित एक मकान में छापा मारकर इस सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस छापेमारी कार्रवाई के दौरान मुख्य आरोपिया महिला को गिरफ्तार किया गया है, जो दलाली का काम करते हुए इस अवैध धंधे को चला रही थी। पुलिस ने मौके से आपत्तिजनक सामग्री और नकदी बरामद किया है।

यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह के दिशा-निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम दौलत राम पोर्ते, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले तथा नगर पुलिस अधीक्षक राजेश देवांगन के नेतृत्व में की गई।

पुलिस को 31 मई को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इटालिया हाउस में अनैतिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। इस पर तत्काल टीम गठित कर रेड डाली गई। पांईटर की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसमें आरोपिया रूषा खरे पति धनउ खरे (38 वर्ष), निवासी अंबेडकर नगर, पेंड्रावन, थाना सरसीवा, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ को गिरफ्तार किया गया।

वहीं मौके से तीन अन्य महिलाएं भी मिलीं, जिनमें धनेश्वरी मरकाम (सरगुजा), बिंदिया सिधार (जांजगीर-चांपा) और सीताबाई बरेठ (रायगढ़) शामिल हैं। पूछताछ में इन महिलाओं ने बताया कि रूषा खरे ने उन्हें काम और अच्छी आमदनी का लालच देकर रायपुर बुलाया और बाद में देह व्यापार के लिए मजबूर किया।

रेड के दौरान पुलिस ने आरोपिया के कब्जे से 1500 रुपये नगद, नए व उपयोग किए गए कुल 14 कंडोम जब्त किए। इस पूरे मामले में अआरोपियों के खिलाफ धारा 4, 5, 7 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रूषा खरे को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।

कार्रवाई में नगर पुलिस अधीक्षक राजेश देवांगन, निरीक्षक योगेश कश्यप, उपनिरीक्षक शिशुपाल चंद्रवंशी, महिला प्रधान आरक्षक योगिता मिश्रा, महिला आरक्षक कावेरी चक्रवर्ती, आरक्षक नरेश क्षत्रिय, भुनेश्वर ठाकुर, अनिल चंद्राकर, सुनील शुक्ला, जितेंद्र साहू व कमलेश मांडवी की अहम भूमिका रही।

सरकारी स्कूल के बच्चों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने दान किए रोटरी कौशल प्रशिक्षण केंद्र को कंप्यूटर

रायपुर- सरकारी स्कूल के छात्रों को निःशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए रोटरी क्लब ऑफ रायपुर द्वारा संचालित रोटरी कौशल कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र को 3 कम्प्यूटर दान किए गए. यह कदम रोटेरियन स्मिता रांका सराफ की सलाह पर रोटरी रॉयल के इंटरैक्ट क्लब ने उठाया है.

इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों के लिए इंटरैक्टर्स ने मनोरंजक शिक्षण गतिविधियाँ आयोजित की थी. इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को स्टेशनरी प्रदान की गई. कार्यक्रम के दौरान क्लब अध्यक्ष आन्या दम्मानी, सचिव पलक अग्रवाल और पूरी इंटरैक्ट टीम को उनके प्रयास के लिए बधाई दी. कार्यक्रम का संचालन मोक इंटरैक्टर पाखी भंसाली ने किया.

कार्यक्रम के दौरान आरटीएन पीडीजी रंजीत सिंह सैनी, अध्यक्ष एनसी मोरयानी शेखर राव अमीन, कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप गोविंद शित्तोत, प्रोजेक्ट सह अध्यक्ष नवीन आहूजा, आरसी रॉयल रायपुर सदस्य ऋषि दम्मानी और विक्रांत सराफ मौजूद थे.

GST विभाग की छापेमार कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर उतरा व्यापारी संघ, अधिकारियों पर अवैध वसूली का लगाया आरोप

अंबिकापुर-  शहर में रविवार को जीएसटी विभाग की लगातार छापामार कार्रवाई के खिलाफ व्यापारी संघ सड़क पर उतर गया. व्यापारी संघ के आह्वान पर अंबिकापुर में नगर बंद का व्यापक असर देखा गया. कई दुकानों के शटर बंद रहे और व्यापारिक गतिविधियां ठप रही. 

व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग के अधिकारी लगातार अवैध वसूली कर रहे हैं और बेवजह छोटे व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है. इसी के विरोध में व्यापारियों ने शहर में रैली निकालकर विरोध जताया. रैली के दौरान व्यापारी “जीएसटी अधिकारी होश में आओ, होश में आओ” जैसे नारों के साथ सड़कों पर उतरे.

व्यापारी संघ का कहना है कि पिछले एक वर्ष में अंबिकापुर में जीएसटी चोरी की शिकायतों पर विभाग ने दर्जनों छापामार कार्रवाइयां की हैं, जिनमें से कई पूरी तरह जायज नहीं कही जा सकती. हमें विभाग की कार्रवाई से आपत्ति नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि हर कार्रवाई निष्पक्ष और उचित हो. जिन व्यापारियों की सालाना आर्थिक क्षमता 50 लाख रुपये भी नहीं है, उन्हें 1 करोड़ रुपये तक का टैक्स थमा दिया जा रहा है. यह न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि ऐसे में व्यापारी मानसिक रूप से टूट जाते हैं. कोई भी व्यक्ति इस दबाव में आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो सकता है और उसके परिवार को भूखे मरने की नौबत आ सकती है.


कहा कि हम व्यापारी चोर नहीं हैं. हम टैक्स देने में सक्षम हैं और भुगतान भी कर रहे हैं. हमारा सरकार से बस इतना ही अनुरोध है कि वह सख्ती की बजाय संवेदनशीलता से स्थिति को समझे. ऐसी जबरदस्ती वाली कार्रवाइयां न की जाएं, जो हमें अपने ही किसी व्यापारी साथी को खोने के कगार पर ला दें.

तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन 

अंबिकापुर के व्यापारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम से तहसीलदार उमेश सिंह बाज को ज्ञापन सौंपा है. मांग की गई है कि जीएसटी विभाग के छापामार कार्रवाई पर रोक लगाएं और व्यापारियों को बेवजह परेशान नहीं किया जाए.

तेज रफ्तार हाइवा ने बाइक को मारी टक्कर, दादा और पोते की मौके पर मौत, महिला गंभीर रूप से घायल

खैरागढ़- गंडई-कवर्धा मुख्य मार्ग पर रविवार सुबह भीषण सड़क हादसे में दादा और पोते की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे में महिला (दादी) गंभीर रूप से घायल हुई है. यह हादसा गंडई थाना क्षेत्र अंतर्गत सुरही नदी पुल के पास हुआ, जहां तेज रफ्तार हाइवा ने पीछे से बाइक को टक्कर मार दी. यह दर्दनाक हादसा पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है.

जानकारी के अनुसार, साजा ब्लॉक के ग्राम पदमी निवासी परमेश्वर निर्मलकर, उनकी पत्नी इंद्राणी निर्मलकर और पोता डिकेश निर्मलकर लमरा गांव में अपनी बेटी के घर आए हुए थे. रविवार सुबह तीनों बाइक से अपने गांव पदमी लौट रहे थे. जैसे ही वे सुरही नदी पुल के पास पहुंचे, तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार हाइवा ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी.

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि परमेश्वर निर्मलकर और उनके पोते डिकेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि इंद्राणी निर्मलकर गंभीर रूप से घायल हो गई. हादसे के तुरंत बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिसके बाद एंबुलेंस और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों का पंचनामा किया और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घायल महिला का इलाज गंडई के सरकारी अस्पताल में चल रहा है.

2100 रुपए के बिजली बिल पर विवाद, बड़े भाई ने छोटे भाई पर हथौड़े से किया जानलेवा हमला

रायपुर- 2100 रुपए का बिजली बिल को लेकर विवाद इस कदर बढ़ा कि बड़े भाई ने छोटे भाई पर रात में सोते समय हथौड़े से जानलेवा हमला कर दिया. शोर सुनकर बाहर आई बहन को भी बड़े भाई मारने के लिए दौड़ा, जिस पर उसने भागकर अपनी जान बचाई. घटना में गंभीर रूप से घायल छोटा भाई का अंबेडकर अस्पताल में इलाज चल रहा है, वहीं बड़े भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

गुढियारी थाना प्रभारी केके कुशवाहा ने बताया कि दुर्गा चौक अशोक नगर निवासी दुर्गा तिवारी पिता गौरीशंकर तिवारी (32 वर्ष) रात में सोया हुआ था, करीबन 1.30 से 2 बजे उसका बड़ा भाई पुरषोत्तम तिवारी (35 वर्ष) ने हथौड़ी से उस पर हमला किया. कुछ पटकने की आवाज सुनकर बगल रूम में सोई उसकी बहन रुक्मणि तिवारी (40 वर्ष) जब लाइट जलाकर देखी तो पुरुषोत्तम तिवारी हथौड़े से अपने भाई दुर्गा दास को मार रहा था. चिल्लाने पर आरोपी अपनी बहन को भी मारने के लिए दौड़ा, जिस पर उसने दौड़कर अपना जान बचाई.

आरोपी की बहन भारत माता चौक में जाकर पुलिस गश्ती दल को घटना की जानकारी दी. मौके पर पहुंचने पर पुलिस ने देखा कि आरोपी ने घर का मुख्य चेनल गेट पर ताला लगा दिया है, जिसे तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची. हथौड़े के मार से गंभीर रूप से घायल दुर्गा तिवारी को उपचार के लिए 112 के जरिए मेकाहारा भेजा, जहां उनकी स्थिति को देखते हुए डीकेएस रेफर किया गया है, जहां उन्हें वेटिलेटर पर रखा गया है. वहीं आरोपी को पकड़कर पुलिस पूछताछ में जुटी है. आरोपी और पीड़ित की बहन की शिकायत पर थाना गुढ़ियारी में धारा 109 बीएनएस मामला दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई किया जा रहा है.

अवैध अतिक्रमण के खिलाफ नगर पालिका का एक्शन, दर्जनों दुकानों और घरों पर चला बुलडोजर

सूरजपुर- छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में रविवार सुबह प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. शहर के सुभाष चौक से महगवां चौक तक के मार्ग पर दर्जनों अवैध दुकानों और मकानों को हटाया जा रहा है. मौके पर प्रशासनिक अमला भारी संख्या में जेसीबी मशीनों के साथ मौके पर पहुंचा हुआ है.

नगरपालिका और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. सड़कों के दोनों ओर बने अवैध निर्माणों को हटाने का काम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू किया गया. प्रभावित व्यापारियों के विरोध की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है.

यह कार्रवाई सड़क चौड़ीकरण और शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के उद्देश्य से की जा रही है. फिलहाल कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से जारी है. आने वाले दिनों में शहर के अन्य अतिक्रमण स्थलों पर भी ऐसी ही सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार, इधर दुर्ग में कई ठिकानों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की दबिश…

दुर्ग- आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शराब कारोबारी विजय भाटिया के दुर्ग स्थित पांच ठिकानों पर आज सुबह दबिश दी है. इस बीच खबर है कि एसीबी के अधिकारी शराब घोटाले में फरार विजय भाटिया को दिल्ली स्थिति उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए छत्तीसगढ़ लेकर आ रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले विजय भाटिया के ठिकानों पर शराब घोटाले से जुड़े मामले में ईडी, एसीबी-ईओडब्ल्यू के अधिकारी तीन बार छापा मार चुके हैं. अबकी बार ईओडब्ल्यू के छह अधिकारियों के विजय भाटिया के निवास पर दबिश देने की खबर है. पिछली बार जब विजय भाटिया के ठिकानों पर छापा मारा था, तब वह नहीं मिले थे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच राज्य की सरकारी शराब दुकानों से अवैध तरीके से शराब बेचने से जुड़ा है. इस घोटाले में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान की बात कही गई है.

ED के चालान में इस घोटाले में अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री), अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह बात सामने आई कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासनकाल में IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के गठजोड़ ने यह घोटाला किया.

ED ने इस मामले में 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा और उनके परिवार के सदस्यों के घरों पर छापे मारे थे, और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे, जिनमें अपराध से अर्जित आय के सबूत मिले थे. इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.

छात्राओं से अश्लील हरकत, हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपी शिक्षक की अग्रिम जमानत याचिका

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने छात्राओं से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी शिक्षक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी के खिलाफ बिलासपुर के सकरी थाने में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 75(1) और पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी राममूरत कौशिक स्कूल में शिक्षक है। उस पर आरोप है कि उसने नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील हरकत की है। पीड़ित छात्राओं ने बीएनएसएस की धारा 183 के तहत दर्ज बयान में आरोपी के खिलाफ गवाही दी है। मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने शिक्षक ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी।

आरोपी शिक्षक ने कहा कि वह 55 साल का है। उसके दो बच्चे हैं। वह छात्राओं से अपने बच्चों जैसा व्यवहार करता था। उसका तबादला हो चुका है। अब वह अतिशेष शिक्षक के रूप में कार्यरत है। अन्य शिक्षक उसे हटाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने साजिश रची और छात्राओं से झूठी शिकायत करवाई। वह निर्दोष है, उसे फंसाया गया है। राज्य सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपी शिक्षक होते हुए भी 13 साल की छात्राओं से दुर्व्यवहार करता है। पीड़ित छात्राओं ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया है। इस आधार पर कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

छत्तीसगढ़ में होगी शिक्षकों की भर्ती, पहले चरण में 5,000 पदों पर होगी नियुक्ति

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं प्रभावशील बनाने के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों पर चरणबद्ध भर्ती की जाएगी। प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती होगी। इस निर्णय से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन अध्यापन व्यवस्था को गति मिलेगी और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इन्हीं पहल में शामिल है शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया राज्य में शुरू कर दी गई है। इसके पूरा होेने के बाद शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन कर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

गौरतलब है कि शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने की पहल के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के न रहे।

राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। हालांकि 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षक विहीन हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। 362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 527 स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 10 या उससे कम है। 1,106 स्कूलों में यह अनुपात 11 से 20 के बीच है। 837 स्कूलों में यह अनुपात 21 से 30 के बीच है। लेकिन 245 स्कूलों में यह अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा है, यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं।

युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। स्कूल संचालन का खर्च भी कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) भी घटेगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शालाओं के युक्तियुक्तकरण के तहत राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके।

शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी। युक्तियुक्तकरण से न सिर्फ शिक्षकों का समुचित उपयोग होगा, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।